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||पुत्रप्राप्तिकरं श्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रम् ||

प्तिप्तियोग : श्री महालक्ष्मी स्तोत्रस्य श्री पराशर ऋप्ति : , अिुष्टुप छन्द :


श्री महालक्ष्मी देिता , श्रेष्ठ पुत्र रत्न प्राप्ति हेतिे पाठे प्तिप्तियोग : |

अिाद्यिन्तरूपां त्ां जििीं सिवदेप्तहिाम् ।


श्रीप्तिष्णुरूप्तपणीं िन्दे महालक्ष्मीं परमेश्वरीम् ॥ १॥

िामजात्याप्तदरूपेण स्थितां त्ां परमेश्वरीम् ।


श्रीप्तिष्णुरूप्तपणीं िन्दे महालक्ष्मीं परमेश्वरीम् ॥ २॥

व्यक्ताव्यक्तस्वरूपेण कृ त्स्नं व्याप्य व्यिस्थिताम् ।


श्रीप्तिष्णुरूप्तपणीं िन्दे महालक्ष्मीं परमेश्वरीम् ॥ ३॥

भक्तािन्दप्रदां पूणाां पूणवकामकरीं पराम् ।


श्रीप्तिष्णुरूप्तपणीं िन्दे महालक्ष्मीं परमेश्वरीम् ॥ ४॥

अन्तयावम्यात्मिा प्तिश्वमापूयव हृप्तद सं स्थिताम् ।


श्रीप्तिष्णुरूप्तपणीं िन्दे महालक्ष्मीं परमेश्वरीम् ॥ ५॥
सपवदैत्यप्तििाशार्थां लक्ष्मीरूपां व्यिस्थिताम् ।
श्रीप्तिष्णुरूप्तपणीं िन्दे महालक्ष्मीं परमेश्वरीम् ॥ ६॥

भुप्तक्तं मुप्तक्तं च या दातुं सं स्थितां करिीरके ।


श्रीप्तिष्णुरूप्तपणीं िन्दे महालक्ष्मीं परमेश्वरीम् ॥ ७॥

सिावभयप्रदां देिीं सिवसंशयिाशशिीम् ।


श्रीप्तिष्णुरूप्तपणीं िन्दे महालक्ष्मीं परमेश्वरीम् ॥ ८॥

॥ इप्तत श्रीकरिीरमाहात्म्ये पराशरकृ तं पुत्रप्राप्तिकरं


श्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रं सम्पूणवम् ॥

शसध्दी प्तिधाि – इस स्तोत्र का शरद पूशणवमा , प्तदपािली अर्थिा ग्रहण के


प्तदि अर्थिा गुरु पुष्य योग में इस स्तोत्र 1000 पाठ करिे से स्तोत्र शसध्द
हो जाता है ! प्तिशेि कर पुत्र प्राप्ति की कामिा करिेिाले गृहि के शलए
यह चमत्काररक फल दे िे िाला स्तोत्र है !
स्तोत्र शसद्ध होिे पर प्रप्ततप्तदि 11 पाठ करें ! और प्तिशेि मुहूतव में अिुष्ठाि
पध्दप्तत से १० हजार पाठ एिं दशांश हिि करें ! इस अिुष्ठाि के सार्थ में
श्री सं ताि लक्ष्मी स्तोत्र का भी 108 पाठ का प्रयोग करिा चाप्तहए !
- स्वामी रुपेश्वरािं द आश्रम
अशधक जािकारी हेतु
https://swamirupeshwaranand.in/ िेबसाइट
दे खें...
Whatsapp No . 7607233230

E-mail : swamirupeshwar@gmail.com

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https://youtu.be/adwS6JQY9LA

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