Professional Documents
Culture Documents
Demon Et Ization
Demon Et Ization
हो जायेंगे तो उनकी सरकार की बहुत तारीफ हुई और रातभर तारीफो के मैसेज फेसबूक और वाट्सएप पर चलते
रहे । अगले दिन बैंक बंद थे, लोगो को तकलीफ तो हुई पर सबने सोचा दे शहित मे एक दिन की तकलीफ झेल
लेंगे । फिर जब अगले दिन बैंक खुली पर जो सबको उम्मीद थी उस हिसाब से हुआ नही और होना भी नही था ।
इतना बडा दे श है सबके नोटो को बदलने मे वक्त तो लगेगा । फिर अगले दिन ए.टी.एम खुले परं तु फिर भी
हालातो मे कोई सुधार नही हुआ । सवाल करने वाले बस इसी के इंतेजार मे थे और वो दो दिन बाद इसलिये बोले
के दो दिन वो भी अपने नोट बदलने मे लगे थे ।
जैसे घर मे कोई भी प्रोग्राम होता है तो रिश्तेदारो मे से कोई एक जरुर होता है जो चाहे काम कितना भी अच्छा हो
कमिया निकालता ही है । कुछ लोग उस रिश्तेदार को फूफा कहते है ( कोई भी फूफाजी, खासकर मेरे तो बिल्कुल
भी बुरा ना माने और मान जाये तो दो रोटी ज्यादा खा लेना , कई बार खाना हर चीज़ भूला दे ता है ) तो कोई
कुछ ओर तकिया कलाम उपयोग करते है । हा तो ये फूफा टाईप लोग शुरु हो गये साहब फेसबूक से लेकर हर
जगह के गरीबो के साथ अत्याचार हो रहा है और अब गरीब क्या करे गा । अब ये वो लोग होते है जो धरातल पर
नही जाते है , बस इंटरनेट पर भौकाल बनाते रहते है के ये गरीबो के सबसे बडे मसीहा है और हा इनमे से एक ने
भी बाज़ार जाकर किसी गरीब को दो रोटी नही खिलाई होगी ।
खैर कुछ ने अंबानी पर भी आरोप लगाये के भाई इसका पैसा कहा है वगैरह-वगैरह , ये वही है जो जियो सिम की
लाईन मे सबसे आगे खडे थे । बात यहा खत्म नही होती कुछ हाई-सोसायटी वालो ने तो 2000 के नये नोट मे ही
गलती निकाल दी । कहते है के इसमे हिंदी मे “ दोन हज़ार रुपया “ लिखा है । ये वही लोग है जो आई-फोन के
लांच मे रातभर खडे रहते है और एम टीवी रोडीज़ के आडिशन मे भूखे प्यासे खडे रहते है , जबकी वहा अंदर
जाकर इन्हे गालिया मिलती है । साथ ये गलती निकालने वालो ने हमेशा क्रेडीट कार्ड उपयोग किया है । जिसका
बिल अंग्रेजी मे आता है ,अब इन्हे कैसे समझाये के ये “दोन हज़ार रुपया “ “कोंकणी “ भाषा मे लिखा हुआ है ।
मैं किसी पार्टी के संग नही हू परं तू अगर हमने जिन्हे वोट दे कर इस दे श की सत्ता दी है , उनपर भरोसा तो करना
चाहीये । अगर हम ही भरोसा नही करें गे तो और कौन करे गा । जियो सिम की लाईन हो, किसी सेलिब्रेटी को
दे खना हो या क्रिकेट मैच का टिकिट खरीदना हो तब भी हम खडे रहते है खुशी-खुशी और आज जब दे श को
जरुरुत है के हम उसका साथ दे । हमारे सैनिक भी सीमा-रे खा पर खडे है दे श के लिये उन्होने तो कभी शिकायत
नही की.
जिसके पास भी कालाधन होगा वो अभी परे शान घुम रहा होगा और वो हमारा ही पैसा दबा के बैठा होगा। इस
मुहिम को अपना सहयोग दिजीये और भरोसा रखिये परिवर्तन होगा ।
मैं दे श के सभी बैंक कर्मियो को धन्यवाद दे ना चाहूगा उनके सहयोग के लिये जो की अमूल्य है ।
जय हिंद ।