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Durga Mantra PDF

" ॐ ह्रींग डुग


ं दर्गा
ु यै नमः "

नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामण्


ु डायै विच्चै'

1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।


शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्ततु ।े ।

2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।


दर्गा
ु क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तत
ु ।े ।

3. या दे वी सर्वभत
ू ष
े ु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या दे वी सर्वभत
ू ष
े ु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या दे वी सर्वभत
ू ष
े ु तष्टि
ु रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या दे वी सर्वभत
ू ष
े ु मातरू
ृ पेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या दे वी सर्वभत
ू ष
े ु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या दे वी सर्वभत
ू ष
े ु बद्
ु धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या दे वी सर्वभत
ू ष
े ु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

भय को दरू करने के लिए दर्गा


ु मंत्र
सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते ।
भये भ्यस्त्राहि नो दे वि दर्गे
ु दे वि नमो स्ततु े ॥

पापों का नाश करने वाला दर्गा


ु मंत्र
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हिनस्ति दै त्येजसि
ं स्वनेनापर्य
ू या जगत ् ।
सा घण्टा पातु नो दे वि पापेभ्यो नः सत
ु ानिव ॥

मस
ु ीबतों से मक्ति
ु पाने के लिए दर्गा
ु मंत्र
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे दे वि नारायणि नमो स्तत
ु े ॥

बीमारी से रक्षा करने के लिए दर्गा


ु महामंत्र
रोगानशेषानपहं सि तष्ु टा रुष्टा तु कामान ् सकलानभिष्टान ् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥

पत्र
ु प्राप्ति के लिए दर्गा
ु मंत्र
दे वकीसत
ु गोविंद वासद
ु े व जगत्पते ।
दे हि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ॥

महामारी नाश के लिए दर्गा


ु मंत्र
जयन्ती मड्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।
दर्गा
ु क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमो स्तत
ु े ॥

शक्ति और बल प्राप्ति के लिए दर्गा


ु मंत्र
सष्टि
ृ स्तिथि विनाशानां शक्तिभत
ू े सनातनि ।
गण
ु ाश्रेय गण
ु मये नारायणि नमो स्तत
ु े ॥

धन के लिए दर्गा
ु मंत्र
“दर्गे
ु स्मत ृ ा हरसि भीतिमशेषजन्तो:
स्वस्थै: स्मत ृ ा मतिमतीव शभु ां ददासि।
दारिद्र्यद:
ु खभयहारिणि का त्वदन्या

सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽ‌र्द्र चित्ता॥”


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मनचाहे जीवसाथी पाने के लिए दर्गा


ु मंत्र Durga Mantra for
Marriage
( परु
ु षों के लिए )

ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि ।


नन्दगोपसत
ु े दे वि पतिं मे कुरु ते नमः ॥

महिलाओं के लिए मनचाहा वर पाने के लिए दर्गा


ु मंत्र
पत्नीं मनोरामां दे हि मनोववत्त
ृ ानस ु ारिणीम ् ।
तारिणीं दर्ग
ु सं
स ार-सागरस्य क ु लोभ्दवाम ् ।।

गौरी मंत्र पति प्राप्ति के लिए


" हे गौरी शंकरधंगी ! यथा तवं शंकरप्रिया,

तथा मां कुरु कल्याणी ! कान्तकान्तम ् सद


ु र्ल
ु भं "

रक्षा पाने के लिए दर्गा


ु मंत्र
शल
ू ेन पाहि नो दे वि पाहि खड्गेन चाम्बिके।

घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च॥

आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए दर्गा


ु मंत्र
दे हि सौभाग्यमारोग्यं दे हि मे परमं सख
ु म ्।

रूपं दे हि जयं दे हि यशो दे हि द्विषो जहि॥

भक्ति प्राप्ति के लिए मां दर्गा


ु की वंदना इस मंत्र के द्वारा
करना चाहिए
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नतेभ्यः सर्वदा भक्त्या चण्डिके दरि ु तापहे |
रूपं दे हि जयं दे हि यशो दे हि द्विषो जहि ||

सामहि
ू क कल्याण के लिए मां दर्गा
ु की वंदना

दे व्या यया ततमिदं जग्दात्मशक्त्या निश्शेषदे वगणशक्तिसमहू मर्त्या


ू |
तामम्बिकामखिलदे व महर्षिपज्
ू यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शभ ु ानि सा नः ||

इसके अतिरिक्त मां दर्गा


ु के नौ शक्ति रुपी दे वियों के बीज मंत्रों के पाठ करने से नौ की नौ
दे वियां स्वतः ही प्रसन्न होकर कृपा बरसाने लगती हैं ।

नौ दे वियों के स्वयं सिद्ध बीज मंत्र

शैलपत्रु ी : ह्रीं शिवायै नम: ।


ब्रह्मचारिणी : ह्रीं श्री अम्बिकायै नम: ।
चन्द्रघंटा : ऐं श्रीं शक्तयै नम: ।
कूष्मांडा : ऐं ह्री दे व्यै नम: ।
स्कंदमाता : ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम: ।
कात्यायनी : क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम: ।
कालरात्रि : क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम: ।
महागौरी : श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम: ।
सिद्धिदात्री : ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम: ।

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