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वर््ष: 3 अंक: 8 16-31 अक््टटूबर, 2022 (नि:शुल््क)

वैश््वविक होने लगे


भारतीय उत््पपाद
दुनिया बनी भारत के लिए बाजार, क््योोंकि राष्टट्र सेवा के मंत्र ‘वोकल
फॉर लोकल’ से अब भारतीय उत््पपाद हो रहे 'लोकल से ग््ललोबल'
#vocal4local

खुशियोों एवं प्रकाश


का महापर््व

“दीपावली”

दीपावली का पर््व ज््ययोति, पुरुषार््थ और आत््म साक्षात््ककार का पर््व है। अमावस््यया के दिन मनाए जाने
वाले दीपोत््सव पर देें पर््ययावरण रक्षा के संकल््प को मजबूती। पर््ययावरण के लिए ‘रावण’ बने प््ललास््टटिक
कचरा, स््वच््छता और पवित्रता वाले इन पर्वो की भावना के खिलाफ हैैं। आइए जलाएं एक दीपक
प््ललास््टटिक और प्रदूषण मुक््त पर््ययावरण के नाम... कभी सोचा है धातुओं की वस््ततुएं, मूर््तति, सजावट के
सामान कैसे तैयार होते हैैं। भारत के हर कोने मेें कारीगर ढलाई का काम करते हैैं। फिर उस पर रंग रोगन
और कलाकारी करके हम तक पहुंचाते हैैं। चलो इस दीपावली उन््हेें अपने घर मेें सजाते हैैं।

एक हिंदुस््ततानी के नाते मेरे देशवासियोों के प्रति मेरा


कर््तव््य, मेरा कमिटमेेंट बनता है। आइए इसी भावना
के साथ लोकल के लिए वोकल बनेें। दीपावली
लोकल से मनाएं। -नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
अंदर के पन्नों पर
अमृत महोतसि से सिव्णिम भारत की ओर...
वर्षः 03, अंकषः 03 | 1-15 अगस्त, 2022
अंअंदरदरकेकेपन्ननों
पन्ननोंपरपर
संपादक वर््षषः 03, अंकषः 06 | 16-30 सितंबर, 2022
जयदीप भटनागर, शताब्दी
वैश््वविक बाजार की्वर््ष
पहली कापसं
संकदल्प साकारउत््पपाद
भारतीय
प्रधान
प्रधान महाननदे
वर््षसंषः प श
अंकक,
03,ादक ः 08 | 16-31 अक्टूबर, 2022
पत्रसत्ये
सूचन्ना कारायालर, नई नदललली
द्र प्रकाश,
वरिष्ठ प्रधान
प्रधान महाननदे
सलाहकाि संपादक शकसंपादक
पत्र सत््यये
सू च न्दद्र कार्ाया
ना प्रकाश,
संिोषप्रधान कुममहानिदे ार लशर्क, नई नदल्लली
वरिष््ठ सलाहकाि
पत्रसहारक
सू चना कार््य संयालपयादक , नईसंदिल््लली
वरिष्ठ
संिोर् कुमारो
सलाहकाि पादक
तिभाेवरिष््ठ
र शमामासलाहकार संपादक
वरिष््ठ
सहारक सहार्क
ोष कुमारसलाहकाि
संतसलाहकाि संपादकसंपादक
तवभाेरोशशमा्ष
अतिले कु मार सलाहकार संपादक
वरिष््ठसलाहकाि
सहार्क सहायक
चनदनिवभाे कुमरारशर््ममा चौधरीसंपादक
अतखलेश कुमारो
सहायक सलाहकार संपादक
भाषा्चन्दन
सं पादन कुमारो ्चौधरोी
अखिले श कुमार
सुतमिचन््दन कुमकु ारम(अं ग्ेजी)
ार चौधरी
भाषा सं प ादन
जय प्रकाश गुपिा (अंग्ेजी) आजादी के 75 वर्ष पूर्ष होने के अवसर पर आइए जानते हैं कक कैसे जन सहभाकिता से उतसव
सुतमि कुसंमपादन ारो (अंग्रेजी) आिर् कथा‘वोकलकोफॉरसंलोकल’
कलप मेंवबदलते हुए रप्रधानमं
‘आत््मनिर््भ ता’ के मंत्त्री के
नरेंसाथ
द्र मोदी
मैन््ययुनेफराष्ट्र
ैक््चरिंगकेहब बनकरको दी िकत। 16-36
कवकास
अतनल भाषापटे ल (गुजरािी) आवरण कथा दुनिया के बाजार मेें छा रहा है भारत। 16-27
जयसुप्रकाश
मित कुमगु(उद् ारप्िा(अं (अंग्रेजग्रेज
ी)ी)
नदीम अहमद मा )
अतनल
पॉलमी जयरतषिि पटेल (गु
प्रकाश (बं गुप्गज रोािी)
्ततााली)(अंग्रेजी) अतीत और भविष्य
आजादी के 75 वीर््ष को अमृत महोत््सवी के रूप मेंसार|
समाचार मनाते 4-5
हुए प्रधानमंत्ी नरेेंद्र मोदी
नदीम अनिल अहमद पटेल(उदू (गु्ष ज ) राती) आ्वरर्काकथा
सं प क्क सू
के ने त्र
त ृत् वी में स्वीर््ण्ष म भारेत की ओरे बढ़ता रेाष्ट ट्र । 08-12
हररहर
पॉलमी पंडा (ओतिया) सब उड़ेें,
नदीमरोतक्षि अहमद (बं(उर््द
गाली) दू ) सबसे जुड़ेें वजनहें राषट्रवपता ने कहा था,‘राषट्रकवि’
हररोहरो
पॉलमी पंिारक्षित (ओतड़या) (बंगाली) समाचार सार| 4-5
अमृत यात्ा इस
केत््ययोहार,
आधार देें स््वदेशस्ं भ
व्यक्ततव में इस बार पकिए कहानी मैकिलीशरर िुपत की| 6-7
हरिहर पंडा (ओड़िया) ी उपहार
सलीननरि निजाइनि
बने महत्वपूभारतीय
र््ण फपरमाणु
ै विकास
सले ...एक
मन की बात कार््यक्रम मेें प्रधानमंत्री का संबोधन। 6
शयाम शंकनिजाइनि
र तििारी की नई सुबह
सलीननर्ि जममू-कशमीर,ऊर््जजा कार््यक्रम
लद्ाख के 13-78
शिल््पकार
: पररवत्ष न के 3 वर्ष| 8-11
रतिनद्र कुशंमक
सीनियर
श्याम ारडिजाइनर
रोशमामा
तिवारोी व््यक््ततित््व मेें पढ़िए डॉ. होमी जहांगीर भाभा की कहानी । 7
निजाइनिश््ययाम शं क र तिवारी
रोतवन्द्र कुमारो शमा्ष नम: वििा्य
प्रकृति के शोषक नहीीं,समाचार
पोषक हम सार
तदवया रविन्द द्र कु
िलिार, अभय
निजाइनि म ार शर््ममा गुपिा भारतमातृ कीभसात ूजमदिक
के से देवघरमंत्रियो
राज््योों के पर््ययावरण हवाई ों काअड् डे केसम््ममेलन।
राष्ट्रीय
04-05
साि झारखं 8-10ड को कमली कई परर्योजनाएं| 12-
डिजाइनर आम
ज्यादा भारतीय
की के सपनोों
्यात्रा का की ब
प्रवतवबं
तदव्या िलवारो, अभय गुप्िा
दिव््यया तलवार, अभय गुप््तता जलए कर्-कर्
‘उड़ान’ योजना। 36-38 गुजरात को सौगातेें
प्रधानमं त्री संग्रहाल्य। 38-42 पीएम ने अपनेसेगुम ी कंदौरेडपरक्टर वनमाणि
विकास ्
जिनकी
का केंद्र बनेगा गुजरात
आवािका उपहार। 11-13
समवपपित
जरात दिया परियोजनाओं
िांधीनिर में कडकजटल इंकड्या सपताह का आ्योजन| 14-15
लॉजिस््टटिक: लागत घटेगी,हीव््ययापार
पहचान बढ़ेगहै
ा ...
जिन््होोंने अपना पूरा जीवन 06-07
देश की पहली राष्ट्रीय लॉजिस््टटिक नीति की शुरुआत। 14-15
बुवन्यादी ढांचे, विक्ा के साथ सेहत का वप्रकलॉिन डो
किया राष्टट्रहित को समर््पपित हर काम देशकैके ट की बैठकअन्नदाताओ
कबनेनाम में अहम फैसले|ंको 37
मेरे वमत्र! विंजो आबे... आसान
जवानोों के संग 21 साल से हर दिवाली मना रहे हैैंऋर्...
प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी । 28-30

5जी: देश केनई द्वारविक्ा,


पर नए दौरनईकीनीवत,
दस््तक नए भारत का वनमाणि्
79
देश मेें 5जी सेकशक्ा
वा की शुसमािम
रुआत। 31-33
में प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी का संबोधन| 43-44
...ताकि रोशन हो हर परिवारगुिरात को जमली
कैिबनेट की बैसमािे
ठक मेें अहम लेनई
। 34-35सौगातें
िन…फैससमाज के अंवतम ... छोर तक विकास का रास
कौशल विकास अरुरकाजेयुटगली सममृक80-82
त व्यख्यान में प्रधानमंत्ी मोदी का संबोधन| 45-4
वीे कभी रूके नहीं, थके नहीं औरे विश््वकर््ममा जयंती पर प्रधानमंत्री का संबोधन। 39
अाजादी आजादीकेहार््सल
अमृकरेने
त महोत््सव
के र्लए अनवीरेत मेें विकास के एकसप्रे स-िे मेंत्र जु
...ताकि कमरे मेें बैठ कर नहीीं,स्वास्थ्य
अनुभव केक्षेआधारकी ड़ा एक और आ्याम
जापान
चलते रेहे
राष्टट्र के लिए । के
इ्स पू
बारे ि णि
पर्ढ़ए प्रधानमं
ऐ्से
सर््वस््व न््ययौछावर ही कु छ त्र ी नईकवकासजन-क्वाां
पर हो नीति-निर््धधारण
का न्याति...
नायकों की कहानी। 85-88 कहानी बदलतेबुभारत
ंदेलखंकी।
ड को
44 कमला रासता| 47-48
करनेपद्मविभू
वाले नायकोोंष् विं कीजकहानी।ो आबे के 83-84
वनधन पर प्रधानमं 40-43 त्री का बललॉग। कौिल से रोजगार की ओर...
51-52 प्रधानमंत्ी दक् ्योजना की सफलता के 1 वर्ष | 49-50

प्रकाशक
प्रकाशक औरो औरमुमुद्रद्रक-
क:मनीर्
सतयेनदेद्रसप्रकाश, प्रधान
ाई , महाननदे शक,महाननदे
केंद्लीर्शसंक,
चािकेंब्र्ू
द्लीिरो संमुचद्रण:
ाि बरू िो मुद्रण:
इननिननटली जेकइे नजं
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इंिस्ट्पाक्क
रिरल , 10वीं मंनजल,
एरिरा, फेज-1, नई नदल्लली -ििली-द110020।
नई नदललली ाबाद बॉि्डि, एनएच-1,
पत्ाचार और ििलीदईमे
ाबाद-121003।
ल के तलए पिा: पत्रा्चारो
कमिाऔरो
संखईमे ल के तलए
रा-278, लीर संकमिा
केंद्पिा: चाि बरूसंिख्ो,र्ा-278, केंद्लीर्नवितली
सूचना भवन, संचराि तल, नई
ब्र्ूिो, सूचना भवन, नवितली-र्110003।
नदललली तल, नई नदल्लली
ईमेल- -110003। ईमेल- response-nis@pib.gov.in
response-nis@pib.gov.in आि. एन. आई.आि. नंबएन. आई. नंबि DELHIN/2020/78812
ि DELHIN/2020/78812
संपादक की कलम से...
सादर नमस््ककार।
उत््सव हम सबके जीवन मेें एक नई चेतना को जगाने वाला पर््व होता है। अगले कई हफ््तोों तक देश भर मेें
त््ययोहारोों की रौनक होगी। लेकिन यह त््ययोहार इस बार खास है क््योोंकि कोविड के दुष्पप्रभावोों से करीब-करीब
मुक््त यह पहली दीपावली है। लेकिन इस कोविड की आपदा ने भारत को ऐसा अवसर प्रदान किया कि
आज ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंत्र ‘लोकल से ग््ललोबल’ मेें बदल गया है। यानी भारत की स््थथिति आज
मजबूत है तो आने वाले समय मेें और भी मजबूत होगी। शिक्षा, कृषि और विनिर््ममाण समेत विभिन्न क्षेत्ररों
मेें निवेश को प्रोत््ससाहन मिलने से लोकल उत््पपादोों को नई पहचान मिल रही है। इसमेें लघु उद्योग हमारी
अर््थव््यवस््थथा के मजबूत स््ततंभ बनकर उभरे हैैं। देश के लघु उद्योगोों के समग्र विकास को बढ़ावा देकर
आत््मनिर््भर भारत का निर््ममाण हो रहा है तो भारतीय उत््पपाद वैश््वविक बाजार की पहली पसंद बन रहे हैैं।
आज सूई से लेकर सेना के उपकरण तक, साइकिल से लेकर बाइक तक, मोबाइल-कार से लेकर ड्रोन
तक, घरेलू उत््पपाद से लेकर मेडिकल डिवाइस तक, कपड़े से लेकर खिलौने तक, सब कुछ है मेड इन
इंडिया। यही वजह है कि आज भारत के उत््पपाद दुनिया के बाजार मेें अपनी धमक बना रहे हैैं। जिन उत््पपादोों
के लिए हम आयात पर निर््भर रहते थे, प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और आत््मनिर््भर
भारत के आह्वान ने इस धारा को उलट दिया है। अब भारत अपनी आवश््यकताओं की पूर््तति के साथ-साथ
दुनिया के लिए भरोसेमंद उत््पपाद बना उसे निर््ययात कर नित नए कीर््ततिमान बना रहा है।
दुनिया हमेशा से भारत को बाजार समझती रही है, लेकिन बीते कुछ वर्षषों के प्रयासोों ने इस सोच को बदल
दिया है। भारत अब दुनिया का बाजार बनने की बजाय मैन््ययुफैक््चरिंग हब बन दुनिया के बाजार मेें छा रहा
है। त््ययोहारोों के अवसर पर ‘लोकल’ से ‘ग््ललोबल’ यानी वैश््वविक होते भारतीय उत््पपाद हमारे इस अंक की
आवरण कथा बनी है।
हमारे इस अंक मेें भारत मेें परमाणु ऊर््जजा कार््यक्रम के जनक डॉ. होमी जहांगीर भाभा को व््यक््ततित््व के तौर
पर तो राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर भारत जोड़ो के प्रणेता सरदार वल््लभ भाई पटेल को कृतज्ञ राष्टट्र
की ओर से नमन को जगह दी गई है। आम आदमी के सपनोों की उड़ान योजना की सफलता, मन की बात,
कैबिनेट के फैसले, देश मेें 5जी की शुरुआत, बदलते भारत की कहानी और अमृत महोत््सव की कड़ी मेें
महानायकोों की प्रेरक गाथा किस तरह अमृत काल की प्रेरणा बन रही है, उसे भी इस अंक मेें समाहित किया
गया है।
आप अपना सुझाव हमेें response-nis@pib.gov.in पर भेजते रहेें।

हिं दी, अंग्रेजी व अन्य 11 भाषाओं मेें उपलब्ध


पत्रिका पढ़ेें /डाउनलोड करेें । सत््ययेन्दद्र प्रकाश
https://newindiasamachar.pib.gov.in/news.aspx
ल्क)
16-30 सितंबर, 2022 (सि:शु

आपकी बात...
वर््ष: 3 अंक: 6

उज्जज्वल तस््ववीर प्रस््ततुत करती है पत्रिका


न््ययू इंडिया समाचार पत्रिका आधुनिक भारत की उज्जज्वल तस््ववीर प्रस््ततुत करती है। सटीक
विश््ललेषण और आंकड़ोों का प्रस््ततुतिकरण इतना बेहतरीन होता है कि हर किसी को आसानी से
समझ मेें आ जाता है। करंेट अफेयर््स की हर जानकारी इसमेें समाहित है, जो प्रतियोगी परीक्षा की
अमृत ववशेषांक तैयारियोों मेें मददगार साबित होती है। राष्टट्रप्रेम की अलख जगाते आलेख बहुत शानदार हैैं। खबरोों
अमृत यात्ा के चयन, प्रकाशन और प्रस््ततुतिकरण तक मेें संपादकीय, तकनीकी और प्रकाशन टीम की मेहनत
दिखती है। इस प्रयास के लिए टीम के सभी सदस््योों को बधाई।
नए भारत की नींव ीं ्वर््षगांठ की ओर बढ़ते राष्टट्र
स््वतंत्रता के 75 ्वर््ष पूरे कर 100्व त यात्रा का आधार स्तंभ...
अमृ
मोहित सोनी
के ऐसे 100 निर््षय जो बि रहे हैं
sonimohit895@gmail.com

यह पत्रिका मन को बहुत रोचक लगी बहुमूल््य जानकारी से भरपूर पत्रिका


न््ययू इंडिया समाचार पत्रिका का अंक मिला। बहुत मुझे अपने एक रिश््ततेदार के घर पर न््ययू इंडिया समाचार
ही ज्ञानवर््धक, पठनीय और संकलनीय सामग्री की पत्रिका पढ़ने को मिली। यह बहुत ही ज्ञानवर््धक और
त्रिवेणी यह पत्रिका मन को बहुत रोचक लगी। प्रत््ययेक बहुमूल््य जानकारी से भरपूर लगी। इसमेें कवर स््टटोरी
अंक से नई जानकारी मिलती है। बहुत ही सरल, और आजादी का अमृत महोत््सव श््रृृंखला मेें स््वतंत्रता
सुबोध और सरस शब््दोों मेें सरकार के संकल््पोों को सेनानियोों के बारे मेें पढ़ कर अच््छछा लगा। साथ ही
पाठकोों तक पहुंचा कर आप एक सराहनीय कार््य कर अन््य स््टटोरी भी अच््छछी लगी। मैैं संपादक मंडल को
रहे हैैं। आपका प्रयास श्रमसाध््य है। इतने अच््छछे संकलन, संपादकीय एवं बेहतरीन पत्रिका
मनोज कुमार कपरदार के लिए हृदय से धन््यवाद देता हूं।
manojkapardarjh@gmail.com प्रतीक पटेल
pratikpatel07@gmail.com

महान नायकोों की प्रेरक गाथा पढ़कर अच््छछा लगा


न््ययू इंडिया समाचार के 16-30 सितंबर के अंक की कवर स््टटोरी पढ़कर मुझे बहुत खुशी हो रही है। पत्रिका के अन््य
स््टटोरी के साथ अमृत महोत््सव मेें महान नायकोों की प्रेरक गाथा को पढ़कर बहुत अच््छछा लगा। प्रधानमंत्री नरेेंद्र
मोदी द्वारा देश को समर््पपित विकास परियोजनाओं पर आधारित समाचारोों और देश को प्रगति की नई दिशा देने वाले
कार््यक्रमोों को इसमेें शामिल करना भी प्रशंसनीय है। ऐसी व््यवस््थथा होनी चाहिए कि यह पत्रिका पूरे देश मेें समाज के
हर वर््ग और समुदाय के पास पहुंच सके।
abhaychaudhary.clinic@gmail.com

हमेें फॉलो करेें @NISPIBIndia

पत्राचार और ईमेल के लिए पता: कमरा संख््यया-278, केेंद्रीय संचार ब््ययूरो, सूचना भवन,
द्वितीय तल, नई दिल््लली- 110003। ईमेल- response-nis@pib.gov.in
समाचार सार

जब पीएम मोदी ने आधी रात को विदेश मंत्री


जयशंकर को फोन कर पूछा- ‘जागे हो’
हर काम, देश के नाम
प्र धानमंत्री नरेेंद्र मोदी का काम के प्रति जज््बबा जग-जाहिर
है। महत््वपूर््ण कामोों पर खुद नजर रखना उनकी दिनचर््यया
मेें शामिल है। अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान ‘मोदी@ 20:
ड्रीम््स मीट डिलीवरी’ पुस््तक पर आयोजित एक कार््यक्रम मेें
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने खुद इसी से जुड़ा एक किस््ससा
साझा किया। उन््होोंने कहा, “वर््ष 2016 मेें अफगानिस््ततान के
मजार-ए-शरीफ मेें भारतीय दूतावास पर हमले की कोशिश हुई
थी। उस वक््त मैैं (जयशंकर) विदेश सचिव हुआ करता था।
जैसे ही नई दिल््लली तक सूचना पहुंची, हम सभी लोग हरकत अच््छछा... टीवी देख रहे हो, क््यया हो रहा है वहां (मजार-ए-
मेें आ गए। हर तरफ से कोशिश की जा रही थी कि किस तरह शरीफ मेें)?’ मैैंने कहा कि मदद पहुंचाई जा रही है। उम््ममीद है
मदद मिले और वहां हमारे लोग सुरक्षित रह सकेें। यह सब दो-तीन घंटे मेें स््थथिति सामान््य हो जाएगी। पीएम ने कहा, जब
करते-करते आधी रात हो गई थी। इतने मेें मेरे फोन की घंटी मदद पहुंच जाए तो मुझे फोन कर देना। मैैंने कहा, सर इसमेें
बजी। मुझे थोड़़ा आश््चर््य हुआ जब प्रधानमंत्री फोन करते हैैं दो से तीन घंटे और लगेेंगे। जब ऑपरेशन खत््म हो जाएगा तो
तो आपको कॉलर आईडी नहीीं मिलती है, मैैंने फोन उठाया मैैं आपके सूचित कर दूंगा। इसके बाद पीएम मोदी ने जोर देकर
तो प्रधानमंत्री थे। वह मानकर चल रहे थे कि मैैं उन््हेें पहचान कहा कि सीधे मुझे फोन करना। किसी प्रधानमंत्री मेें यह एक
लूंगा… इसलिए उनका पहला सवाल था, जागे हो? मैैंने कहां- हां विलक्षण गुण है। वो काम करते समय घड़़ी नहीीं देखते। उनका
सर। 12.30 बजा है और क््यया कर रहा होऊंगा? उन््होोंने कहा, पूरा समय देश और अपने लोगोों के लिए समर््पपित हैैं।''

ग््ललोबल इनोवेशन इंडेक््स रैैंकिंग मेें


पहली बार 40वेें स््थथान पर पहुंचा भारत
ग््ललो बलपर पहुइनोवेंच गयाशन इंहैड। ेक्भारत
्स 2022 मेें भारत 40वेें स््थथान
पिछले सात सालोों मेें 41
नरेेंद्र मोदी के नेतृत््व मेें भारत तेजी से वैश््वविक नवाचार
केेंद्र के रूप मेें उभर रहा है। प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने इस
स््थथानोों की बड़ी छलांग लगाकर रैैंकिंग मेें 40वेें स््थथान पर उपलब््धधि का स््ववागत किया और कहा कि इनोवेशन पूरे
पहुंचा है। भारत की रैैंकिंग 2015 के बाद से ही तेज रफ््ततार भारत मेें चर््चचा का विषय है और हमेें हमारे इनोवेटर््स पर गर््व
से बढ़ रही है। भारत साल 2015 मेें 81वेें स््थथान पर जबकि है। हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैैं और नई ऊंचाइयोों
2021 मेें 46वेें स््थथान पर था। इंडेक््स से पता चलता है कि को छूना चाहते हैैं। असल मेें, ग््ललोबल इनोवेशन इंडेक््स की
स््टटार््टअप के लिए बेहतर माहौल तैयार करने और नवाचार रिपोर््ट काफी महत््वपूर््ण मानी जाती है क््योोंकि सरकारेें इसे
को बढ़़ावा देने मेें भारत लगातार सुधार कर रहा है। साथ अपनी नीतियोों को सुधारने का आधार मानती हैैं, जो मौजूदा
ही, निरतंर वृद्धि इस बात का भी प्रमाण है कि प्रधानमंत्री स््थथिति मेें बदलाव करने मेें मदद करता है।

4 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


समाचार सार

देश को मिला नया सीडीएस: रिटायर््ड लेफ््टटिनेेंट


जनरल अनिल चौहान को मिली कमान
स रकार ने लेफ््टटिनेेंट जनरल (रिटायर््ड) अनिल चौहान को देश का नया चीफ
ऑफ डिफेेंस स््टटाफ (सीडीएस) नियुक््त किया है। जनरल बिपिन रावत के
निधन के बाद अब इस पद पर बैठने वाले वे दूसरे व््यक््तति हैैं। सेना मेें 40 साल सेवा
देने के बाद अनिल चौहान पिछले साल ही रिटायर हुए थे। जम््ममू-कश््ममीर और पूर्वोत्तर
के इलाकोों मेें आतंकवाद के सफाए को लेकर उन््होोंने अपने सेवाकाल मेें बेहतरीन काम
किया है। साल 2019 मेें प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने जब दोबारा देश की कमान संभाली तो
देश के सर्वोच्च सैन््य ढांचे मेें सबसे बड़ सुधार के रूप मेें सीडीएस का पद सृजित किया
गया था। देश की तीनोों सेनाओं मेें समन््वय के लिए पहले सीडीएस के तौर पर जनरल
रावत को नियुक््त किया गया था। 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु मेें हेलिकॉप््टर हादसे
मेें जनरल रावत का निधन हो गया था।

टैक््स कलेक््शन के मोर्चे पर अच््छछी खबर


अंडमान और निकोबार द्वीप
समूह बना भारत का पहला प्रत््यक्ष कर संग्रह 30%बढ़कर
‘स््वच््छ सुजल प्रदेश’ 8.36 लाख करोड़ रुपये
य ह विडंबना ही थी, कि शुद्ध पेयजल और स््वच््छता जैसी जीवन
की मूलभूत जरूरतोों के लिए हमेें आजादी के बाद दशकोों लंबा
इंतजार करना पड़ा। लेकिन 2014 मेें शुरू हुए स््वच््छ भारत मिशन से
को केविडक्षेत्रकालमेें मजबू
की छाया से उभर देश अर््थव््यवस््थथा
ती के साथ आगे बढ़ रहा है तो
इसका कर संग्रह पर भी असर दिखाई देने लगा है। आसान
जहां देश खुले मेें शौच से मुक््तति के बाद अब ओडीएफ + और ओडीएफ
होते कंप््ललायंस और कंपनियोों के बढ़ते फायदे के साथ-
++ की ओर आगे बढ़ रहा है तो वहीीं
साथ कारोबार और आर््थथिक
2019 मेें शुरू हुए जल जीवन मिशन
गतिविधियां बढ़ने का असर है कि
के तहत अब 44 फीसदी से ज््ययादा नए
इस साल अप्रैल से 17 सितंबर
ग्रामीण घरोों सहित करीब 54 फीसदी
तक सकल प्रत््यक्ष कर संग्रह
ग्रामीण परिवारोों के घर नल से जल
8.36 लाख करोड़ रुपये रहा,
पहुचं ने लगा है। स््वच््छता के साथ नल
जो एक साल पहले की समान
से जल की दिशा मेें एक अहम सफलता
अवधि की तुलना मेें 30 फीसदी
मिली है अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को, जहां के सभी 62,037
बढ़़ा है। 4.36 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट टैक््स, जबकि
ग्रामीण परिवारोों, 368 विद्यालयोों, 558 आंगनवाड़़ी केेंद्ररों और 292
3.98 लाख करोड़ रुपये पर््सनल इनकम टैक््स (पीआईटी)
सार््वजनिक संस््थथानोों के पास अब नल से जल की सुविधा है तो वहीीं उन््हेें
है। हालांकि, इसमेें 1.35 लाख करोड़ रुपये टैक््स का रिफंड
खुले मेें शौच से मुक््त भी सत््ययापित किया गया है। पीएम नरेेंद्र मोदी के
भी किया गया, जिससे शुद्ध संग्रह 7 लाख करोड़ रुपये पर
‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश््ववास और सबका प्रयास’ के
रहा। इस आधार पर वृद्धि 23 फीसदी रही। इसके साथ
दृष््टटिकोण को अपनाते हुए 112 जिलोों, 1,280 ब््ललॉक, 75,476 ग्राम
ही इस वर््ष जीएसटी कलेक््शन के मोर्चे पर भी हर महीने
पंचायतोों और 1,58,379 गांवोों को 'हर घर जल' के रूप मेें संसचित ू
औसतन 1.40 लाख करोड़ रुपये मिले हैैं। n
किया गया है।

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 5


मन की बात मोदी 2.0 (40वीीं कड़ी, 25 सितंबर)

इस त््ययोहार, देें
स््वदेशी उपहार
प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार््यक्रम मेें लोगोों से कूनो नेशनल पार््क मेें आए चीतोों के
नामकरण के लिए सुझाव मांगे। वहीीं, 25 सितंबर को पं. दीनदयाल उपाध््ययाय की जयंती के अवसर
पर उनके विचार भी साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने त््ययोहार के सीजन की शुरुअात से ठीक पहले एक
बार फिर वोकल फॉर लोकल का संकल््प भी दोहराया। उन््होोंने कहा कि बीते वर््ष पूरा देश स््वदेशी को
बढ़ावा देने वाले इस संकल््प से जुड़ गया था। अब एक बार फिर हमेें इस अभियान को और तेज करने
का संकल््प लेना है। उन््होोंने कहा, “इस त््ययोहार जो भी उपहार देें, उनमेें हैैंडलूम, हैैंडीक्राफ््ट या स््वदेशी
उत््पपाद जरूर शामिल होों।” पढ़िए ‘मन की बात’ के संपादित अंश...

परहित सरिस धरम नहीीं भाई: यानि दूसरोों का हित, दूसरोों की सेवा करने के समान कोई और धर््म नहीीं है। ऐसी ही भावना से
लोग आगे आकर टी.बी. से पीड़ित मरीज को गोद ले रहे हैैं, उसके पौष््टटिक आहार का बीड़ा उठा रहे हैैं। जनभागीदारी की इस
शक््तति से वर््ष 2025 तक भारत जरूर टीबी से मुक््त हो जाएगा।
मेडिकल कॉलेज छात्ररों ने लिया गांव को गोद: केेंद्र शासित प्रदेश दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव का ऐसा उदाहरण है
जो मन को छू लेता है। यहां ग्राम दत्तक कार््यक्रम मेें मेडिकल छात्ररों ने 50 गांव को गोद लिया है। ये छात्र, गांव के लोगोों को
जागरूक करने के साथ बीमारी मेें मदद, सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हैैं।
370 से ज््ययादा जगहोों का किया सौौंदर्यीकरण: बेेंगलुरु की एक टीम यूथ फॉर परिवर््तन 8 साल से स््वच््छता और सामुदायिक
गतिविधियोों पर “Stop Complaining, Start Acting” के आदर््श वाक््य के साथ काम कर रही है। शहर भर की 370
से ज््ययादा जगहोों का सौौंदर्यीकरण किया है। मेरठ मेें ‘कबाड़ से जुगाड़’ पहल मेें प््ललास््टटिक व अन््य कचरे को उपयोगी सामग्री
मेें बदलने का अभियान चलाया जा रहा है।
बहुत ज््ययादा कारगर है योग: शारीरिक-मानसिक स््ववास््थ््य के लिए योग बहुत कारगर है। दुनिया इस बात को स््ववीकार कर चुकी
है। सूरत की अन््ववी जन््म से ही डाउन सिंड्रोम से पीड़ित है। योग सीखने से उनके जीवन मेें अद्भुत बदलाव देखने को मिला।
जीवन के संघर्षषों से तपे व््यक््तति के सामने नहीीं टिक पाती बाधा: आज कई लोग ऐसे हैैं, जो दिव््ययाांगोों के बीच फिटनेस संस््ककृति
को जमीनी स््तर पर बढ़़ावा देने मेें जुटे हैैं | इंडियन साइन लैैंग््ववेज रिसर््च एंड ट्रेनिंग सेेंटर, सात साल मेें 10 हजार से ज््ययादा शब््द
और हावभाव की डिक््शनरी तैयार कर चुका है।
शहीद भगत सिंह के नाम पर चंडीगढ़ एयरपोर््ट का नाम: शहीदोों के स््ममारक, उनके नाम पर स््थथानोों और संस््थथानोों के नाम हमेें
प्रेरणा देते हैैं। अभी कुछ दिन पहले कर््तव््य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर््तति स््थथापना भी ऐसा ही प्रयास है। अब शहीद
भगत सिंह के नाम पर चंडीगढ़ एयरपोर््ट का नाम इसी दिशा मेें एक और प्रयास है।
संयुक््त राष्टट्र ने भारत के एक और प्रयास को दी मान््यता: ‘इंडिया हाइपरटेेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव’ की शुरुआत 2017 मेें की
गई थी। सरकारी स््ववास््थ््य केेंद्ररों पर ब््लड प्रेशर से पीड़ित लाखोों लोगोों का इलाज किया जा रहा है।
करेें चीतोों का नामकरण: MyGov के प््ललेटफार््म की प्रतियोगिता मेें चीतोों को लेकर जो अभियान चला रहे हैैं, उस अभियान
का नाम क््यया होना चाहिए! जो चीते लाए गए हैैं, इनमेें से हर एक को किस नाम से बुलाया जाए! आप ये भी बतायेें, इंसानोों को
जानवरोों के साथ कैसा व््यवहार करना चाहिए। इस कंपीटिशन मेें जरूर भाग लीजिए - क््यया पता इनाम स््वरूप चीते देखने का
पहला अवसर आपको ही मिल जाए।

‘ मन की बात’ पूरी सुनने के िलए QR कोड Scan करें

6 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


व््यक््ततित््व डॉ. होमी जहांगीर भाभा

भारतीय परमाणु ऊर््जजा


कार््यक्रम के शिल््पकार
जन््म: 30 अक््टटूबर 1909, मृत््ययु: 24 जनवरी 1966
दुनिया जब दूसरे विश््व युद्ध के बाद विज्ञान और तकनीक के नए युग
की ओर बढ़ रही थी, तब भारत को ब्रिटेन से आजादी मिलने के पहले
एक भारतीय मेें इतना साहस और इतनी दूरदृष््टटि थी कि उन््होोंने देश को
‘बैलगाड़ी युग’ से सीधे ‘नाभिकीय युग’ मेें ले जाने का संकल््प लिया।
यह और कोई नहीीं, डॉ. होमी जहांगीर भाभा थे...

मुं बई के धनाढ्य और प्रतिष््ठठित पारसी परिवार मेें 1909 मेें


जन््ममे बहुमुखी प्रतिभा के धनी डा. होमी जहांगीर भाभा ने न
सिर््फ सैद््धाांतिक शोधोों मेें पूरी दुनिया के सर््वश्रेष््ठ विज्ञानियोों
अलग विभाग की स््थथापना की। जब 1941 मेें उन््हेें रॉयल सोसाइटी
का सदस््य चुना गया, तब उनकी उम्र मात्र 31 वर््ष थी। भाभा की
प्रेरणा से जेआरडी टाटा ने ‘टाटा इंस््टटीट्यूट ऑफ फंडामेेंटल रिसर््च'
का ध््ययान खीींचा, बल््ककि राष्ट्रीय वैज्ञानिक संस््थथानोों के निर््ममाण मेें भी की स््थथापना की, जिसके भाभा महानिदेशक बने। भाभा ने उसी समय
अतुलनीय योगदान दिया। टाटा इंस््टटीट्यूट आफ फंडामेेंटल रिसर््च परमाणु ऊर््जजा के महत््व को पहचान लिया था। 1948 मेें परमाणु ऊर््जजा
(टीआइएफआर) और भाभा परमाणु अनुसंधान केेंद्र (बार््क) इसके आयोग की स््थथापना हुई और डॉ. भाभा इसके अध््यक्ष चुने गए। 1954
ज््वलंत उदाहरण हैैं। उन््होोंने न सिर््फ वैज्ञानिक अनुसंधान के संस््थथानोों मेें परमाणु ऊर््जजा विभाग की स््थथापना की गई और भाभा इसमेें भारत
के निर््ममाण मेें भूमिका निभाई, बल््ककि युवा विज्ञानियोों को उनसे जोड़ने सरकार के सचिव नियुक््त किए गए। इसके साथ ही उन््होोंने एटॉमिक
का भी काम किया। उनकी प्रशंसा करते हुए स््वयं डॉ. सी.वी. रमन ने एनर्जी एस््टब््ललेशिमेेंट, ट्राम््बबे नाम की प्रयोगशाला की स््थथापना की,
1941 की भारतीय विज्ञान कांग्रेस मेें कहा था, ‘भाभा संगीत के महान जिसे अब लोग भाभा परमाणु अनुसंधान केेंद्र के नाम से जानते हैैं।
प्रेमी हैैं, अत््ययंत प्रतिभाशाली कलाकार हैैं, मेधावी इंजीनियर हैैं और उन््होोंने परमाणु रिएक््टरोों के निर््ममाण मेें अहम भूमिका निभाई। साथ ही
उत््ककृष््ट विज्ञानी हैैं... वह आधुनिक काल के लियोनार्दो द विंची हैैं।’ रिएक््टर मेें काम आने वाले अहम हेवी वाटर के क्षेत्र मेें भी भारत को
मुंबई मेें प्रारंभिक पढ़ाई के बाद भाभा ने कैैंब्रिज के गोन््वविल एंड आत््मनिर््भर बनाने का काम किया। उनके ही प्रयासोों से फर््टटिलाइजर
कायस कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालांकि काॅरपोरेशन आॅफ इंडिया ने 1962 मेें पहला हेवी वाटर प््ललाांट स््थथापित
उनका जुनून इंजीनियरिंग की बजाय न््ययूक््ललियर फिजिक््स की ओर था। किया। आज हम हेवी वाटर के प्रमुख उत््पपादकोों मेें शामिल हैैं। 1964
1934 मेें आखिर उन््होोंने फिजिक््स मेें पीएचडी की। भाभा ने यूरोप का मेें 10 करोड़ रुपये की फंडिंग मिलने के बाद भाभा ने तीन स््टटेज मेें
दौरा किया और ज््ययूरिख मेें वोल््फगांग पॉली तथा रोम मेें एनरिको फर्मी न््ययूक््ललियर पावर प्रोग्राम तैयार किया। 1965 मेें उन््होोंने ऑल इंडिया
के साथ काम किया। जर््मनी मेें उन््होोंने कॉस््ममिक किरणोों पर अध््ययन रेडियो से घोषणा की कि अगर जरूरत पड़े तो हम 18 महीने के अंदर
और प्रयोग किए। होमी भाभा को प्रसिद्ध वैज्ञानिक रदरफोर््ड और नील््स परमाणु बम बना सकते हैैं। 24 जनवरी, 1966 को विएना जाते समय
बोर के साथ काम करने का अवसर मिला था। मोब््ललाां (Mont Blanc) पर््वत श््रृृंखला पर विमान हादसे मेें उनकी
कैम्ब्रिज मेें भाभा का कार््य मुख््य रूप से ब्रह्माण््ड किरणोों पर केेंद्रित मृत््ययु से इस महान विज्ञानी के जीवन का अंत हुआ, लेकिन वह आज
था। भाभा और हाइटलर ने 1937 मेें कॉस््ममिक किरणोों की बौछार की भी युवा विज्ञानियोों के प्रेरणास्रोत हैैं।
व््ययाख््यया की। 1939 मेें वे भारत आए हुए थे, तभी दूसरा विश््व युद्ध आजादी के इस अमृत महोत््सव काल मेें जब भारत आत््मनिर््भरता
छिड़ गया। युद्ध समाप््त होने के बाद उन््हेें इंग््लैैंड मेें पढ़ाने के प्रस््तताव और स््ववावलंबन की ओर बढ़ रहा है और प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी भारत
भी मिले, लेकिन तब तक भाभा के अंदर बहुत कुछ बदल गया था। के विकास मेें विज्ञान को उस ऊर््जजा की तरह मानते हैैं, जिसमेें हर क्षेत्र
उन््हेें महसूस हुआ देश निर््ममाण मेें जुट जाने का समय आ गया है। के विकास को बहुत गति देने का सामर््थ््य है। तब यह समय डॉ. होमी
1940 मेें वे भारतीय विज्ञान संस््थथान, बेेंगलुरू मेें रीडर के पद पर जहांगीर भाभा जैसे महान वैज्ञानिकोों को नमन करने का भी है, जिन््होोंने
नियुक््त हुए। वहां पर उन््होोंने कॉस््ममिक किरणोों की खोज के लिए भविष््य के भारत की नीींव रखी है। n

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 7


राष्टट्र पर््ययावरण मंत्रियोों का सम््ममेलन

राज््योों के पर््ययावरण मंत्रियोों का राष्ट्रीय सम््ममेलन

प्रकृति के शोषक
नहीीं, पोषक हम
प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी की एक विशेषता यह है कि वे अल््पकालीन
नीतियोों पर काम नहीीं करते, बल््ककि दीर््घकालीन योजना और
उनसे पड़ने वाले प्रभाव पर नजर रखते हैैं। पर््ययावरण संरक्षण
जैसे गंभीर विषय पर उनके विजन मेें भी इसकी झलक साफ
देखी जा सकती है। जहां एक ओर वे देश मेें कृषि को पारंपरिक
और जलवायु के मुताबिक ढलने वाली बनाने पर जोर देते हैैं
तो वहीीं दूसरी ओर वैश््वविक मंचोों पर पर््ययावरण संरक्षण के साथ
जलवायु न््ययाय की बात मजबूती से उठाते हैैं। स््वच््छता अभियान
को लेकर वे गंभीर रहे हैैं तो वहीीं कचरा प्रबंधन के जरिए
पर््ययावरण को नुकसान से बचाने पर भी उनका बराबर जोर रहा
है। एक ओर वे औद्योगिक क््राांति 4.0 पर अपना विजन सामने
रखते हैैं तो दूसरी ओर पर््ययावरण अनुकूल जीवन शैली के मंत्र
के साथ भारत की परंपरा और विरासत का जिक्र करना वे नहीीं
भूलते। 23 सितंबर को गुजरात मेें आयोजित राज््योों के पर््ययावरण
मंत्रियोों के सम््ममेलन मेें एक बार फिर उन््होोंने पर््ययावरण के साथ
विकास पर अपनी विचारधारा को किया साझा...
लिए भारत आज दुनिया को नेतत्ृ ्व दे रहा है। अपने कमिटमेेंट को
पूरा करने के भारत के ट्रैक रिकॉर््ड के कारण ही दुनिया आज भारत
के साथ जुड़ रही है।
पर््यवया रण संरक्षण के प्रति बीते 8 वर््ष मेें भारत के नजरिये के


इन््हीीं बदलावोों का जिक्र प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने गुजरात के एकता
ज का नया भारत, नई सोच, नई अप्रोच के साथ नगर मेें आयोजित राज््योों के पर््यवया रण मंत्रियोों के सम््ममेलन का
आगे बढ़ रहा है। आज भारत तेजी से विकसित उद््घघाटन करते हुए किया। उन््होोंने कहा, “भारत के लोग कभी
होती इकॉनमी भी है, और निरंतर अपनी इकोलॉजी प्रकृति के शोषक नहीीं बल््ककि पोषक रहे हैैं। भारत ने साल 2070
को भी मजबूत कर रहा है। हमारे वन आवरण क्षेत्र मेें वृद्धि हुई है तक नेट जीरो का टारगेट रखा है। अब देश का फोकस ग्रीन
और वेटलैैंड का दायरा भी तेजी से बढ़ रहा है। हमने दुनिया को ग्रोथ पर है, ग्रीन जॉब््स पर है और इन सभी लक्षष्ययों की प्राप््तति के
दिखाया कि नवीकरणीय ऊर््जजा के मामले मेें हमारी स््पपीड और लिए, हर राज््य के पर््यवया रण मंत्रालय की भूमिका बहुत बड़ी है।”
हमारी स््ककेल तक शायद ही कोई पहुच ं सकता है। इंटरनेशनल प्रधानमंत्री मोदी ने आशा व््यक््त की, “हम एक ऐसे समय मेें मिल
सोलर अलायंस, सीडीआरआई (Coalition for Disaster रहे हैैं जब भारत अगले 25 वर्षषों के अमृतकाल के लिए नए लक्षष्य
Resilient Infrastructure) या फिर लाइफ(Lifestyle तय कर रहा है। मुझे विश््ववास है, आपके प्रयासोों से पर््यवया रण की
for environment) मूवमेेंट ...बड़़ी चुनौतियोों से निपटने के रक्षा मेें भी मदद मिलेगी और भारत का विकास भी उ‍तनी ही तेज

8 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


राष्टट्र पर््ययावरण मंत्रियोों का सम््ममेलन

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के मुख््य अंश... देश मेें वन क्षेत्र की स््थथिति

21.17%
n पंचायतोों, स््थथानीय निकायोों, एमएसएमई को हर स््तर पर जागरूक
करना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध््यम से हमेें युवाओं को कुल वन आवरण
7,13,789
अपने इकोसिस््टम के संरक्षण के महत््व के बारे मेें जागरूक
बनाने की आवश््यकता है।
वर््ग किलोमीटर हिस््ससा है देश के कुल
n परिवेश पोर््टल, पर््ययावरण से जुड़े सभी तरह के क््ललीयरेेंस के लिए
भौगोलिक क्षेत्र का।
सिंगल विंडो है जिसमेें पारदर््शशिता के साथ 8 साल पहले तक जिस बढ़ोतरी 2019 से
क््ललीयरेेंस मेें 600 से ज््ययादा दिन लग जाते थे, वहीीं आज 75 दिन मेें
मिल रहा है। 1,540 एक दशक की बात करेें तो देश
के वन आवरण मेें 21,762 वर््ग
वर््ग किलोमीटर किलोमीटर की वृद्धि हुई है।
n ईज-ऑफ-लिविंग पहल को लागू करते हुए हमेें पर््ययावरण सरकार नगर वन योजना चला रही है जिसमेें 2020-2021 से
संरक्षण पर ध््ययान देना चाहिए। पर््ययावरण की रक्षा मेें हमेें तकनीक 2024-2025 की अवधि के दौरान देश मेें 400 नगर वन और
का इस््ततेमाल ज््ययादा से ज््ययादा बढ़ाना चाहिए। 200 नगर वाटिका विकसित करने का लक्षष्य रखा गया है।
n जंगलोों की स््थथिति का अध््ययन, स््पपेस तकनीक से मॉनिटरिंग
करके कर सकते हैैं। जंगलोों मेें आग के मामलोों मेें बेशक भारत
की हिस््ससेदारी नगण््य है। लेकिन हमेें जागरूक होना होगा, फायर
फाइटिंग का मैकेनिज््म मजबूत करना होगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि
n आज भारत तेजी से विकसित होती इकोनॉमी भी है और इकोलॉजी को बेवजह पर््ययावरण का नाम लेकर ईज
भी मजबूत कर रहा है। हमारा वन कवर, वेडलैैंड तेजी से बढ़ रहा है। ऑफ लीविंग और ईज ऑफ डूइंग
n रिन््ययुअल एनर्जी के मामले मेें हमारी स््पपीड और हमारा स््ककेल बिजनेस के रास््तते मेें कोई बाधा न खड़़ी
सर््वश्रेष््ठ है, शायद ही कोई इसको मैच करे। इंटरनेशनल सोलर
अलायंस हो या फिर लाइफ मूवमेेंट बड़ी चुनौतियोों से निपटने के
करे। -नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
लिए भारत आज दुनिया को नेतृत््व दे रहा है।

गति से होगा।” के हमारे अभियान को भी ताकत मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी


प्रधानमंत्री ने राज््योों मेें सर््ककुलर इकोनॉमी को ज््ययादा से ज््ययादा ने सम््ममेलन मेें पर््यवया रण क््ललीयरेेंस देने मेें तेजी लाने का अनुरोध
बढ़ावा देने के लिए पर््यवया रण मंत्रियोों से आग्रह किया। ऐसा करने किया। उन््होोंने पर््यवया रण मंत्रियोों से स््पष््ट किया, “आधुनिक
से सॉलिड वेस््ट मैनज े मेेंट और सिंगल यूज प््ललास््टटिक से मुक््तति इंफ्रास्टट्रक््चर के बिना, देश का विकास, देशवासियोों के जीवन

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 9


राष्टट्र पर््ययावरण मंत्रियोों का सम््ममेलन

गुजरात मेें 20 साल पहले ही जलवायु परिवर््तन


चुनौतियोों पर शुरू कर दिया था काम
रेस््पोोंस टू चैलेेंजज
े ऑफ क््ललाइमेट चेेंज” नाम से लिखी पुस््तक के
रूप मेें देश-दुनिया के सामने रखा। इसी तरह प्रधानमंत्री बनने के बाद
सीओपी शिखर सम््ममेलन मेें अंतर््रराष्ट्रीय सौर गठबंधन के शुभारंभ के
अवसर पर “कन््वविनियेेंट एक््शन – कॉन््टटीन््ययूटी फॉर चेेंज” पुस््तक
का विमोचन वैश््वविक नेताओं की उपस््थथिति मेें किया गया। इस पुस््तक
मेें जलवायु परिवर््तन के खतरे को कम करने और पर््ययावरण सुधार के
लिए भारत के प्रयासोों की जानकारी दी गई है।
“कन््वविनियेेंट एक््शन: गुजरात रेस््पोोंस टू चैलेेंजज
े ऑफ क््ललाइमेट
चेेंज” के अनुसार गुजरात मेें शुरुआती 5 वर्षषों मेें ही करीब 3.54 लाख
चेक डैम और गांव मेें तलाब बनाए। इसका असर यह हुआ कि जहां
1998 से 2002 के बीच भूजल स््तर 2.51 मीटर घटा था, वहीीं मई 2003 से
मई 2007 के बीच औसत भूजल स््तर मेें 4.01 मीटर की वृद्धि हुई।
ड्रिप सिंचाई विधि अपनाने से एक वर््ष मेें करीब 74 मिलियन
किलोवाट ऊर््जजा की बचत हुई। सरदार सरोवर नहर प्रोजेक््ट मेें 13
नदियोों को जोड़ने और पानी ट््राांसफर, सरदार सरोवर परियोजना
की निरंतर निगरानी से कार््याांवयन तेज हुआ। इसकी वजह से जहां
2000-01 मेें कृषि और औद्योगिक क्षेत्र मेें क्रमश: 45.12% और 28.59%
बिजली की खपत होती थी, वो 2008-09 मेें बदलकर कृषि क्षेत्र मेें 21.10%
और औद्योगिक क्षेत्र मेें 35.26% रह गया। यह बचत भूजल निकालने के
प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी हर आपदा को अवसर मेें बदलने का हुनर रखते लिए मोटर चलाने की जरूरत नहीीं पड़ने और जलस््तर ऊपर आने के
हैैं। ऐसा 20 साल पहले गुजरात मेें भूकंप और 10 वर््ष पहले अकाल कारण पंप कम चलाने की जरूरत से हुई। यह बचत 15,459 मिलियन
के बाद करके दिखाया है। ऐसा ही कुछ जलवायु परिवर््तन की चुनौती टन कार््बन उत््सर््जन के बराबर रही।
और पर््ययावरण संरक्षण के मामले मेें किया। गुजरात मेें मुख््यमंत्री बनने गुजरात इसी तरह 1500 किलोमीटर से अधिक हाईप्रेशर गैस
पर जलवायु परिवर््तन की चुनौतियां, पर््ययावरण, कृषि, ऊर््जजा की बचत पाइप लाइन और बड़े गैस ग्रिड वाला देश का पहला राज््य बना। इस
को लेकर जिस समग्र दृष््टटिकोण के साथ काम शुरू किया था, उसे नेटवर््क की वजह से तमाम औद्योगिक सेक््टर की गैस की जरूरतेें
प्रधानमंत्री बनने के बाद व््ययापकता के साथ आगे बढ़ा रहे हैैं। पूरी होने लगी। इससे 23 करोड़ टन से अधिक कार््बन उत््सर््जन की
पीएम नरेेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख््यमंत्री बने तो जलवायु कमी का आकलन किया गया। भागीदारी से लक्षष्य प्राप््तति के लिए बच्चचों
परिवर््तन के प्रभाव को कम करने के लिए जल सुरक्षा, कृषि, ऊर््जजा के को ऊर््जजा के जिम््ममेदार और संयमित उपयोग के लिए प्रेरित किया
क्त्रषे को अवसर मेें बदला। जो किया उसे “कन््वविनियेेंट एक््शन: गुजरात गया।

स््तर को सुधारने का प्रयास सफल नहीीं हो सकता। लेकिन अर््बन नक््सल उसको माथे पर लेकर के नाचते रहते हैैं और हमारे
हमने देखा है कि एनवायरमेेंटल क््ललीयरेेंस के नाम पर देश मेें यहां रुकावट आ जाती है। चीजेें अटक जाती हैैं। हमेें ऐसे विषयोों
आधुनिक इंफ्रास्टट्रक््चर के निर््ममाण को कैसे उलझाया जाता था। मेें समग्र सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमारा प्रयास होना
भारत मे विकास को रोकने के लिए कई ग््ललोबल इंस््टटिट्यूशन, कई चाहिए कि बेवजह पर््यवया रण का नाम लेकर ईज ऑफ लीविंग और
फाउंडेशसं भी विषय पकड़ कर तूफान खड़़ा कर देते हैैं। ये हमारे ईज ऑफ डूइगं बिजनेस के रास््तते मेें कोई बाधा ना खड़़ी करे।” n

10 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


राष्टट्र गुजरात की विकास यात्रा

गुजरात विकास को
नई रफ््ततार
“जब विश््ववास बढ़ता है तो प्रयास बढ़ता है और
सबका प्रयास से राष्टट्र के विकास की गति तेज
होती है।” अपने इसी मंत्र के साथ प्रधानमंत्री
नरेेंद्र मोदी गुजरात के विकास को देश के विकास
से जोड़कर आगे बढ़ा रहे हैैं। वे गुजरात दौरे पर
जब भी जाते हैैं सौगातेें देते हैैं। इस बार 29-30
सितंबर को अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे पर
उन््होोंने सूरत, भावनगर, अहमदाबाद और अंबाजी
मेें करीब 29 हजार करोड़ रुपये की विकास
परियोजनाओं का लोकार््पण और शिलान््ययास
किया। विकास परियोजनाओं मेें अहमदाबाद
मेट्रो की शुरुआत के साथ ही गांधीनगर-मुंबई
वंदे भारत ट्रेन यानी विकास के साथ गुजरात
को तेज रफ््ततार का उपहार भी शामिल है। यही
नहीीं, प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार गुजरात मेें
आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय खेलोों का उद््घघाटन
कर इस राज््य को खेलोों की दुनिया से जोड़ने की
स्नेह भरी शुरुआत भी की...

भा रत मेें क्षेत्रफल के हिसाब से 5वां और जनसंख््यया


के लिहाज से 9वां सबसे बड़ा राज््य गुजरात देश के
विकास मेें अहम भागीदार रहा है। वर््ष 2010 मेें फोर््ब््स
मैगजीन ने गुजरात को दुनिया का तीसरा सबसे तेजी से आगे बढ़ता
राज््य कहा था तो भारत के विकास मेें योगदान के लिए इसे 'पश््चचिम का
के पीछे प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी की ईज ऑफ लीविंग का मंत्र है। ड्रीम
सिटी परियोजना को सूरत मेें हीरा कारोबार मेें तेजी से विकास के
पूरक के लिए वाणिज््ययिक और आवासीय स््थथान की बढ़ती मांग को
पूरा करने के दृष््टटिकोण के साथ शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी
ने कहा,''सूरत के कपड़़ा और हीरा कारोबार से देशभर के अनेक
गहना' भी कहा जाता रहा है। अक््टटूबर 2001 से 22 मई 2014 तक परिवारोों का जीवन चलता है। ड्रीम प्रोजेक््ट जब पूरा हो जाएगा तो
बतौर मुख््यमंत्री पीएम नरेेंद्र मोदी ने इस राज््य के विकास को नई दिशा सूरत, विश््व के सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक डायमंड ट्रेडिंग हब
दी तो यह विकास के मॉडल के रूप मेें पूरे भारत मेें पहचाना गया। के रूप मेें विकसित होगा।'' प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. हेडगेवार ब्रिज से
प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने के बाद भी पीएम नरेेंद्र मोदी अपने गृह भीमराड-बमरोली ब्रिज तक 87 हेक््टटेयर से अधिक क्षेत्र मेें बनने वाले
राज््य को हर दौरे पर सौगात देते रहे हैैं। इस बार 29 सितंबर को अपने जैव विविधता पार््क की आधारशिला रखी।
दो दिवसीय गुजरात दौरे की शुरुआत उन््होोंने सूरत मेें करीब 3400 सूरत के बाद पीएम मोदी ने 29 सितंबर को ही भावनगर को
करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं के लोकार््पण और शिलान््ययास करीब 5200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दीीं।
के साथ की। उन््होोंने यहां डायमंड रिसर््च एंड मर्ककेंटाइल (ड्रीम ) प्रधानमंत्री ने भावनगर मेें दुनिया के पहले सीएनजी टर््ममिनल और
शहर के मुख््य द्वार का लोकार््पण करने के साथ जैव विविधता पार््क ब्राउनफील््ड पोर््ट की आधारशिला रखी तो साथ ही 20 एकड़ मेें फैले
की आधारशिला रखी और विज्ञान केेंद्र मेें खोज संग्रहालय का भी क्षेत्रीय विज्ञान केेंद्र का भी उद््घघाटन किया। इसे लगभग 100 करोड़
शुभारंभ किया। कनेक््टटिविटी और बुनियादी सुविधाएं विकसित करने रुपये की लागत से बनाया गया है। कई अन््य स््थथानीय परियोजनाओं

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 11


राष्टट्र गुजरात की विकास यात्रा

की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भावनगर की इस


विकास यात्रा को आज शुरू की जा रही योजनाओं से नई गति मिलेगी।”
लोथल को विरासत का एक महत््वपूर््ण केेंद्र बताते हुए, प्रधानमंत्री ने गुज
गुजरात
रात मेेंमेें
पहलीपहली बा
कहा कि यह दुनिया का सबसे पुराना बंदरगाह है और लोथल समुद्री
बार राष्ट्रीय खेलोों
जुका
ड़ेगहुआा इंआयोजन
डिया, जीतेग
संग्रहालय का निर््ममाण होने से इस स््थथान को एक नई पहचान मिलेगी।
अपने दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने गांधीनगर और मुंबई
के बीच वंदे भारत एक््सप्रेस के नए और उन्नत वर््जन को हरी झंडी
दिखाई और खुद गांधीनगर से कालूपुर रेलवे स््टटेशन तक ट्रेन से यात्रा
भी की। हाल ही मेें मुंबई-अहमदाबाद के बीच एक ट्रायल रन मेें नई
वंदे भारत एक््सप्रेस ने केवल 52 सेकडं मेें 0 से 100 किमी प्रति
घंटे की गति तक की रफ््ततार पाकर बुलेट ट्रेनोों का रिकॉर््ड भी तोड़
दिया है। बुलेट ट्नरे इस रफ््ततार को हासिल करने मेें 54.6 सेकेेंड का
समय लेती है। गांधीनगर और मुंबई के बीच वंदे भारत एक््सप्रेस गेम
चेेंजर साबित होगी। दोनोों व््ययापारिक केेंद्ररों के बीच न सिर््फ हाईस््पपीड
कनेक््वविटी मिलेगी बल््ककि हवाई जहाज जैसी सुविधाएं भी कम किराए
मेें मिलेगी। यह भारत मेें पहली ऐसी ट्नरे है जिसमेें फोटोकैटलिटिक
एयर प््ययूरीफायर सिस््टम लगा हुआ है। यह सिस््टम हवा को शुद्ध
रखेगा तो वहीीं यह हवा से फैलने वाली तमाम बीमारियोों से ट्रेन को
मुक््त भी रखेगा।
अहमदाबाद को नई रफ््ततार देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मेट्रो
परियोजना के पहले चरण का उद््घघाटन किया। इस दौरान उन््होोंने
कालूपुर स््टटेशन से दूरदर््शन केेंद्र मेट्रो स््टटेशन तक मेट्रो मेें यात्रा भी
की। अहमदाबाद मेट्रो परियोजना पहले चरण मेें अपैरल पार््क से
थलतेज तक पूर््व-पश््चचिम कॉरिडोर और मोटेरा से ग््ययासपुर के बीच
उत्तर-पश््चचिम कॉरिडोर के 32 किलोमीटर का हिस््ससा शामिल है। पूरे
निर््ममाण पर करीब 13 हजार करोड़ रुपये की लागत आई है। अभी यह
सेक््शन रेल और बस प्रणाली से जुड़ा हुआ है जिसे भविष््य मेें कालूपुर
मेें मुंबई और अहमदाबाद को जोड़ने वाली हाईस््पपीड रेल प्रणाली से
जोड़ा जाएगा। यह देश मेें पहली बार है जब किसी एक शहर मेें मेट्रो
परियोजना के किसी चरण मेें एक साथ 32 किमी के खंड की शुरुआत
की गई है।
प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने अंबाजी मेें मां अंबा के दर््शन कर 7200
करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार््पण और शिलान््ययास भी
किया। इसमेें पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए 45,000
से अधिक आवास शामिल हैैं। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रसाद योजना
के तहत तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड न््ययू ब्रॉड गेज लाइन और
अंबाजी मंदिर मेें तीर््थ सुविधाओं के विकास की आधारशिला
रखने के साथ ही कई स््थथानीय परियोजनाओं की सौगात भी दी।

12 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


राष्टट्र गुजरात की विकास यात्रा

ी बार राष्ट्रीय
पीएमखेलोबोले
ों का-आयोजन,
जुड़ेगा
जीतेगा इंडियाइंडिया, जीतेगा इंडिया
गुजरात मेें तत््ककालीन मुख््यमंत्री रहते हुए 12 साल
पहले प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने गुजरात के युवाओं
को विशिष््ट सुविधाएं उपलब््ध कराने, स््पपोर््ट््स इको
सिस््टम का हिस््ससा बनाने और भारत का स््पपोर््टििंग
पॉवर हाउस बनाने के लिए 2010 मेें खेल महाकुंभ
शुरू किया जो 2014 मेें खेलो इंडिया अभियान बना।
गुजरात को इसी मजबूत खेल इको सिस््टम की वजह
से 36वेें राष्ट्रीय खेलोों की पहली बार मेजबानी भी
मिली। विश््व के सबसे बड़े नरेेंद्र मोदी स््टटेडियम मेें
29 सितंबर को आयोजित भव््य रंगारंग कार््यक्रम मेें 98 साल पुराना है राष्ट्रीय खेलोों का इतिहास
प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने इसका शुभारंभ किया। 36वेें n आजादी के पहले इंडियन ओलंपिक के नाम से पहचान रखने वाले राष्ट्रीय
राष्ट्रीय खेलोों का एंथम है- जुड़ेगा इंडिया, जीतेगा खेलोों के 98वेें वर््ष मेें भारत ने प्रवेश किया है। आजादी के पहले 1924
इंडिया और शुभंकर है- सावज…... मेें लाहौर मेें पहले खेलोों का आयोजन किया गया था। 1940 के बाद इसे
प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने इस मौके पर स््वर््णणिम गुजरात राष्ट्रीय खेल का नाम दिया गया। 35वेें राष्ट्रीय खेलोों का आयोजन 2015 मेें
खेल विश््वविद्यालय का भी शुभारंभ किया। तत््ककालीन केरल मेें हुआ था। 36वेें राष्ट्रीय खेलोों की मेजबानी गुजरात को महज 3
मुख््यमंत्री के तौर पर प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने जिस खेल महीने पहले सौौंपी गई थी।
विश््वविद्यालय का सपना देखा था वो वडोदरा मेें आकार n गुजरात मेें पहली बार आयोजित 36वेें राष्ट्रीय खेल मेें 36 राज््योों के करीब
ले चुका है। आधुनिक व उन्नत सुविधाओं से लैस स््वर््णणिम 15 हजार खिलाड़ी, कोच और अधिकारियाें ने 36 प्रकार के खेलोों मेें हिस््ससा
गुजरात विश््वविद्यालय का भव््य और आधुनिक भवन 130 लिया। 36वेें राष्ट्रीय खेलोों का शुभांकर ‘सावज’ को बनाया गया है जिसका
एकड़ मेें फैला है, साथ ही इसे 108 करोड़ रुपये से अधिक अर््थ होता है शावक। कुछ महीने पहले ही गुजरात ने अपनी खेल नीति
के खर््च से तैयार किया गया है। राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स््तर की लांच की जिसमेें नई तकनीक को प्रोत््ससाहित किया गया है।
सुविधाएं यहां हैैं। पूरे देश के छात्र इन आधुनिक सुविधाओं
का लाभ उठा पाएंगे जिससे इस क्षेत्र मेें रोजगार के नए-नए
अवसर बनेेंगे। विश््व के सबसे बड़े नरेेंद्र मोदी स््टटेडियम मेें
किसी भी देश की प्रगति, अब दुनिया मेें
एक लाख श्रोताओं के सामने प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने 36वेें
उनके सम््ममान का खेलोों मेें उसकी सफलता से सीधा
राष्ट्रीय खेलोों के शुभारंभ का आह्वान किया। विश््व पटल पर
संबंध होता है। राष्टट्र को नेतृत््व देश का युवा देता है और
भारत के खिलाड़ी जो दमदारी दिखा रहे हैैं, अंतरराष्ट्रीय स््तर
खेल, स््पपोर््ट््स उस युवा की ऊर््जजा का, उसके जीवन
पर मेडल जीत रहे हैैं, उस कार््यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री
निर््ममाण का प्रमुख स्रोत होता है। आज खिलाड़़ियोों को
मोदी ने कहा, 'खेल के मैदान मेें खिलाड़़ियोों की जीत, उनका
ज््ययादा से ज््ययादा संसाधन भी दिए जा रहे हैैं और ज््ययादा
दमदार प्रदर््शन, अन््य क्षेत्ररों मेें देश की जीत का भी रास््तता
से ज््ययादा अवसर भी मिल रहे हैैं। पिछले 8 वर्षषों मेें देश
बनाता है। स््पपोर््ट््स की सॉफ््ट पावर, देश की पहचान को,
का खेल बजट करीब 70 प्रतिशत बढ़़ा है।
देश की छवि को कई गुना ज््ययादा बेहतर बना देती है।' n
-नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 13


राष्टट्र लॉजिस््टटिक नीति

देश की पहली राष्ट्रीय लॉजिस््टटिक नीति

अमृत वर््ष यानी 2047 तक भारत के विकसित राष्टट्र


बनने का संकल््प पूरा हो, इसके लिए जरूरी है हमारा
निर््ययात बढ़े, हमारे उत््पपाद लागत के मामले मेें प्रतिस््पर्धी
होों। ये सस््तते और सुगम लॉजिस््टटिक््स के बिना संभव
नहीीं है। इसी सोच के साथ पिछले 8 वर्षषों मेें सरकार
ने पहले भारतमाला, सागरमाला और फ्रेट कॉरिडोर,
तटवर्ती, रेलवे इंफ्रास्टट्रक््चर सशक््त करने के साथ पीएम
गतिशक््तति नेशनल मास््टर प््ललान पर काम शुरू
किया, अब लॉजिस््टटिक््स लागत एक अंक
मेें लाने के लिए 17 सितंबर को शुरू राष्ट्रीय
लॉजिस््टटिक््स नीति है इसी कड़़ी मेें अगला कदम…।
इससे खत््म होोंगी लॉजिस््टटिक््स सेक््टर की उलझनेें,


तेज होगा विकास और बढ़ेेंगे रोजगार के अवसर…...
मृतकाल मेें देश की आर््थथिक तरक््ककी मेें और तेजी लाने
और लॉजिस््टटिक््स लागत कम करने के लिए प्रधानमंत्री
नरेेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को राष्ट्रीय लॉजिस््टटिक््स नीति जब देश का एक््सपोर््ट बढ़ता है, देश मेें लॉजिस््टटिक््स
का विज्ञान भवन मेें शुभारंभ किया। यह नीति पीएम गतिशक््तति नेशनल से जुड़़ी मुश््ककिलेें कम होती हैैं, तो उसका बड़़ा लाभ
मास््टर प््ललान की पूरक है। यूं तो ई-संचित के माध््यम से पेपरलेस हमारे छोटे उद्योगोों को और उनमेें काम करने वाले
एक््ससिम व््ययापार प्रक्रिया हो, कस््टम््स मेें फेसलेस असेसमेेंट हो या लोगोों को भी होता है। लॉजिस््टटिक््स सेक््टर की
ई-वे बिल और फास््टटैग का प्रावधान हो, इन सभी ने लॉजिस््टटिक््स मजबूती सामान््य मानवी का जीवन ही आसान नहीीं
सेक््टर की क्षमता को पहले ही बढ़ाया है। अब ये पॉलिसी देशभर मेें बनाएगी बल््ककि श्रम और श्रमिकोों का सम््ममान बढ़़ाने
उत््पपादोों के निर््बबाध आवागमन, स््टटेकहोल््डर के बीच बेहतर समन््वय मेें भी मदद करेगी। -नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
सुनिश््चचित करेगी जिससे विनिर््ममाण मेें प्रतिस््पर््धधा को बढ़ावा मिलेगा।
हैैं। इस पूरी प्रक्रिया पर जो खर््च आता है उसे लाजिस््टटिक््स लागत
किसान की उपज और एमएसएमई के उत््पपादोों को सही कीमत मिल
कहते हैैं।
सकेगी। उपभोक््तताओं तक भी उत््पपादोों की पहुचं सहज और किफायती
यूं तो भारत मेें लॉजिस््टटिक््स लागत को लेकर कोई सरकारी
होगी।
अध््ययन नहीीं किया गया है लेकिन एक प्राइवेट फर््म आर््मस््ट््राांग एंड
लॉजिस््टटिक््स एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत किसी माल,
एसोसिएट ने अपने अध््ययन मेें बताया है कि भारत मेें लॉजिस््टटिक््स
सेवाओं या सूचनाओं को योजनाबद्ध तरीके से उत््पपादन से इस््ततेमालकर््तता
लागत जीडीपी का 13 से 14 प्रतिशत तक है, जो अधिकतर विकसित
तक पहुचं ाया जाता है। लॉजिस््टटिक््स के पूरे इको सिस््टम मेें परिवहन,
देशोों की लागत (10% से कम) से अधिक है। लॉजिस््टटिक््स लागत
वेअरहाउसिंग, इंटर मॉडल ट््राांसफर, सेवाओं, नीति एवं विनियामन
मेें कमी लाने के लिए सरकार ने रेल यातायात, सड़क यातायात,
व््यवस््थथा, कौशल आदि से संबधित ं सभी गतिविधियां शामिल होती

14 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


राष्टट्र लॉजिस््टटिक नीति

अंतरदेशीय जलमार््ग मेें अनेक नीतिगत पहल की हैैं।


वाणिज््य विभाग मेें सरकार के विभिन्न लॉजिस््टटिक््स मेें की
गई पहलोों मेें समन््वय के लिए एक अलग प्रभाग बनाया
गया है।
राष्ट्रीय लॉजिस््टटिक््स नीति को कैबिनेट ने मंजरीू दी है जिसमेें
एक सिंगल रेफरेेंस प््ववाइंट बनाया गया है। इसका उद्देश््य वर््ष
2030 तक ग््ललोबल बेेंचमार््ग के बराबर लॉजिस््टटिक लागत
सिंगल डिजिट मेें लाना है। साथ मेें, सरकार की कोशिश है
कि ग््ललोबल लॉजिस््टटिक परफॉर्ममेंस इंडेक््स रैैंकिंग मेें साल
2030 तक भारत शीर््ष 25 देशोों मेें शामिल हो जाए, पिछले
संस््करण मेें भारत 44वेें स््थथान पर रहा था।
स््वतंत्रता दिवस पर लाल किले से जिन पंच प्राणोों का
संकल््प प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने दिया है, उनमेें से सबसे
पहला है – विकसित भारत का निर््ममाण। विकसित राष्टट्र
बनने मेें हमारी प्रतिस््पर््धधा ताकतवर देशोों के साथ होगी।
राष्ट्रीय लॉजिस््टटिक््स नीति मेें ये भी प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी कहते हैैं, “भारत मेें बने प्रॉडक््ट््स
दुनिया के बाजारोों मेें छाएं, इसके लिए देश मेें सपोर््ट
n नीति के तहत अर््थव््यवस््थथा के महत््वपूर््ण सेक््टर- जैसे कोल, स््टटील,
फर््टटिलाइजर, खाद्यान, सीमेेंट और पोर््ट कनेक््टटिविटी के लिए सेक््टर स््पपेसिफिक
सिस््टम का मजबूत होना भी उतना ही जरूरी है।” नेशनल
लॉजिस््टटिक प््ललान बनाए जा रहे हैैं। डिजिटल इंडिया से जोड़कर एक प््ललेटफार््म लॉजिस््टटिक््स पॉलिसी हमेें इस सपोर््ट सिस््टम को आधुनिक
यूलिप तैयार किया गया है ताकि लॉजिस््टटिक स््टटेकहोल््डर््स को आसानी हो और बनाने मेें बहुत मदद करेगी। इसमेें विश््वस््तरीय इंफ्रास्टट्रक््चर,
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिले। आधुनिक वेयरहाउसेस, डिजिटल प्रक्रिया और रेगल ु शे न,
n देश मेें वेयरहाउसिंग के मानकीकरण के लिए एक ई-हैैंडबुक भी तैयार की ट्रैकिंग एंड ट्रेसिंग, ईज ऑफ अरेेंजिगं शिपमेेंट, समयबद्धता
गई है, ताकि स््टटेकहोल््डर््स इसका उपयोग करेें और देश मेें ग््ललोबल स््टैैंडर््ड के पर विशेष फोकस है। प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने स््पष््ट किया
अनुरूप वेयरहाउस सेक््टर का विकास हो। है कि आज का भारत कोई भी पॉलिसी बनाने से पहले, एक
लॉजिस््टटिक इंडस्ट्री एसोशिएशन के मुद्ददों का तेजी से निपटारे के लिए ईज
ग्राउंड तैयार करता है। तभी वो पॉलिसी सफलता से लागू
n

ऑफ लॉजिटिक््स सर््वविसेज पोर््टल (E-LOGS) बनाया गया है। इसके द्वारा इंटर
मिनिस्ट्रियल सर््वविसेस ग्रुप इन मुद्ददों का तेजी से हल निकालेगा। हो पाती है और प्रगति की संभावनाएं बनती हैैं। नेशनल
n निगरानी के लिए पीएम गतिशक््तति के अधिकारप्राप््त सचिवोों के समूह का लॉजिस््टटिक््स पॉलिसी भी अचानक ऐसे ही लांच नहीीं की
उपयोग किया जाएगा। डिजिटल सुधार के लिये अधिकारप्राप््त सचिवोों का गई। इसके पीछे आठ वर्षषों की मेहनत है, नीतिगत बदलाव
“सेवा सुधार समूह” गठित किया जाएगा। चौदह राज््योों ने अपनी-अपनी राज््य हैैं, अहम निर््णय हैैं। अपने लिए कहूं तो मेरा 22 साल का
लॉजिस््टटिक््स नीतियां बना ली हैैं, जो राष्ट्रीय लॉजिस््टटिक््स नीति के अनुरूप हैैं। अनुभव इसमेें जुड़़ा है। लॉजिस््टटिक कनेक््टटिविटी सुधारने
वहीीं, 13 राज््योों मेें इसका मसौदा तैयार हो रहा है। के लिए हमने सागरमाला, भारतमाला जैसी योजनाएं लागू
कीीं। डेडिकेटेड फ्टरे कॉरिडोर पर तेजी लाने का प्रयास
लॉजिस््टटिक््स लागत मेें कमी, निर््ययात मेें बढ़ोतरी होगी किया। पोर््ट की क्षमता बढ़ी, जलमार््ग से लागत प्रभावी
पीएम गतिशक््तति मास््टर प््ललान के साथ राष्ट्रीय लॉजिस््टटिक््स नीति डबल इंजन परिवहन व््यवस््थथा कर पाए, नए जलमार््ग बनाए जा रहे
का काम करेगी। केेंद्र व राज््य सरकार की सभी इकाईयोों के इंफ्रास्टट्रक््चर हैैं। निर््यतया मेें मदद के लिए 40 एयर कार्गो टर््ममिनल बनाए
प्रोजेक््ट के करीब 1500 लेयर््स मेें डेटा बैैंक पीएम गतिशक््तति पोर््टल पर आ रहे
हैैं और 30 एयरपोर््ट पर कोल््ड स््टटोरेज की सुविधा देने के
हैैं। विकसित भारत बनने की दिशा मेें राष्ट्रीय लॉजिस््टटिक््स बड़ा कदम है जो
परिवहन क्षेत्र की चुनौतियोों का समाधान देने वाली साबित होगी। लॉजिस््टटिक््स साथ देशभर मेें 35 मल््टटी मॉडल लॉजिस््टटिक््स हब बनाए
लागत मेें कमी आएगी जिससे निर््ययात मेें करीब 5 से 8 फीसदी तक वृद्धि होगी। जा रहे हैैं। आज देश के करीब-करीब 60 एयरपोर््ट््स से
कृषि उड़़ान की सुविधा उपलब््ध है। n

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 15


आवरण कथा लोकल उत््पपाद हुए ग््ललोबल

वैश््वविक बाजार की
पहली पसंद बन रहे
भारतीय उत््पपाद
लोकल खरीद रहा भारत I ग््ललोबल बन गए उत््पपाद।

16 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


आवरण कथा लोकल उत््पपाद हुए ग््ललोबल

दुनिया हमेशा से भारत को बाजार समझती रही है, लेकिन बीते कुछ वर्षषों के प्रयासोों ने इस
अवधारणा को बदल दिया है। जिन भारतीय उत््पपादोों के लिए पहले कभी कहा जाता था-
‘भारत क््योों?’ बदलते भारत से अब विश््व की भी धारणा बनी है- ‘भारत क््योों नहीीं?’
लेकिन भारत ने केवल दुनिया की यही सोच नहीीं बदली, बल््ककि ‘इम््पपोर्टेड’ मांगने वाले
भारतीय भी ‘वोकल फॉर लोकल’ से प्रेरणा लेकर अब ‘मेड इन इंडिया’ का टैग देखना
नहीीं भूलते। इन बदलावोों का परिणाम है कि भारत अब दुनिया का बाजार बनने की बजाय
‘आत््मनिर््भरता’ के मंत्र के साथ मैन््ययुफैक््चरिंग हब बनकर दुनिया के बाजार मेें छा रहा
है और स््थथानीय भारतीय उत््पपाद बन रहे हैैं पहली पसंद…, साथ ही दुनिया को दिया है स््पष््ट
संदेश- “भारत की कहानी आज मजबूत है, कल और भी मजबूत होगी”

इ स बार की दीपावली कुछ विशेष है। दो साल


बाद कोविड के साए से करीब-करीब मुक््त
पहली दीपावली है। अमृत यात्रा से भारत को
विकसित बनाकर सशक््त करने की शुरुआत
वाली दीपावली है। लेकिन कोविड संकट की घड़ी मेें भी
त््ययोहारोों ने देश के जन-जन को एक संकल््प से जोड़ राष्टट्र
को आत््मनिर््भरता के मार््ग पर चलने का अवसर दिया है।
आज भारत के उत््पपाद दुनिया के बाजार मेें अपनी धमक
बना रहे हैैं और जिन उत््पपादोों के लिए देश कभी आयात
पर निर््भर रहता था, प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर
लोकल’ और ‘आत््मनिर््भर भारत’ के आह्वान ने इस धारा
को उलट दिया है। अब भारत न केवल अपनी खुद की
आवश््यकताओं की पूर््तति कर रहा है बल््ककि दुनिया के लिए
भी भरोसेमंद व गुणवत्तापूर््ण उत््पपाद बनाकर निर््ययात के नित
नए कीर््ततिमान स््थथापित कर रहा है।
दरअसल, प्राचीन विश््व गुरु भारत पूर््णत: आत््मनिर््भर
था, परंतु विदेशी आक््राांताओं के प्रभाव और दासता के कारण
भारत के व््ययापार व उद्योग के क्षेत्र मेें गिरावट आई। आजादी
के एक लंबे अरसे तक विदेशी आक््राांताओं के प्रभाव से
व््ययापार-उद्योग को मुक््त करने की दिशा मेें बड़े कारगर
प्रयास नहीीं हुए। लेकिन अब प्राचीन भारत के गौरव और
उस समय के आर््थथिक बल को वापस पाने के लिए भारत ने
एक स््वप्न देखा है जिसको प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी के नेतृत््व
मेें राष्टट्र साकार होता देख रहा है। सर्वे भवंतु सुखिन: के
मंत्र के साथ मेक इन इंडिया और आत््मनिर््भर भारत के

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 17


आवरण कथा लोकल उत््पपाद हुए ग््ललोबल

आजादी के बाद 600


1991 मेें अर््थव््यवस््थथा नए चरित्र गुना बढ़ा निर््ययात
मेें सामने आई तो यह मान लिया
गया कि नई व््यवस््थथा मेें स््थथानीय
n भारत मेें वोकल फॉर लोकल के साथ उत््पपादोों को ग््ललोबल
उत््पपादोों की कोई जगह नहीीं बचती। बनाने पर तेजी से काम चल रहा है।
n यही वजह है कि दुनिया के बाजार मेें भारतीय उत््पपाद पसंद
किए जा रहे हैैं। रत्न आभूषण, मसाले, कॉफी, रसायन व
विजन ने इसे नया स््वरूप दिया है। इस अभियान संबद्ध उत््पपाद, इलेक्ट्रॉनिक एवं मोबाइल का निर््ययात तेजी से
के तहत बने उत््पपाद पूरे विश््व मेें देश की गरिमा को बढ़ा है। आजादी के बाद भारत का निर््ययात 600 गुना बढ़ा है।
बढ़ाने का कार््य कर रहे हैैं। 2014 मेें ही प्रधानमंत्री
नरेेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया की शुरुआत की और n 1950-51 मेें भारत से 1.27 अरब डॉलर का निर््ययात होता था जो
इसकी सफलता के लिए पीएलआई योजना, ईज 2021-2022 मेें 676 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इसमेें वस््ततु
ऑफ डूइंग बिजनेस, श्रम सुधार, क््ववालिटी कंट्रोल, निर््ययात करीब 420 अरब डॉलर के रिकॉर््ड पर पहली बार
प्रक्रिया के सरलीकरण के साथ-साथ एक जिला- पहुंचा है। कृषि निर््ययात ने 50 अरब डॉलर के साथ एक रिकॉर््ड
एक उत््पपाद सहित कई कदम उठाए, जिसका कायम किया है।
परिणाम है कि आज भारत बेहद तेजी के साथ 800
आत््मनिर््भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। स््वदेशी 700 676.20
वंदे भारत एक््सप्रेस, विमान वाहक पोत, वैक््ससीन,
600
खिलौने जैसे अनेक उत््पपाद भारत मेें बन रहे हैैं और
विश््व पटल पर छा जाने के लिए तैयार हैैं। मेक इन 500
इंडिया के तहत बने उत््पपाद न केवल भारत, अपितु 400
पूरे विश््व मेें देश की गरिमा को बढ़ा रहे हैैं। 300 249.82
वोकल फॉर लोकल बना अमृत मंत्र 200
खादी से खिलौने तक, रक्षा क्षेत्र से इलेक्ट्रॅानिक््स
44.08

100
18.14

तक, केेंद्र सरकार ने ऐसे कई महत््वपूर््ण कदम


8.48
2.03
1.35
1.27

उठाए हैैं जिन््होोंने वोकल फॉर लोकल और 0


1950-51
1960-61

1970-71

1980-81

1990-91

2000-01
2010-11

2020-21

आत््मनिर््भर भारत की बुनियाद रख दी है। आज सूई


से लेकर सेना के उपकरण तक, साइकिल से लेकर
बाइक तक, मोबाइल से लेकर कार तक, घरेलू
उत््पपाद से लेकर मेडिकल डिवाइस तक, कपड़े से
लेकर खिलौने तक, सब कुछ है मेड इन इंडिया।
वाहन बाजार
जर््मनी को पछाड़कर भारत
जिसमेें अपनोों का पसीना है और अपने देश की दुनिया का चौथा सबसे बड़ा
महक है। देश के उज्जज्वल भविष््य के इसी सपने वाहन बाजार बना।
को केेंद्र सरकार आगे बढ़ा रही है। भारत अब न
केवल लोकल उत््पपाद खरीद रहा है, बल््ककि गर््व से भारत जर््मनी
उसका प्रचार भी कर रहा है। विश््व अर््थव््यवस््थथा 37.6 भारत ने 2021 मेें। 29.7
लाख वाहन बेचे लाख वाहन
बिके जर््मनी मेें।
मेें भारत को सिरमौर बनाने और जग-कल््ययाण

18 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


आवरण कथा लोकल उत््पपाद हुए ग््ललोबल

वैश््वविक बाजार की पहली पसंद

बीते वर्षषों से हमारे त््ययोहारोों के साथ देश का एक


नया संकल््प भी जुड़ गया है। ये संकल््प है –
‘वोकल फॉर लोकल’ का। अब हम त््ययोहारोों की
खुशी मेें अपने स््थथानीय कारीगरोों, शिल््पकारोों
और व््ययापारियोों को भी शामिल करते हैैं। हमेें इस
अभियान को और तेज करने का संकल््प लेना
है। खादी, हथकरघा, हस््तशिल््प ये सारे उत््पपाद
के साथ-साथ स््थथानीय सामान जरूर खरीदेें।
आखिर इस त््ययोहार का सही आनंद भी तब है,
जब हर कोई इस त््ययोहार का हिस््ससा बने, इसलिए,
n इलेक्ट्रॉनिक््स, पेट्रोलियम और
स््थथानीय उत््पपाद के काम से जुड़े लोगोों को हमेें इंजीनियरिंग सामानोों के निर््ययात मेें
सहयोग भी करना है। एक अच््छछा तरीका ये है कि भारत अग्रणी।
त््ययोहार के समय हम जो भी उपहार देें, उसमेें इस
प्रकार के उत््पपाद को शामिल करेें।”
n मेड इन इंडिया इलेक्ट्रॉनिक््स की
- नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री दुनिया मेें जबरदस््त मांग है। 2026
तक 300 अरब डॉलर मूल््य के
के लिए अपने आप को आत््मनिर््भर बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक््स मैन््ययुफैक््चरिंग की
‘वोकल फॉर लोकल’ को अमृत काल का मंत्र बना ओर अग्रसर भारत।
दिया है। विदेशी उत््पपादोों को छोड़कर अब वोकल n 120 अरब डॉलर के निर््ययात का लक्षष्य।
फॉर लोकल की अलख हर ओर गूंजती दिख रही
है। नए इनोवेशन, नई इच््छछाशक््तति के साथ अपनी n चरणबद्ध मैन््ययुफैक््चरिंग से मोबाइल
ताकत को पहचानकर भारत अब आत््मनिर््भर बनने उद्योग 36 अरब डॉलर का हुआ।
को आतुर है। प्रधानमंत्री मोदी कहते हैैं, “शॉपिंग n पीएलआई योजना से इलेक्ट्रॉनिक््स
करते समय आपकी पसंद मेें किसी भारतीय के श्रम क्षेत्र को मिल रहा बढ़ावा।
की, भारतीय मिट्‌टी की महक हो, इस बात को कभी
मत भूलना, हर बार इसी तराजू पर चीजोों को तोलना
और कुछ भी खरीदने के निर््णय से पहले इस तराजू
से तोलकर देखेें कि उसमेें मेरे देश के मजदूर के चीनी के निर््ययात मेें बढ़ोतरी
पसीने की महक है कि नहीीं है।”
केेंद्र सरकार 2014 से ही स््थथानीय उत््पपादोों को 1788 17,987
करोड़ रुपये का निर््ययात हुआ करोड़ रुपये का निर््ययात हुआ
बढ़ावा देने की दिशा मेें काम कर रही है। सरकार अप्रैल-जुलाई 2013-14 मेें । अप्रैल-जुलाई 2022-23 मेें।
लगातार अपनी नीतियोों को इस तरह से क्रियान््ववित
कर रही है कि आम लोग स््थथानीय स््तर पर ही यानी... चीनी के निर््ययात मेें 906 प्रतिशत
उत््पपाद खरीदेें। यानी जरूरत की जो चीजेें गांव मेें की वृद्धि हुई पिछले आठ वर्षषों मेें।

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 19


(ᴋᴀʀɪsʜɴᴀ ᴊɪ)
आवरण कथा लोकल उत््पपाद हुए ग््ललोबल

वोकल फॉर लोकल मंत्र से


स््थथानीय उत््पपादोों को फिर घरोों मेें
स््थथापित किया गया तो मेक इन इंडिया,
मेक फॉर द वर््ल््ड जैसी मुहिम ने
वैश््वविक बाजार के रास््तते खोले।

मिलती है, उसके लिए तहसील मेें जाने की जरूरत


आत््मनिर््भर भारत का
नहीीं हो और जो चीजेें तहसील मेें उपलब््ध है उसके मजबूत स््ततंभ बना खादी
लिए जिले के बाजार मेें जाने की जरूरत नहीीं हो।
पिछले आठ वर्षषों मेें खादी पहली बार खादी ग्रामोद्योग
इसी को ध््ययान मेें रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उत््पपादोों की बिक्री मेें 4 गुना आयोग का कारोबार 1 लाख
त््ययोहारोों से पहले एक बार मन की बात मेें कहा से अधिक की वृद्धि। करोड़ रुपये से अधिक हुआ ।
था, “उत््सव हम सबके जीवन मेें एक नई चेतना
को जगाने वाला पर््व होता है और दीवाली मेें तो रोजगार... पिछले 8 वर्षषों मेें 1.75
खासतौर पर कुछ-न-कुछ नया खरीदना, बाजार से करोड़ नए रोजगार सृजित हुए
कुछ लाना हर परिवार मेें होता है। लेकिन जितना
ज््ययादा हम अपनी स््थथानीय चीजेें खरीदने का प्रयास 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार
करेेंगेें, उतना ही अच््छछा होगा। मेरा तो आग्रह रहता करने वाली पहली एफएमसीजी कंपनी।
है कि हमारे बुनकरोों के हाथ से बना हुआ, हमारे
33,136

खादी वालोों के हाथ से बना हुआ, कुछ-न-कुछ तो

लाख करोड़
करोड़ रुपये

हमेें खरीदना ही चाहिए।”


हाल ही मेें अपने मन की बात कार््यक्रम मेें 1.15
रुपये
प्रधानमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’ के संकल््प
के त््ययोहारोों के साथ जुड़ने और अमृत काल के
लक्षष्ययों के मद्देनजर आने वाले त््ययोहारोों की खुशी मेें
स््थथानीय उत््पपादोों की खरीद के सारे रिकॉर््ड तोड़ने
का आह्वान किया। उनका कहना था, “इस समय 2014-15 2021-22
यह अभियान इसलिए भी खास है, क््योोंकि आजादी
के अमृत महोत््सव के दौरान हम आत््मनिर््भर भारत वृद्धि... आठ साल मेें 248% की वृद्धि।
का भी लक्षष्य लेकर चल रहे हैैं, जो सही मायने मेें
आजादी के दीवानोों को एक सच्ची श्रद््धाांजलि होगी।
इसलिए मेरा आपसे निवेदन है इस बार खादी,
हथकरघा या हस््तशिल््प इन उत््पपादोों को खरीदने के
आप सारे रिकॉर््ड तोड़ देें।”
राष्टट्र ने विकास की ओर सफलतापूर््वक कदम
बढ़ाते हुए जता दिया कि भारत की प्रगति मेें ही विश््व
की प्रगति समाहित है और वह विश््व कल््ययाण की

20 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


आवरण कथा लोकल उत््पपाद हुए ग््ललोबल

राह पर अटल है। इसी का नतीजा है कि त््ययोहार के चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत््पपादक
इस मौसम मेें लोगोों का रुझान देश मेें बनी वस््ततुओं n विश््व मेें भारत चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत््पपादक है। किसान
की ओर बढ़ रहा है। निरंतर देश मेें निर््ममित वस््ततुओं कल््ययाण से जुड़ी सरकार की नीतियोों और उन्नत किस््म के बीज
के निर््ययात की तस््ववीर बदल रही है। भारत आज न की उपलब््धता के कारण 2021-2022 मेें करीब 1303 लाख टन
सिर््फ अपनी जरूरतेें पूरी करने मेें सक्षम हो रहा चावल का उत््पपादन हुआ।
है, बल््ककि दुनिया को सहयोग करने के मामले मेें
भारत की छवि रामायण मेें वर््णणित हनुमान की तरह
बनी है जो संकटमोचन के रूप मेें दुनिया को हर
रसायन का निर््ययात 106% बढ़ा
n रसायन और संबद्ध उत््पपादोों के मामले मेें भारत विश््व का छठा
समस््यया का समाधान देने को तत््पर है। इसमेें भारत
और एशिया का तीसरा सबसे बड़ा उत््पपादक है। भारतीय रसायन
की युवा क्षमता बेहद महत््वपूर््ण है क््योोंकि भारत की
का निर््ययात 2013-14 के मुकाबले 2021-22 मेें 106% बढ़ा है। 2021-
65 प्रतिशत आबादी 35 वर््ष से कम की है। भारत 22 मेें भारत ने 4,98,691 करोड़ रुपये के रसायन और संबद्ध
की आबादी ही उसकी संपदा है। इसी संपदा की उत््पपादोों का निर््ययात किया है।
वजह से भारत विज्ञान-तकनीक के अनोखे संगम
से हर क्षेत्र मेें नित नए प्रयोग कर रहा है।
लोकल से ग््ललोबल बन
9 गुना बढ़ा रत्न-आभूषणोों का निर््ययात
n भारत हीरे और चांदी के आभूषणोों के निर््ययात मेें पहले नंबर पर
गए स््वदेशी उत््पपाद है। वर््ष 2021-22 मेें 2,91,481 करोड़ रुपये के रत्न-आभूषणोों
भारत संकट को किस तरह से अवसर मेें बदलता का निर््ययात हुआ जबकि 2000-01 मेें निर््ययात का आंकड़ा 33,734
है, इसका उदाहरण कोरोना काल मेें दुनिया के 150 करोड़ रुपये का था।
से ज््ययादा देशोों को दवाई उपलब््ध कराने के अलावा
पीपीई किट, एन-95 मास््क का उत््पपादन है। जहां
भारत पहले किट और मास््क नहीीं के बराबर बनाता घरेलू हवाई यातायात मेें
था, अब वह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर््ययातक
देश बन गया है। केेंद्रीय वाणिज््य और उद्योग मंत्री 67फीसदी की वृद्धि
पीयूष गोयल कहते हैैं, “आत््मनिर््भर भारत और जनवरी-अगस््त 2021 मेें 4.6 करोड़ यात्री,
वोकल फॉर लोकल भविष््य के लिए स््ववाभाविक जनवरी-अगस््त 2022 मेें 7.7 करोड़ यात्री।
पहल है। भारत ऐसी अर््थव््यवस््थथा का निर््ममाण कर
रहा है जहां गुणवत्तापूर््ण उत््पपाद बड़े पैमाने पर बनेेंगे
ताकि देश अधिक से अधिक आत््मनिर््भर हो सके।
पहले हम पीपीई किट, मास््क बहुत कम मात्रा मेें रक्षा क्षेत्र: निर््ययात मेें रिकॉर््ड
बनाते थे, लेकिन अब उसका निर््ययात करने लगे n 2014-15 मेें 1940 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 मेें 13,000
हैैं।” करोड़ रुपये हुआ यानी 570 प्रतिशत की वृद्धि (अमेरिका,
भारत ने इस विपरीत दौर मेें भी किस तरह से फिलीपीींस, दक्षिण पूर््व-एशिया, मध््य पूर््व और अफ्रीका के
वोकल फॉर लोकल के मंत्र से स््वदेशी उत््पपादोों को देशोों मेें निर््ययात)
ग््ललोबल बनाया, इसकी कहानी आंकड़ोों से जाहिर
होती है। कृषि क्षेत्र के निर््ययात मेें अद्भुत प्रगति n मेक इन इंडिया को बढ़ावा, 2 रक्षा गलियारे बनाए जा रहे
हुई है तो पहली बार ऐसा हुआ है कि रक्षा क्षेत्र हैैं। स््टटार््टअप को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशन फॉर डिफेेंस
मेें हथियारोों के लिए दूसरे देशोों पर निर््भर भारत एक््ससीलेेंस (iDEX) लांच किया गया। 300 से अधिक प्रकार
अब हथियार निर््ययातकोों के शीर््ष 25 देशोों मेें शुमार के उपकरणोों के आयात पर प्रतिबंध।
हो गया है। भारत दुनिया के 100 से ज््ययादा देशोों

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 21


आवरण कथा लोकल उत््पपाद हुए ग््ललोबल

मैन््ययुफैक््चरिंग मेें देश को


भारत मेें सादगी का प्रतीक आत््मनिर््भर बनाने की पहल
मानी जाने वाली खादी आज
मैक््ससिको मेें एक फैशन ब््राांड के पीएलआई योजनाएं: मेक इन इंडिया
रूप मेें पहचान बना चुकी है।
n इलेक्ट्रॉनिक््स और आईटी हार््डवेयर, ऑटोमोबाइल, मोबाइल,
फार््ममास््ययूटिकल््स, ईवी बैटरी सहित 14 क्षेत्ररों मेें 1.97 लाख
करोड़ रुपये स््ववीकृत।
को अंतरराष्ट्रीय मानक वाला बुलेट प्रूफ जैकेट
भी निर््ययात करता है। 2014 तक देश मेें मोबाइल
n भारत मेें न््ययूनतम उत््पपादन 5 वर्षषों मेें 500 अरब डॉलर से अधिक
निर््ममाण की सिर््फ दो इकाईयां थी और 6 करोड़ होने की उम््ममीद है।
मोबाइल बनते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षषों मेें
मोबाइल निर््ममाण की 200 इकाईयां काम करने
लगी। हम मोबाइल इंपोर््ट करते थे, अब हजारोों एक जिला-एक उत््पपाद
करोड़ रुपये के मोबाइल निर््ययात करने वाले देश
बन गए है।
अप्रैल-अगस््त 2022 मेें कुल निर््ययात (व््ययापार
और सेवाओं) पिछले साल की इसी अवधि की
तुलना मेें 19.7 प्रतिशत बढ़़ा है। गैर-पेट्रोलियम
और गैर-रत्न और आभूषण निर््ययात अप्रैल-अगस््त
2022 मेें पिछले वर््ष की समान अवधि की तुलना
मेें 8.5 प्रतिशत बढ़कर 135.6 अरब डॉलर हुआ।
पिछले वर््ष की समान अवधि की तुलना मेें अगस््त
2022 मेें व््ययापारिक निर््ययात 1.6 प्रतिशत बढ़कर प्रत््ययेक
33.9 अरब डॉलर हुआ। खाद्य तेल (73.7%), जिले के
इलेक्ट्रॉनिक सामान (50.8%) और चावल उत््पपादोों को
(43.6%) के निर््ययात मेें अगस््त 2022 के दौरान ग््ललोबल बनाने
पिछले वर््ष की समान अवधि की तुलना मेें उच्च पर जोर।
वृद्धि दर््ज की गई है।
एमएसएमई सेक््टर भर रहा है
आत््मनिर््भरता की उड़ान
700 सभी राज््योों और केेंद्र
शासित प्रदेशोों मेें उत््पपाद
भारत जब आत््मनिर््भरता की बात करता है तो
से अधिक विवरण के लिए एक
जीआईएस डिजिटल
आत््मकेेंद्रित अर््थव््यवस््थथा की वकालत नहीीं करता।
जिलोों के लगभग मानचित्र।
कोविड काल मेें 12 मई 2020 को जब प्रधानमंत्री 140 अनूठे उत््पपाद, ग्रामीण क्षेत्ररों मेें रोजगार
नरेेंद्र मोदी ने आपदा को अवसर मेें बदलते हुए फल, सब््जजियां, के अवसरोों का सृजन,
देश को आत््मनिर््भर बनाने का संकल््प लिया था, बेकरी आइटम आर््थथिक-सामाजिक-
सांस््ककृतिक विकास को
तब उनका संदेश साफ था, “भारत के लक्षष्ययों और आदि। बढ़ावा।
उसके कार्ययों का प्रभाव, विश््व कल््ययाण पर पड़ता

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दूध का सबसे बड़ा


उत््पपादक भारत
n भारत, दूध उत््पपादन मेें 23 फीसदी
भागीदारी के साथ दूध का सबसे बड़ा वैश््वविक बाजार मेें भारत की
उत््पपादक है। देश मेें 1975 मेें 1.7 करोड़ पहचान स््थथापित करने वाले
हैैंडीक्राफ््ट, हैैंडलूम जैसे उत््पपाद 90
टन दूध का उत््पपादन होता था जो 2021 के दशक मेें नेपथ््य मेें चले गए।
मेें 20.99 करोड़ टन पहुंच गया है।
दूध की प्रति व््यक््तति उपलब््धता भी इस
दौरान 130 ग्राम से बढ़कर 427 ग्राम
दैनिक पहुंच गई है।
जनजातीय उत््पपादोों को
ग््ललोबल बनाने की पहल
n 140 से अधिक ट्राइफेड के आउटलेट के जरिए
जनजातीय उत््पपादोों की मार्केटिंग। पिछले 6 वर्षषों मेें 10.5
लाख कारीगरोों को रोजगार। इनमेें से 50 प्रतिशत
से अधिक लाभार्थी महिला कारीगर हैैं।

है। आत््मनिर््भर भारत पैकेज के तहत 20.97 लाख


शहद का निर््ययात
करोड़ रुपये का पैकेज महज एक धन राशि नहीीं भारत मेें मीठी क््राांति
थी, बल््ककि एक रोड मैप था, जिस पर भारत चल शहद निर््ययात

257%
पड़ा है और त््ययोहार के इस मौसम मेें इसकी झलक
दिखने लगी है। उस पैकेज का लक्षष्य खास तौर से
कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग यानी
एमएसएमई पर था जो करोड़ों लोगोों की आजीविका की बढ़ोतरी हुई
का साधन भी है और भारतीय अर््थव््यवस््थथा की रीढ़ आठ साल मेें।
भी। ये आर््थथिक पैकेज देश के उस श्रमिकोों, किसानोों
को ध््ययान मेें रखकर बनाया गया था जो हर मौसम
मेें देशवासियोों के लिए दिन रात परिश्रम करते हैैं।
निर््ययात उत््पपादन
भारत के आर््थथिक सामर््थ््य को बुलंदी देने के लिए
संकल््पपित उद्योग जगत को जो राह मिली, उसी का
194 692
करोड़ रुपये करोड़ रुपये
2013-14 मेें
28,378 मीट्रिक
नतीजा है कि भारत मेें निवेश बढ़ रहा है। अप्रैल-जुलाई अप्रैल-जुलाई टन था जो 2022-23
2013-14। 2022-23। मेें 74,413 मीट्रिक
एमएसएमई सेक््टर राष्टट्र को आत््मनिर््भर बनाने
के संकल््प को नई उड़ान दे रहा है। लघु उद्योग टन हुआ।
भारतीय अर््थव््यवस््थथा के मजबूत स््ततंभ बनकर उभरे
हैैं। देश के लघु उद्योगोों के समग्र विकास को बढ़ावा

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 23


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देकर आत््मनिर््भर भारत का निर््ममाण हो रहा है। उत्तर


प्रदेश के आगरा के सुमित इंटरप्राइजेज चला रहे
सुमित कुमार कहते हैैं, “दो लाख रुपये से काम
भारत बना दुनिया की फार्मेसी,
चालू किया। बाजार की मांग बढ़ रही थी। बैैंक निर््ययात 146 फीसदी बढ़ा
लोन नहीीं दे रहा था तो एमएसएमई से 4.11 लाख n भारत का फार््ममास््ययुटिकल उद्योग मात्रा के मामले मेें
रुपये का लोन मिला। आज मेरा हर छह महीने दुनिया मेें तीसरा सबसे बड़ा है। जेनेरिक दवाओं के
का टर््नओवर 25-30 लाख रुपया पहुंचता है। इसी वैश््वविक निर््ययात का लगभग 20 प्रतिशत भारत द्वारा पूरा
तरह महाराष्टट्र के अहमदनगर के नेक््सस लर््नििंग किया जाता है। 500 से अधिक विभिन्न फार््ममास््ययुटिकल
प्राइवेट लिमिटेड के संचालक मतीन जहागीरदार सामग्री (एपीआई) हमारे देश मेें निर््ममित हो रही है।
कहते हैैं, “उद्यम पोर््टल पर पंजीकरण के बाद सेरावैक: सर््ववाइकल कैैंसर की रोकथाम के लिए भारत
मुझे सरकारी योजनाओं का लाभ मिला। जैसे कि का पहला स््वदेशी रूप से विकसित टीका।
ईएमडी छूट, कार््य अनुभव छूट मिला, टर््न ओवर
छूट मिला। इससे मेरी कंपनी को आगे बढ़ने मेें बहुत
n अप्रैल-अगस््त 2013-14 मेें 26,184 करोड़ रुपये का
फायदा हुआ। इसी तरह स््ववेता हरीश भी हैैं जिन््हेें निर््ययात हुआ तो अप्रैल-अगस््त 2022-23 मेें 64,320
एमएसएमई की सरकारी टीम से मैन््ययुफैक््चरिंग
करोड़ रुपये पहुंच गया।
यूनिट लगाने मेें मदद मिली। वे कहती हैैं,
“एमएसएमई टीम ने हमेें मैन््ययुफैक््चचिरिंग यूनिट
लगाने मेें शुरू से लेकर अंत तक मदद की। उन््होोंने
हमेें इंडस्ट्री रजिस्ट्रेशन कराने मेें भी पूरा सहयोग
दिया, जिसके कारण मुझे लोन लेने मेें परेशानी नहीीं
हुई। उद्यम पोर््टल पर पंजीकरण के बाद गारंटीमुक््त
लोन मिला। उन््होोंने सभी योजनाओं के बारे मेें हमेें
सही तरीके से सब कुछ बताया।” जुलाई 2020 मेें
उद्यम पोर््टल की शुरुआत हुई थी और हाल ही मेें 2
अगस््त तक इस पोर््टल पर पंजीकरण कराने वालोों
की संख््यया 1 करोड़ के पार पहुंच गई है। यह इस
बात का संकेत है कि एमएसएमई सेक््टर को केेंद्र
सरकार किस तरह सहयोग कर राष्टट्र निर््ममाण की रबड़ और रबड़ के बने उत््पपादोों की मांग और
गति को मजबूती प्रदान कर रही है।
निर््ययात मेें अप्रैल-अगस््त 2013 के मुकाबले इसी
अवधि मेें 2022 मेें ढाई गुना बढ़ोतरी दर््ज की
एक जिला-एक उत््पपाद से गई। 2013-14 की इस अवधि मेें जहां 6,337
लोकल हो रहा ग््ललोबल करोड़ रुपये के उत््पपाद का निर््ययात हुआ था, वो
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत््व मेें कृषि क्षेत्र मेें किए गए 2022 मेें बढ़कर 16,340 करोड़ रुपये के पार
मजबूत बदलावोों का असर दिखने लगा है और इस पहुंच गया है।
क्षेत्र से देश के लिए बड़ी खुशखबरी देखने को मिल इलेक्ट्रिकल मशीनरी व उपकरण के निर््ययात मेें
रही है। महामारी के बावजूद कृषि के क्षेत्र मेें देश तीन गुना बढ़ोतरी अप्रैल-अगस््त 2013-14 के
के किसानोों और कृषि उत््पपादोों के निर््ययात ने कमाल मुकाबले इसी अवधि मेें 2022-23 मेें। पहले
कर दिखाया है। प्रधानमंत्री मोदी की योजना- एक 24,884 करोड़ रुपये का निर््ययात और अब 82,
जिला, एक उत््पपाद ने इसमेें महत््वपूर््ण योगदान दिया 639 करोड़ रुपये का निर््ययात हो रहा।

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मेक इन इंडिया
8 वर््ष पूरे हुए। 2014 से ही भारत को मैन््ययुफैक््चरिंग हब
मोबाइल के आयात
n

बनाने की दिशा मेें अहम मेक इन इंडिया। 27 सेक््टर को इस


से निर््ययात तक पहल से जोड़ा गया है।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे
बड़ा निर््ममाता है। 8 साल मेें 200 आत््मनिर््भरता– बना ऑक््सफोर््ड डिक््शनरी
से ज््ययादा विनिर््ममाण इकाईयां का 2020 का प्रमुख हिंदी शब््द
स््थथापित की गई। मोबाइल के
आयात से आठ वर्षषों (2021-
22) मेें 5.5 अरब डॉलर का
मोबाइल निर््ययात। अप्रैल-जून,
2021-2022 मेें भारत से
मोबाइल निर््ययात 250% बढ़ा। निर््ययात बढ़ाने के पीएम
मोदी के चार मंत्र
निर््ययात को बढ़ाना और आयात को कम करना, आत््मनिर््भर भारत
अभियान का महत््वपूर््ण प्रयास है। प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी इसके लिए
चार फैक््टर््स पर जोर देते हैैं, जिससे निर््ययात मेें बढ़ोतरी भारतीय
अर््थव््यवस््थथा को दे रही है मजबूती:

n पहला-देश मेें मैन््ययुफैक््चरिंग कई गुना बढ़़े और गुणवत्तापूर््ण


है। देश मेें पहली बार कई कलस््टरोों से भी निर््ययात हुए प्रतिस््पर््धधा होनी चाहिए। आज दुनिया मेें एक ऐसा वर््ग तैयार हुआ
हैैं। उदाहरण के तौर पर वाराणसी से ताजी सब््जजियोों है जो कीमत से ज््ययादा गुणवत्ता पर फोकस करता है।
और चंदौली से काले चावल का पहली बार निर््ययात n दूसरा-ट््राांसपोर््ट की लॉजिस््टटिक््स की दिक््कतेें दूर होों। इसमेें राज््य
हुआ है। जिससे उस क्षेत्र के किसानोों को सीधे लाभ सरकार- केेंद्र सरकार और जो भी निजी कंपनियां हैैं उन््हेें अपनी
मिला है। इसके अलावा देश के अन््य कलस््टरोों भूमिका निभानी होगी।
जैसे नागपुर से संतरे, अनंतपुर से केले, लखनऊ से
आम आदि भी निर््ययात हुए हैैं। भारतीय कृषि उत््पपादोों
n तीसरा- निर््ययातकोों के साथ सरकारेें कंधे से कंधा मिलाकर चले।
की इस सफलता मेें पहली बार निर््ययात किए जाने राज््य की एक््सपोर््टर््स कॉन््ससिल््स जहां नहीीं हैैं और व््ययापारी अपने
वाले उत््पपादोों ने महत््वपूर््ण भूमिका निभाई है। ये ऐसे तरीके से निर््ययात करता रहता है तो जो परिणाम मिलने चाहिए वह
उत््पपाद हैैं जिन््हेें पहली बार देश से बाहर भेजा गया नहीीं मिलता। इसलिए सबको मिलकर ही प्रयास करना होगा।
और अपनी गुणवत्ता की वजह से विदेशी बाजारोों मेें n चौथा- भारतीय उत््पपादोों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार ये चारोों
धूम मचा दी है। कृषि उत््पपादोों के निर््ययात मेें जबरदस््त फैक््टर््स एकजुट होोंगे तभी भारत का लोकल बनेगा ग््ललोबल और
बढ़ोतरी की बड़ी वजह यह भी रही है कि महामारी मेक इन इंडिया-मेक फॉर वर््ल््ड के लक्षष्य को बेहतर तरीके से
के बावजूद मल््टटीमॉडल मोड, मार्केट लिंकेज के हासिल किया जा सकता है। भारत ने अपनी दीर््घकालिक सोच के
लिए विभाग, फसल के बाद के लिए वैल््ययू चेन के साथ इन चार मंत्ररों को साकार किया और आज निर््ययात के क्षेत्र मेें
विकास और किसान उत््पपादक संघ (एफपीओ) भारत की उल््ललेखनीय वृद्धि अर््थव््यवस््थथा को मजबूती दे रही है।
जैसी पहल से पूर्वोत्तर तक के किसान भी अपने
उत््पपाद को विदेशी बाजार तक पहुंचाने मेें सफल हुए

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 25


आवरण कथा लोकल उत््पपाद हुए ग््ललोबल

तेजी से बढ़ रहा है
विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए कपड़ोों का निर््ययात
भारत को अपना विनिर््ममाण और निर््ययात वस्तत्र उद्योग भारत का सबसे प्राचीन और व््ययापक उद्योग
दोनोों को बढ़़ाना होगा। कोविड के बाद है। रोजगार उपलब््ध कराने मेें कृषि के बाद दूसरा सबसे
उभरी नई आर््थथिक परिस््थथितियोों मेें मेक बड़ा उद्योग है। भारत दुनिया मेें उत््ककृष््ट कोटि के मलमल,
इन इंडिया को स््थथापित करने के लिए कैलिको, छीींट व अन््य प्रकार के गुणवत्ता वाले सूती वस्तत्ररों
देश ने प्रोडक््शन लिंक््ड इंसेेंटिव की भी के उत््पपादन के लिए प्रसिद्ध था। जब अंग्रेज आए तो उन््होोंने
घोषणा की है। इस योजना से जो बदलाव इस उद्योग को बढ़़ावा देने की बजाय कच्चे कपास को
आ रहा है, उसका उदाहरण इलेक्ट्रॉनिक मैनचेस््टर और लिवरपूल स््थथित अपनी मिलोों मेें निर््ययात कर
देते थे, वहां से तैयार माल बेचने के लिए भारत ले आते थे।
विनिर््ममाण क्षेत्र है। पहले हम लगभग आठ जो मिलेें 1854 से शुरू होकर आजादी तक लगीीं भी, उन
अरब डॉलर के मोबाइल फोन आयात मिलोों को भारत-पाकिस््ततान विभाजन के बाद कच्चे माल की
करते थे। अब आयात तो बहुत ज््ययादा दिक््कत झेलनी पड़ी। फिर देश मेें वस्तत्र उद्योग को धीरे-धीरे
घटा है, आज हम तीन अरब डॉलर के संभाला गया और अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार के
मोबाइल फोन निर््ययात भी कर रहे हैैं। प्रयासोों से 2020-2021 मेें 29.88 अरब डॉलर का निर््ययात
- नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री हुआ था जो 2021-22 मेें बढ़कर 42.35 अरब डॉलर हो
गया है। यह एक वर््ष मेें 42 फीसदी की वृद्धि है। कपड़ा
मैन््ययुफैक््चरिंग को बढ़ावा देने और मूल््य श््रृृंखला को बढ़ावा
देने के लिए 10, 683 करोड़ रुपये के खर््च वाली पीएलआई
हैैं। अगर भारतीय उत््पपादोों के विश््व बाजार मेें छाने योजना को 5 वर््ष के लिए मंजूरी दी है। सरकार वस्तत्र क्षेत्र के
के इन शुरुआती संकेतोों को देखा जाए तो भारत का समग्र विकास के लिए एक नई वस्तत्र नीति बना रही है।
किसान अब सिर््फ देश का ही नहीीं, विश््व का भी पेट
भरने का सामर््थ््य दिखा रहा है। हस््तनिर््ममित कालीन सहित
इतना ही नहीीं, भारतीय उत््पपादोों की विश््व मेें हस््तशिल््प के निर््ययात मेें वृद्धि
शान बढ़ रही है और जीआई टैग से मिल रही है उसे
वैश््वविक पहचान। भारत सरकार के प्रयासोों से देश वर््ष निर््ययात करोड़ रुपये मेें
के अनेक उत््पपादोों को जीआई टैग मिला है। हाल 2019-20 37,070
ही मेें मिथिलांचल के मखाना को ये टैग मिला है 2020-21 39,490
जिससे मिथिला के मखाने को विश््व मेें नई पहचान 2021-22 49,385
मिलेगी और इसकी मांग बढ़ेगी।
‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र के साथ देश को नई भारतीय खिलौनोों की
ऊंचाईयोों पर ले जाने का 130 करोड़ भारतीयोों का मांग नई ऊंचाई पर
संकल््प न सिर््फ स््थथानीय उत््पपाद और बाजार को
बढ़ावा दे रहा है, बल््ककि देश के उत््पपादोों को ग््ललोबल
बना दिया है। आत््मबल और आत््मविश््ववास से भरे
आयात निर््ययात
नौजवानोों ने आत््मनिर््भरता को संभव कर दिखाया 70% की कमी 61% की वृद्धि
है। देश हर क्षेत्र मेें तेजी से आत््मनिर््भरता की 2018-19 मेें 371 2018-19 मेें 202
मिलियन डॉलर का आयात मिलियन डॉलर का
ओर बढ़ रहा है तो आगे बढ़ते भारत की चमक जो 2021-22 मेें घटकर निर््ययात, 2021-22 मेें 326
पूरी दुनिया को रौशन कर रही है। भारत की 110 मिलियन डॉलर हुआ। मिलियन डॉलर का हुआ।

26 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


आवरण कथा लोकल उत््पपाद हुए ग््ललोबल

दुनिया के बाजार मेें


भारतीय कॉफी, 1 अरब
डॉलर का निर््ययात 2021-22 मेें हर माह करीब
33 अरब डॉलर का सामान
वां सबसे बड़ा कॉफी उत््पपादक दुनिया को भेजा भारत ने।
देश है भारत। भारतीय कॉफी
विदेशोों मेें पसंद की जा रही है।
6 दशक मेें भारतीय कॉफी का निर््ययात
19.7 हजार टन से बढ़कर 2020-21 मेें
2.45 लाख टन पहुंच गया है। 2020-21

1068.4
मेें पहली बार कॉफी के निर््ययात ने 1 अरब 1200
भारत गेहूं का दूसरा
डॉलर का आंकड़ा पार किया है। सबसे बड़ा उत््पपादक

868.7
1000
वर््ष 2021-22 मेें 1068.4 लाख टन
गेहूं का उत््पपादन हुआ। इस दौरान 70
लाख टन गेहूं का निर््ययात।

696.8
800

551.4
(*आं कड़े लाख टन मेें)

600

363.1
238.3

400
98.5

200
दीर््घकालिक सोच और मजबूत नेतृत््व के फैसलोों
का असर है कि देश का लोकल अब ग््ललोबल बाजार 0 1963-64 1970-71 1980-81 1990-91 2000-01 2010-11 2021-22
मेें धाक जमा रहा है। दरअसल, आत््मनिर््भर भारत
का विचार किसी शासन व््यवस््थथा का या राजनेता
का विचार नहीीं है। आज हिन््ददुस््ततान के हर कोने मेें
वोकल फॉर लोकल गुंजायमान है और लोग हाथ
लगाकर वस््ततुओं मेें लोकल ढूंढ़ते हैैं तो यह आत््म 30 साल मेें 15 गुना बढ़ा
गौरव का प्रतीक है। कहीीं हल््ददी, कहीीं मसाले, कहीीं भारतीय मसालोों का निर््ययात
आम, कहीीं सेब, मखाना या अन््य कृषि उत््पपाद। यूपी भारतीय मसालोों की विदेशोों मेें खूब
का आम, कश््ममीर का केसर, आंध्र प्रदेश की मिर््च, मांग है। 1990-91 मेें 1.03 लाख
तमिलनाडु की हल््ददी फेमस है। लोकल से ग््ललोबल टन मसालोों का निर््ययात हुआ था जो
बन चुके भारतीय उत््पपादोों ने देश की जनता को देश 2020-21 मेें 16.07 लाख टन पहुंच
गया है। यह वृद्धि 15 गुना से ज््ययादा
के बने उत््पपादोों और देश मेें ही निर््ममाण का संदेश है।
दिया है। इसका उद्देश््य देश की अर््थव््यवस््थथा को
मजबूत करना और आत््मनिर््भर बनाना है। इसी तरह पैसे की बात करेें तो
1990-91 मेें 239 करोड़ रुपये
आइए इस त््ययोहार खरीदते हैैं लोकल और के मसालोों का निर््ययात हुआ था जो
भारतीय उत््पपाद की वैश््वविक पहचान को बनाते हैैं 2020-21 मेें बढ़कर 29,529 करोड़
मजबूत। n रुपये पहुंच गया है।

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 27


राष्टट्र जवानोों के बीच प्रधानमंत्री

हर काम, देश के नाम

प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी लोकतांत्रिक रूप से


चुनी गई सरकार के मुखिया के तौर पर पिछले
21 साल से सेना के जवानोों के साथ दिवाली
ज ब हम-आप त््ययोहारोों के मौके पर परिवार के साथ
खुशियां मनाते हैैं तब प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी हर साल
सशस्तत्र बलोों के साथ उसी भावना से दिवाली मनाते हैैं, जैसे
मनाने की अपनी परंपरा को बरकरार रखे हुए वे अपने परिवार के साथ दिवाली मना रहे होों। संवैधानिक
हैैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हर बार जवानोों के साथ पद संभालने के बाद उन््होोंने अपनी सभी दिवाली देश की
दिवाली मनाई क््योोंकि वह देश के जवान सीमा पर सशस्तत्र बलोों के साथ मनाई है। प्रधानमंत्री नरेेंद्र
को अपना परिवार मानते हैैं। यह जवान मां मोदी के लिए राष्टट्र-रक्षा का अर््थ है राष्ट्रीय जीवंतता की
भारती का एक जीता-जागता सुरक्षा कवच रक्षा, राष्ट्रीय एकता की रक्षा और राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा।
हैैं। उनके सीने मेें वो जज््बबा है जो 130 करोड़ इसके कारण उन््हेें भरोसा है कि जवानोों के शौर््य की प्रेरणा
से वे अपने भारत को शीर््ष ऊंचाइयोों तक लेकर जाएंगे। यही
देशवासियोों को भरोसा देता है और वो चैन कारण है कि उन््हेें देश के रक्षकोों की वर्दी मेें केवल अथाह
की नीींद सो सकते हैैं। उनके पराक्रम की वजह सामर््थ््य के ही दर््शन नहीीं होते, बल््ककि जब वे उन््हेें देखते हैैं, तो
से हमारे पर््व होते हैैं रोशन... उन््हेें दर््शन होते हैैं अटल सेवाभाव के, अडिग संकल््पशक््तति

28 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


राष्टट्र जवानोों के बीच प्रधानमंत्री

जवानोों के संग 21 साल से हर दिवाली


मना रहे हैैं प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी
हर किसी का मन करता है कि दिवाली अपने परिवार के लोगोों के बीच मेें मनाये। मेरा भी मन करता है कि मैैं
दिवाली मेरे परिवारजनोों के बीच मेें मनाऊं और इसीलिए हर दिवाली मैैं मेरे परिवारजनोों के बीच मनाने के
लिये आता हूं क््योोंकि आप मेरे परिवारजन हैैं, मैैं आपके परिवार का साथी हूं। मैैं यहां प्रधानमंत्री के रूप मेें
नहीीं आया हूं। मैैं आपके परिवार के एक सदस््य के रूप मेें आया हूं। - नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

4 नवंबर 2021 14 नवंबर, 2020


प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने जवानोों के साथ
प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी सेना के जवानोों के साथ
दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को निभाते
दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को बरकरार
हुए भारत की अग्रिम सीमा पोस््ट लोोंगेवाला
रखते हुए जम््ममू-कश््ममीर के नौशेरा सेक््टर मेें
मेें जवानोों के साथ दिवाली मनाई और उनसे
सैनिकोों के बीच पहुंचे। वहां उन््होोंने जवानोों के
बातचीत की। वहां उन््होोंने कहा कि उनकी
संग दिवाली मनाई और अपने हाथोों से उनका
दिवाली तभी पूर््ण होती है जब वह जवानोों के
मुंह मीठा कराया। साथ ही देश के दुश््मनोों के
साथ होते हैैं, चाहे वह बर््फ से ढके पहाड़ होों या
दांत खट्टे करने वाला संदेश भी दिया।
रेगिस््ततान।
के और अतुलनीय संवेदनशीलता के। देश के वीर पुत्ररों और केवल सीमाओं पर ही पराक्रम नहीीं दिखातीीं, जब देश को
पुत्रियोों के द्वारा राष्टट्र की सेवा की जा रही है यह एक ऐसा जरूरत पड़ती है तो वे सब आपदा, विपदा, बीमारी, महामारी
सौभाग््य है, जो हर किसी को नहीीं मिलता। भारतीय जवानोों से देशवासियोों की हिफाजत के लिए मैदान मेें उतर जाते हैैं।
के लिए सेना मेें आना एक नौकरी नहीीं है। पहली तारीख को जहां कोई नहीीं पहुंचे, वहां भारत की सेनाएं पहुंचे, ये आज
वेतन आएगा, इसलिए वे सेना मेें नहीीं आते हैैं बल््ककि उनके देश का एक अटूट विश््ववास बन गया है। हर हिंदुस््ततानी के
लिए सेना मेें आना साधना है। वैसी साधना, जैसे कभी ऋ षि- मन मेें यह भाव अपने आप प्रकट होता है कि ये आ गए अब
मुनि करते थे। उसी तरह पीएम मोदी सभी जवानोों के भीतर चिंता की कोई बात नहीीं। और यह विश््ववास कोई छोटी चीज
साधक का रूप देखते हैैं जो मां भारती की साधना कर रहे नहीीं है। सेना देश की अखंडता और सार््वभौमिकता के प्रहरी
हैैं। भला ऐसा हो भी क््योों न। एक ओर हमारी सेनाओं मेें जहां हैैं, एक भारत-श्रेष््ठ भारत के संकल््प के प्रहरी हैैं। इसीलिए,
आकाश छूता शौर््य है, तो दूसरी ओर उनके दिलोों मेें मानवता भारत की सेना दुनिया की किसी भी दूसरी सेना से अलग है,
और करुणा का सागर भी है। यही कारण है कि हमारी सेनाएं उसकी एक अलग पहचान है।

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 29


राष्टट्र जवानोों के बीच प्रधानमंत्री

27 अक््टटूबर, 2019 7 नवंबर, 2018


प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने 27 अक््टटूबर, 2019 को केदारनाथ धाम मेें पूजा की और उत्तराखंड के
जम््ममू-कश््ममीर के राजौरी जिले मेें नियंत्रण रेखा हर््शशिल मेें भारतीय सेना और आईटीबीपी के
पर जवानोों के साथ मनाई दिवाली। जवानोों के साथ मनाई दिवाली।

19 अक््टटूबर 2017 30 अक््टटूबर 2016


हिमाचल के किन्नौर मेें भारत-चीन सीमा के
जम््ममू-कश््ममीर के गुरेज घाटी मेें नियंत्रण रेखा के निकट सुमडो मेें सेना, आईटीबीपी के जवानोों,
समीप सेना और बीएसएफ के जवानोों के साथ आम लोगोों के साथ दिवाली मनाई।
दिवाली मनाई।

11 नवंबर, 2015 23 अक््टटूबर, 2014


पंजाब मेें 1965 के युद्ध स््ममारकोों डोगराई, बरकी पहली दिवाली 12 हजार फुट की ऊंचाई पर
युद्ध स््ममारक का दौरा किया, दिवाली सेना के सियाचिन के बेस कैैंप मेें सशस्तत्र सेना के जवान
अफसरोों और जवानोों के साथ मनाई। व अधिकारियोों के साथ। n

30 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


राष्टट्र 5जी सेवा लॉन््च

दिल््लली मेें बैठकर स््ववीडन


5G की शुरुआत मेें कार को किया ऑपरेट

देश के द्वार पर नए
इंडिया मोबाइल कांग्रेस मेें प्रधानमंत्री मोदी ने 5जी
टेक्नोलॉजी के जरिए फिजिकल तौर पर स््ववीडन
मेें मौजूद कार को ऑपरेट किया। 5जी टेक्नोलॉजी
के जरिए यूरोप मेें मौजूद कार के स््टटीयरिंग

दौर की दस््तक कंट्रोल को दिल््लली से कनेक््ट किया गया था।


इसके अलावा पीएम मोदी ने कई टेक्नोलॉजीकल
इनोवेशन का भी अनुभव किया। जियो ने 4 स््ककूलोों
को जोड़़ा। मुंबई के एक स््ककूल के शिक्षक ने 3
2014 मेें जब भारत ने डिजिटल इंडिया के साथ नए दौर से कदम अलग-अलग स््थथानोों के छात्ररों को पढ़़ाया।
मिलाकर चलने की शुरुआत की, तब कुछ लोग ऐसे भी थे,
वोडाफोन आइडिया ने 5जी की मदद से दिल््लली मेट्रो
जिन््होोंने भारत की इस डिजिटल उड़ान का मजाक उड़ाया, कहा- की एक निर््ममाणाधीन सुरंग मेें कामगारोों की सुरक्षा
गरीब डेटा खाएगा या आटा। कई लोग ऐसे थे, जिन््हेें लगता था का यूज केस डेमोोंस्ट्रेट किया। टनल मेें काम कर रहे
कि गरीबोों मेें वह क्षमता ही नहीीं कि वह डिजिटल को समझ सकेें। लोगोों से भी पीएम मोदी ने बात की।
बावजूद इसके भारत ने कदम बढ़ाए और ईज ऑफ लिविंग की एयरटेल ने अपने डेमो मेें उत्तर प्रदेश के छात्ररों
दिशा मेें यही डिजिटल इंडिया आजादी के बाद भारत के इतिहास को शामिल किया। उन््हेें वर््चचुअल और ऑगमेेंटेड
का सबसे अहम कदम साबित हुआ। 4जी ने डिजिटल इंडिया के रियलिटी की मदद से सोलर सिस््टम के बारे मेें
साथ देश के विकास को नई गति दी तो अब बारी है 5जी के साथ पढ़़ाया गया। उनमेें से एक छात्रा ने होलोग्राम के
भारत की नई उड़ान की। …1 अक््टटूबर को प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने जरिए मंच पर उपस््थथित होकर अपने अनुभव को
देश के 13 शहरोों को दी 5जी सेवा की सौगात…... पीएम के साथ साझा किया।

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 31


राष्टट्र 5जी सेवा लॉन््च

अ क््टटूबर 2022 की पहली तारीख न केवल टेलीकॉम की


दुनिया मेें, बल््ककि भारत के विकास मेें सबसे क््राांतिकारी
दिन के तौर पर याद की जाएगी। इसी दिन प्रधानमंत्री
मोदी ने नई दिल््लली के प्रगति मैदान मेें आयोजित इंडिया मोबाइल
कांग्रेस 2022 के छठवेें एडिशन मेें हाई स््पपीड मोबाइल इंटरनेट
सुविधा से युक््त 5G सर््वविस को लॉन््च किया। इसके साथ ही भारत
5G सर््वविस वाले चुनिंदा देशोों मेें शामिल हो गया। इस ऐतिहासिक
मौके पर प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने कहा, “आज देश की ओर से, देश
की टेलीकॉम इंडस्ट्री की ओर से, 130 करोड़ भारतवासियोों को 5जी
के तौर पर एक शानदार उपहार मिल रहा है। 5G, देश के द्वार पर नए
दौर की दस््तक लेकर आया है। 5जी, अवसरोों के अनंत आकाश की
शुरुआत है।”
भारत डिजिटल क््राांति के उस दौर मेें है, जब देश के विकास के
सबसे बड़े विजन डिजिटल इंडिया ने अर््थव््यस््थथा मेें बड़े परिवर््तन
किये हैैं। वर््ष 2014 मेें 25 करोड़ इंटरनेट कनेक््शन थे, अब बढ़कर
85 करोड़ इंटरनेट कनेक््शन हो गए हैैं। 2014 तक भारत 100%
मोबाइल फोन आयात करता था, जबकि आज मोबाइल उत््पपादन मेें
हम दुनिया मेें दूसरे स््थथान पर हैैं। 2014 मेें देश मेें केवल 2 मोबाइल
मैन््ययुफैक््चरिंग यूनिट थी, जो अब 200 के ऊपर हैैं। भारत आज दुनिया
के उन देशोों मेें है जहां डेटा सबसे सस््तता है। पहले 1GB डेटा की
कीमत जहां 300 रुपये के करीब होती थीीं, वहीीं आज 1GB डेटा का
खर््च केवल 10 रुपये तक आ गया है। आज भारत मेें महीने भर मेें एक
व््यक््तति मोबाइल पर करीब-करीब एवरेज 14 GB डेटा इस््ततेमाल कर
रहा है। 2014 मेें इस 14 GB डेटा की कीमत होती थी करीब–करीब
4200 रुपये प्रति महीना। आज इतना ही डेटा- सौ रुपये- सवा सौ या डिजिटल इंडिया की सफलता के
ज््ययादा से ज््ययादा डेढ़ सौ रुपये। पीएम मोदी ने कहा, “आज टेलीकॉम लिए 4 पिलर पर फोकस
सेक््टर मेें जो क््राांति देश देख रहा है, वो इस बात का सबूत है कि अगर पीएम मोदी ने कहा कि जब हम डिजिटल इंडिया की बात करते हैैं तो कुछ
सरकार सही नीयत से काम करे, तो नागरिकोों की नीयत बदलने मेें लोग समझते हैैं कि ये सिर््फ एक सरकारी योजना है। लेकिन डिजिटल
देर नहीीं लगती है। हमने इसका हो-हल््लला नहीीं किया, विज्ञापन नहीीं इंडिया सिर््फ एक नाम नहीीं है, ये देश के विकास का बहुत बड़़ा विजन है।
इस विजन का लक्षष्य है उस टेक्नोलॉजी को आम लोगोों तक पहुचं ाना, जो
दिए, झूठे-झूठे बड़़े गपगोले नहीीं चलाए, हमने फोकस किया कि देश लोगोों के लिए काम करे और लोगोों के साथ जुड़कर काम करे। उन््होोंने
के लोगोों की सहूलियत बढ़़े, ईज ऑफ लिविंग बढ़़े।” कहा, ''मुझे याद है, मोबाइल सेक््टर से जुड़़े इस विजन के लिए स्ट्रैटजी
2024 तक पूरे भारत मेें 5जी सर््वविस होगी शुरू बनाई जा रही थी, तो मैैंने कहा था कि हमारी अप्रोच टुकड़ों-टुकड़ों मेें नहीीं
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 मेें प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी बल््ककि होलिस््टटिक होनी चाहिए। डिजिटल इंडिया की सफलता के लिए
जरूरी था कि वो इस सेक््टर के सभी आयामोों को एक साथ कवर करे।
मेें जियो और एयरटेल सहित शीर््ष दूरसंचार ऑपरेटर ने अपनी 5जी इसलिए हमने 4 पिलर पर, चार दिशाओं मेें एक साथ फोकस किया। ”
तकनीक का प्रदर््शन किया। वास््तव मेें, 5G सेवाओं का पूर््ण रोलआउट
2023 के अंत तक ही होगा। दिग््गज टेलीकॉम कंपनियां जैसे एयरटेल पहला…-डिवाइस की कीमत
और जियो की सबसे पहले 5जी सर््वविस ऑफर करने वाली कंपनियां दूसरा-…डिजिटल कनेक््टटिविटी
होोंगी। अगले दो साल यानी 2024 तक पूरे भारत मेें 5जी सर््वविस तीसरा…- डेटा की कीमत
शुरू हो जाएगी। भारत मेें 5जी की शुरुआत दिल््लली से हुई है। लेकिन, चौथा… -‘digital first’ की सोच।

32 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


राष्टट्र 5जी सेवा लॉन््च

नया भारत, टेक्नोलॉजी


का सिर््फ कंज््ययूमर
बनकर नहीीं रहेगा, बल््ककि
भारत उस टेक्नोलॉजी
के विकास मेें, उसके
इंप््ललीमेेंटेशन मेें एक््टटिव
भूमिका निभाएगा।
भविष््य की वायरलेस
टेक्नोलॉजी को डिजाइन
करने मेें, उससे जुड़़ी
मैन््ययुफैक््चरिंग मेें भारत की
बड़़ी भूमिका होगी।
– नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

4जी की तुलना मेें 5जी कई गुना तेज


n 5जी तकनीक आम लोगोों को व््ययापक लाभ प्रदान करेगी। यह प्रत््ययेक के लिए आवश््यकताओं को आसानी से पूरा करेगी।
निर््बबाध कवरेज, उच्च डेटा दर, कम विलंबता और अत््यधिक
विश््वसनीय संचार प्रदान करने मेें मदद करेगी। साथ ही, यह n 4जी के मुकाबले 5जी मेें यूजर को ज््ययादा तकनीकी सुविधाएं
ऊर््जजा की खपत मेें कमी, स््पपेक्टट्रम दक्षता और नेटवर््क दक्षता मेें मिलेेंगी। 4जी मेें इंटरनेट की डाउनलोड स््पपीड 150 मेगाबाइट््स
वृद्धि करेगी। प्रति सेकंड तक सीमित है। 5जी मेें यह 10 जीबी प्रति सेकंड तक
जा सकती हैैं। दूसरी तरफ 4G के मुकाबले 5G नेटवर््क का दायरा
n 5जी, आपदाओं की तत््ककाल निगरानी, ​​सटीक कृषि, और ज््ययादा होने की वजह से यह बिना स््पपीड कम हुए भी कई और
खतरनाक औद्योगिक कार्ययों जैसे कि गहरी खदानोों, अपतटीय डिवाइसेज के साथ जुड़ सकेगा।
गतिविधियोों आदि मेें मनुष््योों की भूमिका को कम करने मेें मदद
करेगी। मौजूदा मोबाइल संचार नेटवर््क के विपरीत, 5जी नेटवर््क n साधारण शब््दोों मेें इसे सुपरफास््ट इंटरनेट कहा जा सकता है जो
एक ही नेटवर््क के भीतर ये अलग-अलग उपयोग के संदर््भ मेें अभी 4जी की इंटरनेट स््पपीड से कई गुना तेज होगा।

इस साल दीपावली से देश के 13 शहरोों मेें 5जी सर््वविस शुरू हो पुणे शामिल है। इन शहरोों के बाद धीरे-धीरे इसका विस््ततार होगा।
जाएगी। इनमेें दिल््लली, मुंबई, अहमदाबाद, बेेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, फिलहाल जियो और एयरटेल सबसे पहले भारत मेें 5जी सर््वविस
गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, जामनगर, लखनऊ और लॉन््च कर रही हैैं। n

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 33


कैबिनेट के फैसले

...ताकि रौशन हो हर परिवार


80 करोड़ लोगोों को 3 महीने मुफ््त अनाज, कर््मचारियोों को 4% डीए का दिवाली गिफ््ट

कोई व््यक््तति भूखा ना सोए, इसके लिए प्रतिबद्ध केेंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल््ययाण अन्न योजना को
अक््टटूबर 2022 से दिसंबर 2022 तक बढ़़ाने की मंजूरी दी है। यह निर््णय आगामी प्रमुख त््ययोहारोों के दौरान
समाज के गरीब और कमजोर वर्गगों के लिए सहायता सुनिश््चचित करेगा। वहीीं, सरकार ने केेंद्रीय कर््मचारियोों
को भी एक बड़़ा तोहफा दिया है। केेंद्रीय मंत्रिमंडल ने केेंद्रीय कर््मचारियोों के महंगाई भत्ते और सेवानिवृत
कर््मचारियोों के महंगाई राहत मेें 4 फीसदी की बढ़़ोतरी पर मुहर लगा दी है। साथ ही, मंत्रिमंडल ने तीन प्रमुख
रेलवे स््टटेशनोों के पुनर््वविकास के भारतीय रेलवे के प्रस््तताव सहित कई अन््य प्रस््ततावोों को भी दी है मंजूरी…...

फैसला : प्रधानमंत्री गरीब कल््ययाण अन्न


योजना का विस््ततार करते हुए इसे अगले तीन
महीने यानी दिसंबर 2022 तक बढ़़ाने को
मंजूरी।
प्रभाव : अक््टटूबर 2022 से 80 करोड़ से अधिक
लोगोों को हर महीने 5 किलो प्रति व््यक््तति, प्रति
माह मुफ््त राशन मिलना जारी रहेगा। अक््टटूबर
2022 से दिसंबर 2022 तक, सातवेें चरण मेें
44,762 करोड़ रुपये खर््च होोंगे और लगभग 122
लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न देश भर के गरीबोों को फैसला : केेंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय लॉजिस््टटिक््स नीति को
मिलेगा। सात चरणोों मेें कुल 1,121 लाख मीट्रिक मंजूरी दी। नीति के तहत लॉजिस््टटिक््स सेवाओं मेें कुशलता लाने
टन अनाज आवंटित किया गया है। के लिए एकीकृत लॉजिस््टटिक््स इंटरफेस प््ललेटफॉर््म, मानकीकरण,
फैसला : 1 जुलाई, 2022 से केेंद्र सरकार के निगरानी के तंत्र और कौशल विकास की शुरुआत होगी।
कर््मचारियोों और पेेंशन भोगियोों को 4% की प्रभाव : नीति के तहत तेज और समावेशी वृद्धि के लिये प्रौद्योगिकी
दर से देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की आधारित, एकीकृत, किफायती, हर स््थथिति मेें उपयोगी और सतत
अतिरिक््त किस््त जारी करने को मंजूरी। लॉजिस््टटिक््स इको-सिस््टम सुनिश््चचित होगा। इसका लक्षष्य लॉजिस््टटिक््स
प्रभाव : इससे पहले मार््च मेें भी सरकार ने डीए लागत मेें कमी लाना, वैश््वविक मानकोों को हासिल करना, लॉजिस््टटिक््स
मेें 3% की बढ़़ोतरी की थी, यानी इसे 31% से सेक््टर मेें भारत की रैैंकिंग मेें सुधार लाना तथा वैश््वविक व््ययापार मेें बड़़ी
बढ़़ाकर 34% कर दिया गया था। अब 4% हिस््ससेदारी प्राप््त करने मेें सहायता करना है। वृहद लॉजिस््टटिक््स कुशलता
बढ़ने के बाद यह 38% हो जाएगा। सरकार के से एमएसएमई और किसानोों को लाभ होगा।

34 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


फैसला : ‘भारत मेें सेमीकंडक््टर
के विकास और डिस््प्लले विनिर््ममाण
इकोसिस््टम कार््यक्रम’ मेें संशोधन
को मंजूरी।
प्रभाव : संशोधित कार््यक्रम के तहत, सभी
टेक्नोलॉजी नोड््स के लिए सेमीकंडक््टर
फैब की स््थथापना की परियोजना लागत के
50% हिस््ससे की वित्तीय सहायता समानता
के आधार पर प्रदान की जाएगी। संशोधनोों
के बाद भारत की क्षमता बढ़़ेगी, निवेश
आएगा, रोजगार-स््वरोजगार के अवसर
मिलेेंगे, आयात मेें कमी आएगी और भारत
निर््ययात की दृष््टटि से भी सेमीकंडक््टर फैब,
डिस््प्लले फैब कंपाउंड सेमीकंडक््टर और
पैकेजिंग के क्षेत्र मेें आगे बढ़ पाएगा।

महंगाई भत्ते बढ़़ाने से देश के 50 लाख कर््मचारियोों और 65 लाख प्रभाव : इस समझौता-ज्ञापन से असम सूखे मौसम के दौरान
पेेंशनधारकोों को फायदा होगा। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता 1 जुलाई अपनी खपत योग््य आवश््यकता पूरी करने के लिए कुशियारा नदी
2022 से लागू होगा। के साझा विस््ततार से 153 क््ययूसेक तक पानी निकाल सकेगा। सूखे
फैसला : 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से नई दिल््लली, मौसम के दौरान दोनोों देश अपनी-अपनी तरफ से जल निकासी
अहमदाबाद और छत्रपति शिवाजी टर््ममिनस-मुंबई रेल की निगरानी करने के लिए एक संयुक््त निगरानी दल का गठन
स््टटेशनोों के पुनर््वविकास के प्रस््तताव को मंजूरी। करेेंगे।
प्रभाव : इन स््टटेशनोों के विकास से 35,744 नए रोजगार के फैसला : उच्च दक्षता के सौर पीवी मॉड्यूल््स पर राष्ट्रीय
अवसर पैदा होोंगे। दैनिक यात्रियोों को बेहतर अनुभव मिलेगा। कार््यक्रम के लिये 19,500 करोड़ रुपये के व््यय के साथ
परिवहन के अन््य साधनोों जैसे मेट्रो, बस आदि के साथ पीएलआई योजना (दूसरा चरण) के प्रस््तताव को मंजूरी दी।
एकीकरण। साथ ही निवेश और अतिरिक््त कारोबारी अवसर के प्रभाव : इससे प्रत््यक्ष रूप से 1.95 लाख और अप्रत््यक्ष रूप से
माध््यम से स््थथानीय अर््थव््यवस््थथा को मजबूती मिलेगी। देश मेें 7.8 लाख लोगोों को रोजगार मिलेगा और आत््मनिर््भर भारत की
199 रेलवे स््टटेशनोों के पुनर््वविकास का काम चल रहा है। इनमेें से पहल को मजबूती मिलेगी। इससे क्षेत्र मेें प्रत््यक्ष रूप से करीब
47 स््टटेशनोों के लिए टेेंडर जारी कर दिए गए हैैं। बाकी स््टटेशनोों 94,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और करीब 1.37 लाख
के लिए मास््टर प््ललानिंग और डिजाइन का काम चल रहा है। करोड़ रुपये के आयात मेें कमी आने का अनुमान है। इसके अलावा
32 स््टटेशनोों पर तेजी से काम हो रहा है। इन स््टटेशनोों पर ‘रूफ सौर पीवी मॉड्यूल की दक्षता मेें सुधार के लिए अनुसंधान और
प््ललाजा’ बनाया जायेगा। विकास को प्रोत््ससाहन मिलेगा। ईवीए, सोलर ग््ललास, बैकशीट आदि
फैसला : भारत और बांग््ललादेश के बीच उस समझौता-ज्ञापन जैसी शेष सामग्रियोों के लिए उत््पपादन क्षमता का निर््ममाण होगा। इस
को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत भारत और बांग््ललादेश की योजना से उम््ममीद है कि पूर््ण और आंशिक रूप से एकीकृत, सौर
साझी सीमा से होकर गुजरने वाली कुशियारा नदी से प्रत््ययेक पीवी मॉड्यूल की लगभग 65,000 मेगावॉट सालाना उत््पपादन
पक्ष 153 क््ययूसेक तक पानी निकाल सकेगा। क्षमता की स््थथापना की जाएगी। n

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 35


फ््ललैगशिप उड़ान योजना

आम भारतीय के सपनोों की ‘उड़ान’


सब उड़ेें, सबसे जुड़ेें
हाई स््पपीड कनेक््टटिविटी किसी भी
देश की अर््थव््यवस््थथा के लिए रीढ़ की हड्‌डी का
काम करती है…। अगर यह संसाधन छोटे शहर और
आम मध््यमवर्गीय लोगोों की पहुंच मेें होों तो फिर
पू र्वोत्तर का स््ककॉटलैैंड कहा जाने वाला शिलांग न केवल
अपने प्राकृतिक सौौंदर््य के लिए विख््ययात है, बल््ककि इस
क्षेत्र मेें यह शिक्षा का सबसे बड़ा केेंद्र भी है। लेकिन
किसी भी परिवहन से सीधी कनेक््टटिविटी की अनुपलब््धता के
तरक््ककी की रफ््ततार को नए पंख लग सकते हैैं। कारण, लोगोों को शिलांग और डिब्रूगढ़ के बीच यात्रा करने के
खासकर भारत जैसा देश, जहां हवाई जहाज की लिए सड़क और ट्रेन द्वारा 12 घंटे की लंबी यात्रा करने के लिए
यात्रा आम मध््यमवर्गीय जन के सपनोों का हिस््ससाभर मजबूर होना पड़ता था। लेकिन उड़ान योजना के तहत इन दोनोों
ही रहती हो, वहां उड़ान (U उड़े Dदेश का Aआम शहरोों के बीच अब सीधी विमान सेवा उपलब््ध होने के बाद यह
N नागरिक) योजना के जरिए मात्र 2500 रुपये दूरी मात्र 75 मिनट मेें पूरी की जा सकती है। वह भी बेहद कम
मेें न सिर््फ हवाई चप््पल पहनने वाले आम लोगोों किराए मेें। वहीीं, झारखंड का देवघर प्रसिद्ध तीर््थ स््थथान अध््ययात््म
का हवाई जहाज मेें बैठने का सपना पूरा हो रहा है, और संस््ककृति का प्रमुख केेंद्र भी है। झारखंड मेें रांची के बाद यहां
बल््ककि 6 साल मेें छोटे शहरोों तक हवाई सेवाओं की दूसरा हवाई अड्‌डा शुरू होने से देवघर को ही फायदा नहीीं हुआ,
शुरुआत ने देश के विकास को दी है नई ‘उड़़ान’…... बल््ककि आसपास के राज््योों के भी करीब 20 जिलोों से यह हवाई

36 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022


फ््ललैगशिप उड़ान योजना

विमानन सेक््टर मेें क््यया बदला...


2015-16 मेें नागरिक विमानन मंत्रालय के अध््ययन
क ा सफ
पहले

के अनुसार 65% एयर कनेक््टटिविटी और 61% एयर


न’ र…
उड़ा
ट्रैफिक सिर््फ देश के 6 मेट्रो शहरोों तक ही सीमित था।
70% एयर ट्रैफिक का भार छोटे शहरोों की तरफ शिफ््ट ‘
हुआ तो घरेलू हवाई यातायात मेें छोटे शहरोों के यात्रियोों
अब

की संख््यया मेें 5 फीसदी से ज््ययादा की बढ़ोतरी हुई है।


220
गंतव््योों (हवाई
अड्डे/हेलीपोर््ट/
वाटर एरोड्रोम) को
2026 तक 1000
उड़ान योजना के मार्गगों के साथ पूरा
तहत अभी तक 7 करने का लक्षष्य
चरण, उड़ान 1, उड़़ान के तहत।
उड़ान 2, उड़ान 3,
उड़ान 4, उड़ान 2017 मेें पहले
4.1, उड़ान 4.2 चरण मेें जहां
और उड़ान 4.3 उड़ान योजना
को मंजूरी दी जा की शुरुआत
चुकी है। हुई तो 2018
मेें हेलिकॉप््टर
2019 मेें तीसरे सेवाओं को इससे
चरण मेें इसके जोड़ा गया।
तहत पर््यटन क्षेत्ररों
को फोकस करते इस योजना के
हुए सी-प््ललेन सेवा तहत अगस््त
को जोड़ा गया। 2022 तक 70
2020 मेें चौथे हवाई अड्‌डे शुरू
अड्‌डा मात्र कुछ घंटे की दूरी पर है। ऐसी ही स््थथिति कुशीनगर की चरण मेें इसके किए जा चुके हैैं।
तहत 78 नए मार्गगों
है, जहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्‌डे की शुरुआत ने पर््यटन मेें नई जान को जोड़ने की देश मेें चालू हवाई
फूंकी है तो लोगोों के लिए नए रोजगार भी सृजित हुए हैैं। शुरुआत हुई। अड्‌डोों की जो
कभी भारत के मानचित्र मेें मात्र पर््यटन स््थल या धर््म और संख््यया 2014 मेें 74
अाध््ययात््ममिक केेंद्ररों के तौर पर मौजूद यह शहर अब हाई स््पपीड 433 मार्गगों पर 11 थी, वह अब 144
कनेक््टटिविटी के नए केेंद्र बन कर उभरे हैैं। इसके पीछे प्रधानमंत्री ऑपरेटर हवाई हो चुकी है। इनमेें
सेवाएं उपलब््ध 9 हेलिपोर््ट और
नरेेंद्र मोदी का वह विजन है जिस पर चलकर 2016 मेें भारत की
करा रहे हैैं। 2 2 वाटर एयरोड्रम
पहली राष्ट्रीय नागर विमानन नीति की घोषणा हुई और इसमेें सबसे लाख से ज््ययादा शामिल हैैं।
अहम स््थथान मिला ‘उड़ान’ योजना को। फ््ललाइट इसके 1 करोड़ 6 लाख
ऐसे हुई उड़ान की शुरुआत… तहत उड़ान भर से ज््ययादा यात्रियोों
क्षेत्रीय संपर््क योजना (आरसीएस) के तहत उड़ान योजना की चुकी हैैं। को सस््तती दरोों पर
टिकट उपलब््ध
पहली फ््ललाइट ने उड़ान भरी अप्रैल 2017 मेें शिमला-दिल््लली के कराए गए हैैं।
बीच, जिसे खुद प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई। इस

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 37


फ््ललैगशिप उड़ान योजना

उड़़ान योजना के तहत अभी तक 1 करोड़ यात्रियोों ने


बहुत कम मूल््य पर हवाई यात्रा की है। इनमेें से लाखोों
ऐसे हैैं जिन््होोंने पहली बार एयरपोर््ट देखा, पहली बार
हवाई जहाज पर चढ़़े। कहीीं आने-जाने के लिए कभी बस
और रेलवे पर निर््भर रहने वाले मेरे गरीब और मध््यम वर््ग
के भाई-बहन, अब कुर्सी की पेटी बांधना, ये भी उन््होोंने
सीख लिया है। -नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री (12 जुलाई को
देवघर हवाई अड्‌डे का उद््घघाटन करते हुए।)

योजना का उद्देश््य क्षेत्रीय मार्गगों पर किफायती तथा आर््थथिक रूप के तहत संचालित फ््ललाइट के लिए हवाई अड्‌डा शुल््क मेें माफी
से व््यवहार््य और लाभदायक उड़ानोों की शुरुआत करना है, ताकि के साथ नि:शुल््क सुरक्षा, बिजली और अग्निशमन सेवाएं भी राज््य
छोटे शहरोों मेें भी आम आदमी के लिए सस््तती उड़ानेें शुरू की जा सरकारोों द्वारा दी जाती हैैं।
सकेें। टियर 2 और टियर 3 के छोटे शहरोों तक हवाई सेवाओं की उड़़ान योजना का देश की अर््थव््यवस््थथा पर सकारात््मक प्रभाव
पहुंच के साथ इस योजना के तहत 500 किमी या 1 घंटे तक की पड़़ा है और उद्योग हितधारकोों विशेषकर एयरलाइंस ऑपरेटरोों
विमान यात्रा या फिर आधे घंटे की हेलिकॉप््टर यात्रा का किराया और राज््य सरकारोों की ओर से भी बहुत ही अच््छछी प्रतिक्रिया देखी
2500 रुपये तय किया गया है। गई है। इस योजना के तहत 350 से अधिक नए हवाई मार््ग अब
चयनित हवाई मार््ग के लिए विमानन कंपनियां बोली लगाती जुड़ने वाले हैैं, 200 पहले से ही जुड़़े हुए हैैं और भौगोलिक रूप से
हैैं, जो सबसे कम सब््ससिडी मांगती है, उस कंपनी को मौका दिया देश की लंबाई और चौड़़ाई मेें व््ययापक रूप से फैले हुए हैैं। इसके
जाता है। चयनित एयरलाइंस कंपनी अपनी हर फ््ललाइट मेें आधी साथ ही ये संतुलित क्षेत्रीय विकास भी सुनिश््चचित करते हैैं जिसके
या कम से कम 9 या फिर अधिकतम 40 सीटेें 2500 रुपये की दर परिणामस््वरूप आर््थथिक विकास होता है और स््थथानीय आबादी को
पर उपलब््ध कराती है। कम किराए की वजह से एयरलाइंस कंपनी रोजगार भी मिलता है। यही कारण है कि उड़ान योजना को हाल ही
को होने वाले घाटे की भरपाई के लिए केेंद्र सरकार वॉयबिलिटी मेें लोक प्रशासन के क्षेत्र मेें उत््ककृष््टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस््ककार
गैप फंडिंग(वीजीएफ) के जरिए क्षतिपूर््तति देती है। उड़ान योजना से सम््ममानित किया गया है। n

38 न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022

(ᴋᴀʀɪsʜɴᴀ ᴊɪ)
राष्टट्र कौशल विकास

आपने आज जो सीखा
है, वो आपके भविष््य का
आधार जरूर बनेगा, लेकिन
आपको भविष््य के हिसाब
से अपने कौशल को अपग्रेड
भी करना पड़़ेगा। बात
जब स््ककिल की होती है, तो
आपका मंत्र होना चाहिए-
‘स््ककिलिंग’, ‘री-स््ककिलिंग’
और ‘अप-स््ककिलिंग’!”
- नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

कौशल विकास का युग कौशल विकास


के लिए ये कदम
वै श््वविक स््तर और देश मेें बदलते कारोबारी महौल और बाजार की स््थथितियोों मेें प्रासंगिक
बने रहने का मंत्र है-री-स््ककिल और अपस््ककिल। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी
की सरकार बनी तो कौशल विकास मंत्रालय गठित किया, कौशल विकास मिशन शुरु
n भारत सरकार कौशल विकास
निगम के माध््यम से कौशल भारत
अंतरराष्ट्रीय केेंद्र स््थथापित करने पर
भी विचार कर रही है जिसका उद्देश््य
किया, रि-स््ककिल और अपस््ककिल पर जोर देने के साथ कौशल के लिए देशभर मेें राष्ट्रीय प्रशिक्षण वैश््वविक नियोजकोों की जरूरत के
संस््थथान, भारतीय कौशल संस््थथान और हजारोों कौशल विकास केेंद्र खोले। कौशल को सम््ममान हिसाब से उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण
की कड़ी मेें 17 सितंबर को विश््वकर््ममा जयंती पर पहली बार एक साथ 9 लाख आईटीआई देना है।
छात्ररों के कौशल दीक््षाांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने कहा-''21वीीं n पीएम कौशल विकास योजना के
सदी मेें आगे बढ़ रहे देश मेें आज एक नया इतिहास रचा गया है। बीते 8 वर्षषों मेें देश ने भगवान अंतर््गत पीएम कौशल विकास केेंद्र
विश््वकर््ममा की प्रेरणा से अनेक योजनाएं शुरू की हैैं। आज देश एक बार फिर स््ककिल को सम््ममान सहित करीब 32 हजार प्रशिक्षण केेंद्ररों
दे रहा है, स््ककिल डेवलपमेेंट पर भी उतना ही जोर दे रहा है। आजाद भारत के 7 दशक मेें जहां के माध््यम से उम््ममीदवारोों को अल््पपावधि
10 हजार औद्योगिक प्रशिक्षण केेंद्र यानी आईटीआई बने, वहीीं पिछले महज 8 वर््ष मेें न सिर््फ मेें प्रशिक्षित किया जा रहा है।
5 हजार नए आईटीआई बनाए गए बल््ककि आईटीआई संस््थथानोों मेें 4 लाख से ज््ययादा नई सीटेें n राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने
भी जोड़ी गईं।'' प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने छात्ररों को बताया कि स््ककूल स््तर पर कौशल विकास भारतीय युवाओं को ई-कौशल के
को बढ़़ावा देने के लिए सरकार 5000 से अधिक स््ककिल हब भी खोलने जा रही है। अब 10वीीं अवसर उपलब््ध कराने के लिए एक
पास करने के बाद आईटीआई मेें आने वालोों को नेशनल ओपन स््ककूल के माध््यम से 12वीीं का बहुभाषी पोर््टल ई-स््ककिल इंडिया बनाया
क््ललियरिंग सर््टटिफिकेट आसानी से मिल जाएगा। आईटीआई से तकनीकी प्रशिक्षण लेकर निकले है। यहां ट्रेड कौशल पाठ्यक्रमोों से
युवाओं की सेना मेें भर्ती के लिए विशेष प्रावधान है। चौथी औद्योगिक क््राांति, 'उद्योग 4.0' के युग लेकर जीवन स््ककिल््स, सॉफ््ट स््ककिल््स,
मेें जरूरत के हिसाब से आईटीआई मेें पाठ्यक्रम की सुविधा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एम््प्ललॉयबिलिटी एनहांसर सहित 1400
से अधिक डिजिटल पाठ्यक्रमोों की
''आईटीआई मेें कोडिंग, एआई, रोबोटिक््स, 3डी प््रििंटिंग, ड्रोन तकनीक और टेलीमेडिसिन से
सूची है।
संबधितं कई कोर््स शुरू किए गए हैैं।'' n

न््ययू इंडिया समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 39


राष्टट्र अमृत महोत््सव

राष्टट्र सेवक की तरह


जिन््होोंने अपना पूरा जीवन
किया राष्टट्रहित को समर््पपित
राष्टट्र के सभी स््वतंत्रता सेनानियोों को श्रद््धाांजलि देने के लिए आज देश आजादी का अमृत महोत््सव मना रहा
है। अगर देश का भविष््य महान बनाना है तो युवा पीढ़़ी मेें भारत के महान इतिहास का गौरव पैदा करना ही
होगा। आजादी के अमृतकाल मेें कर््तव््य और विश््ववास का ये अमृत आजादी के मतवालोों को याद करने का एक
सुनहरा अवसर है जिनकी कहानियां सुनते ही खून दोगुनी रफ््ततार से दौड़ने लगता है। ऐसे कितने ही अनगिनत
स््वतंत्रता सेनानियोों के किस््ससे इतिहास के पन्ननों मेें दर््ज हैैं जो न केवल रास््तते दिखाते थे बल््ककि लोगोों को उस पर
चलाते भी थे। ऐसे ही स््वतंत्रता सेनानियोों की कहानी इस अंक मेें भी पढ़ने को मिलेगी। इस अंक मेें 16 अक््टटूबर
का दिन भी आ रहा है, जिस दिन वर््ष 1905 मेें बंगाल का विभाजन हुआ था। इतिहास मेें बंग-भंग के नाम से
दर््ज यह घटना भारत के स््वतंत्रता संग्राम की वह ऐतिहासिक घटना है जिसने न केवल भारतीयोों को एक रहने
की सीख दी बल््ककि अंग्रेजी शासन की जड़ेें तक हिला दी थी…...

40 न््ययू इंडि
डिया
या समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022
राष्टट्र अमृत महोत््सव

रामकृष््ण खत्री : जिनके प्रयासोों के कारण


बना था काकोरी शहीद स््ममारक
जन््म : 03 मार््च 1902, मृत््ययु : 18 अक््टटूबर 1996

भा रतीय स््वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क््राांतिकारी रामकृष््ण


खत्री का जन््म 03 मार््च 1902 को महाराष्टट्र के बुलढाणा
जिले मेें हुआ था। उनके पिता का नाम शिवलाल चोपड़़ा और
ही खजाने को लूटने की योजना बनाई। इसके लिए काकोरी मेें ट्रेन
लूटी गई। इस घटना के बाद रामकृष््ण खत्री को पुणे से गिरफ््ततार
कर लखनऊ की जेल मेें डाल दिया गया। उन पर मुकदम चला
माता का नाम कृष््णणा बाई था। उन््होोंने प्रारंभिक शिक्षा चिखली और उन््हेें काकोरी डकैती मेें शामिल होने के लिए दस साल कैद
और चंद्रपुर नगर मेें ग्रहण की। बचपन से ही उनके हृदय मेें देश की सजा सुनाई गई। अपनी सजा पूरी करने के बाद जब खत्री
प्रेम का अंकरु फूटने लगा था। अपने छात्र जीवन से ही रामकृष््ण रिहा हुए तो वे एक बार फिर देश की सेवा मेें लग गये। उन््होोंने
खत्री, बाल गंगाधर तिलक से प्रभावित थे। उन््होोंने साधु समाज तुरंत अन््य कैदियोों को जेल से रिहा कराने के प्रयास शुरू कर
को संगठित करने का संकल््प किया। इसके लिए उन््होोंने ‘उदासीन दिए। इतना ही नहीीं, उन््होोंने राजनीतिक कैदियोों को भी जेल से
मंडल’ की स््थथापना की, जहां उन््हेें महंत गोविंद प्रकाश के नाम रिहा कराने के लिए आंदोलन किया और इस प्रयास मेें वह काफी
से जाना जाता था। कुछ समय बाद वे राम प्रसाद ‘बिस््ममिल’ सफल भी रहे। स््वतंत्रता के बाद भी वे देश के नागरिकोों की सेवा
जैसे क््राांतिकारियोों के संपर््क मेें आए और ‘हिन््ददुस््ततान रिपब््ललिकन मेें जुटे रहे। उन््होोंने सरकार के साथ मिलकर स््वतंत्रता संग्राम
एसोसिएशन’ मेें शामिल हो गए। संगठन मेें राम प्रसाद बिस््ममिल ने के सेनानियोों की सहायता के लिए कई योजनाएं भी बनवायीीं।
उन््हेें उत्तर प्रदेश और मध््य प्रदेश मेें एसोसिएशन को फैलाने का रामकृष््ण खत्री के प्रयासोों के कारण ही काकोरी मेें स््वतंत्रता
जिम््ममा दिया, जिसे उन््होोंने पूरी जिम््ममेदारी के साथ निभाया। खत्री सेनानियोों का स््ममारक बनाया जा सका। वह ‘विशाल परिमाण’
को हिंदी के साथ-साथ गुरमुखी और अंग्रेजी भाषा की भी अच््छछी पुस््तक की रचना करने वाले एक लेखक थे। उनकी पुस््तक
जानकारी थी, जिसके कारण उन््हेें यह जिम््ममेदारी दी गई थी। ‘शहीदोों की छाया’ नागपुर से प्रकाशित हुई थी। उन््होोंने ‘काकोरी
मराठी भाषा पर भी उनकी अच््छछी पकड़ थी। भारतीय स््वतंत्रता शहीद स््ममृति’ नाम से भी एक पुस््तक लिखी। देश की आजादी
संग्राम के क््राांतिकारियोों ने ब्रिटिश राज के विरुद्ध जबर््दस््त संघर््ष मेें अपना योगदान देने वाले क््राांतिवीर रामकृष््ण खत्री का 18
छेड़ने के उद्देश््य से हथियार खरीदने के लिए ब्रिटिश सरकार के अक््टटूबर 1996 को निधन हो गया।

आजादी के बाद से अब तक खाद्यान्न उत्पादन मेें छह गुना की वृद्धि


भारत आज एक राष्टट्र के रूप मेें गुजरे हुए कल को छोड़कर, आने वाले
कल की तस््ववीर मेें नए रंग भर रहा है। यह वो रंग हैैं जो हमारे महान
स््वतंत्रता सेनानियोों ने भारत के आजादी के आंदोलन के दौरान सपने
के रूप मेें देखे थे। इन सपनोों मेें भारत के खाद्यान्न उत््पपादन मेें वृद्धि भी
शामिल थी ताकि आजादी के बाद, इस सेक््टर मेें आत््मनिर््भर हो सके। हमेें
किसी अन््य देश पर निर््भर नहीीं रहना पड़े। भारत आज उन््हीीं महापुरुषोों के
सपनोों को साकार करने के लिए प्रतिबद्धता एवं समर््पण से जुटा हुआ है
और उनके सपनोों का भारत बनाने मेें योगदान दे रहा है। इसका परिणाम
है कि आजादी के बाद से अब तक खाद्यान्न उत््पपादन मेें देश ने छह गुना
वृद्धि की है। 1950 मेें जहां 50.82 मिलियन टन खाद्यान्न का उत््पपादन
होता था वहीीं, 2014 -15 मेें 252.02 मिलियन टन खाद्यान्न का उत््पपादन
होने लगा। अब 2021-22 मेें 314.51 मिलियन टन खाद्यान्न का रिकॉर््ड
उत््पपादन होने का अनुमान है। 2021-22 के आंकड़े खाद्यान्न उत््पपादन के
तृतीय अग्रिम अनुमानोों पर आधारित है।

न््ययू इंडि
डिया
या समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022 41
राष्टट्र अमृत महोत््सव

ब्रह्मबांधव उपाध््ययाय : भारत के स््वतंत्रता


आंदोलन मेें खप जाने वाले प्रथम संपादक
जन््म : 11 फरवरी, 1861, मृत््ययु : 27 अक््टटूबर 1907

म हान स््ववाधीनता सेनानी, क््राांतिकारी और पत्रकार ब्रह्मबांधव


उपाध््ययाय का जन््म 11 फरवरी, 1861 को पश््चचिम बंगाल
के हुगली जिले के खानान गांव मेें हुआ था। जब वे हाई स््ककूल मेें
संपादन किया और अंतिम सांस तक इसके संपादक रहे। उन््होोंने
संध््यया और बांग््लला साप््तताहिक युगांतर के माध््यम से स््वराज और
स््वदेशी आंदोलन को लोकप्रिय बनाया। उन््होोंने ब्रिटिश उपनिवेशवाद
थे तो वे राष्टट्रवादी आंदोलन की ओर आकर््षषित हुए। वे सुरेेंद्रनाथ और यूरोपीय सांस््ककृतिक आधिपत््य के खिलाफ अंग्ज रे ी भाषा मेें लेख
बनर्जी के माजिनी, गारीबाल््ददि और यंग इटली पर दिए गए भाषणोों से लिखे। 10 सितंबर 1907 को ब्रह्मबांधव को गिरफ््ततार कर लिया
अत््यधिक प्रभावित थे। कॉलेज की पढ़़ाई के दौरान ही वे स््ववाधीनता गया और राजद्रोह के आरोप मेें मुकदमा चलाया गया। ब्रह्मबांधव ने
आंदोलन मेें शामिल हो गए थे। कोलकाता मेें स््ककॉटिश चर््च कॉलेज मेें अदालत मेें अपने बचाव से मना कर दिया। इसके बाद 23 सितंबर
स््ववामी विवेकानंद उनके सहपाठी थे। ब्रह्मबांधव युद्ध कला सीखने 1907 को बैरिस््टर चितरंजन दास के माध््यम से अदालत मेें उनका
और अंग्रेजोों को खदेड़ने के लिए ग््ववालियर राज की सेना मेें शामिल बयान जमा कराया गया। बयान मेें ब्रह्मबांधव ने कहा कि वे संध््यया
होना चाहते थे। इसके लिए उन््होोंने दो बार कोशिश भी की, लेकिन के प्रकाशन, प्रबंधन और संचालन की सभी जिम््ममेदारी स््ववीकार करते
महाराजा की नीतियोों के कारण हताश होकर उन््हेें वापस लौटना पड़़ा। हैैं। ब्रह्मबांधव ने यह भी कहा कि 13 अगस््त 1907 को अखबार
वे पहले से ही ब्रह्म समाज के सक्रिय सदस््य थे। अपने बहुत से मेें प्रकाशित लेख उन््होोंने ही लिखे थे। उन््हीीं मेें से कुछ लेखोों को
समकालीन लोगोों की तरह ब्रह्मबांधव भी राष्ट्रीय गौरव की स््थथापना उत्तेजक मानते हुए ब्रह्मबांधव के खिलाफ मुकदमे का आधार बनाया
के साथ आध््ययात््ममिक शांति भी चाहते थे। वे 1888 मेें ब्रह्म मिशनरी गया था। ब्रह्मबांधव ने मुकदमे की कार्व्य ाही मेें शामिल होने से मना
के रूप मेें सिंध गए। उनकी जीवनी मेें लेखक जूलियस लिप्नर ने कर दिया। दरअसल, उन््हेें विश््ववास था कि स््वराज के ईश््वर नियुक््त
लिखा है कि ब्रह्मबांधव ने नए भारत के निर््ममाण मेें महत््वपूर््ण योगदान मिशन का हिस््ससा बनने के कारण उन््हेें किसी भी तरह लोगोों को
दिया, जिसकी पहचान उन्नीसवीीं सदी की पहली छमाही मेें उभरने अंग्रेजोों के विरुद्ध भड़काने के लिए जिम््ममेदार नहीीं ठहराया जा सकता।
लगी। ब्रह्मबांधव, रवीन्दद्रनाथ टैगौर और स््ववामी विवेकानंद के मित्र सुनवाई के दौरान ब्रह्मबांधव के पेट मेें दर््द हुआ और उन््हेें कोलकाता
थे। माना जाता है कि स््ववामी विवेकानंद ने क््राांति की ज््ववाला प्रज््वलित के अस््पताल मेें भर्ती कराया गया। अस््पताल मेें उनकी सर््जरी की गई
की, ब्रह्मबांधव ने इस ज््ववाला को और प्रज््वलित किया, उसकी रक्षा लेकिन उनकी तकलीफ कम नहीीं हुई और 27 अक््टटूबर 1907 को
की और बलिदान दिया। ब्रह्मबांधव ने बंगाली अखबार संध््यया का उनका निधन हो गया।

अपने धुन के पक््कके थे महात््ममा गांधी


के निकट सहयोगी मूलचंद चंदल े
सा ल 1920 मेें चलाए गए असहयोग आंदोलन के दौरान जब
महात््ममा गांधी ने विदेशी वस्तत्ररों और सामानोों को जलाने और
स््ककूल-कॉलेज का बहिष््ककार करने का आह्वान किया तो उससे प्रेरित
राष्टट्रहित को सदैव सर्वोपरि माना। अपने धुन के पक््कके और आजाद
भारत का स््वप्न देखने वाले मूलचंद चंदल े ने भारत की आजादी के
लिए अपना सर््वस््व न््ययौछावर करने का निर््णय ले लिया था। चंदले
होते हुए राजस््थथान मेें जयपुर जिले के बस््ससी गांव निवासी मूलचंद जब अहमदाबाद गए तो उन््हेें वहां साबरमती आश्रम जाने का मौका
चंदल े ने अपना एक ऐसा कपड़ा जला दिया जिसे वह बहुत प्रेम से मिला था। वहां उन््हेें महात््ममा गांधी के करीब जाने और उनके विचारोों
पहनते थे। यह कपड़ा उन््हेें एक मिल के मालिक ने दिया था। देश की को समझने का महत््वपूर््ण अवसर मिला। इस घटना ने चंदल े के
खातिर उन््होोंने कभी भी अपनी पसंद-नापसंद की परवाह नहीीं की और जीवन को बदलने मेें बहुत बड़ी भूमिका निभाई। ऐसे मेें 1920 मेें

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या समाचार 16-31 अक््टटूबर 2022
राष्टट्र अमृत महोत््सव

जयदेव कपूर : जिनकी सहनशीलता देख


खुद अंग्रेज अफसर भी रह जाते थे दंग
जन््म : 24 अक््टटूबर 1908, मृत््ययु : 19 सितंबर 1994

स््व तंत्रता सेनानी जयदेव कपूर का जन््म 24 अक््टटूबर


1908 को उत्तर प्रदेश के हरदोई मेें हुआ था। उनके
इसे छीन लेगी लेकिन कम से कम जयदेव कपूर तो इसे पहन
सकेेंग।े साथ ही भगत सिंह ने एक पॉकेट घड़ी भी उन््हेें दी थी।
पिता का नाम शालिग्राम कपूर और मां का नाम गंगा देवी था। कहा जाता है कि इन््हेें देते हुए भगतसिंह से जयदेव से आजादी
कानपुर के डीएवी कॉलेज मेें पढ़ाई के दौरान वह एक अन््य की मशाल को जलाए रखने का वचन लिया था। ये कोई आम
क््राांतिकारी शिव वर््ममा के साथ हिंदस्ु ्ततान रिपब््ललिकन एसोसिएशन घड़ी नहीीं थी बल््ककि क््राांति के महान क्षणोों की गवाह रही थी। ये
मेें शामिल हो गए। 1925 मेें जयदेव को बनारस मेें क््राांतिकारी घड़ी भगत सिंह को महान क््राांतिकारी शचीींद्रनाथ सान््ययाल ने दी
नेटवर््क विकसित करने की जिम््ममेदारी सौौंपी गई। ऐसे मेें, उन््होोंने थी। जिन््हेें ये घड़ी रास बिहारी बोस से मिली थी। जयदेव कपूर ने
बनारस हिन््ददू विश््वविद्यालय मेें बी.एससी पाठयक्रम मेें प्रवेश ले उन जूतोों को स््ममृति के रूप मेें संभाल कर रखा। बम विस््फफोट के
लिया। वहां भगत सिंह कई दिन तक उनके साथ लिम््बड़़ी हॉस््टल बाद इस घटना मेें शामिल सभी क््राांतिकारियोों को पकड़कर जेल
मेें रहे। जयदेव कपूर ने आगरा मेें बम बनाने का प्रशिक्षण भी भेजा जाने लगा। ऐसे मेें जयदेव को भी गिरफ््ततार कर लिया गया।
लिया था। वह क््राांतिकारियोों को बम बनाने की ट्रेनिंग भी देते थे। उन््हेें अंडमान निकोबार के सेल््ययूलर जेल भेज दिया गया जिसे
एक बार टेस््टटििंग के दौरान उनके घर के पास ही बम फट गया कालापानी के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि अंडमान
था। उनका चंद्रशेखर आजाद से लेकर सभी नामी क््राांतिकारियोों की जेल मेें उनको 60 दिनोों तक रोज सुबह 30 बेेंत मार खाने की
के साथ मिलना-जुलना, उठना-बैठना रहता था। साथ ही वे सजा मिली थी। इस सजा के दौरान जयदेव कपूर धैर््य से काम
क््राांतिकारी गतिविधियोों मेें पूरी तरह सक्रिय भी रहते थे। उन््होोंने लेते और उनकी ये सहनशीलता देख अंग्ज रे अफसर भी दंग रह
ट्रेड डिस््प्ययूट बिल और पब््ललिक सेफ््टटी बिल के विरोध मेें असेेंबली जाते थे। अंडमान जेल की सजा के दौरान बदन पर पड़े बेेंत के
मेें बम गिराने की घटना मेें महत््वपूर््ण भूमिका निभाई थी। कहा निशान जयदेव के शरीर पर ताउम्र बने रहे। जयदेव ने भगत सिंह
जाता है कि भगत सिंह और बटुकेश््वर दत्त के लिए सेेंट्रल और अन््य साथियोों से उनके अंतिम समय मेें मिलने की इच््छछा
असेेंबली मेें बम फेेंकने के लिए दाखिल होने की व््यवस््थथा करने व््यक््त की थी। वे सेल््ययूलर जेल मेें 16 वर््ष रहे और स््वतंत्रता से
वाले जयदेव कपूर ही थे। बम फेेंकने के लिए जाने से पहले भगत कुछ वर््ष पहले ही रिहा किए गए। 19 सितंबर 1994 को उनका
सिंह ने अपने नए जूते यह कहते हुए उन््हेें दे दिये थे कि पुलिस निधन हो गया।

अपने धुन के पक्के और आजाद भारत का स्वप्न देखने वाले मूलचंद चंदेल ने भारत की आजादी के
लिए अपना सर््वस्व न्यौछावर करने का निर्य्ण ले लिया था। चंदेल जब अहमदाबाद गए तो उन्हहें
वहां साबरमती आश्रम जाने का मौका मिला था।
जब महात््ममा गांधी ने असहयोग आंदोलन शुरु किया तो मूलचंद नहीीं है बल््ककि उसका बच्चचों की तरह संरक्षण होना चाहिए। आजादी
चंदले भी इसमेें शामिल हो गए। इतना ही नहीीं, मूलचंद चंदल े का के अमृत महोत््सव मेें, जयपुर स््थथित कस््ततूरी देवी शैक्षणिक विकास
पर््यवया रण से भी प्रेम अगाध था। यही कारण है कि वे आजीवन एवं सामाजिक शोध संस््थथान ने 2021 मेें साल भर तक मूलचंद
पर््यवया रण के लिए काम करते रहे। बातचीत मेें वे आमतौर पर कहा चंदले की 61वीीं पुण््यतिथि जोर-शोर से आयोजित करने और
करते थे कि जो व््यक््तति आम का पेड़ लगाता है, वह उसका फल इसके लिए एक समिति गठित करने की योजना बनाई थी। अमृत
नहीीं खाता लेकिन इसका अर््थ यह नहीीं है कि वह पेड़ लगाए ही महोत््सव के दौरान संगठन की ओर से अनेक कार्क्र ्य म आयोजित
नहीीं। यही कारण है कि उन््होोंने संकल््प लेकर बस््तती मेें कई पौधे किए गए, जिसमेें पौधारोपण व संगोष््ठठी के कार्क्र ्य म शामिल थे।
लगाए और लगवाएं। वे कहा करते थे कि पौधे लगाना बड़ी बात मूलचंद चंदल े का 24 अक््टटूबर 1960 को निधन हो गया। n

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राष्टट्र कहानी बदलते भारत की

...ताकि कमरे मेें बैठ कर नहीीं, अनुभव के


आधार पर हो विकास का नीति-निर््धधारण
सुशासन प्रत््ययेक नागरिक तक पहुंचे, प्रत््ययेक नागरिक के लिए हो, इस उद्देश््य के साथ प्रधानमंत्री नरेेंद्र
मोदी ने गवर्ननेंस मेें कई प्रयोग किए हैैं। एक ऐसा ही अनोखा विचार था, जब उन््होोंने सरकार के वरिष््ठ
अधिकारियोों को अपनी पहली पोस््टटििंग पर जाने और देखने-समझने के लिए कहा था कि वहां किस
तरह बदलाव हुआ है। प्रधानमंत्री कहते हैैं, “अधिकारियोों से कहा कि बहुत साल हो गए एक बार आप
जहां पहली डयूटी की थी, वहां हो आईये। सभी अधिकारी गए और उनके जो अनुभव हैैं वो बहुत प्रेरक
हैैं।” आइए जानते हैैं क््यया देखा-समझा केेंद्र सरकार के वरिष््ठ अधिकारियोों ने…...

विकास की नीतियोों को धरातल पर कमरे मेें बैठकर नहीीं, जड़ से जुड़कर


उतारने के लिए जरूरी हैैं ऐसी पहल ही बन सकती है एक अच््छछी नीति

केेंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रलाय के सचिव अपूर््व चंद्रा कहते हैैं, नेशनल हेल््थ ऑथिरिटी के सीईओ आर एस शर््ममा की उम्र तब 22-
“महाराष्टट्र के अहमदनगर जिले मेें जामखेड तालुका मेें प्रखंड विकास 23 साल रही होगी, जब वे पहली पोस््टटििंग पर गोड्‌डा गए थे। शर््ममा
अधिकारी (बीडीओ) और तहसीलदार पद पर मेरी पहली पोस््टटििंग हुई ने बताया, “प्रधानमंत्री मोदी निर्देश देते रहते थे कि देख कर आईये
थी। प्रधानमंत्री मोदी ने आह्वान किया था कि अपनी पहली पोस््टटििंग पर अपनी पहली पोस््टटििंग वाले क्षेत्र को।’’ अपनी पहली पोस््टटििंग पर
जाकर देखना चाहिए। उनके आह्वान पर मैैं वहां गया था। 30 वर््ष के इस करीब 35-36 साल के बाद जाने वाले शर््ममा बताते हैैं कि वहां जाकर
अंतराल मेें बहुत फर््क दिखाई दिया। अब हर घर मेें बिजली पहुंच गई है। और लोगोों से मिल कर मुझे बहुत अच््छछा लगा। दूसरी बात देखी कि
पहले पानी की बहुत समस््यया थी, लेकिन अब गांव-गांव मेें पानी है। पानी क््यया परिवर््तन हुआ है। प्रधानमंत्री की इस पहल को वे बहुत महत््वपूर््ण
का स्रोत अच््छछा हो गया है, मतलब नल योजना वहां पर है और हर घर मेें बताते हैैं क््योोंकि इससे एक अच््छछा तुलनात््मक अध््ययन, तस््ववीर
शौचालय है। डिजिटल भुगतान की सुविधा भी सब जगह उपलब््ध हो गई मिलती है। मुझे पूरा विश््ववास है कि हमने या हमारे अन््य साथियोों ने
है तो उसकी सहूलियत भी जनता को हो गई है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क जो रिपोर््ट दी होगी उसका विश््ललेषण करके बहुत कुछ मिला होगा।
योजना के अंतर््गत अब सड़क हर गांव तक पहुंच गई है जो पहले केवल व््यक््ततिगत रूप से मेरे लिए यह बहुत अच््छछा था कि मुझे सब-डिविजन
तालुका तक ही रहती थी।” चंद्रा कहते हैैं कि प्रधानमंत्री ने जो कहा वो को देखने का मौका मिला। राष्ट्रीय स््तर की नीति के दृष््टटिकोण से
बहुत आवश््यक है, क््योोंकि जब हम लोग एक बार दिल््लली आ जाते हैैं या भी उससे काफी महत््वपूर््ण नतीजे निकले होोंगे। हम कमरे मेें बैठ कर
राज््य के मुख््ययालय मेें रहते हैैं तो नीति बनाते हैैं। ऐसे मेें शुरुआत मेें हमने कुछ नीति बनाएं, इसका जब तक बहुत ज््ययादा जड़ से जुड़ाव नहीीं
जो 10 साल क्षेत्र मेें काम किया उससे कटाव हो जाता है, लेकिन नीति होगा,तब तक हम लोग अच््छछी नीति नहीीं बना पाएंगे। तो मुझे लगता
बनाते हुए इस तरह की पहल की बहुत आवश््यकता है, ताकि लोग उसे है कि जड़ के साथ फिर से जुड़ाव बहुत महत््वपूर््ण है।” n
देखेें और फिर नीति का निर््ममाण करेें।

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मीडिया कॉर््नर
आरएनआई DELHIN/2020/78812, दिल््लली पोस््टल लाइसेेंस
आर.एन.आई नंबर- DL (S)-1/3550/2020-22 डब््ल्ययूपीपी संख््यया- U (S)-
DELHIN/2020/78812 98/2020-22, posting at BPC, Meghdoot Bhawan, New
16-31 अक््टटूबर, 2022 Delhi - 110001 on 13-17 advance Fortnightly
(प्रकाशन तिथि-03 अक््टटूबर 2022, कुल पृष््ठ-48)

राष्ट्रीय एकता दिवस


31 अक््टटूबर

लौह पुरुष सरदार वल््लभभाई पटेल


की जयंती पर कृतज्ञ राष्टट्र का नमन
जन््म : 31 अक््टटूबर 1875, मृत््ययु : 15 दिसंबर 1950

सदियोों मेें कभी कोई एक ही सरदार बन पाता है और वो एक सरदार


सदियोों तक अलख जगाता है। राष्टट्र को एकता के सूत्र मेें पिरोने वाले
सरदार वल््लभ भाई पटेल ऐसे ही व््यक््तति हैैं जो हर भारतवासी के दिल मेें “एक भारत, श्रेष््ठ भारत के लिए जीवन का हर
बसते हैैं। वह भारत की एकता और शक््तति के प्रतीक हैैं, जिन््होोंने जटिल
से जटिल समस््ययाओं का समाधान कर एक अखंड भारत को आकार
पल जिसने समर््पपित किया, ऐसे राष्टट्र नायक
दिया। उन््होोंने आजादी के आंदोलन मेें किसानोों की आवाज बुलंद की, सरदार वल््लभ भाई पटेल को आज देश
सहकारिता की नीींव डाली और अंग्रेजोों के सामने आजादी के आंदोलन अपनी श्रद््धाांजलि दे रहा है। सरदार पटेल सिर््फ
के व््यवहारिक पक्ष का हमेशा नेतृत््व किया। मातृभूमि के लिए सरदार इतिहास मेें ही नहीीं हैैं बल््ककि हर देशवासी के
पटेल का समर््पण, निष््ठठा, संघर््ष और त््ययाग हर भारतवासी को देश की
एकता व अखंडता के लिए खुद को समर््पपित करने की प्रेरणा देता है। हृदय मेें हैैं।” - नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
सरदार पटेल का जीवन, व््यक््ततित््व, उनका दृढ़ नेतृत््व और राष्टट्र समर््पण
हम सबको सदैव प्रेरणा देता है और करता है मार््गदर््शन…....
प्रधान संपादक: प्रकाशक और मुद्रक: कमरा संख््यया-278, केेंद्रीय संचार ब््ययूरो, मुद्रण: इनफिनिटी एडवर््टटाइजिंग सर््वविसेस प्राइवेट लिमिटेड,
सत््ययेन्दद्र प्रकाश, प्रधान महानिदेशक, मनीष देसाई, महानिदेशक सूचना भवन, द्वितीय तल, एफबीडी वन कॉर्पोरेट पार््क, 10वीीं मंजिल, नई दिल््लली-
पत्र सूचना कार््ययालय, नई दिल््लली केेंद्रीय सूचना ब््ययूरो नई दिल््लली- 110003 से प्रकाशित फरीदाबाद बॉर््डर, एनएच-1, फरीदाबाद-121003

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