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देश हमारा सबसे प्यारा

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छा प90 (8 ७7/शाप्राशा! ० ॥99 ००ए-//क्व४, 2002

मेरा भारत महान ||


पर्यावरण अध्ययन
दूसरी पुस्तक
(कक्षा 4)

राज्य शिक्षा केन्द्र


घ्ध्यप्रदेश


्स्

मध्यप्रदेश पाठयपुस्तक निगम

- मूल्य रु. : 2.000


वर्ष 2003
'पुस्तक ऋय करते समय पृष्ठों पर पा.पु.नि. का वाटर साल दड |
मार्क अवश्य देखें
अर अनिल... #

200
“...लबतारतराकककन-लक
2003
तृतीय प्रकाशन वर्ष
॥7%

2 राज्य शिक्षा केन्द्र, मध्यप्रदेश | प्् ॒

लेखन एवं सम्पादन : .... -.ए.के. मित्तल श्रीधर रुकमांगद |


यासमीन खान रमेश सक्सेना 5
- संध्या रुकमांगद शकुन्तला श्रीवास्तव ! ।
सुषमा हुक्कू आर.बी. सक्सेना | |
' शोभा शुक्ला राधेइयाम थवाईत हि १
5 प्रणति मोहनराज महेन्ध दवे जा
7 राकेश दुबे संजीव भार्गव (0
7ै का
अलका जैन देवकी नायर है
0
:-« एस.के. सोनी ओपी. पायक |
एस.पी. श्रीवास्तव (४

चित्रांकन : मुख पृष्ठ - प्रतीक्षा दुबे 00 द


अन्य चित्र :: प्रवीण नगरकर, प्रतीक्षा दुबे ४
आकल्पन :: मीडिया ग्राफिक्स, भोपाल ३
गा भाग त प्र
आभार : केन्द्र नीचे लिखे उन सभी व्यक्तियों एवं संस्थाओं का आभारी है जिन्होंने इस ||
| । पुस्तक के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दिया है- पाठय पुस्तक स्थायी समिति
की अकादमिक उप-समिति के सदस्य जिनके सुझावों को पाठ्य पुस्तक में
सम्मिलित किया गया है। दिगंतर, शिक्षा एवं खेलकूद समिति जयपुर, जिनके
:७ . अकादमिक सहयोग से वैकल्पिक शाला की पुस्तकें विकसित की गई थीं और ४
5४ - जो इन पुस्तकों का आधार बनी हैं। गैंर सरकारी संस्थाएँ - एकलव्य, भोपाल हि | क्‍
/' एवं श्रम निकेतन, शहडोल, जिनकी कैछ रचनाओं एवं अकादमिक सुझावों को (5-
_ * पुस्तक में सम्मिलित किया गया है। अंततः प्राथमिक शिक्षा से जुड़े वे सभी शिक्षक
एवं शिक्षाविद्‌ जिन्होंने समय-समय पर पुस्तकों को बेहतर बनाने के लिए अपने
-+
क अपूल्यम
सुझाव दिए हैं। कक
मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के लिए इटरनाईट इंटरप्राइजेस, जे:के. रोड, भारत नगर, भोपाल द्वारा मुद्रित।
ग्ग॒
पुस्तक के बारे में
_._ आथमिक शिक्षा में पर्यावरण अध्ययन एक महत्वपूर्ण विषय है। इसमें विज्ञान भूगोल, इतिहास, नागरिक शास्त्र आदि
सभा विषय समाहित हैं। इसके अध्ययन का अर्थ केवल इन विषयों को पढ़ना मात्र नहीं
हैअपित कुछ देखना, सोचना
जानना तथा कुछ करना
दखन का मतलब ठांक स दख, ध्यान स दखें। उसे ट्खकर जाने, जो चीज टेखं रहें हैं, वह कया है, वह नहीं
हाती ता क्‍या होता ? उसकी बनावट, उसका आकार, उसका वजन, उसके रंग-रूप, उसके गण-टोष सबका अवलोकन
कर। दखकर जा जान सके, वह तो जान, मगर और अधिक जानना हो तो आपस में चर्चा करें, शिक्षक से मटट लें, समटाय
क लोगो स मदद ले। छूने योग्य चौज हो तो छूकर महसूस करें, उठाकर देखें, बारीक या सूक्ष्म चीज हो तो हैंड लैस
से देखें और मुख्य बातें नोट करें।
हमारे सामने धरती, आकाश, समुद्र, नदी, पहाड़, झील, तालाब, झरने, नाले, पेड़-पौधे, पशु-पश्ची, सूरज, चाँद,
सितार आदि अनंक प्राकृतिक दृश्य हैं। इनको देखकर प्रश्न करें कि ये नहीं होते, इनका आकार या रूप एसा नहीं होता
ता क्‍या होता? जिज्ञासा, उत्सुकता, कोौतुहल और प्रश्न पैदा करने वाली गतिविधियाँ करें।
पर्यावरण की वस्तुओं के साथ तरह-तरह के प्रयोग करें, देखकर, छूकर, महसूस करके, तालिका बनाकर, मॉडल
ओर खिलोन बनाकर, प्रयोग करके, विश्लेषण करके, तुलना करक, वर्गीकरण करके और चर्चा के बाद अपनी बात निष्कर्ष
क रूप में रखें। तरह-तरह क प्रश्न करें, उत्तर खोजें, क्विज, माथापच्ची या पहेली बनाएँ और खेलें, प्रयाग चने और
करं। इस प्रकार पर्यावरण को किताब से सीखने;के बजाए वस्तुओं के साथ क्रिया करके सीखें, उनका अध्ययन करें। पर्यावरण
अध्ययन अपने आसपास को समझने की एक प्रक्रिया है।
प्रत्येक पाठ के प्रारंभ में 'हम सीखेंगे' शीर्षक में अधिगम प्रतिफलों को दिया गया है। इससे शिक्षकों का यह जानकारी
मिलेगी कि पाठ से क्या-क्या सिखाना है।
पुस्तक में आवश्यकतानुसार पन्नों के आखिर में 'शिक्षण संकेत” दिए गए हैं। इनसे पाठ की गतिविधियों को क्सि
तरह किया जाना चाहिए के सुझाव मात्र दिए गए हैं। आप अपनी कक्षा की परिस्थितियों में अन्य गतिविधियाँ करवाने को
स्वतंत्र हैं। |
पर्यावरण का सबसे महत्वपूर्ण अंश है, “बच्चा '। प्रस्तुत पुस्तक की रचना इस प्रकार की गई है जिससे बच्चा अपने
पर्यावरण से सामंजस्य पैदा कर सके। वह अपने पर्यावरण के बारे में जाने और समझे। उसमें अपने पर्यावरण की रक्षा, संरक्षण
और उसे समृद्ध करने के कौशल विकसित हों।
बच्चे बेहतर सीखें इसके लिये जरूरी हैं कि बच्चों को छोटे समूहों मं काम करन क लिय अवसर दिए जाएँ। छाट
समूहों में काम करने के मौके किसी कक्षा में आसानी से दिए जा सकते हैं। समूहों मं काम करने पर बच्चे अधिकांश समय
क्रियाशील रहते हैं। इस पुस्तक में अनेक ऐसे स्थान दिए गए हैं, जहाँ बच्चों को छोटे समूहों म॑ं कार्य करन के मोक है
ताकि वह अपने अर्जित ज्ञान व कोशलों का प्रयोग जीवन की परिस्थितियों में करने में समर्थ बन सकें।
पूरी पुस्तक का तीन भागों में विभाजित-क्रिया- गया है। पहले भाग के बाद त्रैमासिक परीक्षा, टसर भाग के बाद
अर्द्धवार्षिक परीक्षा और तीसरे भाग के बाद वार्षिक परीक्षा ली जानी चाहिए। इसके लिए पस्तक में प्रत्यक भाग के बाद
क|;ल्‍्चा

विविध प्रश्न दिए गए हैं जिनके आधार पर परीक्षा कञश्न पत्र बनाए जा सकत हैं। त्रेमासिक और अर््धवार्षिक परीक्षा में
बच्चों की कमजोरियों की पहचान करके उनको टूर करने के उपाय किए जाने चाहिए, ताकि सीखने को ठक्षता में बदला
ऑबकड

जा सके। इसी प्रकार के शिक्षक और गुरूजी द्वारा भी अन्य प्रश्नों को तैयार करके बच्चों से हल कराना चाहिए। इससे मूल्यां
कन
का स्वरूप सतत्‌ एवं उपचारात्मक बनाया जा सकगा।

इस पुस्तक में सुधार के लिए आपके सुझावों का स्वागत है।


च्ड
“90.भ
9॥॥|
विषय सूची

न गा जा ि एप एएगए
नशाप लि
आओ
| मानव का अतीत |
०. कामगारों का जीवन >
3. कलाकारों का जीवन 6
4. स्वस्थ जीवन का आधार ।0
5, पीने का साफ पानी 6
6. मिट्टी 2]
॥ पेड़-पौधे और उनके प्रकार 28
५ कीट-पतंगे और खरपतवार 386
विविध प्रश्नावली-एक 386
9. आओ देखें, कितने मौसम 000 060॥
0. दिशा सूचक बनाएँ 40
गा सही निर्णय 46
हा बसंत ः 5
!3. हमारे प्रतीक 34
[4. हम. सब एक हैं हि >7
हा ठोस, द्रव और गैस या 6]
]6. पृथ्वी, सूर्य और चन्द्रमा ह 68
विविध प्रश्नावली-दो ] 73
रा पंचायती राज ५ 76
8. देश में प्रदेश 82
2 मध्यप्रदेश की भौगोलिक विशेषताएँ 87
20. प्रदेश के खनिज एवं वन ४! 92
2 प्रदेश की प्रमुख फसलें, उद्योग एव व्यवसाय. 96
227 प्रदेश में यातायात 200 ]0]
200 खुेल-खेल में व्यायाम 4 ]08
904 बागासन ]]2
विविध॑ प्रश्नावली -तीन ]8
4

डे
पाठ-]

मानव का अतीत
हम सीखेंगे-
७ मानव के अतीत को वर्तमान के संदर्भ में समझना।
७ मानव के द्वार अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये औजारों एवं तकनीकःमें की गई उन्नति
को समझना।
७ आधुनिक विकास में विज्ञान के योगदान की सराहना करना।

हम सभी अपने गाँव/नगर में, घरों में रहते हैं। जब बहुत पहले घर नहीं होते थे तब
सोचो, मानव कहाँ रहता होगा? पर
आदि मानव जंगली जानवरों से भरे जंगलों में रहता था। कुछ जानवर उससे बड़े और
ताकतवर भी थे। वह उनसे डरकर रहता था। भूखा होने पर वह फल और पेडों की जड़ खा
लिया करता था।
क्या तुम्हें पता है कि कुछ पौधों की जड़े तो अभी भी बड़े चाव से खाते हैं? पता करे
वे कौन से पौधे हैं? |
हमें तो अपना भोजन एक ही स्थान पर मिल जाता है, परन्तु आदि मानव को भोजन
की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना पड़ता था। ।
आदि मानव को भोजन के लिये पेड़ों की जड़ें खोदने और पशुओं को मारने के लिये
औजारों की जरूरत महसूस हुई। आज कल तो हमें तरह-तरह के औजार मिल जाते हैं। पहले
कैसे औजार होते होंगे?
आदि मानव ने पत्थरों, हड्डियों
और लकड़ी के नुकीले डण्डों को मकर लक
औजार बनाया। इन औजारों की मदद 5 <__ ७.
से जानवरों का शिकार करना और दो रे
अपनी सुरक्षा करना शुरू किया। ऐ
बरसात में तुमने क्या कोई पौधा
उगते देखा है?
नये
: किसी बीज के अंकुरण से ही पौधा बनता है। जंगल में आदि मानव ने भी बीजों से
पौधे निकलते देखे। बाद में इन पौधों को लाकर उसने एक जगह लगाने की कोशिश की। यही
था उसके द्वारा खेतीं का प्रारंभ।
खेती की देखभाल के लिये आदि मानव को उसी स्थान पर रहने की जरूरत महसूस हुई।
: इसके लिये वह वहीं घर बनाकर रहने लगा। इसके साथ ही उसने पशु पालना भी शुरू किया।
पशुओं से प्राप्त चमड़े और पेड़ों की छालों व पत्तों से वह अंब अपने शरीर को ढँकने लगा।
तुम अपना शरीर किन 9-९३
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ुहा या
चीजों से ढकते हो? आदि
मानव चमड़ा और पेड़ों की . “70076 | ॥ |]
४ &#/7// है | / ७) /।/| |
छाल से ही शरीर को ढंककर ० |
क्यों रखते थे?
आदि मानव ने जंगल
में आग लगते देखा। वह आग
से भयभीत हो गया। उसने व
टेखा कि जानवर भी आग से
डरे हुए रहते हैं।
बताओ जंगल में आग कैसे लगती होगी?
चलो करके देखते हैं - कहीं से चार बालिश्त लम्बे सूखी लकड़ी के चार टुकड़े लाओ।
इनमें से दो को नीचे बिछाकर अन्य दो टुकड़ों को इन पर रगड़ो। थोड़ी देर में धुँआ निकलेगा।
जंगल में तेज हवा के चलने
पर बाँस आपस में टकराते हैं और
ि | - [7 आग लग जाती ठ |

आदि मानव ने यह भी जाना


कि दो पत्थरों को आपस में रगड़कर
आग पैदा की जा सकती है। तुम भी
ऐसे पत्थर ढूंढ सकते हो जिनको एक
दूसर सं टकराने पर चिगारिय़ों निकलतीहैं। एक दिन
मांस का एक टक़्ड़ा आदि मानव से आग
मे गिर गया। आग में भुनाहुआ टकड़ा आदि मानव
को कच्चे माँस-की तुलना में ज्यादा नरम .
अर स्वादिष्ट लगा। इस प्रकार आदि मानव ने भाजन
का भूनकर जखान्ने की शरूआत की।
जैसे तुम फल खाकर.-उसके बाज फंक देते हो, उसी तरह आदि
मानव भी किया करता
था। उसने देखा कि कुछ समय बाट बीज अंकुरित होकर नया
पौधा बन जाता है। आदिमानव
ने खेती के लिये जमीन की खुदा३ करना शुरू किया। पौधे उगे,
तो उनकी देखभाल करने की
जरूरत लगी। इसके लिये आदिमानव ने जगह-जगह घूमना छोड़
दिया। अब वह अपने खेतों
के पास रहने लगा। वह पेड़ों के पत्तों तथा जानवरों की खाल से झोपड़
ी बनाकर रहने लगा।
परिवार के बढ़ने पर नए घरोंशकी जरूरत हुई और धीरे-धीरे गाँव
बसने लगे।
आंद मानव का अब खाँत्त का सामग्रा जुटान क लिये घमना सहायहों पड़ता था। इससे उस
खाली समय मिलने लगा। अपने खाली समय में आदि मानव ने गुफा की दीवारों पर
पशुओं
और शिकार करते हुए लोगों के चित्र बनाए। इन चित्रों से हमें आदि मात्रव के
जीवन की अनेक
बाता का पता चलता हे जैसे गैसखि का भूनकर खाना। भोपाल
के पास स्थित भीम बैठका की
गुफाओं म॑ आज भा एस चित्रों को देखा जा सकता

सभी कुछ अचानक नहीं हुआ। आदिमानव को वर्तमान स्थिति तक आने में हजारों
वर्ष लगे। बड़े-बड़े पत्थरों को पहाड़ों से लुढ़ककर नीचे आता देख आदि मानव पहिए की खोज
कर पाया। उसने देखा होगा कि लकड़ी के गोल टकडे भी भूमि में आसानी से लुढ़क
सकते
2| उसने उस गोल ढुकड़ कार्ट और उन्हें अपनी गाड़ी में लगा दिया अब उसकी
गाडी आसानी
से ऊची-नोचो भूमि पर भी चलनेलगी।
आज के मानव ने बहुत उन्नति कर ली है। यातायात के तेज चलने वाले साथन
हमारे
: पास हैं। जम्बो जेट विमान, भूमिगत मेट्रो रेलगाड़ी, गहरे समुद्र में चलने वाली पनडुब्
बियाँ
शो कछो तो है हार पसा 0 2
दुनिया भर में अब हम कहीं भी कुछ क्षणों में बात कर सकते हैं। बंया तम ऐसे आधुनिक
साधनों के बारे में जानते हो, जिनसे दूरी पर बैठे हुए व्यक्तियों से आशोनी से बातें
की जा
सकती है। मनोरंजन कर सकते हैं। ऐसे कौन-कौन से साधनों को जानत
शा
े हो? लिखो-
कि
अभ्यास
(अ) नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दो-
() आदि मानव आग का क्या-क्या उपयोग करता होगा?
(2) आदि मानव ने खेती करना कैसे सीखा?
(3) आद मानव घर बनाकर क्‍यों रहने लगा?

(4) आदि मानव किन चीजों से अपने शरीर को ढँकता था?


(9) आदि मानव ने पहिए की खोज किस प्रकार की होगी?
(6) आदि मानव के समय के और आज के औजारों में किस तरह के परिवर्तन आए हैं?
(ब) हां! या “नहीं” में उत्तर दो- ४
(5 आदि मानव को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पैदल जाना पड़ता था।
(2) पहिए की खोज से आदि मानव को कोई लाभ नहीं हुआ।
0०) आदि मानव, पशुओं से प्राप्त चमड़े के कपड़े पहनती था।
(4) खेती की शुरूआत के साथ ही आदि मानव ने स्थाई घर बनाकर रहना सीखा।
(स) देखो ओर करो कि
0) कुम्हार को चाक पर बर्तन बनाते देखो।
अपने घर में बीज॑ बोकर पौधे उगाओ।
छोटे-छोटे पत्थर को जमाकर घर बनाओ।
आदि मानव ने शिकार करने के लिये जैसे पत्थर के औजार बनाये थे वैसे तुम गीली
मिट्टी से बनाकर-देखो। गा
आदि मानव के जीवन की नीचे लिखी घटनाओं को क्रम में जमाओ
कृषि करना सीखा। भोजन पकाना सीखा।
पशु-पालना शुरू किया। हथियार और औजार बनाये
स्थाई घर बनाये।7& पुशुझों का शिकार किया।
पहिए की खोज की। आगः।का उपयोग किया।
पाठ-2

कामगारों का जीवन
हम सीखेंगे-
७ काम में लगे कुछ लोगों के जीवन और क्रियाकलापों की जानकारी।
७ कुछ चीजों के निर्माण से सम्बन्धित व्यवसायों को पहचानना।
७ कार्य जगत से जुड़े व्यक्तियों विशेष रूप से ,कसान के कार्यो के महत्व को समझना।

बच्चों, जग अपनी चीजों के बारे में सोचो। अगर तुम्हारे पास ये चीजें नहीं होतीं तो
तुम्ें कैसा लगता? यदि तुम्हारे कपड़े, जूते, किताबें, गेंद,बल्ला जैसी चीजें बनाई ही नहीं
जाती, तो तुम्हें कैसा लगता? अनाज पैदा नहीं होता तो तुम क्‍या खाते?
तुमने अपने आस-पास लोगों को कई तरह के काम करते हुए देखा होगा। इनमें से कुछ
लोग फसल पैदा करते हैं जैसे किसान, कुछ निर्माण का कार्य करते हैं जेसे बढ़ई। इसके अतिरिक्त
कुछ लोग ऐसे. भी कार्य करते हैं, जिन पर भी हमारा जीवन निर्भर करता है जैसे नाई, मोची
आदि।
अपने आस-पास देखो, सोचों और पता करे कि तुम्हारे ये काम कौन करता है-
७ तुम्हारे बाल कौन काटता है? |
७ जूते, चप्पल कौन बनाता है?
७ . तुम्हें कौन पढ़ाता है?
७ तुम्हारा इलाज कौन करता है?
सोचो क्‍या होगा, यदि -
०. क्सान अल पैदा करना बन्द कर दे।
. ७ डॉक्टर, बीमार व्यक्तियों का इलाज नहीं करें।
७ पुलिस, चोशें की पकड़ना बन्द कर दे।
७ सैनिक, देश की रक्षा नहीं करें।
वास्तव में हमारे जीवन: की: संभी सुख-सुविंधाएँ, किसी न किसी व्यक्ति द्वार किए गए
कार्यों का ही परिणाम हैं। ४
तुम जब एक जगह से दूर किसी जगह जाना चाहते हों तो बैलगाड़ी, साईकिल, बस
या रेल से यात्रा करते हो। यात्रा के समय तुम्हें बड़ी-बड़ी सड़कें, पुलिया और पुल दिखाई देते
जे

हैं|
क्या तुम जानते हो स्ड्य्य
इन सड़कों, पुलों आदि । ५
को कौन बनाता है? ७ ' ।
पता करो मकान, | यु 20)
सड़क, पुल आदि को -+ शो हू ”
बनवाने में मिस्त्री, कारी- 2222
गर और मजदूर कौन-
कौन से काम करते हैं? 007 हु
इनके कामों की सूची /« +> ५
बनाओ। |
मेहनत कश मजदूर किसानों ने जो अन्न उगाया,
उसी अन्न से मेहनत कर खाना गया पकाया,
खाने से पहले श्रम के प्रति हम सम्पान जताएँ,
कोई भूखा नहीं रहे, यह सोच प्रेम से खाएँ।
किसान बड़ी मेहनत से अनाज उगाता है। अनाज पैदा करने के लिये कभी-कभी तो वह
सर्दी के दिनों में भी खेत की सिंचाई करता है, फसल तैयार करता'है। पता करो किसान को
फसल पेंदा करने के लिये कौन-कौन से कार्य करने पड़ते हैं / इनकी सूची बनाओ।
गाँव, नगर में शांति तथा सुरक्षा बनाए
रखने का काम पुलिस करती है। जंबकि देश की
सुरक्षा का काम सेना द्वार किया जाता है।_ जीप
!
अब तुम समझ चुके होंगे कि तरह-तरह
का काम करने वाले व्यक्ति, एक टूसरे की मदद
करते हैं। हमारी जरूरतों को पूरा करने के लिये
सभी का काम बहुत जरूरी होता है।..
0|
अभ्यास
(अ) नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखो-
. डॉक्टर की हमें कब जरूरत होती है?
2. घर बनाने के लिये किन-किन लोगों की जरूरत पड़ती है?
3) पुलिस का क्‍या काम है?
4 . सेना हमारे लिये क्‍यों महत्वपूर्ण है?
5. किसान के कामों को जरूरी क्‍यों समझा जाता है?
(ब) सही जोड़ी बनाओ-
किसान मरीजों की देखभाल करना।
मजदूर बोझा ढोना।
मोची अनाज पैदा करना।
नर्स कपड़े धोना।
दर्जी जूते चप्पल बनाना।
धोबी '. कपड़े सीना।
(स) पता करो-
. दूध से कौन-कौन सी चीजें बनती हैं?
2. लोहे से बनने वाली कौन-कौन सी चीजें हैं?
3 लक क्या-क्या बनाया जाता है?
4 . मिट्टीसे कौन-कौन सी चीजें बनाई जाती हैं?
पाठ-3
कलाकारों का जीवन
सीखेंगे- 302: जा.
७ कार्य में लगे लोगों के बारे में जानना।
७ मनोरंजन के कार्य में लगे कलाकारों के जीवन एवं उनके क्रियाकलापों की जानकारी।
७ _ कार्यजगत के महत्व को समझना।

यहाँ एक चित्र दिया गया है। इस चित्र को ध्यान से देखो। आपस में चर्चा करके पता
करे-
& यह क्सि का चित्र है?
७ इसमें कौन-कौन से लोग क्या-क्या काम कर रहे हैं?
७ प्रत्येक गतिविधि के लिये पता करो कि जो दिखाई दे रहा है उसके पहले क्या हुआ
होगा? और इसके बाद क्‍या होगा?
तुम्हारे गाँव/नगर में कभी सर्कस आए तो सर्कस में काम करने वाले लोगों के बारे में
पता करो-
कहाँ रहते हैं?
ये अपने काम को दिखाने की तैयारी किस तरह करते हैं?
ये अपनी जान को किस तरह जोखिम में डालकर काम करते हैं?
किसान के काम और इनके काम में कौन-कौन से अन्तर हैं?
कलाकार और किसान की मेहनत में किस-किस तरह का अन्तर है?
किसान का हल चलाते हुए चित्र बनाओ और उसमें रंग भरो-

शिक्षण संकेत- चित्र पर बच्चों की खूब बातचीत कराएँ। गतिविधि से पहले और बाद के कार्या का अनुमान लगवाएँ।
कलाकारों के जीवन ओर कार्यकलापों पर जानकारी एकत्रित कराएँ। इस जानकारी पर चर्चा करएँ। कलाकारों के कामों की
तलना किसान के कार्यों से कराएँ।
पाठ-4 ८
स्वस्थ जीवन का आधार
हम सीखेंगे- ! 020« 758 ह:57
को मन लगा लिये दी न 60020 2 20 37720:
७ संतुलित भोजन क्‍या है? : *०११९
७ भोजन से मिलने वाले तत्व कौन-कौन से होते हैं?
७ स्वस्थ रहने के लिये भोजन कैसा होना चाहिए?

राजू आज वक्षा में देर से पहुँचा। गुरूजी के पूछने पर राजू ने बताया, 'गुरूजी थकान
लगी थी इसलिए रास्ते में बैठ गया था।”
गुरूजी ने कहा- तुम तो कमजोर भी लग रहे हो, ठीक से खाना नहीं खाते क्‍्या?'
राजू ने कहा- खाना तो ठीक से खाता हूँ, फिर भी कमजोरी सी लगती है।
गुरूजी ने पूछा- बताओ तुमने पिछले दो दिनों से क्या कया खाया है?'
राजू ने बताया- मैंने तो चावल और आलू की सब्जी खाई है।
क्या राजू को रोज चावल और आलू की सब्जी ही खानी चाहिए? उसे और क्या-क्या
खाना चाहिए? तुम रोज क्या-क्या खाते हों? - |
- . हमारे शरीर को काम करने के लिये ताकत -की जरूरत॑ होती है। यह ताकत हमें भोजन
से मिलती है। भोजन में कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जो शरीर को स्वस्थ और ताकतवर बनाती
हैं। इन्हें भोजन के पोषक तत्व कहते हैं। जैसे कार्बोहाईड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन, खनिज-
लवण, पानी आदि।
नीचे दिए चित्र को ध्यान से देखो।
चावल, गेहूँ, ज्वार, मक्का, आलू, गन्मा आदि खाने से शरीर को कार्बोहाइड्रेट मिलत्ता
है। काबाहाइड्रेट से शरीर को ताकत मिलती है।
मूंगफलो, तिल्‍्ली, घी, तेल, मक्खन, दूध आदि से शरीर को चिकनाई मिलती है। इससे
भी हमारे शरीर को काम करने की शक्ति मिलती है

रोटी तथा चावल के साथ हम दाल खाते हैं, दूध भी पीते हैं, सोचो क्‍यों? दाल, माँस,
मछली, अण्डे, सोयाबीन, दूध तथा दूध से बनी चीजों से हमें प्रोटीन मिलता है।
प्रोटीन हमारे शरीर में होने वाली टूट-फूट को ठीक करता है तथा शरीर को बढ़ने में मदद
करता है। यह माँस पेशियाँ बनाने का भी काम करता है। इसलिये बढ़ते बच्चों को प्रोटीन की
आवंश्यकता अधिक होती है।

सोचो, हमें ताकत इन सबसे मिल जाती है तो, फिर हम हरी साग-सब्जी, फल क्‍यों
खाते हैं?
यदि हम हरी साग-सब्जी बिल्कुल न खायें तो कया होगा?
शरीर की हड्डियों और दाँतों को मजबूत रखने और रक्त बनाने का काम खनिज लवण
करता है। खनिज लवण सभी प्रकार की हरी सब्जियों तथा ताजे फलों से मिलता है।

शरीर में कुछ तत्वों की कमी से हम बीमार पड़ जाते हैं। ये तत्व विटामिन कहलाते हैं।
विटामिन, हरी साग सब्जियों जैसे पालक, मैथी, चने का साग, टमाटर, कहू, गाजर, नींबू
आदि में अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। पीले फलों जैसे संतरा, आम तंथा माँस, मछली, अंडे
और दूध में भी विटामिन पाये जाते हैं।
सोचो, हम सिर्फ दाल या चावल ही क्‍यों नहीं खाते?
हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिये विभिन्‍न प्रकार के तत्वों की जरूरत होती है। ये
सभी हमें किसी एक खाद्य पदार्थ से प्राप्त नहीं होते। इसलिए हमें विभिन्‍न प्रकार के खाद्य
पदार्थ खाने की जरूरत होती है।
हरी साग, भाजी तथा फलों से हमें खनिज लवण के साथ-साथ विटामिन भी मिलते
हैं। इसलिए हमें मौसमी फल एवं साग सब्जियाँ खाना चाहिए।
अब तुम पाठ में दी गई जानकारी के अनुसार नीचे की तालिका को भरो।
क्र. भोजन के तत्व क्या-क्या खाने से इनके खाने से क्‍या लाभ
मिलता है? | होता है?
] . कार्बोहाइड्रेट गेहूं, ज्वार, मक्का, आलू, ताकंत मिलती है।
शकरकंद, गन्ना स्वस्थ व प्रसन्‍न रहते हैं।
2. वसा “अत शा 70)
3. प्रोटीन
4. खनिज लवण
5. विटमिन
यदि हम अपने भोजन में सभी प्रकार के भोज्य पदार्थ नहीं लेते हैं, तो तरह-तरह की
बीमारियाँ हो जाती हैं, जैसे रतौंधी, सूखा रोग, खून की कमी आदि। शेगों से बचने के लिये
भोजन में ताजी हरी सब्जियाँ एवं पीले फलों जैसे पपीता का अधिक उपयोग करना चाहिए।
फल व सब्जी खाते समय तुम किन-किन बातों का ध्यान रखते हो?
फल और सब्जी को हमेशा धोकर खाना चाहिए। परन्तु काटने के बाद फल और सब्जी
को धोना नहीं चाहिए। इससे उनके खनिज लवण और विटमिन नष्ट हो जाते हैं। फल और
-सब्जी बहुत देर तक काटकर नहीं रखंना चाहिए।
बताओ, खाना बनाते समय क्या-क्या सावधामियाँ रखनी चाहिए?
सब्जी को देर तक पकाना नहीं चाहिए। पकाते समय सब्जियों में ज्यादा पानी नहीं डालना
चाहिए। इससे भी उनके खनिज लवण और विटामिन नष्ट हो जाते हैं।
भोजन के बाद पर्याप्त पानी भी पीना चाहिए। पानी, भोजन को पचाने में मदद करता
है। अपने गुरूजी से पूछकर उन खाद्य पदार्थों की सूची बनाओ जो तुम्हारे प्रतिदिन के भोजन
में.होना चाहिए। ' ४
प्रतिदिन के भोजन की सूचू
केसा भोजन करते हो ?. केसा भोजन करना चाहिए?
हमारें भोजन में सभी आवश्यक तत्वों का होना जरूरी है। ऐसा भोजन जो ताकत दे,
बढ़ने में सहायक हो तथा रोगों से बचाव करने की शक्ति दे। ऐसे भोजन को हम संतुलित
भोजन कहते हैं। ध
भोजन करते समंय हमें किन-किन्न बातों का ध्यान रखना चाहिए?
क्या हमें खाना खाने से पहले हाथ धोना चाहिए?
हमें केसा भोजन करना चाहिए, ताजा या बासा?
भोजन करने से पहले हाथ अच्छी तरह से धोना चाहिए। ५!
जिस खाने पर धूल और मक्खियाँ बैठी होती हैं , वह दूषित हो जाता है । बासे और खुले
रखे पदार्थ खराब हो जाते हैं। ऐसा भोजन करने से हम बीमार भी पड़ सकते हैं। इससे उल्टी,
दस्त, हैजा, अतिसार आदि बीमारियाँ हो जाती हैं। - द >
हमें हमेशा ताजे भोजन और साफ पानी का उपयोग करना चॉहिए। यहीं एक अच्छे स्वास्थ्य
का मूल मंत्र है।
अभ्यास ' ४
(अ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखों
(।) यदि भोजन में सब्जियाँ न हों तो शरीर को क्या नुकंसान होगा? !
(2) ताकत के लिये हमें क्या-क्या खाना चाहिए? . 0,
(3) संतुलित भोजन किसे कहते हैं?
(4) दूध और दूध से बनी चीजें न खायें तो क्या होगा?
(5) पानी न पीयें तो क्‍या होगा?
(ब) रेखा खींचकर जोड़ी मिलाओ।
शरीर की रक्षा करने वालेपक .कार्बाहाइड्रेट
ताकत देने वाले तत्व
अधिक ताकत देने वाले तत्व
शरीर को बढ़ाने वाले तत्व , खनिज-लवण ___
(स) नीचे दी गई चीजों को उनसे मिलने वाले तत्वों के अनुसार सही खाने में लिखो।
तेल, पालक, अरहर, गेहूँ, घी, गुड़, चने का साग, मटर, मक्का, मक्खन, शहद, गाजर,
मछली, चना, आलू, पपीता, चीनी, चावल, मूँग, गन्ने का रस।
॥ 604 ॥6 0 007 खाने वाली चीजें
स्टार्च और कार्बोहाइड्रेट | +'एछत्म मक्‍डा। अन्य
चिकनाई
शर्करा
प्रोटीन
खनिज लवण
विटामिन
(द) कारण बताओ-
(|) खाना खाने से पहले हाथ क्‍यों धोना चाहिए?
(2) फल, सब्जी को काटने से पहले क्यों धोना चाहिए24 "छह
(3) भोजन पकाते समय अधिक पानी क्‍यों नहीं डालना चाहिए?
(4) भोजन को अधिक क्‍यों नहीं पकाना चाहिए?
(5) बासा तथा खुला भोजन क्‍यों नहीं करना चाहिए?
(य) कुछ सामान्य साग सब्जियों के चित्र बनाओ -
पाठ-5

पीने का साफ पानी


सीखेंगे-
मद
७ गन्दे पानी से कौन-कौन से नुकसान होते हैं?
७ पीने का पानी कैसे गन्दा हो जाता है?
७ पीने के पानी को कैसे साफ किया जाता है?

रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।


पानी गए ना उबरे, मोती, मानुस, चूना।
इस दोहे में मोती, मनुष्य, और चूना के लिये पानी की जरूरत बताई गई है।
ऐसे और कौन-कौन से काम होते हैं जो पानी के बगैर नहीं होते?
पानी का उपयोग हम खाना बनाने, नहाने, कपड़े धोने, पेड़-पौधों में डालने, खेतों की
सिंचाई करने, पीने जैसे अनेक कामों में करते हैं। हमारे शरीर में भोजन को पचाने के लिये
भी पानी की आवश्यकता होती है। हमें पानी कहाँ-कहाँ से प्राप्त होता है?
पानी हमें कुएँ, तालाब, नदी, हैण्डपम्प व बरसात आदिसे प्राप्त होता है। पानी का गलत
उपयोग करने पर पानी गंदा हो जाता है। आसपास का अवलोकन करके पता करो कि पानी
किस-किस तरह से गन्दा होता है?
पानी के गंदा होने के निम्मलिखित
कारण हैं:-
७ कुएं, नदी, तालाब व हैण्डपम्प
के पास नहाने या पशुओं को
नहलाने से उनके शरीर की
गंदगी पांगी मे मिलाजती है। ८
७ कुएँ, नदी, तालाब व हेण्डपम्प
के पास गंदे कपड़े धोने से,
कपड़ों का मैल पानी में मिल जाता है।
कुएँ, नदी व तालाब आदि में या इनके आसपास मल-मूत्र करने से।
नदी, तालाब, कुएँ व हैंडपम्प के आसपास कूड़ा-करकट व गंदंगी डालने से।
गंदे नाले व नालियों के पानी का नदी, तालाब आदि में मिलने से।
कारखानों का गन्दा पानी नदी, तालाब, कुओं में मिलने से।
बरसात के पानी का जमीन की गंदगी, मिट्टी को नदी, तालाब आदि में ले जाने से।
घर में भी पानी गंदा हो सकता है, जिसके प्रमुख कारण निम्न लिखित हैं
गंदे बर्तन में पानी भरने से।
पानी भरे बर्तत्ञ को गंदे स्थान पर या धूल वाले स्थान पर रखने से।
पानी के बर्तन को खुला रखने से।
गंदे बर्तन से पानी निकालने से।
पीने के पानी में गंदे हाथ डालने पर भी हाथ की गंदगी पानी में चली जाती है।
सोचो और बतांओ कि पानी को गंदा होने से बचाने के लिये हमें क्या-क्या उपाय करने
चाहिए?
बताओ कौन सा तरीका सही है? और
क्यों?
गंदा पानी पीने से हमें बहुत सी बीमारियाँ
हो जाती हैं, जैसे- डायरिया, हैजा, पीलिया
आदि।

इन बीमारियों के फैलने की मुख्य कारण _..


पानी में होने वाली गंदगी है। इन बीमारियों से -
बचने के लिये साफ पानी पीना चाहिए। पानी को
साफ करने/रखने के प्रमुख तरीके आगे दिए
गए हैं
]. पानी को छानकर।
2. पानी को उबालकर।
3, पानी में फिटकरी डालकर।
इसे करके देखो-
काँच के एक गिलासमें गन्टा पानी लेकर उसमें फिटकरी
का थोड़ा सा पाउडर डालो। चम्मच से पानी में पाउडर को
घोल दो। थोड़ी देर बाद बर्तन की तली को देखो। तुम्हें क्या
दिखाई दे रहा है?
हमें हमेशा साफ बर्तन में पानी को छानकर भरना चाहिए तथा साफ बर्तन से पानी निकालना
चाहिए। पानी रखने का बर्तन साफ जगह पर रखकर, ढक देने से उसमें गंदगी नहीं जा पाती।
गेगी व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाए गए बर्तन को अच्छी तरह साफ करके ही उपयोग में लाना
चाहिए जिससे हम बीमारियों से बच सकते हैं। तुम्हारे गाँव में तुम्हें पानी कहाँ से मिलता
है? सूची बनाओ।
गांव में नदी, तालाब, कुएँ, हैंडपम्प आदि को साफ रखने के लिये तुम क्या-क्या उपाय
करेगे?
घर में पीने के पानी को रखने व उपयोग करते समय कौन-कौन सी सावधानियाँ रखनी
चाहिए?
पानी हमारे जीवन के लिये बहुत कीमती पर्दार्थ है। इसकी सुरक्षा की जानी चाहिए। पानी
के बिना मनुष्य, पशु, पक्षी व पौधे जीवित नहीं रह सकते।
आगे दी गई कविता को पढ़ें। इस कविता से पानी के बारे में नीचे दी गई जानकारी को
प्राप्त करो। "
७ पानी की आवश्यकता
७ पानी के रूप
७ पानी के स्रोत
& पानी से नुकसान
मुँह धोऊंगा पानी से
-्जर
*

मुन्ना बोला नानी से


प्यासे पानी पीते हैं
पानी से सब जीते हैं ९३६५०
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जाने कब से पानी है जब ०5
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28 ; कितनी बड़ी कहानी है. ६8070


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अकट कुओं में रहता निर्मल /॥ आ९ “की5 की,
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शक कि भारी आफ़त ढाता है 2 /
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शिक्षण संकेत- ऊपर दी गई कविता को पढ़कर सुनाएँ। बच्चों से पढ़वाएँ। पानी के रूप-ओस, कोहरा, ओला पर चर्चा कराएँ।
जब बादल की जलवाष्प ठण्डे क्षेत्र से गुजरती है तो वह जमकर ओला बन जाती है। अधिक सर्दी के दिनों में सुबह के समय
कभी-कभी धुँआ सा जमा हो जाता है,जो बाद में धूप की गर्मी से हटता है, कोहरा कहलाता है। सर्दी के दिनों में ही सुबह
के समय घास, फूल, पत्तियों पर पानी की छोटी-छोटी बूंदे एकत्रित हो जाती हैं जिसे ओस कहते हैं।
अभ्यास
(अ) नीचे दिये प्रश्नों के उत्तर लिखो-
पानी हमारे किस-किस काम में आता है?
कस

22 पानी कहाँ-कहाँ से प्राप्त होता है?


छ पानी गंदा होने के मुख्य कारण कौन-कौन से हैं?
4. पानी को गंदा होने से बचाने के लिये कौन-कौन से उपाय किये जा सकते हैं?
के गंदा पानी पीने से कौन-कौन से रोग हो सकते हैं?
यदि पानी नहीं होता तो क्‍या होता?
४5०

6
(ब) सही जोड़ी बनाओ-
पक किया जाता है।
पानी को हम्नेशा बीमारियाँ हो जाती है।
के लिये बहुत कीमती है।
पानी को उबालकर, छानकर पीना चाहिए।
ब फिटकरी डालकर
(स) तालाब के पानी का उपयोग को, चित्र बनाकर दिखाओ-
पाठ 6

मिट्टी
हम सीखेंगे-
७ मिट्टी केसे बनती है, तथा कितने प्रकार की होती है?
७ मिट्टी की हमारे जीवन में क्या उपयोगिता है?
७ मिट्टी उपजाऊ कैसे बनी रहे, को समझना।
७ मिट्टी का अपरदन कैसे होता है?
७ मिट्टी के संरक्षण के उपाय कौन-कौनसे हैं?

गाँव-गली खेतों में मिट्टी,


किक काकाथक पक

बाहर मिट्टी, घर में मिट्टी।


>._ ी.नक कील

टप-टप-टप-टप बूँद पड़ी तो,


लललकीलीर
ली

महकी सोंधी-सोंधी मिट्टी।


काली मिट्टी, पीली मिद्ठी,
चिकनी, दुमट, रेतीली मिट्टी।
तरह-तरह के रंग रूप में,
देखो, यह मिलती है मिट्टी।
कविता पढ़कर समझ ही गये होगे, कि हम इस पाठ में मिट्टी के बारे में जानेंगे। कविता
को ध्यान से पढ़ो और बताओ-
मिट्टी कहाँ-कहाँ मिलती हे?
मिट्टी किस-किस तरह की होती हे?
मिट्टी का उपयोग कहाँ-कहाँ किया जाता हे?
पेड़-पौधे और फसलों को लगाने के लिये हमें मिट्टी की जरूरत पड़ती है। इन्हीं पेड़-
पौधों पर सभी जीव-जन्तु निर्भर रहते हैं। मिट्टी के खिलौने, ईंट और मिट्टी के बर्तन जैसे घड़े,
सुराही आदि भी मिट्टी से बनाए जाते हैं।
सोचो, मिट्टी केसे बनी होगी?
शिक्षण संकेत- पाठ को पूरी में कबिता गायन के साथ शुरू करें। पाठ में दिए प्रश्नों पर चर्चा कराएँ।
तुम्हें पता है कि नदियाँ, पहाड़ों से बंहकर नीचे मैदान में आती हैं। वे पहाड़ों से छोटे
बड़े पत्थर अपने साथ लातीहैं। रास्ते में लुढ़कते-लुढ़कते ये पत्थर आपस में टकराते तथा
रगड़ खाते हैं। जिससे ये पत्थर टूटते-फूटते रहते हैं और छोटे-छोटे कणों में टूटकर मिट्टी का
रूप धारण कर लेते हैं। मिट्टी की एक सेंटीमीटर की परत बनने में हजारों
साल लग जाते हैं।
आओ., पत्थरों को आपस में रगड़कर देखो।
दोनों हाथों में एक-एक खुरदरा पत्थर लो। इन्हें आपस में रगड़ो।
रगड़ से गिरे चूर्ण को एक सफेद कागज पर लो। चूर्ण को हाथ से |: 2260६
4
छुकर देखो, कैसा लगता है? 2
अब इस चूर्ण को हैंड-लैंस की सहायता से देखो। चूर्ण कैसा दिखाई देता है? बालू की
तरह या मिट्टी की तरह।
इन्हीं बालू जैसे कणों में जब सड़ी-गली चीजें और मृत जीव-जन्तुओं के अवशेष मिल
जाते हैं तो मिट्टी का निर्माण होता है।
सडी-गली चीजों और मृत जन्तुओं के अवशेषों से हामस बनता है।
सोचो मिट्टी कितने प्रकार की होती है?
जब तुम कल शांलाआओ तो अलग-अलग स्थानों की मिट्टी को छुकर देखना और नीचे
दी गई तालिका को -भरकर.लाना।
क्र. अलग-अलग मिट्टी का क्त्ग कणों का आकार | छूकर देखने में
स्थानों की (मट-मेला, पीला | (छोटे या बड़े) (चिकनी
मिट्टी या काला) या खुरदरी)
. घर के पास की मिट्टी सीता हे ख््ट्ही
2. खेत की मिंड्ठी ४० अल 2 प्लिड्
3. तालाब या पोखर 5 9) नल
के पास की मिट्टी कं धो
4. नदी-नाले की मिट्टी महज. २
शिक्षण संकेत- प्रयोग को छोटे समूहों में कराएँ। प्रयोग के बाद निष्कर्षों पर कक्षा में बातचीत कराएँ।
क्या सभी जगह की मिट्टी एक जैसी है?
तालाब या पाखर की मिट्टी बहुत बारीक होती है, और चिकनी भी होती है। ऐसी मिट्टी
“चिकनी मिट्टी कहलाती है।
नदी के किनारें से लायी गई मिट्टी (बालू) और चिकनी मिट्टी दोनों को अच्छी तरह मिलाकर
कागज पर फैलाओ। तुम्हें कुछ कण छोटे व कुछ कण बड़े दिखाई देंगे। बड़े कणों की बालू
और छोटे कणों की चिकनी मिट्टी दोनों को मिलाने से दोमट मिट्टी बनती है।
मैदान की मिट्टी के अंधिकतर कण आकार में बड़े होते हैं। ये बालू के कण के समान
दिखाई देते हैं। इसे बालई मिट्टी कहते हैं।
कोन सी मिट्टी पानी को अधिक सोखती हे?
आओ इसे एक प्रयोग से समझें।
. मिट्टी के तीन कटोरे लो। उनके पेंदे में छेद कर लो। प्रत्येक कटोरे के नीचे एक-एक काँच
का गिलास रखो। एक कटोरे में चिकनी मिट्टी, दूसरे कटोरे में दोमट मिट॒टी और तीसरे कटोरे
में बालुई मिटटी डालो। तीनों कटोरों में बराबर-बराबर पानी डालों। कुछ समय के बाद देखो
कि किस गिलास में संबसे ज्यादा पानी एकत्र हुआ है? उससे कम पानी किस गिलास में एकत्रित
हुआ? सबसे कम पानी किस गिलास में एकत्र हुआ हैं?
प बालुईं मिट्टी दोमटःमिट्टी | चिकनी मिट्टी

त॒म देखोगे कि-


चिकनी |मिट्टी वाले कटोरे से सबसे कम पानी बाहर मिकला।
- दोमट मिट्टी वाले कटोरे से कुछ अधिक पानी बाहर निकला।
- बालुई मिट्टी वाले कटोरे से सबसे अधिक पानी बाहर निकला।
इससे निष्कर्ष निकलता है कि -
- चिकनी मिट्टी में पानी रोकने की क्षमता सबसे अधिक होती है।
- टोमट मिट्टी पर्याप्त मात्रा में पानी सोखती है।
- बालुई मिट्टी में पानी सोखने की क्षमता सबसे कम होती है।
कौन सी मिट्टी सबसे अधिक उपजाऊ होती हे?
आओ एक प्रयोग करें।
तीन गमले लो। एक गमले में चिकनी मिट्टी, दूसरे गमले में दोमठ मिट्टी तथा तीसरे
गमले में बालुई मिट्टी भरो। अब इन में गेहूँ बोओ। तीनों गमलों को धूप में रखो तथा इनमें
नियमित रूप से पानी दो तथा कुछ सप्ताह तक बीजों का अंकुरण तथा पौधों की वृद्धि का:
अवलोकन करों। नीचे दी गई तालिका में अपना अवलोकन लिखो। |
गमला प्रथम सप्ताह द्वितीय सप्ताह | तृतीय सप्ताह
चिकनी मिट्टी

टोमट मिटद्दी

बालुई मिट्टी
किस प्रकार की मिट्टी में पोधे की सबसे अधिक वृद्धि हुई?
तुम देखोगे की दोमट मिट्टी वाले गमले में ज्यादा वृद्धि हुई। सोचो ऐसा क्‍यों हुआ ?
दोमट मिट्टी पर्याप्त मात्रा में पानी सोखती है और इसमें हमस भी पर्याप्त होता है। हामस,
मिट्टी के उपजाऊपन के लिए बहुत जरूरी है। ! ड्
पेड़, पौधे और फसलें सभी मिट्टी पर निर्भर रहती हैं। हमारे घर, शाला भव॒न आदि कोः:
बनाने में भी मिट्टी की आवश्यकता होती है। मिट्टी हमारे जीवन के लिये बहुत उपयोगी होती
हैं। हमें इसे नष्ट होने से बचाना चाहिए। 28
नल कक आग 7 आय गा हा)
शिक्षण संकेत- हामस के बार में अधिक जानकारी दने के लिये बच्चों को, हामस की हेण्ड लेन्स से दिखाएँ।
स्क्क
तेज वर्षा का मिट्टी पर क्‍या प्रभाव पड़ता है?
तेज हवा (आँधी) का मिट्टी पर क्‍या प्रभाव पड़ता है?
आओ इसे समझें-
फर्श पर एक कागज बिछाकर उसपर थोड़ी सी सूखी मिट्टी रखो। मिट्टी के ढेर को तेजी
से फूंको। देखो क्‍या होता है? इसी तरह मिट्टी के ढेर पर तेजी से पानी डालो। बताओ पानी
डालने पर क्‍या हुआ?
जहाँ घास, पेड़-पौधे लगे हों, उस स्थान पर तेज हवा अथवा तेज पानी से मिट्टी के स्थान
में परिवर्तन नहीं होता है। क्योंकि घास एवं पेड़-पौधों की जड़ें मिट्टी को जकड़े रहती हैं।
तेज हवा, तेज वर्षा मिट्टी की ऊपरी परत को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती
हैं। इस क्रिया को मिट्टी का अपरदन कहते हैं।
मिट्टी के अपरदन से मिट्टी की ऊपरी परत जो बहुत उपजाऊ होती हैं, वह बह जाती
है। इससे मिट्टी का उपजाऊपन कम हो जाता है। हमें मिट्टी के उपजाऊपन की रक्षा करनी चाहिए।
इसे ही मिट्टी का संरक्षण कहते हैं। बताओ मिट्टी के उपजाऊपन की रक्षा हम कैसे कर सकते
हैं?
मिट्टी संरक्षण के उपाय
७ पेड़े-पोधे एवं जंगलों की अवैध कटाई पर रोक लगाना।
७ वक्षारोपण करना।
७ खेतों पर मेढ़ बनाना।
७ पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा खेत बनाना।
पेड़-पौधों की जड़ें अपने आसपास की जमीन को जकड़े रहती हैं। इसके अलावा वर्षा
की बूंदे सीधे जमीन पर न पड़कर पहले पेड़-पौधों पर पड़ती हैं। इससे पानी की बौछारों में
जमीन की ऊपरी परत को खुरचने की ताकत कम हो जाती है। जिससे उपजाऊ मिट्टी को बहने
से बचाया जा सकता है। इसलिए मिट्टी को बचाने के लिए पेड़-पौधों को लगाना चाहिए।
शिक्षण संकेत- मिट्टी के संरक्षण पर सामूहिक रूप से चर्चा करवाएँ। खेतों में लोगों ने मिट्टी के अपरदन को गकने के लिये
किस प्रकार के उपाय किए हैं, यदि हो सके तो भ्रमण कराकर दिखायें।
अभ्यास .

।. नीचे दिये गये कथनों में सही के सामने (+>) सही का चिह्न और गलत के सामने
गलत (५) का चिह्न लगाओ।
(अ) फसलों में पैदावार बढ़ाने के लिए खाद डालते हैं। [26
(ब) बालुई मिट्टी में नमी अधिक होती है। 0)

(स) मिट्टी को हवा उड़ाकर नहीं ले जाती है। (0008 »)

(द) पेड़ों की कटाई, मिट्टी के अपरदन का कारण हैं। (0)


2. खाली स्थानों को भरो।
(अ) मिट्टी की एक सेंटीमीटर परत €ज़ाश. आल्न.. में बनती है।
5८:९३ 2 62, टजाश बता ० बनती /५

टाल लटानो के लिया 9 लत

(है ,ल्विल्वतला मिट्टी से बर्तन बनाये जाते हैं।


3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखो?
(अ) चिकनी मिट्टी तथा दोमट मिट्टी में कोई दो अन्तर लिखों?
(ब) दोमट मिट्टी तथा बालुई मिट्टी में कोई दो अन्तर लिखों?
(स) मिट्टी की हमारे जीवन में क्या-क्या उपयोगिता है?
(द) पौधे, मिट्टी की सुरक्षा किस प्रकार करते हैं?
(ह) यदि सभी वृक्षों को काट दिया जाए तो मिट्टी पर तथा जीव जन्तुओं पर कौन-कौन से
प्रभाव पड़ेंगे?
सही उत्तर चुनो-
() मिट्टी मुख्यतः कितने प्रकार की होती है?
(अ) एक (ब) दो
(तोन (द) चार
(2) सबसे अधिक पानी सोखने की क्षमता होती है।
(अ) चिकनी मिट्टी में (ब) बालुई मिट्टी में
(स) दोमट मिट्टी में 96 (द) सभी में
(3) मिट्टी के अपरदन की क्रिया होती है।
(अ) तेज हवा और तेज वर्षा से "“(ब) अधिक गर्मी से
(स) अधिक ठण्ड में (द) किसी से भी नहीं
(4) मिट्टी की सबसे अधिक उपजाऊ परत होती है।
(अ) ऊपरी परत थ्थ (ब) बीच की परत
(स) सबसे नीचे की परत (द) कोई भी नहीं
(0) सड़ी-गली चीजों और मृत जीव जन्तुओं के अवशेषों से बनता है।
(अ) ह्वमस (ब) बालुई मिट्टी.
(स) चिकनी मिट्टी (द) दोमट मिट्टी.
. गमले में एक पोधे का चित्र बनाओ-
पाठ-7
पेड पौधे और उनके प्रकार
हम सीखेंगे-
७ पेड़-पौधों के आकार तथा प्रकार के आधार पर वर्गीकृत करना।
७ पेड़-पौधों का हमारे जीवन में क्‍या महत्व है?

तुमने अपने आसपास तरह-तरह के पेड़-पौधे देखे होंगे। क्या सभी पेड़-पौधे एक ही आकार
के होते हैं? क्या सभी पौधे सभी मौसम में पाये जाते हैं? आसपास के पेड़-पौधों को ध्यान
से देखो और उनकी सूची बनाओं।
बड़े पेड़ों का नाम छोटे पोधों का नाम बहुत छोटे पोधों का नाम
उताम शाह जात
कर झ्ब्गबा पा
'मिर्च्य,
० २० ५
नर प
निसतक चढ़ा 5६2) तर

रजत
पेड़-पौधे अलग-अलग तरह के होते हैं। इनमें से कुछ बड़े, कुछ छोटे तथा कुछ बहुत
छोटे होते हैं। कुछ लम्बे समय तक जीवित रहते हैं तो कुछ बहुत कम संमय तक। कुछ पौधे
तो किसी एक ही ऋतु में उगते हैं और नष्ट हो जाते हैं।
इनमें से जो सबसे बड़े होते हैं, उनको पेड़
कहते हैं। किसी एक पेड़ को चुनो और उसे छूकर
देखो, उसका तना कैसा है? मोटा या बहुत
पतला? जमीन पर सीधे खड़ा है या किसी के
सहारे?
पेड़ सीधे खड़े रहते हैं तथा इनकी शाखाएँ
(डालियाँ) इधर-उधर फैली रहती है। ये कई साल
तक जीवित रहते हैं। अपने आसपास पाए जाने
वाले पेड़ों के नाम पता करो।
आकार में पेड़ों से जो छोटे होते हैं, उनको पौधा कहते हैं। आओ विभिन्‍न प्रकार के पौधों
को जाने।
क्या तुमने मेंहदी, कनेर या गुलाब का पौधा देखा है? इनको झाड़ी कहते हैं इनमें से
किसी एक झाड़ी को देखो, इसमें शाखाएँ कहाँ से निकली हुई हैं? पौधे के निचले
भाग से, क्‍
जमीन के पास से या ऊपर से। पौधा गोलाई में फैला हआ है या लम्बा है? |
झाड़ियों में निचले भाग से शाखाएँ ।
निकलने के कारण पौधा गोलाई में फैल
जाता है, इनका तना भूरे रंग का होता है।
क्या झाड़ियों से भी छोटे पौधे होते
हैं? तुमने टमाटर या पालक का पौधा तो
जरूर देखा होगा। इनको ध्यान से देखो और /#
हिबताओ तने का रंग कैसा है? तना ए
कोमल है या कठोर? जिन पौधों का आकार |
लम्बाई में कम होता है, तना हरा तथा |!
कोमल होता है, उसे शाक कहते हैं। कुछ
शाक वाले पौधों की सूची बनाओ। झाड़ी
लौकी, करेला तथा सेम फलीके पौधों में
क्या समानता है? क्‍या ये सभी सीधे खड़े हो
सकते हैं? इनको सीधे खड़ा रखने के लिये हम
क्या करते हैं?
जिन पौधों को सीधे खड़े रखने के लिये
सहारा देने की जरूरत होती है, उन्हें आरोही पौधे
(बेल) कहते हैं। कुछ और आरोही पौधों का नाम
पता करे। ///000%0
अपने आस-पास तुमने कुछ ऐसे पौधों को
भी देखा होगा जिनमें काटे होते हैं। ऐसे पौधों
44 “वो बज गोय कहा
नीचे कुछ पौधों/वृक्षों के नाम लिखे हैं। इन्हें नीचे बनी तालिका में सही स्थान पर लिखो।
पुदीना, धनियाँ, करोंदा, मेहंदी, बरगद, नीम, सेम, तुलसी, बबूल, अमलतास, अंगूर,
गेंदा, बैंगन, पालक, गुलाब, इमली, महुआ, गाजर, सूरंन, करेला, लोकीं।
| क्र.. || शाक झाड़ी 0 कं, आरोही (बेल)
5-२ ००) 2 ब्अरजद ज लत

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5 जाशजरश ३6४ जा व्ज्द् ता. शेजश्यू श

॥ आल, हत्द्ा |
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5 " 9३है का

प्र

कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जो लगभग एक वर्ष तक जीवित रहते हैं। इन्हें एक वर्षीय पौधे
कहते हैं। एक से अधिक वर्षों तक जीवित रहने वाले पौधों को बहुवर्षीय पोधे कहते हैं।
अपने आस-पास पाए जाने वाले पौधों के बारे में पता करो। उम्र के आधार पर उनका
नाम नीचे बनी तालिका में लिखो।

एक वर्षीय पौधे बहुवर्षीय पोधे


।.| टमाटर ].| पीपल
%8॥ 7 9 7.
50000 व |
4. कर््चः 4 ब्लाणात्र
है. |
क्या तुम ऐसे पौधों के नाम जानते हो जो सौ वर्ष से अधिक समय तक जीवित रहते हैं?
शिक्षण संकेत - बरगद का पेड़ सौ वर्ष से अंधिक वर्षों तक जीवित रह सकता है।
कुछ पौधे एसे होते हैं, जो केवल पानी के अन्दर ही उगतले .हैं, जैसे - कमल। पानी
में
उगने वाले कुछ और पौधों के नाम पता करो।
पानी में उगने वाले पोधों को जलीय पौधे -
कहते हैं।
: कुछ ऐसे भी पौधे होते हैं जिन्हें पानी की
बहुत हो कम आवश्यकता होती है। जैसे नागफनी।
ऐसे पौधे प्राय: रेगिस्तान में पाये जाते हैं तथा
इन्हें मरूस्थलीय पौधे कहते हैं।
पोधों का उपयोग
अपन भोजन म॑ हम अनक पौधों के विभिन्‍न अंगों का उपयोग करते हैं। पौध का अलग-
अलग भाग खाया जाता है।
सोचो और बताओ पौधे के किन-किन भागों को हम खाते हैं?
७ गाजर और शलजम में पौधों का कौन सा भाग खाते हैं?
७& आलू और अदरक में पौधों का कौन सा भाग खाते हैं?
७ पालक, मैथी की भाजी में पौधों का कौन सा भाग खाते हैं?
७ टमाटर, बैंगन, पपीता में पौधों का कौन सा भाग खाते हैं?
७ मूँगफली में पौधों का कोन सा भाग खाते हैं?
७ फूलगोभी में पौधों का कौन सा भाग खाते हैं?
तुमने देखा-हम पौधे की जड़ (गाजर), तना (आलू), पत्ते (पालक), फल (टमाटर)
फूल (फूलगोभी) तथा बीज (मूँगफली) खाते हैं। मूली में तो हम जड़ के साथ पत्ते भी
खाते
हें।
आगे कुछ खाने वाली चीजों के नाम लिखे हैं। खाने वाली ये चीजें पौधे का कौन सा
अंग होती है? आगे बनी तालिका में सही (<>) का चिन्ह लगाओ।
क्र. | पौथे का नाम | जड़ तना | पत्ती हल पा बीज
. | बैंगन 0
9 फूलगोभी
क्‍ ।

5कःः् >> ७७ञाानााआएछखइिइिइखइिड 9छििकि2999000॥99030)


3. | नारियल 5)
00 सर रह
95, मूँगफली हे
आल मि 0, 2
0

अमल. औ.
8. | प्याज टी,

. उ..ज
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9. | गन्ना ्ट

॥्रूनचंनन्-नामेआंचणरूनंंंंंऑन
0 | हल्दी
]] | पालक |

बा
खाने के अलावा भी पेड़-पौधों के अन्य उपयोग और लाभ होते हैं।
!. पौधे के सड़े-गले हिस्से से खाद बनायी जाती है।
2. कुछ पौधों के बीजों से तेल निकाला जाता है।
3. कुछ पौधों से औषधियाँ, इत्र, गोंद और रबर प्राप्त होता है।
4. कुछ पौधों की फूल-पत्तियों का उपयोग सजावट के लिये किया जाता है।
5. काँटेदार पौधों की बाड़ या बाड़ी लगाई जाती है। द
है. कुछ पेड़ों से मकान बनाने के लिये लकड़ी तथा जलाने के लिये ईंधन प्राप्त होता है।
7. कुछ पौधों से रेशे प्राप्त होते हैं, जो कपड़ा तथा रस्सी बनाने के काम आते हैं।
तुमने देखा पेड़-पौधे हमारे लिये बहुत उपयोगी हैं। इसलिये इनकी सुरक्षा बहुत जरूरी है।
सोचो, और अपने साथियों से चर्चा करो कि पेड़-पौधों की सुरक्षा के लिए हमें क्या करना चाहिए।

शिक्षण संकेत - बच्चों से पेड़-पौधों की सुरक्षा के उपायों पर चर्चा करें।


अभ्यास
(अ) नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखो।
. पेड़ों की क्‍या विशेषताएँ होती हैं?
2. शाक वाले पौधे, झाड़ियों से किस प्रकार से अलग हैं?
3. पेड़-पौधों का हमारे जीवन में क्या उपयोग है?
4. आरोही पौधों को सीधे खड़े होने के लिये सहारे की क्‍यों जरूरत होती है?
(ब) सही शब्द को चुनकर खाली स्थान भरो।
(वृक्ष, बहु वर्षीय, शाक, आरोही पौधे, झाड़ी)
. जिसकी लम्बाई कम, तना हरे रंग का व कोमल होता है ऐसे पौधे को ...>शका
कहते हैं।
न क पात ता जा 0 का कहते हैं।
3, शाक और झाड़ी से बड़े पौधे! .%९॥८......... कहलाते हैं।
4. ऐसे पौधे जिन्हें खड़े होने के लिए सहारे की आवश्यकता पड़ती है आशरेही ७चौघेः
कहलाते हैं।
5. ऐसे पौधे जो एक वर्ष से अधिक जीवित रहते हैं छह .ए्शि...... कहलाते हैं।
(स) 'क' तालिका में दी गई पेड़-पौधे का कौन सा खाया जाता है 'ख' तालिका से
सही जोड़ी बनाकर बताओ।
(क)
तिल ९
...पाद$
कीट-पतंगे और खरपतवार
७ फसलों, कपड़ों आदि को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों की जानकारी।
७ वे कीट जो मनुष्यों, पशुओं, पश्षियों में राग फैलाने हैं।
७ अनचाही घास और खरपतवार की जानकारी।

हम प्रतिदिन अपने चारों ओर विभिन्‍न प्रकार के कीट-पतंगे देखते हैं। फूलों पर बैठी रंगबिरंगी
तितलियाँ बरबस मन को मोह लेती हैं। मक्खी, मच्छर, झींगुर, तिलचड्टे भी अपनी ओर ध्यान
खींच लेते हैं।
तुम कौन-कौन से कीट-पतंगों को जानते हो, उनके नाम लैथा*चित्र को नीचे दी गई तालिका
में बनाओ। नल

3 का नाप हदब
उसका चित्र मय

मधुमक्खी, तितली आदि कीटों से मनुष्यों को लाभ मिलता है, परन्तु प्राय: कीट अपने
- भोजन के लिये पेड़ों, फसलों, मनुष्यों, पशुओं और पक्षियों को नुकसान पहुँचाते हैं।
पता करे कीट पेड़ों, फसलों, मनुष्यों, पशुओं और पक्षियों को किस-किस तरह: से नुकसान
पहुँचाते हैं? नीचे इसकी सूची बनाओ। कि
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नुकसान पहुँचाने वाले कीटों को दो भागों में बाँट सकते हैं-


. वे कीट जो फसलों, अनाज, कपड़ों आदि को नुकसान पहुँचाते हैं।
2.
ऐसे कीट को मनुष्य, पशुओं, पक्षियों को नुकसान पहुँचाते हैं।
फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले कीट
तुमने कुछ ऐसे कीट देखे होंगे जो पत्तियों, छोटे पौधों, फूलों, अनाज आदि को कुतर-
कुतर कर खा डालते हैं।
कुछ कीट पौधों के तनों, फलों और फूलों में छेदकर उनका रस चूसते हैं, जिससे पौधा
बढ़ नहीं पाता है। बैंगन के फल में इसे आसानी से देखा जा सकता है।
कुछ ऐसे भी कीट होते हैं जो पौधों के तनों को छेदकर उन्हें भीतर से खोखला कर देते
हैं, जिंससे पौधा सूख जाता है।
गोदामों और घरों में रखे अनाज में घुन लग जाती है। घुन लगा अनाज खोखला हो
जाता है। चावल में सूंडी लग जाती है।
नीचे फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले कुछ कीटों के चित्र दिए हुए हैं। तुम इनमें से किन
कीटों को पहचानते हो।

टिट्डी अत्यंत विनाशकारी कीट है। एक टिंड्डी दल में करोड़ों की (संख्या में टिड्डियाँ होती
हैं। ये बहुत बड़े घेरे में फैलकर कुछ ही घंटों में खेत को साफ कर देती हैं।
दीमक, हमारी पुस्तकों, कपड़ों, लकड़ी के सामान 'को नुकसान पहुँचाती है।
जीवों को नुकसान पहुँचाने वाले कीट
तुमने तिलचट्टा, झींगुर, मक्खी, चींटी, मच्छर कीट देखे होंगे। पता करो इनसे जीवों को
किस-किस तरह का नुकसान पहुँचता है?
नीचे इसकी सूची बनाओ-

झींगुर, मक्खी की धनभनाहट से खीज पैदा होती है। तिलचट्टा, झींगुर, मक्खी, चींटी
से बीमारियाँ फैलती हैं। मधुमक्खी, बर्र, ततैया में जहरीला डंक होता है। डंक लगने पर जलन,
सूजन और दर्द होता है।
कुछ ऐसे कीट भी होते हैं जो मनुष्य का रक्त चूसते हैं, जैसे- जुएं, खटमल आदि।
मछली के आकार का एक सफेद चमकीला कीट कपड़ों और किताबों की जिल्द को नुकसान
पहुँचाता है। इसे सिल्वर फिश कहते हैं।
झींगुर और तिलचट्टे खाने के सामान और ऊनी कपड़ों को नुकसान पहुँचाते हैं।
नीचे जीवों को नुकसान पहुँचाने वाले कुछ कीटों के चित्र दिए हुए हैं। तुम इनमें से किन
कीटों को पहचानते हो।

' खटमल प्रच्छर सिल्वर फिश


खरपतवार |
पता करो किसान द्वार फसलों की बार-बार निराई-गोड़ाई क्यों की जाती है?
फसलों को मिलने वाला भोजन, जल और प्रकाश अनावश्यक पौधों को नहीं मिले, इसके
लिये क्‍या करते हैं?
खेत में फसल के साथ अनचाहे घासपात उग जाते हैं। इस घासपात को खरपतवार कहते
हैं।
खरपतवार,फसलों के साथ उगकर फसल के बढ़ने में रुकावट डालते हैं। कभी-कभी इनसे .
फसल नष्ट भी हो जाती है।
फसल॑ की कटाई के समय खरपतवार के बीज फसल के बीज में मिलकर फसल को घटिया
बना देते हैं। यदि खाने के अनाज से इन बेकार बीजों को निकाला नहीं जाए तो ये स्वास्थ्य -
को भी हानि पहुँचाते हैं। द
किसी फसल को खरपतवार से मुक्त रखने के लिये नीचे दिए,कुछ उपाय किए जाते हैं
हाथ से इनको लगातार उखाड़ते रहना।
मशीनों के द्वारा उखाड़ना।
कभी-कभी खेत में आग लगाकर।
खेत को पानी से भरा रखकर।
कुछ खरपतवारनाशक दवाएँ भी बाजार में मिलती हैं, परन्तु इनका प्रयोग सावधानी से
करना चाहिए। कभी-कभी गलत तरीके से प्रयोग करने पर खरपतवार के साथ-साथ फसल को
भी नुकसान हो सकता है।
अभ्यास

. फसलों और अनाजों को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों की सूची बनाओ। बताओ कौन सा
कीट किस तरह हानि पहुँचाता है?
हानिकारक कीट-पतंगों से बचने के लिए कौन-कौन से उपाय करना चाहिए?
>>

पशुओं को बाँधने का स्थान, घर से अलग क्‍यों रखना चाहिए?


(५

अपने कपड़े तथा किताबों को हानिकारक कीटों से कैसे बचाओगे?


खरपतवार को नष्ट करने के लिए कौन-कौन से तरीके प्रयोग में लाए जाते हैं?
(गा
विविध प्रशनावली - एक
200,
(अ) नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखो-
|. आदि मानव को भोजन की खोज में एक स्थान से टूसरे स्थान पर क्यों जाना पड़ता
था?
आटि मानव का भोजन क्‍या था?
>>

यह कैसे पता चला होगा कि आटि मानव अपने भोजन के लिये जानवरों का शिकार
करता था?
आदि मानव को यह कैसे पता चला होगा कि खेती करके खाने की चीजें उगाई जा सकती
हट
किसान और मजदूर के काम किस तरह एक जैसे नहीं हैं?
(

बढ़ई, मोची; किसान और मिख्री तुम्हारी किस-किस तरह से मदद करते है?

दाँतों को मजबूत रखनें के लिए क्या करना चाहिए?


टूघध और दूध से बनी चीजें, हमें क्यों खाना चाहिए?


७७७७६

भोजन करने से पहले हाथों को खूब क्‍यों धो लेना चाहिए?


[0 . पीने के पानी को साफ रखना क्‍यों जरूरी है?
|| ५ पानी के कौन से विभिन्‍न रूपों को तुम जानते हो? लिखो।
॥ 2९ कौन-सी मिट्टी अधिक उपजाऊ होती है, और क्‍यों?
3: जमीन की मिट्टी को बहने से रोकने के लिए क्‍या करना चाहिए?
]4 . आस-पास लगे हुए कोई तीन, बहुवर्षीय पेड़ों के नाम पता करके लिखो।
(). पाँच ऐसे पोधों के नाम लिखों, जिनके-फल खाए जाते हैं।
[6. मनुष्यों को नुकसान पहुँचाने वाले, कोई पाँच कीड़ों के नाग लिखो।
॥0 टिड्डी, फसलों को किस तरह नुकसान पहुँचाती है? ४ ६,
[6. जानवरों के मित्र किसी एक पक्षी का नाम॑ लिखो। यह भीःबताओ कि यह पक्षी जानवर

की कैसे सहायता करता है?
- दीमक, तिलचडट्टा और झींगुर मनुष्य को कैसे नुकसान पहुँचाते हैं?
. कोई तीन जलीय पौधों के नाम लिखो?
. तुम्हारे मनपसंद किसी पेड़ का चित्र बनाओ।
सही उत्तर को चुनो।
प्रोटीन किससे मिलता है?
(।) चावल (2) शकरकंद
"(5 अंडा (4) केला
कौन सी मिट्टी सबसे ज्यादा पानी सोखती है?
>>

((/ दोमट (2) चिकनी


(3) कोई नहीं (4) बालुई
इनमें से जलीय पौधा कौन सा है?
(|) टमाटर (2) गुलाब का पौधा
(3) नागफनी का पौधा (4 सिंघाड़े का पौधा
(ग) नीचे दिए गए कथनों में सही के सामने सही (..“) का चिन्ह और गलत के सामने (५)
का चिन्ह लगाओ?
बालुई मिट्टी में पैदावर सबसे अधिक होती है। ०) )
दोमट मिट्टी में ह्वमस होता है। |
>>

बालुई मिट्टी का रंग काला होता है। 0]


(५

शरीर की रक्षा करने वाले तत्व को प्रोटीन कहते हैं। 0 करत


नि

मिट्टी की एक सेंटी मीटर परत बनने में हजारों साल लग जाते हैं। ( «:)
(गा

वृक्षारोपण व मेढ़ मिट्टी का कटाव रोकता है। (20)


७5

विटामिन रोगों से रक्षाःकरते हैं। ( 0



- (स) खाली स्थान भरो-

जल 0० ०४०० ०७३० ०१० ०० ० ० ०४३४०
जे 0230

000

घी और तेल से . गमि 0), मिलता है।


8

पानी में उगने वाले पौधों को :>पलीज. कैश... कहते हैं।

हामस मिट्टी की .ऊफ्लाड........ बढ़ाने में मदद करता है।


(द) कारण बताओ-
' खेतों के चारों ओर मेढ़ क्‍यों बनाई जाती है?
अधिक से अधिक वृक्षारोपण क्‍यों करना चाहिए?
3

बढ़ते बच्चों को अधिक मात्रा में प्रोटोेन की आवश्यकता क्‍यों होती है?
गज)

दोमट मिट्टी सबसे अधिक उपजाऊ क्‍यों होती है?


(य) किसी पौधे का चित्र बनाओ और उसके विभिन्‍न अंगों के नाम लिखो।
पाठ -9

आओ देखें, कितने मौसम


हम सीखेंगे
वे कौन-कौन से पहलू हैं जिनसे मौसम का पता चलता है?
मौसम के विभिन्‍न रुपों को चित्रलिपि से अंकित करना।
सर्दी, गर्मी और बारिश के मौसमों के परिणामों का अवलोकन करना।
वायु एवं मौसम का सम्बन्ध जानना।

मौसम के कई पहलू होते हैं - गर्मी कितनी है, बादल हैं या नहीं, हवा में नमी है या
खुश्क है, हवा हल्की बह रही है या तेज, किस ओर से आ रही है आदि।
क्या तुम्हें याद है कि आज से छह दिन पहले कैसा मौसम था? गर्मी थी या ठंड, हवा
थी या आँधी थी? और 5 दिन पहले कैसा था मौसम? जरा याद करने की कोशिश करो।
नीचे एक ऐसा तरीका दिया गया है, जिससे यह बताया जा सकता है कि किस दिन कैसा
मौसम था। इसे कहते हैं मौसम चार्ट। इस चार्ट में हर दिन के मौसम के लिए एक खाना बना
है। इस खाने में तुम्हें उस दिन के मौसम के बारे में जानकारी लिखना है।
जानकारी को रिकार्ड करने के लिये तुम इन संकेतों का उपयोग कर सकते हो :

जिस दिन आकाश. में सफेद बादल होंगे तो ऐसा

काले बादल होंगे तो ऐसा

बारिश होगी तो ऐसा

ओस होगी तो ऐसा
तेज हवा पूर्व से पश्चिम की ओर चली तो
पश्चिम से पूर्व की ओर तो
या दक्षिण से उत्तर की ओर चली तो
उत्तर से दक्षिण की ओर चली तो

ऐसी हो हल्की हवा पश्चिम से पूर्व की ओर चली तो


बा
या उत्तर से दक्षिण की ओर चली तो
5
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गर्मी होगी तो ही
८! |
ठंड होगी तो ४ ढ

८० हक कु # ८9 है कक
शनिवार| रविवार | सोमवार | मंगलवार | बुधवार गुरुवार| शुक्रवार

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९६४ ४४ ३९

भ2
रे ९९१९ ६ ४ ५

मौसम का एक हफ्ते का चार्ट यहाँ दिया गया है। चार्ट से यह बताओ कि किस दिन
ि
काले बादल थे और बारिश हुई? किस दिन धूप रही? और ओस कब-कब पड़ी?
इसी तरह तुम भी अपनी कॉपी में सात दिन का मौसम चार्ट बनाओ। इसके लिये तुम
और तुम्हारे साथी 4 टोलियों में बंट जाओ। पहली टोली महीने के पहले हफ्ते का, दूसरी टोली
दूसरे हफ्ते का चार्ट बनाए। इस प्रकार चारों हफ्तों के चार्ट को एक साथ रखकर देखो। पूरे
महीने में कितने दिन बादल थे, कितने दिन तेज हवा चली, आदि।
सर्दी का मौसम
सर्दी के मौसम में तुम्हें धूप में बैठना कितना अच्छा लगता है। सभी लोग गरम कपड़े

शिक्षण संकेत : पाठ में दी गई गतिविधि को बच्चों के चार समूहों में कर्राएँ। चार्ट को भरने से पहले बच्चों को आपस
चर्चा कर जानकारी एकत्रित करने को कहें।
ढूँढ़ते हैं। रंग-बिरंगे स्वेटर, शॉल, चादर, कंबल जो
भी मिल जाए वही पहन कर, ओंढ़ कर
निकलते हैं। दिन ढला और सूरज छिपा कि सब घरों में ही
रहना चाहते हैं।
पर दिन की धूप में मजा
है। घास पर तितलियाँ उड़ती
फिरती हैं। मन होता है कि दिन
भर खेतों, बागों में घूमते रहें
और धूप सैंकते रहें। रात हुई
और रजाई में टुबक जाएँ। सदी
के बाद जब कोयल कुह-कुह
गाने लगती हैं, आम के पेड़
पर बोर आने लगते हैं, पलाश
के लाल रंग के फूल दहकने
लगते हैं, तब आता है बसन्‍्त।
जगह-जगह फूल खिलने लगते हैं। पीली-पीली सरसों के फूल आने लगते हैं और ऋतु बदल
जाती है।
गर्मी का मोसम

इसके बाद तेज हवाएँ


चलती है। खेतों में अनाज
पकने लगता है। आम पकने
लगते हैं। कितना मजा आता
है, आम खाने में? धीरे-धीरे
धूप तेज होने लगती है। गरम
हवा चलने लगती है। तेज धूप
और गरम हवा के साथ आने
लगती है, गर्मी।
फिर फसल कटने लगती है। अग्रैल, मई और जून में सबसे अधिक गर्मी पड़ती है। मन करता
है कि बस नदी में नहाते रहो, घने पेड़ों की छाया में बैठे रहो। या फिर घर की छत के नीचे बैठे
े लगते हैं। धूप में घूमने से चक्कर,
रहो। बाहर निकले तो लू का डर। प्यास से गला, होंठ सूखन
लू लगना, बुखार हो जाता है।
बारिश का मौसम
70%
हट 20 0, 77 ४
फिर जून में पूर्व से
ाली घटाएँ उठने
व्र-कालो 0 0020
/ 02.५ / “ # हा
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20/
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लगती हैं। तेज हवाएँ £ 2०
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चलने लगती है। बादल ///,
गरजने लगते हैं। बिजली
न गत | ओर
|
अैसलडता
बरसात।
शुरू हो जाती है “डर द्धुर

जाते हैं। उनमें कागज की


क्या तम्हें भीगने में मजा आता हैं? जगह-जगह गढ़ढे भर
मढक टर्र-टर्र बोलने लगते हैं।
नाव चलाने में भी खूब मजा आता है। मोर नाचने लगत है|
कुएँ, तालाब, नदी नाले भर जाते हैं। हरी-हरी घास उग जाती है।
धीरे-धीरे सर्दी का मौसम आ
अगस्त खत्म होते-होतें बरसात कम हो जाती है। फिर
आर 2
जाता है
आओ यह भी जानें
पड़ता
मौसम अनेक प्रकार से हमारे जीवन को प्रभावित करता है। कम वर्षा से सूखा
जाती हैं। आँधी
। अधिक वर्षा से बाढ़ आ जाती है। ओला और पाला पडने से फसलें नष्ट हो
चलने से कच्चे मकान ढह जाते पेड-पौधे उखड़ जाते हैं। मौसम की भविष्यवाणी को जानकर
हम आँधी, बाढ़ आदि से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।
हमारे देश में मौसम विज्ञान का बहुत विकास हुआ हैं।,आज़कल हमें कृत्रिम उपग्रहों की
सहायता से मौसम सम्बन्धी बहुत सों जानकारी पहले से हीं प्राप्त हो जाती है। यह जानकारी
हम तक समाचार पत्रों, रेडियो व दूरदर्शन के माध्यम से पहुँचती है।
अभ्यास
(क) सर्दी के बाद कौन-सा मौसम आता है?
(ख) सर्दी से शुरू करके अगली सर्दी आने तक मौसमों के आने-जाने का चक्र कॉपी पर
बनाओ। '
2. दढूँढ़कर जल्दी-जल्दी बताओ-
. (क) गेहूँ की फसल किस मौसम में आती है? (छ) काली-काली घटायें कब आती हैं?
(ख) लू किस मौसम में चलती है? (ज) पानी किस मौसम में बरसता है?
(ग) कोयल कब गाती है? (झ) पलाश के फूल किस रंग के होते हैं?
(घ) आम के पेड़ पर बोर कब आता है? (त) मोर कब नाचने लगता है?
(च) सरसों का फूल कब लगता है?
| तुम्हें. सबसे अच्छा मौसम कौन-सा लगता है? क्‍यों?
4. नीचे लिखे शब्दों के बारे में 2-22 वाक्य लिखो। जैसे- सर्दी के मौसम में धूप अच्छी
लगती है।
(क) सर्दी (ख) बादल (ग) मोर (घ) मेंढक (च) गर्मी
. बताओ, पकने के बाद आम कारंग कैसां होता है? कच्चे आम को क्‍या कहते हैं? कच्चे
आम का रंग कैसा होता है?
सर्दी के मौसम वाले महीनों के नाम लिखो। .
8.

गर्मी के बारे में पाठ में क्या-क्या बताया है? लिखो।


. हर मौसम के बारे में दी गई जानकारी को लिखो।
3०5

किसी भी एक मौसम का चित्र बनाओ। ..


0. क्या तुम कागज की, पत्ते की नाव बना सकते हो? नाव बनाकर देखो और उसे चलाओ।
नाव का एक चित्र भी बनाओ। 7
पाठ-0

|
दिश्ञा सूचक बनाएँ
| हम सीखेंगे -
७ हवा की दिशा का पता करना। :-
& प्रयोग करना| _ ।
& प्रयोग के परिणामों का निष्कर्ष निकालना।

क्या इन्हें देखकर तुम बता सकते हो कि हवा किस दिशा से चल रही है?
तुमने महसूस किया होगा कि हवा अलग-अलग दिशा से बहती है,कभी पूरब से, कभी
पश्चिम से, कभी उत्तर से, कभी दक्षिण से।
67 न्यक हवा की दिशा पता करने के लिये आओ हबा का

डा - एक दिशा सूचक बनाएँ।

है. । इसे बनाने के लिए इन चीजों की जरूरत पड़ेगी-


एक पुरानी रिफिल, कैंची, कागज और गोंद।
पिध-य--+-+--+तह२८ 6-७ +. पहले कैंची से रिफिल के पीछे का हिस्सा काटो।
४ “5 “+-
(५4 एप |
हिस्सा करीब-करीब-चित् में दिखाए जितना बड़ा
॥ हु ग्ट्ट र शा! |
होना चाहिए।
हे किक 2. अब कैंची से कागज के इतने दो बड़े तीर काटो।

3. दोनों पर गोंद लगा लो। रिंफिल से काटा हुआ


2 उबओे हिस्सा एक तीर के बीच में लगाओ। इस हिस्से '
को बीच में रखो, जैसे यहाँ पर दिखाया गया
है।' ।
डर
4 इसी के ऊपर दूसरा तीर भी चिपका दो ताकि
एाशग ग्
| रिफिल का हिस्सा बीच में रह जाये और तुम्हारे
2 पक . पास एक कड़ा-सा तीर भी बन-जाये।
&2
हवा का दिशा सूचक पूरा करने के लिए तीर में लगे रिफिल के हिस्से को रिफिल की
नोंक पर लगाओ। अब जब तुम इसे चलती हवा में रखोगे तो चौड़ा हिस्सा तीर को घुमाएगा
और तीर की नोंक बताएगी कि हवा किस ओर जा रही है।
गुरूजी की मदद से नीचे लिखे खिलोने बनाकर खेलो-
हवा में मटर पत्ते का पंख नाचता पंखा

फिरकनी

शिक्षण
शिक्षण संकेत-
संकेत- कक्षा
कक्षा मेंमें बच्चों
बच्चों को सामग्री उपलब्ध कर दें। इनइन सामग्री
सामग्री सेसे दिशा
दिशा सूचक बनवाएँ
बनवाएँ और इसका
इसका प्रयोग
प्रयोग करबाएँ।
करवाएँ।
! ; - पाठ -

क्‍ 8, सही निर्णय


हम सीखेंगे
७ सामान्य दुर्घटनाओं से कैसे बचा जाता है?
७ दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों को पहचानना।
;र ७ दुर्घटना होने पर तत्काल क्या किया जाना चाहिए?

टाटाजी रानी से हमेशा कहते- बिटिया दाएँ-बाएँ तरफ देखकर सड़क पार करना, सूखे
हाथों से बिजली के बटन को ध्यान देकर छना, पटाखे चलाते समय दूर रहना, एक-एक करक
धीर-धीर सीढ़ियाँ उतरना।

| रानी सोचती, दादाजी इतनी छोटी-छोटी बातें क्‍यों बताते हैं? एक दिन जल्दी-जल्दी खाना
खाते हुए उसे ठसका लगा। दादाजी ने ही उसे पानी पिलाया और उसकी पीठ सहलाई, बोले-
तो बड़ा
“फिर तुमने गलती की न?” जल्दबाजी में बहुत गड़बड़ी ही जाता है| कमान कशा
खतरनाक ह। कुछ लोग
दुर्घटनाएँ हो जाती हैं। जल्दी में सड़क या रेल की पटरी पार करना
बातें करते हुए सड़क पर चलते रहते हैं और उनकी ओर बढ़ 7ह खतः का भा उत्ह व्यान
नहीं रहता। चलते वाहनों में चढ़ने-उतरने से भी लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते

. पर में भी कई बार स्टोव और गैस चूल्हें से भयंकर दुर्घटनाएँ हो जाती हैं। रसोईघर में
यदि गैस की बदबू आ रही हो तो सारे खिड़की दरवाजे खोल देना चाहिए।
इसी प्रकार छोटे बच्चों को धारदार वस्तुओं, दवाईयों, पानी की टंकी, आग और बिजली
के यंत्रों से दूर रखना चाहिए।
मा्कर्भा नदी, तालाब आदि में नहाते हुए कुछ बच्चे डूब
भी जाते हैं, एसी दुर्घटनाएँ
क्यों हीती है? दादाजी ने पूछा। उन्हें तैरना नहीं आता होगा, रानी ने जवां
ब दिया। ठीक है,
दादाजी ने कहा, पर उनमें से कई ऐसे भी होते हैं, जो तैरना जानते हुए भी डूब जाते
हैं।ऐसा
इसलिये कि वे वहाँ हँसी-मजाक या बहादुरी दिखाने की कोशिश करते हैं। कुछ बच्चे टेलीविजन
में देखे विज्ञापनों की नकल करते हुए भी दर्घटनाग्रस्त हो जाते हे
दुर्घटना होने पर सबसे पहले दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को प्राथमिक उपचार कर तत्काल
डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। रानी ने दादाजी से पूछा कि जलने व डूबने पर क्या प्राथमिक
उपचार किया जाए?
दादाजी ने बताया- आमतौर पर लोग जले हुए अंग पर पानी डालने से कतराते हैं, क्योंकि...
इससे फफोले पड़ जाते हैं। इससे बचने के लिये हमें जले हुए अंग पर ऊपर से पानी न डालकर
जले हुए अंग को ठंडे पानी में कुछ देर तक डुबाए रखना चाहिए। ऐसा करने से उसकी गर्मी,
पानी से कम हो जाएगी। अपने आप किसी चीज का लेप नहीं लगाना चाहिए। डूबने वालें व्यक्ति
को निकालकर उल्टा लिटाकर उसकी पीठ दबाना चाहिए, ताकि मुँह से पानी बाहर निकल जाये।
जरूरत हो तो मुँह से साँस भी देना चाहिए। गर्म कॉफी या चाय पिलाना चाहिए। रानी ने पूछा-
“क्या कोई दवा भी देना चाहिए?” “नहीं बेटी,मन से कोई दवा, कभी नहीं देना चाहिए। तुरन्त
डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
रानी को लगा दादाजी की बातें बहुत काम की हैं। उसने उनसे और भी कई प्रश्न किए।
दादाजी ने उसे बताया-
७& जहरीले कीड़े, बर, मधुमक्खी काटे हुए स्थान पर तुरन्त चूना लगाएँ।
के काटने पर...
७ आग लगने पर॒. + “फायर ब्रिगेड को सूचना दें। पानी व
रेत से आग बुझाएँ। आग बुझाने का
यंत्र काम में लें। जोन माल की रक्षा
करने की कोशिश करें। तमाशा न देखें।
७ । पट से बेहोश हो।जितलि पर: “तंसतटोले कर के ला जसियास
भीड़ न लगाएँ। मुंख से साँस दें। चेहरे
पर हल्के से पानी के छीटें दें।
७ हड्डी टूटने पर - घायल को सावधानी से उठाएँ। मालिश न
' करें। हड्डी को लकड़ी या बाँस की
छिपटियों की सहायता से सावधानी से
बाँधे। डॉक्टर के पास ले जाएँ।
के कया तक काटनो पर - काटे हुए स्थान के ऊपर कसकर बाँधे।
झाड़-फूँक में समय न गवाएँ। मरीज को
सोने न दें। डॉक्टर के पास तुरन्त ले जाएँ।
७ बस या रेल दुर्घटना होने पर - यात्रियों की सहायता करें। उन्हें व उनके
सामान को सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ।
पुलिस व डॉक्टरों को सूचित करें। प्राथमिक
उपचार करें। तमाशा न देखें।
अभ्यास
(अ) नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दो-
।. दुर्घटनाओं से बचने के लिये हमें क्या करना चाहिए?
2. घर के अंदर छोटे बच्चे किन-किन टुर्घटनाओं के शिकार हो सकते हैं?
3. डूबने वाले व्यक्ति को, प्राथमिक उपचार किस प्रकार दिया जाता है?
4. जलने पर हमें क्या करना चाहिए?
(ब) बताओ, नीचे लिखे कार्य करते समय क्या-क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए।
]. सड़क पर चलते समय
2. रेल या बस में चढ़ते समय
3. पटाखे चलाते समय
4. नदी या तालाब में नहाते समय
: (स) नीचे दिये चित्रों को देखों और बताओ कि इस स्थि
ति में कौन-कौन सी दुर्घटना हो
सकती हे?
एक घटन ा के 6 चित्र दिए गए हैं। इन चित्र ों से घटन ा को समझो। चित्र में
(द) . नीचे
सबसे पहले
बने गोले में घटना के सही क्रम को लिखो। अर्थात्‌ घटना में जो काम
श: 2, 3,
हुआ होगा उसे क्रम में | लिखो। घटना के आगे बढ़ने के क्रम में क्रम
4, 5, 6 लिखो।

समूह में चर्चा करके पतो करो -


उक्त घटना क्‍यों हुई होगी? ०
बिल्ली की गर्दन में बर्तन को ,फैसा देखकर दम्पत्ति ने! क्या सोचा होगा?
दम्पत्ति ने तुरंत क्‍या निर्णय लिया होगा? 3
इसकी जगह यदि तुम होते तो क्या करते ?
हमें जीव जन्तुओं की सहायता क्‍यों करना चाहिए?
शिक्षण संकेत - सभी अलग-अलग चित्रों पर बच्चों की बातचीत कराएँ। बच्चों से पूरी प्रदना को पूंछे, चित्रों के क्रम तय
कराएँ। इसके बाद पाठ में दिए प्रएनों के उत्तर खोजन दें।
हट नहर (_)+ / >> शी टन्‍प्टआ धर
[ १27] ल्डट+ हि रू ८4 के 76 ९८22४ ९८ ० ४६:३८:२८ 2242 0५हैं लय का कतआा)

की व नम, (2७ पाठ -2


॥ . 222८ (00) | 70085 री 2८ जि जज
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2/2:2/ ९९०८८ (एक जि ४ ॥ १८
जा 900020१कल) हर कह!४0४)
५८ 2।॥/
० बट

बसंत के आने पर क्या-क्या होता है।


७ बसंत को ऋतुओं का राजा क्यों कहा जाता है।

लो बसंत का मौसम आया, कोयल गाती है पेड़ों पर,


खुशियाँ झोली भरकर लाया। नाच रही तितली फूलों पर।
हरियाली पेड़ों पर छाई, तोते उड़ते, मैना गाती,
खेतों में फसलें मुस्काई। -. बुलबुल मीठी तान सुनाती।
वन पलाश के दहक उठे हैं, झुमके अमलतास-पफूलों के,
फूल बाग में महक उठे हैं। पट पीले पृष्पित सरसों के।
मह-मह करता है जग सार, फूल मटर के लगा केश में,
है बसंत हम सब का प्याय। दुलहन-सी धरती सुवेश में।
सबको बता रहा वह ताजा,
ढ्िं है बसंत ऋतुओं का णजा।
.. £ ६

शिक्षण संकेत- ऊपर दी गई कविता को पढ़कर सुनाएँ। बच्चों से पढ़वाएँ। इसके बाद बसंत के मौसम की विशेषताओं
पर आधारित प्रश्न पूंछें। जैसे बसंत का मौसम क्‍यों प्यागा लगता है? इस तरह के अनेक प्रश्नों से बच्चों को बसंत के
मौसम की विशेषताओं को समझने दें।
8
पाठ -3
हमारे प्रतीक
हम सीखेंगे-
७ हमारे राष्ट्रीय और राज्य के प्रतीक कौन-कौन से हैं?
७ इन प्रतीकों की कौन-कौन सीं विशेषताएँ हैं?
७ प्रतीकों का महत्व कया है?

ों से
इस चित्र को ध्यान से देखो। बताओ, इसे तुमने कहाँ-कहाँ देखा है? अपने साथिय
है। उसकी एक सूची बनाओ।
भी चर्चा कर पता करो कि यह चित्र कहाँ-कहाँ देखने को मिलता
कहाँ देखने को मिलता है?
00770 २ ० 0 0 ५
2 0 607
टन 0770 7/7 722५ 077 ०७४५
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यह हमारे देश का राष्ट्रीय चिह्न है। इस चिह्न को भारत


सरकार ने 26 जनवरी 950 को अपनाया था। 2)के
| | ४
कै ।! भा,

इसमें तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं। फलक के नीचे


; ॥!|
देवनागरी लिपि में अंकित है, “सत्यमेव जयते' की ०
222, 5:02. / 6५
0
/ 00)
इसका हे अर्थ है -
'सत्य की विजय होती है।' । सत्यमेव जयते
इस राष्ट्रीय चिह् के अलावा हमारे देश के कुछ और प्रतीक भी हैं। इन प्रतीकों के विषय
में तुम्हारी भाषा की पुस्तक में एक पाठ दिया गया है। उस पाठ को पढ़कर पता करो हमारे
देश के कौन-कौन से प्रतीक हैं? इस जानकारी को तालिका में भरो।
ना ०
क्र.. राष्ट्रीय प्रतीक प्रतीक का नाम | म्तीककाच
का ितचित््र
र |
. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा >्मेबा
2. राष्ट्रीय पुष्प कमला
3. राष्ट्रीय पक्षी पल स
4. राष्ट्रीय पशु ्शह्या
आओ, अपने प्रदेश, मध्यप्रदेश के भी कुछ प्रतीकों के
बारे में जानकारी प्राप्त करें
राज्य पक्षी दूधराज
राज्य पशु बारहसिघा
राष्ट्रीय प्रतीकों के बारे में कुछ अन्य जानकारियाँ
भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज का
श्रारूप 22 जुलाई 947 को अपनाया था।
भारत के राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' को संविधा
न सभा ने 24 जनवरी 950 को अपनाया
था। इसे गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा ह्
'वन्दे मातरम्‌” राष्ट्रणीत है, जिसे जन-गण-मन'
के समान दर्जा प्राप्त है।
राष्ट्रगान के गायन की अवधि लगभग 52 सेकेण्ड है।
राष्ट्रीय झण्डे को फहराने पर उस की केसरियाँ रंगे की
पट्टी हमेशा ऊपर की ओर होना
चाहिए। 23 ।/(

राष्ट्रीय झण्डे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तकेही


फहराते हैं। सूर्यास्त के समय झण्डा
उतार लेना चाहिए।
'
राष्ट्रीय झण्डे को फहराते तथा उतारते समय हमें सावधान
की मुद्रा में खड़े रहना चाहिए।
गंदे या फटे झण्डेक्क़ीएफहराना नहीं चाहिएं।75
राष्ट्रीय झण्डे को स्सैंभाके सबसे ऊपरी सिरे पर ही फहराया जाता है।
राष्ट्रगान को गाते या सुनते समय हमें सावधान की
मुद्रा में रहना चाहिए।
अभ्यास
(आ) रिक्त स्थानों की पूर्ति करो-
जयते, सूर्यास्त)
(ऊपरी सिरे, गुरूदेव रीन्द्र नाथ टैगोर, दूधराज, सत्यमेव
।. हमारे प्रदेश का राज्य पक्षी . ड ब्रा... है।
2. ख्ताञ्ब्थि के साथ ही राष्ट्र ध्वज को उतार लेना चाहिए।
चाहिए।
3. राष्ट्रीय ध्वज को स्तंभ के ...#परी.. सिरे. पर ही फहराना
है।
4. राष्ट्रीय चिह के नीचे उत्मगेव>!गगेलिखा हुआ
5. हमारे राष्ट्रगान के स्वयिता का] गे
(ब) निम्न प्रश्नों के उत्तर दो-
. राष्ट्रीय झण्डे को फहराते समय हमें किन नियमों का पालन करना चाहिए ?
राष्ट्रीय झण्डा कब फहराया जाता है?
>

राष्ट्रीय प्रतीकों पर 5 वाक्य लिखों?


(>>

हमारे राष्ट्रगान को लिखो?


राष्ट्रगान को गाते या सुनते समय हमें किस तरह से आदर प्रकट करना चाहिए
(

(स) सही जोड़ी मिलाओ।


. 26 जनवरी 950 ।. राष्ट्रीय पक्षी
2, कमल हे राष्ट्रीय झण्डा

3. टूधराज _.3. राष्ट्रगीत


4. वन्दे मातरम्‌ 4. राज्य पक्षी
5, मोर 5. भारत सरकार ने राष्ट्रीय चिह को अपनाया
6. तिरंगा 6. राष्ट्रीय फूल
पाठ -]4

हम सब एक हैं
हम सीखेंगे-
७ लोगों के जीवन की विविधता हमारी एकता बढ़ाती है।
. ७ स्वतंत्रता की रक्षा तथा देश की उन्नति के लिये राष्ट्रीय एकता जरूरी है।
'७ भारत की संस्कृति का,देश के विकास में योगदान को समझना।

हमारा देश विविधताओं से भरा देश है। यहाँ के लोग विभिन्‍न प्रकार के त्यौहार मनाते
हैं। तुम भी बहुत से त्यौहार मनाते होंगे। तुम कौन-से त्यौहार मनाते हो? कुछ प्रमुख त्यौहारों
के नाम बताओ।
त्यौहार हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं। इनके रीतिरिवाजों का हम आज तक पालन करते
आए हैं। पता करो, ईद कैसे मनाई जाती है? त्यौहार हमारी एंकता का संदेश लेकर आते हैं।
कुछ त्यौहार पूरे देश में मनाए जाते हैं और कुछ क्षेत्रे विशेष- में मनाए जाते हैं। कछ त्यौहार
ऐसे भी हैं, जिनको अलग-अलग नाम से जाना जाताहै। जैसे- उत्तर भारत में मकर संक्रांति
के नाम से मनाए जाने वाले त्यौहार को, दक्षिण भारत के तमिलनांडु राज्य में 'पोंगल' के नाम
से जाना जाता है, जबकि इसे मनाने का तरीका लगभग एक सा ही है। इन सब विविधताओं
के होते हुए भी सभी लोग त्यौहारों पर एक-दूसरे से मिलेकरे,खुशी प्रदर्शित करते हैं। त्यौहार
सभी वर्गों के लोगों को एक सूत्र में बाँधते हैं।
अब पता करो और लिखो कि नीचे दिये त्यौहारों पर क्या-क्या किया जाता है?
ही 'ड्रब्वेततल
ेणे ो- हैं एव्थर
्स ड्सरे
ेल व्टे-
जले
“एमिलबराणुलालालणाक
हैं /-लननन
2070 6] नए छूवद-पटध्नतो है/फक्षिमडी व्थ्याले लए
लोगों द्वारा अपने रीति-
प्रत्येक त्यौहार के पीछे कोई न कोई कहानी जुड़ी होती है। त्यौहार,
लोग अपनी भावना का
रिवाजों, के आधार पर मनाया जाता है। इन त्योहारों के माध्यम से
प्रदर्शन करते हैं। विभिन्‍न वर्गों के लोग त्यौहारों को एक साथ भी मनाते हैं। जैसे ईट पर हिन्दू
भाई मुस्लिम भाइयों के साथ गले मिलते हैं। पवित्र मजारों और दरगाह पर श्रद्धा के साथ सभी
जाते हैं। इससे हमारी एकता दिखाई देती है।
नीचे दी गईं तालिका से तुम्हें पता चलेगा कि विभिन्न त्यौहार क्‍यों मनाया जाता हैं?
क्र. | त्योहार का नाम त्यौहार का महत्व
0 टशदाया 0 8 ७ भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाते हैं।
2. | वैशाखी नई फसल कटने की खुशी में मनाते हैं।
3. | रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है।
2 दल रमजान की समाप्ति के बाद इसे मनाते हैं।
5. | मकर संक्रांति (पोंगल)| सूर्य पूजा' के रूप में मनाते हैं। सूर्य से हमें ऊर्जा मिलती
|
6. ।बुद्ध पूर्णिमा भगवान बुद्ध का जन्म दिवस है।
/4 | दत्ा भगवान श्रीराम द्वारा राक्षसों का वध किया गया। बुराई पर अच्छाई .
ह की जीत का प्रतीक
8. [क्रिसमस ईसा मसीह का जन्म दिवस हैं।
9. | ओणम/बिहू धान की फसल कटने पर अनदेवी का स्वागत करते हैं।
0 .| होली - होलिका का दहन होता है। बुगइयों के अंत का प्रतीक।
| महावीर जयंती भगवान महावीर का जन्म दिवस है।
2 .| गुरू नानक जयंती गुरू नानक जी का जन्म दिवस है।

मोहर्रम पर पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के नाती हजरत इमाम हुसैन की करबलाके युद्ध में
शहादत (शहीद हो जाना) पर शोक मनाते हैं।
प्रत्येक त्यौहार की अपनी विशेषता होती है। ये त्यौहार विभिन्‍न वर्गो के लोगों द्वारा मनाए जाते
हैं। त्यौहारों को मनाने में विविधता के बावजूद सभी लोग प्रेमपूर्वक मिलकर त्यौहार मनाते हैं।

तुम्हें मालूम है कि लगभग दो सौ वर्षों तक हम अंग्रेजों के गुलाम रहे। इसका कारण
था, हम लोग अलग-अलग जातियों और धर्मों में बँटे हुए थे। अलग-अलग भाषा, वेशभूषा
व रहन-सहन के कारण, हम एक-दूसरे कों अलग मानते थे। हमारी इस कमजोरी का फायदा
अंग्रेजो ने उठाया। जब हमने जाना कि हम चाहे जिस जाति या धर्म के हों, चाहे जो भाषा
बोलते हों और चाहे जिस प्रान्त के रूने वाले हों, पहले. हम भारतीय हैं। हम एक हुए। इस
एकता की शक्ति ने हमें आजाद करयया।
अब हम एक रहकर ही अपनी आजादी की रक्षा करेंगे, और देश को आगे बढ़ाएंगे।

(अ) जोड़ी बनाओ-


त्योहार
| ्ज्
2 . वेशाखी
206 पोंगल
0,
क्रिसमस ईसाई
5 महावीर जयंती : तमिलियन

(ब) खाली स्थान भरो-


(अंग्रेजों, अनेकता में एकता, सांस्कृतिक, धान, मोहरम, शब-ए-बारात)

* ००००० + ००
«७ +++०००+५०००५० ०

5. मुस्लिम समुदाय ईद के अलावा .ऋषद्जजञाः... त्यौहार भी मनाते हैं।


(स) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-
. हम अपनी स्वतंत्रता की रक्षा कैसे कर सकते हैं?
2. अपने देश के त्यौहारों के नाम और संबंधित समुदाय-जाति का नाम लिखो।
3. एकता में शक्ति होती है।' इस वाक्य को अपने अनुभव से उदाहरण देकर समझाओ।
(द) सही उत्तर चुनो
. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
(|) रक्षाबंधन (2) मोहर्रम
(3) दीपावली |] (4 दशहरा
2. सूर्य पूजा की जाती है।
७ओणम ( (2) पोंगल
(3) ईद ._ (4) वैशाखी
3. नई फसल कटने की खुशी में मानते हैं। .
मकर संक्रांति (2
वैशाखी
(3) ओणम 5 होली
4. देश की आजादी की रक्षा हम कैसे कर सकते हैं?
() त्यौहार मनाकर __ « (2) परम्पराओं को मानकर
(8 एक रहकर .- (4) एक-दूसरे को अलग मानकर
करके देखो
अपने गाँव या नगर में रहने वाले अलग-अलग जातियों के लोगों की सामाजिक परम्पराओं
एवं रीति रिवाजों की जानकारी पता करो। |

- कला
भऋाछऋाऋ

पाठ -5

ठोस, द्रव और गैस


हम सीखेंगे
७ पदार्थों के गुणों का अवलोकन करना।
७ पदार्थों की तीनों अवस्थाओं, ठोस, द्रव और गैस की विशेषताओं को जानना।
७ तीनों अवस्थाओं में अन्तर-समानता को समझना।
७ ठोस, द्रव और गैस का आपस में परिवर्तन करना।

हमारे चारों तरफ कई तरह की सजीव और निर्जीव वस्तुएँ दिखाई देती हैं, जैसे- आदमी,
कुत्ता, टेबल, कुर्सी, अलमारी, बिल्ली, कार, घर, कॉपी, पेंसिल आदि। कुछ चीजें मुलायम
होती हैं, तो कुछ चीजें कठोर होती हैं। कुछ चिकनी होती हैं, तो कुछ खुरदरी। सभी चीजें
अलग-अलग पदार्थों की बनी होती हैं। ये चीजें विभिन्‍न आकार, प्रकार और रंग की होती हैं।
पदार्थ कया होता हे?
ऐसी वस्तु जिसे छू सकतेहैं, दबा सकते हैं, या हाथ में उठा सकते हैं, पदार्थ कहलाता
है। पदार्थ में वजन होता है और यह स्थान घेरता है।
दुनिया की सभी वस्तुएँ पदार्थों से बनी होती हैं। यहाँ तक कि हमारा शरीर भी कई पदार्थों
से मिलकर बना होता है।
एक प्रयोग करके देखो। बाहर से पत्थर के कुछ टुकड़े उठाकर लाओ और उसे हाथ से
दबाओ।
क्या दबाने से पत्थर की आकृति में कोई अन्तर आया?
(आकृति का मतलब अपने गुरूजी से पूछो)।
ईट को हाथ से दबानें पश क्या उसकी आकृति में अंतर आयेगा?
थोड़ी सी गीली मिट्टी लो और उसे हाथ से दबाओ। क्या मिट्टी की आकृति बदल जाती है?
रोटी को हाथ से दबाने पर क्‍या रोटी की आकृति बदल जाती है?
श्र

तुम ऐसी और कौन-कौन सी वस्तुओं के नाम बता सकते हो, जिनको दबाने से उनकी
शिक्षण संकेत - जो वस्तु हमें जिस रूप में दिखाई देती है, वह अज्चुसत की आकृति कहलाती है।
5 मं

आकृति में परिवर्तन आ जाता है।


तुमने देखा कि हाथ से दबाने पर कुछ वस्तुएँ मुड़ जाती हैं या दब जाती हैं, जिससे
उनकी आकृति बदल जाती है। ऐसी वस्तुओं को 'मुलायम' वस्तु कहते हैं, जैसे- गीली मिट्टी
तथा गीला आटा। कुछ वस्तुएँ ऐसी होती हैं, जिन्हें हाथ से दबाने पर न तो दबती हैं, और
न ही मुड़ती हैं और उनकी आकृति में भी कोई अन्तर नहीं आता है। ऐसी वस्तुओं को 'कठोर'
वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- पत्थर का टुकड़ा, लोहें की वस्तु आदि।
अब एक प्रयोग और करो। इसके लिये काँच का एक गिलास, एक कटोरी, और एक प्लेट
की आवश्यकता होगी।
बाहर से पत्थर का और लकड़ी का एक-एक छोटा टुकड़ा लाओ। पत्थर के टुकड़े को
गिलास में डालों। क्या पत्थर की आकृति में कोई बदलाव आया?
इसी टुकड़े को अब कटोरी में डालो। क्या अब पत्थर की आकृति में कोई बदलाव आया?
अब इसी टुकड़े को प्लेट में रखो। क्या आकृति में अब बदलाव आया?
यही काम लकड़ी के टुकड़े के साथ भी करो। क्या उसकी आकृति में कोई बदलाव
आता है?
काँच के गिलास में पानी भरो और
उसकी आकृति को देखो। गिलास के पानी
को कटोरी में भर दो और देखकर बताओ,
क्या पानी की आकृति वैसी ही है जैसी
गिलास में थी?
अब कटोरी के पानी को प्लेट में डाल दो। क्या पानी की आकृति में कोई बदलाव आया?
अब पानी को जमीन पर बहाकर देखो। क्या उसकी आकृति पहले वाली किसी आकृति
से मिलती हुई है या कोई नई आकृति बन गई? गे
यही काम थोड़े से तेल के साथ भी करो और उसकी आकृति को भी देखो।
पानी तथा तेल को जमीन पर बहाया जा सकता है। पर कया पत्थर या लकड़ी के टुकड़े
को भी बहाया जा सकता है? |
अब तक तुमने देखा कि कुछ वस्तुएँ कठोर होती हैं, और कुछ मुलायम होती हैं। पर
ये सभी चीजें “बहती” नहीं है, और बर्तन की आकृति के अनुसार अपने आकार को भी नहीं
बदलती है। जैसे पत्थर और लकड़ी के टुकड़े की अपनी एक आकृति है, इसे गिलास में डालने
पर उसकी वही आकृति रहती है। कटोरी और प्लेट में रखने पर भी उसकी आकृति में कोई
बदलाव नहीं आता।
से पदार्थों को 'ठोस' पदार्थ कहते हैं।

ऐसे पदार्थ जिनकी अपनी एक निश्चित आकृति होती हे,


ठोस पदार्थ कहलाते हैं। जेसे- लकड़ी, पत्थर आदि।
कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं जिनकी अपनी कोई आकृति नहीं होती है। वे जिस बर्तन में रखे
जाते हैं, उसी के अनुसार अपनी आकृति बना लेते हैं, जैसे- पानी। गिलास में पानी की अलग
आकृति होती है, कटोरी में अलग और प्लेट में डालने पर पानी की आकृति अलग प्रकार
की हो जाती है। जमीन पर डालने पर भी पानी की आकृति अलग-अलग प्रकार की बन जाती
है।

तुम ऐसी कौन-कौन सी चीजों को जानते हो,जिनकी आकृति बदलती रहती है। ऐसे पदार्थों
को 'द्रव' कहते हैं।

ऐसे पदार्थ जिनकी अपनी कोई निश्चित आकृति नहीं होती, जिस बर्तन में रखे
जाते हैं, उसके अनुसार ही अपनी आकृति बना लेते हैं, 'द्रव' कहलाते हैं। जेसे-
पानी, दूध, तेल आदि।
नीचे कुछ पदार्थों के नाम लिखे हैं। इनको ठोस और द्रव पदार्थ में छाँटकर, तालिका में
सही स्थान पर लिखो। -
ईट, गन्ने का रस, सन्तरे का रस, चमड़ा, किताब; रोटी, चाय, पानी, बर्फ, शहद, पेन्सिल,
खबर, पत्ती, गुड़, गुड़ की:चाशनी, पेट्रोल, डीजल,/मिट्टी का तेल, छाछ (मद्ठा), लोहे का
टुकड़ा, पत्थर।
(आवश्यकता होने पर तालिका को बढ़ा सकते हो।)
क्र. ठोस पदार्थ | क्र. । द्रव पदार्थ

(0 4 रग
न 2. | खतेल्रे छा नया
3. | पीछताल 20 0 प्यतगीए
4. कल्माश्‌ः आल

50 न 5. | किटडी आतेह्का
तुमने चूल्हे पर चढ़े बर्तन में पानी या दूसरी की रह!
कोई चीज उबलते हुए देखी होगी। हर उबलती ( ) ४] )
हुई चीज के ऊपर एक धुआँ सा उड़ता हुआ देखा |
होगा। यह क्‍या कहलाता है? का
कमरे में अगरबत्ती जलाने पर पूरे कमरे में
सुगन्ध फैल जाती है। अगरबत्ती से भी उड़ता
हुआ धुआँ तुमने देखा होगा।
एक अगरबत्ती को जलाकर उसे काँच के
गिलास से ढक दो। अगरबत्ती का धुआँ धीरे-धीरे
पूरे गिलास में भर जाता हैं द
जैसे धुआँ पूरे गिलास में फैल जाता है, उसी प्रकार इत्र की खुशबू, फूलों की खुशबू
या कीचड़ से आने वाली बदबू भी अपने आस-पास सभी जगह फैल जाती है।
अब एक गुब्बारा लो और उसे धीरे-धीरे फुलाओ। गुब्बार फूल कर बड़ा हो जाता है।
गुब्बारा बड़ा क्‍यों हो जाता है?
गुब्बारे में जाकर हवा को जगह की जरूरत होती है। गुब्बारा ख़र का बना होता है, जो
जोर लगाने पर बड़ा हो सकता है। अन्दर जाने वाली हवा गुब्बारे की दीवारों पर जोर लगाती
है। जिससे गुब्बारा फैलकर बड़ा हो जाता है। गुब्बारे में जितनी हवा भरी जायेगी, गुब्बारा उतना
ही बड़ा होगा, परन्तु जब हवा बहुत हो जाती है तो जोर अधिक लगने के कारण गुब्बारे की
: दीवारें हवा के जोर को सह नहीं पाती। इससे गुब्बारा फूट जाता है।'
साइकिल की ट्यूब में भी जब पम्प से हवा भरी जाती है तो कभी-कभी वह टयब फुट
जाता है। पता करो साइकिल का ट्यूब क्‍यों फूट जाता है?
उबलत हुए पानो से निकलने वाली भाष, अगरबत्ती से निकलने वाला धुआँ, गुब्बारे या
साइकिल की ट्यूब में भरी हुई हवा ये सब किस तरह के पदार्थ होते हैं?
जिस तरह हमारे आस-पास पाये जाने वाले कुछ पदार्थ 'द्रव' के रूप में होते हैं, कुछ
'ठोस' के रूप में होते हैं, उसी प्रकार कुछ पदार्थ भाप, धुआँ या हवा के रूप में होते हैं।
पदार्थ की इस अवस्था को 'गेस' कहते हें।
तुमने देखा, अगरबत्ती को काँच के गिलास से ढकने पर पूरा गिलास धुएँ से भर जाता
है। यदि गिलास के स्थान पर उससे बड़ा या छोटा कोई बर्तन लिया जाए तो गैसे उस बर्तन
में फैल जाएगी। अर्थात्‌ गैस का आकार बर्तन के अनुसार बदलता रहता है।
गैस का अपना कीई आकार नहीं होता। गैस सभी दिशाओं में समान रूप से फैलती है।
हवा में भी कई तरह की गैसें होती हैं। इनमें से ऑक्सीजन नाम की गैस साँस लेने के
काम में आती है।
जिस तरह सभी 'ठोस' और “द्रव” में वजन होता है, कया उसी प्रकार गैस में भी वजन
होता
“द्रव” या “ठोस” को तो तौलकर उसके वजन का पता लगाया जा सकता है। परन्तु गैस
को तौलना बहुत कठिन होता है, क्योंकि गैस या हवा बहुत हल्की होती है।
ओ हवा के वजन को पता करते हैं।
दो गुब्बारे लो। ध्यान रहे दोनों समान आकार के हों। अब दोनों को समान रूप से फुलाओ।
अब सरकंडे की एक छोटी , पतली लकड़ी लेकर धागे से दोनों गुब्बारों को लकड़ी के दोनों
सिरों पर बाँध दो। ध्यान रखो, धागा एक ही तरह का हों और समान लम्बाई का हो।
* लकड़ी से बँधे दोनों गुब्बारों की तराजू को किसी ऐसी जगह पर टांग दो जहाँ हवा के
झोंके न लगें।
अब बराबरी से टंगे दोनों.गुब्बारों में सेकिसी एक गुब्बारे में सुई से एक छेद बना दो।
गुब्बारे की हवा धीरे-धीरे निकल जाती हैं और लकड़ी एक ओर (भरे गुब्बारे की ओर)
रे
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