You are on page 1of 21

सूचना का अिधकार अिधिनयम, 2005

_________

धारा� का �म
_________
ध◌ाराएं
अध्याय 1

�ारिम्भक
1. संिक्षप्त नाम, िवस्तार और �ारं भ ।
2. प�रभाषाएं ।
अध्याय 2

सूचना का अिधकार और लोक �ािधका�रय� क� बाध्यताएं


3. सूचना का अिधकार ।
4. लोक �ािधका�रय� क� बाध्यताएं ।
5. लोक सूचना अिधका�रय� का पदनाम ।
6. सूचना अिभ�ाप्त करने के िलए अनुरोध ।
7. अनुरोध का िनपटारा ।
8. सूचना के �कट �कए जाने से छू ट ।
9. कितपय मामल� म� प�ंच के िलए अस्वीकृ ित के आधार ।
10. पृथक्करणीयता ।
11. पर व्यिक्त सूचना ।
अध्याय 3

के न्�ीय सूचना आयोग


12. के न्�ीय सूचना आयोग का गठन ।
13. पदाविध और सेवा शत� ।
14. सूचना आयुक्त या मुख्य सूचना आयुक्त का हटाया जाना ।
अध्याय 4

राज्य सूचना आयोग


15. राज्य सूचना आयोग का गठन ।
16. पदाविध और सेवा क� शत� ।
17. राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त का हटाया जाना ।
अध्याय 5

सूचना आयोग� क� शिक्तयां और कृ त्य, अपील तथा शािस्तयां


18. सूचना आयोग� क� शिक्तयां और कृ त्य ।
19. अपील ।
20. शािस्त ।
ii

ध◌ाराएं
अध्याय 6

�क�णर्
21. स�ावपूवर्क क� गई कारर् वाई के िलए संरक्षण ।
22. अिधिनयम का अध्यारोही �भाव होना ।
23. न्यायालय� क� अिधका�रता का वजर्न ।
24. अिधिनयम का कितपय संगठन� को लागू न होना ।
25. मानीटर करना और �रपोटर् करना ।
26. समुिचत सरकार �ारा कायर्�म तैयार �कया जाना ।
27. िनयम बनाने क� समुिचत सरकार क� शिक्त ।
28. िनयम बनाने क� सक्षम �ािधकारी क� शिक्त ।
29. िनयम� का रखा जाना ।
30. क�ठनाइय� को दूर करने क� शिक्त ।
31. िनरसन ।
पहली अनुसूची ।
दूसरी अनुसूची ।
सूचना का अिधकार अिधिनयम, 2005
(2005 का अिधिनयम संख्यांक 22)
[15 जून, 2005]
�त्येक लोक �ािधकारी के कायर्करण म� पारद�शर्ता और उ�रदाियत्व के संवधर्न के िलए,
लोक �ािधकारी के िनयं�णाधीन सूचना तक प�ंच सुिनिश्चत करने
के िलए नाग�रक� के सूचना के अिधकार क� व्यावहा�रक शासन
प�ित स्थािपत करने, एक के न्�ीय सूचना आयोग तथा
राज्य सूचना आयोग का गठन करने के और उनसे
संबिं धत या उनके आनुषिं गक
िवषय� का उपबंध
करने के िलए
अिधिनयम
भारत के संिवधान ने लोकतं�ात्मक गणराज्य क� स्थापना क� है ;
और लोकतं� िशिक्षत नाग�रक वगर् तथा ऐसी सूचना क� पारद�शर्ता क� अपेक्षा करता है, जो उसके कायर्करण तथा �ष्टाचार
को रोकने के िलए भी और सरकार� तथा उनके प�रकरण� को शासन के �ित उ�रदायी बनाने के िलए अिनवायर् है ;
और वास्तिवक �वहार म� सूचना के �कटन से संभवतः अन्य लोक िहत�, िजनके अंतगर्त सरकार� के दक्ष �चालन, सीिमत
राज्य िव�ीय संसाधन� के अिधकतम उपयोग और संवेदनशील सूचना क� गोपनीयता को बनाए रखना भी है, के साथ िवरोध हो
सकता है ;
और लोकतं�ात्मक आदशर् क� �भुता को बनाए रखते �ए इन िवरोधी िहत� के बीच सामंजस्य बनाना आवश्यक है ;

अतः, अब यह समीचीन है �क ऐसे नाग�रक� को, कितपय सूचना देने के िलए, जो उसे पाने के इच्छु क ह�, उपबंध
�कया जाए ;
भारत गणराज्य के छप्पनव� वषर् म� संसद् �ारा िनम्निलिखत �प म� यह अिधिनयिमत हो :––
अध्याय 1

�ारिम्भक
1. संिक्षप्त नाम, िवस्तार और �ारं भ––(1) इस अिधिनयम का संिक्षप्त नाम सूचना का अिधकार अिधिनयम, 2005 है ।
(2) इसका िवस्तार 1*** सम्पूणर् भारत पर है ।
(3) धारा 4 क� उपधारा (1), धारा 5 क� उपधारा (1) और उपधारा (2), धारा 12, धारा 13, धारा 15, धारा 16, धारा 24,
धारा 27 और धारा 28 के उपबंध तुरंत �भावी ह�गे और इस अिधिनयम के शेष उपबंध इसके अिधिनयमन के एक सौ बीसव� �दन * को 1

�वृ� ह�गे ।
2. प�रभाषाएं––इस अिधिनयम म�, जब तक �क संदभर् से अन्यथा अपेिक्षत न हो,––
(क) “समुिचत सरकार” से �कसी ऐसे लोक �ािधकरण के संबंध म� जो––
(i) के न्�ीय सरकार या संघ राज्यक्षे� �शासन �ारा स्थािपत, ग�ठत, उसके स्वािमत्वाधीन, िनयं�णाधीन
या उसके �ारा �त्यक्ष �प से या अ�त्यक्ष �प से उपलब्ध कराई गई िनिधय� �ारा सारभूत �प से िव�पोिषत �कया
जाता है, के न्�ीय सरकार अिभ�ेत है ;
(ii) राज्य सरकार �ारा स्थािपत, ग�ठत उसके स्वािमत्वाधीन, िनयं�णाधीन या उसके �ारा �त्यक्ष �प से
या अ�त्यक्ष �प से उपलब्ध कराई गई िनिधय� �ारा सारभूत �प से िव�पोिषत �कया जाता है, राज्य सरकार
अिभ�ेत है ;
(ख) “के न्�ीय सूचना आयोग” से धारा 12 क� उपधारा (1) के अधीन ग�ठत के न्�ीय सूचना आयोग अिभ�ेत है ;

1
2019 के अिधिनयम सं० 34 क� धारा 95 और पांचवी अनुसूची �ारा (31.10.2019 से) “जम्मू-कश्मीर राज्य� के िसवाय” शब्द� का लोप �कया गया ।
*
12 अक्तूबर, 2005.
2

(ग) “के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी” से उपधारा (1) के अधीन पदािभिहत के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी अिभ�ेत
है और इसके अंतगर्त धारा 5 क� उपधारा (2) के अधीन इस �कार पदािभिहत कोई के न्�ीय सहायक लोक सूचना अिधकारी
भी है ;
(घ) “मुख्य सूचना आयुक्त” और “सूचना आयुक्त” से धारा 12 क� उपधारा (3) के अधीन िनयुक्त मुख्य सूचना
आयुक्त और सूचना आयुक्त अिभ�ेत ह� ;
(ङ) “सक्षम �ािधकारी” से अिभ�ेत है––
(i) लोक सभा या �कसी राज्य क� िवधान सभा क� या �कसी ऐसे संघ राज्यक्षे� क�, िजसम� ऐसी सभा है,
दशा म� अध्यक्ष और राज्य सभा या �कसी राज्य क� िवधान प�रषद् क� दशा म� सभापित ;
(ii) उच्चतम न्यायालय क� दशा म� भारत का मुख्य न्यायमू�तर् ;
(iii) �कसी उच्च न्यायालय क� दशा म� उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायमू�तर् ;
(iv) संिवधान �ारा या उसके अधीन स्थािपत या ग�ठत अन्य �ािधकरण� क� दशा म�, यथािस्थित,
राष्�पित या राज्यपाल ;
(v) संिवधान के अनुच्छेद 239 के अधीन िनयुक्त �शासक ;
(च) “सूचना” से �कसी इलैक्�ािनक �प म� धा�रत अिभलेख, दस्तावेज, ज्ञापन, ई-मेल, मत, सलाह, �ेस िवज्ञि�,
प�रप�, आदेश, लागबुक, संिवदा, �रपोटर्, कागजप�, नमूने, माडल, आंकड़� संबंधी साम�ी और �कसी �ाइवेट िनकाय से
संबंिधत ऐसी सूचना सिहत, िजस तक तत्समय �वृ� �कसी अन्य िविध के अधीन �कसी लोक �ािधकारी क� प�ंच हो सकती है,
�कसी �प म� कोई साम�ी, अिभ�ेत है ;
(छ) “िविहत” से, यथािस्थित, समुिचत सरकार या सक्षम �ािधकारी �ारा इस अिधिनयम के अधीन बनाए गए
िनयम� �ारा िविहत अिभ�ेत है ;
(ज) “लोक �ािधकारी” से,––
(क) संिवधान �ारा या उसके अधीन ;
(ख) संसद् �ारा बनाई गई �कसी अन्य िविध �ारा ;
(ग) राज्य िवधान-मंडल �ारा बनाई गई �कसी अन्य िविध �ारा ;
(घ) समुिचत सरकार �ारा जारी क� गई अिधसूचना या �कए गए आदेश �ारा, स्थािपत या ग�ठत कोई
�ािधकारी या िनकाय या स्वाय� सरकारी संस्था अिभ�ेत है,
और इसके अन्तगर्त,—
(i) कोई ऐसा िनकाय है जो समुिचत सरकार के स्वािमत्वाधीन, िनयं�णाधीन या उसके �ारा �त्यक्ष या
अ�त्यक्ष �प से उपलब्ध कराई गई िनिधय� �ारा सारभूत �प से िव�पोिषत है ;
(ii) कोई ऐसा गैर-सरकारी संगठन है जो समुिचत सरकार,
�ारा �त्यक्ष या अ�त्यक्ष �प से उपलब्ध कराई गई िनिधय� �ारा सारभूत �प से िव�पोिषत है ।
(झ) “अिभलेख” म� िनम्निलिखत सिम्मिलत ह�––
(क) कोई दस्तावेज, पाण्डु िलिप और फाइल ;
(ख) �कसी दस्तावेज क� कोई माइ�ो�फल्म, माइ�ो�फशे और �ितकृ ित �ित ;
(ग) ऐसी माइ�ो�फल्म म� सिन्निवष्ट �ितिबम्ब या �ितिबम्ब� का पुन�त्पादन (चाहे व�धर्त �प म� हो या
न हो) ; और

(घ) �कसी कम्प्यूटर �ारा या �कसी अन्य युिक्त �ारा उत्पा�दत कोई अन्य साम�ी ;

(ञ) “सूचना का अिधकार” से इस अिधिनयम के अधीन प�ंच योग्य सूचना का, जो �कसी लोक �ािधकारी �ारा या
उसके िनयं�णाधीन धा�रत है, अिधकार अिभ�ेत है और िजसम� िनम्निलिखत का अिधकार सिम्मिलत है—
(i) कृ ित, दस्तावेज�, अिभलेख� का िनरीक्षण ;
(ii) दस्तावेज� या अिभलेख� के �टप्पण, उ�रण या �मािणत �ितिलिप लेना ;
(iii) साम�ी के �मािणत नमूने लेना ;
3

(iv) िडस्के ट, फ्लापी, टेप, वीिडयो कै सेट के �प म� या �कसी अन्य इलैक्�ािनक रीित म� या ��ंटआऊट के
माध्यम से सूचना को, जहां ऐसी सूचना �कसी कम्प्यूटर या �कसी अन्य युि� म� भण्डा�रत है, अिभ�ाप्त करना ;
(ट) “राज्य सूचना आयोग” से धारा 15 क� उपधारा (1) के अधीन ग�ठत राज्य सूचना आयोग अिभ�ेत है ;
(ठ) “राज्य मुख्य सूचना आयुक्त” और “राज्य सूचना आयुक्त” से धारा 15 क� उपधारा (3) के अधीन िनयुक्त राज्य
मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त अिभ�ेत है ;
(ड) “राज्य लोक सूचना अिधकारी” से उपधारा (1) के अधीन पदािभिहत राज्य लोक सूचना अिधकारी अिभ�ेत है
और इसके अंतगर्त धारा 5 क� उपधारा (2) के अधीन उस �प म� पदािभिहत राज्य सहायक लोक सूचना अिधकारी भी है ;
(ढ) “पर व्यिक्त” से सूचना के िलए अनुरोध करने वाले नाग�रक से िभन्न कोई व्यिक्त अिभ�ेत है, और इसके
अंतगर्त कोई लोक �ािधकारी भी है ।
अध्याय 2

सूचना का अिधकार और लोक �ािधका�रय� क� बाध्यताएं


3. सूचना का अिधकार––इस अिधिनयम के उपबन्ध� के अधीन रहते �ए, सभी नाग�रक� को सूचना का अिधकार होगा ।
4. लोक �ािधका�रय� क� बाध्यताएं––(1) �त्येक लोक �ािधकारी––
(क) अपने सभी अिभलेख� को सम्यक् �प से सूचीपि�त और अनु�मिणकाब� ऐसी रीित और �प म� रखेगा, जो इस
अिधिनयम के अधीन सूचना के अिधकार को सुकर बनाता है और सुिनिश्चत करे गा �क ऐसे सभी अिभलेख, जो कं प्यूटरीकृ त
�कए जाने के िलए समुिचत ह�, युिक्तयुक्त समय के भीतर और संसाधन� क� उपलभ्यता के अधीन रहते �ए, कं प्यूटरीकृ त और
िविभन्न �णािलय� पर संपूणर् देश म� नेटवकर् के माध्यम से संब� ह� िजससे �क ऐसे अिभलेख तक प�ंच को सुकर बनाया
जा सके ;
(ख) इस अिधिनयम के अिधिनयमन से एक सौ बीस �दन के भीतर,—
(i) अपने संगठन क� िविशिष्टयां, कृ त्य और कतर्� ;
(ii) अपने अिधका�रय� और कमर्चा�रय� क� शिक्तयां और कतर्� ;
(iii) िविनश्चय करने क� ���या म� पालन क� जाने वाली ���या िजसम� पयर्वेक्षण और उ�रदाियत्व के
माध्यम सिम्मिलत ह� ;
(iv) अपने कृ त्य� के िनवर्हन के िलए स्वयं �ारा स्थािपत मानदंड ;
(v) अपने �ारा या अपने िनयं�णाधीन धा�रत या अपने कमर्चा�रय� �ारा अपने कृ त्य� के िनवर्हन के िलए
�योग �कए गए िनयम, िविनयम, अनुदशे , िनद�िशका और अिभलेख ;
(vi) ऐसे दस्तावेज� के , जो उसके �ारा धा�रत या उसके िनयं�णाधीन ह�, �वग� का िववरण ;
(vii) �कसी �वस्था क� िविशिष्टयां, जो उसक� नीित क� संरचना या उसके कायार्न्वयन के संबंध म�
जनता के सदस्य� से परामशर् के िलए या उनके �ारा अभ्यावेदन के िलए िव�मान ह� ;
(viii) ऐसे बोड�, प�रषद�, सिमितय� और अन्य िनकाय� के , िजनम� दो या अिधक व्यिक्त ह�, िजनका उसके
भाग�प म� या इस बारे म� सलाह देने के �योजन के िलए गठन �कया गया है और इस बारे म� �क क्या उन बोड�,
प�रषद�, सिमितय� और अन्य िनकाय� क� बैठक� जनता के िलए खुली ह�गी या ऐसी बैठक� के कायर्वृ� तक जनता
क� प�ंच होगी, िववरण ;
(ix) अपने अिधका�रय� और कमर्चा�रय� क� िनद�िशका ;
(x) अपने �त्येक अिधकारी और कमर्चारी �ारा �ाप्त मािसक पा�र�िमक, िजसके अन्तगर्त �ितकर क�
�णाली भी है, जो उसके िविनयम� म� यथाउपबंिधत हो ;
(xi) सभी योजना�, �स्तािवत �य� और �कए गए संिवतरण� पर �रपोट� क� िविशिष्टयां उपद�शर्त
करते �ए अपने �त्येक अिभकरण को आबं�टत बजट ;
(xii) सहाियक� कायर्�म� के िनष्पादन क� रीित िजसम� आबं�टत रािश और ऐसे कायर्�म� के
फायदा�ािहय� के ब्यौरे सिम्मिलत ह� ;
(xiii) अपने �ारा अनुद� �रयायत�, अनुज्ञाप�� या �ािधकार� के �ािप्तकतार्� क� िविशिष्टयां ;
4

(xiv) �कसी इलैक्�ािनक �प म� सूचना के संबंध म� ब्यौरे , जो उसको उपलब्ध ह� या उसके �ारा
धा�रत ह� ;
(xv) सूचना अिभ�ाप्त करने के िलए नाग�रक� को उपलब्ध सुिवधा� क� िविशिष्टयां, िजनम� �कसी
पुस्तकालय या वाचन कक्ष के , य�द लोक उपयोग के िलए अनुरिक्षत ह� तो, कायर्करण घंटे सिम्मिलत ह� ;
(xvi) लोक सूचना अिधका�रय� के नाम, पदनाम और अन्य िविशिष्टयां ;
(xvii) ऐसी अन्य सूचना, जो िविहत क� जाए,
�कािशत करे गा और तत्पश्चात् इन �काशन� को �त्येक वषर् म� अ�तन करे गा ;
(ग) महत्वपूणर् नीितय� क� िवरचना करते समय या ऐसे िविनश्चय� क� घोषणा करते समय, जो जनता को �भािवत
करते ह�, सभी सुसंगत तथ्य� को �कािशत करे गा ;
(घ) �भािवत व्यिक्तय� को अपने �शासिनक या न्याियककल्प िविनश्चय� के िलए कारण उपलब्ध कराएगा ।
(2) �त्येक लोक अिधकारी का िनरं तर यह �यास होगा �क वह उपधारा (1) के खंड (ख) क� अपेक्षा� के अनुसार, स्व�ेरणा से,
जनता को िनयिमत अन्तराल� पर संसूचना के िविभन्न साधन� के माध्यम से, िजनके अन्तगर्त इं टरनेट भी है, इतनी अिधक सूचना
उपलब्ध कराने के िलए उपाय करे िजससे �क जनता को सूचना �ाप्त करने के िलए इस अिधिनयम का कम से कम अवलंब लेना पड़े ।
(3) उपधारा (1) के �योजन के िलए, �त्येक सूचना को िवस्तृत �प से और ऐसे ��प और रीित म� �सा�रत �कया जाएगा, जो
जनता के िलए सहज �प से प�ंच योग्य हो ।
(4) सभी साम�ी को, लागत �भावशीलता, स्थानीय भाषा और उस क्षे� म� संसूचना क� अत्यंत �भावी प�ित को ध्यान म�
रखते �ए, �सा�रत �कया जाएगा तथा सूचना, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी के पास
इलैक्�ािनक �प म� संभव सीमा तक िन:शुल्क या माध्यम क� ऐसी लागत पर या ऐसी मु�ण लागत क�मत पर, जो िविहत क� जाए, सहज
�प से प�ंच योग्य होनी चािहए ।
स्पष्टीकरण––उपधारा (3) और उपधारा (4) के �योजन� के िलए, “�सा�रत” से सूचना प��, समाचारप��, लोक उ�ोषणा�,
मीिडया �सारण�, इं टरनेट या �कसी अन्य माध्यम से, िजसम� �कसी लोक �ािधकारी के कायार्लय� का िनरीक्षण सिम्मिलत है, जनता को
सूचना क� जानकारी देना या संसूिचत कराना अिभ�ेत है ।
5. लोक सूचना अिधका�रय� का पदनाम––(1) �त्येक लोक �ािधकारी, इस अिधिनयम के अिधिनयमन के सौ �दन के भीतर
सभी �शासिनक एकक� या उसके अधीन कायार्लय� म�, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधका�रय� या राज्य लोक सूचना अिधका�रय�
के �प म� उतने अिधका�रय� को अिभिहत करे गा, िजतने इस अिधिनयम के अधीन सूचना के िलए अनुरोध करने वाले व्यिक्तय� को
सूचना �दान करने के िलए आवश्यक ह� ।
(2) उपधारा (1) के उपबंध� पर �ितकू ल �भाव डाले िबना, �त्येक लोक �ािधकारी, इस अिधिनयम के अिधिनयमन के सौ �दन
के भीतर �कसी अिधकारी को �त्येक उपमंडल स्तर या अन्य उप िजला स्तर पर, यथािस्थित, क� �ीय सहायक लोक सूचना अिधकारी या
�कसी राज्य सहायक लोक सूचना अिधकारी के �प म� इस अिधिनयम के अधीन सूचना के िलए आवेदन या अपील �ाप्त करने और उसे
तत्काल, यथािस्थित, क� �ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी या धारा 19 क� उपधारा (1) के अधीन िविन�दर्ष्ट
व�रष्ठ अिधकारी या क� �ीय सूचना आयोग अथवा राज्य सूचना आयोग को भेजने के िलए, पदािभिहत करे गा :
परं तु यह �क जहां सूचना या अपील के िलए कोई आवेदन यथािस्थित, �कसी के न्�ीय सहायक लोक सूचना अिधकारी या �कसी
राज्य सहायक लोक सूचना अिधकारी को �दया जाता है, वहां धारा 7 क� उपधारा (1) के अधीन िविन�दर्ष्ट उ�र के िलए अविध क�
संगणना करने म� पांच �दन क� अविध जोड़ दी जाएगी ।
(3) यथािस्थित, �त्येक के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी, सूचना क� मांग करने वाले व्यिक्तय�
के अनुरोध� पर कारर् वाई करे गा और ऐसी सूचना क� मांग करने वाले व्यिक्तय� को युिक्तयुक्त सहायता �दान करे गा ।
(4) यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी, ऐसे �कसी अन्य अिधकारी क� सहायता क� मांग कर सके गा, िजसे वह अपने
कृ त्य� के समुिचत िनवर्हन के िलए आवश्यक समझे ।
(5) कोई अिधकारी, िजसक� उपधारा (4) के अधीन सहायता चाही गई है, उसक� सहायता चाहने वाले यथािस्थित, के न्�ीय
लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी को सभी सहायता �दान करे गा और इस अिधिनयम के उपबंध� के �कसी उल्लंघन
के �योजन� के िलए ऐसे अन्य अिधकारी को, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी समझा
जाएगा ।
6. सूचना अिभ�ाप्त करने के िलए अनुरोध––(1) कोई व्यिक्त, जो इस अिधिनयम के अधीन कोई सूचना अिभ�ाप्त करना
चाहता है, िलिखत म� या इलैक्�ािनक युि� के माध्यम से अं�ेजी या िहन्दी म� या उस क्षे� क� िजसम� आवेदन �कया जा रहा है, राजभाषा
म� ऐसी फ�स के साथ, जो िविहत क� जाए,––
5

(क) संबंिधत लोक �ािधकरण के , यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी ;
(ख) यथािस्थित, के न्�ीय सहायक लोक सूचना अिधकारी या राज्य सहायक लोक सूचना अिधकारी,
को, उसके �ारा मांगी गई सूचना क� िविशिष्टयां िविन�दर्ष्ट करते �ए अनुरोध करे गा :
परं तु जहां ऐसा अनुरोध िलिखत म� नह� �कया जा सकता है, वहां, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक
सूचना अिधकारी अनुरोध करने वाले व्यिक्त को सभी युिक्तयुक्त सहायता मौिखक �प से देगा, िजससे �क उसे लेखब� �कया जा सके ।
(2) सूचना के िलए अनुरोध करने वाले आवेदक से सूचना का अनुरोध करने के िलए �कसी कारण को या �कसी अन्य व्यिक्तगत
ब्यौरे को, िसवाय उसके जो उससे संपकर् करने के िलए आवश्यक ह�, देने क� अपेक्षा नह� क� जाएगी ।
(3) जहां, कोई आवेदन �कसी लोक �ािधकारी को �कसी ऐसी सूचना के िलए अनुरोध करते �ए �कया जाता है,––
(i) जो �कसी अन्य लोक �ािधकारी �ारा धा�रत है ; या
(ii) िजसक� िवषय-वस्तु �कसी अन्य लोक �ािधकारी के कृ त्य� से अिधक िनकट �प से संबंिधत है,
वहां, वह लोक �ािधकारी, िजसको ऐसा आवेदन �कया जाता है, ऐसे आवेदन या उसके ऐसे भाग को, जो समुिचत हो, उस अन्य लोक
�ािधकारी को अंत�रत करे गा और ऐसे अंतरण के बारे म� आवेदक को तुरंत सूचना देगा :
परं तु यह �क इस उपधारा के अनुसरण म� �कसी आवेदन का अंतरण यथासाध्य शी�ता से �कया जाएगा, �कं तु �कसी भी दशा म�
आवेदन क� �ािप्त क� तारीख से पांच �दन� के पश्चात् नह� �कया जाएगा ।
7. अनुरोध का िनपटारा––(1) धारा 5 क� उपधारा (2) के परं तुक या धारा 6 क� उपधारा (3) के परं तुक के अधीन रहते �ए,
धारा 6 के अधीन अनुरोध के �ाप्त होने पर, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी,
यथासंभवशी�ता से, और �कसी भी दशा म� अनुरोध क� �ािप्त के तीस �दन के भीतर, ऐसी फ�स के संदाय पर, जो िविहत क� जाए, या
तो सूचना उपलब्ध कराएगा या धारा 8 और धारा 9 म� िविन�दर्ष्ट कारण� म� से �कसी कारण से अनुरोध को अस्वीकार करे गा :
परं तु जहां मांगी गई जानकारी का संबंध �कसी व्यिक्त के जीवन या स्वतं�ता से है, वहां वह अनुरोध �ाप्त होने के अड़तालीस
घंटे के भीतर उपलब्ध कराई जाएगी ।
(2) य�द, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी उपधारा (1) के अधीन िविन�दर्ष्ट
अविध के भीतर सूचना के िलए अनुरोध पर िविनश्चय करने म� असफल रहता है तो, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य
लोक सूचना अिधकारी के बारे म� यह समझा जाएगा �क उसने अनुरोध को नामंजूर कर �दया है ।
(3) जहां, सूचना उपलब्ध कराने क� लागत के �प म� �कसी और फ�स के संदाय पर सूचना उपलब्ध कराने का िविनश्चय �कया
जाता है, वहां यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी अनुरोध करने वाले व्यिक्त को,––
(क) उसके �ारा यथाअवधा�रत सूचना उपलब्ध कराने क� लागत के �प म� और फ�स के ब्यौरे , िजनके साथ उपधारा
(1) के अधीन िविहत फ�स के अनुसार रकम िनकालने के िलए क� गई संगणनाएं ह�गी, देते �ए उससे उस फ�स को जमा करने
का अनुरोध करते �ए कोई संसूचना भेजेगा और उक्त संसूचना के �ेषण और फ�स के संदाय के बीच मध्यवत� अविध को उस
धारा म� िन�दर्ष्ट तीस �दन क� अविध क� संगणना करने के �योजन के िलए अपव�जर्त �कया जाएगा ;
(ख) �भा�रत फ�स क� रकम या उपलब्ध कराई गई प�ंच के ��प के बारे म�, िजसके अंतगर्त अपील �ािधकारी क�
िविशिष्टयां, समय-सीमा, ���या और कोई अन्य ��प भी ह�, िविनश्चय करने का पुन�वर्लोकन करने के संबंध म� उसके
अिधकार से संबंिधत सूचना देते �ए, कोई संसूचना भेजेगा ।
(4) जहां, इस अिधिनयम के अधीन अिभलेख या उसके �कसी भाग तक प�ंच अपेिक्षत है और ऐसा व्यिक्त, िजसको प�ंच
उपलब्ध कराई जानी है, संवेदनात्मक �प से िन:शक्त है, वहां यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना
अिधकारी सूचना तक प�ंच को समथर् बनाने के िलए सहायता उपलब्ध कराएगा िजसम� िनरीक्षण के िलए ऐसी सहायता कराना भी
सिम्मिलत है, जो समुिचत हो ।
(5) जहां, सूचना तक प�ंच मु��त या �कसी इलैक्�ािनक �पिवधान म� उपलब्ध कराई जानी है, वहां आवेदक, उपधारा (6) के
अधीन रहते �ए, ऐसी फ�स का संदाय करे गा, जो िविहत क� जाए :
परन्तु धारा 6 क� उपधारा (1) और धारा 7 क� उपधारा (1) और उपधारा (5) के अधीन िविहत फ�स युिक्तयुक्त होगी और
ऐसे व्यिक्तय� से, जो गरीबी क� रे खा के नीचे ह�, जैसा समुिचत सरकार �ारा अवधा�रत �कया जाए, कोई फ�स �भा�रत नह�
क� जाएगी ।
(6) उपधारा (5) म� �कसी बात के होते �ए भी, जहां कोई लोक �ािधकारी उपधारा (1) म� िविन�दर्ष्ट समय-सीमा का
अनुपालन करने म� असफल रहता है, वहां सूचना के िलए अनुरोध करने वाले व्यिक्त को �भार के िबना सूचना उपलब्ध कराई जाएगी ।
6

(7) उपधारा (1) के अधीन कोई िविनश्चय करने से पूवर्, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना
अिधकारी धारा 11 के अधीन पर व्यिक्त �ारा �कए गए अभ्यावेदन को ध्यान म� रखेगा ।
(8) जहां, �कसी अनुरोध को उपधारा (1) के अधीन अस्वीकृ त �कया गया है, वहां, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी
या राज्य लोक सूचना अिधकारी अनुरोध करने वाले व्यिक्त को,––
(i) ऐसी अस्वीकृ ित के िलए कारण ;
(ii) वह अविध, िजसके भीतर ऐसी अस्वीकृ ित के िव�� कोई अपील क� जा सके गी ; और
(iii) अपील �ािधकारी क� िविशिष्टयां,
संसूिचत करे गा ।
(9) �कसी सूचना को साधारणतया उसी ��प म� उपलब्ध कराया जाएगा, िजसम� उसे मांगा गया है, जब तक �क वह लोक
�ािधकारी के �ोत� को अननुपाती �प से िवचिलत न करता हो या �श्नगत अिभलेख क� सुरक्षा या संरक्षण के �ितकू ल न हो ।
8. सूचना के �कट �कए जाने से छू ट—(1) इस अिधिनयम म� अंत�वर्ष्ट �कसी बात के होते �ए भी, �कसी नाग�रक को
िनम्निलिखत सूचना देने क� बाध्यता नह� होगी—
(क) सूचना, िजसके �कटन से भारत क� �भुता और अखण्डता, राज्य क� सुरक्षा, रणनीित, वैज्ञािनक या आ�थर्क
िहत, िवदेश से संबंध पर �ितकू ल �भाव पड़ता हो या �कसी अपराध को करने का उ�ीपन होता हो;
(ख) सूचना, िजसके �काशन को �कसी न्यायालय या अिधकरण �ारा अिभ�� �प से िनिष� �कया गया है या
िजसके �कटन से न्यायालय का अवमान होता है;
(ग) सूचना, िजसके �कटन से संसद् या �कसी राज्य के िवधान-मंडल के िवशेषािधकार का भंग का�रत होगा ;
(घ) सूचना, िजसम� वािणिज्यक िवश्वास, �ापार गोपनीयता या बौि�क संपदा सिम्मिलत है, िजसके �कटन से
�कसी पर व्यिक्त क� �ितयोगी िस्थित को नुकसान होता है, जब तक �क सक्षम �ािधकारी का यह समाधान नह� हो जाता है
�क ऐसी सूचना के �कटन से िवस्तृत लोक िहत का समथर्न होता है ;
(ङ) �कसी व्यिक्त को उसक� वैश्वािसक नातेदारी म� उपलब्ध सूचना, जब तक �क सक्षम �ािधकारी का यह समाधान
नह� हो जाता है �क ऐसी सूचना के �कटन से िवस्तृत लोक िहत का समथर्न होता है ;
(च) �कसी िवदेशी सरकार से िवश्वास म� �ाप्त सूचना ;
(छ) सूचना िजसको �कट करना �कसी व्यिक्त के जीवन या शारी�रक सुरक्षा को खतरे म� डालेगा या जो िविध
�वतर्न या सुरक्षा �योजन� के िलए िवश्वास म� दी गई �कसी सूचना या सहायता के �ोत क� पहचान करे गा ;
(ज) सूचना, िजससे अपरािधय� के अन्वेषण, पकड़े जाने या अिभयोजन क� ���या म� अड़चन पड़ेगी ;
(झ) मंि�मंडल के कागजप�, िजसम� मंि�प�रषद्, सिचव� और अन्य अिधका�रय� के िवचार-िवमशर् के अिभलेख
सिम्मिलत ह� :
परन्तु यह �क मंि�प�रषद् के िविनश्चय, उनके कारण तथा वह साम�ी, िजसके आधार पर िविनश्चय �कए गए थे, िविनश्चय
�कए जाने और िवषय के पूरा या समा� होने के पश्चात् जनता को उपलब्ध कराए जाएंगे :
परन्तु यह और �क वे िवषय जो इस धारा म� िविन�दर्ष्ट छू ट� के अंतगर्त आते ह�, �कट नह� �कए जाएंगे ;
(ञ) सूचना, जो व्यिक्तगत सूचना से संबंिधत है, िजसका �कटन �कसी लोक ��याकलाप या िहत से संबंध नह�
रखता है या िजससे व्यिष्ट क� एकांतता पर अनावश्यक अित�मण होगा, जब तक �क, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना
अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी या अपील �ािधकारी का यह समाधान नह� हो जाता है �क ऐसी सूचना का �कटन
िवस्तृत लोक िहत म� न्यायोिचत है :
परन्तु ऐसी सूचना के िलए, िजसको, यथािस्थित, संसद् या �कसी राज्य िवधान-मंडल को देने से इं कार नह� �कया जा सकता है,
�कसी व्यिक्त को इं कार नह� �कया जा सके गा ।
(2) शासक�य गुप्त बात अिधिनयम, 1923 (1923 का 19) म�, उपधारा (1) के अनुसार अनुज्ञेय �कसी छू ट म� �कसी बात के होते
�ए भी, �कसी लोक �ािधकारी को सूचना तक प�ंच अनुज्ञात क� जा सके गी, य�द सूचना के �कटन म� लोक िहत, संरिक्षत िहत� के
नुकसान से अिधक है ।
(3) उपधारा (1) के खण्ड (क), खंड (ग) और खण्ड (झ) के उपबंध� के अधीन रहते �ए, �कसी ऐसी घटना, वृ�ांत या िवषय से
संबंिधत कोई सूचना, जो उस तारीख से, िजसको धारा 6 के अधीन कोई अनुरोध �कया जाता है, बीस वषर् पूवर् घ�टत �ई थी या �आ था,
उस धारा के अधीन अनुरोध करने वाले �कसी व्यिक्त को उपलब्घ कराई जाएगी :
7

परन्तु यह �क जहां उस तारीख के बारे म�, िजससे बीस वषर् क� उक्त अविध को संगिणत �कया जाता है, कोई �श्न उद्भूत होता
है, वहां इस अिधिनयम म� उसके िलए उपबंिधत �ाियक अपील� के अधीन रहते �ए के न्�ीय सरकार का िविनश्चय अंितम होगा ।
9. कितपय मामल� म� प�ंच के िलए अस्वीकृ ित के आधार—धारा 8 के उपबन्ध� पर �ितकू ल �भाव डाले िबना, यथािस्थित,
कोई के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या कोई राज्य लोक सूचना अिधकारी सूचना के �कसी अनुरोध को वहां अस्वीकार कर सके गा, जहां
प�ंच उपलब्ध कराने के िलए ऐसा अनुरोध राज्य से िभन्न �कसी व्यिक्त के अिस्तत्वयुक्त �ितिलप्यिधकार का उल्लंघन अन्तवर्िलत
करे गा ।
10. पृथक्करणीयता—(1) जहां सूचना तक प�ंच के अनुरोध को इस आधार पर अस्वीकार �कया जाता है �क वह ऐसी सूचना
के संबंध म� है, जो �कट �कए जाने से छू ट �ाप्त है, वहां इस अिधिनयम म� �कसी बात के होते �ए भी, प�ंच अिभलेख के उस भाग तक
उपलब्ध कराई जा सके गी िजसम� कोई ऐसी सूचना अन्त�वर्ष्ट नह� है, जो इस अिधिनयम के अधीन �कट �कए जाने से छू ट �ाप्त है और
जो �कसी ऐसे भाग से, िजसम� छू ट �ाप्त सूचना अन्त�वर्ष्ट है, युिक्तयुक्त �प से पृथक्त क� जा सकती है ।
(2) जहां उपधारा (1) के अधीन अिभलेख के �कसी भाग तक प�ंच अनुद� क� जाती है, वहां, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना
अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी िनम्निलिखत सूचना देते �ए, आवेदक को एक सूचना देगा �क—
(क) अनुरोध �कए गए अिभलेख का के वल एक भाग ही, उस अिभलेख से उस सूचना को जो �कटन से छू ट �ाप्त है
पृथक्त करने के पश्चात्, उपलब्ध कराया जा रहा है ;
(ख) िविनश्चय के िलए कारण, िजनके अंतगर्त तथ्य के �कसी महत्वपूणर् �श्न पर उस साम�ी के �ित, िजस पर वे
िनष्कषर् आधा�रत थे, िनद�श करते �ए कोई िनष्कषर् भी ह� ;
(ग) िविनश्चय करने वाले व्यिक्त का नाम और पदनाम ;
(घ) उसके �ारा संगिणत फ�स के ब्यौरे और फ�स क� वह रकम िजसक� आवेदक से िनक्षेप करने क� अपेक्षा क� जाती
है ; और
(ङ) सूचना के भाग को �कट न �कए जाने के संबंध म� िविनश्चय के पुन�वर्लोकन के बारे म� उसके अिधकार, �भा�रत
फ�स क� रकम या उपलब्ध कराया गया प�ंच का ��प, िजसके अन्तगर्त, यथािस्थित, धारा 19 क� उपधारा (1) के अधीन
िविन�दर्ष्ट व�रष्ठ अिधकारी या के न्�ीय सूचना अिधकारी या राज्य सूचना अिधकारी क� िविशिष्टयां, समय-सीमा, ���या
और कोई अन्य प�ंच का ��प भी है ।
11. पर व्यिक्त सूचना—(1) जहां, यथािस्थित, �कसी के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी का, इस
अिधिनयम के अधीन �कए गए अनुरोध पर कोई ऐसी सूचना या अिभलेख या उसके �कसी भाग को �कट करने का आशय है, जो �कसी पर
व्यिक्त से संबंिधत है या उसके �ारा इसका �दाय �कया गया है और उस पर व्यिक्त �ारा उसे गोपनीय माना गया है, वहां, यथािस्थित,
के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी अनुरोध �ाप्त होने से पांच �दन के भीतर, ऐसे पर व्यिक्त को अनुरोध क�
और इस तथ्य क� िलिखत �प म� सूचना देगा �क, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी का उक्त
सूचना या अिभलेख या उसके �कसी भाग को �कट करने का आशय है, और इस बारे म� �क सूचना �कट क� जानी चािहए या नह�,
िलिखत म� या मौिखक �प से िनवेदन करने के िलए पर व्यिक्त को आमंि�त करे गा तथा सूचना के �कटन के बारे म� कोई िविनश्चय करते
समय पर व्यिक्त के ऐसे िनवेदन को ध्यान म� रखा जाएगा :
परन्तु िविध �ारा संरिक्षत �ापार या वािणिज्यक गुप्त बात� क� दशा म� के िसवाय, य�द ऐसे �कटन म� लोकिहत, ऐसे पर
व्यिक्त के िहत� क� �कसी संभािवत अपहािन या क्षित से अिधक महत्वपूणर् है तो �कटन अनुज्ञात �कया जा सके गा ।
(2) जहां उपधारा (1) के अधीन, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी �ारा पर व्यिक्त
पर �कसी सूचना या अिभलेख या उसके �कसी भाग के बारे म� �कसी सूचना क� तामील क� जाती है, वहां ऐसे पर व्यिक्त को, ऐसी सूचना
क� �ािप्त क� तारीख से दस �दन के भीतर, �स्तािवत �कटन के िव�� अभ्यावेदन करने का अवसर �दया जाएगा ।
(3) धारा 7 म� �कसी बात के होते �ए भी, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी धारा 6
के अधीन अनुरोध �ाप्त होने के पश्चात् चालीस �दन के भीतर, य�द पर व्यिक्त को उपधारा (2) के अधीन अभ्यावेदन करने का अवसर दे
�दया गया है, तो इस बारे म� िविनश्चय करे गा �क उक्त सूचना या अिभलेख या उसके भाग का �कटन �कया जाए या नह� और अपने
िविनश्चय क� सूचना िलिखत म� पर व्यिक्त को देगा ।
(4) उपधारा (3) के अधीन दी गई सूचना म� यह कथन भी सिम्मिलत होगा �क वह पर व्यिक्त, िजसे सूचना दी गई है, धारा 19
के अधीन उक्त िविनश्चय के िव�� अपील करने का हकदार है ।
अध्याय 3

के न्�ीय सूचना आयोग


12. के न्�ीय सूचना आयोग का गठन—(1) के न्�ीय सरकार, राजप� म� अिधसूचना �ारा, के न्�ीय सूचना आयोग के नाम से ज्ञात
एक िनकाय का गठन करे गी, जो ऐसी शिक्तय� का �योग और ऐसे कृ त्य� का पालन करे गा, जो उसे इस अिधिनयम के अधीन स�पे जाएं ।
8

(2) के न्�ीय सूचना आयोग िनम्निलिखत से िमलकर बनेगा—


(क) मुख्य सूचना आयुक्त; और
(ख) दस से अनिधक उतनी संख्या म� के न्�ीय सूचना आयुक्त, िजतने आवश्यक समझे जाएं ।
(3) मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त� क� िनयुिक्त, राष्�पित �ारा िनम्निलिखत से िमलकर बनी सिमित क�
िसफा�रश पर क� जाएगी—
(i) �धानमं�ी, जो सिमित का अध्यक्ष होगा ;
(ii) लोकसभा म� िवपक्ष का नेता ; और
(iii) �धानमं�ी �ारा नामिन�दर्ष्ट संघ मंि�मण्डल का एक मं�ी ।
स्पष्टीकरण—शंका� के िनवारण के �योजन के िलए यह घोिषत �कया जाता है �क जहां लोक सभा म� िवपक्ष के नेता को उस
�प म� मान्यता नह� दी गई है, वहां लोक सभा म� सरकार के िवपक्षी एकल सबसे बड़े समूह के नेता को िवपक्ष का नेता समझा जाएगा ।
(4) के न्�ीय सूचना आयोग के काय� का साधारण अधीक्षण, िनदेशन और �बंधन, मुख्य सूचना आयुक्त म� िनिहत होगा, िजसक�
सहायता सूचना आयुक्त� �ारा क� जाएगी और वह ऐसी सभी शिक्तय� का �योग और ऐसे सभी कायर् और बात� कर सके गा, िजनका
के न्�ीय सूचना आयोग �ारा स्वतं� �प से इस अिधिनयम के अधीन �कसी अन्य �ािधकारी के िनदेश� के अधीन रहे िबना �योग �कया जा
सकता है या जो क� जा सकती है ।
(5) मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त िविध, िवज्ञान और �ौ�ोिगक�, समाज सेवा, �बंध, प�का�रता, जनसंपकर्
माध्यम या �शासन तथा शासन का �ापक ज्ञान और अनुभव रखने वाले जनजीवन म� �ख्यात व्यिक्त ह�गे ।
(6) मुख्य सूचना आयुक्त या कोई सूचना आयुक्त, यथािस्थित, संसद् का सदस्य या �कसी राज्य या संघ राज्यक्षे� के
िवधान-मंडल का सदस्य नह� होगा या कोई अन्य लाभ का पद धा�रत नह� करे गा या �कसी राजनैितक दल से संब� नह� होगा अथवा
कोई कारबार नह� करे गा या कोई वृि� नह� करे गा ।
(7) के न्�ीय सूचना आयोग का मुख्यालय, �दल्ली म� होगा और के न्�ीय सूचना आयोग, के न्�ीय सरकार के पूवर् अनुमोदन से,
भारत म� अन्य स्थान� पर कायार्लय स्थािपत कर सके गा ।
13. पदाविध और सेवा शत�—(1) मुख्य सूचना आयुक्त, 1[ऐसी अविध के िलए जो के न्�ीय सरकार �ारा िविहत क� जाए] पद
धारण करे गा और पुन�नर्युिक्त के िलए पा� नह� होगा :
परन्तु यह �क कोई मुख्य सूचना आयुक्त प�सठ वषर् क� आयु �ाप्त करने के पश्चात् उस �प म� पद धारण नह� करे गा ।
(2) �त्येक सूचना आयुक्त, 1[ऐसी अविध के िलए जो के न्�ीय सरकार �ारा िविहत क� जाए] या प�सठ वषर् क� आयु �ाप्त करने
तक, इनम� से जो भी पूवर्तर हो, पद धारण करे गा और ऐसे सूचना आयुक्त के �प म� पुन�नर्युिक्त के िलए पा� नह� होगा :
परन्तु �त्येक सूचना आयुक्त, इस उपधारा के अधीन अपना पद �र� करने पर, धारा 12 क� उपधारा (3) म� िविन�दर्ष्ट रीित से
मुख्य सूचना आयुक्त के �प म� िनयुिक्त के िलए पा� होगा :
परन्तु यह और �क जहां सूचना आयुक्त को मुख्य सूचना आयुक्त के �प म� िनयुक्त �कया जाता है वहां उसक� पदाविध सूचना
आयुक्त और मुख्य सूचना आयुक्त के �प म� कु ल िमलाकर पांच वषर् से अिधक नह� होगी ।
(3) मुख्य सूचना आयुक्त या कोई सूचना आयुक्त, अपना पद �हण करने से पूवर् राष्�पित या उसके �ारा इस िनिम� �ािधकृ त
�कसी अन्य व्यिक्त के समक्ष, पहली अनुसूची म� इस �योजन के िलए उपव�णर्त ��प के अनुसार एक शपथ या �ितज्ञान लेगा और उस पर
हस्ताक्षर करे गा ।
(4) मुख्य सूचना आयुक्त या कोई सूचना आयुक्त, �कसी भी समय, राष्�पित को संबोिधत अपने हस्ताक्षर सिहत लेख �ारा
अपना पद त्याग सके गा :
परन्तु मुख्य सूचना आयुक्त या �कसी सूचना आयुक्त को धारा 14 म� िविन�दर्ष्ट रीित से हटाया जा सके गा ।
[(5) मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त� को संदय
1
े वेतन और भ�े तथा सेवा के अन्य िनबंधन और शत�, वे ह�गी, जो
के न्�ीय सराकर �ारा िविहत क� जाएं :
परन्तु मुख्य सूचना आयुक्त या सूचना आयुक्त� के वेतन, भ�� और सेवा क� अन्य शत� म�, उनक� िनयुिक्त के पश्चात्, उनके
िलए अलाभकर �प से कोई प�रवतर्न नह� �कया जाएगा :

1
2019 के अिधिनयम सं० 24 क� धारा 2 �ारा �ितस्थािपत ।
9

परं तु यह और �क सूचना का अिधकार (संशोधन) अिधिनयम, 2019 के �ारं भ से पूवर् िनयुक्त मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना
आयुक्त� का इस अिधिनयम और त�ीन बनाए गए िनयम� के उपबंध� �ारा शािसत होना उसी �कार जारी रहेगा मानो सूचना का
अिधकार (संशोधन) अिधिनयम, 2019 लागू ही नह� �आ था ।]
14. सूचना आयुक्त या मुख्य सूचना आयुक्त का हटाया जाना—(1) उपधारा (3) के उपबंध� के अधीन रहते �ए, मुख्य सूचना
आयुक्त या �कसी सूचना आयुक्त को राष्�पित के आदेश �ारा सािबत कदाचार या असमथर्ता के आधार पर उसके पद से तभी हटाया
जाएगा, जब उच्चतम न्यायालय ने, राष्�पित �ारा उसे �कए गए �कसी िनद�श पर जांच के पश्चात् यह �रपोटर् दी हो �क, यथािस्थित,
मुख्य सूचना आयुक्त या सूचना आयुक्त को उस आधार पर हटा �दया जाना चािहए ।
(2) राष्�पित, उस मुख्य सूचना आयुक्त या सूचना आयुक्त को, िजसके िव�� उपधारा (1) के अधीन उच्चतम न्यायालय को
िनद�श �कया गया है, ऐसे िनद�श पर उच्चतम न्यायालय क� �रपोटर् �ाप्त होने पर राष्�पित �ारा आदेश पा�रत �कए जाने तक पद से
िनलंिबत कर सके गा और य�द आवश्यक समझे तो, जांच के दौरान कायार्लय म� उपिस्थत होने से भी �ितिष� कर सके गा ।
(3) उपधारा (1) म� अंत�वर्ष्ट �कसी बात के होते �ए भी राष्�पित, मुख्य सूचना आयुक्त या �कसी सूचना आयुक्त को आदेश
�ारा पद से हटा सके गा, य�द, यथािस्थित, मुख्य सूचना आयुक्त या सूचना आयुक्त,—
(क) �दवािलया न्यायिनण�त �कया गया है; या
(ख) वह ऐसे अपराध के िलए दोषिस� ठहराया गया है, िजसम� राष्�पित क� राय म�, नैितक अधमता अन्तवर्िलत
है ; या
(ग) अपनी पदाविध के दौरान, अपने पद के कतर्�� से परे �कसी वैतिनक िनयोजन म� लगा �आ है ; या
(घ) राष्�पित क� राय म�, मानिसक या शारी�रक अक्षमता के कारण पद पर बने रहने के अयोग्य है ; या
(ङ) उसने ऐसे िव�ीय और अन्य िहत अ�जर्त �कए ह�, िजनसे मुख्य सूचना आयुक्त या �कसी सूचना आयुक्त के �प म�
उसके कृ त्य� पर �ितकू ल �भाव पड़ने क� संभावना है ।
(4) य�द मुख्य सूचना आयुक्त या कोई सूचना आयुक्त, �कसी �कार भारत सरकार �ारा या उसक� ओर से क� गई �कसी
संिवदा या करार से संब� या उसम� िहतब� है या �कसी िनगिमत कं पनी के �कसी सदस्य के �प म� से अन्यथा और उसके अन्य सदस्य� के
साथ सामान्यतः उसके लाभ म� या उससे �ोद्भूत होने वाले �कसी फायदे या प�रलिब्धय� म� िहस्सा लेता है तो वह, उपधारा (1) के
�योजन� के िलए, कदाचार का दोषी समझा जाएगा ।
अध्याय 4

राज्य सूचना आयोग


15. राज्य सूचना आयोग का गठन—(1) �त्येक राज्य सरकार राजप� म� अिधसूचना �ारा............. (राज्य का नाम) सूचना
आयोग के नाम से ज्ञात एक िनकाय का गठन करे गी, जो ऐसी शिक्तय� का �योग और ऐसे कृ त्य� का पालन करे गा, जो उसे इस अिधिनयम
के अधीन स�पे जाएं ।
(2) राज्य सूचना आयोग िनम्निलिखत से िमलकर बनेगा—
(क) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त; और
(ख) दस से अनिधक उतनी संख्या म� राज्य सूचना आयुक्त, िजतने आवश्यक समझे जाएं ।
(3) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त� क� िनयुिक्त राज्यपाल �ारा िनम्निलिखत से िमलकर बनी �कसी
सिमित क� िसफा�रश पर क� जाएगी,—
(i) मुख्यमं�ी, जो सिमित का अध्यक्ष होगा ;
(ii) िवधान सभा म� िवपक्ष का नेता ; और
(iii) मुख्यमं�ी �ारा नामिनद�िशत �कया जाने वाला मंि�मंडल का सदस्य ।
स्पष्टीकरण—शंका� को दूर करने के �योजन� के िलए यह घोिषत �कया जाता है �क जहां िवधान सभा म� िवपक्षी दल के नेता
को उस �प म� मान्यता नह� दी गई है, वहां िवधान सभा म� सरकार के िवपक्षी एकल सबसे बड़े समूह के नेता को िवपक्षी दल का नेता
समझा जाएगा ।
(4) राज्य सूचना आयोग के काय� का साधारण अधीक्षण, िनदेशन और �बंध राज्य मुख्य सूचना आयुक्त म� िनिहत होगा,
िजसक� राज्य सूचना आयुक्त� �ारा सहायता क� जाएगी और वह सभी ऐसी शिक्तय� का �योग कर सके गा और सभी ऐसे कायर् और बात�
कर सके गा जो राज्य सूचना आयोग �ारा इस अिधिनयम के अधीन �कसी अन्य �ािधकारी के िनदेश� के अध्यधीन रहे िबना स्वतं� �प से
�योग क� जा सकती ह� या क� जा सकती ह� ।
10

(5) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त िविध, िवज्ञान और �ौ�ोिगक�, समाजसेवा, �बंध, प�का�रता,
जनसंपकर् माध्यम या �शासन और शासन म� �ापक ज्ञान और अनुभव वाले समाज म� �ख्यात व्यिक्त ह�गे ।
(6) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त, यथािस्थित, संसद् का सदस्य या �कसी राज्य या संघ राज्यक्षे� के
िवधान-मंडल का सदस्य नह� होगा या कोई अन्य लाभ का पद धारण नह� करे गा या �कसी राजनीितक दल से संब� नह� होगा या कोई
कारबार नह� करे गा या कोई वृि� नह� करे गा ।
(7) राज्य सूचना आयोग का मुख्यालय राज्य म� ऐसे स्थान पर होगा, िजसे राज्य सरकार राजप� म� अिधसूचना �ारा
िविन�दर्ष्ट करे और राज्य सूचना आयोग, राज्य सरकार के पूवर् अनुमोदन से, राज्य म� अन्य स्थान� पर अपने कायार्लय स्थािपत कर
सके गा ।
16. पदाविध और सेवा क� शत�—(1) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त 1[ऐसी अविध के िलए जो के न्�ीय सरकार �ारा िविहत क�
3

जाए] पद धारण करे गा और पुन�नर्युिक्त के िलए पा� नह� होगा :


परन्तु कोई राज्य मुख्य सूचना आयुक्त प�सठ वषर् क� आयु �ाप्त करने के पश्चात् उस �प म� पद धारण नह� करे गा ।
(2) �त्येक राज्य सूचना आयुक्त 1[ऐसी अविध के िलए जो के न्�ीय सरकार �ारा िविहत क� जाए] या प�सठ वषर् क� आयु �ाप्त
करने तक, इनम� से जो भी पूवर्तर हो, पद धारण करे गा और राज्य सूचना आयुक्त के �प म� पुन�नर्युिक्त के िलए पा� नह� होगा :
परन्तु �त्येक राज्य सूचना आयुक्त, इस उपधारा के अधीन अपना पद �र� करने पर, धारा 15 क� उपधारा (3) म� िविन�दर्ष्ट
रीित से राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के �प म� िनयुिक्त के िलए पा� होगा :
परन्तु यह और �क जहां राज्य सूचना आयुक्त क� राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के �प म� िनयुिक्त क� जाती है, वहां उसक�
पदाविध राज्य सूचना आयुक्त और राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के �प म� कु ल िमलाकर पांच वषर् से अिधक नह� होगी ।
(3) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या कोई राज्य सूचना आयुक्त अपना पद �हण करने से पूवर् राज्यपाल या इस िनिम� उसके
�ारा िनयुक्त �कए गए �कसी अन्य व्यिक्त के समक्ष पहली अनुसूची म� इस �योजन के िलए उपव�णर्त ��प के अनुसार शपथ या
�ितज्ञान लेगा और उस पर अपने हस्ताक्षर करे गा ।
(4) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या कोई राज्य सूचना आयुक्त, �कसी भी समय, राज्यपाल को संबोिधत अपने हस्ताक्षर सिहत
लेख �ारा अपने पद का त्याग कर सके गा :
परन्तु राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या �कसी राज्य सूचना आयुक्त को धारा 17 म� िविन�दर्ष्ट रीित से हटाया जा सके गा ।
[(5) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त� को संदय
1
े वेतन और भ�े तथा सेवा के अन्य िनबंधन और शत�, वे
ह�गी, जो के न्�ीय सराकर �ारा िविहत क� जाएं :
परन्तु राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त� के वेतन, भ�� और सेवा क� अन्य शत� म�, उनक� िनयुिक्त के
पश्चात् उनके िलए अलाभकर �प से कोई प�रवतर्न नह� �कया जाएगा :
परं तु यह और �क सूचना का अिधकार (संशोधन) अिधिनयम, 2019 के �ारं भ से पूवर् िनयुक्त राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और
राज्य सूचना आयुक्त� का इस अिधिनयम और त�ीन बनाए गए िनयम� के उपबंध� �ारा शािसत होना उसी �कार जारी रहेगा मानो
सूचना का अिधकार (संशोधन) अिधिनयम, 2019 लागू ही नह� �आ था ।]
(6) राज्य सरकार, राज्य मुख्य सूचना आयुक्तऔर राज्य सूचना आयुक्त� को उतने अिधकारी और कमर्चारी उपलब्ध कराएगी,
िजतने इस अिधिनयम के अधीन उनके कृ त्य� के दक्ष पालन के िलए आवश्यक ह� और इस अिधिनयम के �योजन के िलए िनयुक्त �कए गए
अिधका�रय� और अन्य कमर्चा�रय� को संदय े वेतन और भ�े तथा सेवा के िनबंधन और शत� ऐसी ह�गी, जो िविहत क� जाएं ।
17. राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त का हटाया जाना—(1) उपधारा (3) के उपबंध� के अधीन रहते �ए,
राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या �कसी राज्य सूचना आयुक्त को राज्यपाल के आदेश �ारा सािबत कदाचार या असमथर्ता के आधार पर
उसके पद से तभी हटाया जाएगा, जब उच्चतम न्यायालय ने, राज्यपाल �ारा उसे �कए गए �कसी िनद�श पर जांच के पश्चात् यह �रपोटर्
दी हो �क, यथािस्थित, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त को उस आधार पर हटा �दया जाना चािहए ।
(2) राज्यपाल, उस राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त को, िजसके िव�� उपधारा (1) के अधीन उच्चतम
न्यायालय को िनद�श �कया गया है, ऐसे िनद�श पर उच्चतम न्यायालय क� �रपोटर् क� �ािप्त पर राज्यपाल �ारा आदेश पा�रत �कए जाने
तक, पद से िनलंिबत कर सके गा और य�द आवश्यक समझे तो ऐसी जांच के दौरान कायार्लय म� उपिस्थत होने से �ितिष� भी
कर सके गा ।
(3) उपधारा (1) म� अंत�वर्ष्ट �कसी बात के होते �ए भी राज्यपाल, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या �कसी राज्य सूचना आयुक्त
को, आदेश �ारा, पद से हटा सके गा, य�द, यथािस्थित, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त—

1
2019 के अिधिनयम सं० 24 क� धारा 3 �ारा �ितस्थािपत ।
11

(क) �दवािलया न्यायिनण�त �कया गया है ; या


(ख) वह ऐसे �कसी अपराध के िलए दोषिस� ठहराया गया है, िजसम� राज्यपाल क� राय म� नैितक अधमता
अंतवर्िलत है ; या
(ग) वह अपनी पदाविध के दौरान अपने पद के कतर्�� से परे �कसी वैतिनक िनयोजन म� लगा �आ है ; या
(घ) राज्यपाल क� राय म�, मानिसक या शारी�रक अक्षमता के कारण पद पर बने रहने के अयोग्य है ; या
(ङ) उसने ऐसे िव�ीय या अन्य िहत अ�जर्त �कए ह�, िजनसे, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त के
�प म� उसके कृ त्य� पर �ितकू ल �भाव पड़ने क� संभावना है ।
(4) य�द राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या कोई राज्य सूचना आयुक्त, �कसी �कार, राज्य सरकार �ारा या उसक� ओर से क� गई
�कसी संिवदा या करार से संब� या उसम� िहतब� है या �कसी िनगिमत कं पनी के �कसी सदस्य को �कसी �प म� से अन्यथा और उसके
अन्य सदस्य� के साथ सामान्यतः उसके लाभ म� या उससे �ोद्भूत होने वाले �कसी फायदे या प�रलिब्धय� म� िहस्सा लेता है तो वह
उपधारा (1) के �योजन� के िलए कदाचार का दोषी समझा जाएगा ।
अध्याय 5

सूचना आयोग� क� शिक्तयां और कृ त्य, अपील तथा शािस्तयां


18. सूचना आयोग� क� शिक्तयां और कृ त्य—(1) इस अिधिनयम के उपबंध� के अधीन रहते �ए, यथािस्थित, के न्�ीय सूचना
आयोग या राज्य आयोग का यह कतर्� होगा �क वह िनम्निलिखत �कसी ऐसे व्यिक्त से िशकायत �ाप्त करे और उसक� जांच करे ,—
(क) जो, यथािस्थित, �कसी के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी को, इस कारण से
अनुरोध �स्तुत करने म� असमथर् रहा है �क इस अिधिनयम के अधीन ऐसे अिधकारी क� िनयुिक्त नह� क� गई है या, यथािस्थित,
के न्�ीय सहायक लोक सूचना अिधकारी या राज्य सहायक लोक सूचना अिधकारी ने इस अिधिनयम के अधीन सूचना या अपील
के िलए धारा 19 क� उपधारा (1) म� िविन�दर्ष्ट के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी अथवा ज्ये�
अिधकारी या, यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को उसके आवेदन को भेजने के िलए स्वीकार करने से
इं कार कर �दया है ;
(ख) िजसे इस अिधिनयम के अधीन अनुरोध क� गई कोई जानकारी तक प�ंच के िलए इं कार कर �दया गया है ;
(ग) िजसे इस अिधिनयम के अधीन िविन�दर्ष्ट समय-सीमा के भीतर सूचना के िलए या सूचना तक प�ंच के िलए
अनुरोध का उ�र नह� �दया गया है ;
(घ) िजससे ऐसी फ�स क� रकम का संदाय करने क� अपेक्षा क� गई है, जो वह अनुिचत समझता है या समझती है ;
(ङ) जो यह िवश्वास करता है �क उसे इस अिधिनयम के अधीन अपूण,र् �म म� डालने वाली या िमथ्या सूचना दी गई
है ; और
(च) इस अिधिनयम के अधीन अिभलेख� के िलए अनुरोध करने या उन तक प�ंच �ाप्त करने से संबंिधत �कसी अन्य
िवषय के संबंध म� ।
(2) जहां, यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग का यह समाधान हो जाता है �क उस िवषय म� जांच करने
के िलए युिक्तयुक्त आधार ह�, वहां वह उसके संबंध म� जांच आरं भ कर सके गा ।
(3) यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को, इस धारा के अधीन �कसी मामले म� जांच करते समय वही
शिक्तयां �ाप्त ह�गी, जो िनम्निलिखत मामल� के संबंध म� िसिवल ��कया संिहता, 1908 (1908 का 5) के अधीन �कसी वाद का
िवचारण करते समय िसिवल न्यायालय म� िनिहत होती ह�, अथार्त् :—
(क) �कन्ह� व्यिक्तय� को समन करना और उन्ह� उपिस्थत कराना तथा शपथ पर मौिखक या िलिखत सा�य देने के
िलए और दस्तावेज या चीज� पेश करने के िलए उनको िववश करना ;
(ख) दस्तावेज� के �कटीकरण और िनरीक्षण क� अपेक्षा करना ;
(ग) शपथप� पर सा�य को अिभ�हण करना ;
(घ) �कसी न्यायालय या कायार्लय से �कसी लोक अिभलेख या उसक� �ितयां मंगाना ;
(ङ) सािक्षय� या दस्तावेज� क� परीक्षा के िलए समन जारी करना ; और
(च) कोई अन्य िवषय, जो िविहत �कया जाए ।
12

(4) यथािस्थित, संसद् या राज्य िवधान-मंडल के �कसी अन्य अिधिनयम म� अंत�वर्ष्ट �कसी असंगत बात के होते �ए भी,
यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग इस अिधिनयम के अधीन �कसी िशकायत क� जांच करने के दौरान, ऐसे �कसी
अिभलेख क� परीक्षा कर सके गा, िजसे यह अिधिनयम लागू होता है और जो लोक �ािधकारी के िनयं�ण म� है और उसके �ारा ऐसे �कसी
अिभलेख को �कन्ह� भी आधार� पर रोका नह� जाएगा ।
19. अपील—(1) ऐसा कोई व्यिक्त, िजसे धारा 7 क� उपधारा (1) या उपधारा (3) के खंड (क) म� िविन�दर्ष्ट समय के भीतर
कोई िविनश्चय �ाप्त नह� �आ है या जो, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी के �कसी
िविनश्चय से �िथत है, उस अविध क� समािप्त से या ऐसे �कसी िविनश्चय क� �ािप्त से तीस �दन के भीतर ऐसे अिधकारी को अपील
कर सके गा, जो �त्येक लोक �ािधकरण म�, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी क� पंिक्त से ज्ये�
पंिक्त का है :
परन्तु ऐसा अिधकारी, तीस �दन क� अविध क� समािप्त के पश्चात् अपील को �हण कर सके गा, य�द उसका यह समाधान हो
जाता है �क अपीलाथ� समय पर अपील फाइल करने म� पयार्� कारण से िनवा�रत �कया गया था ।
(2) जहां अपील धारा 11 के अधीन, यथािस्थित, �कसी के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या �कसी राज्य लोक सूचना अिधकारी
�ारा पर व्यिक्त क� सूचना �कट करने के िलए �कए गए �कसी आदेश के िव�� क� जाती है वहां संबंिधत पर व्यिक्त �ारा अपील, उस
आदेश क� तारीख से तीस �दन के भीतर क� जाएगी ।
(3) उपधारा (1) के अधीन िविनश्चय के िव�� दूसरी अपील उस तारीख से, िजसको िविनश्चय �कया जाना चािहए था या
वास्तव म� �ाप्त �कया गया था, नब्बे �दन के भीतर के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को होगी :
परन्तु, यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग नब्बे �दन क� अविध क� समािप्त के पश्चात् अपील को
�हण कर सके गा, य�द उसका यह समाधान हो जाता है �क अपीलाथ� समय पर अपील फाइल करने से पयार्� कारण से िनवा�रत �कया
गया था ।
(4) य�द, यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी का िविनश्चय, िजसके िव�� अपील क�
गई है, पर व्यिक्त क� सूचना से संबंिधत है तो यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग उस पर व्यिक्त को सुनवाई का
युिक्तयुक्त अवसर देगा ।
(5) अपील संबंधी �कन्ह� कायर्वािहय� म� यह सािबत करने का भार �क अनुरोध को अस्वीकार करना न्यायोिचत था,
यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी पर, िजसने अनुरोध से इं कार �कया था, होगा ।
(6) उपधारा (1) या उपधारा (2) के अधीन �कसी अपील का िनपटारा, लेखब� �कए जाने वाले कारण� से, अपील क� �ािप्त के
तीस �दन के भीतर या ऐसी िवस्ता�रत अविध के भीतर, जो उसके फाइल �कए जाने क� तारीख से कु ल प�तालीस �दन से अिधक न हो,
�कया जाएगा ।
(7) यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग का िविनश्चय आब�कर होगा ।
(8) अपने िविनश्चय म�, यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को िनम्निलिखत क� शिक्त है—
(क) लोक �ािधकरण से ऐसे उपाय करने क� अपेक्षा करना, जो इस अिधिनयम के उपबंध� का अनुपालन सुिनिश्चत
करने के िलए आवश्यक हो, िजनके अंतगर्त िनम्निलिखत भी ह� :—
(i) सूचना तक प�ंच उपलब्ध कराना, य�द िविश� ��प म� ऐसा अनुरोध �कया गया है ;
(ii) यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी को िनयुक्त करना ;
(iii) कितपय सूचना या सूचना के �वग� को �कािशत करना ;
(iv) अिभलेख� के अनुरक्षण, �बंध और िवनाश से संबंिधत अपनी प�ितय� म� आवश्यक प�रवतर्न करना ;
(v) अपने अिधका�रय� के िलए सूचना के अिधकार के संबंध म� �िशक्षण के उपबंध को बढ़ाना ;
(vi) धारा 4 क� उपधारा (1) के खंड (ख) के अनुसरण म� अपनी एक वा�षर्क �रपोटर् उपलब्ध कराना ;
(ख) लोक �ािधकारी से िशकायतकतार् को, उसके �ारा सहन क� गई �कसी हािन या अन्य नुकसान के िलए �ितपू�रत
करने क� अपेक्षा करना ;
(ग) इस अिधिनयम के अधीन उपबंिधत शािस्तय� म� से कोई शािस्त अिधरोिपत करना ;
(घ) आवेदन को नामंजूर करना ।
(9) यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग िशकायतकतार् और लोक �ािधकारी को, अपने िविनश्चय क�,
िजसके अंतगर्त अपील का कोई अिधकार भी है, सूचना देगा ।
13

(10) यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग, अपील का िविनश्चय ऐसी ���या के अनुसार करे गा, जो
िविहत क� जाए ।
20. शािस्त—(1) जहां �कसी िशकायत या अपील का िविनश्चय करते समय, यथािस्थित, क� �ीय सूचना आयोग या राज्य
सूचना आयोग क� यह राय है �क, यथािस्थित, क� �ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी ने, �कसी युिक्तयुक्त कारण
के िबना सूचना के िलए, कोई आवेदन �ाप्त करने से इं कार �कया है या धारा 7 क� उपधारा (1) के अधीन िविन�दर्ष्ट समय के भीतर
सूचना नह� दी है या अस�ावपूवर्क सूचना के िलए अनुरोध से इं कार �कया है या जानबूझकर गलत, अपूणर् या �ामक सूचना दी है या उस
सूचना को नष्ट कर �दया है, जो अनुरोध का िवषय थी या �कसी रीित से सूचना देने म� बाधा डाली है, तो वह ऐसे �त्येक �दन के िलए,
जब तक आवेदन �ाप्त �कया जाता है या सूचना दी जाती है, दो सौ पचास �पए क� शािस्त अिधरोिपत करे गा, तथािप, ऐसी शािस्त क�
कु ल रकम पच्चीस हजार �पए से अिधक नह� होगी :
परं तु, यथािस्थित, क� �ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी को, उस पर कोई शािस्त अिधरोिपत �कए
जाने के पूवर्, सुनवाई का युिक्तयुक्त अवसर �दया जाएगा :
परं तु यह और �क यह सािबत करने का भार �क उसने युिक्तयुक्त �प से और तत्परतापूवर्क कायर् �कया है, यथािस्थित, क� �ीय
लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी पर होगा ।
(2) जहां �कसी िशकायत या अपील का िविनश्चय करते समय, यथािस्थित, क� �ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग क�
यह राय है �क, यथािस्थित, क� �ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी, �कसी युिक्तयुक्त कारण के िबना और
लगातार सूचना के िलए कोई आवेदन �ाप्त करने म� असफल रहा है या उसने धारा 7 क� उपधारा (1) के अधीन िविन�दर्ष्टसमय के भीतर
सूचना नह� दी है या अस�ावपूवर्क सूचना के िलए अनुरोध से इं कार �कया है या जानबूझकर गलत, अपूणर् या �ामक सूचना दी है या
ऐसी सूचना को नष्ट कर �दया है, जो अनुरोध का िवषय थी या �कसी रीित से सूचना देने म� बाधा डाली है वहां वह, यथािस्थित, ऐसे
क� �ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी के िव�� उसे लागू सेवा िनयम� के अधीन अनुशासिनक कारर् वाई के िलए
िसफा�रश करे गा ।
अध्याय 6

�क�णर्
21. स�ावपूवर्क क� गई कारर् वाई के िलए संरक्षण—कोई वाद, अिभयोजन या अन्य िविधक कायर्वाही �कसी भी ऐसी बात के बारे
म�, जो इस अिधिनयम या उसके अधीन बनाए गए �कसी िनयम के अधीन स�ावपूवर्क क� गई है या क� जाने के िलए आशियत है, �कसी
व्यिक्त के िव�� न होगी ।
22. अिधिनयम का अध्यारोही �भाव होना—इस अिधिनयम के उपबंध, शासक�य गुप्त बात अिधिनयम, 1923 (1923 का 19)
और तत्समय �वृ� �कसी अन्य िविध म� या इस अिधिनयम से अन्यथा �कसी िविध के आधार पर �भाव रखने वाली �कसी िलखत म�,
उससे असंगत �कसी बात के होते �ए भी, �भावी ह�गे ।
23. न्यायालय� क� अिधका�रता का वजर्न—कोई न्यायालय, इस अिधिनयम के अधीन �कए गए �कसी आदेश के संबंध म� कोई
वाद, आवेदन या अन्य कायर्वाही �हण नह� करे गा और ऐसे �कसी आदेश को, इस अिधिनयम के अधीन �कसी अपील के �प म� के िसवाय
�कसी �प म� �श्नगत नह� �कया जाएगा ।
24. अिधिनयम का कितपय संगठन� को लागू न होना—(1) इस अिधिनयम म� अंत�वर्ष्ट कोई बात, के न्�ीय सरकार �ारा स्थािपत
आसूचना और सुरक्षा संगठन� को, जो दूसरी अनुसूची म� िविन�दर्ष्ट है या ऐसे संगठन� �ारा उस सरकार को दी गई �कसी सूचना को लागू
नह� होगी :
परन्तु �ष्टाचार और मानव अिधकार� के अित�मण के अिभकथन� से संबंिधत सूचना इस उपधारा के अधीन अपव�जर्त नह� क�
जाएगी :
परन्तु यह और �क य�द मांगी गई सूचना मानवािधकार� के अित�मण के अिभकथन� से संबंिधत है तो सूचना, के न्�ीय सूचना
आयोग के अनुमोदन के पश्चात् ही दी जाएगी और धारा 7 म� �कसी बात के होते �ए भी, ऐसी सूचना अनुरोध क� �ािप्त के प�तालीस �दन
के भीतर दी जाएगी ।
(2) के न्�ीय सरकार, राजप� म� �कसी अिधसूचना �ारा, अनुसूची का उस सरकार �ारा स्थािपत �कसी अन्य आसूचना या सुरक्षा
संगठन को उसम� सिम्मिलत करके या उसम� पहले से िविन�दर्ष्ट �कसी संगठन का उससे लोप करके , संशोधन कर सके गी और ऐसी
अिधसूचना के �काशन पर ऐसे संगठन को अनुसूची म�, यथािस्थित, सिम्मिलत �कया गया या उसका उससे लोप �कया गया समझा
जाएगा ।
(3) उपधारा (2) के अधीन जारी क� गई �त्येक अिधसूचना, संसद् के �त्येक सदन के समक्ष रखी जाएगी ।
(4) इस अिधिनयम क� कोई बात ऐसे आसूचना और सुरक्षा संगठन� को लागू नह� होगी, जो राज्य सरकार �ारा स्थािपत ऐसे
संगठन ह�, िजन्ह� वह सरकार समय-समय पर, राजप� म� अिधसूचना �ारा, िविन�दर्ष्ट करे :
14

परन्तु �ष्टाचार और मानव अिधकार� के अित�मण के अिभकथन� से संबंिधत सूचना इस उपधारा के अधीन अपव�जर्त नह� क�
जाएगी :
परन्तु यह और �क य�द मांगी गई सूचना मानव अिधकार� के अित�मण अिभकथन� से संबंिधत है तो सूचना राज्य सूचना आयोग
के अनुमोदन के पश्चात् ही दी जाएगी और धारा 7 म� �कसी बात के होते �ए भी, ऐसी सूचना अनुरोध क� �ािप्त के प�तालीस �दन� के
भीतर दी जाएगी ।
(5) उपधारा (4) के अधीन जारी क� गई �त्येक अिधसूचना राज्य िवधान-मंडल के समक्ष रखी जाएगी ।
25. मानीटर करना और �रपोटर् करना—(1) यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग, �त्येक वषर् के अंत के
पश्चात्, यथासाध्यशी�ता से उसे वषर् के दौरान इस अिधिनयम के उपबंध� के कायार्न्वयन के संबंध म� एक �रपोटर् तैयार करे गा और उसक�
एक �ित समुिचत सरकार को भेजेगा ।
(2) �त्येक मं�ालय या िवभाग, अपनी अिधका�रता के भीतर लोक �ािधका�रय� के संबंध म�, ऐसी सूचना एकि�त करे गा और
उसे, यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को उपलब्ध कराएगा, जो इस धारा के अधीन �रपोटर् तैयार करने के िलए
अपेिक्षत है और इस धारा के �योजन� के िलए, उस सूचना को देने तथा अिभलेख रखने से संबंिधत अपेक्षा� का पालन करे गा ।
(3) �त्येक �रपोटर् म�, उस वषर् के संबंध म�, िजससे �रपोटर् संबंिधत है, िनम्निलिखत के बारे म� कथन होगा,—
(क) �त्येक लोक �ािधकारी से �कए गए अनुरोध� क� संख्या ;
(ख) ऐसे िविनश्चय� क� संख्या, जहां आवेदक अनुरोध� के अनुसरण म� दस्तावेज� तक प�ंच के िलए हकदार नह� थे,
इस अिधिनयम के वे उपबंध, िजनके अधीन ये िविनश्चय �कए गए थे और ऐसे समय� क� संख्या, जब ऐसे उपबंध� का अवलंब
िलया गया था ;
(ग) पुन�वर्लोकन के िलए, यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को िन�दर्ष्ट क� गई अपील� क�
संख्या, अपील� क� �कृ ित और अपील� के िनष्कषर् ;
(घ) इस अिधिनयम के �शासन के संबंध म� �कसी अिधकारी के िव�� क� गई अनुशासिनक कारर् वाई क�
िविशिष्टयां ;
(ङ) इस अिधिनयम के अधीन �त्येक लोक �ािधकारी �ारा एकि�त क� गई �भार� क� रकम ;
(च) कोई ऐसे तथ्य, जो इस अिधिनयम क� भावना और आशय को �शािसत और कायार्िन्वत करने के िलए लोक
�ािधका�रय� के �कसी �यास को उपद�शर्त करते ह� ;
(छ) सुधार के िलए िसफा�रश�, िजनके अंतगर्त इस अिधिनयम या अन्य िवधान या सामान्य िविध के िवकास,
समु�ित, आधुिनक�करण, सुधार या संशोधन के िलए िविश� लोक �ािधका�रय� के संबंध म� िसफा�रश� या सूचना तक प�ंच के
अिधकार को �वतर्नशील बनाने से सुसंगत कोई अन्य िवषय भी ह� ।
(4) यथािस्थित, के न्�ीय सरकार या राज्य सरकार �त्येक वषर् के अंत के पश्चात्, यथासाध्यशी�ता से, उपधारा (1) म� िन�दर्ष्ट,
यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग क� �रपोटर् क� एक �ित संसद् के �त्येक सदन के समक्ष या जहां राज्य िवधान-
मंडल के दो सदन ह�, वहां �त्येक सदन के समक्ष और जहां राज्य िवधान-मंडल का एक सदन है वहां उस सदन के समक्ष रखवाएगी ।
(5) य�द के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को ऐसा �तीत होता है �क इस अिधिनयम के अधीन अपने कृ त्य� का
�योग करने के संबंध म� �कसी लोक �ािधकारी क� प�ित इस अिधिनयम के उपबंध� या भावना के अनु�प नह� है तो वह �ािधकारी को
ऐसे उपाय िविन�दर्ष्ट करते �ए, जो उसक� राय म� ऐसी अनु�पता को बढ़ाने के िलए �कए जाने चािहएं, िसफा�रश कर सके गा ।
26. समुिचत सरकार �ारा कायर्�म तैयार �कया जाना—(1) समुिचत सरकार, िव�ीय और अन्य संसाधन� क� उपलब्धता क�
सीमा तक—
(क) जनता क�, िवशेष �प से, उपेिक्षत समुदाय� क� इस बारे म� समझ क� वृि� करने के िलए �क इस अिधिनयम के
अधीन अनुध्यात अिधकार� का �योग कै से �कया जाए शैिक्षक कायर्�म बना सके गी और आयोिजत कर सके गी ;
(ख) लोक �ािधका�रय� को, खंड (क) म� िन�दर्ष्ट कायर्�म� को बनाने और उनके आयोजन म� भाग लेने और ऐसे
कायर्�म� का स्वयं िजम्मा लेने के िलए �ोत्सािहत कर सके गी ;
(ग) लोक �ािधका�रय� �ारा उनके ��याकलाप� के बारे म� सही जानकारी का समय से और �भावी �प म� �सा�रत
�कए जाने को बढ़ावा दे सके गी ;
(घ) लोक �ािधकरण� के , यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना अिधका�रय� या राज्य लोक सूचना अिधका�रय� को
�िशिक्षत कर सके गी और लोक �ािधकरण� �ारा स्वयं के उपयोग के िलए सुसंगत �िशक्षण सामि�य� का उत्पादन कर सके गी ।
15

(2) समुिचत सरकार, इस अिधिनयम के �ारं भ से अठारह मास के भीतर, अपनी राजभाषा म�, सहज �ापक �प और रीित से
ऐसी सूचना वाली एक मागर्द�शर्का संकिलत करे गी, िजसक� ऐसे �कसी व्यिक्त �ारा युिक्तयुक्त �प म� अपेक्षा क� जाए, जो अिधिनयम म�
िविन�दर्ष्ट �कसी अिधकार का �योग करना चाहता है ।
(3) समुिचत सरकार, य�द आवश्यक हो तो, उपधारा (2) म� िन�दर्ष्ट मागर्दश� िस�ांत� को िनयिमत अंतराल� पर अ�तन और
�कािशत करे गी, िजनम� िविशष्टतया और उपधारा (2) क� �ापकता पर �ितकू ल �भाव डाले िबना िनम्निलिखत सिम्मिलत होगा—
(क) इस अिधिनयम के उ�ेश्य ;
(ख) धारा 5 क� उपधारा (1) के अधीन िनयुक्त �त्येक लोक �ािधकरण के , यथािस्थित, के न्�ीय लोक सूचना
अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी का डाक और गली का पता, फोन और फै क्स नंबर और य�द उपलब्ध हो तो उसका
इलैक्�ािनक डाक पता ;
(ग) वह रीित और ��प, िजसम�, यथािस्थित, �कसी के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक सूचना अिधकारी
से �कसी सूचना तक प�ंच का अनुरोध �कया जाएगा ;
(घ) इस अिधिनयम के अधीन लोक �ािधकरण के , यथािस्थित, �कसी के न्�ीय लोक सूचना अिधकारी या राज्य लोक
सूचना अिधकारी से उपलब्ध सहायता और उसके कतर्� ;
(ङ) यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग से उपलब्ध सहायता ;
(च) इस अिधिनयम �ारा �द� या अिधरोिपत �कसी अिधकार या कतर्� के संबंध म� कोई कायर् करने या करने म�
असफल रहने के बारे म� िविध म� उपलब्ध सभी उपचार, िजनके अंतगर्त आयोग को अपील फाइल करने क� रीित भी है ;
(छ) धारा 4 के अनुसार अिभलेख� के �वग� के स्वैिच्छक �कटन के िलए �ावधान करने वाले उपबंध ;
(ज) �कसी सूचना तक प�ंच के िलए अनुरोध� के संबंध म� संद� क� जाने वाली फ�स� से संबंिधत सूचनाएं ; और
(झ) इस अिधिनयम के अनुसार �कसी सूचना तक प�ंच �ाप्त करने के संबंध म� बनाए गए या जारी �कए गए कोई
अित�र� िविनयम या प�रप� ।
(4) समुिचत सरकार को, य�द आवश्यक हो, िनयिमत अंतराल� पर मागर्दश� िस�ांत� को अ�तन और �कािशत करना
चािहए ।
27. िनयम बनाने क� समुिचत सरकार क� शिक्त—(1) समुिचत सरकार, इस अिधिनयम के उपबंध� को कायार्िन्वत करने के
िलए, राजप� म� अिधसूचना �ारा, िनयम बना सके गी ।
(2) िविशष्टतया और पूवर्गामी शिक्त क� �ापकता पर �ितकू ल �भाव डाले िबना, ऐसे िनयम िनम्निलिखत सभी या �कसी
िवषय के िलए उपबंध कर सक� गे, अथार्त् :—
(क) धारा 4 क� उपधारा (4) के अधीन �सा�रत क� जाने वाली सामि�य� के माध्यम क� लागत या ि�न्ट
लागत मूल्य ;
(ख) धारा 6 क� उपधारा (1) के अधीन संदय
े फ�स ;
(ग) धारा 7 क� उपधारा (1) और उपधारा (5) के अधीन संदय
े फ�स ;
[(गक) धारा 13 क� उपधारा (1) और उपधारा (2) के अधीन मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त� तथा धारा
1

16 क� उपधारा (1) और उपधारा (2) के अधीन राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त� क� पदाविध;
(गख) धारा 13 क� उपधारा (5) के अधीन मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त� तथा धारा 16 क� उपधारा
(5) के अधीन राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त� के वेतन, भ�े और सेवा के अन्य िनबंधन और शत�;]
(घ) धारा 13 क� उपधारा (6) और धारा 16 क� उपधारा (6) के अधीन अिधका�रय� और अन्य कमर्चा�रय� को संदय

वेतन और भ�े तथा उनक� सेवा के िनबंधन और शत� ;
(ङ) धारा 19 क� उपधारा (10) के अधीन अपील� का िविनश्चय करते समय, यथािस्थित, के न्�ीय सूचना आयोग या
राज्य सूचना आयोग �ारा अपनाई जाने वाली ���या ;
(च) कोई अन्य िवषय, जो िविहत �कए जाने के िलए अपेिक्षत हो या िविहत �कया जाए ।
28. िनयम बनाने क� सक्षम �ािधकारी क� शिक्त—(1) सक्षम �ािधकारी, इस अिधिनयम के उपबंध� को कायार्िन्वत करने के
िलए, राजप� म� अिधसूचना �ारा, िनयम बना सके गा ।

1
2019 के अिधिनयम सं० 24 क� धारा 4 �ारा अंत:स्थािपत ।
16

(2) िविशष्टतया और पूवर्गामी शिक्त क� �ापकता पर �ितकू ल �भाव डाले िबना, ऐसे िनयम िनम्निलिखत सभी या �कसी
िवषय के िलए उपबंध कर सक� गे, अथार्त् :—
(i) धारा 4 क� उपधारा (4) के अधीन �सा�रत क� जाने वाली सामि�य� के माध्यम क� लागत या ि�न्ट
लागत मूल्य ;
(ii) धारा 6 क� उपधारा (1) के अधीन संदय
े फ�स ;
(iii) धारा 7 क� उपधारा (1) के अधीन संदय
े फ�स ; और
(iv) कोई अन्य िवषय, जो िविहत �कए जाने के िलए अपेिक्षत हो या िविहत �कया जाए ।
29. िनयम� का रखा जाना—(1) इस अिधिनयम के अधीन के न्�ीय सरकार �ारा बनाया गया �त्येक िनयम, बनाए जाने के
पश्चात्, यथाशी�, संसद् के �त्येक सदन के समक्ष, जब वह ऐसी कु ल तीस �दन क� अविध के िलए स� म� हो, जो एक स� म� अथवा दो या
अिधक आनु�िमक स�� म� पूरी हो सकती है, रखा जाएगा और य�द उस स� के या पूव�� आनु�िमक स�� के ठीक बाद के स� के
अवसान के पूवर् दोन� सदन उस िनयम म� कोई प�रवतर्न करने के िलए सहमत हो जाएं या दोन� सदन इस बात से सहमत हो जाएं �क ऐसा
िनयम नह� बनाया जाना चािहए तो ऐसा िनयम तत्पश्चात्, यथािस्थित, के वल ऐसे उपांत�रत �प म� ही �भावी होगा या उसका कोई
�भाव नह� होगा । तथािप, उस िनयम के ऐसे उपांत�रत या िनष्�भाव होने से उसके अधीन पहले क� गई �कसी बात क� िविधमान्यता
पर �ितकू ल �भाव नह� पड़ेगा ।
(2) इस अिधिनयम के अधीन �कसी राज्य सरकार �ारा बनाया गया �त्येक िनयम अिधसूिचत �कए जाने के पश्चात्, यथाशी�,
राज्य िवधान-मंडल के समक्ष रखा जाएगा ।
30. क�ठनाइय� को दूर करने क� शिक्त—(1) य�द इस अिधिनयम के उपबंध� को �भावी करने म� कोई क�ठनाई उत्पन्न होती
है तो के न्�ीय सरकार, राजप� म� �कािशत आदेश �ारा ऐसे उपबंध बना सके गी, जो इस अिधिनयम के उपबंध� से असंगत न ह�, जो उसे
क�ठनाई को दूर करने िलए आवश्यक और समीचीन �तीत होते ह� :
परन्तु कोई ऐसा आदेश इस अिधिनयम के �ारं भ से दो वषर् क� अविध क� समािप्त के पश्चात् नह� �कया जाएगा ।
(2) इस धारा के अधीन �कया गया �त्येक आदेश, �कए जाने के पश्चात्, यथाशी�, संसद् के �त्येक सदन के समक्ष
रखा जाएगा ।
31. िनरसन—सूचना स्वातं�य अिधिनयम, 2002 (2003 का 5) इसके �ारा िनरिसत �कया जाता है ।
17

पहली अनुसूची
[धारा 13(3) और धारा 16(3) देिखए]

मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त, राज्य
सूचना आयुक्त �ारा ली जाने वाली शपथ या �कए जाने वाले
�ितज्ञान का ��प
“म�, ________________________________________________________ जो मुख्य सूचना आयुक्त/सूचना
आयुक्त/राज्य मुख्य सूचना आयुक्त/राज्य सूचना आयुक्त िनयुक्त �आ �ं, ईश्वर क� शपथ लेता �ं �क म� िविध �ारा स्थािपत भारत
सत्यिनष्ठा से �ितज्ञान करता �ं
के संिवधान के �ित सच्ची ��ा और िनष्ठा रखूंगा, म� भारत क� �भुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा तथा म� सम्यक् �कार से और
��ापूवर्क तथा अपनी पूरी योग्यता, ज्ञान और िववेक से अपने पद के कतर्व्य� का भय या पक्षपात, अनुराग या �ेष के िबना पालन
क�ंगा तथा म� संिवधान और िविधय� क� मयार्दा बनाए रखूंगा ।”।
18

दूसरी अनुसच
ू ी
(धारा 24 देिखए)

के न्�ीय सरकार �ारा स्थािपत आसूचना और सुरक्षा संगठन


1. आसूचना ब्यूरो ।
1
[2. अनुसंधान और िवश्लेषण खंड िजसके अंतगर्त उसका तकनीक� खंड अथार्त् मंि�मंडल सिचवालय का िवमानन अनुसंधान
के न्� भी है ।]
3. राजस्व आसूचना िनदेशालय ।
4. के न्�ीय आ�थर्क आसूचना ब्यूरो ।
5. �वतर्न िनदेशालय ।
6. स्वापक िनयं�ण ब्यूरो ।
7. 2***6

8. िवशेष सीमांत बल ।
9. सीमा सुरक्षा बल ।
10. के न्�ीय आरिक्षत पुिलस बल ।
11. भारत-ितब्बत सीमा बल ।
12. के न्�ीय औ�ोिगक सुरक्षा बल ।
13. राष्�ीय सुरक्षा गाडर् ।
14. असम राइफल्स ।
3
[15. सशस्� सीमा बल ।]
4
[16. आय-कर महािनदेशालय (अन्वेषण) ।]
4
[17. राष्�ीय तकनीक� अनुसंधान संगठन ।]
4
[18. िव�ीय आसूचना यूिनट, भारत ।]
5
[19. िवशेष संरक्षा �ुप ।
20. रक्षा अनुसंधान और िवकास संगठन ।
21. सीमा सड़क िवकास बोडर् ।
6
[22. राष्�ीय सुरक्षा प�रषद् सिचवालय ।]]
7
[23. के न्�ीय अन्वेषण ब्यूरो ।
24. राष्�ीय अन्वेषण अिभकरण ।
25. राष्�ीय आसूचना ि�ड ।]
12
8[26. साम�रक सेना कमान ।]

______

1
अिधसूचना सं० सा० का० िन० 319(अ) तारीख 4-5-2021 �ारा �ितस्थािपत ।
2
अिधसूचना सं० सा० का० िन० 319(अ) तारीख 4-5-2021 �ारा लोप �कया गया ।
3
अिधसूचना सं० सा० का० िन० 347 तारीख 28.9.2005 �ारा �ितस्थािपत ।
4
अिधसूचना सं० सा० का० िन० 235(अ) तारीख 27.3.2008 �ारा �ितस्थािपत ।
5
अिधसूचना सं० सा० का० िन० 347 तारीख 28.9.2005 अंत:स्थािपत ।
6
अिधसूचना सं० सा० का० िन० 726(अ) तारीख 8.10.2008 �ारा जोड़ा गया ।
7
अिधसूचना सं० सा० का० िन० 442(अ) तारीख 9.6.2011 �ारा जोड़ा गया ।
8
अिधसूचना सं०सा० का० िन० 673(अ) तारीख 8.7.2016 �ारा अंत:स्थािपत ।
19

You might also like