Professional Documents
Culture Documents
श्री श्री नित्यानंद चंद्रस्य नाम द्वादशक स्तोत्रम्
श्री श्री नित्यानंद चंद्रस्य नाम द्वादशक स्तोत्रम्
चंद्रमा के समान भगवान श्री ननत्यानंद प्रभु के बारह सुंदर पनवत्र नाम
2} अवधूतेंदु : प्रेम के नदव्य पागलपन का पारलौनकक चंद्रमा पूरी तरह से अपनी स्वर्ं
की भौनतक ऊजाव से अप्रभानवत।
9} शची-िंदि-पू ववजा: सवोच्च भगवान गौरां ग के सबसे प्यारे बडे भाई, शची माता के
नदव्य पुत्र।
10} भावोन्मत्त: वह नजसका शारीररक रूप लगातार पागल और जलमग्न रहता है शु द्ध
प्रेम की अत्यनधक उत्साही भावनाएँ ।
"वि सबसे भाग्यशाली व्यक्ति जो इन बारि शुभ चंद्रमा के समान भगवान ननत्यानंद
पनवत्र नामों का पाठ करता िै िर नदन सुबि 6 - 8.30 बजे
ऐसा व्यक्ति बहुत जल्दी जीवन के सभी दु खों, बाधाओं और कनठनाइयों से मुि िो जाता
िै और जीवन में अपने सभी सबसे पोनित और अंतरं ग इच्छाओं की पूनतण प्राप्त करता िै ।
बहुत ऐसा व्यक्ति शीघ्र िी भगवान गौरां ग-दे व की परम अिै तुकी कृपा का सवोच्च पात्र
बन जाता िै । ''