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वविष्णज

ण ज कक 108 ननाम

1. ननारनायण : ईश्वर, परमनात्मना


2. ववष्णण : हर जगह ववरनाजमनान रहनन वनालन
3. वषट्कनार: यज सन प्रसन्न हहोनन वनालन
4. भभतभव्यभवत्प्रभण: भभत, वतर्तमनान और भववष्य कन स्वनामम
5. भभतककत : सभम प्रनाणणयय कन रचययतना
6. भभतभत
क : सभम प्रनाणणयय कना पहोषण करनन वनालन
7. भनाव : सम्पभणर्त असस्तत्व वनालन
8. भभतनात्मना : ब्रह्मनामांड कन सभम प्रनाणणयय कक आत्मना मम वनास करनन वनालन
9. भभतभनावन : ब्रह्मनामांड कन सभम प्रनाणणयय कना पहोषण करनन वनालन
10. पभतनात्मना : शणद छवव वनालन प्रभण
11. परमनात्मना : शनष्ठ आत्मना
12. मणक्तनाननामां परमनागयत: महोक प्रदनान करनन वनालन
13. अव्यय: : हमनशना एक रहनन वनालन
14. परु
ण ष: : हर जन मम वनास करनन वनालन
15. सनाकम : ब्रह्मनामांड कक सभम घटननाओमां कन सनाकम
16. कनत्रज: : कनत्र कन जनातना
17. गरुड़ध्वज: गरुड़ पर सवनार हहोनन वनालन
18. यहोग: : शनष्ठ यहोगम
19. यहोगनाववदनामां ननतना : सभम यहोगगयय कना स्वनामम
20. प्रधनानपरु
ण षनश्वर : प्रककयत और प्रनाणणयय कन भगवनान
21. ननारससमांहवपणष: : नरससमांह रूप धरण करनन वनालन
22. शममनान न : दन वम लक्ष्मम कन सनाथ रहनन वनालन
23. कनशव : सणमांदर बनाल वनालन
24. पणरुषहोत्तम : शनष्ठ पणरुष
25. सवर्त : समांपभणर्त यना सजसमम सब चमजम समनाहहत हय
26. शवर्त : बनाढ़ मम सब कणछ ननाश करनन वनालन
27. सशव : सददै व शणद रहनन वनालन
28. स्थनाणण : सस्थर रहनन वनालन
29. भभतनाहद : सभम कहो जमवन दन नन वनालन
30. यनगधरव्यय : अमभल्य धन कन समनान
31. सम्भव : सभम घटननाओमां मम स्वनामम
32. भनावन : भक्तय कहो सब कणछ दन नन वनालन
33. भतनार्त : सम्पण
भ र्त ब्रह्मनामांड कन समांचनालक
34. प्रभव : सभम चमजय मम उपसस्थत हहोनन वनालन
35. प्रभण : सवर्तशसक्तमनान प्रभण
36. ईश्वर : परभ न ब्रह्मनामांड पर अगधपयत
37. स्वयम्भभ : स्वयमां प्रकट हहोनन वनालन
38. शम्भण : खसण शयनामां दन नन वनालन
39. आहदत्य : दन वम अहदयत कन पत्र

40. पणष्करनाक : कमल जदैसन नयन वनालन
41. महनास्वण : वज कक तरह स्वर वनालन
42. अननाहदयनधन : सजनकना न आहद हदै एयर न अमांत
43. धनातना : सभम कना समथर्तन करनन वनालन
44. ववधनातना : सभम कनायर व पररणनामय कक रचनना करनन वनालन
45. धनातणरुत्तम : ब्रह्मना सन भम महनान
46. अप्रनमय : यनयम व पररभनाषनाओमां सन परन
47. हृषमकनशना : सभम इमांहद्रियय कन स्वनामम
48. पद्मननाभ : सजनकन पनट सन ब्रह्मनामांड कक उत्पसत्त हणई
49. अमरप्रभण : अमर रहनन वनालन
50. ववश्वकमनार्त : ब्रह्मनामांड कन रचययतना
51. मनण : सभम ववचनार कन दनातना
52. त्वष्टना : बड़न कहो छहोटना करनन वनालन
53. स्थववष्ठ : मणख्य
54. स्थववरहो धणव : प्रनाचमन दन वतना
55. अगनाह्य : मनामांसनाहनार कना त्यनाग करनन वनालन
56. शनाश्वत : हमनशना अवशनष छहोड़नन वनालन
57. ककष्ण : कनालन रमां ग वनालन
58. लहोहहतनाक : लनाल आआँखय वनालन
59. प्रतदर्त न : बनाढ़ कन ववननाशक
60. प्रभभत : धन और जनान कन दनातना
61. तत्रककणब्धनाम : सभम हदशनाओमां कन भगवनान
62. पववत्रनामां : हृदयना पववत्र करनन वनालन
63. ममांगलपरम न : शनष्ठ कल्यनाणकनारर
64. ईशनान : हर जगह वनास करनन वनालन
65. प्रनाणद : प्रनाण दन नन वनालन
66. प्रनाण : जमवन कन स्वनामम
67. ज्यनष्ठ : सबसन बड़न प्रभण
68. शनष्ठ : सबसन महनान
69. प्रजनापयत : सभम कन मख्
ण य
70. हहरण्यगभर्त : ववश्व कन गभर्त मम वनास करनन वनालन
71. भभगभर्त : खणद कन भमतर पथ्क वम कना वहन करनन वनालन
72. मनाधव : दन वम लक्ष्मम कन पयत
73. मधणसभदन : रकक मधण कन ववननाशक
74. ईश्वर : सबकहो यनयमांतत्रत करनन वनालन
75. ववक्रमम : सबसन सनाहसम भगवनान
76. धन्वम : शनष्ठ धनणष- धनारर
77. मनधनावम : सवर्तजनातना
78. ववक्रम : ब्रह्मनामांड कहो मनापनन वनालन
79. क्रम : हर जगह वनास करनन वनालन
80. अनणत्तम : शनष्ठ ईश्वर
81. दरण नाधषर्त : सफलतनापभवक
र्त हमलना न करनन वनालन
82. ककतज : अच्छनाई- बणरनाई कना जनान दन नन वनालन
83. ककयत : कमर कना फल दन नन वनालन
84. आत्मवनान : सभम मनणष्य मम वनास करनन वनालन
85. सणरनश : दन वय कन दन व
86. शरणम : शरण दन नन वनालन
87. शमर्त :
88. ववश्वरन तना : ब्रह्मनामांड कन रचययतना
89. प्रजनाभव : भक्तय कन असस्तत्व कन सलए अवतनार लननन वनालन
90. अह : हदन कक तरह चमकनन वनालन
91. सम्वत्सर : अवतनार लननन वनालन
92. व्यनाल : ननाग द्वनारना कभम न पकड़न जनानन वनालन
93. प्रत्यय : जनान कना अवतनार कहन जनानन वनालन
94. सवर्तदशर्तन : सब कणछ दन खनन वनालन
95. अज : सजनकना जन्म नहरमां हणआ
96. सवरश्वर : सम्पण
भ र्त ब्रह्मनामांड कन स्वनामम
97. ससद : सब कणछ करनन वनालन
98. ससवद : कनायर कन प्रभनाव दन नन वनालन
99. सवनार्तहद : सभम कक्रयनाओमां कन प्रनाथसमक कनारण
100. अच्यत
ण : कभम न चभकनन वनालन
101. वष
क नाकवप: धमर्त और वरनाह कना अवतनार लननन वनालन
102. अमनयनात्मना: सजनकना कहोई आकनार नहरमां हदै ।
103. सवर्तयहोगववयन: सभम यहोगगयय कन स्वनामम
104. वसण : सभम प्रनाणणयय मम रहनन वनालन
105. वसणमनना: ससौम्य हृदय वनालन
106. सत्य : सत्य कना समथर्तन करनन वनालन
107. समनात्मना: सभम कन सलए एक जदैसन
108. समसमत: सभम प्रनाणणयय मम असमसमत रहनन वनालन

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