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भारतीय सं विधान : भाग और अनुच्छेद (1 से 395 तक)

भाग I: संघ और उसका राज्य क्षेत्र 17 अस्पृ श्यता का अं त


अनुच्छेद वििरण 18 उपावधययं का अं त
स्वतं त्रता का अवधकार
1 संघ का नाम और राज्य क्षेत्र अनु च्छेद वििरण
2 नए राज्ययं का प्रिेश या स्थापना 19 िाक-स्वतं त्रता आवद विषयक कुछ अवधकारयं का
2क [वनरसन] सं रक्षण
3 नए राज्ययं का वनमाा ण और ितामान राज्ययं के 20 अपराधयं के वलए दयषवसक्ति के सं बंध में सं रक्षण
क्षेत्रयं, सीमाओं या नामयं में पररितान 21 प्राण और दै वहक स्वतं त्रता का सं रक्षण
4 पहली अनुसूची और चौथी अनुसूवचययं के संशयधन तथा 22 कुछ दशाओं में वगरफ्तारी और वनरयध से सं रक्षण
अनुपूरक, और पाररणावमक विषययं का उपबंध करने के शयषण के विरुि अवधकार
वलए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई अनु च्छेद वििरण
विवधयां 23 मानि और दु व्याा पार और बलात्श्रम का प्रवतषे ध
24 कारखानयं आवद में बालकयं के वनययजन का प्रवतषे ध
भाग II: नागररकता धमा की
अनुच्छेद वििरण स्वतं त्रता का अवधकार
5 संविधान के प्रारं भ पर नागररकता अनु च्छेद वििरण
6 पावकस्तान से भारत कय प्रव्रजन करने िाले कुछ 25 अं त:करण की और धमा की अबाध रूप से मानने ,
व्यक्तिययं के नागररकता के अवधकार आचरण और प्रचार करने की स्वतं त्रता
7 पावकस्तान कय प्रव्रजन करने िाले कुछ व्यक्तिययं के 26 धावमाक कायों के प्रबंध की स्वतं त्रता
नागररकता के अवधकार 27 वकसी विवशष्ट धमा की अवभिृ क्ति के वलए करयं के सं दाय
8 भारत के बाहर रहने िाले भारतीय उद्भि के कुछ के बारे में स्वतं त्रता
व्यक्तिययं के नागररकता के अवधकार 28 कुल वशक्षा सं स्थाओं में धावमाक वशक्षा या धावमाक
9 विदे शी राज्य की नागररकता, स्वेच्छा से अवजात करने उपासना में उपक्तस्थत हयने के बारे में स्वतं त्रता
िाले व्यक्तिययं का नागररक न हयना सं स्कृवत और वशक्षा सं बंधी अवधकार
10 नागररकता के अवधकारयं कय बना रहना अनु च्छेद वििरण
11 संसद द्वारा नागररकता के अवधकार का विवध द्वारा 29 अल्पसं ख्यक-िगों के वहतयं का सं रक्षण
विवनयमन वकया जाना 30 वशक्षा सं स्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का
ऊपर अल्पसं ख्यक-िगों का अवधकार
31 [वनरसन]
भाग III: मूल अवधकार कुछ विवधययं की व्यािृ वि
साधारण अनुच्छेद वििरण अनु च्छेद वििरण
12 पररभाषा 31क सं पदाओं आवद के अजा न के वलए उपबंध करने िाली
13 मूल अवधकारयं से असंगत या उनका अल्पीकरण करने विवधययं की व्यािृ वि
िाली विवधयां 31ख कुछ अवधवनयमयं और विवनयमयं का विवधमान्यकरण
समता का अवधकार 31ग कुछ वनदे शक तत्यं कय प्रभाि करने िाली विवधययं की
अनुच्छेद वििरण व्यािृ वि
14 विवध के समक्ष समानता 31घ [वनरसन]
15 धमा , मूलिंश, जावत, वलंग या जन्म स्थान के आधार पर सां विधावनक उपचारयं का अवधकार
विभेद का प्रवतषेध अनु च्छेद वििरण
16 लयक वनययजन के विषय में अिसर की समानता 32 इस भाग द्वारा प्रदि अवधकारयं कय प्रिवता त कराने के
वलए उपचार भाग V: सं घ
32A [वनरसन] अध्याय I. काया पावलका राष्टरपवत और उपराष्टरपवत
33 इस भाग द्वारा प्रदि अवधकारयं का बलयं आवद कय लागू अनु च्छेद वििरण
हयने में, उपां तरण करने की संसद की शक्ति 52 भारत के राष्टरपवत
34 जब वकसी क्षेत्र में सेना विवध प्रिृि है तब इस भाग द्वारा 53 सं घ की काया पावलका शक्ति
प्रदि अवधकारयं पर वनबान्धन 54 राष्टप्रवत का वनिाा चन
35 इस भाग के उपबंधयं कय प्रभािी करने का विधान ऊपर 55 राष्टरपवत के वनिाा चन की रीवत
56 राष्टरपवत की पदािवध
भाग IV: राज्य की नीवत के वनदे शक तत् 57 पु नवना िाा चन के वलए पात्रता
अनुच्छेद वििरण 58 राष्टरपवत वनिाा वचत हयने के वलए अहा ताएं
36 पररभाषा 59 राष्टप्रवत के पद के वलए शतें
37 इस भाग में अंतविाष्ट तत्यं का लागू हयना 60 राष्टरपवत द्वारा शपथ या प्रवतज्ञान
38 राज्य लयक कल्याण की अवभिृक्ति के वलए सामावजक 61 राष्टरपवत पर महावभययग चलाने की प्रवकया
व्यिस्था बनाएगा 62 राष्टरपवत के पद में ररक्ति कय भरने के वलए वनिाा चन
39 राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीवत तत् करने का समय और आकक्तस्मक ररक्ति कय भरने के वलए
39क समान न्याय और वन:शुल्क विवधक सहायता वनिाा वचत व्यक्ति की पदािवध
40 ग्राम पंचायतयं का संगठन 63 भारत का उप राष्टरपवत
41 कुछ दशाओं में काम, वशक्षा और लयक सहायता पाने 64 उप राष्टरपवत का राज्य सभा का पदे न सभापवत हयना
का अवधकार 65 राष्टरपवत के पद में आकक्तस्मक ररक्ति के दौरान या
42 काम की न्यायसंगत और मानियवचत दशाओं का तथा उसकी अनु पक्तस्थवत में उप राष्टप्रवत का राष्टरपवत के रूप में
प्रसूवत सहायता का उपबंध काया करना या उसके कृत्यं का वनिा हन
43 कमाकारयं के वलए वनिाा ह मजदू री आवद 66 उप राष्टरपवत का वनिाा चन
43क उद्ययगयं के प्रबंध में कामाकारयं का भाग लेना 67 उप राष्टरपवत की पदािवध
44 नागररकयं के वलए एक समान वसविल संवहता 68 उप राष्टरपवत के पद में ररक्ति कय भरने के वलए वनिाा चन
45 बालकयं के वलए वन:शुल्क और अवनिाया वशक्षा का करने का समय और आकक्तस्मक ररक्ति कय भरने के वलए
उपबंध वनिाा वचत व्यक्ति की पदािवध
46 अनुसूवचत जावत, अनुसूवचत जनजावत तथा अन्य दु बाल 69 उप राष्टरपवत द्वारा शपथ या प्रवतज्ञान
िगों के वशक्षा और अथा संबंधी वहतयं की अवभिृक्ति 70 अन्य आकक्तस्मकताओं में राष्टरपवत के कृत्यं का वनिा हन
47 पयषाहार स्तर और जीिन स्तर कय ऊंचा करने तथा 71 राष्टरपवत या उप राष्टरपवत के वनिाा चन से सं बंवधत या
लयक स्वास्थ्य कय सुधार करने का राज्य का कताव्य सं सि विषयत
48 कृवष और पशुपालन का संगठन 72 क्षमता आवद की और कुछ मामलयं में दं डादे श के
48 क पयाा िरण का संरक्षण और संिधान और िन तथा वनलंबन, पररहार या लघु करण की राष्टरपवत की शक्ति
िन्य जीियं की रक्षा 73 सं घ की काया पावलका शक्ति का विस्तार मंवत्र-पररषद
49 राष्टरीय महत् के संस्मारकयं, स्थानयं और िस्तुओं का अनु च्छेद वििरण
संरक्षण 74 राष्टरपवत कय सहायता और सलाह दे ने के वलए मंवत्र-
50 कायापावलका से न्यायपावलका का पृथक्करण पररषद
51 अंतरराष्टरीय शां वत और सुरक्षा की अवभिृक्ति 75 मंवत्रययं के बारे में अन्य उपबंध भारत का महान्यायिादी
अनु च्छेद वििरण
भाग IVक: मूल कताव्य 76 भारत का महान्यायिादी सरकारी काया का सं चालन
अनुच्छेद वििरण अनु च्छेद वििरण
51A मूल कताव्य ऊपर 77 भारत सरकार के काया का सं चालन
78 राष्टरपवत कय जानकारी दे ने आवद के सं बंध में प्रधानमंत्री
के कता व्य
अध्याय II. संसद 101 स्थानयं का ररि हयना
साधारण 102 सदस्यता के वलए वनरहा ताएं
अनुच्छेद वििरण 103 सदस्ययं की वनरहा ताओं से सं बंवधत प्रश्यं पर विवनश्चय
79 संसद का गठन 104 अनु च्छेद 99 के अधीन शपथ लेने या प्रवतज्ञान करने
80 राज्य सभा की संरचना से पहले या वनरवहा त वकए जाने पर बैठने और मत दे ने के
81 लयक सभा की संरचना वलए शाक्तस्त
82 प्रत्ेक जनगणना के पश्चात पुन: समाययजन सं सद और उसके सदस्ययं की शक्तियां , विशे षावधकार और
83 संसद के सदनयं की अिवध उन्मु क्तियां
84 संसद की सदस्यता के वलए अहा ता अनु च्छेद वििरण
85 संसद के सत्र, सत्रािसान और विघटन 105 सं सद के सदनयं की तथा उनके सदस्ययं और
86 सदनयं के अवभभाषण का और उनकय संदेश भे जने का सवमवतययं की शक्तियां , विशे षावधकार आवद
राष्टप्रवत का अवधकार 106 सदस्ययं के िे तन और भिे विधायी प्रवहृया
87 राष्टरपवत का विशेष अवभभाषण अनु च्छेद वििरण
88 सदनयं के बारे में मंवत्रययं और महान्यायिादी के 107 विधेयकयं के पु र: स्थापन और पाररत वकए जाने के
अवधकार सं बंध में उपलबंध
संसद के अवधकारी 108 कुछ दशाओं में दयनयं सदनयं की सं युि बैठक
अनुच्छेद वििरण 109 धन विधेयकयं के सं बंध में विशे ष प्रवहृया
89 राज्य सभा का सभापवत और उप सभापवत 110 ―धन विधेयक‖ की पररभाषा
90 उप सभापवत का पद ररि हयना, पदत्ाग और पद से 111 विधेयकयं पर अनु मवत वििीय विषययं के सं बंध में
हटाया जाना प्रवहृया
91 सभापवत के पद के कताव्ययं का पालन करने या अनु च्छेद वििरण
सभापवत के रूप में काया करने की उप सभापवत या अन्य 112 िावषा क वििीय वििरण
व्यक्ति की शक्ति 113 सं सद में प्राक्कलनयं के सं बंध में प्रवहृया
92 जब सभापवत या उप सभापवत कय पद से हटाने का 114 विवनययग विधेयक
कयई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न हयना 115 अनु पूरक, अवतररि या अवधक अनु दान
93 लयक सभा और अध्यक्ष और उपाध्यक्ष 116 लेखानु दान, प्रत्यानु दान और अपिादानु दान
94 अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद ररि हयना, पद त्ाग 117 विि विधेयकयं के बारे में विशे ष उपबंध
और पद से हटाया जाना साधारणतया प्रवहृया
95 अध्यक्ष के पद के कताव्ययं कय पालन करने या अध्यक्ष अनु च्छेद वििरण
के रूप में काया करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की 118 प्रवहृया के वनयम
शक्ति 119 सं सद में वििीय काया सं बंधी प्रवहृया का विवध द्वारा
96 जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष कय पद से हटाने का कयई विवनयमन
संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न हयना 120 सं सद में प्रययग की जाने िाली भाषा
97 सभापवत और उप सभापवत तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष 121 सं सद में चचाा पर वनबंधन
के िेतन और भिे 122 न्यायालययं द्वारा सं सद की काया िावहययं की जां च न
98 संसद का सवचिालय काया संचालन वकया जाना
अनुच्छेद वििरण
99 सदस्ययं द्वारा शपथ या प्रवतज्ञान अध्याय III. राष्टरपवत की विधायी शक्तियां
100 सदनयं में मतदान, ररक्तिययं के हयते हुए भी सदनयं की अनु च्छेद वििरण
काया करने की शक्ति और गणपूवता 123 सं सद के विरां वतकाल में अध्यादे श प्रख्यावपत करने
की राष्टरपवत की शक्ति
सदस्ययं की वनरहा ताएं
अनुच्छेद वििरण
अध्याय IV. संघ की न्यायपावलका अध्याय V. भारत के वनयं त्रक-महा लेखापरीक्षक
अनुच्छेद वििरण अनु च्छेद वििरण
124 उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन 148 भारत का वनयं त्रक – महा लेखापरीक्षक
125 न्यायाधीशयं के िेतन आवद 149 वनयं त्रक महा लेखापरीक्षक के कता व्य और शक्तियां
126 कायाकारी मुख्य न्यायमूवता की वनयुक्ति 150 सं घ के और राज्ययं के लेखाओं का प्ररूप
127 तदथा न्यायाधीशयं की वनयुक्ति 151 सं परीक्षा प्रवतिे दन ऊपर
128 उच्चतम न्यायालय की बैठकयं में सेिावनिृि
न्यायाधीशयं की उपक्तस्थवत भाग VI: राज्य
129 उच्चतम न्यायालय का अवभलेख न्यायालय हयना अध्याय I. साधारण
130 उच्चतम न्यायालय का स्थान अनु च्छेद वििरण
131 उच्चतम न्यायालय की आरं वभक अवधकाररता 152 पररभाषा
131क [वनरसन]
132 कुछ मामलयं में उच्च न्यायालययं से अपीलयं में उच्चतम अध्याय II. काया पावलका
न्यायालय की अपीली अवधकाररता राज्यपाल
133 उच्च न्यायालययं में वसविल विषययं से संबंवधत अपीलयं अनु च्छेद वििरण
में उच्चतम न्यायालय की अपीली अवधकाररता 153 राज्ययं के राज्यपाल
134 दां वडक विषययं में उच्चतम न्यायालय की अपीली 154 राज्य की काया पावलका शक्ति
अवधकाररता 155 राज्यपाल की वनयु क्ति
134क उच्चतम न्यायालय में अपील के वलए प्रमाणपत्र 156 राज्य की पदािवध
135 विद्यमान विवध के अधीन फेडरल न्यायालय की 157 राज्यपाल के पद के वलए शतें
अवधकाररता और शक्तिययं का उच्चतम न्यायालय द्वारा 158 राज्यपाल के पद के वलए शतें
प्रययिव्य हयना 159 राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रवतज्ञान
136 अपील के वलए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत 160 कुछ आकक्तस्मकताओं में राज्यपाल के कृत्यं का
137 वनणाययं या आदे शयं का उच्चतम न्यायालययं द्वारा वनिा हन
पुनविालयकन 161 क्षमा आवद की और कुछ मामलयं में दं डादे श के
138 उच्चतम न्यायालय की अवधकाररता की िृक्ति वनलंबन, पररहार या लघु करण की राज्यपाल की शक्ति
139 कुछ ररट वनकालने की शक्तिययं का उच्चतम 162 राज्य की काया पावलका शक्ति का विस्तार
न्यायालय कय प्रदि वकया जाना मंवत्र पररषद
139क कुछ मामलयं का अंतरण अनु च्छेद वििरण
140 उच्चतम न्यायालय की आनुषंवगक शक्तिया 163 राज्यपाल कय सहायता और सलाह दे ने के वलए मंवत्र
141 उच्चतम न्यायालय द्वारा घयवषत विवध का सभी पररषद
न्यायालययं पर आबिकर हयना 164 मंवत्रययं के बारे में अन्य उपबंध राज्य का
142 उच्चतम न्यायालय की वडवहृययं और आदे शयं का महाविधििा
प्रितान और प्रकटीकरण आवद के बारे में आदे श अनु च्छेद वििरण
143 उच्चतम न्यायालय से परामशा करने की राष्टरपवत की 165 राज्य का महावधििा
शक्ति सरकारी काया का सं चालन
144 वसविल और न्यावयक प्रावधकाररययं द्वारा उच्चतम अनु च्छेद वििरण
न्यायालय 166 राज्य की सरकार के काया का सं चालन
144क [वनरसन] 167 राज्यपाल कय जानकारी दे ने आवद के सं बंध में
145 न्यायालय के वनयम आवद मुख्यमंत्री के कता व्य
146 उच्चतम न्यायालय के अवधकारी और सेिक तथा व्यय
147 वनिाचन अध्याय III. राज्य का विधान मंडल
साधारण
अनुच्छेद वििरण 193 अनु च्छेद 188 के अधीन शपथ लेने या प्रवतज्ञा करने
168 राज्ययं के विधान – मंडलयं का गठन से पहले या अवहा त न हयते हुए या वनरवहा त वकए जाने पर
169 राज्ययं में विधान पररषदयं का उत्सादन या सृजन बैठने और मत दे ने के वलए शाक्तस्त राज्ययं के विधान-मंडलयं
170 विधान सभाओं की संरचना और उनके सदस्ययं की शक्तियां , विशे षावधकार और
171 विधान पररषदयं की संरचना उन्मु क्तियां
172 राज्ययं के विधान-मंडलयं की अिवध अनु च्छेद वििरण
173 राज्य के विधान-मंडल की सदस्यता के वलए अहा ता 194 विधान-मंडलयं के सदनयं की तथा सदस्ययं और
174 राज्य के विधान-मंडल के सत्र, सत्रािहसान और सवमवतययं की शक्तियां , विशे षवधकार आवद
विघटन 195 सदस्ययं के िे तन और भिे
175 सदन और सदनयं में अवभभाषण का और उनकय विधायी प्रवहृया
संदेश भेजने का राज्यपाल का अवधकार अनु च्छेद वििरण
176 राज्यपाल का विशेष अवभभाषण 196 विधेयकयं के पु र: स्थापन और पाररत वकए जाने के
177 सदनयं के बारे में मंवत्रययं और महावधििा के सं बंध
अवधकार में उपबंध
राज्य के विधान-मंडल के अवधकारी 197 धन विधेयकयं से वभन्न विधेयकयं के बारे में विधान
अनुच्छेद वििरण पररषद की शक्तिययं पर वनबंधन
178 विधान सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष 198 धन विधेयकयं के सं बंध में विशे ष प्रवहृया
179 अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद ररि हयना, 199 ―धन विधेयक‖ की पररभाषा
पदत्ागऔर पद से हटाया जाना 200 विधेयकयं पर अनु मवत
180 अध्यक्ष के पद के कताव्ययं का पालन करने या अध्यक्ष 201 विचार के वलए आरवक्षत विधे
के रूप में काया करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की
शाक्ति वििीय विषययं के सं बंध में प्रवहृया
181 जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष कय पद से हटाने का कयई अनु च्छेद वििरण
संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न हयना 202 िावषा क वििीय वििरण
182 विधान पररषद का सभापवत और उप सभापवत 203 विधान-मंडल में प्राक्कलनयं के सं बंध में प्रवहृया
183 सभापवत और उप सभापवत का पद ररि हयना, 204 विवनययग विधेयक
पदत्ाग और पद से हटाया जाना 205 अनु पूरक, अवतररि या अवधक अनु दान
184 सभापवत के पद के कताव्ययं का पालन करने या 206 लेखानु दान, प्रत्यानु दान और अपिादानु दान
सभापवत के रूप में काया करने की उप सभापवत या अन्य 207 विि विधेयकयं के बारे में विशे ष उपबंध
व्यक्ति की शक्ति साधारणतया प्रवहृया
185 जब सभापवत या उप सभापवत कय पद से हटाने का अनु च्छेद वििरण
कयई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न हयना 208 प्रवहृया के वनयम
186 अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथ सभापवत और उप 209 राज्य के विधान-मंडल में वििीय काया सं बंधी
सभापवत के िेतन और भिे प्रवहृया का विवध द्वारा विवनयमन
187 राज्य के विधान मंडल का सवचिालय काया सं चालन 210 विधान मंडल में प्रययग की जाने िाली भाषा
अनुच्छेद वििरण 211 विधान-मंडल में चचाा पर वनबंधन
188 सदस्ययं द्वारा शपथ या प्रवतज्ञान 212 न्यायालययं द्वारा विधन मंडल की काया िावहययं की
189 सदनयं में मतदान, ररक्तिययं के हयते हुए भी सदनयं की जां च न वकया जाना
काया करने की शक्ति और गणपूवता सदस्ययं की वनरहा ताएं
अनुच्छेद वििरण अध्याय IV. राज्यपाल की विधायी शाक्ति
190 स्थानयं का ररि हयना अनु च्छेद वििरण
191 सदस्यता के वलए वनरहा ताएं 213 विधान मंडल के विरां वतकाल में अध्यादे श प्रख्यावत
192 सदस्ययं की वनरहा ताओं से संबंवधत प्रश्यं पर विवनश्चय करने की राज्यपाल की शक्ति
अध्याय V. राज्ययं के उच्च न्यायालय उपबंधयं का लागू हयना
अनुच्छेद वििरण ऊपर
214 राज्ययं के वलए उच्च न्यायालय
215 उच्च न्यायालययं का अवभलेख न्यायालय हयना भाग VII: पहली अनु सूची के भाग ख के राज्य
216 उच्च न्यायालययं का गठन अनु च्छेद वििरण
217 उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की वनयुक्ति और उसके 238 [वनरसन]
पद की शतें
218 उच्चतम न्यायालय से संबंवधत कुछ उपबंधयं का उच्च भाग VIII: सं घ राज्य क्षे त्र
न्यायालययं का लागू हयना अनु च्छेद वििरण
219 उच्च न्यायालययं के न्यायाधीशयं द्वारा शपथ या 239 सं घ राज्यक्षे त्रयं का प्रशासन
प्रवतज्ञान 239 कुछ सं घ राज्य क्षे त्रयं के वलए स्थानीय विधान मंडलयं
220 स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात विवध-व्यिसाय पर या मंवत्र-पररषदयं का या दयनयं का सृ जन
वनबंधन 239 वदल्री के सं बंध में विशे ष उपबंध
221 न्यायाधीशयं के िेतन आवद 239 सां विधावनक तं त्र के विफल हय जाने की दशा में
222 वकसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दू सरे उपबंध
उच्च न्यायालय कय अंतरण 239 विधान मंडल के विरां वतकाल में अध्यादे श प्रख्यावपत
223 कायाकारी मुख्य न्यायमूवता की वनयुक्ति करने की प्रशासक की शक्ति
224 अपर और कायाकारी न्यायाधीशयं की वनयुक्ति 240 कुछ सं घ राज्य क्षे त्रयं के वलए विवनयम बनाने की
224 उच्च न्यायालययं की बैठकयं में सेिावनिृि न्यायाधीशयं राष्टरपवत की शक्ति
की वनयुक्ति 241 सं घ राज्य क्षे त्रयं के वलए उच्च न्यायालय
225 विद्यमान उच्च न्यायालययं की अवधकाररता 242 [वनरसन]
226 कुछ ररट वनकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
226 [वनरसन] भाग IX: पं चायत
227 सभी न्यायालययं के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की अनु च्छेद वििरण
शक्ति 243 पररभाषाएं
228 कुछ मामलयं का उच्च न्यायालय कय अंतरण 243 ग्राम सभा
228 [वनरसन] 243 पं चायतयं का गठन
229 उच्च न्यायालययं के अवधकारी और सेिक तथा व्यय 243 पं चायतयं की सं रचना
230 उच्च न्यायालययं की अवधकाररता का संघ राज्य 243 स्थानयं का आरक्षण
क्षेत्रयं पर विस्तार 243 पं चायतयं की अिवध, आवद
231 दय या अवधक राज्ययं के वलए एक ही उच्च न्यायालय 243 सदस्यता के वलए वनरहा ताएं
की स्थापना 243 पं चायतयं की शक्तियां , प्रावधकार और उिरदावयत्
243 पं चायतयं द्वारा कर अवधरयवपत करने की शक्तियां और
अध्याय VI. अधीनस्थ न्यायालय उनकी वनवधयां
अनुच्छेद वििरण 243- वििीय क्तस्थवत के पु नविा लयकन के वलए विि आययग
233 वजला न्यायाधीशयं की वनयुक्ति का गठन
233 कुछ वजला न्यायाधीशयं की वनयुक्तिययं का और उनके 243 पं चायतयं के लेखाओं की सं परीक्षा
द्वारा वकए गए वनणाययं आवद का विवधमान्यकरण 243 पं चायतयं के वलए वनिाा चन
234 न्यावयक सेिा में वजला न्यायाधीशयं से वभन्न 243 सं घ राज्य क्षे त्रयं कय लागू हयना
व्यक्तिययं की भती 243 इस भाग का कवतपय क्षे त्रयं कय लागू नह हयना
235 अधीनस्थ न्यायालययं पर वनयंत्रण 243 विद्यमान विवधययं और पं चायतयं का बना रहना
236 वनिाचन 243- वनिाा चन सं बंधी मामलयं में न्यायालययं के हस्तक्षे प
237 कुछ िगा या िगों के मवजस्ट्र े टयं पर इस अध्याय के का िजा न
भाग IX क: नगरपावलकाएं 248 अिवशष्ट विधायी शक्तियां .
अनुच्छेद वििरण 249 राज्य सू ची में के विषय के सं बंध में राष्टरीय वहत में
243 पररभाषाएं विवध बनाने की सं सद की शक्ति.
243 नगरपावलकाओं का गठन 250 यवद आपात की उदघयषणा प्रिता न में हय तय राज्य
243 नगरपावलकाओं की संरचना सू ची में के विषय के सं बंध में विवध.
243 िाडा सवमवतययं, आवद का गठन और संरचना 251 सं सद द्वारा अनु च्छेद 249 और अनु च्छेद 250 के
243 स्थानयं का आरक्षण अधीन बनाई गई विवधययं और राज्ययं के विधान मंडलयं
243 नगरपावलकाओं की अिवध, आवद द्वारा बनाई गई विवधययं में असं गवत.
243 सदस्यता के वलए वनरहा ताएं 252
243 नगरपावलकाओं, आवद की शक्तियां , प्रावधकार और दय या अवधक राज्ययं के वलए उनकी सहमवत से विवध
उिरदावयत् बनाने की सं सद की शक्ति और ऐसी विवध का वकसी
243 नगरपावलकाओं द्वारा कर अवधरयवपत करने की शक्ति अन्य राज्य द्वारा अं गीकार वकया जाना.
और उनकी वनवधयां 253 अं तरराष्टरीय करारयं कय प्रभािी करने के वलए विधान.
243 विि आययग 254 सं सद द्वारा बनाई गई विवधययं और राज्ययं के विधान
243 नगरपावलकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा मंडलयं द्वारा बनाई गई विवधययं में असं गवत.
243 नगरपावलकाओं के वलए वनिाा चन 255 वसफाररशयं और पू िा मंजूरी के बारे में अपे क्षाओं कय
243 संघ राज्यक्षेत्रयं कय लागू हयना केिल प्रवहृया के विषय मानना.
243 इस भाग का कवतपय क्षेत्रयं कय लागू न हयना
243 वजला ययजना के वलए सवमवत अध्याय II. प्रशासवनक सं बंध
243 महानगर ययजना के वलए सवमवत साधारण
243 विद्यमान विवधययं और नगरपावलकाओं का बना रहना अनु च्छेद वििरण
243 वनिाा चन संबंधी मामलयं में न्यायालययं के हस्तक्षे प 256 राज्ययं की ओर सं घ की बाध्यता.
का िजान 257 कुछ दशाओं में राज्ययं पर सं घ का वनयं त्रण.
257क [वनरसन]
भाग X: अनुसूवचत और जनजावत क्षेत्र 258 कुछ दशाओं में राज्ययं कय शक्ति प्रदान करने आवद
अनुच्छेद वििरण की
244 अनुसूवचत क्षेत्रयं और जनजावत क्षेत्रयं का प्रशासन. सं घ की शक्ति.
244क 258क सं घ कय कृत् सौंपने की राज्ययं की शक्ति.
असम के कुछ जनजावत क्षेत्रयं कय समाविष्ट करने 259 [वनरसन]
िाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके वलए 260 भारत के बाहर के राज्य क्षे त्रयं के सं बंध में सं घ की
स्थानीय विधान मंडल या मंवत्र पररषद का या दयनयं का अवधकाररता.
सृजन. 261 सािा जवनक काया , अवभलेख और न्यावयक
काया िावहयां .
भाग XI: संघ और राज्ययं के बीच संबंध जल सं बंधी वििाद
अध्याय I. विधायी संबंध अनु च्छेद वििरण
विधायी शक्तिययं का वितरण 262 अं तरराक्तज्यक नवदययं या नदी दू नयं के जल सं बंधी
अनुच्छेद वििरण वििादयं का न्यायवनणा यन.
245 संसद द्वारा राज्ययं के विधान मंडलयं द्वारा बनाई गई राज्ययं के बीच समन्रय
विवधययं का विस्तार. अनु च्छेद वििरण
246 संसद द्वारा और राज्य के विधान मंडलयं द्वारा बनाई 263 अं तरराज्य पररषद के सं बंध में उपबंध.
गई विवधययं की विषयिस्तु . ऊपर
247 कुछ अवतररि न्यायालययं की स्थापना का उपबंध
करने की संसद की शक्ति.
भाग XII: विि, संपवि, संविदाएं और िाद 286 माल के हृय या विहृय पर कर के अवधरयपण के बारे
अध्याय I. विि में वनबंधन.
साधारण 287 विद् यु त पर करयं से छूट.
अनुच्छेद वििरण 288 जल या विद् यु त के सं बंध में राज्ययं द्वारा कराधान से
264 विवध के प्रावधकार के वबना करयं का अवधरयपण न कुछ दशाओं में छूट.
वकया जाना. 289 राज्ययं की सं पवि और आय कय सं घ और कराधार से
265 विवध के प्रावधकार के वबना करयं का अवधरयपण न छूट.
वकया जाना. 290 कुछ व्यययं और पें शनयं के सं बंध में समाययजन.
266 भारत और राज्ययं के संवचत वनवधयां और लयक लेखे. 290क कुछ दे िस्वम वनवधययं की िावषा क सं दाय.
267 आकक्तस्मकता वनवध. 291 [वनरसन]
संघ और राज्ययं के बीच राजस्वयं का वितरण अध्याय II. उधार लेना
अनुच्छेद वििरण अनु च्छेद वििरण
268 संघ द्वारा उदगृहीत वकए जाने िाले वकन्तु राज्ययं 292 भारत सरकार द्वारा उधार लेना.
द्वारा संगृहीत और विवनययवजत वकए जाने िाले शुल्क. 293 राज्ययं द्वारा उधार लेना.
269 संघ द्वारा उदगृहीत और संगृहीत वकन्तु राज्ययं कय
सौंपे जाने िाले कर. अध्याय III. सं पवि सं विदाएं , अवधकार, दावयत्,
270 उदगृहीत कर और उनका संघ तथा राज्ययं के बीच बाध्यताएं और िाद
वितरण. अनु च्छेद वििरण
271 कुछ शुल्कयं और करयं पर संघ के प्रययजनयं के वलए 294 कुछ दशाओं में सं पवि, अााक्तस्तययं, अवधकारयं,
अवधभार. दावयत्यं
272 [वनरसन] और बाध्यताओं का उिरावधकार.
273 जूट पर और जूट उत्पादयं का वनयाा त शुल्क के स्थान 295 अन्य दशाओं में सं पवि, अााक्तस्तययं, अवधकारयं,
पर अनुदान. दावयत्यं और बाध्यताओं का उिरावधकार.
274 ऐसे कराधान पर वजसमें राज्य वहतबि है , प्रभाि 296 राजगामी या व्यपगत या स्वामीविहीन हयने से प्रयदभू त
डालने िाले विधेयकयं के वलए राष्टरपवत की पूिा सं पवि.
वसफाररश की अपेक्षा. 297 राज्य क्षे त्रीय सागर खण्ड या महाद्वीपीय मग्नतट
275 कुछ राज्ययं कय संघ अनुदान. भू वम में क्तस्थत मूल्यिान चीजयं और अनन्य आवथा क
276 िृविययं, व्यापारयं, आजीविकाओं और वनययजनयं पर क्षे त्र सं पवि स्रयतयं का सं घ में वनवहत हयना.
कर. 298 व्यापार करने आवद की शक्ति.
277 व्यािृवि. 299 सं विदाएं .
278 [वनरसन] 300 िाद और काया िावहयां .
279 ―शुि आगम‖, आवद की गणना.
280 विि आययग. अध्याय IV. सं पवि का अवधकार
281 विि आययग की वसफाररशें . अनु च्छेद वििरण
प्रकीणा वििीय उपबंध 300क विवध के प्रावधकार के वबना व्यक्तिययं कय सं पवि से
अनुच्छेद वििरण िं वचत न वकया जाना.
282 संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व के वलए जाने िाले
व्यय. भाग XIII: भारत के राज्य क्षे त्र के भीतर व्यापार,
283 संवचत वनवधययं, आकक्तस्मकता वनवधययं और लयक िावणज्य और समागम
लेखाओं में जमा धनरावशययं की अवभरक्षा आवद. भारत के सं घ राज्य क्षे त्र
284 लयक सेिकयं और न्यायालययं द्वारा प्राप्त िादकताा ओं अनु च्छेद वििरण
की जमा रावशययं और अन्य धनरावशययं की अवभरक्षा. 301 व्यापार, िाणक्तज्य और समागम की स्वतं त्रता.
285 संघ और संपवि कय राजय के कराधान से छूट. 302 व्यापार, िाणक्तज्य और समागम पर वनबंधन
अवधरयवपत करने की संसद की शक्ति. 320 लयक से िा आययगयं के कृत्.
303 व्यापार और िावणज्य के संबंध में संघ और राज्ययं की 321 लयक से िा आययगयं के कृत्यं का विस्तार करने की
विधायी शक्तिययं पर वनबंधन. शक्ति.
304 राज्ययं के बीच व्यापार, िावणज्य और समागम पर 322 लयक से िा आययगयं के व्यय.
वनबंधन. 323 लयक से िा आययगयं के प्रवतिे दन.
305 विद्यमान विवधययं और राज्य के एकावधकार का
उपबंध भाग XIVक: अवभकरण
करने िाली विवधययं की व्यािृवि. अनु च्छेद वििरण
306 [वनरसन] 323क प्रशासवनक अवधकरण.
307 अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 304 के प्रययजनयं कय 323ख अन्य विषययं के वलए अवधकरण.
कायाा क्तन्रत करने के वलए प्रावधकारी की वनयुक्ति.
भाग XV: वनिाा चन
भाग XIV: संघ और राज्ययं के अधीन सेिाएं अनु च्छेद वििरण
अध्याय I. सेिाएं 324 वनिाा चनयं के अधीक्षण, वनदे शन और वनयं त्रण का
अनुच्छेद वििरण वनिाा चन आययग में वनवहत हयना.
308 वनिाचन. 325
309 संघ या राज्य की सेिा करने िाले व्यक्तिययं की भती धमा , मूलिं श, जावत या वलंग के आधार पर वकसी
और सेिा की शतें . व्यक्ति का वनिाा चक नामािली में सक्तिवलत वकए
310 संघ या राज्य की सेिा करने िाले व्यक्तिययं की जाने के वलए अपात्र न हयना और उसके द्वारा वकसी
पदािवध. विशे ष वनिाा चक-नामािली में सक्तिवलत वकए जाने का
311 संघ या राज्य के अधीन वसविल है वसयत में वनययवजत दािा न वकया जाना.
व्यक्तिययं का पदच्युत वकया जाना या पंक्ति में अिनत 326 लयक सभा और राज्ययं की विधान सभाओं के वलए
वकया जाना. वनिाा चनयं का ियस्क मतावधकार के आधार पर हयना.
312 अक्तखल भारतीय सेिाएं . 327 विधान मंडल के वलए वनिाा चनयं के सं बंध में उपबंध
312क करने की सं सद की शक्ति.
कुछ सेिाओं के अवधकाररययं की सेिा की शतों में 328 वकसी राज्य के विधान मंडल के वलए वनिाा चनयं के
पररितान करने या उन्हें प्रवतसंहृत करने की संसद की सं बंध में उपबंध करने की उस विधान मंडल की शक्ति.
शक्ति. 329 वनिाा चन सं बंधी मामलयं में न्यायालययं के हस्तक्षे प
313 संहृमण कालीन उपबंध. का िजा न.
314 [वनरसन] 329क [वनरसन]

अध्याय II.- लयक सेिा आययग भाग XVI: कुछ िगों के सं बंध में विशे ष उपबंध
अनुच्छेद वििरण अनु च्छेद वििरण
315 संघ और राज्ययं के वलए लयक सेिा आययग. 330 लयक सभा में अनु सूवचत जावतययं और अनु सूवचत
316 सदस्ययं की वनयुक्ति और पदािवध. जनजावतययं के वलए स्थानयं का आरक्षण.
317 लयक सेिा आययग के वकसी सदस्य का हटाया जाना 331 लयक सभा में आं ग्ल भारतीय समुदाय का
और प्रवतवनवधत्.
वनलंवबत वकया जाना. 332 राज्ययं की विधान सभाओं में अनु सूवचत जावतययं और
318 आययग के सदस्ययं और कमाचाररिृंद की सेिा की अनु सूवचत जनजावतययं के वलए स्थानयं का आरक्षण.
शतों 333 राज्ययं की विधान सभाओं में आं ग्ल भारतीय समुदाय
के बारे में विवनयम बनाने की शक्ति. का प्रवतवनवधत्.
319 आययग के सदस्ययं द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद 334 स्थानयं के आरक्षण और विशे ष प्रवतवनवधत् का साठ
धारण करने के सबंध में प्रवतषेध. िषा के पश्चात न रहना.
335 सेिाओं और पदयं के वलए अनुसूवचत जावतययं और जाने िाली भाषा.
अनुसूवचत जनजावतययं के दािे. 350क प्राथवमक स्तर पर मातृ भाषा में वशक्षा की सु विधाएं .
336 कुछ सेिाओं में आं ग्ल भारतीय समुदाय के वलए 350ख भाषाई अल्पसं ख्यक िगों के वलए विशे ष अवधकारी.
विशेष 351 वहन्दी भाषा के विकास के वलए वनदे श
उपबंध.
337 आं ग्ल भारतीय समुदाय के फायदे के वलए शैवक्षक XVIII: आपात उपबंध
अनुदान के वलए विशेष उपबंध. अनु च्छेद वििरण
338 राष्टरीय अनुसूवचत जावत आययग. 352 आपात की उदघयषणा.
338क राष्टरीय अनुसूवचत जनजावत आययग. 353 आपात की उदघयषणा का प्रभाि.
339 अनुसूवचत क्षेत्रयं के प्रशासन और अनुसूवचत 354 जब आपात की उदघयषणा प्रिता न में है तब राजस्वयं
जनजावतययं के कल्याण के बारे में संघ का वनयंत्रण. के
340 वपछडे िगों की दशाओं के अन्रेषण के वलए आययग वितरण सं बंधी उपबंधयं का लागू हयना.
की 355 बाह्य आहृमण और आं तररक अशां वत से राज्य की
वनयुक्ति. सं रक्षा करने का सं घ का कता व्य.
341 अनुसूवचत जावतयां . 356 राज्ययं सां विधावनक तं त्र के विफल हय जाने की दशा में
342 अनुसूवचत जनजावतयां . ऊपर उपबंध.
357 अनु च्छेद 356 के अधीन की गई उदघयषणा के अधीन
भाग XVII: राजभाषा विधायी शाक्तिययं का प्रययग.
अध्याय I. – संघ की भाषा 358 आपात के दौरान अनु च्छेद 19 के उपबंधयं का
अनुच्छेद वििरण वनलंबन.
343 संघ की राजभाषा. 359 आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदि अवधकारयं के
344 राजभाषा के संबंध में आययग और संसद की सवमवत. प्रिता न का वनलबंन.
अध्याय II. प्रादे वशक भाषाएं 359क [वनरसन]
अनुच्छेद वििरण 360 वििीय आपात के बारे में उपबंध.
345 राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं .
346 एक राज्य और दू सरे राज्य के बीच या वकसी राज्य भाग XIX: प्रकीणा
और संघ के बीच पत्रावद की राजभाषा. अनु च्छेद वििरण
347 एक राज्य और दू सरे राज्य के बीच या वकसी राज्य 361 राष्टरपवत और राज्यपालयं और राजप्रमुखयं का
और संघ के बीच पत्रावद की राजभाषा. सं रक्षण.
361क सं सद और राज्ययं के विधान मंडलयं की काया िावहययं
अध्याय III. उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालययं की
आवद की भाषा. प्रकाशन का सं रक्षण.
अनुच्छेद वििरण 361ख लाभप्रद राजनीवतक पद पर वनयु क्ति के वलए
348 वनरहा ता.
उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालययं में और 362 [वनरसन]
अवधवनयमयं, विधेयकयं आवद के वलए प्रययग की जाने 363 कुछ सं वधययं, करारयं आवद से उत्पन्न वििादयं में
िाली भाषा. न्यायालययं के हस्तक्षे प का िजा न.
349 भाषा से संबंवधत कुछ विवधयां अवधवनयवमत करने के 363क दे शी राज्ययं के शासकयं कय दी गई मान्यता की
वलए विशेष प्रवहृया. समाक्तप्त
और वनजी थौवलययं का अं त.
अध्याय IV. विशेष वनदे श 364 महापिनयं और विमानक्षे त्रयं के बारे में विशे ष उपबंध.
अनुच्छेद वििरण 365 सं घ द्वारा वदए गए वनदे शयं का अनु पालन करने में या
350 व्यथा के वनिारण के वलए अभ्यािेदन में प्रययग की उनकय प्रभािी करने में असफलता का प्रभाि.
366 पररभाषाएं . 372 विद्यमान विवधययं का प्रिृ ि बने रहना और उनका
367 वनिाचन. अनु कूलन.
372क विवधययं का अनु कूलन करने की राष्टरपवत की शक्ति.
भाग XX: संविधान का संशयधन 373 वनिारक वनरयध में रखे गए व्यक्तिययं के सं बंध में कुछ
अनुच्छेद वििरण दशाओं में आदे श करने की राष्टरपवत की शाक्ति.
368 संविधान का संशयधन करने की संसद की शक्ति और 374 फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशयं और फेडरल
उसके वलए प्रवहृया. न्यायालय में या सपररषद वहज मेजेस्ट्ी के समक्ष
ऊपर लंवबत काया िावहययं के बारे में उपबंध.
भाग XXI: अस्थायी, पररिती और विशेष प्रािधान 375 सं विधान के उपबंधयं के अधीन रहते हुए न्यायालययं,
अनुच्छेद वििरण प्रावधकाररययं और अवधकाररययं का कृत् करते रहना.
369 376 उच्च न्यायालययं के न्यायाधीशयं के बारे में उपबंध.
राज्य सूची के कुछ विषययं के सबंध में विवध बनाने की 377 भारत के वनयं त्रक महालेखापरीक्षक के बारे में
संसद की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानय िे समिती उपबंध.
सूची के विषय हयं. 378 लयक से िा आययगयं के बारे में उपबंध.
370 जिू और कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध. 378क आं ध्र प्रदे श विधान सभा की अिवध के बारे में
371 महाराष्टर और गुजरात राज्ययं के संबंध में विशेष विशे ष
उपबंध. उपबंध.
371क नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध. 379-391 [वनरसन]
371ख असम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध. 392 कवठनाइययं कय दू र करने की राष्ष्टष्टरपवत की शक्ति.
371ग मवणपुर राज्य के संबंध में विशेष उपबंध. भाग XXII: सं वक्षप्त नाम, प्रारं भ और वनरसन
371घ आं ध्र प्रदे श राज्य के संबंध में विशेष उपबंध. वहं दी में प्रावधकृत पाठ
371ड आं ध्र प्रदे श में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना. अनु च्छेद वििरण
371च वसक्तक्कम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध. 393 सं वक्षप्त नाम.
371छ वमजयरम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध. 394 प्रारं भ.
371ज अरुणाचल प्रदे श राज्य के संबंध में विशेष उपबंध. 394क वहं दी भाषा में प्रावधकृत पाठ.
371-झ गयिा राज्य के संबंध में विशेष उपबंध. 395 वनरसन.

Major constitutional Article-प्रमुख सं िैधावनक अनु च्छेद

1. अनुच्छेद 1 4. अनु च्छेद 12-35


►यह घयषणा करता है वक भारत ‗राज्ययं का संघ‘ है । ►मौवलक अवधकार का प्रािधान

2. अनुच्छेद 3 5. अनु च्छेद 36-51


►संसद विवध द्वारा नए राज्य बना सकती है तथा पहले ►राज्य के नीवत-वनदे शक तत्
मौजूद राज्ययं के क्षेत्रयं, समीओं, नामयं में पररितान कर
सकती है । 6. अनु च्छेद 51(क)
3. अनुच्छेद 5-11 ►मौवलक कता व्य
►नागररकता का प्रिाधान
7. अनुच्छेद 52-73 21. अनु च्छेद 266
►भारत के राष्टरपवत एिं उपराष्टरपवत का संगठन और ►भारत और राज्ययं की सं वचत वनवधयां
कायाक्षेत्रावधकार
22. अनु च्छेद 267
8. अनुच्छेद 74-75 ►आकक्तस्मक वनवधयां
►मंवत्रपररषद् की व्यिस्था और उसके कताव्य
23. अनु च्छेद 280
9. अनुच्छेद 79 ►विि आययग का गठन
►संसद का गठन
24. अनु च्छेद 281
10. अनुच्छेद 80 ►विि आययग के गठन की वसफाररशें
►राज्यसभा का गठन
25. अनु च्छेद 312
11.अनुच्छेद 81 ►अक्तखल भारतीय से िाएं
►लयकसभा का गठन
26. अनु च्छेद 315
12. अनुच्छेद 123 ► सं घ एिं राज्य लयकसे िा आययग का गठन
►राष्टरपवत कय अध्यादे श जारी करने का अवधकार
27. अनु च्छेद 320
13. अनुच्छेद 124 ► सं घ लयक से िा आययग के काया
►सिोच्च न्यायालय की स्थापना
28. अनु च्छेद 324
14. अनुच्छेद 153-162 ►भारत का वनिाा चन आययग
►राज्यपाल की वनयुक्ति तथा अवधकार
29. अनु च्छेद 330
15. अनुच्छेद 163-164 ► लयकसभा में अनु सूवचत जावत-जनजावत के वलए
►राज्य के मंवत्रपररषद् सहमुख्यमंत्री आरक्षण

16. अनुच्छेद 168-195 30. अनु च्छेद 331


►राज्य विधावयका ►लयकसभा में आं ग्ल-भारतीय समुदाय का प्रवतवनवधत्

17. अनुच्छेद 216 31. अनु च्छेद 343-351


►उच्च न्यायालय का गठन ►सं घ की भाषा, प्रादे वशक भाषाएं , उच्चतम एिं उच्च
न्यायालययं की भाषा के सं बंध में ।
18. अनुच्छेद 239(क)
►वदल्री के संबंध में विशेष उपबंध 32. अनु च्छेद 352-360
►आपातकालीन उपबंध
19. अनुच्छेद 243
►पंचायती राज, नगरपावलका का गठन और इसके अन्य 33. अनु च्छेद 368
उपबंध ►सं विधान में सं शयधन करने की सं सद की शक्ति और
प्रवकया
20. अनुच्छेद 248
►अविवशष्ट विधी संबंधी शक्तियां
34. अनुच्छेद 370
►जिू -कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध

Indian Article-भारतीय सं विधान के अनु च्छेद


भारतीय संविधान में कुल वकतने अनुच्छेद हैं ● सं विधान के वकस अनु च्छेद के अं तगात राष्टरपवत
— 444 लयकसभा भं ग कर सकता है
— अनु च्छेद-85
● भारतीय संविधान के वकस अनुच्छेद में यह वलखा है वक
भारत राज्ययं का एक संघ हयगा ● वकस अनु च्छेद में सं सद के सं युि अवधिे शन का
— अनुच्छेद-1 प्रािधान है
— अनु च्छेद-108
● वकस अनुच्छेद में नागररकयं कय मौवलक अवधकार प्रदान
वकए गए हैं ● सं विधान के वकस अनु च्छेद में धन विधेयक की पररभाषा
— अनुच्छेद 12-35 दी गई है
— अनु च्छेद-110
● वकस अनुच्छेद में नागररकता संबंधी प्रािधान है
— अनुच्छेद 5-11 ● सं विधान के वकस अनु च्छेद के अं तगात राष्टरपवत अध्यादे श
जारी करता है
● नौकररययं तथा शैक्षवणक संस्थाओं में समाज के कमजयर — अनु च्छेद-123
िगों के वलए आरक्षण उपलब्ध कराने के वलए केंद्र सरकार
कय कौन-सा अनुच्छेद अवधकार प्रदान करता है ● सं विधान के वकस अनु च्छेद में सिोच्च न्यायालय के
— अनुच्छेद-16 न्यायधीश पर महावभययग चलाया जा सकता है
— अनु च्छेद-124
● संविधान के वकस अनुच्छेद में राज्य में नीवत-वनदे शक
तत्यं का उल्रेख है ● राष्टरपवत वकस अनु च्छेद के अं तगात सिोच्च न्यायालय से
— अनुच्छेद 36-51 परामशा मां ग सकता है
— अनु च्छेद-233
● भारतीय संविधान के वकस अनुच्छेद में कल्याणकारी
राज्य की अिधारणा िवणात है — अनुच्छेद-39 ● वकस अनु च्छेद के अं तगात केंद्र के पास अिवशष्ट
शक्तियााँ है
● संविधान के वकस अनुच्छेद के अंतगात भारत में राष्टरपवत — अनु च्छेद-248
पर महावभययग चलाया जा सकता है
— अनुच्छेद-61 ● वकस अनु च्छेद में अं तराा ष्टरीय समझौते लागू करने के वलए
शक्ति प्रदान की गई है
● वकस अनुच्छेद में मंवत्रगण सामूवहक रुप से लयकसभा के — अनु च्छेद-253
प्रवत उिरदायी हयते हैं
— अनुच्छेद-75 ● वकस अनु च्छेद के तहत राष्टरपवत विि आययग का गठन
करता है
● महान्यायिादी की वनयुक्ति वकस अनुच्छेद के अंतगात की — अनु च्छेद-280
जाती है
— अनुच्छेद-76 ● सं पवि का अवधकार वकस अनु च्छेद में है
— अनु च्छेद-300 (क)
● संविधान के वकस अनुच्छेद में संघ और राज्ययं के वलए ● सं विधान के वकस अनु च्छेद के अं तगात राज्य सरकार कय
लयकसेिा आययग का प्रािधान है ग्राम पं चायत के सं गठन का वनदे श वदया गया है
— अनुच्छेद-315 — अनु च्छेद-40

● वकस अनुच्छेद के अंतगात वहन्दी भाषा कय राजकीय ● िता मान में सं विधान में वकतनी अनु सूवचयााँ हैं
भाषा घयवषत वकया गया है — 12
— अनुच्छेद-343 (I)
● सं विधान की वद्वतीय अनु सूची का सं बंध वकस से है
● संविधान के वकस अनुच्छेद के तहत अनुसूवचत — महत्पू णा पद अवधकाररययं के िे तन-भियं से
जनजावतययं के वलए एक राष्टरीय आययग के गठन का
प्रािधान है ● कौन-सी अनु सूची में 22 भाषाओं कय मान्यता दी गई है
— अनुच्छेद-338 (A) — आठिीं अनु सूची

● संसद कय संविधान संशयधन का अवधकार वकस अनु च्छेद ● दल-बदल के आधार पर वनिाा वचत सदस्ययं की अययग्यता
में है सं बंधी वििरण वकस अनु सूची में है
— अनुच्छेद-368
— 10िीं अनु सूची
● संविधान के वकस अनुच्छेद के अंतगात संविधान की
प्रवहृया का उल्रेख है ● सं विधान की छठी अनु सूची वकस राज्य में लागू नहीं हयता
— अनुच्छेद-356 है
— मवणपु र
● संविधान के वकस अनुच्छेद में ‗मंवत्रमंडल‘ शब्द का
प्रययग संविधान में एक बार हुआ है ● वकस राज्य के आरक्षण विधेयक कय 9िीं अनु सूची में
— अनुच्छेद-352 सक्तिवलवत वकया गया है
— तवमलनाडु
● जिू -कश्मीर कय वकस अनुच्छेद के अंतगात विशे ष दजाा
प्राप्त है ● भारतीय सं विधान की कौन-सी अनु सूची राज्य में नामयं
— अनुच्छेद-370 की सू ची तथा राज्य क्षे त्रयं का ब्यौरा दे ती है
— पहली अनु सूची
● अनुच्छेद-356 का संबंध वकससे है
— राष्टरपवत शासन से ● भारतीय सं विधान में 9िीं अनु सूची पररिवता त हुई
— प्रथम सं शयधन द्वारा
● भारतीय संविधान में समानता का अवधकार पााँ च
अनुच्छेदयं द्वारा प्रदान वकया गया है , िे कौन-से हैं ● वकस अनु च्छेद के अं तगात उपराष्टरपवत पद की व्यिस्था
— अनुच्छेद-14-18 है
— अनु च्छेद-63
● संविधान के वकस अनुच्छेद में मूल कताव्ययं का उल्रे ख है
— अनुच्छेद-51 (क) ● वििीय आपात की घयषणा वकस अनु च्छेद के अं तगात
हयती है
● ‗भारत के नागररक का कताव्य हयगा प्राकृवतक पयाा िरण — अनु च्छेद-360
का संरक्षण एिं सुधार‘ यह कथन वकस अनुच्छेद में है
— अनुच्छेद-(A)
● राष्टरीय वपछडा आययग का गठन वकस अनुच्छेद के ● सं विधान में समिती सू ची की प्रे रणा कहााँ से ली गई है
अंतगात वकया जाता है — ऑस्ट्र े वलया
— अनुच्छेद-340
● भारतीय सं विधान में मौवलक कता व्ययं कय वकस दे श से
● वकस अनुसूची में केंद्र ि राज्ययं के बीच शक्तिययं के वलया गया है
बंटिारे का िणान है — रुस के सं विधान से
— सातिीं अनुसूची में
● राज्य में कलेक्टर का पद औपवनिे वशक शासन ने वकस
● समिती सूची वकस राज्य में संबंवधत नही ं है दे श से उधार वलया था
— जिू -कश्मीर से — इं ग्लैंड से
● संविधान लागू हयने के समय समिती सूची में वकतने
विषय थे ● ‗कानू न के समक्ष समान सं रक्षण‘ िाक्य कहााँ से वलया
— 47 विषय गया है
— सं युि राज्य अमेररका से
● ितामान में राज्य सूची में वकतने विषय हैं
— 66 विषय ● सिोच्च न्यायालय की व्यिस्था भारतीय सं विधान ने वकस
दे श के सं विधान से ली है
● ितामान में संघ सूची में वकतने विषय हैं — सं युि राज्य अमेररका
— 97 विषय
● भारतीय सं विधान की सं शयधन प्रवहृया वकस दे श के
● वकस अनुसूची में असम, मेघालय, वत्रपुरा ि वमजयरम सं विधान से प्रभावित है
राज्ययं के जनजावत क्षेत्रयं के प्रशासन के बारे में प्रािधान है — दवक्षण अफ्रीका
— छठीं अनुसूची में
● ‗विवध के समक्ष समता‘ कहााँ से ली गई है
भारतीय संविधान के स्रयत : सामान्य ज्ञान प्रश्यिरी — इं ग्लैंड से

● भारतीय संविधान संसदीय प्रणाली वकस दे श के सं विधान ● िह सं िैधावनक दस्तािे ज कौन-सा है वजसका भारतीय
से ली गई है सं विधान तै यार करने में गहरा प्रभाि पडा
— इं ग्लैंड — भारत सरकार अवधवनमय 1935

● भारतीय संविधान का कौन-सा लक्षण आयररश सं विधान ● भारत के राष्टरपवत की आपातकालीन शक्तियााँ वकस दे श
से अनुप्रेररत है से ली गई हैं
— नीवत-वनदे शक तत् — जमानी के िीमार सं विधान से

● भारतीय संविधान का सबसे बडा एकाकी स्त्रयत कौन-सा ● भारत के सविधान में मूल अवधकार वकस दे श के
है सं विधान से प्रे ररत है
— गिनामेंट ऑफ इं वडया एक्ट, 1935 — सं युि के िीमर सं विधान से

● भारतीय संविधान की संघीय व्यिस्था वकस दे श की ● सं विधान में ‗कानू न द्वारा स्थावपत‘ शब्दािली वकस दे श
संघीय व्यिस्था से समानता रखती है के सं विधान से ली गई है
— कनाडा — सं युि राज्य अमेररका

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