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2 4 भैरव उपासना क शाखाएं
‘शवपुराण’ के अनुसार मागर् शीषर् मास के कृष्णपक्ष क अष्टमी को 41 भैरव साधना व ध्यान
मध्यान्ह म भगवान शंकर के अंश से भैरव क उत्प त्त हुई थी,
ध्यान के िबना साधक मूक स श है, भैरव साधना म भी ध्यान
अतः इस तथ को काल-भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता
है। पौराणक आख्यान के अनुसार अंधकासुर नामक दैत्य अपने क अपनी िवशष्ट महत्ता है। िकसी भी देवता के ध्यान म केवल
िन वकल्प-भाव क उपासना को ही ध्यान नह कहा जा सकता।
कृत्य से अनीत व अत्याचार क सीमाएं पार कर रहा था, यहाँ
ध्यान का अथर् है - उस देवी-देवता का संपूणर् आकार एक क्षण म
तक िक एक बार घमंड म चूर होकर वह भगवान शव तक के ऊपर
मानस-पटल पर प्रतिब म्बत होना। श्री बटु क भैरव जी के ध्यान
आक्रमण करने का दस्ु साहस कर बैठा. तब उसके संहार के लए
हेतु इनके सा त्वक, राजस व तामस प का वणर् न अनेक शा
शव के धर से भैरव क उत्प त्त हुई।
म िमलता है।
कुछ पुराण के अनुसार शव के अपमान-स्व प भैरव क उत्प त्त जहां सा त्वक ध्यान - अपमृत्यु का िनवारक, आयु-आरोग्य व मो-
हुई थी। यह सृिष्ट के प्रारंभकाल क बात है। सृिष्टकतार् ब्रह्मा ने क्षफल क प्रािप्त कराता है, वह धमर् , अथर् व काम क ■सद्ध के
भगवान शंकर क वेशभूषा और उनके गण क पसज्जा देख कर लए राजस ध्यान क उपादेयता है, इसी प्रकार कृत्या, भूत, ग्रहािद
शव को तरस्कारयुक्त वचन कहे। अपने इस अपमान पर स्वयं शव के द्वारा शत्रु का शमन करने वाला तामस ध्यान कहा गया है। ग्रंथ
ने तो कोई ध्यान नह िदया, िकन्तु उनके शरीर से उसी समय क्रोध म लखा है िक गृहस्थ को सदा भैरवजी के सा त्वक ध्यान को ही
से कम्पायमान और िवशाल दण्डधारी एक प्रचण्डकाय काया प्रकट प्राथिमकता देनी चािहए।
हुई और वह ब्रह्मा का संहार करने के लये आगे बढ़ आयी। स्रष्टा
तो यह देख कर भय से चीख पड़े। शंकर द्वारा मध्यस्थता करने पर
ही वह काया शांत हो सक । द्र के शरीर से उत्पन्न उसी काया 4 2 भारत म भैरव के प्र■सद्ध मंिदर
को महाभैरव का नाम िमला। बाद म शव ने उसे अपनी पुरी, काशी
का नगरपाल िनयुक्त कर िदया। ऐसा कहा गया है िक भगवान शंकर भारत म भैरव के प्र■सद्ध मंिदर ह ■जनम काशी का काल भैरव
ने इसी अष्टमी को ब्रह्मा के अहंकार को नष्ट िकया था, इस लए यह मंिदर सवर् प्रमुख माना जाता है। काशी िवश्वनाथ मंिदर से भैरव
िदन भैरव अष्टमी व्रत के प म मनाया जाने लगा। भैरव अष्टमी मंिदर कोई डेढ़-दो िकलोमीटर क दरू ी पर स्थत है। दस ू रा नई
'काल' का स्मरण कराती है, इस लए मृत्यु के भय के िनवारण हेतु िदल्ली के िवनय मागर् पर नेह पाकर् म बटु क भैरव का पांडवकालीन
बहुत से लोग कालभैरव क उपासना करते ह। मंिदर अत्यंत प्र■सद्ध है। तीसरा उज्जैन के काल भैरव क प्र■सद्ध
का कारण भी ऐतहा■सक और तांित्रक है। नैनीताल के समीप
घोड़ाखाल का बटु कभैरव मंिदर भी अत्यंत प्र■सद्ध है। यहाँ गोलू
4 भैरव उपासना क शाखाएं देवता के नाम से भैरव क प्र■सद्ध है। इसके अलावा शिक्तपीठ
और उपपीठ के पास स्थत भैरव मंिदर का महत्व माना गया है।
जयगढ़ के प्र■सद्ध िकले म काल-भैरव का बड़ा प्राचीन मंिदर है
कालान्तर म भैरव-उपासना क दो शाखाएं - बटु क भैरव तथा काल ■जसम भूतपूवर् महाराजा जयपुर के ट्रस्ट क और से दैिनक पूजा-
भैरव के प म प्र■सद्ध हुई।ं जहां बटु क भैरव अपने भक्त को अभय अचर् ना के लए पारंप रक-पुजारी िनयुक्त ह। मध्य प्रदेश के ■सवनी
देने वाले सौम्य स्व प म िवख्यात ह वह काल भैरव आपराधक ■जले के ग्राम अदेगाव म भी श्री काल भैरव का मंिदर है जो िकले
प्रवृ त्तय पर िनयंत्रण करने वाले प्रचण्ड दंडनायक के प म प्र■सद्ध के अंदर है ■जसे गढ़ी ऊपर के नाम से जाना जाता है।
हुए।
कहते ह औरंगजेब के शासन काल म जब काशी के भारत-िवख्यात
िवश्वनाथ मंिदर का ध्वंस िकया गया, तब भी कालभैरव का मंिदर
4 1 पुराण म भैरव का उल्लेख पूरी तरह अछूता बना रहा था। जनश्रुतय के अनुसार कालभैरव
का मंिदर तोड़ने के लये जब औरंगज़ेब के सैिनक वहाँ पहुँचे तो
तंत्रशा म अष्ट-भैरव का उल्लेख है – अ■सतांग-भैरव, द्र-भैरव, अचानक पागल कुत्त का एक पूरा समूह कह से िनकल पड़ा था।
चंद्र-भैरव, क्रोध-भैरव, उन्मत्त-भैरव, कपाली-भैरव, भीषण-भैरव उन कुत्त ने ■जन सैिनक को काटा वे तुरत ं पागल हो गये और
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इन्ह भी देख
• कालभैरव
बाहरी किड़याँ
• िवज्ञान भैरव (गूगल पुस्तक ; लेखक - ब्रज बल्लभ िद्ववेदी)
• कालभैरव जयन्ती
• Bhairav
4 पाठ और चत्र के स्रोत, योगदानकतार् और लाइसस
1 पाठ
• भैरव स्रोत: https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A5%88%E0%A4%B0%E0%A4%B5?oldid=3424116 योगदानकतार्:
CommonsDelinker, VolkovBot, अनुनाद ↓सह, Dr.jagdish, Luckas-bot, Hemant Shesh, Xqbot, Siddhartha Ghai, RedBot, FoxBot, Mayur,
HRoestBot, Mayurbots, VibhijainBot, Heeradevda, Addbot, Lokesh gla, Sanjeev bot, Mindcycle और अनािमत: 2
2 चत्र
• चत्र:Adityawarman.jpg स्रोत: https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/5/54/Adityawarman.jpg लाइसस: Public domain योगदा-
नकतार्: http://www.thomas-lehmkuhl.de/bilder/stuck_05_01_gross.jpg मूल कलाकार: Thomas Lehmkuhl
• चत्र:SFEC_BritMus_Asia_035.JPG स्रोत: https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/6/61/SFEC_BritMus_Asia_035.JPG लाइ-
सस: CC BY-SA 3.0 योगदानकतार्: अपना काम (Self Photograph) मूल कलाकार: Steve F-E-Cameron (Merlin-UK)
3 सामग्री लाइसस
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