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कम� प्र�धान िव�� र�च राखा। जो जस करिह सो तस फल चाखा।।

यह जगत कम� प्र�धान है। जो जैसा कम�


करता है, उसे वैसा ही फल प्राप्त होता है।

चै�/वैशाख
िव.सं. 2080
माच�/अ�ैल 2023
वसंत ऋतु
रिववार सोमवार मंगलवार बुधवार गु�वार शु�वार शिनवार
30 *उगाद�, गुड़ी पड़वा,
चेती चांद, नवरेह
**वैशाखी, िब�,
पाना संक्रा�ित,
प्र�थम नवरात्र
िह�� � चं द्र नव वष�
22 23 गौरी तृतीया
गणगौर
24 25
अप्रैल माच�
पोइला बोइशाख, पु�थंडु िवक्रम सम्वत 2080*
वैशाख शुक्ल प�� सम्पक� सूत्र @ चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प��
दशमी 9354422798 प्रितपदा िद्वतीया तृतीया चतु�थ�
26 यमुना छठ
27 28 श्री �गा� अ�मी
29 श्री राम नवमी
30 31 कामदा एकादशी
1
माच� अप्रैल

चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प��
पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी नवमी दशमी एकादशी
2 प्रदोष व्रत
3 महावीर जयंती
4 5 श्री हनुमान ज�ो�सव
गंगा स्नान पू�ण�� मा
6 7 8
चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प�� चैत्र शुक्ल प�� चैत्र पू�ण�� मा वैशाख कृष्ण प�� वैशाख कृष्ण प��
द्वादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी पू�ण�� मा प्रितपदा िद्वतीया
9 10 11 12 13 मेष संक्रा�न्त**
िह�� � सूय� नव वष�
14 15
वैशाख कृष्ण प�� वैशाख कृष्ण प�� वैशाख कृष्ण प�� वैशाख कृष्ण प�� वैशाख कृष्ण प�� वैशाख कृष्ण प�� वैशाख कृष्ण प��
तृतीया चतु�थ� पंचमी/ष�ी सप्तमी अ�मी नवमी दशमी
वै���थनी एकादशी
16 प्रदोष व्रत
17 18 19 सूय� ग्रहण
20 21 22
वैशाख कृष्ण प�� वैशाख कृष्ण प�� वैशाख कृष्ण प�� वैशाख कृष्ण प�� वैशाख कृष्ण प�� वैशाख शुक्ल प�� वैशाख शुक्ल प��
एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी अमावस्या प्रितपदा िद्वतीया
श्री गणेश चतु�थ� व्रत
अ��य तृतीया 23 24 आिद शंकराचाय�
जयंती
25 26 गंगा सप्तमी
27 28 सीता नवमी
29
परशुराम जयंती
वैशाख शुक्ल प�� वैशाख शुक्ल प�� वैशाख शुक्ल प�� वैशाख शुक्ल प�� वैशाख शुक्ल प�� वैशाख शुक्ल प�� वैशाख शुक्ल प��
तृतीया चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी नवमी

षड्दश�न सांख्य योग न्याय वैशिे षक मीमांसा वेदान्त


प्रणेता ऋिष किपल पतं ज�ल गौतम कणाद जै�मिन बादरायण
samarthya4bharat.com क� पहल @9354422798
मा�ाता च महीपितः कृतयुगालं कार भूतो गतः। सेतय
ु न
� महोद�धौ िवर�चतः क्वासौ दशास्यान्तकः।।
अन्ये चािप यु��धि�र प्रभृतयो याता िदवम् भूपते। नैकेनािप समम् गता वसुमती नूनम् त्वया यास्यित।।

धम� र��ित र���तः।


जो धम� क� र��ा करता है,
धम� भी उसक� र��ा करता है।

वैशाख/जये�
श्री मोिहनी अवतार

िव.सं. 2080
मई 2023
�ीषम ऋतु
रिववार सोमवार मंगलवार बुधवार गु�वार शु�वार शिनवार
मोिहनी एकादशी
1 2
प्रदोष व्रत
3 नर�स�� ह जयंती
4 बुद्ध पू�ण�� मा
चं द्र ग्रहण उप�ाया 5 नारद जयंती
6
वैशाख शुक्ल प�� वैशाख शुक्ल प�� वैशाख शुक्ल प�� वैशाख शुक्ल प�� वैशाख शुक्ल प�� �े� कृष्ण प��
एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी पू�ण�� मा प्रितपदा
7 8 9 10 11 12 13

�े� कृष्ण प�� �े� कृष्ण प�� �े� कृष्ण प�� �े� कृष्ण प�� �े� कृष्ण प�� �े� कृष्ण प�� �े� कृष्ण प��
िद्वतीया तृतीया चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी
14 वृषभ संक्रा�ित
अपरा एकादशी
15 16 प्रदोष व्रत
17 18 वट सािवत्री व्रत
शिन जयंती 19 20
�े� कृष्ण प�� �े� कृष्ण प�� �े� कृष्ण प�� �े� कृष्ण प�� �े� कृष्ण प�� �े� कृष्ण प�� �े� शुक्ल प��
नवमी/दशमी एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी अमावस्या प्रितपदा
21 22 23 24 25 26 27
�े� शुक्ल प�� �े� शुक्ल प�� �े� शुक्ल प�� �े� शुक्ल प�� �े� शुक्ल प�� �े� शुक्ल प�� �े� शुक्ल प��
िद्वतीया तृतीया चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी सप्तमी
28 29 श्री गंगा दशहरा
30 िनज�ला एकादशी
31
�े� शुक्ल प�� �े� शुक्ल प�� �े� शुक्ल प�� �े� शुक्ल प��

अ�मी नवमी दशमी एकादशी


सतयुग के अलं कार मा�ाता, समुद्र पर सेतु का िनमा�ण और दसमुख का व�ध करने वाले श्री राम और यु��धि�र जैसे
स�वाद� सम्राट भी धरती पर आये और चले गये। हे मु�! यह धरती िकसी एक के भी सा�थ नहीं गयी, तो �ा तुम्हारे
सा�थ जायेगी? नहीं !
समत्वं योग उच्यते।

जये�/आषाढ़ �
श्री जग�ाथ यात्रा

जून 2023 िव.सं. 2080

�ीषम ऋतु
रिववार सोमवार मंगलवार बुधवार गु�वार शु�वार शिनवार
प्रदोष व्रत
1 2 वट पू�ण�� मा व्रत
3
�े� शुक्ल प�� �े� शुक्ल प�� �े� शुक्ल प��

द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी

4 5 6 7 8 9 गायत्री जयन्ती
10
�े� शुक्ल प�� आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ कृष्ण प��

पू�ण�� मा प्रितपदा िद्वतीया/तृतीया चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी


11 12 13 यो�गनी एकादशी
14 �म�थुन संक्रा�ित
प्रदोष व्रत
15 16 17
आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ कृष्ण प��

अ�मी नवमी दशमी एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी


18 चं द्र दश�न
आषाढ़ नवराित्र
19 जग�ा�थ र�थ
यात्रा
20 अं तरा��्रीय योग
िदवस
21 श्री गणेश चतु�थ�
22 23 24
आषाढ़ कृष्ण प�� आषाढ़ शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प��
अमावस्या प्रितपदा िद्वतीया तृतीया चतु�थ� पंचमी ष�ी
25 26 27 28 देवशयनी
एकादशी
29 30
आषाढ़ शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प��

सप्तमी अ�मी नवमी दशमी एकादशी द्वादशी

योगसथः कु� कमा�िण स�ं �कतवा धन�य। िसदधयिसदधयोः समो भूतवा समतवं योग उचयते।।2.48।।
हे धन�य! तू आस�क्त का �ाग करके �स�द्ध-अ�स�द्ध म� सम होकर योग म� �स्थत �आ कम� को
कर; �ोंिक समत्व ही योग कहा जाता है।
िवद्या�थ� के पांच ल��ण
काक चे�ा, बको ध्यानं , स्वान िनद्रा त�थैव च।
अल्पहारी, गृह�ागी, िवद्या�थ� पंच ल��णम् ॥

अहं ब्र�ा��।
आ�मा ही ब्र� है।

आषाढ़ /�ावण �
आिद शंकराचाय� जी

िव.सं. 2080
जुलाई 2023 काक चेष्टा, बको ध्यानं,
स्वान निद्रा तथैव च ।
अल्पहारी, गृहत्यागी,

वषा� ऋतु
विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥

रिववार
प्रितपदा
सोमवार तृमंतग
िद्वतीया
लवार चतुबु�थध
ीया �
वार गु�वार शु�वार शिनवार
प्रदोष व्रत
30 31 प्रदोष व्रत
1

श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प��


द्वादशी/त्रयोदशी चतुद�शी त्रयोदशी
2 गु� पू�ण�� मा
3 4 5 संक�ी चतु�थ� व्रत
6 7 8
आषाढ़ पू�ण�� मा

आषाढ़ शुक्ल प�� आषाढ़ शुक्ल प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प��
चतुद�शी पू�ण�� मा प्रितपदा िद्वतीया तृतीया/चतु�थ� पंचमी ष�ी
9 10 11 12 का�मका एकादशी
13 प्रदोष व्रत
14 मा�सक �शवराित्र
15

श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प��

सप्तमी अ�मी नवमी दशमी एकादशी द्वादशी त्रयोदशी


कक� संक्रा�न्त
16 सोमवती अमावस्या
17 अ��धक मास आर�
18 19 20 21 22

श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प��
चतुद�शी अमावस्या प्रितपदा िद्वतीया तृतीया तृतीया चतु�थ�
23 24 25 26 27 28 प�द्मनी/पु�षो�म
एकादशी
29

श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प��
पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी नवमी दशमी एकादशी

उद्यमेन िह �सद्धय�न्त काया��ण न मनोर�थैः। न िह सुप्तस्य �स�� हस्य प्रिवश�न्त मुखे मृगाः।।
प्रय� करने से ही काय� �सद्ध होते ह�, केवल इ�ा करने से नहीं, जैसे िक सोये �ए �स�� ह के
मुँ ह म� मृग अपने आप प्रवेश नहीं करते।
सान�दमान�दवने वसन्तं आन�दक�दं हतपापवृ�दम् ।
वाराणसीना�थमना�थना�थं श्रीिव��ना�थं शरणं प्रपद्ये॥

जो भगवान् शंकर आन�दवन काशी �ेत्र म�


आन�दपूवक � िनवास करते ह�, जो परमान�द के
िन�धान एवं आिदकारण ह�, और जो पाप समूह
का नाश करने वाले ह�, म� ऐसे अना�थों के ना�थ
काशीपित श्री िव��ना�थ क� शरण म� जाता �ँ।

�ावण
श्री काशी िव�नाथ धाम

िव.सं. 2080
अगसत 2023
वषा� ऋतु
रिववार सोमवार मंगलवार बुधवार गु�वार शु�वार शिनवार
श्रावण अ��धकमास
पू�ण�� मा 1 2 3 िवभुवन संक�ी
चतु�थ� 4 5
श्रावण शुक्ल प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प��

पू�ण�� मा प्रितपदा िद्वतीया तृतीया चतु�थ�


6 7 8 9 10 11 परम एकादशी
12
श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प��

पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी नवमी दशमी एकादशी


अ��धक प्रदोष व्रत
13 14 स्वतं त्रता िदवस
15 अ��धकमास समाप्त
16 �स�� ह संक्रा�न्त
चन्द्र दश�न 17 18 ह�रयाली तीज
19
श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण कृष्ण प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प��
द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी/अमावस अमावस्या प्रितपदा िद्वतीया तृतीया
20 नाग प�मी
21 क�ल्क जयन्ती
22 23 24 वरल��ी व्रत
25 26
श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प��
चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी नवमी दशमी
पुत्रदा एकादशी
27 प्रदोष व्रत
28 ओणम
29 र��ा ब�न
30 गायत्री जयन्ती
श्रावण पू�ण�� मा 31
श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प�� श्रावण शुक्ल प��

एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी पू�ण�� मा/प्रितपदा

होइिह सोइ जो राम र�च राखा। को क�र तक� बढ़ावै साखा॥


जो कुछ राम ने रच रखा है, वही होगा। तक� करके कौन िवस्तार बढ़ाये।
सेष महेस गनेस िदनेस, सुरेस� जा िह िनरं तर गाव�।
जािह अनािद अनं त अखंड, अछे द अभेद सुवद
े बताव�।।
नारद से शक
ु व्यास रट�, प�च हारे तऊ पुिन पार ना पाव�।
तािह अहीर क� छोह�रयां,छ�छया भर छाछ पे नाच नचाव�।।
संत रसखान

भा�पद/आि�न �
िव.सं. 2080
िसतमबर 2023
वषा� ऋतु
रिववार सोमवार मंगलवार बुधवार गु�वार शु�वार शिनवार
1 कजरी तीज
2
भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प��

िद्वतीया तृतीया
हेरम्ब संक�ी चतु�थ�
3 4 बलराम जयन्ती
5 ज�ा�मी *�ात�
6 ज�ा�मी *इस्का� न
दही हाण्डी
7 8 9
भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प��
चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी नवमी दशमी
अजा एकादशी
10 11 प्रदोष व्रत
12 13 14 15 चं द्र दश�न
16
भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद कृष्ण प�� भाद्रपद शुक्ल प��

एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी अमावस्या अमावस्या प्रितपदा


वराह जयन्ती
िव��कमा� पूजा
17 हरता�लका तीज
18 श्री गणेश चतु�थ�
19 ऋिष पंचमी
20 21 22 रा�धा अ�मी
23
कन्या संक्रा�ित

भाद्रपद शुक्ल प�� भाद्रपद शुक्ल प�� भाद्रपद शुक्ल प�� भाद्रपद शुक्ल प�� भाद्रपद शुक्ल प�� भाद्रपद शुक्ल प�� भाद्रपद शुक्ल प��
िद्वतीया तृतीया चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी/नवमी
24 प�रवित�� नी
एकादशी
25 26 प्रदोष व्रत
27 गणेश िवसज�न
अनन्त चतुद�शी
28 पू�ण�� मा श्राद्ध
िपतृप�� प्रार�
29 30
भाद्रपद पू�ण�� मा

भाद्रपद शुक्ल प�� भाद्रपद शुक्ल प�� भाद्रपद शुक्ल प�� भाद्रपद शुक्ल प�� भाद्रपद शुक्ल प�� भाद्रपद शुक्ल प�� आ���न कृष्ण प��
दशमी एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी पू�ण�� मा प्रितपदा

शेषनाग, श्री गणेश, सूयद


� ेव, इं द्रदेव आिद सब देवता गण एवं भगवान �शव, �जनक� पूजा करते ह�, �जनको वेद
अनािद, अनं त, अखंड, अछे द बताते ह�। नारद, शक
ु और व्यास जैसे ऋिष इनके बारे म� जानने का प्रय� करते ह�,
पर हार जाते ह�। ऐसे श्री कृष्ण जी को अहीरों क� कन्याएँ कटोरे भर छाछ के �लये नाच नचाती ह�।
सवा�बा�धा प्रशमनं त्रैलो�स्या�खले�री।
एवमेव त्वया काय�म�द्वै�र िवनाशनम् ।।

सव���र! आप इसी प्रकार तीनों लोकों क�


समस्त बा�धाओं को शान्त करो और हमारे
शत्रुओं का नाश करती रहो।

मातृदेवो भव।

आि�न/काितक �
नवराित्र उ�सव बुलंदशहर

िव.सं. 2080
अकटू बर 2023
शरद ऋतु
रिववार सोमवार मंगलवार बुधवार गु�वार शु�वार शिनवार
1 िव�राज संक�ी
चतु�थ�
2 3 4 5 महाल��ी व्रत पूण�
जीिव�पुित्रका व्रत
6 7
आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प��
िद्वतीया तृतीया चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी
8 9 इ��दरा एकादशी
10 प्रदोष व्रत
11 12 13 सूय� ग्रहण
*वलयाकार
14
सव�िपतृ अमावस्या

आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प�� आ���न कृष्ण प��

नवमी दशमी एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी अमावस्या


शारद�य नवराित्र
प्रार�,
15 चन्द्र दश�न
16 17 तुला संक्रा�न्त
18 19 सरस्वती आवाहन
20 सरस्वती पूजा
21
घटस्थापना

आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प��

प्रितपदा िद्वतीया तृतीया चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी


�गा� अ�मी
सरस्वती िवसज�न
22 महा नवमी
23 �गा� िवसज�न
दशहरा
24 पापांकुशा
एकादशी
25 प्रदोष व्रत
26 27 कोजागरी पूजा
शरद पू�ण�� मा
28
महिष�� वा��मक� जयंती

आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प�� आ���न शुक्ल प��

अ�मी नवमी दशमी एकादशी द्वादशी/त्रयोदशी चतुद�शी पू�ण�� मा


चन्द्र ग्रहण
*आं�शक
29 30 31
काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प�� सम्पक� सूत्र @
प्रितपदा िद्वतीया तृतीया 9354422798

सव�मङ्गलमाङ्गल्ये �शवे सवा�थस


� ा��धके। शरण्ये �म्बके गौ�र नाराय�ण नमोऽस्तु ते॥
हे नारायणी! आप सब प्रकार का मङ्गल प्रदान करनेवाली मङ्गलमयी हो। कल्याणदा�यनी �शवा हो।
सब पु�षा�थ� को �सद्ध करनेवाली, शरणागत व�सला, तीन नेत्रोंवाली माँ गौरी हो। आपको नमस्कार है।
जो आनं द �स�� धु सुखरासी। सो सुख�धाम राम अस नामा।
सीकर त� त्रैलोक सुपासी॥ अ�खल लोक दायक िब�श्रामा॥

काितक/माग�शीष�
श्री बद्रीना�थ धाम

िव.सं. 2080
नवंबर 2023
शरद ऋतु
रिववार सोमवार मंगलवार बुधवार गु�वार शु�वार शिनवार
करवा चौ�थ
वक्रतुण्ड संक�ी
1 2 3 4
चतु�थ�
काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प��
चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी
अहोई अ�मी
रा�धा कुण्ड स्नान
5 6 7 8 गोव�स द्वादशी
रमा एकादशी
9 धनतेरस
प्रदोष व्रत
10 काली चौदस
11

काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प��
अ�मी नवमी दशमी दशमी एकादशी द्वादशी त्रयोदशी
द�पावली
नरक चतुद�शी
12 13 गोव�ध�न पूजा
भैया �ज
14 चन्द्र दश�न
15 16 वृ���क संक्रा�न्त
17 18
नूतन वष� आर�
काित�� क कृष्ण प�� काित�� क कृष्ण प�� काित�� क शुक्ल प�� काित�� क शुक्ल प�� काित�� क शुक्ल प�� काित�� क शुक्ल प�� काित�� क शुक्ल प��
चतुद�शी अमावस्या प्रितपदा िद्वतीया तृतीया चतु�थ� पंचमी
छठ पूजा
19 20 21 कंस व�ध
22 देवो�ान
एकादशी
23 तुलसी िववाह
प्रदोष व्रत
24 25

काित�� क शुक्ल प�� काित�� क शुक्ल प�� काित�� क शुक्ल प�� काित�� क शुक्ल प�� काित�� क शुक्ल प�� काित�� क शुक्ल प�� काित�� क शुक्ल प��
ष�ी/सप्तमी अ�मी नवमी दशमी एकादशी द्वादशी त्रयोदशी
देव द�पावली
26 गंगा स्नान
गु� नानक जयंती
27 28 29 संक�ी गणेश
चतु�थ�
30
काित�� क शुक्ल प�� काित�� क शुक्ल प�� माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प��
चतुद�शी पू�ण�� मा प्रितपदा िद्वतीया तृतीया

ये जो आनं द के समुद्र और सुख क� रा�श ह�, �जस (आनं द�स�� ध)ु के एक कण से तीनों लोक सुखी होते ह�,

उन (आपके सबसे बड़े पुत्र) का नाम 'राम' है, जो सुख का भवन और संपूण� लोकों को शांित देनव
े ाला है।
ये िह संस्पश�जा भोगा �ःखयोनय एव ते।
आद्यन्तवन्तः कौन्तेय न तेषु रमते बु�धः।।
।। 5.22।।
सवामी रामसुखदास �

इ�न्द्रय त�था िवषयों के संयोग से उ�प�


होने वाले जो भोग ह� वे �:ख के ही हेतु ह�,
�ोंिक वे आिद-अन्त वाले ह�।
बु�द्धमान् पु�ष उनम� नहीं रमता।।

माग�शीष�/पौष
िव.सं. 2080
िदसंबर 2023
हेमत
ं ऋतु
रिववार सोमवार मंगलवार बुधवार गु�वार शु�वार शिनवार
31 1 2

पौष कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प��


चतु�थ� चतु�थ� पंचमी
3 4 कालभैरव जयन्ती
5 6 संक�ी चतु�थ�
7 उ�प�ा एकादशी
8 9

माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प��

ष�ी सप्तमी अ�मी नवमी दशमी एकादशी द्वादशी


प्रदोष व्रत
10 11 12 13 चन्द्र दश�न
14 15 धनु संक्रा�न्त
16

माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� कृष्ण प�� माग�शीष� शुक्ल प�� माग�शीष� शुक्ल प�� माग�शीष� शुक्ल प�� माग�शीष� शुक्ल प��
त्रयोदशी चतुद�शी अमावस्या प्रितपदा िद्वतीया तृतीया चतु�थ�
श्री राम सीता िववाह
17 18 19 20 21 गीता जयन्ती
22 मो��दा एकादशी
23
पंचमी मो��दा एकादशी

माग�शीष� शुक्ल प�� माग�शीष� शुक्ल प�� माग�शीष� शुक्ल प�� माग�शीष� शुक्ल प�� माग�शीष� शुक्ल प�� माग�शीष� शुक्ल प�� माग�शीष� शुक्ल प��

पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी नवमी दशमी एकादशी/द्वादशी


प्रदोष व्रत
24 तुलसी पूजन िदवस
25 द�ात्रेय जयन्ती
26 27 28 29 अखुर�थ संक�ी
चतु�थ�
30

माग�शीष� शुक्ल प�� माग�शीष� शुक्ल प�� माग�शीष� शुक्ल प�� पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प��

त्रयोदशी चतुद�शी पू�ण�� मा प्रितपदा िद्वतीया िद्वतीया तृतीया

शकनोतीहैव यः सोढु ं �ाकशरीरिवमो�णात्। काम�ोधो�वं वेगं स यु�ः स सुखी नरः।5.23।


जो मनुषय इसी लोक म� शरीर �ागने के पूव� ही काम और �ोध से उतप� �ए वेग को सहन करने म� समथ� है,
वह योगी (यु�) और सुखी मनुषय है।

स�, िकसी समाज का सम्मान नहीं करता। समाज को
ही स� का सम्मान करना पड़ेगा, अन्य�था समाज का
िवनाश हो जाएगा। स� ही समस्त प्रा�णयों और
समाजों का मूल आ�धार है, अतः स� कभी भी समाज
के अनुसार अपना गठन नहीं करेगा।

पौष/माघ
स्वामी िववेकानं द जी

िव.सं. 2080
जनवरी 2024
िशिशर ऋतु
रिववार सोमवार मंगलवार बुधवार गु�वार शु�वार शिनवार
1 2 3 4 5 6
पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प��
पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी नवमी दशमी
सफला एकादशी
7 8 प्रदोष व्रत
9 10 11 चं द्र दश�न
स्वामी िववेकानं द
12 13
जयंती

पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प�� पौष कृष्ण प�� पौष शुक्ल प�� पौष शुक्ल प��
एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी अमावस्या प्रितपदा िद्वतीया
14 मकर संक्रा�न्त
पों गल
15 16 17 18 19 20
पौष शुक्ल प�� पौष शुक्ल प�� पौष शुक्ल प�� पौष शुक्ल प�� पौष शुक्ल प�� पौष शुक्ल प�� पौष शुक्ल प��
तृतीया/चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी नवमी दशमी
पौष पुत्रदा
एकादशी, 21 22 प्रदोष व्रत
23 24 शाक�री
पू�ण�� मा
25 गणतं त्र िदवस
26 27
वैकुंठ एकादशी

पौष शुक्ल प�� पौष शुक्ल प�� पौष शुक्ल प�� पौष शुक्ल प�� पौष शुक्ल प�� माघ कृष्ण प�� माघ कृष्ण प��
एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी पू�ण�� मा प्रितपदा िद्वतीया
28 सकट चौ�थ
लम्बोदर संक�ी
29 30 31
चतु�थ�

माघ कृष्ण प�� माघ कृष्ण प�� माघ कृष्ण प�� माघ कृष्ण प��
तृतीया चतु�थ� चतु�थ� पंचमी

वही समाज सब से श्रे� है, जहाँ सभी स�ों को काय� म� प�रवित�� त िकया जा सकता है। यिद
समाज इस समय उच्चतम स�ों को स्थान देने म� सम�थ� नहीं है, तो उसे इस योग्य बनाओ। और
�जतना शीघ्र तुम ऐसा कर सको, उतना ही अ�ा है।
जननी ज�भू�म�� स्वगा�दिप गरीयसी।
जननी और ज�भू�म स्वग� से भी श्रे� ह�।

माघ/फालगुन
छत्रपित �शवाजी महाराज

िव.सं. 2080
फरवरी 2024
िशिशर ऋतु
रिववार सोमवार मंगलवार बुधवार गु�वार शु�वार शिनवार
1 2 3
माघ कृष्ण प�� माघ कृष्ण प�� माघ कृष्ण प��
ष�ी सप्तमी अ�मी
4 5 षटितला एकादशी
6 प्रदोष व्रत
7 8 मौनी अमावस
9 10
माघ कृष्ण प�� माघ कृष्ण प�� माघ कृष्ण प�� माघ कृष्ण प�� माघ कृष्ण प�� माघ कृष्ण प�� माघ शुक्ल प��
नवमी दशमी एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी/अमावस्या प्रितपदा
चं द्र दश�न
11 12 कु� संक्रा�न्त
13 वसन्त प�मी
14 15 र�थ सप्तमी,
भीष्म अ�मी
16 17
माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प��

िद्वतीया तृतीया चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी अ�मी


18 छत्रपित �शवाजी
जयंती
19 जया एकादशी
20 प्रदोष व्रत
21 22 23 24
माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प�� माघ शुक्ल प��

नवमी दशमी एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी पू�ण�� मा


25 26 27 िद्वजिप्रय संक�ी
चतु�थ� 28 29
फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन कृष्ण प��
प्रितपदा िद्वतीया तृतीया चतु�थ� पंचमी

अ�धम�णध
ै ते तावत् ततो भद्रा�ण पश्यित। ततः सप�ान् जयित समूलस्तु िवनश्यित॥१७४॥
अ�धम� से व्य�क्त पहले अल्पकाल के �लए उ�ित करता, सुख भोगता व शत्रुओं पर िवजय प्राप्त करता �आ प्रतीत होता ह�, परन्तु अं त म� समूल न� हो जाता है।

इस कारण मनुष्य को ��णक लाभ के �लए स� और धम� का �ाग कदािप नहीं करना चािहए।
अिवनाशी त�व ( ब्र� ) ही स� है,
ये भौितक संसार अस� है,
( नाशवान् ) है।

ब्र� स�ं जगत् �म�थ्या।

फालगुन/चै�
श्री महाकाल धाम उ�ैन

िव.सं. 2080
माच� 2024
वसंत ऋतु
रिववार सोमवार मंगलवार बुधवार गु�वार शु�वार शिनवार
31 सोमवती अमावस्या 1 2
चैत्र कृष्ण प��
िवक्रम सम्वत 2080 समाप्त
चैत्र कृष्ण प�� 8 अप्रैल फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन कृष्ण प��
ष�ी सम्पक� सूत्र @9354422798 ष�ी ष�ी
3 4 5 िवजया एकादशी
6 7 महा �शवराित्र,
प्रदोष व्रत
8 9
फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन कृष्ण प��

सप्तमी अ�मी नवमी/दशमी एकादशी द्वादशी त्रयोदशी चतुद�शी


10 11 12 13 मीन संक्रा�न्त
14 15 16
फा�गुन कृष्ण प�� फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प��

अमावस्या प्रितपदा िद्वतीया/तृतीया चतु�थ� पंचमी ष�ी सप्तमी


17 18 19 आमलक�
एकादशी
20 21 22 23
फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प��

अ�मी नवमी दशमी एकादशी द्वादशी त्रयोदशी त्रयोदशी


छोटी होली,
हो�लका दहन
24 वसन्त पू�ण�� मा,
होली,
25 26 27 28 29 30
चन्द्र ग्रहण
फा�गुन शुक्ल प�� फा�गुन शुक्ल प�� चैत्र कृष्ण प�� चैत्र कृष्ण प�� चैत्र कृष्ण प�� चैत्र कृष्ण प�� चैत्र कृष्ण प��

चतुद�शी पू�ण�� मा प्रितपदा िद्वतीया तृतीया चतु�थ� पंचमी

उठो, इस भ्रम को �मटा दो िक तुम िनब�ल हो। तुम एक अमर आ�मा हो, स्व�ंद जीव हो,
धन्य हो, सनातन हो। तुम त�व नहीं हो, त�व तुम्हारा सेवक है, तुम त�व के सेवक नहीं हो।
यद्यिप कल�डर क� सामग्री को त्रु�टहीन रखने का य�थासंभव प्रयास िकया गया है, त�थािप िकसी भी िनण�य के �लए अपने स्थानीय िवशेष� से संपक� अवश्य कर�। samarthya4bharat.com क� पहल @9354422798

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