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भौतिकी (Physics)

भौतिकी (Physics)

विद्धिु

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भौतिकी (Physics)
तिद्यिु धारा (Current Electricity) - विद्यतु आिेश के प्रिाह की दर को विधतु धारा कहते हैं अर्ाात वकसी
एकाक ां समय में प्रिावहत होने िाले विद्यतु आिेश के पररणाम को विद्यतु धारा कहते हैं। इसका SI मात्रक ऐवपपयर है।
यह एक अवदश रावश है।
तिष्ट धारा (Direct Current) - वकसी पररपर् में धारा का प्रिाह हमेशा एक ही वदशा में होना वदष्ट धारा कहलाता
है।
प्रत्याििी धारा (Alternating Current) - जब वकसी पररपर् में धारा का प्रिाह एकाांतर क्रम में समानाांतर रूप
से आगे-पीछे होता रहे, तो ऐसी धारा को प्रत्यािती धारा कहते हैं।
विद्यतु पररपर् में धारा का लगातार प्रिाह प्राप्त करने के वलए विद्यतु िाहक बल (Electro-motive Force) की
आिश्यकता होती है।
धाररिा - वकसी चालक पर वजतना आिेश देने से उसके विभि में एकाक ां िृवि होती है, उतने ही आिेश को उस
चालक को धाररता कहते हैं। वकसी चालक की धाररता (C) चालक को वदए गए आिेश (Q) तर्ा उसके कारण
चालक के विभि में होने िाली िृवि (V) के अनपु ात को कहते हैं अर्ाात्
𝑄
C=
𝑉
विद्यतु धाररता का SI मात्रक फै रड होता है।
वकसी चालक को धाररता अपने चारों ओर के माध्यम पर वनभार करती है।
जब दो आिेशों के बीच आकर्ाण या विकर्ाण का बल आिेशों के बीच की दरू ी के िगा का व्यत्ु क्रमानपु ाती हो तो यह
वनयम व्यत्ु क्रम-िगा का वनयम कहलाता है।
आिेश का SI मात्रक कूलापब होता है।
िोल्ट (Volt) - यवद 1 कूलॉम आिेश को अनन्त से विद्यतु क्षेत्र के वकसी वबन्दु तक लाने में जल
ू का काया करना पडे
तो उस वबन्दु पर विद्यतु विभि 1 िोल्ट कहलाता है।
1
1 िोल्ट =
1 कूलॉम
तिभिान्िर (Potential Difference) - 1 कूलॉम आिेश को विद्यतु क्षेत्र के एक वबदां ु से दसू रे वबदां ु तक ले जाने में
वकए गए काया को उन वबदां ओ ु ां के मध्य विभिान्तर कहते हैं।
विभिान्तर का SI मात्रक िोल्ट होता है। यह एक अवदश रावश है।
ओम का तियम (Ohm's Law) वकसी चालक में प्रिावहत विद्यतु धारा का मान उसके वसरों पर लगे हुए विभिान्तर
के अनक्रु मानपु ाती होता है (जब ताप वथर्र रहे)
विभिान्तर िोल्ट में तर्ा धारा ऐवपपयर में हो, तो प्रवतरोध 'ओम' में होता है।
जमानी के िैज्ञावनक जॉजा साइमन ओम ने ही सिाप्रर्म धारा और विभिान्तर के बीच के सांबधां ों की खोज की।
ओमीय प्रतिरोध (Ohmic Resistance) - जो चालक ओम के वनयम का पालन करते हैं, उन्हें ओमीय प्रवतरोध
कहते हैं, जैसे मैंगनीज का तार, ताबां े का तार, एल्यमु ीवनयम का तार आवद ।
अनओमी प्रवतरोध (Non-ohmic Resistance) - जो चालक ओम के वनयम का पालन नहीं करते, उन्हें अनओमीय
प्रवतरोध कहते हैं, जैसे ट्रायोड िाल्ि का प्रवतरोध।

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भौतिकी (Physics)
विद्यतु चालक और विद्यतु रोधी पदार्ा वजन पदार्ों में विद्यतु का चालन सरलता से हो जाता है तर्ा विद्यतु का प्रिाह
मक्त
ु रूप से होता है, उन्हें विद्यतु चालक तर्ा वजन पदार्ों में विद्यतु धारा के प्रिाह में बाधा आती है िह विद्यतु रोधी
कहलाते हैं।
विद्यतु चालक- ताबां ा, चादां ी, ग्रेफाइट, लिणों का जलीय विलयन आवद । विद्यतु रोधी- रबड, काच ां प्लावथटक,
पोवसालेन आवद ।
तिद्यिु के चालक, अर्द्धचालक ि कुचालक
चालक (Conductor) - इन पदार्ों में विद्यतु आिेश का प्रिाह होता है, जैसे-चादां ी, ताबां ा, एल्यमु ीवनयम, पारा और
अन्य धातएु ँ जल, चार कोल, मानि शरीर ।

अर्द्धचालक (Semi-conductor) - इन पदार्ों में विद्यतु आिेश चालकों से कम ि कुचालकों से अवधक होता है,
जैसे- सांगमरमर, कागज, बाल,ू रुई, हार्ी दाांत, आर्द्ािायु आवद ।

कुचालक (Insulator) - इन पदार्ों में विद्यतु आिेश का प्रिाह नहीं होता है, जैसे- शीशा, रबर, अभ्रक, शष्ु क हिा,
वसल्क काष्ठ, एबोनाइट, सल्फर, लाख आवद ।

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भौतिकी (Physics)
अवतचालक (Superconductor) - ओनेस नामक िैज्ञावनक ने पता लगाया वक 4.2 K (लगभग 269°C) ताप पर
पारे का विद्यतु प्रवतरोध शन्ू य हो जाता है। इन न्यनू तापों को क्राांवतक ताप कहते हैं एिां ऐसा व्यिहार करने िाले पदार्ों
को अवतचालक कहते हैं।
अवतचालक कोई प्रवतरोध प्रथततु नहीं करते हैं, इसवलए उनमें ऊजाा ह्रास के वबना विद्यतु धारा प्रिावहत होती है।
विद्यतु प्रिावहत होते समय ऊष्मा का कोई ह्रास नहीं होता, यही कारण है वक एक थर्ान से दसू रे थर्ान को विद्यतु के
सांचरण में अवतचालकों का दक्षतापिू ाक उपयोग वकया जा सकता है।
ित़िि चालक (Lightning Conductor)- िैसी वक्रया, वजसके द्वारा अत्यवधक विद्यतु आिेशन होता है, तवडत
चालक कहलाता हैं।
यह वक्रया दो आिेवशत बादलों के बीच या आिेवशत बादलों एिां पृथ्िी के बीच होती है।
तवडत चालक का प्रयोग तवडत के दौरान भिनों की सरु क्षा के वलए वकया जाता है।
तवडत चालक एक मोटी ताबां े की पट्टी होती है, वजसके ऊपरी वसरे पर कई नक ु ीले वसरे बने होते हैं। इसे बडी इमारतों
के ऊपरी वहथसों में लगाया जाता है।

िैद्युतिकी के महत्िपूर्ध मात्रक


मात्रक सांकेत
भौवतक रावश
कूलॉपब q या C
विद्यतु आिेश
िोल्ट V
विद्यतु विभि
िोल्ट V
विभिान्तर
फै राडे F
विद्यतु धारा
एवपपयर A
प्रवतरोध
ओम Ω
विवशष्ट प्रवतरोध
ओम मीटर ΩΜ
विद्यतु चालकता
ओम -1 या पहो या सीमेन Ω -1
विवशष्ट चालकता
ओम -1 मीटर -1 या पहो S
विद्यतु शवक्त
मीटर -1 या, सीमेन मीटर -1

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भौतिकी (Physics)
फ्लेवमगां के दाएां हार् का वनयम- यवद दाएां हार् के अगां ठू े (Thumb) तजानी (Forefinger) और मध्यमा (middle finger)
उांगवलयों को इस प्रकार परथपर लपबित प्रसाररत वकया जाए वक अगां ठू ा चालक की गवत की वदशा और तजानी चांबु कीय क्षेत्र
की वदशा को प्रदवशात करें , तो मध्यमा उांगली प्रेररत विद्यतु धारा बल की वदशा को प्रदवशात करेगी ।
तिद्यिु शति सयं त्रं (Electric Power Plants)
प्रत्याििी धारा (Alternating Current) - एक ऐसी धारा, वजसका पररमाण एिां वदशा समय के सार् बदले तर्ा
वनवित समय के पिात उसी वदशा में उसी पररमाण के सार् उसकी पनु रािृवि हो, प्रत्यािती धारा कहलाती है।
आिर्त्ध काल (Times Period) - प्रत्यािती धारा चपु बकीय क्षेत्र में घमू ती हुई कुण्डली से उत्पन्न होती है वजसमें
एक चक्कर लगाने में धारा पहले एक वदशा में शन्ू य से अवधकतम ि अवधकतम से शन्ू य तर्ा इसके विपरीत वदशा में
भी यही वक्रया दोहराती है। इसे प्रत्यािती धारा का एक साइवकल अर्िा चक्र कहते हैं एिां इसे परू ा करने में लगे समय
को प्रत्यािती धारा का आिताकाल (T) कहते हैं।
चोक कुण्डली (Choke Coil) - ऐसी यवु क्त है, वजसका उपयोग कर प्रत्यािती धारा पररपर् में वबना ऊजाा हास के
दृवष्ट धारा को वनयवां त्रत करती है, चोक कुण्डली कहलाती है।
चोक कुण्डली का वनमााण नमा लोहे के एक क्रोड के ऊपर पृर्क्कृ त ताांबे का तार लपेट कर वकया जाता है।
चोक कुण्डली के कारण पररपर् में व्यय विद्यतु ऊजाा का मान न्यनू तम होता है।
चोक कुण्डली का उपयोग घरों की फ्लोरसेंट ट्यब्ू स एिां रेवडयो में होता है।
ट्ांसफामधर (Transformer) - विद्यतु चपु बकीय प्रेरण के वसिाांत पर काया करने िाला यह एक ऐसा यांत्र है, जो
उच्च ए.सी. िोल्टेज को वनपन ए.सी. िोल्टेज में एिां वनपन ए.सी. िोल्टेज को उच्च ए.सी. िोल्टेज में बदल देता है।
ट्रासां फामार का वनमााण एक पटवलत नमा लोहे की आयताकार क्रोड पर आमने-सामने दो कुण्डवलयाँ लपेट कर वकया
जाता है।
ए.सी. स्रोत से जडु ने िाली कुण्डली को प्रार्वमक कुण्डली (Primary Coil) एिां बाह्य पररपर् (लोड) से जडु ने िाली
कुण्डली को वद्वतीय कुण्डली (Secondary Coil) कहा जाता है।
डायिेमो (Dynamo) - यह विद्यतु चपु बकीय प्रेरण के वसिातां पर काया करता है।
डायनेमो याांवत्रक ऊजाा को विद्यतु ऊजाा में पररिवतात कर देता है।
तिद्यिु मोटर (Electric Motor) - यह विद्यतु चपु बकीय प्रेरण के वसिातां पर काया नहीं करती है।
विद्यतु मोटर द्वारा विद्यतु ऊजाा को याांवत्रक ऊजाा में पररिवतात वकया जाता है।
विद्यतु बल्ब (Electric Bulb) - विद्यतु बल्ब का आविष्कार सिाप्रर्म एडीसन ने वकया र्ा।
बल्ब के अदां र कुण्डलीनमु ा ततां ु लगा होता है, जो टांगथटन धातु का बना होता है।
बल्ब के अदां र टांगथटन धातु का उपयोग इसके उच्च गलनाक ां के कारण वकया जाता है। इसका गलनाकां लगभग
3500°C होता है।
ट्यबू लाइट (Tube light) के अदां र अवक्रय गैस के रूप में आगान भरी होती है। ट्यबू लाइट में काचां की दीिारों पर
बेररयम ऑक्साइड का लेप चढा होता है।

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भौतिकी (Physics)
कुछ पिार्थों के तितशष्ट प्रतिरोध
पिार्थध 0°C पर तितशष्ट प्रतिरोध (2m) में
चादां ी 1.6 × 10-8
एल्यमु ीवनयम 2.7 × 10-8
लोहा 10 × 10-8
पारा 98 × 10-8
नाइक्रोम 100 × 10-8
जमेवनयम 0.46 × 10-1
लकडी 108 ×10-11
अभ्रक 10-11 ×1015
ताबां ा 1.7 × 10-8
टांगथटन 5.6 × 10-8
प्लेवटनम 11 × 10-8
मैंगनीज 44 × 10-8
काबान 3.5 × 10-5
वसवलकॉन 2.3 × 103
काचां 1010 ×1014

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भौतिकी (Physics)
इलेक्ट्ट्ॉतिक भौतिकी (Electronic Physics)
िर्ा 1967 ई. में इलेक्ट्रॉवनक क्षेत्र में इलेक्ट्रॉवनकी कॉपोरेशन ऑफ इवां डया की थर्ापना की गई।
डायोड िाल्ि (Diode Valve)- इसका वनमााण फ्लेवमगां द्वारा िर्ा 1904 ई. में वकया गया र्ा।
यह एक ऐसी वनिाात नवलका है, वजसमें के िल दो हो इलेक्ट्रोड ततां ु एिां प्लेट होते हैं।
डायोड िाल्ि के द्वारा प्रत्यािती धारा (A.C.) को वदष्ट धारा (D.C.) में बदला जाता है।
ट्रायोड िाल्ि (Triode Valve) तीन इलेक्ट्रोड प्लेट, वग्रड एिां तांतु िाली एक वनिाात नवलका है, वजसका वनमााण सन्
1970 ई. में अमेररका के लीटर डी. फॉरथट ने वकया र्ा।
ट्रायोड िाल्ि को हम प्रिधाक दोवलत एिां सचू क की तरह प्रयोग करते हैं।
कै र्ोड वकरणें (Cathode Rays) - कै र्ोड वकरणें वकसी विसजान नवलका के कै र्ोड से वनकलने िाला इलेक्ट्रॉन पांजु
है। ये वकरणें ऋणािेवशत होती हैं।
कै र्ोड के आस-पास एकवत्रत इलेक्ट्रॉन समहू को अतां राल आिेश (Space Charge) कहा जाता है।
कै र्थोड तकरर्ों के गुर्
कै र्ोड वकरणें सीधी रेखाओ ां में चलती हैं।
कै र्ोड वकरणें सक्ष्ू म वकरणों से बनी हैं।
कै र्ोड वकरणें विद्यतु (Electric) और चपु बकीय (Magnetic) क्षेत्रों में विक्षेपण (Deffect) उत्पन्न करती हैं।
कै र्ोड वकरणें काचां की नली की दीिारों में प्रवतदीवप्त (Fluorescence) उत्पन्न करती हैं।
कै र्ोड वकरणें धातु की पतली पन्नी (Foil) में तापदीवप्त (Incandescence) उत्पन्न करती हैं।
कै र्ोड वकरणें गैसों को आयवनत करती हैं और फोटोग्रावफक प्लेट को प्रभावित करती हैं।
कै र्ोड वकरणें धातु की पतली पत्नी को भेदकर आर-पार वनकल जाती हैं।
कै र्ोड वकरणें X वकरणें उत्पन्न करती हैं।
गोल्डथटीन ने 1886 ई. में पता लगाया वक वनिाात नली में एनोड की तरफ से कुछ कण वनकलते हैं, इन्हें प्रोटॉन कहते
हैं। इनको धन वकरणें या एनोड वकरणें भी कहा जाता है।
अर्द्धचालक (Semi-conductor)- इसकी विद्यतु चालकता, सचु ालक पदार्ा की चालकता से कम और कुचालक
की चालकता से अवधक होती है।
अिाचालक इलेक्ट्रॉवनक्स एिां ट्रावजथटर उपकरणों में प्रयक्त ु वकए जाने िाले पदार्ा हैं, जो आकार में काफी सक्ष्ू म होते
हैं और वबना गरम हुए ही सगु मता से मक्त ु इलेक्ट्रॉन उपलब्ध होने से विद्यतु धारा उत्पन्न कर सकते हैं। जमेवनयम और
वसवलकॉन ऐसे ही पदार्ा हैं।
विद्यतु धारा इलेक्ट्रॉवनक बहाि है, वजस माध्यम से विद्यतु धारा का बहाि होता है उसे चालक कहते हैं।
ताांबा, एल्यमु ीवनयम और पारे जैसी धातएु ँ विद्यतु के सबसे अच्छे सचु ालक हैं।
अवतचालकता (Superconductivity)- यह ऐसी धातु है, वजनको चालकता अनतां एिां पणू ा तर्ा प्रवतरोध रवहत होती
है।
अवतचालक मृवतकाएँ र्ैवलयम (Ti), बेररयम (Ba), कै वल्शयम (Ca), और कॉपर ऑक्साइड (CuO) से मक्त ु होती
है।

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भौतिकी (Physics)
इलेक्ट्ट्ॉतिकी के सप्रं योग (Application of Electronics)
टेलीतिजि (Television)- इसमें ध्िवन एिां दृश्य दोनों को एक सार् रेवडयो तरांगों द्वारा एक थर्ान से दसू रे थर्ान पर
सांप्रेवर्त वकया जाता है।
रडार (Radar) - इसके द्वारा रेवडयो तरांगों की सहायता से आकाशगामी िाययु ान की वथर्वत एिां दरू ी का पता लगाया
जाता है।
रडार का उपयोग िाययु ानों की वथर्वत धातु एिां तेल के भांडारों का पता लगाने एिां आयन मडां ल की ऊांचाई इत्यावद
ज्ञात करने में वकया जाता है।
रडार का अर्ा रेवडयो सांसचू न एिां सिेक्षण है।
लेसर (Laser) - यह लाइट एपां लीवफके शन बाई थटीमल ु ेटेड एमीशन ऑफ रेवडएशन का सांवक्षप्त रूप है।
लेसर के माध्यम से उद्दीप्त उत्सजान प्रवक्रया द्वारा प्रकाश तरांगों का प्रििान वकया जाता है।
उद्दीपन उत्सजान वक्रया की खोज, 1917 ई. में अल्बटा आइथां टीन ने की र्ी ।
पहला िाथतविक लेसर (रूबी लेसर) कीमती दल ु ाभ पत्र्र से बनाया गया र्ा।
रूबी लेसर एल्यमु ीवनयम ऑक्साइड (A2O3) का वक्रथटल है, वजसमें क्रोवमयम के परमाणु वमवित होते हैं।
लेसर प्रवक्रया में क्रोवमयम के परमाणु मख्ु य भवू मका वनभाते हैं, िे थपेक्ट्रम के पराबैंगनी प्रकाश की वकरणें पीले और हरे
प्रकाश को अिशोवर्त कर लेते हैं।
गैस लेसर (Gas Laser) में हीवलयम और वनयॉन का वमिण भरा होता है, वजसे विद्यतु के इलेक्ट्रोड लगाकर उन्हें
उच्च िोल्टता के स्रोत से जोड वदया जाता है।
आम तौर पर सैवनकों द्वारा लेसर को मृत्यु वकरण (Death Ray) कहा जाता है।
होलोग्राफी लेसर के द्वारा वत्रविमीय प्रवतवबपब को वलया जाता है । होलोग्राफी का प्रर्म उपयोग सन् 1962 ई. में िाई.
एन. डेनीसक ु ने वकया र्ा।
लेसर विवकरण की प्रवत इकाई क्षेत्रफल तीव्रता बहुत अवधक होती है अर्ाात सर का फोकस जब उच्च होता है, तब
लेसर की तीव्रता अपेक्षाकृ त अवधक होती है।
वचवकत्सा के क्षेत्र में लेसर का उपयोग - रेवटना, कैं सर, हृदय रोग इत्यावद में वकया जाता है।

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भौतिकी (Physics)

कुछ प्रमुख प्रार्थतमक सेलों का िुलिात्मक तििरर्


सेल का िाम ऋणात्मक धनात्मक विद्यतु अपघट्य विधिु क विद्यतु िाहक बल
इलेक्ट्रोड इलेक्ट्रोड
साधारर् Zn (जथता) Cu (ताांबा) H2SO4 का तनु - 1.08 िोल्ट
िोल्टीय सेल विलयन
लैक्ट्लाशें सेल Zn C (काबान) NH4CI मैंगनीज 1.46 िोल्ट
(अमोवनयम ऑक्साइड
क्लोराइड का MnO2
सांतप्तृ विलयन)
शुष्क सेल Zn C NH4CI की लेई MnO2 1.46 िोल्ट
डेतियल सेल Zn Cu H2SO4 का तनु CuSO4 1.80 िोल्ट
विलयन

मेसर (Maser) - इसका उपयोग अतां ररक्ष ि समर्द्ु में सदां ेश - प्रेर्ण, जवटल ऑपरेशन, कैं सर, अल्सर एिां आख ां की
बीमाररयों की वचवकत्सा हेतु प्रयक्त ु वकया जाता है।
िर्ा 1954 ई. में गॉडान, गीगर तर्ा टाउन्स नामक अमेररकी िैज्ञावनकों द्वारा वनवमात पहला मेसर अमोवनया मेसर है।
मेसर में सक्ष्ू म तरांगें उत्पन्न होती है; जबवक लेसर में प्रकाश वकरणें उत्पन्न होती है। मेसर लेसर के वसिाांतों पर ही काया
करता है।
समर्द्ु के अदां र सांदशे भेजने के वलए मेसर तरांगों का उपयोग वकया जाता है।

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भौतिकी (Physics)

1. एक सरु ांग में प्रत्येक 100 िाट क्षमता के पाचां बल्ब लगातार (D) 3
बीस घटां े तक प्रकावशत होते हैं। वबजली की खपत होगी 7. एक वबजली के बल्ब को 220 िोल्ट के जनरेटर से जोडा
(A) एक इकाई जाता है। ितामान 0.5A है। बल्ब की शवक्त है
(B) दो इकाइयाां (A) 110 W
(C) दस इकाइयाां (B) 110 V
(D) बीस इकाइयाां (C) 440 W
2. 1 वकलोिाट घटां ा का मान होता है (D) 220 W
(A) 3.6 × 106 J 8. एक घर में दो बल्बों में से एक दसू रे की तल ु ना में अवधक
(B) 3.6 × 103 J चमकीला होता है। इस सदां भा में वनपनवलवखत में से कौन सा
(C) 103 J कर्न सही है?
(D) 105 J (A) चमक प्रवतरोध पर वनभार नहीं करती है
3. एक 100 िाट का वबजली का बल्ब 10 घटां े के वलए उपयोग (B) दोनों बल्बों का प्रवतरोध समान है
वकया जाता है। खपत की गई वबजली की लागत क्या होगी, (C) उज्जज्जिल बल्ब का प्रवतरोध बडा होता है
यवद खपत लागत 5 रुपये प्रवत यवू नट है? (D) मदां बल्ब का प्रवतरोध बडा होता है
(A) रुपये 5 9. एक डायनेमो वजसे वबजली उत्पन्न करने के वलए कहा जाता
(B) रुपये 10 है, िाथति में एक के रूप में काया करता है
(C) रुपये 25 (A) आयनों का स्रोत
(D) रुपये 50 (B) विद्यतु आिेश का स्रोत
4. यवद 100 िाट का एक बल्ब 10 घटां े तक जलता है, तो (C) ऊजाा का कनिटार
वबजली का व्यय होगा (D) इलेक्ट्रॉनों का स्रोत
(A) 0-1 इकाई 10. डायनेमो एक मशीन है वजसका उपयोग के वलए वकया
(B) 1 इकाई जाता है
(C) 10 इकाइयाां (A) उच्च िोल्टेज का कम िोल्टेज में रूपातां रण
(D) 100 इकाइयाां (B) विद्यतु ऊजाा का यावां त्रक ऊजाा में रूपाांतरण
5. 100 िाट का एक विद्यतु बल्ब 4 घटां े के वलए प्रयोग वकया (C) यावां त्रक ऊजाा का विद्यतु ऊजाा में रूपातां रण
जाता है। प्रयक्त
ु विद्यतु ऊजाा की इकाई है (D) कम िोल्टेज का उच्च िोल्टेज में रूपाांतरण
(A) 400 11. टबााइन और डायनामोस का उपयोग वकस ऊजाा को विद्यतु
(B) 25 ऊजाा में पररिवतात करने के वलए वकया जाता है?
(C) 4 (A) रासायवनक ऊजाा
(D) 0.4 (B) सौर ऊजाा
6. अगर आप 60 िाट के वबजली के बल्ब को 30 वदनों तक (C) याांवत्रक ऊजाा
रोजाना 5 घटां े इथतेमाल करते हैं तो वकतनी यवू नट वबजली की (D) चांबु कीय ऊजाा
खपत होगी? 12. जब विद्यतु ऊजाा को गवत में पररिवतात वकया जाता है
(A) 12 (A) कोई गमी का नक ु सान नहीं है
(B) 9 (B) गमी का नक ु सान ५० प्रवतशत है
(C) 6 (C) गमी की कमी 30 प्रवतशत है

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भौतिकी (Physics)
(D) गमी का नक ु सान 80 प्रवतशत है (C) तटथर् टवमानल
13. एक उपकरण जो विद्यतु ऊजाा को याांवत्रक ऊजाा में (D) कोई टवमानल
पररिवतात करता है, िह है 19. विद्यतु उपकरण में 'अर्ा' का प्रयोग वकया जाता है
(A) डायनेमो (A) व्यय को कम करने के वलए
(B) ट्रासां फामार (B) क्योंवक उपकरण 3-चरण का इथतेमाल करता है
(C) इलेवक्ट्रक मोटर (C) सरु क्षा के वलए
(D) प्रारांभ करने िाला (D) फ्यजू के रूप में
14. रासायवनक ऊजाा को विद्यतु ऊजाा में बदलने िाली यवु क्त
कहलाती है 20. यवद दो ठीक से जडु े हुए आिेवशत वपडां ों के बीच विद्यतु
(A) बैटरी धारा प्रिावहत नहीं होती है
(B) मोटर (A) एक ही शल्ु क
(C) जेनरेटर (B) समान क्षमता
(D) मवू िांग कॉइल मीटर (C) िही प्रवतरोधकता
15. कम िोल्टेज पर चलने िाली इलेवक्ट्रक मोटरें जल जाती (D) िही क्षमता
हैं क्योंवक 21. कौन सा तत्ि वबजली का सबसे अच्छा सांिाहक है?
(A) िे अवधक करांट खींचते हैं जो िोल्टेज के व्यत्ु क्रमानपु ाती (A) चाांदी
होता है (B) कॉपर
(B) िे अवधक धारा खींचते हैं जो िोल्टेज के िगामल ू के (C) एल्यवू मवनयम
व्यत्ु क्रमानपु ाती होता है (D) लोहा
(C) िे v2 . के आनपु ावतक गमी खींचते हैं 22. फ़्यज़ू का उपयोग मख्ु य विद्यतु आपवू ता में सरु क्षा उपकरण
(D) विद्यतु वनिाहन में कम िोल्टेज सेट के रूप में वकया जाता है। फ्यजू के बारे में वनपनवलवखत में से
16. वनपनवलवखत में से वकस धातु का उपयोग बल्बों को कौन सा कर्न सही है?
जलाने में वफलामेंट के रूप में वकया जाता है? (A) यह मख्ु य वथिच के समानाांतर में जडु ा हुआ है
(A) लोहा (B) यह मख्ु य रूप से चाांदी वमि धातओ ु ां से बना है
(B) मोवलब्डेनम (C) इसका गलनाांक कम होना चावहए
(C) चाांदी (D) इसका बहुत अवधक प्रवतरोध होना चावहए
(D) टांगथटन 23. फ्यजू का वसिातां है
17. जले हुए वबजली के बल्ब के वफलामेंट का तापमान (A) वबजली का रासायवनक प्रभाि
सामान्यतः होता है (B) वबजली का यावां त्रक प्रभाि
(A) 100ºC to 500ºC (C) वबजली का ताप प्रभाि
(B) 1000ºC to 1500ºC (D) वबजली का चांबु कीय प्रभाि
(C) 2000ºC to 2500ºC 24. फ्यजू तार की विशेर्ता है
(D) 3000ºC to 3500ºC (A) कम प्रवतरोध और उच्च वपघलने वबदां ु
18. तीन-वपन विद्यतु प्लग में सबसे लांबे वपन को वकससे जोडा (B) कम प्रवतरोध और कम वपघलने वबांदु
जाना चावहए (C) उच्च प्रवतरोध और कम वपघलने वबदां ु
(A) ग्राउांड टवमानल (D) उच्च प्रवतरोध और उच्च वपघलने वबांदु
(B) लाइि टवमानल

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भौतिकी (Physics)
25. घर की सरु क्षा के वलए इथतेमाल होने िाले फ्यजू िायर में 30. सामान्य ट्यबू लाइट में कौन सी गैस भरी जाती है?
है (A) आगान के सार् सोवडयम िाष्प
(A) कम गलनाांक (B) वनयॉन के सार् सोवडयम िाष्प
(B) उच्च गलनाक ां (C) आगान के सार् पारा िाष्प
(C) उच्च प्रवतरोध (D) नीयन के सार् पारा िाष्प
(D) दोनों (A) और (सी) 31. सीएफएल का पणू ा रूप है
26. हैलोजन लैपप का वफलामेंट वकसका वमिधातु है? (A) कॉपपैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप
(A) टांगथटन और आयोडीन (B) कें र्द्ीय रूप से वनवित लैंप
(B) टांगथटन और ब्रोमीन (C) रासायवनक फ्लोरोसेंट लैंप
(C) टांगथटन और सोवडयम (D) सांघवनत फ्लोरोसेंट लैंप
(D) मोवलब्डेनम और सोवडयम 32. फ्लोरोसेंट ट्यबू में कौन सी गैस भरी जाती है?
27. घरेलू विद्यतु तार मल
ू रूप से है (A) वनयॉन
(A) िृांखला कनेक्शन (B) सोवडयम
(B) समानातां र कनेक्शन (C) बधु
(C) िृांखला और समानाांतर कनेक्शन का सांयोजन (D) बधु और नीयन
(D) प्रत्येक कमरे के भीतर िृांखला कनेक्शन और अन्यत्र 33. एक वबजली के बल्ब की तल ु ना में, एक फ्लोरोसेंट ट्यबू
समानातां र सयां ोजक को प्रार्वमकता दी जाती है क्योंवक
28. विद्यतु आपवू ता के दौरान ब्लैक इसां ल
ु ेशन िाला एक तार (A) प्रकाश को विकीणा/उत्सवजात करने के वलए इसकी बाहरी
है बाहरी सतह अवधक होती है
(A) लाइि तार (B) इस पर िोल्टेज के उतार-चढाि का कोई प्रभाि नहीं पडता
(B) पृथ्िी तार है
(C) तटथर् तार (C) ट्यबू में, विद्यतु ऊजाा लगभग प्रकाश ऊजाा में पररिवतात
(D) फ्यजू तार हो जाती है
29. मानि शरीर (शष्ु क) के विद्यतु प्रवतरोध के पररमाण का (D) उपरोक्त में से कोई नहीं
क्रम क्या है? 34. ट्यबू में सफे द रोशनी कै से उत्पन्न होती है?
(A) 102 ओम (A) ताांबे के तार को गमा करने के वलए
(B) 104 ओम (B) वफलामेंट को गमा करने के वलए
(C) 106 ओम (C) परमाणओ ु ां को तेज करने के वलए
(D) 108 ओम (D) अणु को दोलन करने के वलए
35. वबजली के बल्ब के अदां र कौन सी गैस है?
(A) आगान
(B) नाइट्रोजन
(C) काबान डाइऑक्साइड
(D) दोनों (A) और (बी)
36. फ्लोरोसेंट ट्यबू में चोक लगा होता है। चोक कॉइल
(A) लाइन िोल्टेज को बढाता है
(B) लाइन िोल्टेज नीचे कदम

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भौतिकी (Physics)
(C) सवका ट में ितामान कम कर देता है 43. प्रत्यािती धारा को वदष्ट धारा में बदलने के वलए प्रयक्त ु
(D) कम आिृवि ितामान को रोकता है होने िाले उपकरण को कहते हैं
37. एक मोबाइल फोन चाजार है (A) इन्िटार
(A) एक इन्िटार (B) वदष्टकारी
(B) एक यपू ीएस (C) ट्रासां फामार
(C) एक कदम ऊपर ट्रासां फामार (D) ट्रासां मीटर
(D) एक कदम नीचे ट्रासां फामार 44. प्रत्यािती धारा को वदष्ट धारा में बदला जाता है
38. यवद एक तार से प्रिावहत होने िाले विभिान्तर और धारा (A) डायनेमो द्वारा
में से प्रत्येक को दो बार बढा वदया जाए, तो विद्यतु शवक्त (B) मोटर द्वारा
(A) अप्रभावित रहेगा (C) ट्रासां फामार द्वारा
(B) चार गनु ा बढ जाएगा (D) रेवक्टफायर द्वारा
(C) दो गनु ा बढ जाएगा 45. वनपनवलवखत में से कौन सा विकल्प वबजली की खपत को
(D) आधा घट जाएगा आरोही क्रम में दशााता है?
39. दो तारों की लबां ाई, व्यास और प्रवतरोधकता सभी का (A) टेलीविजन, पख ां ा, इलेक्ट्रॉवनक प्रेस, इलेक्ट्रॉवनक के तली
अनपु ात 1: 2 है। यवद पतले तार का प्रवतरोध 10 ओम है, तो (B) टेलीविजन, पांखा, इलेक्ट्रॉवनक के तली, इलेक्ट्रॉवनक प्रेस
मोटे तार का प्रवतरोध है (C) पांखा, टेलीविजन, इलेक्ट्रॉवनक प्रेस, इलेक्ट्रॉवनक के तली
(A) 5 ओम (D) इलेक्ट्रॉवनक प्रेस, इलेक्ट्रॉवनक के तली, पख ां ा, टेलीविजन
(B) 10 ओम 46. पृथ्िी का चांबु कीय क्षेत्र वकसके कारण है
(C) 20 ओम (A) कोर के अदां र पररसचां ारी धाराएां
(D) 40 ओम (B) इसके कें र्द् में एक विशाल चांबु क की उपवथर्वत
40. समान आकार की छोटी बदांू ों को प्रत्येक V िोल्ट से (C) अतां ररक्ष के बाहर अतां ररक्ष में चलने िाले शल्ु क
आिेवशत वकया जाता है। यवद ऐसी n बदँू ें आपस में वमलकर (D) उपरोक्त में से कोई नहीं
एक बडी बदँू बनाती हैं, तो इसकी विभि होगा 47. वनकल-कै डवमयम (Ni-Cd) बैटरी का प्रयोग वकया जाता
(A) n2/3V है
(B) n1/3V (A) कै लकुलेटर
(C) nV (B) ताररवहत इलेक्ट्रॉवनक उपकरण
(D) n–1V (C) ट्रावां जथटर
41. ट्राांसफामार का उपयोग के वलए वकया जाता है (D. उपरोक्त सभी
(A) एसी को डीसी में पररिवतात करना 48. वबजली खपत वबल के माप पर आधाररत है
(B) डीसी को एसी में पररिवतात करना 1. िाट
(C) डीसी िोल्टेज को बढाने के वलए 2. िोल्टेज
(D) एसी िोल्टेज को ऊपर या नीचे करने के वलए 3. ओह्म
42. िैकवल्पक धारा बेहतर नहीं है 4. एपपीयर
(A) थटोरेज बैटरी चाजा करने के वलए वनपनवलवखत कूटों में से अपना उिर चवु नए।
(B) इलेवक्ट्रक मोटर चलाने/शरू ु करने के वलए (A) के िल 1
(C) विद्यतु शवक्त सचां ाररत करने के वलए (B) 1 और 2
(D) इलेवक्ट्रक टोथटर को गमा करने के वलए (C) 2 और 3

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भौतिकी (Physics)
(D) 1 और 4 52. अवभकर्न (A) : वकसी धातु के तार में विद्यतु धारा
49. मोटर कार बैटरी के सांबांध में वनपनवलवखत कर्नों पर प्रिावहत करने पर उसका तापमान बढ जाता है।
विचार करें। कारण (R) : धातु के परमाणओ ु ां के आपस में टकराने से ऊष्मा
1. िोल्टेज आमतौर पर 12V होता है। ऊजाा वनकलती है।
2. प्रयक्त
ु इलेक्ट्रोलाइट हाइड्रोक्लोररक एवसड है। कोड
3. इलेक्ट्रोड लेड और कॉपर होते हैं। (A) दोनों (A) और (R) सत्य हैं और (R) (A) की सही
4. क्षमता एपपीयर-घटां े में व्यक्त की जाती है। व्याख्या है
उपरोक्त में से कौन से कर्न सही हैं? (B) दोनों (A) और (R) सत्य हैं, लेवकन (R) (A) की सही
(A) 1 और 2 व्याख्या नहीं है
(B) 2 और 3 (C) (A) सच है, लेवकन (R) झठू ा है
(C) 3 और 4 (D) (A) झठू ा है, लेवकन (R) सच है
(D) 1 और 4 53. अवभकर्न (ए): लाइट एवमवटांग डायोड (एलईडी) लैंप
50. वनपनवलवखत कर्नों पर विचार करें। कॉपपैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप (सीएफएल) की तल ु ना में लांबे समय
एक साधारण प्रकाश बल्ब का जीिनकाल कम होता है क्योंवक तक सेिा जीिन प्रदान करते हैं।
1. वफलामेंट तार एक समान नहीं होता है। कारण (R) : प्रकाश उत्सजाक डायोड (एलईडी) लैंप कॉपपैक्ट
2. बल्ब को परू ी तरह से खाली नहीं वकया जा सकता है। फ्लोरोसेंट लैंप (सीएफएल) की तल ु ना में अवधक ऊजाा कुशल
3. वफलामेंट को सहारा देने िाले तार उच्च तापमान पर वपघल होते हैं।
जाते हैं। नीचे वदए गए कूट का प्रयोग कर सही उिर चवु नए.
उपरोक्त में से कौन से कर्न सही हैं? कोड
(A) 1 और 3 (A) दोनों (A) और (R) सत्य हैं और (R) (A) की सही
(B) 2 और 3 व्याख्या है
(C) 1 और 3 (B) दोनों (A) और (R) सत्य हैं, लेवकन (R) (A) की सही
(D) 1, 2 और 3 व्याख्या नहीं है
51. वनपनवलवखत कर्नों पर विचार करें। (C) (A) सच है, लेवकन (R) झठू ा है
अवभकर्न (ए): वबजली के कांडक्टर वबजली वगरने की वथर्वत (D) (A) झठू ा है, लेवकन (R) सच है
में इमारतों को नकु सान से बचाते हैं। 54. सीएफएल और एलईडी लैंप में क्या अतां र है?
कारण (R) : विद्यतु आिेश सरां चना से गजु रने के बजाय तार 1. प्रकाश उत्पन्न करने के वलए, एक सीएफएल पारा िाष्प
से होकर धरातल पर प्रिावहत होता है। और फॉथफोर का उपयोग करता है जबवक एक एलईडी लैंप
नीचे वदए गए कूट का प्रयोग कर सही उिर चवु नए। अधाचालक सामग्री का उपयोग करता है।
कोड 2. एक सीएफएल का औसत जीिन काल एलईडी लैंप की
(A) दोनों (A) और (R) सत्य हैं और (R) (A) की सही तल ु ना में काफी लांबा होता है।
व्याख्या है 3. एक एलईडी लैंप की तल ु ना में एक सीएफएल कम ऊजाा
(B) दोनों (A) और (R) सत्य हैं, लेवकन (R) (A) की सही कुशल है।
व्याख्या नहीं है ऊपर वदए गए कर्नों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(C) (A) सच है, लेवकन (R) झठू ा है (A) के िल 1
(D) (A) झठू ा है, लेवकन (R) सच है (B) 2 और 3
(C) 1 और 3

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भौतिकी (Physics)
(D) 1, 2 और 3 3. डीजल इजां न - लाइट से इलेवक्ट्रक
55. नीचे दो कर्न वदए गए हैं, एक को अवभकर्न (A) और 4. सौर सेल - रासायवनक से याांवत्रक
दसू रे को कारण (R) के रूप में लेबल वकया गया है। उपरोक्त में से कौन-सा/से यग्ु म सही समु वे लत है/हैं?
अवभकर्न (A) : ट्रासां फामार िोल्टेज को ऊपर या नीचे करने (A) 1 और 2
के वलए उपयोगी है। (B) 1 और 3
कारण (R) : ट्रासां फामार डीसी पररपर्ों में प्रयक्त
ु होने िाला (C) 2 और 4
उपकरण है। (D) 3 और 4
उपरोक्त दो कर्नों के सांदभा में, वनपनवलवखत में से कौन-सा एक 57. अवभकर्न (A) : भारत में वबजली वितरण कांपवनयाँ
सही है? वबजली की खपत की गणना kWh में करती हैं।
(A) दोनों (A) और (R) सत्य हैं और (R) (A) की सही कारण (R) : भारत में विद्यतु प्रणाली 60 Hz की आिृवि पर
व्याख्या है काया करती है।
(B) दोनों (A) और (R) सत्य हैं, लेवकन (R) (A) की सही कोड
व्याख्या नहीं है (A) दोनों (A) और (R) सत्य हैं और (R) (A) की सही
(C) (A) सच है, लेवकन (R) झठू ा है व्याख्या है
(D) (A) झठू ा है, लेवकन (R) सच है (B) दोनों (A) और (R) सत्य हैं, लेवकन (R) (A) की सही
56. उपकरणों के कुछ जोडे और सांबांवधत ऊजाा पररितान नीचे व्याख्या नहीं है
वदए गए हैं। (C) (A) सच है, लेवकन (R) झठू ा है
1. विद्यतु जनरेटर - यावां त्रक से विद्यतु तक (D) (A) झठू ा है, लेवकन (R) सच है
2. इलेवक्ट्रक मोटर - इलेवक्ट्रकल से मैकेवनकल

ANSWER SHEET
1. (C) 2. (A) 3. (A) 4. (B) 5. (D) 6. (B) 7. (A) 8. (D) 9. (C) 10. (C)
11. (C) 12. (A) 13. (C) 14. (A) 15. (A) 16. (D) 17. (C) 18. (A) 19. (C) 20. (D)
21. (A) 22. (C) 23. (C) 24. (C) 25. (D) 26. (C) 27. (B) 28. (C) 29. (C) 30. (C)
31. (A) 32. (D) 33. (D) 34. (B) 35. (D) 36. (A) 37. (D) 38. (B) 39. (B) 40. (A)
41. (D) 42. (A) 43. (B) 44. (D) 45. (C) 46. (A) 47. (D) 48. (A) 49. (D) 50. (D)
51. (A) 52. (C) 53. (A) 54. (C) 55. (C) 56. (A) 57. (C)

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