औरंगाबाद / दिनांक ................................. सेवा में, पीठासीन पदाधिकारी जिला अपीलीय प्राधिकार, औरंगाबाद | वाद संख्या – 23/ 2022 सरिता कु मारी वनाम जिला शिक्षा पदाधिकारी औरंगाबाद एबम अन्य प्रतिवादी संख्या-2 जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्था०, औरंगाबाद की और से लिखित पक्ष निम्न आशय की दी जाती है : 1. यह की प्रस्तुत वाद सरिता कु मारी पिता रामलखन सिंह द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी देवऔरंगाबाद के ज्ञापांक 279 दिनांक 10.03.2021 चायांमुक्ति आदेश के बिरुद्ध दायर किया गया है | 2. यह की प्रस्तुत वाद में वादी के द्वारा भारतीय शिक्षा परिषद् लखनऊ (उत्तर प्रदेश) से इंटरमीडिएट की डिग्री की बैध्यता के सम्बन्ध में दायर किया गया है और उनके द्वारा वाद आवेदन के पारा संख्या 8 एबम अन्य में यह उल्लेखित किया गया है की उक्त डिग्री पुर्णतः सही है | उक्त तथ्य के अलोक में अधोहस्ताक्षरी माननीय पीठासीन महोदय के संज्ञान में माननीय उच्च न्यायालय पटना के न्यायादेश Saleha Khatoon vs The State Of Bihar & Ors on 7 April, 2017, Letters Patent Appeal No.1050 of 2014, IN Civil Writ Jurisdiction Case No. 6501 of 2010 लाना चाहेंगे जहां माननीय न्यायालय द्वारा दर्ज किया गया है की: “It is no longer an arguable case with regard to the status and validity of any degree issued by Bhartiya Shiksha Parishad, Lucknow, Uttar Pradesh, which is not an educational institution, but a degree selling shop. Therefore, the Learned Single Judge has committed no error by allowing the writ application and upholding the decision of the District Teachers Employment Appellate Tribunal, removing the appellant from the post of Panchayat Teacher. No relief can be extended to a person, who wants to be a Teacher, but without any valid education and degree behind the so call knowledge, she claimed, she has.” अनुलग्नक: १ न्यायादेश Saleha Khatoon vs The State Of Bihar & Ors on 7 April, 2017, Letters Patent Appeal No.1050 of 2014, IN Civil Writ Jurisdiction Case No. 6501 of 2010 की प्रति 3. यह की माननीय प्राधिकार के समक्ष प्रस्तुत वाद एबम अन्य समरूप वाद में भारतीय शिक्षा परिषद् लखनऊ (उत्तर प्रदेश) से इंटरमीडिएट की डिग्री की बैध्यता के सम्बन्ध में वादिगन/ अपीलार्थी द्वारा MJC 4349/2014 के दिनांक 16.05.2017 में उक्त शैक्षणिक प्रमाण पात्र के बिधान्तः होने के न्यायादेश पारित होने का जिक्र किया जा रहा है जो पुर्णतः तथ्यों से परे हैं और उक्त वाद में ऐसा कोई न्यायादेश पारित नही किया गया है वल्कि विपक्षिगन द्वारा दायर SHOW CAUSE का जिक्र किया गया है, और तथ्यों का जिक्र करते हुए वाद MJC 4349/2014 को दिनांक 16.05.2017 को ही “no case for contempt is made out in the facts and circumstances of the case. The M.J.C. application, thus, stands disposed of” दर्ज करते हुए निस्तारण किया गया था |
अतः उक्त तथ्यों वो माननीय उच्च न्यायालय पटना के न्यायादेश
Saleha Khatoon vs The State Of Bihar & Ors on 7 April, 2017, Letters Patent Appeal No.1050 of 2014, IN Civil Writ Jurisdiction Case No. 6501 of 2010 को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत वाद आवेदन ख़ारिज करने की कृ पा करें | इसके लिए प्रतिवादी श्रीमान का सदा आभारी रहेंगे |