जब कोई कार्य [क्रिर्ा ] वर्यमान काल में क्रकर्ा जार्ा है र्ब हमें लट्
लकार का प्रर्ोग करना चाक्रहए | इस बार् का भी अच्छे से ध्यान रखना
चाक्रहए क्रक वाक्य में कर्ाय [कार्य करने वाला ] कौन है क्योोंक्रक कर्ाय के अनुसार ही क्रिर्ा क्रलखी जार्ी है | साथ ही कारक क्रचह्न र्था उपपद क्रवभक्ति पर ध्यान दे र्े हुए वाक्य रचना करनी चाक्रहए | १)र्ुम दोनोों गेंद से खे लर्े हो | उत्तर – र्ुवाम् कन्दु केन िीडथः |[र्हााँ ‘ खे लर्े हो ’ क्रिर्ा वर्यमान समर् बर्ा रही है ,र्था कर्ाय ‘र्ुम दोनोों’ है इसक्रलए क्रिर्ा मध्यम पु.क्रि.वचन होगी | ‘गेंद’ खे लने का साधन है इसक्रलए र्ृर्ीर्ा क्रवभक्ति ] २)मार्ा सुबह व्यार्ाम करर्ी हैं | उत्तर – मार्ा प्रार्ःकाले व्यार्ामों करोक्रर् |[र्हााँ ‘करर्ी हैं ’ क्रिर्ा है र्था ‘मार्ा’ कर्ाय है इसक्रलए क्रिर्ा प्रथम पु.एक. होगी| ‘व्यार्ाम’ कमय है इसक्रलए क्रिर्ीर्ा क्रवभक्ति और ‘सुबह’ समर् बर्ा रहा है इसक्रलए सप्तमी क्रवभक्ति | ] ३)जोंगल में अनेक पशु हैं | उत्तर – वने अनेके पशवः सक्ति | [र्हााँ ‘ हैं ’ क्रिर्ा र्था ‘पशवः’ कर्ाय है अर्ः क्रिर्ा कर्ाय के अनुसार प्रथम पु. बहु. होगी | ‘जोंगल में’ र्हााँ ‘में’ अक्रधकरण कारक है इसक्रलर्े सप्तमी क्रवभक्ति |]
४) हम सब क्रपर्ा की सेवा करर्े हैं |
उत्तर – वर्ों क्रपर्रों सेवामहे | [र्हााँ ‘सेवा करर्े हैं ’ क्रिर्ा र्था कर्ाय ‘हम सब’ है अर्ः क्रिर्ा उत्तम पु. बहु. होगी | ‘सेव्’ धार्ु के र्ोग में ‘क्रपर्रों ’ में क्रिर्ीर्ा क्रवभक्ति | ] ५) नदी में दो नाव र्ैरर्ी हैं | उत्तर – नद्याम् नौके र्रर्ः | [र्हााँ ‘र्ैरर्ी हैं ’ क्रिर्ा र्था कर्ाय ‘दो नाव’ है इसक्रलए क्रिर्ा प्रथम पु . क्रि. होगी | र्हााँ ‘में’ अक्रधकरण कारक है इसक्रलर्े ‘नद्याम्’ में सप्तमी क्रवभक्ति |] अभ्यास १) राहुल और राकेश सैक्रनक हैं | २) हम सब चलक्रचत्र दे खर्े हैं | ३) र्ुम सत्य बोलर्े हो | ४) नानी प्रक्रर्क्रदन मक्तिर जार्ी हैं | ५) मैं क्रमत्र को पुस्तक दे र्ा हाँ | ६) मनोज कलम से क्रलखर्ा है | ७) र्ह राक्रधका का घर है | 1) राहुलः राकेशः च सैक्रनकौ स्तः | 2) वर्म् चलक्रचत्रों पश्यामः | 3) त्वों सत्यों वदक्रस | 4) मार्ामही प्रक्रर्क्रदनों दे वालर्ों गच्छक्रर् | 5) अहों क्रमत्रार् पुस्तकों र्च्छाक्रम | 6) मनोजः कलमेन / लेखन्या क्रलखक्रर् | 7) इदों राक्रधकार्ाः गृहम् अक्तस्त |