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प्ररूप 7 आवेदन भरने के लिए मार्गदर्ग क लिद्ाां त

1. िाधारण अनुदेर् :

(क) आवे दन, ककसी कनववाचन क्षे त्र की कवद्यमवन कनववाचन नवमववली में रकिस्ट्र ीकृत कनववा चक द्ववरव ककयव िव सकतव है ;

(ख) यह आवे दन ककसी रकिस्ट्र ीकृत कनववा चन के सं बंध में कोई आक्षे प करने /ककसी कनववा चन क्षे त्र की कनववा चक नवमववली,
किसमें आवे दक स्वयं रकिस्ट्र ीकृत है , की कनववाचक नवमववली में प्रकवकि के प्रस्तवकवत सम्मिलन के सं बंध में आक्षे प करने
यव कनववा चक नवमववली से आवे दन के अपने नवम को हटवने के अनु रोध के कलए ककयव िव सकतव है ।

2. मद िां ख्ाां क 1 (आवे दक का नाम): आवे दक अपनव नवम, ईपीआईसी सं ख्वंक और अपनव/नवते दवर
(कपतव/मवतव/पकत/कवकधक सं रक्षक) की मोबवइल सं . उम्मिम्मखत करें ।

3. मद िांख्ाांक 2. (आक्षेप/नाम हटाने के आवेदन का लवकल्प): आवे दन को ककसी एक कवकल्प पर सही कव


कनशवन लगवनव होगव किनके कलए वह आवे दन करने कव आशय रखतव है । उसे नीचे उम्मिम्मखत कवरणों, िै से मृ त्यु के
कवरण, अवयस्क, अनुपम्मथिकत/थिवयी रूप से थिवनवं तरण, उसी थिवन यव ककसी अन्य थिवन पर पहले से ही कनववाचन
नवमववली में नवमवं ककत है , भवरतीय नवगररक नहीं है आकद, के ककसी एक कवकल्प पर सही कव कनशवन लगवनव होगव कक
उसके अनु सवर किस व्यम्मि के कवरुद्ध आक्षे प ककयव गयव है , वह कनववा चक नवमववली में सम्मिकलत ककए िवने के कलए क्ों
अकहा त नहीं है । आक्षे प यव नवम को हटवने के कलए कदए गए कवरणों हे तु सबू त कव भवर आवे दक पर होतव है ।

4. मद सं . 3 (ऐसे व्यम्मि के ब्यौरे किसके सं बंध में आक्षे प ककयव गयव है ) : आवे दक को ऐसे व्यम्मि कव नवम,
उपनवम, भवग सं ., क्रम सं . और ईपीआईसी सं . भरनी होगी किसके नवम को सम्मिकलत करने हे तु आक्षे प ककयव गयव है यव
किसके नवम को हटवनव इम्मित है । व्यम्मि के भवग सं , और क्रम सं . की www.nvsp.in यव मतदवतव हे ल्पलवइन ऐप से
खोि की िव सकती है ।

5. घोषणव : आवे दक को "घोषणव" करनी होगी कक आवे दन में वकणात तथ्य और कवकशियवं उसकी सवोतम
िवनकवरी और कवश्ववस के अनु सवर सही है । कृपया यह नोट करें लक घोषणा के लकिी भार् में लकया र्या कोई
लमथ्या कथन िोक प्रलतलनलधत्व अलधलनयम, 1950 (1950 का 43) की धारा 31 के अधीन ऐिे कारावाि िे
लििकी अवलध एक वषग तक की हो िकेर्ी या िुमाग ने िे , दोनोां िे , दां डनीय है ।

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