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Name - Rahul Garg

Course - B.Ed 2nd year (2019-2021)


Science group (PCM)
Subject - Pedagogy of science
Assignment - Science journey

Science journey( विज्ञ य्त्)

विज्ञ से मेर् ि्स्् पहली ब्र ्ब ञहीं पड़् थ् जब छठी कक् मे विज्ञ विषय
पढ़् थ्। बल्क इसकी ञीि ्ो बचपञ मे ही ्ैय्र हो गई थी, जब मै हर एक िस्त
को दे खकर उसके ब्रे मे ज्ञञे मे जतट ज्््।

बचपञ मे मैञे ञ ज्ञे कक्ञी ही िस्तुं के ब्रे मे ज्ञञे की उतसतक्् मे :-


●उञके पतर्-पतर् अलग कर ददए थे।
● म्््-वप््, बहञो और पड़ोससयो की ञ्क मे दम कर ददय् थ्।

कभी खखलौञो को ्ोड़-मरोड़कर उञके आि्र करञे य् चलञे क् रहसय ज्ञञे की


कोसिि ्ो कभी यह ज्ञञे की कोसिि कक म््् जी की बबंदी मे िह कौञस् पद्था
है लजसके क्रण िह उञके म्थे से चचपक ज््ी है ।
और किर प्ञो की झड़ी ्ो मै ऐसे लग्य् कर्् थ् कक स्मञे ि्ल् पल भर को
खीझ उठ्् थ्।

● मममी ये र्् मे सब क्ल्-क्ल् कयो हो ज््् है ?


● ये ल्इट कह्ँ से आ्ी है और ककस ्रह आ्ी है और जब भी ये ञहीं आ्ी है ्ो
कयो ञहीं आ्ी है ?
● लकड़ी के जलञे पर धआ
त ँ कयो नञकल्् है ?
● इंदधञष
त को हम छू कयो ञहीं सक्े?
● मञषत य असल मे है कय् ( यह्ँ इस प्ञ से हम्र् सरोक्र कोई आधय्लतमक
अञभ
त नू ् से जड़
त ् ञहीं, अवप्त एक ब्ल मञ की लजज्स् थी कक हम ककस चीर से
बञे हो्े है?)

कतछ प्ञो के उतर सच-सच समल ज्य् कर्े थे, मगर कतछ प्ञो के उतर कह्नञयो
के रप मे । उद्हरण के ्ौर पर समतद मे ञमक कह्ँ से आय् इससे जतड़ी एक छोटी
सी कह्ञी है जो बहत् पसससध है । कह्ञी कतछ यूँ है कक एक ब्र एक आदमी से
पसरञ होकर धर्ी के ञीचे रहञे ि्ले कतछ बौञो ञे उसे एक ज्दई त चककी दी, लजसे
च्लू करञे पर िह वयलक् जो च्हे , लज्ञ् च्हे प् सक्् थ्। और जब एक ल्लची
मञषत य ञे उसकी चककी चरत ् ली और िह ञ्ि मे बैठ् कहीं दरू नञकलञ् च्ह्् थ्,
््कक िह पकड़् ञ ज् सके; ्ब उसञे चककी को परखञे के सलए चककी से ञमक
म्ँग् और चककी ञे ञमक दे ञ् िर
त कर ददय्। अब चँकू क िह चककी को च्लू करञ्
्ो ज्ञ्् थ्, परर्त उसे बंद करञ् ञहीं ज्ञ्् थ्। बस यहीं उसक् ल्लच उसे ले
डूब् और ञ्ि प्ञी मे डूब गई और कह्े है कक िह चककी प्ञी मे डूब गई और
िह आज भी लग्््र चल रही है ।

अभी ह्ल ही मे जब मै IGNOU के रचञ्तमक लेखञ के कोसा को कर रह् थ्। ्ो


उसमे एक मॉडयूल से रबर हतआ, लजसमे यह ब््य् गय् थ् कक एक अचछ् ब्ल
स्दहतय कैस् हो्् है य् किर यूँ कह लीलजए कक एक अचछे स्दहतय के कय् गतण
धमा है।
्ब एक गतण धमा लजसके आसप्स ही हर ब्ल स्दहतय सलख् ज््् है, िह ये है कक
बचचो को असमभि चीरे संभि हो्ी हतई बहत् सतंदर लग्ी है।
एक मोरे मे से बब्ली नञकली, ह्थी नञकल्, ड्यञ्सोर नञकल् और ञ ज्ञे कय्-
कय्!

यह सब ब््े अक्रण ञहीं है , सदी के बहत् बड़े िैज्नञक अ्बटा आइंसटीञ ञे एक


ब्र कह् थ् कक यदद आप बचचो को रचञ्तमक बञ्ञ् च्ह्े है ्ो उरहे परी कथ्एँ
पढ़्एँ और यदद आप उरहे और भी अचधक रचञ्तमक बञ्ञ् च्ह्े है ्ो उरहे और
अचधक परी कथ्एँ पढ़्एँ।

इरहीं सब चीरो को दे ख््, पढ़्् मै बड़् हो रह् थ्। बचपञ मे जब म्ँ ञे पछ


ू ् थ्
कक ब्् ्ेरी एक संद
त र सी चैञ बञि् दँ ?
ू ्ो मैञे कह् थ् ञ म्ँ, चैञ क् भल् मै
कय् कर करँग् मझ
त े ्ो बस आजीिञ परी कथ्एँ च्दहए, ्ू मझ
त े बस िही ददल्
दे ञ्।
मझ
त े य्द है चमपक के अचधक्ंि अंको मे विज्ञ क् एक कॉरसेेट बहत् आस्ञ
भ्ष् मे समझ्य् हतआ हो्् थ्। और आज क़रीब 15-16 स्ल ब्द भी मै जब
चमपक पढ़्् हूँ ्ो उसके उस दहससे की ््रीफ़ ककए बबञ् ञहीं रह प्््। ख़ैर, सकूल
मे ज्ञे के ब्द और िह्ँ की कक्एँ लेञे के ब्द मेरी कोई वििेष रचच उस विज्ञ
मे पैद् ञहीं हो प्ई थी जो विज्ञ जबदा स्ी मतझपर थोप् गय् थ्।

और इसक् क्रण थ् सकूल मे ककसी लैब क् ञ होञ्, ऊपर से कोई भी सि्ल पूछञे
पर अधय्पक िही रटी-रट्ई पररभ्ष्एँ दोहर् ददय् कर्े थे य् किर उसी चचत को
एक ब्र दब
त ्र् बञ् ददय् कर्े थे।
जब हम पूछ्े कक मैडम
िीिे मे चेहर् उ्ट् कयो ददख्ई दे ्् है ?
सरू ज पि
ू ा से ही कयो उग्् है ?
यह जो जीि विज्ञ मे हम चचत बञ््े है इञक् कय् पयोग है ?
Inertia ि्ले उद्हरण मे ससकक् हर ब्र गल्स मे कयो ञहीं चगर्् ?
िगैरह-िगैरह।
(हम्रे दे ि मे अधय्पक के पछ
ू े गए सि्ल क् जि्ब ञ दे ञे से बड़् गञ
त ्ह है
विसय्थर क् सियं के सि्ल पछ
ू ञ्। )
इसी क्रण मै भौन्की विज्ञ(Physics) जैसे विषय से खौफ़ ख्ञे लग् कयोकक ञ
्ो मेरी गखण् ही अचछी थी और ञ ही मतझे ऐस् कोई वििेष क्रण ददय् गय् थ्
लजससे मतझमे उस विषय के सलए कोई लग्ि पैद् हो प्््।

इञ सबक् पररण्म यह हतआ कक मै विज्ञ और गखण् से दरू भ्गञे लग्। यह्ँ


्क कक मैञे एक पण भी ले सलय् कक मै कभी भी विज्ञ क् कोई भी चचत ञहीं
बञ्ऊँग्। और यह "मूख्
ा ् भर् पण" ्ब ्क क़्यम रह् जब्क मैञे ब्रहिीं(12th)
की परीक् प्स ञ कर ली। जह्ँ मैञे जीि विज्ञ मे 13 अंक के चचत ि्ले सि्ल यूँ
ही ख्ली छोड़ ददए।
यह्ँ एक ब्् ग़ौर्लब है कक गय्रहिीं कक् मे रस्यञ विज्ञ ञे मेरी रचच को
पकड़ सलय् थ् कयोकक मझ
त े एक ऐसी अधय्वपक् समली थी लजरहोञे परू े ्ञ, मञ
और धञ से हमे िह विषय पढ़्य् थ्। परर्त यह हम्र् दभ
त ्ागय ही रह् कक ब्रहिीं
कक् मे उञक् ट्ंसफ़र(्ब्दल्) कहीं और हो गय् और हमे एक ऐसे अधय्पक से
रस्यञ विज्ञ(Chemistry) विषय पढ़ञ् पढ् लजञके सलए Xamidea ग्इड के उतर
के आगे बचचे की समझ और रचञ्तमक्् क् कोई मोल ञहीं थ्।

अब भले ही मेरे वपय विषय रस्यञ विज्ञ(chemistry) ञे मेरे स्मञे एक विकट


चतञौ्ी रख दी थी मगर मै लहरो से डरकर अपञे ञौक् विह्र को तय्गञे को ्ैय्र
ञ थ् और मै डट् रहे । और इस ब्् को मैञे iit jee की परीक् मे सससध भी करके
ददख्य् जब मैञे 120 मे से 115 सकोर ककय् िो भी ्ब जब एक सि्ल मतझसे
गोल् भरञे मे ग़ल् हो गय् थ्। अगर मै आज इस ब्् को कहञ् च्हूँ ्ो मै
अपञे ही एक िे'र से इसे असभवयक् करञ् च्हूँग् कक:-

चतञौ्ी दे ख र्ज् ब्सल स् बलि्ञ हो ज्ञ्


हमे आ्् है अपञी ञ्ि क् के््ञ हो ज्ञ्

और, ि्यद मै इ्ञ् करञे क् अचधक्र रख्् भी हूँ।


बहरह्ल, भौन्की और गखण् मे मेरी ह्ल् कतछ इ्ञी ख़र्ब थी कक मतझे 360 अंको
मे से कतल 108 अंक समले(अथ्ा् भौन्की और गखण् ञे मझ
त े 115 से भी -8 अंक
ञीचे कर ददय् थ्)

इञ सबके ब्िजूद मेरी असल विज्ञ की य्त् ्ब ितर हतई जब मैञे कॉलेज मे पिेि
ककय्। कॉलेज के पथम िषा से ही मैञे ि्यद ही कोई िकािॉप य् सेसमञ्र छोड़् हो
भले ही िह ककसी भी विषय क् हो, कयोकक उञ सबमे एक चीर सम्ञ थी एक
विषय के विसि्ञ आ्े थे और उस विषय से जतड़ी कतछ ऐसी ब््े, कतछ ऐसी खोजे
ब्् कर ज््े थे जो य् ्ो चल रही हो्ी थी य् किर ितर की ज् सक्ी थी।
बस, यहीं से विज्ञ की पहली सीढ़ी पर हम ि्वपस आ गए थे जो बचपञ से अब्क
की इस य्त् मे कहीं पीछे छूटञे लगी थी। िह थी 'प्ञ करञे की कम््' और '
चीरो को ज्ञञे और समझञे की लजज्स्'। परर्त, इस ब्र इस पहली सीढ़ी पर
आञे क् अलग ही मर् थ्; हम अब ख़तद से एक-दो चीरे ज्ञञे के क़्बबल बञ गए
थे।
कॉलेज मे मतझे िह सब समल्् चल् गय् लजसक् अभ्ि मैञे कहीं ञ कहीं
विसय्लय जीिञ मे प्य् थ्।
जैसे- Department of Biotechnology के अं्गा् चल्य् ज्ञे ि्ल् undergraduate
research project. अब िह्ँ रोर के दो घणटे बंध गए थे, िह्ँ बैठकर मै यह ज्ञ
रह् थ् कक ि्क़ई कक्ञ् शम-स्धय हो्् है एक िैज्नञक क् क्म। हम्रे पोफ़ेसर
जो इस विषय पर ररसचा कर रहे है ञ ज्ञे कक्ञे ही ररसचा पेपर और कक््बे िो
पढ़ चक
त े होगे, कक्ञ् समय इस ककसी म्लग्ड़ी के डडबबे सी ददखञे ि्ली परर्त
उससे भी छोटी लैब मे गर
त ्र चक
त े होगे और ्ब भी स्ल-स्ल भर रोर कई घणटो
क्म करके भी इस ब्् क् कोई आ्ि्िञ ञहीं है कक हम सफ़ल ही होगे।
बस यहीं से हमे विज्ञ क् दस
ू र् सबक़ समल् जो विज्ञ से लग्ि की ददि् मे
दस
ू री सीढ़ी थी:- असफ़ल््ुं से कभी ह्र ञ म्ञ्।

और किर मेरी इस य्त् मे यूटयूब पर मौरूद विषय के मह्रचथयो ञे म्ञो पदहए


लग् ददए, कैस् ्ो बेचैञ रह् कर्् थ् मै। हर समय कतछ ऐस् ज्ञञे य् करञे के
सलए जो मैञे पहले कभी ञहीं ककय् थ्, पहले कभी ञहीं ज्ञ् थ्। मै ्ो रस्यञ
और भौन्की विज्ञ की पयोगि्ल्ुं मे पड़े यंतो को भी ऐसे दे खञे लग् थ् म्ञो
यह कोई अलग दनत ञय् है । एक ऐसी दनत ञय् लजसे हर्रो ल्खो िैज्नञको, वयिह्र
कतिल लोगो और बस
त चधम्ञ वयलक्यो की परू ी फ़ौज ञे ्ैय्र ककय् है । मेर् मञ
ररसचा करञे को ऐसे छटपट्ञे लग्् थ् म्ञो यही मेरी लरंदगी क् पहल् और
आखखरी मक़सद हो।
ख़ैर, लरंदगी मै जो जब च्हो िह उसी समय ह्ससल हो ज्ए यह रररी ञहीं। ककरहीं
क्रणो से मतझे इस विच्र को कतछ समय के सलए ट्लञ् पड़्। अब मञ मे किर िही
दवत िध् पैद् हो गई थी जब क्केटर बञञे क् सपञ् संजोए एक लड़क् अपञे सपञे
के सलए च्हकर भी कतछ ञ कर प्य् थ्। मञ ञे र्हे टटोलञे की हर्रो कोसििे की,
परर्त इस ब्र भी जो र्ह उसे समली थी उस र्ह पे चलञे की इर्र् भी कफ़लह्ल
उसे ञहीं थी। मञ ञे दस
ू र् विक्प लेखञ को चञ
त ् थ् अब भी पररलसथन्यो ञे एक
ऐस् कतच् रच् लजसके क्रण मञ को एक ब्र किर समझ्ञ् पड़्।
और इस ब्र ्ो मञ ञे ऐसी ह्र म्ञी कक लग् सब कतछ ख़तम हो गय्। मैञे बहत्
दहमम् करके अपञे गर
त जी को फ़ोञ लग्य् और उरहे लसथन् समझ्ई। उरहोञे कह्-
अगर मै ्म
त ह्री जगह हो्् ्ो ककसी career counsellor से ज्कर समल्् और मैञे
िही ककय्।
उरहोञे कह् कक मै आपक् उजजिल भविषय सिकक के ्ौर पर दे ख्् हूँ। बहत् कम
लोगो मे इस ्रह समझ्ञे और ब््ो को सलीके से लग्ञे की क्बबसलय् हो्ी है
जो मैञे आपमे दे खी है ।

मतझे उञके जि्ब से बब्कतल सं्तलषट ञहीं हतई और मतझे लग् फ़्ल्ू मे इस इंस्ञ ञे
मेर् इ्ञ् समय बब्ाद कर ददय् इससे अचछ् ्ो इ्ञे पैसो मे स्दहतय की च्र-
प्ँच कक््ब ख़रीद ले्् मै। कमसेकम ददल को कतछ सतक़ूञ ्ो समल्ी। परर्त कहीं
ञ कहीं मेरे ददम्ग़ मे उञकी ब््ई हतई ब्् घर कर गई थी, मैञे अपञे आप को
खंग्लञ् ितर ककय् और हर उस लमहे पर गौर ककय् जब मै कोई चीर समझ््् य्
किर डडसकस कर्् थ्।
सचमतच कक्ञ् खखल उठ्् थ् मै उस समय। किर भी मैञे इस ब्् की पतलषट के
सलए दोस्ो, अधय्पको, भ्ई-बहञो और यह्ँ ्क कक म्््-वप्् को भी परे ि्ञ कर
ड्ल्। और लगभग सभी से मतझे एक ही उतर सतञञे को समल्।

आखखरक्र मैञे बी.एड. मे एडसमिञ क् मञ बञ् सलय् और केतीय सिक् संसथ्ञ मे


चल् आय्। यह्ँ मझ
त े बहत् से ऐसे अधय्पक समले लजरहोञे मेरे जीिञ क् रख ही
बदलकर रख ददय्। उञ अधय्पको से मैञे यह कभी ञहीं सीख् कक पढ़्ञ् कय् है ,
इसके सलए ्ो हम्री विषय पर पकड़ होञ् क्फ़ी थ्। परर्त, यह्ँ आकर मैञे यह
सीख् कक ककस ्रह से हम कल् और अरय विषयो क् स्मंजसय विज्ञ मे कर
सक्े है।
मै एक उद्हरण से अपञी ब्् यह्ँ समझ्ञ् च्हूँग्:-
मगस को ब्ग़ मे ज्ञे ञ दीजो

कक ञ्हक़ ख़ूञ परि्ञे क् होग्

अगर मधतमकखी ब्ग़ मे ज्एगी ्ो िह पर्ग कण इकठठ् करे गी और उससे मोम


बञ्एगी। िह मोम , मोमबती य् चचर्ग़ को जल्ञे के सलए इस्ेम्ल ककय् ज्एग्
लजसकी चपेट मे आकर कोई भँिर् अपञी ज्ञ से ह्थ धो सक्् है ।

य् किर एक उद्हरण हम र्जञीन्ि्सत से भी ले सक्े है। दरअसल र्जञीन्क


दिाञ की अञेक ऐसी चीरे है लजञको यदद हम पय्ािरण संरकण की हम्री मतदहम मे
आतमस्् कर सके ्ो हम्र् पकरन् के संस्धञो को पयोग करञे क् ्रीक़् बब्कतल
ससरे से बदल सक्् है ।

एक और उद्हरण अगर हम सीधे-सीधे विज्ञ से दे खञ् च्हे ्ो मैकसिेल स्हब ञे


उञके समय से पहले हतए बहत् स्रे experiments के आध्र पर बहत् स्री
differential equations को हल ककय् और िह इस ञ्ीरे पे पहतँचे कक em waves(इ
एम ्रं गे) हो्ी है और उञकी गन् 3*10(power8) के लगभग हो्ी है ।

यह ्ो केिल कतछ एक उद्हरण है, विज्ञ ऐसे असंखय उद्हरणो से भर् पड़् है । मै
हमेि् एक कह्ञी से पेरर् हतआ हूँ िह है Edward Witten स्हब की कह्ञी एक ऐसे
िैज्नञक लजरहोञे M.A. ्क दहसटी पढ़ञे के ब्द अपञी phd भौन्की मे की और
खगोल विज्ञ की एक बहत् महतिपूणा थयोरी दी, जो string theory के ञ्म से
दनत ञय् भर मे मिहूर है ।

यह सब उद्हरण जो मैञे अभी यह्ँ विज्ञ और ब्की विषयो के मेल के ददए है, ऐसे
1-2 उद्हरण मै हमेि् कोसिि कर्् हूँ बचचो स्झ् करँ। उञसे ऐसे विषयो पर चच्ा
करँ जह्ँ मै अपञे comfort zone से ब्हर आ ज्ऊँ और एक ऐसी दनत ञय् की और
चलँ ू जह्ँ असंखय खोजे आज भी ककसी दीि्ञे क् इं्ेर्र कर रही है ।

नञषकषा(Conclusion)

मेरे अभी ्क के सबसे ््र् अञतभि य्नञ बचचो के स्थ विज्ञ मे जो कतछ भी
घदट् हो्् है इञके क्रणो पर जब भी चच्ा हतई हमेि् कतछ ञ कतछ ञय् य् किर
पतर्ञी ब््े ञए ढं ग से नञकलकर आई है।
नञल्च् ्ौर पर यह ब््े मतझे भविषय मे अपञे विषय मे कोई भी खोर-बीञ करञे
मे मददग्र स्बब् होगी।

मैञे अभी ्क कक अपञी विज्ञ य्त् से जो भी सीख् है इसमे मतझे क़दम-क़दम पर


जीिञ जीञे की सीख समली है । जैसे कक:-

1.) सफ़ल्् की पहली सीढ़ी लजज्स् है :- आप ककसी भी मह्ञ िैज्नञक की जीिञी


उठ्कर दे ख लीलजए, िह सब अपञे विषय मे इ्ञी गहञ रचच रख्े थे कक च्हे
कक्ञी भी बड़ी रक्िट उञके स्मञे आ ज्ए, िह उसक् कोई ञ कोई हल अि्य
नञक्ल ले्े थे।

2.)सफ़ल्् की दस
ू री सीढ़ी है कभी ह्र ञ म्ञञ्:-

मझ
त े पहली ब्र मे अचधक्ंि पयोगो मे सफ़ल्् ञहीं समली(ञ पयोगि्ल् मे और ञ
ही कक् कक मे ) परर्त मैञे कभी ह्र ञहीं म्ञी और सफ़ल्् की ुर बढ़ञे क्
पय्स र्री रख्।

3.) सफ़ल्् की ्ीसरी सीढ़ी है , ख़तद को बेह्र बञ््े रहञ्:-

ऊपर दी गई कह्ञी मे जब मैञे JEE MAINS की रस्यञ विज्ञ की परीक् मे 120


मे से 115 अंक प्े् ककए थे। ्ब मझ
त मे एक गर
त र आ गय् थ् कक मझ
त े ्ो
केसमसटी मे सबकतछ आ्् है ।
परर्त यह दमभ ्ब टूट् जब मैञे केसमसटी को और आगे पढ़ञ् ितर ककय् है , मतझे
ये म्लूम चल् कक लज्ञ् मैञे सीख् है िह ्ो उसक् 1 पन्ि् भी ञहीं है लज्ञ्
इस ि्सत मे है ।

यह्ँ से मतझे यह सीख समली कक कभी भी विसय् को पूणा ञहीं म्ञञ् च्दहए, अवप्त
अपञे आप को बेह्र बञ्ञे के सलए सद् पय्स कर्े रहञ् च्दहए।

मै, यह उममीद कर्् हूँ कक मेर् यह अञतभि ञ केिल मेरे बल्क हर उस पढ़ञे ि्ले
के क्म आएग् जो ककसी भी विषय मे रचच रख््/रख्ी है और उस मे मह्र्
ह्ससल करञ् च्ह््/च्ह्ी है ।

र्हतल गगा

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