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आरके पुरम,
- 04
प्रमाण पत्र
यह प्रमाणित किया जाता है कि बारहवीं कक्ष ा के यशवर्धन ने शै क्ष णिक
वर्ष 2022-23 के लिए श्र ी म ु के श कु मार के मार्गदर्शन में हरिवं श राय
बच्चन नामक अपनी हि ंद ी परियोजना को प ू र ा किया है । परियोजना से
कोई महत्वप ू र्ण विवरण छू टे बिना समय सीमा। यह भी प्रमाणित किया
जाता है कि यह परियोजना छात्र का व्यक्ति गत कार्य है और इसे
म ू ल् यां क न के लिए प्रस्त ु त किया जा सकता है ।
शिक्ष क के हस्ताक्ष र
छात्र के हस्ताक्ष र
स्वीकृ ति
मैं अपने प्रोजे क् ट गाइड श्र ी म ु के श कु मार सर को प्रोजे क् ट के दौरान मे र ा
अत्यधिक मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद और आभार व्यक्त करना
चाहता हूं । उन्होंने हमे शा मे रे प्रोजे क् ट में गहरी दिलचस्पी दिखाई।
उनकी रचनात्मक सलाह और निरं त र प्रे र णा उनकी परियोजना के सफल
समापन के लिए जिम्मे द ार रही है ।
यशवर्धन
कक्ष ा- बारहवीं (विज्ञान)
विषयसूची
1. प्रमाण पत्र
2.
स्वीकृ ति
5. बालपन व शिक्ष ा
13. प ु र स्कार
14. म त्ृ य ु
कुशल साहित्यकार बच्चन जी का जन्म 27 नवंबर 1907 के दिन बापूपट्टी गाँव, जिला प्रतापगढ़ में हुआ था। उनकी
प्रसिद्ध रचना “मधुशाला” आज भी श्रोताओं का मन मोह लेती है। अपने पिता की स्मति
ृ में अमिताभ बच्चन जी
अलग-अलग मंच पर कई बार उनकी यह मनमोहक कविता दोहराते हैं। अपने दौर के श्रेष्ठतम कवि बच्चन जी
कविता और लेखन योगदान के लिए पद्म भष
ू ण विजेता भी बने। आइये आज हम उनके जीवन के बारे में विस्तार
से जानते हैं।
सं क्षि प्त परिचय
नाम हरिवंश राय श्रीवास्तव (बच्चन)
राष्ट्रीयताभारतीय
शिक्षा पी॰ एच॰ डी॰
बालपन व शिक्ष ा
छायावादी कवि हरिवंश राय बच्चन का शुरूआती जीवन इलाहबाद शहर से सटे प्रतापगढ़ जिले के छोटे से गाँव
बापूपट्टी में बीता था। वह एक कायस्थ परिवार से थे। उनके माता-पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव और
सरस्वती दे वी था। छोटी आयु में उन्हे बच्चन नाम से पुकारा जाता था। जिसका अर्थ “बच्चा” होता है । जिस कारण
आगे चल कर उनका सरनेम “बच्चन” हुआ। हकीकत में उनका सरनेम श्रीवास्तव है ।
उन्होने अपनी प्राथमिक शिक्षा जिला परिषद प्राथमिक स्कूल से सम्पन्न की थी। उसके बाद वह कायस्थ पाठशाला
से आगे का अध्ययन करने के लिए जुड़,े जहां उन्होने अपनी खानदानी परं परा आगे बढ़ाते हुए उर्दू का अभ्यास
किया। उसके बाद उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय में एमए की पढाई की। आगे चल कर फिर उन्होने “डबल्यू बी
यीट्स” नाम के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी कवि की रचनाओं पर शोध करते हुए अपना पी॰एच॰डी॰ का अभ्यास कैम्ब्रिज
विश्वविद्यालय से पूर्ण किया।
पति की मत्ृ यु के महज़ पाँच वर्ष बाद ही वर्ष 2007 में तेजी बच्चन का भी स्वर्गवास हो गया। मत्ृ यु के समय
उनकी आयु 93 वर्ष थी।
हरिवं श राय की प्र सिद्ध रचना – “ कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती ”
लहरों से डरकर नौका कभी पार नहीं होती, कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती!!
नन्ही चीटी जब दाना लेकर चलती है , चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है ,
मन का विश्वास रगों में साहस भरते जाता है , चढ़ कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है ,
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती!!
कविता संग्रह
1. तेरा हार (1929),
2. मधुशाला (1935),
3. मधुबाला (1936),
4. मधुकलश (1937),
5. आत्म परिचय (1937)],
6. निशा निमंत्रण (1938),
7. एकांत संगीत (1939),
8. आकुल अंतर (1943),
9. सतरं गिनी (1945),
10. हलाहल (1946),
11. बंगाल का काल (1946),
12. खादी के फूल (1948),
13. सूत की माला (1948),
14. मिलन यामिनी (1950),
15. प्रणय पत्रिका (1955),
16. धार के इधर-उधर (1957),
17. आरती और अंगारे (1958),
18. बुद्ध और नाचघर (1958),
19. त्रिभंगिमा (1961),
20. चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962),
21. दो चट्टानें (1965),
22. बहुत दिन बीते (1967),
23. कटती प्रतिमाओं की आवाज़ (1968),
24. उभरते प्रतिमानों के रूप (1969),
25. जाल समेटा (1973)
26. नई से नई-पुरानी से पुरानी (1985)
आत्मकथा
1. क्या भल
ू ँ ू क्या याद करूँ (1969),
2. नीड़ का निर्माण फिर (1970),
3. बसेरे से दरू (1977),
4. दशद्वार से सोपान तक (1985)
5. प्रवासी की डायरी
विविध
1. बच्चन के साथ क्षण भर (1934),
2. खय्याम की मधश
ु ाला (1938),
3. सोपान (1953),
4. मैकबेथ (1957),
5. जनगीता (1958),
6. ओथेलो (1959),
7. उमर खय्याम की रुबाइयाँ (1959),
8. कवियों में सौम्य संत: पंत (1960),
9. आज के लोकप्रिय हिन्दी कवि: समि
ु त्रानंदन पंत (1960),
10. आधुनिक कवि (1961),
11. नेहरू: राजनैतिक जीवनचरित (1961),
12. नये परु ाने झरोखे (1962),
13. अभिनव सोपान (1964)
14. चौंसठ रूसी कविताएँ (1964)
15. नागर गीता (1966),
16. बच्चन के लोकप्रिय गीत (1967)
17. डब्लू बी यीट्स एंड अकल्टिज़म (1968)
18. मरकत द्वीप का स्वर (1968)
19. है मलेट (1969)
20. भाषा अपनी भाव पराये (1970)
21. पंत के सौ पत्र (1970)
22. प्रवास की डायरी (1971)
23. किं ग लियर (1972)
24. टूटी छूटी कड़ियाँ (1973)