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यमुना जी की आरती
ती 

ऊँ जै यमुना
न माता , हिर ऊँ जै यमुना माता , नो नहाव
वे फल पावे सुख सुख की दात
ाता ।  

          ऊँ जै यमुना माता.............................. 

पवन ौी यमु
य ना जल शीत
तल अगम बहै धारा , जो जन
न शरण से कर िदया िनःतारा
रा । 

          ऊँ जै यमुना माता.............................. 

जो जन ूाातः ही उठकर िनत्य ःनान करे , यम के ऽा


ऽास न पावे जो िनत्य ध्यान करे । 

          ऊँ जै यमुना माता.............................. 

किलकाल में ह अटल रही , तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही । 
म मिहमा तुम्हारी

          ऊँ जै यमुना माता..............................
म  

आन तुम्हारेरे माता ूभु अवतार


अ िलयो , िनत्य
ि िनमर्ल जल
ज पीकर कंस को मार िदय
यो । 

          ऊँ जै यमुना माता..............................
म  

नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी , मन ‘बेचैन ’ 


’ भया है तुम िबन वैतरणी ।  

ऊँ जै यमुना
न माता.............................. 

            

  

  

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