पेशवा-ए-दीं को कहते हैं इमाम वो रसूलुल्लाह का क़ाएम-मक़ाम है सहाबी दोस्त ख़ालिस नाब है जम्अ उस की याद रख असहाब है बंदगी का हाँ इबादत नाम है नेक-बख़्ती का सआ'दत नाम है खोलना इफ़्तार है और रोज़ा सौम लैल या'नी रात दिन और रोज़ यौम है सलात ऐ मेहरबाँ इस्म-ए-नमाज़ जिस के पढ़ने से हो राज़ी बे-नियाज़ जा-नमाज़ और फिर मुसल्ला है वही और सज्जादा भी गोया है वही इस्म वो है जिस को तुम कहते हो नाम का'बा मक्का वो जो है बैत-उल-हराम गिर्द फिरने को कहेंगे हम तवाफ़ बैठ रहना गोशे में है एतकाफ़ फिर फ़लक चर्ख़ और गर्दूं और सिपहर आसमाँ के नाम हैं ऐ रश्क-ए-मेहर महर सूरज चाँद को कहते हैं माह है मोहब्बत मेहर लाज़िम है निबाह ग़र्ब पच्छिम और पूरब शर्क़ है अब्र बदली और बिजली बर्क़ है आग का आतिश और आज़र नाम है और अंगारे का अख़गर नाम है तेग़ की हिन्दी अगर तलवार है फ़ारसी पगड़ी की भी दस्तार है नेवला रासू है और ताऊस मोर कब्क को हिन्दी में कहते हैं चकोर ख़ुम है मटका और ठिल्या है सुबू आब पानी बहर दरिया नहर जू चाह को कहते हैं हिन्दी में कु आँ दूद को हिन्दी में कहते हैं धुआँ दूध जो पीने का है वो शीर है तिफ़्ल लड़का और बूढ़ा पीर है सीना छाती दस्त हाथ और पा पाँव शाख़ टहनी बर्ग पत्ता साया छाँव माह चाँद अख़्तर हैं तारे रात शब दाँत दंदाँ होंट को कहते हैं लब उस्तुख़्वाँ हड्डी है और है पोस्त खाल सग है कु त्ता और गीदड़ है शग़ाल तिल को कुं जद और रुख़ का गाल कह गाल पर जो तिल हो उस को ख़ाल कह के कड़ा सरतान है कछवा संग-पुश्त साक़ पिंडली फ़ारसी मुट्ठी की मुश्त है शिकम पेट और बग़ल आग़ोश है कहनी आरनेज और कं धा दोष है हिन्दी में अक़रब का बिच्छू नाम है फ़ारसी में भौं का अबरू नाम है है वही कज़दम जिसे अक़रब कहें नीश है वो डंक जिस को सब कहें है लड़ाई हर्ब और जंग एक चीज़ कअब टख़ना और शतालंग एक चीज़ नाक बीनी पर्रा नथुना गोश कान कान की लौ नरमा है ऐ मेहरबान चश्म है आँख और मिज़्गाँ है पलक आँख की पुतली को कहिए मर्दुमक मुँह पे गर झुर्री पड़े आज़ंग जान फ़ारसी छींके की तो आवंग जान मस्सा आज़ख़ और छाला आबला और है दाई जनाई क़ाबला ऊँ ट उश्तुर और अशगर सियह है गोश्त है लहम और चर्बी पिया है है ज़नख़ ठोड़ी ज़क़न भी है वही ख़ाद है चील और ज़ग़न भी है वही फिर ग़लीवाज़ उस को कहिए जो है चील च्यूँटी है मोर और हाथी है फ़ील लोमड़ी रूबाह और आहू हिरन शम्स सूरज और शुआ' उस की किरन अस्प जब हिन्दी में घोड़ा नाम पाए ताज़ियाना क्यों न कू ड़ा नाम पाए गुर्बा बिल्ली मूश चूहा दाम जाल रिश्ता तागा जामा कपड़ा क़हत काल ख़र गधा और इस को कहते हैं उलाग़ देगदाँ चूल्हा जिसे कहिए उजाग़ हिन्दी चिड़िया फ़ारसी गुंजिश्क है मेंगनी जिस को कहें वो पिश्क है ताबा है भाई तवे की फ़ारसी और तीहू है लोई की फ़ारसी नाम मकड़ी का क़ल्लाश और अंकबूत कहते हैं मछली को माही और हूत पिश्शा मच्छर और मक्खी है मगस आशियाना घोंसला पिंजरा क़फ़स भेड़िया गुर्ग और बकरी गोसपंद मेश का है नाम भेड़ ऐ ख़ुद-पसंद नाम गुल का फू ल शबनम ओस है जिस को नक़्क़ारा कहें वो कू स है सक़्फ़ छत है संग पत्थर ईंट ख़िश्त जो बुरा है उस को हम कहते हैं ज़िश्त ख़ार काँटा दाग़ धब्बा नग़्मा राग सीम चाँदी मस है ताँबा बख़्त भाग ज़र है सोना और ज़र-गर है सुनार मौज़ के ला और ककड़ी है ख़यार रीश दाढ़ी मूछ सबलत और बुरूत अहमक़ और नादान को कहते हैं ऊत ज़िंदगानी है हयात और मर्ग मौत शवे ख़ाविंद और है अंबाग़ सौत जुमला सब और निस्फ़ आधा रुबअ' पाओ सरसर आँधी सेल नाला बाद बाव है जराहत और ज़ख़्म और घाव रीश भैंस को कहते हैं भाई गाव मेश हफ़्त सात और हश्त आठ और बस्त बीस सी अगर कहिए तो हिन्दी उस की तीस है चहल चालीस और पंजाह पचास ना-उमीदी यास और उम्मीद आस दोष कल की रात और इमरोज़ आज इर्द आटा और ग़ल्ला है अनाज चाहिए है माँ को मादर जानना और भाई को बरादर जानना फावड़ा बैल और दरांती वास है फ़ारसी काह और हिन्दी घास है सब्ज़ हो जब तक उसे कहिए गयाह ख़ुश्क हो जाती है तब कहते हैं काह चकसा पुड़िया कीसे का थैली है नाम फ़ारसी में धप्पे का सैली है नाम अख़लकनदो झुनजुना नेरो है ज़ोर बादफ़र फिरकी है और है दुज़्द चोर अंग्बीं शहद और असल ये ऐ अज़ीज़ नाम को हैं तीन पर है एक चीज़ आजिल और आरोग़ की हिन्दी डकार मय शराब और पीने वाला मय-गुसार रूई को कहते हैं पम्बा सुन रखो आम को कहते हैं अम्बा सुन रखो ख़ाना घर है और कोठा बाम है क़िला दज़ खाई का ख़ंदक़ नाम है है बिनौला पुम्बा-दाना ला-कलाम और तरबुज़squint हिन्द दाना ला-कलाम गर दरीचा फ़ारसी खिड़की की है सरज़निश भी फ़ारसी झिड़की की है है कहानी की फ़साना फ़ारसी और शो'ले की ज़बाना फ़ारसी ना'ल दर आतिश उसी का नाम है जो कि बेचैन और बे-आराम है पस्त और सत्तू को कहते हैं सवीक़ ज़र्फ और गहरे को कहते हैं अमीक़ तार ताना पौद बाना याद रख आज़मूदन आज़माना याद रख यूसा मच्छी चाहना है ख़्वास्तन कम है अंदक और घटाना कास्तन ख़ुश रहो हँसने को ख़नदीदन कहो गर डरो डरने को तरसीदन कहो है हरसीदन भी डरना क्यों डरो और जंगीदन है लड़ना क्यों लड़ो है गुज़रने की गुज़श्तन फ़ारसी और फिरने की है गशतन फ़ारसी वो सरोदन है जिसे गाना कहें है वो आवुर्दन जिसे लाना कहें ज़ीस्तन को जान-ए-मन जीना कहो और नोशीदन को तुम पीना कहो दौड़ने की फ़ारसी है ताख़तन खेलने की फ़ारसी है बाख़्तन दूख़तन सीना दरीदन फाड़ना काशतन बोना है रफ़तन झाड़ना काशतन बोना है और कशतन भी है कातने की फ़ारसी रशतन भी है है टपकने की चकीदन फ़ारसी और सुनने की शुनीदन फ़ारसी कू दना जस्तन बुरीदन काटना और यसीदन की हिन्दी चाटना देखना दीदन रमीदन भागना जान लो बेदार बूदन जागना आमदन आना बनाना साख़तन डालने की फ़ारसी अनदाख़तन सोख़्तन जलना चमकना ताफ़तन ढूँढना जुस्तन है पाना याफ़तन बाँधना बस्तन कु शादन खोलना दाशतन रखना है सख़तन तोलना तोलने को और सनजीदन कहो फिर ख़फ़ा होने को रनजीदन कहो फ़ारसी सोने को ख़ुफ़तन जानिए मुँह से कु छ कहने को गुफ़्तन जानिए खींचने की है कशीदन फ़ारसी और उगने की दमीदन फ़ारसी ऊँ घना पूछो ग़ुनूदन जान लो मांझना चाहो ज़दूदन जान लो है क़लम का फ़ारसी में ख़ामा नाम है ग़ज़ल का फ़ारसी में चामा नाम किस को कहते हैं ग़ज़ल इरशाद हो हाँ ग़ज़ल पढ़िए सबक़ गर याद हो सुब्ह से देखेंगे रस्ता यार का जुम'ए के दिन वा'दा है दीदार का वो चुरावे बाग़ में मेवा जिसे फाँद जाना याद हो दीवार का पुल ही पर से फे र लाए हम को लोग वर्ना था अपना इरादा पार का शहर में छड़ियों के मैले की है भीड़ आज आलम और है बाज़ार का लाल डिग्गी पर करेगा जा के क्या पुल पे चल है आज दिन इतवार का गर न डर जाओ तो दिखलाऊँ तुम्हें काट अपनी काठ की तलवार का वाह बे लड़के पढ़ी अच्छी ग़ज़ल शौक़ अभी से है तुझे अशआ'र का तो सुनो कल का सबक़ आ जाओ तुम पोज़ी अफ़्सार और दुमची पारदुम छलनी को ग़िर्बाल परवीज़न कहो छेद को तुम रख़्ना और रौज़न कहो चे के मा'नी क्या चगोयम क्या कहूँ मन शूम ख़ामोश मैं चुप हो रहूँ बाज़ ख़्वाहम रफ़्त मैं फिर जाऊँ गा नान ख़्वाहम ख़ुर्द रोटी खाऊँ गा फ़ारसी क्यों की चिरा है याद रख और घन्टाला दरा है याद रख दश्त सहरा और जंगल एक है फिर सह-शंबा और मंगल एक है जिस को नादाँ कहिए वो अंजान है फ़ारसी बैंगन की बाज़िनजान है जिस को कहते हैं जमाई फ़ाज़ा है जो है अंगड़ाई वही ख़म्याज़ा है यारह कहते हैं कड़े को हम से पूछ पाड़ है तालार इक आलम से पूछ जिस तरह गहने की ज़ेवर फ़ारसी उस तरह हँसुली की परगर फ़ारसी भिड़ की भाई फ़ारसी ज़ंबूर है दिसपना उनबर है और अंबूर है फ़ारसी आईना हिन्दी आरसी और है कं घे की शाना फ़ारसी हींग अंगूज़ा है और अर्ज़ीर राँग साज़ बाजा और है आवाज़ बाँग ज़ौजा जोरू यज़्ना बहनोई को जान ख़श्म ग़ुस्से और बद-ख़़ूई को जान लोहे को कहते हैं आहन और हदीद जो नई हो चीज़ उसे कहिए जदीद है नवा आवाज़ सामाँ और ओल नर्ख़ क़ीमत और बहा ये सब हैं मोल सीर लहसन तोरोब मूली तुरह साग खा बखू़र बरख़ेज़ उठ ब-गुरेज़ भाग रूई की पूनी का है पाग़ुनद नाम दोक तकले को कहेंगे ला-कलाम गेती और गीहाँ है दुनिया याद रख और है नद्दाफ़ धुनिया याद रख कोह को हिन्दी में कहते हैं पहाड़ फ़ारसी गुलख़न है और हिन्दी है भाड़ तकिया बालिश और बिछौना बिस्तरा अस्ल बिस्तर है समझ लो तुम ज़रा बिस्तरा बोलें सिपाही और फ़क़ीर वर्ना बिस्तर कहते हैं बरना-ओ-पीर पीर बूढ़ा और बर्ना है जवाँ जान को अलबत्ता कहते हैं रूवाँ ईंट के गारे का नाम आज़ंद है है नसीहत भी वही जो पंद है पंद को अंदर्ज़ भी कहते हैं हाँ अर्ज़ है पर मर्ज़ भी कहते हैं हाँ क्या है अर्ज़ और मर्ज़ तुम समझे ज़मीं उनुक़ गर्दन और पेशानी जबीं आस चुकी आसिया मशहूर है और फ़ौफ़ल छालिया मशहूर है बाँसुली नय और जलाजिल झाँझ है फिर सतरवन और अक़ीमा बाँझ है कु हल सुर्मा और सलाई मील है जिस को झोली कहिए वो ज़म्बील है पाया क़ादिर नामे ने आज इख़्तिताम इक ग़ज़ल तुम और पढ़ लो वस्सलाम शेर के पढ़ने में कु छ हासिल नहीं मानता लेकिन हमारा दिल नहीं इल्म से ही क़दर है इंसान की है वही इंसान जो जाहिल नहीं क्या कहें खाई है हाफ़िज़ जी की मार आज हँसते आप जो खिल-खिल नहीं किस तरह पढ़ते हो रुक रुक कर सबक़ ऐसे पढ़ने का तो मैं क़ाइल नहीं जिस ने क़ादिर नामा सारा पढ़ लिया उस को आमद नामा कु छ मुश्किल नहीं