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िन:शुल्क और अिनवायर् बाल िशक्षा का अिधकार

अिधिनयम, 2009
(2009 का अिधिनयम संख्यांक 35)
[26 अगस्त, 2009]
छह वषर् से चौदह वषर् तक की आयु के सभी बालक के िलए
िन:शुल्क और अिनवायर् िशक्षा का उपबंध
करने के िलए
अिधिनयम
भारत गणराज्य के साठव वषर् म संसद् ारा िनम्निलिखत रूप म यह अिधिनयिमत हो :––
अध्याय 1

पर्ारं िभक
1. संिक्षप्त नाम, िवस्तार और पर्ारं भ––(1) इस अिधिनयम का संिक्षप्त नाम िन:शुल्क और अिनवायर् बाल िशक्षा का अिधकार
अिधिनयम, 2009 है ।
(2) इसका िवस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य के िसवाय सम्पूणर् भारत पर होगा ।
(3) यह उस तारीख को पर्वृ होगा, जो के न्दर्ीय सरकार, राजपतर् म अिधसूचना ारा, िनयत करे ।
[(4) संिवधान के अनुच्छेद 29 और अनुच्छेद 30 के उपबंध के अधीन रहते हुए इस अिधिनयम के उपबंध बालक को
1

िन:शुल्क और अिनवायर् िशक्षा के अिधकार पर्दान िकए जाने के संबंध म लागू ह गे ।


(5) इस अिधिनयम की कोई बात मदरस , वैिदक पाठशाला और मुख्यत: धािमक िशक्षा पर्दान करने वाली शैक्षिणक
संस्था को लागू नह होगी ।]
2. पिरभाषाएं––इस अिधिनयम म, जब तक िक संदभर् से अन्यथा अपेिक्षत न हो,––
(क) “समुिचत सरकार” से,––
(i) के न्दर्ीय सरकार या ऐसे संघ राज्यक्षेतर् के , िजसम कोई िवधान-मंडल नह है, पर्शासक ारा स्थािपत,
उसके स्वािमत्वाधीन या िनयंतर्णाधीन िकसी िव ालय के संबंध म, के न्दर्ीय सरकार;
(ii) उपखंड (i) म िविनिदष्ट िव ालय से िभन्न,––
(क) िकसी राज्य के राज्यक्षेतर् के भीतर स्थािपत िकसी िव ालय के संबंध म, राज्य सरकार;
(ख) िवधान-मंडल वाले िकसी संघ राज्यक्षेतर् के भीतर स्थािपत िव ालय के संबंध म उस संघ
राज्यक्षेतर् की सरकार,
अिभपर्ेत है;
(ख) “पर्ित व्यिक्त फीस” से िव ालय ारा अिधसूिचत फीस से िभन्न िकसी पर्कार का संदान या अिभदाय अथवा
संदाय अिभपर्ेत है;
(ग) “बालक” से छह वषर् से चौदह वषर् तक की आयु का कोई बालक या बािलका अिभपर्ेत है;
(घ) “अलािभत समूह का बालक” 2 [कोई िन:शक्त बालक या] से अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित, सामािजक
रूप से और शैिक्षक रूप से िपछड़े वगर् या सामािजक, सांस्कृ ितक, आिथक, भौगोिलक, भाषाई, िलग या ऐसी अन्य बात के
कारण, जो समुिचत सरकार ारा, अिधसूचना ारा, िविनिदष्ट की जाए, अलािभत ऐसे अन्य समूह का कोई बालक
अिभपर्ेत है;
(ङ) “दुबर्ल वगर् का बालक” से ऐसे माता-िपता या संरक्षक का बालक अिभपर्ेत है, िजसकी वािषक आय समुिचत
सरकार ारा, अिधसूचना ारा, िविनिदष्ट न्यनूनतम सीमा से कम है;

1
2012 के अिधिनयम सं० 30 की धारा 2 ारा अंत:स्थािपत ।
2
2012 के अिधिनयम सं० 30 की धारा 3 ारा अंत:स्थािपत ।
2

1
[(ङङ) “िन:शक्त बालक” के अंतगर्त िनम्निलिखत ह,––
(अ) िन:शक्त व्यिक्त (समान अवसर, अिधकार संरक्षण और पूणर् भागीदारी) अिधिनयम, 1995
(1996 का 1) की धारा 2 के खंड (झ) म यथापिरभािषत “िन:शक्त” कोई बालक ;
(आ) ऐसा कोई बालक, जो राष्टर्ीय स्वपरायणता, पर्मिस्तष्क घात, मानिसक मंदता और
बहु-िन:शक्ततागर्स्त व्यिक्त कल्याण न्यास अिधिनयम, 1999 (1999 का 44) की धारा 2 के खंड (ञ) म
यथापिरभािषत िन:शक्त कोई व्यिक्त हो ;
(इ) राष्टर्ीय स्वपरायणता, पर्मिस्तषक घात, मानिसक मंदता और बहु-िन:शक्ततागर्स्त व्यिक्त कल्याण
न्यास अिधिनयम, 1999 (1999 का 44) की धारा 2 के खंड (ण) म यथापिरभािषत “गंभीर बहु-िन:शक्तता से
गर्स्त” कोई बालक] ;
(च) “पर्ारं िभक िशक्षा” से पहली कक्षा से आठव कक्षा तक की िशक्षा अिभपर्ेत है;
(छ) िकसी बालक के संबंध म “संरक्षक” से ऐसा व्यिक्त अिभपर्ेत है, िजसकी देखरे ख और अिभरक्षा म वह बालक है
और इसके अंतगर्त कोई पर्ाकृ ितक संरक्षक या िकसी न्यायालय या िकसी कानून ारा िनयुक्त या घोिषत संरक्षक भी है;
(ज) “स्थानीय पर्ािधकारी” से कोई नगर िनगम या नगर पिरषद् या िजला पिरषद् या नगर पंचायत या पंचायत,
चाहे िजस नाम से ज्ञात हो, अिभपर्ेत है और इसके अंतगर्त िव ालय पर पर्शासिनक िनयंतर्ण रखने वाला िकसी नगर, शहर या
गर्ाम म िकसी स्थानीय पर्ािधकारी के रूप म कायर् करने के िलए तत्समय पर्वृ िकसी िविध ारा या उसके अधीन सशक्त ऐसा
अन्य स्थानीय पर्ािधकारी या िनकाय भी है;
(झ) “राष्टर्ीय बालक अिधकार संरक्षण आयोग” से बालक अिधकार संरक्षण आयोग अिधिनयम, 2005 (2006 का
4) की धारा 3 के अधीन गिठत राष्टर्ीय बालक अिधकार संरक्षण आयोग अिभपर्ेत है;
(ञ) “अिधसूचना” से राजपतर् म पर्कािशत अिधसूचना अिभपर्ेत है;
(ट) “माता-िपता” से िकसी बालक का पर्ाकृ ितक या सौतेला या द क िपता या माता अिभपर्ेत है;
(ठ) “िविहत” से, इस अिधिनयम के अधीन बनाए गए िनयम ारा िविहत अिभपर्ेत है;
(ड) “अनुसूची” से इस अिधिनयम से उपाब अनुसूची अिभपर्ेत है;
(ढ) “िव ालय” से पर्ारं िभक िशक्षा देने वाला कोई मान्यतापर्ाप्त िव ालय अिभपर्ेत है और इसके अन्तगर्त
िनम्निलिखत भी ह :––
(i) समुिचत सरकार या िकसी स्थानीय पर्ािधकारी ारा स्थािपत, उसके स्वािमत्वाधीन या िनयंतर्णाधीन
कोई िव ालय;
(ii) समुिचत सरकार या स्थानीय पर्ािधकारी से अपने संपूणर् व्यय या उसके भाग की पूित करने के िलए
सहायता या अनुदान पर्ाप्त करने वाला कोई सहायतापर्ाप्त िव ालय;
(iii) िविनिदष्ट पर्वगर् का कोई िव ालय; और
(iv) समुिचत सरकार या स्थानीय पर्ािधकारी से अपने संपूणर् व्यय या उसके भाग की पूित करने के िलए
िकसी पर्कार की सहायता या अनुदान पर्ाप्त न करने वाला कोई गैर-सहायतापर्ाप्त िव ालय;
(ण) “अनुवीक्षण पर्िकर्या” से िकसी अिनिश्चत प ित से िभन्न दूसर पर अिधमानता म िकसी बालक के पर्वेश के
िलए चयन की प ित अिभपर्ेत है;
(त) िकसी िव ालय के संबंध म “िविनिदष्ट पर्वगर्” से, के न्दर्ीय िव ालय, नवोदय िव ालय, सैिनक िव ालय के
रूप म ज्ञात कोई िव ालय या िकसी सुिभन्न लक्षण वाला ऐसा अन्य िव ालय अिभपर्ेत है िजसे समुिचत सरकार ारा,
अिधसूचना ारा, िविनिदष्ट िकया जाए;
(थ) “राज्य बालक अिधकार संरक्षण आयोग” से बालक अिधकार संरक्षण आयोग अिधिनयम, 2005 (2006 का 4)
की धारा 3 के अधीन गिठत राज्य बालक अिधकार सरं क्षण आयोग अिभपर्ेत है ।

1
2012 के अिधिनयम सं० 30 की धारा 3 ारा अंत:स्थािपत । 
3

अध्याय 2

िन:शुल्क और अिनवायर् िशक्षा का अिधकार


3. िन:शुल्क और अिनवायर् बाल िशक्षा का अिधकार–– 1 [(1) छह वषर् से चौदह वषर् तक की आयु के पर्त्येक बालक को, िजसम
धारा 2 के खंड (घ) या खंड (ङ) म िनिदष्ट कोई बालक भी सिम्मिलत है, उसकी पर्ारं िभक िशक्षा पूरी होने तक िकसी आस-पास के
िव ालय म िन:शुल्क और अिनवायर् िशक्षा का अिधकार होगा ।]
(2) उपधारा (1) के पर्योजन के िलए, कोई बालक िकसी पर्कार की फीस या ऐसे पर्भार या व्यय का संदाय करने के िलए दायी
नह होगा, जो पर्ारं िभक िशक्षा लेने और पूरी करने से उसे िनवािरत करे ।
2
[* * * *]
3
[(3) धारा 2 के खंड (डङ) के उपखंड (अ) म िनिदष्ट िकसी िन:शक्त बालक को, िन:शक्त व्यिक्त (समान अवसर, अिधकार
सरं क्षण और पूणर् भागीदारी) अिधिनयम, 1995 (1996 का 1) के उपबंध पर पर्ितकू ल पर्भाव डाले िबना, और धारा 2 के खंड (डङ) के
उपखंड (आ) और उपखंड (इ) म िनिदष्ट िकसी बालक को िन:शुल्क और अिनवायर् पर्ारं िभक िशक्षा गर्हण करने के वैसे ही अिधकार पर्ाप्त
ह गे जो िन:शक्त व्यिक्त (समान अवसर, अिधकार संरक्षण और पूणर् भागीदारी) अिधिनयम, 1995 के अध्याय 5 के उपबंध के अधीन
िन:शक्त बालक को पर्ाप्त ह :
परं तु राष्टर्ीय स्वपरायणता, पर्मिस्तष्क घात, मानिसक मंदता और बहु-िन:शक्ततागर्स्त व्यिक्त कल्याण न्यास अिधिनयम,
1999 (1999 का 44) की धारा 2 के खंड (ज) म िनिदष्ट “बहु-िन:शक्तता” से गर्स्त िकसी बालक को और खंड (ण) म िनिदष्ट “गंभीर
बहु-िन:शक्तता” से गर्स्त िकसी बालक को भी घर-आधािरत िशक्षा का िवकल्प अपनाने का अिधकार हो सके गा ।]
4. ऐसे बालक , िजन्ह पर्वेश नह िदया गया है या िजन्ह ने पर्ारं िभक िशक्षा पूरी नह की है, के िलए िवशेष उपबंध––जहां,
छह वषर् से अिधक की आयु के िकसी बालक को िकसी िव ालय म पर्वेश नह िदया गया है या पर्वेश तो िदया गया है िकतु उसने अपनी
पर्ारं िभक िशक्षा पूरी नह की है, तो उसे उसकी आयु के अनुसार समुिचत कक्षा म पर्वेश िदया जाएगा :
परं तु जहां िकसी बालक को, उसकी आयु के अनुसार समुिचत कक्षा म सीधे पर्वेश िदया जाता है, वहां उसे अन्य बालक के
समान होने के िलए, ऐसी रीित म और ऐसी समय-सीमा के भीतर, जो िविहत की जाए, िवशेष पर्िशक्षण पर्ाप्त करने का
अिधकार होगा :
परं तु यह और िक पर्ारं िभक िशक्षा के िलए इस पर्कार पर्वेश पर्ाप्त कोई बालक, चौदह वषर् की आयु के पश्चात् भी पर्ारं िभक
िशक्षा पूरी करने तक िन:शुल्क िशक्षा का हकदार होगा ।
5. अन्य िव ालय म स्थानांतरण का अिधकार––(1) जहां िकसी िव ालय म, पर्ारं िभक िशक्षा पूरी करने की व्यवस्था नह है
वहां िकसी बालक को, धारा 2 के खंड (ढ) के उपखंड (iii) और उपखंड (iv) म िविनिदष्ट िव ालय को छोड़कर, अपनी पर्ारं िभक िशक्षा
पूरी करने के िलए िकसी अन्य िव ालय म, स्थानांतरण कराने का अिधकार होगा ।
(2) जहां िकसी बालक से िकसी राज्य के भीतर या बाहर िकसी भी कारण से एक िव ालय से दूसरे िव ालय म जाने की
अपेक्षा की जाती है, वहां ऐसे बालक को धारा 2 के खंड (ढ) के उपखंड (iii) और उपखंड (iv) म िविनिदष्ट िव ालय को छोड़कर,
अपनी पर्ारं िभक िशक्षा पूरी करने के िलए िकसी अन्य िव ालय म, स्थानांतरण कराने का अिधकार होगा ।
(3) ऐसे अन्य िव ालय म पर्वेश लेने के िलए उस िव ालय का पर्धान अध्यापक या भारसाधक, जहां ऐसे बालक को अंितम
बार पर्वेश िदया गया था, तुरंत स्थानांतरण पर्माणपतर् जारी करे गा :
परं तु स्थानांतरण पर्माणपतर् पर्स्तुत करने म िवलंब, ऐसे अन्य िव ालय म पर्वेश के िलए िवलंब करने या पर्वेश से इं कार करने
के िलए आधार नह होगा :
परं तु यह और िक स्थानांतरण पर्माणपतर् जारी करने म िवलंब करने वाले िव ालय का पर्धान अध्यापक या भारसाधक,
उसको लागू सेवा िनयम के अधीन अनुशासिनक कारर् वाई के िलए दायी होगा/होगी ।
अध्याय 3

समुिचत सरकार, स्थानीय पर्ािधकारी और माता-िपता के कतर्व्य


6. समुिचत सरकार और स्थानीय पर्ािधकारी का िव ालय स्थािपत करने का कतर्व्य––इस अिधिनयम के उपबंध को
कायार्िन्वत करने के िलए, समुिचत सरकार और स्थानीय पर्ािधकारी, इस अिधिनयम के पर्ारं भ से तीन वषर् की अविध के भीतर ऐसे क्षेतर्
या आसपास की ऐसी सीमा के भीतर, जो िविहत की जाएं, जहां िव ालय इस पर्कार स्थािपत नह है, एक िव ालय स्थािपत करगे ।

1
2012 के अिधिनयम सं० 30 की धारा 4 ारा पर्ितस्थािपत । 
2
2012 के अिधिनयम सं० 30 की धारा 4 ारा लोप िकया गया ।
3
 2012 के अिधिनयम सं० 30 की धारा 4 ारा अंत:स्थािपत ।   
4

7. िव ीय और अन्य उ रदाियत्व म िहस्सा बांटना––(1) के न्दर्ीय सरकार और राज्य सरकार का इस अिधिनयम के उपबंध
को कायार्िन्वत करने के िलए िनिधयां उपलब्ध कराने के िलए समवत उ रदाियत्व होगा ।
(2) के न्दर्ीय सरकार इस अिधिनयम के उपबंध के कायार्न्वयन के िलए पूंजी और आवत व्यय के पर्ाक्कलन तैयार करे गी ।
(3) के न्दर्ीय सरकार, राज्य सरकार को राजस्व के सहायता अनुदान के रूप म उपधारा (2) म िनिदष्ट व्यय का ऐसा पर्ितशत
उपलब्ध कराएगी, जैसा वह, समय-समय पर राज्य सरकार के परामशर् से अवधािरत करे ।
(4) के न्दर्ीय सरकार, राष्टर्पित को अनुच्छेद 280 के खंड (3) के उपखंड (घ) के अधीन राज्य सरकार को अितिरक्त संसाधन
उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता की परीक्षा करने के िलए िव आयोग को िनदश देने का अनुरोध कर सके गी, तािक उक्त राज्य
सरकार इस अिधिनयम के उपबंध को कायार्िन्वत करने के िलए िनिधय का अपना अंश पर्दान कर सके ।
(5) उपधारा (4) म िकसी बात के होते हुए भी, राज्य सरकार उपधारा (3) के अधीन के न्दर्ीय सरकार ारा राज्य सरकार को
पर्दान की गई रािशय और उसके अन्य संसाधन को ध्यान म रखते हुए इस अिधिनयम के उपबंध के कायार्न्वयन के िलए िनिधयां
उपलब्ध कराने हेतु उ रदायी होगी ।
(6) के न्दर्ीय सरकार,––
(क) धारा 29 के अधीन िविनिदष्ट शैक्षिणक पर्ािधकारी की सहायता से राष्टर्ीय कायर्कर्म का ढांचा िवकिसत
करे गी ;
(ख) िशक्षक के पर्िशक्षण के िलए मानक को िवकिसत और लागू करे गी ;
(ग) नवीकरण, अनुसध
ं ान, योजना और क्षमता िनमार्ण के संवधर्न के िलए राज्य सरकार को तकनीकी सहायता और
संसाधन उपलब्ध कराएगी ।
8. समुिचत सरकार के कतर्व्य––समुिचत सरकार,––
(क) पर्त्येक बालक को िन:शुल्क और अिनवायर् पर्ाथिमक िशक्षा उपलब्ध कराएगी :
परं तु जहां िकसी बालक को, यथािस्थित, उसके माता-िपता या संरक्षक ारा, समुिचत सरकार या िकसी स्थानीय
पर्ािधकारी ारा स्थािपत, उसके स्वािमत्वाधीन, िनयंतर्णाधीन या पर्त्यक्षत: या अपर्त्यक्षत: उपलब्ध कराई गई िनिधय ारा
सारवान् रूप से िव पोिषत िव ालय से िभन्न िकसी िव ालय म पर्वेश िदया जाता है, वहां ऐसा बालक या, यथािस्थित,
उसके माता-िपता या संरक्षक ऐसे अन्य िव ालय म बालक की पर्ाथिमक िशक्षा पर उपगत व्यय की पर्ितपूित के िलए कोई
दावा करने का हकदार नह होगा ।
स्पष्टीकरण––“अिनवायर् िशक्षा” पद से समुिचत सरकार की,––
(i) छह वषर् से चौदह वषर् तक की आयु के पर्त्येक बालक को िन:शुल्क पर्ाथिमक िशक्षा उपलब्ध
कराने; और
(ii) छह वषर् से चौदह वषर् तक की आयु के पर्त्येक बालक ारा पर्ाथिमक िशक्षा म अिनवायर् पर्वेश,
उपिस्थित और उसको पूरा करने को सुिनिश्चत करने की,
बाध्यता अिभपर्ेत है ;
(ख) धारा 6 म यथािविनिदष्ट आसपास म िव ालय की उपलब्धता को सुिनिश्चत करे गी ;
(ग) यह सुिनिश्चत करे गी िक दुबर्ल वगर् के बालक और अलािभत समूह के बालक के पर्ित पक्षपात न िकया जाए
तथा िकसी आधार पर पर्ाथिमक िशक्षा लेने और पूरा करने से वे िनवािरत न ह ;
(घ) अवसंरचना, िजसके अंतगर्त िव ालय भवन, िशक्षण कमर्चािरवृंद और िशक्षा के उपस्कर भी ह, उपलब्ध
कराएगी ;
(ङ) धारा 4 म िविनिदष्ट िवशेष पर्िशक्षण सुिवधा उपलब्ध कराएगी ;
(च) पर्त्येक बालक ारा पर्ाथिमक िशक्षा म पर्वेश, उपिस्थित और उसे पूरा करने को सुिनिश्चत और मानीटर
करे गी ;
(छ) अनुसच
ू ी म िविनिदष्ट मान और मानक के अनुरूप अच्छी क्वािलटी की पर्ाथिमक िशक्षा सुिनिश्चत करे गी ;
(ज) पर्ाथिमक िशक्षा के िलए पा ाचार और पा कर्म का समय से िविहत िकया जाना सुिनिश्चत करे गी ; और
(झ) िशक्षक के िलए पर्िशक्षण सुिवधा उपलब्ध कराएगी ।
9. स्थानीय पर्ािधकारी के कतर्व्य––पर्त्येक स्थानीय पर्ािधकारी,––
5

(क) पर्त्येक बालक को िन:शुल्क और अिनवायर् पर्ाथिमक िशक्षा उपलब्ध कराएगा :


परन्तु जहां िकसी बालक को, यथािस्थित, उसके माता-िपता या संरक्षक ारा, समुिचत सरकार या िकसी स्थानीय
पर्ािधकारी ारा स्थािपत, उसके स्वािमत्वाधीन, िनयंतर्णाधीन या पर्त्यक्षत: या अपर्त्यक्षत: उपलब्ध कराई गई िनिधय ारा
सारवान् रूप से िव पोिषत िव ालय से िभन्न िकसी िव ालय म पर्वेश िदया जाता है, वहां ऐसा बालक या, यथािस्थित,
उसके माता-िपता या संरक्षक ऐसे अन्य िव ालय म बालक की पर्ाथिमक िशक्षा पर उपगत व्यय की पर्ितपूित के िलए कोई
दावा करने का हकदार नह होगा ;
(ख) धारा 6 म यथािविनिदष्ट आपसपास म िवघालय की उपलब्धता को सुिनिश्चत करे गा ;
(ग) यह सुिनिश्चत करे गा िक दुबर्ल वगर् के बालक और अलािभत समूह के बालक के पर्ित पक्षपात न िकया जाए
तथा िकसी आधार पर पर्ाथिमक िशक्षा लेने और पूरा करने से वे िनवािरत न ह ;
(घ) अपनी अिधकािरता के भीतर िनवास करने वाले चौदह वषर् तक की आयु के बालक के ऐसी रीित म, जो
िविहत की जाए, अिभलेख रखेगा ;
(ङ) अपनी अिधकािरता के भीतर िनवास करने वाले पर्त्येक बालक ारा पर्ाथिमक िशक्षा म पर्वेश, उपिस्थित और
उसे पूरा करने को सुिनिश्चत और मानीटर करे गा ;
(च) अवसरं चना, िजसके अंतगर्त िव ालय भवन, िशक्षण कमर्चािरवृंद और िशक्षा सामगर्ी भी है, उपलब्ध
कराएगा ;
(छ) धारा 4 म िविनिदष्ट िवशेष पर्िशक्षण सुिवधा उपलब्ध कराएगा ;
(ज) अनुसच
ू ी म िविनिदष्ट मान और मानक के अनुरूप अच्छी क्वािलटी की पर्ाथिमक िशक्षा सुिनिश्चत करे गा ;
(झ) पर्ाथिमक िशक्षा के िलए पा ाचार और पा कर्म का समय से िविहत िकया जाना सुिनिश्चत करे गा ;
(ञ) िशक्षक के िलए पर्िशक्षण सुिवधा उपलब्ध कराएगा ;
(ट) पर्वासी कु टुंब के बालक के पर्वेश को सुिनिश्चत करे गा ;
(ठ) अपनी अिधकािरता के भीतर िव ालय के कायर्करण को मानीटर करे गा ; और
(ड) शैक्षिणक कै लडर का िविनश्चय करे गा ।
10. माता-िपता और संरक्षक का कतर्व्य––पर्त्येक माता-िपता या संरक्षक का यह कतर्व्य होगा िक वह आसपास के िव ालय म
कोई पर्ारं िभक िशक्षा के िलए अपने, यथािस्थित, बालक या पर्ितपाल्य का पर्वेश कराए या पर्वेश िदलाए ।
11. समुिचत सरकार ारा िव ालय पूवर् िशक्षा के िलए व्यवस्था करना––पर्ाथिमक िशक्षा के िलए तीन वषर् से अिधक आयु के
बालक को तैयार करने तथा सभी बालक के िलए जब तक वे छह वषर् की आयु पूरी करते ह, आरं िभक बाल्यकाल देखरे ख और िशक्षा
की व्यवस्था करने की दृिष्ट से समुिचत सरकार, ऐसे बालक के िलए िन:शुल्क िव ालय पूवर् िशक्षा उपलब्ध कराने के िलए आवश्यक
व्यवस्था कर सके गी ।
अध्याय 4

िव ालय और िशक्षक के उ रदाियत्व


12. िन:शुल्क और अिनवायर् िशक्षा के िलए िव ालय के उ रदाियत्व की सीमा––(1) इस अिधिनयम के पर्योजन के िलए,––
(क) धारा 2 के खंड (ढ) के उपखंड (i) म िविनिदष्ट कोई िव ालय, उसम पर्िवष्ट सभी बालक को िन:शुल्क और
अिनवायर् पर्ाथिमक िशक्षा पर्दान करे गा ;
(ख) धारा 2 के खंड (ढ) के उपखंड (ii) म िविनिदष्ट कोई िव ालय, उसम पर्वेश कराए गए बालक के ऐसे अनुपात
को, जो इस पर्कार पर्ाप्त उसकी वािषक आवत सहायता या अनुदान का, उसके वािषक आवत व्यय से, न्यूनतम पच्चीस
पर्ितशत के अधीन रहते हुए िन:शुल्क और अिनवायर् पर्ाथिमक िशक्षा उपलब्ध कराएगा ;
(ग) धारा 2 के खंड (ढ) के उपखंड (iii) और उपखंड (iv) म िविनिदष्ट कोई िव ालय पहली कक्षा म, आसपास म
दुबर्ल वगर् और अलािभत समूह के बालक को, उस कक्षा के बालक की कु ल संख्या के कम से कम पच्चीस पर्ितशत की सीमा
तक पर्वेश देगा और िन:शुल्क और अिनवायर् पर्ाथिमक िशक्षा, उसके पूरा होने तक, पर्दान करे गा :
परं तु यह और िक जहां धारा 2 के खंड (ढ) म िविनिदष्ट कोई िव ालय, िव ालय पूवर् िशक्षा देता है वहां खंड (क) से खंड (ग)
के उपबंध ऐसी िव ालय पूवर् िशक्षा म पर्वेश को लागू ह गे ।
6

(2) उपधारा (1) के खंड (ग) म यथािविनिदष्ट िन:शुल्क और अिनवायर् पर्ाथिमक िशक्षा उपलब्ध कराने वाले धारा 2 के खंड
(ढ) के उपखंड (iv) म िविनिदष्ट िव ालय की, उसके ारा इस पर्कार उपगत व्यय की, राज्य ारा उपगत पर्ित बालक व्यय की सीमा
तक या बालक से पर्भािरत वास्तिवक रकम तक, इनम से जो भी कम हो, ऐसी रीित म, जो िविहत की जाए, पर्ितपूित की
जाएगी :
परं तु ऐसी पर्ितपूित धारा 2 के खंड (ढ) के उपखंड (i) म िविनिदष्ट िकसी िव ालय ारा उपगत पर्ित बालक व्यय से अिधक
नह होगी :
परं तु यह और िक जहां ऐसा िव ालय उसके ारा कोई भूिम, भवन, उपस्कर या अन्य सुिवधाएं, या तो िन:शुल्क या िरयायती
दर पर, पर्ाप्त करने के कारण पहले से ही िविनिदष्ट संख्या म बालक को िन:शुल्क िशक्षा उपलब्ध कराने की बाध्यता के अधीन है, वहां
ऐसा िव ालय ऐसी बाध्यता की सीमा तक पर्ितपूित के िलए हकदार नह होगा ।
(3) पर्त्येक िव ालय ऐसी जानकारी जो, यथािस्थित, समुिचत सरकार या स्थानीय पर्ािधकारी ारा अपेिक्षत हो, उपलब्ध
कराएगा ।
13. पर्वेश के िलए िकसी पर्ित व्यिक्त फीस और अनुवीक्षण पर्िकर्या का न होना––(1) कोई िव ालय या व्यिक्त, िकसी बालक
को पर्वेश देते समय कोई पर्ित व्यिक्त फीस संगह ृ ीत नह करे गा और बालक या उसके माता-िपता अथवा संरक्षक को िकसी अनुवीक्षण
पर्िकर्या के अधीन नह रखेगा ।
(2) कोई िव ालय या व्यिक्त, यिद उपधारा (1) के उपबंध के उल्लंघन म,––
(क) पर्ित व्यिक्त फीस पर्ाप्त करता है तो वह जुमार्ने से, जो पर्भािरत पर्ित व्यिक्त फीस के दस गुना तक का हो
सके गा, दंडनीय होगा ;
(ख) िकसी बालक को अनुवीक्षण पर्िकर्या के अधीन रखता है तो वह जुमार्ने से, जो पहले उल्लंघन के िलए पच्चीस
हजार रुपए तक और पर्त्येक पश्चात्वत उल्लंघन के िलए पचास हजार रुपए तक का हो सके गा, दंडनीय होगा ।
14. पर्वेश के िलए आयु का सबूत––(1) पर्ाथिमक िशक्षा म पर्वेश के पर्योजन के िलए िकसी बालक की आयु, जन्म, मृत्यु और
िववाह रिजस्टर्ीकरण अिधिनयम, 1886 (1886 का 6) के उपबंध के अनुसार जारी िकए गए जन्म पर्माणपतर् के आधार पर या ऐसे अन्य
दस्तावेज के आधार पर, जो िविहत िकया जाए, अवधािरत की जाएगी ।
(2) िकसी बालक को, आयु का सबूत न होने के कारण िकसी िव ालय म पर्वेश से इं कार नह िकया जाएगा ।
15. पर्वेश से इं कार न िकया जाना––िकसी बालक को, शैक्षिणक वषर् के पर्ारं भ पर या ऐसी िवस्तािरत अविध के भीतर, जो
िविहत की जाए, िकसी िव ालय म पर्वेश िदया जाएगा :
परं तु िकसी बालक को पर्वेश से इं कार नह िकया जाएगा यिद ऐसा पर्वेश िवस्तािरत अविध के पश्चात् ईिप्सत है :
परं तु यह और िक िवस्तािरत अविध के पश्चात् पर्वेश पर्ाप्त कोई बालक ऐसी रीित म, जो समुिचत सरकार ारा िविहत की
जाए, अपना अध्ययन पूरा करे गा ।
16. रोकने और िनष्कासन का पर्ितषेध––िकसी िव ालय म पर्वेश पर्ाप्त बालक को िकसी कक्षा म नह रोका जाएगा या
िव ालय से पर्ाथिमक िशक्षा पूरी िकए जाने तक िनष्कािसत नह िकया जाएगा ।
17. बालक के शारीिरक दंड और मानिसक उत्पीड़न का पर्ितषेध––(1) िकसी बालक को शारीिरक दंड नह िदया जाएगा या
उसका मानिसक उत्पीड़न नह िकया जाएगा ।
(2) जो कोई उपधारा (1) के उपबंध का उल्लंघन करे गा, वह ऐसे व्यिक्त को लागू सेवा िनयम के अधीन अनुशासिनक
कारर् वाई का दायी होगा ।
18. मान्यता पर्माणतर् अिभपर्ाप्त िकए िबना िकसी िव ालय का स्थािपत न िकया जाना––(1) समुिचत सरकार या स्थानीय
पर्ािधकारी ारा स्थािपत, उसके स्वािमत्वाधीन या िनयंतर्णाधीन िकसी िव ालय से िभन्न कोई िव ालय, इस अिधिनयम के पर्ारं भ के
पश्चात्, ऐसे पर्ािधकारी से, ऐसे पर्रूप म और ऐसी रीित म, जो िविहत की जाए, कोई आवेदन करके मान्यता पर्माणपतर् अिभपर्ाप्त िकए
िबना स्थािपत नह िकया जाएगा या कायर् नह करे गा ।
(2) उपधारा (1) के अधीन िविहत पर्ािधकारी ऐसे पर्रूप म, ऐसी अविध के भीतर, ऐसी रीित म और ऐसी शत के अधीन
रहते हुए, जो िविहत की जाएं, मान्यता पर्माणपतर् जारी करे गा :
परं तु िकसी िव ालय को ऐसी मान्यता तब तक अनुद नह की जाएगी जब तक वह धारा 19 के अधीन िविनिदष्ट मान और
मानक को पूरा नह करता है ।
(3) मान्यता की शत के उल्लंघन पर, िविहत पर्ािधकारी िलिखत आदेश ारा, मान्यता वापस ले लेगा :
7

परं तु ऐसे आदेश म आसपास के उस िव ालय के बारे म िनदेश होगा िजसम गैर-मान्यतापर्ाप्त िव ालय म अध्ययन कर रहे
बालक को पर्वेश िदया जाएगा :
परं तु यह और िक ऐसी मान्यता को ऐसे िव ालय को, ऐसी रीित म जो िविहत की जाए, सुनवाई का अवसर िदए िबना
वापस नह िलया जाएगा ।
(4) ऐसा िव ालय, उपधारा (3) के अधीन मान्यता वापस लेने की तारीख से कायर् करना जारी नह रखेगा ।
(5) कोई व्यिक्त, जो मान्यता पर्माणपतर् अिभपर्ाप्त िकए िबना कोई िव ालय स्थािपत करता है या चलाता है या मान्यता
वापस लेने के पश्चात् िव ालय चलाना जारी रखता है, जुमार्ने से, जो एक लाख रुपए तक का हो सके गा और उल्लंघन जारी रहने की
दशा म जुमार्ने से जो ऐसे पर्त्येक िदन के िलए, िजसके दौरान ऐसा उल्लंघन जारी रहता है, दस हजार रुपए तक का हो सके गा,
दायी होगा ।
19. िव ालय के मान और मानक––(1) िकसी िव ालय को, धारा 18 के अधीन तब तक स्थािपत नह िकया जाएगा, या
मान्यता नह दी जाएगी जब तक वह अनुसच
ू ी म िविनिदष्ट मान और मानक को पूरा नह करता है ।
(2) जहां इस अिधिनयम के पर्ारं भ से पूवर् स्थािपत कोई िव ालय अनुसूची म िविनिदष्ट मान और मानक को पूरा नह करता
है, वहां वह ऐसे पर्ारं भ की तारीख से तीन वषर् की अविध के भीतर अपने खच पर ऐसे मान और मानक को पूरा करने के िलए
कदम उठाएगा ।
(3) जहां कोई िव ालय, उपधारा (2) के अधीन िविनिदष्ट अविध के भीतर मान और मानक को पूरा करने म असफल रहता
है, वहां धारा 18 की उपधारा (1) के अधीन िविहत पर्ािधकारी, ऐसे िव ालय को अनुद मान्यता को उसकी उपधारा (3) के अधीन
िविनिदष्ट रीित म वापस ले लेगा ।
(4) कोई िव ालय उपधारा (3) के अधीन मान्यता वापस लेने की तारीख से कायर् करना जारी नह रखेगा ।
(5) कोई व्यिक्त, जो मान्यता वापस लेने के पश्चात् कोई िव ालय चलाना जारी रखता है, जुमार्ने से जो एक लाख रुपए तक
का हो सके गा और उल्लंघन जारी रहने की दशा म, ऐसे पर्त्येक िदन के िलए, िजसके दौरान उल्लंघन जारी रहता है, दस हजार रुपए के
जुमार्ने का दायी होगा ।
20. अनुसच
ू ी का संशोधन करने की शिक्त––के न्दर्ीय सरकार, अिधसूचना ारा, अनुसूची का, उसम िकसी मान या मानक को
जोड़कर या उससे उसका लोप करके संशोधन कर सके गी ।
21. िव ालय पर्बंध सिमित––(1) धारा 2 के खंड (ढ) के उपखंड (iv) म िविनिदष्ट िकसी िव ालय से िभन्न िव ालय
स्थानीय पर्ािधकारी, ऐसे िव ालय म पर्वेश पर्ाप्त बालक के माता-िपता या संरक्षक और िशक्षक के िनवार्िचत पर्ितिनिधय से िमलकर
बनने वाली एक िव ालय पर्बंध सिमित का गठन करे गा :
परं तु ऐसी सिमित के कम से कम तीन चौथाई सदस्य माता-िपता या संरक्षक ह गे :
परं तु यह और िक अलािभत समूह और दुबर्ल वगर् के बालक के माता-िपता या संरक्षक को समानुपाती पर्ितिनिधत्व
िदया जाएगा :
परं तु यह भी िक ऐसी सिमित के पचास पर्ितशत सदस्य िस्तर्यां ह गी ।
(2) िव ालय पर्बंध सिमित िनम्निलिखत कृ त्य का पालन करे गी, अथार्त् :––
(क) िव ालय के कायर्करण को मानीटर करना ;
(ख) िव ालय िवकास योजना तैयार करना और उसकी िसफािरश करना ;
(ग) समुिचत सरकार या स्थानीय पर्ािधकारी अथवा िकसी अन्य सर्ोत से पर्ाप्त अनुदान के उपयोग को मािनटर
करना ; और
(घ) ऐसे अन्य कृ त्य का पालन करना, जो िविहत िकए जाएं :
1
[परं तु,––
(क) अल्पसंख्यक ारा स्थािपत और पर्शािसत िकसी िव ालय, चाहे वह धमर् आधािरत हो या भाषा आधािरत
हो ; और
(ख) धारा 2 के खंड (ढ) के उपखंड (ii) म यथा पिरभािषत अन्य सभी सहायता पर्ाप्त िव ालय ,
के संबंध म उपधारा (1) के अधीन गिठत िव ालय पर्बंध सिमित के वल सलाहकार संबध
ं ी कृ त्य का पालन करे गी ।]

2012 के अिधिनयम सं० 30 की धारा 5 ारा अंत:स्थािपत । 


1
8

22. िव ालय िवकास योजना––(1) धारा 21 की उपधारा (1) के अधीन गिठत पर्त्येक िव ालय पर्बंध सिमित 1 [अल्पसंख्यक
ारा, स्थािपत और पर्शािसत िकसी िव ालय, चाहे वह धमर् आधािरत हो या भाषा आधािरत, तथा धारा 2 के खंड (ढ) के उपखंड (ii)
म यथा पिरभािषत िकसी सहायता पर्ाप्त िव ालय के संबंध म िव ालय पर्बंध सिमित के िसवाय,] ऐसी रीित म, जो िविहत की जाए,
एक िव ालय िवकास योजना तैयार करे गी ।
(2) उपधारा (1) के अधीन इस पर्कार तैयार की गई िव ालय िवकास योजना, यथािस्थित, समुिचत सरकार या स्थानीय
पर्ािधकारी ारा बनाई जाने वाली योजना और िदए जाने वाले अनुदान का आधार होगी ।
23. िशक्षक की िनयुिक्त के िलए अहर्ताएं और सेवा के िनबंधन और शत––(1) कोई व्यिक्त, िजसके पास के न्दर्ीय सरकार
ारा, अिधसूचना ारा पर्ािधकृ त िकसी िशक्षा पर्ािधकारी ारा यथा अिधकिथत न्यूनतम अहर्ताएं ह, िशक्षक के रूप म िनयुिक्त के िलए
पातर् होगा ।
(2) जहां िकसी राज्य म अध्यापक िशक्षा के पा कर्म या उसम पर्िशक्षण पर्दान करने वाली पयार्प्त संस्थाएं नह ह या
उपधारा (1) के अधीन यथा अिधकिथत न्यूनतम अहर्ताएं रखने वाले िशक्षक पयार्प्त संख्या म नह ह वहां के न्दर्ीय सरकार, यिद वह
आवश्यक समझे, अिधसूचना ारा, िशक्षक के रूप म िनयुिक्त के िलए अपेिक्षत न्यूनतम अहर्ता को पांच वषर् से अनिधक की ऐसी
अविध के िलए िशिथल कर सके गी, जो उस अिधसूचना म िविनिदष्ट की जाए :
परं तु ऐसा कोई िशक्षक, िजसके पास इस अिधिनयम के पर्ारं भ पर उपधारा (1) के अधीन यथा अिधकिथत न्यूनतम अहर्ताएं
नह ह, पांच वषर् की अविध के भीतर ऐसी न्यूनतम अहर्ताएं अिजत करे गा ।
(3) िशक्षक को संदय
े वेतन और भ े तथा उसकी सेवा के िनबंधन और शत वे ह गी जो िविहत की जाएं ।
24. िशक्षक के कतर्व्य और िशकायत को दूर करना––(1) धारा 23 की उपधारा (1) के अधीन िनयुक्त िशक्षक िनम्निलिखत
कतर्व्य का पालन करे गा, अथार्त्:––
(क) िव ालय म उपिस्थत होने म िनयिमतता और समय पालन;
(ख) धारा 29 की उपधारा (2) के उपबंध के अनुसार पा कर्म संचािलत करना और उसे पूरा करना;
(ग) िविनिदष्ट समय के भीतर संपूणर् पा कर्म पूरा करना;
(घ) पर्त्येक बालक की िशक्षा गर्हण करने के सामथ्यर् का िनधार्रण करना और तद्नुसार तथा अपेिक्षत अितिरक्त
िशक्षण, यिद कोई हो, जोड़ना;
(ङ) माता-िपता और संरक्षक के साथ िनयिमत बैठक करना और बालक के बारे म उपिस्थित म िनयिमतता, िशक्षा
गर्हण करने का सामथ्यर्, िशक्षण म की गई पर्गित और िकसी अन्य सुसंगत जानकारी के बारे म उन्ह अवगत कराना; और
(च) ऐसे अन्य कतर्व्य का पालन करना, जो िविहत िकए जाएं ।
(2) उपधारा (1) म िविनिदष्ट कतर्व्य के पालन म व्यितकर्म करने वाला/वाली कोई िशक्षक/िशिक्षका, उसे लागू सेवा िनयम
के अधीन अनुशासिनक कारर् वाई के िलए दायी होगा/होगी :
परं तु ऐसी अनुशासिनक कारर् वाई करने से पूवर् ऐसे िशक्षक/ऐसी िशिक्षका को सुनवाई का युिक्तयुक्त अवसर िदया जाएगा ।
(3) िशक्षक की िशकायत को, यिद कोई ह , ऐसी रीित म दूर िकया जाएगा, जो िविहत की जाए ।
25. छातर्-िशक्षक अनुपात––(1) इस अिधिनयम के पर्ारं भ की तारीख से 2 [तीन वषर् के भीतर] समुिचत सरकार और स्थानीय
पर्ािधकारी यह सुिनिश्चत करगे िक पर्त्येक िव ालय म छातर्-िशक्षक अनुपात अनुसूची म िविनिदष्ट िकए गए अनुसार बनाए
रखा जाए ।
(2) उपधारा (1) के अधीन छातर्-िशक्षक अनुपात बनाए रखने के पर्योजन के िलए, िकसी िव ालय म तैनात िकए गए िकसी
िशक्षक को िकसी अन्य िव ालय या कायार्लय म सेवा नह करने दी जाएगी या धारा 27 म िविनिदष्ट पर्योजन से िभन्न िकसी गैर-
शैिक्षक पर्योजन के िलए अिभयोिजत नह िकया जाएगा ।
26. िशक्षक की िरिक्तय का भरा जाना––िनयुिक्त पर्ािधकारी, समुिचत सरकार या िकसी स्थानीय पर्ािधकारी ारा
स्थािपत, उसके स्वािमत्वाधीन, िनयंतर्णाधीन या उसके ारा पर्त्यक्षत: या अपर्त्यक्षत: उपलब्ध करवाई गई िनिधय ारा भागत:
िव पोिषत िकसी िव ालय के संबंध म यह सुिनिश्चत करे गा िक उसके िनयंतर्णाधीन िकसी िव ालय म िशक्षक के िरक्त पद कु ल
स्वीकृ त पद संख्या के दस पर्ितशत से अिधक नह ह गे ।

1
2012 के अिधिनयम सं० 30 की धारा 6 ारा अंत:स्थािपत । 
2
2012 के अिधिनयम सं० 30 की धारा 7 ारा पर्ित स्थािपत । 
9

27. गैर-शैिक्षक पर्योजन के िलए िशक्षक को अिभयोिजत िकए जाने का पर्ितषेध––िकसी िशक्षक को दस वष य जनसंख्या
जनगणना, आपदा राहत कतर्व्य या, यथािस्थित, स्थानीय पर्ािधकारी या राज्य िवधान-मंडल या संसद् के िनवार्चन से संबंिधत
कतर्व्य से िभन्न िकसी गैर-शैिक्षक पर्योजन के िलए अिभिनयोिजत नह िकया जाएगा ।
28. िशक्षक ारा पर्ाइवेट श
ू न का पर्ितषेध––कोई िशक्षक/िशिक्षका पर्ाइवेट ूशन या पर्ाइवेट िशक्षण िकर्याकलाप म स्वयं
को नह लगाएगा/लगाएगी ।
अध्याय 5

पर्ारं िभक िशक्षा का पा कर्म और उसका पूरा िकया जाना


29. पा कर्म और मूल्यांकन पर्िकर्या––(1) पर्ारं िभक िशक्षा के िलए पा कर्म और उसकी मूल्यांकन पर्िकर्या समुिचत सरकार
ारा, अिधसूचना ारा, िविनिदष्ट िकए जाने वाले िशक्षा पर्ािधकारी ारा अिधकिथत की जाएगी ।
(2) िशक्षा पर्ािधकारी, उपधारा (1) के अधीन पा कर्म और मूल्यांकन पर्िकर्या अिधकिथत करते समय िनम्निलिखत बात को
ध्यान म रखेगा, अथार्त्:––
(क) संिवधान म पर्ितष्ठािपत मूल्य से अनुरूपता;
(ख) बालक का सवार्ंगीण िवकास;
(ग) बालक के ज्ञान, अन्त:शिक्त, योग्यता का िनमार्ण करना;
(घ) पूणर्तम मातर्ा तक शारीिरक और मानिसक योग्यता का िवकास;
(ङ) बाल अनुकूल और बालके िन्दर्त रीित म िकर्याकलाप , पर्कटीकरण और खोज के ारा िशक्षण;
(च) िशक्षा का माध्यम, जहां तक साध्य हो बालक की मातृभाषा म होगा;
(छ) बालक को भय, मानिसक अिभघात और िचन्तामुक्त बनाना और बालक को स्वतंतर् रूप से मत व्यक्त करने म
सहायता करना;
(ज) बालक के समझने की शिक्त और उसे उपयोग करने की उसकी योग्यता का व्यापक और सतत मूल्यांकन ।
30. परीक्षा और समापन पर्माणपतर्––(1) िकसी बालक से पर्ारं िभक िशक्षा पूरी होने तक कोई बोडर् परीक्षा उ ीणर् करने की
अपेक्षा नह की जाएगी ।
(2) पर्त्येक बालक को, िजसने अपनी पर्ारं िभक िशक्षा पूरी कर ली है, ऐसे पर्रूप और ऐसी रीित म, जो िविहत की जाए, एक
पर्माणपतर् िदया जाएगा ।
अध्याय 6

बालक के अिधकार का संरक्षण


31. बालक के िशक्षा के अिधकार को मािनटर करना––(1) बालक अिधकार संरक्षण आयोग अिधिनयम, 2005 (2006 का 4)
की, यथािस्थित, धारा 3 के अधीन गिठत राष्टर्ीय बालक अिधकार संरक्षण आयोग या धारा 17 के अधीन गिठत राज्य बालक अिधकार
संरक्षण आयोग, उस अिधिनयम के अधीन उन्ह समनुदिे शत कृ त्य के अितिरक्त िनम्निलिखत कृ त्य का भी पालन करे गा, अथार्त्:––
(क) इस अिधिनयम ारा या उसके अधीन उपबंिधत अिधकार के रक्षोपाय की परीक्षा और पुनिवलोकन करना
और उनके पर्भावी कायार्न्वयन के िलए अध्युपाय की िसफािरश करना;
(ख) िन:शुल्क और अिनवायर् िशक्षा के बालक के अिधकार संबंधी पिरवाद की जांच करना; और
(ग) उक्त बालक अिधकार संरक्षण आयोग अिधिनयम की धारा 15 और धारा 24 के अधीन यथा उपबंिधत
आवश्यक उपाय करना ।
(2) उक्त आयोग को, उपधारा (1) के खंड (ग) के अधीन िन:शुल्क और अिनवायर् िशक्षा के बालक के अिधकार से संबंिधत
िकसी िवषय म जांच करते समय वही शिक्तयां ह गी, जो उक्त बालक अिधकार संरक्षण आयोग अिधिनयम की कर्मश: धारा 14 और
धारा 24 के अधीन उन्ह समनुदिे शत की गई ह ।
(3) जहां िकसी राज्य म, राज्य बालक अिधकार संरक्षण आयोग गिठत नह िकया गया है वहां समुिचत सरकार उपधारा (1)
के खंड (क) से खंड (ग) म िविनिदष्ट कृ त्य का पालन करने के पर्योजन के िलए ऐसी रीित म और ऐसे िनबंधन और शत के अधीन
रहते हुए, जो िविहत की जाएं, ऐसे पर्ािधकरण का गठन कर सके गी ।
32. िशकायत को दूर करना––(1) धारा 31 म िकसी बात के होते हुए भी, कोई व्यिक्त, िजसे इस अिधिनयम के अधीन िकसी
बालक के अिधकार के संबंध म कोई िशकायत है, अिधकािरता रखने वाले स्थानीय पर्ािधकारी को िलिखत म िशकायत कर सके गा ।
10

(2) उपधारा (1) के अधीन िशकायत पर्ाप्त होने के पश्चात्, स्थानीय पर्ािधकारी, संबंिधत पक्षकार को सुने जाने का
युिक्तयुक्त अवसर पर्दान करने के पश्चात् मामले का तीन मास की अविध के भीतर िनपटारा करे गा ।
(3) स्थानीय पर्ािधकारी के िविनश्चय से व्यिथत कोई व्यिक्त, यथािस्थित, राज्य बालक अिधकार संरक्षण आयोग को या
धारा 31 की उपधारा (3) के अधीन िविहत पर्ािधकारी को अपील कर सके गा ।
(4) उपधारा (3) के अधीन की गई अपील का िविनश्चय धारा 31 की उपधारा (1) के खंड (ग) के अधीन यथा उपबंिधत,
यथािस्थित, राज्य बालक अिधकार संरक्षण आयोग या धारा 31 की उपधारा (3) के अधीन िविहत पर्ािधकारी ारा िकया जाएगा ।
33. राष्टर्ीय सलाहकार पिरषद् का गठन––(1) के न्दर्ीय सरकार, अिधसूचना ारा, एक राष्टर्ीय सलाहकार पिरषद् का गठन
करे गी, िजसम पंदर्ह से अनिधक उतने सदस्य ह गे, िजतने के न्दर्ीय सरकार आवश्यक समझे, िजनकी िनयुिक्त पर्ारं िभक िशक्षा और बाल
िवकास के क्षेतर् म ज्ञान और व्यवहािरक अनुभव रखने वाले व्यिक्तय म से की जाएगी ।
(2) राष्टर्ीय सलाहकार पिरषद् के कृ त्य, अिधिनयम के उपबंध के पर्भावी रूप म कायार्न्वयन के संबंध म के न्दर्ीय सरकार को
सलाह देना, ह गे ।
(3) राष्टर्ीय सलाहकार पिरषद् के सदस्य के भ े और िनयुिक्त के अन्य िनबंधन और शत वे ह गी, जो िविहत की जाएं ।
34. राज्य सलाहकार पिरषद् का गठन––(1) राज्य सरकार, अिधसूचना ारा, एक राज्य सलाहकार पिरषद् का गठन करे गी,
िजसम पन्दर्ह से अनिधक उतने सदस्य ह गे, िजतने राज्य सरकार आवश्यक समझे, िजनकी िनयुिक्त पर्ारं िभक िशक्षा और बाल िवकास
के क्षेतर् म ज्ञान और व्यावहािरक अनुभव रखने वाले व्यिक्तय म से की जाएगी ।
(2) राज्य सलाहकार पिरषद् के कृ त्य, अिधिनयम के उपबंध के पर्भावी रूप म कायार्न्वयन के संबंध म राज्य सरकार को
सलाह देना, ह गे ।
(3) राज्य सलाहकार पिरषद् के सदस्य के भ े और िनयुिक्त के अन्य िनबंधन और शत वे ह गी, जो िविहत की जाएं ।
अध्याय 7

पर्कीणर्
35. िनदेश जारी करने की शिक्त––(1) के न्दर्ीय सरकार, यथािस्थित, समुिचत सरकार या स्थानीय पर्ािधकारी को ऐसे
मागर्दशर्क िस ांत जारी कर सके गी जो वह इस अिधिनयम के उपबंध के कायार्न्वयन के पर्योजन के िलए ठीक समझे ।
(2) समुिचत सरकार, इस अिधिनयम के उपबंध के कायार्न्वयन के संबंध म, स्थानीय पर्ािधकारी या िव ालय पर्बंध सिमित
को ऐसे मागर्दशर्क िस ांत जारी कर सके गी और ऐसे िनदेश दे सके गी, जो वह ठीक समझे ।
(3) स्थानीय पर्ािधकारी, इस अिधिनयम के उपबंध के कायार्न्वयन के संबंध म िव ालय पर्बंध सिमित को ऐसे मागर्दशर्क
िस ांत जारी कर सके गा और ऐसे िनदेश दे सके गा, जो वह ठीक समझे ।
36. अिभयोजन के िलए पूवर् मंजरू ी––धारा 13 की उपधारा (2), धारा 18 की उपधारा (5) और धारा 19 की उपधारा (5) के
अधीन दंडनीय अपराध के िलए कोई अिभयोजन समुिचत सरकार ारा, अिधसूचना ारा, इस िनिम पर्ािधकृ त िकसी अिधकारी की
पूवर् मंजूरी के िबना संिस्थत नह िकया जाएगा ।
37. स ावपूवक र् की गई कारर् वाई के िलए संरक्षण––इस अिधिनयम या उसके अधीन बनाए गए िकसी िनयम या आदेश के
अनुसरण म स ावपूवर्क की गई या की जाने के िलए आशियत िकसी बात के संबध ं म कोई भी वाद, या अन्य िविधक कायर्वाही के न्दर्ीय
सरकार, राज्य सरकार, राष्टर्ीय बालक अिधकार संरक्षण आयोग, राज्य बालक अिधकार संरक्षण आयोग, स्थानीय पर्ािधकारी,
िव ालय पर्बंध सिमित या िकसी व्यिक्त के िवरु नह होगी ।
38. समुिचत सरकार की िनयम बनाने की शिक्त––(1) समुिचत सरकार, अिधिनयम के उपबंध के कायार्न्वयन के िलए
अिधसूचना ारा िनयम बना सके गी ।
(2) िविशष्टतया और पूवर्गामी शिक्तय की व्यापकता पर पर्ितकू ल पर्भाव डाले िबना, ऐसे िनयम िनम्निलिखत सभी या
िकन्ह िवषय के िलए उपबंध कर सकगे, अथार्त्:––
(क) धारा 4 के पहले परं तुक के अधीन िवशेष पर्िशक्षण देने की रीित और उसकी समय-सीमा;
(ख) धारा 6 के अधीन िकसी आसपास के िव ालय की स्थापना के िलए क्षेतर् या सीमाएं;
(ग) धारा 9 के खंड (घ) के अधीन चौदह वषर् तक की आयु के बालक के अिभलेख रखे जाने की रीित;
(घ) धारा 12 की उपधारा (2) के अधीन व्यय की पर्ितपूित की रीित और सीमा;
(ङ) धारा 14 की उपधारा (1) के अधीन बालक की आयु का अवधारण करने हेतु कोई अन्य दस्तावेज;
11

(च) धारा 15 के अधीन पर्वेश लेने के िलए िवस्तािरत अविध और यिद िवस्तािरत अविध के पश्चात् पर्वेश िलया
जाता है तो अध्ययन पूरा करने की रीित;
(छ) वह पर्ािधकारी, पर्रूप और रीित, िजसको और िजसम धारा 18 की उपधारा (1) के अधीन मान्यता पर्माणपतर्
के िलए आवेदन िकया जाएगा;
(ज) धारा 18 की उपधारा (2) के अधीन मान्यता पर्माणपतर् का पर्रूप, अविध, उसे जारी करने की रीित और शत;
(झ) धारा 18 की उपधारा (3) के दूसरे परन्तुक के अधीन सुनवाई का अवसर पर्दान की रीित;
(ञ) धारा 21 की उपधारा (2) के खंड (घ) के अधीन िव ालय पर्बंध सिमित ारा िकए जाने वाले अन्य कृ त्य;
(ट) धारा 22 की उपधारा (1) के अधीन िव ालय िवकास योजना तैयार करने की रीित;
(ठ) धारा 23 की उपधारा (3) के अधीन िशक्षक को संदय
े वेतन और भ े तथा उसकी सेवा के िनबंधन और शत;
(ड) धारा 24 की उपधारा (1) के खंड (च) के अधीन िशक्षक ारा पालन िकए जाने वाले कतर्व्य;
(ढ) धारा 24 की उपधारा (3) के अधीन िशक्षक की िशकायत को दूर करने की रीित;
(ण) धारा 30 की उपधारा (2) के अधीन पर्ारं िभक िशक्षा पूरी करने के िलए पर्माणपतर् देने का पर्रूप और रीित;
(त) धारा 31 की उपधारा (3) के अधीन पर्ािधकरण, उसके गठन की रीित और उसके िनबंधन और शत;
(थ) धारा 33 की उपधारा (3) के अधीन राष्टर्ीय सलाहकार पिरषद् के सदस्य के भ े और उनकी िनयुिक्त के अन्य
िनबंधन और शत;
(द) धारा 34 की उपधारा (3) के अधीन राज्य सलाहकार पिरषद् के सदस्य के भ े और उनकी िनयुिक्त के अन्य
िनबंधन और शत ।
(3) इस अिधिनयम के अधीन के न्दर्ीय सरकार ारा बनाया गया पर्त्येक िनयम और के न्दर्ीय सरकार ारा धारा 20 और धारा
23 के अधीन जारी पर्त्येक अिधसूचना, बनाए जाने के पश्चात्, यथाशीघर् संसद् के पर्त्येक सदन के समक्ष, जब वह सतर् म हो, कु ल तीस
िदन की अविध के िलए रखा जाएगा/रखी जाएगी । यह अविध एक सतर् म अथवा दो या अिधक आनुकर्िमक सतर् म पूरी हो सके गी ।
यिद उस सतर् के या पूव क्त आनुकर्िमक सतर् के ठीक बाद के सतर् के अवसान के पूवर् दोन सदन उस िनयम या अिधसूचना म कोई
पिरवतर्न करने के िलए सहमत हो जाएं तो तत्पश्चात् वह ऐसे पिरवितत रूप म ही पर्भावी होगा/होगी । यिद उक्त अवसान के पूवर्
दोन सदन सहमत हो जाएं िक वह िनयम या अिधसूचना नह बनाया/बनाई जानी चािहए तो तत्पश्चात् वह िनष्पर्भाव हो
जाएगा/जाएगी । िकन्तु िनयम या अिधसूचना के ऐसे पिरवितत या िनष्पर्भाव होने से उसके अधीन पहले की गई िकसी बात की
िविधमान्यता पर पर्ितकू ल पर्भाव नह पड़ेगा ।
(4) इस अिधिनयम के अधीन राज्य सरकार ारा बनाया गया पर्त्येक िनयम या अिधसूचना बनाए/बनाई जाने के पश्चात्,
यथाशीघर्, राज्य िवधान-मंडल के समक्ष रखा जाएगा/रखी जाएगी ।
[38. किठनाइय को दूर करने की कदर्ीय सरकार की शिक्त––(1) यिद इस अिधिनयम के उपबंध को पर्भावी करने म कोई
1

किठनाई उत्पन्न होती है तो के न्दर्ीय सरकार, राजपतर् म पर्कािशत आदेश ारा, ऐसे उपबंध, जो इस अिधिनयम के उपबंध से असंगत न
ह , कर सके गी, जो उस किठनाई को दूर करने के िलए आवश्यक पर्तीत ह :
परं तु इस धारा के अधीन कोई आदेश, िन:शुल्क और अिनवायर् बाल िशक्षा का अिधकार (संशोधन) अिधिनयम, 2012 के पर्ारं भ
से तीन वषर् के पश्चात् नह िकया जाएगा ।
(2) इस धारा के अधीन िकया गया पर्त्येक आदेश, उसके िकए जाने के पश्चात्, यथाशीघर्, संसद् के पर्त्येक सदन के समक्ष रखा
जाएगा ।]

2012 के अिधिनयम सं० 30 की धारा 8 ारा अंत:स्थािपत । 


1
12

अनुसूची
(धारा 19 और धारा 25 देिखए)

िव ालय के िलए मान और मानक

कर्० सं० मद मान और मानक


1. िशक्षक की संख्या :
(क) पहली कक्षा से पांचव कक्षा के िलए पर्वेश िकए गए बालक िशक्षक की संख्या

साठ तक दो
इकसठ से नब्बे के मध्य तीन
इक्यानवे और एक सौ बीस के मध्य चार
एक सौ इक्कीस और दो सौ के मध्य पांच
एक सौ पचास बालक से अिधक पांच धन एक पर्धान अध्यापक
दो सौ बालक से अिधक छातर्-िशक्षक अनुपात (पर्धान
अध्यापक को छोड़कर) चालीस
से अिधक नह होगा ।
(ख) छठी कक्षा से आठव कक्षा के िलए (1) कम से कम पर्ित कक्षा एक िशक्षक, इस पर्कार होगा िक
िनम्निलिखत पर्त्येक के िलए कम से कम एक िशक्षक हो––
(i) िवज्ञान और गिणत;
(ii) सामािजक अध्ययन;
(iii) भाषा ।
(2) पर्त्येक पतीस बालक के िलए कम से कम एक िशक्षक ।
(3) जहां एक सौ से अिधक बालक को पर्वेश िदया गया है वहां––
(i) एक पूणर्कािलक पर्धान अध्यापक;
(ii) िनम्निलिखत के िलए अंशकािलक िशक्षक––
(अ) कला िशक्षा ;
(आ) स्वास्थ्य और शारीिरक िशक्षा ;
(इ) कायर् िशक्षा ।
2. भवन सभी मौसम वाले भवन, िजसम िनम्निलिखत ह गे––
(i) पर्त्येक िशक्षक के िलए कम से कम एक कक्षा और एक
कायार्लय-सह-भंडार-सह पर्धान अध्यापक कक्ष;
(ii) बाधा मुक्त पहुंच;
(iii) लड़क और लड़िकय के िलए पृथक् शौचालय;
(iv) सभी बालक के िलए सुरिक्षत और पयार्प्त पेय जल
सुिवधा;
(v) जहां दोपहर का भोजन िव ालय म पकाया जाता है, वहां
एक रसोई;
(vi) खेल का मैदान;
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कर्०सं० मद मान और मानक


(vii) सीमा दीवाल या बाड़ ारा िव ालय भवन की सुरक्षा
करने के िलए व्यवस्थाएं ।
3. एक शैक्षिणक वषर् म कायर् िदवस /िशक्षण (i) पहली से पांचव कक्षा के िलए दो सौ कायर् िदवस;
घंट की न्यूनतम संख्या
(ii) छठी कक्षा से आठव कक्षा के िलए दो सौ बीस कायर्
िदवस;
(iii) पहली कक्षा से पांचवी कक्षा के िलए पर्ित शैक्षिणक वषर्
आठ सौ िशक्षण घंटे;
(iv) छठी कक्षा से आठव कक्षा के िलए पर्ित शैक्षिणक वषर् एक
हजार िशक्षण घंटे ।
4. िशक्षक के िलए पर्ित सप्ताह कायर् घंट की पतालीस िशक्षण घंटे िजसके अंतगर्त तैयारी के घंटे भी ह ।
न्यूनतम संख्या
5. अध्यापन िशक्षण उपस्कर पर्त्येक कक्षा के िलए अपेक्षानुसार उपलब्ध कराए जाएंगे ।
6. पुस्तकालय पर्त्येक िव ालय म एक पुस्तकालय होगा, िजसम समाचारपतर्,
पितर्काएं और सभी िवषय पर पुस्तक, िजनके अंतगर्त कहानी की
पुस्तक भी ह, उपलब्ध ह गी ।
7. खेल सामगर्ी, खेल और कर्ीड़ा उपस्कर पर्त्येक कक्षा को अपेक्षानुसार उपलब्ध कराए जाएंगे ।

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