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2 अम्ल क्षारक एवं लवण
2 अम्ल क्षारक एवं लवण
अम्ल को अं गर् े जी भाषा में ऐसिड कहते हैं , ऐसिड शब्द की उत्पत्ति लै टिन भाषा के शब्द ‘ एसिड् स ’
( Acidus ) से हुई है , जिसका अर्थ खट्टा ( Sour ) होता है । अतः हम कह सकते हैं कि जो पदार्थ
स्वाद में खट्टे होते हैं वे अम्ल होते हैं ।
अम्ल के गु ण :-
अम्ल के भौतिक गु ण :-
अम्ल के रासायनिक गु ण :-
अम्लों के प्रकार :-
प्रबल अम्ल
दुर्बल अम्ल
सान्द्र अम्ल
तनु अम्ल
प्रबल अम्ल
:-
वे अम्ल , जो जलीय विलयन में पूर्णत : आयनित हो जाते है , प्रबल अम्ल कहलाते हैं । सल्फ्यूरिक अम्ल
( H₂SO₄ ) , हाइड् रोक्लोरिक अम्ल ( HCI ) नाइट्रिक अम्ल ( HNO₃ ) , हाइड् रोब्रोमिक अम्ल आदि
प्रबल अम्लों के उदाहरण है ।
प्रबल अम्लों में प्रोटॉन अर्थात् हाइड् रोजन आयन ( H + ) त्याग करते की उच्च क्षमता होती है अर्थात्
प्रबल अम्ल अपने सं घटक तत्वों के आयनों में विखण्डित हो जाते हैं ।
दुर्बल अम्ल :-
अम्ल , जो जलीय विलयन में पूर्णत : आयनित न हो कर आं शिक रूप से आयनित होते हैं , दुर्बल अम्ल कहलाते हैं
। एसिटिक अम्ल ( CH₃COQH ) , फॉर्मिक अम्ल ( HCOOH ) , हाइड् रोजन सल्फाइड ( H₂S ) आदि
दुर्बल अम्लों के उदाहरण हैं ।
दुर्बल अम्ल अपने हाइड् रोजन आयनों ( H+ ) का पूर्णत : त्याग नहीं करते हैं । समान सांदर् ता पर दुर्बल
अम्लों का pH मान प्रबल अम्लों से अधिक होता है ।
सान्द्र अम्ल :-
जिसमें अम्ल अधिक मात्रा में होता है , जबकि जल अल्प मात्रा में होता है ।
तनु अम्ल :-
जिसमें अम्ल अल्प मात्रा में होता है , जबकि जल अधिक मात्रा में होता है ।
क्षारक :-
ऐसे पदार्थ जिनका स्वाद कड़वा होता है और जो स्पर्श करने पर साबु न जै से लगते हैं । क्षारक कहलाते हैं ।
क्षारक के गु ण :-
क्षार के भौतिक गु ण :-