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Computer Memory क्या है और इसके प्रकार

क्या आप कांटे है के  कंप्यूटर मेमोरी क्या है (What is Computer Memory in Hindi)? हम सभी
तो Computer का इस्तमाल करते ही हैं अपने घरों में, offices में या किसी दसु रे स्थान में. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा
है की इन machines को operate करने के लिए या यँू कहे की हमारे  data और information को store
करने के लिए हमें जिस device की जरुरत होती है वो क्या है? यदि आपका जवाब memory device है तब आपने
बिकुल सही फ़रमाया है. लेकिन क्या आप जानते हैं की कंप्यटू र मेमोरी के प्रकार कितने है? यदि नहीं तब आपके लिए यह article
बहुत मददगार शाबित होने वाला है.

जैसे हम इसं ानों को कुछ याद रखने के लिए या दसु रे कार्यों के लिए Memory की जरुरत होती है ठीक वैसे
ही Computer हो या कोई दसू रा device उन्हें भी ठीक से operate होने के लिए Memory की बहुत जरुरत होती
है. लेकिन इसमें समझने वाली बात यह है की Memory के बहुत से अलग अलग प्रकार होते हैं. और जिनका functions
भी भिन्न होते हैं. ऐसे में इन सभी के विषय में हम सभी को जानना बहुत ही जरुरी होता है ताकि हम अपने जरुरत के अनसु ार उनका
सही रूप से इस्तमाल कर सकें . इसलिए आज मैंने सोचा की आप लोगों के सभी doubts कंप्यटू र memory के विषय में
आज इस article के माध्यम से clear कर दिया जाये जिससे आपको कहीं दसु रे जगह जाने की जरुरत ही नहीं है और आप बड़े
ही आसानी से इन technical concepts को समझ सकते हैं. तो बिना देरी किये चलिए शरू ु करते हैं और जानते हैं की
कंप्यटू र की सबसे तेज मेमोरी क्या है और इसके कितने प्रकार होते हैं.

कंप्यूटर मेमोरी क्या है (What is Computer Memory


in Hindi)
एक memory एक इन्सानी दिमाग के तरह ही होता है. इसका इस्तमाल data और instructions store करने के
लिए होता है. Computer memory एक ऐसा storage space होता है computer में, जहाँ की data
जिसे की process किया जाता है और instructions जो की processing के लिए चाहिए वो वहां पर store
किये जाते हैं. Computer memory को divide किया जाता है बहुत से number के small parts में
जिन्हें की cells कहा जाता है. प्रत्येक location या cell की एक unique address होती है, जो की varies
करती है zero से memory size minus one. उदाहरण के लिए, अगर आपके computer में 64k
words हैं, तब इस memory unit में 64 * 1024 = 65536 memory locations होते हैं. इस
memory loacations की address varies करती है 0 से 65535.

Memory किसी भी Computer की बहुत ही essential हिस्सा होता है क्यंकि


ू इसके बिना computer एक
simple task भी नहीं कर सकता है. Computer memory के दो basic type होते हैं – Primary
memory / Volatile memory और Secondary memory / non-volatile
memory.

यहाँ पर Random Access Memory (RAM) एक volatile memory होती है और Read Only


Memory (ROM) एक non-volatile memory होती है.

कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार


लोगों को Computer Memory के प्रकार को लेकर हमेशा doubts होते हैं. जिसे की आज में हल करना चाहूगँ ा.
देखा जाये तो Computer Memory की मख्ु य रूप से तीन प्रकार होती हैं.
Memory की primarily तीन प्रकार ये होते है

 Cache Memory
 Primary Memory/Main Memory
 Secondary Memory

Cache Memory
यह है कंप्यटू र की सबसे तेज मेमोरी. Cache memory एक बहुत ही high speed semiconductor
memory जो की CPU को speed up कर देती है. ये एक buffer के तरह act करती है CPU और main
memory के बीच. इनका इस्तमाल data और program के उन हिस्सों को hold करने के लिए इस्तमाल होता है
जिन्हें की CPU के द्वारा frequently इस्तमाल किया जाता है. Data और Programs के हिस्सों को पहले
transfer किया जाता है disk से cache memory तक operating system के द्वारा, जहाँ से को उन्हें
CPU आसानी से access कर सकें .
Cache Memory के Advantages

चलिए Cache Memory के advantages के विषय में कुछ जानकारी प्राप्त करते हैं

 Cache memory बहुत ही ज्यादा fast होती है main memory की तल ु ना में.


 ये बहुत ही कम access time consume करती हैं main memory की तल ु ना में.
 ये उन programs को store करती हैं जिन्हें की एक short period of time के भीतर ही
execute करना होता है.
 ये data को temporary इस्तमाल के लिए store करती हैं.

Cache Memory के Disadvantages

चलिए Cache Memory के कुछ Disadvantages के विषय में कुछ जानकारी प्राप्त करते हैं

 Cache memory की limited capacity होती है.


 ये बहुत ही ज्यादा expensive (कीमती) होता है.

Primary Memory (Main Memory)


Primary memory के वल वही data और instructions को hold करती है जिसमें की computer
अभी work कर रहा हो. इसमें बहुत ही limited capacity होती है और data इसमें lost हो जाता है जब
power को switched off कर दिया जाये. ये generally semiconductor device से बना हुआ
होता है. ये memories registers के जैसे fast नहीं होते हैं. Data और instruction जिन्हें की
process करने की जरुरत होती है वो इसी main memory के भीतर reside करती है.

इन्हें divide किया जाता है दो subcategories में RAM और ROM.

Main Memory की Characteristics क्या है?

 ये semiconductor memories होती है.


 इसे main memory या prime memory भी कहा जाता है.
 ये Usually volatile memory होती है.
 इसमें Data lost हो जाता है जब power को switched off कर जाता है.
 ये computer का working memory होता है.
 ये बहुत ही Faster होते हैं secondary memories की तल
ु ना में.
 एक computer बिना primary memory के run नहीं करती है.

RAM क्या है
RAM का Full Form होता है Random Access Memory. यह एक हिस्सा होता है computer की
Main Memory की जिसे की CPU से directly access किया जा सकता है. RAM का इस्तमाल data को
Read और Write करने के लिए किया जाता है जिसे की CPU randomly access करता है. RAM की
memory volatile होती है, जिसका मतलब है की जब power बंद हो जाता है, तब इसमें stored
information भी lost हो जाते हैं. ज्यादातर data और programs जिन्हें की modify किया जाता है उन्हें
RAM में store किया जाता है.

Integrated RAM chips के दो अलग अलग प्रकार available हैं :


1.  SRAM (Static RAM)
2.  DRAM (Dynamic RAM)

ROM क्या है
ROM का full form होता है Read Only Memory. चलिए इसके कुछ characteristics के विषय
में जानते हैं.

1.  यह बहुत से crucial information जो की system को operate करने के लिए जरुरी होते हैं उन्हें ये
Store करता है, जैसे की program जो की essential होते हैं computer को boot करने के लिए.

2.  ये memory volatile होती हैं मतलब की Power के switch off हो जाने के बाद भी इसमें data lost
नहीं होता है.

3.  ये embedded systems में इस्तमाल किया जाता है या जहाँ programming की कोई change
करने की जरुरत नहीं होती है.

4.  इन्हें calculators और peripheral devices में मख्ु य रूप से इस्तमाल किया जाता है.

Read Only Memory के अलग अलग प्रकार

1. PROM (Programmable read-only memory) – इसे user के द्वारा भी


programmed किया जा सकता है. और एक बार इसे programmed कर दिया गया तब data और
instructions जो इसमें होते हैं उन्हें और change नहीं किया जा सकता है.

2. EPROM (Erasable Programmable read only memory) – इन्हें


reprogrammed भी किया जा सकता है. इसमें data को erase करने के लिए, उन्हें expose किया जाता है
ultra violet light में. साथ में इसे reprogram करने के लिए, आपको सभी previous data को
erase करना पड़ता है.
3. EEPROM (Electrically erasable programmable read only memory) – इसमें
data को erase किया जाता है electric field को apply कर, साथ में इसमें ultra violet light की कोई
भी जरुरत नहीं होती है. हम चाहें तो chip के सभी portions को erase कर सकते हैं.

Secondary Memory
ये Computer Memory की तीसरी और आखिरी memory होती है. इस प्रकार की memory को
external memory या non-volatile memory भी कहा जाता है. ये बहुत ही slower होती है
main memory की तल ु ना में. इसका मख्ु य इस्तमाल data या information को permanently
store करने के लिए किया जाता है.

CPU directly इन memories को access नहीं कर सकते हैं, बल्कि इसके लिए उन्हें input-output
routines का इस्तमाल करना पड़ता है. Secondary memories के contents को पहले
transferred किया जाता है main memory में, और उसके बाद ही उन्हें CPU access कर सकता है.
उदाहरण के लिए CD-ROM, DVD, Falsh Drive,  Hard Drive इत्यादि.

Secondary Memory के Characteristics क्या होते हैं?

 ये magnetic और optical memories होते हैं.


 इसे backup memory भी कहा जाता है.
 ये एक non-volatile memory होता है.
 इसमें Data permanently stored होता है, अगर आप power को switched off भी कर
लें तब.
 इसका इस्तमाल computer में data को store करने के लिए किया जाता है.
 एक Computer बिना एक secondary memory के भी चल सकती है.
 ये बहुत ही Slower होते हैं primary memories की तल ु ना में.

कंप्यूटर स्टोरेज डिवाइस के प्रकार


वैसे तो Computer Storage Device के बहुत से अलग अलग प्रकार महजदू हैं, लेकिन यहाँ हम उन सभी प्रकारों को
कुछ ऐसे तरीक़े से बाँटेंगे जिससे की हमें उन्हें समझने और याद रखने में आसानी हो.

इसलिए हम इन storage डिवाइस को पाँच हिस्सों में विभाजित करें गे. जिनके विषय में नीचे आपको जानकारी प्राप्त होगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दँू की इन storage डिवाइस का इस्तमाल कम्प्यटू र डेटा को स्टोर करने के लिए होता है.

1. मैग्नेटिक स्टोरेज डिवाइस


सबसे पहला जो Storage Device आता है वो है magnetic storage devices. इन डिवाइस का आज के
समय में सबसे ज़्यादा उपयोग किया जाता है. ऐसा इसलिए क्यँकि
ू वो बहुत ही सस्ते होते हैं और साथ में आसानी से access किए
जा सकते हैं.

इसके अलावा इसमें काफ़ी बड़ी मात्रा की डेटा को भी स्टोर किया जा सकता है.

जब ये Magnetic Storage Devices को कम्प्यटू र के साथ जोड़ा जाता है, तब एक magnetic field उत्पन्न


होता है वो भी दो magnetic polarities की मदद से. वहीं ये डिवाइस आसानी से binary language पढ़
सकता है और साथ में इन्फ़र्मेशन को स्टोर भी कर सकता है.

मैग्नेटिक स्टोरे ज डिवाइस के उदाहरण

चलिए अब कुछ magnetic storage devices के उदाहरणों के बारे में जानते हैं.
Floppy Disk – इन्हें floppy diskette भी कहा जाता है. यह एक removable storage device
होता है यानि की इसे आसानी से निकाला और लगाया जा सकता है. वहीं इसका आकार एक square के तरह होता है जिसमें
की कुछ magnetic elements होते हैं.

इसे जब कम्प्यटू र के disk reader में स्थापित किया जाता है, तब ये घमू ता है और इसमें डेटा स्टोर किया जाता है. इसे अब
इस्तमाल में नहीं लाया जाता है, लेकिन इसके जगह में CDs, DVDs और USB drives का उपयोग किया जाता है.

Hard Drive – Hard Drive एक ऐसा primary storage device होता है जिसे सीधी तोर
से motherboard के disk controller के साथ जोड़ा गया होता है. यह एक बहुत ही महत्वपर्णू storage
space होता है क्यँकि
ू इसका इस्तमाल किसी भी नए program या application को डिवाइस में install करने के
लिए किया जाता है.

फिर चाहे वो कोई Software programs, images, videos, या कोई दसू रा क्यँू ना हो. काफ़ी ज़्यादा मात्रा में
डेटा को hard drive में स्टोर किया जा सकता है.

Zip Disk – Zip Disk एक ऐसी removable storage device है जिसे की Iomega द्वारा शरू ु किया
गया था. इसके शरू
ु वती दौर में ये के वल 100 MB तक का ही डेटा स्टोर कर पाता था. वहीं लेकिन बाद में ये क़रीब 750
MB तक डेटा स्टोर कर पाता है.

Magnetic Strip – ये magnetic strip उन डिवाइस के साथ जड़ु े हुए होते हैं जिनमें की
digital data महजदू होता है. इसका सबसे बढ़िया उदाहरण है आपका ATM debit card, जिसके पीछे में जो स्ट्रिप लगा
होता है वो digital data स्टोर करती है.

2. ऑप्टिकल स्टोरेज डिवाइस


Optical Storage Devices उन devices को कहा जाता है जो की lasers और lights का इस्तमाल करते
हैं डेटा को detect और store करने के लिए. ये काफ़ी ज़्यादा सस्ते होते हैं USB drives की तल
ु ना में, वहीं उनके
मक़ु ाबले ज़्यादा डेटा भी स्टोर करने में सक्षम होते हैं.

ऑप्टिकल स्टोरे ज डिवाइस के उदाहरण

चलिए अब कुछ optical storage devices के उदाहरणों के बारे में जानते हैं.

CD-ROM – CD-ROM का फ़ुल फ़ोरम होता है Compact Disc. यह एक Read-Only Memory


होने के साथ साथ एक external device होता है जो की डेटा को read और store कर सकता है audio या
software data के रूप में. एक CD-ROM क़रीब 650MB या 700MB तक की data स्टोर कर सकता है.
Blu-Ray Disc – Blu-ray Disc, या जिसे के वल Blu-ray के नाम से भी जाना जाता है. यह एक digital
optical disc storage format होता है. इसे ख़ास तोर से DVD format को supersede (उससे
बेहतर बनने) के लिए डिज़ाइन किया गया था. वहीं ये कई घंटों की high-definition video को स्टोर करने में सक्षम
होती है.

DVD – DVD का फ़ुल फ़ोरम होता है Digital Versatile Disc. यह एक अलग प्रकार की optical
storage device होती है.

वहीं इसे आप readable, recordable, और rewritable के तोर पर भी इस्तमाल कर सकते हैं. इन डिवाइस में
Recordings कर उसे बाहर दसू रे सिस्टम पर भी जोड़ कर इस्तमाल किया जा सकता है.

CD-R – CD एक readable Compact Disc होती है जो की photosensitive organic dye


का इस्तमाल करती है डेटा को record और store करने के लिए. इसे आप एक low-cost replacement मान
सकते हैं software और applications को स्टोर करने के लिए.

DVD-R, DVD+R, DVD-RW और DVD+RW disc – DVD-R और DVD+R recordable


discs होते है जिन्हें की के वल एक बार लिखा जाता है, वहीं DVD-RW और DVD+RW को rewritable
discs भी कहा जाता है यानी की इन पर एक से ज़्यादा बार लिखा जा सकता है.

+ और – में जो मख्ु य अतं र है वो इसके formatting और compatibility में होती है.

3. फ्लैश मेमोरी स्टोरेज डिवाइस


Flash Memory Storage Devices ने अभी के समय में दोनों magnetic और optical
storage devices का स्थान ले लिया है. ये बहुत ही आसान होते है इस्तमाल करने के लिए, portable होते हैं साथ
में इन्हें कहीं और कभी भी उपलब्ध करवाया जा सकता है.

ये काफ़ी ज़्यादा सस्ते और ज़्यादा सवि


ु धाजनक होते हैं डेटा स्टोर करने के लिए.

फ्लैश मेमोरी स्टोरे ज डिवाइस के उदाहरण

चलिए अब कुछ Flash Memory storage devices के उदाहरणों के बारे में जानते हैं जिन्हें लोगों द्वारा ज़्यादा
इस्तमाल किया जाता है.

USB Drive – USB ड्राइव को pen drive भी कहा जाता है. ये storage device बहुत ही छोटे होते हैं
आकार में वहीं लेकिन इनमें काफ़ी बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर करने की खाशियत होती है.
इनमें एक integrated circuit महजदू होती है जो की इसे allow करती है डेटा को store और replace करने
के लिए.

Memory Card – इन मेमोरी कार्ड का उपयोग अक्सर छोटे electronic और computerised devices
जैसे की mobile phones या digital camera में होता है. इन memory card का इस्तमाल
images, videos और audios डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है. ये काफ़ी ज़्यादा compatible होते
हैं, साथ में इनके आकार भी काफ़ी छोटे होते हैं.

Memory Stick – इन Memory स्टिक को Originally Sony कम्पनी द्वारा लॉंच किया गया था. मेमोरी
स्टिक अधिक डेटा स्टोर कर सकती है और इस स्टोरे ज डिवाइस का उपयोग करके डेटा ट्रांसफर करना आसान और त्वरित है.

समय के साथ साथ, इन Memory Stick के अलग अलग वर्ज़न भी तैयार होने लगे.

SD Card – SD Card का फ़ुल फ़ोरम होता है Secure Digital Card. इन कार्ड का इस्तमाल अलग अलग
electronic devices में होता है डेटा को स्टोर करने के लिए. वहीं ये SD Card उपलब्ध होते हैं mini और
micro sizes में भी.

आम तोर से देखा जाए तो, computers में एक अलग ही slot महजदू होती है एक SD card को insert करने के
लिए. वहीं यदि किसी डिवाइस में ऐसी स्लॉट महजदू नहीं हो तब, ऐसे में कुछ USB रीडर भी महजदू होते हैं जिसमें की इन SD
Card को इन्सर्ट कर फिर बाद में कम्प्यटू र के साथ जोड़ कर इस्तमाल किया जा सकता है.

SSD – SSD का फ़ुल फ़ोरम होता है Solid State Drive. यह एक flash memory device होता है जो
की integrated circuit assemblies का इस्तमाल करता है डेटा को save करने के लिए.

4. ऑनलाइन और क्लाउड स्टोरेज डिवाइस


आज के दौर में Cloud Storage Devices की चाहत काफ़ी ज़्यादा है क्यँकि
ू आज सभी को घर बैठे ही सब कुछ
चाहिए. ऐसे में Online और Cloud Storage Devices ऐसा कर पाने में पर्णू सक्षम नज़र आती है. क्यँकि
ू इन्हें कोई
भी कहीं से भी ऐक्सेस कर सकते हैं.

क्लाउड स्टोरे ज डिवाइस के उदाहरण

चलिए अब कुछ Cloud storage devices के उदाहरणों के बारे में जानते हैं.

Cloud storage – इसमें Data को manage किया जाता है remotely और साथ में इसे उपलब्ध करवाया
जाता है एक network के माध्यम से. इसके Basic features को तो आप मफ़्ु त में इस्तमाल कर सकते हो लेकिन यदि
आपकी खपत की सीमा बढ़ती है तब आपको इसके लिए ज़्यादा पैसों का भक्त
ु ान करना पड़ सकता है.
Network media – Audio, Video, Images या Text इन सभी को एक कम्प्यटू र नेट्वर्क में इस्तमाल
किया जाता है. इसमें लोगों का एक समहू कुछ कांटेंट को ऑनलाइन बनाते हैं और एक दसू रे के साथ share भी करते हैं.

5. पेपर स्टोरेज डिवाइस


इन Paper Storage Devices का इस्तमाल पहले जमाने में हुआ करता था वो भी information को सेव करने
के लिए.

पेपर स्टोरे ज डिवाइस के उदाहरण

चलिए अब कुछ Paper storage devices के उदाहरणों के बारे में जानते हैं.

OMR – OMR का फ़ुल फ़ोरम होता है Optical Mark Recognition. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें की
इसं ानों द्वारा किए गए marked data को capture किया जाता है. उदाहरण के लिए surveys और tests. वहीं
इसका उपयोग प्रश्नावली को कई विकल्पों के साथ पढ़ने के लिए किया जाता है जिन्हें छायांकित किया जाता है.

Punch Card – यह एक शक्त पेपर का हिस्सा होता है जिसका इस्तमाल digital information को स्टोर करने के
लिए होता है जो की perforated holes से आ रहे होते हैं. पर्वू निर्धारित पदों में छिद्रों की उपस्थिति या अनपु स्थिति डेटा
को परिभाषित करती है.

स्टोरेज डिवाइस के महत्व?

स्टोरे ज डिवाइस का महत्व ये है की इसमें डेटा को स्टोर किया जा सकता है, उस डेटा को सरु क्षित रखा जा सकता है और साथ में
ज़रूरत पड़ने पर उसका इस्तमाल भी किया जा सकता है।

स्टोरेज की परिभाषा क्या है?

स्टोरे ज एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें की डिजिटल डेटा को सरु क्षित रखा जाता है वो भी एक डेटा स्टोरे ज डिवाइस के भीतर, वहीं ऐसा
करने के लिए computing technology का इस्तमाल किया जाता है. या यँू कहे तो Storage एक ऐसा
mechanism है जो की एक कम्प्यटू र को अस्थायी या स्थायी रूप से डेटा को बनाए रखने में सक्षम बनाता है।

सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस क्या है?

सेकेंडरी स्टोरे ज डिवाइस एक ऐसा डिवाइस होता है जो की रे फ़र करता है किसी ऐसे non-volatile storage device
को जी की या तो internal हो सकता है या फिर external कम्प्यटू र के लिए. ये कोई भी storage device हो
सकता है primary storage को छोड़कर जो की डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करें । उदाहरण के लिए external
hard drives, USB flash drives, और tape drives ये सभी सेकेंडरी स्टोरे ज डिवाइस कहलाते हैं।
स्टोरेज का मतलब क्या होता है?
स्टोरे ज या कम्प्यटू र स्टोरे ज एक ऐसी तकनीक होती है जिसमें की कम्प्यटू र के उपकरणों और रिकॉर्डिंग मीडिया का इस्तमाल किया
जाता है डिजिटल डेटा को बनाए रखने के लिए। यह कम्प्यटू र का एक core function भी होता है।

प्राइमरी मेमोरी डिवाइस क्या है?

प्राइमरी मेमोरी डिवाइस या स्टोरे ज डिवाइस एक ऐसा माध्यम से जो की memory को कम समय के लिए धारण करती है वो भी
ऐसे समय में जब कम्प्यटू र चल रहा हो। भले ही प्राइमरी मेमोरी डिवाइस का कम access time और faster
performance होता है, फिर भी ये सेकेंडरी स्टोरे ज डिवाइस की तल ु ना में ज़्यादा क़ीमती होते हैं। उदाहरण के
लिए RAM (random access memory) और cache ये सभी प्राइमरी मेमोरी डिवाइस या प्राइमरी स्टोरे ज
डिवाइस कहलाते हैं।.

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