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Class 12 - हिंदी कोर

प्रतिदर्श प्रश्नपत्र - 02 (2022-23)

Maximum Marks: 80

Time Allowed: 3 hours

General Instructions:

यह आदर्श प्रश्न पत्र सीबीएसई द्वारा सत्र 2022-23 के लिए जारी नवीनतम दिशानिर्देशों (40% दक्षता + 20% वस्तुपरक + 40% विषयपरक)
पर आधारित है। जैसे ही सीबीएसई आधिकारिक ब्लूप्रिंट जारी करेगा हम इस पेपर को अपडेट कर देंगे।
इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं - खंड 'अ' और 'ब'।
खंड 'अ' में 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं जिनमें से के वल 40 प्रश्नों के ही उत्तर देने हैं।
खंड 'ब' में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं तथा प्रश्नों में आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।

खंड अ (वस्तुपरक प्रश्न)


1. Read the text carefully and answer the questions:

कै सी विडंबना है कि उन्नीसवीं शताब्दी में जब अंग्रेजी 'ओरिएंटलिस्ट' कादम्बरी, कथा-सरित्सागर, पंचतन्त्र जैसी भारतीय कथाओं के पीछे
पागल थे, स्वयं भारतीय लेखक 'अंग्रेजी ढंग का नावेल' लिखने के लिए व्याकु ल थे। ये हैं उपनिवेशवाद के दो चेहरे!

निस्सन्देह कु छ लोग अपनी भाषा में 'अंग्रेजी ढंग का नावेल' लिखने में कु छ-कु छ कामयाब भी हो गए। उदाहरण के लिए लाला श्रीनिवास दास
का 'परीक्षागुरु' (1882), जिसे आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने 'हिन्दी में अंग्रेजी ढंग का पहला उपन्यास' माना। लेकिन पूरा-पूरा 'अंग्रेजी ढंग का
नावेल' सबसे न बन पड़ा। खासतौर से उनसे जो सर्जनशील रचनाकार थे; जैसे हिन्दी से ही उदाहरण लें तो ठाकु र जगमोहन सिंह, जिनकी
कथाकृ ति 'श्यामास्वप्न' किसी भी तरह 'अंग्रेजी ढंग का नावेल' नहीं है। ऐसे सर्जनशील रचनाकारों के सिरमौर हैं बंकिमचन्द्र, जिन्हें प्रथम
भारतीय उपन्यासकार होने का गौरव प्राप्त है।
छब्बीस वर्ष की कच्ची उम्र में बंकिमचन्द्र ने 'दुर्गेशनन्दिनी' (1865) नाम का अपना पहला बंगला उपन्यास प्रकाशित किया और एक साल के
बाद 'कपालकुं डला' (1866) ; फिर तीन साल के अंतराल के बाद 'मृणालिनी' (1869)। इनमें से एक भी 'अंग्रेजी ढंग का नावेल' नहीं है।
जगमोहन सिंह के 'श्यामास्वप्न' के समान ही ये तीनों उपन्यास किसी 'अंग्रेजी ढंग के नावेल' की अपेक्षा संस्कृ त की 'कादम्बरी' की याद दिलाते
हैं। यह भी एक विडंबना ही है। एक लेखक कथा की पुरानी परम्परा से मुक्त होकर एकदम आधुनिक ढंग की नई कथाकृ ति रचना चाहता है
और परम्परा है कि उसके सर्जनात्मक अवचेतन का संचालन कर रही है। कं बल बाबाजी को कै से छोड़े! इस तरह बंकिमचन्द्र की रचना प्रक्रिया
से गुजरकर जो चीज निकली उसके लिए सही नाम एक ही है - रोमांस!

उपन्यास का अर्थ जिनके लिए 'अंग्रेजी ढंग का नावेल' है - फिर उसकी परिभाषा जो भी हो, वे इसे बंकिमचन्द्र की विफलता मानेंगे लेकिन मेरी
दृष्टि से लेखक की इस विफलता में ही भारतीय उपन्यास की सार्थकता निहित है। भारतीय उपन्यास के मूलाधार उन्नीसवीं शताब्दी के ये
'रोमांस' ही हैं, न कि तथाकथित अंग्रेजी ढंग के उपन्यास! उन्नीसवीं शताब्दी के भारतीय मानस का सही प्रतिनिधित्व 'कपालकुं डला' करती है,
'परीक्षागुरु' नहीं। 'परीखागुरु' का महत्व अधिक से अधिक ऐतिहासिक है और वह भी सिर्फ हिन्दी के लिए! जब कि 'कपालकुं डला' अपने
जमाने की अत्याधिक लोकप्रिय कृ ति होने के साथ ही स्थायी कीर्ति की हकदार है। तथाकथित 'अंग्रेजी ढंग के नावेल' का तिरस्कार करके ही
बंकिमचन्द्र के रोमांसधर्मी उपन्यासों ने भारतीय राष्ट्र के भारतीय उपन्यास की अपनी पहचान बनाने में पहल की।
अंग्रेजी ढंग के 'नावेल' का तिरस्कार वस्तुत: उपनिवेशवाद का तिरस्कार है। भारत से पहले अंग्रेजी ढंग के 'नावेल' को उत्तरी अमेरिका
अस्वीकार ढंग के 'नावेल' का अनुकरण नहीं किया। 'स्कार्लेट लेटर' और 'मोबी डिक' ऐसे रोमांस' हैं जिन्हें 'राष्ट्रीय रूपक' के रूप में आज भी
ग्रहण किया जाता है। अंग्रेजी साम्राज्यवाद से अपने आपको मुक्त कर अमेरिकी प्रतिभा ने आख्यान ने रूपबन्ध में भी स्वतन्त्रता प्राप्त की। इस
प्रकार उत्तरी अमेरिका में राष्ट्र और उपन्यास का जन्म साथ-साथ हुआ। तब तक के अंग्रेजी 'नावेल' के रूपबन्ध में एक स्वतन्त्र राष्ट्र की उद्दाम
आकांक्षाओं का अँटना संभव न था। नए राष्ट्र के एक नितांत नए उन्मुक्त रुपबन्ध का सृजन किया।
i. कपालकुं डला किसके प्रतिनिधि के रूप में है?
a. बांग्ला उपन्यास
b. भारतीय मानस
c. रोमांटिक उपन्यास
d. अंग्रेजी नॉवेल

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ii. भारतीय उपन्यास का मूलाधार क्या है?
a. परीक्षा गुरु
b. कादंबरी
c. अंग्रेजी ढंग का नॉवेल
d. बंकिमचंद्र के उपन्यास
iii. बंकिमचंद्र का पहला उपन्यास कौन था?
a. श्यामास्वप्न
b. दुर्गेशनंदिनी
c. मृणालिनी
d. कपालकुं डला
iv. हिन्दी में अंग्रेजी ढंग का पहला उपन्यास किसे माना गया?
a. मृणालिनी
b. श्यामस्वप्न
c. कादंबरी
d. परीक्षागुरु
v. प्रस्तुत उपन्यास किस विषय पर आधारित है?
a. उपन्यास
b. उपनिवेशवाद
c. कहानी
d. रोमांस
vi. बंकिमचंद्र की आरंभिक रचनाओं का कें द्र क्या था?
a. उपनिवेशवाद
b. रोमांस
c. सृजन
d. अंग्रेजी नॉवेल
vii. किस रूप में अमेरिकी प्रतिभा ने अंग्रेजी साम्राज्यवाद से खुद को मुक्त किया?
a. रोमांस
b. उपनिवेशवाद
c. आख्यान
d. उपन्यास
viii. निम्न में से किसको आज भी राष्ट्रीय रूपक के रूप में माना जाता है?
a. मोबी डिक
b. कादंबरी
c. पंचतंत्र
d. कपालकुं डला
ix. उन्नीसवी शताब्दी में अंग्रेज किन भारतीयों कथाओं के पीछे पागल नहीं थे?
a. मृणालिनी
b. पंचतंत्र
c. उपन्यास
d. कादंबरी
x. अंग्रेजी ढंग के नॉवेल के तिरस्कार से क्या तात्पर्य है?
a. उपनिवेशवाद का तिरस्कार
b. अंग्रेजी साहित्य का तिरस्कार
c. स्वतंत्रता का आगमन
d. उपन्यास की शुरुआत

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के साथ ठीक ऐसे ही पेपर बनाने के लिए Examin8 ऐप का उपयोग कर सकते हैं।
2. Read the text carefully and answer the questions:

तुम भारत, हम भारतीय हैं, तू माता हम बेटे,

किसकी हिम्मत है कि तुम्हें दुष्टता-दृष्टि से देखे।

ओ माता, तुम एक अरब से अधिक भुजाओं वाली

सबकी रक्षा में तुम सक्षम, हो अदम्य बलशाली।


भाषा, देश, प्रदेश भिन्न है, फिर भी भाई-भाई,

भारत की साझी संस्कृ ति में पलते भारतवासी।


सुदिनों में हम एक साथ हँसते, गाते, सोते हैं,

दुर्दिन में भी साथ-साथ जागते, पौरुष धोते हैं।

तुम हो शस्य-श्यामला, खेतों में तुम लहराती हो,

प्रकृ ति प्राणमयी, साम-गानमयी, तुम न किसे भाती हो।

तुम न अगर होती तो धरती वसुधा क्यों कहलाती?

गंगा कहाँ बहा करती, गीता क्यों गाई जाती?


i. काव्यांश में भारत और भारतीयों में रिश्ता बताया गया है?
a. माँ - पत्नी का
b. माँ - बेटे का
c. माँ - बेटी का
d. माँ - बाप का
ii. तुम्हें दुष्टता-दृष्टि से देखे में निहित अलंकार का नाम बताइए।
a. यमक अलंकार
b. श्लेष अलंकार
c. पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार
d. अनुप्रास अलंकार
iii. माता का शस्य-श्यामला रूप कहाँ देखा जा सकता है?
a. खेतों में
b. नदियों में
c. धरती पर
d. देश में
iv. काव्यांश के आधार पर भारतीय संस्कृ ति की विशेषता है-
a. समता में एकता
b. समानता में एकता
c. अनेकता में एकता
d. एकता में अनेकता
v. काव्यांश में वर्णित भारत माता की क्या विशेषता बताई है?
a. अदम्य बलशाली
b. भिन्न प्रदेश
c. पुत्र से युक्त
d. माता

OR

Read the text carefully and answer the questions:

सबसे विराट जनतंत्र जगत का आ पहुँचा,

देवता कहीं सड़कों पर मिट्टी तोड़ रहे,

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तैंतीस कोटि हित सिंहासन तैयार करो,
देवता मिलेंगे खेतों में, खलिहानों में।
अभिषेक आज राजा का नहीं, प्रजा का है,

फावड़े और हल राजदण्ड बनने को हैं,

तैंतीस कोटि जनता के सिर पर मुकु ट धरो।

धूसरता सोने से श्रृंगार सजाती है;

आरती लिए तू किसे ढूँढ़ता है मूरख


दो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो,

मंदिरों, राजप्रासादों में, तहखानों में ?

सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।


i. देश के जनतंत्र को कै सा बताया गया है?
a. विराट
b. पुराना
c. संक्षिप्त
d. नया
ii. जनतंत्र के देवता किसे कहा गया है?
a. राजाओ को
b. देवों को
c. ज़मींदारों को
d. किसानों को
iii. तैंतीस कोटि से क्या आशय है?
a. भारतीय जनतंत्र
b. भारतीय शासन
c. भारतीय जनता
d. भारतीय सरकार
iv. जनतंत्र के देवता कहाँ मिलते हैं?
a. सड़क पर
b. घरों में
c. खेतों में
d. मंदिरों में
v. कवि किसके लिए सिंहासन खाली कराना चाहता है?
a. राजनेताओं के लिए
b. देश की जनता के लिए
c. देवों के लिए
d. स्वयं के लिए
3. निम्नलिखित प्रश्नों में के उत्तर दीजिये:
i. मुद्रण का आरंभ किस देश में हुआ?
a. भारत
b. इंग्लैण्ड
c. जापान
d. चीन
ii. समाचार पत्र प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए आखिरी समय सीमा को ________ कहा जाता है।
a. रैड लाइन
b. ब्लू लाइन
c. ब्लैक लाइन
d. डैड लाइन

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iii. जनसंचार के प्रचलित माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम क्या है?
a. वेब माध्यम
b. इलैक्ट्रोनिक माध्यम
c. मुद्रित माध्यम
d. रेडियो माध्यम
iv. पत्रकारीय लेखन के लिए कच्चा माल किससे प्राप्त होता है?
a. साक्षात्कार से
b. संपादक के नाम पत्र से
c. फीचर से
d. संपादकीय से
v. आजकल पत्रकारिता में ________ की माँग की जा रही है।
a. जैक ऑफ़ ऑल ट्रैड
b. सभी विकल्प सही हैं
c. मास्टर ऑफ़ वन
d. मास्टर ऑफ़ नन
4. Read the text carefully and answer the questions:

सोचिए
बताइए
आपको अपाहिज होकर कै सा लगता है कै सा
यानी कै सा लगता है

(हम खुद इशारे से बताएँगे कि क्या ऐसा?)

सोचिए
बताइए
थोड़ी कोशिश करिए
(यह अवसर खो देंगे?)

आप जानते हैं कि कार्यक्रम रोचक बनाने के वास्ते


हम पूछ-पूछकर उसको रुला देंगे

इंतजार करते हैं आप भी उसके रो पड़ने का करते हैं?


i. अपाहिज व्यक्ति को बार-बार अपना दुःख बताने के लिए मजबूर करने के पीछे दूरदर्शन वालों का क्या उद्देश्य हो सकता है?
a. अपाहिज की स्थिति में सुधार हेतु प्रयास करना
b. अपाहिज के प्रति संवेदनशीलता होना
c. अपने कार्यक्रम को व्यावसायिक रूप से सफल बनाना
d. सभी विकल्प सही हैं
ii. किसी के दुःख का प्रदर्शन करके कार्यक्रम को रोचक बनाना क्या है?
a. समय की माँग
b. दुःख की अभिव्यक्ति
c. मानवता के विरुद्ध
d. अनिंदनीय कार्य
iii. हम पूछ-पूछकर रुला देंग पंक्ति में कौन-सा भाव निहित है?
a. क्रू रता का
b. सामाजिक न्याय का
c. दुःख एवं संवेदनशीलता का
d. मानवीय करुणा का
iv. यह अवसर खो देंगे पंक्ति में किस अवसर के खोने की बात की जा रही है?
a. सामाजिक न्याय का
b. दुःख एवं संवेदनशीलता का

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c. मानवीय करुणा का
d. क्रू रता का
v. यह अवसर खो देंगे पंक्ति में किस अवसर के खोने की बात की जा रही है?
i. अपंगता को दर्शाने और बताने का अवसर
ii. बात को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने का अवसर
iii. कै मरे के सामने आने का अवसर
iv. धन कमाने का अवसर
a. विकल्प (i)
b. विकल्प (iv)
c. विकल्प (ii)
d. विकल्प (iii)
5. Read the text carefully and answer the questions:

जाति-प्रथा पेशे का दोषपूर्ण पूर्व निर्धारण ही नहीं करती, बल्कि मनुष्य को जीवनभर के लिए एक पेशे से बाँध भी देती है। भले ही पेशा
अनुपयुक्त या अपर्याप्त होने के कारण वह भूखा मर जाए। आधुनिक युग में यह स्थिति प्रायः आती है, क्योंकि उद्योग-धंधों की प्रक्रिया व
तकनीक में निरंतर विकास और कभी-कभी अकस्मात् परिवर्तन हो जाता है, जिसके कारण मनुष्य को अपना पेशा बदलने की आवश्यकता
पड़ सकती है और यदि प्रतिकू ल परिस्थितियों में भी मनुष्य को अपना पेशा बदलने की स्वतंत्रता न हो, तो इसके लिए भूखा मरने के अतिरिक्त
क्या चारा रह जाता है? हिंदू धर्म की जाति-प्रथा किसी भी व्यक्ति को ऐसा पेशा चुनने की अनुमति नहीं देती है, जो उसका पैतृक पेशा न हो,
भले ही वह उसमें पारंगत हो। इस प्रकार पेशा परिवर्तन की अनुमति न देकर जाति-प्रथा भारत में बेरोज़गारी का एक प्रमुख व प्रत्यक्ष कारण
बनी हुई है।
i. गद्यांश के अनुसार जाति-प्रथा में लेखक ने क्या दोष देखा है?
a. जीवनभर मनुष्य को एक पेशे में बाँध देती है
b. जाति-प्रथा जन्म से ही पेशा तय कर देती है
c. पेशा अनुपयुक्त या अपर्याप्त होने पर मनुष्य को भूखा मरना पड़ता है
d. सभी विकल्प सही हैं
ii. मनुष्य को अपना पेशा बदलने की आवश्यकता किस कारण पड़ती है?
a. निम्न वर्ग को घृणा की दृष्टि से देखे जाने के कारण
b. प्रतिकू ल परिस्थितियों के कारण
c. स्वयं को उच्च वर्ग में सम्मिलित करने के कारण
d. उद्योग-धंधों की प्रक्रिया व तकनीक में निरंतर विकास के कारण
iii. पेशा बदलने की स्वतंत्रता के अभाव का क्या परिणाम होता है?
a. मनुष्य की निरंतर प्रगति होती है
b. मनुष्य को भूखा मरना पड़ता है
c. मनुष्य सदैव निम्न ही रहता है
d. मनुष्य सदैव दूसरों को कोसता रहता है
iv. जाति-प्रथा बेरोज़गारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण कै से है?
a. विषम परिस्थितियों को महत्त्व देने के कारण
b. हिंदू धर्म के कारण
c. पैतृक व्यवसाय में पारंगत होने के कारण
d. पेशा परिवर्तन की अनुमति न देने के कारण
v. अनेक लोगों को अपनी इच्छा अनुसार पेशा चुनने की स्वतंत्रता किस कारण नहीं मिल पाती है?
a. तकनीकी
b. निरक्षरता
c. जाति-प्रथा
d. बेरोजगारी
6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
i. यशोधर बाबू जुड़े हुए हैं-

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a. विलायती जीवन से
b. सरकारी कार्यालय से
c. पुरानी परंपराओं से
d. आधुनिकता से
ii. यशोधर पंत जब दिल्ली आए थे तब उन्हें नौकरी किसने दिलवाई?
a. चाचा ने
b. किशनदा ने
c. किसी ने नहीं
d. शर्मा ने
iii. गिरीश कौन सा काम करता है? [सिल्वर वेडिंग]
a. सेक्शन ऑफिसर
b. मार्के टिंग मैनेजर
c. क्लर्क
d. मास्टर
iv. यशोधर पंत अपनी घड़ी रोजाना सुबह शाम किससे मिलाते थे?
a. रेडियो समाचार
b. टीवी
c. इनमें से कोई नहीं
d. दीवार घड़ी
v. जूझ पाठ में लेखक के पिता को उसे पढ़ाने के लिए कौन मनाता है?
a. दत्ता जी राव
b. लेखक की माँ
c. मंत्री
d. वसंत पाटील
vi. जूझ पाठ में किसके आगे लेखक के पिता का कोई वश नहीं चलता था?
a. मंत्री
b. रणनवरे
c. सौंदलगेकर
d. दत्ता राव
vii. जूझ पाठ के आधार पर स्कू ल से छु ट्टी के बाद लेखक को कितने घंटे पशु चराने होते थे?
a. दो घंटे
b. चार घंटे
c. तीन घंटे
d. एक घंटा
viii. अतीत में दबे पाँव पाठ के आधार पर सिंधु सभ्यता की तस्वीरें उतारते समय दृश्यों के रंग उड़े हुए क्यों प्रतीत होते हैं?
a. चौंधियाती धूप के कारण
b. खेतों के हरेपन के कारण
c. पारदर्शी धूप के कारण
d. धूल उड़ने के कारण
ix. अतीत में दबे पाँव पाठ के आधार पर मुअनजो-दड़ो के घरों में टहलते हुए लेखक को किस गाँव की याद आई?
a. कु लघड़ा
b. शुभधरा
c. कु लधरा
d. बुलधरा
x. अतीत में दबे पाँव पाठ के आधार पर मुअनजो-दड़ो की खुदाई में निकली पंजीकृ त चीज़ों की संख्या कितनी थी?
a. 20 हजार से अधिक

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b. 60 हजार से अधिक
c. 50 हजार से अधिक
d. 30 हजार से अधिक
खंड - ब (वर्णनात्मक प्रश्न)
7. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लेख लिखिये:
i. आधुनिक फै शन
ii. मेरे सपनों का भारत
iii. प्रात:काल की सैर
iv. तनाव : आधुनिक जीवन-शैली की देन
8. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. नाटक रूपांतरण में किस प्रकार की मुख्य समस्या का सामना करना पड़ता है ?
ii. संचार के प्रमुख प्रकार बताइए।
iii. विशेष लेखन में डेस्क की क्या भूमिका होती है?
9. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. ....बिन पानी सब सुन विषय पर एक फीचर लेखन लिखिए।
ii. क्रिके ट का बादशाह:सचिन विषय पर एक फीचर लिखिए।
iii. बाघ का घर जिमकार्बेट विषय पर एक आलेख तैयार कीजिए।
10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. कवि हरिबंश राय बच्चन को संसार अपूर्ण क्यों लगता है।​
ii. कविता को फू ल के बहाने से क्या माना गया है? स्पष्ट कीजिए।
iii. भ्रातृशोक में हुई राम की दशा को कवि ने प्रभु की नर लीला की अपेक्षा सच्ची मानवीय अनुभूति के रूप में रचा है। क्या आप इससे सहमत
हैं? तर्क पूर्ण उत्तर दीजिए। 
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11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. रुबाइयाँ के आधार पर बताइए कि माँ द्वारा बच्चे को प्रसन्न करने के लिए क्या-क्या किया जा रहा है?
ii. सबसे तेज़ बौछारें गयीं, भादो गया के बाद प्रकृ ति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें। पतंग कविता के
आधार पर बताइए।
iii. सिल और स्लेट का उदाहरण देकर कवि शमशेर बहादुर सिंह ने आकाश के रंग के बारे क्या कहा है?
12. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. भक्तिन की बेटी पर पंचायत द्वारा ज़बरन पति थोपा जाना एक दुर्घटना भर नहीं, बल्कि विवाह के संदर्भ में स्त्री के मानवाधिकार (विवाह
करें या न करें अथवा किससे करें) इसकी स्वतंत्रता को कु चलते रहने की सदियों से चली आ रही सामाजिक परंपरा का प्रतीक है। कै से?
ii. दिन-दिन गहराते पानी के संकट से निपटने के लिए क्या आज का युवा वर्ग काले मेघा पानी दे की इंदर सेना की तर्ज पर कोई सामूहिक
आंदोलन प्रारंभ कर सकता है? अपने विचार लिखिए।
iii. लुट्टन पहलवान का कु श्ती का स्कू ल जल्दी ही खाली क्यों हो गया?
13. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. बाजार को सार्थकता देने का क्या आशय है? यह कौन कर सकता है?
ii. पैसा पावर है- लेखक जैनेंद्र कु मार ने ऐसा क्यों कहा?
iii. शिरीष की तीन ऐसी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जिनके कारण आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने उसे कालजयी अवधूत कहा है।

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Class 12 - हिंदी कोर

प्रतिदर्श प्रश्नपत्र - 02 (2022-23)

Solution

खंड अ (वस्तुपरक प्रश्न)


1. i. (b) भारतीय मानस

Explanation: भारतीय मानस


ii. (d) बंकिमचंद्र के उपन्यास

Explanation: बंकिमचंद्र के उपन्यास


iii. (b) दुर्गेशनंदिनी

Explanation: दुर्गेशनंदिनी
iv. (d) परीक्षागुरु

Explanation: परीक्षागुरु
v. (a) उपन्यास

Explanation: उपन्यास
vi. (b) रोमांस

Explanation: रोमांस
vii. (c) आख्यान

Explanation: आख्यान
viii. (a) मोबी डिक

Explanation: मोबी डिक


ix. (a) मृणालिनी

Explanation: मृणालिनी
x. (a) उपनिवेशवाद का तिरस्कार

Explanation: उपनिवेशवाद का तिरस्कार


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2. i. (b) माँ - बेटे का

Explanation: माँ - बेटे का


ii. (d) अनुप्रास अलंकार

Explanation: अनुप्रास अलंकार


iii. (a) खेतों में

Explanation: खेतों में


iv. (c) अनेकता में एकता

Explanation: अनेकता में एकता


v. (a) अदम्य बलशाली

Explanation: अदम्य बलशाली

OR

i. (a) विराट

Explanation: विराट
ii. (d) किसानों को

Explanation: किसानों को

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iii. (c) भारतीय जनता

Explanation: भारतीय जनता


iv. (c) खेतों में

Explanation: खेतों में


v. (b) देश की जनता के लिए

Explanation: देश की जनता के लिए


3. निम्नलिखित प्रश्नों में के उत्तर दीजिये:
i. (d) चीन

Explanation: मुद्रण कला का प्रयोग पहली बार चीन में शुरू हुआ, जब 650 ई में भगवान बुद्ध की मूर्ति छापी गई। इतना ही नहीं, चीन
की सहस्र् बुद्ध गुफाओं से हीरक सूत्र नामक मिली पुस्तक को ही संसार की पहली मुद्रित पुस्तक माना जाता है।
ii. (d) डैड लाइन

Explanation: डैड लाइन


iii. (c) मुद्रित माध्यम

Explanation: प्रिंट यानी मुद्रित माध्यम जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में से सबसे पुराना है। आधुनिक युग का प्रारंभ छपाई के
आविष्कार से हुआ।
iv. (a) साक्षात्कार से

Explanation: साक्षात्कार से
v. (c) मास्टर ऑफ़ वन

Explanation: आजकल पत्रकारिता में मास्टर ऑफ़ वन की माँग की जा रही है।


4. i. (c) अपने कार्यक्रम को व्यावसायिक रूप से सफल बनाना

Explanation: अपने कार्यक्रम को व्यावसायिक रूप से सफल बनाना


ii. (c) मानवता के विरुद्ध

Explanation: मानवता के विरुद्ध


iii. (a) क्रू रता का

Explanation: क्रू रता का


iv. (d) क्रू रता का

Explanation: क्रू रता का


v. (a) विकल्प (i)

Explanation: अपंगता को दर्शाने और बताने का अवसर


5. i. (d) सभी विकल्प सही हैं

Explanation: सभी विकल्प सही हैं


ii. (d) उद्योग-धंधों की प्रक्रिया व तकनीक में निरंतर विकास के कारण

Explanation: उद्योग-धंधों की प्रक्रिया व तकनीक में निरंतर विकास के कारण


iii. (b) मनुष्य को भूखा मरना पड़ता है

Explanation: मनुष्य को भूखा मरना पड़ता है


iv. (d) पेशा परिवर्तन की अनुमति न देने के कारण

Explanation: पेशा परिवर्तन की अनुमति न देने के कारण


v. (c) जाति-प्रथा

Explanation: जाति-प्रथा
6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
i. (c) पुरानी परंपराओं से

Explanation: पुरानी परंपराओं से


ii. (b) किशनदा ने

Explanation: किशनदा ने
iii. (b) मार्के टिंग मैनेजर

Explanation: गिरीश यशोधर बाबू की पत्नी का चचेरा भाई था। वह किसी बड़ी कं पनी में मार्के टिंग मैनेजर है।

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iv. (d) दीवार घड़ी

Explanation: दीवार घड़ी


v. (a) दत्ता जी राव

Explanation: पाठ में लेखक को आगे की पढ़ाई कराने के लिए गाँव के मुखिया दत्ता जी राव देसाई लेखक के पिता को समझाते हैं।
vi. (d) दत्ता राव

Explanation: पाठ के अनुसार लेखक के पिता गाँव के मुखिया दत्ता जी राव देसाई से डरते थे। उनके आगे लेखक के पिता का कोई
वश नहीं चलता था।
vii. (d) एक घंटा

Explanation: एक घंटा
viii. (a) चौंधियाती धूप के कारण

Explanation: चौंधियाती धूप के कारण सिंधु सभ्यता की तस्वीरें उतारते समय दृश्यों के रंग उड़े हुए प्रतीत होते हैं।
ix. (c) कु लधरा

Explanation: मुअनजो-दड़ो के घरों में टहलते हुए लेखक को कु लधरा की याद आई।
x. (c) 50 हजार से अधिक

Explanation: मुअनजो-दड़ो की खुदाई में निकली पंजीकृ त चीज़ों की संख्या 50 हजार से अधिक थी।
खंड - ब (वर्णनात्मक प्रश्न)
7. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लेख लिखिये:
i. आधुनिक फै शन
एक फ्रांसीसी विचारक का कहना है-आदमी स्वतंत्र पैदा होता है, लेकिन पैदा होते ही तरह-तरह की जंज़ीरों में जकड़ जाता है। वह
परंपराओं, रीति-रिवाजों, शिष्टाचारों, औपचारिकताओं का गुलाम हो जाता है। इसी क्रम में वह फ़ै शन से भी प्रभावित होता है। समय के
साथ समाज की व्यवस्था में बदलाव आते रहते हैं। इन्हीं बदलावों के तहत रहन-सहन में भी परिवर्तन होता है। किसी भी समाज में फ़ै शन
वहाँ की जलवायु परिवेश तथा विकास की अवस्था पर निर्भर करता है। सभ्यता के विकास के साथ-साथ वहाँ के निवासियों के जीवन-स्तर
में परिवर्तन आता जाता है।
20वीं सदी के अंतिम दौर से फ़ै शन ने उन्माद का रूप ले लिया। फ़ै शन को ही आधुनिकता का पर्याय मान लिया गया है। इस फ़ै शन की
अधिकांश बातें आम जीवन से दूर होती हैं। फ़ै शन से संबंधित अनेक कार्यक्रमों का रसास्वादन अधिकांश लोग नहीं ले सकते, परंतु
आधुनिकता और फ़ै शन की परंपरा का निर्वाह करते हैं। फ़ै शन का सर्वाधिक असर कपड़ों पर होता है। समाज का हर वर्ग इससे प्रभावित
होता है।और आज के दौर में हमारी नई पीढ़ी ने फ़ै शन का पर्याय ही बदल दिया है, अथवा अन्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि आज समाज
में फ़ै शन के नाम पर अंधविश्वास फै ला हुआ है।
आधुनिकता और फै शन वर्तमान समाज में अब स्वीकार्य तथ्य हैं। फै शन के अनुसार अपने में परिवर्तन करना भी स्वाभाविक प्रवृन्ति है,
लेकिन इसके अनुकरण से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि इससे व्यक्तित्व में वृद्धि होती है या नहीं। सिर्फ फ़ै शन के प्रति दीवाना
होना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं।
ii. मेरे सपनों का भारत
भारत देश मुझे अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय है। मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व का अनुभव होता है। मेरा देश संसार के सभी देशों से
निराला है और संसार के सब देशों से प्यारा है। मैं भारत को विश्व के शक्तिशाली देश के रूप में देखना चाहता हूँ। मैं ऐसे भारत का सपना
देखता हूँ, जो भ्रष्टाचार, शोषण और हिंसा से मुक्त हो। मेरे सपनों का भारत ‘सुशिक्षित भारत' है। उसमें अनपढ़ता, निरक्षरता और
बेरोज़गारी का कोई स्थान नहीं है। मैं चाहता हूँ कि हमारे देश के नियोजक ऐसी शिक्षा व्यवस्था लागू करें, जिसके बाद व्यवसाय या
नौकरियाँ सुरक्षित हों। कोई भी व्यक्ति अशिक्षित न हो और कोई भी शिक्षित बेरोज़गार न हो। मैं चाहता हूँ कि भारत सांप्रदायिक दंगों-
झगड़ों से दूर रहे। सब में आपसी भाईचारा और प्रेम का संबंध हो। राष्ट्रीय एकता का संचार हो। जो सम्मान भारत का प्राचीन काल में था
वही सम्मान, मैं पुनः उसे प्राप्त कराना चाहता हूँ।

मैं फिर से रामराज्य की कल्पना करता हूँ, जिसमें सभी लोगों को जीने के समान अवसर प्राप्त हो सकें । भारत एक बार फिर ‘सोने की
चिड़िया' बन जाए। मेरे सपनों का भारत वह होगा, जो राजनीतिक, आध्यात्मिक, सांस्कृ तिक, आर्थिक और वैज्ञानिक आदि विभिन्न दृष्टियों
से उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा। भावी भारत के सपनों की पूर्णता के लिए आवश्यक है कि हमारे देश का प्रत्येक नागरिक देश की
प्रत्येक कु रीति को समूल नष्ट करने का दृढ़ संकल्प करें क्योंकि देश में बदलाव लाना देश के नागरिकों पर हीं निर्भर करता है। मैं अपने
सपनों के भारत को पूरी तरह से समृद्ध देखना चाहता हूँ।
iii. प्रात:काल की सैर

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प्रातः काल की सैर से मन प्रफु ल्लित तथा तन स्वस्थ्य रहता है। स्वस्थ व्यक्ति ही समर्थ होता है और यह सर्वमान्य सत्य है कि वही इच्छित
कार्य कर सकता है। वही व्यापार, सेवा, धर्म आदि हर क्षेत्र में सफल हो सकता है। व्यक्ति तभी स्वस्थ रह सकता है जब वह व्यायाम करे।
व्यायाम में खेल-कू द, नाचना, तैराकी, दौड़ना आदि होते हैं, परंतु ये तरीके हर व्यक्ति के लिए सहज नहीं होते। हर व्यक्ति की परिस्थिति व
शारीरिक दशा अलग होती है। ऐसे लोगों के लिए प्रात:काल की सैर से बढ़िया विकल्प नहीं हो सकता।प्रातः काल में सैर करने से हम आज
के प्रदूषित वातावरण में भी थोड़ी शुद्ध हवा ले सकते हैं।
यदि व्यक्ति नियमित रूप से प्रात:काल की सैर करे तो उसे अधिक फायदा ले सकता है।प्रातः सैर से मष्तिष्क को भी फायदा होता है। सैर
के समय निरर्थक चिंताओं से दूर रहना चाहिए। प्रात:कालीन सैर के लिए उपयुक्त स्थान का होना भी जरूरी है। घूमने का स्थान खुला व
साफ़-सुथरा और प्रदूषण रहित होना चाहिए। हरी घास पर नंगे पैर चलने से आँखों की रोशनी बढ़ती है, तथा शरीर में ताजगी आती है। इस
बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह नियम सर्दी में लागू नहीं होता।
अत्यधिक ठं ड से नंगे पैर चलने से व्यक्ति बीमार हो सकता है। हरित क्षेत्र में सैर करनी चाहिए। इसके लिए नदियों-नहरों व खेतों के किनारे,
पार्क , बाग-बगीचे आदि भी उपयोगी स्थान माने गए हैं। खुली सड़कों पर वृक्षों के नीचे घूमा जा सकता है। यदि ये सब कु छ उपलब्ध न हों
तो खुली छत पर घूमकर लाभ उठाया जा सकता है। प्रात:कालीन सैर से तन-मन प्रसन्न हो सकता है। यह सस्ता व सर्वसुलभ उपाय है।
iv. तनाव : आधुनिक जीवन-शैली की देन
आज मनुष्य विकास के उच्चतम स्तर पर पहुँच चुका है, परंतु वह और अधिक की लालसा कर रहा है। इसकी वजह से वह एक नई बीमारी
की गिरफ्त में आ रहा है। वह है- तनाव। तनाव एक मानसिक प्रक्रिया है। यह हमारे दिमाग में हमेशा रहता है। घटनाएँ तनाव का कारण नहीं
हैं, बल्कि मनुष्य इसे कै से समझता या प्रभावित होता है, यह तनाव का कारण है। तनाव शक्तिशाली चीज है। यह या तो बहुत अच्छा हो
सकता है, या नुकसान का कारण हो सकता है। यह बहती नदी के समान है। जब मनुष्य इस पर बाँध बनाता है। तो वह पानी की दिशा को
अन्य स्थान की ओर अपनी इच्छा से बदल सकता है, परंतु जब नदी पर बाँध नहीं होता तो वह बहुत विनाश करती है। तनाव भी ऐसा ही है।
आज समाज में तनाव से एक बहुत बड़ा तबका ग्रस्त है।
मनुष्य हमेशा किसी-न- किसी उधेड़बुन में रहता है। ऐसा नहीं है कि तनाव पुराने युग में नहीं होता था। तब भी तनाव होता था परंतु बहुत
कम होता था। आधुनिक जीवन-शैली से निरर्थक तनाव उत्पन्न हो रहा है, जैसे-बिजली का चला जाना, बच्चे का सही ढंग से होमवर्क न
करना, भीड़ के कारण हर समय ट्रेन या बस छू टने का भय, दफ़्तर, स्कू ल आदि गंतव्य पर सही समय पर न पहुँचने का भय, मीडिया द्वारा
प्रचारित भय। हमारे जीवन जैसे-जैसे संसाधन बढ़ रहे हैं या जिस प्रकार से हमारी जीवन-शैली बदल रही है, वैसे-वैसे हम और अधिक तनाव
के चंगुल में फँ सते जा रहे हैं।
मनुष्य स्वयं को अमर या सर्वाधिक सुखी करना चाहता है, परंतु वह अपनी क्षमता व साधनों का ध्यान नहीं रखता। मनुष्य थोड़े समय में
अधिक काम करना चाहता है। वह हमेशा जीतना चाहता है। अतः आज मानव नकारात्मक प्रवृत्ति से ग्रस्त है। उसे हर कार्य में नुकसान होने
का भय रहता है। तनाव रहने से मनुष्य विभिन्न व्याधियों से ग्रस्त हो जाता है। मनुष्य निराशाजनक जीवन जीने लगता है। वह चिड़चिड़ा,
गुस्सैल प्रवृत्ति का हो जाता है। हमारे जीवन में तनाव होने की अधिकांश वजह हमारी नकरात्मकता है।
वस्तुत: तनाव हमारे जीवन के लाभ-हानि खाते में उधार की प्रविष्टि है। जब मनुष्य अपनी मुश्किलों को हल नहीं कर पाता तो वह
तनावग्रस्त हो जाता है। ये मुश्किलें वास्तविक विचार के न होने के कारण हैं इसलिए मनुष्य को अधिक-से-अधिक अच्छे विचार सोचने
चाहिए। मनुष्य को रचनात्मक ढंग से नए तरीके से व धैर्य से खुशी को ढूँढ़ना चाहिए। थोड़े समय में अधिक पाने की इच्छा त्याग देनी
चाहिए।
मनुष्य को व्यापार के इस सिद्धांत का पालन करना चाहिए-अच्छे को बेहतर का दुश्मन न बनाइए। मनुष्य को अपनी मनोवृत्ति सकारात्मक
बनानी चाहिए। मनुष्य का मस्तिष्क बहुत बड़ी भूमि के समान है यहाँ वह खुशी या तनाव उगा सकता है। दुर्भाग्य से यह मनुष्य का स्वभाव है
कि अगर वह खुशी के बीज बोने की कोशिश न करे तो तनाव पैदा होता है। खुशी फसल है और तनाव घासफू स है।
8. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. नाट्य रूपांतरण करते समय अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो इस प्रकार है-
i. सबसे प्रमुख समस्या कहानी के पात्रों के मनोभावों को कहानीकार द्वारा प्रस्तुत प्रसंगों अथवा मानसिक द्वन्द्वों के नाटकीय प्रस्तुति में
आती है।
ii. पात्रों के द्वंद्व को अभिनय के अनुरूप बनाने में समस्या आती है।
iii. संवादों को नाटकीय रूप प्रदान करने में समस्या आती है।
iv. संगीत ध्वनि और प्रकाश व्यवस्था करने में समस्या होती है।
v. कथानक को अभिनय के अनुरूप बनाने में समस्या होती है।
ii. वर्गीकरण का प्रथम प्रकार-(02 भेद) मौखिक तथा अमौखिक संचार। वर्गीकरण का दूसरा प्रकार-(04 भेद)
i. अंतःवैयक्तिक संचार - जहाँ संचारक व प्राप्तकर्त्ता एक ही होता है। जैसे सोचना/विचारना आदि।
ii. अंतरवैयक्तिक संचार - जब दो व्यक्ति आमने-सामने संचार करते हैं।

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iii. समूह संचार - जब हमारा कथन किसी एक व्यक्ति के लिए न होकर एक पूरे समूह के लिए होता है। जैसे-सभा/पंचायत/संसद आदि।
iv. जनसंचार - जब समूह से प्रत्यक्ष संवाद की बजाय किसी यांत्रिक साधन/तकनीकी के माध्यम से संवाद स्थापित किया जाता है। जैसे
अखबार, टेलीविजन, रेडियो, सिनेमा, इन्टरनेट आदि।
iii. विशेष लेखन में "डेस्क" का खास महत्त्व होता है।  समाचार पत्र-पत्रिकाओं ,रेडियो ,टीवी आदि में विशेष लेखन के लिए अलग "डेस्क"
होता है और उस पर काम करने वाले पत्रकारों का समूह भी अलग होता है जैसे समाचारपत्र में बिजनेस कारोबार का अलग डेस्क होता है
तो खेल का अलग। इन डेस्कों पर कार्य करने वाले उपसंपादकों और संवाददाताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने -अपने क्षेत्र में
विशेषज्ञ हों।
9. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. '….बिन पानी सब सुन'
देश के सबसे अमीर स्थानीय निकाय बृहनमुबई नगर निगम (बीएमसी) को भी देश की आर्थिक राजधानी के बाशिंदों को पानी देने में
अपना हाथ पीछे खींचना पड़ रहा है। बीएमसी पहले ही पानी की आपूर्ति में 15 फीसदी की कटौती कर चुका है और इस हफ्ते इस बात पर
फै सला लेगा कि मुंबईवालों को हफ्ते के सभी दिन पानी दिया जाए या सप्ताह में के वल तीन दिन ही पानी की आपूर्ति की जाए। इस साल
बारिश की बेरुखी से के वल मुंबई का हाल ही बेहाल नहीं है, बल्कि देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों में इस दफे पानी का रोना रोया जा
रहा है।

जैसे-जैसे शहरों का आकार बड़ा हो रहा है, पानी की उनकी जरूरत भी बढ़ती जा रही है। शहरों के स्थानीय प्रशासनों को पानी की
लगातार बढ़ती माँग से तालमेल बिठने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। दिल्ली, भोपाल, चंडीगढ़, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और
बेंगलुरु में से के वल बेंगलुरु में ही हालात कु छ बेहतर है। इसकी सीधी सी वजह है वर्षा जल संरक्षण के मामले में देश की यह आईटी
राजधानी दूसरे शहरों के लिए मिसाल है। वहीं दूसरे शहरों में खास तौर से दिल्ली में बैठे जिम्मेदार लोग बाहरी लोगों के दबाव को
बदइंतजामी की वजह बताते हुए ठीकरा उनके सर फोड़ते हैं।
ii. क्रिके ट का बादशाह : सचिन
खेलों की दुनिया में कु छ ऐसी उपलब्धियाँ होती है, जिन तक पहुँचना आसान नहीं होता। अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिके ट में कोई बल्लेबाज
अब तक 200 रन नहीं बना पाया था, लेकिन भारत के सचिन तेंदुलकर ने दक्षिण अफ्रीका की मज़बूत टीम के खिलाफ यह कारनामा कर
दिखाया।
इन्हीं पंक्तियों के साथ अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका 'टाइम' ने मास्टर ब्लास्टर सचिन की वर्ष 2010 में 24 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका के
खिलाफ ग्वालियर वनडे में खेली गई नाबाद 200 रनों की विश्व रिकॉर्ड पारी को वर्ष 2010 के , दस सबसे यादगार क्षणों में शामिल किया
था।
'टाइम' द्वारा कही गई बात बिलकु ल सच है। सचिन क्रिके ट जगत में एक ऐसी जीती जागती मिसाल बन चुके हैं, जिसका कोई मुकाबला
नहीं।यहीं कारण है ,कि उन्हें 'क्रिके ट का भगवान' कहा जाता है।

दाएँ हाथ के बल्लेबाज सचिन ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत 15 नवंबर, 1989 को की थी, जबकि एक दिवसीय क्रिके ट करियर
की शुरुआत 18 दिसंबर, 1989 को पाकिस्तान के विरुद्ध। उसके बाद इस महान खिलाड़ी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और रिकॉर्ड पर
रिकॉर्ड बनाता चला गया।

टेस्ट क्रिके ट में 51 शतक एवं 68 अर्द्ध-शतकों के साथ 15,921 रन बनाने वाले वे दुनिया के प्रथम बल्लेबाज हैं। अंतर्राष्ट्रीय एक दिवसीय
मैचों में उन्होंने 49 शतकों एवं 95 अर्द्ध-शतकों के साथ 18,000 से अधिक रन बनाए हैं और ऐसा करने वाले वे दुनिया के पहले एवं
एकमात्र बल्लेबाज हैं। वास्तव में, रिकॉर्ड एवं सचिन एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। 'रन मशीन' 'लिटिल मास्टर', ‘मास्टर ब्लास्टर' आदि जैसे
उपनाम सचिन के कद के आगे बौने नज़र आते हैं। इतना ही नहीं, खेल के क्षेत्र में भारत रत्न का सम्मान पाने वाले वे पहले खिलाड़ी हैं।
'भारत रत्न' से सम्मानित सचिन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। ‘क्रिके ट के बादशाह' सचिन निश्चय ही भारत के गौरव हैं।
iii. बाघ का घर जिमकार्बेट
जंगली जीवों की विभिन्न प्रजातियों को सरंक्षण देने तथा उनकी संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से हिमालय की तराई से लगे उत्तराखंड के
पौड़ी और नैनीताल जिले में भारतीय महाद्वीप के पहले राष्ट्रीय अभयारण्य की स्थापना प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक जिम कार्बेट के नाम पर की
गई। जिम कार्बेट नॅशनल पार्क नैनीताल से 115 किलोमीटर और दिल्ली से 290 किलोमीटर दूर है। यह अभयारण्य पाँच सौ इक्कीस
किलोमीटर क्षेत्र में फै ला है। नवम्बर से जून के बीच यहाँ घूमने-फिरने का सर्वोत्तम समय है। यह अभयारण्य चार सौ से ग्यारह सौ मीटर की
ऊँ चाई पर है।
ढिकाला इस पार्क का प्रमुख मैदानी स्थल है और कांडा सबसे ऊँ चा स्थान है। जंगल, जानवर, पहाड़ और हरी-भरी वादियों के वरदान के
कारण जिमकार्बेट पार्क की गिनती दुनिया के अनूठे पार्कों में होती हैI

यहाँ रायल बंगाल टाइगर और एशियाई हाथी पसंदीदा घर है। यह एशिया का सबसे पहला संरक्षित जंगल है। राम गंगा नदी इसकी जीवन-
धारा है। यहाँ 110 तरह के पेड़-पौधे, 50 तरह के स्तनधारी जीव, 25 प्रजातियों के सरीसृप और 600 तरह के रंग-विरंगे पक्षी हैं। हिमालयन

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तेंदुआ, हिरन, भालू, जंगली कु त्ते, भेड़िये, बंदर, लंगूर, जंगली भैंसे जैसे जानवरों से यह जंगल आबाद है। हर वर्ष लाखों पर्यटक यहाँ आते हैं।
शाल वृक्षों से घिरे लंबे-लंबे वन-पथ और हरे-भरे घास के मैदान इसके प्राकृ तिक सौंदर्य में चार चाँद लगा देते हैं।
10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. कवि भावनाओं को प्रमुखता देता है। सांसारिक बंधनों को वह नहीं मानता। वर्तमान संसार को उसकी शुष्कता एवं नीरसता के कारण वह
नापसंद करता है। बार-बार वह अपनी कल्पना का संसार बनाता है और प्रेम में बाधक बनने पर उन्हैं मिटा देता है। वह प्रेम को सम्मान देने
वाले संसार की रचना करना चाहता है।
ii. कविता को फू ल के बहाने से खिलने की प्रक्रिया से जोड़ा गया है। कविता के माध्यम से हमारी भावनाएँ, हमारे विचार, हमारी कल्पनाएँ
विकसित होती हैं। कविता ने फू ल से ही खिलना सीखा है। कविता का जो विकास-क्रम है, उसे फू ल नहीं जानता। एक निश्चित समय तक
महकने के बाद फू ल तो अपनी विकसित जीवन-लीला समाप्त नष्ट हो जाते हैं, लेकिन कविता का स्वरूप अनंत काल तक बना रहता है।
सभी अपने अर्थ के अनुसार कविता पढ़ते, समझते और अपनी चेतना का आधार बनाते हैं। कविता वस्तुतः निरंतर युगों-युगों तक विकास
पाती रहती है।
iii. हाँ, हम इससे सहमत हैं क्योंकि लक्ष्मण के वियोग में विलाप करते राम निसंदेह मानवीय भावनाओं को दर्शा रहे हैं। वे कहते है - यदि मुझे
ज्ञात होता कि वन में मैं अपने भाई से बिछड़ जाऊँ गा मैं पिता का वचन (जिसका मानना मेरे लिए परम कर्तव्य था) भी न मानता और न
तुम्हें साथ लेकर आता। ये बातें उनके सामान्य मानव के असहनीय दुःख,व्यवहार और प्रलाप को दर्शाती है।
11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. माँ अपने बच्चे को गोद में लेकर आँगन में खड़ी है। कभी वह उसे अपने हाथों पर झुलाती है, तो कभी हवा में उछाल-उछाल कर प्रसन्न होती
है। बच्चा भी माँ के हाथों के झूले में झूलता हुआ खिलखिलाकर हँस रहा है।
माँ वात्सल्य भाव के साथ बच्चे को स्वच्छ जल से नहलाती है, इसके बाद वह उसके उलझे बालों में कं धी कर उसे सुंदर बनाती है। माँ बच्चे
को अपनी घुटनियों में लेकर कपड़े पहनाती है। बच्चा भी अपनी माता की गोद में प्रसन्न रहता है।
ii. पतंग कविता में कवि आलोक धन्वा ने बच्चों की बाल सुलभ इच्छाओं और उमंगों का प्रकृ ति के साथ रागात्मक संबंधों का अत्यंत सुन्दर
चित्रण करते हुए अभिव्यक्त किया है कि जब भादों मास के दौरान होने वाली घनघोर बारिश समाप्त हो जाती है तब शरद ऋतु का आगमन
होता है।खरगोश की लाल- भूरी आँखों  जैसी चमकीली धूप निकल आती है इसके कारण चारों ओर उज्ज्वल चमक बिखर जाती है;
आकाश साफ और मुलायम हो जाता है; चारों ओर स्वच्छ वातावरण हो जाता है। हवाओं में  मनोरम सुगंधित महक फै ल जाती है। शरद ऋतु
के आगमन से चारों ओर उत्साह एवं उमंग का वातावरण होता है, पतंगबाजी का माहौल बन जाता है। कवि ने शरद ऋतु का मानवीकरण
करते हुये उसे साइकिल लेकर आते हुये चंचल बालक की तरह चित्रित किया है।
iii. कवि ने सिल और स्लेट के रंग की समानता आकाश के रंग से की है। भोर के समय का आकाश का रंग गहरा नीला-काला होता है और
उसमें थोड़ी-थोड़ी सूर्योदय की ललिमा मिली हुई है। वह सिल और स्लेट के रंग जैसी लग रही है।
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12. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. भक्तिन की बेटी के सन्दर्भ में पंचायत द्वारा किया गया न्याय, तर्क हीन और अंधे कानून पर आधारित है। भक्तिन के जेठ के बेटे ने संपत्ति के
लालच में षडयंत्र कर उसकी विधवा लड़की को धोखे से जाल में फँ साया। पंचायत ने निर्दोष लड़की की कोई बात नहीं सुनी और एक
तरफ़ा फै सला देकर उसका विवाह जबरदस्ती उसके निकम्मे तीतरबाज साले से कर दिया इसी वजह से भक्तिन को भी घर छोड़ना पड़ा।

विवाह के इस संदर्भ में स्त्री के अधिकारों को कु चलने की परंपरा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है। आज भी हमारे समाज में स्त्रियों
के विवाह का निर्णय उसके परिवार वालों द्वारा लिया जाता है। उसे बेजान वस्तु की तरह अनजान हाथों में सौंप दिया जाता है यदि कोई
लड़की विरोध करने का साहस करती भी है तो उसके स्वर को दबा दिया जाता है या उसे दुश्चरित्र घोषित कर दिया जाता है।
ii. आज के समय पानी के गहरे संकट से निपटने के लिए युवा वर्ग सामूहिक आंदोलन कर सकता है। वह शहर व गाँवों में पानी की
फिजूलखर्ची को रोकने के लिए प्रचार आंदोलन कर सकता है। गाँवों में तालाब खुदवा सकता है जिससे वर्षा का जल संरक्षित किया जा
सके । युवा वृक्षारोपण अभियान चला सकता है ताकि वर्षा अधिक हो तथा पानी भी संरक्षित रह सके । वह घर-घर में पानी के सही उपयोग
की जानकारी दे सकता है।
iii. राजा की मृत्यु के पश्चात् जब उनके पुत्र ने लुट्टन पहलवान को राज दरबार से निकाल दिया, तो गाँव वालों ने उनके लिए एक झोंपड़ी डाल
दी। लुट्टन पहलवान ने कु श्ती सिखाने के लिए गाँव के नौज़वान बच्चों के लिए एक स्कू ल खोल दिया। बच्चे उससे दाँव सीखते, पर गाँव की
परिस्थिति खराब होने के कारण धीरे-धीरे वे भी मज़ूरी आदि में लग गए। इस तरह, कु श्ती सीखने के लिए अब उसके पास के वल उसके
अपने दोनों पुत्र ही रह गए। वे भी दिनभर मज़दूरी करते और जो कु छ मिलता, उसी से अपना रहने-खाने आदि का प्रबंध करते। इस प्रकार
पहलवान का स्कू ल अंत में खाली हो गया और वहाँ कोई भी शिष्य नहीं रह गया।

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13. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये:
i. बाजार को सार्थकता वे ही व्यक्ति दे सकते हैं, जो यह जानते हैं कि वे क्या चाहते हैं तथा उन्हें बाजार में से अपने लिए कौन-सी आवश्यक
वस्तु लेनी है।
ऐसे व्यक्ति के वल अपनी आवश्यकता की ही वस्तुएँ बाज़ार से खरीदते हैं। बाज़ार की सार्थकता इसी में है कि वह के वल लोगों की
आवश्यकता की पूर्ति करे। समझदार ग्राहक ही बाजार को सार्थकता दे पाते हैं।
ii. लेखक ने पैसे को पावर कहा है क्योंकि यह क्रय-शक्ति को बढ़ावा देता है। इसके होने पर ही व्यक्ति नयी-नयी चीज़ें खरीदता है। दूसरे यदि
व्यक्ति सिर्फ धन ही जोड़ता रहे तो वह इस बैंक-बैलेंस को देखकर गर्व से फू ला रहता है। पैसे से समाज में व्यक्ति का स्थान निर्धारित होता
है। इसी कारण लेखक ने पैसे को पावर कहा है।
iii. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने शिरीष को 'कालजयी अवधूत' उसकी निम्नलिखित विशेषताओं के कारण बताया है -
i. वह संन्यासी की तरह कठोर मौसम में जिंदा रहता है।
ii. वह भीषण गरमी में भी फू लों से लदा रहता है तथा अपनी सरसता बनाए रखता है।
iii. वह कठिन परिस्थितियों में भी घुटने नहीं टेकता।
iv. वह संन्यासी की तरह हर स्थिति में मस्त रहता है।

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