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आपके ज्ञान के िपटारे से

Sonia Verma
प्राध्यािपका · 15 जून

शमार् और वमार् शब्द का अथर् क्या है?


संस्कृत धातु (शमर्न)् से शमार् शब्द की उत्पित्त हुई,जो ब्राह्मण जाित
की उपािध है या नाम के पीछे लगने वाला शब्द है।

संस्कृत धातु(वम्मर्न)् से वमार् शब्द की उत्पित्त हुई है, जो स्वणर्कार


व कायस्थ जाित के लोग अपने नाम के पीछे लगाते हैं।

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Madan Sharma और अन्य लोगों की ओर से 15 िटप्पिणयाँ

आपके ज्ञान का िपटारा से और देखें

अिमत उपाध्याय · फॉलो करें


राजनीित पर कड़ी नजर · गुरु

बीजेपी ने दे वेंद्र फडणवीस की जगह एकनाथ िशं दे को


महाराष्ट्र का नया सीएम क्यों बनाया?
एक बार संजय राउत ने संसद मे अिमत शाह से कहा था िक " तुम
िजस स्कूल में पढ़ते हो हम उसके हेड-मास्टर हैं"। जािहर है उद्धव
ठाकरे की शह के िबना ऐसा बोलने की िहम्मत तो नही होती।

िशवसेना ने 2019 में भाजपा को धोखा िदया था, महाराष्ट्र


िवधानसभा चुनाव में िजसने भी िशवसेना को वोट िदया था उसने
फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का ही सोचा था। उद्धव ठाकरे के
नाम पर िशवसेना को 30 सीट भी नही िमलती।

तब भी अिधकतर लोगों का मानना था िक भाजपा को अकेले


चुनाव लड़ना चािहए, पर फडणवीस और अिमत शाह ने िशवसेना
से समझौता िकया।

धोखा खाने के बाद ये दोनों भरे बैठे थे, ये तय था िक तीन पिहये


की सरकार 5 साल नही िटकने देंगे। खुद सरकार बनाने से ज्यादा
ये उद्धव ठाकरे को उनकी सही जगह िदखाने की बात थी।

िशं दे को मुख्यमंत्री बनाकर िशवसेना को बचाया है, ठाकरे पिरवार


की ताकत लगभग खत्म ही है।वैसे भी िशवसेना के िवधायकों को
पता था िक िहं दुत्व के नाम पर जीत कर कांग्रेस से गठबंधन मूखर्ता
थी।

मास्टर स्ट्रोक है या नही ये तो भिवष्य की गतर् में छु पा है, पर सबको


चौंका ज़रूर िदया है।

अंततः भाजपा का लक्ष्य महाराष्ट्र में अपने दम पर सरकार बनाने


का ही है।

िपछले 10 िदनों में दुिनया मे सबसे ज्यादा छीछालेदर संजय राउत


नामक व्यिक्त की हुई है

हैं अब इस िफ़क्र में डूबे हुए हम

उसे कैसे लगे रोते हुए हम...!

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बेपरवाह और अन्य लोगों की ओर से 43 िटप्पिणयाँ

प्रज्ञा पाठक · फॉलो करें


िवज्ञान और रसायन शास्त्र, यूओके कोटा में B.Sc,B.ed (2016
में स्नातक) · सोम

िबना काटे, कैसे पता लग सकता है िक तरबूज़ अंदर से लाल


और मीठा है?
कुछ िट्रक्स हैं िजन्हें लोग तरबूज खरीदते समय अपनाते हैं तरबूज
खेतों में जमीन पर लगे होते हैं। इसिलए धूप एक तरफ से ना िमलने
की वजह से तरबूज पर पीला धब्बा पड़ जाता है, यह धब्बा और िजत…पढ़ें

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कुछ खट्टा कुछ मीठा · फॉलो करें


K.C. Sharma  ने पोस्ट िकया · सोम

िशष्टाचार और
…पढ़ें

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Ashok Chauhan · फॉलो करें


िहस्ट्री की पढ़ाई की है · बुध

Shashank Sharma · 2वषर्


ऐसी कौन सी अिभनेित्रयां िजसके बदलाव ने आपको चौंका
िदया?
हाँ! कुछ ऐसी अिभनेित्रयां हैं िजसके बदलाव ने मुझे क्या हर
िकसी को चौंका िदया है। िनचे मैं कुछ तस्वीर दे रहा हूँ
िजसके बारे में कुछ कहने की ज़रूरत नहीं- िचत्र स्रोतऔर -…पढ़ें

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Gopal Das Vaishnav  ने पोस्ट िकया · 26 मई

अनुज जायसवाल · 6माह


अगर कोई व्यिक्त ज्वालामुखी के लावा में िगर जाता है तो
क्या होगा?
लोग सोचते हैं की अगर कोई लावा में िगर जाता है तो वह
उसमे डूब जायेगा, लेिकन ऐसा नहीं है। अगर कोई लावा में
िगर जाता है तो वह लावा में नहीं डूबेगा, क्योंिक लावाऔर पढ़ें
का…

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आशुतोष अिग्नहोत्री · फॉलो करें


कायर्संबंधी व्यस्तता से यहाँ कम समय दे पा रहा हूँ । · 12 माचर्

जीवन में कौन से तीथर् यात्रा को जरूर करना चािहए?


एक बार द्रोपदी पाँचों पांडवों के साथ चलते चलते तेज धूप से
चक्कर खा गईं। तब भीम ने अपनी गदा से पृथ्वी पर प्रहार िकया
और वहाँ से एक कुंड िनकल आया…

कथा के अनुसार इसे भीमकुंड कहते हैं। आज िदन में मैं यही यात्रा
करने सपिरवार गया था।

यह कुंड एक गुफा के अंदर है। और सीिडयां उतरकर नीचे जाना


होता है। ये सफेद कुतेर् पाजामे में मेरे िपताजी हमें गाईड कर रहे हैं

नीचे उतरने के िलए भी गुफा से बाहर ही सीिढयों से उतरना होता


है। देिखए ऊपर से… गुफा का मुख िदख रहा है

और ये गुफा में मैं

यहाँ पानी एकदम नीला है जैसे नीला शबर्त हो, एकदम साफ़,
िजसमें मछिलयाँ पानी के आरपार साफ़ िदखती हैं।

इसके नीचे गहराई बहुत है और अंदर ही अंदर जलधारा बहती है।


कहते हैं िक बरसात तेज होने से पहले इसका पानी बढ़ने लगता है
और वह इं िडकेट कर देता है िक निदयों में कब उफान आने वाला है

यहाँ घूमने के बाद ऊपर माता वैष्णो का मंिदर है इसी से लगा हुआ
जो ऊंचाई पर कुछ 250 से ज्यादा सीिढ़याँ चढ़कर जाना होता है

वहाँ भी चढ़कर गए, मजा आया। ऊपर से ऐसा दृश्य िदखता है

ढूँ ढें जोड़ें

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ये मंिदर के पीछे का जंगल िजसमें बन्दरों के झुंड खेल रहे थे

तो ये तो था भीमकुंड

लेिकन हम असल में भीमकुंड तो इसिलए गए िक अिग्नहोत्र यज्ञ


का यहाँ से संबन्ध है। ये देखें ऋग्वेद की सबसे पहली ऋचा जो
अिग्न की साधना पर आधािरत है

हमारा कुलदेवी का मंिदर इसके पास ही शाहगड़ में है जहां होकर


िफर हम भीमकुंड पहुंचे थे।

यह है शाहगड़ का मंिदर।

िपताजी और मेरा पिरवार वहाँ पूजन में लगे हैं

यह वो यज्ञ की वेदी है िजससे कभी हमारे पूवर्जों ने अिग्नहोत्र िकया


था और जो आज भी पािरवािरक रीित के अनुसार िकया जाता है।

तो अब तीथर् के नाम पर मुझे यही जगह अच्छी लगती है जहां मेरे


दादाजी का लगाया हुआ ये वृक्ष भी फलफूल रहा है,

ये मंिदर प्रिसद्ध खजुराहो से 131 िकलोमीटर दू र िस्थत है और


भीमकुंड भी लगभग इसी दू री पर पड़ता है।

*सभी िचत्र आज ही यात्रा के दौरान िलए गए हैं।


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प्रशांत िद्ववेदी "िवद्रोही" और अन्य लोगों की ओर से 30 िटप्पिणयाँ

आपके िलए सवाल

मैंने 6 महीने पहले हौंडा एिक्टवा स्कूटर ख़रीदा था। अभी


इस स्कूटर का हैंडल स्टाटर् करने पर और कम स्पीड पर
बहुत ज्यादा कम्पन करता है। मैंने सिवर् स सेंटर वालों से
भी बात की मगर समस्या हल नहीं हुई। क्या हौंडा स्कूटसर्
में ये समस्या आम है?
3 जवाब · अंितम बार फॉलो िकया गया: 17 जून

जवाब फॉलो · 1 छोड़ दें

शुद्ध शराब से भरे एक पीपे में से 8 लीटर पानी िनकाला


जाता है और िफर उसमें पानी भर िदया जाता है। यह
ऑपरेशन तीन बार और िकया जाता है। अब पीपे में बची
हुई शराब की मात्रा और पानी की मात्रा का अनुपात
16:65 है। पीपे में मूल रूप से िकतनी शराब थी?
अभी तक कोई जवाब नहीं िदया गया है · अंितम बार फॉलो िकया गया: 19 जून

जवाब फॉलो · 3 छोड़ दें

आई पी दाधीच · फॉलो करें


पूवर् िरटायडर् (1989–2020) · 23 जून

सीएम पद से इस्तीफा दे ने से पहले उद्धव ठाकरे ने छोड़ा


सरकारी आवास, इसमें अंदर की क्या बात है ?
शांितदू त, अभी तो इसने सीएम आवास ही छोड़ा है, जल्द ही इसे
मुख्यमंत्री पद भी छोड़ना पड़ेगा। िजस उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और
एनसीपी की शरण में जाकर शाटर्कट तरीके से मुख्यमंत्री पद… और पढ़ें

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Keshto Pat · फॉलो करें


18 जून

अपनी आय को एक टेबल के माध्यम से कैसे समझायें?

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उदय ितवारी · फॉलो करें


सूरा सो पहचािनये.. जो लड़े दीन के हेत.. · 26 जून

"क्या से क्या हो गया" क्या आप कोई ऐसा वाक्या साझा


कर सकते हैं?
.. … और पढ़ें

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Shipra Mandal का मंच मोक्ष का मागर् · फॉलो करें


Aalha Singh  ने जवाब िदया है ·
अपडेट िकया गया: 13 जून

हनुमान जी संजीवनी लाने के िलए पूरा पवर्त उठाकर लाए थे.


क्या इसके बाद वह पवर्त को वापस कहीं ले गए थे या वह
वहीं नष्ट हो गया था?
हनुमान जी िजस पवर्त को िहमालय से उठाकर लाये थे लक्ष्मण जी
की दवाई के िलए लंका के सुषेण वैद्य के कहने पर, वह पवर्त
द्रोणािगरी का िहस्सा था। यह पवर्त द्रोणािगरी उत्तराखण्ड राज्य के
गढ़वाल िजले की चमोली तहसील में सुराइथोता से थोड़ा आगे
जोशीमठ नीित मागर् पर घरपक और द्रोणािगरी गांव के पास है। ये
गांव इस पवर्त पर ही बसे हुए है। आज भी आप द्रोणािगरी पवर्त पर
से उठाए गए िहस्से के िनशान देख सकते हो। एक और भी
प्रामािणक बात है िक उन 4 गांवों के लोग जो इस पवर्त के
आसपास बसे है अब भी हनुमान जी की पूजा नही करते है और बुरा
मानते है िक हनुमान जी हमारी वन संपदा तथा महत्वपूणर् औषिध
उठा ले गए तथा हमे हमारी अनूठी िवरसत से महरूम कर िदया।
मेने इस क्षेत्र में 6 साल काम िकया है उस गांव के लोगों से मेरी
बातचीत भी हुई है उसके ही आधार पर यह जवाब िलखा है।

जो िहस्सा सफेद िदख रहा है वह स्थान है जहां से कुछ भाग उठाया


गया हुया लगता है। यह िशलापट भी सरकार द्वारा लगाया गया है।

हनुमान जी ने उस पवर्त को उठा िलया ,ले गए लंका आज भी पवर्त


पर बने िनशान प्रमाण है िक इसमी से कुछ िहस्सा नोंचा गया है।
लेिकन हनुमान जी ने उस िहस्से को दुबारा लेकर यहां िफर से नही
रखा बिल्क हो सकता है उसे लंका में ही छोड़ा हो। श्रीलंका वाले
खुद ही अपने देश को रावण की लंका मानते है तथा श्रीराम सेतु को
वह पुल िजसे श्रीराम और उनकी वानर सेना ने बनाया था। यह पुल
तिमलनाडु के धनुष्कोिट से श्रीलंका के टापुओ ं के बीच बना हुया
है।आजकल भी रावण के महल लंका के िकसी वन क्षेत्र में बताये है
जो सघन वन से िघरा है। हो सकता है ये सब टू िरज्म बढ़ाने की
कवायद हो या सच हो। लेिकन िजन स्थानों का उल्लेख रामायण में
है सभी प्रामािणक है और अब भी िमलते है उसी क्रम में िमलते है
िजस में िलखे है। श्रीराम सेतु की आयु की गणना भी नासा के
satelite से िमले िचत्रों के आधार पर करने से ज्ञात होता है िक
यह लगभग 9000 साल पहले का बना है िजसे काबर्न डेिटं ग से भी
सही पॉय गया बताया गया है। अंग्रेजो के शाशन में इसे एडम्स
िब्रज भी कहा गया जो तकर्संगत नही है और मुगलों और सल्तनत
काल के बारे में क्या बात करना वे तो लुटेरे ही थे। मिन्दर तोड़कर
मिस्जद बना ही देते थे अनेको बनाई। शिक्त प्रयोग ही उनकी कला
और संस्कृित थी। कांग्रेज़ के शास्न काल में इस सेतु को काटकर
एक गिलयारा सेतु समुद्रम कनाल बनाने की योजना थी । िजसके
िवरोध में सुब्रमण्यम स्वामी उतर गए और प्रयोजन ठप करनी पड़ी।
यह पिरयोजना बहुत से जहाजों के लीए जो भारत के पिश्चम से

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