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अ ण पा य
ण्डे
रु
न्दों
रि
छ
ज्रा
त्या
स्य
त्या
त्रि
न्द
मा क छ
आ
य पादे थमे दशमा था ततृ ीयेऽिप । अ दश
तीये चतु के प दश साऽ ।।
थमपाद -१२ मा , तीयपाद – १८ मा , ततृ ीयपाद – १२ मा , चतु पाद – १५
मा वाला छ आ कहा जाता है ।
उदाहरण
S I I S SI I S , I S I S S I S I SS S
आप तोषा दुषां, न साधु म योगिव नम् ।
I I I I I S I S S, S S S S I S S S
बलवदिप िश तानाम् , आ यं चेतः ।।
र्या
र्थ
र्या
न्ये
र्या
र्थ
द्वि
प्र
स्याः
त्रा
त्रि
रि
द्वि
प्र
क्षि
न्द
न्द
त्रा
द्वा
ञ्च
द्वि
त्रा
त्म
स्त
न्य
प्र
प्र
त्य
ज्ञा
त्रा
त्रा
ष्टा
वा क छ
● वा क छ ३ कार के होते ।
● १ समव ृ – िजनके सभी चर के व समान वे समव ृ कहे जाते ।
जैसे अनु भ् , इ व इ िद ।
● २ अ समव ृ –िजनके थम पाद के समान ततृ ीय पाद तथा तीय पाद
के समान चतु पाद हो ऐसे छ अ समव ृ कहे जाते । जैसे
िवयोिगनी इ िद ।
● ३ िवषमव ृ – िजनके सभी चर के व असमान (अलग-अलग) ऐसे
छ िवषमव ृ कहे जाते । जैसे – चतु इ िद ।
ष्टु
र्णि
र्णि
र्ध
र्थ
हैं
हैं
र्ध
र्ण
र्ण
र्ध्व
हैं
हैं
न्द
त्त
त्त
न्द
त्त
त्या
त्त
न्द
प्र
न्द्र
ज्रा
प्र
त्या
णों
न्द
णों
रू
त्त
त्या
हों
त्त
द्वि
हों
लघु गु िवचार
स्थि
त्रि
श्च
न्त
न्य
ह्र
स्व
ष्ण
त्या
ष्णु
गण
सू – य मा ता रा ज भा न स ल गा ।
१- यगणः यमाता ।ऽऽ ५- जगणः जभान ।ऽ।
२- मगणः मातारा ऽऽऽ ६- भगणः भानस ऽ।।
३- तगणः ताराज ऽऽ। ७- नगणः नसल ।।।
४- रगणः राजभा ऽ।ऽ ८- सगणः सलगा ।।ऽ
आिदम वसानेषु भजसा या गौरवम्।
यरता लाघवं या मनौ तु गु लाघवम् ॥
त्र
ध्या
न्ति
न्ति
रु
अनु प् (८)
ष्ठां
स्वं
प्र
ष्ठं
त्व
णों
प्त
रु
द्वि
श्व
न्य
त्र
रु
रों
ञ्च
णों
णों
ह्र
स्व
न्य
रु
नों
इ व (११)
ल ण- िद व यिद तौ जगौ गः
त त ज ग ग
ऽऽ। ऽऽ। ।ऽ। ऽ ऽ
॥ उदाहरण ॥
अ िह क पर य एव
ताम स प हीतुः ।
जातो ममायं िवशदः कामं
त स इवा रा
र्पि
म्प्रे
प्र
त्य
न्द्र
र्थो
क्ष
द्य
ज्रा
स्या
न्या
न्या
ष्य
न्द्र
रि
की
ग्र
न्त
ज्रा
प्र
त्मा
उपे व (११)
ल ण - उपे व जतजा तो गौ
ज त ज ग ग
।ऽ। ऽऽ। ।ऽ। ऽ ऽ
॥ उदाहरण ॥
मेव माता च िपता मेव
मेव ब सखा मेव ।
मेव िव िवणं मेव
मेव स मम देव देव ॥
र्वं
त्व
त्व
त्व
त्व
क्ष
न्द्र
द्या
ज्रा
न्द्र
न्धुश्च
द्र
ज्रा
त्व
त्व
त्व
स्त
उपजाित (११)
रि
रु
ह्य
ण्डः
त्मा
क्ष्म
श्र
न्द
न्द्र
ज्रा
न्द्र
ज्रा
न्द्र
स्ताः
ज्रा
श्र
शािलनी (११)
द्य
क्षि
न्द
न्युक्ता
रु
ह्य
म्तौ
न्ति
त्यु
ब्धि
ब्धि
र्णों
वंश (१२)
प्र
स्थ
न्नु
स्व
स्स्व
रि
तिवल त (१२)
म्बि
भ्यु
क्ष
त्म
क्र
श्रु
वस ितलका (१४)
न्त
प्र
प्र
न्ति
न्तः
मािलनी (१५)
ष्टाः
द्रो
ल्क
स्य
स्त्वं
ष्णा
रि
द्रः
र्णों
िशख णी (१७)
स्मी
ज्ज्ञो
स्मी
रि
रु
श्छि
त्य
ञ्चि
ज्व
द्वि
न्ना
प्तं
न्धः
रु
व्य
द्र
र्णों
रि
म (१७)
क्रा
रु
न्ता
स्ना
रु
म्बु
स्वा
ण्यो
श्र
र्मो
र्त्तुः
प्र
त्तः
ग्म
ह णी (१७)
त्या
क्षुद्रो
र्न्सौ
क्लि
स्थं
न्तुः
न्न
न्नं
म्रौ
रि
स्लौ
स्थि
ग्र
क्य
न्धि
र्णों
ल्गु
प्सि
रि
ङ्ग्र
श्च
स्त्र
श्व
हु
न्त्र
र्णों
प्र
स्य
स्त्यौ
क्री
क्री
रा (२१)
द्व
त्ख
र्मो
त्रि
प्र
त्रि
त्ति
स्र
र्णों
स्वी
स्था
स्थि
ग्ध
क्त
की
म्भ
ध वादः
न्य