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अ य ग रन द न न दतमे द न व वनो द न न दनुते

ग रवर व य शरोऽ ध नवा स न व णु वला स न ज णुनुते ।


भगव त हे श तक ठकुटु ब न भू रकुटु ब न भू रकृते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ १ ॥

सुरवरव ष ण धरध ष ण मुखम ष ण हषरते


भुवनपो ष ण शङ् करतो ष ण क बषमो ष ण घोषरते
दनुज नरो ष ण द तसुतरो ष ण मदशो ष ण स धुसुते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ २ ॥

अ य जगद ब मद ब कद ब वन यवा स न हासरते


शख र शरोम ण तु हमालय शृ नजालय म यगते ।
मधुमधुरे मधुकैटभग न कैटभभ न रासरते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ ३ ॥

अ य शतख ड वख डत ड वतु डतशु द गजा धपते


रपुगजग ड वदारणच ड परा मशु ड मृगा धपते ।
नजभुजद ड नपा ततख ड वपा ततमु ड भटा धपते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ ४ ॥

अ य रण मद श ुवधो दत धर नजर श भृते


चतुर वचार धुरीणमहा शव तकृत मथा धपते ।
रत रीह राशय म त दानव त कृता तमते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ ५ ॥

अ य शरणागत वै रवधुवर वीरवराभय दायकरे


भुवनम तक शुल वरो ध शरोऽ धकृतामल शुलकरे ।
म मतामर धु भनादमहोमुखरीकृत द करे
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ ६ ॥

अ य नज ङ् कृ त मा नराकृत धू वलोचन धू शते


समर वशो षत शो णतबीज समु वशो णत बीजलते ।
शव शवशु भ नशु भमहाहव त पतभूत पशाचरते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ ७ ॥

धनुरनुष रण णस प र फुरद नट कटके


कनक पश पृष क नष रस टशृ हताबटुके ।
कृतचतुर बल तर घट र रट टुके
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ ८ ॥

सुरललना ततथे य तथे य कृता भनयोदर नृ यरते


कृत कुकुथः कुकुथो गडदा दकताल कुतूहल गानरते ।
धुधुकुट धु कुट ध ध मत व न धीर मृद ननादरते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ ९ ॥

जय जय ज य जयेजयश द पर तु त त पर व नुते
झणझण झ झ म झङ् कृत नूपुर श तमो हत भूतपते ।
न टत नटाध नट नट नायक ना टतना सुगानरते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ १० ॥

अ य सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरका तयुते


तरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करव वृते ।
सुनयन व मर मर मर मर मरा धपते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ ११ ॥

स हतमहाहव म लमत लक म लतर लक म लरते


वर चतव लक प लकम लक झ लक भ लक वगवृते ।
शतकृतफु ल समु ल सता ण त लजप लव स ल लते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ १२ ॥

अ वरलग ड गल मदमे र म मत जराजपते


भुवनभुषण भूतकला न ध पपयो न ध राजसुते ।
अ य सुदतीजन लालसमानस मोहन म मथराजसुते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ १३ ॥

कमलदलामल कोमलका त कलाक लतामल भाललते


सकल वलास कला नलय म के लचल कल हंसकुले ।
अ लकुलसङ् कुल कुवलयम डल मौ ल मल कुला लकुले
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ १४ ॥

करमुरलीरव वी जतकू जत ल जतको कल म ुमते


म लतपु ल द मनोहरगु तर तशैल नकु गते ।
नजगणभूत महाशबरीगण स गुणस भृत के लतले
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ १५ ॥

क टतटपीत कूल व च मयुख तर कृत च चे


णतसुरासुर मौ लम ण फुर दं शुलस ख च चे
जतकनकाचल मौ लमदो जत नभरकु र कु भकुचे
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ १६ ॥

व जतसह करैक सह करैक सह करैकनुते


कृतसुरतारक स रतारक स रतारक सूनुसुते ।
सुरथसमा ध समानसमा ध समा धसमा ध सुजातरते ।
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ १७ ॥

पदकमलं क णा नलये व रव य त योऽनु दनं सु शवे


अ य कमले कमला नलये कमला नलयः स कथं न भवेत् ।
तव पदमेव पर पद म यनुशीलयतो मम क न शवे
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ १८ ॥

कनकलस कल स धुजलैरनु ष च त तेगुणर भुवम्


भज त स क न शचीकुचकु भतट प रर भसुखानुभवम् ।
तव चरणं शरणं करवा ण नतामरवा ण नवा स शवम्
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ १९ ॥

तव वमले कुलं वदने मलं सकलं ननु कूलयते


कमु पु तपुरी मुखी सुमुखी भरसौ वमुखी यते ।
मम तु मतं शवनामधने भवती कृपया कमुत यते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ २० ॥

अ य म य द न दयालुतया कृपयैव वया भ वत मुमे


अ य जगतो जननी कृपया स यथा स तथानु मता सरते ।
य चतम भव युररीकु ता तापमपाकु ते
जय जय हे म हषासुरम द न र यकप द न शैलसुते ॥ २१ ॥

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