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Lingashtakam Stotram 625
Lingashtakam Stotram 625
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ
लिङ्गाष्टकम् ॐ
ॐ ब्रह्ममुराररसुरार्चितर्िङ्गं निमििभार्सतशोर्भतर्िङ्गम् । ॐ
n
ॐ ॐ
f.i
ॐ दे िमुनिप्रिरार्चितर्िङ्गं
pd कामदहं करुणाकरर्िङ्गम् । ॐ
ॐ ॐ
In
किकमहामर्णभूनितर्िङ्गं फर्णर्नतिेनितशोर्भतर्िङ्गम् । ॐ
ॐ
दक्षसुयज्ञनििाशिर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥४॥
ॐ ॐ
कु ङ्कुमचिििेनर्तर्िङ्गं र्ङ्कजहारसुशोर्भतर्िङ्गम् ।
ॐ ॐ
सर्ितर्ार्नििाशिर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥५॥
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
दे िगणार्चितसेनितर्िङ्गं भािैभिनिर्भरेि च र्िङ्गम् ।
ॐ नदिकरकोनिप्रभाकरर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥६॥ ॐ
ॐ ॐ
अिदिोर्ररिेनितर्िङ्गं सििसमुद्भिकारणर्िङ्गम् ।
n
ॐ ॐ
अिदररद्रनििार्शतर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥७॥
f.i
ॐ ॐ
सुरगुरुसुरिरर्ूर्जतर्िङ्गं सुरििर्ुष्पसदार्चितर्िङ्गम् ।
pd
ॐ ॐ
र्रात्परं र्रमात्मकर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥८॥
ta
ॐ ॐ
ॐ ॐ
र्शििोकमिाप्नोनत र्शिेि सह मोदते ॥९॥
In
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ब्रह्ममुराररसुरार्चितर्िङ्गं निमििभार्सतशोर्भतर्िङ्गम् ।
जन्मजदुुः खनििाशकर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥१॥
n
ॐ ॐ
f.i
नहिी अर्ि: हम उि सदार्शि र्िंग को प्रणाम करते हैं। र्जिकी
ॐ ॐ
ब्रह्मा निष्णु एिं दे िताओं द्वारा भी अचििा की जाती है आर् सदै ि
pd
ॐ निमिि भािाओं द्वारा र्ुर्जत हैं और जो र्िंग जन्म-मृत्यू के चक्र का ॐ
ॐ ॐ
रािणदर्िनििाशिर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥२॥
In
ॐ ॐ
नहिी अर्ि: सभी दे िताओं और मुनियों द्वारा र्ुर्जत र्िंग जो काम
का दमि करता है तर्ा करूणामयं भगिाि् र्शि का स्वरूर् है
ॐ ॐ
र्जसके द्वारा रािण के अर्भमाि का भी िाश हुआ उि सदार्शि
ॐ र्िंग को मैं प्रणाम करता हूँ। ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
सििसुगन्धिसुिेनर्तर्िङ्गं बुनिनििर्ििकारणर्िङ्गम् ।
ॐ ॐ
र्सिसुरासुरिर्ितर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥३॥
ॐ ॐ
नहिी अर्ि: जो सभी प्रकार के सुगंर्र्त र्दार्ों द्वारा सुिेनर्त र्िंग
n
ॐ है जो नक बुनि का निकास करिे िािा है तर्ा र्सि- सुर ॐ
f.i
ॐ ॐ
को हमारा प्रणाम।
pd
ॐ ॐ
किकमहामर्णभूनितर्िङ्गं फर्णर्नतिेनितशोर्भतर्िङ्गम् ।
ta
ॐ दक्षसुयज्ञनििाशिर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥४॥ ॐ
s
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
कु ङ्कुमचिििेनर्तर्िङ्गं र्ङ्कजहारसुशोर्भतर्िङ्गम् ।
ॐ ॐ
सर्ितर्ार्नििाशिर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥५॥
ॐ ॐ
नहिी अर्ि: र्िंग जो कुं कु म एिं चिि से सुशोर्भत है। कमि हार
n
ॐ से सुशोर्भत है। सदार्शि र्िंग जो नक हमें सारे सं र्ित र्ार्ों से ॐ
f.i
ॐ
pd ॐ
ॐ ॐ
दे िगणार्चितसेनितर्िङ्गं भािैभिनिर्भरेि च र्िङ्गम् ।
ta
ॐ नदिकरकोनिप्रभाकरर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥६॥ ॐ
s
ॐ नहिी अर्ि: सदार्शि र्िंग को हमारा प्रणाम जो सभी दे िों एिं गणों ॐ
In
द्वारा शुि निचार एिं भािों के द्वारा र्ुर्जत है तर्ा करोडों सूयि ॐ
ॐ
सामाि प्रकार्शत हैं।
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
अिदिोर्ररिेनितर्िङ्गं सििसमुद्भिकारणर्िङ्गम् ।
ॐ ॐ
अिदररद्रनििार्शतर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥७॥
ॐ ॐ
नहिी अर्ि: आठों दिों में मान्य तर्ा आठों प्रकार के दररद्रता का
n
ॐ िाश करिे िािे सदार्शि र्िंग जो सभी प्रकार के सृजि के र्रम ॐ
f.i
ॐ
pd ॐ
ॐ ॐ
सुरगुरुसुरिरर्ूर्जतर्िङ्गं सुरििर्ुष्पसदार्चितर्िङ्गम् ।
ta
ॐ र्रात्परं र्रमात्मकर्िङ्गं तत् प्रणमानम सदार्शिर्िङ्गम् ॥८॥ ॐ
s
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
n
ॐ र्शिर्िंग की स्तुनत में इि आठ श्लोकों का र्ाठ करता है, िह र्शि ॐ
f.i
के उस र्रम र्ाम को प्राप्त करता है और उसके सार् र्चरिायी
ॐ ॐ
आिं द का आिं द िेता है!
pd
ॐ ॐ
ta
ॐ ॐ
s
ॐ ॐ
In
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
n
ॐ ॐ
f.i
ॐ
pd ॐ
ॐ ॐ
ta
ॐ ॐ
s
ॐ ॐ
In
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ