You are on page 1of 2

तु लसी के लाभ

01. माइग्रेशन:- तु लसी के पत्ते माइग्रेशन में मदद करते हैं इसलिए क्योंकि वे में टल फ् रे मवर्क को
सु धारते हैं और तं त्रिका तं तर् को सक्रिय करते हैं । इसके अलावा, तु लसी के पत्तों में मौजूद विटामिन सी,
एं टीऑक्सीडें ट और एं टीइं फ्ले मेटरी प्रतिष्ठानों से यु क्त होने के कारण, ये शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं
और माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद करते हैं ।
02. कैंसर:- तु लसी के पत्तों में पाए जाने वाले कई उपायोगी तत्वों के कारण वे कैंसर में मदद कर सकते हैं ।
तु लसी पत्तों में प्रचु र मात्रा में एं टीऑक्सीडें ट् स, एं टीवायरल और एं टीकैंसर गु ण पाए जाते हैं जो कैंसर के

विकास को रोकने और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करते हैं । इसके साथ ही, तु लसी के पत्तों में
पाए जाने वाले तत्वों का आपसी सं योजन शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और रोगों के
खिलाफ सं रक्षा प्रदान करता है ।
03. पथरी:- तु लसी के पत्तों में मौजूद तत्वों के कारण वे पथरी (किडनी में पथरी) में मदद कर सकते हैं ।
तु लसी में पाए जाने वाले विषाणु नाशक, द्वारा जै से विषाणु ओं को मारने के गु ण, पथरी के उत्पादन को रोकने
में मदद कर सकते हैं । इसके अलावा , तु लसी के पत्तों में मौजूद आयु र्वेदिक गु ण पथरी के दर्द को कम करने
और मूतर् मार्ग की सु विधा को सु धारने में मदद कर सकते हैं । तु लसी का से वन पथरी की रोकथाम और
उपचार में एक पूरक उपाय के रूप में काम कर सकता है ।
04. ह्रदय:- तु लसी के पत्तों में मौजूद तत्वों के कारण वे ह्रदय स्वास्थ्य में मदद कर सकते हैं । तु लसी पत्तों
में प्रचु र मात्रा में विटामिन सी, एं टीऑक्सीडें ट् स, और फ्लावोनॉयड्स होते हैं जो हृदय के लिए गु णकारी

होते हैं । इन तत्वों की मौजूदगी मधु मेह, हाई ब्लड प्रेशर और ह्रदय सं बंधित बीमारियों के खतरे को कम
कर सकती है ।
05. थकान:- तु लसी के पत्तों में मौजूद विशे ष गु ण थकान को कम करने में मदद कर सकते हैं । तु लसी में पाए
जाने वाले विटामिन, माइनरल्स, और विटामिन सी थकान और थकाने के लक्षणों को कम करने में सहायक
हो सकते हैं । इसके अलावा, तु लसी का से वन मानसिक तनाव को कम करके शां ति और सु खद आत्मस्थिति
को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है ।
06. सं क्रमण:- तु लसी के पत्तों में पाए जाने वाले एं टीबै क्टीरियल और एं टीवायरल गु ण सं क्रमण को कम
करने में मदद कर सकते हैं । तु लसी में प्रचु र मात्रा में तत्वों के कारण यह रोगाणु ओं के खिलाफ लड़ने और
सं क्रमण को नष्ट करने में सक्षम होती है । तु लसी का से वन सं क्रमण से बचाव और सं क्रमणों के उपचार के
लिए एक प्राकृतिक विकल्प के रूप में प्रयोग किया जा सकता है ।
07. कोले स्ट् रॉल:- तु लसी के पत्तों में मौजूद तत्वों के कारण वे कोले स्ट् रॉल को नियं त्रित करने में मदद कर
सकते हैं । तु लसी में प्राकृतिक अं टीऑक्सीडें ट् स और नियं तर् क तत्व होते हैं , जो विषाणु ओं को नष्ट करके
शरीर में कोले स्ट् रॉल की मात्रा को कम करने में मदद कर सकते हैं । इसके अलावा, तु लसी के प्रयोग से
हृदय स्वास्थ्य को सु धारने में भी मदद मिल सकती है , जो कोले स्ट् रॉल के नियं तर् ण में महत्वपूर्ण होता है ।
08. मले रिया:- तु लसी के पत्तों में मौजूद एं टीमले रियल गु णों के कारण वे मले रिया में मदद कर सकते हैं ।
तु लसी पत्तों में पाए जाने वाले तत्व जै से कि ऑसीमारिन और ट् राइटे र्पे नॉयड्स, विषाणु ओं को नष्ट करके
मले रिया के लक्षणों को कम कर सकते हैं ।
09. त्वचा के रोगों:- तु लसी के पत्तों में मौजूद तत्वों के कारण वे त्वचा के रोगों में मदद कर सकते हैं ।
तु लसी में प्राकृतिक एं टीबै क्टीरियल, एं टीफंगल और एं टीइं फ्ले मेटरी गु ण होते हैं जो त्वचा के रोगों जै से
एक्ने , दाद, खु जली आदि को कम करने में सहायक हो सकते हैं । तु लसी के पत्तों का रस स्किन इं फेक्शन को
ठीक करने में भी मदद कर सकता है और त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में सहायता प्रदान कर
सकता है । तु लसी के प्रयोग के लिए त्वचा के रोगों के लिए स्थानीय उपचार या त्वचा की दे खभाल में
शामिल किया जाना चाहिए, ले किन गं भीर रोगों के लिए डॉक्टर सलाह ले ना भी आवश्यक है ।
10. कफ और सर्दी-जु काम:- तु लसी के पत्तों में मौजूद तत्वों के कारण वे कफ और सर्दी-जु काम में मदद कर
सकते हैं । तु लसी पत्तों में एं टीवायरल, एं टीबै क्टीरियल और एं टीइं फ्ले मेटरी गु ण होते हैं जो श्वासनली के
सं क्रमण को कम करने और खांसी और जु काम के लक्षणों को शांत करने में सहायक हो सकते हैं । तु लसी की
चाय, काढ़ा या स्वरस का से वन करने से श्वासनली की सं क्रमण से बचाव में मदद मिलती है और श्वासनली
की सु खी खांसी और जु काम को कम करने में भी सहायता प्रदान कर सकती है ।
11. खून की खराबी:- तु लसी के पत्तों में मौजूद तत्वों के कारण वे खून की खराबी (रक्ताल्पता) में मदद कर
सकते हैं । तु लसी में पाए जाने वाले एं टीऑक्सीडें ट् स और आयु र्वेदिक गु ण खून को शु द्ध करने , रक्ताल्पता
को कम करने और रक्त सं चरण को सु धारने में मदद कर सकते हैं । तु लसी के प्रयोग से रक्त में हे मोग्लोबिन
की मात्रा बढ़ सकती है और रक्त शोधक क्रिया को बढ़ावा दे सकती है । तु लसी का नियमित से वन खून की
क्षमता को बढ़ाकर रक्ताल्पता को कम करने और शारीरिक स्वास्थ्य को सु धारने में मदद कर सकता है ।
12. प्रतिरोधक समता:- तु लसी के पत्तों में मौजूद तत्वों के कारण वे प्रतिरोधक समता (इम्यूनिटी) में
मदद कर सकते हैं । तु लसी में प्राकृतिक एं टीबै क्टीरियल , एं टीवायरल और एं टीऑक्सीडें ट गु ण होते हैं , जो
शरीर के प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करने में सहायक हो सकते हैं । तु लसी का से वन इम्यून सिस्टम को
बढ़ावा दे ता है और रोगाणु ओं से लड़ने में सक्षम बनाता है । यह शरीर को सं क्रमणों से बचाने और विभिन्न
बीमारियों के खिलाफ सं रक्षण प्रदान करने में मदद कर सकता है ।

You might also like