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Science Journey Rahul Garg
Science Journey Rahul Garg
विज्ञ से मेर् ि्स्् पहली ब्र ्ब ञहीं पड़् थ् जब छठी कक् मे विज्ञ विषय
पढ़् थ्। बल्क इसकी ञीि ्ो बचपञ मे ही ्ैय्र हो गई थी, जब मै हर एक िस्त
को दे खकर उसके ब्रे मे ज्ञञे मे जतट ज्््।
कतछ प्ञो के उतर सच-सच समल ज्य् कर्े थे, मगर कतछ प्ञो के उतर कह्नञयो
के रप मे । उद्हरण के ्ौर पर समतद मे ञमक कह्ँ से आय् इससे जतड़ी एक छोटी
सी कह्ञी है जो बहत् पसससध है । कह्ञी कतछ यूँ है कक एक ब्र एक आदमी से
पसरञ होकर धर्ी के ञीचे रहञे ि्ले कतछ बौञो ञे उसे एक ज्दई त चककी दी, लजसे
च्लू करञे पर िह वयलक् जो च्हे , लज्ञ् च्हे प् सक्् थ्। और जब एक ल्लची
मञषत य ञे उसकी चककी चरत ् ली और िह ञ्ि मे बैठ् कहीं दरू नञकलञ् च्ह्् थ्,
््कक िह पकड़् ञ ज् सके; ्ब उसञे चककी को परखञे के सलए चककी से ञमक
म्ँग् और चककी ञे ञमक दे ञ् िर
त कर ददय्। अब चँकू क िह चककी को च्लू करञ्
्ो ज्ञ्् थ्, परर्त उसे बंद करञ् ञहीं ज्ञ्् थ्। बस यहीं उसक् ल्लच उसे ले
डूब् और ञ्ि प्ञी मे डूब गई और कह्े है कक िह चककी प्ञी मे डूब गई और
िह आज भी लग्््र चल रही है ।
और इसक् क्रण थ् सकूल मे ककसी लैब क् ञ होञ्, ऊपर से कोई भी सि्ल पूछञे
पर अधय्पक िही रटी-रट्ई पररभ्ष्एँ दोहर् ददय् कर्े थे य् किर उसी चचत को
एक ब्र दब
त ्र् बञ् ददय् कर्े थे।
जब हम पूछ्े कक मैडम
िीिे मे चेहर् उ्ट् कयो ददख्ई दे ्् है ?
सरू ज पि
ू ा से ही कयो उग्् है ?
यह जो जीि विज्ञ मे हम चचत बञ््े है इञक् कय् पयोग है ?
Inertia ि्ले उद्हरण मे ससकक् हर ब्र गल्स मे कयो ञहीं चगर्् ?
िगैरह-िगैरह।
(हम्रे दे ि मे अधय्पक के पछ
ू े गए सि्ल क् जि्ब ञ दे ञे से बड़् गञ
त ्ह है
विसय्थर क् सियं के सि्ल पछ
ू ञ्। )
इसी क्रण मै भौन्की विज्ञ(Physics) जैसे विषय से खौफ़ ख्ञे लग् कयोकक ञ
्ो मेरी गखण् ही अचछी थी और ञ ही मतझे ऐस् कोई वििेष क्रण ददय् गय् थ्
लजससे मतझमे उस विषय के सलए कोई लग्ि पैद् हो प्््।
इञ सबके ब्िजूद मेरी असल विज्ञ की य्त् ्ब ितर हतई जब मैञे कॉलेज मे पिेि
ककय्। कॉलेज के पथम िषा से ही मैञे ि्यद ही कोई िकािॉप य् सेसमञ्र छोड़् हो
भले ही िह ककसी भी विषय क् हो, कयोकक उञ सबमे एक चीर सम्ञ थी एक
विषय के विसि्ञ आ्े थे और उस विषय से जतड़ी कतछ ऐसी ब््े, कतछ ऐसी खोजे
ब्् कर ज््े थे जो य् ्ो चल रही हो्ी थी य् किर ितर की ज् सक्ी थी।
बस, यहीं से विज्ञ की पहली सीढ़ी पर हम ि्वपस आ गए थे जो बचपञ से अब्क
की इस य्त् मे कहीं पीछे छूटञे लगी थी। िह थी 'प्ञ करञे की कम््' और '
चीरो को ज्ञञे और समझञे की लजज्स्'। परर्त, इस ब्र इस पहली सीढ़ी पर
आञे क् अलग ही मर् थ्; हम अब ख़तद से एक-दो चीरे ज्ञञे के क़्बबल बञ गए
थे।
कॉलेज मे मतझे िह सब समल्् चल् गय् लजसक् अभ्ि मैञे कहीं ञ कहीं
विसय्लय जीिञ मे प्य् थ्।
जैसे- Department of Biotechnology के अं्गा् चल्य् ज्ञे ि्ल् undergraduate
research project. अब िह्ँ रोर के दो घणटे बंध गए थे, िह्ँ बैठकर मै यह ज्ञ
रह् थ् कक ि्क़ई कक्ञ् शम-स्धय हो्् है एक िैज्नञक क् क्म। हम्रे पोफ़ेसर
जो इस विषय पर ररसचा कर रहे है ञ ज्ञे कक्ञे ही ररसचा पेपर और कक््बे िो
पढ़ चक
त े होगे, कक्ञ् समय इस ककसी म्लग्ड़ी के डडबबे सी ददखञे ि्ली परर्त
उससे भी छोटी लैब मे गर
त ्र चक
त े होगे और ्ब भी स्ल-स्ल भर रोर कई घणटो
क्म करके भी इस ब्् क् कोई आ्ि्िञ ञहीं है कक हम सफ़ल ही होगे।
बस यहीं से हमे विज्ञ क् दस
ू र् सबक़ समल् जो विज्ञ से लग्ि की ददि् मे
दस
ू री सीढ़ी थी:- असफ़ल््ुं से कभी ह्र ञ म्ञ्।
मतझे उञके जि्ब से बब्कतल सं्तलषट ञहीं हतई और मतझे लग् फ़्ल्ू मे इस इंस्ञ ञे
मेर् इ्ञ् समय बब्ाद कर ददय् इससे अचछ् ्ो इ्ञे पैसो मे स्दहतय की च्र-
प्ँच कक््ब ख़रीद ले्् मै। कमसेकम ददल को कतछ सतक़ूञ ्ो समल्ी। परर्त कहीं
ञ कहीं मेरे ददम्ग़ मे उञकी ब््ई हतई ब्् घर कर गई थी, मैञे अपञे आप को
खंग्लञ् ितर ककय् और हर उस लमहे पर गौर ककय् जब मै कोई चीर समझ््् य्
किर डडसकस कर्् थ्।
सचमतच कक्ञ् खखल उठ्् थ् मै उस समय। किर भी मैञे इस ब्् की पतलषट के
सलए दोस्ो, अधय्पको, भ्ई-बहञो और यह्ँ ्क कक म्््-वप्् को भी परे ि्ञ कर
ड्ल्। और लगभग सभी से मतझे एक ही उतर सतञञे को समल्।
यह ्ो केिल कतछ एक उद्हरण है, विज्ञ ऐसे असंखय उद्हरणो से भर् पड़् है । मै
हमेि् एक कह्ञी से पेरर् हतआ हूँ िह है Edward Witten स्हब की कह्ञी एक ऐसे
िैज्नञक लजरहोञे M.A. ्क दहसटी पढ़ञे के ब्द अपञी phd भौन्की मे की और
खगोल विज्ञ की एक बहत् महतिपूणा थयोरी दी, जो string theory के ञ्म से
दनत ञय् भर मे मिहूर है ।
यह सब उद्हरण जो मैञे अभी यह्ँ विज्ञ और ब्की विषयो के मेल के ददए है, ऐसे
1-2 उद्हरण मै हमेि् कोसिि कर्् हूँ बचचो स्झ् करँ। उञसे ऐसे विषयो पर चच्ा
करँ जह्ँ मै अपञे comfort zone से ब्हर आ ज्ऊँ और एक ऐसी दनत ञय् की और
चलँ ू जह्ँ असंखय खोजे आज भी ककसी दीि्ञे क् इं्ेर्र कर रही है ।
नञषकषा(Conclusion)
मेरे अभी ्क के सबसे ््र् अञतभि य्नञ बचचो के स्थ विज्ञ मे जो कतछ भी
घदट् हो्् है इञके क्रणो पर जब भी चच्ा हतई हमेि् कतछ ञ कतछ ञय् य् किर
पतर्ञी ब््े ञए ढं ग से नञकलकर आई है।
नञल्च् ्ौर पर यह ब््े मतझे भविषय मे अपञे विषय मे कोई भी खोर-बीञ करञे
मे मददग्र स्बब् होगी।
2.)सफ़ल्् की दस
ू री सीढ़ी है कभी ह्र ञ म्ञञ्:-
मझ
त े पहली ब्र मे अचधक्ंि पयोगो मे सफ़ल्् ञहीं समली(ञ पयोगि्ल् मे और ञ
ही कक् कक मे ) परर्त मैञे कभी ह्र ञहीं म्ञी और सफ़ल्् की ुर बढ़ञे क्
पय्स र्री रख्।
यह्ँ से मतझे यह सीख समली कक कभी भी विसय् को पूणा ञहीं म्ञञ् च्दहए, अवप्त
अपञे आप को बेह्र बञ्ञे के सलए सद् पय्स कर्े रहञ् च्दहए।
मै, यह उममीद कर्् हूँ कक मेर् यह अञतभि ञ केिल मेरे बल्क हर उस पढ़ञे ि्ले
के क्म आएग् जो ककसी भी विषय मे रचच रख््/रख्ी है और उस मे मह्र्
ह्ससल करञ् च्ह््/च्ह्ी है ।
र्हतल गगा