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ळकता.
भप
ु ाली
जागत
ृ शोई आत्भमायाभा । अनाभा वच्चचत वख
ु घनधाभा ।
गर
ु ्वाषात ् ऩयब्रह्भ अणखर व्माऩन
ु ी अयरावी ।। ध ृ ।।
ओँ काये तज
ु वत ् ओऱखती । दीच्ततरूऩ अववी गामत्री ।
अनांत नायामण मदऩ
ु नत । जन उध्दयती मा नाभे ।। १ ।।
ऩाशुननमा दभ
ु न
थ दफ
ु र
थ जना । कऱलऱूनन मे प्रेभाचा ऩान्शा ।
स्लाभी वभथथ वदगर ु याणा । भाम आम्शा शदमी धरयवी ।। ४ ।।
जागत
ृ शोई आत्भमायाभा । अनाभा वच्चचत वख
ु घनधाभा ।
गर
ु ्वाषात ् ऩयब्रह्भ अणखर व्माऩन
ु ी अयरावी ।।
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ध्यान ळ स्मरण
ब्रम्शानन्दां ऩयभवख
ु दां केलरां सानभत
ू ीं | द्लन्द्लानततां गगनवदृळां तत्ल भत्स्माददरक्ष्मभ ् ||
एकां ननत्मां वलभरभचरां वलथधीवाक्षषबत
ू भां | बालातीतां त्रत्रगण
ु यदशत वद्गर
ु ां तां नभामभ ||
॥ गर
ु ब्रथह्भा गर
ु वलथष्णु गर
ु दे लो भशे श्लया ॥
॥ गर
ु वाषात ् ऩयब्रह्भ तस्भै श्री गर
ु ले नभ् ॥
श्रीभन ्-भशा गणाधधऩतमे नभ: l श्री कुरदे लतामै नभ् l
श्री गयु ले नभ: l श्री स्लाभी वभथथ भशायाजाम नभ: l
सकाली
त्रफांदर
ु ऩे अचर अबम ननगण
ुथ ननयाकाया l
मोगभामा अधथभात्रा वलचरय बलप्रवाया ll १ ll
जम जम वद्गर
ु स्लाभी वभथाथ आयती कर गर
ु लमाथ ये ॥
अगाध भदशभा तल चयणाांचा लणाथमा भती दे माये ॥ध॥
ृ
जम जम वद्गर
ु स्लाभी वभथाथ आयती कर गर
ु लमाथ ये ॥
अगाध भदशभा तल चयणाांचा लणाथमा भती दे माये ॥ध॥
ृ
जम अनवम
ू ात्भज श्री दत्तात्रेमा आयती अलधूता l
मवद्ध भग
ु ट
ु भणण ब्रह्भासानी वयु नयभ्रभशताथ ll ध.ृ ll
भढ
ू भनत अनत ऩनतत दीन ऩरय आरो ळयण तर
ु ा l
कृऩाभत
ृ े ननजस्लरूऩे यभलनु न उद्धयी दावारा ll ३ ll
सांध्याकाली
त्रफांदर
ु ऩे अचर अबम ननगण
ुथ ननयाकाया l
मोगभामा अधथभात्रा वलचरय बलप्रवाया ll १ ll
आयती ओलाऱू गर
ु वी l ब्रह्भा वलष्णु भशे ळावी ll ध्रु.ll
ददधरे आत्भदान जगनत l म्शणलनु न श्रीदत्त तज
ु म्शणती ll
ब्रह्भारूऩे जग वज
ृ वी l वलष्णू तधू च प्रनतऩामऱवी l
शय शरयवी बाय उतयवलवी l ऩाय दे ऊनी आत्भसान प्रणती l
ककती तल स्भयणे जगी तयती ll १ ll आयती ओलाऱू श्रीगरू
ु वी
ननगण
ुथ धचत्धन लस्तव
ु ी l अत्नीअनवम
ू ात्भज म्शणती l
रीरा दालन
ू ी उध्दयवी l भानलदे शा जयी धरयवी l
ऩरय नवमव दे श, शाधच वांदेश l हृदमी अवनू न शी भत
ू ी l
जाणील रोऩरी अांधभती ll २ ll आयती ओलाऱू श्रीगरू
ु वी
भग
ु ट
ु कौस्तब
ु यत्न l भकयाकृत कांु डर ळब
ु कणथ l
हृदम मवांशावनी l वलयाजरा जगज्जीलन ll २ ll
जम दे ली जम दे ली जम गामत्री भाते l
वदबाले ओलाऱू जम प्रणलातीते ll ध.ृ ll
ऩाांचाभख
ु ी ऩांचतत्ले ननमभथमरी l
ऩांचीकयणे वलवलध वष्ृ टी यधचमेरी l
अशां बाले तमा स्पुयलन
ू ी कृती केरी l
भाते तज
ु न स्तवलती त्माांची भनत भ्रभरी ll २ ll
गाता तज
ु तयनत म्शणनू न गामत्री नाांल l
बच्ु क्त भक्
ु ती वाधती न बलबमा ठाल l
वत्लातीता ब्रह्भ रवऩणी शा बाल l
धरयनत जे साने त्मा नच दख
ु ् लाल ll ३ ll
आददभामे तत
ु े वलवयरे रोक l
धभथ शानन शोईर ऩडरा शा धाक l
ग्रावनु न दै न्मे भ्रभनु न नयु रा वललेक l
स्भयता तज
ु रा अनदु दनी वकरशी शो ऩाक ll ४ ll
दोमबज
ु चाय चतब
ु ज
ुथ , दळबज
ु ते वोशे । मळल दळबज
ु ते वोशे
तीनोरूऩ ननयखता, तीनोरूऩ ननयखता, त्रत्रबल
ु नजन भोशे ॥
ॐ शय शय भशादे ल ॥३॥
त्रत्रगण
ु ाजीकी आयती जो कोई नय गाले । ळील जो कोई नय गाले
कशे मळलानांद स्लाभी, कशे मळलानांद स्लाभी, वख
ु वांऩत्ती ऩाले ॥
ॐ शय शय भशादे ल ॥१०॥
ऩण
ू थ ब्रह्भा वनातना वलबल
ु या ननगण
ुथ वलेश्लया
ओांकायाकाया ऩयात्ऩया गयु ो आम्शा तझ
ु ा आवया l
भर
ू ाधाय जगतप्रबू तझ
ु ी रीरा न जाणे कुणी l
दे ला वलघ्न शयी आम्शालरय कयी, आडो न भामा गण
ु ी॥१॥
ऩयभात्भा ऩरू
ु ऴोत्तभा गण
ु नतमे नायामणा श्रीधया l
रीरावलग्रशी वत्र
ू धाय हृदमी याशुननमा आचया l
साते बाल वयो वदै ल वलवयो शा जील तो दव ु या l
अवऩथतवे वभ
ु नाांजरी तल ऩदा प्रेभे जगतगर
ु लया॥५॥
ॐ श्री वद्गर
ु अक्करकोटननलावी याजाधधयाज
मोधगयाज श्री स्लाभी वभथथ भशायाज की जम l
अनांतकोदट ब्रम्शाांडनामक, बक्तलत्वर, बक्तामबभानी
श्रीऩाद श्रीलल्रब वलजमदत्त गर
ु दे ल दत्त वभथथ l
अलधूतधचांतन श्री गर
ु दे ल दत्त l
ॐ श्री गामत्रीभाता की जम l
ॐ श्री गर
ु भशायाज की जम l
|| सदगुरु नाथा हात जोडीतो प्राथथना ||
वदगर
ु नाथा शात जोडीतो अांत नको ऩाशु।
ऊकरनु ी भनीचे दशतगज
ु वाये लद कलणा दाल॥
ू ध०ृ ॥
उत्तीणथ नव्शे तज
ु उऩकाया जयी तनु तज
ु लाशू।
फोधुनन दावलवी इशऩय नश्लय भनी उठरा फाऊ॥२॥