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बाल मजदूरी
बाल मजदूरी
प्रस्तावना –
हमें भारत के एक सच्चे नागरिक होने का कर्तव्य निभाना चाहिए जब भी आपको कोई
बच्चा बाल मजदरू ी करता हुआ दिखाई दे तो तरु ं त नजदीकी पलि
ु स थाने में उसके
खिलाफ शिकायत करनी चाहिए। जब तक हम स्वयं जागरुक नहीं होंगे, तब तक
सरकार द्वारा बनाए गए कानन ू ों की ऐसे ही अवहे लना होती रहे गी ।
2017 की ताजा रिपोर्ट के अनस ु ार भारत में 35 मिलियन से भी ज्यादा बच्चे बाल
मजदरू ी करते हैं सबसे ज्यादा उत्तर प्रदे श, बिहार, राजस्थान में बाल मजदरू ी होती है ।
(3) अनाथ बच्चे – हमारे दे श में आज भी कई लोग अपने बच्चों को या तो छोड़ दे ते हैं
या फिर उनके माता-पिता की मत्ृ यु हो जाती है जिसके कारण भी बच्चे अनाथ हो जाते
हैं। और वह ऐसे लोगों के संपर्क में आ जाते हैं जो कि उन्हें खाने का लालच दे कर परू े
दिन भर उनसे कारखानों, होटलों, ढाबों पर कार्य करवाते हैं और उनकी कमाई भी खद ु
रख लेते है ।
(4) लालची लोग – आज 21 वीं सदी के भारत में कुछ माता-पिता और अभिभावक
पैसों के लिए इतने लालची होते हैं कि वे पैसों के लिए अपने बच्चों को भी मजदरू ी के
कार्य में लगा दे ते हैं ।
(8) बेरोजगारी – भारत में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है जिसके कारण कई गरीब
लोग अपने परिवार की जीवन जीने योग्य जरूरतें भी परू ी नहीं कर पाते हैं। मजबरू न वे
अपने बच्चों को मजदरू ी के काम में लगा दे ते हैं। वे सोचते हैं कि अगर थोड़ा बहुत भी
पैसा घर में आता है तो वह दो वक्त का भोजन कर पाएंँगे |
(9) उचित नियम काननू का ना होना – भारत सरकार ने बाल मजदरू ी को रोकने के
लिए काननू तो बनाए हैं लेकिन उन कानन
ू ों में काफी खामियांँ है इसका फायदा उठाकर
लोग बाल मजदरू ी को अंजाम दे ते हैं। और कई बार तो कानन
ू का नियम पर्व
ू क पालन
भी नहीं किया जाता है ।
(10) बाल श्रम सस्ता होना- बाल मजदरू ी को बढ़ावा इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि
बच्चों को कार्य करने के प्रतिफल के रूप में कम रुपए दिए जाते हैं, जिसके कारण लोग
बच्चों को काम पर रखना अधिक पसंद करते हैं ।
(2) कुपोषण – बाल मजदरू ी करने वाले बच्चे अक्सर कुपोषण का शिकार हो जाते हैं,
क्योंकि उनके मालिक उनसे काम तो ज्यादा करवाते हैं लेकिन उन्हें खाने को कुछ भी
नहीं दे ते हैं जिसके कारण उनके शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है । और इस तरह
धीरे -धीरे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं ।
(3) शारीरिक शोषण – बाल मजदरू ी करते समय कई बच्चे और बच्चियों का शारीरिक
शोषण भी किया जाता है जोकि उनके ऊपर दोहरी मार है । एक रिपोर्ट के अनस ु ार बाल
मजदरू ी करने वाले बच्चों में से लगभग 40% बच्चों का शारीरिक शोषण किया जाता
है । यह बहुत ही गंभीर बात है लेकिन इस पर कभी भी ध्यान नहीं दिया जाता है
शारीरिक शोषण के समय कुछ बच्चों की मत्ृ यु भी हो जाती है ।
(4) मानसिक प्रताड़ना – मजदरू ी करते समय बच्चों से अक्सर गलतियांँ होती रहती हैं
। गलतियांँ तो बड़े लोगों से भी होती हैं लेकिन बच्चों को डाँट लगाना आसान होता है
इसलिए उन से काम कराने वाले उनके मालिक उन्हें मानसिक प्रताड़ना दे ते हैं।
उन्हें तरह-तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग करके बल ु ाया जाता है , जो कि एक छोटे से
बच्चे के मस्तिष्क पर बरु ा प्रभाव डालती है ।
(5) गरीबी बढ़ना – बच्चों के माता-पिता बचपन में तो कुछ रुपयों के लिए अपने बच्चों
को मजदरू ी पर लगा दे ते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है कि अगर वे पढ़ें गे-लिखेंगे
नहीं तो उन्हें नौकरी नहीं मिल पाएगी और उन्हें परू ी जिंदगी भर मजदरू ी करनी पड़ेगी
जिसके कारण उनका परू ा जीवन गरीबी में बीतेगा इसीलिए भारत में दिन-प्रतिदिन रीब
ही बढ़ती जा रही है ।
(6) दे श के आर्थिक विकास कमी – ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे पढ़-लिख नहीं
पाते हैं इसी कारण वे अच्छी नौकरी नहीं कर पाते हैं और दे श के विकास में सहयोग
नहीं कर पाते हैं इसलिए दे श का आर्थिक विकास भी धीमा पड़ जाता है ।
(7) सामाजिक विकास में कमी – जहांँ पर बच्चों से मजदरू ी कराई जाती है वहांँ के लोग
अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं साथ ही उनका रहन-सहन भी अच्छा नहीं होता है
जिसके कारण बच्चे भी उन्हीं के साथ रहने के कारण उनकी भाषा और उन्हीं के जैसा
रहन सहन करने लग जाते हैं और उनकी मानसिक स्थिति भी कमजोर हो जाती है
जिसके कारण एक अच्छे समाज का विकास नहीं हो पाता है |
बाल मजदरू ी रोकने के उपाय –
(1) जागरूकता – बाल श्रम को अगर रोकना है तो हमें लोगों को जागरूक करना होगा
क्योंकि जब तक लोगों में यह जागरूकता नहीं आएगी बच्चों से मजदरू ी नहीं करवानी
चाहिए और जो भी बच्चे मजदरू ी कर रहे है . उनके मालिकों के खिलाफ शिकायत करनी
चाहिए लोगों को पता ही नहीं होता है कि वे जिस “छोटू”, “मोटू” को प्यार से बल
ु ा रहे
है ,वह असल में बाल मजदरू ी का शिकार है . इसलिए जब तक लोग जागरुक नहीं होंगे
तब तक ऐसे ही बच्चे मजदरू ी करते रहें गे |
(4) भ्रष्टाचार पर लगाम – भ्रष्टाचार के कारण बाल श्रम करवाने वाले अपराधी
आसानी से छूट जाते हैं या फिर उन्हें गिरफ्तार ही नहीं किया जाता है | जिसके कारण
छोटे बच्चों को मजदरू ी करनी पड़ती है इसलिए हमें भ्रष्टाचार पर लगाम लगानी चाहिए
|
(5) अच्छे और उदार व्यक्तियों की आवश्यकता – हमारे समाज में बहुत से अच्छे
व्यक्ति हैं लेकिन हमें और अच्छे व्यक्तियों की आवश्यकता है जो कि कम से कम एक
गरीब बच्चे की पढ़ाई का परू ा खर्चा उठा सके क्योंकि जब तक हम हमारे समाज की
जिम्मेदारी नहीं लेंगे तब तक कुछ नहीं हो सकता | अकेली सरकार सब कुछ नहीं कर
सकती है इसलिए हमें आगे बढ़कर गरीब बच्चों की पढ़ाई लिखाई में मदद करनी
चाहिए |
(1) The Child Labour (Prohibition and regulation) Act 1986 :बाल श्रम
को जड़ से खत्म करने के लिए हमारी सरकार द्वारा 1986 में चाइल्ड लेबर एक्ट
बनाया गया है जिसके तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे से कार्य करवाना दं डनीय
अपराध माना जाएगा |
उपसंहार –
अगर हमें नए भारत का निर्माण करना है तो बाल मजदरू ी को जड़ से उखाड़ फेंकना
होगा यह सिर्फ हमारे और सरकार के सहयोग से ही संभव है | तो हम सभी मिलकर
अपने दे श से बाल मजदरू ी को हमेशा के लिए समाप्त करने हे तु सरकार को और
स्वयंसेवी संस्थाओं को सहयोग दे ने का काम करते हैं।