Professional Documents
Culture Documents
बाबा बालक नाथ चालीसा
बाबा बालक नाथ चालीसा
Home ▼
Tu e s d a y, A u g u s t 2 8 , 2 0 1 8
जब उस पेश गई न कोई,
घट घट के अन्तर की जानत,
दुधाधारी एक आस तुम्हारी,
pahlapahar
at
12:37 PM
2 comments:
Enter Comment
‹ Home ›
View web version
About Me
pahlapahar
मुझे बचपन से ही कु छ कर गुजरने की तमन्ना थी, परंतु जैसे-जैसे बड़ी होती गई हालात जिंदगी की सच्चाई को सामने लाने लगे। सपने एक-एक कर चूर
होने लगे। जिंदगी का सच और सपने में क्या अंतर है यह समझ आने लगा। अंतर्मुखी होने के कारण अपनी व्यथा किसी से नहीं कह पाती थी, परंतु
अब ब्लाग के जरिए अपने कु छ सपनों को हकीकत में बदलते हुए देखना चाहती हूं।
View my complete profile
Powered by Blogger.