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कबूतर और चीटी की कहानी Ant and the Dove Story in Hindi
कबूतर और चीटी की कहानी Ant and the Dove Story in Hindi
नदी के किनारे एक बहुत ही अच्छा फल का पे ड़ था। उस पे ड़ पर एक कबूतर बै ठा हुआ था और वह बड़े मजे से फल खा रहा था। ऐसे में उसने दे खा
कि एक हवा का झोंका आया और उस हवे के झोंके में एक चींटी उस नदी में जा गिरा। चींटी के नदी में गिरते ही चींटी ने आवाज लगाई, “मु झे बचाओ
कोई तो मे री मदद करो”
पे ड़ पर बै ठे कबूतर ने चीटी की आवाज सु नी। अब ऐसे में कबूतर ने तु रं त ही फल छोड़ा और चीटी की मदद को आगे आया। उसने एक पत्ते को ले कर
चीटी की और दिया। उस पत्ती की मदद से चींटी ने अपनी जान बचाई। चीटी ने कबूतर को शु क्रिया कहा।
कुछ दिनों बाद जं गल में एक शिकारी आया उस शिकारी ने जं गल में जाल बिछाया और जाल बिछाने के बाद उसमें कुछ खाने के दाने डाल दिए। यह
सारी घटना चींटी दे ख रहा था।
कुछ दे र बाद वह कबूतर खाने के लिए नीचे की ओर आ रहा था, कि कभी चीटी ने सोचा कि मु झे उसकी मदद करनी चाहिए।
तो फिर उस चीज में जाकर छुपे हुए शिकारी के पै र को ज़ोर से काटा जिससे शिकारी की चीख निकल गई। शिकारी की उस चीज को सु नकर कबूतर
चौकन्ना हो गया और इस जाल में फंसने से बच गया।