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Q 1.C
लोक लेखा समममत भारत सरकार के व्यय को हनन करने के मल सससद ्ारा ननददत रामयय का महमनयोग दयानने हाल
लेखाओं के महहरण, भारत सरकार की हार्षिक महत्त लेखाओं और सभा के सामने रख गई ऐस नन्य लेखाओं, मिन्नें समममत
उमित समझे, की िासि करत नै।
सरकार की महमनयोग लेखाओं और उन पर मनयसत्रक तथा मनालेखापर क्षक के प्रमतहेदन की ससह क्षा करते समय समममत को यन
सदमनमित करना नोगा कक:-
o लेखा में दयानय गय रामय के रूप में भदगतान ककया गया धन प्रयदक्त सेहाओं नथहा उद्देय के मल हैधामनक रूप से
उपलब्ध था ;
o व्यय उस प्रामधकार के ननदसार नै मिसके हन नध न नै; और
o प्रत्येक पदनर्षहमनयोग, सक्षम प्रामधकार ्ारा मनर्षमत मनयम के नसतगनत सस ससबसध में कक ग उपबसध के ननदरूप ककया
गया नै।
समममत का क मनत्हपूणन कायन यन िासि करना नै कक सससद ्ारा स्ह कृ त धनरामय सरकार ्ारा "मासग के दायरे में " व्यय की
गई नै। समममत के कायन "व्यय की औपिाररकता से परे ससकी बदमिमत्ता, महश्वसन यता तथा ममतव्यमयता” तक महस्ताररत नैं।
सस प्रकार, समममत क्षमत, नपव्यय तथा महत्त य नमनयममतताओं से ससबसमधत मामल की भ िासि करत नै।
रािस्ह प्रामिय पर मनयसत्रक हस मनालेखा पर क्षक के प्रमतहेदन की ससह क्षा करते हु , समममत सरकार के कर प्रयासन के
महमभन्न पनलदओं का पर क्षण करत नै। सस प्रकार, समममत कम कर मनधानरण (नसडर नसेसमेंट), कर-पररनार, यदल्क का उद्ग्रनण
न नोना, गलत हगीकरण आकद से ससबसमधत मामल की िासि करत नै। कराधान कानून तथा प्रकियाओं में त्रदरटय की पनिान
करत नै तथा रािस्ह नामन पर रोक नेतद ननदयससा स करत नै।
यकद महत्त य हिन के दौरान ककस सेहा पर उसके प्रयोिन नेतद सदन ्ारा स्ह कृ त धनरामय से नमधक धनरामय व्यय की गई नै ,
तो समममत प्रत्येक मामले के तथ्य के ससदभन में, मिन पररमस्थमतय के कारण नमतररक्त व्यय की मस्थमत बनत नै, उनकी िासि
करत नै तथा उमित ननदयससा स करत नै। ऐसे नमतररक्त व्यय ससबसध महहरण को ससमहधान के ननदच्छेद 115 में पररकमल्पत
र मत से मनयममत करण नेतद सरकार ्ारा सदन के समक्ष प्रस्तदत करने की आहयकता नोत नै। सससद ्ारा सस प्रकार के व्यय के
य घ्र मनयममत करण की सदमहधा नेतद समममत, सभ मसत्रालय /महभाग से ससबसमधत क समेककत प्रमतहेदन (ररपोटन) प्रस्तदत करत
नै।
लेखा ह लेखा पर क्षा प्रमतहेदन की िासि में समममत को मनयसत्रक हस मनालेखा पर क्षक ्ारा सनायता प्रदान की िात नै।
लोक लेखा समममत में समानदपामतक प्रमतमनमधत्ह पिमत के ननदसार कल ससिमण य मत के माध्यम से लोकसभा से प्रत्येक हिन
पसद्रन सदस्य का िदनाह ककया िाता नै और सस प्रकिया से समममत के मल राज्यसभा से सात सदस्य को िदना िाता नै।
मनहानिन की यन प्रणाल समममत में प्रत्येक पाटी के मल दोन सदन में उनकी ससबसमधत उपस्थमत के ननदपात में प्रमतमनमधत्ह
सदमनमित करत नै। नत: कथन 3 सन ननीं नै।
कोई मसत्र समममत के सदस्य के रूप में मनहानमित नोने के योग्य ननीं नोता नै और यकद समममत के िदनाह के पिात् ककस सदस्य
को मसत्र के रूप में मनयदक्त ककया िाता नै, तो हन ऐस मनयदमक्त की मतमथ से समममत का सदस्य ननीं रनता नै। नतः कथन 2 सन
नै।
समममत के सदस्य का कायनकाल क समय में क हिन से नमधक ननीं नोगा। नत: कथन 1 सन ननीं नै।
Q 3.D
नामलया ससदभन: महयतनाम ने दमक्षण ि न सागर क्षेत्र में हैनगाडन बैंक में ि न आिामकता का महरोध करते हु आरोप लगाया
कक ि न िनाि ने यूनासटेड नेयसस कन्हेंयन ऑन द लॉ ऑफ़ द स (United Nations Convention on the Law of the
Sea: UNCLOS) के नसतगनत महयतनाम की ससप्रभदता, ससप्रभद नमधकार हस नमधकार क्षेत्र का उल्लसघन ककया नै।
हैनगाडन बैंक: हैनगाडन बैंक बेमसन स्प्रैटल ् प समून (दमक्षण ि न सागर) की सबसे पमिम र फ नै तथा यन नपने समृि तेल
हस गैस भसडार के मल प्रमसि नै। महयतनाम का रणन मतक DK1 ऑयल ररग्स िो लगभग 24 सर्षहस स्टेयन का समून नै,
(घदसपैरिय को रोकने नेतद मनर्षमत- "मनासागर य ककला") सस क्षेत्र में मस्थत नै। यन र फ UNCLOS ्ारा मनधानररत
महयतनाम के ननन्य आर्षथक क्षेत्र (200 नॉरटकल म ल) में मस्थत नै। नतः यन महयतनाम के मल आर्षथक हस रािन मतक रूप
से नत्यमधक मनत्हपूणन नै।
Q 4.C
भारत सरकार नमधमनयम 1935: यन मिरटय सससद ्ारा पाररत सबसे लसबा नमधमनयम था
o मिरटय भारत के प्रासत तथा कद छ या सभ ररयासत को ममलाकर बने भारत य ससघ की स्थापना नेतद प्राहधान ककया गया।
o प्रान्त में ्ैधयासन की समामि तथा कें द्र में ्ैधयासन का आरसभ।
o भारत य पररिद की समामि और उसके स्थान पर क सलानकार मनकाय का आरसभ।
o मिरटय भारत य क्षेत्र और ररयासत को ममलाकर नमखल भारत य मनाससघ नेतद प्राहधान।
o नल्पससख्यक नेतद सदरक्षा उपाय हस सदरक्षात्मक साधन का महस्तार।
o मिरटय सससद की सहोच्चता।
Q 5.C
नहपािाण (मनओमलमथक) काल के नसत में धातदओं का उपयोग देखा गया। सहनप्रथम प्रयोग की िाने हाल धातद तासबा थ तथा
कई ससस्कृ मतयास तासबे हस पत्थर के औिार के उपयोग पर आधाररत थीं। ऐस ससस्कृ मत को ताम्रपािाणयदग न (िाल्कोमलमथक)
कना िाता नै, मिसका नथन नै ताम्र-पािाण का िरण। सस ससस्कृ मत से ससबसमधत लोग पत्थर से बने छोटे औिार हस नमथयार
का उपयोग करते थे।
िनास भारत य उपमना् प के उत्तर-पमिम भाग में कासस्य का उपयोग करने हाले नड़प्पा के लोग बसे हु थे, हनीं मनत्हपूणन
ताम्रपािाणयदग न (chalcolithic) ससस्कृ मतयास मदख्य रूप से पमिम भारत हस दक्कन में थीं। सनमें दमक्षण-पूहन रािस्थान की
बनास ससस्कृ मत (2600BC-1900 ईसा पूहन), मिसके प्रमदख स्थल उदयपदर के मनकट ननार तथा मगलदसड थे; कायथा ससस्कृ मत
(2100BC-2000 ईसा पूहन), मिसका मदख्य स्थल मध्य प्रदेय में िसबल था; मालहा ससस्कृ मत (1700BC-1400BC), मिसका
मनत्हपूणन स्थल पमिम मध्य प्रदेय में नहदाटोल था, तथा िोरहे ससस्कृ मत (1400BC- 700BC), मिसके मदख्य स्थल मनाराष्ट्र
में पदणे के मनकट सनामगासह हस िसदोल थे, आकद समम्ममलत थीं। ससमल कथन 1 सन ननीं नै।
नड़प्पा के घर आम तौर पर पकी ईंट से बने हु थे, िबकक ताम्रपािाणयदग न लोग आमतौर पर पकी ईंट से पररमित ननीं थे
औऱ कदामित न सनका प्रयोग करते थे। कभ -कभ उनके घर ममट्ट की ईंट से बने नोते थे, परसतद सनका मनमानण नमधकतर
नरकद ल हस ममट्ट से न ककया गया था, और ननदमानतः ये छप्परयदक्त घर नोते थे। पमिम मनाराष्ट्र के सनाम गासह में
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ताम्रपािाणयदग के आरसमभक िरण के िूल्ने के साथ महयाल ममट्ट के घर तथा गोलाकार गड्ढेदार घर की खोि की गई नै।
ससमल कथन 2 सन ननीं नै।
नड़प्पाहास कद म्नार के िाक के प्रयोग में मनपदण थे। नमें महमभन्न रसग में मिमत्रत कई मृदभासड देखने को ममलते नैं। नड़प्पा के
मृदभासड को प्राय: हृक्ष की मडिासन तथा हृत्ताकार मडिासन से सिाया िाता था। कद छ मृदभासड के टदकड़ पर पदरुि के मित्र
भ पा ग नैं। दूसर ओर, ताम्र यदग के लोग महमभन्न प्रकार के मृदभासड का उपयोग करते थे, मिनमें से क ‘काले-लाल
मृदभासड’ व्यापक रूप से प्रिमलत थे। सन्नें िाक पर बनाया िाता था तथा कभ -कभ रैमखक मडिासन के साथ मिमत्रत ककया
िाता था।
ताम्रपािाण काल में रनने हाले लोग पयदपालन करते थे तथा खाद्यान्न उपिाते थे। हे गाय, भेड़, बकर , सूनर ह भैंस पालते थे।
ये लोग गेहस और िाहल का भ उत्पादन करते थे। सन मदख्य फसल के नमतररक्त उन्न ने बािरा, दाल की भ खेत की।
नड़प्पा के महमभन्न स्थल से पदरुि हस ममनलाओं की बड़ ससख्या में टेराकोटा की छोट -छोट मूर्षतयास पाई गई नैं। ससके
नमतररक्त, टेराकोटा की मूर्षतयास बतात नैं कक ताम्रपािाणकाल न लोग मातृदह
े की पूिा करते थे। पूिा के मल ममट्ट की
मूर्षतय का भ उपयोग ककया िाता था। पमिम मयया में देह की मिस तरन की मूर्षतयास पाई गईं, हैस न सनामगासह
(ताम्रपािाणयदग न स्थल) में भ पाई गई नैं। ससके नमतररक्त, टेराकोटा के बैल भ पा ग , िो यन बताते नैं कक बैल की भ
धार्षमक प्रमतष्ठा थ । ससमल कथन 3 सन नै।
Q 6.B
भारत य सिाहट मछमलय का कद ल सिाहट मछल व्यापार में लगभग 1% का योगदान नै। सन मछमलय का मनयानत 69.26
टन के बराबर रना, मिसका मूल्य 2014-15 में 566.66 करोड़ रुपये था। 1995 से 2014 की नहमध के दौरान औसतन लगभग
11 प्रमतयत की हार्षिक हृमि दर दिन की गई नै।
प्रिामतय की समृि िैह महमहधता, ननदकूल िलहायद पररमस्थमतय तथा सस्ते श्रम की उपलब्धता के कारण भारत में सिाहट
मछल उत्पादन के क्षेत्र में काफी ससभाहना स नैं।
भारत में 195 से नमधक देय ककस्में पूहोत्तर क्षेत्र तथा पमिम घाट में हस लगभग 400 प्रिामतयास समदद्र पाररमस्थमतक तसत्र में
नोने के साथ नसतदेय य ह समदद्र िल में सिाहट मछल की प्रिदर महमहधता नै। पूहोत्तर क्षेत्र में पाई िाने हाल 195 मत्स्य
प्रिामतय में से 155 प्रिामतयास सिाहट मनत्ह की नैं। नलहण य िल की सिाहट मछमलय के ससबसध में सस क्षेत्र में
नसाधारण िैह महमहधता तथा उच्च स्तर की स्थामनकता भ प्रदर्षयत नोत नै। उनमें से लोिेस, ल्स, बाब्सन, कै टकफ़य हस गोब
प्रमदख नैं। दूसर ओर, भारत का पमिम घाट महश्व के 'िैह महमहधता नॉटस्पॉट' क्षेत्र में से क नै। पमिम घाट से प्राि नोने
हाल नलहण य िल की कद ल मछमलय में से 40 सिाहट मनत्ह की नैं, मिनमें से 37 प्रिामतयास पमिम घाट की स्थामनक
प्रिामतयााँ नैं। ससमल कथन 1 सन ननीं नै।
भारत य सिाहट मछल व्यापार नमधकतर नलहण य िल की मछमलय (90%) से नोता नै, मिनमें से 98% ससहर्षधत नोत नैं
तथा 2% प्राकृ मतक क्षेत्र से पकड़ गई नोत नैं। येि 10% समदद्र मछमलयााँ में से 98% पकड़ गई नोत नैं तथा 2% ससहर्षधत
नोत नैं। भारत में सिाहट मछल प्रिनक में नमधकासय महदेय मछमलयास पालते नैं और बहुत कम न देय , समदद्र ह खारे
पान की मछमलयास पालते नैं।
भारत में मदख्य रूप से के रल, तममलनाडद हस पमिम बसगाल सिाहट मछल पालन करते नैं। देय प्रिामतय की बड़ ससख्या में
उपलब्धता ने देय में सिाहट मछल उद्योग के महकास में मनत्हपूणन योगदान कदया नै।
पूहोत्तर राज्य, पमिम बसगाल, के रल ह तममलनाडद में देय प्रिामतय की प्रिदर सस भाहना नै। मनयानत मासग को पूरा करने के मल
लगभग 90% देय प्रिामतयास (85% पूहोत्तर भारत से) कत्र की िात नैं तथा उन्नें पाला िाता नै। हतनमान में लगभग 100
देय प्रिामतय को नक्वेररयम मछल के रूप में पाला िाता नै।
भारत का 90% मनयानत कोलकाता से और 8% मदब
स ई से तथा 2% िेन्नई से नोता नै। ससमल कथन 2 सन नै।
Q 7.D
2009 में, नेयनल स्टॉक क्सिेंि (NSE) ने कोलोके यन सदमहधा आरम्भ की, िो येयर दलाल को NSE के डेटा सेंटर में नपने
सहनर रखने की ननदममत देत नै। सस सेहा के मल यदल्क का भदगतान करना नोता नै मिसे सामान्यतः के हल बड़े दलाल न हनन
Q 9.A
उष्णकरटबसध य रटड्डा या रटड्ड दल का आिमण का प्रारसभ िनहर 2019 में नफ्रीका के लाल सागर तट पर सूडान और
सरररिया से हुआ और सऊद नरब हस ईरान से नोते हु ये पाककस्तान में प्रमहष्ट हु , िनास उन्न ने जसध प्रासत की कपास
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उत्पादक बेल्ट को नष्ट कर कदया। ससके पिात् रटमड्डय का यन दल थार रेमगस्तान में प्रमहष्ट हुआ, िनााँ उन्न ने पमिम
रािस्थान और उत्तर गदिरात में फसल को क्षमत ग्रस्त ककया। रटड्ड नमल के मल नमतससहद
े नय ल राज्य/क्षेत्र रािस्थान के
उत्तर और उत्तर-पमिम क्षेत्र, गदिरात, पसिाब और नररयाणा के कद छ क्षेत्र नैं। ससमल कथन 1 सन नै।
िोधपदर मस्थत मदख्यालय कें द्र य कृ मि मसत्रालय के रटड्ड िेताहन ससगिन (LWO) ने रटमड्डय को मनयसमत्रत करने नेतद व्यापक
प्रयास आरम्भ कक नैं।
मरुस्थल य रटड्ड , यॉटन नॉनन ग्रास नॉपर ( किडोसमडया) की लगभग क दिनन प्रिामतय में से क नै, िो नपने व्यहनार में
पररहतनन के मल िान िात नै और ये हयस्क के झदड स या फद दक (पसखरमनत नभनक ) के समून का मनमानण करत नैं। सस प्रकार
बने झदसड सघन और नत्यमधक गमतय ल नो सकते नैं। यासत नहमधय (नपगमन नहमधय ) के दौरान मरुस्थल य रटमड्डयास आमतौर
पर नफ्रीका के नधन-यदष्क और यदष्क रेमगस्तान , मनकट पूहन और दमक्षण-पमिम मयया तक स ममत रनत नैं, िनास हार्षिक रूप
से 200 ममम से भ कम हिान नोत नै। दल के रूप में आिमण के दौरान, मरुस्थल य रटमड्डयास लगभग 29 मममलयन हगन
ककलोम टर के महयाल क्षेत्र में फै ल सकत नैं, मिसका महस्तार 60 देय के भाग तक नो सकता नै। यन महश्व की कद ल भूमम सतन
के 20% से नमधक नै। रटमड्डयास मनदष्य या पयदओं पर नमला ननीं करत नैं (ससमल िूनोरटक ननीं नोत नैं)। रटमड्डय ्ारा
मनदष्य के मल क्षमतकारक रोग हनन करने का कोई भ प्रमाण प्राि ननीं हुआ नै। ससमल कथन 2 सन ननीं नै।
मरुस्थल य रटड्ड की आयद के हल त न से पासि मन ने की नोत नै, नालासकक यन नत्यमधक पररहतननय ल नै और नमधकासयतः
मौसम ह पाररमस्थमतक मस्थमतय पर मनभनर करत नै। ि हन िि में त न िरण नोते नैं: नसडा, नॉपर (फद दक) और हयस्क।
मरुस्थल य रटड्ड के िनन के मल ननदकूल पररमस्थमतयास मनम्नमलमखत नैं:
o सतन के न िे 10-15 से.म . की गनराई तक नम रेत ल या रेत ल /मिकन ममट्ट ,
o नसडा देने के मल ननाहृत क्षेत्र, और
o नॉपर (फद दक) महकास के मल नर हनस्पमत।
ये दल क कदन में लगभग 5-130 से 150 कक.म . या उससे नमधक की यात्रा कर सकते नैं। रटमड्डयास लसबे समय तक हायद में रन
सकत नैं।
ससयक्त
द राष्ट्र का खाद्य हस कृ मि ससगिन (FAO) रटड्ड नमल की मनगरान और प्रबसधन करने हाल नसतरराष्ट्र य िेंस नै।
Q 10.B
समता की नहधारणा:
o भारत के ससमहधान का ननदच्छेद 14 प्राहधान करता नै कक "राज्य भारत के राज्यक्षेत्र में ककस भ व्यमक्त को महमध के समक्ष
समता से और महमधय के समान ससरक्षण से हसमित ननीं करेगा"। स्पष्ट नै कक सस ननदच्छेद में धमन, मूल हसय, िामत, जलग या
िन्म स्थान के आधार पर महभेद का प्रमतिेध ककया गया नै। ससमल कथन 1 सन नै। हस्तदतः ननदच्छेद 14 के दो भाग
नैं: यन राज्य को ककस भ व्यमक्त को 'कानून के समक्ष समता' से तथा 'कानून के समान ससरक्षण' से हसमित न करने का
आदेय देता नै। कानून के समक्ष समता भेदभाह का मनिेध करत नै। ससकी प्रकृ मत नकारात्मक नै लेककन यन नकारात्मक
समानता ननीं नै। 'कानून के समान ससरक्षण' की नहधारणा सभ के मध्य समता स्थामपत करने के मल राज्य ्ारा महमभन्न
मस्थमतय के व्यमक्तय के मल महयेि उपिार कक िाने की आहयकता की मासग करत नै। ससकी प्रकृ मत सकारात्मक नै।
o भारत में समता की नहधारणा "सकारात्मक समता" को समामनत करत नै और कनीं भ "नकारात्मक समता" का हणनन
ननीं ककया गया नै। ससका नथन नै कक यकद ककस प्रामधकार के ्ारा ककस व्यमक्त या व्यमक्तय के ककस समून के पक्ष में
कोई नमनयममतता या नहैधता नपनाई िात नै, तो नन्य व्यमक्त उसके आधार पर उस प्रकार न नमनयममतता या
नहैधता का दाहा ननीं कर सकते। भारत के ससमहधान का ननदच्छेद 14 के हल सकारात्मक समता की नहधारणा को
समामनत करता नै, नकारात्मक समानता को ननीं, ससका तात्पयन यन नै कक सससे नहैधता या नमनयममतता को बना
रखने की नपेक्षा ननीं की िा सकत । ककस मनिले फोरम ्ारा पाररत गलत आदेय के आधार पर ककस उच्चतर न्यायालय
के न्यायामधकार नेतद आनहान ननीं ककया िा सकता। उच्चतम न्यायालय ने नपने महमभन्न मनणनय में सस नहधारणा को
व्यक्त ककया नै। यकद कद छ व्यमक्तय को नहैध रूप से लाभ कद ग नैं, तो नन्य व्यमक्तय ्ारा, यकद हे उनके पात्र ननीं नैं,
सस आधार पर उनका दाहा ननीं ककया िा सकता कक उन्नें सससे हसमित कर कदया गया नै। ससमल कथन 2 सन ननीं नै।
o "कानून के समक्ष समता" का नथन नै कक समान लोग के मल समान कानून नोना िामन और उसे समान रूप से प्रयामसत
ककया िाना िामन , नथानत समान लोग से समान व्यहनार ककया िाना िामन । क न तरन की कारनहाई के मल , व्यमक्त
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्ारा न्यामयक कायनहान करने या उनके महरुि न्यामयक कायनहान कक िाने का नमधकार िामत, धमन, धन, सामामिक
मस्थमत या रािन मतक प्रभाह के भेद के मबना पूणन आयद और समझ के सभ नागररक के मल समान नोना िामन ।
"कानून से समक्ष समता" और "कानून के समान ससरक्षण" की नहधारणा मनम्नमलमखत सदमहधा स प्रदान करत नै:
o प्रथम नहधारणा में मनम्नमलमखत महयेिता स याममल नैं
ककस भ व्यमक्त के पक्ष में ककस महयेि महयेिामधकार का नभाह।
सामान्य नदालत ्ारा प्रयामसत देय के साधारण कानून के मल सभ व्यमक्तय की समान नध नता।
कोई भ व्यमक्त कानून से ऊपर ननीं नै।
o दूसर नहधारणा में मनम्नमलमखत महयेिता स याममल नैं:
प्रदत्त महयेिामधकार और नमधरोमपत दामयत्ह कक दृमष्ट से समान पररमस्थमतय में समान व्यहनार।
समान रूप से मस्थत सभ व्यमक्तय के मल समान कानून का समान ननदप्रयोग। ससमल कथन 3 सन नै।
समान लोग से मबना ककस भेदभाह के समान व्यहनार ककया िाना िामन ।
Q 11.B
िलहायद प्रौद्योमगकी कें द्र और नेटहकन (CTCN)
o यन UNFCCC प्रौद्योमगकी तसत्र की पररिालन याखा नै, ससे ससयदक्त राष्ट्र औद्योमगक महकास ससगिन (UNIDO) के सनयोग
और महकासय ल ह महकमसत देय में मस्थत 11 उत्कृ ष्टता कें द्र के समथनन से ससयदक्त राष्ट्र पयानहरण कायनिम (UNEP) ्ारा
ससिमलत और प्रबसमधत ककया िाता नै।
o यन महकासय ल देय में उनकी ससधारण य महकास प्राथममकताओं के ननदरूप िलहायद पररहतनन यमन और ननदकूलन नेतद
पयानहरण ननदकूल प्रौद्योमगककय के त्हररत, महमहध और महमभन्न स्तर में व्यहमस्थत नसतरण को बढ़ाहा देता नै।
o यन कोपेननेगन, डेनमाकन में मस्थत नै।
िलहायद प्रौद्योमगकी कें द्र और नेटहकन देय के मल प्रत्यक्षतः धन प्रदान ननीं करता नै नमपतद महमयष्ट िलहायद प्रौद्योमगकी क्षेत्रक
में महयेिज्ञ ्ारा उपलब्ध कराई िाने हाल तकन की सनायता के प्राहधान का समथनन करता नै। ससमल कथन 1 सन ननीं
नै।
िलहायद प्रौद्योमगकी कें द्र और नेटहकन , महकासय ल देय ्ारा उनके राष्ट्र य स्तर पर ियमनत कें द्र जबददओं या नेयनल डेमिग्नेरटड
मन्टट ज़ (NDEs) के माध्यम से प्रस्तदत ननदरोध पर ननदकिया नेतद तकन की सनायता प्रदान करता नै। ऐसे ननदरोध प्राि नोने
पर, कें द्र स्थान य आहयताओं के ननदरूप ननदकूमलत समाधान मडिासन करने और महतररत करने के मल नपने िलहायद
प्रौद्योमगकी महयेिज्ञ के हैमश्वक नेटहकन को य घ्रतापूहनक लामबसद करता नै। भारत के मामले में, पयानहरण, हन और िलहायद
पररहतनन मसत्रालय (MoEFCC) प्रामधकृ त राष्ट्र य ससस्था नै।
िलहायद प्रौद्योमगककय पर तकन की सनायता प्रदान की िात नै:
o महकासय ल देय के मल NDEs के ननदरोध पर।
o मन: यदल्क (250,000 नमर की डॉलर तक के मूल्यमान तक)
o राष्ट्र य, क्षेत्र य ह स्थान य स्तर पर
o नकादममक, साहनिमनक, गैर सरकार ससगिन या मनि क्षेत्रक ससस्थाओं के मल । ससमल कथन 2 सन नै।
o ननदकूलन और यमन प्रौद्योमगककय की महस्तृत यृसखला के मल ।
o प्रौद्योमगकी िि के सभ िरण में: िलहायद प्रौद्योमगकी की आहयकताओं की पनिान कर; न मतगत आकलन; तकन की
समाधान के ियन और ससिालन से लेकर प्रौद्योमगकी ननदकूलन तथा व्यापक पररमनयोिन का समथनन करने हाल सनायता
तक।
Q 12.B
महकल्प (b) सन नै: टसकण प्रलाभ या सेमग्नओरेि (Seigniorage) मदद्रा के मूल्य और उसकी उत्पादन लागत के मध्य का नसतर
नोता नै— दूसरे यब्द में, यन ककस नथनव्यहस्था या देय के भ तर मदद्रा के उत्पादन की आर्षथक लागत नोत नै। यकद सेमग्नओरेि
धनात्मक नोता नै, तो यन सरकार के आर्षथक लाभ को और यकद सेमग्नओरेि ऋणात्मक नोता नै तो आर्षथक नामन को ससदर्षभत
करता नै।
Q 13.B
ननदच्छेद 102 मनम्नमलमखत उपबसध करता नै:
o कोई व्यमक्त सससद के ककस सदन का सदस्य िदने िाने या नोने के मल मनरर्षनत नोगा:
यकद हन भारत सरकार या राज्य सरकार के नध न, ऐसे पद को छोड़कर, मिसको धारण करने हाले का मनरर्षनत न
नोना सससद ने महमध ्ारा घोमित ककया नै, कोई लाभ का पद धारण करता नै;
यकद हन महकृ तमित्त नै और ककस सक्षम न्यायालय ने ऐस घोिणा की नै;
यकद हन ननदन्मोमित कदहामलया नै;
यकद हन भारत का नागररक ननीं नै या उसने ककस महदेय राज्य की नागररकता स्हेच्छा से नर्षित कर ल नै या हन
ककस महदेय राज्य के प्रमत मनष्ठा या ननदिमक्त को नमभस्ह कार कक हु नै;
यकद हन सससद ्ारा या सससद ्ारा बनाई गई ककस महमध नसतगनत मनरर्षनत ककया गया नै।
o कोई व्यमक्त सससद के ककस सदन का सदस्य नोने के मल मनरर्षनत नोगा यकद हन दसहीं ननदसूि के नध न सस प्रकार
मनरर्षनत नो िाता नै।
ससके नमतररक्त, ननदच्छेद 103 यन उपबसध करता नै कक:
o यकद यन प्रश्न उिता नै कक सससद के ककस सदन का कोई सदस्य ननदच्छेद 102 के खसड (1) में हर्षणत ककस मनरननता से ग्रस्त
नो गया नै या ननीं तो हन प्रश्न राष्ट्रपमत को महमनिय के मल मनदेमयत ककया िा गा और उसका महमनिय नसमतम नोगा।
o ऐसे ककस प्रश्न पर महमनिय करने के पनले राष्ट्रपमत मनहानिन आयोग की राय लेगा और ऐस राय के ननदसार कायन करेगा।
दूसर ओर, यकद ऐसा कोई प्रश्न उिता नै कक सदन का कोई सदस्य ससमहधान की दसहीं ननदसूि के नध न मनरर्षनत नै नथहा ननीं
तो प्रश्न राज्यसभा के सभापमत को मनदेमयत ककया िा गा और उसका महमनिय नसमतम नोगा। लोकसभा के मामले में , प्रश्न
लोकसभा नध्यक्ष को मनदेमयत ककया िा गा और उसका महमनिय नसमतम नोगा।
Q 14.C
नामलया ससदभन: गृन मसत्रालय (MHA) ने आपरामधक मामल में पारस्पररक कानून सनायता के मल ससयोमधत कदयामनदेय
िार कक नैं।
पारस्पररक कानून सनायता ससमध (Mutual Legal Assistance Treaty: MLAT) दो या दो से नमधक देय के मध्य
साहनिमनक कानून या आपरामधक कानून का प्रहतनन करने के मल सूिना कत्रण और आदान-प्रदान के उद्देय से ककया गया
क समझौता नै। ससमल कथन 1 सन नै।
भारत ने 42 देय के साथ आपरामधक मामल में सनयोग के मल MLAT पर नस्ताक्षर कक नैं।
आपात मस्थमत में, कानून िेंमसयााँ कानून प्रकिया के मबना न ननदरोध भेि सकत नैं।
o गृन मसत्रालय आपरामधक कानून मामल में परस्पर कानून सनायता प्राि करने और उपलब्ध कराने नेतद नोडल मसत्रालय
और कें द्र य प्रामधकरण नै। ससमल कथन 2 सन नै।
मसमहल और हामणमज्यक मामल के मल , कानून मसत्रालय कें द्र य प्रामधकरण नै।
पारस्पररक कानून सनायता की आहयकता: नपराध की स मा-पार य प्रकृ मत और नत्यमधक मडमिटल प्रसार ने आपरामधक
गमतमहमधय के मल भौगोमलक स माओं को लगभग समाि कर कदया नै। देय के स्हायत्त क्षेत्रामधकार के बानर नपरामधय और
साक्ष्य की उपलब्धता ने पारसपररक ननदससधान के क्षेत्र और प्रकृ मत में पररहतनन को आहयक बना कदया नै।
Q 16.D
ककस परमाणद के भ तर सलेक्िॉन कै से व्यहमस्थत रनते नैं, यन िानने नेतद रदरफोडन ने नल्फा-कण प्रकीणनन का प्रयोग ककया।
प्रयोग के पिात उन्न ने मनष्किन मनकाला कक:
o परमाणद के भ तर का नमधकासय स्थान खाल नोता नै, क्य कक नमधकासय नल्फा-कण मबना महक्षेमपत हु स्हणन पन्न से नोकर
गदिर िाते नैं।
o नत्यसत कम कण नपने मागन से महक्षेमपत नोते नैं, मिससे ज्ञात नोता नै कक परमाणद में धनात्मक आहेय भाग बहुत कम नै।
o नत्यसत कम नल्फा-कण 180 मडग्र के कोण पर महक्षेमपत हु , मिससे यन ससकेत प्राि हुआ कक स्हणन परमाणद का पूणन
धनात्मक आहेय और द्रव्यमान परमाणद के भ तर बहुत कम आयतन में स ममत नै।
प्रयोग के आधार पर, रदरफोडन ने परमाणद का नामभकीय मॉडल प्रस्तदत ककया, मिसकी मनम्नमलमखत महयेिता ाँ नैं:
o परमाणद का कें द्र धनाहेमयत नोता नै, मिसे नामभक कनते नैं। ककस परमाणद का लगभग ससपण
ू न द्रव्यमान नामभक में नोता नै।
o सलेक्िॉन नामभक के िार ओर मनमित कक्षाओं में िक्कर लगाते नैं।
o नामभक का आकार परमाणद के आकार की तदलना में नत्यसत कम नोता नै।
Q 17.D
RBI नमधयेि महमभन्न कारक के कारण ससगन
ृ त नोता नै।
o प्रथमतः ससके त न आय स्रोत के माध्यम से: खदले बािार में पररिालन के मल धाररत सरकार बॉन्ड से प्राि ब्याि;
सरकार के बािार उधार कायनिम से प्राि यदल्क; और महदेय मदद्रा पररससपमत्त में मनहेय से प्राि आय। ससमल सभ
महकल्प सन नैं।
o म्त य स्रोत सरकार को लाभासय देने के पिात येि आय नै।
o तृत य स्रोत महदेय पररससपमत्त और स्हणन का पदनमूनल्यन नै।
कें द्र य बैंक को मनम्नमलमखत कारण से पूि
ाँ की आहयकता नोत नै:
o ऐसे कें द्र य बैंक को, मिनके पास महदेय पररससपमत्त नोत नै, ससभामहत नदकसान को समायोमित करने के मल पूाँि की
आहयकता नोत नै। RBI की महदेय पररससपमत्त का मूल्य 26.4 लाख करोड़ रुपये नै, िो महत्त य हिन 2017 में 23.7
लाख करोड़ रुपये था।
o RBI को पूाँि की आहयकता, नथनव्यहस्था को मौकद्रक और महत्त य आघात से सदरक्षा प्रदान करने के मल नोत नै।
o ककस नमस्थर सरकार के मामले में, मौकद्रक प्रामधकरण पर नमधक मिम्मेदार नोत नै। नतः कें द्र य बैंक को ऐस
पररमस्थमत में नमधक पूाँि की आहयकता नोत नै।
o कें द्र य बैंक को मूल्य और महमनमय मस्थरता िैसे कायों के ससपादन नेतद नमधयेि की आहयकता नोत नै।
o नमधयेि, कें द्र य बैंक को स्हतसत्रता प्रदान करता नै। कम पूाँि की मस्थमत, कें द्र य बैंक को आहयकता के समय सरकार की
ओर रुख करने के मल बाध्य करेग । सससे कें द्र य बैंक पर सरकार का प्रभाह पड़ेगा।
Q 18.A
उच्च नासिोिन स्ट ल (High nitrogen steels: HNS) िोस ममश्रण में 0.9% तक नासिोिन द्रव्यमान के साथ उच्च ममश्र धातद
माटेमन्सरटक, ऑस्टेमनरटक या डद प्लेक्स ग्रेड का क नया हगन नै। ससका ननदप्रयोग- रासायमनक नमभयासमत्रकी में, नमधक
यमक्तयाल गैर-िदसबकीय घटक के मल और स्टेनलेस स्ट ल के औिार और बेयररग में नोता नै।
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उच्च नासिोिन स्ट ल (HNS) में उत्कृ ष्ट यासमत्रक और बैमलमस्टक गदण नोते नैं। यन आमनर ननदप्रयोग के मल आदयन सामग्र नै और
ससकी कम लागत नोने के कारण ससे नागररक ननदप्रयोग के साथ-साथ मनयानत के मल भ उपयोग ककया िा सकता नै।
ससमल कथन 1 सन नै और 3 सन ननीं नै।
रक्षा धातदकमन ननदससधान प्रयोगयाला (DMRL) ने बेनतर यासमत्रक गदण को प्राि करने के मल थमो-मैकेमनकल प्रससस्करण को
पररष्कृ त करके क मनकल मदक्त उच्च नासिोिन स्ट ल महकमसत ककया नै। छोटे नमथयार के प्रक्षेप्य के महरुि कक ग बैमलमस्टक
प्रदयनन पर क्षण ने यन स्थामपत ककया नै कक भमहष्य के सदरक्षात्मक ननदप्रयोग के मल कहि सामग्र के रूप में उपयोग करने के
मल यन स्ट ल उपयदक्त नै।
महयेिता ाँ:
o HNS कम मोटाई के साथ मौिूदा रोल्ड स्हदेय आमनर (RHA) सामग्र की तदलना में बेनतर बैमलमस्टक सदरक्षा (महयेि रूप
से छोटे नमथयार के गोला बारूद के महरुि) और महस्फोट से सदरक्षा प्रदान करता नै।
o नच्छा ससक्षारण प्रमतरोध।
o ऑस्टेमनरटक स्टेनलेस स्ट ल, गैर-िदसबकीय।
o प्रदयनन में सदधार: सॉफ्ट प्रोिेक्टासल के मल RHA स्ट ल की तदलना में 30% से 35% बेनतर।
o प्रदयनन में सदधार: आमनर मपयर्ससग (AP) प्रोिेक्टासल के मल RHA स्ट ल की तदलना में 5% से 15% बेनतर।
o लॉन्ग रॉड टैंक रोध प्रोिेक्टासल के मल RHA स्ट ल की तदलना में समान प्रदयनन।
o कम लागत - हतनमान में उत्पाकदत RHA स्ट ल की तदलना में लगभग आध लागत। ससमल कथन 2 सन नै।
स्टेनलेस स्ट ल मनमानता कस पन जिदल स्टेनलेस (मनसार) मलममटेड ने रक्षा ननदसध
स ान हस महकास ससगिन (DRDO) से ननदबध
स
ककया नै, मिसके नसतगनत सरकार िेंस रक्षा क्षेत्र के मल उच्च नासिोिन स्ट ल बनाने नेतद कस पन को उच्च नासिोिन स्ट ल
बनाने की प्रौद्योमगकी नस्तासतररत करेग ।
Q 19.A
मौयों के पतन के पिात् दक्कन में सातहानन ने नपना स्हतसत्र राज्य स्थामपत ककया। उनका लगभग 450 हिों तक यासन रना।
उन्नें आन्र भ कना िाता था। पदराण और मयलालेख सातहानन के समतनास के मनत्हपूणन स्रोत नैं।
सातहानन हसय का सबसे मनान यासक गौतम पदत्र यातकणी था। उसने 106 से 130 ई. तक 24 हिन यासन ककया। उनकी मााँ
गौतम बालाश्र ्ारा उसकी उपलमब्धयााँ नामसक के मयलालेख में नमभलेमखत करहाई गईं। गौतम पदत्र यतकणी ने ससपूणन दमक्षण
पर नमधकार ककया और नपना साम्राज्य महस्तार ककया।
सातहानन यासनकाल में व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखन य प्रगमत हुई। व्यापार नपन गमतमहमधयााँ बढ़ाने के मल
श्रेमणयास बनाते थे। कद म्नार, बदनकर और तेल िैसे महमभन्न प्रकार के नस्तमयमल्पय ्ारा मनर्षमत नस्तमयल्प श्रेमणयास भ नमस्तत्ह
में आईं। व्यापार नेतद िााँद के मसक्के (मिन्नें किानपण कना िाता था) उपयोग में ला िाते थे। सातहानन काल महदेय
व्याहसामयक गमतमहमधय का भ साक्ष रना था। टॉलम ने दमक्षण के कई पत्तन का उल्लेख ककया नै। पमिम दक्कन में
नहमस्थत कल्याण सातहानन साम्राज्य का सबसे बड़ा पत्तन था। नन्य मनत्हपूणन समदद्र पत्तन गसडकसेला और गसिम पूही तट
पर थे।
सातहानन यासक िाह्मण नोने का दाहा करते थे और उन्न ने महिय िाह्मणहाद का प्रमतमनमधत्ह ककया। आरसभ से न , रािा
और रान हैकदक यज्ञ, िैसे नश्वमेध, हािपेय आकद करते थे। ससमल कथन 1 सन नै।
सातहानन में िाह्मण तथा बौि मभक्षदओं को कर-मदक्त ग्राम देने की प्रथा थ । उन्नें खेत के मल भूमम और ग्राम दान कक िाते
थे और उसे रािकीय पदमलस हस सैमनक तथा सभ प्रकार के रािकीय नमधकाररय ्ारा उत्प ड़न से मदक्त घोमित ककया िाता
था।
सातहानन ने भ बौि धमन को ससरक्षण प्रदान ककया। उन्न ने िैत्य और महनार बनहा । उन्न ने बौि मभक्षदओं को ग्राम और भूमम
दान कद । हमयष्ठ पदत्र पदलदमाह ने प्राि न नमराहत स्तूप की मरम्मत कराई। नागािदननक डा में सातहानन की स्थापत्यकला
उल्लेखन य नै। उन्न ने प्राकृ त भािा और सामनत्य को भ ससरक्षण प्रदान ककया। नाल ्ारा रमित गाना सत्तसई (गाथा सियत ),
प्राकृ त सामनत्य की क उत्कृ ष्ट कृ मत नै। ससमल कथन 2 सन ननीं नै।
Q 20.D
कथन 1 सन ननीं नै: िन-प्रमतमनमधत्ह नमधमनयम की धारा 102 के ननदसार यकद मत बराबर नैं और क नमतररक्त मत िोड़ने
से कोई प्रत्याय महिय नो सकता नै तथा यकद ररटर्सनग नमधकार ्ारा नमधमनयम के उपबसध के नध न कोई मनणनय ननीं
मलया गया नै तो उच्च न्यायालय लॉट ्ारा ससका महमनिय करेगा। ससे िदनाह में लॉटर कनते नैं।
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कथन 2 सन ननीं नै: िो प्रत्याय लॉटर में महिय नोता नै, हन िदनाह में महिय नोता नै। उदानरण के मल , हिन 2017 में
बृनन्मदसबई नगर मनगम के हाडन ससख्या 220 के िदनाह में, मयह सेना के सदरेंद्र बागलकर और ब िेप के नतदल यान को बराबर मत
प्राि हु । पररणाम का मनणनय लॉटर ्ारा ककया गया और नतदल यान महिय हु ।
Q 21.A
महश्व हायद गदणहत्ता सूिकासक पररयोिना हिन 2007 में आरसभ की गई क गैर-लाभकार पररयोिना नै। ससका ममयन नागररक
में हायद प्रदूिण के प्रमत िागरुकता को बढ़ाहा देना तथा कीकृ त और महश्वव्याप हायद गदणहत्ता की िानकार प्रदान करना नै।
यन पररयोिना 100 से नमधक देय में पारदयी हायद गदणहत्ता ससबसध िानकार प्रदान कर रन नै। पररयोिना के नसतगनत
aqicn.org और waqi.info - सन दो हेबसासट के माध्यम से 1000 बड़े यनर में 12,000 से नमधक स्टेयन को कहर ककया
िा रना नै।
ि न के ब जिग मस्थत ससकी ससस्थापक ट म में पयानहरण महज्ञान, मसस्टम ससि मनयररग, डेटा महज्ञान तथा महज़़ुनल मडिासन
क्षेत्र के कई योगदानकतान याममल नैं।
हायद गदणहत्ता सूिकासक, पार्टटकद लेट मैटर (PM2.5 और PM10), ओिोन (O3), नासिोिन डासऑक्सासड (NO2), सल्फर
डासऑक्सासड (SO2) और काबनन मोनोऑक्सासड (CO) उत्सिनन के मापन पर आधाररत नै। मानमित्र पर मस्थत नमधकासय
स्टेयन PM2.5 और PM10 डेटा की मनगरान करते नैं, लेककन कद छ नपहाद भ नैं िनााँ के हल PM10 से ससबसमधत आसकड़े
उपलब्ध नैं।
सभ मापें प्रमत घसटा प्राि नोने हाल र जडग पर आधाररत नोत नैं: उदानरण के मल , 8AM AQI का तात्पयन नै कक माप 7AM
से 8AM के मध्य की गई नै।
Q 22.B
नामलया ससदभन: सलेक्िॉमनकी और सूिना प्रौद्योमगकी मसत्रालय (MeitY) राष्ट्र य प्राकृ मतक भािा ननदहाद ममयन (National
Mission on Natural Language Translation) आरसभ करने की योिना बना रना नै।
MeitY मसत्रालय सस ममयन का कायानन्हयन करने हाल प्रमदख िेंस नै। ससके साथ मानह सससाधन महकास मसत्रालय तथा
महज्ञान और प्रौद्योमगकी मसत्रालय भ याममल नैं। ससमल कथन 1 सन ननीं नै।
यन प्रधानमसत्र महज्ञान, प्रौद्योमगकी हस नहािार सलानकार पररिद (PM-STIAC) ्ारा मिमननत प्रमदख ममयन में से क नै।
यन प्रस्ताह प्रधानमसत्र के मनदेय का पालन करते हु , MeitY ्ारा ससिामलत 100-कदहस य कायन योिना का मनस्सा नै।
कायनिम की मदख्य महयेिता ाँ:
o ससका लक्ष्य मयक्षण और ननदसध
स ान सामग्र को म्भाि - नसग्रि
े और क स्थान य भारत य भािा में उपलब्ध करहाने को
सदमहधािनक बनाकर, सभ के मल महज्ञान और प्रौद्योमगकी तक पहुसि को सदलभ बनाना नै। ससमल कथन 2 सन नै। ससे
प्राि करने के मल , सरकार मय न ननदहाद और मानह ननदहाद के ससयोिन का लाभ उिाने की योिना बना रन नै।
o भािा नहरोध को समाि करने के मल , सरकार की योिना ऐसा पाररतसत्र स्थामपत करने की नै, मिसमें कें द्र और राज्य की
िेंमसयास और स्टाटन-नप याममल न ।
o स्टाटन-नप ननदससधान करने में सनायता नेतद कायानन्हयन योग्य समाधान तैयार करके कायन को य घ्र मनष्पाकदत करने में
सनायता प्रदान कर सकते नैं।
कायनिम का मनत्ह: ननदहाद गमतमहमधयााँ मयमक्षत बेरोिगार के मल रोिगार सृिन में सनायता कर सकत नैं। यन ममयन न
के हल छात्र , बमल्क मयक्षक , लेखक , प्रकायक , ननदहाद सॉफ्टहेयर डेहलपर और सामान्य पािक की भ सनायता करेगा।
प्रधानमसत्र महज्ञान, प्रौद्योमगकी हस नहािार सलानकार पररिद (Prime Minister’s Science, Technology and
Innovation Advisory Council: PM-STIAC) के महिय में:
o PM-STIAC क महस्तृत मनकाय नै, िो महज्ञान और प्रौद्योमगकी के कद छ क्षेत्र में िदनौमतय की पनिान करता नै।
o यन पररिद ऐस िदनौमतय से मनपटने के मल रोडमैप तैयार करत नै तथा प्रधानमसत्र के समक्ष ससस्तदमतयााँ प्रस्तदत करत
नै।
o प्राकृ मतक भािा ननदहाद के नमतररक्त, PM-STIAC ्ारा पनिाने ग नन्य लक्ष्य में क्वासटम फ्रसरटयर, कृ मत्रम बदमिमत्ता
(AI), राष्ट्र य िैह-महमहधता ममयन, सलेमक्िक हानन (EV), मानह स्हास्थ्य के मल िैह महज्ञान और गनन मनासागर य
नन्हेिण याममल नैं।
Q 25.D
नरब सागर के ् प समून में लक्ष् प और ममन कॉय याममल नैं। ससपण
ू न ् प समून प्रहाल मनक्षेप से मनर्षमत नै। यनााँ लगभग 36
् प नैं मिनमें से 11 पर मानह नमधहास नैं। ममन कॉय सबसे बड़ा ् प नै मिसका क्षेत्रफल 453 हगन ककलोम टर नै। ससपूणन ् प
समून 11 मडग्र िैनल ्ारा दो भाग में महभामित ककया गया नै- उत्तर में नममन ् प और दमक्षण में कनानोर ् प। ससमल
कथन 1 सन नै।
बसगाल की खाड़ के ् प समून में लगभग 572 ् प/उप् प नै। ससपूणन ् प समून को दो भाग में महभामित ककया िा सकता नै-
उत्तर में नसडमान और दमक्षण में मनकोबार। यन ् पसमून दस मडग्र िैनल नामक िल मनकाय ्ारा महभामित नै। यन माना
िाता नै कक यन ् प समून समदद्र में िलमग्न पहनत का उमत्थत भाग नै। नालासकक, कद छ छोटे ् प मूलत: ज्हालामदख य नैं। बैरन
् प नसडमान सागर में मस्थत क ् प नै िो दमक्षण मयया में कमात्र प्रमामणत सकिय ज्हालामदख नै, और सदमात्रा से लेकर
म्यासमार तक ज्हालामदमखय की यृख
स ला के ननदकदय कमात्र सकिय ज्हालामदख नै। ससमल कथन 2 सन नै।
Q 26.D
मायनल लॉ (सेना महमध): मायनल लॉ की सबसे मनत्हपूणन महयेिता नागररक प्रामधकरण और मनयसत्रण से स्हतसत्र सैन्य कायनहान
नै। िब कोई भौगोमलक क्षेत्र मायनल लॉ के नध न रखा िाता नै, तब सेना को बदलाया िाता नै और सैन्य कमासडर क्षेत्र के
नागररक प्रामधकरण से नपना आदेय लेने के ककस महमधक दामयत्ह के नध न ननीं नोता नै। सैन्य कमासडर को क्षेत्र में नागररक
प्रामधकाररय के साथ सनयोग करने की आहयकता नो सकत नै, लेककन उसे नपने मनणनय लेने की स्हतसत्रता नोत नै। सस ससबसध
में, सेना ्ारा ककस भ नागररक पयनहेक्षण से स्हतसत्र रनकर कायन ककया िाना मायनल लॉ के नध न क्षेत्र को सेना ्ारा नागररक
प्रामधकरण की सनायता में कायन ककये िाने (िनास सेना नागररक प्रामधकरण की देखरेख और कमान के नध न कायन करत नै) से
स्पष्ट रूप से पृथक करता नै।
भारत य ससमहधान में ससकी व्याख्या ननीं की गय नै। सैन्य नमधकाररय ्ारा नागररक प्रयासन को सामान्य कानून से बानर
नपने मनयम कानून के ननदसार ससिामलत ककया िाता नै, मिससे सैन्य नमधकरण ्ारा सामान्य कानून और सरकार का
मनलसबन नो िाता नै। मायनल लॉ को नसाधारण पररमस्थमतय िैस-े यदि, आिमण, महप्लह, महद्रोन, दसगा या बल ्ारा कानून के
ककस भ जनसक प्रमतरोध को रोकने और समाि में व्यहस्था बना रखने या पदनस्थानमपत करने के मल लागू ककया िाता नै।
नागररक के नमधकार पर प्रमतबसध और महमनयमन आरोमपत करने समनत नसामान्य यमक्तयास नागररक को दसमडत कर सकत नैं
और यनास तक कक उन्नें मृत्यददड
स भ दे सकत नैं। उच्ितम न्यायालय ने घोिणा की नै कक मायनल लॉ प्रमतकियाहाद पररणाम के
तनत बसद प्रत्यक्ष करण की ररट को मनलसमबत ननीं कर सकता नै।
राष्ट्र य आपातकाल से मभन्नता:
o मायनल लॉ के हल मूल नमधकार को प्रभामहत करता नै, िबकक राष्ट्र य आपातकाल कें द्र-राज्य ससबसध, मूल नमधकार ,
महधाय यमक्तय , रािस्ह महतरण को व्यापक रूप से प्रभामहत करता नै। ससमल कथन 1 सन नै।
o सैन्य कानून साधारण कानून को मनलसमबत करता नै, िबकक राष्ट्र य आपातकाल में न्यायालय और सरकारें िार रनत नैं।
ससमल कथन 2 सन नै।
मायनल लॉ ककस भ कारण से कानून और व्यहस्था के महघटन को पदनस्थानमपत करने के मल लगाया िाता नै, िबकक राष्ट्र य
आपातकाल के हल त न आधार (ननदच्छेद 352) नथानत यदि, बाह्य आिमण या सयस्त्र महद्रोन पर न लगाया िा सकता नै।
ससमल कथन 3 सन नै।
मायनल लॉ सदैह देय के के हल कद छ क्षेत्र में लगाया िाता नै लेककन राष्ट्र य आपातकाल ककस क्षेत्र या ससपूणन देय में लगाया िा
सकता नै।
ननदच्छेद 34: िब ककस क्षेत्र में सेना महमध प्रहृत्त नै तब सस भाग ्ारा प्रदत्त नमधकार पर मनबनन्धन- भाग III के पूहनगाम
उपबसध में कद छ भ नोते हु भ सससद महमध ्ारा ससघ या ककस राज्य की सेहा में ककस भ व्यमक्त की या ककस नन्य व्यमक्त की
ककस ऐसे कायन के ससबसध में क्षमतपूर्षत कर सके ग िो उसने भारत के राज्यक्षेत्र के भ तर ककस ऐसे क्षेत्र में , िनााँ सेना महमध प्रहृत्त
थ , व्यहस्था के बना रखने या पदनःस्थान के ससबसध में ककया नै या ऐसे क्षेत्र में सेना महमध के नध न पाररत दसडादेय , कद ग
दसड, आकदष्ट समपरनण या कक ग नन्य कायन को महमधमान्य करेग ।
Q 27.C
ऑपरेयन ससकल्प:
o नामलया ससदभन: फारस की खाड़ और ओमान की खाड़ के क्षेत्र में नाल में हुई समदद्र घटनाओं के पिात्, भारत य नौसेना ने
भारत य िनाि की सदरक्षा और ससरक्षा सदमनमित करने नेतद ऑपरेयन ससकल्प आरसभ ककया नै। ससमल यदग्म 1 सन
सदममे लत नै।
o ओमान की खाड़ में बढ़ते हु तनाह को देखते हु यन ऑपरेयन आरसभ ककया गया नै , िनास नाल न में दो तेल टैंकर पर
नमला ककया गया। नमेररका सन नमल के मल ईरान को मिम्मेदार मानता नै, मिससे दोन देय के मध्य तनाह बढ़ रना
नै।
Q 28.B
लगभग 2300 हिन पूहन तममल में कद छ आरसमभक कृ मतय की रिना हुई। सन्नें ससगम सामनत्य के रूप में िाना िाता नै। मददरई नगर
में आयोमित कमहय की सभाओं (मिन्नें ससगम के रूप में िाना िाता नै) में रमित और ससकमलत सामनत्य को ससगम सामनत्य कना
गया ।
आरसमभक तममल सामनत्य (ससगम सामनत्य) में दमक्षण भारत के गासह में मनहास करने हाले लोग की महमभन्न श्रेमणय का उल्लेख
नै। बड़े भू-स्हाममय को हेल्लार के रूप में िाना िाता था, साधारण नलहान को उझाहर के रूप में िाना िाता था और दास
समनत भूममन न मिदूर को कडैमसयार और आकदमई के रूप में िाना िाता था। यन ससभाहना नै कक ये महभेद भूमम, श्रम और
कद छ नई प्रौद्योमगककय तक पहुसि पर आधाररत थे। ससमल के हल यदग्म 2 सन सदममे लत नै।
देय के उत्तर भाग में गासह के मदमखया को ग्रामभोिक के रूप में िाना िाता था। सामान्य तौर पर, कई प कढ़य तक क न
पररहार के लोग यन पद धारण करते थे। ग्रामभोिक प्राय: सबसे बड़ा भूस्हाम नोता था। ग्रामभोिक के नमतररक्त नन्य स्हतसत्र
ककसान (मिन्नें ग्रनपमत के रूप में िाना िाता था) भ नोते थे, मिनमें से नमधकासय छोटे भू-स्हाम थे। साथ न दास कमनकार िैसे
लोग भ थे, मिनके पास कोई भूमम ननीं थ और उनको दूसर के स्हाममत्ह हाले खेत पर कायन करके आि महका नर्षित करन
पड़त थ ।
Q 29.A
कदहाला और योधन नक्षमता ससमनता (IBC), 2016 भारत का कदहामलयापन कानून नै िो कदहाला और योधन नक्षमता के
मल कल कानून बनाकर हतनमान ढााँिे को सयक्त करने का प्रयास करता नै। यन भारत में कदहाला और योधन नक्षमता की
कायनहान की प्रकिया त्हररत करने और सरल बनाने के उद्देय से तैयार ककया गया, िो ऋण और मडफ़ॉल्ट की िानकार की
महिमता को दूर करके ऋण (Debtor) और लेनदार (Creditor) के मध्य मनष्पक्ष ससव्यहनार को सदमनमित करता नै।
IBC, 2016 के प्राहधान व्यमक्तय , नस ममत भाग दार हाल फमों, स ममत दामयत्ह हाल भाग दाररय और कस पमनय पर
लागू नोते नैं।
यन ससमनता व्यमक्तय , कस पमनय और साझेदार फमों के मल नलग-नलग योधन नक्षमता समाधान प्रकियाओं की रूपरेखा
तैयार करत नै। यन प्रकिया, ऋण या लेनदार में से ककस के भ ्ारा आरसभ की िा सकत नै। कस पमनय के मल यन प्रकिया
180 कदन में पूणन करन नोत नै, मिसे नमधकासय लेनदार की सनममत से 90 कदन तक बढ़ाया िा सकता नै। स्टाटननप
(भाग दार हाल फमों के नमतररक्त), छोट कस पमनय और नन्य कस पमनय (1 करोड़ रुपये से कम पररससपमत्त हाल ) के मल
सामाधान प्रककया ननदरोध करने के 90 कदन के भ तर पूणन करन नोत नै, मिसे 45 कदन तक बढ़ाया िा सकता नै।
कॉपोरेट कदहाला समाधान प्रकिया तभ आरसभ की िा सकत नै िब मडफ़ॉल्ट की न्यूनतम रामय क लाख रुपये या सससे
नमधक कोई रामय, िैसा कक कें द्र सरकार ्ारा नमधसूमित ककया िा और िो क करोड़ रुपये से नमधक न नो। ससमल कथन
1 सन नै।
Q 30.D
नसन गसगू बनमन (िो देहमगर का क तदकी नमधकार था) ने गदलबगान में नपन रािधान के साथ 1347 ई. में स्हतसत्र
बनमान राज्य की स्थापना की।
1336 ई. में नररनर राय और बदक्काराय ्ारा महियनगर साम्राज्य की स्थापना के क दयक के पिात् बनमन सल्तनत की
स्थापना हुई।
स्पष्ट रूप से, महियनगर के यासक और बनमन सदल्तान के मनत में ससघिन त न नलग-नलग और महमयष्ट क्षेत्र में नोता था:
o तदग
स भद्रा दोआब: तदसगभद्रा और कृ ष्णा नकदय के मध्य का क्षेत्र नत्यसत उपिाऊ था, िो तदसगभद्रा दोआब के रूप में िाना िाता
था।
o कृ ष्णा-गोदाहर डेल्टा: सस डेल्टा का दोनरा मनत्ह था। पनला, यन नत्यसत उपिाऊ था। दूसरा, ससमें कई मनत्हपूणन पत्तन
थे मिनके माध्यम से स लोन (श्र लसका), ससडोनेमयया, मलाया और बमान िैसे कई बानर देय के साथ लाभदायक व्यापार
नोता था, मिसके कारण दोन यमक्तयास सस क्षेत्र पर नपना हिनस्ह कायम करना िानत थीं।
o क कण (आधदमनक मनाराष्ट्र) का उपिाऊ तट य मैदान, मिसमें फारस और नरब के साथ व्यापार करने नेतद व्याहसामयक
रूप से मनत्हपूणन पत्तन थे। ससमल महकल्प (d) सन उत्तर नै।
Q 31.B
सभ प्रस्ताह , मिनकी मनयम के नसतगनत लोकसभा समिहालय में सूिना प्राि नोत नै, को मनम्नमलमखत श्रेमणय के नसतगनत
हगीकृ त ककया िाता नै नथानत्:
o मूल प्रस्ताह;
o स्थानापन्न प्रस्ताह; और
o गौण प्रस्ताह मिन्नें आगे त न हगों में महभामित ककया िाता नै:
सनायक प्रस्ताह,
नमधस्थाय प्रस्ताह, और
ससयोधन।
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ककस न मत या मस्थमत या हक्तव्य या ककस नन्य महिय पर महिार करने के मल मूल प्रस्ताह का प्रमतस्थापन करते हु ला
िाने हाले प्रस्ताह को स्थानापन्न प्रस्ताह कना िाता नै। ससमल कथन 1 सन नै।
ऐसे प्रस्ताह ऐसे ढसग से प्रारूमपत कक िाते नैं कक उनसे स्हयस कोई राय नमभव्यक्त नो सके , यथाथन रूप में ये प्रस्ताह मूल प्रस्ताह
ननीं नोते नैं, क्य कक ये मूल प्रस्ताह पर मनभनर नोते नैं। ससमल कथन 2 सन ननीं नै।
ककस न मत या मस्थमत या हक्तव्य या ककस नन्य महिय पर महिार करने के प्रस्ताह पर ससयोधन प्रस्तदत करने की ननदममत ननीं
नोत नै। नत ह सस प्रकार के प्रस्ताह का मनपटान मनयम 342 के नसतगनत सदन के मतदान के मल रखे मबना ककया िाता नै ,
ससमल ऐसे प्रस्ताह के ससबसध में के हल स्थानापन्न प्रस्ताह न प्रस्तदत ककया िा सकते नैं। स्थानापन्न प्रस्ताह में ससयोधन की भ
ननदममत ननीं नोत नै। ससमल कथन 3 सन नै।
बनस के नसत में के हल स्थानापन्न प्रस्ताह सदन के मतदान के मल रखा िाता नै। ससमल कथन 4 सन नै।
Q 32.B
पूहनहती प्रहान हन प्रहान नोता नै िो सतन के न िे की िट्टान स्थलाकृ मत में पररहतनन (उत्थान) के बाहिूद नपना मूल मागन
और प्रमतरूप बना रखता नै। नालासकक, िैसे-िैसे उत्थान नोता नै, प्रहान ऊपर उिते कटक का नपरदन कर मनाखड्ड का मनमानण
करता नै। मनमालय की कई नकदयास पूहनहती उद्गम का नच्छा उदानरण नैं। मनमालय क्षेत्र का उत्थान नोने से काफी पनले न सन
नकदय की उत्पमत्त नो िदकी थ । जसधद , िह्मपदत्र, सतलदि, कोस और सदबनमसर नकदय का उद्भह मतब्बत की ओर से हुआ था
और नब ये हतनमान पहनत यृसखलाओं को काटकर गनरे मनाखड्ड बनाते हु उनको पार कर रन नैं। ससमल कथन (a) सन नै।
मनम रेखा स्थाय मनमाच्छादन की मनिल स्थलाकृ मतक स मा को कनते नैं। पूही मनमालय में मनमरेखा मनम्नमलमखत कारण से
पमिम मनमालय की तदलना में नमधक ऊसिाई पर नै। ससमल कथन (b) सन ननीं नै।
o नक्षासय य नसतर नथानत पमिम मनमालय की तदलना में पूही मनमालय उष्णकरटबसध के मनकट नहमस्थत नै।
o पमिम मनमालय में हिनण तदलनात्मक रूप से कम नोता नै और नमधकतर मनमपात के रूप में नोता नै िबकक पूही मनमालय
में हिनण नमधक नोता नै और नमधकतर हिान के रूप में नोता नै।
कै ल (पासनस हमल्लमियाना) मनमालय, काराकोरम और जनदू कद य पहनत का देयि यसकदधार सदाबनार हृक्ष नै। यन 1800-4300
म टर की ऊसिाई पर मस्थत पहनत घारटय में उगता नै। ससके मल यदष्क य तऋतद और आद्रन ग्र ष्मऋतद हाल य तोष्ण िलहायद
ननदकूल नोत नै। ससका महमयष्ट पयानहास पहनत यृसखला स और मनमनद य उच्ि नसतर प नैं, लेककन यन देहदार, भूिन, स्प्रूस और
सनोबर के साथ मममश्रत हन या प्राथममक प्रिामत के रूप पररपक्व हन क्षेत्र का मनमानण करता नै।
सेमल का हृक्ष (बॉम्बैक्स सेसबा) समदद्र तल से 1300 म टर की ऊसिाई तक पमिम मनमालय में व्यापक रूप से महतररत नै।
सेमल के हृक्ष की क महमयष्ट महयेिता यन नै कक ये कभ भ समून में उगते ननीं कदखते नैं और सदैह काकी हृक्ष के रूप में
उगते नैं । ससकी कमलय का भोिन के रूप में उपयोग ककया िाता नै। ससमल कथन (c) सन नै।
लघद मनमालय और मयहामलक के मध्य मस्थत ननददध्ै यन घारटय को दून के नाम से िाना िाता नै। सन घारटय में मनमालय
नकदय ्ारा लाया गया मोटा िलोढ़ मनक्षेमपत नै। देनरा दून , कोटल दून और पाटल दून कद छ सदमहख्यात दून नैं। ससमल कथन
(d) सन नै।
Q 33.C
ब्याि कहरेि ननदपात की गणना, ककस द गई नहमध में कस पन की ब्याि और कर पूहन की आय (earnings before interest
and taxes: EBIT) को उस नहमध के दौरान कस पन ्ारा देय ब्याि से महभामित करके की िा सकत नै।
ब्याि कहरेि ननदपात, ऋण ननदपात और लाभप्रदता ननदपात नै मिसका उपयोग यन मनधानररत करने नेतद ककया िाता नै कक
कस पन नपने बकाया ऋण पर ककतन सरलता से ब्याि का भदगतान कर सकत नै। ससमल कथन 1 सन नै।
ब्याि कहरेि ननदपात को "टासम्स ससटरेस्ट नन्डन" भ कना िाता नै। ऋणदाता, मनहेयक और लेनदार प्रायः कस पन के हतनमान
ऋण के सापेक्ष या भमहष्य में मल िाने हाले ऋण के मल िोमखम का मनधानरण करने नेतद सस सूत्र का उपयोग करते नैं।
कॉपोरेट ऋण का लगभग क-मतनाई, 1 से कम ब्याि कहरेि ननदपात हाल कस पमनय ("IC1 कस पमनय ") के ऊपर बकाया था।
उनमें से कई नहससरिना (महयेि रूप से महद्यदत उत्पादन) और धातद पररयोधन क्षेत्रक की थीं। नालासकक, नाल न में हिन 2019
में यन क मनमित स्तर तक बढ़ा नै। ऐसा मदख्य रूप से RBI ्ारा ब्याि व्यय में कम करने नेतद उिा ग कदम के कारण हुआ
Q 35.B
कथन 1 सन नै: राज्य सभा का महघटन ननीं नोता नै, ककन्तद उसके सदस्य में से यथाससभह मनकटतम क-मतनाई सदस्य, सससद
की महमध ्ारा सस मनममत्त मनर्षमत प्राहधान के ननदसार, प्रत्येक म्त य हिन की समामि पर यथायक्य य घ्र सेहामनहृत्त नो िाते
नैं। सस प्रकार, सस ससबसध में िन प्रमतमनमधत्ह नमधमनयम, 1951 में प्राहधान को समम्ममलत ककया गया नै।
कथन 2 सन ननीं नै: सस ससबसध में ससमहधान में यन प्राहधान नै कक सससद कानून ्ारा क मतनाई सदस्य को सेहामनहृत्त करने
की प्रकिया मनधानररत करेग । िन प्रमतमनमधत्ह नमधमनयम की धारा 154 (1) के ननदसार, क आकमस्मक ररमक्त को भरने के
मल िदने ग सदस्य के नमतररक्त राज्य सभा के सदस्य की पदाहमध छन हिन की नोग । नत: राज्य सभा के सदस्य के
कायनकाल सम्बन्ध प्राहधान ससमहधान ननीं, बमल्क िन प्रमतमनमधत्ह नमधमनयम करता नै।
कथन 3 सन नै: ककस सदस्य की पदाहमध की समामि पर उसकी सेहामनहृमत्त के नमतररक्त नन्यथा उत्पन्न हुई ररमक्त को भरने के
मल करा ग मनहानिन को 'उप िदनाह' कना िाता नै। उपिदनाह में मनहानमित कोई सदस्य उस सदस्य की येि कायानहमध तक
सदस्य बना रन सकता नै मिसने त्यागपत्र दे कदया था या मिसकी मृत्यद नो गई थ या िो दसहीं ननदसि
ू के नध न सदन का
सदस्य नोने के मल मनरनन नो गया था।
Q 36.D
कथन 1 सन ननीं नै: ननदच्छेद 138 के ननदसार:
o उच्चतम न्यायालय को ससघ सूि के महिय में से ककस के ससबध
स में ऐस नमतररक्त नमधकाररता और यमक्तयॉं न ग िो सससद
महमध ्ारा प्रदान करे।
o यकद सससद महमध ्ारा उच्चतम न्यायलय ्ारा ऐस नमधकाररता और यमक्तय के प्रयोग का उपबसध करत नै तो उच्चतम
न्यायलय को ककस महिय के ससबसध में ऐस नमतररक्त नमधकाररता और यमक्तयास न ग िो भारत सरकार और ककस राज्य
की सरकार महयेि करार ्ारा प्रदान करे।
ससमल , ससघ सूि , सससद तथा ककस भ नन्य महिय में, भारत सरकार हस ककस भ राज्य की सरकार के ब ि सनममत से
सससद, सहोच्च न्यायालय की यमक्तय ह नमधकाररता का महस्तार कर सकत नै। ससमल राज्य महधानसभाओं के पास सहोच्च
न्यायालय की यमक्तय के महस्तार के महिय में कोई यमक्तयास ननीं नैं।
कथन 2 सन ननीं नै: उच्ितम न्यायालय (दामडडक नप ल य नमधकाररता महस्तारण) नमधमनयम, 1970 को सससद ्ारा
दामडडक मामल में सहोच्च न्यायालय की नप ल य नमधकाररता का ऐसे मामल पर महस्तार करने के मल पाररत ककया गया
था, मिनमें उच्च न्यायालय ने नप ल में ककस नमभयदक्त की दोिमदमक्त के आदेय को उलट कदया नो तथा उसे आि हन या दस हिन
या उससे नमधक की नहमध के मल काराहास का दसडादेय कदया नो या कफर िनास उच्च न्यायालय ने नपने प्रामधकार के नध नस्थ
ककस न्यायालय से ककस हाद को महिारण के मल नपने समक्ष मासग मलया नो।
Q 37.C
सरमहन की घोिणा, कदनासक 31 नक्टूबर, 1929, मिसे कदहाल घोिणा भ कना िाता नै, भारत य रािपत्र में क आमधकाररक
महज्ञमि के रूप में की गई थ । घोिणा में कना गया था कक - "यन 1917 की घोिणा में मनमनत नै कक भारत की ससहैधामनक प्रगमत
का स्हाभामहक मदद्दा, िैसा कक उन्न ने नपेमक्षत ककया नै, डोमममनयन स्टेटस की प्रामि नै।" ससमल कथन 2 सन नै।
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पूणन स्हराि की घोिणा या भारत की स्हतसत्रता के घोिणा-पत्र के मल प्रमसि लानौर नमधहेयन, 1929 िहानरलाल नेनरू
तथा नन्य िासमतकाररय के प्रभाह में 19 कदससबर, 1929 को मिरटय साम्राज्य से स्हतसत्रता, पूणन स्हराज्य या पूणन स्हयासन के
मल कासग्रेस तथा भारत य राष्ट्रहाकदय को प्रमतबि करते हु भारत य राष्ट्र य कासग्रेस ्ारा प्रख्यामपत ककया गया था। ससमल
कथन 1 सन ननीं नै।
भारत य के सनयोग को प्राि करने नेतद म्त य महश्व यदि के दौरान मिरटय सरकार ने 8 नगस्त, 1940 को क घोिणा की,
मिसे 'नगस्त प्रस्ताह ' के रूप में िाना िाता था। ससके प्राहधान सस प्रकार थे:
o यदि के पिात भारत के मल ससमहधान का मनमानण करने नेतद क मनकाय तैयार ककया िाना था मिसमें भारत य प्रमतमनमध
नोने थे।
o भारत के मल मिरटय न मतय के उद्देय के रूप में डोमममनयन स्टेटस का स्पष्ट रूप से उल्लेख ककया गया था। ससमल
कथन 3 सन नै।
o हायसराय की कायनकार पररिद को नसग्रेि की तदलना में पनल बार नमधक ससख्या में भारत य को समम्ममलत करने नेतद
तदरसत महस्ताररत ककया िाना था। यद्यमप, रक्षा, महत्त तथा गृन महभाग मिरटय के पास न रनने थे।
o क परामयनदात्र यदि पररिद की स्थापना की िान थ ।|
o नल्पससख्यक को क आश्वासन कदया गया था कक सत्ता का कोई नस्तासतरण “सरकार की ऐस ककस भ प्रणाल के मल ”
ननीं नोगा, मिसके प्रामधकार को भारत य राष्ट्र य ि हन में महयाल हस यमक्तयाल तत्ह ्ारा स धे तौर पर नकार कदया
िा ।
o कासग्रेस ने नगस्त प्रस्ताह को नस्ह कार कर कदया। िहानर लाल नेनरू ने कना कक डोमममनयन स्टेटस का पूरा महिार
‘दरहािे में िड़ िसग लग कील की तरन मृत’ नै।
Q 38.B
नसतरराष्ट्र य मनत्ह की आद्रनभूममय (महयेि रूप से िलपक्ष पयानहास के रूप में) पर रामसर नमभसमय, आद्रनभूममय के ससरक्षण
हस ससधारण य उपयोग के मल क नसतरराष्ट्र य ससमध नै। ससे आद्रनभूमम पर नमभसमय के रूप में भ िाना िाता नै। ससका नाम
ईरान के रामसर यनर के नाम पर रखा गया नै, िनास 1971 में सस नमभसमय पर नस्ताक्षर कक ग थे।
हतनमान में, ससके 171 सदस्य नैं मिन्न ने नसतरराष्ट्र य मनत्ह की 2300 से नमधक आद्रभूनममय को िोड़ते हु ससका ननदसमथनन
ककया नै।
रामसर नमभसमय में समम्ममलत नोने हाले राष्ट्र से दो नमनहायनता ाँ नपेमक्षत नैं-
o ननदसमथनन या ससमध नेतद स्ह कृ मत प्रपत्र िमा करते समय, नसतरराष्ट्र य मनत्ह की आद्रनभूममय की सूि के मल नपने क्षेत्र से
कम से कम क आद्रनभूमम नाममत करना प्रत्येक देय के मल नमनहायन नै। ससमल कथन 1 सन ननीं नै।
o दूसरा, तत्पिात सरकार से योिना मनर्षमत करने तथा उसे कायानमन्हत करने की नपेक्षा की िात नै ताकक नसतरराष्ट्र य
मनत्ह की आद्रनभूममय की सूि में समम्ममलत आद्रनभूमम के ससरक्षण को बढ़ाहा कदया िा सके तथा िनास तक ससभह नो उसके
क्षेत्र में आद्रनभूममय का बदमिमत्तापूणन उपयोग ककया िा सके ।
रामसर आद्रनभमू मयौन को मनम्न प्रकार में हगीकृ त ककया िाता नै:
o समदद्र /तट य आद्रनभूमम: प्रहाल मभमत्तयास, समदद्र तट, लैगून आकद।
o नसतदेय य आद्रनभूमम: म िे पान के सोते, ससकर खाड़ या मनहेमयका, दलदल आकद।
o मानह मनर्षमत आद्रनभूमम: िलकृ मि तालाब, जसमित भूमम, ननरें आकद। उदानरण के मल पसिाब में नररके झ ल। ससमल
कथन 2 सन नै।
Q 39.B
कराि नमधहेयन 1931:
o कराि प्रस्ताह को भारत य राष्ट्र य कासग्रेस ने नपने 1931 के कराि नमधहेयन में पाररत ककया था। यन नमधहेयन त न
प्रमदख घटनाओं की पृष्ठभूमम में आयोमित ककया गया था। पनल , मनात्मा गासध नपने नमक सत्याग्रन के बाद िेल से ररना
हु थे। दूसर , सस समय गासध -सरमहन समझौता ससपन्न हुआ था मिसमें समहनय नहज्ञा आसदोलन की समामि की घोिणा
की गई थ । हस त सर , मिरटय सरकार ्ारा नमधहेयन से क सिान पनले, भगत जसन ह उनके दो सनयोमगय को
काकोर िड्यसत्र के मसलमसले में फासस द गई थ ।
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o यन त न-पृष्ठ य ससकल्प पत्र मोटे तौर पर नधन -कानून यैल में मलखा गया था। ससमें 'पूणन स्हराि' या 'पूणन स्हतसत्रता' नेतद
कासग्रस
े पाटी की प्रमतबिता को दोनराया गया था। नागररक स्हतसत्रता को ससरमक्षत करने हाले मूल नमधकार के नमतररक्त,
प्रथम बार प्रस्ताह में सामामिक-आर्षथक मसिासत /नमधकार की क सूि प्रस्तदत की गई, मिनका भारत य राज्य को पालन
करना था। सनमें समम्ममलत थे: औद्योमगक श्रममक को ससरक्षण ह मन:यदल्क प्राथममक मयक्षा तथा कृ मि श्रम को ससरक्षण
प्रदान करना, बालश्रम को समाि करना। सस प्रस्ताह में क गासध हाद प्रभाह भ कदखता नै, प्रस्ताह में मादक पेय तथा
नय ले पदाथों को भ प्रमतबसमधत ककया गया था। ससमल कथन 1 सन ननीं नै।
o कराि प्रस्ताह में मूल नमधकार पर भ क प्रस्ताह पाररत ककया गया था। ससमल कथन 3 सन नै।
o कराि प्रस्ताह में समम्ममलत सामामिक-आर्षथक प्राहधान ने भारत य ससमहधान के भाग IV ( राज्य की न मत के मनदेयक
तत्ह) को तैयार करने में ससमहधान सभा का भ मागनदयनन ककया। ससमल कथन 2 सन नै।
Q 40.A
मतलनन की खेत देय भर में लगभग 26 मममलयन नेक्टेयर भूमम पर की िात नै, िो बाररय हाले क्षेत्र में 72% नोत नै तथा
लगभग 30 मममलयन टन मतलनन का उत्पादन नोता नै। नौ प्रमदख मतलनन में सोयाब न (39%), मूसगफल (26%) तथा
रेपस ड-सरस (24%) देय के कद ल मतलनन उत्पादन में 88% से नमधक का योगदान करते नैं। नत: कथन 2 सन ननीं नै।
भारत नपन खाद्य तेल आहयकताओं की पूर्षत नेतद आयात पर नत्यमधक मनभनर करता नै, साथ न यन महश्व में हनस्पमत तेल
का सबसे बड़ा आयातक भ नै। िबकक ि न ह ससयदक्त राज्य नमेररका दूसरे ह त सरे स्थान के आयातक नैं। सभ आयामतत खाद्य
तेल में पाम ऑयल का मनस्सा लगभग 60% नै, ससके उपरासत सोयाब न तेल की 25% ह सूरिमदख तेल की (12%)
मनस्सेदार नै। महगत दयक के दौरान खाद्य तेल के ससबसध में आयात हृमि लगभग 174% थ । ससमल कथन 1 सन नै।
ससमल महकल्प a सन उत्तर नै।
Q 41.B
मनहानन या ि महका कृ मि उसे कनते नैं, िब ककसान स्हयस की आहयकताओं की पूर्षत नेतद खाद्य फ़सल का उत्पादन करता नैं।
गनन मनहानन कृ मि में ककसान सरल साधन हस नमधक श्रम का उपयोग करके क छोटे से भूखसड पर कृ मि करता नै।
गनन मनहानन कृ मि काफी नद तक मानसून प्रकार की नोत नै िो मयया के सघन आबाद क्षेत्र में पाय िात नै। गनन मनहानन
कृ मि मूल रूप से दो प्रकार की नोत नै। ससमल कथन 2 सन नै।
o नम यदक्त धान की खेत हाल गनन मनहानन कृ मि: धान की फसल की प्रधानता सस प्रकार की कृ मि की महयेिता नै। ससमें
िनससख्या के उच्च घनत्ह के कारण भूधाररता बहुत कम नोत नै। भूमम के गनन उपयोग के मल ककसान पाररहाररक श्रम की
सनायता से काम करते नैं। मय नर का उपयोग स ममत नोता नै तथा नमधकासय कृ मि कायन यार ररक श्रम ्ारा कक िाते
नैं। मृदा की उहनरता को बना रखने के मल खेत की खाद का उपयोग ककया िाता नै। सस प्रकार की कृ मि में प्रमत सकाई
क्षेत्र में पैदाहार नमधक नोत नै, परसतद प्रमत श्रम उत्पादकता कम नोत नै। ससमल कथन 1 सन ननीं नै।
o धान के नमतररक्त नन्य फसल की प्रधानता हाल गनन मनहानन कृ मि: उच्चाहि, िलहायद, मृदा हस कद छ नन्य भौगोमलक
कारक में मभन्नता के कारण मानसून मयया के कई मनस्स में धान का उत्पादन व्याहनाररक ननीं नै। गेह,ाँ सोयाब न, िौ
हस सोघनम (िारा, ज्हार आकद) मदख्यतः उत्तर ि न, मसिूररया, उत्तर कोररया ह उत्तर िापान में उगा िाते नैं। भारत में
गेहस जसधद-गसगा के मैदान के पमिम भाग में उत्पाकदत ककया िाता नै तथा बािरा पमिम ह दमक्षण भारत के यदष्क क्षेत्र
में उगाया िाता नै। सस प्रकार की कृ मि की नमधकासय महयेिता स नम यदक्त धान की प्रधानता हाल कृ मि के समान नैं,
मसहाय ससके कक सनमें प्रायः जसिाई का उपयोग ककया िाता नै।
हामणमज्यक ननाि की व्यापक कृ मि, मध्य नक्षासय की निन-यदष्क भूमम के आसतररक भाग में प्रिमलत नै। गेहस प्रमदख फसल नै,
यद्यमप, नन्य फसल िैसे मक्का, िौ, िई हस राई की भ पैदाहार नोत नै। यनााँ कृ मिभूमम का क्षेत्र बहुत बड़ा नोता नै, नत:
िदताई से लेकर कटाई तक की सार प्रकिया स यसत्र कृ त नोत नैं। यनााँ प्रमत कड़ कम उपि नोत नै, परसतद प्रमत व्यमक्त उच्च उपि
प्राि की िात नै।
Q 42.A
थार रेमगस्तान हाले उष्ण हस यदष्क उत्तर-पमिम भारत में मरुस्थल करण क गसभ र समस्या नै। देय की 32 मममलयन नेक्टेयर
उष्ण हस यदष्क भूमम में 62 प्रमतयत के साथ रािस्थान की नमधकतम मनस्सेदार नै। थार मरुस्थल पूहन में नराहल पहनत यृसखला
Q 44.C
बयोल िम्मू-कम र के किद आ मिले का क छोटा-सा यनर नै। ससकी स्थापना रािा भूपतपाल ने 1635 ई. में की थ और यन
क महयेि तथा ि हसत यैल की पनाड़ लघद मित्रकला के मल प्रमसि नै। ससे रािा कृ पाल पाल के ससरक्षण में पनाड़ क्षेत्र की
मित्रकला का सबसे आरसमभक कें द्र माना िाता नै।
Q 45.C
मोरक्को का यात्र और उत्तर नफ्रीका के तासमियर के मनहास सब्न बतूता िौदनहीं यताब्द (1333) में भारत आया और आि
साल तक मदनम्मद तदगलक के दरबार में रना।
उसने पूरे भारत का भ्रमण ककया और देय के उत्पाद के ससबसध में बहुत कदलिस्प महहरण प्रस्तदत ककया, मिसमें उसने फल ,
फू ल , औिध य गदण हाले पादप , सड़क की मस्थमत और लोग के ि हन के बारे में मलखा। उसके ननदसार, पूरब और दमक्षण में
धान और गन्ने की खेत , िबकक उत्तर में गेंह और मतलनन आकद की खेत नोत थ । सब्न बतूता के महहरण में बताया गया नै कक
मृदा सतन उपिाऊ थ कक हन नर हिन दो फसलें पैदा सकत थ , धान की बदआई साल में त न बार की िात थ ।
सब्न बतूता ने कदल्ल को सस्लाममक ददमनया के पूही मनस्से का सबसे बड़ा नगर कना नै। उसने मलखा नै कक फै लाह की दृमष्ट से
दौलताबाद (देहमगर) कदल्ल के बराबर था—और उत्तर तथा दमक्षण भारत के मध्य व्यापार के महकास का सूिक था।
सब्न बतूता क भयानक दृय का हणनन करता नै, मिसमें ढ़ोल-नगाड़ के साथ क स्त्र नपने पमत की मिता पर नपने आप को
िला लेत नै। उसके ननदसार, सत नोने के मल सदल्तान की ननदममत लेन पड़त थ ।
उसे मोनम्मद मबन तदगलक ्ारा कदल्ल का ‘काि ’ मनयदक्त ककया गया था। हन सस पद पर 8 साल तक बना रना। कफर उसको
प्राि सदल्तान का महश्वास समाि नो गया और उसे कारागार में डाल कदया गया। कद छ समय बाद हन छू टा तो उसे 1342 में ि न
के मल रािदूत बना कदया गया। ससमल महकल्प (c) सन नै।
‘ररनला’ सब्न बतूता का प्रमसद्द यात्रा हृतासत नै, मिसमें उसकी सभ मदमस्लम देय और आसपास के क्षेत्र में की गय यात्राओं का
हणनन ककया नै। यन मदमस्लम ददमनया के क बड़े मनस्से के सामामिक-सासस्कृ मतक और रािन मतक समतनास के कई पनलदओं
को उिागर करने हाला मनत्हपूणन दस्ताहेि नै।
भारत में रनने के दौरान उसका दरबार से घमनष्ठ ससबसध था और उसे देय से ससबसमधत मामल के नध्ययन का नच्छा नहसर ममला
था। उसकी नरब में मलख ककताब को मदनम्मद तदगलक के साम्राज्य का प्रामामणक महहरण माना िाता नै। कद छ समतनासकार
को ऐसा लगता नै कक सब्न बतूता ने कभ -कभ व्यथन नफहान का भ महहरण ककया नै। साथ न , हन फ़ारस या ककस भारत य
भािा से भ पररमित ननीं था।
नल-बरून की ककताब-उल-मनन्द नरब भािा में मलख गय थ । यन सरल और स्पष्ट यब्द में मलखा गया क महस्तृत ग्रन्थ नै,
मिसे धमन तथा दयनन, त्यौनार , ज्योमति, रसायन महद्या, र मत-ररहाि और प्रथाओं, सामामिक ि हन, तौल और माप,
मूर्षतकला, कानून तथा माप-पिमत िैसे महिय के ननदसार 80 नध्याय में महभामित ककया गया नै।
Q 46.B
भारत य महज्ञान मयक्षा हस ननदससधान ससस्थान (IISER), पदणे के हैज्ञामनक की ट म का दाहा नै कक उन्न ने McrBC की
परमामडहक ससरिना का मनधानरण कर मलया नै- यन क िरटल ि हाणद प्रोट न नै, िो ि हाणद कोमयका को महिाणद ससिमण से
बिाता नै और आमडहक कैं ि की तरन काम करता नै।
McrBC की ससरिना का मनधानरण ‘फे ि थेरेप ’ पर द घनकामलक प्रभाह डालेगा और ससका उपयोग भमहष्य में दहा प्रमतरोध
ससिमण से मनपटने में ककया िा सकता नै।
फे ि थेरेप के बारे में:
फे ि महिाणदओं के समून नोते नैं, िो ि हाणद कोमयकाओं को ससिममत करते और उन्नें नष्ट कर देते नैं और फे ि थेरेप ि हाणद
ससिमण का सलाि करने के मल ि हाणदभोि (बैक्ट ररयोफ़े ि) का मिककत्सकीय उपयोग नै।
आमडहक कैं ि कै से काम करत नै?
मिस तरन मानह यर र में हायरस से लड़ने के मलये प्रमतरक्षा प्रणाल नोत नै, उस तरन ि हाणद में भ फे ि (हे महिाणद, िो
ि हाणद कोमयकाओं को ससिममत करते नैं) से लड़ने के मल व्यापक रक्षा तसत्र नोता नै।
Q 47.A
कथन 2 सन नै: राष्ट्र य स्हच्छ ऊिान मनमध (National Clean Energy Fund: NCEF) का गिन हिन 2010-11 में काबनन
कर–स्हच्छ ऊिान उपकर का उपयोग करके ककया गया था।
स्हच्छ ऊिान उपकर का आरसभ हिन 2010 में ककया गया। यन कोयला, मलग्नासट और प ट के उत्पादन और आयात पर "पोल्यूटर
पेज़ (polluter pays)" मसिासत के आधार पर ससिामलत नै। यन उपकर प्रथम बार प्रत्येक टन कोयले के उत्पादन या आयात कर
पर 50 रुपये की दर से आरोमपत ककया गया। हिन 2016 तक यन रामय बढ़कर 400 रुपये नो गई।
कथन 1 सन नै: ससका लक्ष्य साहनिमनक क्षेत्र या मनि क्षेत्र की सकासय की स्हच्छ ऊिान प्रौद्योमगकी में योध और नहािार
पररयोिनाओं के मल , कद ल पररयोिना लागत के 40% तक महत्तपोमित करना नै। सनायता, ऋण या व्यहनायनता नसतराल
मनमधयन (िो भ ऐस पररयोिनाओं के लाभ का मनणनय लेने हाले नसतर-मसत्रालय समून के ननदरूप उपयदक्त माना िा ) के रूप
में उपलब्ध नोत नै।
कथन 3 सन ननीं नै: सस मनमध को लोक लेखा के नसतगनत गैर-व्यपगत मनमध के रूप में नमभकमल्पत ककया गया नै। ससका
समिहालय महत्त मसत्रालय के व्यय महभाग के योिना महत्त II ननदभाग में मस्थत नै।
Q 48.A
कथन 1 सन नै और कथन 3 सन ननीं नै। ग्रेट ससमडयन बस्टडन; हैज्ञामनक नाम: आडीओरटस नासग्र सेप्स (Ardeotis
nigriceps) सारसग या बस्टडन (ओरटमडडे) कद ल का क बड़ा पक्ष नै, यन महश्व के उड़ने हाले सबसे भार पमक्षय में से क नै।
ग्रेट ससमडयन बस्टडन यदष्क घास के मैदान और झामड़य में पाया िाता नै; यन भारत के रािस्थान राज्य में सहानमधक पाया िाता
नै।
ग्रेट ससमडयन बस्टडन सहाननार नोते नैं, िो नहसर के ननदसार महमभन्न प्रकार का आनार ग्रनण करते नैं। हे महमभन्न आर्थ्रोपोड
(ससमधपाद ), कृ ममय , छोटे स्तनधाररय और छोटे सर सृप का मयकार करते नैं। कीट, िैसे यलभ (locusts), झींगदर
(crickets) और भौंरे ग्र ष्मकाल न मानसून (िब भारत में हिान नत्यमधक नोत नै) के दौरान सनके आनार का बड़ा भाग बनते
नैं और यन सस पक्ष के मल आम तौर पर प्रिनन नहमध नोत नै।
कथन 2 सन नै: ग्रेट ससमडयन बस्टडन (GIB) को नसतरराष्ट्र य प्रकृ मत ससरक्षण ससघ (International Union for Conservation
of Nature: IUCN) ्ारा "गसभ र रूप से ससकटग्रस्त (किरटकल ससडैंिडन)" पक्ष प्रिामत के रूप में सूि बि ककया गया नै। GIB
की आबाद आमधकाररक आसकड़ के ननदसार कम नोकर 150 नो गई थ । सनकी ससख्या में सस त व्र मगराहट के मदख्य कारण सनके
प्राकृ मतक आहास में हृनत स्तर पर नमनयसमत्रत रूप से क्षमत नोना, नहैध मयकार में हृमि, परभक्ष (िैसे िसगल कद त्ते और ि ल)
तथा राज्य और कें द्र सरकार ्ारा कक िाने हाले नपयानि उपाय बता ग थे।
कथन 4 सन नै: हिन 2012 में भारत सरकार ने ग्रेट ससमडयन बस्टडन, बसगाल फ्लोररकन (नाउबरोमप्सस बेंगालेंमसस) , द लेसर
फ्लोररकन (मसकफयोटासड्स ससमडकस) को ससरमक्षत करने और उनके प्राकृ मतक आहास में और नमधक मगराहट को रोकने नेतद क
राष्ट्र य ससरक्षण कायनिम प्रोिेक्ट बस्टडन का यदभारसभ ककया। सस कायनिम को प्रोिेक्ट टासगर की तिन पर तैयार ककया गया, िो
1970 के दयक में भारत में बाघ हस उनके प्राकृ मतक आहास के ससरक्षण नेतद आरसभ ककया गया क व्यापक राष्ट्र य प्रयास था।
क ससरक्षण कें द्र िैसलमेर के मरुभूमम राष्ट्र य उद्यान (डेिटन नेयनल पाकन ) में स्थामपत ककया गया।
पयानहरण, हन हस िलहायद पररहतनन मसत्रालय और भारत य हन्यि ह ससस्थान (WII), देनरादून ्ारा GIB के ससरक्षण का
प्रयास ककया िा रना नै। मसत्रालय ने ससके मल 33 करोड़ रु. की महयेि मनमध आहसरटत की नै, मिसका क भाग िैसलमेर में
सनक्यूबेयन और मिक-रेयररग सेंटर की स्थापना के मल उपयोग ककया गया।
Q 50.B
डेब्ट-फॉर-नेिर स्हैप ऐसे महत्त य लेन-देन नैं, मिनमें महकासय ल देय के महदेय ऋण के क भाग को पयानहरण ससरक्षण
उपाय में स्थान य मनहेय के बदले में माफ़ कर कदया िाता नै।
यन क स्हैमच्छक लेन-देन नै, मिसके ्ारा दाता महकासय ल देय की सरकार ्ारा मल ग ऋण को माफ़ कर देता नै। ऋण
कम करने से नोने हाल बित का मनहेय ससरक्षण पररयोिनाओं में ककया िाता नै।
हिन 1984 में, महश्व हन्यि ह कोि (World Wildlife Fund: WWF) {हतनमान में हल्डन हासड फस ड फॉर नेिर} ने महकासय ल
देय में ससरक्षण प्रयास में सदधार लाने के उपाय के रूप में डेब्ट-फॉर-नेिर स्हैप की पनल की।
यन महिार सस नहलोकन से उत्पन्न हुआ कक महश्व की नमधकासय िैमहक महमहधता उन्नीं देय में पाय िात नै, िो महदेय ऋण
दबाह से हृनत महत्त य तनाह का सामना करते नैं।
डेब्ट-फॉर-नेिर स्हैप, डेब्ट-सकक्वट स्हैप के मॉडल (मिसमें मनि क्षेत्रक छू ट प्राि ऋण खर दने में रुमि लेता नै और ससका ऋण
ग्रस्त देय में स्थान य मदद्रा में मनहेय करने के मल महमनमय करता नै) के आधार पर स्थान य ससरक्षण प्रयास के मल मनमध से
लाभ प्राि करते नै। िनााँ डेब्ट-फॉर-सकक्वट स्हैप महत्त य तसत्र के मल आरसमभक रूपरेखा प्रदान करता नै, हनीं डेब्ट-फॉर-नेिर
स्हैप में नत्यसत मभन्न उद्देय नोता नै। डेब्ट-फॉर-सकक्वट स्हैप का उपयोग मनहेयक के मल लाभ उत्पन्न करने नेतद ककया िाता नै।
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डेब्ट-फॉर-नेिर स्हैप में लाभ के मल प्रयास ननीं ककया िाता बमल्क ककस देय में ससरक्षण गमतमहमधय के मल नमतररक्त
धनरामय प्रदान करने के मल प्रयास ककया िाता नै। डेब्ट-फॉर-नेिर स्हैप सस मामले में मभन्न नै कक ककस महदेय मनहेयक को
पूाँि के स्हाममत्ह का नस्तासतरण या ससप्रत्याहतनन ननीं ककया िाता नै।
Q 51.C
खाद्य नम्ल प्राकृ मतक खाद्य उत्पाद में प्राि मनत्हपूणन नम्ल नोते नैं, िो उन्नें नलग स्हाद या रसग प्रदान करते नै। प्राकृ मतक रूप
से ममलने हाले खाद्य नम्ल महमभन्न प्रकार के नोते नैं, िैसे सासरिक मसड, मैमलक मसड और टाटनररक मसड। खाद्य नम्ल को
नोलसम (आरोग्यिनक) मसड भ कना िाता नै। सन महमभन्न नम्ल के कद छ स्रोत सस प्रकार नैं:
o ऑक्िेमलक मसड - टमाटर
o लैमक्टक मसड - दन
o सासरिक मसड - नींबू
o मसरटक मसड - मसरका
o फॉर्षमक मसड–िींरटयााँ
ससमल के हल महकल्प 1 और 4 सन नैं।
Q 52.B
डाकन फमनन्टेयन क ऐस तकन क नै, मिसका उपयोग िैमहक नपमयष्ट को बायोनासड्रोिन में पररहर्षतत करने नेतद ककया िाता
नै। यन प्रकिया ऑक्स िन की ननदपमस्थमत में नथानत नहायह य पररमस्थमतय में कियामन्हत नोत नै। यन तकन क सस यदग की
दो सबसे बड़ समस्याओं, ईंधन सससाधन और पयानहरण य नपमयष्ट के प्रबसधन को देखते हु नत्यसत उपयोग नै। ससमल कथन 1
सन ननीं नै।
सस तकन क में बायोनासड्रोिन तैयार करने के मल उद्योग के िल य नपमयष्ट, फसल नपमयष्ट, महेमयय या भोिन के
नपमयष्ट का उपयोग ककया िाता नै। सस नासड्रोिन का उपयोग ऊिान के स्रोत के रूप में ककया िा सकता नै। यन पयानहरण
ननदकूल भ नै और ऊिान के मल आहयक ईंधन की समस्या का समाधान भ करता नै। लेककन सस तकन क के साथ सबसे बड़
समस्या ससकी नल्प दक्षता नै। ससमल कथन 2 सन नै।
Q 53.A
भमक्त आसदोलन भारत के समतनास का क प्रमसि धार्षमक आसदोलन था। यन पूणन रूप से ईश्वर के प्रमत समपनण पर आधाररत था।
समपनण का नथन नै भमक्त, मिसके ्ारा कोई व्यमक्त ईश्वर को पा सकता नै। समपनण की नमभव्यमक्तयााँ मसकदर में देहताओं की
मनयममत पूिा से लेकर भाहपूणन आराधना तक में नोत नैं, मिसमें भक्त समामधस्थ मस्थमत प्राि कर लेता नै। भिन गाना और
कीतनन करना प्रायः ऐस पूिा के तर के नोते थे। यन महयेिकर हैष्णह और यैह ससप्रदाय के मल सत्य था।
भमक्त आसदोलन की यदरुआत तत्काल न मनन्दू समाि में व्याि सामामिक बदरासय के पररप्रेक्ष्य में हुई थ । मदमस्लम यासन के
दौरान, मनन्दू समाि में कई सामामिक महससगमतयााँ आ गई थ , िैसे िामत प्रथा की किोरता, नससगत र मत-ररहाि और धार्षमक
कमनकासड, नसधमहश्वास तथा सामामिक निधर्षमता। समाि बहुदेहहाद, पृथकताहाद, िामतहाद के कारण गसभ र आर्षथक
नसमानता, नस्पृयता आकद से भ ग्रस्त था। सभ मौिूदा सामामिक धार्षमक बदरासय के महरुि लोकव्याि नससतोि पूरे भारत
में लसबे समय तक िले भमक्त आसदोलन के प्रसार के मल उत्तरदाय क प्रमदख कारक था। ससमल कथन 1 सन नै।
भमक्त परसपरा को मदख्यतः दो श्रेमणय में बााँटा िा सकता नै: सगदण (महयेिताओं समनत) तथा मनगदनण (महयेिताओं से रमनत)।
पनल श्रेण में ऐस परसपरा ाँ याममल नैं, मिनमें ककस महयेि देहता, िैसे मयह, महष्णद और उनके नहतार तथा देह के ककस
रूप की पूिा की िात थ , सभ की पररकल्पना प्रायः मानह रूप में की गई थ । दूसर ओर मनगदनण भमक्त में, ईश्वर के मनराकार
रूप की पूिा की िात थ ।
भमक्त आसदोलन (छि यताब्द ) का नेतृत्ह नलहार (यामब्दक रूप से हे, िो महष्णद की भमक्त में “डू ब”े न ) और नयनार
(यामब्दक रूप से हे, िो मयह के भक्त न ) ने ककया था। हे तममल में, ईश्वर की प्रयससा में भिन गाते क स्थान से दूसरे स्थान पर
घूमते रनते थे।
सातहीं से बारनहीं यताब्द के ब ि दमक्षण भारत में भमक्त आसदोलन का महकास हुआ। यैह नयनार और हैष्णह ने िैन और
बौि ्ारा बताई गई तप-साधना को नकार कदया और मदमक्त के साधन के रूप में ईश्वर के प्रमत व्यमक्तगत समपनण का उपदेय
Q 54.C
सहानमधक उल्लेखन य नासड्रोमक्सल रैमडकल्स नासड्रोपरॉक्सासड्स (ROOH) के नपघटन से या पयानहरण य रसायन में , िल के
साथस ससद ि परमामडहक ऑक्स िन की नमभकिया से बनते नैं। यन महककरण रसायन में तैयार क मनत्हपूणन रैमडकल भ नै,
क्य कक सससे नासड्रोिन परॉक्सासड और ऑक्स िन का मनमानण नोता नै, मिससे क्षरण बढ़ सकता नै।
नासड्रोक्स ल रैमडकल को प्रायः क्षोभमसडल का "मडटिेंट" भ कना िाता नै, क्य कक यन कई प्रदूिक से नमभकिया करता नै,
उनमें “िै ककग” उत्पन्न करके उनका महघटन करता नै, और सस प्रकार प्रायः उन्नें नटाने के मल पनले िरण के रूप में कायन करता
नै। सस प्रकिया में, हे ि हाणद या महिाणद को मारने में भ सनायक नोते नैं। ससमल कथन 2 सन नै।
नासड्रोमक्सल रैमडकल, -OH, नासड्रोक्सासड आयन (OH−) का प्राकृ मतक रूप नै। नासड्रोमक्सल रै मडकल नत्यसत नमभकियाय ल
नोते नैं और ससके पररणामस्हरूप नल्पकामलक नोते नैं; कफर भ , हे रैमडकल के ममस्ि का मनत्हपूणन मनस्सा नैं। यन ग्र न नाउस
गैस , िैसे म थेन और ओिोन को कम करने में भ सनायक नै। हैमश्वक स्तर पर, OH प्राथममक रूप से काबनन मोनोऑक्सासड
(40%) से नमभकिया करके काबनन डासऑक्सासड बनाता नै। कद ल तैयार OH में से लगभग 30% काबनमनक यौमगक से
नमभकिया के कारण और 15% म थेन (CH4) से नमभकिया के कारण हाताहरण से मनकल िाते नैं। येि 15% ओिोन (O3)
से नमभकिया करता नै और नासड्रोपरॉक्स रैमडकल (HO2) और नासड्रोिन गैस (H2) उत्पन्न करता नै। ससमल कथन 1 सन
नै।
Q 55.C
कथन 1 सन ननीं नै: फास्ट िैक न्यायालय (FTC) समनत नध नस्थ न्यायालय की स्थापना राज्य सरकार के नमधकार क्षेत्र में
याममल नै। राज्य सरकारें ससबमस धत उच्च न्यायालय के परामयन से ऐसे न्यायालय की स्थापना करत नैं। ये न्यायालय द हान
(मसमहल), आपरामधक और रािस्ह मामल की सदनहाई करते नैं। ये न्यायालय नपन यमक्तय के ननदसार द हान या
आपरामधक प्रकृ मत के महहाद से मनपटते नैं। ये न्यायालय मदख्य रूप से दो मनत्हपूणन ससमनताओं यथा-दसड प्रकिया ससमनता, 1973
और स्थान य कानून ्ारा प्रामधकृ त नोते नैं।
कथन 2 सन ननीं नै : भारत य ससमहधान के ननदच्छेद 235 के नसतगनत, नध नस्थ न्यामयक सेहा के सदस्य का प्रयासमनक
मनयसत्रण ससबसमधत उच्च न्यायालय में मनमनत नोता नै। ससके नमतररक्त, ननदच्छेद 233 और 234 के साथ ननदससगत, ननदच्छेद 309
के तनत प्रदत्त यमक्तय का प्रयोग करते हु राज्य सरकार, उक्त के ससबसध में आमधकाररता प्राि उच्च न्यायालय के परामयन से
मनयम हस महमनयम मनधानररत करेग ।
सनकी स्थापना हिन 2000 में सत्र न्यायालय में लसबे समय से लसमबत मामल के त्हररत हस लसबे समय से महिाराध न बसकदय के
मामल के समयबि मनपटान के मल की गई थ । 11हें महत्त आयोग ने देय में 1734 FTCs की स्थापना की ननदयससा की थ ।
FTC को राज्य सरकार ्ारा ससबसमधत उच्च न्यायालय के परामयन से स्थामपत कक िाने का प्राहधान ककया गया था। यौन
नपराध , भ्रष्टािार-महरोध , दसग और िेक बाउस जसग से ससबसमधत मामल के त्हररत मनपटान नेतद महमभन्न उच्च न्यायालय के
आदेय पर भ FTCs स्थामपत कक ग नैं।
कथन 3 सन नै : सनके मल न्यायाध य को तदथन आधार पर मनयदक्त ककया गया था, मिन्नें ससबसमधत राज्य के उच्च न्यायालय
्ारा िदना गया था। 2011 के बाद FTC के मल कोई कें द्र य मनमध आहसरटत ननीं की गई नै। नालासकक, राज्य सरकारें स्हयस की
मनमध से FTC की स्थापना कर सकत नैं।
Q 58.D
कीस्टोन प्रिामत में ऐसे ि ह नोते नै िो ससपूणन पाररमस्थमतकी तसत्र को पररभामित करने में सनायता करते नैं। नपन कीस्टोन
प्रिामतय के मबना, पाररमस्थमतकी तसत्र नाटकीय रूप से मभन्न नोगा या ससका नमस्तत्ह न पूर तरन समाि नो िा गा।
कीस्टोन प्रिामतय में कायानत्मक मनरथनकता कम नोत नै। ससका नथन नै कक यकद यन प्रिामत पाररमस्थमतकी तसत्र से लदि नो िा
तो कोई नन्य प्रिामत ससके पाररमस्थमतक मनके त को ननीं भर पा ग । ससके कारण पाररमस्थमतकी मौमलक रूप से पररहर्षतत
नोने के मल महहय नो िा ग , मिसके कारण नई और ससभहतः आिामक प्रिामतय ्ारा पयानहास में नपन ससख्या बढ़ाने की
ससभाहना में हृमि नो िा ग ।
पौध से लेकर कहक तक कोई भ ि ह, कीस्टोन प्रिामत नो सकता नै; हे पाररमस्थमतकी तसत्र में सदैह सबसे महयाल आकार की
या सबसे प्रिदर मात्रा में महद्यमान प्रिामत ननीं नोत नैं। नालासकक,लगभग हे सभ ि ह-िन्तद (प्राण ) कीस्टोन प्रिामतय के
Q 59.A
कथन 1 सन नै: राष्ट्रपमत और उप-राष्ट्रपमत मनहानिन नमधमनयम, 1952, धारा 9 के ननदसार, प्रत्येक मनहानिन में िनास मतदान
नोता नै, िैसा कक मनधानररत ककया िा , मतपत्र ्ारा मतदान नोगा और प्रॉक्स (प्रमतमनमध ्ारा होट) ्ारा ककया गया कोई
मतदान स्ह कार ननीं ककया िा गा।
कथन 2 सन नै: राष्ट्रपमत के मनहानिन से उत्पन्न या सससक्त सभ यसकाओं और महहाद की िासि हस महमनिय उच्चतम न्यायालय
्ारा ककया िा गा और उसका महमनिय नसमतम नोगा। कोई भ मनहानिन नमधमनयम में महमनर्ददष्ट प्रामधकरण को पेय की गई
मनहानिन यामिका ्ारा न प्रश्नगत ककया िा गा नन्यथा ननीं। मिसके तनत मनर्ददष्ट नैः
o ककस मनहानिन यामिका में ककस मनहानिन को क या क से नमधक आधार पर प्रश्नगत ककया िा सकता नै, िो मनम्न नैं-
o यकद उच्चतम न्यायालय की राय नैः
कक मनहानमित उम्म दहार ्ारा या मनहानमित उम्म दहार की सनममत से ककस नन्य व्यमक्त के ्ारा मनहानिन में
ररश्वतखोर या ननदमित प्रभाह का नपराध, ककया गया नै, या
कक मनहानिन का पररणाम हास्तमहक रूप से प्रभामहत हुआ नै,
कक ककस भ उम्म दहार के नामासकन को गलत तर के से खाररि कर कदया गया नै या सफल उम्म दहार के नामासकन
को गलत तर के से स्ह कार कर मलया गया नै,
o उच्चतम न्यायालय मनहानमित उम्म दहार के मनहानिन को नमान्य या नहैधामनक घोमित करेगा।
कथन 3 सन ननीं नै : मनहानिन आयोग के ननदसार, "आयोग ्ारा सस ससदभन में स्पष्ट ककया गया नै कक भारत के राष्ट्रपमत पद के
मल मनहानिन में मतदान नमनहायन ननीं नै, क्य कक लोकसभा और राज्य महधानसभाओं के िदनाह में िनास भ मतदान नोता नै,
मतदान करने की कोई बाध्यता ननीं नै। ककस मतदाता के 'िदनाह नमधकार' को भारत य दसड ससमनता की धारा 171A(b) में
पररभामित ककया गया नै, मिसका नथन नै ककस व्यमक्त के प्रत्याय नोने, या प्रत्याय न नोने या नाम हापस लेने , िदनाह में
मतदान करने या मतदान करने से परे रनने का नमधकार।
"सस प्रकार, राष्ट्रपमत के मनहानिन में प्रत्येक मतदाता को नपन स्हतसत्र सच्छा और पससद के ननदसार ककस भ उम्म दहार को
होट देने या होट न करने का महकल्प िदनने की स्हतसत्रता नै। यन समान रूप से रािन मतक दल के मल लागू नोगा और हे ककस
भ उम्म दहार के मल मतदाताओं से होट मासगने, पदनर्षहिार के मल प्रेररत करने, मतदान में याममल न नोने नेतद ननदरोध करने
के मल स्हतसत्र नैं। नालासकक, रािन मतक दल नपने सदस्य को ककस महयेि तर के से होट देने या होट न देने के रूप में उनके
समक्ष कोई महकल्प न छोड़ने िैसा मनदेय या मव्नप िार ननीं कर सकते नैं क्य कक यन IPC की धारा 171C के आयय से
ननदमित प्रभाह के नपराध के समान नोगा।
Q 60.B
नाल न में TIME मैगज़ न ्ारा पूहन प्रधानमसत्र ससकदरा गासध और स्हतसत्रता सेनान रािकद मार नमृ त कौर को 100 उन सबसे
यमक्तयाल ममनलाओं की सूि में याममल ककया गया नै, मिन्न ने मपछल सद को क नय कदया प्रदान की ककतद उनके कायन
ककस हिन से प्रायः उपेमक्षत न रने।
रािकद मार नमृत कौर कपूरथला के क यान पररहार में िन्मीं, ऑक्सफोडन में मयक्षा प्राि की और 1918 में हापस भारत आ
गयीं।
Q 61.D
क क्षेत्र य नसतर यासकीय मनकाय, ससटरनेयनल सेंटर फॉर ससट ग्रेटेड माउस टेन डेहलपमेंट (ICIMOD) ने जनददकदय मनमालय
(HKH) क्षेत्र में िलहायद पररहतनन के प्रभाह पर प्रथम बार आकलन ररपोटन िार की नै। ससटरनेयनल सेंटर फॉर ससट ग्रेटेड
माउस टेन डेहलपमेंट (ICIMOD) ्ारा नाल में कक ग क नध्ययन के ननदसार, जनददकदय मनमालय (HKH) क्षेत्र पमिम में
नफगामनस्तान से पूहन में म्यासमार तक सभ आि देय में पूणनतया या उसके कद छ भाग में 3,500 ककम की लसबाई में महस्तृत नै।
सससे नोकर मयया की दस हृनत नद प्रणामलयास - आमू दररया, जसधद, गसगा, िह्मपदत्र (यारलूग
स सासग्पो), सराहद , सालह न (नू),
मेकासग (लसकासग), यासग्त्स (जिया), येलो ररहर (नहासग नो) और तररम (दयान),- प्रहामनत नोत नैं और सस क्षेत्र में लगभग 240
मममलयन लोग की आबाद के मल िल, पाररमस्थमतकी तसत्र सेहा स और आि महका का आधार प्रदान करत नैं।
सन नकदय की द्रोमणय से 1.9 मबमलयन लोग (महश्व आबाद का क िौथाई भाग) को िल उपलब्ध नोता नै।
Q 63.D
घेरे की न मत (1765-1813): यन न मत मराि और मैसूर के महरूि हॉरेन नेजस्टग्स के साथ हु यदि में पररलमक्षत हुई थ ,
और ससका उद्देय कस पन की स माओं की रक्षा करने के मल बफर क्षेत्र सृमित करना था। ससने सनायक ससमध का सूत्रपात ककया
Q 64.C
भारत सरकार ने महत्त य हिन 2017-18 से मनयानत के मल व्यापार नहससरिना योिना (TIES) नाम से क योिना का
यदभारसभ ककया नै। ससका उद्देय राज्य से मनयानत में हृमि के मल उपयदक्त नहससरिना सृिन नेतद कें द्र य और राज्य सरकार की
िेंमसय की सनायता करना नै। यन योिना मनयानत नहससरिना की स्थापना या उन्नयन के मल के न्द्र/राज्य सरकार के
स्हाममत्ह हाल िेंमसय को ननददान-सनायता के रूप में महत्त य सनायता प्रदान करत नै। ससमल कथन 1 सन नै।
सस योिना के नन्य उद्देय में समम्ममलत नैं- मनयानत उन्मदख पररयोिनाओं के मल मनयानत प्रमतस्पधानत्मकता, आरसभ से नसमतम
मबन्दद तक कनेमक्टमहट बढ़ाना और व्यापार ननदपालन में स्हच्छता और फासटोसैमनटर (पादपस्हच्छता)/तकन की बाधाओं
समनत गदणहत्ता और प्रमाणन उपाय को ससबोमधत करना। ससमल कथन 2 सन नै।
सस योिना का लाभ राज्य ्ारा नपन कायानन्हयन िेंमसय के माध्यम से स मा नाट, भूमम स मा यदल्क के न्द्र, गदणहत्ता
पर क्षण और प्रमाणन प्रयोगयाला, कोल्ड िेन, व्यापार ससहधनन कें द्र, यदष्क पत्तन, मनयानत भसडारण और पैकेजिग, महयेि आर्षथक
क्षेत्र (SEZ) और पत्तन /नहाई नड्डे के कागो टर्षमनल िैस भार मनयानत ससपकन हाल नहससरिना पररयोिनाओं के मल प्राि
ककया िा सकता नै।
यन योिना नह न नै, पूरक ननीं नै, ककन्तद ससने मनयानत के महकास औऱ हृमि के मल नहससरिना मनमानण नेतद राज्य को
सनायता (ASIDE) योिना को प्रमतस्थामपत ककया नै।
Q 65.B
ई-कॉमसन ने भारत में कारोबार के तर के को पररहर्षतत कर कदया नै। भारत य ई-कॉमसन बािार के हिन 2026 तक बढ़कर 200
नरब डॉलर के नो िाने की उम्म द नै। भारत में ई-कॉमसन सकासय के दो आधारभूत मॉडल नैं।
o ई-कॉमसन का सन्हेंि आधाररत मॉडल: ससका नथन नै ई-कॉमसन गमतमहमध मिसमें हस्तदओं और सेहाओं की सन्हेंि ई-कॉमसन
सकाई के स्हाममत्ह में नोत नै और ससे स धे उपभोक्ताओं को बेिा िाता नै।
o ई-कॉमसन का माके टप्लेस आधाररत मॉडल: ससका नथन नै मडमिटल और सलेक्िॉमनक नेटहकन पर खर ददार और महिे ता के
ब ि सदमहधा प्रदाता के रूप में कायन करने के मल ई-कॉमसन सकाई ्ारा सूिना प्रौद्योमगकी प्लेटफॉमन प्रदान करना।
ई-कॉमसन में नया प्रत्यक्ष महदेय मनहेय (FDI) मनयम फरहर 2019 में लागू हुआ। ससका उद्देय स्थूल (भौमतक उपमस्थमत
हाले) भारत य स्टोर को समान नहसर प्रदान करना नै।
नई न मत के मानदसड नैं -
o ई-कॉमसन के माके टप्लेस मॉडल में स्हिामलत मागन के नसतगनत 100% FDI की ननदममत नै।
o ई-कॉमसन के सन्हेंि -आधाररत मॉडल में FDI की ननदममत ननीं नै। ससमल कथन 1 सन ननीं नै।
Q 66.C
हस्तद हस सेहा कर पररिद हस्तद हस सेहा कर से ससबमस धत मदद्द पर ससघ और राज्य सरकार को ननदयस
स ा करने नेतद क ससहध
ै ामनक
मनकाय नै। ससका गिन भारत के राष्ट्रपमत ने भारत य ससमहधान के ननदच्छेद 279A के नसतगनत ककया नै।
GST पररिद की नध्यक्षता कें द्र य महत्त मसत्र करते नैं। नन्य सदस्य में कें द्र य रािस्ह या महत्त राज्य मसत्र और सभ राज्य के
महत्त या कराधान के प्रभार मसत्र नोते नैं।
हस्तद हस सेहा कर पररिद उस मतमथ की ससस्तदमत करेग मिस मतमथ को कच्चे पेिोमलयम, नाई-स्प ड ड िल, मोटर मस्पररट
(नथानत पेिोल), प्राकृ मतक गैस और महमानन टरबासन ईंधन पर हस्तद और सेहा कर लगाया िा ।
हस्तद हस सेहा कर पररिद के सदस्य की कद ल ससख्या का आधा बैिक में गणपूर्षत नेतद आहयक नै।
हस्तद हस सेहा कर पररिद का प्रत्येक मनणनय बैिक में मलया िा गा िो उपमस्थत और मतदान करने हाले सदस्य में से कम से
कम त न िौथाई के भाररत मत से, मनम्नमलमखत मसिासत के ननदसार नोगा: —
o कें द्र सरकार के मत का भार, कद ल मत का क मतनाई नोगा, और
o सभ राज्य सरकार के कद ल मत का भार उक्त बैिक में डाले ग कद ल मत का दो-मतनाई नोगा।
Q 67.C
व्यापार-सकल घरेलू उत्पाद ननदपात की गणना मनम्नमलमखत के रूप में की िात नै:
o मनयानत + हस्तदओं और सेहाओं का आयात
o GDP
ससकी गणना ककस नहमध में आयात और मनयानत के कद ल मूल्य को उक्त नहमध के न सकल घरेलू उत्पाद ्ारा महभामित करके
की िात नै। ससमल कथन 1 सन ननीं नै।
नालासकक ससे ननदपात कना िाता नै, पर यन सामान्यतः प्रमतयत के रूप में व्यक्त ककया िाता नै। ससका उपयोग नसतरराष्ट्र य
व्यापार के मल ककस देय के खदलप
े न के पैमाने के रूप में ककया िाता नै, और ससमल ससे व्यापार खदलापन ननदपात भ कना
िा सकता नै। व्यापार-सकल घरेलू उत्पाद ननदपात ककस देय की नथनव्यहस्था में नसतरराष्ट्र य व्यापार के सापेमक्षक मनत्ह का
सूिक नै। ससमल कथन 2 सन नै।
सस ननदपात के ननदसार बड़े राष्ट्र, छोटे राष्ट्र की तदलना में कम व्यापार करते प्रत त नोते नैं। बड़ा नोने के कारण राष्ट्र के भ तर के
व्यापार के सापेक्ष बानर ददमनया के साथ व्यापार का लाभ बहुत कम नो िाता नै। छोटे राष्ट्र के मल ससका महपर त सत्य नै:
आसतररक बािार की कम नोने के कारण ददमनया के साथ व्यापार करने के उनके मल नपेक्षाकृ त नमधक लाभ नैं और ससमल
उनका व्यापार-सकल घरेलू उत्पाद ननदपात उच्च नोता नै।
लेककन भारत नपने आकार हाले देय की तदलना में कनीं नमधक व्यापार करता नै- यन 1991 से पनले की मस्थमत िब भारत
नपन क्षमता से कम व्यापार करता था, से नत्यमधक पररहर्षतत मस्थमत नै। भारत का यन ननदपात त व्रता से बढ़ा नै, महयेि रूप
से क दयक के दौरान 2012 तक िब यन दोगदना नोकर 53% नो गया। पररणामतः भारत का ननदपात नब ि न (38%) और
ससयदक्त राज्य नमेररका (28%) से ऊपर नै। ससमल कथन 3 सन नै।
Q 69.C
ससमहधान के ननदच्छेद 171 के नसतगनत, महधानपररिद के मल मनहानिन प्रकिया प्रदत्त कल ससिमण य मत (STV) के माध्यम से
समानदपामतक प्रमतमनमधत्ह पिमत का ननदपालन करत नै। यन प्रकिया लोकसभा और राज्य महधानसभाओं की सामान्य िदनाह
प्रकिया से मभन्न नै।
महधान पररिद के सदस्य में पासि महमभन्न मनहानिन क्षेत्र के माध्यम से ियमनत लोग याममल नोते नैं।
o क-मतनाई (1/3) सदस्य, स्थान य प्रामधकरण (िैसे नगर पामलकाओं, मिला पररिद , ब्लॉक पररिद आकद) के
प्रमतमनमधय ्ारा मनहानमित कक िाते नैं।
o क-मतनाई (1/3) सदस्य, महधान सभा के सदस्य ्ारा मनहानमित कक िाते नैं ( क व्यमक्त दोन सदन का सदस्य ननीं नो
सकता)।
o सदस्य के 1/12 सदस्य , का मनहानिन राज्य के स्नातक ्ारा ककया िाता नै।
o सदस्य के 1/12 सदस्य , का मनहानिन राज्य के मयक्षक ्ारा ककया िाता नै।
o येि सदस्य राज्यपाल ्ारा नाममनदेमयत कक िाते नैं। राज्यपाल ्ारा नाममनदेमयत लोग को सामनत्य, महज्ञान, कला,
सनकाररता आसदोलन और समाि सेहा में महयेि ज्ञान या व्याहनाररक ननदभह नोना िामन ।
स्नातक मनहानिन क्षेत्र हन नोता नै मिसमें के हल ककस मान्यता प्राि भारत य महश्वमहद्यालय से स्नातक या समकक्ष योग्यता हाले
लोग मतदान करने नेतद पात्र नोते नैं।
मयक्षक मनहानिन क्षेत्र में, कम से कम माध्यममक स्कू ल या उच्चतर महद्यालय में के हल पूणनकामलक मयक्षक मतदान करने नेतद पात्र
नोते नैं।
Q 70.D
महमभन्न पनल के माध्यम से यनर में हुई प्रगमत का आकलन करने और उन्नें नपने कायन प्रदयनन की योिना बनाने , कायानन्हयन
और मनगरान के मल साक्ष्य के उपयोग में सयक्त बनाने के मल आहास और यनर कायन मसत्रालय ने दो सूिकासक नथानत
ि हन सदगमता सूिकासक (ईज़ ऑफ़ मलजहग ससडेक्स:EoLI) और नगरपामलका कायन प्रदयनन सूिकासक (MPI) आरम्भ कक नैं।
ससमल कथन 1 सन ननीं नै।
Q 71.C
मडस्काउस ट नाउस हे महत्त य ससस्थान नैं िो धन उधारदाता नथहा हामणमज्यक उधारदाताओं और उधारकतानओं के ब ि मध्यस्थ
के रूप में कायन करते नैं। हे महमभन्न नल्पकामलक प्रमतभूमतय और प्रपत्र में व्यहसाय करते नैं। ससमल कथन 1 सन नै।
मदद्रा बािार के कायन समून ने हिन 1987 में प्रस्तदत नपन ररपोटन में नन्य महिय के साथ-साथ यन ननदससया की थ कक
नल्पकामलक मदद्रा बािार साधन से मनपटने के मल फासनेंस नाउस की स्थापना की िान िामन । कायन समून की ननदयससाओं
पर ननदहती कारनहाई के रूप में भारत य ररिहन बैंक ने साहनिमनक क्षेत्रक के बैंक और महत्त य ससस्थान के सनयोग से नप्रैल
1988 में मडस्काउस ट सड फासनेंस नाउस ऑफ ससमडया मलममटेड (DHFI) की स्थापना की। DHFI भारत य मदद्रा बािार में य िन
मनकाय नै और ससकी स्थापना मदद्रा साधन के मल म्त यक बािार महकमसत करने की कदया में बड़ा कदम नै। 25 नप्रैल,
1988 से ससिालन आरसभ करने हाला DFHI नल्पकामलक मदद्रा बािार के साधन से ससबसमधत नै। ससमल कथन 2 सन नै।
महत्त य व्यहस्था में, मडस्काउस ट नाउस हन फमन नै िो महमनमय मबल या प्रॉममसर नो्स (हिन पत्र) के व्यापार, छू ट और
परिामण (नेगोमय रटग) में महयेिज्ञता रखता नै। ससके लेनदेन (ससव्यहनार) सामान्यतः बड़े पैमाने पर नोते नैं मिसमें सरकार
बासड और िेिर मबल भ याममल नैं।
DFHI सभ बािार क्षेत्र में लेनदेन करता नै। यन उधार लेता नै और कॉल, नोरटस हस आहमधक मदद्रा बािार में उधार देता नै,
न लाम में बेिे िाने हाले िेिर मबल, हामणमज्यक मबल, CD और CP की खर द-मबिी करता नै। DFHI सन सभ के मल
सकिय म्त यक बािार महकमसत करने नेतद मदद्रा बािार के साधन (प्रपत्र ) के मल दैमनक आधार पर नपन बोल (खर द)
और प्रस्तामहत (मबिी) दर िार करता नै।
RBI ्ारा िेिर मबल पररपक्वता से पूहन हापस ननीं खर दे िाते नैं। सस प्रकार पामक्षक न लाम को छोड़कर, सन्नें RBI से ननीं
खर दा िा सकता नै। DFHI म्त यक बािार में सन मबल को खर द-बेिकर सस नसतराल की पूर्षत करता नै। म्त यक बािार
में DFHI की उपमस्थमत ने कॉपोरेट ससस्थाओं तथा नन्य मनकाय के मल नपने नल्पकामलक नमधयेि का मनहेय करना और
आहयकतानदसार उन्नें भदनाना (encash) सदसाध्य बनाया नै।
Q 72.A
उत्तरदाय सरकार, सरकार की ऐस व्यहस्था की नहधारणा नै िो सससद य उत्तरदामयत्ह के मसिासत को मूतन रूप प्रदान करत नै
औऱ सससद य लोकतसत्र की हेस्टजमस्टर प्रणाल का आधार नै। हेस्टजमस्टर लोकतसत्र में सरकारें (कायनपामलका याखा के समकक्ष)
राियान (औपमनहेमयक ससदभन में यान सरकार के प्रमत और गणतसत्र के ससदभन में पूणन या आसमयक रूप से राष्ट्रपमत के प्रमत) के
बिाय सससद के प्रमत उत्तरदाय नैं। यकद सससद म्सदनात्मक नै तो सरकार पनले सससद के मनिले सदन के प्रमत उत्तरदाय नोत
नै, िो उच्च सदन से नमधक प्रमतमनधाय नोता नै क्य कक ससमें आमतौर पर सदस्य की ससख्या नमधक नोत नै और हे सदैह
प्रत्यक्ष मनहानमित नोते नैं।
कथन 1 सन नैः सससद य प्रणाल , गैर-सससद य प्रणाल से मभन्न नै। सससद य प्रणाल में सरकार राष्ट्रपमत प्रणाल से नमधक
उत्तरदाय नोत नै। हे नपने उत्तरदामयत्ह के आकलन के मल समय और ससस्था को लेकर भ मभन्न नोत नैं। गैर-सससद य प्रणाल
के नसतगनत, िैसा कक ससयदक्त राज्य नमेररका में नै, कायनपामलका के उत्तरदामयत्ह का आकलन आहमधक रूप से नोता नै। यन दो हिन
Q 73.B
नाल न में यन मनणनय मलया गया था कक भारत COVID-19 प्रकोप के ससभामहत उपिार की पनिान करने हाले बहु-देय य
पर क्षण में भाग लेगा।
महश्व स्हास्थ्य ससगिन के सॉमलडैररट िायल में थाईलैंड, निेंट ना, बनर न, कनाडा, फ्रासस, ईरान, नॉहे, दमक्षण नफ्रीका, स्पेन
और मस्हटज़रलैंड की भाग दार नपेमक्षत नै। पर क्षण में न के हल िार मभन्न-मभन्न दहाओं या उनके ससयोिन का पर क्षण ककया
िा गा, बमल्क उनकी प्रभाहय लता की तदलना भ की िा ग । नाल न में, हैमश्वक ' किदटता पर क्षण' ('solidarity trial') नेतद
पनले रोग को नामासककत ककया गया। पर क्षण का उद्देय नॉहेल कोरोनाहायरस के महरूि िार दहाओं और दहा ससयोिन की
प्रभाहय लता में तदलना करना और यन िानना नै कक उनका प्रयोग ककतना सदरमक्षत नै।
Q 74.C
महश्व में सबसे नग्रण रसगमसि ससस्थान और भारत में नपन तरन के ननूिे ससस्थान में से क, राष्ट्र य नाट्य महद्यालय (NSD)
की स्थापना ससग त नाट्य नकादम ्ारा 1959 में नपन क ससघटक सकाई के रूप में की गई थ । कालासतर में हिन 1975 में
यन पूणनतः ससस्कृ मत महभाग ्ारा महत्तपोमित क स्हायत्त ससगिन बन गया ।
NSD का उद्देय रसगमसि के समतनास, प्रस्तदमतकरण, दृय (scene) की मडिासन, पोयाक मडिासन, प्रकाय व्यहस्था, मेकनप
आकद समनत रसगमसि के सभ पनलदओं में छात्र को प्रमयमक्षत करना नै। NSD में प्रमयक्षण पाठ्यिम की नहमध त न हिन नै।
पाठ्यिम में प्रहेय नेतद योग्य आहेदक की पर क्षा दो िरण में ल िात नै। NSD के मडप्लोमा को भारत य महश्वमहद्यालय ससघ
्ारा प िड में पसि करण के प्रयोिन तथा कॉलेि /महश्वमहद्यालय में मयक्षक के रूप में मनयदमक्त के मल M.A मडग्र के
समतदल्य मान्यता द िात नै। महद्यालय में व्याहसामयक रसगमसि की स्थापना तथा मनयममत प्रायोगमूलक कायों के मल क
परफॉर्समग जहग ‘ररपटनर कस पन ’ (नाट्य-मसडल ) समम्ममलत नै।
NSD ने बच्च के रसगमसि को बढ़ाहा कदया नै। सस जहग को 1989 में स्थामपत ककया गया था (बाद में ससस्कार रसग टोल के रूप
में ससका पदनःनामकरण ककया गया)। यन बच्च के मल नाटक बनाने, कदल्ल के महद्यालय में ग्र ष्मकाल न रसगमसि कायनयालाओं
के आयोिन और साथ न सटरडे क्लब ्ारा बच्च के रसगमसि को प्रोत्सामनत करने में सकिय रूप से समम्ममलत रना नै।
• ससमल दोन कथन सन नैं।
Q 75.A
क्वासटम डॉ्स (QDs) मानह मनर्षमत नमतसूक्ष्म स्तर (नैनोस्के ल) के किस्टल नैं िो सलेक्िॉन का पररहनन कर सकते नैं। िब
पराबैंगन प्रकाय सन नधनिालक नमतसूक्ष्म कण पर पड़ता नै तो ये महमभन्न रसग के प्रकाय का उत्सिनन कर सकते नैं। सन कृ मत्रम
नधनिालक नमतसूक्ष्म कण का ननदप्रयोग कम्पोमिट पदाथों, सोलर सेल और प्रमतद ि िैमहक सूिक (लेबल) में नो रना नै।
नधनिालक के नैन कण ‘क्वासटम डॉ्स’ का मसिासत हिन 1970 में कदया गया था और प्राथममक रूप से हिन 1980 के आरसभ में
सन्नें सृमित ककया गया था। सन कृ मत्रम नमतसूक्ष्म कण में महमभन्न गदण नोते नैं िो सनकी सामग्र और आकार पर मनभनर करते नैं।
उदानरण के मल , महयेि सलेक्िॉमनक गदण के कारण सनका उपयोग कल-सलेक्िॉन िासमिस्टर में सकिय पदाथो के रूप में ककया
िा सकता नै।
Q 76.A
यूरेमनयम क मसल्हर-ग्रे (रित-धूसर) रसग का धामत्हक रेमडयोधमी रासायमनक तत्ह नै। ससका मनमानण के हल प्राकृ मतक रूप से
सदपरनोहा महस्फोट के समय नोता नै। यूरेमनयम, थोररयम और पोटेमययम प्राकृ मतक भौममक रेमडयोधर्षमता में योगदान देने हाले
प्रमदख तत्ह नैं।
‘यूरेमनयम’ परमाणद महखसडन के मल परमाणद ससयसत्र ्ारा सहानमधक उपयोग ककया िाने हाला ईंधन नै।
यूरेमनयम को क ननह करण य ऊिान स्रोत माना िाता नै। परमाणद ऊिान महभाग (DAE) की क घटक सकाई ‘परमाणद खमनि
नन्हेिण और ननदसध
स ान मनदेयालय’ (AMD) को भारत में यूरेमनयम के खमनि सससाधन की पनिान और मूल्यासकन करने की
यमक्त प्राि नै।
जसनभूमम र्थ्रस्ट बेल्ट (झारखसड राज्य में) मस्थत िादूगोड़ा 1951 में खोिा गया देय का पनला यूरेमनयम भसडार नै। जसनभूमम र्थ्रस्ट
बेल्ट प्रबल नपरूपण और गनन टेक्टोनासिेयन हाला क्षेत्र नै।
जसनभूमम र्थ्रस्ट बेल्ट में नन्हेिण के नमतररक्त, आसर प्रदेय की कद डप्पा घाट में कई स्थान पर यूरेमनयम प्राि हुआ नै। सनमें
लाम्बापदर-पेद्दाग्टू, मिमत्रयल, कद प्पदनदरु, तदमल्लापल्ले, रिकदस टपल्ले समम्ममलत नैं, मिन्न ने भारत के ररिहन यूरेमनयम भसडार की
हृमि में मनत्हपूणन योगदान कदया नै। देय के उत्तर-पूही भाग में मेघालय के मनादेक बेमसन में, डोममयामसयात, हाखेन,
मॉमसनराम िैसे सैंडस्टोन (भदरभदरे पत्थर) प्रकार के यूरेमनयम के भसडार सतन के मनकट न हामणमज्यक कायों नेतद उपयदक्त समतल
नयस्क मनकाय प्रदान करते नैं।
रािस्थान (नराहल श्रेण ), कनानटक और छत्त सगढ़ में कद छ नन्य क्षेत्र प्रमदख भसडार के रूप में महकमसत नोने की ससभाहना प्रकट
करते नैं।
ससमल महकल्प a सन उत्तर नै।
Q 77.C
हैमश्वक समदद्र ऊिान दक्षता भाग दार या ग्लोबल मैर टासम निी कफमय सस पाटननरमयप (GloMEEP) हैमश्वक पयानहरण
सदमहधा-ससयदक्त राष्ट्र महकास कायनिम और नसतरानष्ट्र य समदद्र ससगिन (GEF-UNDP-IMO) की क ससयक्त
द पररयोिना नै। ससका
उद्देय नौपररहनन के मल ऊिान दक्षता के साधन को नपनाने और उनके कायानन्हयन में सनयोग करना नै, मिससे नौपररहनन
से नोने हाले ग्र ननाउस गैस उत्सिनन को कम ककया िा सके । यन GEF ्ारा महत्त पोमित नै। ससमल दोन कथन सन नैं।
GloMEEP पररयोिना को IMO के समदद्र पयानहरण प्रभाग के नसतगनत स्थामपत क समर्षपत पररयोिना समन्हय सकाई
(PCU) ्ारा मनष्पाकदत ककया िा रना नै। IMO क महयेि िेंस नै िो सदरमक्षत, ससरमक्षत और कद यल नौपररहनन के साथ-
साथ िनाि से नोने हाले प्रदूिण की रोकथाम के प्रमत भ उत्तरदाय नै।
GloMEEP पररयोिना का उद्देय दस प्रमदख प्रायोमगक देय को मनम्नमलमखत जबददओं के माध्यम से सन उपाय को कायानमन्हत
करने में सनयोग हस समथनन प्रदान करना नै:
o कानून , न मतगत और ससस्थागत सदधार,
o िागरूकता हृमि और क्षमता-मनमानण सम्बन्ध गमतमहमधयास,
o नल्प काबनन उत्सिनक नौपररहनन को प्रोत्सामनत करने के मल साहनिमनक-मनि भाग दार को प्रोत्सामनत करना,
o GloMEEP पररयोिना के प्रमदख प्रायोमगक देय (Lead Pilot Countries-LPC) नैं:
निेंट ना, ि न, िॉर्षिया, भारत, िमैका, मलेमयया, मोरक्को, पनामा, कफल पींस और दमक्षण नफ्रीका।
Q 78.C
मबनार की पारसपररक छड़ पदतल यैल को यमपदर कना िाता नै। ये पदतमलयास काष्ठ मनर्षमत नोत नैं। पमिम बसगाल और उड़ सा
की पारसपररक छड़ पदतल के महपर त, ये पदतमलयास नखसमडत ( कल काष्ठ खसड से मनर्षमत) और मबना ककस िोड़ हाल नोत नैं।
Q 79.C
काटेि (Cartaz) प्रणाल सोलनहीं यताब्द के दौरान जनद मनासागर में पदतग
न ामलय ्ारा प्रारसभ क सामदकद्रक व्यापाररक
लाससेंस या पास को ससदर्षभत करत नै। ससमल महकल्प (c) सन उत्तर नै।
काटेि प्रणाल को पदतनगामलय ्ारा भारत य समदद्र में ससिामलत नोने हाले नौहनन के मल प्रहर्षतत ककया गया था।
काटन यब्द नरब भािा के कटेि (Certaz) से मलया गया नै, मिसका नथन क दस्ताहेज़ नोता नै। ससे व्यापाररक िनाि के
ससिालन नेतद क पास के रूप में पररभामित ककया िा सकता नै , मिसके माध्यम हे सामदकद्रक मागन का उपयोग और मबना
ककस समस्या के पत्तन पर प्रहेय कर सकें । काटेि ना नोने पर िनाि को िब्त कर मलया िाता था।
ससने व्यापररय को पदतनगामलय के साथ ममत्रता करने के मल महहय कर कदया था। मालाबार के यासक, मिन्न ने
पदतनगामलय की व्यापाररक गमतमहमधय का समथनन ककया था, उन्नें भ काटेि रखना पड़ता था।
यनास तक कक मदगल सम्राट नकबर को भ नपने िनाि को लाल सागर तक पहुसिाने के मल काटेि रखना पड़ा था।
काटेि रखने के बाहिूद उनके िनाि सदरमक्षत ननीं थे। पदतनगाल नामहक उनसे नमतररक्त ररश्वत की मासग करते थे और
ररश्वत ननीं देने पर िनाि को िब्त कर मलया िाता था।
20हीं यताब्द में नसग्रि
े ्ारा उपयोग की िाने हाल सस तरन की प्रणाल को नेमहसटन (navicert) प्रणाल कना िाता
था।
Q 80.B
मनरसकदय राितसत्र में, यान पररहार का राज्य पर यासन करने और नपन यमक्त का पूणन उपयोग करने का दैह य नमधकार नोता
नै। प्राि न (िैस,े ममस्र) और मध्ययदग न (िैसे, ससग्लैंड और ि न), दोन न कालखसडो में क समान मनरसकदय राितसत्र प्रिमलत
था। हास्तह में कई राितसत्र की यमक्त पूणनतः मनरसकदय ननीं थ क्य कक सम्राट नथहा साम्राज्ञ को पादर तथा कद ल न हगन समनत
नन्य यमक्तयाल हगों की आहयकताओं ह सच्छाओं को ध्यान में रखना नोता था। कालासतर में मनरसकदय राितसत्र से ससहैधामनक
राितसत्र का महकास हुआ। सन राितसत्र में यान पररहार क प्रत कात्मक और औपिाररक भूममका मनभाता नै और यकद ककस
के पास हास्तमहक यमक्त नो भ तो भ हन उसका न्यूनतम प्रयोग करने में सक्षम नो पाता नै। भले न कई देय में रािकीय
पररहार को आदर और सम्मान देना िार नै, लेककन सरकार का ससिालन उनके बिाय कायनकार और महधाय याखाओं नथानत्
Q 81.D
कनॉट प्लेस, कदल्ल : िॉर्षियाई यैल की स्थापत्यकला के मल प्रमसि नै। महमभन्न समारत के ब ि ससकी भव्य माप और
हास्तदमयल्प प्रकृ मत ससे सस क्षेत्र में महमयष्टता प्रदान करत नै। यन बानर सकन ल और आसतररक सकन ल को िोड़ने हाल सात
सड़क के साथ दो ससकेंकद्रत हृत य ससरिना का मनमानण करता नै।
से कै थेड्रल, गोहा: यन मयया का सबसे बड़ा ििन नै। बानर भाग में टस्कन और आसतररक भाग में कोररमथयन के साथ गोमथक
स्थापत्य यैल में बना नै। मदख्य प्रहेय ्ार पर लैरटन मयलालेख हाला पेमडमेंट, कद ररमथयन स्तसभ के सनारे स्थामपत ककया गया
नै। पमहत्र िल के मल कोररमथयन स्तसभ में दो ससगमरमर के बेमसन लगे हु नैं। नलेक्िेंमड्रया के सेंट कै थर न को समर्षपत मदख्य
हेद के साथ कै थेड्रल में पसद्रन हेकदयास और आि िैपल नैं। टॉहर में क सदननर घसट (महश्व में सबसे बड़ ) समेत 5 घसरटयास नैं।
महक्टोररया टर्षमनस, मदब
स ई: नह-गोमथक यैल का सहानमधक उत्कृ ष्ट उदानरण महक्टोररया टर्षमनस (ग्रेट ससमडयन पेमननसदलर रेलहे
कस पन का स्टेयन और मदख्यालय) नै। सस यैल का मिरटय ्ारा बड़े पैमाने पर उपयोग ककया गया था। ससकी मदख्य महयेिता स
ऊसि -ऊसि छतें, नदकीले मेनराब और महस्तृत सिाहट आकद नैं।
ससमल सभ यदग्म सन सदममे लत नैं।
Q 82.D
िल िासमत नमभयान कें द्र य िल सससाधन, नद महकास और गसगा ससरक्षण मसत्र ्ारा 5 िून, 2015 को प्रारसभ ककया गया। ससका
उद्देय देय में िल ससरक्षण हस प्रबसधन को समग्र और कीकृ त दृमष्टकोण के माध्यम से समेककत करने नेतद, सभ मनतधारक को
समम्ममलत करते हु ससे क िन आसदोलन बनाना नै।
िल िासमत नमभयान का क मदख्य उद्देय "सनभाग जसिाई प्रबसधन के मल पसिायत राि ससस्थाओं और स्थान य मनकाय
समनत सभ मनतधारक की आधारभूत भाग दार को सददढ़ृ करना नै।"
िल िासमत नमभयान के िार मनत्हपूणन घटक नैं- िल ग्राम योिना, मॉडल कमासड क्षेत्र का महकास, प्रदूिण मनयसत्रण और िन
िागरूकता कायनिम। ससमल महकल्प (d) सन उत्तर नै।
घटक
o िल ग्राम योिना के तनत देय के प्रत्येक मिले में िलाभाह हाले दो गासह का ियन करके सनमें िल सदरक्षा प्राि करने के
मल क व्यापक िल सदरक्षा योिना बनाना पररकमल्पत नै। 828 के कद ल लक्ष्य की तदलना में नब तक 726 ऐसे गासह की
पनिान की िा िदकी नै। 180 गासह के मल कीकृ त िल सदरक्षा योिना तैयार की गई नै और उनमें से 61 को स्ह कृ मत
प्रदान कर द गई नै।
Q 83.D
डायररया के उपिार से ससबमस धत प्रमदख उपाय मनम्नमलमखत नैं:
पदनिनल करण (rehydration): ओरल ररनासड्रेयन सॉल््स (ORS) महलयन से पदनिनल करण। ORS स्हच्छ िल, नमक
और ि न का ममश्रण नै। ORS छोट आसत में नहयोमित नो िाता नै और यन मल के माध्यम से नष्ट नो िदके पान और
सलेक्िोलास्स की कम को पूरा करता नै।
जिक यदक्त पूरक आनार (zinc supplements): डायररया की नहमध को 25% तक कम करता नै और मल की मात्रा में
30% की कम लाता नै।
नसतःमयर य तरल पदाथों से पदनिनल करण: नत्यमधक मनिनल करण या जितािनक गसभ र मामल में नसतःमयर य तरल
पदाथों से पदनिनल करण।
पोिक तत्ह से पररपूणन खाद्य पदाथन: मास के दूध समनत पोिक तत्ह से भरपूर भोिन देने से कद पोिण और डायररया के
ददष्िि को तोड़ा िा सकता नै। बच्चे िब स्हस्थ न तो उन्नें पोिक आनार कदया िाना िामन , ससमें ि हन के प्रथम छन
मान तक ननन्य रूप से स्तनपान कराया िाना समम्ममलत नै।
Q 84.A
DNA मासटोकॉमन्ड्रया और कें द्रक दोन में पाया िाता नै। नालासकक मासटोकॉमन्ड्रया में कद ल ि न का नत्यमधक कम प्रमतयत
(मनस्सा) महद्यमान नोता नै, नथानत् ससमें के हल 37 ि न नोते नैं, लेककन सन ि न में उत्पररहतनन नसधापन (blindness),
मनोभ्रसय (dementia) या मानमसक क्ष णता (mental impairment) उत्पन्न कर सकता नै। ससमल कथन 1 सन नै।
रोग की रोकथाम या उनके उपिार नेतद क या क से नमधक कोमयकाओं में मासटोकॉमन्ड्रया को प्रमतस्थामपत करना
मासटोकॉमन्ड्रयल ररप्लेसमेंट थेरेप (MRT) कनलाता नै। MRT का प्रयोग सन-महिो फर्टटलासिेयन के क महयेि रूप में नोता
नै, भ्रूण के कद छ या सभ मासटोकॉमन्ड्रयल DNA तृत य पक्ष से प्राि ककये िाते नैं।
MRT में मातृ कोमयका के कें द्रक को दाता कोमयका में स्थानासतररत ककया िाता नै। कोमयकाओं का मनिेिन स्थानानसतरण से पूहन
या पिात् नो सकता नै। सससे मातृ कोमयका के उत्पररहर्षतत/दोिपू णन मासटोकॉमन्ड्रया को नटाकर दाता कोमयका के स्हस्थ
मासटोकॉमन्ड्रया ्ारा प्रमतस्थामपत कक िाने में सनायता प्राि नोग । ससमल कथन 2 सन ननीं नै।
यन तकन क त न व्यमक्तय (3 parents) से प्राि ि न के कारण क करिन पररमस्थमत उत्पन्न करने हाल तकन क बन गई नै।
क्य कक यन बाद में मपतृत्ह ससबसध कानून मदकदमे या ससपमत्त में मासग करने िैस मस्थमत उत्पन्न कर सकत नै। ससे प्रकृ मत के
Q 86.D
मनालहाड़ यब्द जनद यब्द मनल से मलया गया नै, मिसका नथन नै घर, मिला, पड़ोस या आहास। सस व्यहस्था में िमींदार या
लसबरदार याममल नोते थे िो ससपूणन गााँह या यनााँ तक कक गााँह के समून के प्रमदख नोने का दाहा करते थे। ग्राम समददाय के
साथ-साथ, िमींदार रािस्ह के भदगतान के मल भ ससयदक्त रूप से उत्तरदाय थे । परसतद यन व्यमक्तगत उत्तरदामयत्ह था। सस
व्यहस्था के नसतगनत गााँह की समस्त भूमम, यनााँ तक कक हनभूमम, िारागान सत्याकद को भ याममल ककया गया।
मनालहाड़ व्यहस्था के नसतगनत बसदोबस्त नमधकाररय के मनदेयानदसार गासह या ररयासत नथहा मनल के साथ प्रत्यक्ष रूप से
बसदोबस्त ककया िाता था और लगान की दर का मनधानरण बसदोबस्त नमधकार लसबरदार के परामयन से करते थे। ससका
मूल्यासकन प्रत्येक 30 हिन पर और कद छ क्षेत्र में 20 हिन में ककया िाता था।
मनालहाड़ व्यहस्था 1822 में फ्रासमसस नेजस्टग्स और R.M. बडन ्ारा आरसभ की गई। नन्य दो भू-रािस्ह व्यहस्था ,स 1793 में
बसगाल की स्थाय बसदोबस्त और 1792 में रैयतहाड़ व्यहस्था थीं।
मनालहाड़ व्यहस्था के नसतगनत पसिाब, नहध और आगरा तथा उड़ सा ह मध्य प्रदेय के कद छ मनस्स को याममल ककया गया था।
ससे 1822 में NWFP में रेगदलेयन-VIII ्ारा लागू ककया गया। सस रेगदलेयन को नॉल्ट मैकेंि ्ारा प्रस्तदत ककया गया।
ससका महस्तार करते हु मध्य प्रासत से मिरटय पसिाब तक के क्षेत्र को भ याममल ककया गया।
Q 87.A
16 फरहर 2018 को काहेर िल महहाद से ससबसमधत उच्चतम न्यायालय का मनणनय , िल सससाधन प्रबसधन के ससदभन में नत्यमधक
मनत्हपूणन नै, महयेिकर ककस भ िल-सनभािन ससबसध महहाद का समाधान करने के मल । सस मनणनय ्ारा काहेर नद िल
महहाद रिब्यूनल के 2007 के मनणनय के महरुि तममलनाडद , कनानटक, के रल और पददि
द रे िैसे राज्य ्ारा लसबे समय से िार
मदकदमे का समापन ककया गया। उच्चतम न्यायलय ने पनल बार राज्य के मध्य िल सनभािन नेतद न मत मनमानताओं और िल
प्रबसधक के मागनदयनन के मल मसिासत को मनधानररत ककया नै।
सहनप्रथम, उच्चतम न्यायलय ने ककस भ िल-सनभािन के ससहाद में नसग कार करने नेतद कद छ मनमित नसतरराष्ट्र य मसिासत की
सनायता ल । उच्चतम न्यायलय ने सस ससबध
स में िार मसिासत का प्रमाण कदया: नामनन मसिासत, नेलजसकी मनयम, कैं मपयोन
मनयम और बर्षलन मनयम। नामनन मसिासत नमभधारणा करता नै कक प्रत्येक राज्य का नपने िल सससाधन पर ससप्रभदता नोत नै
और उसे नपने प्रादेमयक क्षेत्रामधकार के नसतगनत कद छ भ करने का नमधकार नै। सस मसिासत से उच्चतम न्यायलय सनमत ननीं
था।
हिन 1966 के नेलजसकी मनयम नसतरानष्ट्र य नकदय के न्यायससगत उपयोग की आहयकता पर बल प्रदान करते नैं। सस ससबध
स में
महिार कक िाने हाले प्राससमगक कारक में सदमहिाररत नै, िैस-े क नद घाट (बेमसन) का भूगोल, ससका िल महज्ञान, नद
घाट को प्रभामहत करने हाल िलहायद, नद घाट के िल का पूहन उपयोग, नद घाट के नसतगनत आने हाले प्रत्येक राज्य की
आर्षथक और सामामिक आहयकता स, िनससख्या, सससाधन की उपलब्धता, नद घाट के िल के उपयोग में ननाहयक
Q 88.D
कथन 1 सन ननीं नै: मिनका उद्देय ननदच्छेद 368(2) के परन्तदक में उमल्लमखत उपबसध समनत ससमहधान के नन्य सभ उपबसध
(मसहाय ननदच्छेद 2,3,4,169, पासिहीं ननदसूि के पैरा 7 हस छि ननदसूि के पैरा 21 के मिन्नें सामान्य बहुमत से ससयोमधत
ककया िा सकता नै) में ससयोधन करना नै उन्नें ‘ससमहधान ससयोधन महधेयक’ य िनक के नाम से िाना िाता नै। सन महधेयक को
सससद के ककस भ सदन में पदरःस्थामपत ककया िा सकता नै। यकद महधेयक की सूिना गैर -सरकार सदस्य से प्राि नोत नै तो
महधेयक को पदरःस्थामपत करने के मल कायनसि
ू में याममल करने से पूहन गैर -सरकार सदस्य के महधेयक तथा ससकल्प ससबध
स
समममत ्ारा सबसे पनले महधेयक की िााँि की िात नै और पदरःस्थापन के मल उसकी मसफाररय की िात नै। महधेयक के
पदरःस्थापन के प्रस्ताह पर मनणनय साधारण बहुमत से ककया िाता नै। 26हास ससमहधान ससयोधन और 61हास ससमहधान ससयोधन
गैर-सरकार सदस्य के महधेयक से उत्प्रेररत था। गैर-सरकार सदस्य के महधेयक और ससकल्प ससबध
स समममत महधयक को
पदरःस्थामपत करने की ननदममत के प्रस्ताह को कायन-सूि में समम्ममलत करने से पूहन प्रत्येक ऐसे महधेयक की िासि करना, िो
ससमहधान में ससयोधन करने के बारे में नो और उसकी सूिना गैर-सरकार सदस्य ्ारा द गई नो।
कथन 2 सन ननीं नै: प्रत्येक खसड या ननदसूि को नलग-नलग मतदान के मल सदन के समक्ष रखा िाता नै और उसे महयेि
बहुमत से स्ह कार ककया िाता नै। लेककन, ककस नन्य महधेयक के मामले में खसड या ननदसि
ू में ससयोधन साधारण बहुमत से
महमनमित कक िाते नैं।
कथन 3 सन नै: ससमहधान ससयोधन महधेयक पर सससद के दोन सदन के मध्य ककस प्रकार की नसनममत के मामले में , उस
महधेयक पर सससद के दोन सदन की ससयदक्त बैिक ननीं नो सकत नै क्य कक ससमहधान के ननदच्छेद 368 में यथापेमक्षत प्रत्येक
सदन में महमनत महयेि बहुमत ्ारा महधेयक पाररत ककया िा गा।
सससद ्ारा महमनत महयेि बहुमत से और िनास आहयक नो, नपेमक्षत ससख्या में राज्य महधानमसडल ्ारा ननदसमर्षथत ससमहधान
ससयोधन महधेयक को ससमहधान के ननदच्छेद 368, मिसके नसतगनत राष्ट्रपमत को ऐसे महधेयक पर ननदममत देन नोत नै, के नध न
राष्ट्रपमत को प्रस्तदत ककया िाता नै।
Q 89.B
नाल न में कें द्र य खाद्य प्रससस्करण उद्योग मसत्र ने, बािार आसूिना और समयपूहन िेताहन प्रणाल (Market Intelligence
and Early Warning System: MIEWS) हेब पोटनल लॉन्ि ककया। यन टमाटर, प्याि और आलू (TOP) की कीमत की
'हास्तमहक समय मनगरान ' करने और साथ न ऑपरेयन ग्र न्स (OG) की यतों के नसतगनत नस्तक्षेप करने ससबध
स िेताहन िार
करने नेतद नपन तरन का प्रथम प्लेटफामन नै।
Q 90.D
नसतरानष्ट्र य ऋण सासमख्यकी (International Debt Statistics: IDS) महश्व बैंक का पदराना हार्षिक प्रकायन नै यन उन 122
मनम्न और मध्यम आय हाले देय के मल बाह्य ऋण सासमख्यकी और महयेिताओ का महश्लेिण करता नै िो महश्व बैंक ऋण
ररपोर्टटग प्रणाल (DRS) को ररपोटन करते नैं।
नसतरानष्ट्र य ऋण सासमख्यकी महत्त य प्रहान, बाह्य ऋण में रूझान तथा मनम्न और मध्यम आय हाले देय के मल नन्य प्रमदख
महत्त य ससकेतक की ररपोटन करता नैं। ये ररपो्सन हिन 1970 से 2018 तक 200 से नमधक समय श्रृसखला ससकेतक को समामनत
करत नैं, सनमें नमधकासय ररपोर्टटग देय नेत,द हिन 2026 के मल मौिूदा प्रमतबिताओं पर ननदसूमित ऋण सेहा भदगतान के
मल डेटा को ससप्रेमित करत नैं।
ररपोटन के ननदसार, मनम्न और मध्यम आय हाले देय का कद ल बाह्य मपछले हिन ऋण 5.3 प्रमतयत बढ़कर 7.8 रिमलयन डॉलर
तक नो गया, िबकक बाह्य लेनदार से यदि ऋण प्रहान (सकल ससमहतरण ऋणात्मक मूल भदगतान) 28 प्रमतयत कम नोकर 529
नरब डॉलर नो गया।
Q 91.A
िरण PSLV (प स लह ) GSLV (ि स लह )
स्िैप-ऑन बूस्टसन – पनले िरण PSLV-G या PSLV--XL प्रकार के 4 तरल ससिन
में प्रणोदन बढ़ाने के मल मामले में 6, लेककन कोर-नलोन
(PSLV-CA) के मल ननीं
प्रथम िरण S139 िोस रॉके ट मोटर; PSLV के समान न ।
ईंधन: िट ब प (नासड्रामक्सल-टर्षमनेट
पॉल ब्यूटाड न)
म्त य िरण महकास ससिन (तरल); PSLV के समान न ।
ऑक्स डासिर: नासिोिन टेिाऑक्सासड
(N2O4)
ईंधन: मसमेरिक
डासमेमथलनासड्रेज़ न (UDMH)
(MON) ि स लह – तृत य)
कथन 2 सन ननीं नै: PSLV मदख्य रूप से भू-प्रेक्षण उपग्रन /ररमोट सेंजसग उपग्रन को सूयन तदल्यकाल /रदह से रदह हत्त य
कक्षाओं में लॉन्ि करने के मल प्रयोग ककया िाता नै, मिन्नें मनम्न भू-कक्षाओं के रूप में भ िाना िाता नै। नालासकक PSLV को
2011 में द घनहृत्ताकार भू-तदल्यकामलक नसतरण कक्षाओं (GTO) में कम मलफ्ट-ऑफ द्रव्यमान हाले ससिार उपग्रन (1400 ककलो
तक)- GSAT-12 (टेल मेमडमसन और टेल - िदकेयन सेहा स और आपदा प्रबसधन नेतद के मल समथनन) को स्थामपत करने नेतद
लॉन्ि करने के मल भ उपयोग ककया गया था। दूसर ओर, GSLV का उपयोग मदख्य रूप से नत्यमधक द घनहृत्ताकार कक्षाओं में
ससिार उपग्रन को लॉन्ि करने के मल ककया िाता नै।
Q 92.D
बैंककग महमनयमन रेगल
द य
े न नमधमनयम, 1949 देय में बैंककग क्षेत्रक का सदिारु ससिालन सदमनमित करने के मल आरब आई को
महमभन्न मनयामक, पयनहेक्ष और महकास कायन आरम्भ करने का नमधकार देता नै। नपने महकासात्मक बैंककग न मत कायों के
नसतगनत, RBI महहेकपूणन मानदसड , मनहेय न मतय , प्राथममकता क्षेत्रक के लक्ष्य की मनगरान , पदनर्षहत्त, ब्याि दर ,
स आरआर/ स लआर पर मनदेय िार करने के सम्बन्ध न मत मनमानण करता नै, और साथ न बैंक को ग्रानक ऋण आकद पर
ककस प्रकार का प्रभार नमधरोमपत करना स्थमगत करने के मल भ कनता नै। ससमल कथन 1 सन ननीं नै।
यन नमनहायन ननीं नै, लेककन RBI ने समयोमित रूप से 1 मािन, 2020 से 31 मई, 2020 तक की नहमध के दौरान सन खात में
लागू ब्याि की हसूल को स्थमगत करने के मल बैंक को ननदममत द नै, ससमल , यन आस्थगन प्रदान करना या ननीं करना
पूर तरन से बैंक के महहेक पर मनभनर नै। ससमल कथन 2 सन ननीं नै।
Q 93.C
हेंिर कै मपटल फस ड्स ऐस मनहेय मनमधयााँ नैं िो सददढ़ृ महकास क्षमता हाले स्टाटननप और छोटे से लेकर मध्यम आकार के उद्यम
में मनि सकक्वट दासह पर लगाने का प्रयास करने हाले मनहेयक के धन का प्रबसधन करत नैं। ये मनहेय आम तौर पर उच्च
िोमखम/उच्च प्रमतफल के नहसर के रूप में मिमननत कक िाते नैं। ससमल कथन 1 सन नै।
बिाह मनमध (नेि फस ड) सलानकार के महपर त, हेंिर कै मपटल फस ड्स के सामान्य भाग दार ऐस कस पमनय में प्राय: सकिय
भूममका मनभाते नैं मिनमें हे मनमधय का मनहेय करते नैं। बािार की घटनाओं और यतों के आधार पर पोटनफोमलयो सदरक्षा में
नमनमित काल के मल मनहेय धारण करने में सक्षम बिाह मनमध के महपर त, हेंिर कै मपटल फडड का उद्देय, कस पन की हैल्यू
(value) के मनहेय की हैल्यू से नमधक नो िाने पर, आम तौर पर नपना मनहेय समाि करना नोता नै। ससमल कथन 2 सन
नै।
भारत में हेंिर कै मपटल, सेब नमधमनयम, 1992 और सेब (उद्यम पूसि मनमध) महमनयम, 1996 ्ारा नमभयामसत नोता नै,
मिसके ननदसार, हेंिर कै मपटल फडड की गमतमहमध को िार रखने का प्रस्ताह करने हाले ककस भ कस पन या िस्ट को सेब से
प्रमाण पत्र का ननददान ममलेगा। नालासकक, महदेय उद्यम पूसि मनहेय महमनयम के नसतगनत महदेय हेंिर कै मपटल मनहेयक
(FVCI) का पसि करण नमनहायन ननीं नै। हेंिर कै मपटल मनमधयास और महदेय हेंिर कै मपटल मनहेयक को प्रमतभूमत ननदबध
स
(महमनयमन) नमधमनयम, 1956, सेब (येयर और नमधग्रनण का पयानि नमधग्रनण) महमनयम, 1997, सेब (मनहेयक ससरक्षण का
प्रकट करण) कदया-मनदेय, 2000 ्ारा भ कहर ककया िाता नै। ससमल कथन 3 सन ननीं नै।
Q 95.C
समािार पत्र (नपराध के मल प्रोत्सानन) नमधमनयम, 1908: यन नमधमनयम लॉडन जमटो म्त य (1905-1910) के यासन के
दौरान नमधमनयममत ककया गया था। ससका उद्देय िरमपसथ राष्ट्रहाद गमतमहमधय पर नसकदय लगाना था। सस नमधमनयम ने
ममिस्िेट को नत्या/जनसा के कृ त्य ,को प्रोत्सामनत करने हाल आपमत्तिनक सामग्र को प्रकामयत करने हाल प्रेस की ससपमत्त
िब्त करने के नमधकार कद । ससमल कथन 1 और 2 सन नैं।
यन सम्पूणन मिरटय भारत पर लागू था।
िब्त के सयतन आदेय के मखलाफ प्रस्तदत नोने हाला या कारण दयानने हाला व्यमक्त सस तरन का आदेय सदमनमित कक िाने की
मतमथ से पसद्रन कदन के भ तर उच्च न्यायालय में नप ल कर सकता था।
Q 97.A
भारत की उपभोक्ता नथनव्यहस्था का 360-मडग्र सहेक्षण (India's Consumer Economy-ICE 360-degree survey)
क गैर-आर्षथक लाभ प्रयोिन से कायन करने हाले ननदसध
स ान कें द्र ‘प पल ररसिन ऑन ससमडयाि कस ज़्यूमर सकनॉम ’ ्ारा तैयार
ककया िाता नै। यन 'भारत के नागररक पररहेय और उपभोक्ता नथनव्यहस्था के घरेलू सहेक्षण' पर के मन्द्रत नै।
सहेक्षण को बहुआयाम रूप में मडज़ासन ककया गया नै और यन आय हस बित के नमतररक्त नन्य क्षेत्र तक भ महस्ताररत नै।
यन भारत य पररहार के आर्षथक और सामामिक कल्याण का भ आकलन करता नै। साथ न यन सामामिक, रािन मतक और
महत्त य समाहेयन के मनदेयात्मक उपाय, साहनिमनक हस्तदओं तक पहुसि की माप तथा सरकार के नहससरिना और कल्याणकार
उपाय प्रदान करता नै।
उद्देय
o बेनतर न मत मनमानण, महमनयामक ननदकिया और व्यापार रणन मतक महकास में सनायता करने के मल लोग को सद लभ
नमधक से नमधक महश्वसन य और व्याहनाररक िानकार को साहनिमनक डोमेन में उपलब्ध कराना।
o नज्ञात या नस्पष्ट महिय को प्रकाय में लाने के मल नग्रण भूममका मनभाना।
o भारत की लोक न मत से ससबसध पररििान और ससहाद में "मानह य" या िन-कें कद्रत दृमष्टकोण को समामनत करना, िो
हतनमान में पररणाम तथा हृनद आर्षथक दृमष्टकोण या आपूर्षत-पक्ष से ससबसध िर की बिाय के हल प्रदयनन पर कें कद्रत नै।
o भारत सरकार और कॉपोरेट िगत को लोग के स्तर के डेटा पर ध्यान देने के मल प्रोत्सामनत करके न मत और व्यापार का
नसमतम लक्ष्य -भारत य नागररक के आर्षथक और सामामिक कल्याण, दोन को ससभह बनाना।
o लोक न मत के साथ भारत य नागररक की भाग दार को सममन्हत करना।
Q98.A
‘समताप मसडल का नकस्मात या य घ्र तापन’ (sudden stratospheric warming) नामक पररघटना धरातल से 12-50
ककम ऊपर समताप मसडल के तापमान में नकस्मात हस य घ्र हृमि ( क-दो कदन में न लगभग 50 मडग्र सेमल्सयस तक) को
दयानत नै। यन उत्तर गोलाधन में घरटत नोने हाल सामान्य पररघटना नै िबकक यन दमक्षण गोलाधन में यायद न कभ (लेककन
नसामान्य ननीं) घरटत नोत नै। ससमल कथन 1 सन नै।
कियामहमध
o प्रत्येक हिन य त ऋतद में, रदह पर समताप मसडल की ऊपर परत में उच्च गमत से प्रहामनत नोने हाल पछद आ पहन महकमसत
नोत नै। यन मदख्यतः सूयन की मस्थमत से प्रेररत महभेदक तापन के कारण नोता नै, मिससे न्यून नक्षासय पर तापमान में हृमि
Q 99.A
नामलया ससदभन: नाल न में, महज्ञान और प्रौद्योमगकी महभाग (DST) ्ारा पदणे मस्थत महज्ञान और प्रौद्योमगकी पाकन (STP या
SCI-TECH PARK) की क सनक्यूबेट कस पन ्ारा महकमसत हायद-योधन तकन क 'सासटेक- रॉन'(Sci-tech Airon)
महिार (आईमडया) के आरसमभक िरण/नहधारणा के प्रमाण (प्रूफ ऑफ़ काससेप्ट) के सन्दभन में महत्तपोिण नसतराल को ससबोमधत
करने के मल मनमध-प्रयास (NIDHI-PRAYAS) कायनिम को नेयनल समनमय रटह फॉर डेहलजपग ड
स नारनेजसग सनोहेयन
(NIDHI) के नसतगनत भारत सरकार के महज्ञान हस प्रौद्योमगकी महभाग (DST) के तत्हाहधान में राष्ट्र य महज्ञान हस प्रौद्योमगकी
उद्यममता महकास बोडन (NSTEDB) ्ारा लॉन्ि ककया गया नै।
मनमध (NIDHI)- यदहा और मनत्हाकासक्ष प्रौद्योमगकी उद्यममय को बढ़ाहा देना हस त व्र गमत प्रदान करना (NIDHI-
PRAYAS), नाम की सस योिना को प्र सन्क्यूबय
े न पनल के रूप में लॉन्ि ककया गया नै, िो महयेि रूप से यदहा नहप्रहतनक
को नपन ‘नहधारणाओं के प्रमाणन’ नेतद सनयोग प्रदान करत नै। यन समथनन नहप्रहतननकतानओं के मल महफलता के भय से
मदक्त नोकर नपने महिार का पर क्षण करना ससभह बना गा, ताकक हे क ऐसे िरण तक पहुाँि सकें िनााँ नहप्रहतनक /
उद्यममय को तैयार उत्पाद की उपलमब्ध नो और हे उसके व्याहसाय करण के मल सनक्यूबेटर से ससपकन करने नेतद तत्पर न ।
ससमल महकल्प (a) सन उत्तर नै।
कायनिम के उद्देय:
o नमभनह महिार को प्रोटोटासप के स्हरूप में रूपासतररत करने में सनायता करना।
o त्हररत प्रयोग नेतद प्लेटफामन प्रदान करना और महिार से बािार तक के दृमष्टकोण को ससयोमधत करना।
o स्थान य और हैमश्वक समस्याओं के प्राससमगक नमभनह समाधान उत्पन्न करना।
o बड़ ससख्या में समस्या समाधान नेतद उत्सान और क्षमताओं का प्रदयनन करने हाले यदहाओं को आकर्षित करना।
o नई प्रौद्योमगकी/ज्ञान/नहािार पर आधाररत उनके स्टाटननप उद्यम पर कायन करना।
सनक्यूबेटर के मल नहप्रहतननकार स्टाटननप कम्पमनय की गदणहत्ता और मात्रा के मामले में महयेि कृ त मॉड्यूल्स के ननदिम
(pipeline) को समदन्नत करना।
Q 100.B
कथन 1 सन ननीं नै: राज्य के क्षेत्र को कम करने की सससद की यमक्त में भारत य क्षेत्र को ककस नन्य देय को सौंपने की यमक्त
समम्ममलत ननीं नै। 1960 के बेरुबार ससघ हाद में , उच्चतम न्यायालय ने माना कक राज्य के क्षेत्र को कम करने की सससद की यमक्त
भारत य क्षेत्र का नध्यपनण करने को याममल ननीं करत नै। ससमल , भारत य क्षेत्र को के हल ससमहधान में ससयोधन करके न
महदेय राज्य को सौंपा िा सकता नै। 9हास ससमहधान ससयोधन नमधमनयम और 100हास ससमहधान ससयोधन नमधमनयम सस उद्देय
के मल नमधमनयममत कक ग थे।
कथन 2 सन ननीं नै: 1969 में उच्चतम न्यायालय ने मनणनय कदया कक भारत और नन्य देय के ब ि स मा महहाद के मनपटारे के
मल ससमहधान ससयोधन नमधमनयम की आहयकता ननीं नोत नै। यन कायनकार कारनहाई ्ारा ककया िा सकता नै क्य कक ससमें
ककस भारत य क्षेत्र का नन्य देय को नध्यपनण ककया िाना समम्ममलत ननीं नै।
कथन 3 सन नै: ननदच्छेद 1, 2 और 3 के नसतगनत, सससद को सामान्य महधाय प्रकिया ्ारा या साधारण बहुमत ्ारा पाररत
कानून के माध्यम से न राज्य और नमधगृन त महदेय क्षेत्र को स्ह कार करने की यमक्त नै। सस प्रकार के नमधग्रनण को
नसतरानष्ट्र य नमभसमय ्ारा मनयसमत्रत ककया िाता नै।