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छत्तीसगढ़ी लोकनाट्य - Team Examdays
छत्तीसगढ़ी लोकनाट्य - Team Examdays
PSC ACADEMY
CHHATTISGARH
By RAKESH SAO
WWW.PSCACADEMY.IN
छत्तीसगढ़ी लोकनाट्य
छत्तीसगढ़ी लोकनाट्य
जनजातीय लोकनाट्य
ू ण वस्तुननष्ठ प्रश्नोत्तर
महत्वपर्
मुख्य परीक्षा आधाररत महत्वपर् ू ण प्रश्नोत्तर
लोकनाट्य
नाचा ( छैला नृत्य ) : छत्तीसगढ़ का सवण प्रमुख लोकनाट् य CGVyapam ESC 2017
रहस ( रहसलीला ) : छत्तीसगढ़ की रासलीला
गम्मत ( प्रहसन ) : छत्तीसगढ़ का व्यंग्यात्मक नाट् य नवधा
नाचा के प्रमख
ु पात्र
नाचा के प्रमख
ु कलाकार एििं उनकी नाचा पाटी
क्र. कलाकार तनिास स्थल नाचा पाटी प्रमुख कथा प्रसिंग तिशेष
दाऊ दल
ु ारतसिंह मिंदराजी
रवेली
सास-बहू का झगड़ा
( प्रथम नाचा पाटी )
1 रवेली ग्राम ( दुगण ) दे वरानी-जेठानी का नववाद संवाद नाचा के भीष्म नपतामह
CGPSC MI 2014
हबीब िनिीर
चरर्दास चोर
नहन्दुस्तान नथयेटर
आगरा का बाज़ार
नया नथयेटर
2 रायपुर माटी के गाड़ी
बहादुर कलाररन
CGPSC MI 2010
लाला शोहरत राय
रामचिंद्र देशमुख
ै ी गोंदा
चंदन पनत-पत्नी का झगड़ा एवं प्रेम
3 बघेला ग्राम ( दुगण )
छ.ग. देहाती कलामंच सौतों के झगड़े
महातसिंह चिंद्राकर
ममिा चिंद्राकर
नाइकदास
मोहारा ग्राम
8 पदम श्री से सम्माननत
( राजनांदगांव )
मदन तनषाद
9 रायपुर
तिदाबाई मरकाम
रहस का मिंचन
रहस के प्रमख
ु पात्र
रहस के प्रमख
ु कलाकार
क्र. कलाकार
1 कौशल नसंह
2 नबसेसर नसंह
3 मंझला महाराज
गम्मि ( प्रहसन )
संज्ञा - गम्मत छत्तीसगढ़ का व्यिंग्यात्मक नाट् य तिधा
- लोक चेतना के जागरर् का एक कलात्मक उपक्रम
आधार - लोक मनोरं जन
अतलतखि कथा - गम्मत में प्रस्तुत कथा अनलनखत होती है |
स्वत: स्िू तण संवाद - गम्मत में कोई पूवण अभ्यास नहीं नकया जाता है | पात्रों के संवाद स्वत: स्िू तण होते है |
शैली - हास्य व्यंग
- इसमें हास्य-व्यंग्य की शैली में सामनजक बुराईयों तथा पाखंडो पर प्रहार नकया जाता है |
सहभागी - पुरुष प्रधान नाट् य
- स्त्री के पात्रो की भूनमका पुरुषो द्वारा की जाती है |
वाध यन्त्र - नचंकारा , तबला , मंजीरा
प्रचलन स्थल - रतनपुर
गम्मि की प्रस्िुति के दो रूप प्रचतलि है :
(1) खड़ी गम्मि - इसमें नतण क खड़े -खड़े अनभनय और गायन प्रस्तुत करते है |
(2) रिनपुररया गम्मि - इसमें नतण क बैठकर अनभनय और गायन प्रस्तुत करते है |
जनजािीय लोकनाट्य
जनजािीय
क्र. जनजाति शैली तििरण
लोकनाट्य
गौर का नशकार नृत्य CGPSC AP ENGG. 2015
1 गौरा ( माओपाटा ) मुनड़या नशकार नाट् य
सहभागी - मनहला + पुरुष
भतरा नाट
2 भतरा युद्ध प्रधान पुरुष प्रधान नाट् य
( उनड़या नाट् य )
3 रहस धनवार हास्य – व्यंग छत्तीसगढ़ की रासलीला
4 दनहकांदो बस्तर अंचल नपरानमड शैली कृष्र् जन्माष्टमी के अवसर पर
खम्भ – स्वांग
5 कोरकू मेघनाथ की पूजा आयोजन - कवांर नवरात्र से दे व प्रबोधनी एकादशी तक
( मेघनाथ खम्भ )
6 झेरी स्वांग कोरकू
7 पारदी स्वांग कोरकू
“छत्तीसगढ़ का सवण प्रमुख लोकनाट् य” की संज्ञा से सुसनजजत नाचा छत्तीसगढ़ में लोक मनोरं जन की प्रमुख नवधा है |
इसे छैला नृत्य एवं छैला पाटी के नाम से भी जाना जाता है | यह देवार जानत का एक प्रमुख लोकनाट् य है | यह महाराष्र
के तमाशा से प्रेररत है | इसकी शैली हास्य व्यंग पर आधाररत है | यह एक पुरुष प्रधान नाट् य कला है | इसमें स्त्री के पात्रो
की भूनमका पुरुषो द्वारा की जाती है | इसमें प्रमुख वाद्ययंत्र नचंकारा , तबला व मंजीरा है | इसका प्रस्तुतीकरर् खुला
मंचन स्थल में नकया जाता है | इसके प्रमुख पात्र जोककड़ व परी होते है |
दाऊ दुलारनसंह मंदराजी को नाचा के भीष्म नपतामह के संज्ञा से सुसनजजत नकया जाता है | इन्होनें छत्तीसगढ़ की पहली
नाचा पाटी ‘रवेली’ की स्थापना नकया | नाचा का प्रारं भ छत्तीसगढ़ में मराठा काल से हु आ | नाचा के प्रमुख कलाकार व
उनके नाचा पाटी क्रमश: हबीब तनवीर ( नहन्दुस्तान नथयेटर , नया नथयेटर ) , रामचंद्र देशमुख ( चंदन ै ी गोंदा , छ.ग.
दे हाती कलामंच ) , महानसंह चंद्राकर ( सोनहा नवहान ) , ममता चंद्राकर ( नचन्हारी ) है | निदाबाई मरकाम नाचा की
पहली मनहला कलाकार है |
मूलयािंकन – नाचा छत्तीसगढ़ राजय में आयोनजत होने वाले पारं पररक लोकनाट् य में महत्वपूर्ण है | यह छत्तीसगढ़ की
सांस्कृ नतक लोककला का उत्कृष्ट उदाहरर् है | यह नवश्वसनीय छत्तीसगढ़ का पररचायक है | यह छत्तीसगढ़ की एकता
व अखण्डता का प्रतीक है |