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CLASS NOTES
Paper 1
Higher Education
Lecture – 7
Education: Professional & Skill Based
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The Ministry of Education (MoE) is further divided into two departments: the Department of
School Education and Literacy, which deals with primary, secondary and higher secondary
education, adult education and literacy, and the Department of Higher Education, which deals
with university-level education, technical education, and scholarships.
University Grants Commission (UGC) is the nodal agency that governs the funds, grants and
sets standards for teaching, examination, and research in Universities.
All India Council for Technical Education (AICTE) acts as the regulatory body for Technical
Education in India. The Directorate of General Employment & Training (DGET) is the nodal
institution for vocational training. It works under the Ministry of Labor and Employment.
DGET is the body that formulates policies, grants affiliations and provides certification. It all
deals with all the matters that are related to vocational training.
Technical Education
• The First engineering college was established in Uttar Pradesh in 1847 for training of civil
engineers at Roorkee.
• Three engineering colleges were opened by about 1856 in three presidencies, namely Calcutta,
Bombay and Madras.
• College of Engineering and Technology at Jadavpur, by the Moderates.
• University of Banaras was set up with the efforts of Pandit Madan Mohan Malaviya (1917).
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Regulating Body:
All India Council for Technical Education (AICTE) was set up in November 1945 as a
nationallevel Apex Advisory Body to conduct a survey on the facilities available for technical
education and to promote development in the country in a coordinated and integrated manner.
In the year 1987, it was given statutory status by an act of Parliament. It grants approval for
starting new technical institutions for the introduction of new courses.
It has its headquarters in New Delhi and has secretariats of regional Committees in the eight
regions located at Kolkata, Chennai, Kanpur, Mumbai, Chandigarh, Bhopal, Bangalore and
Hyderabad (2007).
POLICY FRAMEWORK
• Key Bodies: Ministry of Skill Development & Entrepreneurship, MoE, Other ministries.
• Enablers: Labour Laws, Minimum Wages Act, Financial Institutions, Apprenticeship Act.
• Implementing bodies: ITIs, Training Providers, Training by Employers, Schools, Universities.
• Beneficiaries: Marginalised societies, Unemployed youth, Low-income Group, School &
College Students.
The Nodal Bodies of Skill Development in India: The following bodies govern the skill-based
development –
1. Ministry of Skill Development and Entrepreneurship: It was announced by Prime Minister
Narendra Modi in November 2014. It brings together all the other ministries to work in unity.
2. MoE: Governs the polytechnic institutions and is involved in the scheme of Apprenticeship
Training. This body introduced Vocational Training after 9th grade.
3. Central Ministries: The 21 Ministries of the central government work on the purpose of skill
development. They adopt sectors from the public-private partnership.
4. National Skill Development Corporation (NSDC): This is a public-private partnership under
the National Skill Policy. It works to upgrade the standards, support private sectors and
prioritize the catalytic initiatives. Its flagship programme: STAR (Standard Training and
Reward) and UDAAN(for the youth of J&K to get them involved in the mainstream workforce
by providing training and employment opportunities by tying up with leading corporate entities
of India.
5. Sector Skill Councils: They are funded by the NSDC to bring the key stakeholders together.
6. NCVT, SCVT and Quality Council of India: These bodies ensure the uniformity of standards
in all the institutions across the country. This was set up in 1956.
7. Industrial Training Institutes: These institutes focus on specializing skills and providing high-
end skill sets and training. The DGET governs the ITI sectors.
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एक पेशेवि (वृयिक) रिग्री िुवाओ ं को ववशशष्ट क्षेत्रों में करििि (आजीववका) के ललए सक्षम बनाती है।
व्यावसायिक शशक्षा एक पेशेवि स्कूल में ववशेष प्रशशक्षण के ललए एक औपचारिक उपागम है शजसके
द्वािा सहभागी पाठ्यवस्तु से ज्ञान अशजि त किते हैं औि तकनीकों के अनुप्रिोग किना सीखते हैं।
व्यावसायिक पाठ्यक्रम के सफल समापन पि, छात्र को प्रमाण प्रदान वकिा जाता है िा व्यावसायिक
रिग्री प्रदान की जाती है। प्रमाणन प्राप्त किने के ललए व्यावहारिक अनुभव से िुक्त इं टननशशप पाठ्यक्रम
के एक घटक के रूप में की जाती है।
पेशा/वृयि एक ऐसा जॉब िा कािन होता है शजसे ववशेष प्रशशक्षण औि उच्च-स्तिीि शशक्षा के बाद वकिा
जा सकता है।
पेशेवि िा वृयिक ऐसे लोगों का एक समूह है जो वकसी ववशेष पेशे को किने के ललए प्रमाशणत होते हैं।
व्यावसायिकता िा वृतीक दक्षता में ववशेषज्ञता औि नैवतक शसद्ांत शालमल हैं जो एक ववशशष्ट व्यवसाि
में लनरहत होते हैं।
1. भाित में व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रदान किने वाले संस्थानों की संख्या में वृद्धद् हुई है। प्रथम,
केवल सावनजलनक क्षेत्र ही व्यावसायिक पाठ्यक्रम अपनािा जाता था। आजकल प्राइवेट (लनजी)
संस्थान भी प्रोफेशनल कोसन (व्यावसायिक पाठ्यक्रम) प्रदान किने संललप्त हैं।
2. व्यावसायिक शशक्षा में ववववधता एवं वैववध्य से व्यावसायिक शशक्षा का प्रसाि हुआ है। जैव
प्रौद्योयगकी, रिशजटल माकेरटिंगम, आदद जैसे नए पाठ्यक्रम जो ववकशसत हुए हैं, जो इस तिह के
पाठ्यक्रम के प्रसाि का एक कािण है।
3. मरहलाएं भी बडी संख्या में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में नामांकन किाती हैं, िह इस प्रकाि के
पाठ्यक्रम के प्रसाि का मुख्य कािण है।
ववश्वववद्यालि अनुदान आिोग लनजी संस्थानों को व्यावसायिक शशक्षा प्रदान किने के ललए प्रोत्सारहत
किता है। व्यावसायिक परिषदें पाठ्यक्रमों की मान्यता, व्यावसायिक संस्थानों को बढावा देने औि
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स्नातक कािनक्रमों औि ववलभन्न पुिस्कािों के ललए अनुदान प्रदान किने के ललए उििदाई होते हैं।
वैधालनक व्यावसायिक परिषद लनम्न हैं:
2. संबद् ववषिों के साथ कृवष शशक्षा को पुनजीववत वकिा जाएगा। सामान्य शशक्षा के साथ
एकीकृत कािनक्रमों के माध्यम से कृवष औि पशु यचवकत्सा ववज्ञान में पेशेविों की संख्या बढाई
जाएगी।
3. न्याि की व्यापक पहुंच औि समि पि रिलीविी के ललए कानूनी शशक्षा को ववश्व स्ति पि
प्रवतस्पधी होने, सवोिम प्रथाओ ं को अपनाने औि नई प्रौद्योयगवकिों को अपनाने की
आवश्यकता है।
4. स्वास्थ्य देखभाल शशक्षा का एकीकिण - एलोपैलथक यचवकत्सा शशक्षा के सभी छात्रों को आिुवेद,
िोग औि प्राकृवतक यचवकत्सा, िूनानी, शसद् औि होम्योपैथी (आिुष) औि इसके ववपिीत की
बुलनिादी समझ होनी चारहए।
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कौशल-आधारित शशक्षा में छात्रों को व्यावहारिक ववशेषज्ञता औि क्षमताओ ं का अंतिण शालमल है।
लनिोक्ता मुख्य रूप से ऐसे व्ययक्तिों की तलाश किते हैं शजनके पास मजबूत संचाि कौशल, समस्या
सुलझाने की क्षमता औि टीम सेरटिंग में प्रभावी ढं ग से सहिोग किने की क्षमता हो। नेतृत्व कौशल का
होना औि दूसिों को प्रेरित किने की क्षमता वकसी भी व्ययक्त के ललए महत्वपूणन गुण हैं।
भाित में कौशल ववकास पारिस्थस्थवतकी तंत्र जरटल, बडा औि ववववध है। िह एक ववषम आबादी के ललए
ववलभन्न स्ति के कौशल प्रदान किता है। भाित में कौशल-आधारित शशक्षा को दो व्यापक वगों में
ववभाशजत वकिा गिा है:
1. शशक्षा औि
2. व्यावसायिक प्रशशक्षण
शशक्षा मंत्रालि ( MoE ) को आगे दो ववभागों में ववभाशजत वकिा गिा है: स्कूल शशक्षा औि साक्षिता
ववभाग, जो प्राथलमक, माध्यलमक औि उच्च माध्यलमक शशक्षा, विस्क शशक्षा औि साक्षिता से संबंयधत है,
औि उच्च शशक्षा ववभाग, जो ववश्वववद्यालि से संबंयधत है- स्तिीि शशक्षा, तकनीकी शशक्षा औि छात्रवृयििााँ।
ववश्वववद्यालिों में शशक्षण, पिीक्षा औि अनुसंधान के ललए धन, अनुदान को लनिंवत्रत किती है औि
मानक लनधानरित किती है।
अखखल भाितीि तकनीकी शशक्षा परिषद (AICTE) भाित में तकनीकी शशक्षा के ललए लनिामक लनकाि
के रूप में कािन किती है। िोजगाि एवं प्रशशक्षण महालनदेशालि (DGET) व्यावसायिक प्रशशक्षण के ललए
नोिल संस्थान है। िह श्रम एवं िोजगाि मंत्रालि के अंतगनत कािन किता है।
िीजीईटी (DGET) एक शासी इकाई है जो नीवतिां तैिाि किने, संबद्ता प्रदान किने औि प्रमाणपत्र
जािी किने के ललए शजम्मेदाि है। इसमें व्यावसायिक प्रशशक्षण से संबंयधत सभी पहलु ओ ं को शालमल
वकिा गिा है।
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तकनीकी शशक्षा
● उिि प्रदेश में पहला इं जीलनिरििं ग कॉले ज 1847 में शसववल इं जीलनििों के प्रशशक्षण के ललए
रूडकी में स्थावपत वकिा गिा था।
● लगभग 1856 तक तीन प्रेसीिेंसी, अथानत् कलकिा, बॉम्बे औि मद्रास में तीन इं जीलनिरििं ग
कॉले ज खोले गए थे ।
● जादवपुि में इं जीलनिरििं ग औि प्रौद्योयगकी कॉले ज की स्थापना निमपंलथिों द्वािा की गई थी।
● बनािस ववश्वववद्यालि की स्थापना(1917)पंरित मदन मोहन मालवीि के प्रिासों से की गई थी।
● 1930 के दशक में शशबपुि में बंगाल इं जीलनिरििं ग कॉले ज की स्थापना की गई थी।
लनिामक संस्था:
अखखल भाितीि तकनीकी शशक्षा परिषद (AICTE) की स्थापना नवंबि 1945 में िाष्ट्रीि स्ति की सवोच्च
सलाहकाि संस्था के रूप में सेवा किने के उद्देश्य से हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य मौजूदा तकनीकी शशक्षा
सुववधाओ ं का व्यापक मूल्ांकन किना औि देश भि में समन्वित औि एकीकृत ववकास की सुववधा
प्रदान किना था।
वषन 1987 में संसद के एक अयधलनिम द्वािा इसे वैधालनक दजान प्रदान ददिा गिा। िह नए पाठ्यक्रमों के
कािानििन के ललए नए तकनीकी संस्थान स्थावपत किने का अयधकाि प्रदान किता है।
इसका मुख्यालि नई ददल्ली में है औि कोलकाता, चेन्नई, कानपुि, मुंबई, चंिीगढ, भोपाल, बैंगलोि
औि हैदिाबाद (2007) में स्थस्थत आठ क्षेत्रों में क्षेत्रीि सलमवतिों के सयचवालि स्थस्थत हैं।
नीवतगत रूपिेखा
सभी प्रशशक्षुता कािनक्रम इस अयधलनिम द्वािा शाशसत होते हैं। प्रशशक्षण िोजना श्रम एवं िोजगाि तथा
मानव संसाधन ववकास द्वािा वक्रिान्वित की जाती है। िह सुलनलित किता है वक लनिोक्ताओ ं को उनके
वास्तववक कािन वाताविण से पहले पिानप्त अनुभव लमले ।
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इसका उद्देश्य कौशल-आधारित ववकास की ववलभन्न चुनौवतिों का समाधान किके िणनीवत तैिाि
किना था। इस नीवत ने हमािे देश में कौशल से संबंयधत सभी गवतववयधिों के ललए एक छत्र ढांचा प्रदान
वकिा है। िह हमें हमािे देश में वकए गए कौशल ववकास प्रिासों के बािे में भी ववविण देता है।
िह कौशल ववकास औि उद्यलमता मंत्रालि (MSDE) की प्रमुख िोजना है। इस कौशल प्रमाणन िोजना
का उद्देश्य बडी संख्या में भाितीि िुवाओ ं को उद्योग-ववशशष्ट कौशल प्रशशक्षण ले ने में सक्षम बनाना औि
उनके ललए आजीववका सुलनलित किना है।
इस ढांचे को 27 ददसंबि 2013 को अयधसूयचत वकिा गिा था। इसका उद्देश्य उच्च स्ति की क्षैवतज औि
ऊर्ध्ानधि गवतशीलता के साथ एक मानकीकृत कुशल कािनबल बनाना है। िह एक िोग्यता-आधारित
रूपिेखा है। िह ज्ञान, कौशल औि िोग्यता के स्तिों की एक श्रृंखला के अनुसाि सभी िोग्यताओ ं को
व्यवस्थस्थत किने में मदद किता है। एनएसक्यूएफ (NSQF) के अंतगनत, शशक्षाथी िोग्यता के ललए प्रमाण
पत्र प्राप्त कि सकता है।
भाित में कौशल ववकास के नोिल लनकाि: लनम्नललखखत लनकाि कौशल-आधारित ववकास को
लनिंवत्रत किते हैं -
1. कौशल ववकास औि उद्यलमता मंत्रालि: इसकी घोषणा प्रधान मंत्री निेंद्र मोदी ने नवंबि 2014 में
की थी। िह अन्य सभी मंत्रालिों को समन्वित होकि कािन किने हेतु एक साथ मंच पि लाता
है।
2. एमओई (MoE): िह पॉललटे क्निक संस्थानों को लनिंवत्रत किता है औि प्रशशक्षुता प्रशशक्षण
िोजना में शालमल है। इस संस्था ने 9वीं कक्षा के बाद व्यावसायिक प्रशशक्षण की शुरुआत की।
3. केंद्रीि मंत्रालि: केंद्र सिकाि के 21 मंत्रालि कौशल ववकास के उद्देश्य पि काम किते हैं। वे
सावनजलनक-लनजी भागीदािी से क्षेत्रों को अपनाते हैं।
4. िाष्ट्रीि कौशल ववकास लनगम (NSDC): िह िाष्ट्रीि कौशल नीवत के तहत एक सावनजलनक-
लनजी भागीदािी है। िह मानकों को उन्नत किने, लनजी क्षेत्रों को समथनन देने औि उत्प्रेिक पहलों
को प्राथलमकता देने के ललए काम किता है। इसका प्रमुख कािनक्रम: स्टाि-STAR (मानक
प्रशशक्षण औि पुिस्काि) औि उडान - UDAAN ( जम्मू-कश्मीि के िुवाओ ं के ललए भाित की
अग्रणी कॉपोिेट संस्थाओ ं के साथ गठजोड किके प्रशशक्षण औि िोजगाि के अवसि प्रदान किके
उन्हें मुख्यधािा के कािनबल में शालमल किना।
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5. सेक्टि कौशल परिषद: प्रमुख रहतधािकों को एक साथ लाने के ललए इन्हें एनएसिीसी (NSDC)
द्वािा ववि पोवषत वकिा जाता है।
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