स भ: संभागायु उ ैन का िलखा गया प . 6004/18.11.2022 तथा 6081/23.11.2022
महोदय,
म िदनां क 31.03.2022 को िसिवल अ ताल सोनक , िज़ला दे वास से सेवा-िनवृ आ ँ पर ु
उपरो माण प के अभाव म मेरी पशन एवं ेचुइटी का भुगतान रोक िदया गया है । महोदय, 4 वष पहले, फरवरी 2019 म मेरी बागली पद ापना के दौरान कुछ ानीय असामािजक त ों ने दु भावनावश मेरे िव SC ST एटोिसटीज ए का करण दज करा िदया था। िजसके िव मने उ ायलय म आवेदन िदया था। तब माननीय ायाधीश महोदया ने मेरा आवेदन ीकार कर, अि म ज़मानत का ावधान न होते ए भी, मेरी ज़मानत ीकृत की, तथा आदे श के िबंदु 8म प से ऍफ़. आई. आर. की वै ता पर संदेह िकया था। इस करण म इन 4 वष म लगभग 10 तारीख लग चुकी ह लेिकन एक बार भी फ रयादी उप त नहीं ई है । इसी कारण से मने भी ायालय को एक-तरफा कायवाही का िनवेदन िदया है । पर ु ायालय म बढे ए कायभार को दे खते ए, तुरंत िनणय की संभावना ब त सीिमत है । म अपने 41 वष के सेवाकाल के दौरान िजला टीकाकरण अिधकारी, चीफ ॉक मेिडकल अफसर जैसे शासिनक पदों पर रहा ँ , पर ु आिथक अिनयिमतता का कोई भी आरोप मुझ पर नही ं है । उपरो करण भी िकसी आिथक कृित का नहीं है । महोदय, म िदनां क 13.04.2023 संभागायु उ ैन के कायालय गया था। वहाँ उप-आयु ी रणजीत कुमार जी को मने पूरी िथ से अवगत कराया था। इस पर उ ोंने मुझे आपके सम आवेदन दे कर सहानुभूित पूवक िवचार करने का िनवेदन करने की सलाह दी थी। ीमान, म एक 66 वष य िचिक क ँ और मुझे सेवा-िनवृ ए एक वष बीत चुका है । म असहनीय आिथक संकट का सामना कर रहा ँ । अतः आप से िनवेदन है िक मुझे शी ही “न जाँच न माँग माण प ” दान कर अनु िहत कर। यही िवनय है ।
डॉ िदलीप जैन िशशु रोग िवशेष (से.िन.) ( थम ेणी) िसिवल अ ताल सोनक , िज़ला दे वास वतमान पता: ए-44 ब ावर राम नगर इं दौर +91 9827060437