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म हलाओं का काय थल

पर ल गक उ पीड़न ( नवारण, तषेध और ततोष)अ ध नयम,2013


(2013 का अ ध नयम सं यांक 14)
[22 अ ल
ै , 2013]
म हलाओं के काय थल
पर ल गक उ पीड़न से संर ण औरल गक उ पीड़न के प रवाद के
नवारण तथा ततोषण और उससे संबं धत या उसके आनष
ु ं गक वषय का उपबंध कर
ने के लए अ ध नयम
ल गक उ पीड़न के प रणाम व प भारत के सं वधान के अनु छे द 14 और
अनु छे द 15 के अधीन समता तथा सं वधान के अनु छे द 21 के अधीन ाण और
ग रमा से जीवन यतीत करने के कसी म हला के मल
ू अ धकार और कसी
विृ त का यवसाय करने या कोई उपजी वका, यापार या कारबार करने के
अ धकार का, िजसके अंतगत ल गक उ पीड़न से मु त सरु त वातावरण का
अ धकार भी है, उ लंघन होता है ;
और, ल गक उ पीड़न से संर ण तथा ग रमा से काय करने का अ धकार, म हलाओं
के त सभी कार के वभेद को दरू करने संबंधी अ भसमय जैसे अंतररा य
अ भसमय और लखत वारा सव यापी मा यता ा त ऐसे मानवा धकार ह,
िजनका भारत सरकार वारा 25 जन
ू , 1993 को अनस
ु मथन कया गया है;
और, काय थल पर ल गक उ पीड़न से म हलाओं के संर ण के लए उ त
अ भसमय को भावी करने के लए उपबंध करना समीचीन है ।
भारत गणरा य के च सठव वष म संसद वारा न न ल खत प म यह
अ ध नय मत हो :
अ याय 1
ारं भक
1.सं त नाम, व तार और ारं भ– (1) इस अ ध नयम का सं त नाम म हलाओं
का काय थल पर ल गक उ पीड़न ( नबारण, तषेध और ततोष) अ ध नयम,
2013 है ।
(2) इसका व तार संपण
ू भारत पर है ।
(3) यह उस तार ख को व ृ त होगा, जो के य सरकार, राजप म अ धसच
ू ना
वारा, नयत करे ।

2. प रभाषाएं -इस अ ध नयम म, जब तक क संदभ से अ यथा अपे त न हो,


(क) “ य थत म हला से न न ल खत अ भ ेत है,
(i) कसी काय थल के संबंध म, कसी भी आयु क ऐसी म हला, चाहे नयोिजत है
या नह ,ं जो यथ वारा ल गक उ पीड़न के कसी काय के करने का अ भकथन
करती है ।
(ii) कसी नवास थान या गह
ृ के संबध
ं म, कसी भी आयु क ऐसी म हला, जो
ऐसे कसी नवास थान या गह
ृ म नयोिजत है;
(ख) “समु चत सरकार” से न न ल खत अ भ ेत है,
(i) ऐसे काय थल के संबध
ं म, जो,
(अ) के य सरकार या संघ रा य े शासन वारा था पत, उसके
वा म वाधीन, नयं णाधीन या य त: या अ य त: उपल ध कराई गई
न धय वारा पण
ू त: या भागत: व तपो षत है, के य सरकार;
(आ) रा य सरकार वारा था पत, उसके वा म वाधीन, नयं णाधीन या य त:
या अ य त: उपल ध कराई गई न धय वारा पण
ू त: या भागत: व तपो षत है,
रा य सरकार;
(ii) उपखंड (i) के अंतगत न आने वाले और उसके रा य े के भीतर आने वाले
कसी काय थल के संबंध म, रा य सरकारः
(ग) “अ य से धारा 7 क उपधारा (1) के अधीन नाम न द ट थानीय प रवाद
स म त का अ य अ भ ेत है;
(घ) िजला अ धकार से धारा 5 के अधीन अ धसू चत कोई अ धकार अ भ ेत है;
(ङ) “घरे लु कमकार से ऐसी कोई म हला अ भ ेत है जो कसी गह
ृ थी म
पा र मक के लए गह
ृ थी का काय करने के लए, चाहे नकद या व तु प म, या
तो सीधे या कसी अ भकरण के मा यम से अ थायी, थायी, अंशका लक या
ू का लक आधार पर नयोिजत है कंतु इसके अंतगत नयोजक के कुटुंब का
पण
कोई सद य नह ं है;
(च) कमचार ” से ऐसा कोई यि त अ भ त
े है, जो कसी काय थल पर कसी काय
के लए या तो सीधे या कसी अ भकता के मा यम से, िजसके अंतगत कोई
ठे केदार भी है, धान नयोजक क जानकार से या उसके बना, नय मत, अ थायी,
तदथ या दै नक मजदरू के आधार पर, चाहे पा र मक पर या उसके बना,
नयोिजत है या वैि छक आधार पर या अ यथा काय कर रहा है , चाहे नयोजन
के नबंधन अ भ य त या वव त ह या नह ं और इसके अंतगत कोई
सहकमकार, कोई सं वदा कमकार, प रवी ाधीन, श ु, श ु या ऐसे कसी अ य
नाम से ात कोई यि त भी है;
(छ) “ नयोजक” से न न ल खत अ भ ेत है,
(i) समु चत सरकार या कसी थानीय ा धकरण के कसी वभाग, संगठन, उप म,
थापन, उ यम, सं था, कायालय, शाखा या यू नट के संबध
ं म, उस वभाग, संगठन,
उप म, थापन, उ यम, सं था, कायालय, शाखा या यू नट का धान या ऐसा अ य
अ धकार जो, यथाि थ त, समु चत सरकार या थानीय ा धकरण वारा इस
न म त आदे श वारा व न द ट कया जाए;
(ii) उपखंड (i) के अंतगत न आने वाले कसी काय थल के संबध
ं म, काय थल के
बंध, पयवे ण और नयं ण के लए उ तरदायी कोई यि त ।
प ट करण—इस उपखंड के योजन के लए, “ बंध” के अंतगत ऐसे संगठन के
लए नी तय क व न म त और शासन के लए उ तरदायी यि त या बोई या
स म त भी है ;
(iii) उपखंड (i) और उपखंड (ii) के अंतगत आने वाले काय थल के संबंध म, अपने
कमचा रय के संबंध म सं वदा मक बा यताओं का नवहन करने वाला यि त;
(iv) कसी नवास थान या गह
ृ के संबध
ं म, ऐसा कोई यि त या गह
ृ थी, जो ऐसे
नयोिजत कमकार क सं या, समयाव ध या कार या नयोजन क कृ त या
घरे लु कमकार वारा न पा दत कायकलाप का वचार कए बना, घरे लू कमकार
को नयोिजत करता है या उसके नयोजन से फायदा ा त करता है;
(ज) “आंत रक स म त” से धारा 4 के अधीन ग ठत आंत रक प रवाद स म त
अ भ ेत है;
(छ) “ थानीय स म त” से धारा 6 के अधीन ग ठत थानीय प रवाद स म त
अ भ ेत है;
(ञ) “सद य से, यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त का कोई सद य
अ भ ेत है;
(ट) “ व हत से इस अ ध नयम के अधीन बनाए गए नयम वारा व हत अ भ ेत
है ।
(ठ) “पीठासीन अ धकार ” से धारा 4 क उपधारा (2) के अधीन नाम न द ट कया
गया आंत रक प रवाद स म त का पीठासीन अ धकार अ भ ेत है;
(ड) “ यथ ” से ऐसा यि त अ भ ेत है िजसके व य थत म हला ने धारा 9
के अधीन कोई प रवाद कया है;
(ढ) “ल गक उ पीड़न के अ तगत न न ल खत कोई एक या अ धक अवांछनीय
काय या यवहार चाहे य प से या बब त प से ह, अथात ् :
(i) शार रक संपक और अ गमन; या
(ii) ल गक अनक
ु ू लता क मांग या अनुरोध करना; या
(ii) ल गक अ यु त ट प णयां करना; या
(iv) अ ल ल सा ह य दखाना; या
(v) ल गक कृ त का कोई अ य अवांछनीय शार रक, मौ खक या अमौ खक
आचरण करना;
(ण) “काय थल के अंतगत न न ल खत भी ह
(i) ऐसा कोई वभाग, संगठन, उप म, थापन, उ यम, सं था, कायालय, शाखा या
यू नट, जो समु चत सरकार या थानीय ा धकरण या कसी सरकार क पनी या
नगम या सहकार सोसाइट वारा था पत, उसके वा म वाधीन, नयं णाधीन या
पण
ू त: या सारत:, उसके वारा य त: या अ य त: उपल ध कराई गई न धय
वारा व तपो षत क जाती है ;
(ii) कोई ाइवेट से टर संगठन या कसी ाइवेट उ यम, उप म, उ यम, सं था,
थापन, सोसाइट , यास, गैर-सरकार संगठन, यू नट या सेवा दाता, जो वा णि यक,
विृ तक, यावसा यक, शै क, मनोरं जक, औ यो गक, वा य सेवाएं या व तीय
याकलाप करता है, िजनके अंतगत उ पादन, दाता, व य, वतरण या सेवा भी
है ।
(iii) अ पताल या प रचया गह
ृ ;
(iv) श ण, खेलकूद या उनसे संबं धत अ य याकलाप के लए यु त, कोई
खेलकूद सं थान, टे डयम, खेलकूद े या त पधा या ड़ा का थान, चाहे
आवासीय है या नह ;ं
(v) नयोजन से उ तू या उसके म के दौरान कमचार वारा प रद शत कोई
थान िजसके अंतगत ऐसी या ा करने के लए नयोजक वारा उपल ध कराया
गया प रवहन भी है ;
(vi) कोई नवास थान या कोई गह
ृ ;
(त) कसी काय थल के संबंध म, असंग ठत से टर से ऐसा कोई उ यम अ भ त

है , जो यि टय या व नयोिजत कमकार के वा म वाधीन है और कसी कार के
माल के उ पादन या व य अथवा सेवा दान करने म लगा हुआ है और जहां
उ यम, कमकार को नयोिजत करता है, वहां ऐसे कमकार क सं या दस से
अ यन
ू है।

3. ल गक उ पीड़न का नवारण—(1) कसी भी म हला का कसी काय थल पर


ल गक उ पीड़न नह ं कया जाएगा।
(2) अ य प रि थ तय म न न ल खत प रि थ तयां, य द वे ल गक उ पीड़न के
कसी काय या आचरण के संबंध म होती ह या व यमान ह या उससे संब ह,
ल गक उ पीड़न क को ट म आ सकगी :
(i) उसके नयोजन म अ धमानी यवहार का वव त या सु प ट वचन दे ना; या
(ii) उसके नयोजन म अ हतकर यवहार क वव त या सु प ट धमक दे ना; या
(iii) उसके वतमान या भावी नयोजन क ाि थ त के बारे म वव त या सु प ट
धमक दे ना; या
(iv) उसके काय म ह त ेप करना या उसके लए अ भ ासमय या संतापकार या
तकूल काय बाताबरण सिृ जत करना या
(v) उसके वा य या सरु ा को भा वत करने क संभावना वाला अपमानजनक
यवहार करना।
अ याय 2
आंत रक प रवाद स म त का गठन

4. आंत रक प रवाद स म त का गठन–(1) कसी काय थल का येक नयोजक,


ल खत आदे श वारा, “आंत रक प रबाद स म त” नामक एक स म त का
गठन करे गा:
परं तु जहाँ काय थल के कायालय या शास नक यू नट, भ न- भ न थान या
खंड या उपखंड तर पर अबि थत ह, वहां आंत रक स म त सभी शास नक
यू नट या कायालय म ग ठत क जाएगी।
(2) आंत रक स म त, नयोजक वारा नाम नद शत कए जाने वाले न न ल खत
सद य से मलकर बनेगी, अथात ् :
(क) एक पीठासीन अ धकार , जो कमचा रय म से काय थल पर ये ठ तर पर
नयोिजत म हला होगी:
परं तु कसी ये ठ तर क म हला कमचार के उपल ध नह ं होने क दशा म,
पीठासीन अ धकार , उपधारा (1) म न द ट काय थल के अ य कायालय या
शास नक यू नट से नाम नद शत कया जाएगा:
परं तु यह और क काय थल के अ य कायालय या शास नक यु नट म ये ठ
तर क म हला कमचार नह ं होने क दशा म, पीठासीन अ धकार , उसी नयोजक
या अ य वभाग या संगठन के कसी अ य काय थल से नाम न द ट कया
जाएगा:
(ख) कमचा रय म से दो से अ यन
ू ऐसे सद य, जो म हलाओं क सम याओं के
त अ धमानी प से तब ह या िजनके पास सामािजक काय म अनुभव है या
व धक ान है;
(ग) गैर-सरकार संगठन या संगम म से ऐसा एक सद य जो म हलाओं क
सम याओं के त तब है या ऐसा कोई यि त, जो ल गक उ पीड़न से
संबं धत मु से सप
ु र चत है :
परं तु इस कार नाम नद शत कुल सद य म से कम से कम आधे सद य
म हलाएं ह गी।
(3) आंत रक स म त का पीठासीन अ धकार और येक सद य अपने नाम नदशन
क तार ख से तीन वष से अन धक क ऐसी अब ध के लए पद धारण करे गा, जो
नयोजक वारा व न द ट क जाए।
(4) गैर-सरकार संगठन या संगम म से नयु त कए गए सद य को आंत रक
स म त क कायवा हयां करने के लए नयोजक वारा ऐसी फ स या भ ते, जो
व हत कए जाएं, सदं त कए जाएंगे।
(5) जहां आंत रक स म त का पीठासीन अ धकार या कोई सद य,
(क) धारा 16 के उपबंध का उ लंघन करता है; या
(ख) कसी अपराध के लए स दोष ठहराया गया है या उसके व त समय
व ृ त कसी व ध के अधीन कसी अपराध क कोई जांच लं बत है; या
(ग) क ह ं अनुशास नक कायवा हय म दोषी पाया गया है या उसके व कोई
अनुशास नक कायवाह लं बत है, या
(घ) अपनी है सयत का इस कार द ु पयोग करता है, िजससे उसका पद पर बने
रहना लोक हत पर तकूल भाव डालने वाला हो गया है ,
वहां, यथाि थ त, ऐसे पीठासीन अ धकार या सद य को स म त से हटा दया
जाएगा और इस कार सिु जत रि त या कसी अ य आकि मक रि त को इस
धारा के उपबंध के अनुसार नए नाम नदशन वारा भरा जाएगा।
अ याय 3
थानीय प रवाद स म त का गठन

5. िजला अ धकार क अ धसच


ू ना– समु चत सरकार, इस अ ध नयम के अधीन
शि तय का योग करने या कृ य का नवहन करने के लए कसी िजला
मिज े ट या अपर िजला मिज े ट या कल टर या उप कल टर को येक
िजले के लए िजलाअ धकार के प म अ धसू चत कर सकेगी।

6. थानीय प रवाद स म त का गठन और उसक अ धका रता– (1) येक िजला


अ धकार , संबं धत िजले म, ऐसे थापन से जहां दस से कम कमकार होने
के कारण आंत रक प रबाद स म त ग ठत नह ं क गई है या य द प रबाद
वयं नयोजक के व है, वहां ल गक उ पीड़न के प रवाद हण करने के
लए “ थानीय प रवाद स म त” नामक एक स म त का गठन करे गा।
(2) िजला अ धकार , ामीण या जनजातीय े म येक लॉक, ता लक
ु ा और
तहसील म और शहर े म बाई या नगरपा लका म प रबाद हण करने के लए
और सात दन क अव ध के भीतर उसको संबं धत थानीय प रबाद स म त को
भेजने के लए एक नोडल अ धकार को पदा भ हत करे गा।
(3) थानीय प रबाद स म त क अ धका रता का व तार िजले के उन े पर
होगा, जहां बह ग ठत क गई है ।

7. थानीय प रवाद स म त क संरचना, सेवा त और अ य नबंधन तथा शत –


(1) थानीय प रवाद स म त, िजला अ धकार वारा नाम नद शत कए जाने
वाले न न ल खत सद य से मलकर बनेगी, अथात ् :
(क) अ य , जो सामािजक काय के े म यात और म हलाओं क सम याओं
के त तब म हलाओं म से नाम न द ट क जाएगी;
(ख) एक सद य, जो िजले म लॉक, ता लक
ु ा या तहसील या बाई या नगरपा लका
म कायरत म हलाओं म से नाम न द ट क जाएगी;
(ग) दो सद य, िजनम से कम से कम एक म हला होगी, जो म हलाओं क
सम याओं के त तब ऐसे गैर-सरकार संगठन या संगम म से या ऐसा
यि त, जो ल गक उ पीड़न से संबं धत ऐसे मु से सप
ु र चत हो जो व हत कए
जाएं, नाम न द ट कए जाएंगे :
परं तु कम से कम एक नाम नद शती के पास, अ धमानी प से व ध क प ृ ठभू म
या व धक ान होना चा हए :
परं तु यह और क कम से कम एक नाम नद शती, अनुसू चत जा तय या
अनुसू चत जनजा तय या अ य पछड़े वग या क य सरकार वारा समय-समय
पर अ धसू चत अ पसं यक समद
ु ाय क म हला होगी;
(घ) िजले म सामािजक क याण या म हला और बाल वकास से संबं धत संब
अ धकार , सद य पदे न होगा।
(2) थानीय स म त का अ य और येक सद य, अपनी नयुि त क तार ख से
तीन वष से अन धक क ऐसी अव ध के लए पद धारण करे गा, जो िजला
अ धकार वारा व न द ट क जाए।
(3) जहां थानीय प रवाद स म त का अ य या कोई सद य,
(क) धारा 16 के उपबंध का उ लंघन करता है; या
(ख) कसी अपराध के लए दोष स ठहराया गया है या उसके ब त समय
व ृ त कसी ब ध के अधीन कसी अपराध क कोई जांच लं बत है; या
(ग) क ह ं अनुशास नक कायवा हय म दोषी पाया गया है या उसके ब कोई
अनुशास नक कायबाह लं बत है; या
(घ) अपनी है सयत का इस कार द ु पयोग करता है, िजससे उसका अपने पद पर
बने रहना लोक हत पर तकूल भाव डालने वाला हो गया है ,
वहां, यथाि थ त, ऐसे अ य या सद य को स म त से हटा दया जाएगा और इस
कार सिृ जत रि त या कसी आकि मक रि त को इस धारा के उपबंध के
अनुसार नए नाम नदशन से भरा जाएगा।
(4) थानीय स म त का अ य और उपधारा (1) के खंड (ख) और खंड (घ) के
अधीन नाम न द ट सद य से भ न सद य थानीय स म त क कायवा हयां
करने के लए ऐसी फ स या भ त के लए, जो व हत कए जाएं, हकदार ह गे।

8. अनुदान और संपर ा– (1) क य सरकार, संस वारा इस न म त व ध


वारा कए गए स यक् व नयोग के प चात ् रा य सरकार को धारा 7 क
उपधारा (4) म न द ट फ स या भ त के संदाय के लए उपयोग कए जाने
के लए ऐसी धनरा शय के, जो क य सरकार ठ क समझे, अनद
ु ान दे
सकेगी।
(2) रा य सरकार, एक अ भकरण क थापना कर सकेगी और उस अ भकरण को
उपधारा (1) के अधीन कए गए अनद
ु ान अंत रत कर सकेगी।
(3) अ भकरण, िजला अ धकार को ऐसी रा शय का, जो धारा 7 क उपधारा (4) म
न द ट फ स या भ त के संदाय के लए अपे त ह , संदाय करे गा।
(4) उपधारा (2) म न द ट अ भकरण के लेखाओं को ऐसी र त से रखा और
संपर त कया जाएगा, जो रा य के महालेखाकार के परामश से व हत क जाए
और अ भकरण के लेखाओं को अ भर ा म रखने वाला यि त, ऐसी तार ख से
पव
ू , जो व हत क जाए, रा य सरकार को लेखाओं क संपर त त, उस पर
संपर क क रपोट के साथ तुत करे गा।

अ याय 4
प रवाद

9.ल गक उ पीड़न का प रवाद—(1) कोई य थत म हला, काय थल पर ल गक


उ पीड़न का प रवाद, घटना क तार ख से तीन मास क अव ध के भीतर और
ंख
ृ लाब घटनाओं क दशा म अं तम घटना क तार ख से तीन मास क अव ध
के भीतर, ल खत म, आंत रक स म त को, य द इस कार ग ठत क गई है या
य द इस कार ग ठत नह ं क गई है तो थानीय स म त को कर सकेगी:
परं तु जहां ऐसा प रवाद, ल खत म नह ं कया जा सकता है वहां, यथाि थ त,
आंत रक स म त का पीठासीन अ धकार या थानीय स म त का अ य या कोई
सद य, म हला को ल खत म प रवाद करने के लए सभी यिु तयु त सहायता
दान करे गा:
परं तु यह और क, यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त, लेखब कए
जाने वाले कारण से तीन मास से अन धक क समय-सीमा को व ता रत कर
सकेगी, य द उसका यह समाधान हो जाता है क प रि थ तयां ऐसी थीं, िजसने
म हला को उ त अव ध के भीतर प रवाद फाइल करने से नवा रत कया था ।
(2) जहां य थत म हला, अपनी शार रक या मान सक असमथता या म ृ यु के
कारण या अ यथा प रवाद करने म असमथ है वहां उसका व धक बा रस या ऐसा
अ य यि त जो व हत कया जाए, इस धारा के अधीन प रवाद कर सकेगा।

10. सुलह- (1) यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त, धारा 11


के अधीन जांच आरं भ करने से पव
ू और य थत म हला के अनरु ोध पर,
सल
ु ह के मा यम से उसके और यथ के बीच मामले को नपटाने के
उपाय कर सकेगी:
परं तु कोई धनीय समझौता, सल
ु ह के आधार के प म नह ं कया जाएगा।
(2) जहां उपधारा (1) के अधीन कोई समझौता हो गया है , वहां, यथाि थ त, आंत रक
स म त या थानीय स म त, इस कार कए गए समझौते को अ भ ल खत करे गी
और उसको नयोजक या िजला अ धकार को ऐसी कारवाई, जो सफा रश म
व न द ट क जाए, करने के लए भेजेगी।
(3) यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त, उपधारा (2) के अधीन
अ भ ल खत कए गए समझौते क तयां य थत म हला और यथ को
उपल ध कराएगी।
(4) जहां उपधारा (1) के अधीन कोई समाधान हो जाता है , वहां, यथाि थ त, आंत रक
स म त या थानीय स म त वारा कोई और जांच नह ं क जाएगी।
11. प रवाद क जांच– (1) धारा 10 के उपबंध के अधीन रहते हए,
यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त, जहां यथ कोई कमचार
है , वहां यथ को लागू सेवा नयम के उपबंध के अनुसार और जहां ऐसे
कोई नयम व यमान नह ं ह, वहां ऐसी र त से, जो व हत क जाए, प रवाद
क जांच करने क कायवाह करे गी या कसी घरे ल कमकार क दशा म,
थानीय स म त, य द थम या मामला ब यमान है, तो भारतीय दं ड
सं हता (1860 का 45) क धारा 509 और जहां लागू हो, बहां उ त सं हता के
क ह ं अ य सस
ु ंगत उपबंध के अधीन मामला रिज टर करने के लए सात
दन क अव ध के भीतर पु लस को प रवाद भेजेगी:
परं तु जहां य थत म हला, यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त को
यह सू चत करती है क धारा 10 क उपधारा (2) के अधीन कए गए समझौते के
कसी नबंधन या शत का यथ वारा अनप
ु ालन नह ं कया गया है , वहां
आंत रक स म त या थानीय स म त, यथाि थ त, प रवाद क जांच करने के लए
कायवाह करे गी या पु लस को प रवाद भेजेगी :
परं तु यह और क जहां दोन प कार कमचार ह, वहां प कार को, जांच के
अनु म के दौरान, सन
ु बाई का अवसर दया जाएगा और न कष क त दोन
प कार को, स म त के सम न कष के व अ यावेदन करने म उनको समथ
बनाने के लए उपल ध कराई जाएगी।
(2) भारतीय दं ड सं हता (1860 का 45) क धारा 509 म कसी बात के होते हुए भी,
यायालय, जब यथ को अपराध का स दोष ठहराया जाता है , तब धारा 15 के
उपबंध को यान म रखते हुए, यथ वारा य थत म हला को ऐसी रा श के
संदाय का,
जो बह समु चत समझे, आदे श कर सकेगा।
(3) उपधारा (1) के अधीन जांच करने के योजन के लए, यथाि थ त, आंत रक
स म त या थानीय स म त को वह शि तयां ह गी, जो न न ल खत मामल के
संबध
ं म कसी वाद का वचारण करते समय स वल या सं हता, 1908 (1908
का 5) के अधीन कसी स बल यायालय म न हत ह, अथात ् :
(क) कसी यि त को समन करना और उसको हािजर कराना तथा उसक शपथ
पर पर ा करना;
(ख) क ह ं द ताबेज के कट करण और पेश कए जाने क अपे ा करना;
(ग) ऐसा कोई अ य वषय, जो व हत कया जाए।
(4) उपधारा (1) के अधीन जांच, न बे दन क अव ध के भीतर परू क जाएगी।
अ याय 5
प रवाद क जांच

12. जांच लं बत रहने के दौरान कारवाई – (1) जांच लं बत रहने के दौरान,


य थत म हला वारा कए गए ल खत अनरु ोध पर, यथाि थ त, आंत रक
स म त या थानीय स म त, नयोजक को न न ल खत सफा रश कर
सकेगी,
(क) य थत म हला या यथ का कसी अ य काय थल पर थाना तरण करना;
या
(ख) य थत म हला को तीन मास तक क अव ध क छु ी अनुदान करना; या
(ग) य थत म हला को ऐसी अ य राहत, जो व हत क जाए दान करना ।
(2) इस धारा के अधीन य थत म हला को अनद
ु त छु ी ऐसी छु ी के अ त र त
होगी, िजसके लए वह अ यथा हकदार होगी।
(3) उपधारा (1) के अधीन, यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त क
सफा रश पर, नयोजक, उपधारा (1) के अधीन क गई सफा रश को कायाि वत
करे गा और ऐसे काया वयन क रपोट, यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय
स म त को भेजेगा।

13. जांच रपोट- (1) इस अ ध नयम के अधीन जांच के परू ा होने पर,
यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त अपने न कष क एक
रपोट, यथाि थ त, नयोजक या िजला अ धकार को जांच के परू ा होने क
तार ख से दस दन क अव ध के भीतर उपल ध कराएगी और ऐसी रपोट
संबं धत प कार को उपल ध कराई जाएगी।
(2) जहां, यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त इस न कष पर पहं चती
है क यथ के व अ भकथन सा बत नह ं कया गया है वहां, वह, नयोजक
और िजला अ धकार को यह सफा रश करे गी क मामले म कसी कारवाई का
कया जाना अपे त नह ं है।
(3)जहां, यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त इस न कष पर पहुंचती
है क यथ के व अ भकथन सा बत हो गया है , वहां, वह, यथाि थ त,
नयोजक या िजला अ धकार से न न ल खत के लए सफा रश करे गी,
(i) यथ को लागू सेवा नयम के उपबंध के अनुसार कदाचार के प म या
जहां, ऐसे सेवा नयम नह ं बनाए गए ह, वहां ऐसी र त से, जो व हत क जाए,
ल गक उ पीड़न के लए कारवाई करने,
(ii) यथ को लागू सेवा नयम म कसी बात के होते हए भी, यथ के बेतन
या मजदरू से य थत म हला को या उसके व धक वा रस को संद त क जाने
वाल ऐसी रा श क जो वह समु चत समझे, कटौती करने, जो धारा 15 के उपबंध
के अनस
ु ार वह अवधा रत करे :
परं तु य द नयोजक यथ के कत य से अनप
ु ि थत रहने या नयोजन के
समा त हो जाने के कारण उसके वेतन से ऐसी कटौती करने म असमथ है तो वह
यथ को, य थत म हला को ऐसी रा श का संदाय करने का नदे श दे सकेगा :
परं तु यह और क य द यथ , खंड (ii) म न द ट रा श का संदाय करने म
असफल रहता है तो, यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त, संबं धत
िजला अ धकार को भ-ू राज व के बकाया के प म रा श क वसल
ू के लए
आदे श अ े षत कर सकेगी।
(4) नयोजक या िजला अ धकार , उसके वारा सफा रश क ाि त के साठ दन के
भीतर उस पर कारवाई करे गा।
14. म या या वेषपण
ू प रवाद और म या सा य के लए दं ड -(1) जहां,
यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त इस न कष पर पहुंचती है
क यथ के व अ भकथन वेषपण
ू है या य थत म हला या प रबाद
करने वाले कसी अ य यि त ने प रवाद को म या जानते हुए कया है
या य थत म हला या प रवाद करने वाले कसी अ य यि त ने कोई
कूटर चत या ामक द तावेज पेश कया है तो वह, यथाि थ त, नयोजक या
िजला अ धकार को ऐसी म हला या यि त के व िजसने, यथाि थ त,
धारा 9 क उपधारा (1) या उपधारा (2) के अधीन प रवाद कया है, उसको
लागु सेवा नयम के उपबंध के अनस
ु ार या जहां ऐसे सेवा नयम व यमान
नह ं ह, वहां, ऐसी र त से, जो व हत क जाए, कारवाई करने क सफा रश
कर सकेगी:
परं तु कसी प रबाद को स करने या पया त सबत
ू उपल ध कराने म केबल
असमथता, इस धारा के अधीन प रबाद के ब कारवाई आक षत नह ं करे गी :
परं तु यह और क कसी कारवाई क सफा रश कए जाने से पव
ू , व हत या के
अनुसार कोई जांच करने के प चात ् प रबाद क ओर से वेषपण
ू आशय स
कया जाएगा।
(2) जहां, यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त इस न कष पर पहं चती
है क जांच के दौरान कसी सा ी ने म या सा य दया है या कोई कूटर चत या
ामक द तावेज दया है, वहां वह, यथाि थ त, सा ी के नयोजक या िजला
अ धकार को, उ त सा ी को लागू सेवा नयम के उपबंध के अनस
ु ार या जहां
ऐसे सेवा नयम व यमान नह ं ह, वहां ऐसी र त से, जो व हत क जाए, कारवाई
करने क सफा रश कर सकेगी।

15. तकर का अवधारण– धारा 13 क उपधारा (3) के खंड (ii) के अधीन


य थत म हला को संद त क जाने वाल रा शय का अवधारण करने के
योजन के लए, यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त
न न ल खत को यान म रखेगी,
(क) य थत म हला को का रत हुए मान सक आघात, पीड़ा, यातना और भावा मक
क ट;
(ख) ल गक उ पीड़न क घटना के कारण बिृ त के अबसर क हा न;
(ग) पी ड़त वारा शार रक या मनि च क सीय उपचार के लए उपगत च क सा
यय;
घ) यथ क आय और व तीय है सयत
(ङ) एकमु त या क त म ऐसे संदाय क सा यता।

16. प रवाद क अंतव तओ


ु ं और जांच कायवा हय के काशन या सावज न

क करने का तषेध– सच
ू ना का अ धकार अ ध नयम, 2005 (2005 का 22) म
कसी बात के होते हुए भी, धारा 9 के अधीन कए गए प रवाद क
अंतव तओ
ु ,ं य थत म हला, यथ और सा य क पहचान और पते, सल ु ह
और जांच कायवा हय से संबं धत कसी जानकार , यथाि थ त, आंत रक
स म त या थानीय स म त क सफा रश तथा इस अ ध नयम के उपबंध
के अधीन नयोजक या िजला अ धकार वारा क गई कारवाई को, कसी भी
र त से, का शत, ेस और मी डया को संसू चत या सावज नक नह ं कया
जाएगा :
परं तु इस अ ध नयम के अधीन ल गक उ पीड़न क कसी पी ड़त को सु नि चत
याय के संबंध म जानकार का, य थत म हला और सा य के नाम, पते या
पहचान या उनक पहचान को कि पत करने वाल क ह ं अ य व शि टय को
कट कए बना, सार कया जा सकेगा।

17. प रवाद क अंतव तओ


ु ं और जांच कायवा हय के काशन या
सावज नक करने के लए शि त–जहां कोई यि त, िजसको इस अ ध नयम
के उपबंध के अधीन प रवाद, जांच या क ह ं सफा रश या क जाने वाल
कारवाई का संचालन करने या
उस पर कायवाह करने का कत य स पा गया है, धारा 16 के उपबंध का उ लंघन
करे गा, वहां वह उ त यि त को लागू सेवा नयम के उपबंध के अनस
ु ार या जहां
ऐसे सेवा नयम व यमान नह ं ह, वहां, ऐसी र त से, जो व हत क जाए, शाि त
के लए दायी होगा।

18. अपील– (1) धारा 13 क उपधारा (2) के अधीन या धारा 13 क उपधारा


(3) के खंड (i) या खंड (ii) या धारा 14 क उपधारा (1) या उपधारा (2) या
धारा 17 के अधीन क गई सफा रश या ऐसी सफा रश को कायाि वत न
कए जाने से य थत कोई यि त, उ त यि त को लागू सेवा नयम के
उपबंध के अनस
ु ार यायालय या अ धकरण को अपील कर सकेगा या जहां
ऐसे सेवा नयम व यमान नह ं ह, वहां त समय व ृ त कसी अ य व ध
के उपबंध पर तकूल भाव डाले बना, य थत यि त ऐसी र त से, जो
व हत क जाए, अपील कर सकेगा।
(2) उपधारा (1) के अधीन अपील, सफा रश के न बे दन क अव ध के भीतर क
जाएगी।
अ याय 6
नयोजक के कत य

19. नयोजक के कत य– येक नयोजक,


(क) काय थल पर सरु त काय बाताबरण उपल ध कराएगा, िजसके अंतगत
काय थल पर संपक म आने बाले यि तय से सरु ा भी है ;
(ख) ल गक उ पीड़न के शाि तक प रणाम; और धारा 4 क उपधारा (1) के अधीन
आंत रक स म त का गठन करने बाले आदे श को काय थल म कसी सहज य
थान पर द शत करे गा;
(ग) अ ध नयम के उपबंध से कमचा रय को सु ाह बनाने के लए नय मत
अंतराल पर कायशालाएं और जानकार काय म और आंत रक स म त के सद य
के लए अ भ व यास काय म, ऐसी र त से, जो व हत क जाए, आयोिजत करे गा;
(घ) यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त को प रवाद पर कायवाह
करने और जांच का संचालन करने के लए आव यक सु वधाएं उपल ध कराएगा;
(ङ) यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त के सम यथ और
सा य क हािजर सु नि चत करने म सहायता करे गा;
(च) यथाि थ त, आंत रक स म त या थानीय स म त को ऐसी जानकार उपल ध
कराएगा, जो धारा 9 क उपधारा (1) के अधीन कए गए प रवाद को यान म रखते
हुए अपे त हो;
(छ) म हला को, य द वह भारतीय दं ड सं हता (1860 का 45) या त समय बृ त
कसी अ य ब ध के अधीन अपराध के संबंध म कोई प रवाद फाइल करना, चयन
करती है , सहायता दान करे गा;
(ज) ऐसे काय थल म, िजसम ल गक उ पीड़न क घटना हुई थी, अपराधकता के
व या य द य थत म हला ऐसी वांछा करती है , जहां अपराधकता कोई कमचार
नह ं है, भारतीय दं ड सं हता (1860 का 45) या त समय व ृ त कसी अ य व ध
के अधीन कारवाई आरं भ करवाएगा;
(झ) ल गक उ पीड़न को सेवा नयम के अधीन कदाचार मानेगा और ऐसे कदाचार
के लए कारवाई आरं भ करे गा; (अ) आंत रक स म त वारा रपोट को समय पर
तुत कए जाने को मा नटर करे गा।

अ याय 7
िजला अ धकार के कत य और शि तयां

20. िजला अ धकार के कत य और शि तयां– िजला अ धकार ,


(क) थानीय स म त वारा द गई रपोट को समय से तुत कए जाने को
मा नटर करे गा;
(ख) ऐसे उपाय करे गा, जो ल गक उ पीड़न और म हलाओं के अ धकार के संबध
ं म
जानकार सिृ जत करने के लए गैर-सरकार संगठन को लगाने के लए आव यक
ह।

अ याय 8
कण

21. स म त वारा वा षक रपोट तुत कया जाना—(1) यथाि थ त,


आंत रक स म त या थानीय स म त, येक कलडर वष म, ऐसे प म
और ऐसे समय पर, जो व हत कया जाए एक वा षक रपोट तैयार करे गी
और उसको नयोजक तथा िजलाअ धकार को तुत करे गी।
(2) िजला अ धकार , उपधारा (1) के अधीन ा त वा षक रपोट पर एक सं त
रपोट रा य सरकार को भेजेगा।

22. नयोजक वारा वा षक रपोट म जानकार का सि म लत कया जाना


— नयोजक, अपनी रपोट म फाइल कए गए मामल , य द कोई ह , और
अपने संगठन क वा षक रपोट म इस अ ध नयम के अधीन उनके नपटारे
क सं या को सि म लत करे गा या जहां ऐसी रपोट तैयार कए जाने क
अपे ा नह ं क गई है, वहां ऐसे मामल क सं या, य द कोई हो, िजला
अ धकार को सु चत करे गा।

23. समु चत सरकार वारा काया वयन क मा नटर और आंकड़े रखा जाना
— समु चत सरकार इस अ ध नयम के काया वयन क मा नटर करे गी और
काय थल पर ल गक उ पीड़न के फाइल कए गए और नपटाए गए सभी
मामल क सं या से संबं धत आंकड़े रखेगी।
24. समु चत

सरकार वारा अ ध नयम के चार के लए उपाय कया जाना— समु चत


सरकार, व तीय और अ य संसाधन क उपल धता के अधीन रहते हुए :
(क) काय थल पर म हलाओं के ल गक उ पीड़न से संर ण के लए उपबंध करने
बाले इस अ ध नयम के उपबंध के बारे म जनता क समझ बढ़ाने के लए
सस
ु ंगत सच
ू ना, श ा, संसच
ू ना और श ण साम यां वक सत कर सकेगी और
जानकार काय म आयोिजत कर सकेगी;
(ख) थानीय प रवाद स म त के सद य के लए अ भ व यास और श ण
काय म नि चत कर सकेगी।

25. सच
ू ना मांगने और अ भलेख का नर ण करने क शि त-(1) समु चत
सरकार, यह समाधान हो जाने पर क ऐसा करना लोक हत म या
काय थल पर म हला कमचा रय के हत म आव यक है, ल खत आदे श
वारा,
(क) कसी नयोजक या िजला अ धकार से ल गक उ पीड़न के संबध
ं म ऐसी
ल खत सच
ू ना जो उसको अपे त हो तुत करने क मांग कर सकेगी;
(ख) कसी ऐसे अ धकार को ल गक उ पीड़न के संबंध म अ भलेख और
काय थल का नर ण करने के लए ा धकृत कर सकेगी, जो उसको ऐसी अव ध
के भीतर, जो आदे श म व न द ट क जाए, ऐसे नर ण क रपोट तत
ु करे गा।
(2) येक नयोजक और िजला अ धकार , मांग कए जाने पर नर ण करने वाले
अ धकार के सम , उसक अ भर ा म ऐसी सभी सच
ू नाओं, अ भलेख और अ य
द तावेज को तत
ु करगे, जो ऐसे नर ण क वषय-ब तु से संबं धत ह।

26. अ ध नयम के उपबंध के अननप


ु ालन के लए शाि त– (1) जहां कोई
नयोजक,
(क) धारा 4 क उपधारा (1) के अधीन एक आंत रक स म त का गठन करने म
असफल रहेगा;
(ख) धारा 13, धारा 14 और धारा 22 के अधीन कारवाई करने म असफल रहे गा;
और
(ग) इस अ ध नयम के अ य उपबंध या उसके अधीन बनाए गए क ह ं नयम
का उ लंघन करे गा या उ लंघन करने का यास करे गा या उनके उ लंघन को
द ु े रत करे गा, वहां वह, ऐसे जम
ु ाने से, जो पचास हजार पए तक का हो सकेगा,
दं डनीय होगा।
(2) य द कोई नयोजक इस अ ध नयम के अधीन दं डनीय कसी अपराध म पव
ू वत
स दोष ठहराए जाने के प चात ् उसी अपराध को करता है और स दोष ठहराया
जाता है तो वह,
(i) उसी अपराध के लए उपब धत अ धकतम दं ड के अधीन रहते हुए, पव ू वत
स दोष ठहराए जाने पर अ धरो पत दं ड से दग
ु ुने दं ड का दायी होगा:
पंरतु य द त समय व ृ त कसी अ य व ध के अधीन ऐसे अपराध के लए,
िजसके संबंध म अ भयु त का अ भयोजन कया जा रहा है , कोई उ चतर दं ड
ब हत है तो यायालय दं ड दे ते समय उसका स यक् सं ान लेगा;
(ii) सरकार या थानीय ा धकार वारा उसके कारबार या याकलाप को चलाने
के लए अपे त, यथाि थ त, उसक अनु ि त के र कए जाने या रिज करण
को समा त कए जाने या नवीकरण या अनम
ु ोदन न कए जाने या र करण के
लए दायी होगा।

27. यायालय वारा अपराध का सं ान– (1) कोई भी यायालय इस


अ ध नयम या उसके अधीन बनाए गए क ह ं नयम के अधीन दं डनीय
कसी अपराध का सं ान, य थत म हला या आंत रक स म त अथबा
थानीय स म त वारा इस न म त ा धकृत कसी यि त वारा प रवाद
कए जाने के सवाय न करे गा।
(2) महानगर मिज े ट या थम वग या यक मिज े ट के यायालय से अवर
कोई यायालय इस अ ध नयम के अधीन दं डनीय कसी अपराध का वचारण नह ं
करे गा।
(3) इस अ ध नयम के अधीन येक अपराध असं ेय होगा।

28. अ ध नयम का कसी अ य व ध के अ पीकरण म न होना– इस


अ ध नयम के उपबंध, त समय व ृ त कसी अ य व ध के उपबंध के
अ त र त ह गे, न क उनके अ पीकरण म ।

29. समु चत सरकार क नयम बनाने क शि त – (1) के य सरकार इस


अ ध नयम के उपबंध को कायाि वत करने के लए नयम, राजप म अ धसच
ू ना
वारा, बना सकेगी।
(2) व श टतया और पव
ू गामी शि त क यापकता पर तकूल भाव डाले बना,
ऐसे नयम न न ल खत सभी या क ह ं वषय के संबंध म उपबंध कर सकगे,
अथात ् :
(क) धारा 4 क उपधारा (4) के अधीन सद य को संद त क जाने वाल फ स या
भ ते;
(ख) धारा 7 क उपधारा (1) के खंड (ग) के अधीन सद य का नाम नदशन;
(ग) धारा 7 क उपधारा (4) के अधीन अ य और सद य को संद त क जाने
वाल फ स या भ ते,
(घ) ऐसा यि त, जो धारा 9 क उपधारा (2) के अधीन प रवाद कर सकेगा;
(ङ) धारा 11 क उपधारा (1) के अधीन जांच क र त;
(च) धारा 11 क उपधारा (2) के खंड (ग) के अधीन जांच करने क शि तयां
(छ) धारा 12 क उपधारा (1) के खंड (ग) के अधीन सफा रश क जाने वाल
राहत;
(ज) धारा 13 क उपधारा (3) के खंड (i) के अधीन क जाने वाल कारवाई क र त
(झ) धारा 14 क उपधारा (1) और उपधारा (2) के अधीन क जाने वाल कारवाई
क र त;
(ज) धारा 17 के अधीन क जाने वाल कारवाई करने क र त;
(ट) धारा 18 क उपधारा (1) के अधीन अपील क र त;
(ठ) धारा 19 के खंड (ग) के अधीन कमचा रय को सु ाह बनाने के लए
कायशालाएं, जानकार काय म और आंत रक स म त के सद य के लए
अ भ व यास काय म आयोिजत करने क र त; और
(ड) धारा 21 क उपधारा (1) के अधीन आंत रक स म त और थानीय स म त
वारा बा षक रपोट तैयार करने के लए प और समय ।
(3) इस अ ध नयम के अधीन के य सरकार वारा बनाया गया येक नयम,
बनाए जाने के प चात ् यथाशी , संस के येक सदन के सम , जब वह स म
हो, कुल तीस दन क अव ध के लए रखा जाएगा। यह अव ध एक स म अथवा
दो या अ धक आनु मक स म परू हो सकेगी। य द उस स के या पव
ू त
आनु मक स के ठ क बाद के स के अवसान के पव
ू दोन सदन उस नयम म
कोई प रवतन करने के लए सहमत हो जाएं तो त प चात ् वह ऐसे प रव तत प
म ह भावी होगा । य द उ त अवसान के पव
ू दोन सदन सहमत हो जाएं क
वह नयम नह ं बनाया जाना चा हए तो त प चात ् वह नयम न भाव हो
जाएगा। कंतु नयम के इस कार प रव तत या न भाव होने से उसके अधीन
पहले क गई कसी बात क व धमा यता पर तकूल भाव नह ं पड़ेगा।
(4) कसी रा य सरकार वारा धारा 8 क उपधारा (4) के अधीन बनाया गया कोई
नयम बनाए जाने के प चात ् यथाशी , जहां रा य वधान-मंडल के दो सदन ह,
वहां येक सदन के सम या जहां ऐसे वधान-मंडल का एक सदन है , वहां उस
सदन के सम रखा जाएगा।

30. क ठनाइय को दरू करने क शि त– (1) य द इस अ ध नयम के


उपबंध को भाबी करने म कोई क ठनाई उ प न होती है तो के य
सरकार राजप म का शत आदे श वारा ऐसे उपबंध कर सकेगी, जो इस
अ ध नयम के उपबंध से असंगत न ह , जो उस क ठनाई को दरू करने के
लए उसे आव यक तीत ह :
पर तु इस धारा के अधीन ऐसा कोई आदे श इस अ ध नयम के ारं भ से दो वष
क अव ध क समाि त के प चात ् नह ं कया जाएगा।
(2) इस धारा के अधीन कया गया येक आदे श कए जाने के प चात ्, यथाशी ,
संस के येक सदन के सम रखा जाएगा।

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