Professional Documents
Culture Documents
यात्रा का महत्व
यात्रा का महत्व
अटन या मण चाहे दे श म कया जाये चाहे सार धरती पर बसे दे श म, अनेक लाभ नि चत प से
ा त हुआ करे ह। दे शाटन से मनोरं जन का पहला मखु एवं वा य लाभ तो हुआ ह करता है , यि त
के मन- मि त क म जो अनेक कार क िज ासाज य कृ तयां रहा करती ह, उनका हल भी होता है ।
इसी कार जैसे क कहावत बनी हुई है ऊँठ को अपनी उचाई क वा त वकता का एहसास तभी हो जाता
है , जब वह पहाड़ के नचे से गज ु रता होता है अथात अपने – आप को बड़ा व वान ानवान और
जानकार मानने वाला यि त दे श – वदे श म घम ू कर जान पता है क वा तव म वह कतना अ प
है । इस कार दे शाटन यि त के अपने स ब ध म पास रखे गए म – नवारण का भी एक कारण
बनकर उसे जीवन क व त वक धरातल पर ले अपने का सख ु द, शां त द कारण बन जाया करता है ।