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कितनी मोहब्बत है - 11

दादू सही सलामत घर आ चुके थे ! अक्षत आज कई दिनों बाद खुश था , परिवार के साथ वक्त बिताना और उनकी खुशियों मेंशामिल होना कितना सुकू नभरा
होता है ये उसने आज देखा ! मीरा अक्षत को वही छोड़कर ऊपर चली आयी ! आईने के सामनेखड़ी जब वह अपने बाल बना रही थी अक्षत का ख्याल बार
बार उसके दिमाग में आ रहा था ! अक्षत के बारे में सोचते हुएउसके होंठो पर एक प्यारी सी मुस्कान तैर गयी ! मीरा ने घड़ी की और देखा कॉलेज जाने का
समय हो चुका था ! उसने निधि सेजल्दी तैयार होने को कहा और खुद भी जल्दी जल्दी बाल बनाकर , बुक्स लेकर कमरे से निकली ! कमरे से निकलते हुए
उसेध्यान नहीं रहा और वह सामने से आते अक्षत से टकरा गयी ! लेकिन अक्षत तो अक्षत है कॉम्प्लिके टेड कब उसका मूड स्विंग होजाये कोई नहीं जानता !
उसने मीरा को देखा और अपने कमरे की और चला गया ! मीरा निचे बैठकर अपनी बुक्स उठाने लगीऔर साथ ही बड़बड़ने भी लगी,"सडु कही के , ये नहीं के
बुक्स उठा दे !"
मीरा ने किताबे उठायी और निचे चली आयी ! निधि भी आ गयी और दोनों कॉलेज के लिए निकल गयी ! राधा ने घर का कामनिपटाया और दादाजी को
दवाईया देने उनके कमरे में आयी ! दादाजी उस वक्त अके ले थे और कोई किताब पढ़ रहे थे ! दादीमाँ बाहर रघु से बगीचे में पेड़ पोधो की सफाई करवा रही थी
! राधा को देखते ही दादाजी ने अपनी किताब साइड में रखी औरकहा,"अरे राधा ! आओ बैठो"
"पापा आपकी दवाईया लेकर आई हु !",राधा ने सामने पड़ी कु र्सी पर बैठते हुए कहा !
"ये किसलिए मैं बिल्कु ल ठीक हु , डॉक्टर ने खामखा ये सब दे दिया !",दादाजी ने खांसते हुए कहा !
"हां पता है मुझे आप ठीक है फिर भी आपको इनकी जरूरत है !",राधा ने एक टेबलेट निकलकर उनकी और बढ़ाते हुए कहा !
दादाजी ने दवा ली और सर दिवार से लगा लिया ! उन्हें सोचता देखकर राधा ने कहा,"क्या सोच रहे है पापा ?
दादू - अक्षत के बारे में सोच रहा हु बहु !
राधा - क्या ?
दादू - मोनालिसा उसके लिए सही नहीं है राधा , अक्षत को जब उसके साथ देखता हु तो अच्छा नहीं लगता ! इस बच्चे के साथही ऐसा क्यों हुआ ?"
राधा - उसने अक्षत को फं साया है पापा , और उसमे निकलने का कोई रास्ता भी नहीं है !
दादू - कल रात मैं इसी बारे में सोच रहा था और फिर सीने में दर्द होने लगा !!
राधा - पापा आप इस बारे में इतना सब मत सोचा कीजिये ! मुझसे भी एक गलती हो गयी !
दादू - क्या गलती ?
राधा - बातो ही बातो में मुझसे मीरा की माँ का जिक्र हो गया !
दादू - उसे तुम पर शक तो नहीं हुआ ?
राधा - नहीं पापा , मैंने बातो बातो में टाल दिया !
दादू फिर सोच में पड़ गए और फिर कहा,"राधा मीरा से सच कब तक छु पाओगी !"
राधा - जब तक सब ठीक नहीं हो जाता पापा , जब उसे मुझपर पूरा भरोसा हो जाएगा मैं उसे सारी सच्चाई बता दूंगी ! फ़िक्र तोमुझे आशु की हो रही है
मोनालिसा की वजह से कै से वह हमसे दूर हो चुका है , उसका गुस्सा , उसकी फ्रस्ट्रेशन बढ़ने लगी हैपापा !! काश कोई इसे सम्हाल पाती !" कहते हुए राधा
की आवाज थोड़ी नम हो गयी तो दादू ने प्यार से कहा,'चिंता मत करो ,उसे सम्हालने वाली इस घर में आ चुकी है !"
राधा - मतलब ?
दादू - मीरा
राधा - मैं कु छ समझी नहीं पापा
दादू - मीरा ही वो लड़की है जो अक्षत की जिंदगी में सब सही कर सकती है !
राधा - लेकिन आशु ? मुझे नहीं लगता वो मीरा को या मीरा उसे समझ पायेगी , दोनों की सोच अलग है , दोनों का नजरियाअलग है , मीरा राजपूत है और
हम ब्राह्मण !
दादू - राधा तुम किस जमाने की बात कर रही हो ? जात पात हमारे ज़माने में देखा जाता था , रही बात समझने की तो जल्दीक्या है धीरे धीरे दोनों एक दूसरे
को समझ जायेंगे ! लेकिन तब तक ये बात सिर्फ हमारे बिच रहनी चाहिए !
"कोनसी बात ?",दादी माँ ने अंदर आते हुए कहा ! दादू और राधा दोनों चौंक गए और फिर दादू ने बात सम्हालते हुएकहा,"अर्जुन के लिए रिश्ता आया है
उसी के बारे में चर्चा कर रहे है ?
"अर्जुन के लिए रिश्ता आया है मुझे क्यों नहीं बताया ?",दादी ने नाराज होते हुए कहा
"माँ जी पापा मजाक कर रहे है !",राधा ने कहा
"नहीं मैं बिल्कु ल मजाक नहीं कर रहा ! आई ऍम सीरियस दो दिन पहले ही मेरे दोस्त "किशनलाल शर्मा" का फोन आया थाउन्होंने अपनी पोती के लिए अर्जुन
को पसंद किया है और इस हफ्ते वो अर्जुन को देखने आ रहे है !",दादू ने कहा
"किशनलाल वो आपके कॉलेज वाला दोस्त !",दादी ने पुरानी यादो को याद करते हुए कहा !
"हां वही ! उसने कहा इसी बहाने सबसे मिलना भी हो जाएगा !",दादू ने कहा
"ये तो अच्छी बात है पापा , कब आ रहे है वो लोग ?",राधा ने ख़ुशी से कहा !
"विजय से बात कर लू एक बार उसके बाद अगले संडे को बुला लेते है !",दादू ने कहा !
"ये तो खुशखबरी है , कबसे अर्जुन की शादी का सपना देख रही थी ! अब तो उसकी शादी में मैं अपनी सारी सहेलियों को एकहफ्ते पहले ही बुला लुंगी
!",दादी ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा !
"अरे भाग्यवान ! बिल्कु ल बस एक बार अर्जुन को पल्ल्वी पसंद आ जाये !",दादू ने कहा !
"पल्ल्वी , नाम तो अच्छा है पापा !",राधा ने कहा
"लड़की भी अच्छी है किशनलाल बता रहा था इंजीनियरिंग की है उसने , घर के कामो में भी निपूर्ण है और साथ ही नॉएडा मेंकम्पनी में काम भी करती है !
एक बड़ा भाई है उसके और एक वो छोटा सा परिवार है ,, बाकि सब ग्वालियर में रहते है !",दादू नेलड़की के बारे में जानकारी देते हुए कहा !
"ये तो और भी अच्छा है पापा शादी के बाद अर्जुन के साथ यहाँ बिजनेस भी सम्हाल लेगी ",राधा ने कहा !
"ठीक है फिर आज शाम विजय से बात करता हु !",दादू ने कहा !
"पापा आप आराम कीजिये !",राधा ने कहा और कमरे से बाहर निकल गयी !!
रात के खाने पर सभी साथ थे ! दादू ने जैसे ही अर्जुन के रिश्ते की बात की अर्जुन एकदम से उदास हो गया ! मीरा ने जैसे हीसूना अर्जुन की और देखा और
अपना हाथ धीरे से अर्जुन के हाथ पर रखकर पलके झपकाकर उसे हिम्मत दी ! अक्षत उन दोनोंके बिल्कु ल सामने ही बैठा था ! उसने हाथ में पकड़ा चम्मच
प्लेट में थोड़ी तेज आवाज के साथ रखा और उठकर चला गया !"इसे क्या हुआ ?",विजय ने कहा
"पापा आप अर्जुन भैया की शादी पहले कर रहे है ना इसलिए बुरा लग रहा होगा उन्हें !",निधि ने हँसते हुए कहा लेकिन निधि के इस बेवकू फी भरे मजाक पर
किसी को हंसी नहीं आई उलटा मीरा ने धीरे से कहा,"निधि किस वक्त क्या बोलना चाहिए समझनहीं है ना तुम में !"
"सॉरी !",निधि ने भी धीरे से कहा !
"हां तो पापा कब आ रहे है आपके दोस्त ?",विजय ने खाते हुए पूछा !
"तुम बताओ , अगर तुम्हे ऐतराज नहीं हो तो इस संडे को बुला लेते है !",दादाजी ने कहा
"हां जैसा आपको ठीक लगे !",विजय ने कहा !
दादा , दादी , राधा और निधि सबके चेहरे पर मुस्कान तैर गयी बस अर्जुन का चेहरा उतरा हुआ था और मीरा भी खामोश थी !अर्जुन ने हिम्मत करके
कहा,"पापा क्या अभी शादी करना जरुरी है ?"
विजय ने अर्जुन की और देखे बिना ही कहा,"हां शादी के लिए ये उम्र सही है , मेरी शादी भी इसी उम्र में हुई थी !"
"पापा मैं किसी को पसंद करता हु !",अर्जुन ने बड़ी मुश्किल से कहा
विजय ने हाथ में पकड़ा चम्मच प्लेट में रख दिया और अर्जुन की तरफ देखकर कहा,"अर्जुन मैंने कभी तुम लोगो पर किसी भीचीज के लिए कोई दबाव नहीं
डाला है लेकिन तुम सबकी शादी मेरा सपना है , और वो मैं तय करूं गा !"
"पापा एक बार आप लोग नीता से मिल लीजिये , वो बहुत अच्छी है !", अर्जुन ने कहा !
"तुम्हारी बहन ने अपनी पसंद से शादी की थी आखिर क्या मिला उसे ? बेहतर होगा हम लोग इस बारे में बात ना करे ! शादीवही होगी जहा मैं चाहूंगा , संडे
तक खुद को तैयार कर लो !",विजय ने कहा और वहा से उठकर चले गए ! अर्जुन ने इसके बादकु छ नहीं कहा और उठकर चला गया ! दादाजी और राधा
एक दूसरे की और देख रहे थे ! मीरा ने खाना खाया और निधि कोलेकर ऊपर आयी ! उसने कमरे में आते ही निधि से सवाल किया,"तुम सबकी एक बहन
और है ?"
"शशशशश धीरे बोलो उनके बारे में इस घर में कोई बात नहीं करता !",निधि ने धीरे से कहा
"पर क्यों ?",मीरा काफी उलझन में थी !
"आओ बैठो बताती हु !",कहते हुए निधि मीरा का हाथ पकड़कर बेड के पास ले आयी और बैठाते हुए कहा,"उनका नाम कु सुमहै ! कु सुम दीदी और अर्जुन
भैया जुड़वाँ थे ! कु सुम दी पड़ोस में रहने वाले एक लड़के से प्यार करती थी ! दी उनसे शादी करनाचाहती थी ! पर कु छ समय बाद पापा को पता चला की वो
लड़का अच्छा नहीं है ! पापा ने दी को बहुत समझाया लेकिन दी नेउनकी एक बात नहीं सुनी और उस लड़के के साथ कोर्ट मैरिज कर ली ! पापा को बहुत
बुरा लगा ! जब उन्होंने दी से इस बारे मेंबात की तो दी घर छोड़कर उस लड़के के साथ चली गयी ! और कु छ महीनो बाद खबर मिली की दी ने सुसाइड कर
लिया ! दीके एक गलत फै सले ने दी की जान ले ली ! तबसे पापा उनसे बहुत नफरत करते है और इस घर में कोई उनके बारे में बात नहींकरता ! पापा को
लव मैरिज से प्रॉब्लम नहीं है मीरा लेकिन इसी लव मैरिज ने दी की जान ले ली सोचकर पापा अब किसी कोइसकी परमिशन नहीं देंगे !!"
निधि की बात सुनकर मीरा हैरान थी ! आज से पहले उसने कभी इस घर में कु सुम का नाम नहीं सूना था ! लेकिन अब सबक्लियर था उसे अर्जुन की फ़िक्र हो
रही थी ! विजय थोड़े कठोर स्वभाव के है मीरा ये जानती थी इसलिए ऐसे वक्त में उनसे बातकरना शायद सही नहीं होता ! निधि अपने लेपटॉप पर मूवी देख
रही थी ! मीरा उठी और कमरे से बाहर आ गयी ! अर्जुन के कमरे का दरवाजा खुला हुआ था मीरा के कदम उस और बढ़ गए ! दरवाजे पर आकर मीरा ने
कहा,"क्या हम अंदर आ सकते है?"
"मीरा , आओ ना पूछ क्यों रही हो ?",अर्जुन ने उदास स्वर में कहा !
मीरा अंदर चली आयी तो अर्जुन ने उसे सामने पड़ी कु र्सी पर बैठने का इशारा किया ! मीरा बैठ गयी कु छ देर दोनों के बिचख़ामोशी रही और फिर मीरा ने
कहा,"निधि ने मुझे कु सुम दी के बारे में बताया , उनके साथ अच्छा नहीं हुआ ! लेकिन उन्होंने जोकिया उसकी सजा आप सबको मिले ये भी तो सही नहीं है
ना !"
"कु सुम ने कु छ गलत नहीं किया !",अर्जुन ने शांत भाव से जमीन को तांकते हुए कहा !
"मतलब ?",मीरा एक बार फिर उलझन में थी !
"कु सुम ने जिस लड़के से प्यार किया वो मेरा बहुत अच्छा दोस्त था लेकिन पापा ने किसी और के कहने पर उसे गलत समझलिया और नफरत करने लगे !
कु सुम उस से बहुत प्यार करती थी मैंने ही उन दोनों को कोर्ट मैरिज की सलाह दी लगा इसके बाद सब ठीक हो जाएगा लेकिन पापा ने कु सुम को घर से निकाल
दिया ! वो लड़का बहुत मेहनती था उसने मेहनत करके कु सुमको वो सब दिया जो उसे खुश कर सके लेकिन एक कमी उसे हमेशा खलती रही , वो पापा को
हमेशा मिस करती थी ! घर मेंउसकी सिर्फ मुझसे बात होती थी वो भी सबसे छु पकर ! उसने कई बार पापा से माफ़ी मांगी लेकिन पापा तो जैसे हमेशा के लिए
मुंह फे र चुके थे ! कु सुम तनाव में रहने लगी थी और फिर एक दिन उसने फांसी लगा ली ! वो हम सबको छोड़कर चली गयी! उसके मरने की वजह पापा का
गुस्सा उनकी नफरत था ! लेकिन पापा को लगता है वो शादी के बाद उस लड़के से खुश नहींथी और इसलिए उसने सुसाइड कर लिया और आज भी उन्हें
यही लगता है ! वो सच नहीं जानते मीरा और मैं चाहकर भी उन्हेंसच नहीं बता सकता !!",कहते कहते अर्जुन का गला रुं ध गया !
मीरा ख़ामोशी से सब सुनती रही ! कितना दर्द था इन सबके दिलो में मीरा ने आज देखा ! इन हँसते चेहरों के पीछे का सच वोशायद जान ही नहीं पाई ! मीरा
ने अपना हाथ अर्जुन के कं धे पर रखा और कहा,"आपको अंकल को सच बता देना चाहिए !"
"ऐसा नहीं कर सकता मीरा , नहीं चाहता पापा कु सुम की मौत का जिम्मेदार खुद को समझे ! बहन को खो चुका हु पापा कोखोना नहीं चाहता !",अर्जुन की
आवाज में नमी साफ झलकने लगी थी !
"हम्म्म्म ! ये मुश्किल घडी है आपको हिम्मत से काम लेना चाहिए !",मीरा ने कहा !
"तुम बहुत समझदार हो मीरा , नीता का प्यार मेरे लिए जरुरी है लेकिन पापा की ख़ुशी से बढ़कर नहीं है !",अर्जुन ने कहा !
"आप हमसे भी ज्यादा समझदार है , अर्जुन जी !",मीरा ने मुस्कु राते हुए कहा लेकिन उसके दिमाग में कोई और ही खिचड़ी पकरही थी !
"तुम मुझे सिर्फ अर्जुन बुला सकती हो !",अर्जुन ने कहा !
"हम्म्म्म ! , अभी हम चलते है !",मीरा ने उठते हुए कहा और अर्जुन के कमरे से बाहर निकल गयी ! अपने कमरे की और जाते हुएउसकी नजर सामने
बालकनी में खड़े अक्षत पर गयी जो की सिगरेट पि रहा था ! मीरा को बहुत बुरा लगा और उसने मन ही मनकहा,"आप कभी नहीं सुधरेंगे !" मीरा अपने कमरे
में आ गयी और अर्जुन और नीता के बारे में सोचने लगी ! आखिर कै से वहइन दोनों का प्यार सही साबित करे ? इन सब बातो में मीरा अपने आने वाले
एग्जाम्स और पढाई के बारे में भी लगभग भूलचुकी थी ! बिस्तर पर लेटे उसकी आँखे भले बंद थी पर उन आँखों में सेंकडो सपने तैर रहे थे जो मीरा जगी
आँखों से देख रहीथी !
सुबह मीरा देर से उठी ! घडी में समय देखा तो जल्दी जल्दी तैयार होकर निचे आयी ! आज नाश्ते की टेबल पर अक्षत नहीं था !हर सुबह उस जगह अक्षत
को बैठे देखने की मीरा को आदत हो चुकी थी ! उसने ऊपर देखा लेकिन अक्षत नहीं दिखाई दिया !कॉलेज जाने के लिए लेट हो रहा था इसलिए मीरा ने
बैठकर जल्दी जल्दी नाश्ता किया और निधि के साथ कॉलेज के लिएनिकल गयी ! दिनभर थका देने वाली क्लासो के साथ मीरा और निधि कॉलेज से बाहर
आयी ! दोनों साथ साथ चलने लगी मीराको खामोश देखकर निधि ने कहा,"क्या बात है आज बड़ी चुप चुप हो तुम ?"
"कु छ नहीं बस ऐसे ही !",मीरा ने जबरदस्ती मुस्कु राते हुए कहा
"मैं तो अर्जुन भैया की शादी को लेकर बहुत एक्साइटेड हु !",निधि ने चहकते हुए कहा !
"तुमसे एक बात पूछे ?",मीरा ने कहा
"हां !",निधि ने चलते हुए कहा !
"मान लो आगे चलकर तुम्हे किसी से प्यार हो गया और अंकल नहीं माने तो तुम क्या करोगी ?",मीरा ने कहा
"पापा को मनाने की कोशिश करुँ गी !",निधि ने मासूमियत से कहा
क्यों ? छोड़ भी तो सकती हो अपने प्यार को !",मीरा ने कहा
"जिस से प्यार करते है उसे छोड़ना इतना आसान होता है क्या मीरा ? फॅ मिली के लिए उसे छोड़ भी दिया तो क्या जिंदगी भर वोख्याल मन में रहेगा की मैंने
धोखा किया !",निधि ने सोचते हुए कहा
"यही तो हम तुम्हे समझाना चाह रहे है ! अर्जुन जी भी कीसी को पसंद करते है तो फिर वो किसी और से शादी कै से करेंगे?",मीरा ने कहा
"क्या अर्जुन भैया तुम्हे पसंद करते है ?",निधि ने कहा
"तुम पागल हो निधि , वो किसी नीता से प्यार करते है हम सिर्फ उनकी दोस्त है !",मीरा ने झुंझलाकर कहा !
"अच्छा ठीक है !",निधि ने कहा
"अंकल का गुस्सा अपनी जगह ठीक है लेकिन वो अर्जुन जी की पसंद ना पसंद भी नहीं जान रहे ये गलत है !",मीरा ने कहा
"मीरा पापा से इस बारे में बात करना टाइम वेस्ट करना है ! एक बार उन्होंने जो कह दिया उसे बदलना बहुत मुश्किल है !", निधिने कहा और सामने से आते
ऑटो को रोककर मीरा से बैठने का इशारा किया ! दोनों ऑटो में आकर बैठ गयी तो निधि ने ऑटोवाले से मार्कि ट चलने को कहा !
"मार्कि ट क्यों ?", मीरा ने कहा
"अरे वो मुझे कु छ लेना था ! बस 10 मिनिट में हो जाएगा !",निधि ने कहा !
ऑटो सड़क पर दौड़े जा रहा था ! मीरा एक बार फिर अर्जुन के बारे में सोचकर उलझती जा रही थी ! अर्जुन कु छ बोलेगा नहींमीरा जानती थी और कह भी दे
तो विजय जी उस बात को समझेंगे नहीं ! दोनों मार्कि ट पहुंची निधि ने अपनी जरूरत कासामान ख़रीदा मीरा चुपचाप खड़ी बस देख रही थी थी उसका मन
कही और ही था ! तभी उसकी नजर सामने मंदिर पर गयी !"निधि हम मंदिर होकर आते है , तब तक तुम देखो !",मीरा ने कहा
"हम्म्म ठीक है जल्दी आना !",निधि ने कहा !
मीरा मंदिर चली आयी भगवान की मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गयी और मन ही मन कहने लगी,"निधि का परिवारबहुत अच्छा है , उस पर आने
वाली सभी परेशानिया दूर कर दीजिये !! अर्जुन जी बहुत अच्छे इंसान है उनका प्यार उन्हें देदीजिये ! हम मन्नत मांगते है की पुरे 101 लड्डू खुद अपने हाथो
से बनाकर आपके यहाँ भोग लगाएंगे ! बस उन दो प्यार करनेवालो को मिला दीजिये !"
पंडित जी ने आकर सर पर हाथ रखा तो मीरा ने अपनी आँखे खोली ! मीरा उन्हें देखकर ख़ामोशी से खड़ी रही तो उन्होंने मौलीका एक धागा मीरा को देकर
कहा,"तुम बड़ी परेशान दिख रही हो , ये धागा अपने दाहिने हाथ में पहन लेना , मन को शांतिमिलेगी !!"
"शुक्रिया !",कहकर मीरा ने उनसे वो धागा ले लिया और मंदिर से बाहर आ गयी ! मंदिर आकर मीरा का मन काफी हल्का होगया था ! जैसे ही वह बाहर
आयी एक छोटा बच्चा धागे से बने कु छ लॉके ट दिखाते हुए कहने लगा,"दीदी ले लो ना दीदी
"नहीं चाहिए भैया !"
"अरे ले लो ना दीदी , बहुत सस्ता है , लेलो ना !"
"नहीं भैया हमे नहीं चाहिए !"
लड़का थोड़ा मायूस हो जाता है और कहता है,"ले लीजिये ना सुबह से एक भी नहीं बिका है !"
मीरा को उस पर दया आ गयी उसने बुक खोलकर देखा एक आखरी का सौ का नोट बचा था जो उसने अपनी किताब के बिचदबा रखा था ! मीरा को अपनी
मज़बूरी का अहसास हुआ और उसने कहा,"सॉरी भैया हम नहीं ले सकते !"
"ले लो ना दीदी , कम पैसे लगा लूंगा सिर्फ 50 रूपये का है आप भले 40 दे देना !",लड़के ने मायूसी से कहा
मीरा ने भी उसी मायूसी से गर्दन हिला दी तो लड़का उदास होकर जाने लगा ! मीरा को बहुत बुरा लग रहा था वह दौड़कर लड़के के पास गयी और उसे रोकते
हुए कहा,"अच्छा एक दे दीजिये !"
लड़का खुश हो गया और कहा,"किस नाम का दू दीदी ?"
मीरा सोचने लगी और फिर कहा,"A नाम से कोई हो तो दे दीजिये !"
लड़के ने ढूंढकर दे दिया मीरा ने 100 रूपये उसे दे दिए लड़का 60 रूपये वापस देने लगा तो मीरा ने प्यार से उसके गाल कोछू कर कहा,"रख लो तुम्हारी
जरूरते हमसे ज्यादा है !"
लड़का ख़ुशी ख़ुशी वहा से चला गया ! मीरा वही खड़े उसे जाते हुए देखती रही तभी निधि ने आकर कहा,"चले !
"ह्म्म्मम्म !",मीरा ने कहा और दोनों घर के लिए निकल गयी !
घर पहुंचकर मीरा ने कपडे बदले , खाना खाया और फिर अपने कमरे में चली आयी उसने बैग में रखे उस लॉके ट को निकालाऔर मुस्कु राते हुए देखने लगी !
"A" उस एक अक्षर को देखकर मीरा सब भूल गयी ! बीते दिनों की परेशानिया , अपना अतीतऔर शायद खुद को भी ! अपनी बदलती भावनाओ को मीरा
खुद भी नहीं समझ पा रही थी पर कु छ तो था जो उसे अक्षत कीऔर खिंच रहा था ! मीरा उसे पसंद करने लगी थी ! उसकी परवाह करना उसके बारे में
सोचना , उसे देखना मीरा की आदतों मेंशामिल हो चुका था ! लेकिन इन भावनाओ को अभी तक वह कोई नाम नहीं दे पाई थी ! अक्षत को समझना उसके
लिए इतनासीधा भी नहीं था ! मीरा उस लॉके ट को हाथ में लेकर मुस्कु राती रही तभी निधि के आने से उसने जल्दी से उसे मुट्ठी में छु पालिया ताकि निधि ना
देख सके और चुपके से अपने बैग में रख दिया ! रात के खाने पर भी अक्षत नहीं आया ! आज सुबह सेमीरा ने अक्षत को नहीं देखा था ! विजय ने राधा से
पूछ लिया,"अक्षत कहा कहा ?"
"अपने कमरे में !",राधा ने कहा !
"खाना नहीं खाना उसे ?",विजय ने सवाल किया !
"वो पहले ही खा चुका है ! आप सब लोग खाइये !",राधा ने परोसते हुए कहा !
मीरा ये सुनकर थोड़ा उदास हो गयी और खाना खाने लगी ! आज खाना उसके गले के निचे नहीं उतर रहा था ! एक ही घर मेंहोते हुए भी अक्षत को देख पाना
मुश्किल हो रहा था ! खाना खाकर मीरा ऊपर चली आई लेकिन अक्षत नहीं दिखा उसके कमरेका दरवाजा बंद था ! मीरा अंदर से अपनी बुक ले आयी और
घूमते हुए अक्षत के बाहर आने का इंतजार करने लगी ! पहली बारउसकी नजरे किताब में कम और अक्षत के कमरे के दरवाजे पर ज्यादा थी !! निधि कमरे में
थी ! लम्बे इंतजार के बाद भी जबअक्षत नहीं आया तो मीरा अपने कमरे में चली आयी ! पढ़ते पढ़ते ही उसे नींद आ गयी ! सुबह उठी तो एक अलग ही
नजारादेखने को मिला ! जो लॉके ट मीरा अक्षत के लिए लेकर आयी थी वो निधि के हाथो में झूल रहा था ! "ये तुम्हारे हाथ में क्या कररहा है ?",मीरा ने
तेजी से बेड से उठकर निधि की और लपकते हुए कहा !
"क्या बात है ? तोहफे सोहफे , हम्म्म्म मुझे तो पहले ही शक था कु छ ना कु छ तो गड़बड़ है !",निधि ने लॉके ट मीरा के सामनेझुलाते हुए कहा
"निधि इधर दो ये ! तुमने हमसे पूछे बिना क्यों निकाला इसे ?",मीरा ने इधर उधर दौड़ते हुए कहा !
"मैंने जब पूछा तब कहा हम सिर्फ दोस्त है अब ये क्या है ? बोलो 'A' मतलब अर्जुन भैया ही ना ! अब तो मैं सबको बताने वालीहु घर में !",निधि ने कहा
और दरवाजे के बाहर निकल गयी ! आगे आगे निधि और पीछे मीरा भागते हुए दोनों अक्षत के रूम कीतरफ आ गयी ! निधि भागते हुए अक्षत से टकराई तो
अक्षत ने उसे रोककर कहा,"क्या हो गया ? क्यों भाग रही हो ऐसे ?"
मीरा ने अक्षत को देखा तो बस नजरे उस पर जम सी गयी ! अक्षत अभी अभी उठकर बाहर आया था बिखरे बाल , खामोशआँखे और चेहरे से मासूमियत
टपक रही थी ! उसने मीरा की तरफ एक बार भी नहीं देखा और मीरा बस उसी प्यार से उसे देखरही थी जैसे उसे वो चेहरा दोबारा देखने को मिलेगा ही नहीं
! "भाई वो मीरा ही सुबह से मेरे पीछे पड़ी है !",निधि ने कहा
"क्यों ?",अक्षत ने कहा
"इसके लिए !",निधि वो लॉके ट अक्षत के सामने कर दिया !
अक्षत ने लॉके ट हाथ में ले लिया और देखने लगा तो निधि वहा से चली गई मीरा वही रुक गयी ! 'A' देखकर अक्षत को लगाशायद ये अर्जुन के लिए हो
सोचकर उसने वह मीरा की और बढ़ा दिया ! "रख लीजिये , आपके लिए ही है !",मीरा ने कहा
अक्षत उसके सामने आया उसका हाथ पकड़ा और लॉके ट हथेली पर रखते हुए कहा,"मैं ये सब नहीं पहनता !"
कहकर अक्षत जैसे ही जाने लगा मीरा ने उसे टेबल पर रखा और कहा,"जब आपका मन हो तब पहन लीजियेगा !"
अक्षत पलटा तब तक मीरा जा चुकी थी ! अक्षत ने उसे उठाया और देखते हुए सोचने लगा," अक्षत या फिर अर्जुन ?"

क्रमश -:

संजना किरोड़ीवाल !

कितनी मोहब्बत है - 12

अक्षत को लॉके ट देकर मीरा वापस अपने कमरे में आ गयी ! कु छ देर बेड पर बैठकर अक्षत के बारे में सोचती रही और फिरउठकर नहाने चली गयी !
नहाकर मीरा ने गहरे हरे रंग का सूट पहना और निचे चली आयी ! सभी नाश्ते के लिए मौजूद थे पर अक्षत नहीं था ! मीरा कोसमझ नहीं आया की आखिर
अक्षत के दिमाग में क्या चल रहा है ? वह ख़ामोशी से नाश्ता करते हुए सोचने लगी की आखिरअर्जुन को मुसीबत से कै से निकाले ? नाश्ता करने के बाद सभी
अपने अपने काम में लग गए !
निधि ने भी मीरा से कॉलेज चलने को कहा ! दोनों कॉलेज के लिए निकल गयी ! क्लास में मीरा का ध्यान ना होने की वजह सेआज पहली बार प्रोफ़े सर ने उसे
क्लास से बाहर जाने को कहा ! मीरा उठकर बाहर आ गयी वो खुद भी नहीं समझ पा रही थीकी उसके साथ ये सब क्यों हो रहा है ? अक्षत को देखने का उस
से बात करने का उसका बहुत दिल हो रहा था लेकिन वह कु छनहीं कर सकती थी ! मीरा अपनी बुक्स हाथ में उठाये कॉरिडोर में घूमती रही और फिर कें टीन
की और चली आयी जैसे हीचलते हुए वह अपने दांयी तरफ मुड़ी उसका दिल धड़क उठा ! सामने अक्षत खड़ा किसी से फोन पर बात कर रहा था ! अक्षतको
कॉलेज में देखकर मीरा को हैरानी भी हो रही थी और ख़ुशी भी ! दिवार की ओट से वह छु पकर अक्षत को देखने लगी ! जैसेही अक्षत ने उसकी और देखा
मीरा दिवार के पीछे हो गयी ! उसका दिल अभी भी उतनी ही तेजी से धड़क रहा था ! अक्षत नेउसे देख लिया होता तो वह उसे छु पकर देखने का मौका गवा
देती ! मीरा ने अपने दिल को शांत किया और एक बार फिर हल्कीसी गर्दन झुकाकर अक्षत को देखने लगी ! लाइट ब्लू जींस और ब्लेक रंग के शर्ट में अक्षत
बहुत प्यारा लग रहा था उस पर उसके बाल जो हवा से उड़कर बार बार उसके चेहरे पर आते और वह बड़े प्यार से उन्हें हाथ से ऊपर की और सहेज लेता !
मीरा सबकु छ भूलकर बस अक्षत को देखने में खोई हुई थी ! एक प्यारा सा अहसास उसके दिल को छू कर गुजर रहा था ! अक्षत ने फोनजेब में रखा और एक
बार फिर इधर देखा और मीरा फिर से दिवार के पीछे हो गयी ! अपने इस बचपने पर उसे हंसी भी आ रहीथी लेकिन भी उसकी आँखों को एक सुकू न पहुंचा
रहा था ! एक बार फिर उसका मन अक्षत को देखने का किया और दिवार सेहटकर उसने जैसे ही देखा अक्षत वहा नहीं था ! मीरा आगे आयी और इधर उधर
नजरे दौड़ाई लेकिन अक्षत नहीं था ! "अभीअभी तो यही थे , कहा गए ?",मीरा बड़बड़ाई ! और फिर मुस्कु राते हुए कहा,"हम भी ना क्या क्या सोचने लगते है
? अक्षत जीयहाँ क्यों आएंगे ? वो भी इस कॉलेज में ! पागल है हम"
कहकर मीरा जैसे ही वापस जाने के लिए पलटी हक्की बक्की रह गयी सामने अक्षत खड़ा था ! उसे देखकर मीरा की आँखे बसखुली की खुली रह गयी , दिल
धड़कना बंद हो गया और आवाज गले में कही छु पकर रह गयी ! मीरा बस एकटक उसे देखतीरही तो अक्षत ने कहा,"क्लास में क्यों नहीं हो तुम ?"
मीरा को जैसे अक्षत की बात सुनी ही ना हो वह बस अक्षत को देखती रही ! अक्षत ने उसके सामने अपना हाथ हिलाकरकहा,"हेलो , तुमसे पूछ रहा हु , क्लास
में क्यों नहीं हो तुम ?"
मीरा होश में आयी और हकलाते हुए कहा,"वो वो वो बाहर निकाल दिया !"
"क्या ?",अक्षत ने असमझ के भाव से कहा
"क्लास से बाहर निकाल दिया , सर ने !",मीरा ने धीरे से कहा
"वो क्यों ?",अक्षत ने कहा
"पढ़ने में ध्यान नहीं था !",मीरा ने सच्चाई बयान की
"आजकल तुम्हारा ध्यान कही भी नहीं है !",अक्षत ने मीरा को देखते हुए कहा !
मीरा खामोश हो गयी कु छ देर बाद अक्षत ने कहा,"कॉलेज के प्रिंसिपल का रूम कहा है ?"
"सीधा जाकर लेफ्ट !",मीरा ने कहा ! अक्षत वहा से चला गया !
"सडु ! जरा प्यार से बात नहीं कर सकता था , हुंह थैंक्स भी नहीं कहा !",मीरा बड़बड़ाते हुए दूसरी और चली गयी ! सामने सेआती रागिनी ने उसे रोककर
कहा,"मीरा चल ना यार कें टीन चलते है !"
मीरा को याद आया उसके पास बिल्कु ल पैसे नहीं है ऐसे में रागिनी ने उसके लिए कु छ खरीदा तो वह पैसे कहा से चुकायेगी !उसने रागिनी को मना कर दिया
लेकिन रागिनी जबरदस्ती उसे लेकर कें टीन में आ गयी ! जहा विनीत भी अपने कु छ दोस्तों के साथ बैठा था ! मीरा ने उसे वहा देखकर धीरे से रागिनी से
कहा,"प्लीज़ यहाँ से चलते है !"
"क्यों क्या हुआ ? ओह्ह तो विनीत को देखकर ऐसा बोल रही हो ! उसे इग्नोर करो !",रागिनी ने कु र्सी खींचकर बैठते हुए कहा !
"रागिनी हम कोई सीन नहीं चाहते प्लीज़ !",मीरा ने सामने बैठते हुए कहा !
"हम्म्म्म , कॉफी पीते ही यहाँ से निकल जायेगे !",रागिनी ने कहा !
अभी दोनों को वहा आये 5 मिनिट भी नहीं हुए थे की बिना आर्डर किए ही लड़का मीरा और रागिनी के लिए कॉफी रखकर जानेलगा ! मीरा ने उसे रोककर
कहा,"पर हमने तो अभी कु छ आर्डर किया ही नहीं है !"
"दीदी वो भैया ने देने को कहा है !",लड़के ने सामने बैठे विनीत की और इशारा किया तो विनीत मीरा को देखकर मुस्कु रा उठा !
मीरा को बिल्कु ल अच्छा नहीं लगा उसने रागिनी की और देखा और कहा,"हमे ये सब नहीं चाहिए उन्हें वापस करके आते है !"
"मीरा इट्स ओके अब उसने आर्डर कर दिया तो पि लेते है ना !",रागिनी ने कहा
"नहीं रागिनी , हम नहीं पि सकते !",कहते हुए मीरा उठी और दोनों कप उठाकर विनीत की और बढ़ गयी ! उसने कॉफी के कपउसकी टेबल पर रखे और
शालीनता से कहा,"हमे इन सब की जरूरत नहीं है विनीत , हमने पहले भी कहा है की हमारे लिए येसब मत किया करो !"
मीरा जैसे ही जाने के लिए पलटी विनीत ने उसका हाथ पकड़कर रोक लिया और कहा,"सुनो मीरा !"
सबके बिच विनीत का हाथ पकड़ना मीरा को खल गया वह गुस्से से पीछे पलटी और कहा,"हमारा हाथ छोडो !"
"मीरा मेरी बात तो सुनो !",विनीत उठ खड़ा हुआ उसने मजबूती से मीरा का हाथ पकड़ा हुआ था !
"हमने कहा हमारा हाथ छोडो !",मीरा ने उसी गुस्से से कहा अपना हाथ छु ड़ाते हुए कहा !
"मीरा मैंने ये इसलिए भिजवाई क्योकि मैंने तुम्हे पसंद करता हु !",विनीत ने उसे रोकते हुए कहा !
"हमारे सामने से हटो विनीत , सब देख रहे है प्लीज यहाँ तमाशा मत करो !",मीरा ने जाते हुये कहा तो वहा बैठे विनीत के दोस्तहसने लगे ! अपनी बेइज्जती
होने पर विनीत को गुस्सा आया और उसने मीरा का हाथ पकड़कर उसे अपनी और खींचकरकहा,"तमाशा तो तुमने बना रखा है मीरा , पूरा कॉलेज जानता है
की मैं तुम्हे पसंद करता हु लेकिन तुम , तुम मेरी और देखतीतक नहीं , आखिर किस बात का घमंड है तुम्हे ? ,, पहले साल से अब तक कु त्तो की तरह
तुम्हारे पीछे घूम रहा हु और तुम हो के ,,,,,,,,,, देखो मीरा प्यार करता हु तुमसे इसलिए इतना इंतजार किया वरना तुम जैसी 100 लड़किया रोज मेरे सामने
से निकलतीहै !"
मीरा ने जब सुना तो उस से बर्दास्त नहीं हुआ उसने खींचकर एक थप्पड़ विनीत को मारा जिसकी गूंज कें टीन में बैठे सबके कानो में पड़ी ! मीरा ने ऊँ गली
दिखाते हुए विनीत से कहा,"दूर रो हमसे , ये आखिरी बार कह रहे है !" मीरा के थप्पड़ से विनीतबोखला गया और कहा,"साली दो कौड़ी की लड़की मुझपे
हाथ उठाती है !" कहते हुए जैसे ही विनीत मीरा की और लपका अक्षतने बिच में आकर उसके सीने पर हाथ रखकर उसे रोकते हुए कहा,"बाबू लड़कियों पर
हाथ नहीं उठाते !" अक्षत को वहा देखकरमीरा हैरान थी ! उसने अक्षत के पास आकर कहा,"प्लीज चलिए यहाँ से !"
अक्षत ने जैसे ही मीरा की और देखा विनीत ने एक घुसा अक्षत के मुंह पर दे मारा उसके होंठ से खून निकल आया ! अक्षत निचेजा गिरा तो विनीत हँसते हुए
कहने लगा,"हा हा हा मीरा ये बचाएगा तुम्हे जो मेरे एक मुक्के से जमीन चाट रहा है ! "
मीरा की आँखों में आंसू आ गए उसने अक्षत की और देखा अक्षत उठा जैके ट पर लगी धुल झाड़ी अक्षत विनीत के सामने आयाऔर कहा,"इसे तो मैं बचा लूंगा
, तू अपनी सोच तुझे मुझसे कौन बचाएगा ?
विनीत जैसे ही आगे बढ़ा अक्षत ने उसे पीटना शुरू कर दिया ! अक्षत का गुस्सा देखकर मीरा कांप गयी जिस तरह से अक्षतउसे पीट रहा था लग रहा था वह
विनीत को मार ही डालेगा ! विनीत के मुंह से नाक से खून बहने लगा था वह निचे जा गिराअक्षत ने दोनों हाथो से उसका कॉलर पकड़ा और दांत पिसते हुए
कहा,"आइंदा से अगर उसे हाथ भी लगाया तो तू इस कॉलेजमें दिखाई नहीं देगा !"
अक्षत ने उसे छोड़ा और मीरा के पास आया डर मीरा के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था वह फटी आँखों से अक्षत को देख रहीथी ! अक्षत ने मीरा के गालो
पर आये आंसुओ को अपने हाथो से साफ किया और कहा,"कु छ नहीं हुआ है ! आज के बाद तुम्हे येपरेशान नहीं करेगा !"
मीरा बस अक्षत को देखती रही उसके मुंह से कोई बोल नहीं फू टा ! अक्षत उसका हाथ पकड़कर उसे कें टीन के बाहर ले आया !विनीत के दोस्तों ने उसे
सम्हाला चूँकि गलती विनीत की थी इसलिए ये बात कें टीन तक ही सिमित रखना सही समझा ! कें टीनसे बाहर आकर अक्षत ने मीरा का हाथ छोड़ दिया और
कहा,"बी स्ट्रांग , इसके जैसे लोग जिंदगी में बहुत मिलेंगे उनसे सामनाकरना सीखो ताकी किसी की मदद की जरूरत ना पड़े !"
मीरा को जैसे अक्षत की आवाज सुनाई ही नहीं दे रही थी उसका ध्यान तो अक्षत के होंठ पर लगी चोट पर था ! मीरा ने अपनेदुपट्टे के किनारे को पकड़ कर
अक्षत के होंठ की और बढ़ाया तो अक्षत ने पीछे हट्ते हुए कहा,"क्या कर रही हो ? सब देख रहे है!"
मीरा ने देखा वहा आस पास के लोग उन दोनों को ही देख रहे थे ! मीरा ने अक्षत का हाथ पकड़ा और उसे साइड में लेकर आयीयहाँ कोई नहीं था ! मीरा ने
अक्षत के होंठो पर लगा खून साफ किया ! ये करते हुए उसे अक्षत का दर्द महसूस हो रहा था ! अक्षतने अपनी आँखे बंद कर ली ! मीरा को लगा उसे दर्द हो
रहा है सोचकर उसने धीरे से चोट वाली जगह फूं क मारी ! इस पल मेंदोनों एक दूसरे के बेहद करीब थे ! अक्षत ने अपनी आँखे खोली और मीरा की आँखों में
देखता रहा ! मीरा अक्षत से दूर हुयीऔर कहा,"आपको उन्हें इस तरह मारना नहीं चाहिए था !"
"तुम्हे लगता है बिना मार खाये उसे अकल आती !",अक्षत ने ऐटिटू ड के साथ कहा !
मीरा ने कु छ नहीं कहा तो अक्षत ने कहा,"मैं चलता हु"
अक्षत जैसे ही जाने लगा मीरा के दुपट्टे का हिस्सा उसकी घडी में फं स गया और मीरा भी उसके साथ साथ चल पड़ी अक्षत रुकाऔर पलटकर कहा,"मेरा पीछा
क्यों कर रही हो ?"
कहते हुए उसने जैसे ही अपना हाथ उठाया उसे खुद ही अपने सवाल का जवाब मिल गया ! "हम निकाल देते है !",मीरा ने अक्षतका हाथ निचे करते हुए कहा
! मीरा ने अपना दुपट्टा निकाला और कहा,"जल्दबाजी में किया काम सही नहीं होता है , इंसान मेंसब्र होना बहुत जरुरी है !"
"कु छ जल्दबाजिया खूबसूरत भी होती है !",अक्षत ने मीरा की आँखो में देखते हुए कहा और चला गया ! मीरा ना अक्षत कोसमझ पायी और ना ही उसकी कही
बात को ! तभी पीछे से आकर उसकी क्लासमेट दिशा ने कहा,"कौन था वो हैंडसम ?"
"निधि का भाई है !",मीरा ने जाते हुए अक्षत को देखते हुए कहा !
"यार कितना हॉट है , मैंने सूना उसने विनीत की पिटाई की है ,, वो तो कमीना है ही इसी लायक लेकिन मैंने इसकी फाइटिंगमिस कर दी !",दिशा ने आहे
भरते हुए कहा !
"वो बहुत टेढ़े इंसान है !",मीरा ने पलटकर कहा
"तो तुम कोनसा सीधी हो ? वैसे मैंने ये भी सूना है की उसने फाइटिंग तुम्हारे लिए की है !",दिशा ने मीरा को छेड़ते हुए कहा
"हमे नहीं पता !",मीरा ने जाते हुए कहा !
"तुम बताओ या न बताओ पर मुझे सब पता है !",दिशा ने उसके पीछे पीछे आते हुए कहा ! मीरा रुकी और पलटकर कहा,"क्यापता है ?"
"गर्ल्स क्या हो रहा है यहाँ ?",पीछे से निधि ने आते हुए कहा !
"हे निधि तुम्हे पता है आज क्या हुआ ? अपनी मीरा के लिए दो लोग आपस में लड़ रहे थे !",दिशा ने कहा
"बकवास मत करो दिशा , ऐसा कु छ नहीं है !",मीरा ने कहा
"तुम बताओगी क्या हुआ है !",निधि ने परेशान होकर कहा तो मीरा ने कें टीन में घटी सारी बाते बता दी ! निधि को सुनकर बहुतगुस्सा आया तब तक रागिनी
भी वहा आ पहुंची तो निधि ने कहा,"ये विनीत तो बहुत कमीना निकला , मैं तो उसे अच्छा समझतीथी !'
"जो हम देखते है वो अक्सर सच नहीं होता है निधि , आज के समय में लोग नकाब ओढ़े रखते है कब उनका असली चेहरासामने आये कोई नहीं जानता
!",मीरा ने धीरे से कहा
"आई ऍम सॉरी मीरा सब मेरी वजह से हुआ , ना मैं तुम्हे कें टीन लेकर जाती ना ये सब होता !",रागिनी ने मीरा का हाथ अपनेहाथ में लेकर उदास होते हुए
कहा ! मीरा ने रागिनी को आश्वस्त किया और कहा,"इसमें तुम्हारी कोई गलती नही है रागिनी ,विनीत का असली चेहरा एक दिन तो सबके सामने आना ही
था न !" कहते हुए मीरा ने उसे गले लगा लिया ! रागिनी को अच्छालगा तभी निधि ने कहा,"वो सब तो ठीक है , लेकिन अक्षत भैया यहाँ क्यों आये थे ? वो
भी हमारे कॉलेज में !"
"हम पूछना चाहते थे पर भूल गए !",मीरा ने कहा !
"क्लास का टाइम हो गया है आई थिंक हम लोगो को निकलना चाहिए !",दिशा ने कहा और चारो साथ साथ अगली क्लास के लिए निकल गयी ! अभी कु छ ही
दूर चली थी की तभी चपरासी ने आकर कहा,"मीरा राजपूत आपको प्रिंसिपल सर ने अपनेके बिन में बुलाया है !"
मीरा ने उन सबको क्लास में जाने को कहा और खुद प्रिंसिपल के ऑफिस की और चली गई ! 20 मिनिट बाद जब वह बाहरआयी तो उसके चेहरे पर एक बड़ी
सी स्माइल थी और उसके हाथ में एक लिफाफा था ! मीरा जब क्लास में आयी तो दिशा,निधि और रागिनी ने उसे घेर लिया ! मीरा के हाथ में लिफाफा
देखकर निधि ने कहा,"क्या कहा प्रिंसिपल सर ने ? और तुम्हारेहाथ में ये लिफाफा कै सा ?"
मीरा मुस्कु राई और कहा,"कॉलेज की तरफ से हमे ये स्कॉलरशिप मिला है , अब हम अपनी बुक्स खरीद सकते है !"
"वॉव यार ! ये तो बहुत ख़ुशी की बात है , इस बात पर तो पार्टी बनती है क्यों रागिनी ?",दिशा ने चहकते हुए कहा !
"हां बिल्कु ल !",रागिनी ने भी हां में हाँ मिलाई !
"एग्जाम टाइम में कॉलेज वाले मीरा को स्कॉलरशिप क्यों देंगे ?",निधि मन ही मन सोचने लगी तो मीरा ने उसे छू कर कहा,'' क्याहुआ तुम खुश नहीं हो ?
निधि ने मीरा को गले लगाते हए कहा,"ये तो तुम्हे मिलना ही था , तुम इतनी अच्छी जो हो ! और आज की पार्टी तुम नहीं मैं दूंगीवो भी गोलगगप्पें पार्टी !"
सभी कॉलेज ख़त्म होने के बाद बाहर आयी और कॉलेज के बाहर खड़े रेहड़ी के पास आकर निधि ने कहा,"भैया गोलगप्पेखिलाईये और हां तीखा ज्यादा !"
चारो एक कतार में खड़ी हो गयी और बारी बारी से खाने लगी ! चारो को बहुत मजे आ रहे थे ! जब पेट भर गया तो सबनेकटोरी डस्टबिन में डाल दी ! निधि
ने ही सबके पैसे चुकाए ! मीरा ने देने चाहे तो निधि ने मना कर दिया ! दिशा और रागिनी वहासे सीधा घर के लिए निकल गयी ! मीरा और निधि भी पैदल ही
घर के लिए चल पड़ी ! चलते चलते निधि ने मीरा से कहा,"मीरातुम्हे दुसरा खत मिला ?"
"नहीं अभी तक तो नहीं , फ़िलहाल हमे किसी और बात की चिंता है !",मीरा ने कहा
"किस बात की ?'',निधि ने कहा
"कु छ नहीं ऐसे ही , घर चलते है वरना देर हो जाएगी !",मीरा ने कहा !
दोनों घर आयी फ्रे श हुयी आज मीरा ने खाना नहीं खाया खाती भी कै से बाहर इतने गोलगप्पे जो खाये थे ! शाम को मीरा अर्जुनके बारे में सोचते हुए यहाँ से
वहा घूम रही थी तभी उसके चेहरे पर एक मुस्कराहट आ गयी ! मीरा किचन में आयी उसने एकअच्छी सी चाय बनाई और लेकर विजय के कमरे की और
आयी ! आज विजय ऑफिस से जल्दी आ गए थे ! मीरा उनके कमरेमें आयी तब वो किसी फाइल को देखने में बीजी थे ! मीरा ने चाय का कप उनके सामने
रखा और कहा,"आपके लिए अदरकवाली चाय !"
विजय मुस्कु राया और फाइल बंद करके साइड में रख दिया ! वे मीरा की और पलटे और कहा,"थैंक्यू ! बैठो"
मीरा उनके सामने बैठ गयी तो विजय ने चाय का एक घूंठ पीकर कहा,"घर में कोई परेशानी तो नहीं है ना मीरा !"
मीरा - नहीं अंकल , बल्कि सब बहुत अच्छे है यहाँ !
विजय - तुम अच्छी हो इसलिए सब अच्छे है !
मीरा - एक ही बात तो है ना ! , चाय ठीक है ?
विजय - बहुत अच्छी है , राधा के बाद सिर्फ तुम्हारे हाथ की चाय पसंद आती है मुझे !
मीरा - बस यही बनानी आती है
विजय - इतना काफी है !
मीरा - आपसे कु छ कहना चाहते है
विजय - हाँ बेटा कहो !
मीरा - आपका पारिवारिक मामला है हमे शायद इन सबके बिच नहीं बोलना चाहिए फिर भी अर्जुन जी के लिए आपने जो रिश्तादेखा है उसके बारे में कु छ
कहना है !
विजय - तुम खुलकर अपनी बात रख सकती हो !
मीरा - अर्जुन जी ये शादी नहीं करना चाहते , वो आपसे इसलिए नहीं कह रहे क्योकि वो आपको ठेस पहुंचाना नहीं चाहते है !वो किसी को पसंद करते है
अंकल लेकिन वो लड़की ब्राह्मण परिवार से नहीं है बस इसीलिए अर्जुन जी आपको ये बताने सेहिचकिचा रहे है !
विजय - अर्जुन की शादी वही होगी जहा मैं चाहूंगा ! ये प्यार व्यार सब बेकार की बाते है ,, कु छ वक्त बाद सब हवा हो जाता है !(सख्त होकर)
मीरा - ऐसा नहीं है अंकल , प्यार तो वो अहसास है जो दो लोगो के मरने के बाद भी ज़िंदा रहता है ! ना उसे भुलाया जा सकताहै ना ही मिटाया जा सकता है
विजय - इस घर में एक बार लव मैरिज हो चुकी है मीरा , और उसका नुकसान इस घर के हरसदस्य ने सहा है
मीरा - आप कु सुम दी की बात कर रहे है
मीरा के मुंह से कु सुम का नाम सुनकर विजय हैरान रह गया और कहा,"तुम उसे कै से जानती हो ?"
मीरा - वो सब छोड़िये अंकल बात वो नहीं है बात सही गलत की है ! उन्होंने जिस से प्यार किया उस से शादी की इसमें उनकीक्या गलती थी ? एक लड़की
घरवालों के खिलाफ जाकर शादी कर भी ले तो वह खुश नहीं रहती है अंकल , उसने जो कियाउसका दुःख उसे हमेशा खलता है !
विजय - उसने जो किया वो माफ़ी के लायक नहीं था ! ये जानने के बाद भी की वो लड़का उसके लिए सही नहीं है उसने उस सेशादी की और फिर एक दिन
उसी की वजह से उसने अपनी जान,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!! (कहते कहते रुक गए)
मीरा - उनके साथ क्या हुआ ये तो हम नहीं जानते , हम आज की बात कर रहे है अर्जुन जी इतने अच्छे है की वो खामोश रहकरआपकी हर बात मान लेंगे ,
कु छ नहीं कहेंगे लेकिन जरा सोचिये क्या वो खुश रहेंगे ? आपकी ख़ुशी के लिए या आपके कहने परवो ये शादी कर भी ले तो जिंदगी भर उनको कमी खलती
रहेगी ! वो खुद को कोसते रहेंगे !! लव मैरिज बुरी नहीं होती है अंकलबस हमारी किस्मत में जो लिखा होता है वो हमे मिलता है ! अर्जुन जी जिस लड़की को
पसंद करते है एक बार उनसे मिलकरदेखने में क्या हर्ज है ? वो खुद इतने अच्छे है तो उनकी पसंद कै से गलत हो सकती है ??
विजय सोच में पड़ गया तो मीरा उनके सामने घुटनो के बल जमीं पर बैठ गयी और कहने लगी,"आप बहुत अच्छे है अंकल हैबिना जाने पहचाने आपने हमे
अपने घर में रहने की इजाजत दी , प्यार दिया , सम्मान दिया ! जब एक अनजान लड़की को आपइतना सब दे सकते है तो वो लड़की तो अर्जुन जी का प्यार
है क्या आप उसे एक मौका नहीं देंगे ! हमने कु छ ज्यादा बोल दियाहो तो माफ़ कर दीजियेगा !!"
मीरा उठी और कमरे से बाहर चली गयी !!

रात के खाने के लिए सभी निचे जमा थे ! मीरा और अर्जुन अभी नहीं आये थे ! अर्जुन जैसे ही कमरे से निकलने को हुआ मीराउसके सामने आयी और प्लेट
उसकी और बढाकर कहा,"हमे अभी के अभी ये सब छीलकर दीजिये !"
"प्याज ? इनकी आपको क्या जरूरत है ? वो भी सी वक्त !",अर्जुन ने हैरानी से कहा
"अभी हम कु छ नहीं बता सकते बस यु समझ लीजिये जरूरत है ! अंदर जाईये और काटकर रखिये तब तक हम आते है!",कहकर मीरा बिना अर्जुन की बात
सुने ही वहा से चली गयी !
अर्जुन प्लेट हाथ में थामे अंदर आ गया ! ये सब काम उसने पहले कभी किये नहीं थे पर मीरा की बात वह कै से टाल सकता था!! लग गया काम पर ! मीरा
निचे आयी और खाना खाने के लिए बैठ गयी ! पहली बार था जब अर्जुन खाने के लिए निचे नहींआया था ! विजय ने देखा तो कहा,"अर्जुन कहा है ?
"शायद अपने कमरे में होगा , मैं बुलाकर लाती हु !",राधा ने कहा
"तुम रुको मैं बुलाकर ले आता हु !",विजय जी उठे और चले गए ! ऊपर आकर उन्होंने अर्जुन के कमरे का अधखुला दरवाजाखोला और अंदर चले आये
अर्जुन उस वक्त उनकी और पीठ किये हुए था ! विजय जी ने कहा,"अर्जुन , खाना खाने निचे नहींआये तुम ?"
विजय की आवाज सुनकर अर्जुन जैसे ही पलटा विजय जी हतप्रभ रह गए ! अर्जुन की आँखे आंसुओ से भरी थी जो की विजयका सीना छलनी करने के लिए
काफी थी !

क्रमश -:

संजना किरोड़ीवाल !!
कितनी मोहब्बत है - 13

विजय ने जैसे ही अर्जुन की आँखों में आंसू देखे उनका दिल पसीज गया वे उसके पास आये और कहा,"तुम खाना खाने निचेनहीं आये ?"
"वो पापा मीरा ने,,,,,,,,,,,,,!",अर्जुन इतना ही कह पाया उसकी आँखों में प्याज की वजह से तेज जलन हो रही थी वह अपनीआँख मसलने लगा तो विजय
ने उसका हाथ पकड़कर कहा,"मुझे माफ़ कर दो बेटा !"
"आप माफ़ी क्यों मांग रहे है पापा ?",अर्जुन ने हैरानी से कहा !
"आओ बैठो तुमसे कु छ बात करनी है",विजय ने बड़ी नरमी से कहा
अर्जुन विजय जी के साथ आकर बेड पर बैठ गया और धड़कते दिल के साथ कहा,"कहिये पापा क्या बात है ?"
विजय - आज मीरा मेरे पास आयी थी उसने बताया तुम ये शादी नहीं करना चाहते !
अर्जुन - नहीं पापा ऐसी कोई बात नहीं है !
विजय - मुझसे कु छ छु पाने की जरूरत नहीं है अर्जुन ! मैं जानता हु मैंने अपने बच्चो पर बहुत पाबंदिया रखी है लेकिन उनपाबंदियों के पीछे की वजह था मेरा
डर ! तुम सबको खोने का डर !! जैसे मैंने , हम सबने कु सुम को खो दिया ! अगर वक्त परमैंने उसकी भावनाओ को समझा होता तो आज वो हमारे बिच होती
! (कहते हुए उनकी आँखे नम हो गयी ये देखकर अर्जुन नेअपना हाथ उनके हाथ पर रख दिया !)
अर्जुन - इसमें आपकी कोई गलती नहीं है पापा , एक पिता का फर्ज निभाते हुए आपने हमेशा उनका अच्छा सोचा ! उनके साथजो हुआ वो गलत हुआ पर
उसका दोष खुद को मत दीजिये ,, कु सुम भी यही चाहती थी !
विजय - क्या तुम उस से मिले थे ?
अर्जुन - उनके सुसाइड करने से दो दिन पहले मैं उनसे मिला था ! वो आपको बहुत मिस करती थी पापा , आपसे बात करनाचाहती थी मिलना चाहती थी
लेकिन आपके गुस्से के सामने वह कभी कु छ बोल ही नहीं पाई ! जिस लड़के से उन्होंने शादी कीथी वो बहुत अच्छा था पापा कु सुम को उसने कभी किसी
चीज की कमी नहीं होने दी , पर कु सुम को हमेशा एक कमी खलतीरही - आपकी ! वो आपसे बहुत प्यार करती थी !
विजय ने अपना चेहरा अपने दोनों हाथो में छु पा लिया और रो पड़े ! अर्जुन ने पहली बार उन्हें इतना कमजोर देखा था उसनेविजय के कं धे पर अपना हाथ रखा
तो विजय रोते हुए कहने लगा,"मैं कितना बड़ा बेवक़ू फ़ था जो अपने बच्चो को दर्द देता रहा! कु सुम को मैं कभी समझ ही नहीं पाया और आज वो हमारे बिच
नहीं है ! लेकिन मैं तुम्हारे साथ ऐसा नहीं करूं गा !
अर्जुन - मैं कु छ समझा नहीं पापा !
विजय ने अपने आंसू पोछे और अर्जुन की और देखकर कहने लगे,"तुम जिस लड़की को पसंद करते हो मैं उस से और उसके घरवालों से मिलना चाहता हु !
तुम दोनों की शादी की बात करना चाहता हु !"
अर्जुन ने सूना तो ख़ुशी से हैरान रह गया ! उसने विजय की और देखते हुए कहा,"क्या आप सच कह रहे है ?"
"हां मेरे बच्चे , मैं इतना खुदगर्ज भी नहीं की अपनी खवाहिशो के लिए अपने बच्चो के सपनो का गला घोंट दू ! तुम कल हीउसके घरवालों को यहाँ बुलाओ ताकि
मैं उनसे मिलकर बात कर सकू !",विजय ने मुस्कु राते हुए कहा !
"लेकिन दादाजी के दोस्त , उन्हें बुरा लगेगा !",अर्जुन ने कहा !
"उनसे मैं माफ़ी मांग लूंगा !",विजय ने कहा
"आई लव यू पापा !",अर्जुन ख़ुशी से भर उठा और विजय के गले लग गया !
"उम्मीद है मेरे इस फै सले से कु सुम की आत्मा को शांति मिले !",विजय ने भावुक होकर कहा !
"आज वो बहुत खुश होंगी पापा !",कहते हुए अर्जुन ने मन ही मन मीरा के बारे में सोचा और कहा,"ये सब तुम्हारी वजह से हुआहै मीरा है यू आर एन ऐंजल !"
"अब चलो निचे चलकर खाना खाते है !",विजय जी ने उठते हुए कहा और फिर दोनों बाप बेटे निचे चले आये !
निचे आकर दोनों खाने के लिए बैठे ! बाकि सभी पहले से अपना खाना खा रहे थे ! विजय ने अर्जुन की और देखा और दादू सेकहा,"पापा आपसे कु छ बात
करनी है !"
"हां कहो !",दादू ने कहा
"वो जो संडे को आपके दोस्त आ रहे है अर्जुन को देखने उन्हें मना कर दीजिये ना !",विजय ने कहा
"कोनसा दोस्त ?",दादू ने अनजान बनते हुए कहा
"वही जो अपनी पोती के लिए अर्जुन को देखने आने वाले है !",विजय ने बेसब्री से कहा
"लेकिन मेरा ऐसा कोई दोस्त नहीं है जो इस घर में रिश्ता लेकर आ रहा है !",दादू ने रहस्य्मय तरीके से कहा
"क्या ? मतलब आपने ही तो कहा था !",विजय ने हैरानी से कहा तो दादू जोर जोर से हसने लगे और कहा,"अरे ! वो तो बस मैंमजाक कर रहा था ताकि
तेरा ये बेटा अपने दिल के बात बता दे की ये किसी को चाहता है !"
दादू का प्लान जानकर तो मीरा भी दंग रह गयी यहाँ तो उस से भी बड़े ड्रामेबाज थे ! दादू की बात सुनकर विजय भी मुस्कु रायेबिना ना रह सका ! उसे
मुस्कु राते देखकर दादू ने बड़े प्यार से कहा,"देख बेटा बच्चो की जिसमे ख़ुशी है उसी में माँ बाप को खुशहोना चाहिए ! हमारा अर्जुन इतना अच्छा है की हमारे
कहने पर कही भी शादी कर लेता लेकिन जिंदगी में कभी खुश नहीं रहता! ये तुझे इतना मानता है की तेरे सामने कु छ नहीं कहता इसलिए मुझे इसकी शादी की
बात करके इसके दिल की बात सबके सामने लानी पड़ी !! इस नाटक से ही सही इस नालायक ने बताया तो सही इसकी जिंदगी में कोई खास है !"
"दादू यू आर टू गुड़ !",अर्जुन ने उठाकर उनको पीछे से गले लगाते हुए कहा ! सभी बहुत खुश थे तभी विजय ने कहा,"मैंने अर्जुनके लिए लड़की देखी है !"
"कौन ?",सबने हैरानी से कहा !
"अरे अपनी मीरा , इसकी और अर्जुन की जोड़ी साथ में बहुत अच्छी लगेगी !",विजय ने जैसे ही कहा मीरा के गले में खाना हीअटक गया और वह खांसने
लगी ! उसने विजय की और देखकर कहा,"ये आप क्या कह रहे है ?"
"अरे तुम और अर्जुन दोनों दूसरे को इतने अच्छे से जानते हो ! दोनों एक दूसरे का इतना ख्याल रखते हो ! बस तुम दोनों कीशादी पक्की",विजय ने
आदेशात्मक स्वर में कहा तो मीरा ने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा,"पर ये सब तो हम निधि के लिए भीकरते है !"
मीरा की मासूम सी शक्ल देखकर विजय जी हंस पड़े और फिर उनके साथ साथ सभी घरवाले भी बस हमारे अक्षत बाबू प्यारसे उनकी मासूमियत देख रहे थे !
मीरा को कु छ समझ नहीं आया तो राधा ने कहा,"मीरा परेशान मत हो , ये तुम्हारी टांग खिंचरहे है !" राधा की बात सुनकर मीरा ने जैसे ही विजय की और
देखा तो उन्होंने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी ! मीरा मुस्कु रा उठी !सभी हँसते मुस्कु राते बाते करते खाना खा रहे थे ! आज की शाम बहुत खूबसूरत थी !!
खाना खाने के बाद सभी उठकर जानेलगे तो निधि चम्मच से अपनी प्लेट को जोर जोर से बजाने लगी ! सभी उसकी और पलटे तो निधि ने कहा,"क्या आप
लोगखाना खाते ही इधर उधर चले जाते हो ,, कभी तो फॅ मिली टाइम भी होना चाहिए ना !!"
"तो क्या चाहिए हमारी राजकु मारी को ?",दादू ने प्यार से कहा !
"एक घंटे बाद आप सभी हॉल में आ जाना बता दूंगी !",निधि ने उठते हुए कहा !!
निधि की बात सुनकर सभी वहा से चले गए और वह अके ले ही निचे हॉल में इंतजाम करने लगी ! मीरा जैसे ही ऊपर आयीपीछे से अर्जुन ने कहा,"मीरा !
मीरा रुकी और पीछे पलटी तो अर्जुन उसके पास आया और मुस्कु राकर कहा,"थैंक्यू सो मच एंजल !"
'ऐंजल ?",मीरा ने हैरानी से कहा
"हां एंजेल , तुम मेरी जिंदगी में , इस घर में एंजेल बनकर ही आई हो ! कितनी आसानी से तुमने पापा को ये सब समझा दियाऔर वो मेरी और नीता की शादी
के लिए मान गए !",अर्जुन ने मीरा के गाल छू कर कहा !
"दोस्ती में इतना तो कर ही सकते है ना !",मीरा मुस्कु राई !
"अब बताओ तुम्हे क्या चाहिए ! तुम जो मांगोगी वो मिलेगा !",अर्जुन ने कहा
"आप और नीता खुश रहे , बस इस से ज्यादा हमे और कु छ नहीं चाहिए ",मीरा ने कहा
"ओह्ह मीरा तुम सच में बहुत अच्छी हो !! मैं चाहता हु हर जन्म में मुझे तुम्हारे जैसी दोस्त मिले !",अर्जुन ने ख़ुशी से भरकर कहा!
"हम्म्म ! अब हम चलते है निधि ने एक घंटे बाद निचे भी बुलाया है ना , पता नहीं क्या करने वाली है वो !!",मीरा ने जाते हुए कहा!
अर्जुन भी अपने कमरे में चला आया ! अक्षत ऊपर आया और सीधा अपने कमरे में चला आया ! कपडे चेंज किये और शीशे के सामने खड़े होकर बाल बनाते
हुए सोचने लगा,"आखिर पापा भैया की शादी के लिए कै से राजी हो गए ? कु छ तो गड़बड़ है पतालगाना पडेगा !"
अक्षत अर्जुन के कमरे में आया तो देखा अर्जुन बालकनी में फोन पर लगा है अक्षत रूम में इधर उधर देख ही रहा था तभीउसकी नजर टेबल पर रखे प्याज पर
गयी ! अर्जुन ने प्यार उठाया और कहा,''भैया के कमरे में प्याज ? कु छ समझ नहीं आ रहा !!कु छ तो प्लान किया होगा इन्होने वरना पापा इतनी आसानी से
मान जाये नामुमकिन ! लेकिन कै से पता लगाऊ ? मीरा ! उसे तोपता ही होगा !"
अक्षत अर्जुन के कमरे से निकलकर मीरा के कमरे के सामने आया लेकिन कमरे में जाने की हिम्मत उसमे नहीं थी ! उसने बाहरसे ही दरवाजा खटखटाया मीरा
कपडे बदल चुकी थी ! उसने कु र्ता और निचे हैरम पहना हुआ था ! जैसे ही उसने दरवाजा खोलासामने अक्षत को देखकर हैरान रह गयी मुश्किल से उसके मुंह
से एक शब्द निकला - जी
अक्षत वही खड़ा रहा और कहा,''पापा से क्या कहा तुमने ?"
"हमने , हम हमने कु छ नहीं कहा",मीरा ने आँखे चुराते हुए कहा !
"रियली ! तो फिर नजरे क्यों चुरा रही हो ? देखो मेरी तरफ और कहो की तुमने कु छ नहीं कहा",अक्षत ने अपना एक हाथदरवाजे से लगाकर कहा जिससे
मीरा बाहर ना जा सके !
"हम क्यों नजरे चुरायेंगे",कहते हुए उसने अक्षत की आँखों में देखा लेकिन उसके बाद ना वह कु छ बोलने लायक रही ना देखनेलायक ! उन सागर सी गहरी
आँखों में वह बस डू बती चली गयी ! उसे खामोश देखकर अक्षत ने कहा,"आई नो ये सब तुम्हारा हीप्लान था पापा को भैया की शादी के लिए मनाना , लेकिन
किया कै से वो जानना है ?"
"हमने जो किया दो प्यार करने वालो के लिए किया ! इस से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा",मीरा ने धीरे से कहा
"टेल मी क्या कहा ?",अक्षत ने कहा
मीरा उसके थोड़ा करीब आयी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,"बतायेंगे कभी फु र्सत में !
कहकर मीरा जैसे ही अंदर जाने लगी अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी और खींचते हुए कहा,"वो तो मैं पता लगा लूंगा! बस तुम घरवालों पर अपना
जादू चलाना बंद करो !"
"क्यों आपको डर लग रहा है कही आप इस जादू का शिकार ना हो जाये !",मीरा ने कहा
"जितनी सीधी दिखती हो उतनी हो नहीं तुम !",अक्षत ने कहा
"बिल्कु ल नहीं है ! अभी आपने देखा ही क्या है मिस्टर कॉम्प्लिके टेड , धीरे धीरे आप जानेंगे हम क्या है ?",मीरा ने धीरे से कहा
पहली बार अक्षत उसके सामने खामोश हो गया और उसकी आँखों में देखने लगा !! दोनों ये भी भूल गए की वे दोनों दरवाजे के बिच में खड़े है ! अक्षत ने मीरा
को पीछे धके ला और कहा,"देखते है कौन किसपे भारी पड़ता है !"
अक्षत वहा से चला गया ! मीरा वही खड़े प्यार से उसे देखते रही और मन ही मन कहा,"एक दिन आप हमे जरूर समझेंगे ! !

एक घंटे बाद सभी निचे जमा थे अक्षत को छोड़कर वो नहीं आया था ! उसे ये सब गेम्स पसंद नहीं थे ! सभी निचे हॉल में जमाहुए और गद्दों पर बैठ गए !
निधि ने कहा,"सभी अंताक्षरी खेलेंगे लेकिन सिर्फ पुराने गानो पर !" सभी मान गए ! दो टीम बंट गयीएक में दादू दादी अर्जुन थे दूसरी में विजय राधा मीरा और
निधि ! गेम शुरू हुआ सबसे पहले अर्जुन वाली टीम की बारी आयीउन्हें 'म' से गाना था ! दादी ने गाना शुरू किया - मेरे हाथो में नो नो चुडिया है थोड़ा ठहरो
सजन मजबूरिया है !"
सभी ताली बजाते हुए गाने का मजा ले रहे थे ! इसके बाद बारी आयी निधि टीम की तो निधि ने गाना शुरू किया - है ना बोलोबोलो , मम्मी बोलो बोलो ,
पापा बोलो बोलो , मम्मी को पापा से पापा को मम्मी से प्यार है हां प्यार है ! है ना बोलो बोलो !
"धत बेशर्म !",राधा ने निधि के सर पर चपत लगाकर कहा तो सभी हंस पड़े !!
उसके बाद दादू ने गाना शुरू किया - लग जा गले के फिर ये हंसी रात हो ना हो , शायद फिर इस जन्म में मुलाकात हो ना हो !लग जा गले के फिर"
"वाओ दादाजी यू आर सो रोमांटिक !",मीरा ने खुश होकर कहा !
"मीरा , सिर्फ उम्र ही तो बढ़ी है प्यार तो अभी भी जवान है !",दादू ने कहा तो सभी हंसने लगे !
बारी थी निधि की टीम की तभी राधा ने गाना शुरू किया,"रात अके ली है , बुझ गए दिए ! आकर मेरे पास कानो में मेरे ,, जो भीचाहे कहिये जो भी चाहे कहिये
!"
सबने जैसे ही राधा का गाना सूना हैरानी से उसकी और देखने लगे विजय भी , विजय को अपनी और देखता पाकर राधा नेकहा,"क्या ? कॉलेज में अक्सर
गाती थी मैं ये गाना !" मीरा ने थोड़ा उदास होकर राधा से कहा,"कितनी अजीब बात है ना आंटी ,हमारी माँ को भी ये गाना बहुत पसंद था वो हमेशा इसे
गुनगुनाती रहती थी !"
निधि ने देखा माहौल थोड़ा सीरियस होने लगा है तो उसने कहा,"चलो चलो अर्जुन भैया अब 'ये' से गाओ !"
अर्जुन मुस्कु राया और कहा,"ये शाम मस्तानी , मदहोश किये जाये ! मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए !"
अब बारी थी निधि के टीम की तो इस बार मीरा ने गाना शुरू किया,"एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा , अंतर क्यादोनों की चाह में बोलो ! एक प्रेम
दीवानी , एक दर्श दीवानी ! एक राधा एक मीरा !"
मीरा की आवाज भी उसी की तरह बेइंतहा खूबसूरत थी ! सभी ख़ामोशी से उसे सुन रहे थे ! उसने जो गाना चुना था वो भीबहुत यूनिक था ! जैसे ही मीरा ने
गाना ख़त्म किया विजय ने उसके सर पर हाथ रखते हुए कहा,"क्या बात है मीरा तुम तो बहुतअच्छा गाती हो साक्षात सरस्वती है तुम्हारे गले में तो ! और तो
और गाने में अपना और राधा (राधा की और देखते हुए) काजिक्र भी कर दिया !"
"अरे पापा राधा और मीरा तो यहाँ है पर इनका श्याम कहा है ?",निधि ने कहा !
"वो रहा ऊपर , अपनी दुनिया में !",दादू ने ऊपर की और इशारा करके कहा जहा अक्षत कानो में हैड फोन लगाए गाने सुनते हुएइधर उधर घूम रहा था !
"वो अपनी दुनिया में मस्त है पापा ! गेम आगे बढ़ाते है मजा आ रहा है !",विजय ने बच्चो की तरह खुश होकर कहा !
"हां अब दादू की बारी 'न' से गाइये", निधी ने कहा !
"अरे ये तो बहुत आसान है",कहते हुए दादू ने गाना शुरू किया - ना जाने क्यों होता है ये जिंदगी के साथ , अचानक ये मन किसीके जाने के बाद करता है
उसको याद ना जाने ऐसा क्यों , ना जाने क्यों ?"
विजय ने गाना शुरू किया - ये रश्मि जुल्फे ये शरबती आँखे इन्हे देखकर जी रहे है सभी ! "
विजय ने जैसे ही गाना गाया राधा शरमा गयी ! बारी थी अर्जुन की टीम की थी तो अर्जुन ने कहा,"ये गाना मीरा के लिए !", उसनेगाना शुरू किया - हम्म्म
भोली सी सूरत , आँखों में मस्ती आये हाय ! भोली सी सूरत आँखों में मस्ती दूर खड़ी शर्माए , आये हाय! एक झलक दिखलाये कभी कभी आँचल में छु प
जाये आये हाय ! मेरी नजर से तुम देखो तो यार नजर वो आये ! भोई सी सूरतआँखों में मस्ती आये हाय !!"
मीरा तो शर्म से पानी पानी हो रही थी ! निधि ने देखा तो कहा,"क्या बात है भैया मेरे लिए तो कभी नहीं गाया आपने गाना ?"
"इसमें कोनसी बड़ी बात है अभी गा देता हु !", अर्जुन ने कहा तो निधि खुश हो गयी अर्जुन ने गाना शुरू किया - गाड़ी वालाआया घर से कचरा निकाल ,
गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल !"
निधि ने पास पड़ा छोटा तकिया अर्जुन की और फें का और विजय से कहा,"देखो ना पापा भाई क्या कह रहा है ?"
"ऐ मेरी राजकु मारी को कोई कु छ नहीं बोलेगा !",विजय ने कहा !
"वो तो ठीक है पापा लेकिन अभी आप लोगो का टर्न है गाने का , या फिर हार मान लीजिये !",अर्जुन ने कहा !
"बिल्कु ल नहीं हारोगे तो आप लोग",निधि ने कहा और गाने लगी,"ये जो मोहब्बत है , ये उनका है काम , महबूब का जो लेते हुएनाम ! मर जाये मिट जाये हो
जाये बदनाम ,,,,, रहने दो छोडो के जाने दो यार हम ना करेंगे प्यार !!"
निधि ने जैसे ही गाना ख़त्म किया अर्जुन ने गाना शुरू कर दिया,"रोते हुए आते है सब , हँसता हुआ जो जाएगा ! वो मुक़ददर कासिकं दर जाने मन कहलायेगा
!"
अर्जुन रुका तो विजय ने गाना शुरू किया - गाता रहे मेरा दिल , तू ही मेरी मंजिल ओह कही बीते ना ये राते कही बीते ना ये दिन! गाता रहे मेरा दिल !!"
विजय रुका तो दादी ने बॉम फोड़ा और गाने के साथ तालियां भी बजाने लगी - लेके पहला पहला प्यार भर के आँखों में खुमार ,जादू नगरी से आया है कोई
जादूगर !! ओह्ह लेके पहला पहला प्यार !"
दादी के इस रिएक्शन पर अर्जुन ने तो उनका गाल ही चुम लिया ! वो तीन इन चारो पर भारी पड रहे थे ! इधर निधि की टीमहारने के कगार पर थी लेकिन
मीरा को एक गाना सुझा और वो गाने लगी - रमैया वास्तवाईया रमैया वस्ता वैया , मैंने दिलतुझको दिया मैंने दिल तुझको दिया !
अब गेम थोड़ा कॉम्प्लिके टेड हो चुका था अर्जुन सोचने लगा लेकिन य से कोई गाना याद नहीं आ रहा था उसने दादू की औरदेखा तो दादू ने गाना शुरू किया -
याद आ रहा है तेरा प्यार , कहा तुम कहा हम हुए गम कहा हम , आ भी जा आ भी जा एकबार !! "
निधि की टीम से विजय ने गाना शुरू किया - रिम झिम गिरे सावन , सुलग सुलग जाए मन , भीगे आज इस मौसम में लगी कै सीये लगन , रिम झिम गिरे
सावन
बारी फिर अर्जुन की और आ गयी अर्जुन निधि की टीम को फ़साना चाहता था इसलिए ऐसा गाना सोचने लगा जिसके बादसामने वाली टीम कु छ गए ही ना सके
उसने गाना शुरू किया - ना कजरे की धार , ना मोतियों के हार ना कोई किया सिंगार फिरभी कितनी सुन्दर हो , तुम कितनी सुन्दर हो !"
अर्जुन मन ही मन खुश हो रहा था की इसके बाद निधि हार मान लेंगी निधि को अब कोई गाना याद भी नहीं आ रहा था !!विजय और राधा भी चुप मीरा ने
जैसे ही ऊपर की और देखा उसकी नजरे ऊपर खड़े अक्षत से जा मिली ! अक्षत ने नजरे हटाली तो मीरा ने गाना शुरू किया - हम दिल दे चुके सनम , तेरे
हो गए है हम ,, तेरी कसम , तेरी कसम !!
निधि की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा वह उछल पड़ी और अर्जुन को ठेंगा दिखाते हुए कहा,"येहहहह , अब गाओ म से
"म म म , दादू कु छ गाओ ना , ऐसे तो हार जायेंगे हम लोग !",अर्जुन ने कहा
दादू दादी को कोई गाना नहीं सूझ रहा था निधि ख़ुशी से फू ली नहीं समा रही थी जैसे ही वह अर्जुन की टीम की हार और अपनीटीम की जीत की घोषणा
करने के लिए जैसे ही उठी पीछे से सीढिया उतरते हुए अक्षत ने गाना शुरू किया - मेरे रंग में रंगनेवाली , परी हो या परियो की रानी , या हो मेरी प्रेम कहानी !
अर्जुन उठा और दौड़कर अक्षत को गले लगाते हुए कहा,"लव यू ब्रो , बचा लिया तूने !"
अक्षत मीरा के सामने आया और गाते हुए कहा,"मेरे सवालों का जवाब दो , दो ना !!
अक्षत गाने की आड़ मीरा से जवाब मांग रहा था जिसे मीरा के अलावा कोई समझ नहीं पाया था ! अक्षत ने राधा का हाथपकड़ा और डांस करते हुए आगे गाने
लगा - बोलो न क्यों ये चाँद सितारे , तकते हैं यूँ मुखड़े को तुम्हारे ! छू के बदन को हवा क्योंमहकी ,रात भी है बहकी बहकी
मेरे सवालों का जवाब दो .दो न, दो न !
इसके बाद निधि की टीम के पास गाने को कु छ बचा नहीं था और फिर वो अर्जुन की टीम से हार गयी लेकिन अक्षत के आने सेखुश थी ! सभी वापस बैठ गए !
"भई मेरा तो अब चाय पिने का मन कर रहा है !",दादू ने कहा
"हां मेरा भी !",विजय ने भी हां में हां मिलायी !!
"हम बनाकर ले आते है !",मीरा ने कहा और किचन की और चली गयी ! मीरा को जाते देखकर अक्षत ने कहा,"दादु गाने गाकरगला सुख गया होगा ना
आपका , मैं पानी ले आता हु !" कहते हुए अक्षत भी किचन की और बढ़ गया !
मीरा किचन में गैस पर चाय का बर्तन रखने ही वाली थी की अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर अपनी और करके कहा,"अब तोबता दो तुमने पापा से क्या कहा
?"
"आप यहाँ क्या कर रहे है ?",मीरा ने अपना हाथ छु ड़ाकर कहा और गैस की और बढ़ गयी ! उसने पतीला रखा और चाय बनानेलगी अक्षत बिल्कु ल उसकी
बगल में आकर खड़ा हो गया और कहा,"सॉरी मुझे इस तरह तुम्हारा हाथ नहीं पकड़ना चाहिए !"मीरा ने पहली बार अक्षत के मुंह से सॉरी सूना वह उसकी
और देखकर मुस्कु रा दी और फिर अपना ध्यान चाय की और लगादिया ! अक्षत मीरा के सामने प्लेटफॉर्म पर बैठ गया और कहा,"देखो वैसे मैं गेम जीता हु तो
तुम्हारी टीम का फर्ज बनता है इनामदेने का , तो तुम मुझे इनाम मत दो बस ये बता दो की पापा से तुमने क्या कहा ?"
"आप तबसे इस बात के इतना पीछे क्यों पड़े है ?",मीरा ने कहा
अक्षत मीरा के पास आया और कहा,"क्योकि आज से पहले पापा ने कभी अपने फै सले नहीं बदले , तुम में कु छ खास बात होगीना जो उन्होंने हां कह दी !"
अक्षत की बात सुनकर मीरा खामोश हो गयी उसका चाय पर भी ध्यान नहीं रहा बस अक्षत की आँखों में देखती रही चाय उफनकर जैसे ही गिरने वाली थी
दोनों ने साथ साथ गैस बंद करने को हाथ बढ़ाया जिससे दोनों ही एक दूसरे को छू कर गुजरे ! दोनोंबहुत करीब खड़े थे और फिर अक्षत ही पीछे हट गया !
मीरा ने चाय कप्स में डाली और बिना अक्षत की बात का जवाब दिएबाहर निकल गयी ! अक्षत को परेशान करके उसे बहुत अच्छा लग रहा था !! चाय पीकर
सभी अपने अपने कमरों में चले गए !मीरा ने बर्तन उठाये और किचन में रख दिए ! जैसे ही धोने लगी राधा ने कहा,"तुम जाओ मैं कर दूंगी !" मीरा चली गयी
!
जैसे ही वह सीढ़ियों पर आयी अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर रोकते हुए कहा," ए मीरा !"
"ए मीरा ?",मीरा ने टोंड मारते हुए कहा !
"आई मीन मीरा जी , प्लीज बता दीजिये !",अक्षत ने बड़े ही प्यार से कहा !
"आपको क्यों जानना है , आपको भी मोनालिसा से शादी करने में हमारी हेल्प चाहिए क्या ?",मीरा ने मजाक करते हुए कहा !
मोनालिसा का नाम सुनते ही अक्षत ने मीरा का हाथ झटका और गुस्से से वहा से चला गया !

क्रमश -:

संजना किरोड़ीवाल !!

कितनी मोहब्बत है - 14

मीरा के मुंह से मोना का नाम सुनकर अक्षत गुस्से में वहा से चला गया ! लेकिन मीरा का उसके गुस्से की और ध्यान ही नहीं गयाउसे लगा उसके बार बार
परेशान करने से अक्षत चला गया है ! वह अपने कमरे में आकर सो गयी ! अगले दिन संडे था सुबहउठकर जब मीरा आँख मसलते हुए निचे आयी तो उसने
देखा राधा रघु को कहकर घर में साज सज्जा करवा रही है ! खुद भीभाग दौड़ कर रही है ! दादाजी और विजय आपस में किसी बात पर चर्चा कर रहे है ! मीरा
राधा के पास आयी और कहा,"आंटीये सुबह सुबह क्या हो रहा है ?"
"नीता के घरवाले मिलने आ रहे है ! उन्ही के लिए ये सब तैयारियां हो रही है ! तुम जाकर नहा लो फिर मेरी हेल्प करने निचे आजाना !",राधा ने गुलदस्ते में
तजा फू ल लगाते हुए कहा !
"लीजिये ये भी कोई कहने की बात है , हम अभी नहाकर आते है !",मीरा ने कहा और जैसे ही जाने लगी विजय ने आवाज लगादी ! मीरा उनकी और चली
आयी और कहा,"जी अंकल !"
"मीरा तुम्हारे हिसाब से नीता के लिए कोनसा तोहफा सही रहेगा ?",विजय ने फोन मीरा को दिखाते हुए कहा !
"अंकल ये सब आप हमसे क्यों पूछ रहे है ?",मीरा ने झिझकते हुए कहा
"अरे बेटा ! नीता और तुम एक ही जेनेरेशन की हो तो तुम्हारी जेनेरेशन वालो की पसंद हमसे तो अलग ही होगी ना , इसलिएपूछा !",विजय ने कहा
"अंकल जी , हमे लगता ही उन्हें ये डायमंड वाला पसंद आएगा !",मीरा ने कहा !
"थैंक्यू बेटा ! और तुम यहाँ क्या कर रही हो ? जल्दी से तैयार होकर निचे आओ बहुत सारी तैयारियां भी तो करनी है ! और हांनिधि उठ गयी हो तो उसे
निचे भेजना !",विजय ने कहा !
"जी अंकल !",कहते हुए मीरा ऊपर चली गयी !!
अक्षत आज जल्दी उठ गया उठते ही वह नहाने के लिए बाथरूम में गया जैसे ही नल चलाया पानी नहीं आया ! उसे बहुत खीजहुई वह बाहर आ गया फोन
देखा शुभ का मेसेज था और वह उसे 10 मिनिट में बाहर गेट पर मिलने को बोल रहा था ! अक्षतउठा और टॉवल लेकर अर्जुन के कमरे में आया लेकिन
अर्जुन खुद बाथरूम में था ! अक्षत को देर हो रही थी इसलिए वह सीधानिधि के रूम में आया
उसने देखा निधि सो रही है और बाथरूम भी खाली है ! अक्षत जल्दी से बाथरूम में घुस गया ! मीरा कमरे में आई और निधिको उठाया निधि निचे चली
आयी ! मीरा ने कबर्ड खोला और कपडे देखने लगी क्या पहने ? कु छ समझ नहीं आ रहा था उसनेबहुत सोचने के बाद नीले रंग का चूड़ीदार सूट निकाला
जिस पर गुलाबी दुपट्टा था ! मीरा ने कपडे निकालकर बिस्तर पर रखेऔर तौलिया उठाकर बाथरूम की और बढ़ गयी ! उसने बाथरूम का दरवाजा खोला और
अंदर चली आयी ! हाथ में पकड़ातौलिया उसने दरवाजे पर लगी रॉ पर टांग दिया , उसने ये भी नहीं देखा की अक्षत वहा पहले से है ! मीरा जैसे ही पलटी
अक्षतको वहा देखकर जोर से कहा,"आप ?'
अक्षत भी मीरा को वहा देखकर हैरान था वह कु छ कहता इस से पहले ही मीरा अपनी आँखों पर हाथ रखकर पलट गयी औरगुस्से से कहा,"छी शर्म नहीं आती
आपको इस तरह !"
"तुम यहाँ क्या कर रही हो ?",अक्षत ने सामने से सवाल किया और खुद को देखा हालाँकि उसने सिर्फ ऊपर के कपडे निकाले थेलोअर पहने हुए था !
"ये हमारा बाथरूम है , आप यहाँ इस हालत में क्या कर रहे है ?",मीरा ने गुस्साते हुए कहा
"तुम्हे नॉक करके आना चाहिए था ! बस घुसी चली आयी !",अक्षत ने कहा !
मीरा गुस्से से पलटी लेकिन वह कु छ बोल पाती इस पहले ही उसका पैर फिसला और जब वह गिरने वाली थी तो अक्षत ने उसेसम्हाल लिया ! दोनों एक दूसरे
की आँखों में देखते रहे ये भी भूल गए की वो दोनों बाथरूम में थे ! मीरा को होश आया तो उसनेखुद को सम्हाला ! मीरा जैसे ही जाने लगी अक्षत ने हाथ बिच
में करके दिवार से लगा दिया और कहा,"आईन्दा से कही भीजाओ तो नॉक करके अंदर जाना , फिर चाहे वो तुम्हारा खुद का ही कमरा क्यों ना हो ?"
अक्षत का ऐटिटू ड देखकर उसे गुस्सा आ रहा था ! एक तो उसे देर हो रही थी ऊपर से उसके ये लेक्चर मीरा के लिए हमेशाकिसी टॉर्चर से कम नहीं होते थे !
मीरा उसे घूरती रही तो अक्षत ने कहा,"घूर क्या रही हो ? ज्यादा घुरा ना तो ! कहते हुए अक्षतने अपने निचले होंठ को दांतो तले दबा लिया ! बेचारी मीरा
ऐसे में क्या करती डरकर जैसे ही पीछे हटी दिवार से लगे शॉवर के बटन से उसकी पीठ जा लगी और ऊपर से पानी गिरने लगा ! मीरा भीगने लगी साथ ही
अक्षत भी !
"ये सब आपकी वजह से हो रहा है",मीरा ने अक्षत को पीछे धकियाते हुए कहा ! अक्षत गिरते गिरते बचा लेकिन तब तक मीरावहा से निकलकर बाहर जा चुकी
थी ! अक्षत जल्दी जल्दी नहाया और बाहर आया ! मीरा खिड़की के पास खड़ी खुद को टॉवलसे पोछ रही थी ! अक्षत को अपनी गलती का अहसास हुआ वह
बिना कु छ बोले वहा से निकल गया ! मीरा जैसे ही बाथरूमजाने के लिए बढ़ी उसकी नजर बेड पर रखे कागज पर गयी मीरा ने उठाया तो उस पर बड़े बड़े
अक्षरों में "SORRY" लिखा था !मीरा गुस्से में भी मुस्कु रा उठी !!
बाथरूम जाकर वह नहायी और फिर सूट पहना ! कानो में छोटे छोटे नीले रंग के बुँदे पहने ! हॉस्टल से यहाँ आने के बाद पहलीबार उसने नीला रंग पहना था
! आँखों में काजल लगाया और माथे पर छोटी सी बिंदी लगाकर ! दुपट्टा गले में डाल मीरा कमरे सेबाहर आयी ! ये शायद इत्तेफाक ही था की अक्षत ने भी
आज नीले रंग की ही शर्ट पहनी थी ! वह कान फोन से लगाए शर्ट कीबाजु फोल्ड करते हुए सीढ़ियों की तरफ ही आ रहा था ! अक्षत जल्दी में था ऊपर से
शुभ फोन पर देर करने के लिए चिल्ला रहाथा ! ना वो ठीक से बात कर पा रहा था ना ही बाजु फोल्ड कर पा रहा था ! फोन भी कं धे और कान के बिच रखे
हुए था ! मीरा नेदेखा तो उसके पास आयी और उसे रोककर खुद उसके बाजु को फोल्ड करने लगी ! अक्षत ने देखा मीरा इतने प्यार से वो सबउसके लिए कर
रही थी ! वह सब भूलकर मीरा के चेहरे की और देखने लगा ! उधर फोन पर शुभ हैल्लो हेलो चिल्ला रहा था परअक्षत को ना कु छ सुनाई दे रहा था ना ही समझ
आ रहा था ! वह बस मीरा को देख रहा था !
"हो गया !",मीरा ने कहा
अक्षत होश में आया और बिना मीरा को थैंक्यू बोले आगे बढ़ गया ! मीरा ने मन ही मन कहा,"एक थैंक्यू तक नहीं बोल सकता येलड़का !"
अक्षत एक दो सीढिया उतरा और पलटकर कहा,"थैंक्यू बोलने से चीजे आम हो जाती है , और तुमने जो किया वो बहुत खास था!" कहकर अक्षत तो चला
गया लेकिन जाते जाते मीरा के चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल छोड़ गया ! मीरा निचे आयी और राधाकी मदद करने लगी ! अक्षत बाहर आया शुभ गाड़ी लेकर
दरवाजे पर ही खड़ा था ! अक्षत ने दरवाजा खोला और बैठते हुएकहा,"सॉरी सॉरी सॉरी , अब चल गुस्सा बाद में उतार लेना !"
"इट्स टू मच यार अक्षत',शुभ ने गाड़ी आगे बढ़ाते हुए कहा !
"अरे मेरे लाल आगे से नहीं होगी गलती अब चल , वरना देर हो जाएगी !",अक्षत ने कहा तो शुभ ने गाड़ी आगे बढ़ा दी !!

सभी तैयारिया हो चुकी थी सभी नीता के घरवालों के आने का इंतजार करने लगे ! कु छ देर बाद वे लोग आ गए ! विजय , राधा ,अर्जुन और दादाजी उन्हें लेने
बाहर आये ! नीता के पापा ने विजय की और हाथ बढाकर कहा,"हेलो मैं विक्रम चौधरी और ये मेरीधर्मपत्नी है कविता चौधरी !"
"नमस्ते ! अंदर आईये ना !",विजय ने कहा !
सभी अंदर आ गए नीता और अर्जुन सबसे पीछे चल रहे थे इसलिए बाहर ही रुक गए ! नीता ने ख़ुशी से अर्जुन की और देखकरकहा,"ये सब कै से किया तुमने
?
"मैंने कु छ नहीं किया सब उस एंजेल ने किया है !",अर्जुन ने बालकनी में खड़ी मीरा की और इशारा करके कहा ! नीता औरअर्जुन को साथ देखकर मीरा
मुस्कु रा दी ! अर्जुन ने उसे आने का इशारा किया तो मीरा उनके पास चली आयी ! नीता ने जबमीरा को देखा तो बस देखते ही रह गयी ! मीरा की खूबसूरती
नीता की आँखों में बस सी गयी ! अर्जुन ने मीरा का परिचय नीतासे करवाते हुए कहा,"नीतू ये है मीरा निधि की दोस्त और मेरी भी ! इसी ने पापा को हमारे
रिश्ते के लिए राजी किया था ! जानतीहो कै से ?"
नीता ने ना में गर्दन हिला दी तो अजुर्न ने कहा,"प्याज कटवाकर आँखों में आंसू ले आयी और पापा को इमोशनल डायलॉगसुनाकर !"
अर्जुन ने जैसे ही कहा मीरा जोर जोर से हसने लगी ! हंसती हुयी वह और भी प्यारी लगती थी उसने नीता की और देखकरकहा,"आप दोनों साथ में बहुत
अच्छे लग रहे हो !"
नीता ने आगे बढकर उसे गले लगा लिया और कहा,"तुम नहीं जानती तुमने हमारे लिए क्या किया है ? अर्जुन तुम्हारे लिए सहीकहते है तुम सच में एक एंजेल
हो ! थैंक्यू सो मच मीरा , आज से तुम हमारी भी दोस्त हो !"
"बिल्कु ल , इतनी अच्छी दोस्त को भला ना कौन कहेगा ? अब जल्दी से अंदर चलिए कही अंकल का मूड बदला तो फिर सेप्याज का इंतजाम कहा से कर्नेगे
हम !",मीरा ने कहा !
"हम ?",नीता ने हैरानी से कहा
"मीरा राजपूत घराने से है , इसलिए ऐसे बात करती है !",अर्जुन ने नीता से कहा
"लेकिन राजपूतो वाली एक भी बात नहीं है हम में सिवाय एक के !",मीरा ने दोनों के बिच चलते हुए कहा
"और वो क्या है मिस एंजेल ?",अर्जुन ने कहा
"हम वादे के पक्के है , एक बार जो वादा करते है हमेशा निभाते है फिर चाहे कु छ भी हो पीछे नहीं हटते !",मीरा ने गर्व से कहा !
"बहुत अच्छा , फिर मुझसे भी एक वादा करो की हमेशा ऐसे ही हंसती मुस्कु राती रहोगी !",अर्जुन ने कहा !
"हम्म्म्म !",मीरा ने कहा और फिर तीनो अंदर हॉल में आ गए ! नीता अपने माँ पापा के साथ जाकर बैठ गयी और अर्जुन दादाजीके पास ! विजय ने विकर्म जी
को सबसे रूबरू करवाया और मीरा को अपने पास आने का इशारा किया ! मीरा उनके पासआयी तो विजय ने उसका हाथ पकड़ा और कहा,"ये है हमारी मीरा
, मेरी बेटी निधि की दोस्त ! हमारे साथ इसी घर में रहती है !"
विजय की बातो में अपने लिए इतना प्यार और सम्मान देखकर मीरा की आँखों में नमी तैर गयी उस नमी को कोई देख ना ले येसोचकर उसने सबको नमस्ते
करने के बाद कहा,"हम सबके लिए चाय ले आते है !"
मीरा के जाने के बाद कविता ने कहा,"बहुत ही प्यारी है"
सभी बाते करने लगे ! मीरा किचन में आयी , पीछे पीछे राधा भी चली आयी मीरा की आँखों में आंसू देखकर राधा ने उसकाचेहरा अपने हाथ में लेकर
कहा,"क्या हुआ मेरे बच्चे तुम्हारी आँखों में आंसू !?"
"नहीं आंटी कु छ नहीं हुआ , अंकल ने सबके सामने हमे अपना कहा तो बस आँखे भर आयी !",मीरा ने आँखो के किनारे पोछतेहुए कहा !
"पगली , सब तुम्हे यहाँ अपना ही तो समझते है , इस घर में जो सम्मान तुम्हे मिलना चाहिए वो ही तो मिला इसमें आँखे नमकरना गलत है बेटा ! चलो अब
जल्दी से चाय लेकर चलते है !",राधा ने प्यार कहा !!
मीरा ट्रे में कप जमाने लगी आज वह बहुत खुश थी
आज सुबह से उसके साथ सब अच्छा हो रहा था ! अक्षत से नोक झोंक , नीता से पहली मुलाकात , विजय का उसे अपनाकहना सब मीरा को अंदर ही
अंदर ख़ुशी से भर रहा था ! मीरा राधा के साथ चाय लेकर बाहर चली आयी तब एक दादा दादीअर्जुन और विजय मीरा की तारीफों के पूल बांध चुके थे !
कविता की तो उस पर से नजरे हट ही नहीं रही थी ! सबने चाय नाश्ताकिया तब तक पंडित जी भी आ गए ! विजय ने पंडित जी से अर्जुन और नीता की
कुं डली देखकर सगाई के लिए शुभ मुहूर्तबताने को कहा !
"यजमान दो दिन बाद सगाई के लिए बहुत ही शुभ मुहूर्त है",पंडित जी ने कहा !
"लेकिन इतनी जल्दी सब कै से होगा ?",राधा ने शंका जताई तो विजय ने कहा,"सब हो जाएगा राधा !" विजय विक्रम जी की औरपलटे और कहा,"आपको
तो कोई ऐतराज नहीं है ना , भाईसाहब ?"
जब मिया बीवी राजी तो क्या करेंगे पापाजी ?",विक्रम जी ने मजाकिया अंदाज में कहा तो सभी हंस पड़े ! विक्रम ने बड़े ही प्यारसे कहा,"भाईसाहब आपको
जैसा ठीक लगे सगाई का प्रोग्राम दो दिन बाद हमारे घर पर रख लेते है ! बच्चो की अंगूठी बदलवादेंगे !'
"ठीक है भाईसाहब !",कहकर विजय पंडित जी की और पलटे और कहा,"पंडित जी दो दिन बाद का मुहूर्त ही रख दीजिये ! वैसेभी काफी दिन हो गए घर में
कोई नाच गाना नहीं हुआ है !"
"भाईसाहब अंगूठी की रस्म आपके घर रखेंगे लेकिन मेहमानो के लिए एक छोटा सा खाने और संगीत का प्रोग्राम हम अपने घररखना चाहते है अगर आपको
परेशानी ना हो तो ! जिसमे आपको भी सपरिवार शामिल होना होगा !",राधा ने अपने मन की बातकही !
"अरे बिल्कु ल भाभीजी हमे तो बस खाने और नाचने का बहाना चाहिए !",कहते हुए विक्रम ठहाका लगाकर हंस पड़े ! सगाई कीतारीख तय हो चुकी थी ! राधा
ने रघु से कहकर खाना लगवा दिया था ! खाना खाने के बाद विजय , विक्रम और दादाजी एकजगह बैठकर बातचीत करने लगे ! राधा कविता के साथ बात
करने लगी नीता भी उनके साथ ही खड़ी थी ! अर्जुन कबसे उसेवहा से साइड में आने के लिए बार बार इशारे कर रहा था , कभी मेसेज तो कभी कॉल लेकिन
बेचारी नीता ऐसे सबके सामनेकै से निकलती ! मीरा ने देखा तो उसने राधा के पास आकर कहा,"आंटी नीता जी के जाने से पहले इन्हे घर दिखा दे !"
"हां हां बेटा बिल्कु ल !",राधा ने कहा !
मीरा नीता को लेकर साथ चली आयी उसने पहले निचे का घर दिखाया और फिर उसका हाथ पकडे पकडे ऊपर ले आयी अर्जुनतो बस मीरा पर फ़िदा ही होने
वाला था वो उसकी हर समस्या का हल निकाल देती थी ! मीरा ने उसे अपना और निधि काकमरा दिखाते हुए कहा,"यहां हम और निधि रहते है !'
"अच्छा है !",नीता ने कहा
"और मैं ?",पीछे से निधि ने नीता के गले में बांहे डालकर कहा
"अरे आप तो हो ही इतनी प्यारी लेकिन ये बताओ अब तक थी कहा ? हमसे मिलने भी नहीं आयी !",नीता ने झूठ मुठ कीनाराजगी जताते हुए कहा
"सॉरी भाभी , वो नहाने चली गयी थी नहाते नहाते सो गयी !",निधि ने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा
"कोई बात नहीं !",नीता ने प्यार से कहा और तीनो कमरे से बाहर आ गयी ! बाहर आते ही निधि ने कहा,"अब हम बताते है , वोहै अर्जुन भैया का कमरा ,
आई मीन आपका और भैया का कमरा !" निधि ने लास्ट लाइन शरारत से कही तो नीता मुस्कु रा दी !निधि नीता को लेकर अक्षत के कमरे के सामने आयी
और कहा,"और ये है हमारे सबसे छोटे पर सबसे ज्यादा अजीब भाई काकमरा !"
"अजीब क्यों ?",नीता ने हैरानी से कहा !
"जब आप मिलोगी ना उनसे खुद ही जान जाओगी !",निधि ने कहा !
"नीता जी , ये मजाक कर रही है ! अजीब नहीं है वो बस हम लोगो से थोड़े अलग है ,, उन्हें समझना बहुत आसान है !",मीरा नेकहा
मीरा के मुंह से अक्षत की तारीफ सुनकर निधि और नीता मुस्कु राते हुए उसे घूरने लगी मीरा ने देखा तो दोनों से नजरे बचाते हुएकहा,"ऐसा हमे लगता है
"किस बात पे चर्चा हो रही है यहाँ ?",पीछे से अर्जुन ने आते हुए कहा !
"ये लो भाभी अब बाकि घर आपको भैया दिखाएंगे !",निधि ने कहा और मीरा के साथ वहा से चली गयी !!
कु छ देर बाद अर्जुन और नीता भी निचे चले आये ! सभी नीता के घरवालो को छोड़ने गेट तक आये नीता ने सबके पैर छु ए निधिऔर मीरा के गले लगी और
फिर राधा से कहा,"बस एक ही बात का दुःख है की मैं अपने देवर जी से नहीं मिल पाई !"
"अरे बेटा , सगाई वाले दिन मिल लेना !",राधा ने प्यार से नीता के गाल को छू कर कहा !
"हम्म !",नीता ने कहा !
"आप सभी से मिलकर बहुत अच्छा लगा , आपकी सोच और आपसी प्यार ने मुझे बहुत आकर्षित किया है ! एक अच्छे औरबेहतरीन परिवार में मेरी बेटी का
रिश्ता होने जा रहा है ! ये जानकर बहुत खुश हु मैं !",विक्रम ने हाथ जोड़कर कहा !
"अरे हाथ क्या जोड़ रहे है गले लगिये ! समधी बनने वाले है भई अब तो !",कहते हुए विजय विक्रम के गले जा लगे ! विजय ने मनही मन सोचा अगर वह सही
वक्त पर अपना फै सला ना बदलता तो आज इतने अच्छे लोगो से मिलने का अवसर खो देता !
नीता अपने माँ पापा के साथ वहा से चली गयी !!
अंदर आकर विजय ने दादू से कहा,"पापा दो दिन ही है सगाई की तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए !"
"हां , तू चिंता मत , सब हो जाएगा !",दादू ने कहा !!
संडे का दिन था इसलिए आज सभी घर पर थे ! दोपहर बाद सभी आराम करने लगे ! राधा कमरे में बैठकर आने वाले मेहमानोकी लिस्ट बना रही थी ! उधर
अर्जुन नीता के लिए कोई अच्छा सा गिफ्ट देखने में लगा था ! निधि अपने लेपटॉप पर फिल्म देखरही थी और मीरा वो खिड़की के पास खड़ी ना जाने किस
सोच में डू बी थी !! शाम तक सगाई की आधी तैयारियां हो चुकी थी !!राधा ने मीरा और निधि से दो दिन कॉलेज की छु ट्टी करने को कह दिया ! सुबह का गया
अक्षत शाम तक घर नहीं आया ! घर बैठेबैठे निधि बोर हो रही थी तो उसने मीरा से कहा,"चल ना कही बाहर चलते है !"
"निधि हमारा मन नहीं है , तुम जाओ !",मीरा ने कहा !
"अच्छा बाहर नहीं जाना , रूम के बाहर चलते है ! अक्षत भैया की बालकनी की तरफ वहा से बहुत मस्त नजारा दिखता है है ,प्लीज प्लीज",निधि ने उसका
हाथ पकड़ कर खींचते हुए कहा !
"अच्छा बाबा ठीक है , कभी कभी न बिल्कु ल बच्ची बन जाती हो तुम !",मीरा ने उठते हुए कहा
दोनों अक्षत वाली साइड आकर बालकनी में खड़ी हो गयी , मीरा ने नजरे घुमाकर वहा का नजारा देखा सच में बहुत खूबसूरतथा ! और ठंडी हवाएं उसके गालो
को चूमकर गुजर रही थी ! उसका उखाड़ा हुआ मन अब थोड़ा थोड़ा ठीक हो गया था ! निधिने देखा तो कहने लगी,"पता है ये जगह अक्षत भैया की फे वरेट है
इसलिए तो उन्होंने मुझसे और अर्जुन भैया से लड़ झगड़ कर येवहा हिस्सा लिया !"
निधि ने जैसे ही अक्षत का नाम लिया मीरा की नजरे खुद ब खुद कमरे की दरवाजे की और चली गयी ! सुबह का गया अक्षतअभी तक वापस नहीं आया था
मीरा का मन एक बार फिर उदास हो गया निधि कु छ ना कु छ बोले जा रही थी पर मीरा ना जानेकहा खोयी थी ! निधि ने कहा,"तुम्हे अक्षत भैया कै से लगते है
?"
"क्या ?",मीरा ने निधि की और देखते हुए कहा जैसे उसकी चोरी पकड़ी गयी हो !
"अरे मेरा मतलब जैसे वो हमे लगते है कॉम्प्लिके टेड , अकड़ू , अजीब ! क्या तुम्हे भी सेम वैसे ही लगते है ?",निधि ने कहा तोमीरा सामने देखते हुए कहने
लगी,"नहीं निधि हमे वो ऐसे बिल्कु ल नहीं लगते , हां वो थोड़े अलग है हम सबसे उनके सोचने कातरिका , बात करने का तरिका सब अलग है लेकिन दिल के
अच्छे है ! कोई गलती करते है तो अगले ही पल उन्हें अहसास भी होजाता है बस सबके सामने अपनी गलती मानना नहीं आता उन्हें !! "
मीरा ने जैसे ही बोलना शुरू किया निधि ने पीछे देखा तो अक्षत खड़ा था उसने निधि को चुप रहने का इशारा किया और उसेचुपचाप वहा से जाने का इशारा
किया और खुद मीरा के बिल्कु ल पीछे कु छ दूरी पर खड़ा हो गया और ख़ामोशी से सुनने लगा !मीरा ने ध्यान ही नहीं दिया की निधि वहा से जा चुकी है वह
आगे बोलने लगी,"पहले पहले हमे भी लगे थे वो अकड़ू और साडू टाइप लेकिन बाद में समझ आने लगा वो ऐसे क्यों है ? वो अपने दिल की बात किसी से नहीं
कहते हमेशा अपने दिल में ही दबाके रखते है !! जब उनके बारे से सोचती हु तो समझ नहीं आता की वो अच्छे है या बुरे !! क्योकि जब वो हमे परेशान करते
है तोलगता है उनसे बुरा कोई नहीं पर अच्छे इतने है की हमारी बनाई फीकी चाय भी पि लेते है !! अपनी फै मिली से बहुत प्यार करतेहै बस जताना नहीं आता
!! हम तो उनके सामने कु छ बोल ही नहीं पाते जब उनकी आँखों में देखते है ना तो खमोश हो जाते है!! आज से पहले हमने इतनी गहरी आँखे किसी की नहीं
देखी !" कहते हुए मीरा जैसे ही पलटी पीछे खड़े अक्षत से टकरा गयी !अक्षत को वहा देखकर और निधि को वहा ना पाकर मीरा घबरा गयी उसे अहसास हुआ
की अक्षत ने उसकी कही सारी बातेसुन ली है ! मीरा अक्षत से नजरे चुराकर जैसे ही जाने लगी अक्षत ने मीरा का हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया ! मीरा का
दिलतेजी से धड़क रहा था साथ ही अपनी बेवकू फी पर खीज भी आ रही थी ! दोनों एक दूसरे से दूर एक दूसरे का हाथ पकडे पीठकिये खड़े थे ! दोनों के
बिच कु छ था तो वो थी खामोशियाँ !! मीरा का हाथ अक्षत ने मजबूती से पकडे हुए था और मीरा चाहकरभी छु ड़ा नहीं पाई ! मीरा को चुप देखकर अक्षत ने
कहा,"अक्सर गहरी आँखों में बहुत से राज छु पे होते है !"

क्रमश -

संजना किरोड़ीवाल !
कितनी मोहब्बत है - 15

अक्षत ने मीरा का हाथ पकड़ा हुआ था ! दोनों ख़ामोशी से एक दूसरे की और पीठ किये खड़े थे ! जो अहसास मीरा महसूस कररही थी शायद आज से पहले
उसने कभी नहीं किया था ! अनजाने में उसने अक्षत के सामने वो सब कह दिया जो वह उसके लिए सोचती थी ! अक्षत मीरा के बोलने के इंतजार में था लेकिन
मीरा जैसे खामोश ही हो गयी ! अक्षत ने उसका हाथ छोड़दिया तो मीरा वहा से नीचे चली आयी ! उसका दिल अभी भी तेजी से धड़क रहा था वह किचन में
आयी जग से ग्लास में पानीडाला और एक साँस में पि गयी ! ये बेचैनिया ये अहसास कै सा था ? मीरा नहीं समझ पा रही थी कभी वह अपने हाथ को देखतीतो
कभी मुस्कु रा जाती !! मीरा अके ले ही खड़ी थी तभी दादी माँ अंदर आयी और मीरा को मुस्कु राते देखकर कहा,"अरे मीराक्या हुआ ? अके ले खड़ी क्यों हंस
रही हो ?"
दादी की आवाज से मीरा चौंकी और कहा,"क क कु छ नहीं दादी माँ हम तो बस पानी लेने आये थे !" कहते हुए उसने पानी काजग उठाया और चली गयी !
दादी माँ ने भी अपना काम किया और चली गयी !! मीरा ऊपर आयी तो उसकी नजर अक्षत के कमरे की और चली गयी ! अक्षत का कमरा उसके लिए रहस्य
से भरा था उसने पूरा घर देखा था बस एक अक्षत का कमरा हीनहीं देख पाई ! आखिर ऐसा क्या था जो अक्षत किसी को वहा आने नहीं देता था ! सोचते हुए
मीरा अपने कमरे में चली आयी !निधि को बिजी देखकर मीरा लेट गयी लेकिन नींद नहीं आ रही थी ! मीरा उठी और वापस कमरे के बाहर आ गयी ! उसने
ऊपरछत पर जाने का सोचा और ऊपर चली आयी ! जैसे ही मीरा ऊपर आयी ऊपर का नजारा देखकर खुद से कहा,"ये जगह तोबहुत खूबसूरत है , हमने तो
इसे देखा ही नहीं था !!" मीरा मुस्कु राते हुए छत पर घूमने लगी ! बहुत बड़ी छत थी जिसके एककोने में गार्डनिंग का काम किया हुआ था ! खूबसूरत लाइटिंग
थी , छज्जे से लटके हुए छोटे छोटे रोशनदान ! मीरा को सब बहुतआकर्षक लग रहा था ! घूमते हुए उसकी नजर कोने में सोफे नुमा कु र्सी पर बैठे दादू पर गयी !
मीरा उनकी और चली आयीलेकिन जैसे ही पास पहुंची हैरान थी दादू के सामने एक छोटी टेबल पर शराब की बोतल , पानी की बोतल , ग्लास और एकप्लेट में
कु छ खाने का सामान रखा हुआ था ! मीरा ने वो सब देखा तो हैरानी से कहा,"दादू आप ये सब ?"
मीरा की आवाज सुनकर दादाजी पलटे और कहा,"अरे मीरा , आओ आओ !"
उन्होंने मीरा से सामने पड़ी कु र्सी पर बैठने का इशारा किया ! मीरा आकर उनके सामने बैठ गयी और थोड़ा गुस्सा दिखाते हुएकहा,"दिस इज नॉट फे यर दादू ,
आपको इस तरह से पीना नहीं चाहिए !"
"अरे बेटा रोज कहा बस कभी ख़ुशी का मौका होता है तब पि लेता हु !",दादाजी ने घूंठ भरते हुए कहा !
"और आपकी तबियत का क्या ? अभी कु छ दिन पहले ही डॉक्टर ने आपको कितनी सारी दवाईया दी थी !",मीरा का गुस्साकरना जारी था !
"तबियत का क्या है ? वो डॉक्टर ना मेरा दोस्त है इसलिए मुझसे खुनस निकालने के लिए इतनी सारी दवाईया दे दी ! तुमज्यादा मत सोचो !",दादू ने
निश्चिन्त होकर कहा !
"क्या दादू आप भी आपको लगता है आप ये कहेंगे और हम मान जायेंगे ! इतने भी बेवकू फ नहीं है हम !",मीरा ने कहा
"अच्छा बाबा माफ़ करो , तुम्हे पीना है क्या ?",दादू ने मजाक में कहा
"छी छी हम नहीं पीते ये सब",मीरा ने नाक सिकोड़ते हुए कहा
"मीरा कभी कभी तो मुझे भी लगता है की तुम राजपूत नहीं हो , राजपूतो वाला कोई गुण नहीं है तुम में !!",दादू ने कहा
"है ना दादू हमे भी यही लगता है ! हम तो हमेशा सोचते है की हमरा जन्म किसी ब्राह्मण परिवार में होता पर पता नहीं माँ ने हमेये उपनाम क्यों दे दिया ?
'मीरा सिंह राजपूत' जबकि हमारे जितना डरपोक कोई नहीं है !",मीरा ने कहा !
"क्या नाम था तुम्हारी माँ का ?",दादू ने पूछा
"सावित्री शर्मा",मीरा ने धीरे से कहा !
"वो शर्मा और तुम राजपूत ये कै से संभव है ?",दादू ने मनोदशा जानने के लिए कहा
"यही तो हम नहीं जानते दादू , माँ हमे कु छ नहीं बताती थी बचपन से ही उन्होंने हमे खुद से दूर रखा पता नहीं ऐसा क्या था जोवो हमसे छु पा रही थी ? और
हमने भी कभी पूछने की हिम्मत नहीं की ! उनका गुस्सा बाप रे बाप हम तो देखकर ही डर जाते थे!",मीरा ने कु छ उदास होकर कहा !
"और तुम्हारे पिता ?",दादू ने आगे कहा
"उन्हें तो हमने कभी देखा ही नहीं ! माँ कहती थी की वो इस दुनिया में नहीं है पर हमे लगता है वो है",मीरा ने खोये हुए स्वर मेंकहा
"तुम्हे ऐसा क्यों लगता है ?",अचानक से ही दादू के चेहरे के भाव बदल गए !
"क्योकि हमने कभी माँ को वैसे नहीं देखा जैसे औरत अपने पति की मौत के बाद रहती है ! उनकी मांग में सिंदूर और गले मेंमंगलसूत्र हमेशा देखा था हमने ,
फिर हम कै से मान ले की हमारे पिता इस दुनिया में नहीं है !",मीरा थोड़ी सी भावुक हो गयी तोदादाजी को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने बात टालने के लिए
कहा,"बीती बाते छोडो और जल्दी से प्लेट इधर दो , इसमें रखेपकोड़े ठन्डे हो जायेंगे !"
मीरा ने प्लेट दादू की और बढ़ा दी तो उन्होंने वापस मीरा के सामने करके कहा,"ये तो खा सकती हो ना !"
"हम्म्म !",कहते हुए मीरा ने एक टुकड़ा उठा लिया और खाने लगी !! दादू अके ले ही ग्लास से घूंठ भरते जा रहे थे ! जैसे ही खत्महुआ तो उन्होंने गिलास
टेबल पर रखा और उसमे और शराब डालने लगे तो मीरा ने बोतल हाथ से लेकर कहा,"बस दादू , अबऔर नहीं !
"अरे लेकिन एक पेग तो !",दादू ने बच्चो की तरह कहा तो मीरा ने बोतल पर ढक्कन लगाते हुए कहा,"एक क्या आधा भी नहींऔर अगर अपने जिद की तो हम
निचे जाकर दादीमा को सारी बातें बता देंगे , सोच लीजिये !"
मीरा की प्यारभरी धमकी से दादू को ग्लास वापस टेबल पर रखना पड़ा और उन्होंने कहा,"हम्म्म होशियार हो गयी हो !"
"अच्छा ये बताईये , आप यहाँ अके ले बैठकर क्यों पि रहे है ?",मीरा ने दूसरा टुकड़ा उठाकर खाते हुए कहा !
"आज मैं बहुत खुश हु इसलिए और अके ले इसलिए पि रहा हु की साथ पिने वाला कोई नहीं है !",दादू ने कहा !
"अच्छा हमे भी बताईये",मीरा ने कहा !
दादू मुस्कु राये और कहने लगे,"आज विक्रम जी के परिवार से मिलकर अच्छा लगा ! अर्जुन जिसे पसंद करता है उस से उसकीशादी होने जा रही है इस से
बड़ी ख़ुशी की बात भला और क्या हो सकती है ? विजय मेरा इकलौता बेटा है वो मुझसे ज्यादाबात नहीं करता पर वो मेरी कही किसी बात को भी नहीं
टालता , कु सुम के जाने के बाद उसका व्यवहार काफी रखा हो चुकाथा लेकिन अर्जुन के लिए उसने अपना फै सला बदल लिया ! और ये सब तुम्हारी वजह से
हुआ !"
"अरे दादू हमने कु छ नहीं किया सब प्याज का कमाल था !",मीरा ने कहा
"प्याज का कमाल ? मैं कु छ समझा नहीं !",दादू ने हैरानी से कहा
मीरा मुस्कु राई और कहा,"उस दिन जब हम सब झील देखने गए थे तब अर्जुन जी ने हमे अपने और नीता के बारे में बताया थालेकिन जब अंकल ने उनकी
शादी की बात कही तो उनका उतरा चेहरा हमसे देखा नहीं गया ! हमने उनसे बहुत कहा की वोअंकल से एक बार बात करे पर वो तो हमसे भी बड़े डरपोक है
नहीं की उन्होंने बात !! हमे लगा अब हमे ही कु छ करना पड़ेगा तोसोचकर अंकल के सामने दो चार इमोशनल डायलॉग्स बोले लेकिन अंकल ने कोई प्रतिक्रया
नहीं दी ! फिर हमारे पास एक हीउपाय था कै से भी करके अर्जुन जी को इमोशनल करना ताकि अंकल उन्हें देखे और उनको लगे की अर्जुन जी उदास है !
परअर्जुन जी ठहरे स्माइली फे स वाले उनको इमोशनल करना बहुत मुश्किल था इसलिए हमने प्याज छिलने को कहा ,, प्याज बड़ेबड़ो को रुला देता है दादू !
बस उन्होंने प्याज काटे और उनकी आँखों से आंसू यु करके बाहर आये और जैसे ही अंकल ने देखावो पिघल गए !"
मीरा की बात सुनकर दादू हसने लगे और कहा,"भई वाह मीरा तुम्हारे प्याज ने तो कमाल ही कर दिया !"
"प्याज ने कहा दादू सारा कमाल तो इनका है !",पीछे से अक्षत ने आकर खाली पड़ी कु र्सी पर बैठते हुए कहा !!
अक्षत को वहा देखकर मीरा का मुंह खुला का खुला रह गया ! उसने अक्षत की और देखा और कहा,"आपने सब सुन लिया !"
"हम्म्म्म !",अक्षत ने मीरा की नक़ल करते हुए कहा
"तो इसका मतलब आप अंकल को बता दोगे",मीरा ने डरते डरते कहा
"हम्म्म्म हम्म्म",अक्षत ने फिर से मीरा की नकल की !
मीरा बड़बड़ाने लगी,"फिर तो अंकल को बहुत हर्ट होगा उन्हें लगेगा हमने उनसे सब झूठ कहा और अर्जुन जी की शादी के लिएनाटक किया ! फिर अर्जुन जी
की शादी टू ट जाएगी और वो डिप्रेस्ड हो जायेंगे ऐसे में कही उन्होंने सुसाइड कर लिया तो सब हमेजिम्मेदार समझेंगे , अंकल हमे यहाँ से निकाल देंगे
शायद जेल भेज दे फिर तो हम कभी वहा से नहीं निकल पाएंगे !"
मीरा को बड़बड़ाते देखकर दादू और अक्षत मुस्कु रा रहे थे ! फिर दादू ने कहा,"मीरा ये सिर्फ मजाक कर रहा है , तुम परेशान मतहो ! रात बहुत हो गयी है तुम
निचे जाओ !"
"क्या सच में ?",मीरा ने मासूमियत से कहा
"हां , तुम्हे भरोसा है ना मुझ पर !",दादू ने कहां तो मीरा अक्षत की और देखते हुए सोचने लगी,"आप पर तो है दादू पर इनकाकोई भरोसा नहीं !" उसने दादू
की और देखकर हां में गर्दन हिला दी ! दादू ने मीरा को निचे जाने का इशारा किया मीरा उठीऔर अक्षत की और बड़बड़ाई,"सडु !!" मीरा के वहा से जाते
ही दादू ने अक्षत से कहा,"कितनी प्यारी बच्ची है , क्यों परेशानकरता है उसे ?"
अक्षत ने बोतल उठायी और ढक्कन खोलते हुए कहा,"मैंने कहा कु छ किया वो खुद ही इतना सोच लेती है !! आप किसके साथलेंगे सोडा या नीट ?" अक्षत ने
शराब ग्लास में उड़ेलकर कहा !!
"नहीं मैं नहीं पिऊं गा मीरा अभी अभी मना करके गयी है उसे पता चला तो बुरा लगेगा !",दादू ने कहा !
"क्या बात है दादू मीरा ने मना किया इसलिए नहीं पिएंगे आप ? मेरी बात तो ऐसे कभी नहीं मानी अपने ?",अक्षत ने तानामारते हुए कहा !
"मानता तो मैं किसी की भी नहीं लेकिन उसने इतने प्यार से कहा की मानना पड़ा ! कु छ तो बात है उस बच्ची में अक्षत कीउसकी हर बात मानने को जी करता
है ! जब वो प्यार से किसी बात के लिए रोकती है तो एक अपनेपन का अहसास होता है!",दादू ने कहा
"सठिया गए है आप !',अक्षत ने ग्लास उठाकर उनकी और बढाकर कहा !
"कै सा पोता है तू ? शर्म नहीं आती अपने ही दादा को पेग ऑफर कर रहा है !",दादू ने झूठा गुस्सा दिखाते हुए कहा
"वाह वाह क्या बात है , आज सती सावित्री बनने का नाटक सबको पता है की मैं ही हु जिसके साथ बैठकर आप पि सकते है!",अक्षत ने ग्लास उनकी और
करके कहा !
"क्या फायदा ? तू तो साथ में पिता नहीं है !",दादू ने मुंह बनाकर कहा !
"कम्पनी तो दे रहा हु ना ! पिने के बाद जब आपको चढ़ जाती है तो आपकी और दादी की वो 1950 वाली लव स्टोरी मैं हीसुनता हु और हर बार वही
घिसी पीटी कहानी , कु छ नया नहीं होता उसमे !",अक्षत ने प्लेट में रखे पकोड़ो में से एक टुकड़ाउठाकर खाते हुए कहा !
"मैं तेरा मुंह तोड़ दूंगा अगर मेरी लव स्टोरी को घिसी पीटी कहा तो , तू क्या जाने उस ज़माने का प्यार एक दूसरे को देखने में हीसालो गुजार देते थे !",दादू
ने कहा
"हां तभी पापा अके ले रह गए , ना हम लोगो को कोई चाचू मिला ना ही कोई भुआ",अक्षत ने कहा !
"बेशर्म !!",दादू ने कहा तो अक्षत हसने लगा और कहा,"क्या दादू एक आप ही तो है घर में जिनसे मैं अपने दिल की हर बात करसकता हु !"
"हां जानता हु इसलिए तो हर बात सुन लेता हु तेरी अच्छा ये बता मीरा कै सी लगती है तुझे ?",दादू ने अचानक से मीरा का नामलिया तो अक्षत खामोश हो
गया और दादू की और देखकर कहा,"आप तो सच्चाई जानते है ना फिर भी ये सवाल कर रहे है मेरीपसंद और नापसंद से कोई फर्क नहीं पड़ता दादू"
"अक्षत मैंने बस ये पूछा है की मीरा कै सी लगी तुझे ?",दादू ने फिर वही सवाल दोहराया तो अक्षत ने बात टालते हुए कहा,"आजसिन्हा सर से मिला था
उन्होंने कहा है एक हफ्ते बाद मैं उनके पास प्रेक्टिस के लिए जा सकता हु , दो महीने बाद इंट्रेस एक्जामहै !"
"ये तो बहुत अच्छी बात है , मैं तो कहता हु तुम्हे इंटर्नशिप शहर से बाहर करनी चाहिए !",दादाजी ने कहा
"वो क्यों ?'',अक्षत ने हैरानी से कहा !
"घर परिवार से दूर रहोगे तभी तो पढाई में मन लगेगा ना !",दादू ने कहा
"मेरा मन तो लग चूका दादू",अक्षत बड़बड़ाया !
"क्या क्या कहा तुमने ?",दादाजी ने अनजान बनते हुए पूछा
"क क कु छ नहीं दादू मैं कह रहा था बाहर रहा तो एडजस्ट नहीं कर पाउँगा , बाहर का खाना सब चेंज हो जाएगा इस से अच्छाहै मैं घर में ही रहु !",अक्षत ने
दादू से नजरे बचाते हुए कहा !
"हां हां बेटा दिख रहा है आजकल कहा मन लगने लगा है तुम्हारा !",दादू ने शरारत से कहा
"क्या दादू आप भी सच में सठिया गए हो , निचे चलो दादी माँ इंतजार कर रही है !",अक्षत ने उठते हुए कहा !!
दोनों निचे चले आये दादू अक्षत को गुड़ नाईट बोलकर निचे चले गए अक्षत अपने कमरे की और जाने लगा तो देखा अर्जुनअपने कमरे की बालकनी में बात
करता हुआ इधर उधर घूम रहा है ! अक्षत उसके पास आया और गले लगाकर कहा,"थैंक्यूभाई !
अक्षत के मुंह से यु अचानक थैंक्यू सुनकर अर्जुन चौंक गया और कहा,''थैंक्यू ? पर किसलिए ?"
"आपने उसे मेरे लिए छोड़ दिया !",अक्षत ने गले लगे हुए कहा !
"क्या छोड़ दिया ? बताएगा कु छ ?",अर्जुन अभी भी हैरान ही था ! अक्षत दूर हटा और मुस्कु रा कर कहा,"कु छ नहीं ! गुड़ नाईट !"
अक्षत कमरे से बाहर निकल गया ! अर्जुन उसे जाते हुए देखता रहा और कहा,"अजीब लड़का है !"
"कौन ?",दूसरी तरफ फोन पर नीता ने कहा !
"तुम्हारा देवर और कौन अगर तुमने इसे समझ लिया ना तो समझ लो दुनिया समझ ली !",अर्जुन ने कहा
"तो मिलवाओ ना उनसे !",नीता ने बेसब्री से कहा
"ओह्ह्ह हेलो हेलो होने वाले पति से ज्यादा देवर में इंट्रेस्ट ले रही हो कही नियत ना बदल जाये तुम्हारी !", अर्जुन ने छेड़ते हुएकहा !
"क्या तुम भी ? देवर छोटे भाई की तरह होता है , अब बताओ कब मिलवाओगे ?", नीता ने कहा
"सगाई में मिल लेना !",अर्जुन ने कहा
"नहीं अभी मिलना है !",नीता ने बच्चो की तरह कहा
"अभी ? इतनी रात को ?",अर्जुन ने कहा
"अरे बाबा मतलब सगाई से पहले !",नीता ने कहा
"हम्म्म ठीक है कल सभी सगाई की शॉपिंग के लिए बाहर जा रहे है , तुम भी आ जाओ !",अर्जुन ने कहा
"हां ये ठीक रहेगा , तुम मुझे सुबह लोके शन सेंड कर देना !",नीता ने कहा
"ओके डन , लव यू गुड़ नाईट !",अर्जुन ने कहा
"लव यू टू , बाय गुड़ नाईट !",कहते हुए नीता ने फोन काट दिया !!!
अगले दिन सुबह सुबह राधा , निधि , मीरा और अर्जुन मार्कि ट जाने के लिए तैयार हो गए ! जैसे ही चारो बाहर आये अक्षत नेअर्जुन के हाथ से गाड़ी की चाबी
लेते हुए कहा,"गाड़ी मैं चलाऊं गा !"
"तुम कहा ?",अर्जुन ने हैरानी से कहा
"मेरे भाई की सगाई है , भाभी तो तुम्हे देख लेगी ! सगाई में बाकि लड़किया आएँगी उनके देखने के लिए भी तो कोई होनाचाहिए ना",अक्षत ने कहा और चाबी
लेकर गाड़ी की और बढ़ गया !
"माँ !",अर्जुन ने बेबसी से कहा
"कोई बात नहीं बेटा उसे चला लेने दे ! अब चलो तुम सब देर हो रही है !",राधा ने कहा ! सभी आकर गाड़ी में बैठ गए अक्षत नेगाड़ी स्टार्ट की और अगले ही
पल गाड़ी गेट के बाहर थी ! मीरा बिल्कु ल अर्जुन के पीछे ही बैठी थी ! अक्षत ने म्यूजिक ऑनकिया और गाना चला दिया ! अक्षत को हमेशा से पुराने गाने
पसंद थे और इस बार भी पुराना गाना ही बजा जो की अक्षत कापसंदीदा भी था ! सभी सफर को एन्जॉय कर रहे थे ! अर्जुन ने गाड़ी में लगे शीशे को अपनी
तरफ किया लेकिन उसमे मीरा काचेहरा नजर आ रहा था ! अक्षत ने देखा तो उसे अच्छा नहीं लगा ! उसने अर्जुन की तरफ देखा तो गाने की लाईनो ने
उसकीफीलिंग्स का साथ दिया !
"तुम्हे कोई और देखे तो जलता है दिल !
बड़ी मुस्किलो से फिर सम्हलता है दिल
क्या क्या जतन करते है तुम्हे क्या पता ?
हमे इंतजार कितना ये हम नहीं जानते , मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना !

अर्जुन मुस्कु राने लगा ! अक्षत ने फिर ध्यान सामने जमा लिया !! जैसे ही गाड़ी मार्कि ट में पहुंची राधा ने कहा,"आशु गाड़ी ज्वेलर्सवाली दुकान पर रोक देना
मुझे थोड़ा काम है ! तुम लोग आगे निकल जाना !"
"ठीक है माँ !",अक्षत ने कहा
ज्वेलर्स वाली दुकान के सामने अक्षत ने गाड़ी रोक दी राधा उतरी तो मीरा ने कहा,"आंटी हम भी आपके साथ चलते है !"
"ठीक है चलो !",राधा ने कहा तो मीरा भी उनके साथ निचे उतर गयी ! दोनों वहा से शॉप पर चली गयी और अक्षत गाड़ी लेकरआगे बढ़ गया !
शॉप में आकर राधा ने कु छ गहने देखे एक कं गन दिखाने के लिए जैसे ही वो मीरा की और मुड़ी उन्होंने देखा मीरा शीशे में रखीचांदी की पायल को बड़े गौर से
देख रही है ! उन्होंने प्यार से कहा,"मीरा !"
"जी आंटी !",मीरा ने कहा
"तुम्हे पसंद आयी ये पायल ?",राधा ने कहा
"हम्म्म्म !",मीरा ने कहा
"तो तुम ये अपने लिए ले लो सगाई में पहनने के लिए !",राधा ने कहा
"अरे आंटी ये हम कै से ले सकते है ? ये बहुत महंगी होगी और हमारे पास इतने पैसे नहीं है !",मीरा ने कहा
"तुमसे पैसे किसने मांगे है ? भाईसाहब आप बाकि गहनों के साथ ये पायल भी पैक कर दीजिये !",राधा ने दुकानदार से कहा
"लेकिन आंटी !",मीरा ने कहना चाहा
"लेकिन वेकिन कु छ नहीं अगर हमे कु छ मानती हो तो चुपचाप रख लो !!",राधा ने कहा ! मीरा ने कु छ नहीं कहा पर मन ही मनपरेशान हो रही थी की वो
इतनी महंगी चीज कै से ले सकती है ? गहनों की खरीदारी के बाद राधा ने दुकानदार से कहा,"ये आपघर भिजवा दीजियेगा और पेमेंट मैं बैंक से करवा दूंगी
उनसे कहकर !"
"अरे भाभीजी आप भी कै सी बात कर रही है ? मैं विजय जी से बात कर लूंगा आप बेफिक्र रहिये मैं ये घर भिजवा दूंगा!",दुकानदार ने कहा !
"थैंक्यू , चले मीरा !",राधा ने कहा
"हम्म्म !",कहते हुए मीरा उठी और राधा के साथ बाहर निकल आयी ! दोनों पैदल ही फु टपाथ पर चलने लगी राधा ने मीरा कोरुकने को कहा और खुद सामने
वाली शॉप पर चली गयी ! मीरा वही खड़ी आती जाती गाड़ीयो को गुजरते देख रही थी ! तभीउसके करीब से गुजरते हुए आदमी की जेब से कु छ निचे गिर गया
!
मीरा ने उठाकर देखा वो एक पासपोर्ट था l मीरा ने जैसे ही सामने देखा वह लंबे कोट वाला आदमी आगे निकल गया l मीरा सरसर कहते हुए उसके पीछे
आयी l शॉप में खड़ी राधा ने जब देखा तो हाथ का सामान रख मीरा के पीछे आई l
आदमी एक महंगी चमचमाती गाड़ी के पास आकर रुका और जैसे ही दरवाजा खोलने को हुआ मीरा हांफते हुए उसके पासआई और कहा,"सर सर ये आपका
पासपोर्ट वहा गिर गया था , हमे लगा आपको इसकी वजह से परेशानी हो जायेगी सोचकरदेने का गये"
मीरा बुरी तरह हांफ रही थी l आदमी ने जैसे ही पासपोर्ट लेने के लिए हाथ बढ़ाया राधा ने उसके हाथ से पासपोर्ट छीनकरफें कते हुए कहा,"मीरा चलो यहाँ से
!"
"लेकिन आंटी वो पासपोर्ट इनका है इन्हें",मीरा ने कहा लेकिन उस से पहले ही राधा ने मीरा का हाथ पकड़ा और खींचते हुए उसेले गयी l मीरा ने पीछे मुड़कर
देखा आदमी ने नीचे पड़ा अपना पासपोर्ट उठाया और जेब में रख लिया l मीरा को कु छ समझनही आया की आखिर क्यों राधा उसे वहा से इस तरह ले आयी
?

क्रमशः

संजना किरोड़ीवाल !!

कितनी मोहब्बत है - 16

राधा मीरा का हाथ पकड़ कर उसे वहा से ले आती है ! आदमी गाड़ी में बैठकर निकल जाता है ! उसके जाते ही राधा मीरा काहाथ छोड़ देती है तो मीरा
कहती है,"आंटी आप हमे वहा से ऐसे क्यों ले आयी ?"
"आई ऍम सॉरी बेटा !",राधा ने हताश होकर कहा
"इट्स ओके लेकिन आप हमे ऐसे लेकर आयी जैसे आप उन्हें जानती है , हमने आपके चेहरे पर डर देखा था ! क्या हुआ आंटी ?क्या आप उन्हें जानती है
!",मीरा ने बेचैनी से कहा
"हम्म्म्म !",राधा ने धीरे से कहा
"कौन है वो ?",मीरा ने कहां
"वक्त आने पर बता दूंगी , अभी हम लोगो को चलना चाहिए !",राधा ने कहा और आगे बढ़ गयी ! मीरा भी उनके साथ साथचलने लगी ! दोनों मॉल के सामने
पहुंची निधि , अर्जुन और अक्षत वही खड़े उनका इंतजार कर रहे थे ! उन्हें देखते ही अर्जुन नेकहा,"लो आ गए वो दोनों अब अंदर चलते है !"
सभी अंदर चले आये अंदर नीता पहले से ही अंदर सबका इंतजार कर रही थी ! अर्जुन को छोड़कर बाकि सब हैरान थे क्योकिउसी ने नीता को अक्षत से
मिलवाने के लिए वहा बुलाया था ! नीता ने आकर राधा के पांव छु ए तो राधा ने हर्ष के साथ कहा,"अरेबेटा तुम यहाँ ?"
"जी आंटी जी वो शॉपिंग करने आये थे !",नीता ने मुस्कु राकर कहा !
"आंटी जी नहीं मम्मी जी कहो , और अच्छा है तुम यहाँ मिल गयी हम लोग सगाई की शॉपिंग करने यहाँ आये थे , तुम्हारे लिए भीकु छ लेना था अब तुम साथ
हो तो तुम्हारी पसंद का ही ले लेंगे !",राधा ने कहा !
"हम्म !",नीता ने कहा !
"अह्ह्ह अहहह्म्म",अक्षत ने कहा
"नीता तुम्हे अपने देवर से मिलना था ना ये रहा अक्षत !",राधा ने अक्षत की और इशारा करके कहा !
"हैलो !",नीता ने मुस्कु राते हुए कहा !
अक्षत आगे बढ़ा और नीता को गले लगाते हुए कहा,"वेल कम इन फॅ मिली , भाभी !"
किसी को इसकी उम्मीद नहीं थी अर्जुन तो हक्का बक्का रह गया लेकिन उस वक्त चुप रहा ! दरअसल अर्जुन को चिढ़ाने के लिएही अक्षत ने ऐसा किया था !
अक्षत को देखकर एक पल के लिए तो नीता भी इम्प्रेस हो गयी ! उसकी पर्सनालिटी ही ऐसी थीअक्षत से नजरे हटाकर नीता मीरा के पास आयी और बाते
करने लगी ! "सारी बाते आज ही करनी है या शॉपिंग भी करोगे?",निधि ने कहा !
सभी आगे बढ़ गए ! अर्जुन और नीता बाते करते हुए साथ साथ चल रहे थे ! निधि राधा को आस पास लगे शो पीस दिखाने मेंलगी थी ! अक्षत हमेशा की
तरह अपने फोन पर बिजी और मीरा अके ले ही मॉल की चकाचोंध में खोयी धीरे धीरे चल रही थी !सभी एस्कलेटर के सामने पहुंचे मीरा को छोड़कर सभी चढ़
गए और पलक झपकते ही एस्के लेटर ऊपर मीरा वही निचे खड़ी रहगयी ! किसी का ध्यान मीरा की और नहीं गया सभी शॉपिंग करने आगे चले गए ! चलते
चलते अक्षत ने देखा मीरा वही है तो वहसीढिया उतरकर निचे आया और कहा,"चलो , यहाँ क्यों खड़ी हो ? अच्छा अच्छा डर लग रहा होगा ना तुम्हे !"
"हम्म्म !",मीरा ने धीरे से कहा
"डरो मत कु छ नहीं होगा , चलो !",कहकर अक्षत आगे बढ़ा लेकिन मीरा नहीं आयी अक्षत ने पीछे देखा और अपना हाथ आगेबढ़ा दिया ! मीरा ने झिझकते
हुए उसका हाथ पकड़ा और सीढ़ियों पर चढ़ गयी ! उसने डर से अक्षत का हाथ और कसकरपकड़ लिया ! ऊपर पहुंचे और मीरा एस्के लेटर से सीधा फर्श पर
! वह जाने के लिए आगे बढ़ी उसे ये भी ख्याल नहीं रहा कीअक्षत का हाथ अभी भी उसके हाथ में है ! अक्षत का हाथ पकडे पकडे जब वह आगे बढ़ी तो
अक्षत ने रोकते हुए कहा,"ओह्हहेलो , मेरा हाथ तो छोड़ दो !"
अक्षत की बात सुनकर मीरा को अपनी बेवकू फी का अहसास हुआ उसने अपनी जबान अपने दांतो तले दबा ली और पलटकरधीरे से कहा,"सॉरी !
अक्षत ने कोई रिएक्शन नहीं दिया तो मीरा उसका हाथ छोड़कर वहा से चली गयी ! मीरा के जाते ही अक्षत मुस्कु राने लगा औरअपने उस हाथ को देखने लगा
जो कु छ देर पहले मीरा ने पकड़ रखा था ! अक्षत अपने लिए कपडे देखने सामने शॉप में चलागया ! निधि और मीरा भी एक शॉप में सगाई में निधि के पहनंने
के लिए कु छ कपडे देखने लगे ! आख़िरकार एक क्रीम कलर कागाउन निधि को पसंद आया और उसने वो खरीद लिया !!
"मीरा तुम भी अपने लिए कु छ ले लो ना , सगाई में पहनने के लिए !",निधि ने शॉप से बाहर आते हुए कहा
"हमारे पास बहुत कपडे है !",मीरा ने कहा
"हाँ पर वो तो नार्मल है ना यार , भैया की सगाई में सब अच्छे अच्छे कपडे पहनेंगे !!",निधि ने कहा
"अभी हमारे पास इतने पैसे नहीं है !",मीरा ने अपनी मज़बूरी जताते हुए कहा
"तुम भी ना हद करती हो ! तुम भी तो मेरी तरह बाकि सबकी तरह शर्मा फै मिली का हिस्सा हो तो फिर क्यों ऐसी बाते करती हो?",निधि ने रूखे स्वर में
कहा
"हम समझते है निधि पर इस तरह से कु छ नहीं ले सकते !",मीरा ने कहा !
"ले लो ना प्लीज़ !",निधि ने कहा तो मीरा ने ना में अपनी गर्दन हिला दी और आगे बढ़ गयी ! दोनों चलकर राधा के पास आयीराधा ने नीता के लिए कु छ
साडिया और सगाई में पहनने के लिए लहंगा ख़रीदा ! निधि और मीरा ने देखा तो उन्हें भी वह बहुतपसंद आया ! नीता भी वही थी ! खरीदारी करते हुए अर्जुन
ने उनके पास आकर कहा,"माँ भूख लगी है , हम सब निचे खाने जारहे है , आप भी चलेगी ?"
"नहीं बेटा तुम सब जाओ , तब तक मैं कु छ और सामान देख लू !! वैसे मैंने आते वक्त नाश्ता कर लिया था !",राधा ने कहा !
"ओके , फिर मैं , निधि , नीता और मीरा जा रहे है !",अर्जुन ने कहा और उन तीनो को लेकर निचे चला आया ! निचे चारो एकओपन रेस्त्रो में आये उन्हें
बैठने का कहकर अर्जुन आर्डर देने चला गया ! सब थे बस अक्षत कही गायब था और मीरा की नजरेउसे ही ढूंढ रही थी ! अर्जुन सबके लिए खाने को ले आया
! बर्गर , फ्राइज , कॉफी और पेस्ट्री !! अर्जुन और नीता को अके लाछोड़ने के लिए निधि और मीरा अपना अपना खाना लेकर दूसरी टेबल पर जा बैठे ! अर्जुन
खुश था की नीता के साथ अब उसेबात करने का मौका मिल जाएगा ! अर्जुन अपने हाथ से नीता को खिला रहा था ! उन्हें देखकर निधि ने मीरा से
कहा,"भैया औरभाभी साथ में कितने अच्छे लग रहे है ना , दे आर परफे क्ट !"
"हां दोनों बहुत प्यारे लग रहे है , इन्हे किसी की नजर ना लगे !",मीरा ने प्यार से दोनों को देखते हुए कहा !
"मुझे तो बिल्कु ल भैया जैसा लड़का चाहिए , जो खुद कम बोले और सिर्फ मेरी सुने !",निधि ने कहा !
"तुम्हारे सामने वैसे भी कोई क्या बोल पायेगा ?",मीरा ने ताना मारते हुए कहा !
"वेरी फनी , अच्छा ये बताओ तुम्हे कै सा लड़का चाहिए ?",निधि ने सवाल किया
"हमे , हमे तो ऐसा लड़का चाहिए जो बहुत कम शब्दों में अपनी बात कह दे , जिसकी आँखे देखकर ही हम उनके दिल का हालजान ले ! जो हमसे बहुत प्यार
करे , हमेशा हमारा साथ दे और कभी हमे टू टने ना दे !",मीरा ने कहा
"हम्म्म्म , अच्छी चॉइस है पर ऐसे लड़के असल जिंदगी में नहीं होते मीरा जी , वो या तो फिल्मो में मिलते है या कहानियो में!",निधि ने पेस्ट्री खाते हुए कहा
!
"असल जिंदगी में भी होते है , और हम ढूंढ लेंगे !",मीरा ने कहा !
अभी दोनों बैठकर बाते कर ही रही थी की कही से अक्षत आ टपका और निधि से कहा,"शर्म नाम की चीज तो तुम में है नहीं !"
"अब मैंने क्या किया ?",निधि ने पेस्ट्री खाते हुए कहा !
"वहा माँ अके ले है और तुम लोग यहाँ बैठकर ठू स रही हो , उठो और ये कॉफी माँ को देकर आओ !",अक्षत ने अपने हाथ मेंपकड़ी कॉफी निधि की और
बढाकर कहा !
"लेकिन मैं क्यों देकर आउ ? आप भी तो जा सकते हो ना !",निधि ने कहा !!
"बड़ा कौन है ?"
"आप"
"तो आर्डर कौन करेगा ?"
"आप"
"और मानेगा कौन ?"
"मैं"
"तो चुपचाप जाकर ये कॉफी माँ को देकर आओ , और उनसे पूछना कु छ खाना हो तो बता दे मैं वही भिजवा दूंगा !",अक्षत नेमीरा के साइड में पड़ी कु र्सी पर
बैठते हुए कहा ! निधि पैर पटकते हुए वहा से चली गयी ! अक्षत वही बैठा रहा निधि की कॉफीपिता रहा ! मीरा अक्षत को देख रही थी और अक्षत सामने बैठे
एक कपल को ! मीरा ने जब देखा की अक्षत बड़े गौर से उसकपल को देख रहा है तो पूछ बैठी,"आप उन्हें ऐसे घूर क्यों रहे है ?'
"देख रहा हु लोग खुश रहने का नाटक कै से कर लेते है ?",अक्षत ने सामने देखते हुए कहा
"हम कु छ समझे नहीं !",मीरा ने कहा
अक्षत मीरा की और पलटा और कहा,"उस कपल को देखकर तुम्हे क्या समझ आता है ?"
"दोनों एक दूसरे के साथ खुश है , शायद एक दूसरे से प्यार भी करते है ! और यहाँ साथ में वक्त बिताने आये है !",मीरा ने दोनोंको देखकर कहा !
अक्षत मुस्कु राया और कहा,"हम्म्म्म ऐसा कु छ नहीं है , दोनों एक दूसरे के साथ बिल्कु ल खुश नहीं है बस लोगो के सामने उनकारिलेशनशिप स्टेटस ख़राब ना
लगे इसलिए साथ साथ है ! यहाँ बैठने की वजह सिर्फ खाना है !"
"ऐसा कु छ भी नहीं है !",मीरा ने कहा
"वेट !",कहते हुए अक्षत उठा और सामने बैठते उस कपल की पास वाली टेबल के पास कु र्सी पर जा बैठा ! मीरा को सब साफसाफ दिख रहा था ! अक्षत ने
लड़की की और देखकर स्माइल किया तो बदले में लड़की ने भी स्माइल दे दी ! अक्षत ने इशारो हीइशारो में उसे कु छ कहा और वहा से उठकर वापस आ गया
और मीरा से कहा,"अब देखना रिएक्शन !!"
कु छ देर बाद जब लड़की के साथ बैठा लड़का बिल भरने कोउन्टर की और चला गया तो लड़की उठकर अक्षत की और आईऔर एक चिट उसकी और बढाकर
कहा,"कॉल मी एनी टाइम !" और चली गयी ! मीरा का मुंह खुला का खुला ही रह गया उसके जाते ही मीरा ने अक्षत से कहा,"कितनी कमीनी है वो लड़की
उस लड़के के साथ होकर भी आपको नंबर चली गयी !"
"तुम्हे क्या लगता है , वो लोग प्यार करते है एक दूसरे से ! दोनों ही टाइम पास कर रहे है !",अक्षत ने कहा
"पर आपको कै से पता चला ?",मीरा ने कहा
"जब वो दोनों वहा बैठे थे ! तब लड़का फोन में बिजी था और लड़की अपने फोन में ! अगर उनमे प्यार होता और वो यहाँ टाइमस्पेंड करने आये होते तो दोनों
की नजर एक दूसरे पर होती ना की फोन में ! जब मैंने लड़की को स्माइल दी तब भी उस लड़के के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे , अगर वह उसे लेकर पजेसिव
होता तो कोई न कोई रिएक्शन तो जरुर देता !! दोनों साथ जरूर हैपर प्यार की वजह से नहीं अपनी अपनी जरूरतो की वजह से !",अक्षत ने सारी बात
समझाई !
"कै सी जरूरते ?",मीरा ने सवाल किया !
अक्षत कु छ पल के लिए खामोश हो गया और फिर कहा,"वो मैं तुम्हे खुलकर नहीं समझा सकता , तुम्हारी कॉफी ठंडी हो रही हैपि लो !"
मीरा ने कप उठाया और कॉफी पिने लगी ! निधि नहीं आयी तो अक्षत ने निधि का बर्गर उठाया और खाने लगा ! खाते हुए चीजउसके होंठ पर लगी रह गयी
मीरा की नजर उसे होंठो पर लगी उस चीज पर जा टिकी ! अक्षत ने देखा तो इशारे से पूछा मीराहाथ आगे करके अपनी ऊँ गली से हटा दिया ! बर्गर का आधा
हिस्सा अक्षत के हाथ में ही रह गया ! आज से पहले किसी ने उसेऐसे नहीं छु आ था ! मीरा ने देखा अक्षत उसे ही देख रहा है तो वह उठी और कहा,"हमारा
हो गया हम हाथ धोकर आते है !"
मीरा जल्दी जल्दी से वाशबेसिन के सामने आयी और बड़बड़ाते हुए हाथ धोने लगी,'क्या कर रही हो ? ऐसे बर्ताव करोगी तोउन्हें शक हो जाएगा की तुम उन्हें
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हां हां मालूम है पसंद करने लगी हो लेकिन पहले से वो इतना सडु है की ठीक सेबात नहीं करते अगर ये पता चला तो कही बात करना
ही ना बंद कर दे !! उफ्फ्फ लेकिन क्या करे वो सामने होते है तो कु छसमझ नहीं आता और हम कु छ ना कु छ उटपटांग कर जाते है ! एक काम करेंगे अब से
उनके सामने ही नहीं जायेंगे ! हां हां येसही रहेगा !!" कहते हुए उसने जैसे ही ऊपर देखा शीशे में पीछे खड़े अक्षत का चेहरा दिखा ! मीरा को लगा ये उसका
वहां हैउसने शीशे पर हाथ घुमाया लेकिन अक्षत तो जस का तस था ! वह मीरा के पास आया और उसके हाथ को शीशे से हटाकरकहा,"पागल हो गयी हो ,
जानती नहीं कितने बैक्टीरिया होते है इन चीजों पर ! " उसने मीरा का हाथ अपने हाथ में लिया उसपरहैंडवाश डाला और धोने लगा ! ऐसा करते हुए उसका
ध्यान सिर्फ मीरा के हाथ पर था और मीरा का उस पर ! अक्षत के हाथोकी छु अन उसके मन को गुदगुदा रही थी ! अक्षत ने उसका हाथ धोया और अपनी जेब
से रूमाल निकालकर उसकी और बढ़ादिया ! मीरा ने अपने हाथ पोछे और जब वापस रुमाल अक्षत की और बढ़ाया तो अक्षत ने कहा,"कल धोकर दे देना !"
अक्षत चला गया ! मीरा ने एक बार रुमाल को देखा और दूसरी बार अक्षत को देखकर कहा,"सडु !!
अर्जुन और नीता भी अपना अपना नाश्ता खत्म कर चुके थे ! निधि ऊपर ही रुक गयी सोचकर अक्षत ने उसके लिए एक बर्गरलिया और फिर चारो ऊपर चले
आये ! तब तक राधा लगभग आधी से ज्यादा शॉपिंग कर चुकी थी !! अक्षत ने बर्गर निधि कीऔर बढ़ा दिया ! निधि ने मुस्कु राते हुए लिया और वही खाना
शुरू कर दिया !! अक्षत और अर्जुन अपने लिए कपडे देखने चलेगए ! अक्षत ने लाइट पिंक कलर का कु रता और चूड़ीदार खरीदा ! अर्जुन के लिए गोल्डन
कु रता और रेड सलवार !! सभी अपनेअपने बैग्स सम्हाले निचे आ गए ! नीता अपनी स्कू टी से आयी थी इसलिए सबको बाय बोलकर वहा से चली गयी !
सभी घर आ गए ! जैसे ही सभी गाड़ी से उतरे हैरान थे घर लाईटो और फू लो से सजा हुआ था ! गार्डन में डेकोरेशन का कामचल रहा था और विजय सबको
आर्डर दे रहे थे ! राधा ने देखा तो हैरान थी विजय ने जैसे ही सबको देखा उनके पास आये औरकहा,"आ गए सब लोग मार्कि ट से , चलो चलो अंदर चलो मैं
अभी आता हु !"
"वो सब तो ठीक है लेकिन आप ये सब क्या कर रहे है ?",राधा ने कहा !
"अरे भई मेरे बेटे की सगाई है , बार बार थोड़ी होगी ! तुम सब चलो ना मैं उन लोगो को बाकि काम समझाकर आता हु !",विजयने कहा !
सभी अंदर चले आये ! राधा बुरी तरह थक चुकी थी आते ही सोफे पर बैठ गयी ! दादू दादी भी वही बैठे थे कु छ देर में विजयभी आ पहुंचा !!
सभी बैठकर बाते कर रहे थे तभी मोनालिसा वहा आयी और कहा,"घर में क्या हो रहा है ? ये डेकोरेशन लाइटिंग कोई ओके जनहै क्या ?"
"अर्जुन की सगाई है",राधा ने कहा
मोनालिसा ने आकर अक्षत के कं धे पर अपनी कोहनी टिकाई और अर्जुन से कहा,"कॉंग्रेचुलेशन अर्जुन ! कौन है वो लकी गर्ल ?"
"नीता नाम है उसका अर्जुन के साथ पढ़ी है",इस बार भी राधा ने ही जवाब दिया l घर में ऐसा कोई नहीं था जो मोना से बातकरना पसंद करता हो लेकिन
राधा घर आये मेहमान को हमेशा इज्जत देती थी और यही वजह थी की वह मोनालिसा से कभीकभी बहुत कम बात कर लिया करती थी l
"ओह वाओ इसका मतलब लव मैरिज है",मोना ने कहा
"ह्म्म्म",अर्जुन ने कहा
"हमारी भी लव मैरिज होगी है ना अक्षत",मोना ने अक्षत की और देखकर कहा l
मीरा को मोनालिसा का अक्षत के यु करीब खड़े होना बिलकु ल अच्छा नही लग रहा था उसने कहा,"हम सबके लिए पानी लेकरआते है"
मीरा के जाने के बाद मोना ने राधा से कहा,"आंटी अर्जुन की सगाई है और मुझे किसी ने बताया तक नहीं , बुलाना नही चाहतेक्या ?"
"तुम्हे बुलाकर सबका मूड खराब थोड़े करना है",निधि ने फु सफु साते हुए अर्जुन से कहा।
"ऐसी बात नहीं सब इतना जल्दी तय हुआ की , अभी तक किसी को इन्विटेशन भी नही भेजा है l तुम आना !",राधा ने कहा
"वो तो मैं आऊं गी ही , आफ्टर आल मेरा भी कु छ हक़ बनता है इस घर में",कहते हुए मोना आकार सोफे पर बैठ गयी l

दादी को तो बहुत गुस्सा आ रहा था उस पर उन्होंने बात बदलने के लिए कहा,"राधा क्या लायी हो सबके लिए दिखाना जरा ?"
"हां माँ",कहते हुए राधा ने एक एक बैग खोलना शुरू किया l दादाजी के लिए कु रता पाजामा , दादी माँ के लिए सिल्क की साड़ीथी l विजय के लिए मेहरून
रंग का सुनहरी किनारी वाला कु रता था l सबको बहुत पसंद आया l अर्जुन अक्षत और निधि ने भीसगाई में पहनने वाले अपने अपने कपडे दिखाये सबके कपडे
देखकर विजय ने राधा से कहा,"राधा सबके लिए कु छ ना कु छलायी हो , मीरा के लिए कु छ नही खरीदा ?"
"हां वो मुझे लगा उसने निधि के साथ खरीद लिया होगा",राधा ने निधि की और देखकर कहा
"मैंने बोला था माँ लेकिन आप तो जानती है ना उसने साफ मना कर दिया",निधि ने कहा
"आप लोग इतना क्यों सोच रहे हो , नही ख़रीदा तो इट्स ओके वो निधि की दोस्त है कोई इस घर की मेंबर तो नही जो इतनासोच रहे हो ",मोना ने कहा
अक्षत के साथ साथ सभी को बहुत गुस्सा आया लेकिन सब चुप रहे l मीरा पानी के ग्लास लेकर खड़ी थी जैसे ही उसने मोनाकी बात सुनी उसे बहुत बुरा लगा
उसने ट्रे टेबल पर रखा और वहा से चली गयी l अक्षत को मीरा का यु जाना खल गया l उसनेमोनालिसा की और देखकर कहा,"माँ मीरा को नए कपड़ो की
जरूरत नही है वो इतनी खूबसूरत है कि लोग उसके सामने फीके लगे''
मोनालिसा उठी और कहा,"बाय सगाई में मिलती हु!"
मोना वहा से चली गयी तो अक्षत भी वहा से चला गया l दादू और राधा ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर राधा सारा सामानसमेटने में लग गयी l अर्जुन
विजय के साथ बाहर चला गया और इंतजाम देखने लगा l राधा ने दादा दादी के लिए चाय बनाईऔर फिर उन्हें देकर अपने कमरे में चली आई l
मीरा अपने कमरे में आयी उसकी आँखे आंसुओ से भरी हुई थी l मोना के कहे शब्द उसके कानों में गूंज रहे थे l निधि नीचे थीमीरा बैठे बैठे सोचती रही l उसे
बहुत बुरा लग रहा था l उधर अक्षत अपने कमरे में आया मोना ने मीरा के लिए जो कहा उसेबहुत बुरा लग रहा था गुस्से में उसने अपने दाहिने हाथ का मुक्का
दिवार पर दे मारा l और फिर बिस्तर पर बैठ गया गुस्से सेउसका चेहरा लाल हो गया l वह उठा बाथरूम में आया और मुंह धोया कु छ अच्छा महसूस हुआ तो
वह कमरे से बाहर आयानजर निधि के कमरे की और चली गयी जो की बंद था l अक्षत बाहर चला गया l शाम को ज्वेलर्स गहने देकर चला गया l राधा नेगहने
दादीमाँ को दिखाएं और फिर मीरा के लिए खरीदी पायल लेकर उसके कमरे में आयी l मीरा उदास सी बैठी थी राधा उसके पास आई और कहा,"मीरा , ऐसे
अके ले क्यों बैठी हो बेटा ?"
"आंटी आप , आईये ना",मीरा ने अपनी आँखों के किनारे साफ करते हुए कहा l
राधा उसके पास आई और प्यार से उसके हाथ को अपने हाथो में लेकर कहा,"मोनालिसा की बातो का बुरा मत मानना बेटा ,उसे अभी इतनी समझ नही है !"
"नही आंटी हम उनकी बात का बुरा क्यों मानेंगे ? हमे बिल्कु ल बुरा नही लगा अपनों की बातों का कै सा बुरा मानना ?",मीरा नेजबर्दस्ती मुस्कु राते हुए कहा
"ह्म्म्म !",राधा ने गाल छू कर कहा
राधा ने डिब्बे से पायल निकाली और मीरा को देकर कहा,"ये लो पहन लो"
"सगाई वाले दिन पहन लेंगे आंटी",मीरा ने पायल लेकर कहा
"नहीं अभी पहनो मेरे सामने मुझे देखनी है कै सी लगेगी ?",राधा ने प्यार से कहा
राधा का अपनापन मीरा के जख्मो पर मरहम जैसा था l उसने अपने पैरों में पायल पहनी और राधा को दिखाई l उसके गोरे पैरोंमें पायल बहुत जच रही थी l
मीरा मोना को भूल गयी और कमरे में चलने लगी पायल के घुंघरू से छम छम की आवाज आनेलगी तो मीरा खिलखिला पड़ी l l
राधा ने उसका गाल थपथपाया और चली गयी l मीरा कमरे में यहाँ से वहा चल रही थी पायलों की छम छम उसे बहुत अच्छीलग रही थी l
वह घूमते हुए बाहर आई छम छम करते हुए यहाँ से वहा घूमने लगी l अक्षत उस वक्त बालकनी में खड़ा फोन पर किसी से बातकर रहा था l मीरा के पायलों
की छन छन से उसे बात समझने में परेशानी हो रही थी l l वह पलटा और गुस्से में फोन काटकरमीरा के पास आया और उसकी बाँह पकड़कर अपनी और
करके कहा,"ये क्या छम छम लगा रखा है , दिखाई नही देता बात कररहा हु फोन पर ? तुम तुम अभी उतारो इन्हें , अपने कमरे में जाओ और उतार कर
आओ इन्हें"
"लेकिन !",मीरा ने बोलना चाहा तो अक्षत ने कहा,"लेकिन वेकिन कु छ नही , अभी के अभी जाकर उतारो इन्हें राइट नाउ"
"हम्म्म्म",कहते हुए मीरा ने जैसे ही दो कदम बढ़ाये फिर से वही आवाज आयी l अक्षत फिर से झुंझला गया और कहा,"रुको !"
मीरा रुक गयी तो अक्षत उसके पास आया और कहा,"ऐसे जाओगी तो आवाज आएगी"
"फिर",मीरा ने कहा
अक्षत ने मेरे को गोद में उठाया और लेकर कमरे की और बढ़ गया l मीरा बस उसे देखती रही ये हक़ उसने अक्षत को कब दियावो खुद भी नहीं समझ पाई l
और अक्षत बिना उसकी और देखे आगे बढ़ता रहा l मीरा ने बड़े प्यार से उसे देखा और धीरे सेकहा,"सड़ू !!"

क्रमशः

संजना किरोड़ीवाल !!
कितनी मोहब्बत है - 17

अक्षत ने मीरा को गोद में उठाया और उसके कमरे के सामने छोड़कर चला गया ! बाहर आकर उसे खुद पर ही गुस्सा आ रहा थाकी उसने मीरा को क्यों डांटा
? "क्या हो गया है मुझे ? ऐसे बिहेव क्यों कर रहा हु ? वो हमेशा इतने प्यार से पेश आती है फिर भीमैं इतना रुड क्यों हो जाता हु उसके सामने ?",अक्षत
ने बड़बड़ाते हुए कहा !
"क्योकि तुम उसे पसंद करते हो !",पीछे से आते हुए अर्जुन ने कहा !
अर्जुन को वहा देखकर अक्षत हड़बड़ाया और कहा,"किसे ?"
"वही जिसके बारे में खुद से बातें कर रहे हो , मैंने आज से पहले तुम्हे इस तरह खुद से बाते करते हुए नहीं देखा !",अर्जुन नेकहा
"हम्म्म !",अक्षत ने धीरे से कहा !
"पसंद करते हो ना !",अर्जुन ने फिर कहा
"किसे और आप क्यों बोल रहे हो ये सब ?",अक्षत ने चिढ़ते हुए कहा !
"भाई हु तेरा चेहरा देखकर बता सकता हु क्या चल रहा है तेरे मन में ?",अर्जुन ने कहा !
"जाकर भाभी का मन टटोलिये , आज तो वो बड़ा इम्प्रेस होकर गयी है मुझसे",अक्षत ने अर्जुन को छेड़ते हुए कहा !
"बात बदलने का अच्छा बहाना है !",अर्जुन ने कहा तभी उसका फोन बजा और अक्षत को वहा से निकलने का मौका मिल गया! वह निचे आया अन्धेरा हो
चुका था विजय जी ने सभी लाईटे चालू करवा दी सारा घर रौशनी से जगमगा उठा ! अक्षत ने अपनेफोन में कु छ तस्वीरें ली और आकर सोफे पर बैठ गया !
राधा ने उसे अके ले बैठे देखा तो उसके पास चली आयी और कहा,"यहाँअके ले क्यों बैठे हो ?"
"घर कितना अच्छा लग रहा है ना माँ , कितने दिनों बाद सुकू न मिल रहा है ये सब देखकर !",अक्षत ने कहा
"हां ! इतने दिनों बाद घर में ख़ुशी का दिन आया है ! तुम्हारी शादी भी मैं इतने ही धूम धाम से",कहते कहते राधा रुक गयीउन्होंने जब अक्षत की और देखा
तो उसकी आँखों में नमी देखकर उसका दिल पसीज गया ! अनजाने में वह ऐसी बात कह गयीजिस से अक्षत को ठेस पहुंची अक्षत के साथ साथ उनकी आँखों
में भी नमी तैर गयी !
"सॉरी बेटा !",राधा ने कहा
"इट्स ओके माँ ! खाने में क्या बना है आज ?",अक्षत ने कहां
"दाल , चावल , भिंडी और चपाती बनेगी !",राधा ने कहा !
"हम्म्म्म चलो !",अक्षत ने उठते हुए कहा
"कहा ?",राधा ने हैरानी से कहा
"किचन , मिलकर बनाते है !",अक्षत ने राधा को कं धो से पकड़कर किचन की और ले जाते हुए कहा
"अरे बेटा मैं कर लुंगी न !",राधा ने अंदर आकर कहा
"आप अके ले कितना काम करेगी , जानता हु इस एक साल में मैं सबसे बहुत दूर हो गया हु !",अक्षत ने धीरे से कहा
"धत कु छ भी बोलता है , सब ठीक है और तू हमेशा मेरे पास ही रहेगा ! पगला",राधा ने कहा !
"चलो फिर बनाते है !",अक्षत ने कू कर में पानी डालते हुए कहा !
"कु छ दिन की बात है फिर तो नीता इस घर में आजायेगी और हम दोनों मिलकर बना लिया करेंगे !",राधा ने अक्षत का हाथबटाते हुए कहा !
जब तक दाल उबली तब तक अक्षत ने भिंडी फ़्राय कर दी ! सच में उसके हाथो में जादू था खाने की खुशबू से किचन महक उठा! राधा भी नहीं जानती थी
अक्षत में ये गुण कहा से आया ? वह बस प्यार से खाना बनाने में अक्षत की मदद कर रही थी ! दालभी अक्षत ने ही ही बनाई जब उसमे हींग और देशी घी का
छौंक लगाया तो किचन एक सुहावनी महक से भर गया !! अक्षत राधाकी और पलटा और कहा,"हो गया अब क्या करना है ?"
"इतना काफी है बेटा ! तुम कॉफी पिओगे ?",राधा ने हाथ धोते हुए कहा !
उसी वक्त मीरा किचन में आयी तो अक्षत ने उसे देखकर अनजान बनते हुए कहा,"नहीं मैं चाय पिऊं गा !"
राधा ने देखा मीरा आयी है तो उसे देखते ही कहा,"अरे मीरा , तुम्हारी पायल कहा है ? मैंने कहा था ना पहने रखना उतारी क्यों ?शायद तुम्हे पसंद नहीं
आयी है ना ?"
मीरा ने अक्षत की और फिर राधा की और देखकर कहा,"ऐसी बात नहीं है आंटी वो बहुत अच्छी है बस थोड़ा शोर करती है , बसइसलिए उतार दी !!"
"कोई बेवकू फ ही होगा जिसे पायल की आवाज पसंद नहीं होगी !",राधा ने काम करते हुए कहा तो मीरा अक्षत की और देखकरमुस्कु राने लगी ! १ बेचारा
अक्षत बैठे बिठाये उसे बेवकू फ सुनने को मिल गया ! उसने राधा से कहा,"माँ चाय !"
"हां बनाती हु !",राधा ने कहा
"आप रहने दीजिये आंटी हम बना देते है !",मीरा ने कहा तो राधा और काम करने में लग गयी ! मीरा अक्षत के लिए चाय बनानेलगी अक्षत उसकी बगल में
आकर खड़ा हो गया और धीरे से कहा,"मुझे नहीं पता था वो माँ ने खरीदी थी !"
मीरा ने कोई जवाब नहीं दिया बस चुपचाप चाय बनाती रही और छानकर अक्षत को थमा दी ! अक्षत ने एक घूंठ भरा और कपमीरा को देकर कहा,"आज भी
तुम इसमें चीनी डालना भूल गयी !!" अक्षत वहा से चला गया ! मीरा ने चाय पीकर देखी उसमेचीनी नहीं थी , उसने अपना सर पिट लिया ये गलती उस से
हमेशा होती थी वो भी अक्षत के लिए ! मीरा ने डिब्बे से चीनीनिकालकर चाय में डाली और मिलाकर खुद ही पि ली ! अब अपनी जूठी चाय अक्षत को थोड़े
पिलाती !! खाना तैयार हो चुकाथा राधा ने खाना लगाया और सबको बुला लिया ! आज अक्षत खाने के लिए नहीं आया उसे किसी जरुरी बाहर जाना पड़ा !
सबने खाना खाया और फिर बैठकर सगाई के फं क्शन के बारे में बातचीत करने लगे ! 10 बज गए अक्षत अभी तक नहीं आयाथा ! बाकि सब सोने चले गए
बस राधा ही डायनिग के पास बैठी अक्षत के आने का इंतजार कर रही थी ! दिनभर की थकान कीवजह से राधा की आँखे मूंदने लगी थी ! मीरा ने जब देखा
तो उनके पास आकर कहा,"आंटी आप जाकर सो जाईये , वो आएंगेतब हम परोस देंगे !"
"अरे नहीं बेटा , वो पता नहीं कब तक आएगा ! आज थोड़ा परेशान भी है मैं उसका इंतजार कर लुंगी तुम जाकर सो जाओ!",राधा ने कहा
"हालत देखिये अपनी , नींद से आँखे भारी हो रही है और आज आपने कितना काम किया है थक भी तो गयी होंगी न आप !आप जाईये हम रुक जाते है
!",मीरा ने कहा !
"लेकिन !",राधा ने कहा !
"लेकिन वेकिन कु छ नहीं , हम भी तो आपकी हर बात मानते है ना फिर आप भी हमारी ये छोटी सी बात मान लीजिये ! आपजाईये !",मीरा ने राधा से कहा
! मीरा की जिद के आगे राधा को झुकना पड़ा वह उठकर सोने चली गयी ! मीरा वही बैठकरअक्षत के आने का इंतजार करने लगी ! कु छ देर बाद ही अक्षत घर
आ गया ! उसने देखा मीरा डायनिंग के पास ही बैठी है तोवह उस और चला आया और कहा,"तुम सोई नहीं ?"
"आप आ गए , बैठिये हम खाना लगा देते है !",मीरा ने उठते हुए कहा !
अक्षत को अच्छा लगा की मीरा उसके लिए ही यहाँ बैठी थी ! वह कु र्सी खींचकर बैठ गया ! मीरा ने सब्जी और दाल उठाते हुएकहा,"खाना ठंडा हो गया है ,
हम गर्म करके ले आते है !" अक्षत ने उसकी कलाई पकड़कर रोक लिया और कहा,"परेशान होने कीजरूरत नहीं है मैं ये सब खा लूंगा , तुम बैठो !"
मीरा वापस बैठ गयी ! उसने प्लेट सीधी की और नेपकिन से पोछकर अक्षत के सामने रख दी ! उसने उसमे खाना परोसा तोअक्षत ने बड़े मीरा की और देखकर
कहा,"तुमने खा लिया !"
"हम्म !",मीरा ने पलके झुकाकर कहा
अक्षत ने चम्मच उठायी और दाल चावल मिक्स करके खाने लगा ! खाते हुए उसने मीरा से कहा,"तुमसे एक बात पुछु !"
"हम्म्म !",मीरा अब भी निचे देख रही थी !
"कभी कभी अचानक मैं गुस्सा हो जाता हु ! तुम्हे बुरा तो नहीं लगता ना",अक्षत ने बिना मीरा की और देखे हिचकिचाते हुए कहा!
"नहीं !",मीरा ने उसकी और देखकर कहा !
अक्षत की नजरे अभी भी निचे ही थी उसने आगे कहना जारी रखा,"एक्च्युली , लड़कियों से बात करना नहीं आता इसलिए कु छभी बोल देता हु ,, आज शाम
भी मैं किसी जरुरी कॉल पर था तुम्हारी पायल की आवाज से बार बार डिस्ट्रब हो रहा था ! बसथोड़ा गुस्सा आया और मैंने वो सब ,, आई ऍम सॉरी !"
"इट्स ओके !",मीरा ने कहा !
"तुम्हे बुरा नहीं लगता !",अक्षत ने मीरा की तरफ देखकर कहा !
"अपनों की बातो का क्या बुरा मानना ! बस कभी कभी खीज होती है पर जल्दी दूर भी हो जाती है !",मीरा ने कहा !
"तुम बहुत अच्छी हो , हर बात समझती हो !",अक्षत ने कहा
"लेकिन आप हमारी समझ से बाहर है , कभी कभी आपको समझना बहुत मुश्किल हो जाता है !",मीरा ने उसकी प्लेट में चपातीरखते हुए कहा !
"धीरे धीरे समझ जाओगी !!",अक्षत ने खाते हुए कहा !
उसके बाद दोनों के बिच कोई बात नहीं हुई ! कभी मीरा अक्षत को तो कभी अक्षत मीरा को देखता रहा ! खाना खाकर अक्षतवहा से चला गया ! मीरा ने बतर्न
धोकर रख दिए और ऊपर चली आयी ! जैसे ही वह अपने कमरे जाने लगी अक्षत ने आवाजलगाई,"मीरा !"
मीरा ने पीछे पलटकर कहा,"जी !"
"थैंक्यू !",अक्षत ने बिना किसी भाव के कहा !
"थैंक्यू किसलिए ?",मीरा ने कहा !
"बस थैंक्यू !",अक्षत ने कहा और अपने कमरे की और चला गया ! मीरा भी अपने कमरे आकर लेट गयी लेकिन नींद उसकीआँखों से कोसो दूर , निधि सो
चुकी थी मीरा ने कम्बल निधि को ओढ़ाई और फिर करवट लेकर लेट गयी अक्षत का चेहराउसकी बाते बार बार उसके सामने किसी फिल्म की तरह चल रही
थी ! अक्षत को समझ पाना बहुत मुश्किल था जिस तरह कीबाते वो अचानक से करता था उस से मीरा को अहसास हुआ की बहुत कु छ था जो अक्षत के सीने
में दफन था ! मीरा अक्षत के बारे में सोचते सोचते सो गयी ! मीरा से सॉरी कहने के बाद अक्षत का मन काफी हल्का हो गया था !! वह बिस्तर पर आकर
लेटगया कमरे की लाइट बंद थी लेकिन बेड के पास पड़ी टेबल पर रखा लेम्प जल रहा था ! अक्षत बिस्तर पर लेटा लेटा लेम्प कोऑन ऑफ कर रहा था !
अक्षत खुद में आते बदलाव को साफ साफ महसूस कर रहा था ! सोचते सोचते उसे कब नींद आयीपता ही नहीं चला !! सुबह अक्षत देर तक सोता रहा उसकी
आँख तब खुली जब उसकी मौसेरी बहन की 7 साल की बेटी काव्याने आकर उसके दरवाजे को पीटते हुए कहा,"मामू दरवाजा खोलो ना !"
अक्षत आँखे मलता हुआ उठा और आकर दरवाजा खोला अपने सामने काव्या को देखकर उसके चेहरे पर प्यारी सी स्माइल आगयी उसने काव्या को अपनी
गोद में उठा लिया तो काव्या ने उसके गाल पर किस करके कहा,"गुड़ मॉर्निंग , मामू !"
"गुड़ मॉर्निंग मेरी क्यूटी पाई",अक्षत ने भी जवाब में उसके गाल को पर किस करके कहा तो काव्या खिलखिला दी औरकहा,"आप गंदे मामू हो इतनी लेट तक
सोते हो !"
"अच्छा ! मम्मा कहा है तुम्हारी ?",अक्षत ने कहा !
"निचे !",काव्या ने कहा तो अक्षत उसे गोद में उठाये निचे आ गया ! काव्या के मम्मी पापा तनु और रोमित निचे ही थे ! अक्षत नेकाव्या को सोफे पर उतारा
और तनु और सोमित के पांव छू ये ! तनु अक्षत से पुरे 6 साल बड़ी जो थी पांव छू ना तो बनता है !!सोमित ने अक्षत के कं धो पर अपना हाथ रखते हुए
कहा,"और भई साले साहब ? क्या हाल है आपके ?"
"बस सब बढ़िया जीजू , आप लोग कब आये ?",अक्षत ने सवाल किया !
"बस अभी कु छ देर पहले ही , तू तो भूल ही गया ना बहन और जीजा को !",तनु ने अक्षत का कान पकड़ कर कहा !
"मम्मा मामू को दर्द होगा , आप उनका कान क्यों खिंच रही हो ?",छोटी सी काव्या ने कहा
"बेटा तेरे मामू थोड़े शैतान हो गए है , हमसे मिलने नहीं आते इसलिए इन्हे सजा दे रही हु !",तनु ने कहा !
"अरे दी डोंट वरी , दो हफ्ते बाद सीधा वही आ रहा हु , इंटर्नशिप के लिए !",अक्षत ने कहा !
तनु , अक्षत और सोमित तीनो सोफे पर आ बैठे ! काव्या अक्षत की गोद में आकर बैठ गयी ! तनु ने अक्षत से कहा,"किस चीजकी इंटर्नशिप है तेरी ?"

"एल.एल.बी. करने की सोच रहा हु दी !",अक्षत ने कहा


"बहुत अच्छा आइडिया है , दिल्ली में तुम्हे अच्छा कॉलेज मिल जाएगा !",सोमित ने कहा !
"हां जीजू तभी तो वहां से इंटर्नशिप करने की सोच रहा हु उसके बाद कम्प्लीट इंदौर से कर लूंगा !!",अक्षत ने कहा !
रघु सबके लिए चाय नाश्ता ले आया ! अक्षत ने चाय का कप उठाया सोमित और तनु ने भी चाय ली और पिने लगे ! सोमितजीजू खाने पिने के बहुत शौकीन
थे उन्होंने जैसे ही चाय का एक घूंठ भरा और कहा,"भई वाह कमाल की चाय बनी है , मौसीजीने बनाई है ?"
"नहीं मीरा दीदी ने बनाई है !",पास खड़े रघु ने कहा !
"मीरा ? ये कौन है ?",तनु ने हैरानी से कहा
"निधि की दोस्त है दीदी , यही रहती है !",अक्षत ने कहा रघु वहा से चला गया तो जीजाजी ने अक्षत को कोहनी मारते हुएकहा,"सिर्फ निधि की या तुम्हारी
भी !"
"क्या जीजू आप भी ?",अक्षत ने नजरे फिराते हुए कहा
"अरे भई हमे भी मिलाओ अपनी मीरा जी से !",तनु ने अक्षत को छेड़ते हुए कहा
"दी ये ज्यादा हो रहा है !",अक्षत ने चिढ़ते हुए कहा
"अच्छा बाबा ठीक है , मिलवा तो दो !",तनु ने कहा तब तक हाथ में प्लेट लिए मीरा खुद ही वहा आ गयी सफ़े द चूड़ीदार और हरेरंग लगाए , कानो में मैचिंग
झुमके और बालो को गूंथकर चोटी बनाई हुई थी ! उसने प्लेट टेबल पर रखी और जैसे ही जाने लगीअक्षत ने कहा,"मीरा !"
"हम्म्म !",उसने धीरे से कहा
"ये तनु दी है मौसी की बड़ी बेटी और ये जीजाजी !",अक्षत ने कहा
"नमस्ते !",मीरा ने दोनों हाथ जोड़कर कहा !
जीजाजी तो बस उसे देखते ही रह गए ! सिंपल सी मीरा सादगी में भी कितनी खूबसूरत लग रही थी ! तनु ने कहा,"वहा क्योंखड़ी हो ? आओ बैठो !"
मीरा चुपचाप आकर तनु की बगल में बैठ गयी ! काव्या अक्षत की गोद से उतरकर मीरा के पास आयी और अपना हाथ उसकीऔर बढाकर कहा,"हाय मेरा
नाम काव्या है !"
"सो स्वीट नेम , हमारा नाम मीरा है !",मीरा ने काव्या के दोनों गाल हलके से खिचते हुए कहा !
"तो मैं आपको मीरु कहकर बुलाऊ !",काव्या ने कहा
"हम्म्म्म !",मीरा ने हां भर दी तो काव्या उसकी गोद में बैठ गयी !
अक्षत ने काव्या को घुरा तो उसने कहा,"घूर क्यों रहे हो ? आप भी आ जाओ इस साइड !"
"चलो आपके लिए हमारे पास चॉकलेट्स है !",मीरा ने उठते हुए कहा तो काव्या उसके साथ चली गयी ! जीजू तनु और अक्षतवही बैठे बाते करते रहे ! विजय
ने सगाई में बस कु छ खास मेहमानो को ही बुलाया था ! दोपहर के खाने के बाद जीजू अर्जुनऔर विजय जी के साथ इंतजाम देखने लगे ! राधा ने सुबह ही
मेहँदी भिगो दी थी ! उसने सबसे मेहँदी लगाने को कहा और खुदभी लगा ली ! काव्या सुबह से अब तक मीरा के साथ ही थी एक बार भी तनु के
पास नहीं आई ! घूमते हुए तनु ऊपर चली आयी कमरे में आयी तो देखा काव्या सो रही थी और मीरा उसे थपथपा रही थी !तनु ने धीरे से कहा,"सो गयी !
"हम्म्म !",मीरा ने उसे कम्बल ओढाते हुए कहा !
"तुम्हे परेशान तो नहीं किया ना इसने ?",तनु ने प्यार से कहा
"अरे दी नहीं , ये बहुत स्वीट है !",मीरा ने मुस्कु राते हुए कहा !!
"निचे चलते है , मौसी वगैरह सब मेहँदी लगा रही है चलो तुम भी लगवा लो !",तनु ने कहा तो मीरा उनके पीछे पीछे चल पड़ी !दोनों निचे चली आयी तनु
पहले से मेहँदी लगवा चुकी थी उसने मीरा से कहा,"मेरी मेहँदी सुख जाये फिर तुम्हारे हाथो पर मैं लगादूंगी !"
" हम्म्म !",मीरा ने कहा
"तुम बहुत कम बोलती हो ऐसा क्यों ?",तनु ने सवाल किया !
"ऐसी बात नहीं है ! जैसे जैसे जानने लगेंगे बोलने लगेंगे !",मीरा ने झिझकते हुए कहा !
"लो इसमें जानना पहचानना क्या ? अक्षत की दी हु तुम भी मुझे दी ही समझो और उनको अपना जीजू !",तनु ने बाहर खड़ेसोमित की और इशारा करके
कहा ! मीरा मुस्कु रा दी और वही तनु के पास बैठ गयी ! कु छ देर बढ़ अक्षत आया और राधाकहा,"माँ भाभी के गिफ्ट लाना तो भूल ही गया मैं !"
"तो अब जाकर ले आ बेटा !",राधा ने कहा !
"हां लेकिन लड़कियों के लिए गिफ्ट कै से लू ? आप में से चलो कोई साथ में",अक्षत ने तनु की बगल में बैठते हुए कहा !
"हम सबके हाथो में तो मेहँदी लगी है एक काम कर तू मीरा को साथ ले जा !",राधा ने कहा
"लेकिन हम !",मीरा ने बोलना चाहा लेकिन राधा बिच में ही बोल पड़ी,"हां बेटा हम लोग तो जा नहीं पाएंगे तुम चली जाओ !"
"जी आंटी !",मीरा ने उठते हुए कहा
"बाय माँ , बाय दादी , तनु दी आपको कु छ चाहिए !",अक्षत ने कहा तो तनु ने उसे निचे झुकने का इशारा किया और उसके कानमें कहा,"भाभी !"
अक्षत मुस्कु राये बिना नहीं रह सका और चला गया ! मीरा को साथ लेकर अक्षत बाहर आया ! अर्जुन और सोमित ही खड़े थेमीरा और अक्षत को साथ जाते
देखकर सोमित जीजू ने कहा,"यार सेल साहब एक बात कहु ?"
"हां जीजाजी !",अर्जुन ने कहा
"इन दोनों के बिच कु छ है क्या ?",जीजू ने अर्जुन की और देखकर पूछा
"कभी लगता है बहुत कु छ है कभी लगता है कु छ भी नहीं !",अर्जुन ने कहा !!
"अगर कु छ हुआ तो इनकी जोड़ी सबसे बेस्ट होगी , सादगी और गुस्से का मिक्सअप होगा इनका रिश्ता !",जीजू ने जाती हुईगाड़ी को देखकर कहा !
रास्ते भर मीरा और अक्षत खामोश रहे ! मार्कि ट पहुंचकर अक्षत ने गाड़ी एक साइड लगायी ! उसने मीरा को उतरने को कहाऔर खुद भी उतरकर उसके साथ
साथ चलने लगा ! अभी दोनों कु छ ही दूर चले थे की तभी सामने से आती लड़की अक्षत सेटकरा गयी ! अक्षत कु छ कहता इस से पहले ही लड़की उस पर
भड़क उठी और कहा,"अंधे हो दिखाई नहीं देता ?"
"आप खुद देखकर नहीं चल रही है !",अक्षत ने बहुत ही शांति से कहा तभी लड़की के साथ वाला लड़का भड़क गया औरकहा,"लड़की के सामने ज्यादा हीरो
बन रहा है क्या ?"
"लिस्टन ब्रो ! मेरी कोई गलती नहीं है , यही सामने से आ रही थी , मैं सॉरी बोल देता हु ! आई ऍम सॉरी",अक्षत ने कहा !
"शट अप पहले जान बूझकर धक्का दो और फिर सॉरी बोलो , तुम लड़को को तो बहाना चाहिए लड़कियों को छू ने का !",लड़कीने कहते हुए अक्षत को मारने के
लिए जैसे ही अपना हाथ उठाया मीरा ने बिच में उसका हाथ रोकते हुए कहा,"गलती आपकी है ,आप रोंग साइड से आ रही है इसके बाद भी ये आपसे सॉरी
कह रहे है तो आप इनपर हाथ उठा रही है ! सही नहीं है !"
"तू होती कौन है बिच में बोलने वाली",कहते हुए लड़के ने जैसे ही मीरा के कं धे पर हाथ रखना चाहा मीरा ने उलटे हाथ से एकथप्पड़ लड़के के गाल पर मारा
लड़का निचे जा गिरा ! मीरा ने लड़की का हाथ निचे किया और कहा,"आप लड़की है इसकामतलब ये नहीं है की आप किसी पर भी हाथ उठाये !" वहा से
हटकर मीरा लड़के के पास आयी , पंजो पर बैठी और लड़के के होंठ से आया खून साफ किया और फिर उसकी कॉलर ठीक करते हुए कहा,"गलत बात पर
किसी का साथ देने वाला भी उतनाही गलत होता है जितना गलती करने वाला ! लड़कियों पर हाथ उठाना मर्दानगी नहीं होती है !"
"सॉरी सिस्टर !",लड़के ने मरे हुए स्वर में कहा !
मीरा उठी और अक्षत से कहा,"चले !"
मीरा आगे बढ़ गयी और अक्षत हैरान सा उसके पीछे पीछे उसे तो यकीन ही नहीं हुआ मीरा ऐसा भी आकर सकती है !! मीरा के इस नए अवतार से वह बहुत
हैरान था उसने मीरा के पास आकर कहा,"तुम ये सब ?"
मीरा ने अक्षत की आँखों में देखा और कहा,"सिर्फ नाम से राजपूत नहीं है ! किसी अपने के साथ गलत हो तो नहीं बर्दास्त करते!"
"तुम्हे समझना मुश्किल है !",अक्षत ने कहा !
"धीरे धीरे समझ जायेंगे !",मीरा ने कहा और आगे बढ़ गयी !!
क्रमश -:

संजना किरोड़ीवाल !

कितनी मोहब्बत है - 18

मीरा का नया रूप देखकर अक्षत तो हैरान ही रह गया था ! मीरा को अब तक वह बहुत सीधा और डरपोक समझ रहा थालेकिन सच्चाई तो कु छ और ही थी !
अक्षत ने चलते चलते कहा,"हम्म्म्म समझ तो जाऊं गा बाकि सबके सामने कु छ और मेरेसामने कु छ और ऐसा क्यों ?
मीरा रुकी और अक्षत की और पलटकर कहा,"जो घर में देखा वो भी हम थे , जो कु छ देर पहले देखा वो भी हम ही है ! कई बारहम वो नहीं दिखा पाते जो
हम हकीकत में है बस कु छ मजबूरियों के चलते अपना सच छु पाना जरुरी हो जाता है !"
मीरा की बात सुनकर अक्षत खामोश हो गया और उसे देखता रहा , मीरा की आँखों में उसके बीते हुए कल का सच दिखाई देरहा था जिससे अक्षत अभी
अनजान था ! उसे खामोश देखकर मीरा ने कहा,"चलिए देर हो रही है !"
दोनों शोरूम पहुंचे दुकानदार ने अक्षत से कहा,"जी सर क्या दिखाऊ ?'
"इनके लिए कोई अच्छा सा ड्रेस दिखाईये !",अक्षत ने पास पड़ी कु र्सी पर बैठते हुए कहा !
"हमारे लिए क्यों ? आप तो नीता जी के लिए तोहफा लेने आये थे !",मीरा ने हैरानी से कहा !
"हम्म्म , झूठ कहा था ? भाभी के लिए तो मैंने गिफ्ट कल ही खरीद लिया था ! अभी तुम देखो",अक्षत ने कहा !
"लेकिन हमे नहीं चाहिए !",मीरा ने कहा
"मैंने पसंद करने के लिए कहा है , चाहिए या नहीं ये नहीं पूछा !",अक्षत ने घूरते हुए कहा !
मीरा ने कु छ नहीं कहा तो अक्षत उठा और दुकानदार से कहा,"आप दिखाईये !"
दुकानदार कपडे दिखाने लगा मीरा को बिल्कु ल अच्छा नहीं लग रहा था ! अक्षत ने कु छ ड्रेसेज सेलेक्ट किये और मीरा सेकहा,"जाओ जाकर ट्राय करके देखो
!"
"लेकिन !",मीरा ने कहना चाहा तो अक्षत ने रोक दिया और कहा,"श्श्श्श जो कहा है वो करो ! जाकर ट्राय करो !"
"मेडम को चेंजिग रूम बताओ !",दुकानदार ने पास खड़ी लड़की से कहा !
"आईये मेम !",लड़की ने कहा तो मीरा उसके पीछे पीछे चल पड़ी !! चेंजिग रूम के सामने आकर लड़की रुक और मीरा से अंदरजाने को कहा,''मीरा कपडे
लेकर अंदर आयी और सोच में पड़ गयी की उसे अक्षत से ये सब लेना चाहिए या नहीं ! लेकिन साथही उसे अच्छा भी लग रहा था की अक्षत ने उसके लिए ये
सब किया ! सबसे पहले उसने रेड कलर का गाउन पहना और बाहरआयी ! मीरा पर वह गाउन बहुत जच रहा था लेकिन अक्षत को पसंद नहीं आया और
उसने वही बैठे बैठे गर्दन हिलाते हुएकहा,"उम्म्म अच्छा नहीं लग रहा , दुसरा ट्राय करो !"
मीरा वापस चली गयी इस बार उसने प्लाजो और ऊपर कट जैके ट पहना और वापस आयी ! अक्षत को वो भी पसंद नहीं आयाउसने कहा," कलर अच्छा नहीं
है ! दूसरा ट्राय करो" मीरा खीजकर वहा से चली गयी ! चेंजिग रूम में आकर वह बड़बड़ानेलगी,"लड़कियों से भी ज्यादा नखरे है इनके , ये अच्छा नहीं है वो
अच्छा नहीं है ,, अपनी ही पसंद को भला कोई कै से ख़राब कहसकता है ? पर ये तो कह सकते है कॉम्प्लिके टेड जो ठहरे !"
बड़बड़ाते हुए मीरा ने तीसरा ड्रेस पहना जो की बहुत टाइट फिटिंग में था और उसका पीछे का हिस्सा बहुत डीप कट था ! अक्षतने देखते ही ना कह दिया !
अब आखरी ड्रेस बची थी मीरा अंदर गयी ! गोल्डन रंग का ब्लाउज और गोल्डन वर्क से सजा लहंगाथा साथ में हलके गुलाबी रंग का नेट का दुपट्टा था ! मीरा
ने वह पहना बलाउज थोड़ा लूज था लेकिन जैसे ही उसने खुद कोशीशे में देखा बस देखती ही रह गयी ! वह ड्रेस उस पर बहुत जच रही थी ! मीरा बाहर
आयी जैसे ही अक्षत ने मीरा को देखाकु र्सी से उठ खड़ा हुआ , उसकी नजरे मीरा से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी ! मीरा ने अक्षत को खामोश देखकर
धीरे सेकहा,"ये ठीक है !"
अक्षत कु छ नहीं बोल पाया बस हां में गर्दन हिला दी तो दुकानदार ने खुश होकर कहा,"अरे मैडम बिल्कु ल परफे क्ट , ऐसे लगरहा है जैसे ये आपके लिए ही
बना है !" अक्षत ने दुकानदार की और देखकर कहा,''इसे पैक करवा दीजिये !" "भैया ये थोड़ा लूजहै",मीरा ने कहा !
"डोंट वरी मैडम आप अपना नाप दे दीजिये , आधे घंटे में इसकी फिटिंग हो जाएगी तब तक आप कु छ और देख लीजिये!",दुकानदार ने कहा
"जी !",कहते हुए मीरा चेंजिंग रूम में आयी और चेंज करके वापस आयी ! हाथ में पकडे सभी ड्रेस उसने लड़की की और बढ़ादिए जैसे ही वह काउंटर के पास
पहुंची उसने अक्षत से कहा,"आप ये सही नहीं कर रहे है !"
"तोहफा समझ के रख लो !",अक्षत ने कहा !
मीरा चुप हो गयी तो दुकानदार ने उसके पास आकर कहा,"आपका नाप ले लेता हु !"
दुकानदार जैसे ही मीरा का नाप लेना चाहा अक्षत ने उसे रोककर इंचटेप खुद ले लिया और कहा,"मैं ले लूंगा !" दुकानदार पीछेहट गया ! अक्षत ने मीरा की
कमर का नाप लेते हुए कहा,"अच्छा नहीं लगता कोई और तुम्हे छु ए !"
मीरा प्यार से अक्षत को देखती रही जबकि अक्षत ने अपनी पलके झुकाये रखी वह खुद भी मीरा को ऐसी नजर से देखना नहींचाहता था ! पर उसकी कही बात
मीरा के दिल के तार झनझना गयी !! नाप लेकर अक्षत ने दुकानवाले को दिया औरकहा,"थोड़ा जल्दी करवा दीजियेगा !!"
"ठीक है सर !",कहकर उनसे वो ड्रेस लड़के को दे दिया लड़का चला गया तो दुकानवाले ने कहा,"आप कु छ लेंगे सर चाय कोफ़ी!"
"नहीं मुझे सिर्फ घर की चाय पसंद है !",अक्षत ने मीरा की और देखते हुए कहा !
मीरा उस वक्त रॉ में लगे कपडे देखने में बिजी थी ! उसने अक्षत की बात पर ध्यान नहीं दिया था लेकिन दुकानदार ने कहा,"सरमैडम बहुत लकी है जिन्हे आप
जैसा पति मिला !"
अक्षत ने सूना तो हैरानी से दुकानवाले की और देखा और कहा,"वो मेरी वाइफ नहीं है , लेकिन बात अच्छी कही तुमने !"
दुकानवाला झेंप गया और वहा से चला गया ! अक्षत अपने फोन में बिजी हो गया और मीरा दुकान देखती रही ! कु छ देर बादलड़का उसकी ड्रेस लेकर आ गया
और अक्षत को थमा दी ! अक्षत ने पर्स निकालते हुए कहा,"कितना हुआ ?'
"3650 रूपये सर !",दुकानवाले ने बिल अक्षत को थमाते हुए कहा !
अक्षत ने पेमेंट किया और मीरा को साथ लेकर बाहर आ गया ! बाहर आकर मीरा ने कहा,"आपको ये सब नहीं करना चाहिए था! हम इतने महंगे कपडे आपसे
कै से ले सकते है ?"
"तोहफा समझ के रख लो ! जैसे दो लोग एक दूसरे को देते है वैसे ही मैंने दिया है , आगे चलकर जब तुम्हारा मन हो तब तुम भीदे सकती हो !",अक्षत ने
कहा
"लेकिन किस हक़ से ?",मीरा ने कहा
"क्या इसे रिश्ते का नाम देना जरुरी है ? देखो मीरा मैं आज तक कीसी भी रिश्ते में परफे क्ट नहीं रहा हु ! ये मैंने तुम्हारी सेल्फरिपेक्ट को कम करने के लिए
नहीं दिया है ,, प्लीज रख लो !",अक्षत ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा !
मीरा ने वो बैग ले लिया और कहा,"थैंक्यू !
"मेंशन नॉट !",अक्षत ने मुस्कु रा कर कहा !
दोनों आगे बढ़ गए मीरा ने चलते हुए कहा,"आपसे एक बात पूछे !"
"हम्म्म पूछो !",अक्षत ने कहा
"आपको अचानक से ये तोहफा देने की क्या सूझी ?'',मीरा ने धीरे से कहा
अक्षत रुक गया और कहा,"सच कहु , कल जब सबके सामने मोनालिसा ने तुम्हारे लिए वो सब कहा तो मुझे अच्छा नहीं लगा !मीरा घर में सब तुम्हे पसंद
करते , चाहते है , अपना समझते है ! तुम उस परिवार का हिस्सा हो ये ही बताने के लिए मैं तुम्हेआज यहाँ लाया हु !"
"हमे उनकी बात का बिल्कु ल बुरा नहीं लगा , सभी घरवाले बहुत अच्छे है !",मीरा ने कहा और दोनों साथ साथ फिर चलने लगे !
'तो कल सगाई में तुम यही ड्रेस पहनना , सबको अच्छा लगेगा और मुझे भी !",अक्षत ने कहा !
"हम्म्म !!",मीरा ने कहा !
चलते हुए मीरा ने अपने पर्स में देखा और इधर उधर देखा सामने एक दुकान दिखी तो मीरा ने अक्षत से कहा,"आप यही रुकिए ,हम अभी आते है !"
अक्षत रुक गया मीरा सामने शॉप में चली गयी उसने कु छ खरीदा और वापस चली आयी ! अक्षत उसके साथ पार्किं ग में आयादोनों गाड़ी में आ बैठे ! अक्षत ने
गाड़ी घुमाई और घर की और जाने वाले रास्ते की और मोड़ दी ! एक बार फिर दोनों के बिचख़ामोशी छा गयी ! मीरा चाहती थी अक्षत कु छ कहे लेकिन अक्षत
ना जाने किस दुनिया में बिजी था ! मीरा खिड़की के बाहरदेखने लगी कु छ सोचकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी !!
रास्ते में अक्षत ने काव्या के लिए चॉकलेट्स ख़रीदे और फिर दोनों घर आ गए ! घर में डेकोरेशन का काम चल रहा था इसलिएअक्षत ने गाड़ी बाहर ही खड़ी
कर दी ! जैसे ही दोनों अंदर आये टेंट लगाने वाले के हाथ से रस्सी छू ट गयी और वो बड़ा साकपड़ा आकर दोनों पर गिरा ! मीरा को चोट ना लगे सोचकर
अक्षत ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपनी और खिंच लिया! दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहे ! अक्षत के बाल बिखरकर उसके चेहरे पर आ गए
मीरा बस एक टक उसे देखती रही !बाहर होता शोर गुल उनके कानो तक पहुंचा लेकिन दोनों बेपरवाह ! जब होश आया तो दोनों कै से जैसे करके बाहर निकले
!मीरा सीधा वहा से अंदर चली गयी ! अक्षत बाहर निकलकर आया तो उसे देखकर सोमित जीजू ने हसते हुए कहा,"ग्रेंड वेलकमहुआ है आपका साले साहब !"
"कै सा ग्रेंड वेलकम ? जीजू , बालो की सेटिंग ख़राब कर दी !",अक्षत ने बाल सही करते हुए कहा !
"पर आपकी सेटिंग बना दी !",सोमित जीजू ने शरारत से मुस्कु राते हुए कहा !
अक्षत झेंप गया और बिना देर किये अंदर चला गया ! मीरा को देखते ही काव्या उसके पास चली आयी और कहा,"तुम कहाचली गयी थी मीरु ?"
"हम , हम आपके लिए चॉकलेट्स लेने गए थे !",मीरा ने प्यार से कहा
"सच्ची",काव्या ने पूछा
"मुच्ची",कहते हुए मीरा ने चॉकलेट का डिब्बा काव्या के सामने कर दिया ! तनु ने देखा तो उसके पास चली आयी औरकहा,"पता है मीरा तुम्हारे जाने के बाद
20-25 बार पूछ चुकी है , मीरु दीदी कहां है ? कब आएगी ? इसे तो तुमसे एक ही दिनमें इतना लगाव हो गया !"
"हां दी ये है इतनी प्यारी ",मीरा ने काव्या के गाल को छू कर कहा !
"अच्छा चलो तुम जल्दी से खाना खा लो , फिर तुम्हारे हाथो में भी मेहँदी लगा देती हु !",तनु ने कहा
"हम्म्म्म !",मीरा चली गयी और कु छ देर बाद निचे चली आयी घर में सब खाना खा चुके थे , उसने अपने लिए प्लेट में खानालिया और डायनिंग के पास अके ले
ही बैठ गयी बाकी सब हॉल में थे ! मीरा को अके ले देखकर राधा ने कहा,"मीरा यहाँ आजाओ !"
मीरा ने अपनी प्लेट उठाई और हॉल में आकर बैठ गयी जैसे ही वह आयी काव्या तनु की गोद से निकलकर मीरा के पास आयीऔर कहा,"मुझे भी खाना है" !
मीरा ने उसे अपने पास बैठने को कहा और फिर अपने हाथ से उसे खिलाने लगी ! मीरा ने अभीखाना शुरू ही किया था की कु छ देर बाद अक्षत कपडे
बदलकर आया और कहा,"माँ मेरा खाना लगा दो !"
राधा ने मेहँदी लगे हाथ आगे कर दिए तो मीरा ने अपनी प्लेट रखते हुए कहा,"हम लगा देते है !"
"इट्स ओके , इसमें से खा लूंगा मैं !",अक्षत ने मीरा की प्लेट उठा ली ! काव्या को अच्छा नहीं लगा तो उसने अक्षत से कहा,"परमामू ये तो मीरु की थाली है
ना !"
"हां तो तुम्हारी मीरु भी हमारी है ना !",अक्षत ने जैसे ही कहा सब उसकी और देखने लगे सबको अपनी और देखता पाकरअक्षत ने तुरंत बात बदल दी और
कहा,"मतलब हम सबकी है ना !" अक्षत की बात सुनकर सभी मुस्कु रा उठे और वापस अपनीबातो में लग गए !
"नहीं मीरु सिर्फ मेरी है , आपकी नहीं है प्लेट वापस दो !",काव्या ने कहा !
"काव्या की बच्ची इतनी जल्दी पार्टी बदल ली तुमने !",अक्षत ने कहा तो काव्या भागकर मीरा के पास चली आयी ! मीरा नेअक्षत से कहा,"लाईये हमे दीजिये ,
ये हमारा जूठा है हम आपके लिए दूसरी प्लेट ले आते है !"
"खा लूंगा मैं !",अक्षत ने प्यार से कहा
"हमारा जूठा खाएंगे आप !",मीरा ने धीरे से कहा !
"तुम पि सकती हो तो मैं भी खा सकता हु !",अक्षत ने मीरा की आँखों में देखते हुए कहा !
मीरा को याद आया कल शाम ही उसने अक्षत की जूठी चाय पि थी , वह खामोश हो गयी जब उठकर जाने लगी तो अक्षत नेउसका हाथ पकड़कर रोक लिया
और निधि से कहा,"निधि , मीरा के लिए एक प्लेट और ले आओ ! प्लीज़ !"
निधि गयी और प्लेट में खाना ले आयी ! मीरा ने खाया और काव्या को खिलाया और फिर अपनी और अक्षत की प्लेट लेकरचली गयी !! सामने टेबल पर पानी
पड़ा था फिर भी अक्षत ने कहा,"मैं पानी लेकर आता हु !"
राधा ने सूना तो मन ही मन मुस्कु रा उठी ! अक्षत और मीरा के बिच बढ़ती नजदीकियां देखकर उन्हें बहुत ख़ुशी हो रही थी !उन्हें खोया हुआ देखकर दादी ने
कहा,"क्या हुआ राधा ?"
"माँ मन बहुत खुश है आज ! लगता है अब सब ठीक हो जाएगा !",राधा ने कहा तो दादी ने भी हाँ में सर हिला दिया !
उधर किचन में मीरा ने प्लेट धोकर रख दी जैसे ही वह जाने के लिए मुड़ी अक्षत ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने सामनेकरते हुए कहा,"तुम्हारा जूठा क्यों
नहीं खा सकता मैं ?"
"पाप होता है !",मीरा ने झिझकते हुए कहा !
"तो फिर तुमने जूठी चाय क्यों पि कल शाम ?",अक्षत ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा !
"आपने कहा था फीकी है तो चखने के लिए !",मीरा ने मासूमियत से कहा तो अक्षत मुस्कु रा उठा और कहा,"तुम्हे पता है मैंतुम्हारी बनाई हुई फीकी चाय भी
क्यों पि लेता हु ?"
मीरा ने ना में गर्दन हिला दी तो अक्षत ने प्यार से उसका हाथ छोड़कर कहा,"क्योकि तुम उसे बहुत प्यार से बनाती हो , मैंने आजतक किसी को भी इतने
प्यार से चाय बनाते हुए नहीं देखा ! और जब मैं उसे पिता हु तो मुझे कभी नहीं लगता की वो फीकी है !"
मीरा साइड में देखने लगी अक्षत की ऐसी बाते किसी का भी दिल धड़का दे फिर मीरा तो उसे पसंद करती थी ! शर्म से उसके गालो पर रंगत आ गयी उसने
कहा,"हमे जाना चाहिए !"
"हम्म्म्म !",अक्षत ने कहा ! मीरा वहा से चली गयी एक प्यारा सा अहसास उसके मन में उथल पुथल मचा रहा था !! सभीतैयारिया हो चुकी थी ! शाम को
सोमित जीजाजी ने अर्जुन के साथ मिलकर एक छोटा सा माहौल बनाया ! अक्षत , जीजू ,अर्जुन और दादाजी सभी छत पर जमा हो गए ! घूमते घामते कही से
शुभ भी आ गया ! सभी बैठकर ड्रिंक कर रहे थे ! बसअक्षत को छोड़कर !
"क्या साले साहब ? तुम कभी नहीं पीते , दादू को देखो 4 पेग गटक चुके लेकिन मजाल है एक बार भी लड़खड़ाए !!",सोमितजीजू ने कहा !
"मैं ये नशा नहीं करता जीजू !",अक्षत ने कहा
"भाईसाहब आजकल किसी और नशे में है , है ना जीजू !",अर्जुन ने शरारत से कहा तो सोमित जीजू ने उसके हाथ पर ताली देमारी !
"कोनसा नशा ? मुझे तो कभी नहीं बताया इसने !",शुभ ने कहा
"अरे बाबू वो तुम्हारे काम का नहीं है , एक बार हो गया तो जन्मो लग जाते है उतरने में !",जीजू ने कहा !
"कौनसा नशा ? कोई मुझे भी बताओ !",दादू ने कहा !
"कु छ नहीं है दादू , जीजू और भाई मिलकर मेरी खिंचाई कर रहे है !",अक्षत ने कहा
"ऐ मेरे पोते की कोई खिंचाई नहीं करेगा , वैसे कौन है वो लड़की ?",दादू ने आखरी लाइन शरारत से कही तो जीजू और अर्जुनके साथ इस बार शुभ भी हंस
पड़ा ! अक्षत खीज गया और उठते हुए कहा,"मुझे नहीं बैठना यहाँ मैं जा रहा हु !"
दादू ने उसका हाथ पकड़ा और रोककर कहा,"अरे बैठ ना बेटा , ये तीनो तो आज आज के मेहमान है तू तो मेरा परमानेंट पार्टनरहै ! मजाक कर रहे है , बैठ
बैठ !!"
अक्षत वापस बैठ गया और अर्जुन से कहा,"आप तो रहने ही दो भाई , आपके और भाभी के चक्कर के बारे में मुझे बहुत पहलेसे ही पता है !"
"क क क्या पता है ?",अर्जुन ने कहा
"गोआ , आप , भाभी ऑफिस टू र का बहाना याद आया कु छ !",अक्षत ने अर्जुन की पोल खोलते हुए कहा !
"क्या शादी से पहले ही हनीमून हो गया आपका साले साहब ?",सोमित ने अर्जुन से पूछा !
"अरे जीजाजी , बकवास कर रहा है ये , हां गए थे लेकिन सब फ्रें ड्स गए थे वही नीता और मेरे बिच नजदीकियां बढ़ी थी ! आपलोग जैसा सोच रहे है वैसा
कु छ नहीं हुआ है !",अर्जुन ने चिढ़ते हुए कहा !
"देखा दादू इतनी दूर जाकर भी ये कु छ नहीं कर पाया !",अक्षत ने अर्जुन का मजाक उडाते हुए कहा ! दादू ने अक्षत को हाई फाइव दिया और दोनों
खिलखिलाकर हंस पड़े !
बाते करते हुए काफी देर हो गयी तो तनु ऊपर आयी और कहा,"आज क्या सारी रात यही बिताने का इरादा है आप सब लोगोका , कितनी ठण्ड है यहाँ बीमार
हो जाना है सबने !"
"तनु मर्द को ठण्ड नहीं लगती !",जीजाजी ने रौब के साथ कहा !
"ये आप बोल रहे है या आपके अंदर की शराब ?",तनु ने बिना किसी भाव के सोमित को घूरकर कहा !
"सिर्फ दो पेग , तुमने कहा था वो भी इसलिए !",सोमित ने कहा !
"दो नहीं दी , 6 , पुरे 6 पेग पिए है इन्होने !",अक्षत ने उठते हुए कहा !
"दीदी के चमचे रुक अभी बताता हु",कहते हुए जीजू उसकी और लपके लेकिन जैसे ही गिरने को हुए तनु ने सम्हाल लिया औरकहा,"दिखाई दे रहा है ! सब
"सॉरी !",जीजू ने मसुमियत से कहा तो तनु ने कहा,"हम्म्म , अब चलिए !" चलते हुए तनु ने बाकि लोगो को देखते हुए कहा,"आपसब लोग भी चलिए ! रात
बहुत हो गयी है ! "
सभी एक एक करके निचे चले आये ! शुभ को अक्षत ने रुकने को कहा लेकिन वह सुबह आने का बोलकर जाने लगा तो अक्षतने कहा,"रुक मैं छोड़ देता हु"
अक्षत शुभ को घर छोड़ने चला गया दादू निचे चले गए अर्जुन अपने कमरे में चला गया सोमितजीजू भी उसके कमरे में जाकर सो गए ! तनु जब निचे जाने लगी
तो देखा मीरा के कमरे की लाइट जल रही है वह कमरे मेआयी मीरा जाग रही थी ! उसे देखकर तनु ने कहा,"अरे मीरा तुम सोइ नहीं अभी तक ? ! "हां दी
वो नींद नहीं आ रही थी!",मीरा ने कहा जबकि वो अक्षत से बात करने का इंतजार कर रही थी !
"लेकिन आप यहाँ ?",मीरा ने पूछा
"हां वो सोमित और बाकि सब ऊपर पार्टी कर रहे थे ! उन सबको निचे लेकर आयी थी !",तनु ने कहा !
"आपसे एक बात पूछे !",मीरा ने कहा
"हां !",तनु ने सोई हुई निधि को कम्बल ओढ़ाते हुए कहा !
"जीजाजी ड्रिंक करते है आपको बुरा नहीं लगता ?",मीरा ने हिचकिचाते हुए कहा !
तनु मुस्कु राई और कहने लगी,"नहीं , बल्कि हमेशा ऐसा नहीं करते बस साल में एक दो बार खास मौको पर और मैं उन्हें कभीनहीं रोकती ! वो मेरे और काव्या
के लिए इतना सब करते है इसके बदले अगर मैंने एक दिन उनको उनकी मर्जी से जीने कीपरमिशन दे दी तो क्या गलत किया ? मीरा वैसे भी रिश्तो में बंदिशे
नहीं होती , एक स्वस्थ रिश्ते के लिए सामने वाले कीफीलिंग्स का ख्याल रखना भी जरुरी होता है ! सोमित बहुत अच्छे है और मैं उनसे बहुत प्यार करती हु
!"
"वाओ , सो स्वीट ! जीजाजी और आप दोनों बहुत लकी है !",मीरा ने कहा !
"वो तो हम है ! अब तुम सो जाओ मैं चलती हु , काव्या जाग गयी तो रो रोकर पूरा घर सर पर उठा लेगी !",तनु ने जाते हुए कहा
मीरा उनके साथ कमरे से बाहर चली आयी ! तनु के जाने के बाद अक्षत आया मीरा ने अक्षत को अपने कमरे की और जातेदेखा तो पीछे से आवाज लगाकर
कहा,"सुनिए !"
अक्षत रुक गया इतने प्यार से उसे आज से पहले किसी ने नहीं रोका था वह पलटा तो मीरा ने उसे वही रुकने का इशारा कियाऔर खुद अपने कमरे में चली
गयी कु छ देर बाद मीरा वापस आयी उसके हाथ में गुलाबी रंग का पाउच था ! मीरा अक्षत के सामने आयी और कहा,"अपना हाथ दीजिये !"
अक्षत ने अपना हाथ मीरा के सामने कर दिया ! मीरा ने अक्षत का हाथ पलटा और पाउच में से एक चमचमाती चीज निकालीअक्षत ने देखा वो एक बहुत
खूबसूरत चांदी का ब्रासलेट था ! अक्षत को बड़ी हैरानी हुई तो उसने कहा,"ये किसलिए ?"
मीरा अक्षत को ब्रासलेट पहनाते हुए कहने लगी,"आपने हमारे लिए जो तोहफा खरीदा वो बहुत अच्छा है , लेकिन हम आपसेइतना महंगा तोहफा नहीं ले सकते
, पर हम आपको ठेस पहुँचाना भी नहीं चाहते थे ! आपका दिल ना दुखे और हमारा मान भीरह जाये बस ये सोचकर आपके लिए ये तोहफा लिया ! आपको
पसंद आया ?"
अक्षत का दिल भर आया लेकिन होंठो पर मुस्कराहट थी उसने धीरे से कहा,"बहुत !!"
मीरा ने ब्रासलेट की कड़ी ठीक करते हुए कहा,"रिश्ते परफे क्ट नहीं होते उन्हें परफे क्ट बनाया जाता है , कभी प्यार से तो कभीडांट से , और आप में वो
काबिलियत है !"
अक्षत मीरा को देखता ही रह गया ! अपने बारे में शायद वो खुद कभी इतना नहीं जान पाया था जितना मीरा जानने लगी थी !!अक्षत को खामोश देखकर मीरा
ने कहा,"गुड़ नाईट !!" और चली गयी , अक्षत उसे तब तक देखता रहा जब तक कमरे कादरवाजा बंद नहीं हो गया !!

सुबह सभी तैयार होकर हॉल में जमा हो गए ! राधा ने देखा सब है बस मीरा नहीं है तो उन्होंने निधि से कहा,"निधि बेटा मीराकहा है ? देर हो रही है ! मैं तेरे
पापा , अर्जुन , दादू और दादी निकल रहे है ! तुम बाकि सब दूसरी गाड़ी से आ जाना !"
कहते हुए राधा अपना पर्स सम्हाले वहा से निकल गयी ! तनु और सोमित भी काव्या के साथ तैयार होकर हॉल में आ गए !अर्जुन और अक्षत भी सभी मीरा का
इंतजार कर रहे थे ! कु छ देर बाद सीढ़ियों से उतरते हुए अपना दुपट्टा सम्हाले मीरा आयी !जैसे ही सबने उसे देखा सबकी नजरे उस पर जम गयी ! गोल्डन
लहंगे में पिंक दुपट्टा लिए वह बहुत प्यारी लग रही थी बालो कीआगे की दो लटो को मोड़कर पीछे किये हुए बाकि बाल खुले छोड़ दिए ! कानो में गुलाबी रंग के
छोटे छोटे झुमके , माथे पर गोलछोटी सी बिंदी , आँखों में काजल और होंठो पर हलके रंग की लिपस्टिक बस इसके अलावा उसने कोई मेकअप नहीं किया
हुआथा ! निधि और तनु तो उसे देखकर मुस्कु रा रही थी काव्या बड़े प्यार से उसे देख रही थी ! आज तो उसे देखकर अर्जुन भी भूलगया की उसकी सगाई है
और हमरे अक्षत जी उनका हाल यहाँ सबसे ज्यादा बुरा था ! मीरा की खूबसूरती उसने आज देखी थीउस लहंगे में वो इतनी खूबसूरत लग रही थी की अक्षत
का मुंह खुला का खुला रह गया और वह पलके झपकना तक भूल गया !मीरा निचे आयी और कहा,"आप सब लोग हमे ऐसे क्यों देख रहे है ?"
"तुम इतनी प्यारी लग रही हो की हम तो हम ये दोनों लड़किया भी तुम्हे देखकर पलके झपकना तक भूल गयी है !",सोमित जीजूने कहा तो मीरा
खिलखिलाकर हंस पड़ी !
"दी चले , देर हो जाएगी !",अर्जुन ने कहा ! सोमित अक्षत के बगल में ही खड़े थे जैसे ही मीरा अक्षत के सामने से गुजरी सोमितजीजू ने अक्षत से कहा,"मुंह
तो बंद कर लो साले साहब !
कितनी मोहब्बत है - 19

मीरा को देखकर अक्षत का मुंह खुला का खुला रह गया ! जीजू भी उसकी टांग खींचने से बाज नहीं आये ! मीरा काव्या का हाथपकडे पकडे बाहर निकल गयी
! जीजू ने अक्षत का मुंह बंद किया तो अक्षत ने कहा,"अरे जीजू वो रात को ठीक से सोया नहीं नातो उबासियाँ आ रही है !"
"रहने दो बेटा , जीजा हु तुम्हारा वो भी तुमसे 9 साल बड़ा , बेवकू फ किसी और को बनाना !",जीजाजी ने उसके कान खींचतेहुए कहा !
"अरे जीजू , चलो ना देर हो रही है !",अक्षत ने कहा और उन्हें साथ लेकर बाहर चला आया !
अक्षत ने गाड़ी का दरवाजा खोला और खुद ड्राइवर सीट पर बैठ गया ! जीजू बड़े खुले विचारो वाले थे इसलिए मीरा के बैठने सेपहले ही वो तनु के साथ पीछे
वाली सीट पर जा बैठे और मीरा से कहा,"मीरा तुम आगे बैठ जाओ !"
"जी !",मीरा ने कहा और अक्षत की बगल में बैठ गयी अक्षत ने पलटकर जीजाजी को देखा और आँखों ही आँखों में कहा,"थैंक्यूजीजाजी आपके चरण कहा है
?" जीजाजी भी उसके मनोभाव समझ गए और अपने हाथ से उसका कं धा हलके से दबाते हुएकहा,"सामने देखकर चलाना साले साहब !"
"मुझे मीरु दीदी के पास बैठना है !",काव्या ने मचलते हुए कहा !
"नहीं यही बैठो मीरा को परेशानी होगी ना तुम्हारे आगे बैठने से !",तनु ने कहा
"नहीं नहीं नहीं , मुझे मीरु दी के पास ही बैठना है !",काव्या ने कहा
"दी भेज दीजिये !",मीरा ने कहा तो काव्या उसकी गोद में आकर बैठ गयी और कहा,"मीरु दी आज आप बिल्कु ल मेरी डॉल जैसेलग रहे हो"
मीरा मुस्कु रा दी और उसके गाल पर किस करते हुए कहा,"आप भी बहुत बहुत बहुत क्यूट लग रहे हो !"
अक्षत की नजरे अभी भी मीरा पर ही थी जीजू ने देखा तो कहा,"साले साहब सौंदर्य दर्शन हो गए हो तो चले !" जीजाजी कीबात सुनकर मीरा और तनु
मुस्कु रा उठी और अक्षत झेंप गया अपनी नजरो को मीरा से हटाने के लिए उसने आँखों पर चश्मालगा लिया और गाड़ी आगे बढ़ा दी ! इंदौर की सड़को पर
उनकी कार चली जा रही थी ! हल्की सुहावनी धुप से मौसम और भीखुशनुमा हो रहा था ! अक्षत ने म्यूजिक स्टार्ट कर दिया ! गाना बजने लगा जिसने मीरा
के साथ साथ जीजू और तनु के दिल के तारो को भी झनझना दिया !
"देखा जो तुमको ये दिल को क्या हुआ है ?
मेरी धड़कनो पे ये छाया क्या नशा है ?
मोहब्बत हो ना जाये , दीवाना खो ना जाए
सम्हालू कै से इसको ? मुझे तू बता !!"
अक्षत सामने देखते हुए गाड़ी चला रहा था ! सोमित ने तनु का हाथ अपने हाथ में पकड़ा हुआ था और तनु ने अपना सरसोमित के कं धे से लगाया हुआ था !
दोनों गाने के शब्दों के साथ एक दूसरे में खोये हुए थे ! मीरा भी चोर भरी नजरो से अक्षतको देखने लगी गाना जज्बातो के साथ ही आगे बढ़ रहा था !
"मेरी है ये मुश्किल , अब तो ये मेरा दिल बस में हुजूर नहीं है
इतना बता दे मुझे , कै से समझाऊ तुझे , मेरा ये कु सूर नहीं है !
जैसे ही अक्षत ने मीरा की और देखा मीरा सामने देखने लगी , अक्षत ने नजर भर उसे देखा और सामने देखने लगा , गाने के बोल भी उसकी भावनाओ का
साथ दे रहे थे !
"चाहे हम चाहे भी तो पहरे लगाए भी तो के स दिन रात को रोके
आग बिना ये जले , जोर न कोई चले , कै से जज्बात को रोके !
जीजू बड़े ध्यान से अक्षत को देख रहे थे उन्होंने तनु को इशारा किया और फिर दोनों ही जोर जोर से गाने लगे - "
"झुकाहट हो ना जाये , दीवाना खो ना जाये , सम्हालू कै से इसको
मुझे तू बता !!! हे हे हे हे हे हो हो हो हो !!"
जैसे ही सोमित और तनु ने साथ गाना शुरू किया अक्षत नेगाड़ी धीरे करके पीछे देखते हुए कहा,"क्या हो गया है आप दोनों को?"
"प्यार !!",दोनों ने साथ कहा तो अक्षत ने अपना सर पिट लिया और मीरा मन ही मन मुस्कु रा उठी !
गाडी हाईवे के सामने पहुंची तो अक्षत ने सीट बेल्ट लगा लिया और मीरा से भी लगाने को कहा लेकिन मीरा को लगाना नहीं आरहा था अक्षत उसकी और
झुका और सीट बेल्ट लगा दिया ! अक्षत की नजदीकियां मीरा का दिल धड़का जाती थी , उसके परफ्यूम की खुशबु में मीरा खो सी गयी !! हंसी मजाक करते
हुए सभी लोके शन पर पहंचे ! गेट के बाहर बड़े बड़े शब्दों में लिखाथा "गोल्डन पैलेस मैरिज होम" सभी गाड़ी से निचे उतरे ! काव्या ने मीरा का हाथ पकड़ा
हुआ था ! विजय बाकि लोगो के साथपहले ही पहुँच चुका था ! दरवाजे पर स्वागत करने के लिए नीता के कजिन्स खड़े थे उनमे से एक था हनी उसने जैसे ही
मीराको देखा बस देखता ही रह गया बाकि सबको छोड़कर वह मीरा को और बढ़ा और अपना हाथ उसकी और बढ़ाते हुएकहा,"वेलकम !"
मीरा हाथ बढाती उस से पहले ही मीरा की बगल में खड़े अक्षत ने अपना हाथ आगे कर उस से हाथ मिलाते हुए कहा,"हायअक्षत व्यास , दूल्हे का छोटा भाई
!! बेचारा हनी देखता ही रह गया लेकिन उसके पीछे खड़े उसके बाकि कजिन्स उसकी इसहालत पर हंस पड़े ! अक्षत , मीरा , सोमित , तनु और काव्या सभी
अंदर चले आये ! सोमित अर्जुन के पास चला गया और तनुकाव्या को लेकर वाशरूम की और बचे सिर्फ अक्षत और मीरा लेकिन तभी सामने से मोनालिसा
आई और अक्षत के गले लगतेहुए कहा,"हाय हेंडसम , लुकिं ग सो हॉट !"
मीरा ने देखा तो वह वहा से राधा की और चली गयी राधा उसे बाकि मेहमानो से मिलाने लगी ! अक्षत को मीरा का जाना अच्छानहीं लगा तो उसने रूखे स्वर
में मोनालिसा से कहा,"बिहेव योर सेल्फ मोना , यहाँ सबके सामने ऐसे ,, भाई की सगाई है सोप्लीज !!"
"आई नो बेबी , लेकिन मैं देख रही हु आजकल कही और ही बिजी रहने लगे हो तुम !",मोना ने सामने खड़ी मीरा को घूरते हुएकहा !
"मीरा को इन सबके बिच में मत लाओ मोना !",अक्षत ने कहा
"ओह्ह्ह वाव मैंने तो उसका नाम भी नहीं लिया और तुमने खुद ही अपना राज बता दिया , लिस्टन मिस्टर अक्षत व्यास तुमजानते नहीं हो तुम्हे पाने के लिए
मैं क्या कु छ कर सकती हु !",मोना ने अक्षत के कं धे को दबाते हुए कहा
"मेरे साथ गेम खेलना बंद कर करो मोना !",अक्षत ने दांत पिसते हुए कहा !
"ओह्ह रियली , फिर तो मुझे लगता है अभी मुझे जाकर तुम्हारे फादर को सब बता देना चाहिए !",मोना ने धमकी भरे स्वर मेंकहा और जैसे ही जाने लगी
अक्षत ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकते हुए कहा,"मोना प्लीज !"
मोना उसके थोड़ा करीब आयी और गाल थपथपाते हुए कहा,"बेबी आई ऍम जस्ट जोकिं ग , ये सब बताकर मैं तुम्हे खोना नहींचाहती ! एन्जॉय !"
मोना वहा से चली गयी पर जाते जाते अक्षत का मूड ख़राब कर गयी ! कु छ देर पहले जो मुस्कराहट उसके चेहरे पर थी अबएकदम से गायब हो गयी ! अक्षत
वहा से चला गया ! राधा के पास से निकलकर मीरा निधि के पास आयी तो निधि ने कहा,"अरेमैडम जी कहा गायब हो ? मतलब दोस्त को तो भूल ही गयी है
ना !"
"ऐसा नहीं है निधि हम तुम्हे ही ढूंढ रहे थे , यहाँ सब हमे ऐसे घूर घूर कर क्यों देख रहे है ?",मीरा ने हिचकिचाते हुए कहा !
"लो तुम्हे नहीं देख्नेगे तो क्या हमे देखेंगे , अरे भई आज के फं क्शन की रौनक तुम ही हो मीरा !",पीछे से सोमित जीजू ने आतेहुए कहा !
निधि मीरा और जीजू तीनो वही गार्डन में कु र्सियों पर बैठ गए ! तनु भी काव्या को लेकर आयी तो जीजू ने उसे भी अपने पासबुला लिया पांचो बैठकर हंसी
मजाक कर रहे थे ! थोड़ी देर बाद अर्जुंन भी आ पहुंचा और उनमे शामिल हो गया ! नीता का घरमेहमानो से भरा हुआ था ! अर्जुन के घर से भी कु छ बाहर के
खास मेहमान आये थे बाकि शाम के फं क्शन में शामिल होने वालेथे !! सब थे बस अक्षत कही नजर नहीं आ रहा था !!
मीरा की नजरे उसे ढूंढ रही थी तभी एक कोने में खड़ा अक्षत उसे दिख गया ! अक्षत का उदास चेहरा उसे बिल्कु ल अच्छा नहींलगा ! तभी हनी वहा आ पहुंचा
और कहा,"अरे आप लोगो ने तो कु छ लिया ही नहीं ! रुकिए मैं आप सब के लिए अभी कु छभिजवाता हु !"
कु छ देर बाद हनी वेटर के साथ वापस हाजिर हुआ ! उसने वेटर से सबको ड्रिंक देने को कहा और मीरा को ग्लास खुद अपनेहाथ से दिया ! ये देखकर जीजू
ने धीरे से निधि के कान में कहा,"ये कु छ ज्यादा ही बावला हो रहा है !"
"हम्म्म लकी मीरा , मुझे तो कोई देखता तक नहीं है !",निधि ने मुंह लटकाकर कहा
"अरे अरे मेरे बच्चे किसने कहा ? तुम्हे भी देखेंगे , देखना जल्दी ही तुम्हारी लाइफ में भी बहुत अच्छा लड़का आएगा !",जीजू नेनिधि का गाल खींचते हुए कहा
निधि मुस्कु राई और कहा,"हम्म्म बस इसी उम्मीद पर जिन्दा हु जीजू !!"
निधि की बाते सुनकर सोमित हंस पड़ा !! सोमित इतना फ्रें क इंसान था की हर कोई उस से जल्दी ही घुल मिल जाता था औरयही वजह थी की निधि , अक्षत
और अर्जुन भी उनसे अपनी हर बात शेयर कर लेते थे ! अर्जुन ने जूस पीते हुए इधर उधर देखाऔर कहा,"अक्षत कहा है ?"
"वो वहा सामने है !",मीरा ने कहा तो सबकी नजर उधर ही घूम गयी !!
"लेकिन वो वहा अके ला कर क्या रहा है ?",सोमित ने कहा
"पता नहीं जीजाजी इसका भी कभी कु छ समझ नहीं आता !!",अर्जुन ने कहा और एक बार फिर सब बातो में लग गए !! कु छदेर बाद ही नीता के पापा सबको
नाश्ते के लिए बोलने आये और सबको चलने को कहा ! गार्डन के दूसरी और खाने की स्टाललगी हुई थी !! जीजू जैसे ही आगे बढे तनु ने रोककर कहा,"मीठा
कम , पता है आना आपको शुगर ज्यादा आया था इस बार !"
"हां हां बिल्कु ल पता है ! , चले निधि !",जीजू ने निधि से कहा और फिर मीरा की और पलटकर कहा,"तुम भी चलो मीरा !"
"आप लोग चलिए हम आते है !",मीरा ने कहा ! तनु भी काव्या का हाथ पकडे पकडे सबके साथ चली गयी !! सोमित को खानेका बहुत शौक था लेकिन शुगर
होने की वजह से तनु उनके खाने पिने पर कड़ी नजर रखती थी !! जीजू ने जैसे ही स्टाल देखाउनके मुंह में पानी आ गया ! पाव भाजी , छोले भठू रे , टिकिया
, पनीर टिक्का , पानी पूरी , फ्राइड राइस , नूडल्स और भी बहुतकु छ साथ ही मीठे में रस मलाई , मोतीचूर के लड्डू , काजू कतली , गाजर का हलवा और
नारियल के लड्डू थे ! जीजू ने प्लेट लीऔर अपने पसंद की सभी मिठाई और चटपटा भर लिया उसमे ! तनु सब चुपचाप देख रही थी उसने एक प्लेट उठायी
औरउसमे एक काजू कतली रखी , एक कटोरी दही , एक टिकिया और थोड़े से चावल लिए और बाकि बची प्लेट को सलाद से भरदिया ! उसने सोमित की प्लेट
ली और अपनी प्लेट उसके हाथ में थमाकर कहा,"आप ये खाइये !"
जीजू ने बुझे मन से प्लेट ले ली और खाने लगे ! बार बार उनकी आँखे रसमलाई और लड्डू पर चली जाती लेकिन सामने तनुखड़ी थी ! !
निधि उनके पास आयी तो उन्होंने कहा,"शादी के बाद जिंदगी ऐसी हो जाती है !" निधि खिलखिलाकर हंस पड़ी ! तनु अपने साथसाथ काव्या को भी खिला
रही थी ! उधर मीरा को परवाह थी तो बस अक्षत की उसने टेबल पर रखा जूस का ग्लास उठाया औरअक्षत की और बढ़ गयी ! अक्षत परेशान सा एक कोने में
खड़ा ना जाने क्या सोच रहा था मीरा ने उसके सामने आकर कहा,"जूस !"
"नहीं चाहिए !",अक्षत ने बिना मीरा की और देखे कहा
"सुबह से आपने कु छ नहीं खाया है !",मीरा ने अपने पन से कहा !
"नहीं चाहिए ले जाओ !",अक्षत ने रूखे स्वर में कहा !
"लेकिन !",मीरा ने जैसे ही कहना चाहा अक्षत ने गुस्से से उसकी और देखा और कहा,"एक बार कहा ना नहीं चाहिए , समझ नहींआ रहा तुम्हे !"
अक्षत का गुस्सा देखते ही मीरा की आँखों में आंसू आ गए उसने ग्लास साइड में रखा और वहा से चली गयी उसके जाते हीअक्षत ने अपना हाथ दिवार पर
मारा वो मीरा पर गुस्सा करना नहीं चाहता था पर हो गया !! मीरा चलकर गार्डन की और आईउसका उतरा हुआ चेहरा देखकर अर्जुन उसके पास आया और
कहा,"हे मीरा क्या हुआ ?"
"कु छ नहीं !",मीरा ने अपने आंसू छु पाते हुए कहा ! तब तक निधि और भी अपनी प्लेट के साथ वहा आ पहुंची और कहा,"क्याहुआ मीरा ?
"कु छ नहीं निधि , हम तुम्हारे पास ही आ रहे थे !",मीरा ने जबरदस्ती मुस्कु राते हुए कहा
"ये अक्षत भैया को क्या हुआ है ? जबसे आये है तबसे सडु सी शक्ल बना रखी है !",निधि ने खाते हुए कहा !
"तुम्हारे और उसके बिच झगड़ा हुआ है क्या मीरा ?",मीरा को अक्षत की और देखते पाकर अर्जुन ने कहा !
"नहीं , हम तो बस जूस लेकर गए थे पता नहीं वो क्यों गुस्सा हो गए ?",मीरा ने उदास होकर कहा !
"वो तुमसे गुस्सा हो ही नहीं सकता !",अर्जुन ने अक्षत की और देखते हुए कहा !
"मतलब !", मीरा ने हैरानी से कहा !
"हम्म्म उधर देखो !",अर्जुन ने मीरा से अक्षत की और देखने को कहा मीरा ने देखा तो उसके होंठो पर मुस्कान तैर गई ! जोग्लास मीरा उसके पास रखकर
आयी थी वो अक्षत के हाथ में था और अक्षत जूस पि रहा था ! मीरा को मुस्कु राते देखकर अर्जुनने कहा,"देखा अगर तुमसे नाराज होता तो तुम्हारा लाया जूस
नहीं पिता !"
"लेकिन वो गुस्से में थे !",मीरा ने कहा
"मुझे मालूम है क्यों ?",निधि ने खाते हुए कहा !
"क्यों ?",अर्जुन और मीरा दोनों ने एक साथ निधि की और पलटकर कहा
"सुबह मोना से बहस हो गयी थी भाई की , शायद इसी वजह से गुस्सा है ! कहने को वो भाई की गर्लफ्रें ड है पर जब भाई उसेदेखते है तो अपसेट हो जाते है
!",निधि ने कहा !
"अर्जुन , तुम्हे पंडित जी बुला रहे है !",राधा ने आवाज लगायी तो अर्जुन बिना पूरी बात सुने ही वहा से चला गया !
"कोई तो रास्ता होगा जिस से वो वापस पहले की तरह खुश हो जाये ?",मीरा ने बेसब्री से कहा !
"आये हाय क्या बात है ? कभी इतनी परवाह मेरी भी कर लिया करो !",निधि ने मीरा को छेड़ते हुए कहा !
"वक्त आने पर तुम्हारी भी कर लेंगे , अब बताओ ना प्लीज़ !",मीरा ने कहा
"एक ही रास्ता है अगर मोना यहाँ से चली जाये या भाई के सामने ना आये तो शायद उनका गुस्सा कम हो सकता है !",निधि नेएक टुकड़ा मीरा को खिलाते
हुए कहा !
"अहहहम !",मीरा ने कहा और देखा सामने कु र्सी पर जीजू उदास बैठे है ! उन्हें देखकर मीरा ने कहा,"अब जीजाजी को क्या हुआ?"
"उनकी भी अपनी दुःख भरी कहानी है , शुगर है उन्हें और दीदी ने उन्हें तीखा मीठा कु छ नहीं खाने दिया , बस सलाद और छोटेसे पीस ,, बस इसीलिए
!!",निधि ने कहा
"तुम खाओ हम अभी आते है !",मीरा ने जाते हुए कहा
"तुम कहा ?",निधि ने कहा
"बस आते है !",कहते हुए मीरा चली गयी कु छ देर बाद जीजू के पास आयी और कहां,"चलिए !!"
"कहा ?",जीजू ने हैरानी से कहा !
"चलिए तो !",मीरा ने जीजू का हाथ पकड़कर उन्हें उठाते हुए कहा
जीजू मीरा के साथ साथ चल पड़े !! मीरा उन्हें एक खाली रूम में लेकर आयी और गद्दे पर बैठाकर कहा,''एक मिनिट !"
जीजू को समझ नहीं आया की आखिर मीरा करना क्या चाहती है ? मीरा वापस आई और प्लेट जीजू के सामने रखकरकहा,"तनु दी आपको देखे इस से पहले
जल्दी से ये सब खा लीजिये , हम दरवाजे पर खड़े होकर नजर रखते है !"
जीजू ने देखा प्लेट में छोले भठू रे , रसमलाई , मोतीचूर का लड्डू , पनीर टिक्का और आलू टिकिया थी ! उन्होंने मीरा की औरदेखकर कहा,"ये सब ?
"हमे पता है दी ने आपको ये सब खाने से मना किया है , लेकिन एक दिन खाने से कु छ नहीं होता ! फिर जिंदगी भी तो एक हीबार मिलती है ना उसे भी अगर
परहेज करके गुजार दिया तो खाक जिंदगी जी !",मीरा ने कहा !
जीजू मुस्कु राने लगे और कहा,"यहाँ बैठो !!"
मीरा आकर उनके सामने बैठ गयी तो जीजू ने कहा,"सबको ख़ुशी बाटने में लगी हो , खुद ने कु छ नहीं खाया चलो मेरे साथ साथतुम भी खा लो !"
"अरे आप खाइये ना हम बाद में खा लेंगे !!",मीरा ने कहा
"तो फिर मुझे भी नहीं खाना !",जीजू ने झूठमूठ का गुस्सा जताकर कहा जबकि रसमलाई देखकर पानी आ रहा था उनके मुंह में!!
"अच्छा ठीक है हम भी खाते है आप भी खाइये !",कहते हुए मीरा भी खाने लगी तो सोमित ने भी खाना शुरू कर दिया ! सबख़त्म करने के बाद जीजू ने
कहा,"ये हरी चटनी तो रह गयी !"
"ये हमारे काम आएगी",कहते हुए मीरा ने कटोरी उठा ली और मन ही मन अपनी योजना पर मुस्कु रा उठी !!

जीजू वहा से बाहर निकल गए ! मीरा जब बाहर आयी तो काव्या उसे मिल गयी और कहा,"तूम कहा गायब हो जाती हो मीरु दी?"
काव्या को देखकर मीरा घुटनो के बल बैठी और कहा,"यहाँ ना एक राजकु मार है लेकिन एक गन्दी परी ने उसकी स्माइल चुरा लीतो हम न वही ढूंढ रहे है !"
"फिर तो आप अच्छी परी हुई ना !",काव्या ने कहा
"हम्म्म !",मीरा ने कहा !
"लेकिन राजकु मार कहा है ? मुझे भी देखना है !",काव्या ने मचलते हुए कहा !
मीरा ने इधर उधर देखा उसे अक्षत दिख गया तो उसने काव्या को दिखाकर कहा,"वो रहा वहा सामने"
"वो तो अक्षत मामू है , वो राजकु मार है !",काव्या ने मासूमियत से कहा !
"हम्म्म्म",मीरा ने प्यार से अक्षत को देखते हुए कहा !
"मुझे भी राजकु मार की स्माइल ढूंढनी है !",काव्या ने कू दते हुए कहा ! मीरा ने उसके कान में कु छ कहा तो काव्या हंस पड़ी ! येमीरा का कोई प्लान ही था
जिसे मीरा छोटी काव्या के साथ मिलकर पूरा करने वाली थी ! मीरा उठी और कटोरी को सम्हाले हुएघूमने लगी ! जैसे ही मोना दिखी वह मोना के पास आयी
और कहा,"सुनिए , क्या आप एक मिनट के लिए ये कटोरी पकड़ेगी मैंअपना दुपट्टा ठीक कर लू !"
मोना ने मना करने के लिए जैसे मुंह खोला मीरा ने कहा,"प्लीज प्लीज प्लीज ! वैसे भी हम ये अक्षत जी के लिए लेकर जा रहे थे ,आप लेकर जाएगी तो उन्हें
ज्यादा अच्छा लगेगा ! "
अक्षत का नाम सुनकर मोना ने वो कटोरी ले ली ! जैसे ही मोना ने कटोरी अपने हाथ में ली काव्या वहा आयी और कहां,"आंटीटाइम क्या हुआ है ?"
मोना ने जैसे ही हाथ पर बंधी घडी में टाइम देखने के लिए हाथ घुमाया कटोरी में रखी हरी चटनी उसके सफ़े द ड्रेस पर आ गिरी! मोना चिल्लाई,"ओह्ह शिट ,
व्हाट द ,, एयू पूरा ड्रेस ख़राब हो गया मेरा !"
मीरा ने मुश्किल से अपनी हंसी रोकी और कहा,"अरे रे आपका तो सारा ड्रेस ख़राब हो गया , आईये हम आपको वाशरूम लेचलते है !"
"जल्दी चलो !",मोना ने झुंझलाकर कहा !
मीरा मोना को जान बूझकर निचे अंडरग्राउंड में बने वाशरूम में लेकर आयी खुद मोना का पर्स पकडे बाहर खड़ी हो गयी औरमोना अंदर चली गयी ! मोना के
अंदर जाते ही मीरा ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया ! काव्या उसके सामने आयी और दोनों नेएक दूसरे को हाई फाइव दिया !
मीरा और काव्या बाहर चली आयी और ऐसे घूमने लगी जैसे कु छ हुआ ही नहीं ! काव्या दौड़कर अक्षत के पास आयी और गौरसे उसका चेहरा देखने लगी !
अक्षत ने देखा तो पूछ लिया,"क्या हुआ बच्चे ?"
"मामू आपकी स्माइल कहा है ?'',काव्या ने मासूमियत से कहा
"मेरे पास है !",अक्षत ने कहा
"लेकिन अच्छी परी ने तो कहा था गन्दी परी को बंद करेंगे तो आपकी स्माइल वापस आ जाएगी !!",काव्या ने कहा
"कौन अच्छी परी ? गन्दी परी ? क्या बोल रही हो तुम ?",अक्षत ने काव्या को उठाकर सामने टेबल पर बैठाकर कहा !
"मामू मीरु दी अच्छी परी है उन्होंने कहा था आप राजकु मार हो और एक गन्दी परी ने आपकी स्माइल चुरा ली है ! तो मैंने औरमीरु दी ने उस गन्दी परी को
ढूंढकर बाथरूम में बंद कर दिया और आपकी स्माइल हमे मिल गयी ! लेकिन आप तो पहले जैसेही हो , मतलब हमारा प्लान खराब हो गया !",कहते कहते
काव्या उदास हो गयी !!
काव्या की बात अब कु छ कु छ समझ आ रही थी ! अच्छी परी मीरा और गन्दी परी यानि मोना ! अक्षत उन दोनों के इस स्टुपिड मुस्कु राने लगा ! काव्या ने
देखा तो टेबल पर खड़ी होकर कू दने लगी और कहने लगी,"येह राजकु मार की स्माइल वापस आ गयी!!
अक्षत मुस्कु राना छोड़कर अब हसने लगा था ! मीरा ने उसके लिए ये किया ये जानकर ही उसे बहुत सुकू न मिल रहा था ! उसकीनजर सामने खड़ी मीरा पर
गयी भीड़ से भरे उस गार्डन में उसे मीरा के अलावा और कोई दिखाई नहीं दे रहा था ! अक्षत नेकाव्या को निचे उतारा और मीरा के पास चला आया ! मीरा
को देखते हुए उसके होंठो से मुस्कु राहट जा ही नहीं रही थी ! उसनेमीरा की और देखकर कहा," सॉरी !"
मीरा ने अपने बालो को पीछे झटका और कहा,"सडु !"

कितनी मोहब्बत है - 20

मीरा की वजह से अक्षत की मुस्कान वापस लौट आयी ! अक्षत मीरा के पीछे पीछे आया लेकिन मीरा राधा के पास औरतो के बिच में चली आयी ! अक्षत को
मीरा से बात करनी थी इसलिए उसने इशारे से मीरा को आने को कहा लेकिन मीरा ने इग्नोर करदिया ! अक्षत औरतो के बिच आ गया तो एक औरत ने
कहा,"अरे , अरे , अरे लेडीज के बिच में कहा घुसे चले आ रहे हो ? यहाँमर्दो का कोई काम नहीं है ! चलो बाहर चलो !"
"वो मैं",अक्षत ने कहना चाहा तभी औरत ने अक्षत का कान पकड़ा और उसे बाहर ले जाते हुए कहा,"ये वो वो मैं मैं बाहर जाकरकरो !"
मीरा हंस पड़ी बेचारा अक्षत अपना सा मुंह लेकर चला गया और बाहर जीजू के पास आकर बैठ गया ! जीजू उस वक्त फोन परकिसी से बात कर रहे थे अक्षत
का लटका हुआ मुंह देखकर उन्होंने फोन कट किया और अक्षत की और पलटकर कहा,"क्याबात है मुंह क्यों लटका है ?"
"जीजू वो मीरा है न !",अक्षत ने मासूमियत से कहा
"क्या किया मीरा ने ?",जीजू ने पूछा
"अरे यार बहुत तंग करती है वो , उसे समझना बहुत मुश्किल है उस पर गुस्सा करो तो स्माइल करती है , प्यार से बात करो तोजवाब नहीं देती ,, सच में
बहुत कॉम्प्लिके टेड है वो ,, और आजकल तो सीधा सीधा 'सडु ' कहकर बुलाती है वो मुझे !",अक्षत नेथोड़ा चिढ़कर कहा !
जीजू मुस्कु राने लगे और कहा,"कॉम्प्लिके टेड नहीं है बल्कि बहुत अच्छी है वरना तुझे झेलना कम थोड़े है , वैसे नाम अच्छा रखाहै उसने तेरा - सडु , तू थोड़ा
थोड़ा लगता भी वैसे ही है !''
जीजू की बात सुनकर उसे थोड़ा गुस्सा आ गया तो उसने कहा,"अच्छा दीदी को जाकर बताऊ आपके कॉलेज वाले अफे यर के बारे में , खोलू आपकी पोल !"
"अरे अरे मेरे बच्चे दिल पर मत ले , दिल से नहीं बोल रहा तुझे !",जीजू ने मिमियाते हुए कहा !
"हम्म्म ओके ! , कितनी बोरिंग सगाई है कु छ रौनक ही नहीं है बस सब ठू सने में लगे है !",अक्षत ने चारो और नजर दौड़ाकर कहा!
कु छ देर बाद निधि आयी और उनके पास बैठते हुए कहा,"भाई , जीजू भाभी के कजिन्स ने मस्त तैयारी की है डांस की , अपनातो पोपट हो जाएगा !
"अरे पोपट क्यों होगा ?", जीजू ने कहा !
"अपने घर में किसको डांस आता है ? पहले पता होता तो मर तर के प्रेक्टिस कर भी लेते लेकिन एन मोके पर सब , अपनी तोनाक कट जाएगी जीजू
!",निधि ने कहा !
"नहीं कटेगी !",अक्षत ने कु छ सोचते हुए कहा
"कै से तुम करने वाले हो डांस उनके सामने ?',जीजू ने पूछा
"भाई को डांस का D भी नहीं आता है , ये क्या डांस करेंगे ?",निधि ने अक्षत का मजाक उड़ाते हुए कहा तो जीजू भी हसने लगे !
अक्षत उठा और कहा,"आप दोनों मेरे साथ हो तो दुश्मन की क्या जरूरत ? अब चलो !!"
निधि और जीजू अपनी हंसी रोकते हुए अक्षत के पीछे चल पड़े सभी अंदर हॉल में चले आये !
हॉल में सामने फ्लोर लगा था और उसके सामने कु र्सियां सोफे रखे थे ! अंगूठी पहनाने में अभी बहुत टाइम था इसलिए सभीहॉल में जमा होकर डांस देखने
लगे ! अर्जुन और नीता साथ साथ सबसे आगे एक सोफे पर बैठे थे ! उनकी एक तरफ नीता के घरवाले दूसरी और अर्जुन के घर से अक्षत , जीजू , तनु ,
निधि और मीरा !! घर के बड़े एक तरफ और बाकि सभी मेहमान उनके पिचई पड़े सोफों पर थे ! प्रोग्राम शुरू हुआ सबसे पहले हनी ने डांस किया उसने गाना
भी अपने जैसा चुना "बद्तमीज दिल"जैसे ही उसने डांस शुरू किया सारा हॉल सीटियों और तालियों से गूंज उठा !! अक्षत और जीजू भी देखते रह गए ! हनी
ने इतनाअच्छा डांस जो किया ! मीरा बड़े गौर से उसका डांस देख रही थी पर अक्षत को कहा बर्दास्त होने वाला था ! थोड़ी देर बादगाना चेंज हुआ और हनी
डांस करते हुए मीरा के सामने आया और अपना हाथ उसकी और बढ़ा दिया ! अब इतने लोगो के सामने भला वो हनी को कै से ना कहती ? हनी उसे लेकर
स्टेज पर जैसे ही आया उसके नीता की साइड वाले सारे लोग हूटिंगकरने लगे ! अक्षत का अंदर ही अंदर ही खून जलते देखकर जीजू ने उसके हाथ पर हाथ
रखा और कहा,"होता है , होता है !
मीरा बिच में खड़ी रही और हनी उसके इर्द गिर्द नाचने लगा ! हनी बड़ा स्मार्ट था उसने गाना भी कु छ ऐसा ही चुना
"जो भिड़ा तेरे नैनो से टांका , तो आशिक़ सरेंडर हुआ
तूने इंग्लिश में जब मुझको डांटा , तो आशिक़ सरेंडर हुआ !!
अक्षत ने जैसे ही गाना सूना अपना सर पिट लिया ! वो जो हल्की फु लकी जलने की भावना होती है ना अपना अक्षत भी इसवक्त उसी से घिरा हुआ था ! मीरा
वापस आकर बैठ गयी !! हनी के बाद में नीता की एक दोस्त ने डांस किया जैसा की निधि नेकहा था उसकी भी तैयारी जबरदस्त थी ! निधि ने अक्षत को
कोहनी मारकर कहा,"कु छ तो करो वरना लोग हसेंगे हम पर ! जैसेही नीता की दोस्त स्टेज से निचे आयी अक्षत माइक लेकर आ गया और कहने लगा "मेरे
प्यारे भाई और होने वाली भाभी कीसगाई पर मैं उन्हें सरप्राइज देना चाहता हु !! आज इन दोनों के लिए हम सबकी प्यारी सी दोस्त , और भैया की खास
दोस्त मीराउनके लिए डांस प्रेजेंट करेगी !"
अक्षत ने जैसे ही कहा मीरा के होश उड़ गए उसने तो ऐसे किसी सरप्राइज के लिए नहीं बोला था ! अर्जुन बहुत खुश था कीमीरा ने उसके लिए सरप्राइज रखा
है सभी मीरा के लिए तालियां बजाने लगे ! हनी तो कु छ ज्यादा ही एक्साइटेड था ! मीरा के चेहरे का उड़ा रंग देखकर अक्षत ने कहा,"आओ मीरा !!
बेचारी मीरा उठी और धीरे धीरे चलके स्टेज पर आयी इतने लोगो के सामने वह अपना मजाक बनते देखना नहीं चाहती थी !उसने अक्षत के हाथ से माइक
लिया और कहा,"हम प्रेजेंट करेंगे बस 5 मिनिट चाहिए !"
मीरा ने अक्षत का हाथ पकड़ा और उसे स्टेज के पीछे ले जाकर कहा,"क्या है ये सब ? हमने कब कहा था हम ऐसा कु छ करेंगे ?आपने सबके सामने झूठ
क्यों कहा ? ! मीरा को परेशान देखकर अक्षत मुस्कु राने लगा तो मीरा ने झुंझलाकर कहा,"मुस्कु रा क्योंरहे है ? जवाब दीजिये बाहर झूठ क्यों कहा आपने ?
अक्षत ने अपने दोनों हाथ बांधे और सधी हुई आवाज में कहा,"बदला मीराजी , तुमने मेरी बात नहीं सुनी तो बदले में थोड़ा सा झूठ कहा ! पनिशमेंट !!
"ऐसे पनिशमेंट कौन देता है ? छोड़ेंगे नहीं आपको !",कहते हुए मीरा गुस्से से वहा से चली गयी !!
"मैं तो चाहता हु तुम मुझे कभी ना छोडो !",अक्षत ने धीरे से कहा और बाहर आकर बैठ गया !! मीरा स्टेज पर थी स्पीकर में जैसेही गाना बजा मीरा ने डांस
करना शुरू किया ! गाना भी बहुत प्यारा बज रहा था - बोले चूंडिया , बोले कं गना ! हाय मैं हो गयीतेरी साजना !
तेरे बिन दिल नईयो लगदा , मैं ते मर गयी या !!
मीरा ने जैसे ही डांस शुरू किया अक्षत का मुंह खुला का खुला और आँखे मीरा पर जम सी गयी ! जीजू उठे और मीरा के लिएसिटी बजायी यही हाल नीता के
सभी कजिन्स का था ! मीरा का डांस और उसके एक्सप्रेशन इतने सही थे की सब बस उसेदेखते ही रह गए ! हनी का तो दिल ही बाहर आ गिरा !! जीजू
अक्षत की चालाकी समझ गए थे उन्होंने अक्षत का हाथ पकड़ाऔर उसे स्टेज तक छोड़कर आये और कहा,"तुम्हारे भाई की सगाई है , कु छ तो बनता है !"
मीरा को फ़साने की सोचने वालाअक्षत खुद फं स गया था मीरा बिना उसकी और देखे अपने डांस में व्यस्त थी ! अक्षत को आज से पहले डांस करते हुए
किसीने नहीं देखा था !
अक्षत ने स्टेज पर आकर मीरा के साथ जैसे ही डांस किया सभी हैरान थे ! अक्षत बहुत अच्छा डांस करता था निधि तो ख़ुशी सेउछल पड़ी थी ! मीरा के लिए
वो 5 मिनिट बहुत खूबसूरत थे !! डांस करने के बाद दोनों निचे आये तो निधि ने तो मीरा को गलेही लगा लिया और फिर नीता के कजिन्स को अंगूठा दिखा
दिया ! नीता के कजिन्स ने भी मान लिया की अक्षत और मीरा काडांस ही सबसे बेस्ट था !! हनी उठकर आया और निधि से कहा,"डोंट वरी शादी में तुम्हे
हम अंगूठा दिखाएंगे !"
"देखेंगे !",निधि ने इतराते हुए कहा और चली गयी !
निधि की इस अदा पर हनी मुस्कु राये बिना नहीं रह सका !! उसके बाद सबने मिलकर डांस किया लेकिन हनी की नजरे अबमीरा से हटकर बार बार निधि पर
चली जाती !! अर्जुन और नीता ने भी डांस किया ! डांस के बाद सगाई की रस्म शुरू हुई मीराजैसे ही जाने लगी अक्षत ने कहा,"मुझे तुमसे कु छ कहना है !"
मीरा ने अक्षत को साइड किया और कहा,"हमे आपसे कोई बातनहीं करनी !"
अक्षत ने उसका हाथ पकड़ा और खींचते हुए कोने में लेकर आया और धीरे से कहा,"मुझे भी कोई शौक नहीं है , वो तो बसतुम्हारी कु र्ती के पीछे का हुक
खुला हुआ सब दिख रहा है तो अच्छा नहीं लग रहा !" मीरा ने जल्दी से पीछे हाथ लगाकर देखाअक्षत सच कह रहा था !! मीरा ने दोनों हाथ पीछे करके बंद
करने की कोशिश की लेकिन नहीं कर पा रही थी अक्षत ने उसेपरेशान होते देखा तो कहा,"मैं कर दू !"
मीरा ने घुरा तो अक्षत ने साइड में देखते हुए कहा,"इंटेशन सही है मेरी , हेल्प का सोचकर बोल रहा हु !"
मीरा पलट गयी अक्षत की उंगलियों ने जैसे ही उसकी पीठ को छु आ मीरा की आँखे बंद हो गयी एक सिहरन सी उसके बदन मेंदौड़ गयी ! अक्षत ने हुक लगाया
और चला गया ! मीरा भी वहा से चली आयी ! सभी हॉल में जमा थे शुभ घडी में अर्जुन औरनीता ने एक दूसरे को अंगूठी पहनाई और दोनों एक प्यारे से रिश्ते
में बंध गए ! इस बिच मोना का ख्याल किसी को नहीं आया !सभी खाना खाने बैठे जीजू , तनु , निधि , काव्या , अक्षत और मीरा एक ही टेबल के इर्दगिर्द बैठे
थे !
नीता और अर्जुन , नीता के बाकि कजिन्स के साथ बैठे थे !!
"आज तो मीरा और अक्षत ने कमाल ही कर दिया !",जीजू ने कहा
"भई मानना पडेगा , और कितना टेलेंट छु पा रखा है अपने अंदर ?",तनु ने भी खाते हुए कहा
"आखिर दोस्त किसकी है ?",निधि ने कहा
"ये लो इसमें तुम्हारा क्रे डिट कहां से आ गया भई ?",जीजू ने कहा
"अरे मैं इसकी दोस्त ना होती तो ये कै से मिलती आप सबसे ? और फिर कै से पता चलता की मीरा में इतना टेलेंट है ? बोलोबोलो",निधि ने बच्चो की तरह
कहा !
"फिर तो तुम्हारा क्रे डिट बनता है !",जीजू ने कहा !
मीरा ख़ामोशी से अपना खाना खा रही थी कु छ देर बाद जीजू के फोन पर एक मेसेज आया तो वो पढ़कर मुस्कु राने लगे ! उन्हेंमुस्कु राता देखकर तनु ने
कहा,"क्या पढ़ लिया ऐसा ? जरा हमे भी सूना दो !!"
"सुनो सुनो एक बहुत शानदार चीज आयी है !",जीजू ने एक्साइटेड होकर कहा और फिर कहने लगे,"जिसकी हथेली के बीचोबीच तिल है वो बहुत खर्चीला
होता है !"
"जैसे की तनु दी , इनके हाथ के बीचोबीच तिल है ,, है ना दी ?",निधि ने चहकते हुए कहा
"हां है !",तनु ने कहा
"फिर तो भैया सच ही है , हमारी तनु बहुत खर्चा करती है !",जीजू ने कहा तो सभी हसने लगे ! निधि को इसमें बहुत मजा आरहा था उसने कहा,"जीजू और
बताईये ना !"
"हां सुनो , जिसके पेट पर तिल होता है वो खाने का बड़ा शौकीन होता है !",जीजू ने कहा तो तनु बोल पड़ी,"और ये बात आपसेबेहतर कौन जान सकता है
?" ! जीजू मुस्कु राने लगे क्योकि उन्हें पता था उनके पेट पर तिल था !! जीजू ने आगे पढ़ना शुरूकिया जिसके अंगूठे की बीचोबीच तिल होता है उसकी लव
मैरिज होगी !"
जैसे ही जीजू ने कहा निधि ने मुस्कु राने लगी ! तनु ने देखा तो पूछा,"तुझे क्या हुआ ? तू क्यों शरमा रही है ?"
निधि ने अपना अंगूठा आगे कर दिया उसके अंगूठे के बीचो बिच तिल था ! जीजू ने देखा तो कहा,"निधि भगवान के घर देर हैअंधेर नहीं , जल्दी ही तुम्हे भी
तुम्हारे सपनो का राजकु मार मिल जाएगा !!" निधि शर्माने लगी तो जीजू ने कहा,"ये सुनो जिसइंसान के गर्दन के दांयी और तिल होता है वो बहुत रोमांटिक
होता है !"
जैसे ही जीजू ने ये कहा तनु और निधि ने अक्षत की तरफ देखा और कहा,"अक्षत और रोमांटिक , इम्पॉसिबल !"
अक्षत की गर्दन पर तिल था तो अक्षत ने कहा,"ये गलत हो गया जीजू !!
"क्या पता साले साहब आगे चलकर हो जाये आप , रोमांटिक !!",आखरी शब्द रोमांटिक पर जीजू ने थोड़ा जोर देकर कहा जिससे मीरा को हंसी आ गयी
लेकिन उसने रोक ली और निचे गर्दन करके खाने लगी ! जीजू ने कहा,"अब ये लास्ट सुनो जिसकी पीठपर तिल होता है , वो बहुत शांत स्वाभाव के होते है
"जैसे की मीरा , इसकी गर्दन से टेन इंच निचे एक तिल है !",अक्षत ने खाते हुए कहा !
सबने हैरानी से अक्षत की और देखा , मीरा की पीठ पर तिल है ये बात अक्षत को कै से मालूम सोचकर सभी हैरान थे ! निधि नेतो उठकर देख भी लिया और
हुक से जस्ट ऊपर एक तिल था जो दूर से नजर नहीं आता बहुत करीब से देखने पर पता चलताहै ! निधि ने देखते ही कहा,"भाई सही कह रहे है मीरा की
पीठ पर तिल है , आपकी तो सारी बाते सच हो गयी जीजू !!"
जीजू और तनु दोनों ने ही अपना सर पिट लिया ! निधि को पता नहीं था की कोनसी बात सबके सामने कहनी होती है औरकोनसी नहीं ? लेकिन निधि के
मुंह से ये सब सुनकर अक्षत खांसने लगा ! उसे महसूस हुआ की अनजाने में वो कु छ ऐसा कहगया जो नहीं कहना था ! उसे खांसता देखकर तनु ने पानी का
ग्लास उसकी और बढ़ाया और कहा,"तुम कबसे ये सब देखनेलगे अक्षत !"
"जीजू आपकी प्लेट में सलाद नहीं है , मैं लेकर आता हु !",कहते हुए अक्षत उठा और चला गया ! उसने तनु की बात का जवाबनहीं दिया , मीरा ने डरते डरते
कहा,"जीजू दी आप लोग गलत मत समझियेगा , वैसा कु छ नहीं है उन्होंने ऐसे ही बोल दिया होगा!"
तनु ने मीरा के हाथ पर अपना हाथ रखा और कहा,"मीरा परेशान मत हो हम दोनों को तुम पर पूरा भरोसा है , अक्षत की हालतदेखकर ही समझ आ रहा है
की उसके मुंह से अनजाने में ये बात निकली है ,, तुम आराम से खाना खाओ !!
तनु की बातो से मीरा को थोड़ी तसल्ली मिली !! अक्षत गया तो फिर वापस ही नहीं आया ! खाना खाने के बाद मीरा जब हाथधोकर लौटी तो उसे याद आया
की मोना अभी तक बाथरूम में ही बंद है ! वह जैसे ही निचे जाने लगी अक्षत ने कहा,"कहा जारही हो ?"
"वो मोनालिसा अभी तक बाथरूम में ही है",मीरा आधी बात कहकर चली गयी ! अक्षत को कु छ समझ नहीं आया वो सोचतारहा जब तक उसे मीरा की बात
समझ में आयी मीरा जा चुकी थी उसने खुद से कहा,"ओह्ह्ह गॉड , मीरा नहीं जानती मोनाकितनी बद्तमीज है !! मुझे जाना होगा "
अक्षत भी सीढिया उतरकर निचे आया ! मीरा ने जैसे ही दरवाजा खोला मोना गुस्से से दनदनाते हुए बाहर आयी और चिल्लाकरकहा,'हेव यू लोस्टेड , मुझे यहाँ
बंद करके कहा चली गयी थी तुम ? तुम्हे तो मैं,,, ", कहते हुए मोना ने जैसे ही मीरा को मारने के लिए हाथ उठाया अक्षत मीरा के सामने आ गया और मोना
का हाथ पकड़कर कहा,"बी इन योर लिमिट्स , मोना ! मीरा कीइसमें कोई गलती नहीं है , तुम गलती से यहाँ बंद हो गयी थी !"
मीरा अक्षत के बिल्कु ल पीछे खड़ी थी ! मोना ने जब ये देखा तो उस से बर्दास्त नहीं हुआ उसने अक्षत को ऊँ गली दिखाते हुएकहा,"नाउ यू सी मिस्टर अक्षत
व्यास , इस लड़की के साथ मैं क्या करती हु ?"
मोना ने निचे पड़ा अपना बैग उठाया और गुस्से में पैर पटकते हुए वहा से चली गयी ! अक्षत मीरा की और पलटा और कहा,"तुमठीक हो ?"
"हम्म्म्म !",मीरा ने कहा !
"चलो यहाँ से !",अक्षत ने कहा और जाने लगा लेकिन मीरा वही रुक गयी अक्षत पलटा और कहा,"क्या हुआ ? चलो "
"आपसे एक बात पूछे !",मीरा ने कहा
"हम्म्म्म !",अक्षत ने कहा
"आपके और मोना के बिच जो रिश्ता है वो हम समझ नहीं पा रहे है !",मीरा ने कहा
अक्षत मीरा के पास आया और कहा,"ये समझ लो की ये मेरी जिंदगी का सबसे बदसूरत सच है !!"
अक्षत ने जैसे ही कहा उसके चेहरे पर उभरा दर्द मीरा ने देख लिया और उसके बाद उसकी अक्षत से कु छ और पूछने की हिम्मतनहीं हुई !! दोनों वहा से बाहर
आ गए ! नीता के घरवालों ने सभी को अच्छे दिए ! विजय ने सबको रात में होने वाली पार्टी के लिए इन्वाइट किया और घर के लिए निकल गए ! आते वक्त
निधि भी अक्षत वाली गाड़ी में तनु , जीजू , मीरा के साथ चली आयीइस बार जीजू आगे बैठे थे ! काव्या को नींद आ गयी थी वह तनु की गोद में दुबक कर सो
गयी थी ! निधि दीदी और जीजू हीबाते कर रहे थे बाकि मीरा और अक्षत खामोश थे ! गाड़ी में लगे मिरर में मीरा को अक्षत का चेहरा साफ दिखाई दे रहा था
!उसके चेहरे पर उदासी फिर घिर आयी थी ! जाते जाते मोना अपने साथ अक्षत की मुस्कराहट भी लेकर चली गयी थी !!!
सभी घर लौट आये ! मीरा भी कमरे में चली आयी शीशे के सामने खड़ी खुद को देखते हुए उसकी आँखों के सामने आज कीसगाई के सारे खूबसूरत पल
उसकी आँखो के सामने आने लगे ! मन ही मन मुस्कु राते हुए वह कानो के झुमके उतार रही थीलगा जैसे अक्षत उसकी बगल में ही खड़ा उसे प्यार से देख रहा
रहा है ! ये अनछु ए अहसास मीरा को कब छू ने लगे उसे पता हीनहीं चला ! अक्षत उसके पास आया और अपने होंठ मीरा के कं धे से छू लिए ! मीरा जैसे ही
पलटी वहा कोई नहीं था ! उसनेअपना सर पिट लिया और बेड पर बैठ गयी ! ये क्या हो रहा था ? और क्यों हो रहा था ? मीरा इन सबसे ही अनजान थी !!
रातके फं क्शन के लिए मीरा ने सफ़े द रंग का चूड़ीदार सूट पहना बालो को गूंथकर चोटी बना ली ! सिंपल लुक में वह और भीखूबसूरत लगती थी ! मीरा जैसे
ही कमरे से बाहर आयी सामने बालकनी में खड़े अक्षत पर उसकी नजर चली गई ! अक्षत फिरसिगरेट पि रहा था !! मीरा उसके पास आयी और हाथ से
सिगरेट छीनकर कहा,"जिनके सीने में पहले से इतनी आग भरी हो , वोआग को मुंह नहीं लगाया करते !"
मीरा के सिगरेट फे कने पर अक्षत को बुरा नहीं लगा बल्कि उसने मुस्कु राते हुए कहा,"कभी कभी सिगरेट के धुंए में अपनी फ़िक्रउड़ाने की कोशिश करता हु !
लेकिन वो और बढ़ जाती है !"
"वो इसलिए क्योकि आप बहुत ज्यादा सोचते है !",मीरा ने कहा
"जिन चीजों को बदला नहीं जा सकता उनके बारे में सोचना पड़ता है',अक्षत अब सीरियस हो चुका था मीरा ने बात बदलने के लिए कहा,"अर्जुन भैया की
सगाई की पार्टी है , आप निचे नहीं चल रहे !"
"मन नहीं है !",अक्षत ने कहा !!
" लेकिन आप नहीं जायेंगे तो हमारा मन नहीं लगेगा !",मीरा ने मासूमियत से कहा
"वो क्यों ?",अक्षत ने उसकी और देखकर कहा !!
"अब इस घर में कोई और तो है नहीं जिसको हमे परेशान करके ख़ुशी मिलेगी ! अब आप नहीं होंगे तो कोई परेशान नहीं करेगाऔर ऐसे तो हम बोर हो जायेंगे
ना",मीरा ने कहा
अक्षत मुस्कु राने लगा ! अक्षत को मुस्कु राता देखकर मीरा को सुकू न मिला ! वह जाने लगी जाते जाते रुकी और कहा,"तो आरहे है ना आप ?"
"ह्म्म्मम्म",अक्षत ने कहा !
मीरा जाने लगी तो अक्षत ने फिर कहा,"मीरा !
"जी !",मीरा ने रुककर अक्षत की और पीठ करके कहा अक्षत भी उसकी और पीठ किये खड़ा रहा और कहा,"तुम्हारी पायलकहा है ?"
"अलमारी में रखी है !",मीरा ने शांत स्वर में कहा !
"तुमने पहनी क्यों नहीं ?",अक्षत ने फिर सवाल किया
"उस पायल में जो घुंघरू है , उन्हें पहनकर चलो तो वो बहुत आवाज करते है , और आपको उनका शोर पसंद नहीं है !",मीरा नेकहा
अक्षत कु छ देर खामोश रहा और कहा,"पहन लो !"
"क्या सच में ?",मीरा ने जल्दी से पलटकर कहा
"हम्म्म्म !",अक्षत नहीं पलटा !
मीरा जल्दी से कमरे में गयी अलमारी से पायल निकाली और पहन ली ! छम छम करते हुए वह कमरे से बाहर आयी अक्षतअभी भी वही खड़ा था ! मीरा
मस्कु राते हुए निचे चली आयी अक्षत ने उसे जाते हुए देखा और कहा,"जिन्हे तुम शोर समझ रहीहो मीरा वो मेरा सुकू न है !!"
मीरा निचे आकर राधा का हाथ बटाने लगी और अक्षत तैयार होने कमरे में चला आया ! उसने सफ़े द रंग का कु र्ता पहना जिसके गले पर लाल रंग की बारीक़
किनारी थी ! अक्षत उसमे बहुत प्यारा लग रहा था ! कु र्ते के गले पर 4 बड़े बटन भी थे परदूसरे नंबर वाला बटन बार बार चुभ रहा था अक्षत उसे सही करते
हुए बाहर आया ! तभी सीढ़ियों पर आती मीरा दिखी तोअक्षत ने उसे पास बुलाया और कहा,"ये बटन टू ट गया , इसे लगा दोगी प्लीज़ !!"
"हम्म्म्म , आप रुकिए हम सुई धागा लेकर आते है !",मीरा जैसे ही जाने लगी अक्षत ने रोककर कहा,"मेरे पास है !!"
अक्षत ने सुई धागा मीरा को थमा दिया ! मीरा उसके थोड़ा करीब आयी और बटन को उसकी सही जगह रखकर लगाने लगी !बटन लगाते हुए मीरा ने कहा,"ये
निकला कै से ?"
"चुभ रहा था तो मैंने ही निकाल दिया !",अक्षत ने धीरे से कहा क्योकि मीरा उसके बहुत करीब थी और ऐसे में उसके दिल काहाल बहुत बुरा था ! मीरा ने
बटन लगाया और मुंह से धागा तोड़कर कहा,"कु छ रिश्ते भी चुभन देने वाले होते है , उन्हें भी वक्तपर निकालकर फें क देना चाहिए !"
अक्षत ने कु छ नहीं कहा बस मीरा की आँखों में देखता रहा और सब भूल गया !!! मीरा भी सब भूलकर अक्षत की आँखों मेंदेखती रही ! उन्हें पता ही नहीं
चला कब जीजू और अर्जुन ऊपर चले आये है ! दोनों कु छ दूर पहले ही रुक गए और जीजू नेअर्जुन से कहा,"देखो मैंने कहा था ना दोनों के बिच कु छ ना कु छ
तो जरूर है !
"हो सकता है किसी ने उन्हें स्टेच्यू किया हो",अर्जुन ने कहा क्योकि वो कभी मीरा और अक्षत को साथ लेकर ऐसी सोच नहींरखता था उसका मानना था मीरा
और अक्षत दोनों एक दूसरे से अलग है !
"यार तुम कितने पागल हो , तुम्हारा ससुर क्या सोच कर लड़की दे रहा है तुमको ,, दिखाई नहीं देता दोनों कितने पास खड़े है ,एक दूसरे की आँखों में देख
रहे है , पलके तक नहीं झपका रहे !! मतलब कु छ तो पक रहा है !!",जीजाजी ने कहा
"हां बिल्कु ल पक रहा है , आपकी बातो से मेरा सर ,, अब मैं जा रहा हु आप भी चलो !!",अर्जुन खींचते हुए उन्हें निचे ले गयाऔर अक्षत मीरा एक दूसरे की
आँखों में देखते हुए खड़े रहे ! खुद से बेखबर , घरवालों से बेखबर , इस जहा से बेखबर अगरकु छ मौजूद था तो वो थे दोनों के अहसास !!!

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