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• यह पवने उपोष्ण कनिबंधीय उच्च दाब पेिी क्षेत्र से ITCZ की ओि

चलती है।
• यह पवनें मख्ु यत: उष्ण कनिबंधीय क्षेत्र को प्रभानवत किती है ।
• दोनों गोलार्द्धों में ये पवनें पवू ी नदशा से चलना प्रािम्भ किती है अत:
इन्हें पवू ात पवने कहते हैं।
• इन पवनों के कािण महाद्वीपो के पवू ी ति पि वर्ात प्राप्त होती है।
• इन पवनों के कािण उष्ण कनिबंधीय चक्रवात महाद्वीपों के पवू ी ति
से िकिाते हैं।

B. Westerly Winds | पछुवा पवनें


1. Permanent Winds | स्थायी पवनें • यह पवनें उपोष्ण कनिबंधीय उच्च दाब पेिी क्षेत्र से शीतोष्ण
कनिबंधीय ननम्न दाब पेिी की ओि चलती है।
• यह पवने नननित दाब पेनियों के बीच चलती है ।
• यह पवने मख्ु यत: शीतोष्ण कनिबंधीय क्षेत्र को प्रभानवत किती है।
• सामान्यत: इस पवनों की नदशा में परिवततन नही होता।
• दोनो गोलार्द्धों में यह पवनें पनिमी नदशा से चलना प्रािम्भ किती है
• इन्हें ग्रहीय पवनें या प्रचनलत पवनें भी कहते है। अत: इन्हें पछुआ पवनें कहते हैं।
A. पूवाा पवनें
B. पछुवा पवनें • इन पवनों के कािण महाद्वीपों के पनिमी ति पि वर्ात प्राप्त होती हैं।
C. ध्रुवीय पवने • शीतोष्ण कनिबंधीय चक्रवात इन पवनों के प्रभाव के कािण महाद्वीपों
D. ववषवु त रेखीय पछुआ पवनें के पनिम ति से िकिाते हैं।
• दनक्षणी गोलार्द्धत में महासागि का नवस्ताि अनधक होने के कािण इन
पवनों की गनत अनधक होती है ।
• अत: दनक्षणी गोलार्द्धत में इन पवनों के नवनभन्न नाम हैं→
❖ 40°S – गिजती चालीसा (Roaring forties)
❖ 50°S- प्रचण्ड पचासा (Furious fifties)
❖ 60°S चीखती साठा (Shrieking sixties)

C. Polar Winds | ध्रुवीय पवनें

• यह पवनें ध्रवु ीय उच्च दाब पेिी से शीतोष्ण कनिबंधीय ननम्न दाब


पेिी की ओि चलती है।
• दोनों गोलार्द्धों में यह पवने पवू ी नदशा से चलना प्रािम्भ किती हैं।
• अत : इन्हें ध्रवु ीय पवू ात पवने भी कहते हैं। यह पवने अत्यनधक तथा
शष्ु क होती है।

D. Equatorial Westerly Winds | ववषुवत रेखीय


पछुआ पवनें
A. East Winds (Trade Winds) | पवू ाा
• यह पवने मख्ु यत: ITCZ(Intertropical Convergence
पवनें(व्यापाररक पवनें)
Zone) में चलती हैं।
• यह अत्यनधक मन्द पवने हैं जो पृथ्वी के परिभ्रमण के कािण पनिम
से पवू त की ओि चलती है।
• अत: स्थलीय भाग में ननम्न दाब परिनस्थनतयों का ननमातण होता है।
2. Periodic Winds | सामवयक पवनें इसकी तल ु ना में जलीय क्षेत्र में उच्च दाब परिनस्थनतयााँ पायी जाती
है।
• ऐसी पवनें जो समय-समय पि अपनी नदशा में परिवततन किती है। उन्हें
सामनयक पवने कहते हैं। • अत: नदन के समय जल समीि चलती हैं।
• िात के समय स्थलीय भाग अत्यनधक ठण्डा हो जाता है।
• अतः स्थलीय भाग मे उच्च दाब परिनस्थयों का ननमातण होता है।
इसकी तल ु ना में जलीय भाग में ननम्न दाब परिनस्थनतयााँ पाई जाती है
• अत: िात के समय स्थल समीि चलती है।

A. Monsoon Winds | मानसून पवनें


• यह अर्द्धत- स्थायी पवनें होती है जो हि 6 मनहने मे अपनी नदशा में
परिवततन किती है।
• ग्रीष्म ऋतु के दौिान इन पवनों की नदशा दनक्षण- पनिम से उत्ति- पवू त
की ओि होती हैं।
• शीत ऋतु के दौिान इनकी नदशा उत्ति-पवू त से दनक्षण -पनिम की ओि C. Mountain and Valley Breeze| पवात एवं घाटी
होती हैं। समीर
• नदन के समय सौि ताप ग्रहण किके पवततीय क्षेत्र अत्यनधक गमत हो
जाते है। अत: पवततीय क्षेत्रों में ननम्न दाब का ननमातण होता है।
• इसकी तल ु ना में घािी क्षेत्र मे उच्च दाब परिनस्थनतयों का ननमातण होता
है अत: नदन में घािी समीि चलती है।
• िात के समय पवततीय क्षेत्र अत्यनधक ठण्डे हो जाते हैं। अत: वहााँ
उच्च दाब परिनस्थनतयों का ननमातण होता हैं।
• इसकी तल ु ना में घािी में ननम्न दाब परिनस्थनतयााँ पाई जाती है। अत:
B. Land - Sea Breeze| जल-स्थल समीर िात के समय पवतत समीि चलती हैं।
• स्थल तथा जल के गमत होने की प्रकृ नत नभन्न होती है। • पवतत समीि के कािण घािी क्षेत्र में ताप नवलोमता की नस्थनत बनती
• स्थलीय भाग जल्दी गमत या ठण्डा हो जाता है। हैं। तथा ताप नवलोमता की नस्थनत के कािण घािी क्षेत्र में कोहिे का
ननमातण होता है।
• जलीय क्षेत्रों को गमत या ठण्डा होने में समय लगता है।
• नदन के समय सौि ताप ग्रहण किके स्थलीय भाग अत्यनधक गमत हो
जाता है।
3. Local Winds | स्थानीय पवनें
B. Foehn| फोहन
• यह गमत पवने आल्पस पवतत से अवतनलत होकि नस्वि्जिलैण्ड के
मैदानी क्षेत्रों में बहती हैं।
• इन पवनों के कािण मैदान में नस्थत बर्त नपघल जाती हैं। अत: मैदान
नर्ि से हिे -भिे हो जाते हैं।
• यह पवनें अंगिू की खेती के नलए लाभदायक होती हैं।

C. Harmattan (Doctor Winds)| हरमट्टन (डॉक्टर


ववडं ् स)
• यह गमत तथा गष्ु क पवनें सहािा मरुस्थलीय क्षेत्र से अफ्रीका के
A. Chinook (Snow eater)| विनूक (स्नो इटर) पनिमी तिवती क्षेत्र की ओि चलती है।
• यह पवनें पनिमी क्षेत्र में पायी जाने वाली अनतरिक्त आर्द्तता को
• उत्तिी अमेरिका के मैदानी क्षेत्रों में चलने वाली गमत पवनें है। अवशोनर्त कि लेती है।
• यह पवनें ग्रीष्म ऋतु के आगमन पि मैदान में नस्थत बर्त को नपघला • अत: यह पवनें कष्टकािी मौसम परिनस्थनतयों को सहु ावना बना देती
देती हैं। अत: मैदान गेहाँ की खेती के नलए उपलब्ध हो जाते है। है अत: इन पवनों को डॉ. पवने कहते हैं।
• यह पवनें गेहाँ की खेती के नलए लाभदायक होती है.
• इन्हें नहम भक्षी भी कहा जाता है।यह पवनें िॉकी पवतत के पवू ी ढाल
से अवतनलत होती हैं।

D. Sirocco "red/blood rain" | वसरोंको "लाल / रक्त


वषाा "
• यह गमत तथा शष्ु क पवनें सहािा मरुस्थल से दनक्षणी यिू ोप की ओि • यह पवनें शीत ऋतु की तीव्रता को बढ़ा देती है।
चलती है।
• सहािा मिस्थल से यह लाल नमट्टी के कण ग्रहण किती है तथा
भमू ध्यसागि से जलवाष्प ग्रहण किती है।
• यह पवनें इिली तथा दनक्षणी यिू ोप के कुछ भाग मे लाल िंग की वर्ात
किती है। इस लाल िंग की वर्ात को िक्त वर्ात कहते हैं।

G. Blizzard | वललजडा
• ध्रवु ीय क्षेत्र से उत्तिी अमेरिका की ओि आने वाली ठण्डी पवनों को
नब्लजडत कहते हैं।
• इन पवनों के कािण उत्तिी अमेरिका में बर्ीले तुर्ान आते है।
• यह पवने शीत ऋतु की तीव्रता को बढ़ाती है।

• इन पवनों के नवनभन्न क्षेत्रो में अलग-अलग नाम है- H. Buran | बुरान


✓ नसिॉकों (Sirocco )- इिली • यह ठण्डी तथा शष्ु क पवनें है जो एनशया के उत्तिी भाग को प्रभानवत
✓ नसममु / नसमनू ( Simoon)-अिब प्रायद्वीप किती है मख्ु यत :- रूस, मगं ोनलया, मध्यवती एनशया।
✓ खमनसन (Khamsin) -नमस्र (Egypt) • इन पवनों के कािण शीत ऋतु की तीव्रता बढ़ जाती हैं।
✓ नगबली (Gibli)- लीनबया
✓ नचली (chili)-ि्यनू ीनशया
✓ लेवेश ( Levesha)- स्पेन
✓ लेस्ि (Laste) - मेनडिा द्वीप (पतु तगाल)

E. Mistral | वमस्राल
• यह ठंडी तथा शष्ु क पवने फ्रांस तथा स्पेन में बहती है।
• यह पवनें इस क्षेत्र में शीत ऋतु की तीव्रता को बढ़ा देती है।

F. Bora | बोरा
• यह ठंडी तथा शष्ु क पवनें इिली के पवू ी ति पि बहती हैं।
• यह एनियानिक सागि के ति के पास बहती है।

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