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Yog nidra and Astral projection world सबसे

आसान तरीके से खुद महसूस करे इस अ यास ारा


By kumar - January 8, 2017

या आपने कभी योग न ा के ज रये ए ल व ड म वेश करने के अनुभव के बारे म सुना है ? yognidra and
astral projection ये मेरा खुद का अनुभव रह चूका है जसे आपके साथ आज म शेयर करने वाला ँ.
यादातर लोगो के मन म सवाल रहता है क is astral travel safe or how can i do it at home
without master guide तो आपके इ ही सवाल का जवाब है आज क ये पो ट जो Hindi म आपको योग
न ा के ज रये सू म शरीर क या ा का अनुभव करने के बारे म है. इसके लए आपको सफ यान अ यास क
ज रत है न क कसी तरह के mantra chant क . अगर आप यान करते है तो एक बार योग न ा का अ यास
भी करे और शरीर से बाहर वचरण को खुद महसूस करे.

इस व ध को योग न ा / शवासन अथवा शरीर श थलीकरण भी कहते है। ये भी यान क ही एक व ध है।


योग न ा ल और दन भर तरोताजा रहे। योग न ा ारा शरीर व म त क व थ रहते ह। यह न द क कमी को भी
पूरा कर दे ती है। इससे थकान, तनाव व अवसाद भी र हो जाता है। राज योग म भी इसे याहार कहा जाता है।
जब मन इ य से वमुख हो जाता है। न ा का मतलब आ या मक न द। यह वह न द है, जसम जागते ए
सोना है, सोने व जागने के बीच क थ त है। सबसे पहले तो योग न ा के फायदे जानते है।

how to do yognidra and astral projection


योग न ा और सू म शरीर क शु आत ये एक ऐसा अ यास है जसमे हम न सफ शरीर को आराम दे ते है ब क
शरीर से बाहर वचरण भी कर लेते है. इसके कई सारे फायदे है जनमे सबसे खास है सू म शरीर क या ा.
शवासन या यास यान के अ यास से आगे क टे प है योग न ा और इसम अनुभव होता है astral projection
का. कुछ लोग इसका अ यास ाण उजा को यादा से यादा बढाने के उदे य से करते है.

योग न ा न सफ हमारे शरीर और मन को सबसे कम समय म शांत करती है ब क ाण उजा यादा से यादा
सरं त करने का काम भी करती है. और आगे बढ़ने पर शरीर से बाहर नकलना और astral world me
project होना जैसे अ यास भी है. सबसे खास बात तो ये है क ये अनुभव वभा वक अ यास के ज रये ा त
कये जाते है जसके लए अलग से कोई तैयारी नह है बस अ यास म लगे रहो. आगे से आगे अनुभव मलना शु
हो जाते है. इससे पहले क yognidra and astral projection के अ यास क शु आत क जाए इसके
फायदे के बारे म जान लेते है.

योग न ा के फायदे :

इससे हम सू म जगत म वेश कर सकते है। इसके अलावा न न लाभ होते है। याहार क सफलता एका ता
लाती है।

योग न ा म सोना नह है।

योग न ा ारा मनु य से अ छे काम भी कराए जा सकते ह।

बुरी आदत भी इससे छू ट जाती ह।

योग न ा का योग र चाप, मधुमेह, दय रोग, सरदद, तनाव, पेट म घाव, दमे क बीमारी, गदन दद, कमर दद,
घुटन ,जोड़ का दद, साइ टका, अ न ा, अवसाद

अ य मनोवै ा नक बीमा रय , ी रोग म सवकाल क पीड़ा म ब त ही लाभदायक है।

योग न ा का संक प योग पशु पर भी कया जा सकता है। खलाड़ी भी मैदान म खेल म वजय ा त करने के लए
योग न ा लेते ह।

योग न ा 10 से 45 मनट या अ धक समय तक क जा सकती है।

right method of yognidra and astral projection

अगर आप yognidra and astral projection के अ यास का ारंभ कर रहे ह तो यान रख खुली जगह का
चयन कया जाए। य द कसी बंद कमरे म करते ह तो उसके दरवाजे, खड़क खुले रहना चा हए।
ढ ले कपड़े पहनकर शवासन कर। जमीन पर दरी बछाकर उस पर एक कम मोटाई का गददा बछाये। फाेम का गददा या
क बल ना बछाये। य द पलंग पर करना चाहे तो कर सकते है। अब शां त से सीधे लेट जाये।

दोन पैर इतनी री पर रखे क वो आपस म एक सरे को ना छु य व आप आराम महसूस कर सके। हथेली कमर से कुछ री
पर हो। आँखे बंद रह। शरीर को हलाना नह है, यह एक मनोवै ा नक न द है, वचार से जूझना नह है।

अपने शरीर व मन-म त क को श थल कर द जए। सर से पाँव तक पूरे शरीर को श थल कर द जए। पूरी साँस लेना व
छोड़ना है।अब क पना कर क आप समु के कनारे लेटकर योग न ा कर रहे ह। आप के हाथ, पाँव,पेट, गदन, आँख सब
श थल हो गए ह।

अपने आप से कह क म योग न ा का अ यास करने जा रहा ँ। योग न ा म अ छे काय के लए या अपनी कोई बुरी आदत
को छोडने का संक प भी लया जाता है। योग न ा म कया गया संक प ब त ही श शाली होता है। अब लेटे-लेटे दस बीस
बार पूरी साँस ल व छोड़। इसम पेट व छाती चलेगी। पेट ऊपर-नीचे होगा। अब अपने इ दे व का यान कर और मन म संक प
दोहराये।

अब अपने मन को शरीर के व भ न अंग पर ले जाइए और उ ह श थल व तनावर हत होने का नदश द। अपने मन को


दा हने पैर के अंगठ
ू े पर ले जाइए। पाँव क सभी उँग लयां कम से कम पाँव का तलवा,एड़ी, प डली, घुटना, जांध, नतंब,
कमर, कंधा श थल होता जा रहा है। इसी तरह बाया पैर भी श थल कर। सहज स स ल व छोड़।

yognidra and astral projection के अ यास को भावी बनाने के लए क पना कर क हमा ड म या त ाण


ऊजा के बादल आपके शरीर म वास के मा यम से जा रहे है वो अंदर जाकर पूरे शरीर म समा रहे है और शरीर के अंग से
सम त सम याये अशु वायु के प म आपके वास छोडते समय शरीर से बाहर जा रहे है।

अब मन को अपने दा हने हाथ के अंगठ


ू े ,सभी उंग लय पर ले जाइए। कलाई,कोहनी, भुजा व कंधे पर ले जाइए।
इसी कार अपने मन को बाएं हाथ पर लेजाएं। दा हना पेट, पेट के अंदर क आंत, जगर, अ नाशय दाएं व बाएं
फेफड़े, दयव सम त अंग श थल हो गए ह। सब आराम कर रहे है य द आपके कसी अंग म सम या हो तो
उसको शांत होने को क हये व बताइये क आप उससे ेम करते है वो अब ठ क हाे रहा है आप उसको श दे रहे
है।

पढ़े : कम समय म कुंड लनी जागरण क सव म या योग क व ध

भावना श से करे खुद को सामा य


दय के यहाँ दे खए दय क धड़कन सामा य हो गई है। ठु ी, गदन, होठ, गाल, नाक, आँख, कान, कपाल सभी श थल हो
गए ह। अंदर ही अंदर दे खए आप तनाव र हत हो रहे ह। सर से पाँव तक आप श थल हो गए ह। ऑ सीजन अंदर आ रही
है। काबन डाई-ऑ साइड बाहर जा रही है।

आपके शरीर क बीमारी बाहर जा रही है। कहने का मतलब ये क मन को उ सा हत करने वाली क पना बीच बीच म करते
रहे फर शां त से लेट जाये और सारी क पनाये व साेचना बंद कर दे । ये सब क पनाये पूरे समय नही करनी है शु आत म
इस कार क भावना मन म फु लता क भावना भर दे ती है। शु आत म भावना दे कर फर शांत हो जाइये ओर सारे सोच
वचार बंद कर द जये

अपने वचार को तट थ होकर दे खते जाइए।अपने आप को भावना द जये क ई वर द त आ मश आपके शरीर म


जाकर आपके सारे रोग दोष समा त कर रही है। अपने मन को दोन भौह के बीच म लाएँ व शां त से लेटे रहे। य द मन बार
बार भागता है तो च ता ना करे उसको बार बार वही ले आये।

दो चार बार के यास पर वो वही कने लगेगा। फर आप शां त से ऐसे ही लेटे र हये। आपका मन एकदम शा त हो
जायेगा।। आप आधे एक घ टे म ही पूरी ऊजा ा त कर लगे। आपको न द का एक झ का सा महसूस होगा फर वो खुद ही
समा त हो जायेगा और आप अपने आपको ऊजा से प रपूण महसूस करने लगगे।

इस व ध से छह सात घ टे क न द से ा त होने वाली ऊजा आधे एक घ टे क योग न ा से ही ापत हो जाती


है।। आप यान क कसी भी व ध का इ तेमाल कर रहे हो उसके बाद आघे एक घ टे क योग न ा का अ यास
अव य ही करे। ये भी यान का एक श शाली मा यम है। आपके यान के तर क गहराइ्र के अनुसार यान से
आपको जतने अनुभव होते है उससे जयादा अनुभव शवासन मे होते है।

beginning of yognidra and astral projection in Hindi

सू म शरीर के अनुभव यही से शु होते है। थोडा यास बढने पर ही आप कसी दन सपना जैसा महसूस करगे
आपको महसूस होगा क आपने सपना दे खा क आप उड रहे है मगर वो सपना नही सच है। आप उस समय सच
म अपने शरीर से नकल कर उड रहे है मगर पूरी जाग कता ना होने से आपको वो सपना महसूस हो रहा है। जब
आपक एका ता व जाग कता बढती जायेगी तो आप पूरे होशो हवास म शवासन करते ये yognidra and
astral projection के अ यास म अपने शरीर से बाहर नकल कर इधर उधर घूम व उड सकगे।

कही आने जाने म आपको कोई समय नही लगेगा एक ही सेके ड म आप कही भी प च जायगे। सू म शरीर क
या ा के लये आपको कोई यास नही करना है केवल मुद क तरह लेटे रहना है शरीर को श थल करते जाना है।
शरीर पर से हमारी पकड ढ ली हो जायेगी और हम कसी भी समय उससे बाहर आ जायगे।

पढ़े : या वाकई वशीकरण और काला जा सच म होता है

शवासन का अ यास करने पर आपको मालूम होगा क जब हम सोते है तो भी अपने शरीर को पूरी तरह श थल
नही करते उसको सहारा दये रहते हे जो क सामा य अव था म हमको समझ म नही आता। योग न ा के समय ही
समझ म आता है क हम सोते समय भी अपने शरीर को स हाले रखने क को शश व मेहनत अ जाने म करते रहते
है।

सू म शरीर का आ या मक मह व

मगर सू म शरीर क या ा का कोई अ या मक मह व नही है केवल खुद को आ मा के प म दे खने समझने के


लये इसका अ यास कर ले मगर फर बार बार सू म शरीर क या ा का यास ना करे य क य द हम
yognidra and astral projection करके बार बार शरीर से बाहर घूमते रहगे तो यान से ा त आ मश /
हमा डीय ऊजा अथवा अपनी अ या मक श को खचा करते रहगे। हम यान म एका होते हे मगर सू म क
या ा म वो एका ता समा त हो जाती है हम चाहे शरीर के साथ इधर उधर घूमे या शरीर छोड कर एक ही बात है।
इस लये बार बार इसका यास ना करे वा इसके मा यम से गलत काय करने या कसी के गु त रह य को जानने
का य न ना करे।

य द कुछ जान भी जाये तो उसको गु त ही रखे सबके सामने उसका खुलासा ना करे।
Note : य द आप यान म ा त कसी भी श का गलत इ तेमाल करते है तो आपक सारी अ या मक श
मा एक बार के गलत इ तेमाल से ही समा त हाे जायेगी और आप व भ न शारी रक बीमा रय का शकार हो
जायगे फर बारा अ या म म अथवा यान म उ न त करना आपके लये अस भव होगा। कई लोग ये गलती कर
चुके है और अब भयंकर प रणाम भुगत रहे है। ये इ्र वरीय श यॉ है इनका गलत इ तेमाल हमको पतन के गत म
ही ले जायेगा।

दो त अगर हम अपने आ या मक प को उतना ही मजबूत कर ले जतना स य हम शारी रक और मान सक


प को महसूस करते है यक न मा नये ऐसी कोई सम या ऐसा कोई काम नह होगा जो आपके लए असंभव
होगा। मन क श य को उभारने वाली ऐसी ही पो ट के लए हम subscribe करना ना भूले।

yognidra and astral projection final thought

हम सभी आ या मक नया के अनुभव करना चाहते है ले कन बना कसी गाइड के करने म हम द कत आती
है. अनुभव को कसके साथ साझा कया जाए इसे लेकर मन म उलझन रहती है. yognidra and astral
projection ऐसा अ यास है जसे आप खुद के तर पर कर सकते है. आपको सफ अ यास को आगे ले जाना
है अनुभव अपने आप बढ़ने लगगे. सफ एक म हना कर के दे खे और अपने अ दर के बदलाव को महसूस करे.
कसी तरह क सम या लए आप कमट म सवाल कर सकते है. इन पो ट को पढना ना भूले.

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