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सूचना प्रौद्योगिकी अगिगनयम, 2000

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िाराओं का क्रम
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िाराएं
अध्याय 1

प्रारं गिक
1. संगिप्त नाम, गिस्तार और लािू होना ।
2. पररिाषाएं ।
अध्याय 2

अंकीय गचह्नक और इलैक्‍टरागनक गचह्नक


3. इलैक्‍टरागनक अगिलेख का अगिप्रमाणीकरण ।
3क. इलैक्‍टरागनक गचह्नक ।
अध्याय 3

इलैक्‍टरागनक गनयमन
4. इलैक्‍टरागनक अगिलेखों की गिगिमान्यता ।
5. इलैक्‍टरागनक गचह्नकों की गिगिमान्यता ।
6. सरकार और उसके अगिकरणों में इलैक्‍टरागनक अगिलेखों और इलैक्‍टरागनक गचह्नकों का प्रयोि ।
6क. सेिा प्रदाता द्वारा सेिाओं का पररदान ।
7. इलैक्‍टरागनक अगिलेखों का प्रगतिारण ।
7क. इलैक्‍टरागनक रूप में रखे िए दस्तािेजों, आदद की संपरीिा ।
8. इलैक्‍टरागनक राजपत्र में गनयम, गिगनयम, आदद का प्रकाशन ।
9. िारा 6, िारा 7 और िारा 8 इस बात पर जोर देने का अगिकार प्रदान नहीं करती दक दस्तािेज इलैक्‍टरागनक रूप में
स्िीकार दकया जाए ।
10. इलैक्‍टरागनक गचह्नक से संबंगित गनयम बनाने की के न्रीय सरकार की शगक्‍टत ।
10क. इलैक्‍टरागनक सािनों के माध्यम से की िई संगिदाओं की गिगिमान्यता ।
अध्याय 4

इलैक्‍टरागनक अगिलेखों का अगिकार, अगिस्िीकृ गत और प्रेषण


11. इलैक्‍टरागनक अगिलेखों का अगिकार ।
12. प्रागप्त की अगिस्िीकृ गत ।
13. इलैक्‍टरागनक अगिलेख के प्रेषण और प्रागप्त का समय और स्थान ।
अध्याय 5

सुरगित इलैक्‍टरागनक अगिलेख और सुरगित इलैक्‍टरागनक गचह्नक


14. सुरगित इलैक्‍टरागनक अगिलेख ।
15. सुरगित इलैक्‍टरागनक गचह्नक ।
16. सुरिा प्रदक्रयाएं और पद्धगतयां ।
ii

िाराएं
अध्याय 6

प्रमाणकताा प्रागिकाररयों का गिगनयमन


17. गनयंत्रक और अन्य अगिकाररयों की गनयुगक्‍टत ।
18. गनयंत्रक के कृ त्य ।
19. गिदेशी प्रमाणकताा प्रागिकाररयों की मान्यता ।
21. इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्र जारी करने के गलए अनुज्ञगप्त ।
22. अनुज्ञगप्त के गलए आिेदन ।
23. अनुज्ञगप्त का निीकरण ।
24. अनुज्ञगप्त प्रदान करने या उसे नामंजूर करने के गलए प्रदक्रया ।
25. अनुज्ञगप्त का गनलंबन ।
26. अनुज्ञगप्त के गनलंबन या प्रगतसंहरण की सूचना ।
27. प्रत्यायोजन की शगक्‍टत ।
28. उल्लंघनों का अन्िेषण करने की शगक्‍टत ।
29. कं प्यूटरों और डाटा तक पहंच ।
30. प्रमाणकताा प्रागिकारी द्वारा कगतपय प्रदक्रयाओं का अनुसरण दकया जाना ।
31. प्रमाणकताा प्रागिकारी अगिगनयम आदद के अनुपालन को सुगनग‍चत करे िा ।
32. अनुज्ञगप्त का संप्रदशान ।
33. अनुज्ञगप्त का अभ्यपाण ।
34. प्रकटीकरण ।
अध्याय 7

इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्र


35. प्रमाणकताा प्रागिकारी द्वारा इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्र जारी दकया जाना ।
36. अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र जारी करने पर व्यपदेशन ।
37. अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र का गनलंबन ।
38. अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र का प्रगतसंहरण ।
39. गनलंबन या प्रगतसंहरण की सूचना ।
अध्याय 8

उपयोिकतााओं के कताव्य
40. कुं जी-युग्म का उत्पाददत दकया जाना ।
40क. इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्र के उपयोिकताा के कताव्य ।
41. अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र की स्िीकृ गत ।
42. प्राइिेट कुं जी का गनयंत्रण ।
अध्याय 9

शागस्तयां, प्रगतकर और अगिगनणाय


43. कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली आदद को नुकसान के गलए शागस्त और प्रगतकर ।
iii

िाराएं
43क. डाटा को संरगित रखने में असफलता के गलए प्रगतकर ।
44. जानकारी, गििरणी, आदद देने में असफल रहने के गलए शागस्त ।
45. अिगशष्ट शागस्त ।
46. न्यायगनणायन करने की शगक्‍टत ।
47. न्यायगनणाायक अगिकारी द्वारा गिचार की जाने िाली बातें ।
अध्याय 10

साइबर अपील अगिकरण


48. साइबर अपील अगिकरण की स्थापना ।
49. साइबर अपील अगिकरण की संरचना ।
50. साइबर अपील अगिकरण के अध्यि और सदस्यों के रूप में गनयुगक्‍टत के गलए अहंताएं ।
51. अध्यि और सदस्यों की पदािगि, सेिा की शतें, आदद ।
52. अध्यि और सदस्यों के िेतन, ित्ते और सेिा के अन्य गनबंिन और शतें ।
52क. अिीिण, गनदेशन आदद की शगक्‍टतयां ।
52ख. न्यायपीठों के बीच कारबार का गितरण ।
52ि. मामलों को अन्तररत करने की अध्यि की शगक्‍टत ।
52घ. बहमत द्वारा गिगन‍चय ।
53. ररगक्‍टतयों का िरा जाना ।
54. पद-त्याि और पद से हटाया जाना ।
55. अपील अगिकरण का िठन करने िाले आदेश का अगन्तम होना और उसकी कायािागहयों का अगिगिमान्य न होना ।
56. साइबर अपील अगिकरण के कमाचाररिृन्द ।
57. साइबर अपील अगिकरण को अपील ।
58. साइबर अपील अगिकरण की शगक्‍टतयां और प्रदक्रया ।
59.गिगिक प्रगतगनगित्ि का अगिकार ।
60. पररसीमा ।
61. गसगिल न्यायालय की अगिकाररता का न होना ।
62. उच्च न्यायालय को अपील ।
63. अपरािों का शमन ।
64. शागस्त या प्रगतकर की िसूली ।
अध्याय 11

अपराि
65. कं प्यूटर सािन कोड से छेड़छाड़ ।
66. कं प्यूटर से संबंगित अपराि ।
66क. संसूचना सेिा आदद द्वारा आक्रामक संदश
े िेजने के गलए दंड ।
66ख. चुराए िए कं प्यूटर संसािन या संचार युगक्‍टत को बेइमानी से प्राप्त करने के गलए दंड ।
66ि. पहचान चोरी के गलए दंड ।
iv

िाराएं
66घ. कं प्यूटर संसािन का उपयोि करके प्रगतरूपण द्वारा छल करने के गलए दंड ।
66ङ. एकांतता के अगतक्रमण के गलए दंड ।
66च. साइबर आतंकिाद के गलए दंड ।
67. अ‍लील सामग्री का इलैक्‍टरागनक रूप में प्रकाशन या पारे षण करने के गलए दंड ।
67क. कामुकता व्यक्‍टत करने िाले काया आदद िाली सामग्री के इलैक्‍टरागनक रूप में प्रकाशन के गलए दंड ।
67ख. कामुकता व्यक्‍टत करने िाले काया आदद में बालकों को गचगत्रत करने िाली सामग्री को इलैक्‍टरागनक रूप में प्रकागशत या
पारे गषत करने के गलए दंड ।
67ि. मध्यिर्त्त्तायों द्वारा सूचना का परररिण और प्रगतिारण ।
68. गनयंत्रक की गनदेश देने की शगक्‍टत ।
69. दकसी कम्‍प्यूटर संसािन के माध्यम से दकसी सूचना के अन्तररोिन या मागनटररं ि या गििूढ़न के गलए गनदेश जारी करने
की शगक्‍टत ।
69क. दकसी कम्‍प्यूटर संसािन के माध्यम से दकसी सूचना की सािाजगनक पहंच के अिरोि के गलए गनदेश जारी करने की
शगक्‍टत ।
69ख. साइबर सुरिा के गलए दकसी कम्‍यूटर संसािन के माध्यम से रै दफक आंकड़ा या सूचना मानीटर करने और एकत्र करने
के गलए प्रागिकृ त करने की शगक्‍टत ।
70. संरगित प्रणाली ।
70क. राष्रीय नोडल अगिकरण ।
70ख. दुघाटना मोचन के गलए िारतीय कं प्यूटर आपात मोचन दल का राष्रीय आपात अगिकरण के रूप में सेिा करना ।
71. दुव्यापदेशन के गलए शागस्त ।
72. िोपनीयता और एकांतता िंि के गलए शागस्त ।
72क. गिगिपूणा संगिदा का िंि करते हए सूचना के प्रकटन के गलए दंड ।
73. इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्र की कगतपय गिगशगष्टयों को गमथ्या प्रकागशत करने के गलए शागस्त ।
74. कपटपूणा प्रयोजन के गलए प्रकाशन ।
75. अगिगनयम का िारत से बाहर दकए िए अपरािों और उल्लंघनों को लािू होना ।
76. अगिहरण ।
77. प्रगतकर शागस्त या अगिहरण का अन्य दंड में हस्तिेप न करना ।
77क. अपरािों का शमन ।
77ख. तीन िषा के कारािास िाले अपरािों का जमानतीय होना ।
78. अपरािों का अन्िेषण करने की शगक्‍टत ।
अध्याय 12

कगतपय मामलों में मध्यिर्त्तय


ा ों का दायी न होना
79. कगतपय मामलों में मध्यिती को दागयत्ि से छू ट ।
अध्याय 12क

इलैक्‍टरागनक साक्ष्य का परीिक


79क. के न्रीय सरकार द्वारा इलैक्‍टरागनक साक्ष्य का परीिक अगिसूगचत करना ।
v

िाराएं
अध्याय 13

प्रकीणा
80. पुगलस अगिकारी और अन्य अगिकाररयों की प्रिेश करने, तलाशी लेने, आदद की शगक्‍टत ।
81. अगिगनयम का अध्यारोही प्रिाि होना ।
81क. अगिगनयम का इलैक्‍टरागनक चैक और संिेगपत चैक को लािू होना ।
82. अध्यि, सदस्यों, अगिकाररयों और कमाचाररयों, गनयंत्रकों का लोक सेिक होना ।
83. गनदेश देने की शगक्‍टत ।
84. सद्भािपूिाक की िई कारा िाई के गलए संरिण ।
84क. िूढ़लेखन के ढंि या पद्धगतयां ।
84ख. अपरािों के दुष्प्रेरण के गलए दंड ।
84ि. अपराि करने के प्रयत्न के गलए दंड ।
85. कं पगनयों द्वारा अपराि ।
86. करठनाइयों को दूर करना ।
87. के न्रीय सरकार की गनयम बनाने की शगक्‍टत ।
88. सलाहकार सगमगत का िठन ।
89. गनयंत्रक की गिगनयम बनाने की शगक्‍टत ।
90. राज्य सरकार की गनयम बनाने की शगक्‍टत ।
पहली अनुसूची ।
दूसरी अनुसूची ।
सूचना प्रौद्योगिकी अगिगनयम, 2000
(2000 का अगिगनयम संखयांक 21)
[9 जून, 2000]
इलैक्‍टरागनक डाटा के आदान-प्रदान द्वारा और इलैक्‍टरागनक संसच
ू ना के अन्य सािनों द्वारा, गजन्हें
सामान्यतया “इलैक्‍टरागनक िागणज्य” कहा जाता है और गजनमें संसच ू ना और सूचना
के िंडारण के कािज-आिाररत तरीकों के अनुकल्पों का उपयोि अंतिागलत है,
दकए िए संव्यिहारों को गिगिक मान्यता देन,े सरकारी अगिकरणों में
दस्तािेजों को इलैक्‍टरागनक रूप से फाइल करना सुकर बनाने
और िारतीय दंड संगहता, िारतीय साक्ष्य अगिगनयम,
1872, बैंककार बही साक्ष्य अगिगनयम, 1891 और
िारतीय ररजिा बैंक अगिगनयम, 1934 का
और संशोिन करने तथा उससे संबगं ित
या उसके आनुषगं िक गिषयों का
उपबंि करने के गलए
अगिगनयम
संयुक्‍टत राष्र महासिा ने तारीख 30 जनिरी, 1997 के संकल्प ए/आर ई एस/51/162 द्वारा अंतरराष्रीय व्यापार गिगि से
संबंगित संयुक्‍टत राष्र आयोि द्वारा अंिीकार की िई इलैक्‍टरागनक िागणज्य संबि
ं ी आदशा गिगि को अंिीकार कर गलया है;
उक्‍टत संकल्प में, अन्य बातों के साथ, यह गसफाररश की िई है दक सिी राज्य, जब िे अपनी गिगियों का अगिगनयमन या
पुनरीिण करें , संसूचना और सूचना के िंडारण के कािज-आिाररत तरीकों के अनुकल्पों को लािू होने िाली गिगि की एकरूपता की
आि‍यकता को ध्यान में रखते हए, उक्‍टत आदशा गिगि पर अनुकूल ध्यान दें;
उक्‍टत संकल्प को प्रिािी करना और गि‍िसनीय इलैक्‍टरागनक अगिलेखों द्वारा सरकारी सेिाएं दितापूिाक देने का संििान
करना आि‍यक समझा िया है;
िारत िणराज्य के इक्‍टयािनिें िषा में संसद् द्वारा गनम्‍नगलगखत रूप में यह अगिगनयगमत हो:—
अध्याय 1

प्रारं गिक
1. संगिप्त नाम, गिस्तार और लािू होना—(1) इस अगिगनयम का संगिप्त नाम सूचना प्रौद्योगिकी अगिगनयम, 2000 है ।

(2) इसका गिस्तार संपूणा िारत पर होिा और, इस अगिगनयम में जैसा अन्यथा उपबंगित है उसके गसिाय, यह दकसी व्यगक्‍टत
द्वारा िारत के बाहर दकए िए दकसी अपराि या इसके अिीन उल्लंघन को िी लािू होता है ।
(3) यह उस तारीख को प्रिृत्त होिा, जो के न्रीय सरकार, अगिसूचना द्वारा, गनयत करे और इस अगिगनयम के गिन्न-गिन्न
उपबंिों के गलए गिन्न-गिन्न तारीखें गनयत की जा सकें िी और दकसी ऐसे उपबंि में इस अगिगनयम के प्रारं ि के प्रगत दकसी गनदेश का
यह अथा लिाया जाएिा दक िह उस उपबंि के प्रारं ि के प्रगत गनदेश है ।
1
[(4) इस अगिगनयम की कोई बात, पहली अनुसूची में गिगनर्दाष्ट दस्तािेजों या संव्यिहारों को लािू नहीं होिी :
परं तु के न्रीय सरकार, राजपत्र में अगिसूचना द्वारा पहली अनुसूची का, उसमें प्रगिगष्टयों को जोड़कर या हटाकर संशोिन
कर सके िी ।
(5) उपिारा (4) के अिीन जारी की िई प्रत्येक अगिसूचना संसद् के प्रत्येक सदन के समि रखी जाएिी ।]
2. पररिाषाएं—(1) इस अगिगनयम में, जब तक दक संदिा से अन्यथा अपेगित न हो,—
(क) “अगििम” से, इसके व्याकरगणक रूपिेदों और सजातीय पदों सगहत, अगिप्रेत है कं प्यू टर, कं प्यूटर प्रणाली या
कं प्यूटर नेटिका में प्रिेश प्राप्त करना, उसके तका संित, अंकिगणतीय अथिा स्मृगत फलन संसािनों के द्वारा अनुदशे देना या
संसूचना देना;
(ख) “प्रेगषती” से ऐसा व्यगक्‍टत अगिप्रेत है जो इलैक्‍टरागनक अगिलेख प्राप्त करने के गलए प्रिताक द्वारा आशगयत है
दकन्तु इसके अंतिात कोई मध्यिती नहीं है;

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 3 द्वारा प्रगतस्थगपत ।
2

(ि) “न्यायगनणाायक अगिकारी” से िारा 46 की उपिारा (1) के अिीन गनयुक्‍टत न्यायगनणाायक अगिकारी
अगिप्रेत है;
(घ) 1[“इलैक्‍टरागनक गचह्नक] लिाना” से, इसके व्याकरगणक रूपिेदों और सजातीय पदों सगहत अगिप्रेत है दकसी
इलैक्‍टरागनक अगिलेख को 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] द्वारा अगिप्रमागणत करने के प्रयोजन के गलए दकसी व्यगक्‍टत द्वारा कोई
कायापद्धगत या प्रदक्रया अंिीकार करना;
2
[(घक) “अपील अगिकरण” से िारा 48 की उपिारा (1) में गनर्दाष्ट अपील अगिकरण अगिप्रेत है ।]
(ङ) “समुगचत सरकार” से,—
(i) संगििान की सातिीं अनुसूची की सूची 2 में प्रिगणत,
(ii) संगििान की सातिीं अनुसूची की सूची 3 के अिीन अगिगनयगमत दकसी राज्य गिगि से संबंगित,
दकसी गिषय के संबंि में राज्य सरकार और दकसी अन्य दशा में के न्रीय सरकार अगिप्रेत है;
(च) “असमगमत िूढ़ प्रणाली” से सुरगित कुं जी युग्म की कोई प्रणाली अगिप्रेत है गजसमें 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक]
सृगजत करने के गलए एक प्राइिेट कुं जी और 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] को सत्यागपत करने के गलए एक लोक कुं जी है;
(छ) “प्रमाणकताा प्रागिकारी” से ऐसा व्यगक्‍टत अगिप्रेत है गजसे िारा 24 के अिीन 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक]
प्रमाणपत्र जारी करने के गलए अनुज्ञगप्त दी िई है;
(ज) “प्रमाणीकरण पद्धगत गििरण” से प्रमाणकताा प्रागिकारी द्वारा उन पद्धगतयों को गिगनर्दाष्ट करने के गलए जारी
दकया िया गििरण अगिप्रेत है जो प्रमाणकताा प्रागिकारी, 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र जारी करने में प्रयोि करता है;
3
[(जक) “संचार युगक्‍टत” से सैलफोन, िैयगक्‍टतक अंकीय सहायता या दोनों का संयोजन या कोई ऐसी अन्य युगक्‍टत
अगिप्रेत है गजसका उपयोि कोई पाठ, िीगडयों, आगडयो या आकृ गत संसूगचत करने, िेजने या पारे गषत करने के गलए दकया
जाता है;]
(झ) “कं प्यूटर” से ऐसी इलैक्‍टरागनक, चुम्‍बकीय, प्रकाशीय या अन्य रुत डाटा संसािन युगक्‍टत या प्रणाली अगिप्रेत है
जो इलैक्‍टरागनक, चुम्‍बकीय या प्रकाशीय तरं िों के अगिचालनों द्वारा तका संित, अंकिगणतीय और स्मृ गत फलन के रूप में काया
करता है और इसके अंतिात सिी गनिेश उत्पाद, प्रक्रमण, िंडारण, कं प्यूटर साफ्टिेयर या संचार सुगििाएं िी हैं जो दकसी
कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका में कं प्यूटर से संयोगजत या संबंगित होती हैं;
4
[(ञ) “कं प्यूटर नेटिका ” से,—
(i) उपग्रह, सूक्ष्म तरं ि, िौगमक लाइन, तार, बेतार, या अन्य संचार मीगडया के उपयोि ; और
(ii) दो या अगिक अंत:संबद्ध कं प्यूटरों या संचार युगक्‍टत से गमलकर बने टर्त्मानलों या दकसी कं प्लैक्‍टस, चाहे
अंत:संबंि गनरं तर रखा जाता है या नहीं,
के माध्यम से एक या अगिक कं प्यूटरों या कं प्यूटर प्रणागलयों या संचार युगक्‍टत का अंत:संबंि अगिप्रेत है ;]
(ट) “कं प्यूटर सािन” से कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली, कं प्यूटर नेटिका , डाटा, कं प्यूटर डाटा संचय या साफ्टिेयर
अगिप्रेत है;
(ठ) “कं प्यूटर प्रणाली” से, गनिेश और गनिाम सहायक युगक्‍टतयों सगहत और ऐसे कै लकु लेटरों को छोड़कर, जो
क्रमादे‍य नहीं हैं और जो बाह्य फाइलों के साथ संयोजन में उपयोि में नहीं आ सकते, ऐसी युगक्‍टत या युगक्‍टतयों का संग्रह
अगिप्रेत है गजसमें कं प्यूटर प्रोग्राम, इलैक्‍टरागनक अनुदश
े , गनिेश डाटा और गनिाम डाटा िरे िए हैं, जो तका , अंकिणतीय,
डाटा िंडारण और पुन:प्रागप्त, संचार गनयंत्रण और अन्य कृ त्य करती है;
(ड) “गनयंत्रक” से िारा 17 की उपिारा (1) के अिीन गनयुक्‍टत प्रमाणकताा प्रागिकाररयों का गनयंत्रक अगिप्रेत है;
5
* * * * * * *
[(ढक) “साइबर कै फे ” से ऐसी कोई सुगििा अगिप्रेत है, जहां से दकसी व्यगक्‍टत द्वारा, जनता को कारबार के
2

सािारण अनुक्रम में इं टरनैट तक पहंच प्रस्थागपत की जाती है;

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा अंत:स्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 4 द्वारा अंत:स्थागपत ।
4
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 4 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
5
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा लोप दकया िया ।
3

(ढख) “साइबर सुरिा” से सूचना, उपस्कर, युगक्‍टतयों, कं प्यूटर, कं प्यूटर संसािन, संचार युगक्‍टत और उनमें िंडाररत
सूचना को अप्रागिकृ त पहंच, उपयोि, प्रकटन, गिगच्छन्न, उपांतरण या नाश से संरगित करना अगिप्रेत है;]
(ण) “डाटा” से सूचना, जानकारी, तथ्यों, संकल्पनाओं या अनुदश े ों का गनरूपण अगिप्रेत है गजन्हें एक गनग‍चत
रीगत से तैयार दकया जा रहा है या तैयार दकया िया है और जो कं प्यू टर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका में संसागित दकए जाने के
गलए आशगयत है, संसागित दकया जा रहा है या संसागित दकया िया है और जो दकसी रूप में (गजसके अंतिात कं प्यू टर
गप्रन्टआउट, चुम्‍बकीय या प्रकाशीय िंडारण मीगडया, गछदरत काडा, गछदरत टेप हैं) या कं प्यू टर की स्मृगत में आंतररक रूप से
िंडाररत हो सकता है;
(त) “अंकीय गचह्नक” से दकसी उपयोिकताा द्वारा िारा 3 के उपबंि के अनुसार दकसी इलैक्‍टरागनक पद्धगत या
प्रदक्रया द्वारा दकसी इलैक्‍टरागनक अगिलेख का अगिप्रमाणन अगिप्रेत है;
(थ) “अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र” से िारा 35 की उपिारा (4) के अिीन जारी दकया िया अंकीय गचह्नक
प्रमाणपत्र अगिप्रेत है;
(द) सूचना के संदिा में, “इलैक्‍टरागनक रूप” से दकसी मीगडया, चुम्‍बकीय, प्रकाशीय, कं प्यूटर स्मृगत, माइक्रोदफल्म,
कं प्यूटर उत्पाददत सूगक्ष्मका या समरूप युगक्‍टत में उत्पाददत, प्रेगषत, प्राप्त या िंडाररत कोई सूचना अगिप्रेत है;
(ि) “इलैक्‍टरागनक राजपत्र” से इलैक्‍टरागनक रूप में प्रकागशत राजपत्र अगिप्रेत है;
(न) “इलैक्‍टरागनक अगिलेख” से दकसी इलैक्‍टरागनक रूप या माइक्रोदफल्म या कं प्यूटर उत्पाददत सूगक्ष्मका में डाटा,
अगिलेख या उत्पाददत डाटा, िंडाररत, प्राप्त या प्रेगषत प्रगतबबंब या ध्िगन अगिप्रेत है;
[(नक) “इलैक्‍टरागनक गचह्नक” से दकसी उपयोिकताा द्वारा दूसरी अनुसूची में गिगनर्दाष्ट इलैक्‍टरागनक तकनीक के
1

माध्यम से दकसी इलैक्‍टरागनक अगिलेख का अगिप्रमाणन अगिप्रेत है और इसके अंतिात अंकीय गचह्नक िी है;
(नख) “इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्र” से िारा 35 के अिीन जारी दकया िया इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्र
अगिप्रेत है और इसके अंतिात अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र िी है;]
(प) दकसी कं प्यूटर के संबंि में, “फलन” के अंतिात दकसी कं प्यूटर से अथिा उसमें तका , गनयंत्रण, अंकिगणतीय
प्रक्रम, गिलोप, िंडारण और पुन: प्रागप्त तथा संचार या दूरसंचार िी आता है;
[(पक) “िारतीय कं प्यूटर आपात मोचन दल” से िारा 70ख की उपिारा (1) के अिीन स्थागपत अगिकरण
1

अगिप्रेत है;]
(फ) “सूचना” के अंतिात 2[डाटा, संदश े , पाठ,] प्रगतबबंब, ध्िगन, िाणी, कोड, कं प्यूटर कायाक्रम, साफ्टिेयर और
डाटा संचय या माइक्रोदफल्म या कं प्यूटर उत्पाददत सूगक्ष्मका िी आती है;
2
[(ब) दकसी गिगशष्ट इलैक्‍टरागनक अगिलेख के संबंि में “मध्यिती” से ऐसा व्यगक्‍टत अगिप्रेत है जो दकसी अन्य
व्यगक्‍टत की ओर से उस अगिलेख को प्राप्त करता है, िंडाररत करता है या पारे गषत करता है या उस अगिलेख के संबंि में कोई
सेिा प्रदान करता है और उसके अंतिात दूरसंचार सेिा प्रदाता, नैटिका सेिा प्रदाता, इं टरने ट सेिा प्रदाता, िैब, होबस्टं ि सेिा
प्रदाता, सचा इं जन, आन लाइन पेमेंट साइट, आन लाइन ऑक्‍टसन साइट, आन लाइन गिपणन स्थान और साइबर कै फे िी हैं;]
(ि) असमगमत िूढ़ प्रणाली में, “कुं जी युग्म” से, प्राइिेट कुं जी और उसकी अंकिगणतीय रूप से संबंगित लोक कुं जी
अगिप्रेत है जो इस प्रकार संबंगित है दक लोक कुं जी उस अंकीय गचह्नक को सत्यागपत कर सकती है जो प्राइिेट कुं जी द्वारा
सृगजत दकया िया है;
(म) “गिगि” के अन्तिात संसद् या राज्य गििान-मंडल का कोई अगिगनयम, यथागस्थगत, राष्रपगत या राज्यपाल
द्वारा प्रखयागपत अध्यादेश, अनुच्छे द 240 के अिीन राष्रपगत द्वारा बनाए िए गिगनयम, संगििान के अनुच्छे द 357 के खंड (1)
के उपखंड (क) के अिीन राष्रपगत के अगिगनयमों के रूप में अगिगनयगमत गििेयक आते हैं और इनके अंतिात उनके अिीन
बनाए िए गनयम, गिगनयम, उपगिगियां और जारी दकए िए आदेश िी हैं;
(य) “अनुज्ञगप्त” से िारा 24 के अिीन दकसी प्रमाणकताा प्रागिकारी को अनुदत्त अनुज्ञगप्त अगिप्रेत है;
(यक) “प्रिताक” से ऐसा व्यगक्‍टत अगिप्रेत है जो दकसी इलैक्‍टरागनक संदशे को िेजता है, उसका उत्पादन, िंडारण
करता है या दकसी अन्य व्यगक्‍टत को पारे गषत करता है अथिा दकसी इलैक्‍टरागनक संदश े को गिजिाता है, उसका उत्पादन,
िंडारण कराता है या दकसी अन्य व्यगक्‍टत को पारे गषत कराता है, दकन्तु इसके अंतिात कोई मध्यिती नहीं है;
(यख) “गिगहत” से इस अगिगनयम के अिीन बनाए िए गनयमों द्वारा गिगहत अगिप्रेत है;

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 4 द्वारा अंत:स्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 4 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
4

(यि) “प्राइिेट कुं जी” से कुं जी युग्म की िह कुं जी अगिप्रेत है जो अंकीय गचह्नक सृगजत करने के गलए प्रयोि की
जाती है;
(यघ) “लोक कुं जी” से कुं जी युग्म की िह कुं जी अगिप्रेत है जो अंकीय गचह्नक को सत्यागपत करने के गलए प्रयोि की
जाती है और अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध है;
(यङ) “सुरगित प्रणाली” से ऐसे कं प्यूटर हाडािेयर, सॉफ्टिेयर और प्रदक्रयाएं अगिप्रेत हैं, जो—
(क) अप्रागिकृ त प्रिेश और दुरुपयोि से युगक्‍टतयुक्‍टत रूप से सुरगित है;
(ख) गि‍िसनीयता और सही संचालन का युगक्‍टतयुक्‍टत स्तर उपबंगित करती है;
(ि) आशगयत कृ त्य करने के गलए युगक्‍टतयुक्‍टत रूप से उपयुक्‍टत है;
(घ) सािारणत: स्िीकाया सुरिा प्रदक्रयाओं के अनुरूप है;
(यच) “सुरिा प्रदक्रया” से िारा 16 के अिीन के न्रीय सरकार द्वारा गिगहत सुरिा प्रदक्रया अगिप्रेत है;
(यछ) “उपयोिकताा” से ऐसा व्यगक्‍टत अगिप्रेत है गजसके नाम से 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र जारी दकया
जाता है;
(यज) अंकीय गचह्नक, इलैक्‍टरागनक अगिलेख या लोक कुं जी के संबंि में, “सत्यागपत करना” से इसके व्याकरगणक
रूपिेदों और सजातीय पदों सगहत अगिप्रेत है यह अििारण करना दक क्‍टया—
(क) प्रारं गिक इलैक्‍टरागनक अगिलेख पर उपयोिकताा की लोक कुं जी के तद्नुरूपी प्राइिेट कुं जी का
उपयोि करते हए अंकीय गचह्नक लिाया िया था ;
(ख) प्रारं गिक इलैक्‍टरागनक अगिलेख, ऐसे इलैक्‍टरागनक अगिलेख पर अंकीय गचह्नक इस प्रकार लिाए
जाने के समय से ही अिुण्ण रखे िए हैं या उसे उपांतररत दकया िया है ।
(2) इस अगिगनयम में दकसी अगिगनयगमगत या उसके दकसी उपबंि के प्रगत दकसी गनदेश का, उस िेत्र के संबंि में गजसमें ऐसी
अगिगनयगमगत या ऐसा उपबंि प्रिृत्त नहीं है, यह अथा लिाया जाएिा दक िह उस िेत्र में प्रिृत्त तत्स्थानी गिगि या तत्स्थानी गिगि से
सुसंित उपबंि, यदद कोई है, के प्रगत गनदेश है ।
अध्याय 2
2
[अंकीय गचह्नक और इलैक्‍टरागनक गचह्नक]
3. इलैक्‍टरागनक अगिलेख का अगिप्रमाणीकरण—(1) इस िारा के उपबंिों के अिीन रहते हए, कोई उपयोिकताा, दकसी
इलैक्‍टरागनक अगिलेख को अपने अंकीय गचह्नक लिाकर अगिप्रमागणत कर सके िा ।
(2) इलैक्‍टरागनक अगिलेख का अगिप्रमाणन असमगमत िूढ़ प्रणाली और रुतान्िे षण फलन का उपयोि करके दकया जाएिा जो
प्रारं गिक इलैक्‍टरागनक अगिलेख को दकसी अन्य इलैक्‍टरागनक अगिलेख में आिृत्त और रूपान्तर करता है ।
स्पष्टीकरण—इस उपिारा के प्रयोजनों के गलए, “रुतान्िेषण फलन” से एल्िोररथ्म मैबपंि या गिटस की एक श्ृंखला का दूसरी
श्ृंखला में रूपांतरण अगिप्रेत है, जो दक सामान्यत: रुतान्िेषण पररणाम के नाम से ज्ञात सेट से छोटी हैं और ऐसी हैं गजसमें कोई
इलैक्‍टरागनक अगिलेख हर समय िही रुतान्िेषण पररणाम उत्पन्न करता है जब उसके गनिेश के रूप में उसी इलेक्‍टरागनक अगिलेख के
साथ एल्िोररथ्म को गनष्पाददत दकया जाता है तो िह अगिकलनीय रूप से गनम्‍नगलगखत के संबंि में असंिि हो जाता है—
(क) ऐल्िोररथ्म द्वारा उत्पाददत रुतान्िेषण पररणाम से मूल इलैक्‍टरागनक अगिलेख को व्युत्पन्न या पुन: संरगचत
करना;
(ख) दो इलैक्‍टरागनक अगिलेखों का ऐल्िोररथ्म का उपयोि करके िैसा ही रुतान्िेषण पररणाम उत्पाददत करना ।
(3) कोई िी व्यगक्‍टत, उपयोिकताा की लोक कुं जी का उपयोि करके इलैक्‍टरागनक अगिलेख को सत्यागपत कर सकता है ।
(4) प्राइिेट कुं जी और लोक कुं जी उपयोिकताा के गलए अगद्वतीय हैं और िे फलनकारी कुं जी युग्म का गनमााण करती हैं ।
इलैक्‍टरागनक गचह्नक—(1) िारा 3 में दकसी बात के होते हए िी, ककं तु उपिारा (2) के उपबंिों के अिीन रहते हए,
3[3क.

कोई उपयोिकताा दकसी इलैक्‍टरागनक अगिलेख को, ऐसे इलैक्‍टरागनक गचह्नक या इलैक्‍टरागनक अगिप्रमाणन तकनीक द्वारा अगिप्रमागणत
कर सके िा, जो,—

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 5 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 6 द्वारा अंत:स्थागपत ।
5

(क) गि‍िसनीय समझी जाती है ; और


(ख) दूसरी अनुसूची में गिगनर्दाष्ट की जाए ।
(2) इस िारा के प्रयोजनों के गलए कोई इलैक्‍टरागनक गचह्नक या इलैक्‍टरागनक अगिप्रमाणन तकनीक गि‍िसनीय समझी
जाएिी, यदद,—
(क) गचह्नक सृजन डाटा या अगिप्रमाणन डाटा, उस संदिा में, गजसमें उनका उपयोि दकया जाता है, यथागस्थगत,
हस्तािरकताा या अगिप्रमाणनकताा के साथ जोड़े जाते हैं और न दक दकसी अन्य व्यगक्‍टत के साथ;
(ख) गचह्नक सृजन डाटा या अगिप्रमाणन डाटा, गचह्नांकन के समय, यथागस्थगत, हस्तािरकताा या
अगिप्रमाणनकताा के गनयंत्रणािीन थे और न दक दकसी अन्य व्यगक्‍टत के ;
(ि) ऐसा गचह्नक लिाने के प‍चात्, इलैक्‍टरागनक गचह्नक में दकया िया कोई पररितान पता लिाए जाने योग्य है;
(घ) इलैक्‍टरागनक गचह्नक द्वारा अगिप्रमाणन के प‍चात् सूचना में दकया िया कोई पररितान पता लिाए जाने योग्य
है; और
(ङ) यह ऐसी अन्य शतों को पूरी करता हो, जो गिगहत की जाएं ।
(3) के न्रीय सरकार, इस बात का अगिगन‍चय करने के प्रयोजन के गलए प्रदक्रया गिगहत कर सके िी, दक क्‍टया इलैक्‍टरागनक
गचह्नक उसी व्यगक्‍टत का है गजसके द्वारा उसका गचह्नांकन दकया जाना या अगिप्रमागणत दकया जाना तात्पर्त्यात है ।
(4) के न्रीय सरकार, राजपत्र में अगिसूचना द्वारा, दूसरी अनुसूची में ऐसे गचह्नक को लिाने के गलए कोई इलैक्‍टरागनक
गचह्नक या इलैक्‍टरागनक अगिप्रमाणन तकनीक या प्रदक्रया जोड़ सके िी या उससे हटा सके िी :
परं तु कोई इलैक्‍टरागनक गचह्नक या अगिप्रमाणन तकनीक दूसरी अनुसूची में तिी गिगनर्दाष्ट की जाएिी, जब ऐसा गचह्नक
या तकनीक गि‍िसनीय हो ।
(5) उपिारा (4) के अिीन जारी की िई प्रत्येक अगिसूचना संसद् के प्रत्येक सदन के समि रखी जाएिी ।]
अध्याय 3

इलैक्‍टरागनक गनयमन
4. इलैक्‍टरागनक अगिलेखों की गिगिमान्यता—जहां कोई गिगि यह उपबंि करती है दक सूचना या कोई अन्य गिषय गलगखत
या टंदकत या मुदरत रूप में होिा, िहां, ऐसी गिगि में अंतर्त्िाष्ट दकसी बात के होते हए िी, ऐसी अपेिा पूणा कर दी िई समझी जाएिी,
यदद ऐसी सूचना या गिषय,—
(क) दकसी इलैक्‍टरागनक रूप में ददया जाता है या उपलब्ि कराया जाता है; और
(ख) इस प्रकार पहंच योग्य है दक िह दकसी प‍चात्िती गनदेश के गलए उपयोि दकए जाने योग्य है ।
5. 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नकों] की गिगिमान्यता—जहां दकसी गिगि में यह उपबंि दकया िया हो दक सूचना या कोई अन्य
गिषय, उस पर हस्तािर कर के अगिप्रमागणत दकया जाए, या कोई दस्तािेज हस्तािररत दकया जाए अथिा उस पर दकसी व्यगक्‍टत के
हस्तािर हों, िहां ऐसी गिगि में अंतर्त्िाष्ट दकसी बात के होते हए िी, ऐसी अपेिा पूणा कर दी िई समझी जाएिी, यदद ऐसी सूचना या
गिषय, ऐसी रीगत से जो के न्रीय सरकार द्वारा गिगहत की जाए, 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] लिा कर अगिप्रमागणत दकया िया हो ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए इसके व्याकरगणक रूपिेदों और सजातीय पदों के साथ “हस्तािररत” से, दकसी
व्यगक्‍टत के संदिा में, अगिप्रेत है दकसी दस्तािेज पर अपने हस्तगलगखत हस्तािर करना या कोई गचह्न लिाना और “हस्तािर” पद का
तद्नुसार अथा लिाया जाएिा ।
6. सरकार और उसके अगिकरणों में इलैक्‍टरागनक अगिलेखों और 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नकों] का प्रयोि—(1) जहां दकसी
गिगि में,—
(क) समुगचत सरकार के स्िागमत्िािीन या गनयंत्रणािीन दकसी कायाालय, प्रागिकरण, गनकाय या अगिकरण में
कोई प्ररूप, आिेदन या कोई अन्य दस्तािेज दकसी गिगशष्ट रीगत से फाइल करने का;
(ख) दकसी अनुज्ञगप्त, अनुज्ञापन, मंजूरी या अनुमोदन, िह चाहे दकसी िी नाम से ज्ञात हो दकसी गिगशष्ट रीगत से
जारी या मंजूर करने का;
(ि) दकसी गिगशष्ट रीगत से िन की प्रागप्त या संदाय का,

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
6

उपबंि है, िहां, तत्समय प्रिृत्त दकसी अन्य गिगि में अंतर्त्िाष्ट दकसी बात के होते हए िी, ऐसी अपेिा पूणा कर दी िई समझी जाएिी,
यदद, यथागस्थगत, ऐसा फाइल दकया जाना, जारी दकया जाना, मंजरू ी, प्रागप्त या संदाय, ऐसे इलैक्‍टरागनक रूप से, जो समुगचत सरकार
द्वारा गिगहत दकया जाए, दकया जाता है ।
(2) उपिारा (1) के प्रयोजनों के गलए, समुगचत सरकार, गनयमों द्वारा गनम्‍नगलगखत गिगहत कर सके िी—
(क) िह रीगत गजससे और िह रूपगििान गजसमें ऐसे इलैक्‍टरागनक अगिलेख फाइल, सृगजत या जारी दकए जाएंिे;
(ख) खंड (क) के अिीन दकसी इलैक्‍टरागनक अगिलेख के फाइल, सृजन या जारी दकए जाने के गलए दकसी फीस या
प्रिारों के संदाय की रीगत या पद्धगत ।
1[6क. सेिा प्रदाता द्वारा सेिाओं का पररदान—(1) समुगचत सरकार, इस अध्याय के प्रयोजनों के गलए और इलैक्‍टरागनक
सािनों के माध्यम से, जनता को सेिाओं के दि पररदान के गलए, आदेश द्वारा, दकसी सेिा प्रदाता को कं प्यू टरीकृ त सुगििाओं की
स्थापना, अनुरिण और उन्नयन और ऐसी अन्य सेिाओं का अनुपालन करने के गलए प्रागिकृ त कर सके िी, जो िह राजपत्र में अगिसूचना
द्वारा गिगनर्दाष्ट करे ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए, इस प्रकार प्रागिकृ त सेिा प्रदाता के अंतिात ऐसा कोई व्यगष्ट, प्राइिेट
अगिकरण, प्राइिेट कं पनी, िािीदारी फमा, एकल स्ित्ििारी फमा या कोई ऐसा अन्य गनकाय या अगिकरण िी है गजसे ऐसे सेिा सैक्‍टटर
को शागसत करने िाली नीगत के अनुसार इलैक्‍टरागनक सािनों के माध्यम से सेिाएं प्रस्थागपत करने के गलए समुगचत सरकार द्वारा अनुज्ञा
दी िई है ।
(2) समुगचत सरकार, उपिारा (1) के अिीन प्रागिकृ त दकसी सेिा प्रदाता को, ऐसे सेिा प्रिार, जो ऐसी सेिा का उपिोि
करने िाले व्यगक्‍टत से ऐसी सेिा प्रदान करने के प्रयोजन के गलए समुगचत सरकार द्वारा गिगहत दकए जाएं , संिृहीत, प्रगतिाररत और
गिगनयोगजत करने के गलए िी प्रागिकृ त कर सके िी ।
(3) उपिारा (2) के उपबंिों के अिीन रहते हए, समुगचत सरकार इस तथ्य के होते हए िी दक इस अगिगनयम, गनयम,
गिगनयम या अगिसूचना के अिीन ऐसा कोई अगिव्यक्‍टत उपबंि नहीं है, गजसके अिीन सेिा प्रदाताओं द्वारा ई-सेिा प्रिारों का संग्रहण,
प्रगतिारण और गिगनयोजन करने के गलए सेिा प्रदान की जाती है, इस िारा के अिीन सेिा प्रदाताओं को सेिा प्रिारों का संग्रहण,
प्रगतिारण, गिगनयोजन करने के गलए प्रागिकृ त कर सके िी ।
(4) समुगचत सरकार, राजपत्र में अगिसूचना द्वारा, उन सेिा प्रिारों का मापमान गिगनर्दाष्ट करे िी जो इस िारा के अिीन
सेिा प्रदाताओं द्वारा प्रिाररत और संिृहीत दकए जा सकें िे :
परं तु समुगचत सरकार गिगिन्न प्रकार की सेिाओं के गलए सेिा प्रिारों के गिगिन्न मापमान गिगनर्दाष्ट कर सके िी ।]
7. इलैक्‍टरागनक अगिलेखों का प्रगतिारण—(1) जहां दकसी गिगि में यह उपबंि है दक दस्तािेज, अगिलेख या सूचना दकसी
गिगनर्दाष्ट अिगि के गलए प्रगतिाररत की जाए, िहां, ऐसी अपेिा पूणा कर दी िई समझी जाएिी यदद ऐसे दस्तािेज, अगिलेख या
सूचना इलैक्‍टरागनक रूप में प्रगतिाररत की जाती है, यदद—
(क) उसमें अन्तर्त्िाष्ट सूचना इस प्रकार पहंच योग्य बनी रहती है दक प‍चात्िती गनदेश के गलए उपयोि की
जा सके ;
(ख) इलैक्‍टरागनक अगिलेख उसी रूपगििान में, गजसमें मूलत: उत्पाददत, प्रेगषत या प्राप्त दकया िया था या उस
रूपगििान में, गजसमें मूलत: उत्पाददत, प्रेगषत या प्राप्त की िई सूचना ठीक-ठीक गनरूगपत करने के गलए गनदर्त्शात की जा
सकती है, प्रगतिाररत दकया जाता है;
(ि) िे ब्यौरे , जो ऐसे इलैक्‍टरागनक अगिलेख के उद्भि, िंतव्य, प्रेषण या प्रागप्त की तारीख और समय के अगिज्ञान
को सुकर बनाएंिे, इलैक्‍टरागनक अगिलेख में उपलब्ि हैं:
परं तु यह खंड दकसी ऐसी सूचना को लािू नहीं होता है जो दकसी इलैक्‍टरागनक अगिलेख को के िल प्रेगषत या प्राप्त करने में
समथा बनाने के प्रयोजन के गलए स्ित: उत्पाददत की जाती है ।
(2) इस िारा की कोई बात दकसी ऐसी गिगि को लािू नहीं होिी गजसमें दस्तािेजों, अगिलेखों या सूचना का इलैक्‍टरागनक
अगिलेखों के रूप में प्रगतिारण के गलए अगिव्यक्‍टत रूप से उपबंि है ।
इलैक्‍टरागनक रूप में रखे िए दस्तािेजों, आदद की संपरीिा—जहां तत्समय प्रिृत्त दकसी गिगि में, दस्तािेजों, अगिलेखों
2[7क.

या सूचना की संपरीिा का उपबंि है, िहां, िह उपबंि इलैक्‍टरागनक रूप में संसागित और रखे िए दस्तािेजों, अगिलेखों या सूचना की
संपरीिा के संबंि में िी लािू होिा ।]

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 7 द्वारा अंत:स्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 8 द्वारा अंत:स्थागपत ।
7

8. इलैक्‍टरागनक राजपत्र में गनयम, गिगनयम, आदद का प्रकाशन—जहां दकसी गिगि में यह उपबंि है दक कोई गनयम, गिगनयम,
आदेश, उपगिगि, अगिसूचना या कोई अन्य गिषय, राजपत्र में प्रकागशत दकया जाएिा िहां ऐसी अपेिा पूणा कर दी िई समझी जाएिी
यदद ऐसा गनयम, गिगनयम, आदेश, उपगिगि, अगिसूचना या कोई अन्य गिषय राजपत्र या इलैक्‍टरागनक राजपत्र में प्रकागशत दकया
जाता है :
परन्तु जहां राजपत्र या इलैक्‍टरागनक राजपत्र में कोई गनयम, गिगनयम, आदेश, उपगिगि, अगिसूचना या दकसी अन्य सामग्री
को प्रकागशत दकया जाता है िहां िही प्रकाशन की तारीख, उस राजपत्र की तारीख समझी जाएिी, गजसको िह प्रथमत: दकसी रूप में
प्रकागशत हआ था ।
9. िारा 6, िारा 7 और िारा 8 इस बात पर जोर देने का अगिकार प्रदान नहीं करती दक दस्तािेज इलैक्‍टरागनक रूप में
स्िीकार दकया जाए—िारा 6, िारा 7 और िारा 8 में अंतर्त्िाष्ट कोई बात दकसी व्यगक्‍टत को इस बात पर जोर देने का अगिकार प्रदान
नहीं करे िी दक के न्रीय सरकार या राज्य सरकार के दकसी मंत्रालय या गििाि अथिा दकसी गिगि द्वारा या उसके अिीन स्थागपत या
के न्रीय या राज्य सरकार द्वारा गनयंगत्रत या गित्तपोगषत दकसी प्रागिकरण या गनकाय को कोई दस्तािेज इलैक्‍टरागनक अगिलेखों के रूप
में स्िीकार, जारी, सृगजत, प्रगतिाररत, संरगित करना चागहए या इलैक्‍टरागनक रूप में कोई िनीय संव्यिहार करना चागहए ।
10. 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] से संबगं ित गनयम बनाने की के न्रीय सरकार की शगक्‍टत—के न्रीय सरकार, इस अगिगनयम के
प्रयोजनों के गलए, गनयमों द्वारा, गनम्‍नगलगखत गिगहत कर सके िी,—
(क) 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] का प्रकार;
(ख) िह रीगत और रूपगििान गजसमें 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] लिाया जाएिा;
(ि) िह रीगत या प्रदक्रया जो 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] लिाने िाले व्यगक्‍टत की पहचान को सुकर बनाती है;
(घ) इलैक्‍टरागनक अगिलेखों या संदायों की यथोगचत समग्रता, सुरिा और िोपनीयता सुगनग‍चत करने के गलए
गनयंत्रण पद्धगत और प्रदक्रयाएं; और
(ङ) कोई अन्य गिषय, जो 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] को गिगिक प्रिाि देने के गलए आि‍यक हो ।
2[10क. इलैक्‍टरागनक सािनों के माध्यम से की िई संगिदाओं की गिगिमान्यता—जहां दकसी संगिदा को तैयार करने में,
यथागस्थगत, प्रस्थापनाओं की संसच ू ना, प्रस्थापनाओं की स्िीकृ गत, प्रस्थापनाओं का प्रगतसंहरण और स्िीकृ गतयां, इलैक्‍टरागनक रूप में या
दकसी इलैक्‍टरागनक अगिलेख के सािनों द्वारा, अगिव्यक्‍टत की जाती है िहां ऐसी संगिदा के िल इस आिार पर दक ऐसा इलैक्‍टरागनक रूप
या सािन उस प्रयोजन के गलए उपयोि दकया िया था, अप्रितानीय नहीं समझी जाएिी ।]
अध्याय 4

इलैक्‍टरागनक अगिलेखों का अगिकार, अगिस्िीकृ गत और प्रेषण


11. इलैक्‍टरागनक अगिलेखों का अगिकार—दकसी इलैक्‍टरागनक अगिलेख का अगिकार प्रिताक को प्राप्त होिा,—
(क) यदद िह स्ियं प्रिताक द्वारा;
(ख) दकसी ऐसे व्यगक्‍टत द्वारा, गजसे उस इलैक्‍टरागनक अगिलेख की बाबत प्रिताक की ओर से काया करने का प्रागिकार
था; या
(ि) स्ित: प्रचागलत दकए जाने के गलए प्रिताक द्वारा या उसकी ओर से कायाक्रगमत दकसी सूचना प्रणाली द्वारा िेजा
िया था ।
12. प्रागप्त की अगिस्िीकृ गत—(1) 3[जहां प्रिताक ने यह अनुबंगित नहीं दकया है] दक इलैक्‍टरागनक अगिलेख की प्रागप्त की
अगिस्िीकृ गत दकसी गिगशष्ट रूप में या दकसी गिगशष्ट पद्धगत द्वारा दी जाए, िहां अगिस्िीकृ गत,—
(क) प्रेगषती द्वारा स्िचागलत या अन्यथा दकसी संसूचना द्वारा; या
(ख) प्रेगषती के दकसी आचरण द्वारा, जो प्रिताक को यह इं गित करने के गलए पयााप्त है दक इलैक्‍टरागनक अगिलेख
प्राप्त हो िया है,
दी जा सके िी ।

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 9 द्वारा अंत:स्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 10 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
8

(2) जहां प्रिताक ने यह गनयत दकया है दक इलैक्‍टरागनक अगिलेख, उसके द्वारा ऐसे इलैक्‍टरागनक अगिलेख की अगिस्िीकृ गत के
प्राप्त होने पर ही आबद्धकर होिा, िहां जब तक अगिस्िीकृ गत इस प्रकार प्राप्त नहीं हो जाती है, ऐसा समझा जाएिा दक इलैक्‍टरागनक
अगिलेख प्रिताक द्वारा किी िेजा ही नहीं िया था ।
(3) जहां प्रिताक ने यह गनयत नहीं दकया है दक इलैक्‍टरागनक अगिलेख, ऐसी अगिस्िीकृ गत प्राप्त होने पर ही आबद्धकर होिा
और प्रिताक द्वारा गिगनर्दाष्ट या तय दकए िए समय के िीतर या यदद कोई समय गिगनर्दाष्ट या तय नहीं दकया िया है तो उगचत समय
के िीतर, अगिस्िीकृ गत प्राप्त नहीं की िई है िहां प्रिताक, प्रेगषती को यह कथन करते हए दक उसके द्वारा अगिस्िीकृ गत प्राप्त नहीं की
िई है और ऐसा उगचत समय गिगनर्दाष्ट करते हए, गजस तक अगिस्िीकृ गत उसके द्वारा प्राप्त कर ली जानी चागहए, नोरटस दे सके िा
और यदद पूिोक्‍टत समय-सीमा के िीतर कोई अगिस्िीकृ गत प्राप्त नहीं होती है तो िह प्रेगषती को नोरटस देने के प‍चात्, इलैक्‍टरागनक
अगिलेख के बारे में इस प्रकार समझ सके िा मानो िह किी िेजा ही न िया हो ।
13. इलैक्‍टरागनक अगिलेख के प्रेषण और प्रागप्त का समय और स्थान—(1) प्रिताक और प्रेगषती के बीच जैसा अन्यथा तय पाया
िया है उसके गसिाय, दकसी इलैक्‍टरागनक अगिलेख का प्रेषण उस समय होता है जब िह प्रिताक के गनयंत्रण से बाहर दकसी कम्‍प्यू टर
सािन में डाला जाता है ।
(2) प्रिताक और प्रेगषती के बीच जैसा अन्यथा तय पाया िया है उसके गसिाय, दकसी इलैक्‍टरागनक अगिलेख की प्रागप्त का
समय गनम्‍नगलगखत रूप में अििाररत दकया जाएिा, अथाात्:—
(क) यदद प्रेगषती ने इलैक्‍टरागनक अगिलेखों को प्राप्त करने के प्रयोजन के गलए कोई कम्‍यूटर सािन अगिगहत कर
गलया है,—
(i) तो प्रागप्त उस समय हो जाती है जब इलैक्‍टरागनक अगिलेख अगिगहत कम्‍प्यूटर सािन में डाला जाता
है, या
(ii) यदद इलैक्‍टरागनक अगिलेख, प्रेगषती के ऐसे कम्‍प्यूटर सािन में िेजा जाता है जो अगिगहत कम्‍प्यू टर
सािन नहीं है तब प्रागप्त उस समय हो जाती है जब इलैक्‍टरागनक अगिलेख प्रेगषती द्वारा पुन:प्राप्त कर गलया
जाता है;
(ख) यदद प्रेगषती ने गिगनर्दाष्ट समयों के साथ-साथ, यदद कोई हो, कोई कम्‍प्यूटर सािन अगिगहत नहीं दकया है तो
प्रागप्त तब होती है जब इलैक्‍टरागनक अगिलेख, प्रेगषती के कम्‍प्यूटर सािन में डाला जाता है ।
(3) प्रिताक और प्रेगषती के बीच जैसा अन्यथा तय पाया िया है उसके गसिाय, कोई इलैक्‍टरागनक अगिलेख उस स्थान पर
प्रेगषत कर ददया िया समझा जाता है जहां प्रिताक का अपना कारबार का स्थान है और उस स्थान पर प्राप्त हो िया समझा जाता है
जहां प्रेगषती का अपना कारबार का स्थान है ।
(4) उपिारा (2) के उपबंि इस बात के होते हए िी लािू होंिे दक िह स्थान जहां कं म्‍प्यूटर सािन अिगस्थत है, उस स्थान से
गिन्न हो सकता है जहां इलैक्‍टरागनक अगिलेख उपिारा (3) के अिीन प्राप्त कर गलया िया समझा जाता है ।
(5) इस िारा के प्रयोजनों के गलए—
(क) यदद प्रिताक या प्रेगषती के एक से अगिक कारबार के स्थान हैं तो कारबार का प्रिान स्थान, कारबार का स्थान
होिा;
(ख) यदद प्रिताक या प्रेगषती के पास कारबार का स्थान नहीं है तो उसके गनिास का प्रागयक स्थान कारबार का
स्थान समझा जाएिा;
(ि) दकसी गनिगमत गनकाय के संबंि में “गनिास का प्रागयक स्थान” से िह स्थान अगिप्रेत है जहां िह
रगजस्रीकृ त है ।
अध्याय 5

सुरगित इलैक्‍टरागनक अगिलेख और सुरगित 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक]


14. सुरगित इलैक्‍टरागनक अगिलेख—जहां दकसी इलैक्‍टरागनक अगिलेख को, समय के दकसी गिगनर्दाष्ट िण पर सुरिा प्रदक्रया
लािू की िई है िहां ऐसा अगिलेख, समय के ऐसे िण से सत्यापन के समय तक सुरगित इलैक्‍टरागनक अगिलेख समझा जाएिा ।
2
[15. सुरगित इलैक्‍टरागनक गचह्नक—कोई इलैक्‍टरागनक गचह्नक एक सुरगित इलैक्‍टरागनक गचह्नक समझा जाएिा, यदद—

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 11 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
9

(i) गचह्नक सृजन डाटा, गचह्नक लिाने के समय, हस्तािरकताा के अनन्य गनयंत्रणािीन था और न दक दकसी अन्य
व्यगक्‍टत के ; और
(ii) गचह्नक सृजन डाटा, ऐसी अनन्य रीगत में िंडाररत दकया िया और लिाया िया था, जो गिगहत की जाए ।
स्पष्टीकरण—अंकीय गचह्नक की दशा में, गचह्नक सृजन डाटा से उपयोिकताा की प्राइिेट कुं जी अगिप्रेत है ।
16. सुरिा प्रदक्रयाएं और पद्धगतयां—के न्रीय सरकार, िारा 14 और िारा 15 के प्रयोजनों के गलए, सुरिा प्रदक्रयाएं और
पद्धगतयां गिगहत कर सके िी :
परं तु ऐसी सुरिा प्रदक्रयाओं और पद्धगतयों को गिगहत करते समय के न्रीय सरकार, िागणगज्यक पररगस्थगतयों, संव्यिहारों की
प्रकृ गत और ऐसी अन्य संबंगित बातों का ध्यान रखेिी, जो िह समुगचत समझे ।]
अध्याय 6

प्रमाणकताा प्रागिकाररयों का गिगनयमन


17. गनयंत्रक और अन्य अगिकाररयों की गनयुगक्‍टत—(1) के न्रीय सरकार, राजपत्र में अगिसूचना द्वारा, इस अगिगनयम के
प्रयोजनों के गलए प्रमाणकताा प्रागिकाररयों का एक गनयंत्रक गनयुक्‍टत कर सके िी और उसी या प‍चात्िती अगिसूचना द्वारा उपगनयंत्रक
1[और सहायक गनयंत्रक, अन्य अगिकारी और कमाचारी] िी उतनी संखया में गनयुक्‍टत कर सके िी गजतनी िह ठीक समझे ।

(2) गनयंत्रक, इस अगिगनयम के अिीन अपने कृ त्यों का के न्रीय सरकार के सािारण गनयंत्रण और गनदेशों के अिीन रहते हए
गनिाहन करे िा ।
(3) उप गनयंत्रक और सहायक गनयंत्रक, गनयंत्रक द्वारा उन्हें समनुदगे शत कृ त्यों का गनिाहन, गनयंत्रक के सािारण अिीिण और
गनयंत्रक के अिीन करें िे ।
(4) गनयंत्रक, उपगनयंत्रकों 1[और सहायक गनयंत्रकों, अन्य आगिकारी और कमाचाररयों] की अहाताएं, अनुिि और सेिा के
गनबंिन तथा शतें िे होंिी जो के न्रीय सरकार द्वारा गिगहत की जाएं ।
(5) गनयंत्रक कायाालय का प्रिान कायाालय और शाखा कायाालय ऐसे स्थानों पर होंिे, जो के न्रीय सरकार गिगनर्दाष्ट करे और
इनकी स्थापना ऐसे स्थानों पर ही सके िी, जो के न्रीय सरकार ठीक समझे ।
(6) गनयंत्रक कायाालय की एक मोहर होिी ।
18. गनयंत्रक के कृ त्य—गनयंत्रक, गनम्‍नगलगखत सिी या दकन्हीं कृ त्यों का गनष्पादन कर सके िा, अथाात्:—
(क) प्रमाणकताा प्रागिकाररयों के दक्रयाकलापों का पयािेिण करना;
(ख) प्रमाणकताा प्रागिकाररयों की लोक कुं गजयों को प्रमागणत करना;
(ि) प्रमाणकताा प्रागिकाररयों द्वारा बनाए रखे जाने िाले मानक अगिकगथत करना;
(घ) ऐसी अहाताएं और अनुिि गिगनर्दाष्ट करना जो प्रमाणकताा प्रागिकारी के कमाचाररयों के पास होनी चागहए;
(ङ) ऐसी शतें गिगनर्दाष्ट करना गजनके अिीन प्रमाणकताा प्रागिकारी अपना काया करे िा;
(च) गलगखत, मुदरत या दृ‍य सामग्री और गिज्ञापनों की अन्तिास्तु गिगनर्दाष्ट करना, गजसके 2[इलैक्‍टरागनक गचह्नक]
प्रमाणपत्र और लोक कुं जी की बाबत गितरण या उपयोि दकया जा सके ;
(छ) दकसी 2[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र और कुं जी का रूप और अन्तिास्तु गिगनर्दाष्ट करना;
(ज) िह प्ररूप और रीगत गिगनर्दाष्ट करना, गजसमें प्रमाणकताा प्रागिकाररयों द्वारा लेखे रखे जाएंिे;
(झ) उन गनबंिनों और शतों को गिगनर्दाष्ट करना, गजनके अिीन लेखा-परीिकों की गनयुगक्‍टत की जा सके िी और
उनको पाररश्गमक संदत्त दकया जा सके िा;
(ञ) प्रमाणकताा प्रागिकारी द्वारा, अके ले या अन्य प्रमाणकताा प्रागिकाररयों के साथ संयुक्‍टत रूप से दकसी
इलैक्‍टरागनक प्रणाली के स्थापन और ऐसी प्रणाली के गिगनयमन को सुकर बनाना;
(ट) िह रीगत गिगनर्दाष्ट करना, गजसमें प्रमाणकताा प्रागिकारी उपयोिकतााओं के साथ व्यिहार करें िे;
(ठ) प्रमाणकताा प्रागिकारी और उनके उपयोिकतााओं के बीच गहतों के दकसी टकराि का समािान करना;

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 12 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
10

(ड) प्रमाणकताा प्रागिकाररयों के कताव्यों को अगिकगथत करना;


(ढ) ऐसा डाटा संचय रखना, गजसमें प्रत्येक प्रमाणकताा प्रागिकारी का प्रकटन अगिलेख हो, गजसमें ऐसी गिगशगष्टयां
अंतर्त्िाष्ट हों, जो गिगनयमों द्वारा गिगनर्दाष्ट की जाएं और जो जनता की पहंच में हों ।
19. गिदेशी प्रमाणकताा प्रागिकाररयों की मान्यता—(1) गनयंत्रक, ऐसी शतों और गनबंिनों के अिीन रहते हए, जो गिगनयमों
द्वारा गिगनर्दाष्ट दकए जाएं, के न्रीय सरकार के पूिाानुमोदन से और राजपत्र में अगिसूचना द्वारा, दकसी गिदेशी प्रमाणकताा प्रागिकारी
को इस अगिगनयम के प्रयोजन के गलए प्रमाणकताा प्रागिकारी के रूप में मान्यता दे सके िा ।
(2) जहां, दकसी प्रमाणकताा प्रागिकारी को उपिारा (1) के अिीन मान्यता दी जाती है, िहां ऐसे प्रमाणकताा प्रागिकारी द्वारा
जारी दकया िया 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र इस अगिगनयम के प्रयोजनों के गलए गिगिमान्य होिा ।
(3) यदद गनयंत्रक का यह समािान हो जाता है दक दकसी प्रमाणकताा प्रागिकारी ने ऐसी शतों और गनबान्िनों में से दकसी का,
गजनके अध्यिीन उसे उपिारा (1) के अिीन मान्यता प्रदान की िई थी, उल्लंघन दकया है तो िह उन कारणों से, जो लेखबद्ध दकए
जाएंिे, राजपत्र में अगिसूचना द्वारा, ऐसी मान्यता को प्रगतसंहृत कर सके िा ।
2
* * * * * * *
21. 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र जारी करने के गलए अनुज्ञगप्त—(1) उपिारा (2) के उपबंिों के अिीन रहते हए, कोई
व्यगक्‍टत, [इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र जारी करने की अनुज्ञगप्त के गलए गनयंत्रक को आिेदन कर सके िा ।
1

(2) उपिारा (1) के अिीन कोई अनुज्ञगप्त तब तक जारी नहीं की जाएिी जब तक दक आिेदक, अहाता, गिशेषज्ञता,
जनशगक्‍टत, गित्तीय संसािन और अन्य अिसंरचनात्मक सुगििाओं की बाबत ऐसी अपेिाएं पूरी न करता हो, जो ऐसे
1
[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्रों को जारी करने के गलए आि‍यक हों, जो के न्रीय सरकार द्वारा गिगहत की जाएं ।
(3) इस िारा के अिीन अनुदत्त कोई अनुज्ञगप्त,—
(क) ऐसी अिगि के गलए गिगिमान्य होिी, जो के न्रीय सरकार द्वारा गिगहत की जाए,
(ख) अन्तरणीय या िंशाित नहीं होिी;
(ि) ऐसे गनबंिनों और शतों के अिीन होिी, जो गिगनयमों द्वारा गिगनर्दाष्ट की जाएं ।
22. अनुज्ञगप्त के गलए आिेदन—(1) अनुज्ञगप्त जारी करने के गलए प्रत्येक आिेदन ऐसे प्ररूप में होिा जो के न्रीय सरकार द्वारा
गिगहत दकया जाए ।
(2) अनुज्ञगप्त जारी करने के गलए प्रत्येक आिेदन के साथ, गनम्‍नगलगखत संलग्न होंिे—
(क) प्रमाणन पद्धगत गििरण;
(ख) आिेदक की पहचान करने की बाबत गििरण, गजसमें प्रदक्रयाएं िी सगम्‍मगलत हैं;
(ि) पच्चीस हजार रुपए से अनगिक की ऐसी फीस का संदाय, जो के न्रीय सरकार द्वारा गिगहत की जाए;
(घ) ऐसे अन्य दस्तािेज, जो के न्रीय सरकार द्वारा गिगहत दकए जाएं ।
23. अनुज्ञगप्त का निीकरण—दकसी अनुज्ञगप्त के निीकरण के गलए कोई आिेदन,—
(क) ऐसे प्ररूप में;
(ख) ऐसी फीस सगहत होिा, जो पांच हजार रुपए से अगिक नहीं होिी,
जो के न्रीय सरकार द्वारा गिगहत की जाए और अनुज्ञगप्त की गिगिमान्यता की अिगि के अिसान से पैंतालीस ददन से अन्यू न अिगि से
पूिा दकया जाएिा ।
24. अनुज्ञगप्त प्रदान करने या उसे नामंजरू करने के गलए प्रदक्रया—गनयंत्रक, िारा 21 की उपिारा (1) के अिीन आिेदन की
प्रागप्त पर आिेदन के साथ संलग्न दस्तािेजों और ऐसी अन्य बातों पर, गजन्हें िह ठीक समझे, गिचार करने के प‍चात्, अनुज्ञगप्त
अनुदत्त कर सके िा या आिेदन को नामंजूर कर सके िा:
परन्तु इस िारा के अिीन कोई िी आिेदन तब तक नामंजूर नहीं दकया जाएिा जब तक दक आिेदक को अपना पिकथन
प्रस्तुत करने का युगक्‍टतयुक्‍टत अिसर न दे ददया िया हो ।
25. अनुज्ञगप्त का गनलंबन—(1) गनयंत्रक, यदद उसका ऐसी जांच करने के प‍चात्, गजसे िह ठीक समझे, यह समािान हो
जाता है दक प्रमाणकताा प्रागिकारी,—

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 13 द्वारा लोप दकया िया ।
11

(क) ने अनुज्ञगप्त जारी करने या उसके निीकरण के गलए आिेदन में या उसके संबंि में ऐसा कोई कथन दकया है जो
तागविक गिगशगष्टयों के बारे में िलत है या गमथ्या है;
(ख) उन गनबंिनों और शतों का, गजनके अध्यिीन अनुज्ञगप्त अनुदत्त की िई थी, पालन करने में असफल रहा है;
1
[(ि) िारा 30 में गिगनर्दाष्ट प्रदक्रयाओं और मानकों को बनाए रखने में असफल रहा है;]
(घ) ने इस अगिगनयम, उसके अिीन बनाए िए गनयमों या गिगनयमों या दकए िए आदेश के दकन्हीं उपबंिों का
उल्लंघन दकया है,
तो अनुज्ञगप्त को प्रगतसंहृत कर सके िा:
परन्तु कोई िी अनुज्ञगप्त तब तक प्रगतसंहृत नहीं की जाएिी जब तक दक प्रमाणकताा प्रागिकारी को प्रस्तागित प्रगतसंहरण के
गिरुद्ध कारण दर्त्शात करने का युगक्‍टतयुक्‍टत अिसर न दे ददया िया हो ।
(2) गनयंत्रक, यदद उसके पास यह गि‍िास करने का युगक्‍टतयुक्‍टत हेतुक है दक उपिारा (1) के अिीन अनुज्ञगप्त को प्रगतसंहृत
करने के गलए कोई आिार है, आदेश द्वारा, उसके द्वारा आदेगशत दकसी जांच के पूरा होने तक ऐसी अनुज्ञगप्त को गनलंगबत कर सके िा:
परन्तु कोई िी अनुज्ञगप्त दस ददन से अनगिक की अिगि के गलए तब तक गनलंगबत नहीं की जाएिी जब तक दक प्रमाणकताा
प्रागिकारी को, प्रस्तागित गनलम्‍बन के गिरुद्ध कारण बताने का उगचत अिसर न दे ददया िया हो ।
(3) ऐसा कोई प्रमाणकताा प्रागिकारी, गजसकी अनुज्ञगप्त गनलंगबत कर दी िई है, ऐसे गनलंबन के दौरान कोई
2[इलैक्‍टरागनकगचह्नक] प्रमाणपत्र जारी नहीं करे िा ।
26. अनुज्ञगप्त के गनलंबन या प्रगतसंहरण की सूचना—(1) जहां दकसी प्रमाणकताा प्रागिकारी की कोई अनुज्ञगप्त गनलंगबत या
प्रगतसंहृत कर दी िई है िहां गनयंत्रक, यथागस्थगत, ऐसे गनलंबन या प्रगतसंहरण की एक सूचना, उसके द्वारा रखे जाने िाले डाटा-संचय
में प्रकागशत करे िा ।
(2) जहां एक या अगिक गनिान गिगनर्दाष्ट दकए िए हैं िहां गनयंत्रक, यथागस्थगत, ऐसे गनलंबन या प्रगतसंहरण की सूचना,
ऐसे सिी गनिानों में प्रकागशत करे िा :
परन्तु, यथागस्थगत, ऐसे गनलंबन या प्रगतसंहरण की सूचना से युक्‍टत डाटा-संचय ऐसी िेबसाइट के माध्यम से उपलब्ि कराया
जाएिा, जो ददन-रात पहंच में होिी :
परन्तु यह और दक यदद गनयंत्रक, आि‍यक समझे तो िह, ऐसे इलैक्‍टरागनक या अन्य मीगडया में, गजसे िह उपयुक्‍टत समझे,
डाटा-संचय की अन्तिास्तु को प्रचाररत कर सके िा ।
27. प्रत्यायोजन की शगक्‍टत—गनयंत्रक, इस अध्याय के अिीन गनयंत्रक की दकन्हीं शगक्‍टतयों का प्रयोि करने के गलए उप
गनयंत्रक, सहायक गनयंत्रक या दकसी अगिकारी को गलगखत रूप में प्रागिकृ त कर सके िा ।
28. उल्लंघनों का अन्िेषण करने की शगक्‍टत—(1) गनयंत्रक या उसके द्वारा इस गनगमत्त प्रागिकृ त कोई अगिकारी, इस
अगिगनयम, तद्धीन बनाए िए गनयमों या गिगनयमों के उपबंिों के दकसी िी उल्लं घन का अन्िेषण करे िा ।
(2) गनयंत्रक या उसके द्वारा इस गनगमत्त प्रागिकृ त कोई अगिकारी, िैसी ही शगक्‍टतयों का प्रयोि करे िा जो आय-कर
अगिगनयम, 1961 (1961 का 43) के अध्याय 13 के अिीन आय-कर प्रागिकाररयों को प्रदत्त हैं और ऐसी शगक्‍टतयों का प्रयोि उस
अगिगनयम के अिीन अगिकगथत सीमाओं के अिीन रहते हए करे िा ।
29. कं प्यूटरों और डाटा तक पहंच—(1) िारा 69 की उपिारा (1) के उपबंिों पर प्रगतकू ल प्रिाि डाले गबना, गनयंत्रक या
उसके द्वारा प्रागिकृ त दकसी व्यगक्‍टत के पास, यदद यह संदह
े करने का उगचत कारण है दक 3[इस अध्याय के उपबंिों का कोई उल्लंघन
दकया िया है] तो उसे दकसी कं प्यूटर प्रणाली, दकसी सागित्र, डाटा या ऐसी प्रणाली से संबंगित दकसी अन्य सामग्री तक, ऐसी कं प्यूटर
प्रणाली में उपलब्ि या अन्तर्त्िाष्ट कोई सूचना या डाटा अगिप्राप्त करने के गलए, उसमें तलाशी करने या करिाने के प्रयोजन के गलए
पहंच होिी ।
(2) उपिारा (1) के प्रयोजनों के गलए गनयंत्रक या उसके द्वारा प्रागिकृ त कोई व्यगक्‍टत, ऐसे दकसी व्यगक्‍टत को, गजसके
िारसािन में कं प्यूटर प्रणाली, डाटा सागित्र या सामग्री है या िह उसके प्रचालन से अन्यथा संबंगित है, ऐसी युगक्‍टतयुक्‍टत तकनीकी और
अन्य सहायता, गजसे िह आि‍यक समझे, प्रदान करने के गलए, आदेश द्वारा गनदेश दे सके िा ।
30. प्रमाणकताा प्रागिकारी द्वारा कगतपय प्रदक्रयाओं का अनुसरण दकया जाना—प्रत्येक प्रमाणकताा प्रागिकारी,—
(क) हाडािेयर, साफ्टिेयर और ऐसी प्रदक्रयाओं का उपयोि करे िा, जो अगतक्रमण और दुरुपयोि से सुरगित हैं ;

1
का ० आ० 1015 (अ), तारीख 19-9-2002 द्वारा प्रगतस्थगपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 14 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
12

(ख) अपनी सेिाओं में गि‍िसनीयता का युगक्‍टतयुक्‍टत स्तर उपलब्ि कराएिा, जो आशगयत कृ त्यों के गनिाहन के गलए
युगक्‍टतयुक्‍टत रूप से उपयुक्‍टत हैं;
(ि) यह सुगनग‍चत करने के गलए सुरिा प्रदक्रयाओं का पालन करे िा, गजससे दक 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नकों] की
िोपनीयता और एकान्तता सुगनग‍चत हो सके ; 2* * *
3
[(िक) इस अगिगनयम के अिीन जारी दकए िए सिी इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्रों का संग्रह होिा ;
(िख) अपनी पद्धगतयों, इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्रों और ऐसे प्रमाणपत्रों की ितामान प्रागस्थगत की बाबत
सूचना का प्रकाशन करे िा; और]
(घ) ऐसे अन्य मानकों का पालन करे िा, जो गिगनयमों द्वारा गिगनर्दाष्ट दकए जाएं ।
31. प्रमाणकताा प्रागिकारी अगिगनयम आदद के अनुपालन को सुगनग‍चत करे िा—प्रत्येक प्रमाणकताा प्रागिकारी, यह
सुगनग‍चत करे िा दक उसके द्वारा गनयोगजत या अन्यथा गनयुक्‍टत प्रत्येक व्यगक्‍टत, अपने गनयोजन या गनयुगक्‍टत के दौरान इस अगिगनयम या
उसके अिीन बनाए िए गनयमों, गिगनयमों और दकए िए आदेशों के उपबंिों का पालन करता है ।
32. अनुज्ञगप्त का संप्रदशान—प्रत्येक प्रमाणकताा प्रागिकारी, अपनी अनुज्ञगप्त को उस पररसर के उस सहजदृ‍य स्थान पर,
गजसमें िह अपना कारबार करता है, संप्रदर्त्शात करे िा ।
33. अनुज्ञगप्त का अभ्यपाण—(1) ऐसा प्रत्येक प्रमाणकताा प्रागिकारी, गजसकी अनुज्ञगप्त गनलंगबत या प्रगतसंहृत कर दी िई है,
ऐसे गनलंबन या प्रगतसंहरण के ठीक प‍चात् गनयंत्रक को अनुज्ञगप्त अभ्यर्त्पात करे िा ।
(2) जहां कोई प्रमाणकताा प्रागिकारी, उपिारा (1) के अिीन दकसी अनुज्ञगप्त का अभ्यपाण करने में असफल रहेिा िहां िह
व्यगक्‍टत, गजसके पि में अनुज्ञगप्त जारी की िई है, अपराि का दोषी होिा और कारािास से, जो छह मास तक हो सके िा या जुमााने से,
जो दस हजार रुपए तक हो सके िा या दोनों से दंगडत दकया जाएिा ।
34. प्रकटीकरण—(1) प्रत्येक प्रमाणकताा प्रागिकारी, गिगनयमों द्वारा गिगनर्दाष्ट रीगत से,—
(क) अपने 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र को प्रकट करे िा, 4* * *
(ख) उससे सुसंित कोई प्रमाणन पद्धगत गििरण प्रकट करे िा;
(ि) उसके प्रमाणकताा प्रागिकारी प्रमाणपत्र, यदद कोई हो, के प्रगतसंहरण्ाा या गनलंबन की सूचना प्रकट करे िा;
और
(घ) ऐसा कोई अन्य तथ्य प्रकट करे िा, जो दकसी 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र की, गजसे उस प्रागिकारी ने
जारी दकया है, गि‍िसनीयता को या उस प्रागिकारी की अपनी सेिाओं को गनष्पाददत करने की योग्यता को, तागविक और
प्रगतकू ल रूप से प्रिागित करता है ।
(2) जहां प्रमाणकताा प्रागिकारी की राय में कोई घटना घरटत हई है या ऐसी कोई पररगस्थगत उत्पन्न हई है गजससे उसकी
कं प्यूटर प्रणाली की अखंडता या ऐसी शतों पर, गजनके अध्यिीन उसका 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र अनुदत्त दकया िया था,
प्रगतकू ल प्रिाि पड़ता है, तब प्रमाणकताा प्रागिकारी,—
(क) ऐसे प्रत्येक व्यगक्‍टत को, गजसके उससे प्रिागित होने की संिािना है, अगिसूगचत करने के गलए युगक्‍टतयुक्‍टत
प्रयास करे िा; या
(ख) ऐसी घटना या अिगस्थगत से गनपटने के गलए प्रमाणन पद्धगत गििरण में गिगनर्दाष्ट प्रदक्रया के अनुसार काया
करे िा ।
अध्याय 7
1
[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र
35. प्रमाणकताा प्रागिकारी द्वारा 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र जारी दकया जाना—(1) कोई िी व्यगक्‍टत,
1
[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र जारी करने के गलए प्रमाणकताा प्रागिकारी को ऐसे प्ररूप में आिेदन कर सके िा, जो के न्रीय सरकार
द्वारा गिगहत दकया जाए ।

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 15 द्वारा लोप दकया िया ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 15 द्वारा अंत:स्थागपत ।
4
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 16 द्वारा लोप दकया िया ।
13

(2) ऐसे प्रत्येक आिेदन के साथ प्रमाणकताा प्रागिकारी को संदय


े की जाने िाली पच्चीस हजार रुपए से अनगिक उतनी फीस
संलग्न होिी, जो के न्रीय सरकार द्वारा गिगहत की जाए :
परन्तु उपिारा (2) के अिीन फीस गिगहत करते समय, आिेदकों के गिगिन्न ििों के गलए गिगिन्न फीसें गिगहत की जा
सकें िी ।
(3) ऐसे प्रत्येक आिेदन के साथ प्रमाणन पद्धगत गििरण संलग्न होिा या जहां ऐसा गििरण नहीं है, िहां ऐसी गिगशगष्टयों
िाला गििरण संलग्न होिा, जो गिगनयमों द्वारा गिगनर्दाष्ट दकया जाए ।
(4) उपिारा (1) के अिीन आिेदन प्राप्त होने पर, प्रमाणकताा प्रागिकारी, उपिारा (3) के अिीन प्रमाणन पद्धगत गििरण या
अन्य गििरण पर गिचार करने और ऐसी जांच करने के प‍चात्, जो िह ठीक समझे, अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र मंजूर कर सके िा या
आिेदन को, उन कारणों से जो लेखबद्ध दकए जाएंिे, नामंजूर कर सके िा :
1* * * * * * *
2[परन्तु]
कोई िी आिेदन तब तक नामंजूर नहीं दकया जाएिा जब तक दक आिेदक को प्रस्तागित नामंजूरी के गिरुद्ध कारण
दर्त्शात करने के गलए उगचत अिसर न दे ददया िया हो ।
36. अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र जारी करने पर व्यपदेशन—अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र जारी करते समय प्रमाणकताा प्रागिकारी
यह प्रमागणत करे िा दक—
(क) उसने इस अगिगनयम, उसके अिीन बनाए िए गनयमों और गिगनयमों का अनुपालन दकया है;
(ख) उसने अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र प्रकागशत दकया है या उसे उस पर गि‍िास करने िाले व्यगक्‍टत को अन्यथा
उपलब्ि कराया है और उपयोिकताा ने उसे स्िीकार दकया है;
(ि) उपयोिकताा के पास अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध लोक कुं जी के अनुरूप प्राइिेट कुं जी है;
[(िक) उपयोिकताा के पास ऐसी प्राइिेट कुं जी है, जो अंकीय गचह्नक का सृजन करने में समथा है ;
3

(िख) प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध की जाने िाली लोक कुं जी का उपयोिकताा द्वारा िाररत प्राइिेट कुं जी द्वारा लिाए िए
अंकीय गचह्नक का सत्यापन करने के गलए उपयोि दकया जा सकता है ।]
(घ) उपयोिकताा की लोक कुं जी और प्राइिेट कुं जी गमलकर एक कायाकारी कुं जी युग्म बनाती है;
(ङ) अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में अंतर्त्िाष्ट सूचना सही है; और
(च) उसके पास दकसी ऐसे सारिान् तथ्य की जानकारी नहीं है गजसे यदद अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में सगम्‍मगलत
दकया िया होता तो उसका खंड (क) से खंड (घ) में दकए िए व्यपदेशनों की गि‍िसनीयता पर प्रगतकू ल प्रिाि पड़ता ।
37. अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र का गनलंबन—(1) ऐसा प्रमाणकताा प्रागिकारी, गजसने अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र जारी दकया
है, उपिारा (2) के उपबंिों के अिीन रहते हए,—
(क) (i) अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध उपयोिकताा से; या
(ii) उस उपयोिकताा की ओर से काया करने के गलए सम्‍यक् रूप से प्रागिकृ त दकसी व्यगक्‍टत से, उस आशय के
अनुरोि की प्रागप्त पर;
(ख) यदद उसकी यह राय है दक अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र लोकगहत में गनलंगबत दकया जाना चागहए,
ऐसे अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र को गनलंगबत कर सके िा ।
(2) अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र पन्रह ददन से अगिक के गलए तब तक गनलंगबत नहीं दकया जाएिा जब तक दक उपयोिकताा
को उस गिषय पर सुने जाने का अिसर न दे ददया िया हो ।
(3) इस िारा के अिीन अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र के गनलंबन पर प्रमाणकताा प्रागिकारी उपयोिकताा को उसकी संसूचना
देिा ।
38. अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र का प्रगतसंहरण—(1) प्रमाणकताा प्रागिकारी, अपने द्वारा जारी दकया िया अंकीय गचह्नक
प्रमाणपत्र उस दशा में प्रगतसंहृत कर सके िा—
(क) जहां उपयोिकताा या उसके द्वारा प्रागिकृ त कोई अन्य व्यगक्‍टत उस आशय का अनुरोि करे ; या

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 17 द्वारा लोप दकया िया ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 17 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 18 द्वारा अंत:स्थागपत ।
14

(ख) उपयोिकताा की मृत्यु हो जाती है; या


(ि) फमा का गिघटन या कं पनी का पररसमापन हो जाता है, यदद उपयोिकताा फमा या कं पनी है ।
(2) उपिारा (3) के उपबंिों के अिीन रहते हए, और उपिारा (1) के उपबंिों पर प्रगतकू ल प्रिाि डाले गबना, प्रमाणकताा
प्रागिकारी, अपने द्वारा जारी दकए िए अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र को दकसी िी समय प्रगतसंहृत कर सके िा, यदद उसकी यह
राय है दक,—
(क) अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में ददया िया कोई सारिान् तथ्य गमथ्या है, या उसे गछपा ददया िया है;
(ख) अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र के जारी दकए जाने से संबंगित अपेिाएं पूरी नहीं की िई हैं;
(ि) प्रमाणकताा प्रागिकारी की प्राइिेट कुं जी या सुरिा प्रणाली ऐसी रीगत से िोपनीय नहीं रह िई है गजससे अंकीय
गचह्नक प्रमाणपत्र की गि‍िसनीयता तागविक रूप से प्रिागित होती है;
(घ) उपयोिकताा को ददिागलया या मृत घोगषत दकया िया है या जहां उपयोिकताा फमा या कं पनी है िहां उसका
गिघटन या पररसमापन हो िया है या िह अन्यथा अगस्तत्ि में नहीं रह िई है ।
(3) कोई अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र तब तक प्रगतसंहृत नहीं दकया जाएिा जब तक दक उपयोिकताा को मामले में सुनिाई का
अिसर न दे ददया िया हो ।
(4) इस िारा के अिीन अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र का प्रगतसंहरण होने पर प्रमाणकताा प्रागिकारी, उसकी संसूचना
उपयोिकताा को देिा ।
39. गनलंबन या प्रगतसंहरण की सूचना—(1) जहां कोई अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र, िारा 37 या िारा 38 के अिीन गनलंगबत
या प्रगतसंहृत दकया जाता है िहां प्रमाणकताा प्रागिकारी, यथागस्थगत, ऐसे गनलंबन या प्रगतसंहरण की सूचना, ऐसी सू चना के प्रकाशन के
गलए अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में गिगनर्दाष्ट गनिान में, प्रकागशत करे िा ।
(2) जहां एक से अगिक गनिान गिगनर्दाष्ट दकए िए हैं िहां प्रमाणकताा प्रागिकारी, ऐसे सिी गनिानों में, यथागस्थगत, ऐसे
गनलंबन या प्रगतसंहरण की सूचनाएं प्रकागशत करे िा ।
अध्याय 8

उपयोिकतााओं के कताव्य
40. कुं जी-युग्म का उत्पाददत दकया जाना—जहां कोई अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र, गजसकी लोक कुं जी उस उपयोिकताा की
प्राइिेट कुं जी के अनुरूप है जो अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध की जानी है, उपयोिकताा द्वारा स्िीकार कर गलया िया है
1[िहां] ऐसा उपयोिकताा सुरिा प्रदक्रया अपनाकर 1[उस कुं जी-युग्म को] तैयार करे िा ।

इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्र के उपयोिकताा के कताव्य—इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्र के संबंि में उपयोिकताा
2[40क.

ऐसे कताव्यों का पालन करे िा, जो गिगहत दकए जाएं ।]


41. अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र की स्िीकृ गत—(1) दकसी उपयोिकताा के बारे में यह समझा जाएिा दक उसने अंकीय गचह्नक
प्रमाणपत्र स्िीकार कर गलया है यदद िह अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र को—
(क) एक या अगिक व्यगक्‍टतयों को;
(ख) दकसी गनिान में, प्रकागशत करता है या उसका प्रकाशन प्रागिकृ त करता है,
या अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र के गलए अपना अनुमोदन दकसी रीगत में अन्यथा प्रदर्त्शात करता है ।
(2) अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र को स्िीकार करके उपयोिकताा उन सिी को, जो अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में अंतर्त्िाष्ट सूचना
पर युगक्‍टतयुक्‍टत रूप से गि‍िास करते हैं, प्रमागणत करता है दक—
(क) उपयोिकताा के पास अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध लोक कुं जी के अनुरूप प्राइिेट कुं जी है और िह उसे
रखने का हकदार है;
(ख) प्रमाणकताा प्रागिकारी को उपयोिकताा द्वारा दकए िए सिी व्यपदेशन और अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में
अंतर्त्िाष्ट सूचना से सुसंित सिी तागविक तथ्य सही हैं;
(ि) अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में की ऐसी सिी सूचनाएं, जो उपयोिकताा की जानकारी में हैं , सही हैं ।

1
का०आ० 1015 (अ), तारीख 19-9-2002 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 19 द्वारा अंत:स्थागपत ।
15

42. प्राइिेट कुं जी का गनयंत्रण—(1) प्रत्येक उपयोिकताा, अपने अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध लोक कुं जी के अनुरूप
प्राइिेट कुं जी का गनयंत्रण रखने में युगक्‍टतयुक्‍टत साििानी बरतेिा और 1* * *
(2) यदद अंकीय गचह्नक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध लोक कुं जी के अनुरूप प्राइिेट कुं जी िोपनीय नहीं रह िई है, तो उपयोिकताा,
इसकी संसूचना प्रमाणकताा प्रागिकारी को ऐसी रीगत में अगिलम्‍ब देिा, जो गिगनयमों द्वारा गिगनर्दाष्ट की जाए ।
स्पष्टीकरण—शंकाओं को दूर करने के गलए यह घोगषत दकया जाता है दक उपयोिकताा तब तक दायी होिा जब तक दक उसने
प्रमाणकताा प्रागिकारी को सूगचत न कर ददया हो दक प्राइिेट कुं जी िोपनीय नहीं रह िई है ।
अध्याय 9
2
[शागस्तयां, प्रगतकर और अगिगनणाय]
43. कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली आदद को नुकसान के गलए 3[शागस्त और प्रगतकर]—यदद कोई व्यगक्‍टत, ऐसे स्िामी या दकसी
अन्य व्यगक्‍टत की, जो दकसी कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका प्रणाली का िारसािक है, अनुज्ञा के गबना,—
(क) ऐसे कं प्यूटर, कं प्यूटर नेटिका 4[या कं प्यूटर संसािन] प्रणाली में पहंचता है या पहंच प्राप्त करता है;
(ख) ऐसे कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका से कोई डाटा, कं प्यूटर डाटा संचय या सूचना, गजसके अंतिात
दकसी स्थानांतरणीय िंडारण माध्यम में िृत या संगचत कोई सूचना या डाटा िी हैं, डाउनलोड करता है, प्रगतगलगप करता है,
या उसका उद्धरण लेता है;
(ि) दकसी कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका में दकसी कं प्यूटर संदष
ू क या कं प्यूटर िाइरस का प्रिेश
करता है, या प्रिेश करिाता है;
(घ) ऐसे कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका में के दकसी कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका ,
डाटा, कं प्यूटर डाटा संचय या दकसी अन्य कायाक्रम को नुकसान पहंचाता है या पहंचिाता है;
(ङ) दकसी कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका को गिगच्छन्न करता है या करिाता है;
(च) दकसी कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका में पहंच के गलए प्रागिकृ त दकसी व्यगक्‍टत की दकसी िी
सािन से पहंच से इं कार करता है या करिाता है;
(छ) इस अगिगनयम, इसके अिीन बनाए िए गनयमों या गिगनयमों के उल्लं घन में, दकसी कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली
या कं प्यूटर नेटिका में दकसी व्यगक्‍टत की पहंच को सुकर बनाने के गलए कोई सहायता प्रदान करता है;
(ज) दकसी कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका में छे ड़छाड़ या छलसािन करके , दकसी व्यगक्‍टत द्वारा
उपिोि की िई सेिाओं के प्रिारों को दकसी अन्य व्यगक्‍टत के लेखे में डालता है,
तो िह इस प्रकार प्रिागित व्यगक्‍टत को प्रगतकर के रूप में ऐसी नुकसानी का जो एक करोड़ रुपए से अगिक नहीं होिी, संदाय
करने का दायी होिा ।
[(झ) दकसी कं प्यूटर संसािन में गिद्यमान दकसी सूचना को नष्ट करता है, हटाता है या उसमें पररितान करता है
4

या उसके महत्ि या उपयोगिता को कम करता है या उसे दकन्हीं सािनों द्वारा हागनकर रूप से प्रिागित करता है;
(ञ) दकसी कं प्यूटर संसािन के गलए प्रयुक्‍टत दकसी कं प्यूटर स्रोत कोड को नुकसान पंहचाने के आशय से चुराता है,
गछपाता है, नष्ट या पररिर्त्तात करता है या दकसी व्यगक्‍टत से उसकी चोरी कराता है या उसे गछपिाता, नष्ट या पररिर्त्तात
कराता है,]
3
[तो िह इस प्रकार प्रिागित व्यगक्‍टत को प्रगतकर के रूप में नुकसानी का संदाय करने का दायी होिा;]
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए,—
(i) “कं प्यूटर संदष
ू क” से कं प्यूटर अनुदश
े ों का कोई ऐसा सेट अगिप्रेत है, जो गनम्‍नगलगखत के गलए अगिकगल्पत
दकया िया हो,—
(क) दकसी कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका में के डाटा या कायाक्रम को उपांतररत, नष्ट,
अगिगलगखत या पारे गषत करने; या

1
का० आ० 1015 (अ), तारीख 19-9-2002 द्वारा लोप दकया िया ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 20 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 21 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
4
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 21 द्वारा अंत:स्थागपत ।
16

(ख) कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका के सामान्य प्रितान का दकसी िी सािन से अनगिकार
ग्रहण करने,
(ii) “कं प्यूटर डाटा संचय” से पाठ, प्रगतबबंब, श्व्य, दृ‍य में सूचना, जानकारी, तथ्य, संकल्पना और अनुदश े ों का
व्यपदेशन अगिप्रेत है, जो प्रारूगपत रीगत में तैयार दकया जा रहा है या तैयार दकया िया है अथिा कं प्यू टर, कं प्यूटर प्रणाली
या कं प्यूटर नेटिका द्वारा उत्पाददत दकया िया है और जो कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका में उपयोि के गलए
आशगयत है;
(iii) कं प्यूटर िाइरस से ऐसा कोई कं प्यूटर अनुदश
े , सूचना, डाटा या कायाक्रम अगिप्रेत है जो दकसी कं प्यू टर सािन
के गनष्पादन को नष्ट करता है, नुकसान पहंचाता है, ह्रास करता है या प्रगतकू ल प्रिाि डालता है अथिा स्ियं को दकसी अन्य
कं प्यूटर सािन से संलग्न कर लेता है और िह तब प्रिर्त्तात होता है जब कोई कायाक्रम, डाटा या अनुदश े गनष्पाददत दकया
जाता है या उस कं प्यूटर सािन में कोई अन्य घटना घटती है;
(iv) “नुकसान” से दकसी माध्यम द्वारा दकसी कं प्यूटर सािन को नष्ट करना, पररिर्त्तात करना, हटाना, जोड़ना,
उपान्तररत या पुन: व्यिगस्थत करना अगिप्रेत है;
[(v) “कं प्यूटर स्रोत कोड” से कं प्यूटर संसािन के कायाक्रमों, कं प्यूटरों समादेशों, गडजाइन और रे खांक तथा कायाक्रम
1

गि‍लेषण को दकसी रूप में सूचीबद्ध करना अगिप्रेत है ।]


[43क. डाटा को संरगित रखने में असफलता के गलए प्रगतकर—जहां कोई गनिगमत गनकाय ऐसे दकसी कं प्यू टर संसािन में
2

दकसी संिेदनशील व्यगक्‍टतित डाटा या सूचना को रखता है, उसका संव्यिहार करता है या उसको संिालता है जो उसके स्िागमत्ि में,
गनयंत्रण में है या गजसका िह प्रचालन करता है, युगक्‍टतयुक्‍टत सुरिा पद्धगतयों और प्रदक्रयाओं के कायाान्ियन और अनुरिण में उपेिा
करता है और उसके द्वारा दकसी व्यगक्‍टत को सदोष हागन या सदोष लाि पहंचाता है, िहां ऐसा गनिगमत गनकाय, इस प्रकार प्रिागित
व्यगक्‍टत को प्रगतकर के रूप में नुकसानी का संदाय करने के गलए दायी होिा ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए,—
(i) “गनिगमत गनकाय” से कोई कं पनी अगिप्रेत है और इसके अंतिात िागणगज्यक या िृगत्तक दक्रयाकलापों में लिी
हई फमा, एकल स्िागमत्ि या व्यगष्टयों का कोई अन्य संिम िी है;
(ii) “युगक्‍टतयुक्‍टत सुरिा पद्धगतयों और प्रदक्रयाओं” से ऐसी अप्रागिकृ त पहंच, नुकसानी, उपयोि, उपांतरण, प्रकटन
या ह्रास, जो, यथागस्थगत, पिकारों के बीच दकसी करार में गिगनर्दाष्ट दकया जाए या जो तत्समय प्रिृत्त दकसी गिगि में
गिगनर्दाष्ट दकया जाए ऐसी सूचना को संरगित करने के गलए अगिकगल्पत सुरिा पद्धगतयों और प्रदक्रयाएं और ऐसे करार या
दकसी गिगि के अिाि में, ऐसी युगक्‍टतयुक्‍टत सुरिा पद्धगतयां और प्रदक्रयाएं, जो के न्रीय सरकार द्वारा ऐसे िृगत्तक गनकायों या
संिमों के परामशा से, गजन्हें िह उपयुक्‍टत समझे, गिगहत की जाएं, अगिप्रेत हैं;
(iii) “संिेदनशील व्यगक्‍टतित डाटा या सूचना” से ऐसी व्यगक्‍टतित सूचना अगिप्रेत है जो के न्रीय सरकार द्वारा ऐसे
िृगत्तक गनकायों या संिमों के परामशा से, गजन्हें िह उगचत समझे, गिगहत की जाए ।]
44. जानकारी, गििरणी, आदद देने में असफल रहने के गलए शागस्त—यदद कोई ऐसा व्यगक्‍टत, गजससे इस अगिगनयम या इसके
अिीन बनाए िए दकन्हीं गनयमों या गिगनयमों के अिीन,—
(क) गनयंत्रक अथिा प्रमाणकताा प्रागिकारी को कोई दस्तािेज, गििरणी या ररपोटा देना अपेगित है, उसे देने में
असफल रहेिा, तो िह, ऐसी प्रत्येक असफलता के गलए एक लाख पचास हजार रुपए से अनगिक की शागस्त का दायी होिा;
(ख) गिगनयमों में उनके देने के गलए गिगनर्दाष्ट समय के िीतर कोई गििरणी फाइल करने या कोई जानकारी,
पुस्तक या अन्य दस्तािेज देना अपेगित है, गिगनयमों में उनके देने के गलए गिगनर्दाष्ट समय के िीतर गििरणी फाइल करने या
उसे देने में असफल रहेिा, तो िह, ऐसे प्रत्येक ददन के गलए, गजसके दौरान ऐसी असफलता बनी रहती है, पाचं हजार रुपए से
अनगिक की शागस्त का दायी होिा;
(ि) लेखा बगहयां या अगिलेख बनाए रखना अपेगित है, उन्हें बनाए रखने में असफल रहता है, तो िह, ऐसे प्रत्ये क
ददन के गलए, गजसके दौरान ऐसी असफलता बनी रहती है, दस हजार रुपए से अनगिक की शागस्त का दायी होिा ।
45. अिगशष्ट शागस्त—जो कोई, इस अगिगनयम के अिीन बनाए िए दकन्हीं गनयमों या गिगनयमों का उल्लंघन करे िा, तो
िह ऐसे उल्लंघन के गलए, गजसके गलए अलि से दकसी शागस्त का उपबंि नहीं दकया िया है, ऐसे उल्लंघन से प्रिागित व्यगक्‍टत को
पच्चीस हजार रुपए से अनगिक के प्रगतकर का संदाय करने या पच्चीस हजार रुपए से अनगिक की शागस्त का दायी होिा ।

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 21 द्वारा अंत:स्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 21 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
17

46. न्यायगनणायन करने की शगक्‍टत—(1) इस अध्याय के अिीन न्यायगनणायन करने के प्रयोजन के गलए, जहां दकसी व्यगक्‍टत ने
इस अगिगनयम या इसके अिीन बनाए िए दकसी गनयम, गिगनयम, 1[ददए िए गनदेश या दकए िए आदेश के उपबंिों में से दकसी का
उल्लंघन दकया है, जो शागस्त या प्रगतकर का संदाय करने का दायी बनाता है] िहां के न्रीय सरकार, उपिारा (3) के उपबंिों के अिीन
रहते हए िारत सरकार के गनदेशक की पंगक्‍टत से अगनम्‍न दकसी अगिकारी या राज्य सरकार के दकसी समतुल्य अगिकारी को, के न्रीय
सरकार द्वारा गिगहत रीगत में जांच करने के गलए, न्यायगनणाायक अगिकारी के रूप में गनयुक्‍टत कर सके िी ।
2[(1क) उपिारा (1) के अिीन गनयुक्‍टत न्यायगनणाायक अगिकारी उन मामलों का न्यायगनणायन करने की अगिकाररता का
प्रयोि करे िा, गजनमें िगत या नुकसानी के गलए दािा पांच करोड़ रुपए से अगिक का नहीं है :
परं तु पांच करोड़ रुपए से अगिक की िगत या नुकसानी के गलए दािे की बाबत अगिकाररता सिम न्यायालय में गनगहत
होिी ।]
(2) न्यायगनणाायक अगिकारी, उपिारा (1) में गनर्दाष्ट व्यगक्‍टत को उस मामले में अभ्यािेदन करने के गलए युगक्‍टतयुक्‍टत अिसर
देिा और यदद ऐसी जांच के प‍चात्, उसका यह समािान हो जाता है दक उस व्यगक्‍टत ने उल्लंघन दकया है, तो िह, उस िारा के उपबंिों
के अनुसार ऐसी शागस्त अगिरोगपत कर सके िा या ऐसा प्रगतकर अगिगनणीत कर सके िा, गजसे िह ठीक समझे ।
(3) कोई व्यगक्‍टत, न्यायगनणाायक अगिकारी के रूप में तब तक गनयुक्‍टत नहीं दकया जाएिा जब तक दक उसके पास सूचना
प्रौद्योगिकी के िेत्र में ऐसा अनुिि और ऐसा गिगिक या न्यागयक अनुिि न हो, जो के न्रीय सरकार द्वारा गिगहत दकया जाए ।
(4) जहां एक से अगिक न्यायगनणाायक अगिकारी गनयुक्‍टत दकए िए हैं िहां के न्रीय सरकार, आदेश द्वारा, उन गिषयों और
स्थानों को गिगनर्दाष्ट करे िी, गजनकी बाबत ऐसे अगिकारी अपनी अगिकाररता का प्रयोि करें िे ।
(5) प्रत्येक न्यायगनणाायक अगिकारी को गसगिल न्यायालय की िे शगक्‍टतयां होंिी, जो िारा 58 की उपिारा (2) के अिीन
3[अपील अगिकरण] को प्रदान की िई है, और :—
(क) उसके समि की सिी कायािागहयां िारतीय दंड संगहता (1860 का 45) की िारा 193 और िारा 228 के
अथाान्तिात न्यागयक कायािागहयां समझी जाएंिी;
(ख) उसे दण्ड प्रदक्रया संगहता, 1974 (1974 का 2) की िारा 345 और िारा 346 के प्रयोजनाथा गसगिल न्यायालय
समझा जाएिा ।
2
[(ि) गसगिल प्रदक्रया संगहता, 1908 (1908 का 5) के आदेश 21 के प्रयोजनों के गलए गसगिल न्यायालय समझा
जाएिा ।]
47. न्यायगनणाायक अगिकारी द्वारा गिचार की जाने िाली बातें—इस अध्याय के अिीन प्रगतकर की मात्रा का न्यायगनणायन
करते समय, न्यायगनणाायक अगिकारी, गनम्‍नगलगखत बातों पर सम्‍यक् ध्यान देिा, अथाात्:—
(क) व्यगतक्रम के पररणामस्िरूप हए अगिलाि या अनुगचत फायदे की रकम, जहां िह पररमाण गनिाारण योग्य हो;
(ख) व्यगतक्रम के पररणामस्िरूप दकसी व्यगक्‍टत को हई हागन की रकम;
(ि) व्यगतक्रम की आिृत्तीय प्रकृ गत ।
अध्याय 10
4[अपील अगिकरण]
48. 5[अपील अगिकरण] की स्थापना—3[(1) िारतीय दूर-संचार गिगनयामक प्रागिकरण अगिगनयम, 1997 (1997 का 24)
की िारा 14 के अिीन स्थागपत दूर संचार गििाद समािान और अपील अगिकरण, गित्त अगिगनयम, 2017 के अध्याय 6 के िाि 14 के
प्रारं ि से ही इस अगिगनयम के प्रयोजनों के गलए अपील अगिकरण होिा और उक्‍टत अगिकरण, इस अगिगनयम द्वारा या उसके अिीन
उसे प्रदत्त अगिकाररता, शगक्‍टतयों और प्रागिकार का प्रयोि करे िा ।]
(2) के न्रीय सरकार, 3[अगिसूचना द्वारा], िे गिषय और स्थान 3
[गिगनर्दाष्ट] करे िी, गजनके संबंि में
3
[अपील अगिकरण] अगिकाररता का प्रयोि करे िा ।
6* * * * * * *
7* * * * * * *

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 23 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 23 द्वारा अंत:स्थागपत ।
3
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “साइबर अपील अगिकरण” शब्दों के स्थान पर प्रगतस्थागपत ।
4
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
5
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “साइबर अपील अगिकरण” शब्दों के स्थान पर प्रगतस्थागपत ।
6
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “िारा 49” का लोप दकया िया ।
7
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “िारा 50” का लोप दकया िया ।
18

1* * * * * * *
52. अध्यि और सदस्यों के िेतन, ित्ते और सेिा के अन्य गनबंिन और शतें—2[अपील अगिकरण] के अध्यि या सदस्य को,
संदये िेतन और ित्ते तथा उसकी सेिा के अन्य गनबंिन और शतें, गजनके अंतिात पेंशन, उपदान और अन्य सेिागनिृगत्त फायदे िी हैं, ऐसे
होंिे जो गिगहत दकए जाएं ।
3* * * * * * *
4* * * * * * *
5* * * * * * *
52घ. बहमत द्वारा गिगन‍चय—यदद दो सदस्यों से गमलकर बनने िाली दकसी न्यायपीठ के सदस्यों की दकसी प्र‍न पर राय में
मतिेद है तो िे उस प्र‍न या उन प्र‍नों का, गजन पर उनमें मतिेद है, कथन करें िे और 2[अपील अगिकरण] के अध्यि को गनदेश करें िे
जो स्ियं उस प्र‍न या प्र‍नों की सुनिाई करे िा और ऐसे प्र‍न या प्र‍नों का गिगन‍चय ऐसे सदस्यों के बहमत की राय के अनुसार दकया
जाएिा, गजन्होंने मामले की सुनिाई की है, गजनके अंतिात िे सदस्य िी हैं, गजन्होंने मामले की पहले सुनिाई की थी ।]
6* * * * * * *
7* * * * * * *
8* * * * * * *
9* * * * * * *
57. 2[अपील अगिकरण] को अपील—(1) उपिारा (2) में जैसा उपबंगित है उसके गसिाय, इस अगिगनयम के अिीन गनयंत्रक
या न्यायगनणाायक अगिकारी द्वारा दकए िए दकसी आदेश से व्यगथत कोई व्यगक्‍टत, उस 2[अपील अगिकरण] को अपील कर सके िा,
गजसकी उस गिषय पर अगिकाररता है ।
(2) न्यायगनणाायक अगिकारी द्वारा पिकारों की सहमगत से दकए िए दकसी आदेश के गिरुद्ध अपील 2[अपील अगिकरण] को
नहीं होिी ।
(3) उपिारा (1) के अिीन प्रत्येक अपील, उस तारीख से, गजसको गनयंत्रक या न्यायगनणाायक अगिकारी द्वारा दकए िए आदेश
की प्रगत व्यगथत व्यगक्‍टत द्वारा प्राप्त की जाती है, पैंतालीस ददन की अिगि के िीतर फाइल की जाएिी और िह ऐसे प्ररूप में होिी और
उसके साथ उतनी फीस होिी जो गिगहत की जाए :
परन्तु 2[अपील अगिकरण], उक्‍टत पैंतालीस ददन की अिगि की समागप्त के प‍चात् अपील ग्रहण कर सके िा यदद उसका यह
समािान हो जाता है दक उक्‍टत अिगि के िीतर उसे फाइल न दकए जाने के गलए पयााप्त कारण था ।
(4) 2[अपील अगिकरण], उपिारा (1) के अिीन अपील की प्रागप्त पर, अपील के पिकारों को सुनिाई का अिसर देने के
प‍चात्, उस आदेश पर गजसके गिरुद्ध अपील की िई है, उसकी पुगष्ट, उपान्तरण या अपास्त करने िाला ऐसा आदेश पाररत करे िा, जो
िह उगचत समझे ।
(5) 2[अपील अगिकरण], अपने द्वारा दकए िए प्रत्येक आदेश की एक प्रगत अपील के पिकारों और संबंगित गनयंत्रक या
न्यायगनणाायक अगिकारी को िेजेिा ।
(6) उपिारा (1) के अिीन 2[अपील अगिकरण] के समि फाइल की िई अपील यथासंििशीघ्र गनपटाई जाएिी और अपील
की प्रागप्त की तारीख से छह मास के िीतर अपील को अंगतम रूप से गनपटाने का प्रयास दकया जाएिा ।
58. 2[अपील अगिकरण] की शगक्‍टतयां और प्रदक्रया—(1) 2[अपील अगिकरण], गसगिल प्रदक्रया संगहता, 1908 (1908 का 5)
द्वारा अगिकगथत प्रदक्रया से आबद्ध नहीं होिा, दकन्तु नैसर्त्िाक न्याय के गसद्धांतों से मािादर्त्शात होिा और इस अगिगनयम के अन्य
उपबंिों तथा दकन्हीं गनयमों के अिीन होिा । 2[अपील अगिकरण] को, अपनी प्रदक्रया को, गजसके अंतिात िह स्थान िी है जहां उसकी
बैठकें होंिी, गिगनयगमत करने की शगक्‍टत होिी ।

1
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “िारा 51” का लोप दकया िया ।
2
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “साइबर अपील अगिकरण” शब्दों के स्थान पर प्रगतस्थागपत ।
3
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “िारा 52क” का लोप दकया िया ।
4
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “िारा 52ख” का लोप दकया िया ।
5
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “52ि” का लोप दकया िया ।
6
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “िारा 53क” का लोप दकया िया ।
7
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “िारा 54क” का लोप दकया िया ।
8
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “िारा 55क” का लोप दकया िया ।
9
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “िारा 56क” का लोप दकया िया ।
19

(2) 1[अपील अगिकरण] को इस अगिगनयम के अिीन अपने कृ त्यों के गनिाहन के प्रयोजनों के गलए गनम्‍नगलगखत गिषयों के
संबंि में िही शगक्‍टतयां होंिी, जो दकसी िाद का गिचारण करते समय गसगिल प्रदक्रया संगहता, 1908 (1908 का 5) के अिीन गसगिल
न्यायालय में गनगहत हैं, अथाात्:—
(क) दकसी व्यगक्‍टत को समन करना और हागजर कराना तथा शपथ पर उसकी परीिा करना;
(ख) दस्तािेजों या अन्य इलैक्‍टरागनक अगिलेखों को प्रकट और पेश करने की अपेिा करना;
(ि) शपथपत्रों पर साक्ष्य ग्रहण करना;
(घ) सागियों या दस्तािेजों की परीिा के गलए कमीशन गनकालना;
(ङ) अपने गिगन‍चयों का पुनर्त्िालोकन करना;
(च) दकसी आिेदन को व्यगतक्रम के गलए खाररज करना या एकपिीय गिगन‍चय करना;
(छ) कोई अन्य गिषय जो गिगहत दकया जाए ।
(3) 1[अपील अगिकरण] के समि प्रत्येक कायािाही िारतीय दंड संगहता (1860 का 45) की िारा 193 और िारा 228 के
अथाान्तिात और िारा 196 के प्रयोजनाथा न्यागयक कायािाही समझी जाएिी और 1[अपील अगिकरण], दंड प्रदक्रया संगहता, 1973 (1974
का 2) की िारा 195 और अध्याय 26 के सिी प्रयोजनों के गलए गसगिल न्यायालय समझा जाएिा ।
59.गिगिक प्रगतगनगित्ि का अगिकार—अपीलाथी, 1[अपील अगिकरण] के समि अपना मामला प्रस्तुत करने के गलए स्ियं
हागजर हो सके िा या एक अथिा अगिक गिगि व्यिसागययों को अथिा अपने दकसी अगिकारी को प्रागिकृ त कर सके िा ।
60. पररसीमा—पररसीमा अगिगनयम, 1963 (1963 का 36) के उपबंि, जहां तक हो सके , 1[अपील अगिकरण] को की िई
अपील को लािू होंिे ।
61. गसगिल न्यायालय की अगिकाररता का न होना—ऐसे दकसी गिषय की बाबत, गजसके संबंि में इस अगिगनयम के अिीन
गनयुक्‍टत कोई न्यायगनणाायक अगिकारी या इस अगिगनयम के अिीन िरठत कोई 1[अपील अगिकरण], इस अगिगनयम द्वारा या उसके
अिीन अििाररत करने के गलए सशक्‍टत है, कोई िाद या कायािाही ग्रहण करने की दकसी न्यायालय को अगिकाररता नहीं होिी और इस
अगिगनयम द्वारा या उसके अिीन प्रदत्त दकसी शगक्‍टत के अनुसरण में की िई या की जाने िाली दकसी कारा िाई की बाबत दकसी
न्यायालय या अन्य प्रागिकारी द्वारा कोई व्यादेश अनुदत्त नहीं दकया जाएिा ।
62. उच्च न्यायालय को अपील—1[अपील अगिकरण] के दकसी गिगन‍चय या आदेश से व्यगथत कोई व्यगक्‍टत, ऐसे गिगन‍चय
या आदेश से उद्िूत होने िाले तथ्य या गिगि के दकसी प्र‍न पर, 1[अपील अगिकरण] के गिगन‍चय या आदेश की उसे संसूचना की
तारीख से साठ ददन के िीतर उच्च न्यायालय को अपील कर सके िा :
परन्तु यदद उच्च न्यायालय का यह समािान हो जाता है दक अपीलाथी, उक्‍टत अिगि के िीतर अपील फाइल करने से पयााप्त
कारण से गनिाररत दकया िया था तो िह ऐसी और अिगि के िीतर, जो साठ ददन से अगिक नहीं होिी, अपील फाइल करने के गलए
अनुज्ञात कर सके िा ।
63. अपरािों का शमन—(1) इस 2[अगिगनयम] के अिीन कोई उल्लंघन, न्यायगनणायन कायािागहयों के संस्थापन के पूिा या
प‍चात्, यथागस्थगत, गनयंत्रक या उसके द्वारा इस गनगमत्त गिशेष रूप से प्रागिकृ त दकसी अन्य अगिकारी द्वारा या न्यायगनणाायक
अगिकारी द्वारा, ऐसी शतों के अिीन रहते हए, जो गनयंत्रक या ऐसे अन्य अगिकारी द्वारा गिगनर्दाष्ट की जाए, शमन दकया जा सके िा :
परन्तु ऐसी रागश, दकसी िी दशा में, शागस्त की उस अगिकतम रकम से अगिक नहीं होिी, जो इस अगिगनयम के अिीन इस
प्रकार शमन दकए िए उल्लंघन के गलए अगिरोगपत है ।
(2) उपिारा (1) की कोई बात, उस व्यगक्‍टत को लािू नहीं होिी, जो उसके द्वारा दकए िए पहले उल्लंघन, गजसका शमन
दकया िया था, की तारीख से तीन िषा की अिगि के िीतर िही या िैसा ही उल्लं घन करता है ।
स्पष्टीकरण—इस उपिारा के प्रयोजनों के गलए, उस तारीख से, गजसको उल्लंघन का पहले शमन दकया िया था, तीन िषा की
अिगि की समागप्त के प‍चात् दकया िया कोई दूसरा या प‍चात्िती उल्लंघन पहला उल्लंघन समझा जाएिा ।
(3) जहां उपिारा (1) के अिीन दकसी उल्लंघन का शमन दकया िया है, िहां इस प्रकार शमन दकए िए उल्लं घन की बाबत
उस उल्लंघन के दोषी व्यगक्‍टत के गिरुद्ध, यथागस्थगत, कोई कायािाही या अगतररक्‍टत कायािाही नहीं की जाएिी ।

1
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “साइबर अपील अगिकरण” शब्दों के स्थान पर प्रगतस्थागपत ।
2
का० आ० 1015 (अ), तारीख 19-9-2002 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
20

64. 1[शागस्त या प्रगतकर की िसूली]—इस अगिगनयम के अिीन 2[अगिरोगपत शागस्त, या अगिगनणीत प्रगतकर] यदद उसका
संदाय नहीं दकया जाता है, िू-राजस्ि की बकाया के रूप में िसूल की जाएिी और, यथागस्थगत, अनुज्ञगप्त या 2[इलैक्‍टरागनक गचह्नक]
प्रमाणपत्र शागस्त का संदाय दकए जाने तक गनलंगबत रखा जाएिा ।
अध्याय 11

अपराि
65. कं प्यूटर सािन कोड से छे ड़छाड़—जो कोई, कम्‍प्यूटर, कम्‍प्यूटर कायाक्रम, कम्‍प्यूटर प्रणाली या कम्‍प्यूटर नेटिका के गलए
उपयोि दकए जाने िाले दकसी कम्‍प्यूटर सािन कोड को, जब कम्‍प्यूटर सािन कोड का रखा जाना या अनुरगित दकया जाना तत्समय
प्रिृत्त गिगि द्वारा अपेगित हो, जानबूझकर या साशय गछपाता है, नष्ट करता है या पररिर्त्तात करता है अथिा साशय या जानबूझकर
दकसी अन्य से गछपिाता है, नष्ट कराता है या पररिर्त्तात कराता है तो िह कारािास से, जो तीन िषा तक का हो सके िा या जुमााने से,
जो दो लाख रुपए तक का हो सके िा, या दोनों से, दंडनीय होिा ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए, “कम्‍प्यूटर सािन कोड” से कायाक्रमों, कम्‍प्यूटर समादेशों, गडजाइन और गिन्यास
का सूचीबद्ध करना तथा कम्‍प्यूटर सािन का दकसी िी रूप में कायाक्रम गि‍लेषण अगिप्रेत है ।
कं प्यूटर से संबगं ित अपराि—यदद कोई व्यगक्‍टत, िारा 43 में गनर्दाष्ट कोई काया बेईमानी से या कपटपूिाक करता है तो
3[66.

िह कारािास से, गजसकी अिगि तीन िषा तक की हो सके िी या जुमााने से, जो पांच लाख रुपए तक का हो सके िा या दोनों से, दंडनीय
होिा ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए,—
(क) “बेईमानी से” शब्दों का िही अथा है जो िारतीय दंड संगहता (1860 का 45) की िारा 24 में है;
(ख) “कपटपूिाक” शब्द का िही अथा है जो िारतीय दंड संगहता (1860 का 45) की िारा 25 में है ।
66क. संसचू ना सेिा आदद द्वारा आक्रामक संदश
े िेजने के गलए दंड —कोई व्यगक्‍टत, जो दकसी कं प्यूटर संसािन या दकसी
संसूचना के माध्यम से,—
(क) ऐसी दकसी सूचना को, जो अत्यगिक आक्रामक या िमकाने िाली प्रक्रगत की है; या
(ख) ऐसी दकसी सूचना को, गजसका िह गमथ्या होना जानता है, ककं तु िोि, असुगििा, खतरा, रुकािट, अपमान,
िगत या आपरागिक अगित्रास, शत्रुता, घृणा या िैमनस्य फै लाने के प्रयोजन के गलए, लिातार ऐसे कं प्यू टर संसािन या दकसी
संसूचना युगक्‍टत का उपयोि करके ,
(ि) ऐसी दकसी इलैक्‍टरागनक डाक या इलैक्‍टरागनक डाक संदश
े को, ऐसे संदश े ों के उद्गम के बारे में प्रेगषती या पाने
िाले को िोि या असुगििा काररत करने या प्रिंगचत या भ्रगमत करने के प्रयोजन के गलए,
िेजता है तो िह ऐसे कारािास से, गजसकी अिगि तीन िषा तक की हो सके िी और जुमााने से, दंडनीय होिा ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए, “इलैक्‍टरागनक डाक” और “इलैक्‍टरागनक डाक संदश े ” पदों से दकसी कं प्यूटर,
कं प्यूटर प्रणाली, कं प्यूटर संसािन या संचार युगक्‍टत में सृगजत या पारे गषत या प्राप्त दकया िया कोई संदेश या सूचना अगिप्रेत है, गजसके
अंतिात पाठ, आकृ गत, आगडयो, िीगडयो और दकसी अन्य इलैक्‍टरागनक अगिलेख के ऐसे संलग्नक िी है, जो संदश े के साथ िेजे जाएं ।
66ख. चुराए िए कं प्यूटर संसािन या संचार युगक्‍टत को बेइमानी से प्राप्त करने के गलए दंड—जो कोई ऐसे दकसी चुराए िए
कं प्यूटर संसािन या संचार युगक्‍टत को, गजसके बारे में िह यह जानता है या उसके पास यह गि‍िास करने का कारण है दक िह चुराया
िया कं प्यूटर संसािन या संचार युगक्‍टत है, बेईमानी से प्राप्त करे िा या प्रगतिारण करे िा, तो िह दोनों में से दकसी िी िांगत के
कारािास से, गजसकी अिगि तीन िषा तक की हो सके िी या जुमााने से, जो एक लाख रुपए तक का हो सके िा, या दोनों से, दंगडत
दकया जाएिा ।
66ि. पहचान चोरी के गलए दंड—जो कोई कपटपूिाक या बेईमानी से दकसी अन्य व्यगक्‍टत के इलैक्‍टरागनक गचह्नक, पासिडा या
दकसी अन्य गिगशष्ट पहचान गचह्न का प्रयोि करे िा, तो िह दोनों में से दकसी िी िांगत के कारािास से, गजसकी अिगि तीन िषा तक
की हो सके िी, दंगडत दकया जाएिा और जुमााने के गलए िी, जो एक लाख रुपए तक का हो सके िा, दायी होिा ।
66घ. कं प्यूटर संसािन का उपयोि करके प्रगतरूपण द्वारा छल करने के गलए दंड —जो कोई, दकसी संचार युगक्‍टत या कं प्यूटर
संसािन के माध्यम से प्रगतरूपण द्वारा छल करे िा, तो िह दोनों में से दकसी िी िांगत के कारािास से, गजसकी अिगि तीन िषा तक की
हो सके िी, दंगडत दकया जाएिा और जुमााने के गलए िी, जो एक लाख रुपए तक का हो सके िा, दायी होिा ।

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 31 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 32 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
21

66ङ. एकांतता के अगतक्रमण के गलए दंड—जो कोई, साशय या जानबूझकर दकसी व्यगक्‍टत के िुप्तांि के गचत्र उसकी सहमगत
के गबना उस व्यगक्‍टत की एकांतता का अगतक्रमण करने िाली पररगस्थगतयों में खींचेिा, प्रकागशत या पारे गषत करे िा, िह ऐसे कारािास
से, जो तीन िषा तक का हो सके िा या जुमााने से, जो दो लाखाा रुपए से अगिक का नहीं हो सके िा या दोनों से, दंगडत दकया जाएिा ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए,—
(क) “पारे षण” से दकसी दृ‍यमान गचत्र को इस आशय से इलैक्‍टरागनक रूप में िेजना अगिप्रेत है दक उसे दकसी
व्यगक्‍टत या व्यगक्‍टतयों द्वारा देखा जाए;
(ख) दकसी गचत्र के संबंि में “गचत्र खींचना” से िीगडयो टेप, फोटोग्राफ, दफल्म तैयार करना या दकसी सािन द्वारा
अगिलेख बनाना अगिप्रेत है;
(ि) “िुप्तांि” से नग्न या अंत:िस्त्र सगज्जत जननांि, जघन अंि, गनतंब या स्त्री स्तन अगिप्रेत हैं;
(घ) “प्रकागशत करने” से मुदरत या इलैक्‍टरागनक रूप में पुन:गनमााण करना और उसे जनसािारण के गलए उपलब्ि
कराना अगिप्रेत है;
(ङ) “एकांतता का अगतक्रमण करने िाली पररगस्थगतयों के अिीन” से ऐसी पररगस्थगतयां अगिप्रेत हैं, गजनमें दकसी
व्यगक्‍टत को यह युगक्‍टतयुक्‍टत प्रत्याशा हो सकती है दक,—
(i) िह इस बात की बचंता दकए गबना दक उसके िुप्तां ि का गचत्र खींचा जा रहा है; एकांतता में अपने
िस्त्र उतार सकता या उतार सकती है, या
(ii) इस बात पर ध्यान ददए गबना दक िह व्यगक्‍टत दकसी सािाजगनक स्थान या गनजी स्थान में है उसके
िुप्तांि का कोई िाि जनसािारण को दृ‍यमान नहीं होिा ।
66च. साइबर आतंकिाद के गलए दंड—(1) जो कोई,—
(अ) िारत की एकता, अखंडता, सुरिा या प्रिुता को खतरे में डालने या जनता या जनता के दकसी ििा में,—
(i) कं प्यूटर संसािन तक पहंच के गलए प्रागिकृ त दकसी व्यगक्‍टत को पहंचे से इं कार करके या इं कार
कराके ; या
(ii) प्रागिकार के गबना या प्रागिकृ त पहंच से अगिक दकसी कं प्यू टर संसािन में प्रिेश या उस तक पहंच
करने का प्रयास करके ; या
(iii) दकसी कं प्यूटर संदष
ू क को सगन्नगिष्ट करके या सगन्नगिष्ट कराके ,
आतंक फै लाने के आशय से और ऐसा करके ऐसा काया करता है गजससे व्यगक्‍टतयों की मृत्यु या उन्हें िगत होती है या संपगत्त का
नाशा या गिनाश होता है या होने की संिािना है या यह जानते हए दक इससे समुदाय के जीिन के गलए आि‍यक आपूर्त्ता या
सेिाओं को नुकसान या उसका गिनाश होने की संिािना है या िारा 70 के अिीन गिगनर्दाष्ट संिेदनशील सूचना अिसंरचना
पर प्रगतकू ल प्रिाि पड़ने की संिािना है; या
(आ) जानबूझकर या साशय दकसी कं प्यूटर संसािन में प्रागिकार के गबना या प्रागिकृ त पहंच से अगिक प्रिेश या
पहंच करता है और ऐसे काया द्वारा ऐसी सूचना, डाटा या कं प्यूटर डाटा आिारसामग्री तक, जो राष्रीय सुरिा या गिदेशी
संबंिों के कारण गनबंगित है या कोई गनबंगित सूचना डाटा या कं प्यू टर डाटा आिारसामग्री तक यह गि‍िास करते हए पहंच
प्राप्त करता है दक इस प्रकार अगिप्राप्त ऐसी सूचना, डाटा या कं प्यूटर डाटा आिारसामग्री का उपयोि िारत की प्रिुता और
अखण्डता, राज्य की सुरिा, गिदेशों के साथ मैत्रीपूणा संबंिों, लोक व्यिस्था, गशष्टता या नैगतकता के गहतों को या न्यायालय
की अिमानना के संबंि मे, मानहागन या दकसी अपराि के उत्प्रेरण के संबंि में दकसी गिदेशी राष्र, व्यगष्ट, समूह के फायदे को
िगत पहंचाने के गलए या अन्यथा दकया जा सकता है या दकए जाने की संिािना है,
तो िह साइबर आतंकिाद का अपराि करे िा ।
(2) जो कोई साइबर आतंकिाद काररत या करने की कू टरचना करे िा, तो िह कारािास से जो आजीिन कारािास तक का हो
सके िा, दंडनीय होिा ।
67. अ‍लील सामग्री का इलैक्‍टरागनक रूप में प्रकाशन या पारे षण करने के गलए दंड—जो कोई, इलैक्‍टरागनक रूप में, ऐसी
सामग्री को प्रकागशत या पारे गषत करता है अथिा प्रकागशत या पारे गषत कराता है, जो कामोत्तेजक है या जो कामुकता की अपील करती
है या यदद इसका प्रिाि ऐसा है जो व्यगक्‍टतयों को कलुगषत या भ्रष्ट करने का आशय रखती है गजसमें सिी सुसंित पररगस्थगतयों को
ध्यान में रखते हए उसमें अंतागिष्ट या उसमें आरुढ़ सामग्री को पढ़ने, देखने या सुनने की संिािना है, पहली दोषगसगद्ध पर, दोनों में से
दकसी िी िांगत के कारािास से, गजसकी अिगि तीन िषा तक की हो सके िी और जुमााने से, जो पांच लाख रुपए तक का हो सके िा, और
दूसरी या प‍चात्िती दोषगसगद्ध की दशा में, दोनों में से दकसी िी िांगत के कारािास से, गजसकी अिगि पांच िषा तक की हो सके िी
और जुमााने से िी, जो दस लाख रुपए तक का हो सके िा, दंगडत दकया जाएिा ।
22

67क. कामुकता व्यक्‍टत करने िाले काया आदद िाली सामग्री के इलैक्‍टरागनक रूप में प्रकाशन के गलए दंड—जो कोई, दकसी ऐसी
सामग्री को इलैक्‍टरागनक रूप में प्रकागशत करता है या पारे गषत करता है या प्रकागशत या पारे गषत कराता है, गजसमें कामुकता व्यक्‍टत
करने का काया या आचरण अंतिागलत है, पहली दोषगसगद्ध पर, दोनों में से दकसी िी िांगत के कारािास से, गजसकी अिगि पांच िषा तक
की हो सके िी और जुमााने से, जो दस लाख रुपए तक का हो सके िा और दूसरी या प‍चात्िती दोषगसगद्ध की दशा में, दोनों में से दकसी
िी िांगत के कारािास से, गजसकी अिगि सात िषा तक की हो सके िी और जुमााने से िी, जो दस लाख रुपए तक का हो सके िा, दंगडत
दकया जाएिा ।
67ख. कामुकता व्यक्‍टत करने िाले काया आदद में बालकों को गचगत्रत करने िाली सामग्री को इलैक्‍टरागनक रूप में प्रकागशत या
पारे गषत करने के गलए दंड—जो कोई,—
(क) दकसी इलैक्‍टरागनक रूप में ऐसी कोई सामग्री प्रकागशत या पारे गषत करे िा या प्रकागशत या पारे गषत कराएिा,
गजसमें कामुकता व्यक्‍टत करने िाले काया या आचरण में लिाए िए बालकों को गचगत्रत दकया जाता है; या
(ख) अ‍लील या अिर या कामुकता व्यक्‍टत करने िाली रीगत में बालकों का गचत्रण करने िाली सामग्री का पाठ या
अंकीय गचत्र दकसी इलैक्‍टरागनक रूप में तैयार करे िा, संिृहीत करे िा, प्राप्त करे िा, पढ़ेिा, डाउनलोड करे िा, उसे बढ़ािा देिा,
आदान-प्रदान या गितररत करे िा; या
(ि) कामुकता व्यक्‍टत करने िाले काया के गलए और उसके संबंि में या ऐसी रीगत में बालकों को एक या अगिक
बालकों के साथ आन-लाइन संबंि के गलए लिाएिा, फु सलाएिा या उत्प्रेररत करे िा, जो कं म्‍पयूटर संसािन पर दकसी
युगक्‍टतयुक्‍टत ियस्क को बुरी लि सकती है; या
(घ) आन-लाइन बालकों का दुरुपयोि दकए जाने को सुकर बनाएिा; या
(ङ) बालकों के साथ कामुकता व्यक्‍टत करने िाले काया के संबंि में अपने दुव्यािहार को दकसी इलैक्‍टरागनक रूप में
अगिगलगखत करे िा,
तो िह प्रथम दोषगसगद्ध पर दोनों में से दकसी िांगत के कारािास से, गजसकी अिगि पांच िषा तक की हो सके िी और जुमााने से, जो दस
लाख रुपए तक का हो सके िा, और दूसरी और प‍चात्िती दोषगसगद्ध पर दोनों में से दकसी िांगत के कारािास से, गजसकी अिगि सात
िषा तक की हो सके िी और जुमााने से िी, जो दस लाख रुपए तक का हो सके िा, दंगडत दकया जाएिा :
परन्तु िारा 67, िारा 67क और इस िारा के उपबंिों का गिस्तार गनम्‍नगलगखत दकसी पुस्तक, पचे, पत्र, लेख, रे खागचत्र,
पेंरटंि, प्रदशान या इलैक्‍टरागनक रूप में आकृ गत पर नहीं है :—
(i) गजसका प्रकाशन इस आिार पर जनकल्याण के रूप में न्यायोगचत सागबत दकया िया हो दक ऐसी पुस्तक, पचे,
पत्र, लेख, रे खागचत्र, पेंरटंि, प्रदशान या आकृ गत, गिज्ञान, सागहत्य या गशिण या सामान्य महत्ि के अन्य उद्दे‍यों के गहत में
है; या
(ii) जो सद्भागिक परं परा या िार्त्माक प्रयोजनों के गलए रखी या प्रयुक्‍टत की िई है ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए, “बालक” से ऐसा व्यगक्‍टत अगिप्रेत है गजसने अठारह िषा की आयु पूरी नहीं
की है ।
67ि. मध्यिर्त्त्तय
ा ों द्वारा सूचना का परररिण और प्रगतिारण—(1) मध्यिती ऐसी सूचना का, जो गिगनर्दाष्ट की जाए,
परररिण और प्रगतिारण ऐसी अिगि के गलए और ऐसी रीगत तथा रूप में करे िा जो के न्रीय सरकार गिगहत करे ।
(2) ऐसा कोई मध्यिती, जो साशय या जानबूझकर उपिारा (1) के उपबंिों का उल्लंघन करता है, कारािास, गजसकी अिगि
तीन िषा तक की हो सके िी, दंडनीय होिा और जुमााने का िी दायी होिा ।]
68. गनयंत्रक की गनदेश देने की शगक्‍टत—(1) गनयंत्रक, आदेश द्वारा, प्रमाणकताा प्रागिकारी या ऐसे प्रागिकारी के दकसी
कमाचारी को आदेश में गिगनर्दाष्ट उपाय करने या ऐसे दक्रयाकलापों को बंद कर देने का गनदेश दे सके िा यदद िे इस अगिगनयम या इसके
अिीन बनाए िए गनयमों या दकन्हीं गिगनयमों के दकन्हीं उपबंिों के अनुपालन को सुगनग‍चत करने के गलए आि‍यक हैं ।
कोई व्यगक्‍टत, जो उपिारा (1) के अिीन दकसी आदेश का अनुपालन करने में साशय या जानबूझकर असफल रहता है,
1[(2)

अपराि का दोषी होिा और दोषगसगद्ध पर कारािास का, गजसकी अिगि दो िषा से अगिक की नहीं होिी या एक लाख रुपए से अनगिक
के जुमााने का या दोनों का दायी होिा ।]
दकसी कम्‍प्यूटर संसािन के माध्यम से दकसी सूचना के अन्तररोिन या मागनटररं ि या गििूढ़न के गलए गनदेश जारी
2[69.

करने की शगक्‍टत—(1) जहां के न्रीय सरकार या दकसी राज्य सरकार या यथागस्थगत, के न्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा इस गनगमत्त

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 33 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 34 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
23

गिशेष रूप से प्रागिकृ त उसके दकसी अगिकारी का यह समािान हो जाता है दक िारत की प्रिुता या अखंडता, िारत की रिा, राज्य
की सुरिा, गिदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूणा संबंिों या लोक व्यिस्था के गहत में अथिा उपरोक्‍टत से संबंगित दकसी संज्ञेय अपराि के दकए
जाने में उद्दीपन के गनिारण या दकसी अपराि के अन्िे षण के गलए ऐसा करना आि‍यक और समीचीन है, िहां िह उपिारा (2) के
उपबंिों के अिीन रहते हए, लेखबद्ध दकए जाने िाले कारणों से आदेश द्वारा समुगचत सरकार के दकसी अगिकरण को, दकसी कम्‍प्यू टर
संसािन में जगनत, पारे गषत, प्राप्त या िण्डाररत दकसी सूचना को अंतरुा द्ध या मानीटर करने अथिा गििूढ़न करने अथिा अंतरुा द्ध या
मानीटर कराने या गििूढ़ न कराने का गनदेश दे सके िी ।
(2) प्रदक्रया और रिोपाय, गजनके अिीन ऐसा अंतररोिन या मानीटररं ि या गििूढ़न दकया जा सके िा, िे होंिे, जो गिगहत
दकए जाएं ।
(3) उपयोिकताा या मध्यिती या कम्‍प्यूटर संसािन का िारसािक कोई व्यगक्‍टत, उपिारा (1) में गनर्दाष्ट दकसी अगिकरण
द्वारा मांिे जाने पर, गनम्‍नगलगखत के गलए सिी सुगििाएं और तकनीकी सहायता प्रदान करे िा—
(क) ऐसी सूचना जगनत करने, पारे गषत करने, प्राप्त करने या िंडार करने िाले कम्‍प्यूटर संसािन तक पहंच
उपलब्ि कराना या पहंच सुगनग‍चत करना; या
(ख) यथागस्थगत, सूचना को अंतरुा द्ध, मानीटर या गििूढ़न करना; या
(ि) कम्‍प्यूटर संसािन में िंडाररत सूचना उपलब्ि कराना ।
(4) ऐसा उपयोिकताा या मध्यिती या कोई व्यगक्‍टत जो उपिारा (3) में गिगनर्दाष्ट अगिकरण की सहायता करने में असफल
रहता है, कारािास से, गजसकी अिगि सात िषा तक की हो सके िी दंगडत दकया जाएिा और जु मााने का िी दायी होिा ।
69क. दकसी कम्‍प्यूटर संसािन के माध्यम से दकसी सूचना की सािाजगनक पहंच के अिरोि के गलए गनदेश जारी करने की
शगक्‍टत—(1) जहां के न्रीय सरकार या इस गनगमत्त उसके द्वारा गिशेष रूप से प्रागिकृ त उसके दकसी अगिकारी का यह समािान हो जाता
है दक िारत की प्रिुता और अखंडता, िारत की रिा, राज्य की सुरिा, गिदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूणा सबंिों या लोक व्यिस्था के गहत
में या उपरोक्‍टत से संबंगित दकसी संज्ञेय अपराि के दकए जाने में उद्दीपन को रोकने के गलए ऐसा करना आि‍यक और समीचीन है, िहां
िह उपिारा (2) के उपबंिों के अिीन रहते हए उन कारणों से जो लेखबद्ध दकए जाएंिे, आदेश द्वारा सरकार के दकसी अगिकरण या
मध्यिती को दकसी कं प्यूटर संसािन में जगनत, पारे गषत, प्राप्त, िंडाररत या परपोगषत दकसी सूचना को जनता की पहंच के गलए
अिरुद्ध करने का गनदेश दे सके िा या उसका अिरोि कराएिा ।
(2) िह प्रदक्रया और रिोपाय, गजनके अिीन जनता की पहंच के गलए ऐसा अिरोि दकया जा सके िा, िे होंिे, जो गिगहत
दकए जाएं ।
(3) िह मध्यिती जो उपिारा (1) के अिीन जारी गनदेश का पालन करने में असफल रहता है, कारािास से गजसकी अिगि
सात िषा तक की हो सके िी, दंगडत दकया जाएिा और जुमााने का िी दायी होिा ।
69ख. साइबर सुरिा के गलए दकसी कम्‍यूटर संसािन के माध्यम से रैदफक आंकड़ा या सूचना मानीटर करने और एकत्र करने
के गलए प्रागिकृ त करने की शगक्‍टत—(1) के न्रीय सरकार, देश में साइबर सुरिा बढ़ाने और कं प्यूटर संदष
ू क की पहचान, गि‍ले षण और
अनागिकार प्रिेश या फै लाि को रोकने के गलए, राजपत्र में अगिसूचना द्वारा, दकसी कं प्यू टर संसािन में जगनत, पारे गषत, प्राप्त या
िंडाररत रैदफक आंकड़ा या सूचना, मानीटर और एकत्र करने के गलए सरकार के दकसी अगिकरण को प्रागिकृ त कर सके िी ।
(2) मध्यिती या कम्‍यूटर संसािन का िारसािक कोई व्यगक्‍टत, जब ऐसे अगिकरण द्वारा मांि की जाती है, गजसे उपिारा (1)
के अिीन प्रागिकृ त दकया िया है, तकनीकी सहायता उपलब्ि कराएिा और आन-लाइन पहंच को समथा बनाने के गलए ऐसे अगिकरण
को सिी सुगििाएं देिा या ऐसे रैदफक आंकड़े या सूचना जगनत, पारे गषत, प्राप्त या िंडाररत करने िाले कम्‍प्यूटर संसािन को
आन-लाइन पहंच सुरगित कराएिा और उपलब्ि कराएिा ।
(3) रैदफक आंकड़ा या सूचना को मानीटर और एकत्र करने के गलए प्रदक्रया और रिोपाय िे होंिे, जो गिगहत दकए जाएं ।
(4) ऐसा कोई मध्यिती जो साशय या जानबूझकर उपिारा (2) के उपबंिों का उल्लंघन करता है कारािास, गजसकी अिगि
तीन िषा तक की हो सके िी दंगडत दकया जाएिा और जुमााने का िी दायी होिा ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए—
(i) “कं प्यूटर संदष
ू ण” का िही अथा होिा जो िारा 43 में है;
(ii) “रैदफक आंकड़ा” से ऐसे दकसी व्यगक्‍टत, कं प्यूटर प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका या अिगस्थगत की पहचान करने
िाला या पहचान करने के गलए तात्पर्त्यात कोई डाटा अगिप्रेत है गजसको या गजससे संसूचना पारे गषत की िई या पारे गषत की
जाए और इसके अंतिात संसूचना उद्गम, िंतव्य मािा, समय, तारीख, आकार, की िई सेिा की अिगि या प्रकार और कोई अन्य
सूचना िी है ।]
24

70. संरगित प्रणाली—1[(1) समुगचत सरकार, राजपत्र में अगिसूचना द्वारा, दकसी ऐसे कम्‍यू टर संसािन को, जो प्रत्यित: या
अप्रत्यित: नाजुक सूचना अिसंरचना की सुगििा को प्रिागित करता है, सरं गित प्रणाली घोगषत कर सके िी ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए, “नाजुक सूचना अिसंरचना” से ऐसा कं प्यूटर संसािन अगिप्रेत है, गजसके
अिमीकरण या नाश से राष्रीय सुरिा, अथाव्यिस्था, लोक स्िास्थ्य या सुरिा कमजोर होिी ।]
(2) समुगचत सरकार, गलगखत आदेश द्वारा, ऐसे व्यगक्‍टत को प्रागिकृ त कर सके िी जो उपिारा (1) के अिीन अगिसूगचत
संरगित प्रणाली तक पहंचने के गलए प्रागिकृ त है ।
(3) कोई व्यगक्‍टत, जो इस िारा के उपबंिों के उल्लंघन में दकसी संरगित प्रणाली तक पहंच प्राप्त कर लेता है या पहंच प्राप्त
करने का प्रयत्न करता है, दोनों में से दकसी िांगत के कारािास से, गजसकी अिगि दस िषा तक की हो सके िी, दंगडत दकया जाएिा और
जुमााने का िी दायी होिा ।
2
[(4) के न्रीय सरकार, ऐसी संरगित प्रणाली के गलए सूचना सुरिा पद्धगतयां और प्रदक्रयाएं गिगहत करे िी ।]
[70क. राष्रीय नोडल अगिकरण—(1) के न्रीय सरकार, राजपत्र में प्रकागशत अगिसूचना द्वारा, सरकार के दकसी संिठन को
3

नाजुक सूचना अिसंरचना संरिण की बाबत राष्रीय नोडल अगिकरण अगिगहत कर सके िी ।
(2) उपिारा (1) के अिीन अगिगहत राष्रीय नोडल अगिकरण सिी उपायों के गलए उत्तरदायी होिा गजनके अंत िात नाजुक
सूचना अिसंरचना के संरिण से संबंगित अनुसंिान और गिकास िी है ।
(3) उपिारा (1) में गनर्दाष्ट अगिकरण के कृ त्यों और कताव्यों के पालन की रीगत िह होिी, जो गिगहत की जाए ।
70ख. दुघटा ना मोचन के गलए िारतीय कं प्यूटर आपात मोचन दल का राष्रीय आपात अगिकरण के रूप में सेिा करना—(1)
कें रीय सरकार, राजपत्र में अगिसूचना द्वारा, सरकार के दकसी अगिकरण को गनयुक्‍टत करे िा गजसे िारतीय कं प्यूटर आपात मोचन दल
कहा जाएिा ।
(2) कें रीय सरकार, उपिारा (1) में गनर्दाष्ट अगिकरण में एक महागनदेशक और ऐसे अन्य अगिकारी तथा कमाचारी उपलब्ि
कराएिी, जो गिगहत दकए जाएं ।
(3) महागनदेशक और अन्य अगिकाररयों तथा कमाचाररयों का िेतन और ित्ते तथा उनकी से िा के गनबंिन और शतें िे होंिी,
जो गिगहत की जाएं ।
(4) िारतीय कं प्यूटर आपात मोचन दल साइबर सुरिा के िेत्र में गनम्‍नगलगखत कृ त्यों का पालन करने िाले राष्रीय
अगिकरण के रूप में काया करे िा,—
(क) साइबर घटना संबंिी सूचना का संग्रहण, गि‍लेषण और प्रसार;
(ख) साइबर सुरिा घटनाओं का पूिाानुमान और चेतािगनयां;
(ि) साइबर सुरिा घटनाओं से गनपटाने के गलए आपात अध्यु पाय;
(घ) साइबर घटना मोचन दक्रयाकलापों का समन्िय;
(ङ) साइबर घटनाओं की सूचना सुरिा पद्धगतयों, प्रदक्रयाओं, गनिारण, मोचन और ररपोटा करने के संबंि में
मािादशाक गसद्धांत, सलाह, अगत संिेदनशील रटप्पण और ‍िेतपत्र जारी करना;
(च) साइबर सुरिा से संबंगित ऐसे अन्य कृ त्य, जो गिगहत दकए जाएं ।
(5) उपिारा (1) में गनर्दाष्ट अगिकरण के कृ त्यों और कताव्यों का पालन करने की रीगत िह होिी, जो गिगहत की जाए ।
(6) उपिारा (4) के उपबंिों को कायाागन्ित करने के गलए, उपिारा (1) में गनर्दाष्ट अगिकरण सेिा प्रदाताओं, मध्यिर्त्तायों,
डाटा कें रों, गनिगमत गनकायों और दकसी अन्य व्यगक्‍टत से सूचना मांि सके िा और उसे गनदेश दे सके िा ।
(7) ऐसा कोई सेिा प्रदाता, मध्यिती डाटा कें र, गनिगमत गनकाय और अन्य व्यगक्‍टत, जो उपिारा (6) के अिीन मांिी िई
सूचना देने में या गनदेश का अनुपालन करने में असफल रहता है, कारािास से, गजसकी अिगि एक िषा तक की हो सके िी या जुमााने से,
जो एक लाख रुपए तक का हो सके िा या दोनों से, दंडनीय होिा ।
(8) कोई न्यायालय, इस िारा के अिीन दकसी अपराि का संज्ञान, उपिारा (1) में गनर्दाष्ट अगिकरण द्वारा इस गनगमत्त
प्रागिकृ त दकसी अगिकारी द्वारा ददए िए दकसी पररिाद पर के गसिाय नहीं करे िा ।]

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 35 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 35 द्वारा अंत:स्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 36 द्वारा अंत:स्थागपत ।
25

71. दुव्यापदेशन के गलए शागस्त—जो कोई, गनयंत्रक या प्रमाणकताा प्रागिकारी के समि, यथागस्थगत, कोई अनुज्ञगप्त या
1[इलैक्‍टरागनक
गचह्नक] प्रमाणपत्र प्राप्त करने के गलए कोई दुव्यापदेशन करता है या दकसी तागविक तथ्य को गछपाता है तो िह ऐसे
कारािास से, गजसकी अिगि दो िषा तक की हो सके िी, या ऐसे जुमााने से , जो एक लाख रुपए तक का हो सके िा, अथिा दोनों से,
दगण्डत दकया जाएिा ।
72. िोपनीयता और एकांतता िंि के गलए शागस्त—इस अगिगनयम या तत्समय प्रिृत्त दकसी अन्य गिगि में जैसा अन्यथा
उपबंगित है उसके गसिाय, यदद दकसी व्यगक्‍टत ने, इस अगिगनयम, इसके अिीन बनाए िए गनयमों या गिगनयमों के अिीन प्रदत्त दकन्हीं
शगक्‍टतयों के अनुसरण में दकसी इलैक्‍टरागनक अगिलेख, पुस्तक, रगजस्टर, पत्राचार, सूचना, दस्तािेज या अन्य सामग्री से सम्‍बद्ध व्यगक्‍टत
की सहमगत के गबना पहंच प्राप्त कर ली है, और िह दकसी व्यगक्‍टत को उस इलैक्‍टरागनक अगिलेख, पुस्तक, रगजस्टर, पत्राचार, सूचना,
दस्तािेज या अन्य सामग्री को प्रकट करता है तो िह ऐसे कारािास से, गजसकी अिगि दो िषा तक हो सके िी, या ऐसे जुमााने से, जो एक
लाख रुपए तक का हो सके िा, अथिा दोनों से, दगण्डत दकया जाएिा ।
2[72क. गिगिपूणा संगिदा का िंि करते हए सूचना के प्रकटन के गलए दंड —इस अगिगनयम या तत्समय प्रिृत दकसी अन्य
गिगि में यथा उपबंगित के गसिाय, कोई व्यगक्‍टत, गजसके अंतिात मध्यिती िी है, गजसने, गिगिपूणा संगिदा के गनबंिनों के अिीन सेिाएं
उपलब्ि कराते समय, ऐसी दकसी सामग्री तक, गजसमें दकसी अन्य व्यगक्‍टत के बारे में व्यगक्‍टतित सूचना अंतर्त्िाष्ट है, पहंच प्राप्त कर ली
है, सदोष हागन या सदोष अगिलाि काररत करने के आशय से या यह जानते हए दक उसे सदोष हागन या सदोष अगिलाि काररत होने
की संिािना है, संबंगित व्यगक्‍टत की सम्‍मगत के गबना या दकसी गिगिपूणा संगिदा का िंि करते हए दकसी अन्य व्यगक्‍टत को ऐसी सामग्री
प्रकट करता है, तो िह कारािास से, गजसकी अिगि तीन िषा तक की हो सके िी, या जुमााने से, जो पांच लाख रुपए तक का हो सके िा,
या दोनों से, दंगडत दकया जाएिा ।]
73. 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र की कगतपय गिगशगष्टयों को गमथ्या प्रकागशत करने के गलए शागस्त—(1) कोई व्यगक्‍टत,
1
[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र को तब तक प्रकागशत नहीं करे िा या दकसी अन्य व्यगक्‍टत को अन्यथा उपलब्ि नहीं कराएिा, यदद उसे
यह जानकारी है दक—
(क) प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध प्रमाणकताा प्रागिकारी ने उसे जारी नहीं दकया है; या
(ख) प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध हस्तािरकताा ने उसे स्िीकार नहीं दकया है; या
(ि) िह प्रमाणपत्र प्रगतसंहृत या गनलगम्‍बत कर ददया िया है,
जब तक दक ऐसा प्रकाशन, ऐसे गनलम्‍बन या प्रगतसंहरण से पूिा सृगजत 1[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] के सत्यापन के प्रयोजनाथा न हो ।
(2) ऐसा कोई व्यगक्‍टत, जो उपिारा (1) के उपबंिों का उल्लंघन करता है, ऐसे कारािास से गजसकी अिगि दो िषा तक हो
सके िी, या ऐसे जुमााने से, जो एक लाख रुपए तक का हो सके िा, अथिा दोनों से , दगण्डत दकया जाएिा ।
74. कपटपूणा प्रयोजन के गलए प्रकाशन—जो कोई, दकसी कपटपूणा या गिगिगिरुद्ध प्रयोजन के गलए कोई
3[इलैक्‍टरागनक
गचह्नक] प्रमाणपत्र जानबूझकर सृगजत करता है, प्रकागशत करता है या अन्यथा उपलब्ि कराता है, िह कारािास से,
गजसकी अिगि दो िषा तक की हो सके िी, या जुमााने से, जो एक लाख रुपए तक का हो सके िा, या दोनों से, दंगडत दकया जाएिा ।
75. अगिगनयम का िारत से बाहर दकए िए अपरािों और उल्लंघनों को लािू होना—(1) उपिारा (2) के उपबंिों के अिीन
रहते हए, इस अगिगनयम के उपबंि, दकसी व्यगक्‍टत द्वारा िारत से बाहर दकए िए दकसी अपराि या उल्लं घन को िी, उसकी रागष्रकता
को गिचार में लाए गबना, लािू होंिे ।
(2) उपिारा (1) के प्रयोजनों के गलए, यह अगिगनयम दकसी व्यगक्‍टत द्वारा िारत से बाहर दकए िए दकसी अपराि या
उल्लंघन को लािू होिा, यदद उस काया या आचरण में, गजससे यह अपराि या उल्लंघन होता है, िारत में अिगस्थत कोई कं प्यूटर,
कं प्यूटर, प्रणाली या कं प्यूटर नेटिका अंतिागलत हो ।
76. अगिहरण—कोई ऐसा कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली, फ्लापी, काम्‍पैक्‍टट गडस्क, टेप चालन या उससे संबंगित कोई ऐसे अन्य
उपसािन, गजनकी बाबत इस अगिगनयम, इसके अिीन बनाए िए गनयमों, दकए िए आदेशों या बनाए िए गिगनयमों के दकसी उपबंि
का उल्लंघन दकया िया हो या दकया जा रहा है, अगिहरणीय होंिे :
परन्तु जहां अगिहरण का अगिगनणाय देने िाले न्यायालय के समािानप्रद रूप में यह गसद्ध हो जाता है दक िह व्यगक्‍टत, गजसके
कब्जे, शगक्‍टत या गनयंत्रण में कोई ऐसा कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली, फ्लापी, काम्‍पैक्‍टट गडस्क, टेप चालन या उससे संबंगित कोई अन्य
उपसािन पाया जाता है, इस अगिगनयम, इसके अिीन बनाए िए गनयमों, दकए िए आदेशों या बनाए िए गिगनयमों के उपबंिों के
उल्लंघन के गलए उत्तरदायी नहीं है िहां न्यायालय, ऐसे कं प्यूटर, कं प्यूटर प्रणाली, फ्लापी, काम्‍पैक्‍टट गडस्क, टेप चालन या उससे
संबंगित दकसी अन्य उपसािन के अगिहरण का आदेश करने के बजाय इस अगिगनयम या इसके अिीन बनाए िए गनयमों, दकए िए

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 37 द्वारा अंत:स्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
26

आदेशों या बनाए िए गिगनयमों के उपबंिों का उल्लं घन करने िाले व्यगक्‍टत के गिरुद्ध इस अगिगनयम द्वारा प्रागिकृ त ऐसा अन्य आदेश
कर सके िा, जो िह ठीक समझे ।
1[77.प्रगतकर शागस्त या अगिहरण का अन्य दंड में हस्तिेप न करना—इस अगिगनयम के अिीन अगिगनणीत प्रगतकर,
अगिरोगपत शागस्त या दकया िया अगिहरण, तत्समय प्रिृत्त दकसी अन्य गिगि के अिीन दकसी प्रगतकर के अगिगनणाय या दकसी अन्य
शागस्त या दंड के अगिरोपण को गनिाररत नहीं करे िा ।
77क. अपरािों का शमन—(1) सिम अगिकाररता िाला न्यायालय, उन अपरािों से गिन्न अपरािों का शमन कर सके िा,
गजनके गलए इस अगिगनयम के अिीन आजीिन या तीन िषा से अगिक के कारािास के दंड का उपबंि दकया िया है :
परं तु न्यायालय, ऐसे अपराि का िहां शमन नहीं करे िा, जहां अपरािी, उसकी पूिा दोषगसगद्ध के कारण या तो
िर्त्िात दंड का या गिन्न प्रकार के दकसी दंड के गलए दायी है :
परं तु यह और दक न्यायालय ऐसे दकसी अपराि का शमन नहीं करे िा, जहां ऐसा अपराि देश की समागजक-आर्त्थाक
गस्थगत पर प्रिाि डालता है या अठारह िषा की आयु से कम आयु के दकसी बालक या दकसी स्त्री के संबंि में दकया िया है ।
(2) इस अगिगनयम के अिीन दकसी अपराि का अगियुक्‍टत व्यगक्‍टत उस न्यायालय में, गजसमें अपराि गिचारण के गलए दंगडत
है, शमन के गलए आिेदन फाइल कर सके िा और दंड प्रदक्रया संगहता, 1973 (1974 का 2) की िारा 265ख और िारा 265ि के उपबंि
लािू होंिे ।
77ख. तीन िषा के कारािास िाले अपरािों का जमानतीय होना—दंड प्रदक्रया संगहता, 1973 (1974 का 2) में दकसी बात के
होते हए िी, तीन िषा और उससे अगिक के कारािास से दंडनीय अपराि संज्ञेय होंिे और तीन िषा तक के कारािास से दंडनीय अपराि
जमानतीय होंिे ।]
78. अपरािों का अन्िेषण करने की शगक्‍टत—दंड प्रदक्रया संगहता, 1973 (1974 का 2) में अंतर्त्िाष्ट दकसी बात के होते िी,
कोई ऐसा पुगलस अगिकारी, जो 2[गनरीिक] की पंगक्‍टत से नीचे का न हो, इस अगिगनयम के अिीन दकसी अपराि का अन्िे षण करे िा ।
3
[अध्याय 12

कगतपय मामलों में मध्यिर्त्तय


ा ों का दायी न होना
79. कगतपय मामलों में मध्यिती को दागयत्ि से छू ट—(1) तत्समय प्रिृत्त दकसी गिगि में अंतर्त्िाष्ट दकसी बात के होते हए िी,
ककं तु उपिारा (2) और उपिारा (3) के उपबंिों के अिीन रहते हए, मध्यिती, उसको उपलब्ि कराई िई या परपोगषत की िई दकसी
अन्य व्यगक्‍टत की सूचना, डाटा या संसूचना संपका के गलए दायी नहीं होिा ।
(2) उपिारा (1) के उपबंि तिी लािू होंिे, जब—
(क) मध्यिती का कृ त्य, दकसी ऐसी संसूचना प्रणाली तक पहंच उपलब्ि कराने तक सीगमत है, गजस पर अन्य
व्यगक्‍टत द्वारा उपलब्ि कराई िई सूचना पारे गषत की जाती है या अस्थायी रूप से िंडाररत की जाती है या परपोगषत की
जाती है; या
(ख) मध्यिती—
(i) पारे षण आरं ि नहीं करता है,
(ii) पारे षण के अगिग्राही का चयन नहीं करता है, और
(iii) पारे षण में अंतर्त्िाष्ट सूचना का चयन या उपान्तरण नहीं करता है;
(ि) मध्यिती, इस अगिगनयम के अिीन अपने कताव्यों का गनिाहन करते समय सम्‍यक् तत्परता का अनुपालन करता
है और ऐसे अन्य मािादशाक गसद्धांतों का िी अनुपालन करता है, जो इस गनगमत्त के न्रीय सरकार द्वारा गिगहत दकए जाएं ।
(3) उपिारा (1) के उपबंि लािू नहीं होंिे यदद,—
(क) मध्यिती ने गिगिगिरुद्ध काया करने का षड्यंत्र या दुष्प्रेरण दकया है या उसमें सहायता की है या उसके गलए
उत्प्रेररत दकया है, चाहे िमकी द्वारा या िचन द्वारा या अन्यथा;
(ख) िास्तगिक जानकारी प्राप्त करने पर या समुगचत सरकार अथिा उसके अगिकरण द्वारा यह अगिसूगचत दकए
जाने पर दक मध्यिती द्वारा गनयंगत्रत कं प्यूटर संसािन में गिद्यमान या उससे सम्‍बद्ध दकसी सूचना, डाटा या संसूचना संपका

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 38 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 39 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 40 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
27

का उपयोि गिगिगिरुद्ध काया करने के गलए दकया जा रहा है, मध्यिती दकसी िी रीगत में साक्ष्य को दूगषत दकए गबना उस
संसािन पर उस सामग्री तक पहंच को अगिम्‍ब हटाने या उसे गनयोग्य बनाने में असफल रहता है ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए, “अन्य व्यगक्‍टत की सूचना” पद से दकसी मध्यिती द्वारा मध्यिती की
हैगसयत से दी िई सूचना अगिप्रेत है ।
अध्याय 12क

इलैक्‍टरागनक साक्ष्य का परीिक


79क. के न्रीय सरकार द्वारा इलैक्‍टरागनक साक्ष्य का परीिक अगिसूगचत करना—के न्रीय सरकार, दकसी न्यायालय या अन्य
प्रागिकारी के समि इलैक्‍टरागनक रूप में साक्ष्य के बारे में गिशेषज्ञ राय उपलब्ि कराने के प्रयोजनों के गलए, राजपत्र में अगिसूचना
द्वारा, के न्रीय सरकार या दकसी राज्य सरकार के दकसी गििाि, गनकाय या अगिकरण को इलैक्‍टरागनक साक्ष्य के परीिक के रूप में
गिगनर्दाष्ट कर सके िी ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए, “इलैक्‍टरागनक रूप में साक्ष्य” से, प्रमाणक मूल्य की कोई सूचना अगिप्रेत है, जो
इलैक्‍टरागनक रूप में िंडाररत या पारे गषत की जाती है और इसके अंतिात कं प्यू टर साक्ष्य, अंकीय दृ‍य, अंकीय श्व्य, सेलफोन, अंकीय
फै क्‍टस मशीन िी है ।]
अध्याय 13

प्रकीणा
80. पुगलस अगिकारी और अन्य अगिकाररयों की प्रिेश करने, तलाशी लेन,े आदद की शगक्‍टत—(1) दंड प्रदक्रया संगहता, 1973
(1974 का 2) में दकसी बात के होते हए िी, कोई पुगलस अगिकारी, जो 1[गनरीिक] की पंगक्‍टत से नीचे का न हो, या के न्रीय सरकार या
दकसी राज्य सरकार का कोई ऐसा अन्य अगिकारी, गजसे के न्रीय सरकार द्वारा इस गनगमत्त प्रागिकृ त दकया िया हो, दकसी सािाजगनक
स्थान में प्रिेश कर सके िा और उसकी तलाशी ले सके िा तथा िहां पाए िए दकसी ऐसे व्यगक्‍टत को गबना िारण्ट गिरफ्तार कर सके िा
जो युगक्‍टतयुक्‍टत रूप से संददग्ि व्यगक्‍टत है या गजसने इस अगिगनयम के अिीन कोई अपराि दकया है या कर रहा है या करने िाला है ।
स्पष्टीकरण—इस उपिारा के प्रयोजनों के गलए, “सािाजगनक स्थान” पद के अन्तिात कोई सािाजगनक िाहन, कोई होटल,
कोई दुकान या कोई ऐसा अन्य स्थान िी आता है, जो जनता द्वारा उपयोि के गलए आशगयत है या उनकी पहंच में है ।
(2) जहां कोई व्यगक्‍टत, उपिारा (1) के अिीन पुगलस अगिकारी से गिन्न दकसी अगिकारी द्वारा गिरफ्तार दकया जाता है िहां
ऐसा अगिकारी, गबना दकसी अनाि‍यक गिलंब के गिरफ्तार दकए िए व्यगक्‍टत को उस मामले में अगिकाररता रखने िाले मगजस्रे ट के
समि या पुगलस थाने के िारसािक अगिकारी के समि ले जाएिा या िेजेिा ।
(3) दंड प्रदक्रया संगहता, 1973 (1974 का 2) के उपबंि, इस िारा के उपबंिों के अिीन रहते हए, जहां तक हो सके , इस िारा
के अिीन दकए िए दकसी प्रिेश, ली िई कोई तलाशी या गिरफ्तारी के संबंि में, लािू होंिे ।
81. अगिगनयम का अध्यारोही प्रिाि होना—इस अगिगनयम के उपबंि, तत्समय प्रिृत दकसी अन्य गिगि में इससे असंित
दकसी बात के होते हए िी प्रिािी होंिे :
2[परं तु
इस अगिगनयम में अंतर्त्िाष्ट कोई बात दकसी व्यगक्‍टत को, प्रगतगलप्यगिकार अगिगनयम, 1957 (1957 का 14) या पेटेंट
अगिगनयम, 1970 (1970 का 39) के अिीन प्रदत्त दकसी अगिकार का प्रयोि करने से गनबागन्ित नहीं करे िी ।]
3[81क. अगिगनयम का इलैक्‍टरागनक चैक और संिगे पत चैक को लािू होना—(1) इस अगिगनयम के िे तत्समय प्रिृत्त उपबंि
इलैक्‍टरागनक चैकों और संिेगपत चैकों को या उनके संबंि में ऐसे उपांतरणों और संशोिनों के अिीन रहते हए लािू होंिे जो परक्राम्‍य
गलखत अगिगनयम, 1881 (1881 का 26) के प्रयोजनों को कायाागन्ित करने के गलए आि‍यक हो और जो के न्रीय सरकार द्वारा िारतीय
ररजिा बैंक के परामशा से, राजपत्र में अगिसूचना द्वारा, दकए जाएं ।
(2) उपिारा (1) के अिीन कें रीय सरकार द्वारा जारी प्रत्ये क अगिसूचना जारी दकए जाने के प‍चात्, यथाशीघ्र, संसद् के
प्रत्येक सदन के समि, जब िह सत्र में हो, कु ल तीस ददन की अिगि के गलए रखी जाएिी । यह अिगि एक सत्र में अथिा दो या अगिक
आनुक्रगमक सत्रों में पूरी हो सके िी । यदद उस सत्र के या पूिोक्‍टत आनुक्रगमक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अिसान के पूिा दोनों सदन उस
अगिसूचना में कोई पररितान करने के गलए सहमत हो जाएं तो तत्प‍चात् िह ऐसे पररिर्त्तात रूप में ही प्रिािी होिी । यदद उक्‍टत
अिसान के पूिा दोनों सदन सहमत हो जाएं दक िह अगिसूचना जारी नहीं दक जानी चागहए तो तत्प‍चात् िह गनष्प्रिाि हो जाएिी ।
दकन्तु अगिसूचना के ऐसे पररिर्त्तत ा या गनष्प्रिाि होने से उसके अिीन पहले की िई दकसी बात की गिगिमान्यता पर प्रगतकू ल प्रिाि
नहीं पड़ेिा ।

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 41 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 42 द्वारा अंत:स्थागपत ।
3
2002 के अगिगनयम सं० 55 की िारा 13 द्वारा (6-2-2003 से) अंत:स्थागपत ।
28

स्पष्टीकरण—इस अगिगनयम के प्रयोजनों के गलए, “इलैक्‍टरागनक चैक” और “संिेगपत चैक” पदों के िही अथा हैं जो परक्राम्‍य
गलखत अगिगनयम, 1881 (1881 का 26) की िारा 6 में है ।]
[82. गनयंत्रक, उप गनयंत्रक और सहायक गनयंत्रक का लोक सेिक होना—गनयंत्रक, उप गनयंत्रक और सहायक गनयंत्रकों को
1

िारतीय दंड संगहता, (1860 का 45) की िारा 21 के अथांतिात लोक सेिक समझा जाएिा ।]
83. गनदेश देने की शगक्‍टत—के न्रीय सरकार, दकसी राज्य की सरकार को इस अगिगनयम या इसके अिीन बनाए िए गनयम,
गिगनयम या दकए िए आदेश के दकन्हीं उपबंिों को राज्य में गनष्पाददत करने के गलए गनदेश दे सके िी ।
84. सद्भािपूिाक की िई कारा िाई के गलए संरिण—इस अगिगनयम, इसके अिीन बनाए िए दकसी गनयम, गिगनयम या दकए
िए दकसी आदेश के अनुसरण में सद्भािपूिाक की िई या की जाने के गलए आशगयत दकसी बात के गलए कोई िाद, अगियोजन या अन्य
गिगिक कायािाही, के न्रीय सरकार, राज्य सरकार, गनयंत्रक या उसकी ओर से काया करने िाले दकसी व्यगक्‍टत, 2[और न्यायगनणाायक
अगिकाररयों] के गिरुद्ध नहीं होिी ।
3[84क.िूढ़लेखन के ढंि या पद्धगतयां—के न्रीय सरकार, इलैक्‍टरागनक माध्यम के सुरगित उपयोि और ई-ििनेंस और
ई-कामसा के संििान के गलए, िूढ़लेखन के ढंि या पद्धगतयां गिगहत कर सके िी ।
84ख. अपरािों के दुष्प्रेरण के गलए दंड—जो कोई दकसी अपराि का दुष्प्रेरण करता है, यदद दुष्प्रेररत काया, दुष्प्रेरण के
पररणामस्िरूप दकया जाता है और ऐसे दुष्प्रे रण के दंड के गलए इस अगिगनयम द्वारा कोई अगिव्यक्‍टत उपबंि नहीं है, इस अगिगनयम के
अिीन अपराि के गलए उपबंगित दंड से दंगडत दकया जाएिा ।
स्पष्टीकरण—कोई काया या अपराि दुष्प्रेरण के पररणामस्िरूप दकया िया तब कहा जाएिा, जब िह उस उकसाहट के
पररणामस्िरूप या उस षड्यंत्र के अनुसरण में या उसकी सहायता से दकया जाता है, गजससे दुष्प्रेरण का िठन होता है ।
84ि. अपराि करने के प्रयत्न के गलए दंड—जो कोई इस अगिगनयम द्वारा दंडनीय अपराि करने का प्रयत्न करता है या ऐसे
कोई अपराि कराता है और ऐसे प्रयत्न में अपराि करने की ददशा में कोई काया करता है, जहां ऐसे प्रयत्न के दंड के गलए कोई स्पष्ट
उपबंि नहीं है, िहां िह उस अपराि के गलए उपबंगित दकसी िांगत के कारािास से, गजसकी अिगि, उस अपराि के गलए उपबंगित
कारािास की अगिकतम अिगि के आिे तक की हो सके िी या जुमााने से, जो अपराि के गलए उपबंगित है या दोनों से, दंगडत
दकया जाएिा ।]
85. कं पगनयों द्वारा अपराि—(1) जहां कोई व्यगक्‍टत, जो एक कं पनी है, इस अगिगनयम या उसके अिीन बनाए िए दकसी
गनयम या दकए िए दकसी गनदेश या आदेश के दकन्हीं उपबंिों का उल्लंघन करता है, िहां प्रत्येक ऐसा व्यगक्‍टत, जो उस उल्लंघन के गलए
जाने के समय उस कं पनी के कारबार के संचालन के गलए उस कम्‍पनी का िारसािक और उसके प्रगत उत्तरदायी था और साथ ही िह
कं पनी िी, ऐसे उल्लंघन के दोषी समझे, जाएंिे और तद्नुसार अपने गिरुद्ध कायािाही दकए जाने और दंगडत दकए जाने के िािी होंिे :
परन्तु इस उपिारा की कोई बात दकसी ऐसे व्यगक्‍टत को दंड का िािी नहीं बनाएिी यदद िह यह सागबत कर देता है दक ऐसा
उल्लंघन उसकी जानकारी के गबना दकया िया था या उसने ऐसे उल्लं घन के दकए, जाने का गनिारण करने के गलए सब सम्‍यक् तत्परता
बरती थी ।
(2) उपिारा (1) में दकसी बात के होते हए िी, जहां इस अगिगनयम या उसके अिीन बनाए िए दकसी गनयम या दकए िए
दकसी गनदेश या आदेश के दकन्हीं उपबंिों का उल्लंघन दकसी कं पनी द्वारा दकया िया है और यह सागबत हो जाता है दक िह उल्लं घन
कं पनी के दकसी गनदेशक, प्रबंिक, सगचि या अन्य अगिकारी की सहमगत या मौनानुकूलता से दकया िया है या उस अपराि का दकया
जाना उसकी दकसी उपेिा के कारण माना जा सकता है, िहां ऐसा गनदेशक, प्रबंिक, सगचि या अन्य अगिकारी िी उस अपराि या
उल्लंघन का दोषी समझा जाएिा और तद्नुसार अपने गिरुद्ध कायािाही दकए जाने और दंगडत दकए जाने का िािी होिा ।
स्पष्टीकरण—इस िारा के प्रयोजनों के गलए—
(i) “कं पनी” से कोई गनिगमत गनकाय अगिप्रेत है और उसके अंतिात फमा या व्यगष्टयों का अन्य संिम िी है; और
(ii) फमा के संबंि में “गनदेशक” से उस फमा का िािीदार अगिप्रेत है ।
86. करठनाइयों को दूर करना—(1) यदद इस अगिगनयम के उपबंिों को प्रिािी करने में कोई करठनाई उत्पन्न होती है तो
के न्रीय सरकार, राजपत्र में प्रकागशत आदेश द्वारा, ऐसे उपबंि कर सके िी जो इस अगिगनयम के उपबंिों से असंित न हों और करठनाई
को दूर करने के गलए उसे आि‍यक या समीचीन प्रतीत हों :
परं तु इस िारा के अिीन ऐसा कोई आदेश इस अगिगनयम के प्रारम्‍ि से दो िषा की अिगि की समागप्त के प‍चात् नहीं दकया
जाएिा ।

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 43 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 45 द्वारा अंत:स्थागपत ।
29

(2) इस िारा के अिीन दकया िया प्रत्येक आदेश इसके दकए जाने के प‍चात् यथाशीघ्र संसद् के प्रत्येक सदन के समि रखा जाएिा ।
87. के न्रीय सरकार की गनयम बनाने की शगक्‍टत—(1) के न्रीय सरकार, इस अगिगनयम के उपबंिों को कायाागन्ित करने के गलए
राजपत्र और इलैक्‍टरागनक राजपत्र में अगिसूचना द्वारा, गनयम बना सके िी ।
(2) गिगशष्टतया और पूिािामी शगक्‍टत की व्यापकता पर प्रगतकू ल प्रिाि डाले गबना, ऐसे गनयमों में गनम्‍नगलगखत सिी या दकन्हीं
गिषयों के गलए उपबंि दकया जा सके िा, अथाात्:—
[(क) िारा 3क की उपिारा (2) के अिीन इलैक्‍टरागनक गचह्नक या इलैक्‍टरागनक अगिप्रमाणन तकनीक की गि‍िसनीयता
1

पर गिचार करने के गलए शतें;


(कक) िारा 3क की उपिारा (3) के अिीन इलैक्‍टरागनक गचह्नक या अगिप्रमाणन को अगिगनग‍चत करने की प्रदक्रया;
(कख) िह रीगत, गजसमें िारा 5 के अिीन इलैक्‍टरागनक गचह्नक द्वारा दकसी सूचना या सामग्री को अगिप्रमागणत दकया
जा सके िा]
(ख) िह इलैक्‍टरागनक रूप, गजसमें िारा 6 की उपिारा (1) के अिीन फाइल करने, जारी करने, अनुदान, या संदाय का
काया दकया जाएिा;
(ि) िारा 6 की उपिारा (2) के अिीन िह रीगत और रूपगििान, गजसमें इलैक्‍टरागनक अगिलेख फाइल दकया जाएिा या
जारी दकया जाएिा और संदाय करने का ढंि;
[(िक) िह रीगत, गजसमें िारा 6क की उपिारा (2) के अिीन प्रागिकृ त सेिा प्रदाता, सेिा प्रिार संिृहीत, प्रगतिाररत
2

और गिगनयोगजत कर सके िा;]


(घ) िारा 10 के अिीन 3[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] की दकस्म से संबंगित गिषय, िह रीगत और रूपगििान, गजसमें इसे
लिाया जाएिा;
1
[(ङ) िारा 15 के अिीन इलैक्‍टरागनक गचह्नक सृजन डाटा िंडाररत करने और उसे लिाने की रीगत;
(ङक) िारा 16 के अिीन सुरिा प्रदक्रया और पद्धगत;]
(च) िारा 17 के अिीन गनयंत्रक, उपगनयंत्रकों 1[सहायक गनयंत्रकों, अन्य अगिकाररयों और कमाचाररयों] की अहाताएं,
अनुिि और उनकी सेिा के गनबंिन और शतें;

4
* * * * * *
(ज) िारा 21 की उपिारा (2) के अिीन आिेदक द्वारा पूरी की जाने िाली अपेिाएं;
(झ) िारा 21 की उपिारा (3) के खंड (क) के अिीन अनुदत्त अनुज्ञगप्त की गिगिमान्यता की अिगि;
(ञ) िह प्ररूप, गजसमें िारा 22 की उपिारा (1) के अिीन अनुज्ञगप्त के गलए आिेदन दकया जा सके िा;
(ट) िारा 22 की उपिारा (2) के खंड (ि) के अिीन संदेय फीसों की रकम;
(ठ) ऐसे अन्य दस्तािेज, जो िारा 22 की उपिारा (2) के खंड (घ) के अिीन अनुज्ञगप्त के गलए आिेदन के साथ लिाए
जाएंिे;
(ड) िारा 23 के अिीन अनुज्ञगप्त के निीकरण के गलए प्ररूप और उसके गलए संदय
े फीस;
5
[(डक) िारा 35 के अिीन इलैक्‍टरागनक गचह्नक प्रमाणपत्र जारी करने के गलए आिेदन का प्ररूप और फीस;]
(ढ) िह प्ररूप, गजसमें िारा 35 की उपिारा (1) के अिीन 6[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र जारी दकए जाने के गलए
आिेदन दकया जा सके िा;

(ण) िारा 35 की उपिारा (2) के अिीन 3[इलैक्‍टरागनक गचह्नक] प्रमाणपत्र जारी दकए जाने के गलए प्रमाणकताा
प्रागिकारी को संदाय की जाने िाली फीस;
2
[(णक) िारा 40क के अिीन उपयोिकतााओं के कताव्य;
(णख) िारा 43क के अिीन युगक्‍टतयुक्‍टत सुरिा पद्धगत और प्रदक्रयाएं तथा संिेदनशील िैयगक्‍टतक डाटा या सूचना];

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 46 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 46 द्वारा अंत:स्थागपत ।
3
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
4
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 46 द्वारा लोप दकया िया ।
5
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 46 द्वारा अंत:स्थागपत ।
6
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 2 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
30

(त) िह रीगत, गजसमें िारा 46 की उपिारा (1) के अिीन न्यायगनणाायक अगिकारी जांच करे िा;
(थ) िह अहाता और अनुिि, जो िारा 46 की उपिारा (3) के अिीन न्यायगनणाायक अगिकारी के पास होिा;
1
* * * * * * *
2
* * * * * * *
3
* * * * * * *
(प) िह प्ररूप, गजसमें िारा 57 की उपिारा (3) के अिीन अपील फाइल की जा सके िी और उसके गलए फीस;
(फ) गसगिल न्यायालय की कोई अन्य शगक्‍टत, गजसका िारा 58 की उपिारा (2) के खंड (छ) के अिीन गिगहत दकया
जाना अपेगित है; और
[(ब) िारा 52क के अिीन 4[अपील अगिकरण] के अध्यि की शगक्‍टतयां और कृ त्य;
4

(ि) िारा 67ि के अिीन प्रगतिाररत और परररगित की जाने िाली सूचना, अिगि, रीगत और ऐसी सूचना
का प्ररूप;
(म) िारा 69 की उपिारा (2) के अिीन अंतररोिन, मानीटरी या गििूढ़न के गलए प्रदक्रयाएं और रिोपाय;
(य) िारा 69क की उपिारा (2) के अिीन जनता की पहंच का अिरोिन करने की प्रदक्रया और रिोपाय;
(यक) िारा 69ख की उपिारा (3) के अिीन रैदफक आंकडे या सूचना की मानीटरी करने और उन्हें एकगत्रत करने
की प्रदक्रया और रिोपाय;
(यख) िारा 70 के अिीन संरगित प्रणाली के गलए सूचना सुरिा पद्धगत और प्रदक्रयाएं;
(यि) िारा 70क की उपिारा (3) के अिीन अगिकरण के कृ त्यों और कताव्यों के पालन की रीगत;
(यघ) िारा 70ख की उपिारा (2) के अिीन अगिकारी और कमाचारी;
(यङ) िारा 70ख की उपिारा (3) के अिीन महागनदेशक और अन्य अगिकाररयों तथा कमाचाररयों के िेतन और
ित्ते तथा उनकी सेिा के गनबंिन और शतें;
(यच) िह रीगत, गजसमें िारा 70क की उपिारा (5) के अिीन अगिकरण के कृ त्यों और कताव्यों का पालन दकया
जाएिा;
(यछ) िारा 79 की उपिारा (2) के अिीन मध्यिर्त्तायों द्वारा अनुपालन दकए जाने िाले मािादशाक गसद्धांत;
(यज) िारा 84क के अिीन गििूढ़न का ढंि या पद्धगत] ।
(3) 5[िारा 70क की उपिारा (1) के अिीन के न्रीय सरकार द्वारा गनकाली िई प्रत्येक अगिसूचना और उसके द्वारा बनाया
िया प्रत्येक गनयम] उसके गनकाले जाने या बनाए जाने के प‍चात् यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समि, जब िह सत्र में हो कु ल
तीस ददन की अिगि के गलए रखी जाएिी/रखा जाएिा । यह अिगि एक सत्र में अथिा दो या अगिक आनुक्रगमक सत्रों में पूरी हो
सके िी । यदद उस सत्र के या पूिोक्‍टत आनुक्रगमक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अिसान के पूिा दोनों सदन उस 6* * * गनयम में कोई
पररितान करने के गलए सहमत हो जाएं तो तत्प‍चात् िह ऐसे पररिर्त्तात रूप में ही प्रिािी होिी/होिा । यदद उक्‍टत अिसान के पूिा
दोनों सदन सहमत हो जाएं दक िह अगिसूचना नहीं गनकाली जानी चागहए या गनयम नहीं बनाया जाना चागहए तो तत्प‍चात् िह
गनष्प्रिाि हो जाएिी/जाएिा । ककं तु उक्‍टत 2* * * गनयम के ऐसे पररिर्त्तात या गनष्प्रिाि होने से उसके अिीन पहले की िई दकसी बात
की गिगिमान्यता पर प्रगतकू ल प्रिाि नहीं पड़ेिा ।
88. सलाहकार सगमगत का िठन—(1) के न्रीय सरकार, इस अगिगनयम के प्रारंि के प‍चात् यथाशीघ्र एक सगमगत का िठन करेिी
गजसे साइबर गिगनयमन सलाहकार सगमगत कहा जाएिा ।
(2) साइबर गिगनयमन सलाहकार सगमगत में एक अध्यि होिा और उतनी संखया में ऐसे अन्य शासकीय और अशासकीय सदस्य होंिे
जो मुखय रूप से प्रिागित गहतों का प्रगतगनगित्ि करते हों या गजन्हें गिषयिस्तु का गिशेष ज्ञान हो, जो के न्रीय सरकार ठीक समझे ।
(3) साइबर गिगनयमन सलाहकार सगमगत,—

1
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 “खंड द” का लोप दकया िया ।
2
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 “खंड ि” का लोप दकया िया ।
3
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 “खंड न” का लोप दकया िया ।
4
2017 के अगिगनयम सं० 7 की िारा 169 द्वारा “साइबर अपील अगिकरण” शब्दों के स्थान पर प्रगतस्थागपत ।
5
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 46 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
6
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 46 द्वारा लोप दकया िया ।
31

(क) के न्रीय सरकार को या तो सािारणतया दकन्हीं गनयमों के संबंि में या इस अगिगनयम से संबद्ध दकसी अन्य प्रयोजन
के गलए;
(ख) गनयंत्रक को इस अगिगनयम के अिीन गिगनयम बनाने में,
सलाह देिी ।
(4) ऐसी सगमगत के अशासकीय सदस्यों को ऐसे यात्रा और अन्य ित्ते संदत्त दकए जाएंिे, जो के न्रीय सरकार गनयत करे ।
89. गनयंत्रक की गिगनयम बनाने की शगक्‍टत—(1) गनयंत्रक, साइबर गिगनयमन सलाहकार सगमगत से परामशा करने के प‍चात् और
के न्रीय सरकार के पूिा अनुमोदन से, राजपत्र में अगिसूचना द्वारा, इस अगिगनयम के प्रयोजनों को दक्रयागन्ित करने के गलए इस अगिगनयम और
उसके अिीन बनाए िए गनयमों से संित गिगनयम बना सके िा ।
(2) गिगशष्टतया और पूिािामी शगक्‍टत की व्यापकता पर प्रगतकू ल प्रिाि डाले गबना, ऐसे गिगनयमों में गनम्‍नगलगखत सिी या दकन्हीं
गिषयों के गलए उपबंि दकया जा सके िा, अथाात्:—
(क) िारा 18 के खंड (ढ) के अिीन प्रत्येक प्रमाणकताा प्रागिकारी के प्रकटन अगिलेख से युक्‍टत डाटा संचय के अनुरिण से
संबंगित गिगशगष्टयां;
(ख) िे शतें और गनबान्िन, गजनके अिीन रहते हए गनयंत्रक, िारा 19 की उपिारा (1) के अिीन दकसी गिदेशी
प्रमाणकताा प्रागिकारी को मान्यता प्रदान कर सके िा;
(ि) िे गनबन्िन और शतें, गजनके अिीन रहते हए िारा 21 की उपिारा (3) के खंड (ि) के अिीन कोई अनुज्ञगप्त अनुदत्त
की जा सके िी;
(घ) प्रमाणकताा प्रागिकारी द्वारा िारा 30 के खंड (घ) के अिीन पालन दकए जाने िाले अन्य मानक;
(ङ) िह रीगत गजसमें प्रमाणकताा प्रागिकारी, िारा 34 की उपिारा (1) में गिगनर्दाष्ट गिषय प्रकट करेिा;
(च) गििरण की गिगशगष्टयां, जो िारा 35 की उपिारा (3) के अिीन आिेदन के साथ संलग्न होंिी; और
(छ) िह रीगत गजसमें उपयोिकताा, िारा 42 की उपिारा (2) के अिीन प्रमाणकताा प्रागिकारी को प्राइिेट कुं जी िोपनीय
न रह जाने की सूचना देिा ।
(3) इस अगिगनयम के अिीन बनाया िया प्रत्येक गिगनयम, बनाए जाने के प‍चात् यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समि, जब
िह सत्र में हो, कु ल तीस ददन की अिगि के गलए रखा जाएिा । यह अिगि एक सत्र में अथिा दो या अगिक आनुक्रगमक सत्रों में पूरी हो सके िी
। यदद उस सत्र के या पूिोक्‍टत आनुक्रगमक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अिसान के पूिा दोनों सदन उस गनयम में कोई पररितान करने के गलए
सहमत हो जाएं तो तत्प‍चात् िह ऐसे पररिर्त्तात रूप में ही प्रिािी होिा । यदद उक्‍टत अिसान के पूिा दोनों सदन सहमत हो जाएं दक िह
गिगनयम नहीं बनाया जाना चागहए तो तत्प‍चात् िह गनष्प्रिाि हो जाएिा । ककं तु गिगनयम के ऐसे पररिर्त्तात या गनष्प्रिाि होने से उसके
अिीन पहले की िई दकसी बात की गिगिमान्यता पर प्रगतकू ल प्रिाि नहीं पड़ेिा ।
90. राज्य सरकार की गनयम बनाने की शगक्‍टत—(1) राज्य सरकार, इस अगिगनयम के उपबंिों को कायाागन्ित करने के गलए, राजपत्र
में अगिसूचना द्वारा, गनयम बना सके िी ।
(2) गिगशष्टतया और पूिािामी शगक्‍टत की व्यापकता पर प्रगतकू ल प्रिाि डाले गबना, ऐसे गनयम गनम्‍नगलगखत सिी या दकन्हीं
गिषयों के गलए उपबंि कर सकें िे, अथाात्:—
(क) िह इलैक्‍टरागनक रूप गजसमें िारा 6 की उपिारा (1) के अिीन फाइल करना, जारी करना, अनुदत्त करना, प्राप्त
करना या संदाय करना दकया जाएिा;
(ख) ऐसे गिषयों के गलए जो िारा 6 की उपिारा (2) में गिगनर्दाष्ट दकए जाएं;
1
* * * * * *
(3) इस िारा के अिीन राज्य सरकार द्वारा बनाया िया प्रत्येक गनयम, इसके बनाए जाने के प‍चात् यथाशीघ्र जहां राज्य गििान-
मंडल के दो सदन हैं, िहां प्रत्येक सदन के समि या जहां राज्य गििान-मंडल का एक सदन है िहां उस सदन के समि रखा जाएिा ।
2
* * * * * * *

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 47 द्वारा लोप दकया िया ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 48 द्वारा लोप दकया िया ।
32

1
[पहली अनुसच
ू ी
[िारा 1 की उपिारा (4) देगखए]

िे दस्तािेज या संव्यिहार, गजनको अगिगनयम लािू नहीं होिा

क्रम सं० दस्तािेजों या संव्यिहारों का िणान


1. परक्राम्‍य गलखत अगिगनयम, 1881 (1881 का 26) की िारा 13 में यथापररिागषत परक्राम्‍य गलखत (चेक से गिन्न) ।
2. मुखतारनामा अगिगनयम, 1882 (1882 का 7) की िारा 1क में यथापररिागषत मुखतारनामा ।
3. िारतीय न्यास अगिगनयम, 1882 (1882 का 2) की िारा 3 में यथापररिागषत न्यास ।
4. िारतीय उत्तरागिकार अगिगनयम, 1925 (1925 का 39) की िारा 2 के खंड (ज) में यथापररिागषत गिल, गजसके
अंतिात कोई अन्य िसीयती व्ययन, चाहे गजस नाम से हो, िी है ।
5. स्थािर सम्‍पगत्त या ऐसी संपगत्त में दकसी गहत के गिक्रय या हस्तांतरण के गलए कोई संगिदा ।

दूसरी अनुसच
ू ी
[िारा 3क की उपिारा (1) देगखए]

इलैक्‍टरागनक गचह्नक या इलैक्‍टरागनक अगिप्रमाणन तकनीक और प्रदक्रया

क्रम सं० िणान प्रदक्रया


(1) (2) (3)
_____________________________________________________________________________________________]

2
* * * * * * *

1
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 49 द्वारा प्रगतस्थागपत ।
2
2009 के अगिगनयम सं० 10 की िारा 50 द्वारा लोप दकया िया ।

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