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साहित्यिक परिचय

आचायय िजािी प्रसाद हिवेदी


आचायय िजािी प्रसाद हिवेदी का जन्म सन 1907 ई० में बलिया लजिे
के 'दब
ु े का छपिा' नामक गांव में िुआ था| इनके पपता का नाम अनमोि
हिवेदी था| इनकी प्रततभा का तवशेष तवकास तवश्वतवख्यात संस्था
शांतततनकेतन में िुआ । विां यि 11 वषय तक हिंदी भवन के तनदे शक के रूप
में कायय किते ििे । सन 1949 ईस्वी में िखनऊ तवश्वतवद्यािय ने इन्हें ‘डी०
लिट०’ की उपाधि से तथा सन् 1957 ई० में भाित सिकाि ने ‘पद्म भूषण’
की उपाधि से तवभूपषत पकया ।

इन्होंने काशी हिंद ू तवश्वतवद्यािय औि पंजाब तवश्वतवद्यािय में हिंदी


तवभाग के अध्यक्ष पद पि कायय पकया तथा उत्ति प्रदे श सिकाि की ‘हिंदी ग्रंथ
अकादमी’ के अध्यक्ष ििे । तत्पश्चात यि हिंदी ‘साहिि सम्मेिन प्रयाग’ के
सभापतत ििे ।

िजािी प्रसाद हिवेदी हिंदी साहिि के प्रख्यात तनबंिकाि, इततिास


िेखक, अन्वेषक, आिोचक , संपादक तथा उपन्यासकाि के अततरिक्त
कुशि वक्ता औि सफि अध्यापक भी थे । उन्होंने तवश्व भािती औि अधभनव
भाितीय ग्रंथ मािा का संपादन पकया । उन्होंने तविुप्तप्राय जैन साहिि को
प्रकाश में िाकि अपनी गिन शोि दृपि का परिचय हदया । हदवेदी जी की
साहित्यिक सेवा को डी० लिट०, पद्मभूषण औि मंगिा प्रसाद पारितोपषक
से सम्मातनत पकया गया िै ।

रचनाएं
हिवेदी जी की प्रमुख िचनाएं इस प्रकाि िैं -

• तनबंि संग्रि -अशोक के फूि, कुटज, तवचाि प्रवाि, तवचाि औि तवतकय,


आिोक पवय, कल्प िता

• आिोचना साहिि- सूिदास, कालिदास की िालिि योजना, कबीि,


साहिि सिचि, साहिि का ममय

• इततिास - हिंदी साहिि की भूतमका, हिंदी साहिि का आहदकाि, हिंदी


साहिि.

• उपन्यास - बाणभट्ट की आत्मकथा, पुननयवा औि अनामदास का पोथा

• संपादन - नाथ लसद्धों की बातनया संलक्षप्त पृथ्वीिाज िासो, संदेश िासक.

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