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Acharya Mahashraman Thane Invite
Acharya Mahashraman Thane Invite
मान्यवर _______________________________
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आयोजक : श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा | श्री भिक्षु महाप्रज्ञ ट्रस्ट
समस्त तेरापंथ समाज व सभी संघीय संस्थाएं - ठाणे
निवेदक: आचार्य महाश्रमण मुम्बई प्रवास व्यवस्था समिति - मुम्बई
अभिनंदनम् सुस्वागतम् अभिवंदनम्
महामनस्वी के स्वागत हेतु भावभरा आमंत्रण
19 जनवरी शुकवार
अणुव्रत गीत 20 जनवरी शनिवार
महासंगान
प्रेरणा पाथेय - प्रातः 9.30 बजे प्रेरणा पाथेय - प्रातः 9.30 बजे
चरण स्पर्श: रात्रि 8.00 बजे से
. आतिथ्य व्यवस्था .
अल्पाहार - प्रातः 8.00 बजे से
भोजन - प्रातः 11.00 बजे से
शाम का भोजन - शाम 4.45 बजे से सूर्यास्त तक
. आयोजक .
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा | श्री भिक्षु महाप्रज्ञ ट्रस्ट
समस्त तेरापंथ समाज व सभी संघीय संस्थाएं - ठाणे
. निवेदक .
आचार्य महाश्रमण मुम्बई प्रवास व्यवस्था समिति - मुम्बई
विनम्र अनुरोध: आपकी सपरिवार उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है। आतिथ्य स्वीकार करें।
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॥अर्हम॥
स्वागत अध्यक्ष
स्व. विमलादेवी - स्व. ख्यालीलालजी वागरेचा
श्रीमान महेंद्रकु मारजी - श्रीमती चंदाजी
श्री जुबिनकु मारजी - श्रीमती रिचाजी वागरेचा
( नमाणा-ठाणे )
मुख्य अतिथि
श्रीमान विजयराजजी, प्रियेशजी, सिद्धार्थजी
सोलंकी बेटा पोता श्रीमान चौथमल जी सोलंकी
परिवार ठाणे- जयपुर- खिंवाड़ा
( KHINWARA INFRACON PVT.LTD.)
आतिथ्य सहयोगी
:अल्पाहार:
स्व. श्रीमती मेहताबाई स्व. श्रीमान लालचंद जी श्रीश्रीमाल
श्रीमान कमलेश जी, अभिजीतजी, जयेशजी, मयुरेशजी श्रीश्रीमाल ( खिंवाड़ा - ठाणे )
:सुबह का भोजन: (सकल जैन समाज)
स्वर्गीय मातुश्री श्रीमती सुकनीबाई जयवंतराजजी पुनमिया
16 पुत्र - शा पारसमलजी, कपूरचंदजी, पौत्र - संजयजी, डॉ ललितजी,
जनवरी लीलेशजी एवं समस्त पुनमिया परिवार ( खिंवाड़ा - ठाणे )
:शाम का भोजन:
शाम 4.45 से सुर्यास्त तक
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॥अर्हम॥
आतिथ्य सहयोगी
:अल्पाहार:
स्वर्गीय बदाम देवी स्वर्गीय मनोहर लाल जी सोनी की पुण्य स्मृति में
श्रीमती ललिताजी - श्रीमान रमेश जी, कावेरी, कार्तिक सोनी ( थामला - ठाणे )
:सुबह भोजन:
17 श्रीमान विनोदजी, महेन्द्रजी, श्रवण जी, पवन जी, निर्मल जी,
जनवरी जय, पुनीत, अर्हम, प्रथम एवं ओस्तवाल परिवार ( गिलूंड - ठाणे )
:शाम का भोजन:
स्व.श्रीमती देवीबाई श्रद्धानिष्ठ श्रावक श्रीमान गणेशलालजी,
श्रीमती हेमलता नरेशजी बाफना, सोनल दीपेशजी सिंघवी,
योगेशजी बाफना, नम्रता सोलंकी बाफना परिवार ( लाम्बोड़ी - ठाणे )
:अल्पाहार:
श्रीमान हेमराज जी, श्रीमान राजेशजी,
श्री दीपेन जी खटेड़ ( लाडनूं - ठाणे )
:सुबह भोजन:
18
श्रीमान विनोदजी, श्रीमान प्रमोदजी,
हार्दिक जी, जय जी श्रीश्रीमाल ( खिंवाड़ा - ठाणे )
जनवरी
:शाम का भोजन:
:अल्पाहार:
श्रीमान गणेशलालजी, मांगीलालजी, प्रकाशजी, ललितजी,
साहिलजी मेहता परिवार ( झालों की मन्दार - ठाणे )
:सुबह भोजन:
:अल्पाहार:
श्रीमान प्रदिपजी, मुके शजी, संदीपजी धोका ( रानी स्टेशन - ठाणे )
:सुबह भोजन:
स्व.श्री संपतलालजी एवं स्व.श्रीमती संपतीबाई कु मठ की पुण्यस्मृति में
20 श्रीमती मंजु निर्मलजी, श्रीमती नीतू राजेन्द्रजी, श्रीमती मानसी उचित,
जनवरी अर्चित, कनिष्का, अनाया समस्त कु मठ परिवार ( थामला - ठाणे )
:शाम का भोजन:
शाम 4.45 से सुर्यास्त तक
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॥अर्हम॥
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श्रीमान प्रकाशजी, सुरेशजी नवलखा (कुं वाथल) श्रीमती कै लाशदेवी धर्मचंदजी बड़ाला (पड़ासली)
श्रीमान महेन्द्रजी दिलीपजी पुनमिया (खिं वाड़ा) श्रीमान हस्तीमलजी महावीरजी बाफना (लाम्बोड़ी)
स्व.श्रीमती दाकु बाई कन्हैयालालजी चौपड़ा श्रीमती कांतादेवी नंदलालजी चोरड़िया (बिनोल)
(बगडीनगर) श्रीमती सोनीबाई भैरुलालजी बापना (आमेट)
श्रीमान अशोकजी साहिलजी इटोदिया (पारड़ी) श्रीमान बाबूलालजी भंवरलालजी बाफना
श्रीमान मुके शकु मारजी मांगीलालजी बड़ाला (टाडावाड़ा)
(पड़ासली) स्व.श्रीमती लहरीबाई स्व.शंकरलालजी डांगी
श्रीमान जितेशजी रतनसिं गजी मुणोत (दोंडाईचा) (लावा सरदारगढ़)
श्रीमान विनोदजी हितेशजी मेहता (बस्सी) श्रीमती कं चनदेवी(विमला)शांतिलालजी हिं गड़
श्रीमान धनराजजी राजेशजी भटेवरा (छापली) (लाम्बोड़ी)
श्रीमान सत्येनजी धारीवाल (जोधपुर) श्रीमान सुमितजी दिपेशजी मोटावत (कठार)
श्रीमान बंशीलालजी कमलेशजी दुगड़ (आमेट) श्रीमान अशोकजी सुरेशजी श्रीश्रीमाल (खिं वाड़ा)
श्रीमती पवनदेवी स्व.अमरचंदजी गादिया श्रीमान इन्द्रमलजी लक्ष्मीलालजी सिं घवी (रिछेड़)
(रामसिं हजी का गुड़ा) श्रीमान गौतमजी दिपकजी कांठेड़ (आसींद)
श्रीमान कमलेशजी प्रथमजी चण्डालिया (आमेट) श्रीमान हिम्मतजी अरविंदजी गोठी (मचींद)
श्रीमान हंसमुखजी जिनलजी श्रीश्रीमाल (खिं वाड़ा) श्रीमान महेंद्रजी गेहरीलालजी चण्डालिया (थोरिया)
श्रीमती ललितादेवी गेहरीलालजी चोरड़िया श्रीमान चन्द्रप्रकाशजी विशालजी गुंदेचा (समीचा)
(गंगापुर) श्रीमान धनराजजी पारसजी चोपड़ा (गंगाशहर)
श्रीमान मोहनलालजी जितेन्द्रजी राठौड़ (जाणुंदा) श्रीमान धनराजजी अरविंदकु मारजी डुं गरवाल (दिवेर)
श्रीमान देवराजजी प्रवीणजी कोठारी (सेवंत्री) श्रीमान गणेशलालजी भीमराजजी कच्छारा
श्रीमती गवरीबाई थानमलजी श्रीश्रीमाल (खिं वाड़ा) (रिछेड़ कांकरोली)
श्रीमान सुरेन्द्रजी समर्थलालजी चपलोत (अकोला) श्रीमती प्रियाजी राके शजी मुथा (काछबली)
श्रीमती पुष्पा रतनलालजी पगारिया (भीलवाड़ा) श्रीमान हिम्मतलालजी, श्री अरविंदकु मारजी हिं गड़
श्रीमान सुरेशचंद्रजी निर्मलजी चण्डालिया (लाम्बोड़ी)
(नेगाडिया का खेड़ा) श्रीमान गजेंद्रकु मारजी राजेशकु मारजी नाहर (जाणुंदा)
श्रीमान लालचंदजी कल्पेशजी टोडरवाल (गंगापुर) श्रीमान चंदनमलजी नवरतनमलजी गोखरु (रघुनाथपूरा)
श्रीमान सुंदरबाई नानालालजी बड़ाला (पड़ासली) सूर्यप्रकाश कन्हैयालाल जी चण्डालिया (नाथद्वारा)
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॥अर्हम॥
३ देश - भारत, नेपाल व भूटान एवं भारतवर्ष के करीब २३ राज्यों का स्पर्श करते हुए अब
तक ६० हजार किलोमीटर से भी अधिक पदयात्रा द्वारा सद्भावना, नैतिकता व नशामुक्ति के
संदेश प्रदाता जैनाचार्य का अपनी श्वेत धवल सेना (साधु - साध्वीवृंद) के साथ प्रथम ठाणे
महानगर में आगमन हो रहा हैं। प्रवचन कार्यक्रम में आप सभी सादर आमंत्रित है।
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॥अर्हम॥
आचार्य श्री महाश्रमण जी के बारे में गणमान्य व्यक्तियों के विचार आचार्य श्री महाश्रमण
आचार्य श्री महाश्रमणजी का में विशेष कृ पा पात्र रहा हूं। इसी प्रेम के कारण मैंने आप आचायों के बीच यह
कहा था- 'यह तेरापंथ मेरा पंथ है।'
आदरणीय आचार्य श्री अपनी लंबी अहिंसा यात्रा के दौरान अपने शुद्ध, शांत और शालीन प्रभामंडल के
माध्यम से लोगों के जीवन में परिवर्तन ला रहे हैं। आचार्य श्री न के वल एक आदर्श योगी है, बल्कि
शक्तिशाली बक्तृ त्व कौशल से भी संपन्न हैं। वह एक ऐसी साहित्यिक कृ ति लिख रहे हैं जो न के वल लोगों
की जीबन शैली में सुधार कर रही है बल्कि समस्याओं को सुलझाने में भी मदद कर रही है।
-नरेंद्र मोदी । प्रधानमंत्री, भारत
परम आदरणीय आचार्य श्री महाश्रमणजी अहिंसक चेतना की अलख जगा रहे है। ऐसी पवित्र आध्यात्मिक
प्रेरणा भारत से ही प्राप्त हो सकती है। भारत के पास ऐसे महान संतों की संपदा है। एक उज्ज्वल नक्षत्र के
रूप में आचार्य श्री महाश्रमणजी भारत की ऋषि परंपरा को सुशोभित कर रहे हैं। आप अहिंसा की साक्षात
प्रतिमूर्ति हैं।
- रामनाथ कोविंद । पूर्व राष्ट्र पति, भारतीय गणराज्य
मैं आचार्य महाश्रमण को नमन करता हूं, जो मानव जाति के प्रति अपने स्नेह और करूणा के लिए प्रसिद्ध
हैं। उनकी दयालुता उनके प्रेरक उपदेशों और कथनों में दिखाई देती है। आचार्य महाप्रज्ञ ने हमेशा आचार्य
महाश्रमण के साथ एकता का अनुभव किया। - ए. पी. जे अब्दुल कलाम । पूर्व राष्ट्र पति, भारत गणराज्य
आचार्य श्री से प्रतिवर्ष मिलने का क्रम मैंने अपनी ओर से बनाया है। उनके ज्ञानमय, तपोमय, उज्ज्वल व
उतने ही सरल, विनम्र व्यक्तित्व से अभिभूत होने वाले सौभाग्यशाली लोगों में से मैं भी एक हूं। यह हमारे लिए
भगवान की देन है कि ऐसी विभूतियां हमारे बीच में है और हम सभी का मार्गदर्शन करती हैं।
राष्ट्र संत आचार्य श्री महाश्रमण जी एक महान जैनाचार्य है, जो संपूर्ण मानव-जाति के उद्धार के लिए हजारों
किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए गांव-गांव, शहर-शहर जाकर नशामुक्ति, नैतिकता और सद्भावना का
संदेश प्रदान कर रहे हैं। ऐसे महान संत का अभिनंदन।
- श्री एकनाथ शिंदे । मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र राज्य
सौभाग्य का विषय है कि, महाराष्ट्र की भूमि पर आचार्य श्री महाश्रमण जैसे पावन संतों के चरण पडें और मैं
आपकी सन्निधि में उपस्थित होकर आपका आशीर्वाद प्राप्त कर सका. अपनी अणुव्रत यात्रा के माध्यम सें
आप जन-जन को सदभावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति का जो संदेश दे रहे है, वो आज समय की मांग है.
संतो के वचनों का लोगों पर गहरा असर होता है.
- श्री देवेन्द्र फड़णवीस । उप मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र राज्य
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॥अर्हम॥
स्वागतातुर
अभिनंदन नेमानंदन का