You are on page 1of 4

1.

Dinosaur Ki kahani | डायनासौर क कहानी

एक समय क बात है एक आदमी िजसका नाम बाला था, वह एक दन नकल के उड़ने वाले पंख
लगाकर काफ दूर तक पड़ जाता है। उड़ता हु आ बाला दूर एक टापू पर गरता है , जहां वह बहु त सारे
डायनासोर दे खता है।

वहां से बाला एक डायनासोर के अंडे को चु रा लेता है और उसको अपने पु राने घर म छुपा कर रख दे ता


है।

कुछ दन बाद जब वह डायनासोर अंडे से बाहर आता है तो बाला उसके खाने के लए गांव के लोग के
घर से बकर , मु ग, खरगोश आ द चु रा कर उसको चु प चाप खलाता रहता है।

कुछ समय बाद लोग को उस डायनासौर का पता लग जाता है और वह डायनासोर को बाहर नकाल
दे ते ह बाहर नकलते ह डायनासोर तबाह मचा दे ता है।

वह काफ सामान तोड़ दे ता है और फर बाला गांव वाल के साथ मलकर उसे वापस उसी टापू म छोड़
आते ह।
2.अंडा दे ने वाल मु ग क कहानी

एक बार एक कसान के पास एक मु ग थी जो क हर रोज एक सोने का अंडा दे ती थी। वह उस अ डे


को बेचकर कसान अपना घर चलाता था और बहु त अमीर होता जा रहा था।

ले कन एक दन कसान सोचता है क मु ग मु झे रोज एक सोने का अंडा दे ती है ले कन अगर म एक


साथ ह सारे अंडे ले लू ं तो म बहु त ज द अमीर बन जाऊंगा।

कसान सोचता है क मु ग के पेट म बहु त सारे अंडे ह गे और वह उसे मार कर उसके पेट से सारे अंडे
नकाल लेगा।

ले कन जब वह कसान उस मु ग को मारता है उसका पेट काट दे ता है तो उसको खू न के अलावा कुछ


नह ं मलता और वह बहु त पछताता है।
3.बकर और भे ड़ये क कहानी

एक बार एक जंगल म एक बकर घास खा रह होती है क तभी वहां एक भे ड़या आ जाता है।

बकर उसे दे खते ह भागने लगती है और भागते हु ए उसे दूर एक सारस दाने खा रहा है तो वो दौड़ती
हु ई उसके पास पहु ंच जाती है।

वहां पहु चंते ह वह ब तख से बात करने लग पड़ती है। तभी वहां भे ड़या भी पहु ंच जाता है।

बकर अपनी जान बचाने के लए भे ड़ए को कहती है क तु म इस ब तख को खा लो ये मरने को तैयार


है।

भे ड़या ब तख को दे खता है तो वह सोचता है इस ब तख का मांस खाकर उसका पेट नह ं भरे गा इसी


अ छा है इस बकर को ह खा लेता हू ं और वह बकर क तरफ जाने लगता है।

भे ड़ये को अपनी ओर आते दे ख बकर भागने क को शश करती है ले कन भे ड़या उस को मारकर खा


जाता है।
4.कछुआ और च ड़या क कहानी

एक बार एक पेड़ के नीचे कछुआ आराम कर रहा था।

उसी पेड़ के ऊपर च ड़या अपने ब च के साथ एक घ सले म रहती थी कछुआ च ड़या के घ सले को
दे खकर उसक बहु त बु राई करता है।

वो च ड़या को कहता है क तु मने ये कैसा घ सला बनाया हु आ है जो इतने टू टे हु ए तनक से बना है


ना बा रश म बच पाता है और ना ह धू प म। और मु झे दे खो मेरे पास मेरा शैल(कवच) है जो मेरा घर
है।

तो च ड़या कहती है मानती हू ं क मेरा घर टू टे तनक से बना है ले कन मेरे घर म मेरे साथ मेरा पू रा
प रवार रहता है ले कन तु हारे घर म तु हारे अलावा कोई नह ं रह सकता।

You might also like