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श्रीकालभैरवाष्टकम्

अङ्गसुन्दरत्वनिंदिताङ्गगतवैभवं
भृङ्गसर्वगर्वाहरिदेहकान्तिशोभितम्।
मंगलौघदानदक्षपादपद्मसंस्मृतिं
शृङ्गशैलवासिनं नमामि कालभैरवम् ॥ ॥
पादानमृमुलोकवाक्पाददीक्षितं
वेदवेद्यमिशमोद्वारधिशुभ्रदिधितिम्।
आड्रेण देवताभिर्र्चिताङ्घृपङ्कजं
शृङ्गशैलवासिनं नमामि कालभैरवम् ॥ 2॥
अम्बुजक्षमिन्दुवक्त्रमिन्दरेशनायकं
कम्बुकान्तमिष्टदानधूत्कल्पपादपम्।
अम्बरादिभूतरूपमम्बरायताम्बरं
शृङ्गशैलवासिनं नमामि कालभैरवम् ॥ 3॥
मन्दभाग्यमाप्रियं सुरेंद्रतुल्यवैभवं
सुन्दरं च कामतोऽपि संविधाय संततम्।
पलयन्तमात्मजत्मादरात् पिता यथा
शृङ्गशैलवासिनं नमामि कालभैरवम् ॥ 4॥
नम्रकष्टनाशदक्षमष्टसिद्धिदायकं
काम्रहाशोभितुण्डमच्छगण्डदर्पणम्।
कु न्दपुष्पमानचोरदन्तकान्तिभासुरं
शृङ्गशैलवासिनं नमामि कालभैरवम् ॥ 5॥
काशीदिव्यादेशवासलोलमानसं
पशिवायुकिन्नरेशमुख्यदिग्घवर्चितम्।
नाशिताघवृन्दमङ्घृण्म्रलोकयोगदं
शृङ्गशैलवासिनं नमामि कालभैरवम् ॥ 6॥
सारमागमस्य तुङ्गासारमेयवाहनं
दारितान्तरान्ध्यमाशु नैजमन्त्रजापिनाम्।
पूरिताखिलेष्टमष्टमूर्तिदेहसम्भवं
शृङ्गशैलवासिनं नमामि कालभैरवम् ॥ 7॥
कालभीतिवरणं कपालपानिशोभितं
खण्डितामररिमिन्दुबालशोभिमस्तकम्।
चण्डबुद्धिदानदक्षततमशासनिनं
शृङ्गशैलवासिनं नमामि कालभैरवम् ॥ 8॥
इति शृङ्गेरि श्रीजगद्गुरु श्रीसच्चिदानंदशिवभिन्वनृसिंह-
भारतीस्वामीभिः विरचितं श्रीकालभैरवाष्टकं सम्पूर्णम्।
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% पाठ शीर्षक: कालभैरव अष्टकम2
% फ़ाइल का नाम: kAlabairavASHTakam.itx
% आईटीएक्सशीर्षक: कालभैरवअष्टकम 2 (शिवअभिनवंऋषिमहाभारतइविरचितम् अंगसुन्दरत्वनिन्दितंगा)
% संलग्नशीर्षक: कालभैरवअष्टकम्2
% श्रेणी: शिव, सच्चिदानंद-शिवअभिनव-नृसीमहाभारती, अष्टक
% स्थान: doc_shiva
% उपस्थान: शिव
% लेखक: सच्चिदानंद शिवाभिनव नृसिंह भारती स्वामीगल
% भाषा: संस्कृ त
% विषय: दर्शन/हिन्दू धर्म/धर्म
% प्रूफ़रीड लेखक: PSA ईश्वरन psawaswaran gmail.com पर
% इंडेक्सएक्स्ट्रा : (स्कै न 1 , 2 )
% नवीनतम अपडेट: 9 नवंबर, 2018
% सुधार यहां भेजें :Sanskrit@cheerful.com
% साइट एक्सेस: https://sanskritdocuments.org

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