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कें द्रीय हिद्यालय संगठन क्षेत्रीय कायाालय रायपुर

Kendriya Vidyalaya Sangathan Regional Office Raipur

हिन्दी

Class - X
Question Bank Term- II 2021-22
कें द्रीय विद्यालय संगठन क्षेत्रीय कायाालय रायपरु
Kendriya Vidyalaya Sangathan Regional Office Raipur

उपायक्त
ु का संदश

रायपरु क्षेत्र के वलए दसिीं और बारहिीं कक्षा के विविन्न विषयों के वलए अध्ययन सामग्री प्रकावशत करना
मेरे वलए बहुत खशु ी की बात है। सीबीएसई द्वारा जल ु ाई 2021 के महीने में जारी पररपत्र संख्या 51 और 53 के माध्यम
से पाठ्यक्रम और मलू यांकन प्रवक्रया में हावलया पररितानों से पररवित और पररवित होने से छात्रों को परीक्षा के वलए खुद
को बेहतर तैयार करने में मदद वमलेगी। अिधारणाओ ं को समझने, प्रश्नों को समझने के वलए इकाइयों और अध्यायों का
अच्छा और गहरा ज्ञान आिश्यक है। अध्ययन सामग्री परीक्षा से ठीक पहले त्िररत संशोधन के वलए उपयक्त ु और
प्रिािी नोट्स बनाने में मदद करती है।

COVID-19 महामारी की अितू पिू ा पररवथिवतयों के कारण छात्रों और वशक्षकों को कक्षाओ ं में आमने-
सामने बातिीत करने का बहुत सीवमत अिसर वमल रहा है। ऐसी वथिवत में पयािेवक्षत और विशेष रूप से तैयार वकए गए
मलू य वबंदु छात्रों को उनकी समझ और विश्ले षणात्मक कौशल को एक साि विकवसत करने में मदद करें गे। प्रश्न बैंक और
अभ्यास पत्रों को पढ़ने के बाद छात्रों को अत्यवधक लाि होगा। अध्ययन सामग्री एक विशेष बंधन का वनमााण करे गी
और वशक्षकों और छात्रों के बीि जोड़ने िाली कड़ी के रूप में काया करे गी क्योंवक दोनों एक साि वनदेवशत और
अनिु िात्मक अवधगम कर सकते हैं। यह छात्रों को रिनात्मक और महत्िपणू ा सोि कौशल की खोज और विश्ले षण
करने की आदत विकवसत करने में मदद करे गा। के स थटडी, तका और पता लगाने से संबंवधत प्रश्न पैटना में पेश की गई
नई अिधारणाएं छात्रों को विविन्न वथिवतगत समथयाओ ं पर थितत्रं वनणाय लेने के वलए सशक्त बनाएगी। विविन्न
अध्ययन सामग्री को इस तरह से वडजाइन वकया गया है वक छात्रों को उनकी आत्म-सीखने की गवत में मदद वमल सके ।
यह महान शैक्षवणक वसद्ातं पर जोर देता है वक 'सब कुछ सीखा जा सकता है लेवकन कुछ िी नहीं वसखाया जा सकता
है'। थि-प्रेररत सीखने के साि-साि पयािेवक्षत कक्षाएं उन्हें नई शैक्षवणक ऊंिाइयों को प्राप्त करने में मदद करें गी।

मैं उन सिी प्रधानाध्यापकों और वशक्षकों का तहे वदल से आिार व्यक्त करना िाहता हं वजन्होंने सिी विषयों
के वलए अध्ययन सामग्री तैयार करने की पररयोजना को परू ा करने के वलए अिक प्रयास वकया है। इस पररयोजना को
सफल बनाने में उनका अपार योगदान प्रशसं नीय है।

हैप्पी लवनिंग और शिु कामनाएँ!


(विनोद कुमार )
उपायक्त

2
कें रीय विद्यािय संगठन
क्षेत्रीय कायाििय , रायपुर
प्रधान संरक्षक
श्री विनोद कु मार
उपायुि
के .वि.सं.रायपुर संभाग

संरक्षक
श्रीमती वबरजा वमश्र
सहायक आयुि
के .वि.सं.रायपुर संभाग

श्री अशोक कुमार वमश्र


सहायक आयुि
के .वि.सं.रायपुर संभाग

समन्द्ियकताि
श्री धीरे न्द्र कु मार झा
प्राचायि कें रीय विद्यािय वबिासपुर

अध्ययन सामग्री वनमािर् सवमवत


श्री अजय कु मार साहू
स्नातकोत्तर वशक्षक वहन्द्दी
कें रीय विद्यािय रायपुर क्र.1 (प्रथम पािी)
श्रीमती माया गुप्ता
प्रवशवक्षत स्नातक वशवक्षका (वहन्द्दी)
कें रीय विद्यािय रायपुर क्र.4 कोरबा
श्रीमती जोसकफन िाकरा
प्रवशवक्षत स्नातक वशक्षक (वहन्द्दी)
कें रीय विद्यािय वबिासपुर

श्री योगेश्वर साहू


प्रवशवक्षत स्नातक वशक्षक (वहन्द्दी)
कें रीय विद्यािय राजनंदगांि
डॉ ककरर् राठौर
प्रवशवक्षत स्नातक वशक्षक (वहन्द्दी)
कें रीय विद्यािय वबिासपुर

संकिनकताि
श्रीमती अचिना मसिकोिे श्री सुनीि पाण्डेय
स्नातकोत्तर वशक्षक (वहन्द्दी) स्नातकोत्तर वशक्षक (वहन्द्दी)
कें रीय विद्यािय वबिासपुर कें रीय विद्यािय वबिासपुर

3
अनुक्रमणणका

क्रमसंख्या विषयिस्तु/भाग

1 प्रश्न पत्र का प्रारूप एिीं अींक योिना

2 प्रनतदशि प्रश्न पत्र

3 गद्य खंड

4 काव्य खंड

5 कृतिका

6 ले खन

7 आदशि प्रश्न पत्र एिीं उत्तर माला


प्रश्न पत्र का प्रारूप एिं अंक योजना
छात्रोपयोगी अध्ययन सामग्री

गद्य खींड

िखनिी अंदाज - िेखक – (यशपाि)

पाठ का सार –

श षिक व्यींग्य –रचना में िास्तविकता की एक बनािटी ि िन शैली को अपनाने िाले सामींत िगि पर कटाक्ष ककया
गया िै | कवि ने इसकी रचना यि लसद्ध करने के ललए की थ कक कथ्य के बबना किान निीीं ललख िा सकत |
एक बार लेखक नई किान का कथ्य खोिने के विचार से सेकण्ड तलास के डडब्बे से रे लयात्रा के ललए घस
ु ा | यिाुँ
पिले से िी एक व्यजतत लखनि अींदाि में पालथ लगाए बैठा था | उसके सामने एक तौललये पर दो र्चकने ख रे
रखे थे | निाब तरीके से ि ने िाले उस व्यजतत को पिले तो लेखक की उपजस्थनत अच्छी निीीं लग | िि
उपेक्षापि
ू क
ि से बिार दे खता रिा | कफर ख रों के टुकड़े काटकर तौललये पर सिाये, उन पर मसाला नछड़का और
अपन शराफत हदखाने के ललए लेखक से ख रे खाने को किा, लेखक ने आत्मसम्मान की दृजष्ट से अस्ि कार कर
हदया | इसके बाद निाब सािब ने ख रे के एक –एक टुकड़े को उठाया ,उसे मि
ुीं तक ले गए, सघ
ुीं ा और खखड़की के
बिार फेंक हदया | कफर एक डकार लेकर प्रदलशित ककया कक सघ
ूीं ने से िी उनका पेट भ भर गया था, लेखक को अपने
प्रश्न का उत्तर लमल चक
ु ा था | िब बबना ख रे निाब सािब का पेट भर सकता था तो बबना कथ्य औरपात्र के किान
भ ललख िा सकत थ |

प्रश्न १ तनम्नलिणखत .प्रश्न के उत्तर२५ से ३० शब्दों में लिणखए– 2 x 4=8

प्रश्न -1. एब्स्रै तट शब्द ककन,–ककन पर कटाक्ष करता िै ?लेखक तया किना चािता िै ?

उत्तर – एब्स्रै तट का अथि िै –अशरीरी :जिसका भौनतक स्िरुप न िो ,केिल सक्ष्


ू म अजस्तत्िा िो |ऐसे शब्द के माध्यम
से लेखक ने निाबों की काल्पननक ि िन –शैली तथा नई किान के लेखकों की अनत सक्ष्
ू म धारर्ाओीं पर व्यींग्य
ककया िै |

प्रश्न -2 .लखनि अींदाि नामक व्यींग्य का तया सींदेश िै |

उत्तर – लखनि अींदाि नामक व्यींग्य में लेखक किना चािता िै कि ि िन में स्थूल और सक्ष्
ू म दोनों का मित्ि िै |
केिल गींध और स्िाद के शेयर पेट निीीं भर सकता | िो लोग एस तरि पेट भरने और सींतष्ु ट िोने का हदखािा करते
िैं ,िे ढोंग िैं ,अिास्तविक िैं | इस व्यींग्य का दस
ू रा सींदेश यि िै कक ललए कोई –न कोई घटना पात्र और विचार
अिश्य चाहिए | बबना घटना और पात्र के किान ललखना ननरथिक िै |

प्रश्न- 3 . लेखक के मुँि


ु में पान आने पर भ ख रा खाने से इींकार तयों ककया ?
उत्तर – लेखक के मुँि
ु में ख रे को दे खकर पान आ गया था |िि उसे खाने के ललए ललचा उठे थे , परन्द्तु िे एक बार
निाब सािब को मना कर चक
ु े थे ,अतः अपने इींकार को बनाए रखने के ललए या आत्मसम्मान को बचाए रखने के
ललए उन्द्िोंने ख रा खाने से इींकार कर हदया |

प्रश्न- 4 .निाब सािब ने गिि से गल


ु ाब आुँखों द्िारा लेखक की तरफ तयों दे खा ?

उत्तर – निाब सािब ने ख रा खाने के बिाय उसे सघ


ूीं ा और खखड़की के बािर फेंक हदया | उसे लगा की उसकी निाब
शान में चार –चाुँद लग गए िैं | इस गिि के कारर् उसकी आुँखों में नशा आ गया |उसने अपन इस शान को हदखने
के ललए लेखक की ओर गिि से दे खा |

प्रश्न- 5. तया सनक का कोई सकारात्मक रूप िो सकता िै | यहद िाुँ तो ऐस सनकों का उल्लेख कीजिए ?

उत्तर - सनक को प्राय: एक नकारात्मक व्यििार के रूप में दे खा िाता िै । सनक में कायि करने िाले
व्यजतत को ककस काम की धन
ु -स सिार रित िै , उसका वििेक और तकि क्ष र् िो िाता िै । लेककन
सनक के अनेक सकारात्मक पक्ष भ दे खने में आते िैं । शूरि रों के कीनतिमान, पिितारोहियों की मत्ृ यु
सींकट को चन
ु ौत , अन्द्िेषकों के रोमाींचकारी अलभयान िैज्ञाननकों के चमत्कारी अनुसींधान, स्ितींत्रता
आन्द्दोलन के सेनाननयों का आत्मबललदान ये सभ सनक के िी सकारात्मक पररर्ाम िैं। यहद सनक का
लक्ष्य लोक-हितकारी िो और व्यजतत का व्यििार वििेक से ननदे लशत िो तो सनक का सकारात्मक
पररर्ाम सामने आता िै ।
मानिीय करुणा की ददव्य चमक – िेखक –(सिेश्िर दयाि सक्सेना)

पाठ का सार

फादर कालमल बल्


ु के के बारे में ललखा एक सींस्मरर् िै , सींस्मरर् स्मनृ तयों से बनता िै तथा स्मनृ तयाुँ विश्िसन य
िोन चाहिए | फादर कालमल बल्
ु के का िन्द्म बेजल्ियम के रै म्स चैपल नगर में िुआ था | इस नगर को र्गरिाघरों
,पादररयों और धमिगरु
ु ओीं का शिर किा िाता िै | इींि ननयररींग की आखखरी साल की पढाई करते समय फादर
कालमल बल्
ु के का मन पादरी बनने को िुआ | इसके बाद उन्द्िोंने भारत को अपना कमिक्षेत्र बनाया |भारत आ कर
फादर बल्
ु के परू ी तरि भारत यता के रीं ग में रीं ग गए | िि सन्द्यास का सींकल्प लेकर सन्द्यास तो बन गए परन्द्तु
मन से सन्द्यास निीीं बन सके | उन्द्िोंने लोगों से सम्बन्द्ध बनाए तथा उनका ननिािि भ ककया |फादर के मन में
सभ के प्रनत अपार करुर्ा थ | उन्द्िोंने भारत के लोगों तथा हिींद भाषा की अपार सेिा की | लेखक के फादर से
अींतरीं ग सींबध
ीं थे | लेखक का विश्िास िै कक िब तक राम कथा रिे ग , सींत फादर बल्
ु के को भ भल
ु ाया निीीं िा
सकेगा |

तनम्न लिणखत प्रश्नों के उत्तर 20 से 25 शब्दों में दीज़जए |

प्रश्न -1 .मानि य करुर्ा की हदव्या चमक पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कक इतनी ममता ,इतना अपनत्ि
,िातय द्िारा फादर की कैस छवि उभरत िै ?

उत्तर – फादर कालमल बल्


ु के के हृदय में सभ के ललया ममता और अपनत्ि भरा िुआ था |उनके हृदय में प्रत्येक के
ललए प्यार भरा रिता था |उनके मन में कभ ककस के ललए कोई द्िेष भाि निीीं था |उनकी बाींिें सभ को गले लगाने
के ललए तैयार रित थ ीं |

प्रश्न -2 . मानि य करुर्ा की हदव्य चमक पाठ के आधार पर बताइए कक लेखक को पररश्रम कौन –से हदन याद
आते िैं ?

उत्तर – लेखक को पररमल के िे हदन याद आते िैं ,िब िे सब एक पाररिाररक ररश्ते में बींधकर िुँस –मिाक में
शालमल रिते , गोजष्ठयों में गींभ र बिस करते तथा फादर रचनाओीं पर बबना ककस खझझक के अपने विचार प्रस्तत

करते थे |घरे लू उत्सि और सींस्कार में फादर बड़े भाई और परु ोहित िैसे खड़े िोकर आश िािद दे ते थे |लेखक की
पत्न और पत्र
ु िी मत्ृ यु पर फादर के शब्दों से झरत िायरल दख
ु शाींनत भ उसे याद आत थ |

प्रश्न -3 . मानि य करुर्ा की हदव्य चमक पाठ द्िारा लेखक तया सींदेश दे ना चािता िै ?

उत्तर – इस पाठ के आधार पर लेखक यि सींदेश दे ना चािता िै की सच्चा सींन्द्यास ििी िोता िै ,िो सींकल्प से
सींन्द्यास िोता िै |एक सींन्द्यास िर प्रकार से समाि और राष्र की उन्द्ननत के ललए कायि करता िै |िि ककस राष्र
विशेष का न िोकर परू े मानि जातत के हित के ललए कायि करता िै |इसके अनतररतत व्यजतत में त्याग, प्रेम, करुर्ा
एिीं मानि यता की भािना भ िोन चाहिए |

प्रश्न -4 . फादर कालमल बल्


ु के भारत य सींस्कृनत का अलभन्द्न अींग िै –ककस आधार पर ऐसा किा गया िै ? मानि य
करुर्ा की हदव्य चमक पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए ?

उत्तर – फादर कालमल बल्


ु के ने भारत य सींस्कृनत से प्रभावित िोकर भारत आने का ननश्चय ककया था |िे भारत य
उत्सिों, सींस्कारों, धमि आहद के विषय में परू ी िानकारी रखते थे |िि लोगों के पाररिाररक उत्सिों और सींस्कारों में
बड़े बि
ु ुगि की भाींनत सजम्मललत िोते थे |राम- कथा :उत्पनत और विकास िैसे भारत य विषय पर शोध करना
भारत य सींस्कृनत के प्रनत उनके प्रेम को दशािता िै | भारत य सींस्कृनत के प्रनत उनके अगाध प्रेम के कारर् िी लेखक
ने उन्द्िें भारत य सींस्कृनत का एक अलभन्द्न अींग माना िै |

प्रश्न -5 . फादर की उपजस्थनत दे िदार की छाया िैस तयों लगत थ ?

उत्तर – फादर ‘पररमल’ नामक साहिजत्यक सींस्था के सबसे ियोिद्


ृ ध सदस्य थे |पररमल के सभ सदस्य सींस्था को
एक पररिार िैसे मानते थे | फादर इस पररिार के मखु खया के समान थे |िि अपने बड़प्पन का परू ा पररचय भ दे ते
थे |सदस्यों के िुँस –मिाक से दरु ी बनाते िुए भ िि पररमल की गोजष्ठयों और साहिजत्यक चचािओीं में सक्रीय भाग
लेते थे |उनका गींभ र स्तर की बिस करना और सदस्यों की रचनाओीं पर अपन बेिाक राय दे ना गोजष्ठयों को
उपयोग और साथिक बनाता था |इसके साथ िी िि सदस्यों के यिाुँ िोने िाले सभ पाररिाररक उत्सिों में भ
उपजस्थत रिते थे और अपने स्नेि तथा िात्सल्य भाि से सभ के सम्मान और श्रध्दा के पात्र बन िाते थे |यिी
कारर् था कक पररमल के सभ सदस्यों को उनकी उपजस्थनत दे िदार िक्ष
ृ की छाया िैस पवित्र और सख
ु द प्रत त
िोत थ |
काव्य खंड

-1सय
ू ि कान्द्त बत्रपाठी ननराला – उत्साि , अट निीीं रिी िै

1- सय
ू क
ि ान्द्त बत्रपाठी ननराला –उत्साि (साराींश )
उत्साि कविता ननराला ि ने बादल विषय पर आधाररत िै | इस कविता के माध्यम
से ननराला ि ने ि िन को अलग हदशा दे ने एिीं अपना विश्िास खो चक
ु े लोगों को
प्रेरर्ा दे ने का प्रयास ककया िै | कवि बादलों के आने के जिक्र के िररए , ि िन से
ननराश ि िताश लोगों को यि उम्म द दे ना चािते िैं कक चािे िो कुछ िो लेककन
आपके ि िन में भ खश
ु िाली िरूर लौटे ग और आपके अच्छे हदन िरूर आयेँगे
कविता मेँ उन्द्िोंने दस
ू रा अिम सींदेश ये हदया िै कक जिस तरि बादल बेिान
पौधे मेँ नई िान डाल दे ते िैं , िैसे िी मनष्ु य को सारे दख
ु ों को भल
ू कर अपने ि िन
की नय शरु
ु आत करन चाहिए और जिींदग मेँ िमेशा आगे बढ़ते रिना चाहिए |
मख्
ु य रूप से ननराला ि ने यि कविता िमारे भ तर सोय क्राजन्द्त को कफर से िगाने
के ललए ललख िै |

उत्साह

1- कवि बादल से फुिार ,ररमखझम या बरसने के स्थान पर ‘गरिने’ के ललए किता


िै ,तयों ?
उत्तर – सय
ू क
ि ाींत बत्रपाठी ननराला ि एक क्राींनतकारी कवि माने िाते िैं |और िो
समाि में बदलाि लाना चािते थे |लोगों की चेतना को िागत
ृ करना चािते थे |
‘गरिना’ शब्द क्राींनत ,बदलाि और विरोि का प्रनतक िै |इस ललए िो बादलों से
फुिार, ररमखझम या बरसने के स्थान पर ‘गरिने’ के ललए किते िैं |
2- उत्साि कविता का उद्दे श्य /सींदेश स्पष्ट करें ?
उत्तर– उत्साि एक आह्िान ग त िै | यि एक प्रत कात्मक कविता िै | कवि
बादल से ननिेदन करता िै कक िि सारे गगन को घेर ले | िि विद्यत
ु शजतत से
समाि मेँ गरिे , बरसे और िोश का प्रचार करे |
3- कविता का श षिक उत्साि तयों रखा गया िै ?
उत्तर –बादल भयींकर गििना के साथ िब बरसते िैं तो धरत के प्राखर्यों में एक
नई उिाि का सींचार िो िाता िै |लोगों का मन एक बार कफर नये िोश ि उत्साि
से भर िाता िैं |कवि बादलों के माध्यम से लोगों में उत्साि का सि
ृ न करना
चािते िैं और एक नई क्राींनत लाने के ललए लोगों को उत्साहित करना चािते िैं |
इसललए इस कविता का श षिक ‘उत्साि’ रखा गया िै |
4- कविता मेँ बादल ककन – ककन अथों की ओर सींकेत करता िै ?
उत्तर– िल बरसाने िाली शजतत के रूप मेँ , उत्साि और सींघषि के भाि भरने िाले
कवि के रूप मेँ , प ड़ाओीं का ताप िरने िाली सख
ु कारी शजतत के रूप मेँ |
5- नाद –सौंदयि ककसे किते िैं ?
उत्तर–शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के ककस खास भाि या दृश्य मेँ
ध्िन्द्यात्मक प्रभाि पैदा िो , नाद सौंदयि किलाता िै |

अट निीीं रिी िै_


कविता मेँ कवि ने प्रकृनत की व्यापकता का िर्िन बड़े िी सींद
ु र ढीं ग से ककया िै |
िोली के समय िो महिना िोता िै ,उसे फागन
ु किा िाता िै | इस कविता मेँ इस
मिीने मेँ प्रकृनत एिीं मानि य मन मेँ िोने िाले बदलाि को बड़े िी सींद
ु रता से
हदखलाया िै | फागुन के समय परू ी प्रकृनत खखल –स िात िै | ििाएुँ मस्त मेँ बिने
लगत ीं िैं , फूल खखल उठते िैं और आसमान मेँ उड़ते पक्ष सबका मन मोि लेते िैं |
इस तरि प्रकृनत को मस्त मेँ दे खकर मनष्ु य भ मस्त मेँ आ िाता िै और फागुन
के ग त , िोरी, फाग इत्याहद गाने लगता िै | कवि फागुन को कितें िैं कक तुम्िारी
सींद
ु रता इतन मनमोिक िै कक तुम्िारे सौंदयि पर से आुँख निीीं िटा पा रिा िूुँ |

1- कवि की आुँख फागन


ु की सींद
ु रता से तयों निीीं िट रिी िैं ?
उत्तर- फागन
ु माि में चारों तरफ एक से एक खब
ू सरू त फूल खखल िाते िैं |डाली
िरे और लाल रीं ग के पत्तों से भर िात िैं | िातािरर् सग
ु ींर्धत फूलों की खश
ु बू से
मिक उठता िैं |प्रकृनत इतन सींद
ु र ि मनमोिक िो उठते िैं कक कवि उसकी
सन्द्
ु दरता पर मोहित िो िाते िैं | िि प्रकृनत के उस सौंदयि से अपन ऑ ींखें िटाना
तो चािते िैं पर उनकी ऑ ींखें उस पर इ िट निीीं पा रिी िै |
2- कवि की आुँख फागुन की सींद
ु रता से तयों निीीं िट रिी िै ?
उत्तर– फागुन बिुत मतिाला , मस्त और शोभाशाली िै | उसका रूप –सौंदयि रीं ग –
बबरीं गे फूलों , पत्तों और ििाओीं मेँ प्रकट िो रिा िै | फागन
ु के कारर् मौसम
इतना सि
ु ाना िो गया िै कक उस पर से आुँख िटाने का मन निीीं करता |
3- फागुन के सौंदयि का र्चत्रर् कीजिए जिसके आधार पर उसे अन्द्य ऋतओ
ु ीं से
लभन्द्न समझा िाता िै ?
उत्तर– फागुन मेँ िातािरर् बिुत म ठा और सि
ु ािना िोता िै | धरत पर सबसे
अर्धक फूल खखलते िैं | आसमान साफ –स्िच्छ िोता िै | पक्षक्षयों के समि

आकाश मेँ वििार करते हदखाई दे ते िैं | िक्ष
ृ ों पर नए फूल –पत्ते उगते िैं | सब
िगि मानो शोभा िी शोभा बबखरी िुई िै |फागुन की मस्त सींभाले निीीं सींभल
रिी िै |ये विशेषताएुँ अन्द्य मिीनों मेँ निीीं िोत ीं |
4- फागन
ु की मस्त का मानि –मन पर तया प्रभाि हदखाई दे ता िै ?
उत्तर–फागन
ु की मस्त इतन अर्धक और रीं ग न िै कक मानि –मन इससे
उत्साहित और प्रसन्द्न हदखाई दे ता िै | इसके कारर् िि अपने मन को भरा –भर
और सींतष्ु ट पाता िै | िि सौंदयि से इतना प्रभावित िै कक िि अपन आुँखें बींद
निीीं करना चािता | िि उस सौंदयि को िमेशा अपन आुँखों मेँ समा लेना चािता
िै |

5- इस कविता मेँ कवि ने नई कविता करने िाले कवियों ककस सम्बोधन का प्रयोग
ककया िै ?
उत्तर– कवि ने नई कविता करने िाले कवियों को निि िन िाले सम्बोधन का
प्रयोग ककया िै |
कन्यादान – कवि ऋतुराज

साराींश– कन्द्यादान करते समय कन्द्या की माुँ का दखु बिुत सच्चा और


िास्तविक था , आखखर उसकी कन्द्या उसकी अींनतम पुँि ू थ | उसकी कन्द्या
अभ परू ी तरि सयान निीीं थ | उसे सींसार के कुछ सख
ु ों का तो आभास था
ककन्द्तु आने िाले दख
ु ों का बोध निीीं था | िि ि िन की कुछ मधरु कल्पनाओीं
में ि रिी थ | माुँ ने उसे विदा कराते समय समझाया कक िि ि िन के
बािरी सौंदयि और िस्त्र आभष
ू र् पर न रीझे | ये सब भ्रम िै | िि ि िन की
भयानक िास्तविकताओीं को समझे ,कष्टों को िाने और लड़की िोकर भ
लड़की –स भोली न बने | अपना शोषर् न िोने दे | दिे ि िैस सामाजिक
प्रथा का उल्लेख कवि ने आि की बेहटयों का शोषर् के विरुद्ध आिाि
उठाने की प्रेरर्ा दी िै |

तनम्नलिणखत प्रश्नों के उत्तर दीज़जए|3x 2 =6


1- आपके विचार से माुँ ने ऐसा तयों किा कक लड़की िोना पर लड़की िैस हदखाई
मत दे ना ?
उत्तर –माुँ चाित िै उसकी पत्र
ु में लड़ककयों िैस सरलता,धयि ,ननस्िाथिता आहद
गुर् तो रिें लेककन िि लड़की िोने के नाते ककस भ प्रकार की िीनता ,दब
ु ल
ि ता
और भ रुता से ग्रस्त न िो |शोषर् और अन्द्याय का दृढ़ता से सामना करे |उसे
लड़की समझकर कोई उसके साथ अशोभन य आचरर् न कर सके |
2- माुँ को अपन बेटी अींनतम पुँि
ू तयों लग रिी थ ?
उत्तर-माुँ अपन बेटी से िी अपने सख
ु –दख
ु की बात कर लेत िै इसललए ििी
उसका सििस्ि िै , उसकी पुँि
ू िै |
3- एक कन्द्या के मन में िैिाहिक ि िन की प्रायः कैस कल्पनाएुँ रित िैं ?
उत्तर –वििाि से पि
ू ि कन्द्या प्रायः एक सरल और भोली ककशोरी िोत िै |उसके
मन में वििाि को लेकर अस्पष्ट ककन्द्तु मधरु कल्पनाएुँ रित िैं | वििाि उसके
ललए सिधि, धम
ू धाम, गिने ,िस्त्र और मधरु आलापों से पर्
ू ि उत्सि िोता िै
|िि आनन्द्द से पररपर्
ू ि िोता िै |उसकी कल्पना में िैिाहिक ि िन अत्यन्द्त
सख
ु द तथा सन्द्
ु दर िोता िै ||
4- लड़की िैस हदखाई दे ने का तया आशय िै ? कवि ने उसे उसके ललए मना तयों
ककया िै ?
उत्तर– लड़की िैस हदखाई दे ने का आशय िै -प्रकट रूप से भोली ,सरल और
समपिर्श ल हदखाई दे ना | लड़की की माुँ निीीं चाित कक उसके ससरु ाल िाले
उसकी सरलता और भोलेपन का शोषर् करें , उसे दबाकर रखें , उसे काम के
बोझ के न चे न दबे |
5- ‘कन्द्यादान’कविता में माुँ ने बेटी को िो स ख दी िै तया िि आि के यग
ु के
अनक
ु ू ल िै ?स्पष्ट कीजिए |
उत्तर –कविता में माुँ द्िारा बेटी को दी गई स ख आि के यग
ु के सििथा अनक
ु ूल
िै |माुँ िानत िै कक पररिार में नििधू से तया –तया अपेक्षाएुँ की िात िैं |उसे
ककतने मान-अपमान सिने िोते िैं |ककतने समझौते करने पड़ते िैं |माुँ चाित
कक उसकी बेटी सभ चन
ु ौनतयों से पररर्चत िी और उसमें उनका सामना करने
का आत्मबल बना रिे |पाररिाररक दानयत्िों का ननिािि करते िुए भ स्िालभमान
से जिए |

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कक्षा 10-कृततका- भाग -2
माता का अंचि - िेखक – लशिपूजन सहाय

पाठ का सारांश -

माता का अींचल' पाठ लेखक लशिपूिन सिाय के बालपन से िुड़ िुई किान िै ।

इस किान में ग्राम र् ि िन का बिुत सींुदर र्चत्रर् लमलता िै । लेखक ने इस किान के माध्यम से

बालमन की जिज्ञासाओीं, खेलों, सििता, शैताननयों का सि ि र्चत्रर् ककया िै । यि किान वपता

और पत्र
ु के प्रेम से आरीं भ िोत िै । भोला के वपता उससे बिुत प्रेम करते िैं। भोला की भोर वपता

के साथ आरीं भ िोकर, रात वपता के साथ िी समाप्त िोत िै । उसके वपता उसकी िर खश
ु का

ध्यान रखते िैं। भोला िैसे उनके ि िन का मित्िपर्


ू ि अींग िै । भोला भ उन्द्िें बिुत प्यार करता िै ।

किान अपने अनतींम पड़ाि पर आकर एक ऐसे मोड़ पर समाप्त िो िात िै , ििाुँ पर एक प्रश्न उठ

खड़ा िोता िै । वपता-पुत्र के ब च प्रेम जितना भ गिरा िो परीं तु बच्चे के ललए उसकी मातत्ृ ि छाया

बिुत मित्िपूर्ि िोत िै । माुँ का आुँचल िि स्थान िै , ििाुँ आकर सभ प्रकार के भय, र्चींता, दख

और कष्ट समाप्त िो िाते िैं। भोला साुँप को दे खकर डर िाता िै । लेककन िब िि भागकर आता

िै , तो वपता के स्थान पर माता की गोद में िी स्ियीं को सुरक्षक्षत पाता िै । इस किान का श षिक

माुँ और बच्चे के ब च प्रेम को समवपित िै । इससे िम यि निीीं कि सकते कक वपता का प्रेम माुँ के

प्रेम से कम था। परन्द्तु माुँ की स्नेिी छाया की कोई बराबरी निीीं कर सकता।

तनम्नलिणखत प्रश्नों के उत्तर दीज़जए |

प्रश्न 1.प्रस्तुत पाठ के आधार पर यि किा िा सकता िै कक बच्चे का अपने वपता से अर्धक िुड़ाि था,
कफर भ विपदा के समय िि वपता के पास न िाकर माुँ की शरर् लेता िै । आपकी समझ से इसकी तया
ििि िो सकत िै ?
उत्तर -यि बात सच िै कक बच्चे (लेखक) को अपने वपता से अर्धक लगाि था। उसके वपता उसका लालन-
पालन िी निीीं करते थे, उसके सींग दोस्तों िैसा व्यििार भ करते थे। परीं तु विपदा के समय उसे लाड़ की
िरूरत थ , अत्यर्धक ममता और माुँ की गोदी की िरूरत िोत िै माुँ का स्नेि हृदयस्पशी िोता िै । |
ननश्छल हृदय लशशु को हृदयस्पशी स्नेि की पिचान िोत िै । यिी कारर् िै विपदा के समय लशशु वपता के
पास न िाकर माुँ के पास िाता िै ।
प्रश्न 2.आपके विचार से भोलानाथ अपने सार्थयों को दे खकर लससकना तयों भूल िाता िै ?
उत्तर- लशशु अपन स्िाभाविक आदत के अनुसार अपन उम्र के बच्चों के साथ खेलने में रुर्च लेता िै ि
स्ितींत्रता का अनुभि करता िै । अपन उम्र के साथ जिस रुर्च से खेलता िै िि रुर्च बड़ों के साथ निीीं
िोत िै , खेलने के उत्साि में अपन तकलीफ या समस्या भूल िाता िै । दस
ू रा कारर् मनोिैज्ञाननक भ
िै -बच्चे को अपने सार्थयों के ब च लससकने या रोने में िीनता का अनुभि िोता िै । यिी कारर् िै कक
भोलानाथ अपने सार्थयों को दे खकर लससकना भूल िाता िै ।

प्रश्न 3.भोलानाथ और उसके सार्थयों के खेल और खेलने की सामग्र आपके खेल और खेलने की सामग्र
से ककस प्रकार लभन्द्न िै ?
उत्तर-भोलानाथ और उसके सार्थयों के खेल और खेलने की सामग्र से िमारे खेल और खेल सामर्ग्रयों में
कल्पना से अर्धक अींतर आ गया िै । भोलानाथ के समय में पररिार से लेकर दरू पड़ोस तक आत्म य
सींबींध थे, जिससे खेलने की स्िच्छीं दता थ । बािरी घटनाओीं-अपिरर् आहद का भय निीीं था। खेल की
सामर्ग्रयाुँ बच्चों द्िारा स्ियीं ननलमित थ ीं। घर की अनुपयोग िस्तु िी उनके खेल की सामग्र बन िात
थ , जिससे ककस प्रकार िी िानन की सींभािना निीीं थ । धल
ू - लमट्टी से खेलने में पर्
ू ि आनींद की
अनभ
ु नू त िोत थ । न कोई रोक, न कोई डर, न ककस का ननदे शन । िो था िि सब सामहू िक बुद्धि की
उपि थ ।

आि भोलानाथ के समय से सििथा लभन्द्न खेल और खेल सामग्र और ऊपर से बड़ों का ननदे शन और
सरु क्षा िर समय लसर पर िाि रिता िै । आि खेल सामग्र स्िननलमित न िोकर बाजार से खरीदी िुई िोत
िै । खेलने की समय-स मा भ तय कर दी िात िै । अतः स्िच्छीं दता निीीं िोत िै । धल
ू -लमट्टी से बच्चों
का पररचय िी निीीं िोता िै । आि की खेल ि खेल सामग्र घर के अन्द्दर चारदीिारी के अन्द्दर िी स लमत
रि गई िैं | बच्चे इलेतरोननक उपकरर्ों मोबाइल ि इन्द्टरनेट के आदी िो गए िैं |

प्रश्न 4.इस उपन्द्यास के अींश में त स के दशक की ग्राम्य सींस्कृनत का र्चत्रर् िै । आि की ग्राम र्
सींस्कृनत में आपको ककस तरि के पररितिन हदखाई दे ते िैं।
आि की ग्राम र् सींस्कृनत को दे खकर और इस उपन्द्यास के अींश को पढ़कर ऐसा लगता िै कक कैस अच्छी
रिी िोग िि समि
ू -सींस्कृनत, िो आत्म य स्नेि और समि
ू में रिने का बोध करात थ । आि ऐसे दृश्य
हदखाई निीीं दे ते िैं। पुरुषों की सामूहिक-कायि प्रर्ाली भ समाप्त िो गई िै । अतः ग्राम र् सींस्कृनत में आए
पररितिन के कारर् िे दृश्य निीीं हदखाई दे ते िैं िो त स के दशक में रिे िोंगे-

1. आि घर लसमट गए िैं। घरों के आगे चबूतरों का प्रचलन समाप्त िो गया िै ।


2. आि पररिारों में एकल सींस्कृनत ने िन्द्म ले ललया, जिससे समूि में बच्चे अब हदखाई निीीं
दे ते।
3. आि बच्चों के खेलने की सामग्र और खेल बदल चक
ु े िैं। खेल खचीले िो गए िैं। िो
पररिार खचि निीीं कर पाते िैं िे बच्चों को िीनभािना से बचाने के ललए समूि में िाने से -

4. आि की नई सींस्कृनत बच्चों को धल
ू लमट्टी से बचना च-ााित िै ।
5. घरों के बािर पयािप्त मैदान भ निीीं रिे , लोग स्ियीं डडब्बों िैसे घरों में रिने लगे िैं।

प्रश्न 5 .इस पाठ में बच्चों की िो दनु नया रच गई िै िि आपके बचपन की दनु नया से ककस तरि लभन्द्न िै ?
उत्तर-िमारा बचपन इस पाठ में िखर्ित बचपन से पूरी तरि लभन्द्न िै । तब बच्चे घर के सामान िैसे
साधारर् स च िों से खेलने का काम चला लेते थे | िे प्रकृनत की गोद में रिकर खश
ु थे |सभ पालक और
घर के सदस्य बच्चों के साथ परू ा समय बबताते थे |िबकक आिकल सभ लोग व्यस्त िो गए िैं | मेरे
वपता प्रायः अपने काम में व्यस्त रिते िैं। प्रायः िे रात को थककर ऑकफस से आते िैं। िे मझ
ु से प्यार-भरी
कुछ बातें िरूर करते िैं। मेरे ललए लमठाई, चाकलेट, खखलौने भ ले आते िैं। कभ -कभ स्कूटर पर
ु ा भ आते िैं, ककींतु मेरे खेलों में इस तरि रुर्च निीीं लेते। िे िमें नींग-धडींग तो रिने िी निीीं
बबठाकर घम
दे ते। उन्द्िें मानो मुझे कपड़े से ढकने और सिाने का बेिद शौक िै । मुझे बचपन में ए-एप्पल, स -कैट
रटाई दो - ढाई साल की उम्र में मुझे स्कूल भेिने का प्रबींध ककया गया। त न साल के बाद मेरे ि िन से
मस्त गायब िो गई। मुझे मेरी मैडम, स्कूल-ड्रेस और स्कूल के काम की र्चींता सताने लग । तब से लेकर
आि तक मैं 90% अींक लेने के चतकर में अपन मस्त को अपने िी पाुँिों के न चे रौंदता चला आ रिा िूुँ|
जाजि पंचम की नाक –िेखक –(कमिेश्िर )

पाठ पररचय

‘‘जाजि पंचम की नाक’ प्रलसद्ध किान कार कमलेश्िर की व्यींगपूर्ि रचना िै |इस किान में पूरा
व्यींग नाक पर केजन्द्रत िै |िमारे यिाुँ नाक सम्मान का प्रत क िै |नाक कटना ,नाक काटना ,
आहद मि
ु ािरे सम्मान नष्ट िोना और अपमाननत करने के ललए हिींदी में प्रयत
ु तत िोते िैं |िािि
पींचम की नाक कमलेश्िर ने स्िाध न भारत के उन शासकों ,प्रशासकों पर पैना व्यींग ककया िै
,िो अभ तक औपननिेलशक मानलसकता से मत ु त निीीं िुए िैं | दे श स्िाध न िो गया िै ,परन्द्तु
िािि पींचम अभ तक उनके ललए सम्मान के पात्र िैं |मनू तिकार परु े दे श का दौरा कर भारत य
मिापरु
ु षों ,बललदान क्राींनतकाररयों ,स्ितींत्रता सेनाननयों मनू तियों का अिलोकन करता िै कक उनकी
नाक ननकालकर िािि पींचम की मनू ति में लगा दें परन्द्तु उसको सबकी नाकें िािि पन्द्चम की
नाक से बड़ हदखाई दे त िै |दे श हित के ललए सन 1942 में सिीद िुए बच्चों की मनू तियों की
नाकें भ िािि की नाक से बड़ थ |िािि की मूनति पर नाक कफट करने के ललए िमारे शासक –
प्रशासक इतने उतािले िै की िे दे श भततों की नाक काटने को भ तैयार िैं |अींत में ककस
भारत य की नाक काटकर िािि की मूनति को जिन्द्दा नाक लगा दी िात िै |यि बात िनता से
नछपाई िात िै गुलाम के प्रनतक िािि की नाक िोड़ने के प्रनत उनकी व्याकुलता से मानलसक
गुलाम पररचय लमलता िै इस किान में व्यिसानयक पत्रकाररता पर भ चोट की गय िै इसके
रर्चयेता कमलेश्िर कथा कार के साथ –साथ सफल पत्रकार के रूप में भ हदखाई दे ते िैं |

प्रश्न 1 . सरकारी तींत्र में िािि पींचम की नाक लगाने को ले कर िो र्चींता या बदििास हदखाई
दे त िै िि उनकी ककन मानलसकता को दशाित िै ?

अथिा

िािि पींचम की नाक को लेकर सरकारी तींत्र की बदििास ककस मानलसकता की द्योतक िै ?

उत्तर – सरकारी तींत्र में िािि पींचम की नाक लगाने को लेकार िो र्चींता या बदििास हदखाई
दे त िै ,िि सहदयों की परतींत्रता की छाप िै | चाटुकाररता उनके तन मन में विद्यमान िै और
ििाुँ चाटुकाररता का अभाि िोता िै ििाुँ अपने सम्मान का कोई मित्ि निीीं िोता िै |सरकारी
तींत्र उस िािि पींचम की नाक के ललए र्चींनतत िै जिसने न िाने ककतने िी किर ढाए |उसके
अत्याचारों को याद ना कर उसके सम्मान में िुट िाता िै |इस तरि सरकारी तींत्र अपन
अयोग्यता ,आदरू दलशिता ,मूखत
ि ा और चाटुकाररता को दशािता िै |

प्रश्न 2 . ‘और दे खते िी दे खते नई हदल्ली का काया -पलट िोने लगा’| नई हदल्ली के काया-
पलट के ललए तया –तया प्रयत्न ककये िोंगे ?

उतर – काया पलट का अथि िोता िै – ककस िास्तु को बबलकुल नया रूप प्रदान करना अतः
नई हदल्ली को िर तरि से एक सिी मेिमान की शान के अनरू
ु प सिाया –सिाींरा गया िोगा िर
तरि की गींदग िटिाय गय िोग सड़कों को नई –निेली बनाया गया िोगा |सड़क ककनारे के
भिनों तथा सरकारी की इमारतों की मारम्म्त तथा रीं गाई –पुताई कराय गय िोग बबिली की
सिािट फव्िारों को चालू करना तथा यातायात का सुप्रबींध आहद कायि भ कराए िोंगे |

प्रश्न 3 . िािि पींचम की लाट की नाक को पुनः लगाने के ललए मूनतिकार ने तया –तया यतन
ककए ?

उत्तर – िािि पींचम की लात की नाक को पुनः लगाने के िो सरािन य प्रयास ककये ,िे सब
ननजश्चत िी िै रान करने िाले थे | िे इस प्रकार िैं –

1 . मूनतिकार ने फाइलें ढूींडिाई , जिससे इस पत्थर के स्थान का पता चल सके |

2 . फ़ाइल के न लमलने पर मनू तिकार उस तरि का पत्थर ढूढ़ने के ललए हिींदस्


ु तान के िर पिाड़
पर गया |

3 . उसके ललए िि दे श के सभ प्रमुख नेताओीं की मूनतियाुँ ढूींढने तथा नाक नापने के ललए िर
प्रान्द्त और कोने में गया |

4 .उसने बबिार सेक्रेटे ररएट के सामने सन बयालीस में शिीद िुए बच्च की मूनतियों की नाक
नाप ,परन्द्तु सभ बड़ ननकलीीं |

5 .अींत में दे श के ककस जिींदा व्यजतत की जिींदा नाक लगाने का प्रयास ककया और यि प्रयास
सफल रिा ,अींत में जिींदा नाक लगा दी गई |

प्रश्न 4 . नाक मान –सम्मान ि प्रनतष्ठा का द्योतक िै |यि बात पूरी व्यींग रचना में ककस तरि
उभर कर आई िैं ?ललखखए |

उत्तर – नाक सदा से िी मान-सम्मानेिाम प्रनतष्ठा का प्रनतक रिी िै | प्रनतष्ठा के प्रनतक इस


नाक को इस व्यींग –रचना का विषय बनाया गया िै ,साथ िी दे श की सरकारी व्यिस्था ,मींबत्रयों
,अर्धकाररयों एिीं कमिचाररयों की गुलाम मानलसकता पर कठोर ब्रिार ककया गया िै | दे श स्ितींत्र
िुए आि लम्बा समय ब त िाने पर भ अर्धकारी एिीं कमिचारी उस मानलसकता में ि रिे िैं
|लाट की जिस टूटी नाक की ककस को भ र्चींता निीीं थ ,िि एललिािेथ के भारत आगमन के
कारर् अचानक मित्िपर्
ू ि िो उठी और सरकारी तींत्र तथा अन्द्य कमिचारी बदििास िो उसे पन
ु ः
लगाने के ललए िर प्रकार का िोड़ –तोड़ काम में िट
ु गए |उनमें मच आपाधाप दे खने लायक
थ |यि गल
ु ाम की मानलसकता का िी असर था कक िे िाििपींचम की नाक को अब और दे र
तक टूटी िुई निीीं दे ख सकते थे ,न इस दशा में एलीिािेथ को हदखाना चािते थे | ननजश्चत रूप
में यि गल
ु ाम की मानलसकता का िी प्रनतक थ |
साना साना हाथ जोड़ि
पाठ का सार –िेखक –(मधु कांकररया )

साना िाथ-साना‘िोडड़ I मधु काींकररया द्िारा रर्चत यात्रा ित


ृ ाींत िै ’‘साना-साना िाथ िोडड़’ मधु
काींकररया द्िारा रर्चत यात्रा ित
ृ ाींत िै I लेखखका द्िारा मिानगरों की भाि शुन्द्यता, भागम भाग
और यत्रिींत ि िन की ऊब से बचने के ललए दरू स्थ स्थानों की यात्रा की गय I प्रस्तत
ु पाठ में
लेखखका ने भारत के पि
ू ोतर राज्य लसजतकम की रािधान गींतोक और उसके आगे हिमालय
यात्रा का िर्िन ककया िै I

लेखखका को गींतोक शिर सब


ु ि, शाम, और रात िर से अच्छा लगता िै I यिाुँ की रिस्यमय
रातें उन्द्िें सम्मोहित स करत प्रत त िोत िै I ध रे –ध रे सुबि के उिाले के साथ लेखखका के
िोठ नेपाली युित से सुन प्राथिना को गुनगुना रिे थे I सुबि लेखखका को यूमथाींग के ललए
ननकलना था I उनके ड्रायिर कम गाइड जितेन नागे ने बताया कक यिाुँ के मागि गिरी और फूलो
से लदी घाहटयाुँ लमलें ग I उन्द्िोंने बताया कक ििाीं बुद्ध की बिुत मान्द्यता िै I लेखखका को
िगि- िगि पर दलाई लामा की तस्ि र हदखाई दे त िै

आगे चलने पर ‘ कि –लोंग –स्तौक’ स्थान आता िै I जितेन ने बताया कक यिी ‘गाइड’ कफल्म
की शहू टींग िुई थ Iलेखखका को एक कुनतया में घम
ू ता िुआ चक्र हदखाई दे ता िै , जिसे ‘ धमि
चक्र किा िाता िै I कुछ और आगे चले के बाद स्िेटर बुनत युिनतयाीं कॉटन धोते बौने नेपाली
लमल रिे थे I जस्त्रयाुँ बच्चों को प ठ पर लादकर काम करत िैं I बच्चे स्कूल से आने के बाद
माता-वपता के काम में िाथ बटाते िै I पिाड़ क्षेत्र िोने के कारर् यिाुँ सभ कायि बड़ मेिनत
से पूरे िोते िैं I इस कारर् इसे मेिनकश बादशािों का शिर किा िाता िै I

अब ि प ‘सेिन लसस्टसि िाटर फाल’ स्थान पर रुकी जिसकी प्राकृनतक सौंदयि में लेखखका खो
गय I उनकी मुग्धता पिारी औरतों द्िारा पत्त्थरो को तोड़ने की आिाज से टूटत िै I लेखखका
को यि दे खकर बिुत दःु ख िुआ कक इतने सन्द्
ु दर तथा प्राकृनतक स्थान पर भ भख
ू , मौत और
ि वित रिने की िींग चल रिी थ I िब ि प और ऊचाई पर पिुींच तो जितेन ने बताया कक
यिाुँ बच्चे त न – साढ़े त न ककलोम टर पिाड़ पर चढ़ कर विद्यालय िाते िै I

यम
ू थाींग पिुचने के ललए लायींग
ु में लेखखका ि ् उनके सियात्र ठिरें थे I लायींग
ु में एक लसतकम
नियुिक ने उन्द्िें बताया कक प्रदष
ू र् के कारन यिाुँ बफ़िबारी लगातार कम िोत िा रिी िै I
लेखखका बफ़िबारी दे खने लायुींग से ५०० फीट की ऊचाई पर ‘ कटाओ’ नमक दग
ु म
ि स्थान पर
िात िै I

आगे बढ़ने पर मागि में इतकी –दत


ु की फौि छािननयाीं हदखाई दे त िै I ििाीं से थोड़ दरू पर
च न की स मा थ I लेखखका को भारत य सैननकों पर गिि िुआ I िि सोचने लग कक पौष ओर
माघ के मिीनों में िब केिल पेरोल को छोड़कर सब िम िाता िै उस्स समय भ ये सैननक
िमारी रक्षा के ललए हदन- रात लगे रिते िै I

लेखखका की साथ मखर् बतात िै कक ये पिाड़ कुत्ते िै िो केिल चाींदन रात में िी भौंकते िैं I
जितेन ने यि भ बताया कक यिाुँ पर एक ऐसा पत्थर िै , जिस पर गरु
ु नानक के पैरों के
ननसान िैं I किा िाता िै कक उनके पैरों से नछटके चािल के कारर् यिाुँ चािल की खेत िोत िै
I जितेन ने उन्द्िें यि भ बताया कक त न-चार ककलोम टर आगे ‘खेदम
ु ’ नमक एक स्थान िै
जिसमे दे ि दे िताओ का ननिास िै I लसजतकम के लोगों का विस्िास िै िो यिाुँ गन्द्दग फैलता
िै , उसकी मत्ृ यु िो िात िै I जितेन यूमथाींग के विषय में यि भ िानकारी दे ते िै कक िब
लसजतकम भारत में लमला तो उसके कई िषों बाद भारत य सेना कफ्तान शेखर दत्ता के हदमाग में
यि विचार कक केिल सैननकों को रखकर तया िोगा इस स्थान को ‘टूररस्ट स्पौट’ बबनाया िा
सकता िै I

लेखखका सोचत िै कक नए -नए स्थानो की खोि अभ भ िारी िै और शायद मनष्ु य की कभ


न समाप्त िोने िाली खोि का नाम सौंदयि िै I

ननम्नललखखत प्रश्नों के उत्तर 50 शब्दों में दीजिए| 3x2=6

प्रश्न 1 खझललमलाते लसतारों की रोशन में निाया गींतोक लेखखका के मन को ककस तरि
सम्मोहित कर रिा था ?

उत्तर खझललमलाते लसतारों की रोशन में निाया गींतोक लेखखका के मन को सम्मोिन िगा रिा
था I इस सुन्द्दरता ने उस पर ऐसा िाद-ू सा कर हदया था कक उससे सब कुछ ठिरा िुआ सा
और अथििीन –सा लग रिा था Iउसके भ तर बिार िैसे एक शन्द्
ू य सा व्याप्त िो गया था I

प्रश्न 2 गींतोक को ‘ मेिनकश बादशािों का शिर’ तयों किा गया ?

उत्तर पिाड़ क्षेत्र िोने के कारर् यिाुँ सभ कायि बड़ मेिनत से पूरे िोते िैं I जस्त्रयाुँ बच्चों को
प ठ पर लादकर काम करत िैं I बच्चे स्कूल से आने के बाद माता-वपता के काम में िाथ
बटाते िै I इस कारर् इसे मेिनकश बादशािों का शिर किा िाता िै I
प्रश्न 3 प्रकृनत के उस अनींत और विराट स्िरुप को दे खकर लेखखका को कैस अनुभूनत िोत िै ?

उत्तर लेखखका के अनुसार ििाीं की प्रकृनत इतन मोिक थ कक लेखखका ‘माया’ और ‘छाया’ के
खेल को दे खत रि िात िै I उन्द्िें ऐसा लगता िै िैसे प्रकृनत अपना पररचय दे रिी िै I उनका
मानना िै कक ि िन की साथिकता, स्ियीं को झरनों और फूलों की सुन्द्दर अनुभूनतयों में विलीन
कर दे ने में िै I झरनों की भाींनत ननरीं तर गनतश ल रिना और फूलों की भाुँत अपन सुगींध
फैलाना िी ि िन का सच्चा लक्ष्य िै I

प्रश्न 4 प्राकृनतक सौन्द्दयि के आलौककक आनींद में डूब लेखखका को कौन- कौन से दृश्य झकझोर
गए ?

उत्तर प्राकृनतक सौन्द्दयि के आलौककक आनींद में डूब लेखखकाको सड़क बनाने के ललए पत्थर
तोड़त सुींदर कोमलाींग , पिाड़ औरतों का दृश्य झकझोर गया I उसने दे खा कक अद्वित य
सौन्द्दयि से अनिान कुछ पिाड़ औरते पत्थरों को तोड़ रिी थ I यि विचार उसके मन को बार-
बार झकझोर रिा था की नदी, फूलों , िाहदयों और झरनों के ऐसे स्िर्गिक सौन्द्दयि के साथ भूख
, मौत, दै न्द्य और जिि विषा की िींग िारी िै I

प्रश्न 5 जितेन के अनस


ु ार पिाड़ लोग गन्द्दग तयों निीीं फैलाते ?

उत्तर जितेन लसजतकम के िनि िन, सींस्कृनत तथा धालमिक ज्ञान आहद से भलीभाींनत पररर्चत िै I
उनके अनुसार पिाड़ लोगों की मान्द्यता िै कक ििाीं विशेष दे ि -दे िताओीं का ननिास िै I िे ऐसा
विश्िास रखते िैं कक िो यिाुँ गन्द्दग फैलाएगा, उसकी मत्ृ यु िो िाएग I
I उसकी मत्ृ यु िो िाएग ,िो यिाुँ गन्द्दग फैलाएगा
(लेखन खींड )
द्वित य सत्र के पाठ्यक्रम में अनच्
ु छे द लेखन , पत्र लेखन , विज्ञापन लेखन एिीं
सन्द्दे श लेखन से सम्बींर्धत प्रश्न पछ
ू े िाएींगे | ये िर्िनात्मक प्रश्न िोंगे | इस खींड के ललए
कुल 40 अींक ननधािररत िैं |
(1) अनच्
ु छे द लेखन
ककस विषय पर अपने विचारों को क्रमबद्ध रूप में प्रभािशाली ढीं ग से अनच्
ु छे द में व्यतत
करना अनच्
ु छे द लेखन किलाता िै | विलभन्द्न विषयों और सन्द्दभों पर तकिसींगत विचार
प्रकट करने की क्षमता को परखने के ललए सींकेत बबन्द्दओ
ु ीं पर आधाररत समसामनयक एिीं
व्याििाररक ि िन से िुड़े विषयों पर लगभग 150 शब्दों में अनच्
ु छे द लेखन िे तु प्रश्न
परीक्षा में पछ
ू ा िाएगा | हदए गए त न विषयों में से ककस एक विषय पर अनच्
ु छे द
ललखना िोगा | इसके ललए 5 अींक ननधािररत िोंगे |
ध्यान दे ने योग्य बबींद ु –
(क) हदए गए विषयों को ध्यान से पढ़ें और विचार करें कक ककस विषय पर आप ज्यादा
प्रभाि लेखन कर सकते िैं |उस शाषिक को चन
ु कर लेखन करना चाहिए |
(ख) चन
ु े गए विषय पर िी लेखन को केजन्द्रत रखना चाहिए |
(ग) विचारों की पन
ु रािवृ त्त से बचना चाहिए |
(घ)भाषा सरल,सिि और बोध प्रधान,प्रभाि िो |
छोटे और सरल िातयों के प्रयोग पर बल दे ना चाहिए |
उदिारर् – विषय –पररश्रम का मित्ति
(सींकेत बबींद ु – पररश्रम सफलता प्राजप्त का माध्यम , आदशि ि िन का मल
ू मन्द्त्र श्रम ,
पररश्रम की मित्ता )
सजृ ष्ट के आरम्भ से लेकर आि तक मनष्ु य ने िो भ विकास ककया िै , िि पररश्रम की िी
दे न िै |सफलता का मल
ू मन्द्त्र पररश्रम िै |सफलता उस व्यजतत के चरर् चम
ू त िै िो
पररश्रम िोता िै | एक साधारर् मनष्ु य भ पररश्रम के बल पर मिान बन सकता िै |
पररश्रम से िी कायि सफल िोते िैं , सोचने मात्र से निीीं | पररश्रम के बबना तो सामने रखा
िुआ भोिन भ मख
ु में निीीं िाता |ककसान खेतों में लगातार मेिनत करता िै – गमी ,धप

और िषाि की की परिाि ककए बबना और उसके पररश्रम का सख
ु द फल उसे अच्छी फसल के
रूप में लमलता िै | भगत लसींि, सभ
ु ाष चन्द्र बोस, अब्दल
ु कलाम , अब्रािम ललींकन ,
लेननन ,गाींध िैसे मिान लोगों ने ननरीं तर पररश्रम करके िी सफलता प्राप्त की |पररश्रम
करने िाले को आजत्मक शाींनत लमलत िै | मनष्ु य को िब उसके पररश्रम का फल लमलता
िै तो उसे अस म सख
ु की अनभ
ु नू त िोत िै | पररश्रम व्यजतत को ि िन में ननराशा का
सामना निीीं करना पड़ता |श्रम िी ि िन िै , उन्द्ननत का मल
ू आधार िै और मानि –
ि िन का सच्चा सौंदयि िै |
परीक्षा की दृजष्ट से कुछ अन्द्य मित्त्िपर्
ू ि विषय –
(क) मेरे ि िन का लक्ष्य – ( सींकेत बबींद ु – स्ियीं द्िारा ननधािररत लक्ष्य , प्राप्त करने के
ललए योिना , प्राजप्त के ललए ककए िाने िाले प्रयास )
(ख) िसींत ऋतु – (सींकेत बबींद ु – विलभन्द्न ऋतुओीं के नाम , िसींत की अिर्ध , िसींत में
िोने िाले पररितिन )
(ग)लशक्षा का माध्यम- मातभ
ृ ाषा-(सींकेत बबींद ु - मातभ
ृ ाषा का अथि एिीं उपयोर्गता,
मनोिैज्ञाननक आधार, लशक्षर्कामाध्यम, ननष्कषि)
(घ) िल िी ि िन िै - (सींकेत बबींद ु -अथि/भलू मका, दवू षत करने िाले तत्ि,रक्षा के
उपाय,ननष्कषि)

(2)पत्र-लेखन
पत्र – लेखन का मानि ि िन में एक मित्तिपर्
ू ि स्थान िै | पत्र – लेखन की परम्परा
अत्यींत प्राच न िै | पत्र में ललखे िुए शब्दों का प्राप्तकताि पर असर पड़ता िै | अलभव्यजतत
क्षमता को परखने की दृजष्ट से पत्र-लेखन के ललए लगभग 120 शब्दों की ननधािररत स मा
के भ तर हदए गए दो विषयों में से ककस एक विषय पर परीक्षा में पत्र ललखना िोगा | हदए
गए विषय औपचाररक एिीं अनौपचाररक विषय िोंगे |इनके ललए 5 अींक ननधािररत िोंगे |
पत्र-लेखन के ललए कुछ मित्त्िपर्
ू ि बातें –
(क) पत्र-लेखन की भाषा सब
ु ोध , सरल िोन चाहिए , अलींकाररक भाषा के प्रयोग से
बचना चाहिए |
(ख)विषय केजन्द्रत िोना चाहिए , बातों का दिु राि निीीं िोना चाहिए |लशष्ट और सींयत
भाषा का प्रयोग करना चाहिए |
(ग) पत्र का लेखन प्राप्तकताि की पद और गररमा का ध्यान रखते िुए करना चाहिए
|व्यजततगत पत्र आत्म यता पर्
ू ि िोना चाहिए |
पत्र के प्रकार – (1) अनौपचाररक पत्र (2) औपचाररक पत्र
(1) अनौपचाररक पत्र – जिनसे व्यजततगत सम्बन्द्ध िो , उनको ललखा िाता िै | इनमें
लमत्र , ररश्तेदार , ननकट सींबींध आते िैं |इसके प्रकार – बधाई पत्र , धन्द्यिाद पत्र ,
शभ
ु कामना पत्र , ननमींत्रर् पत्र , सींिेदना पत्र ,सामान्द्य पत्र ,आहद िोते िैं |

अनौपचाररक पत्र का सामान्द्य प्रारूप –


.............
.........
..............प्रेषक का पता
.................हदनाींक
................सींबोधन
.................अलभिादन
....................................................................................................................
....................................................................................................................
..........................................................पत्र की विषय सामग्र
.........................अलभिादन
......................स्ि ननदे श
.....................नाम
उदिारर् – अपने लमत्र भानु राि को एक पत्र ललखखए , जिसमें न ट की परीक्षा पास करने
और रायपरु मेडडकल कॉलेि में प्रिेश पाने में लमली सफलता की बधाई दी गई िो |

ब -1000, िमन पाली


कोरबा
हदनाींक -23-11-2021
वप्रय लमत्र भानु राि
सप्रेम नमस्ते |
मैं यिाुँ कुशल पि
ू क
ि िूुँ , यि िानकर मझ
ु े बिुत प्रसन्द्नता िुई कक तम
ु ने न ट 21 की
परीक्षा अच्छे अींकों के साथ पास कर ली िै | तुम्िें इस आधार पर रायपरु मेडडकल कॉलेि
में प्रिेश लमल गया िै | िास्ति में तुमने इस प्रिेश परीक्षा िे तु खूब पररश्रम ककया था |इस
सफलता के ललए मैं तुम्िे िाहदिक बधाई दे ता िूुँ | मैं ईश्िर से प्राथिना करता िूुँ कक तुम िर
परीक्षा में उत्तम अींक प्राप्त कर सफलता प्राप्त करते रिो और स्ियीं का तथा अपने माता-
वपता का नाम रोशन करते रिो | गमी की छुट्हटयों में तम
ु मेरे घर अिश्य आना और मेरे
छोटे भाई न नतज्ञ को न ट परीक्षा की तैयारी के सम्बन्द्ध में मागिदशिन प्रदान करना |शेष
सब कुशल िै | तुम्िारे घर के सभ बड़ों को मेरा प्रर्ाम और छोटों को स्नेि |
तम्
ु िारा अलभन्द्न लमत्र
रािुल सािू
(2) औपचाररक पत्र- औपचाररक पत्र सींस्था प्रमख
ु , प्रभारी अर्धकारी िगि ,उच्च पद में
आस न व्यजततयों को सींबोर्धत करते िुए ललखा िाता िै | इसके कुछ प्रमख
ु प्रकार –
प्राथिना पत्र , आिेदन पत्र , कायािलय पत्र , लशकायत पत्र , सािििाननक पत्र ,सींपादक के
नाम पत्र , व्यािसानयक पत्र आहद िैं |
औपचाररक पत्र का सामान्द्य प्रारूप –

.............
.........
..............प्रनत / सेिा में
.................प्राप्तकताि का पदनाम
..................स्थान
.................विषय
.................सन्द्दभि
................आदरसच
ू क सींबोधन

....................................................................................................................
....................................................................................................................
..........................................................पत्र की विषय सामग्र
.........................धन्द्यिाद
......................भिदीय / प्राथी
.....................नाम , पदनाम
.................पता ,हदनाींक
उदिारर् – अपने विद्यालय में खेल का सामान मुँगिाने का अनरु ोध करते िुए प्राचायि को
पत्र ललखखए |

सेिा में
मानन य प्राचायि
केंरीय विद्यालय क्रमाींक 2
एन टी प स , कोरबा
विषय : खेल का सामान मुँगिाने िे तु आिेदन पत्र |
मिोदय
सविनय ननिेदन िै कक मैं आपके विद्यालय में खेल पररषद की प्रनतननर्ध िूुँ | मैं आपका
ध्यान खेल के सामान की यथासमय आपनू ति की ओर आकवषित कराना चाित िूुँ | विगत
दो िषों से कोरोना प्रभाि के कारर् विद्यालय की टीमों का विलभन्द्न खेलों का अभ्यास
ठीक से निीीं िो पाया िै |ितिमान में जस्थनत सामान्द्य िोने की दशा में विद्यालय , सींकुल
,क्षेत्र य ,राज्य एिीं राष्रीय स्तर की खेल प्रनतयोर्गताओीं के आयोिन की सींभावित नतर्थयाुँ
घोवषत िो चक
ु ी िैं | विद्यालय के खखलाडड़यों के अभ्यास के ललए खेल सामग्र की अत्यींत
आिश्यकता िै |अतः आपसे सादर अनरु ोध िै कक इस िषि विद्यालय में श घ्र से श घ्र खेल
सामग्र मुँगिाने की कृपा करें ताकक िमारे विद्यालय के खिलाड़ विलभन्द्न प्रनतयोर्गताओीं
के ललए समर्ु चत तैयारी कर सकें और खेल प्रनतयोर्गताओीं में उत्कृष्ट प्रदशिन करने के
ललए तैयार िो सकें |
धन्द्यिाद
आपकी कृपा पात्र
सन
ु ता कुमारी
दसि ीं ‘अ’
हदनाींक .17-11-2021

(3) विज्ञापन लेखन


ितिमान समय में ककस िस्तु या सेिा के उत्पादक , विक्रेता का मख्
ु य उद्दे श्य अपन
िस्तु या सेिा उत्पाद के बारे में आकषिक ढीं ग से अर्धक से अर्धक लोगों तक प्रचाररत
करना िोता िै | ‘वि’ और ‘ज्ञापन’ दो शब्दों से बना ‘विज्ञापन’ का शाजब्दक अथि िम
विशेष ज्ञापन के रूप में समझ सकते िैं |विज्ञापन , उत्पादक और उपभोतता के ब च
सम्प्रेषर् का सबसे सशतत माध्यम िै |
रचनात्मक अलभव्यजतत को परखने की दृजष्ट से विज्ञापन लेखन के ललए लगभग 50
शब्दों की ननधािररत स मा के भ तर हदए गए विषयों में से ककन्द्िीीं दो विषयों पर परीक्षा में
विज्ञापन तैयार करना िोगा | इनके ललए (2.5+2.5=)5 अींक ननधािररत िोंगे |
विज्ञापन तैयार करते समय ध्यान दे ने योग्य बातें –
(क)विज्ञापन आकषिक िो |
(ख) कम से कम शब्दों में उत्पाद की विशेषताओीं को प्रभाि तरीके से प्रस्तुत ककया गया
िो |
(ग)विज्ञापन को बॉतस बना कर तैयार ककया गया िो|
(घ) विज्ञापन को असरदार बनाने के ललए र्चत्रों का प्रयोग ककया िा सकता िै |
उदिारर् –आपके शिर में विराट िास्य कवि सम्मलेन आयोजित िोने िा रिा िै इसमें दे श
के प्रलसद्ध िास्य कवि आमींबत्रत िैं | इसके प्रचार के ललए एक विज्ञापन तैयार कीजिए –
र्चत्र विराट िास्य कवि सम्मलेन र्चत्र
हदनाींक : रवििार ,12 हदसम्बर, 2021
समय : शाम 7 बिे से 10 बिे तक
स्थान : िाई स्कूल मैदान ,दीपक नगर, दग
ु (ि छ.ग.)
प्रमख
ु कवि
पद्मश्र डॉतटर सरु े न्द्र दब
ु े , अरुर् िेलमन ,शैलेष लोढ़ा ,कुमार विश्िाश, म ना शमाि
(भारत के सप्र
ु लसद्ध कवियों का अनोखा सींगम , विलभन्द्न विषयों पर िुँ स की फुिारों का
िबरदस्त प्रदशिन – इस अिसर का लाभ उठाने िे तु आप सादर आमींबत्रत िैं )
आयोिक – नियि
ु क साहित्य प्रेम मींडल , दग
ु ि
विशेष – कोविड 19 ननयमों का पालन करते िुए कायिक्रम का आनींद लेिें |

(4) सन्द्दे श लेखन


व्यजतत विशेष अथिा समि
ू द्िारा व्यजतत विशेष / समि
ू को सन्द्दे श हदया िाता िै | यिाुँ
ललखखत रूप में एक व्यजतत द्िारा अन्द्य व्यजतत / समि
ू तक पिुुँचाने के ललए सन्द्दे श
लेखन की चचाि की िा रिी िै |
पररक्षा में शभ
ु कामना , पिि ,त्योिारों ,विशेष अिसरों आहद पर हदए िाने िाले विशेष
सींदेशों पर आधाररत सन्द्दे श लेखन के ललए लगभग 40 शब्दों की ननधािररत स मा के
भ तर हदए गए विषयों में से ककन्द्िीीं दो विषयों पर सन्द्दे श लेखन करना िोगा | इनके ललए
(2.5+2.5=)5 अींक ननधािररत िोंगे |
सन्द्दे श लेखन करते समय ध्यान दे ने योग्य बातें –
(क) सन्द्दे श लेखन की भाषा सरल ,सिि , प्रसींग के अनक
ु ू ल िोन चाहिए |
(ख) अलभधा शब्द शजतत का िी प्रयोग िोना चाहिए |
(ग) नतर्थ ,स्थान का उल्लेख ककया िाना चाहिए |
(घ)सन्द्दे श लेखन बॉतस के भ तर िोना चाहिए |
उदािरर् – हिन्द्दी हदिस के अिसर पर शभ
ु कामना सन्द्दे श ललखखए –
हिन्द्दी हदिस की शुभकामनाएुँ
हदनाींक :14 लसतम्बर 2021
“ननि भाषा उन्द्ननत अिै , सब उन्द्ननत को मल
ू |
बबन ननि भाषा ज्ञान के , लमटत न हिए को सल
ू ||’’
सभ दे शिालसयों को हिन्द्दी हदिस की िाहदि क शभ
ु कामनाएुँ | िम अपन भाषा का गौरि
बनाए रखें | हिन्द्दी भाषा का अर्धक से अर्धक प्रयोग करें |हिींदस्
ु तान की आन , बान और
शान हिन्द्दी िै |
विकास दे िाींगन
(हिन्द्दी विद्याथी )
प्रादशि प्रश्न पत्र - 1
सत्रांत परीक्षा (द्वितीय) 2021-22
कक्षा – 10 िीं विषय – दहन्दी ( कोड -002)

पूणाांक – 40 अिर्ध – 2 घंटा


सामान्द्य ननदे श :

1 . इस प्रश्नपत्र में दो खींड िैं – खींड ‘क’ और ‘ख’ |

2 . सभ प्रश्न अननिायि िैं ,यथासींभि सभ प्रश्नों के उत्तर क्रमानस


ु ार िी ललखखए |

3 . लेखन कायि में स्िच्छता का विशेष ध्यान रखखए |

4 . खींड ‘क’ में कुल 3 प्रश्न िै |हदए गए ननदे शों का पालन करते िुए इनके उपप्रश्नों के उत्तर
दीजिए |

5 . खींड ‘ख’ में कुल 4 प्रश्न िैं , सभ प्रश्नों के साथ विकल्प भ हदए गए िैं |ननदे शानस
ु ार
विकल्प का ध्यान रखते िुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1 . क्षक्षनति – गद्य खींड के ननम्नललखखत प्रश्नों के उत्तर 25 से 30 शब्दों में


ललखखए – (2 x 4 =8 )
(क) लखनि अींदाि पाठ में लेखक को निाब सािब के ककन िाि-भािों से मिसस
ू िुआ
कक िे उनसे बातच त करने के ललए तननक भ उत्सक
ु निीीं िैं ?
(ख) “लखनि अींदाि“- पाठ का आप और तया श षिक दे सकते िैं ? कारर् सहित उत्तर
दीजिए |
(ग) फादर की उपजस्थनत दे िदार की छाया िैस तयों लगत थ ?
39
(घ) आप कैसे कि सकते िैं कक फादर कालमल बल्
ु के हिन्द्दी से अस म लगाि रखते थे ?
स्पष्ट कीजिए |
प्रश्न 2 . क्षक्षनति – काव्य खींड के ननम्नललखखत प्रश्नों के उत्तर 25 से 30 शब्दों में
ललखखए – (2x3=6)
(क) कवि ननराला ने बादलों से फुिार ,ररमखझम या बरसने के स्थान पर ‘गरिने ‘
के ललए तयों किा िै ?
(ख) फागन
ु में ऐसा तया िोता िै िो बाकी ऋतओ
ु ीं से लभन्द्न िोता िै ?
(ग) माुँ ने ऐसा तयों किा कक लड़की िोना पर लड़की िैस मत हदखाई दे ना ?
(घ)कन्द्यादान कविता में माीं बेटी को तया स ख दे ना चाित िै ?
प्रश्न3.कृनतका के ननम्नललखखत प्रश्नों के उत्तर 30 से 40 शब्दों में ललखखए(3x2=6)
(क) 'माता का अुँचल' पाठ में बच्चों की िो दनु नया रच गई िै िि आपके बचपन की
दनु नया से ककस प्रकार लभन्द्न िै ?

(ख) कभ श्िेत तो कभ रीं ग न पताकाओीं का फिरना ककन अलग-अलग अिसरों की तरफ


सींकेत करता िै ? 'साना-साना िाथ िोडड़' पाठ के आधार पर ललखखए।
(ग)िॉिि पींचम की नाक को पन
ु ः लगाने के ललए मनू तिकार ने तया-तया यत्न ककए।
प्रश्न.4- ननम्नललखखत में से ककस एक विषय पर हदए गए सींकेत बबींदओ
ु ीं के आधार पर
लगभग 150 शब्दों में अनच्
ु छे द ललखखए। (5x1=5)
(क).श्रम का मित्ि –( * तात्पयि...* सफलता प्राजप्त का साधन एिीं भविष्य ननमािर् का
आधार....* श्रम न करने के दष्ु पररर्ाम...*- ननष्कषि)
(ख) धरत का रक्षा किच- ओिोन- (*ओिोन का अथि/भलू मका.... *ओिोन परत को
नष्ट करने िाले तत्ि..... *रक्षा के उपाय... *ननष्कषि)

40
(ग)लशक्षा का माध्यम- मातभ
ृ ाषा-(*मातभ
ृ ाषा का अथि एिीं उपयोर्गता....*मनोिैज्ञाननक
आधार....*लशक्षर्कामाध्यम.....*ननष्कषि)
प्रश्न. 5- आपके जिले के खाद्य अर्धकारी को (लगभग 120 शब्दों में )एक पत्र ललखखए
जिसमें खाद्य िस्तुओीं में लमलािट के बारे में लशकायत करते िुए उर्चत कायििािी का
अनरु ोध ककया गया िो। (5*1=5)

अथिा

अपने बड़े भाई को न ट परीक्षा में सफलता प्राप्त करने की बधाई दे ते िुए (लगभग 120
शब्दों में ) एक पत्र ललखखए |

प्रश्न.6- हदए गए विषयों में से ककन्द्िीीं दो विषयों पर (प्रत्येक लगभग 50 शब्दों का)
आकषिक विज्ञापन तैयार कीजिए | (2.5*2=5)

(क) शभ
ु म साड़ के नये शो रूम का आकषिक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में तैयार
कीजिए | (2.5)
अथिा

कोविड 19 टीकाकरर् अलभयान का एक आकषिक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में


तैयार कीजिए|

(ख) ककस कोर्चींग सींस्थानके ललए आकषिक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में तैयार
कीजिए|(2.5)
अथिा
दप
ु हिया िािनों के शोरुम िे तु आकषिक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में ललखखए |

41
प्रश्न.7- हदए गए विषयों में से ककन्द्िीीं दो विषयों पर(प्रत्येक लगभग 40 शब्दों में ) |
सन्द्दे श ललखखए | (2.5*2=5)

(क) अपन छोटी बिन के िन्द्महदिस पर उसे एक बधाई सींदेश लगभग 40 शब्दों में
ललखखए | (2.5)
अथिा
लशक्षक हदिस के अिसर पर अपने हिींदी लशक्षक के ललए एक भािपर्
ू ि सींदेश
लगभग 40 शब्दों में ललखखए |
(ख) भैया –भाभ की पिली िैिाहिक िषिगाुँठ पर लगभग 40 शब्दों में एक
शभ
ु कामना सींदेश ललखखए| (2.5)
अथिा

अपने चाचा को नौकरी में लमली पदोन्द्ननत पर बधाई सींदेश लगभग 40 शब्दों में

ललखखए |

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42
प्रादशि प्रश्न पत्र – (1) उत्तर सींकेत

सत्राींत परीक्षा (द्वित य)2021-22

कक्षा – 10 ि ीं विषय – हिन्द्दी ( कोड -002) पर्


ू ाांक – 40
अिर्ध – 2 घींटा

नोट : प्रस्तत
ु उत्तर सींकेत मात्र िैं |

प्रश्न.1 .उत्तर 25-30 शब्द - 2x4=08

(क) लेखक के सेकण्ड तलास डडब्बे में आते िी निाब सािब के चेिरे पर असींतोष छा गया
....उनके एकाींत में बाधा ...लेखक की ओर न दे खने का अलभनय ...

(ख) उपयत
ु त उत्तर पर अींक ...

(ग) साहिजत्यक सींस्था ‘पररमल ‘ के िररष्ठ, आदरर् य सदस्य ...मानि य गर्


ु ों से
लबालब ..सबके ललए कल्यार् की कामना करने िाले ...आश िािद दे ने िाले ..न ली आुँखों
में िात्सल्य ...|

(घ) हिन्द्दी में एम. ए. ककया ...1950 में अपना शोध-प्रबींध ‘रामकथा :उत्पवत्त और
विकास ‘ हिन्द्दी में पर्
ू ि ककया....अींग्रेज -हिन्द्दी शब्दकोश लेखन..|

प्रश्न 2 . उत्तर 25 से 30 शब्द – 2x3 =6

(क) आह्िान ग त िै ...इसके स्िर में ओि और क्राींनत िै ...बादलों की गििना से कवि


लोगों में उत्साि भरकर , पररितिन के ललए उन्द्िें िागत
ृ करना चािता िै |

(ख)िसींत का आगमन ...नये फूलों ,पत्तों का आना...कोयल का गान ..आनींद दायक मौसम
...
43
(ग) माुँ के ि िन का अनभ
ु ि ...बेटी को वििाहित ि िन की कहठनाइयों से के प्रनत सचेत
करने के ललए ...अत्याचार का लशकार िोने से बचाने के ललए ...

(घ) उतर- माीं चाित िै कक बेटी भोली और सरल बन रिे ।वििाि के मधरु सपनों में िी
ना खोई रिे बजल्क ि िन के कठोर के यथाथि से भ पररर्चत िो। िि दब
ु ल
ि ता से मत
ु त
िोकर आगाम ि िन की िर समस्या का सामना करने को तैयार रिें । िि लड़की िोने के
अिसास को स्ि कार करें ककींतु लड़की की परीं परागत दब
ु ल
ि छवि से मत
ु त िोकर जिए।

प्रश्न3.उत्तर 30 से 40 शब्दों में (3x2=6)


(क) उपयत
ु त उत्तर पर अींक ...
(ख)108 श्िेत पताकाएुँ बौद्ध धमि अनय
ु ाय की मत्ृ यु पर ,उनकी आत्मा की शाींनत के
ललए ....नए कायि की शरु
ु आत के ललए रीं ग न पताकाएुँ ....
(ग)उतर- मनू तिकार ने िॉिि पींचम की नाक में लगाने के ललए िर सींभि यत्न ककया
।सििप्रथम मनू ति में प्रयोग ककए गए पत्थर की खोि में उसने सारे भारत के पिितों और
पत्थरों की खानों का दौरा ककया।
असफलता लमलने पर उसने भारत के सभ प्रदे शों में स्थावपत स्ितींत्रता सेनान और
मिापरु
ु षों की मनू तियों की नाकों की नाप -िोख की लेककन सभ नाकें िॉिि पींचम की
नाक से बड़ ननकली। अींत में ककस ि वित भारत य की नाक काट कर िॉिि पींचम की
मनू ति में लगा दी।
प्रश्न- 4- ननम्नललखखत में से ककस एक विषय पर हदए गए सींकेत –बबन्द्दओ
ु ीं के
आधार पर लगभग 150 शब्दों में अनच्
ु छे द लेखन –
भलू मका- 1 अींक
विषय िस्तु -3 अींक

44
भाषा शैली -1 अींक
प्रश्न -5-हदए गए पत्रों में से ककस एक विषय पर 120 शब्दों में पत्र लेखन – 5
आरीं भ तथा अींत की औपचाररकताएुँ -1 अींक
विषय िस्तु - 3 अींक
भाषा - 1 अींक
प्रश्न -6- 6 क और ख प्रश्नों में हदए गए दो –दो विषयों में से एक –एक
विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में – 2.5+2.5=5
विषय िस्तु - 1 अींक
प्रस्तनु त - 1 अींक
भाषा - 2.5 अींक
प्रश्न -7- 7 क और ख प्रश्नों में हदए गए विषयों में से एक –एक सींदेश लगभग
40 शब्दों में लेखन कायि – 2.5+2.5=5
रचनात्मक प्रस्तनु त – 1 अींक
विषय िस्तु - 1 अींक
भाषा - 2.5 अींक

45
प्रादशि प्रश्न पत्र –2
सत्रांत परीक्षा (द्वितीय) 2021-22
कक्षा – 10 िीं विषय – दहन्दी ( कोड -002)

पूणाांक – 40 अिर्ध – 2 घंटा


1 . इस प्रश्नपत्र में दो खींड िैं – खींड ‘क’ और ‘ख’ |

2 . सभ प्रश्न अननिायि िैं ,यथासींभि सभ प्रश्नों के उत्तर क्रमानस


ु ार िी ललखखए |

3 . लेखन कायि में स्िच्छता का विशेष ध्यान रखखए |

4 . खींड ‘क’ में कुल 3 प्रश्न िै |हदए गए ननदे शों का पालन करते िुए इनके उपप्रश्नों के उत्तर
दीजिए |

5 . खींड ‘ख’ में कुल 4 प्रश्न िैं , सभ प्रश्नों के साथ विकल्प भ हदए गए िैं |ननदे शानस
ु ार
विकल्प का ध्यान रखते िुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1 . क्षक्षनति – गद्य खींड के ननम्नललखखत प्रश्नों के उत्तर 25 से 30 शब्दों में


ललखखए – (2 x4 =8 )
(क) निाब सािब ने बिुत िी यत्न से ख र काटा , नमक लमचि बरु का ,अींततः सुँघ
ू कर िी
खखड़की से बािर फेंक हदया | उन्द्िोंने ऐसा तयों ककया िोगा ?
(ख) “लखनि अींदाि“- पाठ का आप और तया श षिक दे सकते िैं ? कारर् सहित उत्तर
दीजिए |
(ग)आपके विचार से फादर कालमल बल्
ु के ने भारत आने का मन तयों बनाया िोगा ?
(घ) नम आुँखों को र्गनना स्यािी फैलाना िै –आशय स्पष्ट कीजिए |

46
प्रश्न 2 . क्षक्षनति – काव्य खींड के ननम्नललखखत प्रश्नों के उत्तर 25 से 30 शब्दों में
ललखखए – (2x3=6)
(क) कवि ननराला ने बादलों से गरिकर बरसने के ललए तयों किा िै ?
(ख) िोली के आस – पास प्रकृनत में तया – तया पररितिन िोता िै ?
(ग) आपकी दृजष्ट में कन्द्या के साथ दान की बात करना किाुँ तक उर्चत िै ?
(घ)माुँ को अपन बेटी अींनतम पींि
ू तयों लग रिी थ ?
प्रश्न3.कृनतका के ननम्नललखखत प्रश्नों के उत्तर 30 से 40 शब्दों में ललखखए(3x2=6)
(क) 'माता का अुँचल' पाठ में बच्चों की िो दनु नया रच गई िै िि आपके बचपन की
दनु नया से ककस प्रकार लभन्द्न िै ?

(ख) िािि पींचम की लाट की नाक को पन


ु ः लगाने के ललए मनू तिकार ने तया –तया यत्न
ककए ?
(ग) दे श की स मा पर तैनात फौि ककस तरि की कहठनाइयों से िूझते िै ?उनके प्रनत
िमारा तया उत्तरदानयत्ििोने चाहिए?
प्रश्न.4- ननम्नललखखत में से ककस एक विषय पर हदए गए सींकेत बबींदओ
ु ीं के आधार पर
लगभग 150 शब्दों में अनच्
ु छे द ललखखए। (5x1=5)
(क).पररश्रम का मित्ि –( * तात्पयि...* सफलता प्राजप्त का साधन एिीं भविष्य ननमािर्
का आधार....* पररश्रम न करने के दष्ु पररर्ाम...*- ननष्कषि)
(ख) िल िी ि िन िै - (*अथि/भलू मका.... *दवू षत करने िाले तत्ि..... *रक्षा के उपाय...
*ननष्कषि)
(ग)लशक्षा का माध्यम- मातभ
ृ ाषा-(*मातभ
ृ ाषा का अथि एिीं उपयोर्गता....*मनोिैज्ञाननक
आधार....*लशक्षर्कामाध्यम.....*ननष्कषि)

47
प्रश्न. 5- रायपरु दरू दशिन के मिाननदे शक को (लगभग 120 शब्दों में )एक पत्र ललखखए
जिसमें राष्रीय एकता एिीं साम्प्रदानयक सद्भाि बढ़ाने िाले कायिक्रमों के प्रसारर् का
अनरु ोध ककया गया िो। (5x1=5)

अथिा

अपन बड़ बिन को प्रशासननक सेिा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने की बधाई दे ते िुए
(लगभग 120 शब्दों में ) एक पत्र ललखखए |

प्रश्न.6- हदए गए विषयों में से ककन्द्िीीं दो विषयों पर (प्रत्येक लगभग 50 शब्दों का)
आकषिक विज्ञापन तैयार कीजिए | (2.5x2=5)

(क) बबलासपरु में िोने िाले अींतरािष्रीय पस्


ु तक मेला का एक विज्ञापन लगभग 50
शब्दों में तैयार कीजिए | (2.5)
अथिा
‘मदर डेयरी’ के दध
ू उत्पादों के ललए लगभग 50 शब्दों में विज्ञापन तैयार
कीजिए |
(ख) मतदाता िागरूकता अलभयान के ललए लगभग 50 शब्दों में विज्ञापन तैयार
कीजिए | (2.5)
अथिा
आपके चचेरे भाई ने जिम खोला िै |उसके ललए लगभग 50 शब्दों में विज्ञापन
तैयार कीजिए |

प्रश्न.7- हदए गए विषयों में से ककन्द्िीीं दो विषयों पर(प्रत्येक लगभग 40 शब्दों में ) |
सन्द्दे श ललखखए | (2.5x2=5)

48
(क) साींसद मिोदय का विद्यालय पबत्रका के लिए सन्दे श लिखिये।

अथवा

घर में आयोजित रामचररत मानस पाठ के विषय में संदेश लिखिये।

(ि)अपनेमामा ि को नौकरी में लमली पदोन्द्ननत पर बधाई संदेश लिखिये ।

अथवा

अपने लमत्र को िोली पिि के ललए एक सींदेश ललखें ।

------------

प्रादशि प्रश्न पत्र – (2)

उत्तर संकेत

सत्रांत परीक्षा (द्वितीय)2021 -22

कक्षा – 10 िीं विषय – दहन्दी ( कोड -002) पण


ू ाांक – 40
अिर्ध – 2 घंटा

नोट : प्रस्तत
ु उत्तर सींकेत मात्र िैं |

प्रश्न.1 .ननजम्लखखत प्रश्नों के उत्तर 25 से 30 शब्दों में दीजिए। 2x4=08

(क) निाब शान शौकत हदखाने की आदत ..अम री के हदखािे की ओर सींकेत ..

(ख) उपयत
ु त उत्तर पर अींक ...

49
(ग) भारत य सींस्कृनत के बारे पढ़कर , सन
ु कर ..भारत को आध्याजत्मक दे श मानकर
..नया स खने की इच्छा से..सेिा करने के ईरादे से ...|

(घ) लेखक का अनम


ु ान था कक एक विदे श सींन्द्यास की मौत पर कौन आुँसू बिाएगा
ककन्द्तु यि अनम
ु ान सिी निीीं ननकला | उनकी मत्ृ यु पर आुँसू बिाने िालों की बिुत भ ड़
उमड़ रिी थ ..जिनको र्गनने का प्रयास व्यथि िै ..

प्रश्न 2 . उत्तर 25 से 30 शब्द – 2x3=6

(क) आह्िान ग त िै ...इसके स्िर में ओि और क्राींनत िै ...बादलों की गििना से कवि


लोगों में उत्साि भरकर , पररितिन के ललए उन्द्िें िागत
ृ करना चािता िै |

(ख)िसींत का आगमन ...नये फूलों ,पत्तों का आना...कोयल का गान ..आनींद दायक मौसम
...

(ग) इस शब्द में अथि दोष िै ..कन्द्या को दान की िाने िाली िस्तु समझना
अनर्ु चत...िबकक कन्द्या का वििाि करना समाि में एक आिश्यक ररिाि िै ..

(घ) माुँ पररिार में बेटी के साथ अपना सख


ु दःु ख, अपन मनोभािनाए जितन सििता
गोपन यता और विश्िसन यता से साझा कर पात िै उतना ककस अन्द्य सदस्य के साथ
निीीं| यिी कारर् था की माुँ बेटी से बबछुड़ने के कष्ट को सिन निीीं कर पा रिी थ | बेटी
उसकी अींनतम पि
ींू थ िो उससे छीनने िा रिी थ |

प्रश्न3.उत्तर 30 से 40 शब्दों में (3×2=6)


(क) उपयत
ु त उत्तर पर अींक ...
(ख) पत्थर के स्थान का पता लगाने फ़ाइल की तलाश ..पिाड़ों के यात्रा ..नाक नापने िगि
िगि िाना ..जिन्द्दा नाक लगाने का प्रयास ...
50
(ग)दे श की पिित य स मा पर ननयत
ु त िमारे सैननकों को बड़ विषम पररजस्थनतयों में
ि िन बबताना पड़ता िै । िाड़ों में िब तापमान शन्द्
ू य से भ न चे चला िाता िै तब भ िाड़
कुँपा दे ने िाली ठीं ड में ये प्रिरी परू ी सींिगता और ननष्ठों से दे श की स मा की सरु क्षा में लगे
रिते िैं। दे शिास चैन की न ींद सो सकें, इसके ललए ये रातों में िागते िैं । दे श की अन्द्य
स माओीं पर भ िमारे फौि अनेक असवु िधाओीं और कहठनाइयों को भोगते िुए अपने
कतिव्य का पालन करते िैं । घस
ु पैहठयों से िूझते िुए अपने प्रार् भ न्द्योछािर कर दे ते िैं ।

इन स मा के प्रिररयों के प्रनत िमारे भ कुछ दानयत्ि िैं। िमें इनको परू ा सम्मान तो दे ना िी
चाहिए, इसके साथ-साथ इनके पररिारों की सरु क्षा और सव्ु यिस्था पर भ परू ा ध्यान दे ना
चाहिए ताकक ये ननजश्चन्द्त िोकर अपने कत्तिव्य को अींिाम दे सके|
प्रश्न- 4- ननम्नललखखत में से ककस एक विषय पर हदए गए सींकेत –बबन्द्दओ
ु ीं के
आधार पर लगभग 150 शब्दों में अनच्
ु छे द लेखन –
भलू मका- 1 अींक
विषय िस्तु -3 अींक
भाषा शैली -1 अींक
प्रश्न -5-हदए गए पत्रों में से ककस एक विषय पर 120 शब्दों में पत्र लेखन – 5
आरीं भ तथा अींत की औपचाररकताएुँ -1 अींक
विषय िस्तु - 3 अींक
भाषा - 1 अींक
प्रश्न -6- 6 क और ख प्रश्नों में हदए गए दो –दो विषयों में से एक –एक
विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में – 2.5+2.5=5
विषय िस्तु - 1 अींक

51
प्रस्तनु त - 1 अींक
भाषा - 2.5 अींक
प्रश्न -7- 7 क और ख प्रश्नों में हदए गए विषयों में से एक –एक सींदेश लगभग
40 शब्दों में लेखन कायि – 2.5+2.5=5
रचनात्मक प्रस्तुनत – 1 अींक

विषय िस्तु - 1 अींक

भाषा - 2.5 अींक

------------

52
प्रादशि प्रश्न पत्र –3
सत्रांत परीक्षा (द्वितीय) 2021-22
कक्षा – 10 िीं विषय – दहन्दी ( कोड -002)
पूणाांक – 40 अिर्ध – 2 घंटा
सामान्य तनदे श :-

1-इस प्रश्न पत्र में दो खींड िैं –क और ख

2- सभ प्रश्न अननिायि िै , यथा सींभि सभ प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार यिी ललखखए |

3-लेखन कायि में स्िच्छता का ध्यान रखें |

4-खींड क में कुल 3 प्रश्न िैं , हदए गए ननदे शों का पालन करते खाते िुए इनके उपप्रश्नों के
उत्तर दें |

5- खींड ख में कुल 4 प्रश्न िैं सभ प्रश्नों के साथ विकल्प भ हदए गए िैं | ननदे शानस
ु ार विकल्प
का ध्यान रखते िुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए |

खंड क- (पाठ्य पस्


ु तक ि परू क पाठ्य पस्
ु तक ) 20 अंक

प्रश्न -1-तनम्न लिणखत प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिणखए – (गद्य खंड )
2*4=8

क- िेखक को निाब साहब के फकन हाि भाि से महसूस हुआ फक िे उनसे बातचीत करने के लिए ततनक
भी उत्सुक नहीं हैं ?

ख- निाब साहब और खीरे के प्रसंग के माध्यम से िेखक ने क्या कहना चाहा ?


ग- िादर कालमि बुल्के की उपज़स्थतत दे िदार की छाया जैसे क्यों िगती थी ?
घ- िादर बुल्के का दहन्दी के प्रतत प्रेम प्रकट होता है _ स्पष्ट करें ?
प्रश्न- 2- तनम्नलिणखत प्रश्नों में से कोई 3 प्रश्नों के उत्तर दें । 2×3=6

53
क- कवि बादि से िुहार, ररमणझम या बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है । क्यों ?
ख - कवि की आाँख िागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है ?
ग- मााँ को अपनी बेटी अंततम पाँज
ू ी क्यों िग रही थी ?
घ-कवि ने बादिों को फकस आकांक्षा को पूरा करने िािा बताया है ?
प्रश्न- 3 -तनम्नलिणखतमें से कोई 2 प्रश्नों के उत्तर दें । 3×2=6
क) -जॉजि पंचम की मूतति में नाक िगाने के लिए मूततिकार ने क्या -क्या प्रयत्न फकए ?
ख) -माता का अंचि पाठ के आधार पर बताएाँ फक बच्चे माता –वपता के प्रतत अपने प्रेम को कैसे
अलभव्यक्त करते हैं
ग)- गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर क्यों कहा गया ?
खंड 'ख' रचनात्मक िेखन खंड 20
प्रश्न 4- तनम्नलिणखत में से फकसी एक विषय पर िगभग 100 शब्दों में अनुच्छे द लिखें । 5
क - व्यायाम स्िस्थ जीिन का आधार
भूलमका,व्यायाम के िाभ,व्यायाम की आिश्यकता, तनष्कषि
ख - 21िीं सदी का भारत
भलू मका,, ितिमान भारत में आए पररितिन ,ड़डज़जटि भारत,तनष्कषि
ग - आदशि विद्याथी के गुण
भूलमका , आदशि विद्याथी की पहचान, आदशि विद्याथी की विशेषता, तनष्कषि
प्रश्न 5 -नीचे ददए गए पत्र में से कोई एक पत्र लिखें। 5
-विद्यािय के आसपास खाद्य सामग्री बेचने िािों का जमघट िगा रहता है ज़जससे बच्चों के स्िास््य
पर बरु ा असर पि रहा है इन्हें हटाने की प्राथिना करते हुए िगभग 120 शब्दों में प्रधानाचायि को पत्र
लिणखए। अथिा
- आप छात्रािास में रह रहे हैं अपने लिए मालसक खचि जल्दी भेजने का अनुरोध करते हुए िगभग 120
शब्दों में अपने वपताजी को पत्र लिखें।
प्रश्न 6- तनदे शानुसार विज्ञापन लिखें। 2.5×2.5=5
क) -विद्यािय में िावषिकोत्सि के अिसर पर विद्यार्थियों द्िारा तनलमित हस्तकिा की िस्तओ
ु ं की
प्रदशिनी के लिए िगभग 50 शब्दों में एक आकषिक विज्ञापन तैयार करें ।

54
अथिा
टूथपेस्ट बनाने िािी एक कंपनी के लिए िगभग 50 शब्दों में एक आकषिक विज्ञापन तैयार करें ।
ख)- मोबाइि ररपेयर शॉप के लिए िगभग 50 शब्दों में एक आकषिक विज्ञापन तैयार करें ।
अथिा
आप अपनी परु ानी कार बेचना चाहते हैं इसके लिए िगभग 50 शब्दों में एक आकषिक विज्ञापन तैयार
करें ।
प्रश्न 7- तनदे शानुसार संदेश लिखें। 2.5×2.5 =5
क)- आपके लमत्र का प्रततयोगी परीक्षा द्िारा रे ििे में क्िकि के पद पर चयन हुआ है ।शुभकामना दे ते हुए
िगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखें।
अथिा

आपके विद्यािय में बाि मेिा का आयोजन फकया जा रहा है । इस अिसर पर प्राचायि की ओर से िगभग
40 शब्दों में एक संदेश लिखें ।

ख) -दक
ु ानदार द्िारा दीपाििी के अिसर पर इिेक्रॉतनक उत्पादों की सेि िगाई जा रही है ज़जसके
लिए अपने क्षेत्र िालसयों को सूर्चत करने हे तु िगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखें।
अथिा

आ ादी के अमत
ृ महोत्सि के अंतगित किा उत्सि में नत्ृ य प्रततयोर्गता में प्रथम आने पर
िगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखें।
==============================================================

55
उत्तर संकेत 03
कक्षा –दसिीं
विषय –दहन्दी ए (कोड -002 )
तनधािररत समय -2 घंटे पण
ू ाांक -40

खंड क (पाठ्य पुस्तक ि पूरक पाठ्य पुस्तक ) 20 अींक

प्रश्न -1-ननम्न ललखखत प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में ललखखए –गद्य खींड 2x4=8

क – निाब सािब का उनकी ओर न दे खना , लेखक से बातच त करने में उत्साि निीीं हदखाना
| निाब सािब एकाींत में यात्रा करना चािते थे लेखक को दे खते िी उनकी यात्रा में विघ्न उत्पन्द्न
िो गया |

ख – ख रा खाए बगैर पेट भरा िा सकता िै ठीक विचार , घटना और पात्रों के अभाि में भ नई
किान ललख िा सकत िै |

ग –फादर सभ के साथ पाररिाररक ररश्ता बनाकर रखते थे | िे सबके घरों में उत्सि ि सींस्कारों
में एक पुरोहित की तरि रिते थे | सभ के प्रनत प्रेम झलकता था |

घ –हिन्द्दी अींग्रेि कोश तैयार ककया | बाइबबल और ब्लू बडि नामक नाटक का हिन्द्दी में अनि
ु ाद
, पररमल नामक साहिजत्यक सींस्था से िुड़े रिे , हिन्द्दी विभागाध्यक्ष , हिन्द्दी को

राष्र भाषा बनिाने के ललए प्रयासरत रिे |

प्रश्न -२-ननम्न ललखखत कोई -3 प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में ललखखए – 2x3=6

क –कवि िातािरर् में िोश , पौरुष और क्राींनत चािता िै |

ख – फागन
ु मास में प्रकृनत सि
ु ािन िो उठी िै | चारों ओर मादक ििाएुँ चल रिीीं िैं | पक्ष
आकाश में उड़ रिें िैं | िक्ष
ृ ों पर पत्ते लड़ गए िैं | मींद सुगींध िाले फूल खखल उठे िैं |

56
ग –माुँ अपने सुख –दख
ु को विशेष कर नारी –ि िन के दख
ु ों को अपन माुँ ,बिन ,बेटी के साथ
बाुँट सकत िै | िि उनके साथ बात कर सकत थ सलाि ले सकत थ |

घ – कवि ने बादलों को गमी से प डड़त –प्यासे िन की आकाींक्षा को परू ी करने िाला तथा नई
कल्पना और नए ननमािर् के ललए क्राजन्द्त को सींभि करने िाला बताया िै | इस प्रकार बादल
प्राखर्यों के ि िन मेन नई आशा और उत्साि का सींचार करते िैं |

प्रश्न -3 -ननम्नललखखतमें से कोई 2 प्रश्नों के उत्तर दें ।( पूरक पुजस्तका ) 3×2=6

क-उसके समान पत्थर खोिना ,सरकारी फाइल ढूुँढना , भारत के सभ पिाड़ों और पत्थर कक
खानों का दौरा करना भारत के मिापरु
ु षों की मनू तियों का ननरीक्षर् , अींत में ककस ि वित
व्यजतत की नाक लगाना |

ख –उनके साथ रिकर ,उनकी लसखाई िुई बातों में रुर्च लेकर ,उनके साथ खेलकर ,उन्द्िें चम
ू कर
,उनकी गोद में या कींधे पर बैठकर प्रेम प्रकट करते िैं |

ग –मेिनत कश का अथि िै कड़ मेिनत िाले |, बादशाि का अथि िै – माुँ की मिी के माललक


यिाुँ की जस्थनतयाुँ बड़ कहठन िैं | अपन िरूरतें परू ी करने के ललए लोगों को कड़ मेिनत
करन पड़त िै |

खींड 'ख' रचनात्मक लेखन खींड 20


प्रश्न- 4- तनम्नलिणखत में से फकसी एक विषय पर हदए गए सींकेत –बबन्द्दओ
ु ीं के आधार पर लगभग
150 शब्दों में अनुच्छे द िेखन –
भूलमका- 1 अंक
विषय िस्तु -3 अंक
भाषा शैिी -1 अंक
प्रश्न -5-हदए गए पत्रों में से ककस एक विषय पर 120 शब्दों में पत्र लेखन – 5
आरीं भ तथा अींत की औपचाररकताएुँ -1 अींक
विषय िस्तु - 3 अींक
भाषा - 1 अींक
57
प्रश्न -6- 6 क और ख प्रश्नों में हदए गए दो –दो विषयों में से एक –एक विज्ञापन लगभग 50
शब्दों में – 2.5+2.5=5
विषय िस्तु - 1 अींक
प्रस्तुनत - 1 अींक
भाषा - 2.5 अींक
प्रश्न -7- 7 क और ख प्रश्नों में ददए गए विषयों में से एक –एक संदेश िगभग 40 शब्दों में
िेखन कायि – 2.5+2.5=5
रचनात्मक प्रस्तुतत – 1 अंक

विषय िस्तु - 1 अंक

भाषा - 2.5 अंक

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58
प्रादशि प्रश्न पत्र – 4
सत्रांत परीक्षा (द्वितीय) 2021-22
कक्षा – 10 िीं विषय – दहन्दी ( कोड -002)
पण
ू ाांक – 40 अिर्ध – 2 घंटा
सामान्द्य ननदे श :

1 . इस प्रश्नपत्र में दो खींड िैं – खींड ‘क’ और ‘ख’ |

2 . सभ प्रश्न अननिायि िैं ,यथासींभि सभ प्रश्नों के उत्तर क्रमानस


ु ार िी ललखखए |

3 . लेखन कायि में स्िच्छता का विशेष ध्यान रखखए |

4 . खींड ‘क’ में कुल 3 प्रश्न िै |हदए गए ननदे शों का पालन करते िुए इनके उपप्रश्नों के उत्तर
दीजिए |

5 . खींड ‘ख’ में कुल 4 प्रश्न िैं , सभ प्रश्नों के साथ विकल्प भ हदए गए िैं |ननदे शानस
ु ार
विकल्प का ध्यान रखते िुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए |

खंड ‘क’ (पाठ्य पस्


ु तक ि परू क पाठय पस्
ु तक )

प्रश्न 1 . गद्य पाठों के आधार पर तनम्नलिणखत प्रश्नों के उत्तर 25 -30 शब्दों में लिणखए
– (2 x 4 = 8अंक )

क . ‘लखनि अींदाि ‘ पथ में निाब सािब द्िारा ख रा खाने की तैयारी करने का एक र्चत्र
प्रस्तुत ककया गया िै | इस परू ी प्रकक्रया को अपने शब्दों में व्यतत कीजिए |

59
ख . फादर कालमल बल्
ु के भारत य सींस्कृनत का अलभन्द्न अींग िै | ककस आधार पर ऐसा
किा िा सकता िै ?

ग . तया सनक का कोई सकारात्मक रूप िो सकता िै ? यहद िाुँ तो ऐस सनकों का उल्लेख
कीजिए |

घ . लेखक ने फादर कालमल बल्


ु के को ‘मानि य करुर्ा की हदव्य चमक’ तयों किा िै ?

प्रश्न 2 . पदठत कविताओं के आधार पर तनम्नलिणखत फकन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर 25 –


30 शब्दों में लिणखए – ( 2 x 3 = 6अंक )

क . ‘उत्साि’ कविता के आधार पर ललखखए कक बादलों से िमें तया प्रेरर्ा लेन चाहिए ?

ख . ‘आग रोहटयाीं सेंकने के ललए िै िलने के ललए निीीं |’ उतत पींजततयों में तया सींदेश
नछपा िै ? ‘कन्द्यादान’ कविता के आधार पर बताइए |

ग .अट निीीं रिी िै ’ कविता में कवि ने प्रकृनत की व्यापकता का िर्िन ककन रूपों में ककया िै
?

घ . ‘कन्द्यादान’ कविता में ककसे दःु ख बाींचना निीीं आता और तयों ?

प्रश्न 3 . कृततका भाग 2 के आधार पर फकन्ही दो प्रश्नों के िगभग 60 शब्दों में उत्तर
लिणखए – (3 x 2 = 6अंक )

क . आपके विचार में भोलानाथ अपने सार्थयों को दे खकर लससकना तयों भल


ू िाता िै ?

ख . रान एललिाबेथ द्वित य के आगमन की कौन –कौन स िबरें अखबारों में छप ?

ग . गींतोक को ‘ मेिनतकश बादशािों का शिर’ तयों किा गया िै ?

60
खंड ‘ख’ ( रचनात्मक िेखन खंड )

प्रश्न 4 . तनम्नलिणखत में से फकसी एक विषय पर ददए गए संकेत –बबन्दओ


ु ं के आधार पर
150 शब्दों में एक अनच्
ु छे द लिणखए : (5अंक)

(क) करत – करत अभ्यास के जिमतत होत सज


ु ान
सींकेत बबींद ु –
• ननरीं तर अभ्यास के लाभ
• मिापरु
ु षों से स ख
• ननष्कषि
(ख) िसंत ऋतु
सींकेत बबींद ु -
• भलू मका
• आगमन
• प्राकृनतक छटा का आनींद
• उपसींिार
(ग) अंतरास्रीय योग ददिस
सींकेत बबींद ु –
• योग
• मित्ता का बोध
• उत्पवत्त
• योग के लाभ

61
प्रश्न 5 . डेंगू और मलेररया के बढ़ते प्रकोप को दे खते िुए र्चककत्सालयों में र्चककत्सा
सवु िधाओीं की कम की ओर ध्यान आकृष्ट करते िुए र्चककत्सा अर्धकारी को 120 शब्दों
में पत्र ललखखए |(5 अींक)

अथिा

परीक्षा में कम अींक आने पर दख


ु लमत्र को साींत्िना दे ते िुए लगभग 120 शब्दों में पत्र
ललखखए |

प्रश्न 6 .(क) अपन परु ान पस्


ु तकें गरीब विद्यार्थियों में ननःशल्
ु क वितरर् करने िे तु एक
50 शब्दों में आकषिक विज्ञापन तैयार कीजिए | (2.5अींक)

अथिा

‘रफ़्तार’ साइककल कींपन के ललए एक 50 शब्दों में आकषिक विज्ञापन तैयार कीजिए |

(ख) आपके चचेरे भाई ने ‘जिम’ खोला िै | उसके ललए लगभग 50 शब्दों में आकषिक
विज्ञापन तैयार कीजिए | (2.5अींक)

अथिा

प्रलसद्ध सौंदयि प्रसाधन बनाने िाली कींपन के ललए 50 शब्दों में आकषिक विज्ञापन तैयार
कीजिए |

प्रश्न 7 . (क) िन्द्म हदिस के अिसर पर अपने लमत्र को लगभग 40 शब्दों में एक बधाई
सींदेश ललखखए | (2.5अींक)

अथिा

62
अपने लमत्र को कक्षा दसि ीं बोडि की परीक्षा में प्रथम आने पर लगभग 40 शब्दों में
बधाई सींदेश ललखखए |

(ख) अपने मामा ि को शादी की सालर्गरि पर शभ


ु कामनाएुँ दे ते िुए लगभग 40 शब्दों
में सींदेश ललखखए |(2.5अींक)

अथिा

‘िनम
ु ान’ ियींत की शभ
ु कामनाएुँ दे ते िुए लगभग 40 शब्दों में सींदेश ललखखए |

63
उत्तर संकेत 04

कक्षा –दसिीं

उत्तर सींकेत –

खंड –क (िणिनात्मक प्रश्नों के संभावित संकेत )

प्रश्न 1 . 2 x 4 = 8अींक

क . निाब सािब ने ख रों को खखड़की से बािर कर धोया | कफर उन्द्िें तौललए से


पोंछा | िेब से चाकू ननकाल कर ख रे के लसर को काटा और गोदकर झाग
ननकाला ताकक उनका कड़िापन चला िाए | बिुत सािधान से छीलकर फाींके
तैयार की कफर उन पर ि रा लमला नमक और लाल लमचि बरु क दीीं | ऐसा करते
समय उनके िाि ्-भाि से स्पष्ट था कक ख रे के स्िाद की कल्पना से िी उनके
मख
ु में पान आ रिा था | 2अींक

ख . फादर कालमल बल्


ु के को भारत य सींस्कृनत से बिुत प्यार था | अपने ि िन
में उन्द्िोंने भारत य ि िन मल्
ू यों और आदशों को मत्िपर्
ू ि स्थान हदया था |
उन्द्िोंने भारत य सींस्कृनत का गिन अध्ययन ककया था | उनका शोध ग्रन्द्थ –
‘राम कथा –उत्पवत्त और विकास’ उनके भारत य सींस्कृनत के प्रनत लगाि को
दशािता िै | िे हिींदी को राष्र भाषा बनाने के ललए अकाटय तकि दे ते िैं | इस प्रकार
किा िा सकता िै की फादर कालमल बल्
ु के भारत य सींस्कृनत के अलभन्द्नअींग थे |
2अींक

ग . सनक को प्रायः एक नकारात्मक व्यििार के रूप में दे खा िाता िै | सनक में


कायि करने िाले व्यजतत को ककस काम की धन
ु स सिार रित िै | उसका
64
वििेक और तकि क्ष र् िो िाता िै | लेककन सनक अनेक सकारत्मक पक्ष भ
दे खने में आते िैं | सरु विरों के कीनतिमान , पिित रोहियों की मत्ृ यु सींकट को
चन
ु ौत , अन्द्िेषकों के रोमाींचकारी अलभयान , िैज्ञाननकों के चमत्कारी अनस
ु ींधान
,स्ितींत्रता –आन्द्दोलन के सेनाननयों का आत्म बललदान ये सभ सनक के िी
सकारात्मक पररर्ाम िैं |यहद सनक लक्ष्य लोक हितकारी िो और व्यजतत का
व्यििार वििेक से ननदे लशत िो तो सनक का सकारात्मक पररर्ाम सामने आता
िै | 2अींक

घ . करुर्ा को मानि य गर्


ु ों में अत्यन्द्त सरािा गया िै | उनका ि िन
अविस्मरन य िै | फादर बल्
ु के ने अपना ि िन सदै ि दस
ू रों की भलाई में लगाया
| उनके मन में दस
ू रों के ललए प्रेम और ममत्ि तो सदै ि छलकता रिता था | िि
िर ककस में केिल अपना आत्म यिन ढूढ़ते थे | सभ उनके ललए वप्रये िन थे िे
सबके साथ एक पाररिाररक ररश्ते में बींध िाते थे | लोगों के सख
ु –दःु ख में
शालमल िो कर उनके प्रनत सींिेदन श ल रिते थे और उन्द्िें सिानभ
ु नू त भ दे ते थे |
उनके स्नेि की तरलता की चमक उनके चेिरे पर साफ हदखाई दे त थ | 2अींक

प्रश्न 2 . 2 x 3 = 6अींक

क . बादल पथ्
ृ ि के ताप को दरू करते िैं इनसे मानिता के कल्यार् की प्रेरर्ा
लमलत िै | बादल की गरि क्राींनत का प्रनतक िै | बादल क्राींनत की प्रेरर्ा दे ते िैं |
2 अींक

ख . आग रोहटयाीं सेंकने के ललए िै िलने के ललए निीीं एन पींजततयों के द्िारा


माुँ ने बेटी को सचेत करना इस ललए िरुरी समझा तयोंकक लड़की अभ भोली
भाली िै सायान निीीं िै , माुँ अनभ
ु ि िै सामाजिक पररिेश के प्रनत िागरूक िै
65
जिन पररजस्थनतयों का सामना उसकी माुँ ने ककया उसका सामना उसकी बेटी को
ना करना पड़े , इ को दनु नया दारी की बातें समझाना िरुरी था यिी िानकार माुँ
ने बेटी को सचेत ककया | 2अींक

ग . प्रस्तुत कविता प्रकृनत की व्यापकता का िर्िन अनेक रूपों में ककया िै –

*प्रकृनत का सौन्द्दयि सिित्र झलकता िुआ हदखाई दे ता िै

*किीीं साुँस लेता िुआ , तो किीीं आकाश में उड़ता िुआ हदखाई दे ता िै |

*प्रकृनत की व्यापकता के दशिन पेड़ ,पत्तों ,फूलों आहद के रूप में िो रिे िैं सिित्र
उल्लास और उत्साि का िातािरर् िै | 2अींक

घ. ‘कन्द्यादान’ कविता में बेटी को दःु ख बाींचना निीीं आता तयोकक िि भोली िै ,
सरल स्िभाि की िै उसे दनु नया दारी निीीं आत और सबसे बड़ बात माुँ के साथ
उसने दःु ख का अनभ
ु ि निीीं ककया िै | 2 अींक

प्रश्न 3 3 x 2 = 6 अींक

क . भोला नाथ अपने सार्थयों को दे ख कर लससकना भल


ू िाता िै तयोंकक उसे
अपन सार्थयों कक सींगत अच्छी लगत िै | बच्चे अपन सींगत में सब दःु ख
भल
ू िाते िैं | 3अींक

ख . रान के भारत आने के समय लन्द्दन के अिबार उनके सिी दौरे की


तैयाररयों की छोटी -स -छोटी छाप रिे थे | रान के सट
ू का रीं ग , उसकी कीमत
,रान की िन्द्म पत्र ,उनके पनत कफललप्प्स के कारनामे ,यिाुँ तक की रान के

66
नौकरों , खानसामों ,िािरर्चयों और अींगरक्षकों की ि िननयाुँ तथा रान के मिल
में पलने िाले कुत्तों की तस्ि रें भारत के अिबारों में छ्प रिी थ | 3 अींक

ग . लसजतकम एक पिाड़ प्रदे श िै | ििाीं के ननिालसयों को ि िन -यापन के ललए


कठोर पररश्रम करना पड़ता िै कफर भ अपन पररजस्थनतयों उन्द्िें कोई लशकायत
निीीं िोत | सारे असवु िधाओीं के ब च भ िे अपना ि िन एक सािी अींदाि में
बबताते िैं | उनके चेिरों पर किीीं से भ दीनता या िीनता निीीं झलकत | 3अींक

(खंड –ख रचनात्मक िेखन पर आधाररत प्रश्नों के मल्


ू यांकन बबंद ु )

प्रश्न 4 –हदए गए त न अनच्


ु छे दों में से ककस एक विषय पर हदए गए सींकेत –
बबींदओ
ु ीं के आधार पर लगभग 150 शब्दों में अनच्
ु छे द लेखन – 5 x 1 = 5अींक

भलू मका - 1अींक

विषयिस्तु – 3अींक

भाषा - 1अींक

प्रश्न 5 –हदए गए दो पत्रों में से ककस एक विषय पर 120 शब्दों में पत्र लेखन- 5
x 1 = 5 अींक

आरीं भ तथा अींत की औपचाररकताएीं - 1अींक

विषयिस्तु - 3अींक

भाषा - 1अींक

67
प्रश्न 6 .-हदए गए दो –दो विषयों में से एक – एक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में
(2.5 अींक के विज्ञापन की िाुँच के ललए अींक विभािन )- 2.5 x 2 = 5 अींक

विषयिस्तु - 1अींक

प्रस्तनु त - 1अींक

भाषा - 1 / 2अींक

प्रश्न 7 – हदए गए दो – दो विषयों में से एक –एक सींदेश लगभग 40 शब्दों में


(2.5 अींक के सींदेश लेखन की िाुँच के ललए अींक विभािन ) 2.5 x 2 = 5अींक

रचनात्मक प्रस्तनु त - 1 अींक

विषयिस्तु - 1अींक

भाषा - 1 / 2अीं

68
प्रादशि प्रश्न पत्र – 5
सत्रांत परीक्षा (द्वितीय) 2021-22
कक्षा – 10 िीं विषय – दहन्दी ( कोड -002)
पूणाांक – 40 अिर्ध – 2 घंटा
समय -2 घंटे अर्धकतम अंक
– 40

सामान्द्य ननदे श :

1 . इस प्रश्नपत्र में दो खींड िैं – खींड ‘क’ और ‘ख’ |

2 . सभ प्रश्न अननिायि िैं ,यथासींभि सभ प्रश्नों के उत्तर क्रमानस


ु ार िी ललखखए |

3 . लेखन कायि में स्िच्छता का विशेष ध्यान रखखए |

4 . खींड ‘क’ में कुल 3 प्रश्न िै |हदए गए ननदे शों का पालन करते िुए इनके उपप्रश्नों के उत्तर
दीजिए |

5 . खींड ‘ख’ में कुल 4 प्रश्न िैं , सभ प्रश्नों के साथ विकल्प भ हदए गए िैं |ननदे शानस
ु ार
विकल्प का ध्यान रखते िुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए |

खंड ‘क’ (पाठ्य पस्


ु तक ि परू क पाठय पस्
ु तक )

प्रश्न 1 . गद्य पाठों के आधार पर तनम्नलिणखत प्रश्नों के उत्तर 25 -30 शब्दों में लिणखए
– (2 x 4 = 8अंक )

क . ख रे को लेकर निाब सािब के सींकोच का तया कारर् था ?

69
ख . लेखक ने ऐसा तयों किा िै कक फादर कालमल बल्
ु के मन से सींन्द्यास निीीं थे ?

ग . रे ल के डडब्बे में चढ़ते िी लेखक के अनम


ु ान के प्रनतकूल तया िो गया ? ‘लखनि
अींदाि’ पाठ के आधार पर बताइए |

घ . फादर कालमल बल्


ु के के हिींदी –प्रेम को दशािने के ललए लेखक ने तया –तया उदिारर्
हदया िै ?

प्रश्न 2 . पदठत कविताओं के आधार पर तनम्नलिणखत फकन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर 25 –


30 शब्दों में लिणखए – ( 2 x 3 = 6अंक )

क . ‘उत्साि’ कविता में कवि ने बादल के रूप का िर्िन ककन शब्दों में ककया िै ?

ख . ‘कन्द्यादान’ कविता के भाि – सौंदयि पर प्रकाश डाललए |

ग .फागन
ु मास के प्राकृनतक सौंदयि का व्यजतत पर तया प्रभाि िोता िै ?

घ . ‘कन्द्यादान’ कविता में माुँ बेटी को तया स ख दे ना चाित िै ?

प्रश्न 3 . कृततका भाग 2 के आधार पर फकन्ही दो प्रश्नों के िगभग 60 शब्दों में उत्तर
लिणखए – (3 x 2 = 6अंक )

क . भोलानाथ के वपता उसके साथ ककस प्रकार खेलते थे ?

ख . िािि पींचम की नाक को लेकर आींदोलन तयों और ककनके द्िारा िुए थे ?इनका
पररर्ाम तया िुआ ?

ग . खझललमलात लसतारों की रोशन में निाया गींतोक लेखखका को ककस तरि सम्मोहित
कर रिा था ?

70
खंड ‘ख’ ( रचनात्मक िेखन खंड )

प्रश्न 4 . तनम्नलिणखत में से फकसी एक विषय पर ददए गए संकेत –बबन्दओ


ु ं के आधार पर
150 शब्दों में एक अनच्
ु छे द लिणखए : (5अंक)

(घ) लमत्रता अनमोि रत्न -


सींकेत बबींद ु –
• लमत्रता का मित्ि
• लमत्र के लक्षर्
• ितिमान काल में जस्थनत
(ङ) िसंत ऋतु
सींकेत बबींद ु -
• भलू मका
• आगमन
• प्राकृनतक छटा का आनींद
• उपसींिार
(च) मंहगाई की मार -
सींकेत बबींद ु –
• भलू मका
• कारर्
• सरकार के प्रयास
• उपसींिार

71
प्रश्न 5 . प्रधानाचायि को विद्यालय में अर्धकार्धक खेल का सामान मींगिाने के ललए
अनरु ोध करते िुए 120 शब्दों में आिेदन पत्र ललखखए |(5 अंक)

अथिा

अपने बड़े भाई को भारत य िायस


ु ेना में चयन िोने पर बधाई दे ते िुए लगभग 120 शब्दों
में पत्र ललखखए |

प्रश्न 6 .(क) अपन परु ान पस्


ु तकें गरीब विद्यार्थियों में ननःशल्
ु क वितरर् करने िे तु एक
50 शब्दों में आकषिक विज्ञापन तैयार कीजिए | (2.5अंक)

अथिा

‘एतसो’ किि कींपन के प्रचार िे तु 50 शब्दों में आकषिक विज्ञापन तैयार कीजिए |

(ख) आपके चाचा ि ने ‘लमष्ठान भींडार ’ खोला िै | उसके प्रचार िे तु लगभग 50 शब्दों में
आकषिक विज्ञापन तैयार कीजिए | (2.5अंक)

अथिा

प्रलसद्ध सौंदयि प्रसाधन बनाने िाली कींपन के ललए 50 शब्दों में आकषिक विज्ञापन तैयार
कीजिए |

प्रश्न 7 . (क) िन्द्म हदिस के अिसर पर अपने लमत्र को लगभग 40 शब्दों में एक बधाई
सींदेश ललखखए | (2.5अंक)

अथिा

72
दे श के प्रधानमींत्र की ओर से दे शिालसयों को गर्तींत्र हदिस की शभ
ु कामनाएुँ दे ते लगभग
40 शब्दों में सींदेश ललखखए |

(ख) अपने मामा ि को शादी की सालर्गरि पर शभ


ु कामनाएुँ दे ते िुए लगभग 40 शब्दों
में सींदेश ललखखए |(2.5अंक)

अथिा

आपका छोटा भाई छात्रािास में रिता िै उसे परीक्षा में अच्छे अींकों से पास िोने के ललए
शभ
ु कामनाएुँ दे ते िुए लगभग 40 शब्दों में सींदेश ललखखए |

73
उत्तर संकेत 05
कक्षा –दसिीं
उत्तर संकेत –

खंड –क (िणिनात्मक प्रश्नों के संभावित संकेत )

प्रश्न 1 . गद्य पाठों के आधार पर तनम्नलिणखत प्रश्नों के उत्तर 25 -30 शब्दों


में लिणखए 2 x 4 = 8अंक

क . निाब सािब ख रे िैसे तच्


ु छ पदाथि का सेिन एकाींत में करना चािता था
|परन्द्तु लेखक के आने पर िि एकाींत खत्म िो और उसे ख रे को खाने में सींकोच
िोने लगा | 2अंक

ख .*फादर बल्
ु के केिल सींकल्प के सींन्द्यास थे ,मन से निीीं थे |

*उन्द्िोंने परीं परागत सींन्द्यास प्रिनृ त से अलग नय परीं परा को स्थावपत ककया
|
*ररश्ते बनाते थे ि उसे तोड़ते निीीं थे |
*वप्रयिनों सख
ु –दःु ख में भाग दार|
*परु ोहित का कत्तिव्य प्रेम और करुर्ा के साथ ननभानेिाले थे | 2अींक

ग . लेखक ने सेकेंड तलास का हटकट इसललए िरीदा था तयोंकक िि एकाींत में


बैठकर किान के विषय में सोचना चािता था परन्द्तु डडब्बे में पिले िी एक
निाब सज्िन बैठे थे |लेखक के अनम
ु ान के प्रनतकूल उसे डडब्बे में एक सज्िन
लमल गए थे | 2अंक

74
घ .*फादर बल्
ु के ने बेलजियम से भारत आकर हिींदी में एम ्.ए .ककया तथा इस
भाषा के अध्यापक बने |

*अपना शोध प्रबींध हिींदी में िी तैयार ककया |

*फादर बल्
ु के हिींदी को राष्रभाषा बनाने पर िोर हदया |

*िे साहिजत्यक गोजष्ठयों में खल


ु कर भाग पहठत रचनाओीं की समालोचना भ
करते थे | 2अंक

प्रश्न 2. पदठत कविताओं के आधार पर तनम्नलिणखत फकन्हीं तीन प्रश्नों के


उत्तर 25– 30 शब्दों में लिणखए – ( 2 x 3 = 6अंक )

क . कवि ने बादल के स्िरुप की सन्द्


ु दर –काले घींघ
ु राले केशों के समान बताया िै
|कवि ने बादलों की विविध आकृनतयों और विस्तार को बालकों की कल्पनाओीं
िैसा सन्द्
ु दर और अस म किा िै |कवि के अनस
ु ार बादल तप्त धरा को श तल
करने तथा नया ि िन दे ने िाले िैं |उनमें बज्रपात की क्राींनतकाररर् शजतत िै | 2
अंक

ख . ‘कन्द्यादान’ कविता का विषय परीं परागत आदशों की बींध –बींधाई लीक से


िटकर िै | इस कविता में कवि ने जस्त्रयों के ललए समाि द्िारा स्ि कृत बींधनों
का खींडन ककया िै |स्त्र की स्िभािगत ‘कोमलता’ उसकी सींद
ु रता निीीं बजल्क
‘कमिोरी’ िै जिसका परु
ु ष- समाि ननरीं तर फ़ायदा उठाता िै |कवि ने समाि में
घहटत िोने िाले सामाजिक शोषर् और विडींबनाओ को कविता में स्थान हदया िै
|विदाई के समय माुँ अपन बेटी को स ख दे ते िुए कित िै कक आदशों को अपने

75
पाींिों की बेडड़याुँ मत बनने दे ना |कवि कोरी भािक
ु ता का प्रनतकार करता िै और
कठोर यथाथि को ि िन –सत्य के रूप में प्रनतजष्ठत करता िै | 2अंक

ग . फागुन मास के प्राकृनतक सौन्द्दयि का व्यजतत पर इतना प्रभाि पड़ता िै कक


िि उससे आींख िटाने का प्रयास करने पर भ आुँखों में समाया रिता िै |दे खने
िालों की ऑ ींखें मन को इसके सौंदयि से इस प्रकार बाींध दे त िैं कक िि उससे
विमख
ु निीीं िो पाता | 2अंक

घ. माुँ चाित िै कक बेटी भोली और सरल िी न बन रिे |वििाि के मधरु सपनों


में िी न खोई रिे ,बजल्क ि िन के कठोर यथाथि से भ पररर्चत िो |िि
दब
ु ल
ि ताओीं से मत
ु त िोकर आगाम ि िन की िर समस्या का सामना करने को
तैयार रिे |िि लड़की िोने के अिसास को स्ि कार करे ककन्द्तु लड़की की
परीं परागत दब
ु ल
ि छवि से मत
ु त िोकर जिए | 2 अंक

प्रश्न 3. कृततका भाग 2 के आधार पर फकन्ही दो प्रश्नों के िगभग 60 शब्दों में


उत्तर लिणखए 3 x 2 = 6 अंक

क . भोलानाथ के वपता भोलानाथ से कुश्त लड़ते थे |िि अपना शारीर ढीला


छोड़ दे ते और भोलानाथ उन्द्िें पछाड़ कर उनकी छात पर चढ़ िाता ,िि दाढ़ी –
मींछ
ू ें नोंचने लगता ,तब वपता उसके िाथों को चम
ू ते |िि उसके बाएीं गाल पर
खट्टा चम्
ु मा और दाएुँ पर म ठा चम्
ु मा लेते |िि भोलानाथ के गालों पर अपन
दाढ़ी –मींछ
ू गड़ा दे ते | 3अंक

ख . िािि पींचम की मनू ति की नाक बन रिे या िटा दी िाए ,इस प्रश्न को लेकर
रािन नतक दलों ने आींदोलन ककए थे |एक पक्ष नाक को तोड़ दे ना चािते था तो
दस
ू रा उसे बनाए रखने पर तुला िुआ था |एन आींदोलनों से कोई सििसम्मत िल
निीीं ननकल सका |िािि पींचम की नाक पि
ू ि
ि त बन रिी | 3 अंक
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ग . लेखखका ने रात में िब लसजतकम के गींतोक नगर को दे खा तो िि ठग –स
रि गई |सारा शिर लसतारों भरी रात में रौशन से िगमगा रिा था |िि अद्भत

दृश्य लेखखका की सध
ु –बध
ु भल
ु ा रिा था |उसे लग रिा था कक उसकी सारी
सींिेदनाएीं ठिर –स गई थ ीं |उसे अपने भ तर और बािर एक शन्द्
ु यता का अनभ
ु ि
िो रिा था | 3अंक

(खंड –ख रचनात्मक िेखन पर आधाररत प्रश्नों के मल्


ू यांकन बबंद ु )

प्रश्न 4 –ददए गए तीन अनच्


ु छे दों में से फकसी एक विषय पर ददए गए संकेत –
बबंदओ
ु ं के आधार पर िगभग 150 शब्दों में अनच्
ु छे द िेखन – 5 x 1 = 5अंक

भलू मका - 1अींक

विषयिस्तु – 3अींक

भाषा - 1अींक

प्रश्न 5 –ददए गए दो पत्रों में से फकसी एक विषय पर 120 शब्दों में पत्र िेखन- 5
x 1 = 5 अंक

आरीं भ तथा अींत की औपचाररकताएीं - 1अींक

विषयिस्तु - 3अींक

भाषा - 1अींक

प्रश्न 6 .-ददए गए दो –दो विषयों में से एक – एक विज्ञापन िगभग 50 शब्दों में


(2.5 अंक के विज्ञापन की जााँच के लिए अंक विभाजन )- 2.5 x 2 = 5 अंक

विषयिस्तु - 1अींक

प्रस्तनु त - 1अींक

77
भाषा - 1 / 2अींक

प्रश्न 7 – ददए गए दो – दो विषयों में से एक –एक संदेश िगभग 40 शब्दों में


(2.5 अंक के संदेश िेखन की जााँच के लिए अंक विभाजन ) 2.5 x 2 = 5अंक

रचनात्मक प्रस्तनु त - 1 अींक

विषयिस्तु - 1अींक

भाषा - 1 / 2अींक

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