Professional Documents
Culture Documents
ु को कहते और ।
कबीरा ते नर अँध है , गरु
हरि रूठे गरु
ु ठौर है , गरु
ु रूठे नहीं ठौर ॥
जहाँ काम तहाँ नाम नहिं, जहाँ नाम नहिं वहाँ काम ।
दोनों कबहूँ नहिं मिले, रवि रजनी इक धाम ॥
^ Top
रहिमन चप
ु हो बैठिये, दे खि दिनन के फेर।
जब नीके दिन आइहैं , बनत न लगिहैं दे र॥
मन मोती अरु दध
ू रस, इनकी सहज सुभाय।
फट जाये तो ना मिले, कोटिन करो उपाय॥