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Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ कक्षा 9 विज्ञान नोट्स
Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ कक्षा 9 विज्ञान नोट्स
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प्राचीन दार्थवनक -
प्राचीन दार्थजनक महजषथ कणाद के अनुसार "पदाथथ छोटे-छोटे कणों से जमलकर बना होता है।"
प्रयोर्ग -हम एक बीकर लेते है, जिसे िल से भर देते है। अब उसमें कांच की छड की सहायता से नमक या र्कथ रा डाल देते है, तब
हमने देखा िल के स्तर पर िहां जनर्ान अंजकत था उसमें बदलाव आता है अथाथत् हम कह सकते है जक पदाथथ कणों से जनजमथत होता
है।• पदाथथ के कण अजतसक्ष्ू म होते है -
• पदाथथ के कणों का आकार बहुत सक्ष्ू म होता है।
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उदाहरण - पौटेजर्यम परमैंर्गनेट का िल में जवलय
प्रयोग - पौटेजर्यम परमैंर्गनेट का एक छोटे कण को यजद एक जर्गलास पानी में डालने पर परू े जर्गलास का पानी रंर्गीन हो िाता है
अथाथत् एक छोटा कण जर्गलास में पानी के जितने कण है, उतने भार्गों में जवभाजित हो िाता है और सभी कणों के साथ जमल िाता
है तो हम कह सकते है जक पदाथथ के कण अजत सक्ष्ू म होते है।
पदार्थ की अिस्र्ाएं
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2. द्रव
3. र्गैस
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संपीड्यता नर्गण्य ठोस से अजधक व र्गैस से कम सवाथजधक
अिस्र्ा पररितथन
तापमान का प्रभाि -
ताप देने से कणों की र्गजति ऊिाथ बढ िाती है। ठोस को ताप देने पर कण अजधक तेिी से कंपन करते लर्गते है। ऊष्मा के द्वारा प्रदत्त
की र्गई ऊिाथ कणों के बीच के आकषथण बल को पार कर लेती है। इस कारण कण अपने जनयत स्थान को छोड़कर अजधक स्वतंि
होकर र्गजत करने लर्गते है। एक अवस्था ऐसी आती है जिसमें ठोस जपघलकर द्रव बन िाता है।
गिनांक -
वह ताप जिस पर ठोस जपघलकर द्रव बन िाता है उसे पदाथथ का र्गलनांक कहते है। बर्थ का र्गलनांक 273.16 K है।
सगं िन -
र्गलने की प्रजिया अथाथत् ठोस से द्रव अवस्था में पररवतथन को संर्गलन कहते है।
एक वायमु ंडलीय दाब पर एक जकलोग्राम ठोस को उसके र्गलनांक पर द्रव में बदलने के जलए जितनी ऊष्मीय ऊिाथ की
आवश्यकता होती है उसे संर्गलन की प्रसप्तु ऊष्मा या र्गप्तु ऊष्मा (एन्थैल्पी) कहते है।
लिर्नांक -
द्रव को ताप देने पर कणों की र्गजति ऊिाथ बढने से र्गैस में बदलते है। वह तापमान जिस पर द्रव, र्गैस में बदलता है उसे क्वथनाक
ं
कहते है। उदा. िल का क्वथनाक ं 100°C या 373 K
एक वायमु ण्डलीय दाब पर एक जकलोग्राम द्रव को उसके क्वथनांक पर वाष्प में बदलने के जलए जितनी ऊष्मीय ऊिाथ की
आवश्यकता होती है उसे वाष्पन की प्रसप्तु ऊष्मा या र्गप्तु ा ऊष्मा (एंथैल्पी) कहते है।
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2. दाब पररितथन का प्रभाि -
दाब लर्गाने पर र्गैस के कण समीप आते है। इनके मध्य दरू ी घटने पर र्गैस अवस्था द्रव में बदल िाती है। परन्तु अत्यजधक दाब
लर्गाकर द्रव को ठोस नहीं बना सकते हैं क्योंजक द्रव में सपं ीड्यता अत्यन्त कम होती है।
वाष्पीकरण - क्वथनांक से कम तापमान पर द्रव के वाष्प में पररवजतथत होने की इस प्रजिया को वाष्पीकरण कहते है।
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1. सतह क्षेत्र बढने पर - वाष्पीकरण एक सतही प्रजिया है, सतह बढने से वाष्पीकरण की दर बढ िाती है। ऐसा इसजलए होता है
क्योंजक वाष्पीकरण के दौरान अजधक सतह जमलने से पदाथथ के कणों को आस-पास से अजधक ऊष्मा अवर्ोजषत करने के जलए
जमलता है जिससे कणों की र्गजति ऊिाथ बढ िाती है।
उदा. कपड़े सख ु ाने के जलए र्ै ला देते है।
2. तापमान में िृवि - तापमान बढाने पर कणों को अजधक से अजधक र्गजति ऊिाथ जमलती है जिससे वाष्पीकरण की दर बढ
िाती है।
3. आद्रथता में कमी - वायु में उपजस्थत िल वाष्प की मािा को आद्रथता कहते है। वायु में उपजस्थत िलवाष्प के कणों की मािा
ऊष्मीय ऊिाथ को कम करती है। जिससे वाष्पीकरण की दर घट िाती है।
4. िायु की गवत में िवृ ि - वायु के तेि होने से िलवाष्प के कण तेिी से वायु के साथ उड िाते है जिससे आस-पास के
िलवाष्प की मािा घट िाती है और वाष्पीकण आसानी से होने लर्गता है।
िाष्पीकरण के कारण र्ीतिता - वाष्पीकरण के दौरान द्रव जनरन्तर अपनी ऊिाथ को वाष्पीकृ त करता है। वाष्पीकरण के दौरान
कम हुई ऊिाथ को पनु : प्राप्त करने के जलए द्रव के कण अपने आस-पास से ऊिाथ अवर्ोजषत कर लेते है। इस तरह आस-पास से
ऊिाथ के अवर्ोजषत होने के कारण र्ीतलता आ िाती है।
उदाहरण -
❖
❖ उत्तर:- 25°C
के जल्वन में ताप = (25+273) K = 298 K
❖ 373°C
के जल्वन में ताप = (373 + 273) K = 646 K
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❖ 3. वनम्नविवित अििोकनों हेतु कारण वििें-
(a) नेफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदाथथ छोडे जबना अदृश्य हो िाती है
(b) हमें इि की र्गंध बहुत दरु बैठे हुए भी पहुच िाती है
❖ उत्तर:- (a) नेफ्थलीन उध्वथपातन का उदाहरण है अथाथत ठोस अवस्था से जबना द्रव में बदले र्गैसीय अवस्था में पररवजतथत हो िाता हे इस जिया
को उध्वथपातन कहते है
❖ (b) इि के कण हवा के कणों के साथ जमलकर चारों तरर् र्ै ल िाते है इि के कणों के इस तरह र्ै लने के कारण कुछ दरू ी पर बैठे होने पर भी
हम इसकी र्गंध प्राप्त कर लेते है।
❖ 4. वनम्नविवित पदार्ों को उनके कणों के बीच बढते हुए आकषथण के अनुसार व्यिवस्र्त करें-
(a) जि (b) चीनी (c)ऑलसीजन
उत्तर:- ऑक्सीिन < िल < चीनी
अन्तराजण्वक आकषथण बल सबसे कम र्गैस में उससे अजधक द्रव में सबसे अजधक ठोस में होता है अत: यह ऑक्सीिन में सबसे कम जर्र िल
में तथा सवाथजधक चीनी में होर्गा
❖ 5. वनम्नविवित तापमानों पर जि की भौवतक अिस्र्ा लया है।
❖
❖ उत्तर:- A- संर्गलन B- वाष्पन C- संघनन
D- िमना E- ऊधथपातन F-जनपेक्षण
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