Professional Documents
Culture Documents
Vastu Maestro Remedies Ebook Part 1
Vastu Maestro Remedies Ebook Part 1
प्रतीक
भाग 1
गर्ेश जी
जैस की हम सभी ज नते हैं की हर अच्िे क म की शरुु आत
गर्ेश जी के आशीव णद से की ज ती है तो आइये सबसे
पहले गर्ेश जी के प्रतीक त्मक रूप को ज न लेते हैं | गर्ेश
जी क मततक क फी बड़ है। अांग छवज्ञ न के अनसु र बड़े
छसर व ले व्यछक्त नेतत्ृ व करने में योग्य होते हैं। इनकी बछु ि
कुश ग्र होती है। गर्ेश जी क बड़ छसर यह भी ज्ञ न देत है
छक अपनी सोच को बड़ बन ए रखन च छहए। गर्ेश जी के
क न सपू जैसे बड़े हैं इसछलए इन्हें गजकर्ण एवां सपू कर्ण भी कह ज त है। अगां छवज्ञ न के
अनसु र लबां े क न व ले व्यछक्त भ ग्यश ली और दीघ णयु होते हैं। गर्ेश जी के लांबे क नों क
एक रहतय यह भी है छक वह सबकी सनु ते हैं छफर अपनी बछु ि और छववेक से छनर्णय लेते हैं।
बड़े क न हमेश चौकन्न रहने के भी सक ां े त देते हैं। गर्ेश जी के सपू जैसे क न से यह छशक्ष
छमलती है छक जैसे सपू बरु ी चीजों को ि ांटकर अलग कर देत है उसी तरह जो भी बरु ी ब तें
Click Here To Join
Facebook Group
आपके क न तक पहुचां ती हैं उसे ब हर ही िोड़ दें। बरु ी ब तों को अपने अदां र न आने दें। जब
आपको नए छवच र च छहए हो, नई अतां दृणछि च छहए हो, नई सोच च छहए हो । जब छज़न्दगी में
कोई परे श नी स मने आए और आपको अपने छवच र क द यर बड़ करने की ज़रूरत लगे,
तब गर्पछत आपको एक त क़त देते हैं, आपमें एक यक़ीन-छवशव स पैद करते हैं।जो ज्ञ न
आपके प स हो वो कोई फै सल लेने के छलए कम पड़ रह हो तो उस समय में यछद उत्तर-पवू ण में
गर्ेश जी लग छदए ज ए तो उससे आपके सोचने-समझने क द यर बढ़ ज त है । वो आपको
दरू अनदेशी दे देते हैं।
स्वाक्तस्तक एवां ओक
ां ाि
सूयय (SUN)
लाल बफब
दछक्षर् पवू ण अछग्न की छदश है और स थ ही स थ यह धन के प्रव ह की भी छदश है
| यह छदश महत्वपर्ू ण इसछलए है क्योंछक इस छदश क सबां ांध हर शभु क यण के स थ
जड़ु है | अछग्न तत्व के असतां ल
ु न की वजह से शभु क यों में देरी होती है तथ क यण
१२ लाल घोड़े
शतिांज की क्तबसात
शतरांज एक ऐस खेल है जह ां पर
छखल ड़ी हमेश अपने प्रछतद्वांदी छखल ड़ी
से आगे की सोचने की कोछशश करत
है और वह ऐसी च ल चलत है छजससे
भछवष्य के पररर् म बेहतर, य नी छक
े ी क खेल है | छकसी भी
यह दरू ां दश
क यण में ल भ तभी सभां व हो प त है जब हम उसमें भछवष्य के ब रे में सोचें य
भछवष्य में आने व ली चनु ौछतय ां क ख्य ल रखकर छनर्णय ले| अगर आपको लगत है
छक आपकी प्रछतभ और प्रदशणन आपके कौशल के अनसु र आपको पररर् म नहीं दे
रहे हैं तो छफर आप शतरांज को पछिम छदश में रखें इससे आपकी प्रछतभ में छनख र
आएग और आप क प्रदशणन भी आगे बढ़ेग | छजस तरह शतरांज में सही वक्त पर
सही च ल से ही ल भ होत है उसी तरह आप भी अपनी छतकल क सही समय पर
सही तरीके से इततेम ल कर प एगां े छजससे आप क मनोबल बढ़ेग | छजस तरह
शतरांज के अांदर छखल ड़ी छकसी भी मोहरे क नकु स न होने पर अपन मनोबल छगरने
Click Here To Join
Facebook Group
नहीं देत बछल्क पहले की अपेक्ष और भी सजग होकर खेलन शरुु कर देत है उसी
तरह से आप भी अपने जीवन में अपने व्यवस य में छकसी भी समतय के आने के
ब द पहले की अपेक्ष और भी ज्य द सजग होकर छतथछत को क बू में ले आएगां े |
छजन लोगों के बच्चे प्रोफे शनल तटडीज कर रहे हैं उनको भी पछिम छदश में शतरांज
को रखने से अच्िे पररर् म छमलते हैं |
अपनी ल भ और नई अफसरों को बढ़ ने के छलए पछिम में शतरांज के स थ-स थ
उत्तर छदश में एक हररय ली क दृश्य लग एां |
अशोका स्तांभ
क्तपिाक्तमड
कछुआ